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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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बहुत ही जल्द राजू,, अशोक की बीवी को इस तरह से प्यार करेंगा



अशोक की बीवी भी बहुत जल्दी मस्ती के सागर में गोते लगाएगी

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sunoanuj

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Bahut barhiya updates … jaldi se ashok ki biwi or Raju ka sangam karwa do .. waiting for next update… 👏🏻👏🏻👏🏻
 

rohnny4545

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एक खटिया पर अशोक नशे में धुत होकर सोया हुआ था दूसरी खटिया पर राजु सोने की तैयारी मैं था,,हालांकि उसकी आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी और दोनों खटिया के बीच में चटाई बिछाकर अशोक की बीवी बेठी हुई थी उसके भी आंखों में नींद नहीं थी जिसका कारण था चोरों का डर और राजु का बमपिलाट लंड जिस का दर्शन वह अभी अभी कुछ देर पहले ही बाहर करके आई थी जब राजू उसकी आंखों के सामने जानबूझकर हाथ से हीलाते हुए मुत रहा था,,,,,,, अशोक की बीवी चटाई पर बैठे-बैठे राजू के लंड के बारे में सोच रही थी भले ही वह एकदम भोली थी ,,, लेकिन मर्दों के लंड के बारे में सोचते ही उसके तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगती थी हालांकि अभी तक वह किसी मर्दाना ताकत के बारे में लंड से वाकिफ ओर मुखातिब नहीं हुई थी,,, उसकी बुर में जाता भी था कि उसके पति का पतला और कमजोर लंड जो कि उसको पूरी तरह से अनुभव नहीं करा पाता था,,,,इसीलिए तो राजू के लंड को देखकर उसकी हालत खराब होने लगी थी वह सोच में पड़ गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बुर में जाता कैसे हैं,,, राजू अशोक की बीवी को इस तरह से विचार मग्न देख कर बोला,,,।
AAshok ki bibi or raju

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क्या हुआ भाभी नींद नहीं आ रही है क्या,,,?


हां बबुआ नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही है,,,


चोरों का डर लग रहा है क्या,,,?

हां,,,,?

अरे यहां चोर आने वाले नहीं हैं तुम चिंता मत करो मैं हूं ना,,,


और आ गए तो तब क्या करोगे,,,


मेरी ताकत पर भरोसा नहीं है भाभी,,, दो तीन से तो मैं ऐसे ही निपट लूंगा,,,, अच्छा एक बात बताओ रुपया पैसा ज्यादा रखी हो क्या,,,

नहीं तो,,,


फिर तो गहने खूब होंगे,,,


अरे नहीं बबुआ ऐसा कुछ भी नहीं है,,,


फिर काहे को डरती हो भाभी,,,, जब लुट कर ले जाने जैसा कुछ भी नहीं है,,,, हां,,,,,, लेकिन कृपया पैसा गहना से भी ज्यादा बेशकीमती चीज है तुम्हारे पास उसे जरूर लूट कर ले जाएंगे,,,,
Ashok ki bibi or raju


क्या,,,? नहीं नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है मेरे पास,,,


अरे भाभी तुम नहीं जानती कि तुम्हारे पास कितना पैसे कीमती खजाना है दुनिया की दौलत भी लुटा दो तो शायद उसे खरीद नहीं पाओगे,,,।


बबुआ तुम पहेली मत बुझाओ,,,मुझे तो बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्या कह रहे हो,,,, मेरे पास और वह भी बेशकीमती खजाना हो ही नहीं सकता,,, शादी जब हुई थी हमारी तब पिताजी के घर से सिर्फ यह कान की झुमकी मेरे पास उसके बाद ना तो वहां से कुछ मिला और ना ही यहां से,,,,
(राजु उसके भोलेपन की बात सुनकर मंद मंद मुस्कुरा रहा था,,,)

और अगर मैं दिखा दूं तो कि तुम्हारे पास बेशकीमती खजाना है तब बोलो क्या दोगी,,,,,


तो ,, क्या,,,,,मतलब ,,,की ,,,तुम्हें उस खजाने में से थोड़ा सा हिस्सा दे दूंगी और क्या,,,,(अशोक की बीवी को ऐसा ही था कि उसके पास खजाना जब है ही नहीं तो वह हिस्सा क्या देगी उसे ऐसा ही लग रहा था कि राजू सिर्फ ऐसे ही बातें बना रहा है,,,,,, और राजू उसकी बात को सुनकर मन बना दो मुस्कुराने लगा ,,, वह ऐसे नाजुक मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता था,,, और ऐसे ही मौके पर पुरी तरह से झपटता भी था,, और इसीलिए वह अशोक की बीवी से बोला,,,)
Ashok ki bibi k blouse ka button kholte huye

