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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Raj_sharma

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मधु अपनी बुर को अपने बेटे के मुंह पर र करते हुए एक अद्भुत चर्मसुख को प्राप्त करते हुए झड़ चुकी थी और उसकी बुर से निकला हुआ मदन रस का एक-एक बूंद राजू अपनी जीभ से चाट कर अपने गले के नीचे घटक गया था,,, बिना लंड को अपनी बुर में ले झड़ जाने का एक अपना अलग ही मजा होता है और इस अनुभव को राजू की संगत में मधु बार-बार महसूस कर रही थी,,,,, राजू ही था जो अपनी मां को बिना शारीरिक संबंध बनाए हैं सिर्फ हरकतों से ही गर्म करके पानी निकाल देता था और इससे मधु बेहद खुश भी थी खुले आसमान के नीचे घने खेतों के बीच मधु पहली बार इस तरह की सुख का अनुभव कर रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी अभी भी संजू घुटनों के बल बैठा हुआ था और अपनी मां की गांव को दोनों हाथों से दबाए हुए अभी भी वह अपनी मां के बुर को अपने होठों से लगाया हुआ था,,,, क्योंकि अभी भी झड़ते हुए मधु अपनी कमर का झटका लगा दे रहे थे झढ़ते समय मधु का चेहरा देखने लायक होता था उसका गोरा मुखड़ा लाल टमाटर की तरह तमतमाने लगता था आंखें अपने आप ही बंद हो जाती थी,,, हॉट खुले के खुले रह जाते थे और सांसे की गति इतनी तेज की छातियों की शोभा बढ़ा रही दोनों खरबूजा जैसी चूचियां ऊपर नीचे होते हुए उसकी मदहोशी की कहानी खुद ही बयां कर रही होती,,,,,, राजू और मधु के नजरिए से देखा जाए तो इस तरह का नजारा बेहद कम होते जना से भरपूर और मदहोश कर देने वाला था लेकिन सामाजिक नजरिए से देखा जाए तो यह नजारा बेहद शर्मसार कर देने वाला था बेहद शर्मनाक दृश्य बना हुआ था समाज के नजरिए से एक अपनी साड़ी को कमर तक उठाए खड़ी थी और उसका बेटा घुटनों के बल बैठकर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को हथेली में दबाते हुए उसकी बुर पर अपना होंठ लगाकर चाट रहा था,,,,।

Raju or uski ma khet me kuch is tarah se

वासना का तूफान कुछ देर के लिए थम चुका था मधु अपनी सांसो को दुरुस्त करने में लगी हुई थी राजू भी अपने होठों को अपनी मां की रसीली बुर से हटाकर घुटनों के बल बैठा हुआ अपनी मां की तरफ देख रहा था मधु भी अपने बेटे की तरफ देखकर गहरी गहरी सांस ले रही थी दोनों मां-बेटे पूरी तरह से मदहोशी के सागर में गोते लगाने को एक बार फिर से तैयार थे,,,, मधु कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने ही सगी बेटी के साथ इस तरह कदर खुल जाएगी कि उसके साथ बेशर्मी की सारी हदें पार कर देगी लेकिन बेशर्मी की हद पार करने में ही जिंदगी का असली मजा था इस बात का एहसास उसे होने लगा था वह राजू की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी राजू भी मुस्कुरा रहा था और राजू मुस्कुराते हुए बोला,,


सच में मां तुमने आज मुझे एकदम खुश कर दी अपना पानी पिला कर,,,,
(अपने बेटे की बातें सुनकर माध्यम से शरमा गई और बिना कुछ बोले कमर तक उठाए हुए अपनी साड़ी को एक झटके में नीचे गिरा दी और एक अद्भुत खूबसूरत नजारे पर पर्दा गिरा दी,,,, राजू भी अपनी जगह पर खड़ा होता हुआ बोला,,,) सच में मां तुम पेशाब करते हो इतनी खूबसूरत लगती हो जैसे कि स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा बैठकर मुत रही हो,,,,


क्या मैं तुझे इतनी अच्छी लगती हुं,,,(इतना कहने के साथ ही पेशाब की हुई जगह पर अपने पैर बचाकर वापस झोपड़ी की तरफ लौटते हुए वह बोली)

मत पूछो तुम मुझे कितनी खूबसूरत लगती हो मेरा बस चलता तो मैं तुमसे शादी कर लेता और फिर जिंदगी भर तुम्हारी बुर में लंड डालकर पड़ा रहता,,,

वह तो तू अभी भी कर सकता है,,,

हां कर तो सकता हूं लेकिन फिर किसी का डर नहीं रहता ना,,,

हां यह बात तो है,,,,(इतना कहने के साथ ही मधु झोपड़ी के पास आ गई हो खटिया को अपने हाथों से गिरा कर उस पर बैठ गई उसके पास में राजू भी बैठ गया,,,, कुछ देर तक दोनों इसी तरह से बैठे रहे मधु रह रह कर मुस्कुरा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ बैठी हो,,, अपनी मां के चेहरे की तरफ देखते हुए राजू बोला)

चलो थोड़ा काम कर लेते हैं उसके बाद फिर खेल शुरू करते हैं,,,

कौन सा काम,,,?(मधु अपने होठों पर मादक मुस्कान लाते हुए बोली)

खेत का काम और कौन सा इसीलिए तो तुम मुझे यहां पर बुलाई थी ना,,,,

अरे बुद्धू तुझे खेत जोतने के लिए नहीं बल्कि (दोनों टांगों के बीच उंगली से इशारा करते हुए) अपना खेत जोतने के लिए एक बहाने से बुलाकर लाई हूं,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही राजू एकदम से खुशी से झूम उठा और बोला)

क्या सच में तुम एकदम चुदवासी हो गई हो,,,,

हा रे कई दिन हो गए थे तेरे लंड को अपनी बुर में लिया कसम से तू सच कहता था कि मैं तेरी गुलाब बन जाऊंगी और ऐसा ही हो रहा है पता है अब तो तेरे पिताजी से चुदवाने में मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तू सच कहता है कि तेरे लंड से आधा ही है तेरे पिताजी का लंड और जो हो रखते लंड को एक बार अपनी बुर में ले ले फिर पतले लंड से उसकी प्यास कहां बुझने वाली है,,,,

मुझे मालूम था मेरी रानी मेरे नीचे आने के बाद तुम भी पागल हो जाओगी दोबारा लेने के लिए,,,,

तुझे अपने लंड पर सच में इतना ज्यादा भरोसा था,,,

तो क्या जब भी खड़ा होता है तो मैं समझ जाता हूं कि जिसकी भी बुर में घुसेगा उसे पूरी तरह से मस्त करके ही बाहर निकलेगा,,,,,,,
Raju apni ma ki boor sahlaate huye

हां सो तो है तेरे लंड की मोटाई और लंबाई देखकर ही मैं समझ गई थी कि अगर यह मेरी बुर में गया तो रगड़ रगड़ कर पानी निकालेगा,,,, तुझे पता है अब तो तेरे पिताजी का लंड मेरी बुर में जाता है तो मुझे पता ही नहीं चलता है कि अंदर गया है लेकिन तेरा लंड जैसे ही अंदर जाता है ना अंदर की दीवारों को पूरी तरह से रगड़ रगड़ कर‌ नीचोड निचोड़ कर पानी निकाल देता है,,,,,,,

मुझे बहुत खुशी है कि मैं तुम्हें खुश करने में कामयाब हो गया वरना अगर जिस तरह से मैं तुम्हारे पीछे पड़ा था अगर डालते ही पानी निकल जाता तो तुम शायद मुझे फिर कभी अपने बदन को हाथ नहीं लगाने देती,,,

