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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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राजू और झुमरी की मुलाकात बेहद अद्भुत थी,,,राजू झुमरी से अनजान बिल्कुल भी नहीं था ना ही झुमरी राजू से अनजान थी,, बस दोनों की मुलाकात ज्यादा नहीं होती थी,,
और मुलाकात भी हुई तो ऐसे हाल में इसके बारे में दोनों ने कभी सपने में नहीं सोचा था,,,, राजू का तो अभी भी बुरा हाल था,,,पढ़ाई में उसका बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था,,।बार-बार उसकी आंखों के सामने झुमरी का नंगा बदन नजर आ जा रहा था उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी पूरी तरह से खिली हुई थी छातियों की शोभा बढ़ा रही दोनों नारंगीया,, अपने पूरे शबाब में खिली हुई थी रस से भरी हुई दोनों चुचियों को देखकर राजू का मन डोल गया था,,,, चिकना सपाट पेट चर्बी का बिल्कुल भी नामोनिशान नहीं था खेत में काम करके उसका बदन पूरी तरह से गठीला हो गया था,,, जोकि किसी भी उम्र के मर्दों को ललचाने के लिए काफी था,,,, नंगी चिकनी पीठ संगमरमर के पत्थर की तरह चमक रही थी उस पर पानी की बूंदे मोतियों के दाने की तरह फिसल रही थी और नितंबों का उभार अद्भुत तूफान उमडता हुआ नजर आ रहा था,,,, जिसमें राजू का अस्तित्व पूरी तरह से बिखरता जा रहा था,,, झुमरी की गांड की खूबसूरती को देखकर राजू मदहोश हो गया था,,,, झुमरी की गांड की बनावट बेहद कलात्मक थी जिसको देख पाना भी किस्मत की बात थी सलवार में कसी हुई गांड राजू बहुत बार देख चुका था लेकिन बिना सलवार की नंगी गांड को देखने का जो मजा है,,, वह शायद राजू से बेहतर कोई नहीं जानता था इसीलिए तो झुमरी पूरे उसके दिलो-दिमाग पर छाई हुई थी,,,, और जिस तरह से उसने खुद उसकी तरफ घूम कर अपनी नारंगी या और अपनी दोनों टांगों के बीच कुछ पतली तरह के दर्शन कर आई थी उससे राजू पूरी तरह से मदहोश हो चुका था क्योंकि वह जानता था कि झुमरी जैसी हिम्मत कोई भी लड़की नहीं दिखा सकती कोई भी लड़की अपने आप से अपने मन का बर्तन किसी अनजान लड़के को नहीं दिखाएगी,,, राजू का मन उसकी हल्के बालों वाली पतली दरार को देखकर पूरी तरह से झूम उठा था,,,तीन औरतों की चुदाई का सुख भोग चुका राजू बुर के भूगोल को पूरी तरह से समझ चुका था अच्छी तरह से समझ गया था कि किस उम्र की लड़की की बुर कितना मजा देगी,,,, कमला चाची से चुदाई करने के बाद वह संभोग की बाराखडी को समझ पाया था,,, फिर अपनी बुआ कि गुलाबी बुर में लंड डालकर उसकी गर्मी को महसूस कर पाया था लेकिन सोनी के साथ संभोग करके वह पूरी तरह से संभोग की महागाथा को कंठस्थ कर चुका था संभोग के संपूर्ण अध्याय के बारे में समझ चुका था,,,,इसीलिए वह समझ चुका था कि तुम मेरी के साथ उसे बहुत मजा आएगा लेकिन यह बात उसे बार-बार परेशान कर रही थी कि वह यह जानते हुए भी कि पीछे खड़ा होकर वा देख रहा है फिर भी उसकी तरफ घूम कर अपनी चूची और अपनी बुर क्यों दिखाई,,, राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि कहीं उसके मन में उसके लिए प्यार तो नहीं है,,,,नहीं तो कोई भी लड़की इस तरह से गैर लड़के को क्यों अपना जवान बदन दिखाएगी,,, जो कुछ भी हो उसे बेहद आनंद की अनुभूति हुई थी इस पल को वह अपने सीने में संजोकर रखा हुआ था,,,।