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तब इधर आओ खटिया पर बैठो तब मैं तुम्हें बताता हूं,,,।
(इतना सुनते ही अशोक की बीवी उठी और खटिया पर गार्डन कर बैठ गई लेकिन अभी भी उसके दोनों पैर खटिया के नीचे थे इसलिए राजू बोला)

अरे ठीक से बैठ जाओ भाभी पांव ऊपर करके तुम्हें इत्मीनान से दिखाता हूं कि तुम्हारे पास बेशकीमती खजाना क्या है और कहां पर है,,,,,(इस बार राजू की बात सुनकर वो थोड़ा सा सिहर उठी,, उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,, फिर भी उसकी बात मानते हो कि अशोक की बीवी अपने पैर खटिया पर रखकर बैठ गई वह राजू से एकदम सट कर बैठी थी,,,, राजू के तन बदन में भी उन्माद की लहर उठ रही थी,,,, अशोक की बीवी उसी तरह से भोलेपन से बोली,,,)

अब दिखाओ बबुआ,,,,, खजाना,,,,।

(उसकी उत्सुकता देखकर राजू की उत्तेजना बढ़ने लगी कभी-कभी उसकी बातें सुनकर उसे उसका भोलापन लगता था तो कभी-कभी राजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वह वाकई में भोली है या भोली होने का नाटक कर रही है,,, जो भी हो मजा तो राजू को दोनों तरफ से था,,,,,।
अशोक के बीवी की हालत बहुत ज्यादा खराब होती जा रही है इसके तन बदन उतेजना की लहर उठ रही थी बदन में शोले भड़क रहे थे राजू की हरकत को वह कुछ-कुछ वह समझ रही थी,, राजू के कहने का मतलब को थोड़ा-थोड़ा उसे समझ में आ रहा था लेकिन वह पूरा नतीजा देखना चाहती थी,, और राजू था कि आज उसे तारों की शेर कराना चाहता था,,,, राजू अशोक की बीवी से एकदम से सट गया थाऔरतों की बीवी के बदन की गर्मी से उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और एकदम से चुदवासा भी,,,, उत्तेजना का असर अशोक के बीवी की आवाज पर भी हो रहा था उसके स्वर भारी होते जा रहे थे,,, ऐसे ही वह गहरे स्वर में बोली,,,।



दिखाओ कहां है बेशकीमती खजाना,,,,।


उतावली मत करो भाभी एकदम इत्मीनान से दिखाऊंगा कि तुम्हारे पास कौन सी जगह पर बेशकीमती खजाना है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने हाथ को उसके पैरों की उंगलियों पर रखकर उसे हल्के हल्के सहलाने लगा,,,, धीरे-धीरे मदहोशी का असर अशोक की बीवी पर हो रहा था
और राजू पूरी तरह से अपनी हरकत पर उतर आया था धीरे-धीरे वह अपनी हथेलियों कोपेड़ के ऊपर की तरफ नहीं जा रहा था जिससे उसकी साड़ी भी धीरे-धीरे उठती चली जा रही थी,,,, अशोक की बीवी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन राजू की हरकत से उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,, राजू अपनी हरकत को जारी रखते हुए अपनी बातों से उसका मन भी हहला रहा था और उसे उलझा भी रहा था,,,)


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भाभी तुम नहीं जानती कि तुम क्या चीज हो पूरे गांव में तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा,,,ऊफफफ,,, तुम्हारे बदन की खुशबू,,,,ऊममममम,,(औरतों को अपनी जाल में फांसने कापुणे पूरी तरह से अपने विश्वास में लेने का हुनर राजू अच्छी तरह से सीख गया था और इस समय अशोक की बीवी के साथ भी हो रहा था अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी लेकिन साथ ही उसकी हरकत से वह पूरी तरह से मस्त भी हो रही थी,,, उसे अपनी बुर से काम रस बहता हुआ महसूस होने लगा था,,,,धीरे-धीरे अशोक की बीवी मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी और मदहोश होते हुए राजू की हरकत को महसूस करते हुए बोली,,,)