हां सो तो है मर्द उसे थोड़ी ना कहते हैं कि औरत को गर्म करके बीच मझधार में ही छोड़कर अपना किनारा पकड़ ले मर्द तो उसे कहते हैं जो औरत को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ कर उसे पूर्णतः संतुष्टि का अहसास दिखाएं और उसे खुश करने के बाद किनारे पर पहुंचे,,,, लेकिन मानना पड़ेगा तेरे में बहुत ताकत है रात भर तूने मेरी जमकर चुदाई किया और सुबह सुबह नहाते हुए भी दो बार चोद दिया और तो और घर पर पहुंचने के बाद भी तूने मेरी जमकर चुदाई किया कसम से मैं कभी सोच नहीं थी कि एक आदमी इतनी बाहर जो देख सकता है क्योंकि तेरे पिताजी एक बार में ही ढेर हो जाते थे और वह भी शुरू से यही आदत थी,,, तुझे पता है तेरे से चुदवाने के बाद 2 दिन तक में ठीक से चल नहीं पाई थी मेरी बुर सूजी हुई थी हल्दी वाला दूध 2 दिन पी तब जाकर आराम हुआ,,,



क्या करूं मेरी जान पहली बार जो तुमने सेवा करने का मौका दी थी इसलिए किसी भी तरह का कसर नहीं बाकी रखना चाहता था,,,

धत् मजा तो देता है लेकिन तकलीफ भी तु बहुत देता है,,,

क्या मैं फिर तुमको चुदाई ही क्या जिसमें तकलीफ ना हो आराम से डाला और निकाला और झड़ गया इतने से क्या मजा आता है क्या जब तक औरत ऊहहहह ऊहहहहह आरहहह ना कर दे तब तक चोदने का मजा ही नहीं आता,,,,।
(मधु एक बार झड़ चुकी थी लेकिन अपने बेटे की बातों को सुनकर फिर से उसका बदन कर्म हमें लगा था वह बार-बार अपने बेटे के पजामे की तरफ देख रही थी और उसे राह नहीं किया तो वह खुद आप आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से ही अपने बेटे के लंड को पकड़ कर बोली)

बाप रे देख तो सही कैसे लोहे की तरह खड़ा है,,

खड़ा तो रहेगा ही ना तुमने इसकी सेवा ही कहा कि हो बस अपना पानी निकालती लेकिन इसका कौन निकालेगा,,,

अरे मैं हूं ना,,, मेरे रहते अब तुझे प्यासा रहने की जरूरत नहीं है चल उठ खड़ा हो और मेरे सामने आजा,,,,(पजामे के ऊपर सही अपने बेटे के लंड को पकड़े हुए ही राजू को उठाई और लंड को पकड़े हुए हैं उसे ठीक अपने सामने लाकर खड़ा कर दी राजू पूरी तरह से अपने आपको अपनी मां के हाथों में सौंप दिया था वह अपने दोनों हाथों को छाती पर बांध कर खड़ा हो गया था और मधु मदहोश होते हुए बेशर्मी दिखाते हुए अपने बेटे के पजामी को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ खींच दी है और जैसे ही राजू का लंड पजामे की कैद से आजाद हुआ वह खुली हवा में सांस लेता हुआ ऊपर नीचे करके हिलने लगा जिसे देखकर मधु की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,)

बाप रे ऐसा लगता है कि पहली बार ही देख रही हूं,,,(इतना कहने के साथ ही मधु अपनी बेटी के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी)
Raju or uski ma


सच कहूं तो मां तुम मेरे लंड को अच्छी तरह से पहली बार ही देख रही हो दिन के उजाले में वरना रात भर चुदवाने के बाद भी तुमने ठीक से मेरे लंड को देख नहीं पाई थी क्योंकि खंडार में रात का अंधेरा था और जलती हुई लकड़ी की रोशनी में ठीक से नजर नहीं आता था लेकिन फिर भी मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरे लंड के दर्शन करके तुम्हारी बुर पानी छोड़ दी होगी,,,

इसमें भी कहने वाली बात है क्या मेरी क्या कोई औरत भी देखती तो उसका भी पानी छूट गया होता,,,,

हाय मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरी मां इतना तड़प रही थी मेरे लंड के लिए अगर पता होता तो बैलगाड़ी में ही चोद दिया होता,,,,

तो अब कौन सा तू बाकी रख रहा है इसी काम के लिए तो तुझे यहां लेकर आई हूं ,,(अपनी नरम में कम हथेली में अपने बेटे के लंड को पकड़कर आगे पीछे करके मुठीयाते हुए बोली राजु अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो जा रहा था वह धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे पिलाना शुरू कर दिया था आगे कुछ और बोल पाता या उसकी मां कुछ बोल पाती इससे पहले ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां के सर को पकड़ लिया और उसे धीरे-धीरे अपने लंड की तरफ नीचे की तरफ जाने लगा और देखते ही देखते मधु अपने बेटे की प्यास बुझाने का जिम्मा अपने सर पर उठाते हुए अपने बेटे के लंड को अपने लाल-लाल होठों को खोल कर उसे अपने अंदर ले ली और उसे चाटना शुरू कर दी,,, मधु इतने चाव से अपने पति के लंड को मुंह में लेकर प्यार नहीं करती थी लेकिन राजू की बात कुछ और थी राजू ने उसे मुंह में लेकर चूसने का एक नया कला और आनंद से अवगत कराया था जिसमें उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह उसी आनंद की प्राप्ति के लिए अपने बेटे के लंड को धीरे-धीरे करके अपने गले तक उतार ले रही थी हालांकि उसे सांस लेने में दिक्कत आ जाती थी लेकिन फिर भी वह अपने बेटे के लंड को छोड़ना नहीं चाहती थी,,,।


सहहहरह आहहहरहह कितना मजा आ रहा है तू सच में मां लंड को बहुत अच्छे से चुस्ती है बस ऐसे ही पूरा मुंह में लेकर चूस आहहहहह आहहहहह मेरी रानी तूने मुझे बहुत मस्त कर दी है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी कमर को धीरे-धीरे खिलाना शुरू कर दिया था मानो कि जैसे वह अपनी मां के मुंह को ही चोद रहा हो और मधु भी जानबूझकर अपने लाल-लाल होठों को गोल करके दबा ली थी ताकि उसके बेटे को उसकी कसी हुई बुर जैसा ही मजा मिले,,, झोपड़ी के बाहर बिछी हुई खटिया पर मधु गांड पसार कर बैठी हुई थी और राजू की उसके सामने खड़ा था उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड मुंह में गले तक चला जा रहा था और मधु अपने बेटे की हिलती हुई कमर के साथ-साथ अपना मुंह भी आगे पीछे कर रही थी जिससे राजू को और ज्यादा मजा आ रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था अपनी मां के मुंह में लंड पेलते हुए वह थोड़ा सा नीचे झुका और अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया,,, और देखते ही देखते वह अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोल कर उसके नंगी चूचियों को आजाद कर दिया और दोनों चुचियों को दोनों हाथों में लेकर दबाते हुए बोला,,,।

हाय मेरी जान तेरी चूचियां कितनी लाजवाब है एकदम खरबूजा की तरह बड़ी बड़ी,,,आहहहहह तेरी चूची,,, पिताजी को तूने बहुत मजा दे अब मेरी बारी है,,,,ऊममममम (अपने सूखे हुए होठों पर अपनी जीभ फिराते हुए राजू बोला,,,,,,, मां बेटे पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे मां बेटे के पवित्र रिश्ते की दीवार को दोनों ने मिलकर गिरा दिए थे दोनों के बीच मां बेटी का नहीं बल्कि एक मर्द औरत का रिश्ता बन चुका था जोकि धीरे-धीरे और गहरा होता जा रहा था,,,, अपनी मां की खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी गोरी गोरी चूचियों को दबा दबा कर राजू ने टमाटर कि तरह लाल कर दिया था,,, एक बार फिर से मधु की बुर अपने बेटे के लंड के लिए तड़प उठी थी हालांकि अभी तक राजू ने अपनी मां की बुर में लंड डाला नहीं था कि उसे अपनी जीभ से ही झाड़ दिया,,, था,,,,, मधु मदहोशी और चुदासी की हालत में अपने बेटे के लंड को जोर-जोर से मुंह में लेकर अंदर बाहर करने थे यह देखकर राजू समझ गया था कि उसकी मां पूरी तरह से गर्म हो चुकी है इसलिए वो धीरे से अपने लंड को बाहर निकाला,,, मुंह में से लंड के बाहर निकलते ही मधु गहरी गहरी सांस लेने लगी ऐसा लग रहा था कि राजू का इस तरह से मधु के मुंह में से लंड को बाहर खींच लेना मधु को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,, थूक और लार से सने हुए अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए राजू बोला,,,।