नहाने के वाक्ए के बाद झुमरी भी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि आज उसने अपना बेशकीमती खजाना खूबसूरत बदन राजू को दिखा दी थी इस बात से उसके बदन में हलचल मची हुई थी कि वह पूरी तरह से नंगी थी और वह भी राजू की आंखों के सामने जिसे वह मन ही मन पसंद करने लगी थी,,,, मैं मन ही मन भगवान को शुक्रिया अदा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसे संपूर्ण रूप से मन की देखने के बाद राजू अपने होशो हवास में नहीं रह पाएगा उसके दिलो-दिमाग पर सिर्फ वही छाई रहेगी,,, और ऐसे में होगा उसके साथ जरूर मुलाकात करेगा,,,,। झुमरी ने कभी भी अनजाने में भी दूसरों के सामने नहाने की चेष्टा नहीं की थी और ना ही लोगों को अपना बदन देखने का मौका दी थी यह सब कुछ अनजाने में हुआ था लेकिन अनजाने में होने के बावजूद भी झुमरी अपनी तरफ से रही सही कसर को पूरी कर दी थी,,,। चुनरी और राजू दोनों को दूसरी मुलाकात का बेहद बेसब्री से इंतजार था अब वह मुलाकात किस हालात में किस समय होगा यह दोनों को पता नहीं था,,,,।


दूसरी तरफ हरिया को आज खेतों में पानी देने जाना था क्योंकि राजू घर पर नहीं था,,, और आज बैल गाड़ी लेकर निकलने का उसका मन नहीं कर रहा था,,,,,,, इसलिए वह काम कर रही मधु से बोला,,,,।


आज मैं खेतों पर चला जाता हूं पानी देने,,,,


क्यों आज रेलवे स्टेशन नहीं जाएंगे क्या,,?


नहीं आज मन नहीं है,,,,(इतना कहकर वा चलने लगा तो मधु आवाज देते हुए बोली)

खाना तो खा लीजिए,,,,


खेत पर ही भेज देना या तो खुद लेकर आ जाना मैं वही खा लूंगा,,,,( इतना कहकर वह घर से बाहर निकल गया,,, लेकिन तभी उससे चोरों की प्यास लगी और वह पास में ही नहाने के लिए बनाए गए लकड़ियों के पट्टी के गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया क्योंकि वहां पीने का पानी रखा रहता है,,,, हरिया कुछ और अपने कदम बढ़ाने लगा तो उसे पानी गिरने की आवाज आने लगी,,,, उसे लगा कि कोई नहान है लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ता रहा और जैसे ही वह 4 फीट के बने उस गुसलखाना के करीब पहुंचा और अंदर की तरफ देखा तो उसके होश उड़ गए,,,, हरिया के पूरे बदन में कपकपी सी फैलने लगी,,, छोटे से लकड़ी के टूटे-फूटे गुसल खाने में उसकी बहन गुलाबी नहा रही थी और वो भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर,,,हरिया के लिए पहला मौका था जब वह अपनी जवान बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था हालांकि घर के पीछे वाले भाग में जब वह बैल को पानी पिला रहा था तब वह अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखा था उसकी हवा में लहराती हुई गुलाबी गांड को देखा था लेकिन आज उसकी किस्मत बड़े जोरों पर थी आज वह अपनी बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,हरिया अपने मन में सोचने लगा कि उसके माता पिता ने उसकी बहन का नाम गुलाबी बहुत सोच समझ के रखा था क्योंकि वाकई में उसका पूरा बदन गुलाब की गुलाबी पतियों की तरह एकदम कोमल थी,,,। गुलाबी की सुडोल गांड उसे साफ नजर आ रही थी जिस पर पानी की बूंदे फिसल रही थी,,,,,,, हरिया की धोती में हलचल सी मचने लगी,,, उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आ रही थी,,,, ऐसा पहली बार नहीं था क्या अपनी बहन को देखकर उसका मन बहका ना हो इससे पहले भी वह कई मौकों पर अपनी बहन की जवानी देख कर पाए चुका था लेकिन अपने आप को संभाल ले गया था लेकिन आज उसे पूरी तरह से नंगी देखकर वह अपने होशो हवास खो बैठा था,,,, अपनी बहन को नंगी नहाते हुए देखकर धोती के ऊपर से ही वह अपने लंड को मसल रहा था,,,,,, लेकिन तभी उसे इस बात का आभास होते ही की किसी की नजर उस पर पढ़ सकती हो कि साथ में देखकर लोग क्या सोचेंगे इसलिए वह धीरे से वहां से खिसक लिया,,,,,

