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Incest बैलगाड़ी,,,,,

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मधु बाजार देखकर एकदम खुश हो गई थी वह पल में ही उस बात को आई गई कर दी थी इस बात से उसका पानी निकल गया था वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसका बेटा उससे इस हफ्ते तक बेहद गंदे शब्दों में बात करेगा सीधा-सीधा उसका बेटा उसे चोदने की बात कर रहा था अपने मोटे तगड़े लंड से और दावा भी कर रहा था कि उसकी फ्रेंड से चुदने के बाद वह पूरी तरह से तृप्ति का एहसास करेगी,,,, जैसा कि आज तक उसने महसूस नहीं कर पाई थी भले ही वह दो बच्चों की मां बन चुकी थी लेकिन अपने पति से संपूर्ण सुख का अहसास नहीं कर पाई थी,,,,


थोड़ी ही देर में बैलगाड़ी बाजार में पहुंच चुकी थी बरसों बाद मधु बाजार में आई थी इसलिए उसकी खुशी फूले नहीं समा रही थी एक अच्छी सी जगह बड़ा सा पेड़ देखकर राजू बैलगाड़ी को खड़ा कर दिया और पीछे जाकर अपनी मां को उतरने में सहायता करने लगा उतरते समय एक पाव मधु बैलगाड़ी में ही बंदे पैर रखने के लिए पाटे पर रख दी आगे चल कर खुद राजू अपनी मां का हाथ पकड़कर उसे उतरने में मदद कराने लगा,,,, बैलगाड़ी से उतरते समय थोड़ा सा झुकने की वजह से ब्लाउज में से झांकती मधु की लाजवाब चुचियों का थोड़ा सा भाग नजर आने लगा जिसे देखकर राजू का मन मचल उठा देखते ही देखते राजू अपनी मां की मदद करते वैसे बैलगाड़ी से उतार चुका था,,,, बाजार तक पहुंचने में काफी लंबा समय सफर करके मधु की कमर थोड़ी अकड़ गई थी इसलिए बात सीधी खड़ी होकर थोड़ा सा कमर से अपने बदन को उठाकर अपने आप को दुरुस्त करने लगी लेकिन ऐसा करने से उसकी लाजवाब उठी हुई चूचियां और ज्यादा मुंह आकर खड़ी हो गई ब्लाउज में से भाले की नोक की तरह चुभती हुई उसकी चुचियों की निप्पल ब्लाउज फाडकर बाहर आने के लिए आतुर नजर आ रही थी,,,,,,, इस नजारे को देखकर राजू का पजामा तन गया,,,,, इस बात से मधु पूरी तरह से अनजान थी,,,, बातों ही बातों में राजू ने चालाकी दिखाते हुए अपनी मां से अपने मन की बात कह दिया था और वह भी एकदम गंदे शब्दों में उसे बोलते समय राजू का लंड एकदम कड़क हो गया था अगर उसकी मां हां कर देती तो रास्ते में ही जमकर अपनी मां की चुदाई कर दिया होता और उसे अपनी मर्दानगी का सबूत दे दिया होता,,,,, राजू अपने मन की बात कह तो दिया था लेकिन उसकी मां ने उसे कुछ भी नहीं कहा था इस बात को लेकर वह हैरान था जो कि वह समझ गया था कि उसकी कहीं बात उसकी मां को भी बहुत अच्छी लग रही थी इसीलिए उसने उसे कुछ कहीं नहीं थी वरना जरूर उसे डांटती,, और तो और खेत वाली बात भी उसकी मां ने अपने पति से नहीं बताई थी जिसका मतलब साफ था कि उसके मन में कुछ चल रहा है,,, इस बात को सोचकर राजू मन ही मन खुश होने लगा और सही मौके की तलाश करने लगा वह जानता था कि बिना उसकी मां के सहकार पाए इतना बड़ा काम ह अकेले नहीं कर सकता,,, उसकी मां की जगह कोई और औरत होती तो बात कुछ और थी अब तक तो वह उस औरत के साथ संबंध बना दिया होता,,,,,,।

अपनी कमर और बदन की अकड़न को दूर करके मधु वापस सहज हो गई और खुद ही एक समोसे की दुकान के आगे खड़ी होकर अपने बेटे से सामने ही लगे हेडपंप को चलाने के लिए बोली,,,, राजू तुरंत हैंड पंप चलाना शुरू कर दिया और मधु थोड़ा सा नीचे झुक कर नल से निकल रहे पानी को अपनी हथेली में लेकर अपने चेहरे पर मारने लगी वह अपने आप को तरोताजा करना चाहती थी लेकिन ऐसा करने पर एक बार फिर से उसकी दमदार वजनदार चूचियां ब्लाउज में लटक गई और यह देखकर राजू मन ही मन प्रार्थना करने लगा कि काश उसकी मां के ब्लाउज का बटन टूट जाता तो वह इस समय उस की चुचियों के दर्शन कर लेता लेकिन वह मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझ रहा था बाजार का माहौल था और यहां पर बहुत से लोग आ जा रहे थे ऐसे में अगर सच में उसकी मां के ब्लाउज के बटन टूट जाता है तो उसके साथ-साथ कई और लोगों की भी नजर उसकी मां की चुचियों पर गड़ जाती ,, और फिर बाजार में हड़कंप जाता और ऐसा राजू बिल्कुल भी नहीं चाहता था लेकिन फिर भी ब्लाउज के बटन ना टूटने के बावजूद भी आधे से ज्यादा चूचियां साड़ी के पल्लू से बाहर झांक रही थी जो कि इस समय केवल राजू को ही नजर आ रहे थे और राजू यह देखकर अनजाने में ही पजामे के आगे वाले भाग जो कि उठा हुआ था उसे हथेली में लेकर दबा दिया और उसकी इस हरकत पर उसकी मां की नजर पड़ गई तिरछी नजरों से अपने बेटे की हरकत को देखकर वह अपने आप पर नजर डाली तो हक्की बक्की रह गई शर्म से उसके गाल लाल हो गए और वह तुरंत खड़ी हो गई लेकिन तब तक वह पानी पी चुकी थी,,, अपने बेटे की इस तरह की हरकत देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ जा रही थी वह अपने बेटे को किसी भी सूरत में रोक नहीं पा रही थी नाही उसे इस तरह की हरकत दोबारा ना करने की सलाह दे रही थी जो कि जाहिर था कि उसे भी अपने बेटे की हरकत और उसकी बातें कहीं ना कहीं अच्छी लग रही थी और उसे इस बात का करो भी हो रहा था कि एक जवान लड़का इस उम्र में भी उसके पीछे इस कदर दीवाना है,,,,।