हाय मेरी जान तूने तो अपना थूक लगा लगा कर मेरे लंड को अपनी बुर में डालने के लिए तैयार कर दि है अब देखना इसका कमाल कैसा तुम्हारी बुर में धमाल मचा ता है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की कंधों को पकड़कर उसे खटिया पर लेट जाने के लिए इशारा किया और उसकी मा भी उत्तेजना बस अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए पीठ के बल खटिया पर लेट गई और राजू खटिया पर घुटनों के बल चढ़कर अपने लिए जगह बनाने लगा देखते ही देखते ना जो अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया मधु ने खुद अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ खींच कर कमर पर इकट्ठा करती थी और अपनी नंगी बुर को अपने बेटे के सामने परोस दी थी अपनी मां की पानी से चिपचिपाती हुई बुर को देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था लंड पूरी तरह से धड़क रहा था और वह अपनी मां की तपती हुई बुर में घुसने के लिए तैयार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच एकदम से जगह बनाते हुए अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपनी मां की बड़ी-बड़ी आधी गांड को अपनी जांघों पर रख लिया,,, मधु की रसीली पुर पुर राजू के लंड का सुपाड़ा दोनों बेहद करीब आ चुके थे वह आज दोनों में एक अंगुल का ही फासला था जिसकी वजह से बुर की तपन जोकि भट्टी की तरह गर्म हो चुकी थी उसकी गर्माहट राजू अपने लंड पर एकदम साफ महसूस कर रहा था जिसकी वजह से वह और ज्यादा उत्तेजित हो गया देखते ही देखते राजू रोकड़े लंड की मोटे सुपारी को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख दिया और हल्के से अपनी कमर को धक्का दिया और पहले प्रयास में ही पूरा का पूरा आलूबुखारा के माप का सुपाड़ा मधु की बुर में समा गया और जैसे ही वह बुर के गुलाबी पत्तियां नुमा दरवाजे को खोलकर अंदर प्रवेश किया वैसे ही मधु के मुंह से हल्की सी चीख निकल पड़ी लेकिन यह चीज उसकी आनंद की परिभाषा दें और पल भर में ही दूसरे ही प्रयास में राजू ने अपना आधा लंड अपनी मां की बुर में घुसा दिया था,,, तूफानी बारिश वाली रात से लेकर के अब जाकर मधु और राजू को एक होने का मौका मिला था इसलिए फिर से ऐसा लग रहा था कि दोनों के बीच पहली बार जुदाई हो रही है इसलिए तो उत्तेजना और उत्साह में मधु पूरी तरह से गदगद हो चुकी थी ब्लाउज खुला होने की वजह से उसकी नंगी चूचियां छाती पर लहरा रही थी लेकिन उसे अपने हाथों में पकड़ने के लिए अभी ठीक समय नहीं था क्योंकि वह अभी अपने पूरे लंड को अपनी मां की बुर में घुसा देना चाहता था और देखते ही देखते अपनी मां की कमर को थामे हुए राजू ने अगला धक्का एकदम कचकचा कर लगाया और लंड बुर की अंदरूनी अड़चनों को दूर करता हुआ सीधे बच्चेदानी से जा टकराया और एक बार फिर से मधु के मूंह से चीख निकल गई,,,,।)



ओहहहहह मा मर गई रे,,,

बस बस हो गया मेरी रानी अब देख कितना मजा आता है,,,

अरे तेरे मजा के चक्कर में मेरी बुर फट जाएगी,,,

नहीं मेरी जान मैं ऐसा नहीं होने दूंगा,,, क्योंकि अब तेरी बुर पर मेरा हक है,,,,और मैं तेरी खुबसूरत बुर को ईस‌ तरह से फटने नहीं दुंगा,,, क्योंकि इसमें ही तो डाल कर मुझे अपनी प्यास बुझानी है,,, अब देख मैं तुझे कैसे चोदता हूं,,,।
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की बुर में अंदर बाहर होना शुरू हो गया और उसके अंदर बाहर होने के साथ ही मधु के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी उसकी बुर की अंदरूनी दीवारों से उसका मदन रस पसीजने लगा,,,, देखते ही देखते मधु को एक बार फिर से मजा आने लगा अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेकर वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई उसे अपनी बाहों में लेकर हवा में उड़े लेकर चला जा रहा है उसे स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था हर एक धक्के ने उसकी चीख निकल जा रही थी लेकिन हर एक चीज के पीछे बेशुमार आनंद छुपा हुआ था जिसके मदहोशी में वह पूरी तरह से भीग जा रही थी,,,

राजू के हर धक्के के साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पानी पर गुब्बारे की तरह छाती पर लौट रही थी,,, जिसे राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसे अपनी हथेली में दबा लिया और दशहरी आम की तरह जोर-जोर से दबाते हुए धक्के पर धक्के लगाने लगा ,,, वैसे भी मर्दों को सबसे ज्यादा मजा औरतों की चूची पकड़कर धक्के लगाने में आता है और वही सुख राजू अपनी मां से प्राप्त कर रहा था मधु की बड़ी-बड़ी चूचियां ऐसा लग रहा था कि राजू के लिए लगाम का काम कर रही थी जिससे वह अपनी मां को पूरी तरह से अपने काबू में किया हुआ था,,,,।

सहहहरह आहहहहह राजू मेरे बेटे तेरा लंड को ज्यादा ही मोटा है बहुत मजा आ रहा है बेटा इसी तरह से धक्का लगा तेरी जुदाई में तो मुझे स्वर्ग का सुख मिल रहा है अब तक तो तेरे पिताजी के छोटे लंड से चुदाई कर मुझे पता ही नहीं चला कि कोई इस कदर भी अपने लंबे लंड से चुदाई कर सकता है और वह भी इतनी देर तक बहुत मजा आ रहा है बेटा रुकना नहीं,,,,आहहहहह ,,,,

तू चिंता मत कर मेरी रानी मेरे लिए समय तो एकदम थोड़ी हो गई और मैं तेरे ऊपर सवार हो गया हूं इसे अपनी मंजिल तक पहुंचाने के बाद ही तुझे छोड़ुगा,,,आहहररह मेरी जान तेरी कसी हुई दूर बहुत मजा देती है ऐसी तो जवान लड़कियों की भी नहीं होगी जैसा कि तेरी बुर‌ है,,,

आहहहह तो पूरा मजा लेना हरामि पूरा मादरचोद हो गया है तू,,,

तूने ही तो मुझे मादरचोद बनाई है भोसड़ा चोदी तेरी भोंसड़ी के चक्कर में ही मादरचोद बन गया,,, लेकिन तेरा भोंसड़ा मुझे बहुत मजा दे रहा है,,,