सहहहहह ,,,, यह क्या कर रहे हो बबुआ,,,


कुछ नहीं भाभी सिर्फ तुम्हें एहसास दिला रहा हूं कि तुम क्या चीज हो तुम्हारे पास ऐसा कौन सा बेशकीमती खजाना है जिसे देख कर दुनिया पागल हो जाती है,,,,, बस तुम इसी तरह से मेरा साथ देती रहो,,, दोगी ना भाभी मेरा साथ,,,(अपनी हथेली को उसकी सारी को पर उठाते हुए उसके घुटनों पर रखते हुए राजू बोला,,, मदहोशी और उत्तेजना के आलम में वह पूरी तरह से राजु की गिरफ्त में आ चुकी थी,,, अंदर से वह भी एक प्यासी औरत थी जिसकी प्यास राजू ने अपनी हरकत से भड़का दिया था,,, धीरे-धीरे अशोक की बीवी राजू के आगे लाचार होती जा रही थी इसलिए उसकी बात माननी किसी और के पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था इसलिए वह बोली,,,)

दुंगी,,,,(खुमारी में अपनी आंखों को बंद किए हुए वह बोली,,)

ओहहहह ,,,, भाभी,,,, तुम बहुत अच्छी हो,,,(इतना कहते हुए ही राजू ज्यादा कस के बुर के बेहद करीब ही अशोक की बीवी की चांघ को अपनी हथेली में दबोच लिया जिससे,, अशोक की बीवी के मुंह से सिसकारी फूट पड़ी,,,, उसकी गरम-गरम सिसकारी की आवाज सुनकर राजू एकदम से मस्त होता हुआ बोला,,)


क्या हुआ भाभी इस तरह से क्यों आवाज निकाल रही हो,,,,(राजू की बात सुनकर बड़े होने से अपनी आंखों को खोलते हुए अशोक की बीवी राजू की आंखों में देखते हुए बोली,,,)

मुझे ना जाने क्या हो रहा है,,,,

मैं जानता हूं भाभी तुम्हें क्या हो रहा है,,,,

क्या हो रहा है बबुआ,,,,?(उत्तेजना से सिहरते हुए अशोक की बीवी बोली,,)

Ashok ki bibi k hotho ka chumban lete huye



तुम्हें बहुत मजा आ रहा है भाभी,,,,,,
(अशोक की बीवी को इस बात का अहसास था कि उसे बहुत मजा आ रहा है राजू की हर हरकत पर उसके तन बदन में आग लग रही है मीठा मीठा दर्द भी हो रहा है,,, लेकिन फिर भी वह बोली)

मुझे नहीं मालूम बबुआ,,,, लेकिन तुम अभी तक वह खजाना नहीं दिखाएं,,,,


अभी दिखाता हूं भाभी मेरी पकड़ से ज्यादा दूर नहीं है,,,।
(इस बात को सुनते ही अशोक की बीवी उत्तेजना से सिहर उठी क्योंकि उसे एहसास हो गया था कि राजू किस बारे में बात कर रहा है,,,, वह अभी यही सोच ही रही थी कि राजू अपनी हथेली को पूरी तरह से उसकी बुर पर रखकर अपनी हथेली में दबोच लिया जैसे कि सच में मैं कोई खजाने को मुट्ठी भर भर कर लूट रहा हो,,,, जैसे ही राजू ने उसकी पूर्व को अपनी हथेली में कस के दबोचा,,, वैसे ही तुरंत अशोक की बीवी के मुंह से गरमा गरम सिसकारी की आवाज एकदम मादक स्वर में फूट पड़ी,,,।)


सससहहहह आहहहहहहहहह,,,,बबुआआआआ,,,,आहहहहहह,,, यह क्या कर रहे हो बबुआ,,,


यही तो खजाना है भाभी जिसे दुनिया लूटना चाहती है चोर लूटना चाहते हैं तुम्हारे घर आकर तुम्हारा रुपया पैसा गहना नहीं लूटेंगे बल्कि तुम्हारी दोनों टांग के बीच में छुपी हुई इस खजाने को लूट कर जाएंगे,,,


ओहहहह बबुआ,,,,आहहहहहहह,,,, इस खजाने की बात कर रहे हो मै तो कुछ और ही समझी थी,,,।

भाभी तुम्हारे इस खजाने को देखने के बाद कोई भी मर्द दुनिया का और खजाना देखने और पाने की इच्छा बिल्कुल भी नहीं करेगा,,,