अब तू भी हाथ मुंह धो ले और पानी पी ले काफी लंबा सफर तय करके आए हैं यहां पर थोड़ी देर आराम से बैठेंगे फिर चलेंगे,,,

तुम ठीक कह रही हो मां मेरी भी कमर अकड़ गई है,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही दोनों हथेली को जोड़कर वह है नल की तरफ मुंह करके झुक गया और मधु नल चलाना शुरु कर दी थोड़ी देर में डालने से पानी निकलना शुरू हो गया और वह भी अपनी मां की तरह ही अपने चेहरे पर पानी की बूंदे छठ पर और हाथ पैर धो कर पानी पीकर एकदम तरोताजा महसूस करने लगा,,,, पास में ही गरम गरम समोसे और जलेबियां छन रही थी,,, जिस पर नजर पड़ते ही राजू बोला,,,)

तुम यहीं बैठो मैं जलेबी और समोसे लेकर आता हूं,,,,

ठीक है,,,(और इतना कहने के साथ ही दुकान वाले ने बैठने के लिए लकड़ी का पाटी लगाया हुआ था उसी पर मधु अपनी गदराई गांड लेकर बैठ गई,,,, और अपने बेटे के बारे में सोचने लगी,,, कि उसका बेटा इस कदर बेशर्म हो जाएगा वह कभी सोची नहीं थी धीरे-धीरे उसके सामने व खुलता चला जा रहा है कहीं ऐसा ना हो कि वह उसके साथ जबरदस्ती करना शुरू कर दें,,,, अपने बेटे के बारे में यही सब सोच रही थी कि तभी थोड़ी देर पहले उसकी कही बात याद आ गई कि उसके मोटे तगड़े लंड से चूदकर वह तृप्त हो जाएगी जो कि आज तक वह कभी भी असली सुख नहीं पाई है,,, अपने बेटे के कहीं बात पर गौर करते हुए बस सोचने लगी कि क्या वास्तव में उसने चुदाई का असली सुख अभी तक नहीं हो पाई है क्या उसका पति उसे वह असली सुख नहीं दे पाता जो उसे चाहिए रोज यही तो है उसकी चुदाई करता है और रोज ही वह खुद एकदम मस्त हो जाती है,,,, इन सब बातों को सोच कर उसके जेहन में एक बात कचोटने लगी कि क्या वास्तव में अपने पति से चुदवा कर वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है जिसे सुख को प्राप्त करके वह गहरी नींद में सो जाती है क्या वह सुख भी अधूरा है क्या वह संभोग का असली सुख नहीं है क्या इससे भी आगे कोई अद्भुत और अलग सुख है जो औरत को पूरी तरह से मस्त कर देता है प्रीत कर देता है क्या उसी सुख के बारे में उसका बेटा उससे बात कर रहा था क्या वास्तव में उसके बेटे के लंड की ताकत उसके पति के लंड की तुलना में बहुत ज्यादा है,,,, कहीं ऐसा तो नहीं मोटे और लंबे लंड से चुदवाकर और भी ज्यादा मजा आता है कहीं अपने पति के अपने बेटे से छोटे लंड से चुदवाकर असली सुख नहीं प्राप्त कर पा रही है,,,,,, क्या अब तक वह अधूरी ही है,,, संपूर्ण स्त्रीत्व सुख हुआ अभी तक प्राप्त नहीं कर पाई भले ही रोज अपने पति से शारीरिक संबंध बनाती है अगर ऐसा है तो उसके बेटे को यह ज्ञान कहां से मिला की औरत को छोटे लंड से ज्यादा मोटे लंड और लंबे लंड में ज्यादा सुख मिलता है उसके बेटे को यह कैसे पता चला कहीं ऐसा तो नहीं कि राजू का कहीं किसी औरत के साथ संबंध है या किसी औरत ने उसे यह बताई हो की औरतों को लंबे और मोटे लंड से ही ज्यादा मजा आता है,,,, नहीं सब सोचकर एक बार फिर से मधु अपनी बुर को गीली कर रही थी और तभी राजू दोनों हाथ में समोसा और जलेबी या लेकर आगे और पास में बैठ कर अपनी मां को थमाने लगा,,, मधु अपने बेटे के हाथ से जलेबियां लेकर खाना शुरु कर दी बड़ी दूर से आ रही थी इसलिए भूख लगी हुई थी और अभी दूर तक जाना भी था और वापस भी लौटना था,,,।
मधु बाजार में



दोनों समोसे और जलेबी हो का लुफ्त उठाते हुए बाजार में चारों तरफ नजर घुमा रहे थे हर तरफ अनाज की दुकान तो कहीं चूड़ियों की दुकान कहीं लड़कियों के रूप सिंगार की दुकान तो कहीं चाय समोसे चाट की दुकान सब अपना अपना दुकान लगाए बैठे थे और गांव के लोग खरीदारी करके एकदम खुश नजर आ रहे थे,,,,,, गांव के बाजार में घूमने का चाट समोसा जलेबी या खाने का मजा ही कुछ और होता है यह बात दोनों अच्छी तरह से जानते थे इसलिए इस समय बाजार का वह पूरा लुफ्त उठाना चाहते थे,,,,,, मधु की नजर बाजार में एक तरफ चूड़ियों की दुकान पर बिकी हुई थी उसे अपने लिए रंग बिरंगी चूड़ियां खरीदनी थी लेकिन पैसे उतने लाई नहीं थी लेकिन फिर भी अपने मन में सोची थी चलकर एक बार देख तो ले कुछ नहीं तो देख कर ही अपना मन बहला लेगी,,,, यही सोच कर थोड़ी ही देर में दोनों समोसे और जलेबियां खाकर खड़े हो गए और एक बार फिर से दोनों हेड पंप से पानी पीकर अपने आपको भूख से तृप्त कर लिए,,,,,,।