गुलाबी आज अपने बड़े भाई के तन बदन में आग लगा दी थी अपनी खूबसूरत मत मस्त जवानी की आंच से उसे पिघला दी थी,,,, हरिया का मन पूरी तरह से बहक गया था,,, वह खेतों में पहुंच गया और ट्यूबवेल चालू करके खेतों में पानी देने लगा लेकिन उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, हरिया का खेत बीचोबीच था चारों तरफ हरियाली खेत लहलहा रहे थे,,, और मादकता की हरियाली हरिया के तन बदन में भी लहरा रही थी,,, धोती में उसका लंड बगावत पर उतर आया था घर से लेकर खेतों तक बिल्कुल भी शांत नहीं बैठा था उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था मानो कि दुश्मन को ललकार रहा हो,,, हरिया को जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह किनारे खडा होकर अपनी धोती में से अपने खड़े लंड को निकाल कर पेशाब करना शुरू कर दिया अपने खड़े लंड को देखकर अनायास ही उसके मन में ख्याल आ गया कि काश वह अपने लंड को अपनी छोटी बहन गुलाबी की बुर में डाल सकता तो कितना मजा आता वह अपने मन में यही सोचता हुआ पेशाब कर रहा था कि उसकी बहन अभी पूरी तरह से कुंवारी है उसकी बुर एकदम संकरी होगी उसे चोदने का बहुत मजा आएगा,,,अपनी सगी बहन को चोदने के ख्याल से ही हरिया के तन बदन में आग लगने लगी उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी उससे रहा नहीं जा रहा था अपने आपको संभाले नहीं जा रहा था,,,,,,वह अपने मन में यही सोच रहा था कि खाना देकर उसकी बीवी खेतों पर आएगी तो वह उसकी जमकर चुदाई करेगा क्योंकि बिना चोदे उसकी गर्मी शांत होने वाली नहीं थी और इसी इंतजार में वह खेतों के बीच में बनी झोपड़ी से खटिया को बाहर निकाला और पेड़ के नीचे घनी छांव में खटिया गिरा कर उस पर लेट गया और धोती में से अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठीयाना शुरू कर दिया,,,,।

उसके ख्यालों में उसके दिलो-दिमाग पर केवल उसकी छोटी बहन को ला भी छाई हुई थी उसका गुलाबी बदन उसके तन बदन में आग लगा रहा था उसके बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर रहा था धीरे-धीरे लंड को सहलाते हुए उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थीहरिया अपने अनुभव से यह सीखा था कि अपने हाथ से हिला कर पानी निकाल देने पर भी उसे संतुष्टि बिल्कुल भी नहीं मिलेगी बल्कि उसकी प्यास और ज्यादा बढ़ जाएगी वह जानता था कि जब तक वह अपने लंड को किसी की बुर में डालने देता तब की गर्मी शांत होने वाली नहीं थी इसीलिए वह बड़ी बेसब्री से अपनी बीवी का इंतजार कर रहा था,,,, लेकिन अपनी बहन गुलाबी के बारे में सोच रहा था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि कैसे गुलाबी को पटा कर अपने नीचे लाया जाए,,, गुलाबी को चोदने की वह मन में योजना बनाने लगा युक्ति तलाशने लगा,,,, हरिया गुलाबी का बड़ा भाई अपने मां-बाप को वचन दिया था कि वह गुलाबी को अपने बच्चे की तरह पाल पोस कर बड़ा करेगा और वहां अपने वादे के मुताबिक,,, गुलाबी को पाल पोस कर बड़ी तो कर दिया था लेकिन उसकी मदमस्त जवानी देख कर उसके मन में लालच आ गया था वह गुलाबी को भोगना चाहता था,,,, वासना की आग में बंद हो चुका था भाई बहन का रिश्ता उसकी आंखों के सामने धुंधलाता नजर आ रहा था,,, बार बार उसकी आंखों के सामने गुलाबी का नंगा बदन ही नजर आ रहा था,,,, उसकी खूबसूरत चिकनी पीठ के साथ-साथ उसकी खूबसूरत गांडबार-बार उसे अपनी बहन के बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर दें रही थी,,,।