तो घुस जा फाड़ कर अंदर,,,

अरे छिनार मेरा बस चलता तो सही में तेरी भोंसड़ी में जाकर बैठ जाता,,,,

तो चलाना अपना बस,,,, तेरे आगे मेरी कहां चल रही है,,, चला,,,,,

ले भोसडा चोदी मादरचोद रंडी एकदम छिनार हो गई है तू देख मैं तेरी कैसी प्यास बुझाता हूं अपने लंबे लंड से मेरा लंड तेरी बुर में ही जाने के लिए बना है,,,।
(और राजू ताबड़तोड़ घोड़े की लगाम अपने हाथों में लिए हुए उसे दौड़ाना शुरू कर दिया दोनों मां-बेटे के बीच अब किसी भी प्रकार का शर्म नहीं बचा था दोनों एक दूसरे को तू तड़ाका के साथ-साथ गंदी गालियों से बात कर रहे थे जिससे दोनों का मजा बढ़ता जा रहा था दोनों पूरी तरह से जोश में आ चुके थे राजू ऊपर से धक्के लगा रहा था और मधु कोशिश करते हुए नीचे से अपनी कमर उतार रही थी और कामयाबी हो रही थी अपनी मां को इस तरह से कमर उछलता हुआ देखकर राजू का जोश और ज्यादा बढ़ गया था और वह अपनी मां की चूची को पकड़कर जोर-जोर धक्के लगा रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वह सच में अपनी मां का भोसड़ा फाडकर उसमें घुस जाएगा,,, मधु के साथ साथ खटिया की भी हालत खराब होती जा रही थी उसमें से लगातार चरण चरण की आवाज आ रही थी मधु को इस बात का डर था कि कहीं खटिया टूट ना जाए क्योंकि राजू के धक्के बड़े तेजी और एकदम बलशाली थे उसके हर एक धक्के पर मधु की चीख निकल जा रही थी देखते ही देखते मधु पूरी तरह से मदहोश हो गई थी,,,, लेकिन खटिया टूट जाने का डर उसके अंदर पूरी तरह से भर गया था और वह बोली,,,।

बस बस जोर से नहीं खटिया टूट जाएगी,,,

खटिया टूटे या फिर तेरी दूर फटे आज में रुकने वाला नहीं हूं,,,,(इतना कहते हो राजू फिर से अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया खटिया से लगातार चरण चरण की आवाज आ रही थी इस बात का अंदेशा राजू को भी हो गया था लेकिन वहां रुकना नहीं चाहता था लेकिन मधु उसे कसम देकर रोक दी और बोली ,,,,)
Jhopdi k andar raju apni ma k sath


नहीं नहीं राजू खटिया टूट जाएगी तो खामखा इसे बनाने की जहमत उठानी पड़ेगी,,,, चल झोपड़ी में लेकर चल मुझे वहीं पर मुझे चोदना,,,,।
(खटिया टूटने का डर दोनों के रंग में भंग डाल चुका था लेकिन राजू इस रंग में भंग नहीं पड़ने देना चाहता था इसलिए वह धीरे से अपनी मां को अपनी बाहों में कस लिया और उसकी बुर में लंड डाले हुए ही धीरे-धीरे उठना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वह खटिया से नीचे उठ कर खड़ा हो गया लेकिन अपनी मां को अपनी गोद में उठा लिया था और अपने लंड को उसकी बुर से बाहर नहीं निकाला था अपने बेटे की ताकत देखकर मधु भी एकदम हैरान हो चुकी थी लेकिन पूरी तरह से आनंद में सराबोर हो चुकी थी राजू खड़ी-खड़ी अपने आप को चोदना शुरू कर दिया था और चोदते हुए उसे झोपड़ी के अंदर ले जा रहा था राजू की ताकत बहुत ही प्रभावशाली थे जो कि मधु को पूरी तरह से अपने घुटने टेकने पर मजबूर कर दी थी,,,,




थोड़ी देर में राजू झोपड़ी के अंदर प्रवेश कर गया और उसी तरह से सूखी हुई घास में अपनी मां को बैठाकर उसे चोदना शुरु कर दिया थोड़ी देर तक उसके ऊपर सवार होने के बाद वह खुद पीठ के बल लेट गया और अपने ऊपर अपनी मां को ले लिया उसकी मां को पता था कि क्या करना,,,, है,,, वह अपनी भारी भरकम बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड पर भटकना शुरू कर दी उसे अपने बेटे के लंड की ताकत का अंदाजा अच्छी तरह से था इसलिए वह जानती थी कि उसकी बड़ी बड़ी गांड पटक ने पर भी उसका बेटा हार नहीं मानेगा और नीचे से वह अपनी कमर उछाल रहा था दोनों पूरी तरह से मदहोश में जा रहे थे दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे,,, दोपहर के समय जब लोग अपने घर में आराम कर रहे थे तो दोनों मां-बेटे खेत में काम करने के बहाने से एक दूसरे की प्यास बुझा रहे थे कुछ देर तक राजू अपनी मां को अपने ऊपर लिए हुई आनंद लेता था लेकिन उसका पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था इसलिए वह फिर से अपनी मां को अपनी बाहों में जकड़े हुए भी उसी स्थिति में फिर से उसे नीचे कर दिया और खुद पर आ गया और फिर से धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया इस बार उसका हर एक धक्का मधु को मदहोशी की तरफ ले जा रहा था वह पूरी तरह से मस्त हो जा रही थी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी और देखते देते उसका बदन अकड़ने लगा उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर राजू समझ गया था कि उसका पानी निकलने वाला है वह भी अपनी मां के साथ ही जुड़ना चाहता था और वह अपने धक्कों की रफ़्तार और ज्यादा बढ़ाते हुए देखते ही देखते अपनी मां के ऊपर ही हांफने लगा दोनों मां बेटे एक साथ झड़ चुके थे,,, कुछ देर तक दोनों उसी स्थिति में लेटे रहे दोनों आराम कर रहे थे लेकिन राजू का लंड अभी भी मधु की बुर में था तकरीबन 1 घंटे तक दोनों उसी स्थिति में लेटर ही आराम करते रहे फिर मधु धीरे से राजू को अपने ऊपर से उठाने लगे और राजू अपनी मां के ऊपर से उठते हुए अपने लंड को अपनी मां की बुर से बाहर खींच लिया,,,,।



तूफानी बारिश के बाद एक बार फिर से दोनों ने जमकर चुदाई का आनंद लिया था और फिर मधु बोली,,,


चलो थोड़ा काम कर लेते हैं वरना अगर गुलाबी खेत पर आएगी तो कुछ ना काम देख कर ना जाने क्या सोचेगी,,,,

ठीक है तुम बैठो मैं काम कर देता हूं,,,
(इतना कहकर राजू फरसा उठाकर जिस नाली से पानी ज्यादा था वहां की मिट्टी को इकट्ठा करने लगा और थोड़ी देर में मधु भी हल्की सी चाल बदलते हुए उसके करीब आ गई क्योंकि जिस तरह की चुदाई राजू ने किया था उससे अपनी कमर में दर्द महसूस हो रहा था,,, राजू उसी तरह से काम करता रहा देखते ही देखते शाम होने को आ गई,,, मधु भी अपने बेटे के आगे झुक कर हरी हरी घास उखाड़ रही थी गाय भैंस के लिए लेकिन अपनी मां को इस तरह से झुका हुआ देखकर उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर एक बार फिर से राजू के पजामें मे हरकत होने लगी,,, राजू फरसा को एक तरफ रख कर ठीक अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उसकी मां कुछ बोल पाती समझ पाती इससे पहले ही साड़ी को उठाते हुए उसकी कमर तक साड़ी उठा दिया और उसकी नंगी गांड को दोनों हाथों से पकड़ लिया मधु एकदम से चौक गई और बोली,,,।

