अगले उस दिन, दोपहर में मम्मी और मै खाना खाने के बाद कमरे में आकर लेट गये। मैने थोड़ी दे में मेरी आँख लग गई, कुछ देर बाद मुझे एहसास हुआ की मेरा हाथ किसी चीज में फसा हुआ है। मैने आँख खोलकर देखा तो, मेरे सामने मम्मी लेटी हुयी थी, उसके पैर थोड़े उपर घुटनों से मुड़े हुये और उसकी भरी हुयी जंघाओं के बीच मेरा बायां हाथ था जिसे उसने जंघाओं के बीच दबाकर रखा था। मैने उनकी योनी पर उपर उपर से अपना अंगूठा घुमाना शुरू किया वह अभी भी नींद में थी। उनकी सांसे तेज होने लगी थोड़ी ही देर में उन्होंने अपने पैर फैला दिये जिससे मेरा हाथ छूट गया। मैने फिर भी उनकी योनी पर साड़ी के उपर से ही उंगली घुमाना जारी रखा जिससे उनकी सांसे तेज चलने लगी और वह मेरी तरफ मुंह करके सो गई। उसने ओढा हुआ चादर उसके उपर से हट गया और उसका खुला और चिकना पेट मेरे सामने आ गया। मैने उसकी खुली कमर पर हाथ रखा, मगर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, मैने अपना हाथ उसकी पीठ और कमर पर घुमाना शुरू किया। थोड़ी देर बाद हाथ घुमाते घुमाते उनकी कमर दबाने भी लगा, वह मजे से या राहत से "म् म् म् म्" करने लगी। उन्होंने अपनी कमर में साड़ी का पल्लू बांधा हुआ था, मैने उसे धीरे से निकाल लिया और कंधे से भी हटा लिया। मै अपना हाथ उसकी पीठ पर घुमाने लगा,
मम्मी ने अब अपना एक पैर मेरे पैरों के उपर रख दिया, मैने उस पैर को घुटने से पकड़कर अपनी कमर तक उपर उठा लिया। जिससे उसकी साड़ी उसकी कमर तक उपर आ गई, जिससे मेरा लिंग भी सक्त होकर अपना आकार बढ़ाने लगा। मैने भी अपना लिंग अपनी पैंट और नीकर उतारकर आझाद कर दिया, मेरा लिंग अब उसकी यौनी को स्पर्श कर रहा था। उसकी सांसें अब तेज होने लगी थी जो गर्माकर मेरे चेहरे पर आ रही थी, वह अब काफी गर्म हो चुकी थी। उसके होंठ मेरे होंठोंपर आ चुके थे, उसकी जाँघे मेरी कमर पर नग्न थी। मैने उन जांघों पर हाथ घुमाना शूरू किया, हाथ घुमाकर मै जंघा से होते हुए नितम्ब तक ले गया। तभी मम्मी की नींद खुल गई और वह मेरी आँखों में देखकर बोली,"क्या कर रहे हो यह, बस भी करो।"इतना कहकर उसने एक शरारत भरी मुस्कान देखकर उठकर बैठ गई, तभी उसकी नज़र मेरे विशालकाय लिंग पर पड़ी और वह उसे देखती ही रह गई। और मैने उनकी कमर से साड़ी भी उतार दी, और उसे एक धक्का देकर बेड पर लेटा दिया।
उसके मुंह से एक आह मूझे सुनाई दी।