यही सब सोचकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था,, धोती में से वह अपने लंड को बाहर निकाल कर जोर जोर से मुठिया रहा था कि तभी उसे गुलाबी खाना लेकर आती नजर आई और वह तुरंत अपने खड़े लंड को धोती के अंदर छुपा लिया,,,, लेकिन अपने लंड को छुपाने में उससे जरा सी चूक हो गई थी और इस नजारे को गुलाबी दूर से ही देख ली थी,,,,।
 

Raj_sharma

Well-Known Member
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बहुत अच्छा लिखा है आपने।
एकदम कामुक अपडेट रोनी भैया, इंतजार रहेगा कैसे राजू श्याम की मा बहन करता है।।
 

nickname123

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राजू और झुमरी की मुलाकात बेहद अद्भुत थी,,,राजू झुमरी से अनजान बिल्कुल भी नहीं था ना ही झुमरी राजू से अनजान थी,, बस दोनों की मुलाकात ज्यादा नहीं होती थी,,
और मुलाकात भी हुई तो ऐसे हाल में इसके बारे में दोनों ने कभी सपने में नहीं सोचा था,,,, राजू का तो अभी भी बुरा हाल था,,,पढ़ाई में उसका बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था,,।बार-बार उसकी आंखों के सामने झुमरी का नंगा बदन नजर आ जा रहा था उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी पूरी तरह से खिली हुई थी छातियों की शोभा बढ़ा रही दोनों नारंगीया,, अपने पूरे शबाब में खिली हुई थी रस से भरी हुई दोनों चुचियों को देखकर राजू का मन डोल गया था,,,, चिकना सपाट पेट चर्बी का बिल्कुल भी नामोनिशान नहीं था खेत में काम करके उसका बदन पूरी तरह से गठीला हो गया था,,, जोकि किसी भी उम्र के मर्दों को ललचाने के लिए काफी था,,,, नंगी चिकनी पीठ संगमरमर के पत्थर की तरह चमक रही थी उस पर पानी की बूंदे मोतियों के दाने की तरह फिसल रही थी और नितंबों का उभार अद्भुत तूफान उमडता हुआ नजर आ रहा था,,,, जिसमें राजू का अस्तित्व पूरी तरह से बिखरता जा रहा था,,, झुमरी की गांड की खूबसूरती को देखकर राजू मदहोश हो गया था,,,, झुमरी की गांड की बनावट बेहद कलात्मक थी जिसको देख पाना भी किस्मत की बात थी सलवार में कसी हुई गांड राजू बहुत बार देख चुका था लेकिन बिना सलवार की नंगी गांड को देखने का जो मजा है,,, वह शायद राजू से बेहतर कोई नहीं जानता था इसीलिए तो झुमरी पूरे उसके दिलो-दिमाग पर छाई हुई थी,,,, और जिस तरह से उसने खुद उसकी तरफ घूम कर अपनी नारंगी या और अपनी दोनों टांगों के बीच कुछ पतली तरह के दर्शन कर आई थी उससे राजू पूरी तरह से मदहोश हो चुका था क्योंकि वह जानता था कि झुमरी जैसी हिम्मत कोई भी लड़की नहीं दिखा सकती कोई भी लड़की अपने आप से अपने मन का बर्तन किसी अनजान लड़के को नहीं दिखाएगी,,, राजू का मन उसकी हल्के बालों वाली पतली दरार को देखकर पूरी तरह से झूम उठा था,,,तीन औरतों की चुदाई का सुख भोग चुका राजू बुर के भूगोल को पूरी तरह से समझ चुका था अच्छी तरह से समझ गया था कि किस उम्र की लड़की की बुर कितना मजा देगी,,,, कमला चाची से चुदाई करने के बाद वह संभोग की बाराखडी को समझ पाया था,,, फिर अपनी बुआ कि गुलाबी बुर में लंड डालकर उसकी गर्मी को महसूस कर पाया था लेकिन सोनी के साथ संभोग करके वह पूरी तरह से संभोग की महागाथा को कंठस्थ कर चुका था संभोग के संपूर्ण अध्याय के बारे में समझ चुका था,,,,इसीलिए वह समझ चुका था कि तुम मेरी के साथ उसे बहुत मजा आएगा लेकिन यह बात उसे बार-बार परेशान कर रही थी कि वह यह जानते हुए भी कि पीछे खड़ा होकर वा देख रहा है फिर भी उसकी तरफ घूम कर अपनी चूची और अपनी बुर क्यों दिखाई,,, राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि कहीं उसके मन में उसके लिए प्यार तो नहीं है,,,,नहीं तो कोई भी लड़की इस तरह से गैर लड़के को क्यों अपना जवान बदन दिखाएगी,,, जो कुछ भी हो उसे बेहद आनंद की अनुभूति हुई थी इस पल को वह अपने सीने में संजोकर रखा हुआ था,,,।