बाप रे तेरी प्यास अभी तक नहीं बुझी,,,

तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर एक बार फिर से मऐ प्यासा हो गया हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपनी मां की इजाजत पाए बिना ही राजू अपने पजामे में से अपने लंड को बाहर निकाल कर एक बार फिर से अपनी मां की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, मधु भला क्यों इंकार करती वह तो अपने बेटे से बहुत खुश थे और एक बार फिर से दोनों मजा ले करके अपने घर की तरफ चल दिए,,,।)
Gajab Ka update Tha rony Bhai ,
Bohot hi kamuk or Chudai daar
Awesome update with awesome writing 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥💯💯💯💯💯💥💥💥💥💥
 

sexyswati

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मधु अपनी बुर को अपने बेटे के मुंह पर र करते हुए एक अद्भुत चर्मसुख को प्राप्त करते हुए झड़ चुकी थी और उसकी बुर से निकला हुआ मदन रस का एक-एक बूंद राजू अपनी जीभ से चाट कर अपने गले के नीचे घटक गया था,,, बिना लंड को अपनी बुर में ले झड़ जाने का एक अपना अलग ही मजा होता है और इस अनुभव को राजू की संगत में मधु बार-बार महसूस कर रही थी,,,,, राजू ही था जो अपनी मां को बिना शारीरिक संबंध बनाए हैं सिर्फ हरकतों से ही गर्म करके पानी निकाल देता था और इससे मधु बेहद खुश भी थी खुले आसमान के नीचे घने खेतों के बीच मधु पहली बार इस तरह की सुख का अनुभव कर रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी अभी भी संजू घुटनों के बल बैठा हुआ था और अपनी मां की गांव को दोनों हाथों से दबाए हुए अभी भी वह अपनी मां के बुर को अपने होठों से लगाया हुआ था,,,, क्योंकि अभी भी झड़ते हुए मधु अपनी कमर का झटका लगा दे रहे थे झढ़ते समय मधु का चेहरा देखने लायक होता था उसका गोरा मुखड़ा लाल टमाटर की तरह तमतमाने लगता था आंखें अपने आप ही बंद हो जाती थी,,, हॉट खुले के खुले रह जाते थे और सांसे की गति इतनी तेज की छातियों की शोभा बढ़ा रही दोनों खरबूजा जैसी चूचियां ऊपर नीचे होते हुए उसकी मदहोशी की कहानी खुद ही बयां कर रही होती,,,,,, राजू और मधु के नजरिए से देखा जाए तो इस तरह का नजारा बेहद कम होते जना से भरपूर और मदहोश कर देने वाला था लेकिन सामाजिक नजरिए से देखा जाए तो यह नजारा बेहद शर्मसार कर देने वाला था बेहद शर्मनाक दृश्य बना हुआ था समाज के नजरिए से एक अपनी साड़ी को कमर तक उठाए खड़ी थी और उसका बेटा घुटनों के बल बैठकर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड को हथेली में दबाते हुए उसकी बुर पर अपना होंठ लगाकर चाट रहा था,,,,।

Raju or uski ma khet me kuch is tarah se

वासना का तूफान कुछ देर के लिए थम चुका था मधु अपनी सांसो को दुरुस्त करने में लगी हुई थी राजू भी अपने होठों को अपनी मां की रसीली बुर से हटाकर घुटनों के बल बैठा हुआ अपनी मां की तरफ देख रहा था मधु भी अपने बेटे की तरफ देखकर गहरी गहरी सांस ले रही थी दोनों मां-बेटे पूरी तरह से मदहोशी के सागर में गोते लगाने को एक बार फिर से तैयार थे,,,, मधु कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह अपने ही सगी बेटी के साथ इस तरह कदर खुल जाएगी कि उसके साथ बेशर्मी की सारी हदें पार कर देगी लेकिन बेशर्मी की हद पार करने में ही जिंदगी का असली मजा था इस बात का एहसास उसे होने लगा था वह राजू की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी राजू भी मुस्कुरा रहा था और राजू मुस्कुराते हुए बोला,,


सच में मां तुमने आज मुझे एकदम खुश कर दी अपना पानी पिला कर,,,,
(अपने बेटे की बातें सुनकर माध्यम से शरमा गई और बिना कुछ बोले कमर तक उठाए हुए अपनी साड़ी को एक झटके में नीचे गिरा दी और एक अद्भुत खूबसूरत नजारे पर पर्दा गिरा दी,,,, राजू भी अपनी जगह पर खड़ा होता हुआ बोला,,,) सच में मां तुम पेशाब करते हो इतनी खूबसूरत लगती हो जैसे कि स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा बैठकर मुत रही हो,,,,


क्या मैं तुझे इतनी अच्छी लगती हुं,,,(इतना कहने के साथ ही पेशाब की हुई जगह पर अपने पैर बचाकर वापस झोपड़ी की तरफ लौटते हुए वह बोली)

मत पूछो तुम मुझे कितनी खूबसूरत लगती हो मेरा बस चलता तो मैं तुमसे शादी कर लेता और फिर जिंदगी भर तुम्हारी बुर में लंड डालकर पड़ा रहता,,,

वह तो तू अभी भी कर सकता है,,,

हां कर तो सकता हूं लेकिन फिर किसी का डर नहीं रहता ना,,,

हां यह बात तो है,,,,(इतना कहने के साथ ही मधु झोपड़ी के पास आ गई हो खटिया को अपने हाथों से गिरा कर उस पर बैठ गई उसके पास में राजू भी बैठ गया,,,, कुछ देर तक दोनों इसी तरह से बैठे रहे मधु रह रह कर मुस्कुरा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ बैठी हो,,, अपनी मां के चेहरे की तरफ देखते हुए राजू बोला)

चलो थोड़ा काम कर लेते हैं उसके बाद फिर खेल शुरू करते हैं,,,

कौन सा काम,,,?(मधु अपने होठों पर मादक मुस्कान लाते हुए बोली)

खेत का काम और कौन सा इसीलिए तो तुम मुझे यहां पर बुलाई थी ना,,,,

अरे बुद्धू तुझे खेत जोतने के लिए नहीं बल्कि (दोनों टांगों के बीच उंगली से इशारा करते हुए) अपना खेत जोतने के लिए एक बहाने से बुलाकर लाई हूं,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही राजू एकदम से खुशी से झूम उठा और बोला)

क्या सच में तुम एकदम चुदवासी हो गई हो,,,,

हा रे कई दिन हो गए थे तेरे लंड को अपनी बुर में लिया कसम से तू सच कहता था कि मैं तेरी गुलाब बन जाऊंगी और ऐसा ही हो रहा है पता है अब तो तेरे पिताजी से चुदवाने में मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता और तू सच कहता है कि तेरे लंड से आधा ही है तेरे पिताजी का लंड और जो हो रखते लंड को एक बार अपनी बुर में ले ले फिर पतले लंड से उसकी प्यास कहां बुझने वाली है,,,,

मुझे मालूम था मेरी रानी मेरे नीचे आने के बाद तुम भी पागल हो जाओगी दोबारा लेने के लिए,,,,

तुझे अपने लंड पर सच में इतना ज्यादा भरोसा था,,,

तो क्या जब भी खड़ा होता है तो मैं समझ जाता हूं कि जिसकी भी बुर में घुसेगा उसे पूरी तरह से मस्त करके ही बाहर निकलेगा,,,,,,,
Raju apni ma ki boor sahlaate huye

हां सो तो है तेरे लंड की मोटाई और लंबाई देखकर ही मैं समझ गई थी कि अगर यह मेरी बुर में गया तो रगड़ रगड़ कर पानी निकालेगा,,,, तुझे पता है अब तो तेरे पिताजी का लंड मेरी बुर में जाता है तो मुझे पता ही नहीं चलता है कि अंदर गया है लेकिन तेरा लंड जैसे ही अंदर जाता है ना अंदर की दीवारों को पूरी तरह से रगड़ रगड़ कर‌ नीचोड निचोड़ कर पानी निकाल देता है,,,,,,,

मुझे बहुत खुशी है कि मैं तुम्हें खुश करने में कामयाब हो गया वरना अगर जिस तरह से मैं तुम्हारे पीछे पड़ा था अगर डालते ही पानी निकल जाता तो तुम शायद मुझे फिर कभी अपने बदन को हाथ नहीं लगाने देती,,,