old dominion humane society
जिस पेड़ के नीचे बेल बना हुआ था वहां ढेर सारी कहां सूखी हुई थी इसलिए उसके खाने की कोई चिंता नहीं थी,,,, मधु का मंत्र थोड़ी देर बाजार में घूमने का हो रहा था इसलिए वह राजू से बिना कुछ बोले आगे आगे चलने लगे और पीछे पीछे राजू चलने पर मधु की चाल बेहद मादक नजर आ रहे थे उसकी उभरी हुई बड़ी बड़ी गांड कसी हुई साड़ी में और भी ज्यादा उभरकर मटक रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे साड़ी के अंदर दो बड़े-बड़े खरबूजे बांध दिए गए हो,,,, राजू को इस बात का अच्छी तरह से एहसास था कि बाजार में आए मर्दों की नजर उसकी मां की खूबसूरती पर जरूर पड़ेगी खास करके मटकती उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर और लटकते हुए उसके दोनों खरबूजो पर,,, और जब वह यही देखने के लिए बाजार के हर मर्दों के नजर को भागने लगा तो उसका सोचना एकदम सही निकला सड़क के किनारे दुकानों पर बैठे मर्दों के साथ साथ आते जाते हुए मर्दों की नजर उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड पर लार टपका ते हुए चिपकी हुई थी जो पीछे से देख रहा था वह उसकी मां की गांड को देख रहा था और जो आगे से देख रहा था तो उसकी नजर उसकी मां की चुचियों पर पड़ रही थी उसकी मां के खूबसूरत बदन का अगाडा और पिछवाड़ा दोनों बेहतरीन तरीके की बनावट में बना हुआ था उसकी मां के बदन से हर अंग से मधुर रस टपक रहा था जिसे पीने के लिए बाजार का हर एक मर्द लार टपका रहा था,,,,, यह देखकर राजू को तो गुस्सा आ ही रहा था लेकिन उसे इस बात का गर्व भी हो रहा था कि इस उमर में भी उसकी मां की खूबसूरती और बदन की बनावट एकदम बरकरार थी आज भी उसकी मां जवान लड़कियों से पानी भरवा दे ऐसी हुस्न की मल्लिका थी,,,,,,


मधु आ गया के चल रही थी और राजू पीछे-पीछे मधु सड़क के दोनों छोर पर बनी दुकानों को देखते हुए आगे बढ़ रही थी और राजू अपनी मां की खूबसूरती का रसपान अपनी आंखों से करता हुआ आगे बढ़ रहा था,,,, जेसे ही चूड़ियों की दुकान आई उसकी मां के पैर ठीठक गए राजू को समझते देर नहीं लगी कि उसकी मां चूड़ियां खरीदना चाहती है,,,, और देखते ही देखते उसकी मां चूड़ियों की दुकान की ओर आगे बढ़ गई और वहां खड़ी होकर रंग बिरंगी चूड़ियों को बड़ी हसरत भरी निगाह से देखने लगी,,,, मधु जानती थी कि वह पर्याप्त पैसे लेकर नहीं आई है कि बाजार से खरीदारी कर सके इसलिए वह जानती थी कि देखने किसी और कुछ नहीं कर सकती राजू खड़ा-खड़ा अपनी मां की हसरत भरी निगाहों को देख कर खुश हो रहा था इसलिए आगे बढ़कर वह अपनी मां से बोला,,,।

चूड़िया लेना है क्या,,,?


अरे नहीं-नहीं मैं तो देख रही थी,,,,

(उसका इतना कहना था कि तभी राजू लाल रंग की चुडीयो को अपने हाथ में उठाकर अपनी मां को दिखाते हुए बोला,,)

तुम पर यह बहुत अच्छी लगेगी,,,, तुम्हारी गोरी कलाई में लाल रंग की चूड़ियां खूब जचेंगी,,,


अरे नहीं नहीं राजू तू रहने दे मेरे पास पैसे नहीं है,,,

क्या तुम भी,,,, पसंद है तो ले लो सोचना कैसा,,,

मधु की चौडी गांड


अरे पागल हो गया है क्या सोचने से क्या ले सकती हूं क्या मेरे पास पैसे नहीं है अभी दवा लेने जाना है पता है ना तुझे,,,


अरे तुम्हें पैसे देने के लिए कौन कह रहा है मेरे पास पैसे हैं तुम बस ले लो,,,


तेरे पास पैसे हैं,,,(आश्चर्य से राजू की तरफ देखते हुए) तेरे पास पैसे कहां से आए,,,,


अरे मैं गांव के लड़कों की तरह निकालना नहीं हूं बेल गाड़ी चलाता हूं काम करता हूं दो पैसे मैं अपने खर्च के लिए भी रखता हूं,,,,



तेरे पिताजी को मालूम है,,,


नहीं यह तो मेरी बचत के पैसे हैं मैं इसी दिन के लिए रखा था कि तुम लोगों के लिए कुछ खरीद सकूं,,, और लगता है कि आज वह दिन आ गया है,,,,।

(अपने बेटे की बात सुनकर मधु बहुत खुश हो रही थी और उसे इस बात की भी खुशी थी कि उसका बेटा उसे चूड़ियां दिला रहा था एक बार फिर से राजू अपनी मां से बोला)

लेना है ना,,,

अब तू जीत कर रहा है तो ले लेती हूं लेकिन गुलाबी के लिए भी ले लेना उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि सिर्फ मैं अपने लिए खरीद कर लाई हूं,,,


हां हां ठीक है,,, ए चूड़ी वाले यह लाल रंग की चूड़ियां पहना देना तो,,,
(दुकानदार जो कि दूसरे ग्राहकों को चूड़ी पहनाने में व्यस्त था वह राजू की तरफ देख कर बोला)

हां बेटा बस थोड़ी देर रुको मैं पहना देता हूं,,,

(उस दुकानदार की बात सुनकर राजू मुस्कुराते हो अपनी मां की तरफ देखा तो मधु भी मुस्कुराने लगी आज उसे बहुत अच्छा लग रहा था कि उसका बेटा उसे चूड़ी पहनाने जा रहा था जिंदगी में पहली बार उसका बेटा उसके लिए कुछ खरीद रहा था और वह भी चूड़ियां,,,,)

आओ जब तक वह दूसरों को पहना रहा है तब तक यहीं बैठ जाते हैं,,,(और क्या कहने के साथ ही दुकान के बाहर रखे पाटीए पर दोनों मां-बेटे बैठ गए,,,, बाजार में चहल-पहल ज्यादा ही थी लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे लोग खरीदारी कर रहे थे,,, तभी उसकी मां बोली,,,)

अगर तेरे पास पैसे हो तो चलते समय समोसे और जलेबियां भी ले लेना घर के लिए,,, और थोड़े खरबूजे भी ले लेना मुझे खरबूजे बहुत पसंद है पैसे तो ‌है ना तेरे पास,,,