तुम्हारी बातें मुझे समझ में नहीं आती बबुआ,,,,(अशोक की बीवी मस्ती से अपनी आंखों को खोलते हुए राजु की आंखों में देखते हुए बोली,,,, राजू की भी नजरे उसकी नजरों से टकराई और राजू सिरहाने गया और राजू अपने प्यार से होठों को अशोक की बीवी के तपते हुए होंठ पर रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया,,,अशोक की बीवी को इस तरह के चुंबन का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था इसलिए वह पल भर में ही राजू की हरकत से पूरी तरह से कामाग्नि में जलने लगी,,, उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी पोर्न उसकी बुर से काम रस की धारा फूट पड़ी जो कि राजू की हथेलियों को पूरी तरह से अपने काम रस में भिगो दे रही थी,,,, राजू उत्तेजना के मारे अपनी हथेली को जोर-जोर से उसकी बुर पर रगडना शुरू कर दिया,,, चुंबन का आनंद और साथ ही बुर पर हथेली का घर्षण अशोक की बीवी से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह कसमसा रही थी उसके कसमस आने की वजह से खटिया से चरर चरर की आवाज आ रही थी जो कि यह आवाज वातावरण में और ज्यादा मादकता फैला रही थी,,,, राजू अशोक की बीवी के होठों का रसपान करते हुए उसकी बुर से लगातार खेल रहा था,,,,।

काम ज्वाला अशोक की बीवी के भी तन में भड़क चुकी थी,,, राजू के तो भाग्य खुल गए थे ,, एक ओर बुर को हस्तगत कर लिया था उस पर विजय प्राप्त कर लिया था बस विजय पताका लहराना बाकी था,,,अशोक की बीवी पहली बार इस तरह की उत्तेजना का अनुभव कर रही थी और पहली बार किसी गैर मर्द के हाथों को अपने बदन पर महसूस कर रही थी क्योंकि उसके संपूर्ण बदन पर कब्जा जमाया हुआ था,,,।

अब कैसा लग रहा है भाभी,,,


मत पूछो बबुआ ना जाने कैसी कैसी चीटियां पूरे बदन को काट रही है,,,

ये चीटियां नहीं है भाभी,,, तुम्हें तुम्हारी गदराई जवानी चिकोटी काट रही है,,,,


बस करो बबुआ पास में ही लेटे हैं अगर वह जाग गए तो गजब हो जाएगा,,,।
Raju chuchiyo ka raspan karte huye



कुछ गजब नहीं होगा भाभी,,,(उसके यह कहने का मतलब को अच्छी तरह से राजू समझ गया था राजू जान गया था कि उसका भी चुदवाने का मन है,,, बस अपने पति से थोड़ा डर रही है इसलिए उसके डर को दूर करने के लिए राजू बोला,,,)

तुम्हें तो पता ही होगा ना भाभी कि नशे में धुत होने के बाद इनकी नींद कब खुलती है,,,


अपने आप नहीं खुलती,,, सुबह जगाना पड़ता है तब जाकर उठते हैं,,,(अशोक की बीवी का भी पूरी तरह से मन बन चुका था चुदवाने का इसलिए राजू से सही-सही बता दी थी वरना आनाकानी करती डरती और ऐसा करने से उसे रोकती लेकिन वह भी मजबूर थी अपने बदन के जरूरत के आगे,,, क्योंकि वह संभोग में संतुष्टि के एहसास के लिए तड़प रही थी उसे पूरी तरह से मजा नहीं आ रहा था बस अपनी जिंदगी को चाहिए जा रही थी अभी अभी तो उस पर पूरी तरह से जवानी चली थी और ऐसे में मरियल सा पति उसकी आग बुझाने में सक्षम नहीं था,,, इसलिए बांका जवान मर्द पाकर उसके जवानी की गर्मी उबाल मार रही थी,,, अपनी जवानी को वह बर्बाद नहीं होने देना चाहती थी,,, इसलिए राजू के साथ आज की रात में पूरी तरह से जी लेना चाहती थी,,,, राजू की उसकी बात सुनकर एकदम से खुश हो गया और बोला,,,)


Raju or Ashok ki bibi

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बस फिर क्या चिंता करने की जरूरत नहीं है,,,, मेरी रानी,,,,आज की रात देखना मैं तुम्हारी बेशकीमती खजाने का कितना सही उपयोग करता हूं तब तुम्हें इस बात का एहसास होगा कि वाकई में तुम्हारे पास कितना बेशकीमती खजाना पड़ा है जिसके बारे में तुम्हें और तुम्हारे पति को अहसास तक नहीं है,,,,


वैसे हमारा नाम रानी है बबुआ,,,,


ओहहहह भाभी तुमने तो मुझे खुश कर दिया अपना नाम बता कर जैसा नाम है वैसे ही तुम लगती हो बस थोड़ा सा नसीब गड़बड़ा गया जो इधर आ गई,,,


सच कह रहे हो बबुआ हमारा भी ऐसी शादी करने का कोई इरादा नहीं था लेकिन मां-बाप ने जहां बांध दिया शो आ गई,,,