नहाने के वाक्ए के बाद झुमरी भी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि आज उसने अपना बेशकीमती खजाना खूबसूरत बदन राजू को दिखा दी थी इस बात से उसके बदन में हलचल मची हुई थी कि वह पूरी तरह से नंगी थी और वह भी राजू की आंखों के सामने जिसे वह मन ही मन पसंद करने लगी थी,,,, मैं मन ही मन भगवान को शुक्रिया अदा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसे संपूर्ण रूप से मन की देखने के बाद राजू अपने होशो हवास में नहीं रह पाएगा उसके दिलो-दिमाग पर सिर्फ वही छाई रहेगी,,, और ऐसे में होगा उसके साथ जरूर मुलाकात करेगा,,,,। झुमरी ने कभी भी अनजाने में भी दूसरों के सामने नहाने की चेष्टा नहीं की थी और ना ही लोगों को अपना बदन देखने का मौका दी थी यह सब कुछ अनजाने में हुआ था लेकिन अनजाने में होने के बावजूद भी झुमरी अपनी तरफ से रही सही कसर को पूरी कर दी थी,,,। चुनरी और राजू दोनों को दूसरी मुलाकात का बेहद बेसब्री से इंतजार था अब वह मुलाकात किस हालात में किस समय होगा यह दोनों को पता नहीं था,,,,।


दूसरी तरफ हरिया को आज खेतों में पानी देने जाना था क्योंकि राजू घर पर नहीं था,,, और आज बैल गाड़ी लेकर निकलने का उसका मन नहीं कर रहा था,,,,,,, इसलिए वह काम कर रही मधु से बोला,,,,।


आज मैं खेतों पर चला जाता हूं पानी देने,,,,


क्यों आज रेलवे स्टेशन नहीं जाएंगे क्या,,?