हा मा तुम चिंता मत करो तुम जो बोलोगी मैं वह खरीद लूंगा बस,,,,(इतना कहकर राजू अपने मन में ही कहने लगा कि बस एक बार तुम अपनी बुर मुझे दे दे तो पूरी दुनिया तुम्हारे नाम कर दूं और इतना अपने मन में कह कर वह अंगड़ाई लेने लगा थोड़ी ही देर में उसकी मां का नंबर आ गया और वह चूड़ी पहनने लगी राजू या देखकर मन ही मन सोच रहा था कि,,, ए चूड़ी वाले की भी किस्मत कितनी अच्छी है कि गांव की खूबसूरत से खूबसूरत औरत और लड़की का हाथ पकड़कर उन्हें चूड़ी पहना था है और इस समय भी वह बेहद खूबसूरत औरत को अपने हाथों से चूड़ी पहना रहा है जिसका हाथ पकड़ने की सिर्फ सोच कर ही ना जाने कितने लोग उत्तेजित हो जाते हैं उसकी कलाई को अपने हाथों से पकड़कर वह चूड़ी वाला कितना मस्त हुआ जा रहा होगा जरूर उसका लंड खड़ा हो गया होगा उसकी मां का हाथ पकड़कर उसे चूड़ी पहनाते हुए,,,, राजू उस चूड़ी वाले की निगाह को भी बड़े गौर से देख रहा था और समझ रहा था कि वह चूड़ी वाला उसकी मां की बड़ी बड़ी चूची की तरफ देखकर लार टपका रहा था जो कि ब्लाउज में से आधे से ज्यादा झांक रही थी और अपने मन में यदि सोच रहा था कि वह चूड़ी वाला उसकी मां को चोदने की कल्पना भी कर रहा होगा हालांकि इस तरह के ख्याल से उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन अपनी मां की खूबसूरती और उसके खूबसूरत बदन को लेकर गर्व भी महसूस हो रहा था,,,,

थोड़ी ही देर में चूड़ी वाले ने ढेर सारी चूड़ियां मधु को पहना दिया और राजू ने अपनी बुआ के लिए भी चूड़ियों को एक लिफाफे में बंधवा कर ले लिया,,,, दोनों दुकान से वापस जाने लगे तो राजू अपनी मां की गोरी गोरी कलाइयों में भरी हुई चूड़ियों को देखकर बोला,,,।

देखो माफ तुम्हारा हाथ कितना सुंदर लग रहा है और कितनी खनखन की आवाज भी आ रही है अब तुम्हारी सुंदरता और ज्यादा बढ़ गई है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर मधु शर्मा गई तभी उसे खरबूजे का ठेला नजर आया तो वह उस तरफ उंगली दिखा कर बोली,,,)

राजू ओ रहे खरबूजे थोड़े बहुत खरीद ले,,,

जरूर,,,, लेकिन तुम्हारे पास तो सबसे बेहतरीन खरबूजा है फिर भी खरबूजा खरीद रही हो,,,

क्या,,,?

ककक कुछ नहीं तुम यहीं रुको मैं लेकर आता हूं,,,
(इतना कहकर राजू तुरंत उस ठेले पर खरबूजा खरीदने चला गया और मधु भाई खड़ी-खड़ी अपने बेटे की बात पर गौर करने लगी उसके बेटे ने उसकी चूचियों की तुलना खरबूजा से किया था इस बात का एहसास मधु को भी हो रहा था और वहां अंदर ही अंदर शर्मा भी रही थी कि उसका बेटा उसके सामने एकदम बेशर्म हुआ जा रहा है,,, दूसरी तरफ राजू बड़े बड़े खरबूजे को बीन कर खरीद रहा था राजू खरगोशों की तुलना अपनी मां की चुचियों से करता हुआ उतना ही बड़ा खरबूजा खरीद रहा था जितनी बड़ी उसकी मां की चूचियां थी और देखते ही देखते ‌आंठ दस खरबूजा वह खरीद लिया और अपनी मां की तरफ आने लगा,,,, यह देखकर मधु और खुश हो रही थी कि उसके बेटे ने ज्यादा खरबूजा खरीद लिया था खरबूजा शुरू से ही मधु को बेहद पसंद था खरबूजे के थैले को अपनी मां को पकड़ते हुए राजू एक बार फिर से मस्ती करते हुए बोला,,,)

देख लो मआ तुम्हारे से ना छोटी है ना बड़ी तुम्हारे ही जैसी है,,,,(राजू के कहे अनुसार मधु खरबूजा के आकार को देखकर मन ही मन शरमा गई क्योंकि वाकई में उसके बेटे ने एकदम उसकी चुचियों के आकार के ही खरबूजे खरीदे थे,,,, मधु अपने बेटे की बात को सुनकर मन ही मन शर्मिंदगी महसूस कर रही थी और तभी राजू समोसे और जलेबी की दुकान पर वापस जाकर,,, घर के लिए समोसे और जलेबी या बंधवाने लगा,,,,,, जब तक वह‌जलेबी और समोसे बंधवा रहा था तभी मधु को जोरों की पेशाब लगी वह इधर-उधर देखने लगी,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इस भीड़भाड़ वाले बाजार में हुआ पेशाब करने के लिए कहां जाएं अपने मन में सोचने लगी कि जो औरतें इधर आती है अगर उन्हें पेशाब लगती है कहीं ना कहीं तो जाती ही होंगी,,,, उसके पेशाब की तीव्रता बढ़ती जा रही थी वह कभी राजू की तरफ देख रही थी जो कि दुकान पर खड़ा होकर जलेबी और समोसे ले रहा था और तो कभी बाजार की भीड़ को देख रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था और वह‌ दुकान के पीछे वाले धागे की तरफ जाने की सोची क्योंकि दूसरी तरफ दूर-दूर तक जंगली झाड़ियां नजर आ रही थी,,,,।
Madhu dusri aurto ko pesab karte huye dekhi