अब तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो रानी,,, तुम्हारी प्यास बुझाने के लिए तुम्हारा राजा आ गया है,,, वैसे सच कहूं तो जैसे तुम्हारा नाम रानी है मेरा नाम भी राजा ही है,,,(राजू जानबूझकर अपना नाम राजा बता रहा था ताकि रानी और राजा का मिलाप हो सके इसलिए राजू का नाम सुनते ही वह एकदम से खुश होते हुए बोली,,)

ओहहहह क्या सच में तुम्हारा नाम राजा है,,,।


हां मेरी रानी मेरा नाम राजा ही है,,,(राजू जोर-जोर से उसकी बुर मसलते हुए बोला,,,)
Raju


ओहहहह राजा,,, बचपन से ही में गई सपना देखा करती थी कि मेरे होने वाले पति का नाम राजकुमार हो या राजा हो, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया,,,


दुखी मत हो रानी बदन की प्यास बुझाने वाला भी पति से कम नहीं होता आज की रात तुम मुझे अपना पति समझो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी,,,,
(राजू की बात सुनते ही वह एकदम से शर्मा गई,,, और उसे शर्माता हुआ देखकर राजू बोला,,)

शर्माते हुए तुम सच में राजकुमारी लगती हो,,,,मुझे तो तुम पर तरस आता है कितनी खूबसूरत राजकुमारी की तरह होने के बावजूद भी तुमने इतने सामान्य से दिखने वाले इंसान से कैसे विवाह कर लिया,,,


तकदीर का लेखा है बबुआ,,,


राजा मेरी रानी,,,


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हां हा राजा,,,(वह हंसते हुए बोली तो राजू उसकी बुर पर हथेली को रगडते हुए बोला,,,)

तुम्हारी बुर पानी बहुत छोड़ रही है रानी क्या इस तरह से पहले भी पानी छोड़ती थी,,,।

नहीं मेरे राजा तुम्हारा हाथ लगने के बाद ही इतना पानी छोड़ रही है,,,।

हाए मेरी जान अब तो आज यह राजा तुम्हारी बुर का गुलाम बन जाएगा,,,, रुको ऐसे नहीं,,,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अशोक की बीवी की साड़ी को उतारने लगा अशोक की बीवी भी साड़ी उतरवाने के लिए आतुर हुए जा रही थी,,। लेकिन बीच-बीच में शंका जताते हुए बोल रही थी कि अगर यह जाग गए तो,,, और राजू कुछ भी ना होने का आश्वासन देकर धीरे-धीरे करके उसकी साड़ी उतार फेंका और उसकी ब्लाउज का बटन खोलने लगा क्योंकि ब्लाउज में से ही उसकी चूचियां कयामत ढा रही थी बड़े-बड़े चुचियों की मालकिन जो थी,,,देखते ही देखते राजू उसके प्लस के सारे बटन खोल कर उसके नाम से उसके बदन से अलग कर दिया उसकी नंगी चूचियों को देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था क्योंकि वह एकदम दशहरी आम की तरह नजर आ रही थी और उसके पति को देखकर उसके नशे की आदत होती है कि कल रात में समझ गया था कि यह दबा दबा कर बड़ी नहीं होंगे बल्कि कुदरती रूप से ही इसी आकार की है,,,और इस बात से राजु एकदम से खुश हो गया उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथ में लेकर दबाते हुए बोला,,,)


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औहहहह मेरी रानी तुम्हारी चूचियां कितनी बड़ी बड़ी है,, लगता है तुम्हारे पति सारा कसर तुम्हारी चुचियों पर ही उतारते हैं,,,

धत्,,, वह तो इसकी जरा भी खबर नहीं लेते मेरे ब्लाउज को उतारते तक नहीं है,,,


तो मेरी जान इतनी बड़ी बड़ी कैसे हो गई,,,

शुरू से ऐसे ही,,,है,,,।


आहहहह तब तो बहुत मजा आएगा तुम्हारे मायके में तो लड़के तुम्हारी चूचियां देखकर ही पानी फेंक देते होंगे,,।