नहीं आज मन नहीं है,,,,(इतना कहकर वा चलने लगा तो मधु आवाज देते हुए बोली)

खाना तो खा लीजिए,,,,


खेत पर ही भेज देना या तो खुद लेकर आ जाना मैं वही खा लूंगा,,,,( इतना कहकर वह घर से बाहर निकल गया,,, लेकिन तभी उससे चोरों की प्यास लगी और वह पास में ही नहाने के लिए बनाए गए लकड़ियों के पट्टी के गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया क्योंकि वहां पीने का पानी रखा रहता है,,,, हरिया कुछ और अपने कदम बढ़ाने लगा तो उसे पानी गिरने की आवाज आने लगी,,,, उसे लगा कि कोई नहान है लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ता रहा और जैसे ही वह 4 फीट के बने उस गुसलखाना के करीब पहुंचा और अंदर की तरफ देखा तो उसके होश उड़ गए,,,, हरिया के पूरे बदन में कपकपी सी फैलने लगी,,, छोटे से लकड़ी के टूटे-फूटे गुसल खाने में उसकी बहन गुलाबी नहा रही थी और वो भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर,,,हरिया के लिए पहला मौका था जब वह अपनी जवान बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था हालांकि घर के पीछे वाले भाग में जब वह बैल को पानी पिला रहा था तब वह अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखा था उसकी हवा में लहराती हुई गुलाबी गांड को देखा था लेकिन आज उसकी किस्मत बड़े जोरों पर थी आज वह अपनी बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,हरिया अपने मन में सोचने लगा कि उसके माता पिता ने उसकी बहन का नाम गुलाबी बहुत सोच समझ के रखा था क्योंकि वाकई में उसका पूरा बदन गुलाब की गुलाबी पतियों की तरह एकदम कोमल थी,,,। गुलाबी की सुडोल गांड उसे साफ नजर आ रही थी जिस पर पानी की बूंदे फिसल रही थी,,,,,,, हरिया की धोती में हलचल सी मचने लगी,,, उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आ रही थी,,,, ऐसा पहली बार नहीं था क्या अपनी बहन को देखकर उसका मन बहका ना हो इससे पहले भी वह कई मौकों पर अपनी बहन की जवानी देख कर पाए चुका था लेकिन अपने आप को संभाल ले गया था लेकिन आज उसे पूरी तरह से नंगी देखकर वह अपने होशो हवास खो बैठा था,,,, अपनी बहन को नंगी नहाते हुए देखकर धोती के ऊपर से ही वह अपने लंड को मसल रहा था,,,,,, लेकिन तभी उसे इस बात का आभास होते ही की किसी की नजर उस पर पढ़ सकती हो कि साथ में देखकर लोग क्या सोचेंगे इसलिए वह धीरे से वहां से खिसक लिया,,,,,

गुलाबी आज अपने बड़े भाई के तन बदन में आग लगा दी थी अपनी खूबसूरत मत मस्त जवानी की आंच से उसे पिघला दी थी,,,, हरिया का मन पूरी तरह से बहक गया था,,, वह खेतों में पहुंच गया और ट्यूबवेल चालू करके खेतों में पानी देने लगा लेकिन उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, हरिया का खेत बीचोबीच था चारों तरफ हरियाली खेत लहलहा रहे थे,,, और मादकता की हरियाली हरिया के तन बदन में भी लहरा रही थी,,, धोती में उसका लंड बगावत पर उतर आया था घर से लेकर खेतों तक बिल्कुल भी शांत नहीं बैठा था उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था मानो कि दुश्मन को ललकार रहा हो,,, हरिया को जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह किनारे खडा होकर अपनी धोती में से अपने खड़े लंड को निकाल कर पेशाब करना शुरू कर दिया अपने खड़े लंड को देखकर अनायास ही उसके मन में ख्याल आ गया कि काश वह अपने लंड को अपनी छोटी बहन गुलाबी की बुर में डाल सकता तो कितना मजा आता वह अपने मन में यही सोचता हुआ पेशाब कर रहा था कि उसकी बहन अभी पूरी तरह से कुंवारी है उसकी बुर एकदम संकरी होगी उसे चोदने का बहुत मजा आएगा,,,अपनी सगी बहन को चोदने के ख्याल से ही हरिया के तन बदन में आग लगने लगी उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी उससे रहा नहीं जा रहा था अपने आपको संभाले नहीं जा रहा था,,,,,,वह अपने मन में यही सोच रहा था कि खाना देकर उसकी बीवी खेतों पर आएगी तो वह उसकी जमकर चुदाई करेगा क्योंकि बिना चोदे उसकी गर्मी शांत होने वाली नहीं थी और इसी इंतजार में वह खेतों के बीच में बनी झोपड़ी से खटिया को बाहर निकाला और पेड़ के नीचे घनी छांव में खटिया गिरा कर उस पर लेट गया और धोती में से अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठीयाना शुरू कर दिया,,,,।