पर वह अपने पेशाब की तीव्रता पर काबू न कर पाने की वजह से राजू को बताए बिना ही समोसे की दुकान की पीछे की तरफ जाने लगी और देखते ही देखते वह‌दुकान के पीछे आ गई दुकान के पीछे खड़ी होकर वहां दूर-दूर तक नजर दौड़ाने लगी तो देखी कि चारों तरफ जंगली झाड़ियां और खेत ही खेत है तभी वो थोड़ा और आगे जाने लगी क्योंकि जहां पर वह खड़ी थी आते जाते लोगों की नजर वहां पहुंच जा रही थी और वहां लोगों की नजर के सामने पेशाब करना नहीं चाहती थी 1015 कदम आगे चलने पर उसे सामने कुछ औरतें पेशाब करती हुई नजर आई तो वह खुश हो गई उसे लगने लगा था कि औरतें इतनी पेशाब करती है,,,, उसके वहां पहुंचने तक वह औरतें वहां से चली गई और वहां जाकर तुरंत वहीं पर खड़ी हो गई जहां पर वह औरतें पेशाब कर कर गई थी,,, वहीं दूसरी तरफ राजू समोसे और जलेबी बंधवा लिया था और अपनी मां को इधर उधर देख रहा था और कहीं भी उसकी मां नजर नहीं आती फिर से समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी मां कहां चली गई,,,, उसे भी बड़े जोरों की पेशाब लगी थी इसलिए वह अपने मन में सोचा कि चलो दुकान के पीछे जाकर पेशाब कर लेते हैं उसके बाद देखते हैं कि उसकी मां कहां गई है,,,, और राजू भी दुकान के पीछे वाले भाग पर आ गया और दो चार कदम आगे चलने पर उसे झाड़ियों में सुरसुरा हक की आवाज सुनाई दी तो वह उस तरफ नजर करके देखने लगा तो उसकी आंखों में चमक आ गई क्योंकि तीन चार मीटर की दूरी पर ही उसकी मां अपनी साड़ी को कमर तक उठा कर बैठी हुई थी और मुत रही थी,,, यह देखते ही राजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया ,,,,, सुनहरी धूप में उसकी मां की गोरी गोरी गाल और ज्यादा चमक रही थी जिसे देखकर राजू पागल हुआ जा रहा था,,,, उसकी मां को इस बात का अहसास तक नहीं था कि उसके ठीक पीछे झाड़ियों में खड़ा होकर उसका बेटा उसकी नंगी गांड के साथ-साथ उसे पेशाब करता हुआ देख रहा है अगर यह बातों से पता चल जाए तो शायद वह शर्म से पानी पानी हो जाए,,,,,।


राजू झाड़ियों के पीछे अपने आप को छिपाया हुआ था लेकिन इस तरह से कि अगर उसकी मां की नजर उस पर पड़े तो वह उसे अच्छी तरह से देख पाए लेकिन उसे बिल्कुल भी शक ना हो कि राजू जानबूझकर वहां पर खड़ा है,,,,, इसलिए राजू चला कि दिखाता हुआ अनजान बनता हुआ धीरे से गीत गुनगुनाने लगा ताकि उसके गीत की आवाज उसकी मां सुन सके और पीछे नजर घुमाकर देख सके इसलिए वह अपने पजामे को नीचे करके अपने खड़े लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और गीत गाता हुआ पेशाब करने लगा,,,, उसकी युक्ति काम कर गई गीत की आवाज सुनकर उसकी मां तुरंत पीछे नजर घुमाकर देखी तो झाड़ियों के पीछे राजू खड़ा था वो एकदम से घबरा गयी उसे लगा कि उसका बेटा झाड़ियों के पीछे खड़ा होकर उसे पेशाब करता हुआ देख रहा है लेकिन तभी उसे एहसास हुआ कि उसका बेटा गीत गुनगुनाता हुआ पेशाब कर रहा था,,, जिसका मतलब साफ था कि उसका बेटा इस बात से अनजान था कि उसके थोड़ी ही दूर पर उसकी मां बैठकर पेशाब कर रही है,,,,,, अब उसे बहुत शर्म आ रही थी उसकी बुर से अभी भी पेशाब की धार बह रही थी लेकिन एकदम से घबरा गई थी अगर इस समय बहुत पर खड़ी हो जाती तो उसका बेटा उसे देख लेता और ऐसा वह बिल्कुल भी नहीं चाहती थी एकदम शांत हो गई और अपनी पेशाब को थोड़ी देर के लिए रोक ली ताकि उसमें से आ रही सीटी की आवाज उसके बेटे के कानों तक ना पहुंच पाए,,, एक बार फिर से वहां झाड़ियों की तरह देखी तो इस बार उसके होश उड़ गए क्योंकि इस बार उसकी नजर उसके बेटे के खड़े टनटनाते लंड की तरफ गई थी और यह देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी कि उसका बेटा अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाता हुआ पेशाब कर रहा था,,,, मधु को अपने बेटे का लंड एकदम साफ नजर आ रहा था और एकदम भयानक आकार का दिख रहा था जिसके बारे में सोच कर अनजाने में ही उसके मन में यह ख्याल आ गया कि अगर इतना मोटा लंड उसकी बुर में घुसेगा तो क्या होगा,,, एकदम से मधु की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और झाड़ियों के पीछे खड़ा राजू चोर नजरों से अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देख रहा था जो कि उसने अभी तक यह जानते हुए भी कि झाड़ियों के पीछे उसका बेटा खड़ा है अपनी गांड को साड़ी से ढकने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की थी,,, ऐसा नहीं था कि वह जानबूझकर अपने बेटे को अपनी गांड के दर्शन करा रही थी वह बस घबराहट में भूल गई थी साड़ी को नीचे करना,,,।

राजू कुछ देर तक अपनी मां के गांड के दर्शन करता रहा और पेशाब कर कर अपनी मां से पहले वहां से जाना चाहता था इसलिए तुरंत वहां से चला गया क्योंकि वह‌यह नहीं बताना चाहता था कि वह इस बात को जानता है कि उसकी मां वही पेशाब कर रही है इसलिए राजू के तुरंत वहां से जाते हैं एक बार फिर से मधु पेशाब की धार को अपनी गुलाबी छेद से बाहर निकालने लगी और थोड़ी देर में पेशाब करके वहां दूसरी तरफ से घूम कर बैलगाड़ी के पास जाकर खड़ी हो गई तब तक राजू उसे ढूंढ रहा था जब देखा कि उसकी मां रेलगाड़ी के पास खड़ी है तो वह तुरंत वहां पर आया और बोला,,।

कहां चली गई थी मां मैं तुम्हें कब से ढूंढ रहा था,,,(राजू जानबूझकर यह बात अपनी मां से बोला था ताकि उसकी मां को यही लगे कि वाकई में उसने उसे पेशाब करते हुए नहीं देखा है उसकी मां भी बात बनाते हुए बोली,,,)