धत् कैसी बातें करते हो,,, मै किसी भी लड़के को अपने करीब नहीं आने दि‌ हुं,,,



(राजू को उसकी बातों में सच्चाई नजर आती थी वह दोनों हाथों से उसके पपैया को पकड़कर जोर-जोर से दबाते हुए बारी-बारी से अपने मुंह में लेकर पी रहा था यह अशोक की बीवी के लिए पहला मौका था जब कोई मर्द उसकी चूचियों से खेल रहा था इसलिए उसे बहुत ही मजा आ रहा था,, बल्कि उसे तो इस बात का अहसास तक नहीं था की चुचियों को दबाने में पीने में औरतों को मजा आता है और वही मजा राजू आज उसे प्रदान कर रहा था आज उसे स्त्री होने का गौरव प्राप्त करा रहा था,,,, देखते ही देखते राजू उसकी चूचियों को दबा दबा कर एकदम टमाटर की तरह लाल कर दिया था,,,, राजू बड़ी शिद्दत से अशोक की बीवी की चूचियों से खेल रहा था और उसे इसमें बहुत मजा आ रहा था और मुंह में लेकर जब जब पीता था तब तक उसकी कड़क किशमिश को दांतों तले दबा दे रहा था जिससे उसकी आ निकल जाती थी देखते ही देखते हो पूरी तरह से मस्त हो गई और इसके बाद उसकी चुचियों का स्तनपान करते हुए राजू एक आंख से उसके पेटीकोट का नाड़ा खोने लगा और अगले ही पल उसके पेटीकोट की डोरी को अपने हाथों से खींचकर उसके पेटीकोट को एकदम सा ढीला कर दिया,,,,।

अशोक की बीवी पूरी तरह से पानी पानी हो गई थी वह कसमसा रही थी गरमा गरम सिसकारी ले रही थी उसका सिसकना कसमसाना देखकर राजू समझ गया था कि आप उसकी बुर में लंबा मोटा लंड डालने की आवश्यकता पड़ गई है लेकिन इतनी सी भी राजू कहां मानने वाला था,,, उसे खटिया पर पीठ के बल लेटा दिया ,,खटिया पर लेटने के बाद अपनी तसल्ली के लिए अशोक की बीवी बगल में ही खटिया पर नशे की हालत में सो रहे हैं अपने पति की तरफ देखिए उसी तरह से धुत होकर सो रहा था,,, अशोक की बीवी ना तो कभी कल्पना की थी और ना ही कभी सपने में भी ऐसा सोचती थी कि अपने ही पति के बगल में वह लेट कर किसी गैर जवान लड़के से अपने जवानी की गर्मी को शांत कराएगी,,, राजू उसे पीठ के बल लेटा कर उसकी पेटीकोट को ऊपरी छोर से पकड़कर उसको नीचे की तरफ खींचते हुए बोला,,।


अब तुम पूरी तरह से नंगी होने जा रही हो मेरी महारानी,,,।

जैसी तुम्हारी इच्छा हो वैसा ही करो मेरे राजा,,,।
(अशोक की बीवी पूरी तरह से लाइन पर आ चुकी थी जिसका फायदा राजू पूरी तरह से उठा रहा था,,, और मुस्कुराते हुए इसके पेटीकोट को नीचे की तरफ खींचते हुए वह बोला,,,,,,)



मैं भी देखना चाहता हूं कि नंगी होने के बाद तुम कितनी और ज्यादा खूबसूरत लगती हो,,(पर ऐसा कहते हुए पेटीकोट को खींचकर निकालने लगा तो उसकी गोल-गोल ‌गांड के नीचे पेटीकोट दबने की वजह से नीचे की तरफ नहीं सरक रही थी,,, तो राजू की मदद करते हुए अशोक की बीवी अपनी गांड को थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दे ताकि उसकी पेटीकोट निकल जाए और ऐसा ही हुआ जैसे ही अशोक की बीवी ने अपनी गांड को हवा में उठाई गई सही राजेश उसकी पेटीकोट को नीचे की तरफ खींच लिया और उसके पेटीकोट को उसके बदन से उतारकर खटिया के नीचे फेंक दिया खटिया पर अशोक की बीवी पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी,,, राजू तो लालटेन की पीली रोशनी में अशोक की बीवी के नंगे बदन को देखता ही रह गया नंगी होने के बाद वह एकदम क़यामत लग रही थी राजू तो एकदम से उसका दीवाना हो गया और उसकी नंगी चिकनी जांघों पर अपनी दोनों हथेलियां रखते हुए बोला,,,।)