हां सो तो है मर्द उसे थोड़ी ना कहते हैं कि औरत को गर्म करके बीच मझधार में ही छोड़कर अपना किनारा पकड़ ले मर्द तो उसे कहते हैं जो औरत को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ कर उसे पूर्णतः संतुष्टि का अहसास दिखाएं और उसे खुश करने के बाद किनारे पर पहुंचे,,,, लेकिन मानना पड़ेगा तेरे में बहुत ताकत है रात भर तूने मेरी जमकर चुदाई किया और सुबह सुबह नहाते हुए भी दो बार चोद दिया और तो और घर पर पहुंचने के बाद भी तूने मेरी जमकर चुदाई किया कसम से मैं कभी सोच नहीं थी कि एक आदमी इतनी बाहर जो देख सकता है क्योंकि तेरे पिताजी एक बार में ही ढेर हो जाते थे और वह भी शुरू से यही आदत थी,,, तुझे पता है तेरे से चुदवाने के बाद 2 दिन तक में ठीक से चल नहीं पाई थी मेरी बुर सूजी हुई थी हल्दी वाला दूध 2 दिन पी तब जाकर आराम हुआ,,,



क्या करूं मेरी जान पहली बार जो तुमने सेवा करने का मौका दी थी इसलिए किसी भी तरह का कसर नहीं बाकी रखना चाहता था,,,

धत् मजा तो देता है लेकिन तकलीफ भी तु बहुत देता है,,,

क्या मैं फिर तुमको चुदाई ही क्या जिसमें तकलीफ ना हो आराम से डाला और निकाला और झड़ गया इतने से क्या मजा आता है क्या जब तक औरत ऊहहहह ऊहहहहह आरहहह ना कर दे तब तक चोदने का मजा ही नहीं आता,,,,।
(मधु एक बार झड़ चुकी थी लेकिन अपने बेटे की बातों को सुनकर फिर से उसका बदन कर्म हमें लगा था वह बार-बार अपने बेटे के पजामे की तरफ देख रही थी और उसे राह नहीं किया तो वह खुद आप आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से ही अपने बेटे के लंड को पकड़ कर बोली)

बाप रे देख तो सही कैसे लोहे की तरह खड़ा है,,

खड़ा तो रहेगा ही ना तुमने इसकी सेवा ही कहा कि हो बस अपना पानी निकालती लेकिन इसका कौन निकालेगा,,,

अरे मैं हूं ना,,, मेरे रहते अब तुझे प्यासा रहने की जरूरत नहीं है चल उठ खड़ा हो और मेरे सामने आजा,,,,(पजामे के ऊपर सही अपने बेटे के लंड को पकड़े हुए ही राजू को उठाई और लंड को पकड़े हुए हैं उसे ठीक अपने सामने लाकर खड़ा कर दी राजू पूरी तरह से अपने आपको अपनी मां के हाथों में सौंप दिया था वह अपने दोनों हाथों को छाती पर बांध कर खड़ा हो गया था और मधु मदहोश होते हुए बेशर्मी दिखाते हुए अपने बेटे के पजामी को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ खींच दी है और जैसे ही राजू का लंड पजामे की कैद से आजाद हुआ वह खुली हवा में सांस लेता हुआ ऊपर नीचे करके हिलने लगा जिसे देखकर मधु की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,)

बाप रे ऐसा लगता है कि पहली बार ही देख रही हूं,,,(इतना कहने के साथ ही मधु अपनी बेटी के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी)
Raju or uski ma


सच कहूं तो मां तुम मेरे लंड को अच्छी तरह से पहली बार ही देख रही हो दिन के उजाले में वरना रात भर चुदवाने के बाद भी तुमने ठीक से मेरे लंड को देख नहीं पाई थी क्योंकि खंडार में रात का अंधेरा था और जलती हुई लकड़ी की रोशनी में ठीक से नजर नहीं आता था लेकिन फिर भी मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरे लंड के दर्शन करके तुम्हारी बुर पानी छोड़ दी होगी,,,

इसमें भी कहने वाली बात है क्या मेरी क्या कोई औरत भी देखती तो उसका भी पानी छूट गया होता,,,,

हाय मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरी मां इतना तड़प रही थी मेरे लंड के लिए अगर पता होता तो बैलगाड़ी में ही चोद दिया होता,,,,

तो अब कौन सा तू बाकी रख रहा है इसी काम के लिए तो तुझे यहां लेकर आई हूं ,,(अपनी नरम में कम हथेली में अपने बेटे के लंड को पकड़कर आगे पीछे करके मुठीयाते हुए बोली राजु अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो जा रहा था वह धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे पिलाना शुरू कर दिया था आगे कुछ और बोल पाता या उसकी मां कुछ बोल पाती इससे पहले ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां के सर को पकड़ लिया और उसे धीरे-धीरे अपने लंड की तरफ नीचे की तरफ जाने लगा और देखते ही देखते मधु अपने बेटे की प्यास बुझाने का जिम्मा अपने सर पर उठाते हुए अपने बेटे के लंड को अपने लाल-लाल होठों को खोल कर उसे अपने अंदर ले ली और उसे चाटना शुरू कर दी,,, मधु इतने चाव से अपने पति के लंड को मुंह में लेकर प्यार नहीं करती थी लेकिन राजू की बात कुछ और थी राजू ने उसे मुंह में लेकर चूसने का एक नया कला और आनंद से अवगत कराया था जिसमें उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह उसी आनंद की प्राप्ति के लिए अपने बेटे के लंड को धीरे-धीरे करके अपने गले तक उतार ले रही थी हालांकि उसे सांस लेने में दिक्कत आ जाती थी लेकिन फिर भी वह अपने बेटे के लंड को छोड़ना नहीं चाहती थी,,,।


सहहहरह आहहहरहह कितना मजा आ रहा है तू सच में मां लंड को बहुत अच्छे से चुस्ती है बस ऐसे ही पूरा मुंह में लेकर चूस आहहहहह आहहहहह मेरी रानी तूने मुझे बहुत मस्त कर दी है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी कमर को धीरे-धीरे खिलाना शुरू कर दिया था मानो कि जैसे वह अपनी मां के मुंह को ही चोद रहा हो और मधु भी जानबूझकर अपने लाल-लाल होठों को गोल करके दबा ली थी ताकि उसके बेटे को उसकी कसी हुई बुर जैसा ही मजा मिले,,, झोपड़ी के बाहर बिछी हुई खटिया पर मधु गांड पसार कर बैठी हुई थी और राजू की उसके सामने खड़ा था उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड मुंह में गले तक चला जा रहा था और मधु अपने बेटे की हिलती हुई कमर के साथ-साथ अपना मुंह भी आगे पीछे कर रही थी जिससे राजू को और ज्यादा मजा आ रहा था वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था अपनी मां के मुंह में लंड पेलते हुए वह थोड़ा सा नीचे झुका और अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया,,, और देखते ही देखते वह अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोल कर उसके नंगी चूचियों को आजाद कर दिया और दोनों चुचियों को दोनों हाथों में लेकर दबाते हुए बोला,,,।

हाय मेरी जान तेरी चूचियां कितनी लाजवाब है एकदम खरबूजा की तरह बड़ी बड़ी,,,आहहहहह तेरी चूची,,, पिताजी को तूने बहुत मजा दे अब मेरी बारी है,,,,ऊममममम (अपने सूखे हुए होठों पर अपनी जीभ फिराते हुए राजू बोला,,,,,,, मां बेटे पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे मां बेटे के पवित्र रिश्ते की दीवार को दोनों ने मिलकर गिरा दिए थे दोनों के बीच मां बेटी का नहीं बल्कि एक मर्द औरत का रिश्ता बन चुका था जोकि धीरे-धीरे और गहरा होता जा रहा था,,,, अपनी मां की खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी गोरी गोरी चूचियों को दबा दबा कर राजू ने टमाटर कि तरह लाल कर दिया था,,, एक बार फिर से मधु की बुर अपने बेटे के लंड के लिए तड़प उठी थी हालांकि अभी तक राजू ने अपनी मां की बुर में लंड डाला नहीं था कि उसे अपनी जीभ से ही झाड़ दिया,,, था,,,,, मधु मदहोशी और चुदासी की हालत में अपने बेटे के लंड को जोर-जोर से मुंह में लेकर अंदर बाहर करने थे यह देखकर राजू समझ गया था कि उसकी मां पूरी तरह से गर्म हो चुकी है इसलिए वो धीरे से अपने लंड को बाहर निकाला,,, मुंह में से लंड के बाहर निकलते ही मधु गहरी गहरी सांस लेने लगी ऐसा लग रहा था कि राजू का इस तरह से मधु के मुंह में से लंड को बाहर खींच लेना मधु को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,, थूक और लार से सने हुए अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए राजू बोला,,,।