उसके ख्यालों में उसके दिलो-दिमाग पर केवल उसकी छोटी बहन को ला भी छाई हुई थी उसका गुलाबी बदन उसके तन बदन में आग लगा रहा था उसके बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर रहा था धीरे-धीरे लंड को सहलाते हुए उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थीहरिया अपने अनुभव से यह सीखा था कि अपने हाथ से हिला कर पानी निकाल देने पर भी उसे संतुष्टि बिल्कुल भी नहीं मिलेगी बल्कि उसकी प्यास और ज्यादा बढ़ जाएगी वह जानता था कि जब तक वह अपने लंड को किसी की बुर में डालने देता तब की गर्मी शांत होने वाली नहीं थी इसीलिए वह बड़ी बेसब्री से अपनी बीवी का इंतजार कर रहा था,,,, लेकिन अपनी बहन गुलाबी के बारे में सोच रहा था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि कैसे गुलाबी को पटा कर अपने नीचे लाया जाए,,, गुलाबी को चोदने की वह मन में योजना बनाने लगा युक्ति तलाशने लगा,,,, हरिया गुलाबी का बड़ा भाई अपने मां-बाप को वचन दिया था कि वह गुलाबी को अपने बच्चे की तरह पाल पोस कर बड़ा करेगा और वहां अपने वादे के मुताबिक,,, गुलाबी को पाल पोस कर बड़ी तो कर दिया था लेकिन उसकी मदमस्त जवानी देख कर उसके मन में लालच आ गया था वह गुलाबी को भोगना चाहता था,,,, वासना की आग में बंद हो चुका था भाई बहन का रिश्ता उसकी आंखों के सामने धुंधलाता नजर आ रहा था,,, बार बार उसकी आंखों के सामने गुलाबी का नंगा बदन ही नजर आ रहा था,,,, उसकी खूबसूरत चिकनी पीठ के साथ-साथ उसकी खूबसूरत गांडबार-बार उसे अपनी बहन के बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर दें रही थी,,,।

यही सब सोचकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था,, धोती में से वह अपने लंड को बाहर निकाल कर जोर जोर से मुठिया रहा था कि तभी उसे गुलाबी खाना लेकर आती नजर आई और वह तुरंत अपने खड़े लंड को धोती के अंदर छुपा लिया,,,, लेकिन अपने लंड को छुपाने में उससे जरा सी चूक हो गई थी और इस नजारे को गुलाबी दूर से ही देख ली थी,,,,।
nice update
 