बाप रे तुम तो स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो तुम सच में बहुत खूबसूरत हो ,,,(अशोक की बीवी राजू की बातें सुनकर शरमा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ नजर फेर ली और राजू अशोक की बीवी के नंगे बदन पर पूरी तरह से कब्जा जमाने के लिए उसकी दोनों टांगों को धीरे धीरे खोलने लगा और अगले ही पल उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गया,,,,अशोक की बीवी को यही लग रहा था कि अब राजू अपने लंड को उसकी बुर में डाल कर उसकी चुदाई करेगा,,, क्योंकि शराबी पति पाकर संभोग के नियम को वह कहां जान पाई थी उसे क्या मालूम था कि संभोग के प्रकरण से कौन कौन सी क्रिया जुड़ी होती है लेकिन आज उसकी सारी जरूरतों को उसकी सारी कमियों को राजू पूरी तरह से दूर करने के लिए उसकी दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बना लिया था और देखते ही देखते अपने होठों को उसकी बुर पर रखकर उस पर चुंबनों की बौछार कर दिया,,,अशोक की बीवी ईसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी इसलिए एकाएक राजू की हरकत की वजह से वह पूरी तरह से सिहर उठी उसके बदन में कंपन होने लगा,,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है लेकिन जब तक वह समझ पाती उससे पहले राजू पूरी तरह से उसे अपनी गिरफ्त में ले चुका था उसकी नाजुक सी छोटी सी बुर पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया था,,, और अगले ही पल वह गर्म सिसकारी के साथ राजू की हड़ताल का स्वागत करने लगी और वह भी अपनी कमर ऊपर की तरफ उठा उठा कर,,, राजू उसकी पतली कमर को दोनों हाथों से थाम कर उसकी रसीली बुर पर अपने होठों को रख कर अपनी जीभ को अंदर तक डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,,और अशोक की बीवी गरमा गरम सिसकारी लेते हुए कसमसाने लगी,,,।

सहहहहह आहहहह आहहहहहह मेरे राजा जी क्या कर रहे हो,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा,,,, आज तक मेरे पति ने इस तरह से कभी मुझे प्यार नहीं किया,,,,आहहहहह मैं तो आज धन्य हुई जा रही हूं,,,,ओहहहहहहह,,,,।

(उसकी गरमा गरम सिसकारी उसकी मद भरी बातों को सुनकर राजू का जोश बढ़ने लगा और वह जोर-जोर से उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया यहां तक की,,, अशोक की बीवी को वह अपनी जीभ से एक बार झाड़ भी दिया,,,,


औहहहह ,, मेरे राजा,,,आहहहहहह मुझसे रहा नहीं जा रहा है कुछ करो मेरे राजा,,,आहहहहहहह,,,,,


उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज को सुनकर राज्य समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गर्म हो गया है अब हथोड़ा मारने की जरूरत है इसलिए वह तुरंत उठा और अपने कपड़े को उतारने लगा और देखते ही देखते खटिया पर बैठे-बैठे ही अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया अशोक की बीवी की नजर उस पर पड़ी तो वह पूरी तरह से सिहर उठी,,,उसे अपने अंदर लेने के लिए उत्सुकता भी थी तो एक तरफ उसे डर भी लग रहा था की ईतना मोटा उसकी बुर में जाएगा कैसे,,,, राजु अपने लंड को हाथ में लेकर उसे हीलाते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाते हुए बोला,,,।


अब देखना मेरी जान तुम्हें कैसे तारों की सैर कराता हुं,,,


घुस पाएगा,,,(अशोक की बीवी शंका जताते हुए बोली,,)


पूरा का पूरा घुस जाएगा मेरी रानी देखना कितने आराम से ले लेती हो,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू ढेर सारा थूक मुंह में लेकर उसकी बुर पर गिराने लगायह देखकर अशोक की बीवी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी और अगले ही पल राजू मोर्चा संभालते हुए अपने लंड की तोप को उसकी गरमा गरम दीवार से बनी किले पर उसे पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में लेने के लिए टीका दिया,,, जैसे ही अशोक की बीवी राजु के मोटे तगड़े लंड के मोटे सुपाडे को उसकी गरम बुर‌ के गुलाबी छेद पर महसूस कि वऐसे ही उसका पूरा बदन एकदम से कसमसा गई,,, राजू पूरी तरह से उसके ऊपर छाने के लिए तैयार हो चुका थाचांदनी रात थी और ऊपर से लालटेन की रोशनी में सब कुछ नजर आ रहा था बगल में ही उसका पति लेटा हुआ था उसकी बिल्कुल भी चिंता ना करते हुए राजू अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहा था,,,अशोक की बीवी के मन में आशंका थी इसलिए अपनी नजरों को ठीक अपनी दोनों टांगों के बीच टीकाए हुए थी,,,,।