कहीं नहीं बहुत दिन बाद बाजार आई थी ना इसलिए थोड़ा घूम कर आई हूं,,,,।
(मधु को ऐसा ही लग रहा था कि उसके बेटे ने उसे पेशाब करते हुए नहीं देखा है और राजू अपनी मां का जवाब सुनकर मन ही मन अपने आप से बोला ,,, कि कितना झूठ बोल रही है ऐसा साथ-साथ नहीं कह देती कि मैं मुत के आ रही हूं,,,,, फिर वह अपने मन में सोचा कि चलो अच्छा ही हुआ कि उसकी मां को पता नहीं था कि वह उसे देख लिया है,,,, लेकिन इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि जिस तरह से वह खड़ा होकर पेशाब कर रहा था जरूर उसकी मां उसके खड़े लंड को देखी होगी,,,, यह सोचता हुआ थोड़ी ही देर में वह चलने के लिए तैयार हो गया बेल गाड़ी पर बैठने मैं अपनी मां की सहायता करने लगा और उसकी मां एक बार फिर से ऊपर चढ़ते समय अपनी बड़ी बड़ी गांड को भरकर बेल गाड़ी में बैठ गई और राजू बेल गाड़ी पर बैठकर बेल को हाक कर आगे बढ़ गया,,,।)
बहुत ही गजब का मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
आगे क्या क्या हो सकता है उसका अंदाज ये अपडेट में मिलता हैं बस समय कब आता हैं वो देखते हैं आगे
 

hon3y_gill

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पांच बार पढ़ लिया छठवीं बार पढ़ रहा... मैं क्या कहूं कुछ समझ नहीं आ रहा...सब कुछ ऐसा लग रहा जैसे मेरी आंखों सामने चल रहा.. मुझे इसके और भी अपडेट्स चाहिए
रोनी भाई प्लीज 🙏
 

Raj_sharma

Well-Known Member
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असली तूफानी बारिश का मजा मधु को आज पहली बार मिल रहा था और राजू भी इससे पहली बार अवगत हो रहा था राजू धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपनी मां के मुंह को चोद रहा था जलती हुई आप की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था उसकी मां का नंगा बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी में राजू पूरी तरह से हो चुका था वह एक तरफ लंड चुदाई का मजा लूट रहा था तो दूसरी तरफ अपने दोनों हाथों से अपनी मां की पपाया जैसी चूची को जोर जोर से दबा रहा था जिससे मधु भी अंदर ही अंदर से लौट रही थी उसकी बुर में आग लगी हुई थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर की गहराई में देखना चाहती थी,,,,।

बाहर बारिश अपना चोर दिखा रही थी और अंदर राजू अपना जोर दिखा रहा था दोनों मां बेटों का जोश बढ़ता चला जा रहा था दोनों को विश खंडहर में स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे यह खंडहर उन्हें दोनों के लिए बना हो,,,, दोनों शायद अपने घर में इस तरह का सुख प्राप्त नहीं कर सकते थे जितना आनंद उन्हें इस तूफानी बारिश में इस डरावने खंडहर में मिल रहा था,,,, मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि बाप रे उसके बेटे का लंड कितना मोटा और लंबा है अगर उसकी बुर में जाएगा तो उसकी बुर फाड़ देगा,,,, कुछ देर तक राजू इसी तरह से मजा लेता रहा और बार-बार अपनी हथेली को नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां की बुर पर रखकर उसे जोर से मसल दे रहा था जिससे मधु खुद अपने बेटे के लंड को लेने के लिए तड़प‌ उठ रही थी,,, राजू समझ गया था कि अब उसकी मां को लंड की जरूरत है इसलिए वह हीरे से अपने लंड को अपनी मां के मुंह से बाहर निकाल लिया,,,, मधु की पूरी तरह से अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए मौन स्वीकृति दे दी थी,,,।

राजू गहरी गहरी सांस ले रहा था मधु पीठ के बल लेटकर अपनी बेटी के लंड को देख रही थी जो कि उसके थूक और लार से पूरी तरह से सना हुआ था,, जलती हुई आग की रोशनी में उसके बेटे का लंड एकदम चमक रहा था जिसकी चमक में वह पूरी तरह से अपनी जवानी अपने बेटे के कदमों में निछावर करने के लिए तैयार हो चुकी थी,,, राजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए बोला,,।

बोलो तो मां मै ईसे तुम्हारी बुर में डाल दुंं,,
(अपने बेटे की बात सुनकर मुझे कुछ बोले नहीं बस शर्मा कर अपनी पलके झुका कर दूसरी तरफ मुंह फेर ली,,, यह मधु की तरफ से मौन स्वीकृति थी लेकिन राजू अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)

ऐसे नहीं मां तुम अपने मुंह से बोलो तभी मैं आगे बढ़ुंगा,, मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल दूं,,,

इसमें पूछने वाली कौन सी बात है तु मुझे इतना तड़पा रहा है,,, अब जब तक तू अपने लंड को मेरी बुर में डालेगा नहीं तब तक मुझे भी चैन नहीं मिलेगा,,,

ओहहहह मां यह हुई ना बात इसे कहते हैं औरत वाली बात अब देखना मैं तुम्हारी कैसे चुदाई करता हूं पिताजी को तो तुम भूल ही जाओगी मेरा लंड एक बार अपनी बुर में लोगी तुम मस्त हो जाओगी तुम्हें ऐसा मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आगे और मधु खुद अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा फैला दी राजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की कमर के नीचे से ले गया और उसकी कमर थाम कर उसे अपनी जांगू पर चढ़ा लिया उसकी यादें गाना राजू की जांघों पर टिकी हुई थी राजू पूरी तरह से तैयार था अपनी मां की बुर में समाने के लिए मधु की बुर पूरी तरह से चिपचिपी हो चुकी थी जिससे मोटा लंड अंदर जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आती और मधु की यह देखना चाहती थी कितना मोटा लंड उसकी बुर में जाने के बाद कैसा दिखता है इसलिए वह अपने हाथ की कोनी का सहारा लेकर अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर चुकी थी राजू बेशर्मी की हद पार करते हुए अपने मोटे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर लंड के हथौड़े को अपनी मां की गुलाबी बुर पर पटकने लगा मानो कि जैसे लोहे की पाटी को अपने हथौड़े से पीट रहा है,,, लेकिन अपने बेटे की इस हरकत से मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी एक बार तो वहां बुर में लंड डालने से पहले अपने लंड को उसके नीचे ले जड़ से पकड़ कर उसे पूरा का पूरा बुर के ऊपर रखकर लंबाई नापने लगा जो कि पेट तक आ रहा था यह देखकर मधु थोड़ा सा घबरा गई और राजू चुटकी लेता हुआ बोला,,।