हाय मेरी जान तूने तो अपना थूक लगा लगा कर मेरे लंड को अपनी बुर में डालने के लिए तैयार कर दि है अब देखना इसका कमाल कैसा तुम्हारी बुर में धमाल मचा ता है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की कंधों को पकड़कर उसे खटिया पर लेट जाने के लिए इशारा किया और उसकी मा भी उत्तेजना बस अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए पीठ के बल खटिया पर लेट गई और राजू खटिया पर घुटनों के बल चढ़कर अपने लिए जगह बनाने लगा देखते ही देखते ना जो अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया मधु ने खुद अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ खींच कर कमर पर इकट्ठा करती थी और अपनी नंगी बुर को अपने बेटे के सामने परोस दी थी अपनी मां की पानी से चिपचिपाती हुई बुर को देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ गया राजू से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था लंड पूरी तरह से धड़क रहा था और वह अपनी मां की तपती हुई बुर में घुसने के लिए तैयार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच एकदम से जगह बनाते हुए अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपनी मां की बड़ी-बड़ी आधी गांड को अपनी जांघों पर रख लिया,,, मधु की रसीली पुर पुर राजू के लंड का सुपाड़ा दोनों बेहद करीब आ चुके थे वह आज दोनों में एक अंगुल का ही फासला था जिसकी वजह से बुर की तपन जोकि भट्टी की तरह गर्म हो चुकी थी उसकी गर्माहट राजू अपने लंड पर एकदम साफ महसूस कर रहा था जिसकी वजह से वह और ज्यादा उत्तेजित हो गया देखते ही देखते राजू रोकड़े लंड की मोटे सुपारी को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख दिया और हल्के से अपनी कमर को धक्का दिया और पहले प्रयास में ही पूरा का पूरा आलूबुखारा के माप का सुपाड़ा मधु की बुर में समा गया और जैसे ही वह बुर के गुलाबी पत्तियां नुमा दरवाजे को खोलकर अंदर प्रवेश किया वैसे ही मधु के मुंह से हल्की सी चीख निकल पड़ी लेकिन यह चीज उसकी आनंद की परिभाषा दें और पल भर में ही दूसरे ही प्रयास में राजू ने अपना आधा लंड अपनी मां की बुर में घुसा दिया था,,, तूफानी बारिश वाली रात से लेकर के अब जाकर मधु और राजू को एक होने का मौका मिला था इसलिए फिर से ऐसा लग रहा था कि दोनों के बीच पहली बार जुदाई हो रही है इसलिए तो उत्तेजना और उत्साह में मधु पूरी तरह से गदगद हो चुकी थी ब्लाउज खुला होने की वजह से उसकी नंगी चूचियां छाती पर लहरा रही थी लेकिन उसे अपने हाथों में पकड़ने के लिए अभी ठीक समय नहीं था क्योंकि वह अभी अपने पूरे लंड को अपनी मां की बुर में घुसा देना चाहता था और देखते ही देखते अपनी मां की कमर को थामे हुए राजू ने अगला धक्का एकदम कचकचा कर लगाया और लंड बुर की अंदरूनी अड़चनों को दूर करता हुआ सीधे बच्चेदानी से जा टकराया और एक बार फिर से मधु के मूंह से चीख निकल गई,,,,।)



ओहहहहह मा मर गई रे,,,

बस बस हो गया मेरी रानी अब देख कितना मजा आता है,,,

अरे तेरे मजा के चक्कर में मेरी बुर फट जाएगी,,,

नहीं मेरी जान मैं ऐसा नहीं होने दूंगा,,, क्योंकि अब तेरी बुर पर मेरा हक है,,,,और मैं तेरी खुबसूरत बुर को ईस‌ तरह से फटने नहीं दुंगा,,, क्योंकि इसमें ही तो डाल कर मुझे अपनी प्यास बुझानी है,,, अब देख मैं तुझे कैसे चोदता हूं,,,।
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की बुर में अंदर बाहर होना शुरू हो गया और उसके अंदर बाहर होने के साथ ही मधु के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी उसकी बुर की अंदरूनी दीवारों से उसका मदन रस पसीजने लगा,,,, देखते ही देखते मधु को एक बार फिर से मजा आने लगा अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में लेकर वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई उसे अपनी बाहों में लेकर हवा में उड़े लेकर चला जा रहा है उसे स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था हर एक धक्के ने उसकी चीख निकल जा रही थी लेकिन हर एक चीज के पीछे बेशुमार आनंद छुपा हुआ था जिसके मदहोशी में वह पूरी तरह से भीग जा रही थी,,,

राजू के हर धक्के के साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पानी पर गुब्बारे की तरह छाती पर लौट रही थी,,, जिसे राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसे अपनी हथेली में दबा लिया और दशहरी आम की तरह जोर-जोर से दबाते हुए धक्के पर धक्के लगाने लगा ,,, वैसे भी मर्दों को सबसे ज्यादा मजा औरतों की चूची पकड़कर धक्के लगाने में आता है और वही सुख राजू अपनी मां से प्राप्त कर रहा था मधु की बड़ी-बड़ी चूचियां ऐसा लग रहा था कि राजू के लिए लगाम का काम कर रही थी जिससे वह अपनी मां को पूरी तरह से अपने काबू में किया हुआ था,,,,।

सहहहरह आहहहहह राजू मेरे बेटे तेरा लंड को ज्यादा ही मोटा है बहुत मजा आ रहा है बेटा इसी तरह से धक्का लगा तेरी जुदाई में तो मुझे स्वर्ग का सुख मिल रहा है अब तक तो तेरे पिताजी के छोटे लंड से चुदाई कर मुझे पता ही नहीं चला कि कोई इस कदर भी अपने लंबे लंड से चुदाई कर सकता है और वह भी इतनी देर तक बहुत मजा आ रहा है बेटा रुकना नहीं,,,,आहहहहह ,,,,

तू चिंता मत कर मेरी रानी मेरे लिए समय तो एकदम थोड़ी हो गई और मैं तेरे ऊपर सवार हो गया हूं इसे अपनी मंजिल तक पहुंचाने के बाद ही तुझे छोड़ुगा,,,आहहररह मेरी जान तेरी कसी हुई दूर बहुत मजा देती है ऐसी तो जवान लड़कियों की भी नहीं होगी जैसा कि तेरी बुर‌ है,,,

आहहहह तो पूरा मजा लेना हरामि पूरा मादरचोद हो गया है तू,,,

तूने ही तो मुझे मादरचोद बनाई है भोसड़ा चोदी तेरी भोंसड़ी के चक्कर में ही मादरचोद बन गया,,, लेकिन तेरा भोंसड़ा मुझे बहुत मजा दे रहा है,,,