राजू धीरे-धीरे अपने सुपाड़े को उसकी गुलाबी बुर के छेद में डालना शुरू कर दिया,,, उसकी बुर पहले से ही पनीयाई हुई थी और ऊपर से राजू ने ढेर सारा थूक उस पर चुपड़ दीया था,,, इसलिए राजू को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी और धीरे-धीरे उसका मोटा लंड बुर के अंदर सरकना शुरू कर दिया,,,लेकिन अभी तक अपने पति का पतला और हमारी ओर से अपनी बुर में लेती आ रही थी इसलिए अशोक की बीवी को थोड़ा बहुत दर्द का अहसास हो रहा था,,,, लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था,,,,

दर्द और मस्ती का मिलाजुला मिश्रण अशोक की बीवी के चेहरे पर देखने को मिल रहा था,,।उसका मुंह आश्चर्य से खुला का खुला था और वह अभी भी अपनी दोनों टांगों के बीच देख रही थी उसके गुलाबी छेद में राजू का पूरा लंड घुस गया था अशोक की बीवी को बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कितना मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बुर की गहराई में कहीं खो गया था,,,, राजू अशोक की बीवी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था वह पूरी तरह से तेजी था और अपने हथौड़े को गरम हो चुके लोहे पर पटकने के लिए तैयार था और धीरे-धीरे वह अपनी कमर को आगे पीछे करके हीलाना शुरू कर दिया जैसे-जैसे राजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड बुर की अंदर की दीवारों को रगडते हुए अंदर बाहर हो रही थी उसी से अशोक की बीवी का और पानी निकल रहा था,,, उसे मजा आ रहा था,,,।राजू कुछ ही देर में अपनी रफ्तार पकड़ लिया था और अशोक की बीवी को हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,।


अशोक की बीवी पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाती हुई नजर आ रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी इस तरह का सुख उसने कभी प्राप्त नहीं की थी अपने आप से ही मन में बोली,,, बाप रे क्या इस तरह से भी चुदाई होती है,,, लेकिन औरत और मर्द के बीच में इस तरह के संबंध के बारे में जहां तक वह सोच सकती थी वहां से आगे राजु उसे एक नई दुनिया में लेकर जा रहा था,,,।

बड़े आराम से लेकिन रगड़ कर राजू का नंद अशोक की बीवी की बुर में अंदर बाहर हो रहा था एक अद्भुत सुख की परिभाषा से आज राजू उसे अवगत करा रहा था,,, बुर पुरी तरह से पनियाई हुई थी इसलिए किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही थी,,, राजू हर धक्के के साथ अशोक की बीवी की आहहह निकाल दे रहा था वह इतनी जोर जोर से धक्के मार रहा था कि ऐसा लग रहा था कि वह अपने लंड के साथ-साथ अपने अस्तित्व को भी उसकी बुर की गहराई में घुसेड देगा,,, खटीया से चरर चरर की आवाज आ रही थी साथ ही पूरे वातावरण में अशोक की बीवी की गरमा गरम सिसकारियां गुंज रही थी बगल में ही उसका पति लेटा हुआ था लेकिन उसे होश कहां था अगर होश में होता तो शायद आज उसकी बीवी राजू से ना चुद रही होती,,,।
राजू को अशोक की बीवी की चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उसकी बुर एकदम संकरी थी इसलिए उसमे लंड डालने मे राजु को अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी,,,
देखते ही देखते अशोक की बीवी की सांसे और तेज चलने लगी राजू समझ गया कि वह चरम सुख के बेहद करीब है और वह उसे अपनी बाहों में कस लिया और अपनी कमर को जोर-जोर से कराना शुरू कर दिया क्योंकि वह भी बेहद करीब था झढ़ने में,,, और देखते ही देखते 15 20 धक्कों में दोनों का गर्म लावा फूट पड़ा,,, अशोक की बीवी पूरी तरह से तृप्त हो गई राजू के लंड से निकला गर्म लावा का फव्वारा इतना तेज था कि अशोक की बीवी को अपनी बच्चेदानी पर उसकी पिचकारी महसूस हो रही थी जिससे वह पूरी तरह से गदगद हुए जा रही थी इस तरह का एहसास उसके पति ने कभी नहीं कराया,,,।


दूसरी तरफ हो गया अपनी बीवी के गहरी नींद में सो जाने के बाद अपने कमरे से निकलकर दरवाजे पर बाहर से सिटकनी लगा दिया था और अपनी छोटी बहन के कमरे में घुस गया था जहां पर गुलाबी उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थी और हरिया आज की रात इत्मीनान से अपनी बहन की चुदाई करना चाहता था इसलिए धीरे धीरे एक एक करके उसके बदन से सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया था,,।
 
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