देखना मैं मैं तुम्हारी बुर से डालूंगा और गांड से निकाल लूंगा,,,

चल देखती हूं तेरी मर्दानगी,,,

यह बात है तो यह लो,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू ढेर सारा थूक अपने मुंह में लिए हुए ही उसे अपनी मां की बुर पर गिराने लगा जिससे उसकी बुर और ज्यादा गिरी हो गई और राजू अपने मोटे लंड के सुपाडे को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर उसे धीरे धीरे अंदर की तरफ सरकारने लगा,,, मधु को एकदम साफ नजर आ रहा था जलती हुई लकड़ी की रोशनी में मधु अपने बेटे के लंड को जो की बहुत मोटा था अपनी बुर के अंदर घुसता हुआ देख रही थी उसे धीरे-धीरे दर्द महसूस हो रहा था क्योंकि इतना मोटा लंड उसने आज तक अपनी बुर में नहीं ली थी इसलिए उसे थोड़ा दिक्कत आ रहा था लेकिन राजू पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ था वह जानता था कि औरत को कैसे काबू में किया जाता है,,, राजू के लंड का सुपाड़ा अभी आधा ही घुसा था और मधु को थोड़ा दर्द महसूस होने लगा जो कि उसके चेहरे से लग रहा था इसलिए राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को पकड़ लिया था और हल्के से अपनी कमर को आगे खेल दिया जिससे, भक से लंड का सुपाड़ा बुर की गुलाबी पत्तियाो को चीरता हुआ अंदर सरक गया,,,, मधु की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी राजू के लंड का मोटा से बड़ा बुर के अंदर घुस जाने के बाद राजू के लिए आगे का कार्य एकदम आसान हो चुका था वह देखते ही देखते अपने लंड को और अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया लंड की मोटाई इतनी ज्यादा थी कि मधु को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर अपने बेटे के लंड की रगड़ एकदम साफ महसूस हो रही थी जिससे उसका मजा दुगना होता जा रहा था हालांकि थोड़ा बहुत दर्द का भी उसे महसूस हो रहा था लेकिन इस दर्द के आगे जो सुख मिल रहा था उसके आगे दर्द कोई मायने नहीं रख रहा था,,,,, राजू का लंड आधा उसकी मां की बुर में घुस चुका था और राजू अपने हाथ की हरकत को आगे बढ़ाते हुए कभी चूची को पकड़ ले रहा था तो कभी कमर को कस के पकड़ ले रहा था वह अपनी मां के नंगे चिकने पेट पर अपनी हथेली को सहला रहा था यह मधु को सांत्वना भी दे रहा था कि थोड़ी देर में मजा आने वाला है और देखते ही देखते राजू का पूरा लंड मधु की आंखों के सामने उसकी बुर के अंदर समा गया मधु पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी कितना मोटा लंबा लंड जिसे वह देखकर कुछ पल के लिए घबरा गई थी कि वह अंदर कैसे ले पाएगी और वह देखते ही देखते उसकी बुर की गहराई में खो चुका था इससे मधु को खुशी भी हो रही थी और जिस तरह का सुख से प्राप्त हो रहा था इस तरह का सुख उसने अपने साथी के संपूर्ण जीवन में कभी प्राप्त नहीं कर पाई थी,,, पूरे लंड को अपनी मां की गहराई में डाल देने के बाद राजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां की तरफ देखा और बोला,,,।

देखा मां कितने आराम से तुमने मेरे लंड को अपने बुर में ले ली,,,,

डाल तो दिया है राजू अब कुछ कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।
(राजू अपनी मां के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था उसकी मां सीधे-सीधे उसे चोदने के लिए बोल रही थी इसलिए राजू एक पल की भी देरी किए बिना अपनी मां से बोला)

तुम बेफिक्र हो जाओ मां आज तुम्हें ऐसा सुख दूंगा ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,

कुछ भी करना बेटा लेकिन मेरी बुर मत फाड़ देना वरना घर जाकर तेरे पिताजी को कैसे अपना बुर दिखाऊंगी मुंह देखकर तो ऐसे भी उन्हें पता नहीं चलेगा लेकिन वह देखकर तो पता ही चल जाएगा कि रात भर किसी से चुदवा कर आई है,,,।


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो ऐसा कुछ भी नहीं होगा ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम लिया और अपने लंड को अंदर बाहर करके अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया शुरू शुरू में मोटे लंड की वजह से अंदर बाहर होने में थोड़ी बहुत दिक्कत पेश आ रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे मधु की बुर अंदर से पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से अंदर चिपचिपाहट सी हो गई थी और थोड़ी ही देर में राजू का लंड बड़े आराम से सटासट बुर के अंदर बाहर हो रहा था मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रहे थे इतना मोटा लंड जिंदगी में पहली बार वह अपनी बुर के अंदर ले रही थी इसलिए चुदाई का उसे परम आनंद प्राप्त हो रहा,,, राजू का सपना था अपनी मां को चोदना गांव भर की सारी औरतों को वह रोज चोदता रहा था लेकिन उसका सबसे बड़ा ख्वाब यही था कि वह कब अपनी मां की बुर में लंड डाले क्योंकि उसकी नजर में उसकी मां दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत ही और ऐसा था कि गांव भर में उसकी मां जैसी खूबसूरत औरत दूसरी और कोई नहीं थी उसके बदन की बनावट अभी भी जवान लड़कियों की तरह ही थी बस थोड़ा सा बदन भर गया था जिसकी वजह से वह और ज्यादा कामुक लगने लगी थी,, दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी चुदवाने पर ऐसा सुख प्राप्त करती थी और देती थी जिसे महसूस करके राजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था ऐसा सुख तो लाला की बहन को चोदने में भी उसे नहीं आया था जैसा सुख उसे अपनी मां को चोदने में आ रहा था,,,।

तूफानी बारिश में मधु की सिसकारियां पूरे खंडहर में गूंज रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी इस तरह से खुलकर चुदाई का मजा उसने आज तक नहीं रही थी भले ही रोज वह अपने पति से चुदवाती थी लेकिन ऐसा सुख उसे आज तक प्राप्त नहीं हुआ था राजू से पूरी तरह से मस्त कर दे रहा था कभी चूचियों को दबाता तो कभी कमर को लपक लेता तो कभी नीचे की तरफ झुक कर उसके होठों को चूसने लगता यह सब बेहद अद्भुत था मधु जैसी संस्कारी औरत के लिए तो यह सब अविस्मरणीय था वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी मस्ती के सागर में वह पूरी तरह से डूब ना शुरू कर दी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह की भी जुदाई होती है इस तरह का भी आनंद औरत को प्राप्त होता है लेकिन उसे इस बात का एहसास हो गया था कि मर्द दमदार होना चाहिए जो की औरत को पूरी तरह से नहीं छोड़ कर रख दे और वही कार्य समय उसका बेटा राजू कर रहा था वह पूरी तरह से अपनी मां को अपनी आगोश में लिए हुए था और अपने तेज धक्कों से उसे तृप्त कर रहा था मधु बार-बार अपने बेटे के लंड की ठोकर को अपने बच्चेदानी पर महसूस करके धन्य हो जा रही थी आज तक उसके बच्चेदानी तक उसके पति का लंड नहीं पहुंच पाया था लेकिन उसके बेटे के लंड का हर एक ठोकर उसे अपने बच्चेदानी पर महसूस हो रहा था जिससे उसका मजा दोगुना होता जा रहा था,,,,।

ओहहहह मां तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा चोदने में इतना मजा आता है मैंने आज तक कभी सपने में भी नहीं सोचा था लेकिन आज जो सुख मुझे मिल रहा है वैसे जिंदगी में नहीं भूल पाऊंगा मेरी जिंदगी की है रात सबसे हसीन रात है या यूं समझ लो कि आज की रात मेरी सुहागरात है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से सुहागरात वाली बात सुनते ही मधु एकदम से शर्मा कर लाल हो गई और पानी छोड़ने लगी यह देखकर राजू अपनी मां से बोला)

क्यों मैं शरमा गई क्या,,,?