तो घुस जा फाड़ कर अंदर,,,

अरे छिनार मेरा बस चलता तो सही में तेरी भोंसड़ी में जाकर बैठ जाता,,,,

तो चलाना अपना बस,,,, तेरे आगे मेरी कहां चल रही है,,, चला,,,,,

ले भोसडा चोदी मादरचोद रंडी एकदम छिनार हो गई है तू देख मैं तेरी कैसी प्यास बुझाता हूं अपने लंबे लंड से मेरा लंड तेरी बुर में ही जाने के लिए बना है,,,।
(और राजू ताबड़तोड़ घोड़े की लगाम अपने हाथों में लिए हुए उसे दौड़ाना शुरू कर दिया दोनों मां-बेटे के बीच अब किसी भी प्रकार का शर्म नहीं बचा था दोनों एक दूसरे को तू तड़ाका के साथ-साथ गंदी गालियों से बात कर रहे थे जिससे दोनों का मजा बढ़ता जा रहा था दोनों पूरी तरह से जोश में आ चुके थे राजू ऊपर से धक्के लगा रहा था और मधु कोशिश करते हुए नीचे से अपनी कमर उतार रही थी और कामयाबी हो रही थी अपनी मां को इस तरह से कमर उछलता हुआ देखकर राजू का जोश और ज्यादा बढ़ गया था और वह अपनी मां की चूची को पकड़कर जोर-जोर धक्के लगा रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वह सच में अपनी मां का भोसड़ा फाडकर उसमें घुस जाएगा,,, मधु के साथ साथ खटिया की भी हालत खराब होती जा रही थी उसमें से लगातार चरण चरण की आवाज आ रही थी मधु को इस बात का डर था कि कहीं खटिया टूट ना जाए क्योंकि राजू के धक्के बड़े तेजी और एकदम बलशाली थे उसके हर एक धक्के पर मधु की चीख निकल जा रही थी देखते ही देखते मधु पूरी तरह से मदहोश हो गई थी,,,, लेकिन खटिया टूट जाने का डर उसके अंदर पूरी तरह से भर गया था और वह बोली,,,।

बस बस जोर से नहीं खटिया टूट जाएगी,,,

खटिया टूटे या फिर तेरी दूर फटे आज में रुकने वाला नहीं हूं,,,,(इतना कहते हो राजू फिर से अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया खटिया से लगातार चरण चरण की आवाज आ रही थी इस बात का अंदेशा राजू को भी हो गया था लेकिन वहां रुकना नहीं चाहता था लेकिन मधु उसे कसम देकर रोक दी और बोली ,,,,)
Jhopdi k andar raju apni ma k sath


नहीं नहीं राजू खटिया टूट जाएगी तो खामखा इसे बनाने की जहमत उठानी पड़ेगी,,,, चल झोपड़ी में लेकर चल मुझे वहीं पर मुझे चोदना,,,,।
(खटिया टूटने का डर दोनों के रंग में भंग डाल चुका था लेकिन राजू इस रंग में भंग नहीं पड़ने देना चाहता था इसलिए वह धीरे से अपनी मां को अपनी बाहों में कस लिया और उसकी बुर में लंड डाले हुए ही धीरे-धीरे उठना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वह खटिया से नीचे उठ कर खड़ा हो गया लेकिन अपनी मां को अपनी गोद में उठा लिया था और अपने लंड को उसकी बुर से बाहर नहीं निकाला था अपने बेटे की ताकत देखकर मधु भी एकदम हैरान हो चुकी थी लेकिन पूरी तरह से आनंद में सराबोर हो चुकी थी राजू खड़ी-खड़ी अपने आप को चोदना शुरू कर दिया था और चोदते हुए उसे झोपड़ी के अंदर ले जा रहा था राजू की ताकत बहुत ही प्रभावशाली थे जो कि मधु को पूरी तरह से अपने घुटने टेकने पर मजबूर कर दी थी,,,,




थोड़ी देर में राजू झोपड़ी के अंदर प्रवेश कर गया और उसी तरह से सूखी हुई घास में अपनी मां को बैठाकर उसे चोदना शुरु कर दिया थोड़ी देर तक उसके ऊपर सवार होने के बाद वह खुद पीठ के बल लेट गया और अपने ऊपर अपनी मां को ले लिया उसकी मां को पता था कि क्या करना,,,, है,,, वह अपनी भारी भरकम बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड पर भटकना शुरू कर दी उसे अपने बेटे के लंड की ताकत का अंदाजा अच्छी तरह से था इसलिए वह जानती थी कि उसकी बड़ी बड़ी गांड पटक ने पर भी उसका बेटा हार नहीं मानेगा और नीचे से वह अपनी कमर उछाल रहा था दोनों पूरी तरह से मदहोश में जा रहे थे दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे,,, दोपहर के समय जब लोग अपने घर में आराम कर रहे थे तो दोनों मां-बेटे खेत में काम करने के बहाने से एक दूसरे की प्यास बुझा रहे थे कुछ देर तक राजू अपनी मां को अपने ऊपर लिए हुई आनंद लेता था लेकिन उसका पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था इसलिए वह फिर से अपनी मां को अपनी बाहों में जकड़े हुए भी उसी स्थिति में फिर से उसे नीचे कर दिया और खुद पर आ गया और फिर से धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया इस बार उसका हर एक धक्का मधु को मदहोशी की तरफ ले जा रहा था वह पूरी तरह से मस्त हो जा रही थी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी और देखते देते उसका बदन अकड़ने लगा उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर राजू समझ गया था कि उसका पानी निकलने वाला है वह भी अपनी मां के साथ ही जुड़ना चाहता था और वह अपने धक्कों की रफ़्तार और ज्यादा बढ़ाते हुए देखते ही देखते अपनी मां के ऊपर ही हांफने लगा दोनों मां बेटे एक साथ झड़ चुके थे,,, कुछ देर तक दोनों उसी स्थिति में लेटे रहे दोनों आराम कर रहे थे लेकिन राजू का लंड अभी भी मधु की बुर में था तकरीबन 1 घंटे तक दोनों उसी स्थिति में लेटर ही आराम करते रहे फिर मधु धीरे से राजू को अपने ऊपर से उठाने लगे और राजू अपनी मां के ऊपर से उठते हुए अपने लंड को अपनी मां की बुर से बाहर खींच लिया,,,,।



तूफानी बारिश के बाद एक बार फिर से दोनों ने जमकर चुदाई का आनंद लिया था और फिर मधु बोली,,,


चलो थोड़ा काम कर लेते हैं वरना अगर गुलाबी खेत पर आएगी तो कुछ ना काम देख कर ना जाने क्या सोचेगी,,,,

ठीक है तुम बैठो मैं काम कर देता हूं,,,
(इतना कहकर राजू फरसा उठाकर जिस नाली से पानी ज्यादा था वहां की मिट्टी को इकट्ठा करने लगा और थोड़ी देर में मधु भी हल्की सी चाल बदलते हुए उसके करीब आ गई क्योंकि जिस तरह की चुदाई राजू ने किया था उससे अपनी कमर में दर्द महसूस हो रहा था,,, राजू उसी तरह से काम करता रहा देखते ही देखते शाम होने को आ गई,,, मधु भी अपने बेटे के आगे झुक कर हरी हरी घास उखाड़ रही थी गाय भैंस के लिए लेकिन अपनी मां को इस तरह से झुका हुआ देखकर उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर एक बार फिर से राजू के पजामें मे हरकत होने लगी,,, राजू फरसा को एक तरफ रख कर ठीक अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उसकी मां कुछ बोल पाती समझ पाती इससे पहले ही साड़ी को उठाते हुए उसकी कमर तक साड़ी उठा दिया और उसकी नंगी गांड को दोनों हाथों से पकड़ लिया मधु एकदम से चौक गई और बोली,,,।

बाप रे तेरी प्यास अभी तक नहीं बुझी,,,

तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर एक बार फिर से मऐ प्यासा हो गया हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही अपनी मां की इजाजत पाए बिना ही राजू अपने पजामे में से अपने लंड को बाहर निकाल कर एक बार फिर से अपनी मां की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, मधु भला क्यों इंकार करती वह तो अपने बेटे से बहुत खुश थे और एक बार फिर से दोनों मजा ले करके अपने घर की तरफ चल दिए,,,।)
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सस्सस्सह्ह्ह्हह्ह ...... मधु की जगह अपने आप को महसूस करके ये अपडेट पढ़ा है ......... आआह्ह्ह्हह ...... कितना मजा आया ,,,,,,,,, उम्मम्मम्मम्मम ......

लेखक महाशय ...... ऐसेही कामुक ........ फ़ायरी अपडेट का इंतज़ार रहेगा
 
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