तो और क्या तुझे पता है सुहागरात किसके साथ मनाई जाती है,,,

मुझे पता है अपनी पत्नी के साथ है जिसको रात भर चोदते हैं और आज की रात में तुम्हें चोद रहा हूं तो एक तरह से तुम मेरी बीवी हुई,,,

धत् पागल इस तरह की बातें कर रहा है मैं तेरे पिताजी की हूं समझा,,,

मुझे पता है,,(जोर-जोर से अपनी कमर हिलाते हुए) लेकिन आज तुम्हारी बुर में मेरा लंड गया है तुम्हें जो सुख में दे रहा हूं इस तरह से पिताजी ने भी कभी नहीं दिया होगा इसलिए अब तुम पर सबसे पहला हक मेरा है,,,.
(कोई और समय होता तो शायद अपने बेटे की इस बात पर वह उसके गाल पर थप्पड़ लगा दी होती लेकिन मौका और दस्तूर दोनों राजू के साथ था और मधु के साथ भी इसलिए राजू कि इस तरह की गंदी बातें भी मधु को अच्छी लग रही थी वह और कस के अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाकर अपने बेटे को चोदने के लिए मजबूर कर दी थी राजू पागलों की तरह अपनी मां को चोद रहा था उसकी बुर की चुदाई करके उसे तहस-नहस कर दे रहा था,,,, फुचच फुचच की आवाज लगातार मधु की बुर से आ रही थी और जांघ से जांघ टकराने से एक मधुर आवाज पैदा हो रही थी,, जो की दोनों की मदहोशी बढा रहा था,,, राजू अपने लंड को अपनी मां की बुर में पेलता हुआ बोला,,,।

सच-सच बताना मत मेरे लंड से तुम्हें ज्यादा मजा मिल रहा है ना,,,।

हारे बहुत मजा आ रहा है,,,


तुम्हारी बुर के अंदर पिताजी के लंड से ज्यादा रगड़ नहीं मिल रही हो कि कितना रगड़ मेरे लंड से मिल रही है,,,, है ना,,,,,


हा रे तु मुझे रगड़ रगड़ कर चोद रहा है,,,, मैं आज मान गई कि मैंने एक मर्द को जन्म दिया है,,,


अब तो तुम्हें डर नहीं लग रहा है ना इस खंडहर में,,,


सच कहूं तो आप तो मुझे बहुत मजा आ रहा है इस खंडरर में मैं कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह से किसी जंगल में खंडहर में रात बितानी पड़ेगी,,,

यह जान लो आज की रात हम दोनों की सुहागरात है और अब तो मैं रोज तुम्हारी जुदाई करूंगा मौका मिलते ही,,

अब तो मैं खुद तेरे बिना नहीं रह पाऊंगी लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए,,,

इस बात की किसी को कानों कान भनक तक नहीं पड़ेगी,,,,

(मधु अपने बेटे की हरकत और उसकी संगत में पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थी एक रंडी की तरह सवाल जवाब करते हुए अपने बेटे से चुदाई का मजा ले रही थी इस तरह का सुख उसने आज तक नहीं प्राप्त की थी जो सुख उसे उसका बेटा दे रहा था अपने बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई से वह पूरी तरह से भाव विभोर हो चुकी थी अपने बेटे का साथ देते हुए वह खुद अपनी कमर ऊपर की तरफ उछाल उछाल कर अपनी बेटी के लंड को अपनी बुर में ले रही थी,,,,, तूफानी बारिश और तेज हवाओं के स्वर में मधु की कामुकता भरी मादकता भरी गरमा-गरम सिसकारी की आवाज खंडहर में ही दबकर रह जा रही थी। राजू के हर एक धक्के के साथ मधु खंडार के जमीन पर आगे की तरफ सरक जा रही थी वह तो राजू उसकी कमर को कस के थामें हुए था,,,, राजू का हर एक जबरदस्त प्रहार मधु को अंदर तक सिहरन भर दे रहा था उसकी हर एक धक्के पर उसकी गोल-गोल खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छतियो पर लहराने लग जा रही थी,,,। देखते ही देखते मधु का बदन अकड़ने लगा राजू समझ गया कि उसकी मां का पानी निकलने वाला है और वह भी चरम सुख के बेहद करीब पहुंच चुका था इसलिए नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां को अपनी बाहों में कस कर उसकी चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और अपनी कमर को जोर जोर से हिला रहा शुरू कर दिया लगभग 20-25 धक्के के बाद दोनों की सांसें एकदम से तेज चलने लगी और दोनों एक दूसरे की बाहों में एकदम से समा गए और देखते ही देखते दोनों झड़ना शुरू कर दिए,,,
Bohot Khoob rony Bhai , ekdum must, damdar , chudai Daar, kamuk or mazedar Update Diye hai aapne , baal or lund Dono khade ho Gaye .
Atyant Gajab ki kamukta Hai aapki likhai me.
Great Update with Awesome And sexy writing style 🔥🔥🔥🔥🔥🔥💥💥💥💥💢💢💢💢💯💯
 

Raj_sharma

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सस्सस्सस्स ....... आग लगा दी आपने तो ........ उफ्फ्फ्फ़....... मधु के दिल की हालत क्या होगी इसकी कल्पना कर सकती हु ..... उसके तनबदन में जितनी आग लगी होगी उतनी ही .......ये अपडेट पढ़ के मुझ में भी लगी है ...... अति रमणीय .........बेहद कामुक वर्णन ....

अगले अपडेट की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी
Kaho to hum bhuja de aag 😁
 

Raj_sharma

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Rony bhai ye dil or lund mange more. 😍😍🤩🤩🔥
 
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