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राजू और झुमरी की मुलाकात बेहद अद्भुत थी,,,राजू झुमरी से अनजान बिल्कुल भी नहीं था ना ही झुमरी राजू से अनजान थी,, बस दोनों की मुलाकात ज्यादा नहीं होती थी,,
और मुलाकात भी हुई तो ऐसे हाल में इसके बारे में दोनों ने कभी सपने में नहीं सोचा था,,,, राजू का तो अभी भी बुरा हाल था,,,पढ़ाई में उसका बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था,,।बार-बार उसकी आंखों के सामने झुमरी का नंगा बदन नजर आ जा रहा था उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी पूरी तरह से खिली हुई थी छातियों की शोभा बढ़ा रही दोनों नारंगीया,, अपने पूरे शबाब में खिली हुई थी रस से भरी हुई दोनों चुचियों को देखकर राजू का मन डोल गया था,,,, चिकना सपाट पेट चर्बी का बिल्कुल भी नामोनिशान नहीं था खेत में काम करके उसका बदन पूरी तरह से गठीला हो गया था,,, जोकि किसी भी उम्र के मर्दों को ललचाने के लिए काफी था,,,, नंगी चिकनी पीठ संगमरमर के पत्थर की तरह चमक रही थी उस पर पानी की बूंदे मोतियों के दाने की तरह फिसल रही थी और नितंबों का उभार अद्भुत तूफान उमडता हुआ नजर आ रहा था,,,, जिसमें राजू का अस्तित्व पूरी तरह से बिखरता जा रहा था,,, झुमरी की गांड की खूबसूरती को देखकर राजू मदहोश हो गया था,,,, झुमरी की गांड की बनावट बेहद कलात्मक थी जिसको देख पाना भी किस्मत की बात थी सलवार में कसी हुई गांड राजू बहुत बार देख चुका था लेकिन बिना सलवार की नंगी गांड को देखने का जो मजा है,,, वह शायद राजू से बेहतर कोई नहीं जानता था इसीलिए तो झुमरी पूरे उसके दिलो-दिमाग पर छाई हुई थी,,,, और जिस तरह से उसने खुद उसकी तरफ घूम कर अपनी नारंगी या और अपनी दोनों टांगों के बीच कुछ पतली तरह के दर्शन कर आई थी उससे राजू पूरी तरह से मदहोश हो चुका था क्योंकि वह जानता था कि झुमरी जैसी हिम्मत कोई भी लड़की नहीं दिखा सकती कोई भी लड़की अपने आप से अपने मन का बर्तन किसी अनजान लड़के को नहीं दिखाएगी,,, राजू का मन उसकी हल्के बालों वाली पतली दरार को देखकर पूरी तरह से झूम उठा था,,,तीन औरतों की चुदाई का सुख भोग चुका राजू बुर के भूगोल को पूरी तरह से समझ चुका था अच्छी तरह से समझ गया था कि किस उम्र की लड़की की बुर कितना मजा देगी,,,, कमला चाची से चुदाई करने के बाद वह संभोग की बाराखडी को समझ पाया था,,, फिर अपनी बुआ कि गुलाबी बुर में लंड डालकर उसकी गर्मी को महसूस कर पाया था लेकिन सोनी के साथ संभोग करके वह पूरी तरह से संभोग की महागाथा को कंठस्थ कर चुका था संभोग के संपूर्ण अध्याय के बारे में समझ चुका था,,,,इसीलिए वह समझ चुका था कि तुम मेरी के साथ उसे बहुत मजा आएगा लेकिन यह बात उसे बार-बार परेशान कर रही थी कि वह यह जानते हुए भी कि पीछे खड़ा होकर वा देख रहा है फिर भी उसकी तरफ घूम कर अपनी चूची और अपनी बुर क्यों दिखाई,,, राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि कहीं उसके मन में उसके लिए प्यार तो नहीं है,,,,नहीं तो कोई भी लड़की इस तरह से गैर लड़के को क्यों अपना जवान बदन दिखाएगी,,, जो कुछ भी हो उसे बेहद आनंद की अनुभूति हुई थी इस पल को वह अपने सीने में संजोकर रखा हुआ था,,,।

नहाने के वाक्ए के बाद झुमरी भी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि आज उसने अपना बेशकीमती खजाना खूबसूरत बदन राजू को दिखा दी थी इस बात से उसके बदन में हलचल मची हुई थी कि वह पूरी तरह से नंगी थी और वह भी राजू की आंखों के सामने जिसे वह मन ही मन पसंद करने लगी थी,,,, मैं मन ही मन भगवान को शुक्रिया अदा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसे संपूर्ण रूप से मन की देखने के बाद राजू अपने होशो हवास में नहीं रह पाएगा उसके दिलो-दिमाग पर सिर्फ वही छाई रहेगी,,, और ऐसे में होगा उसके साथ जरूर मुलाकात करेगा,,,,। झुमरी ने कभी भी अनजाने में भी दूसरों के सामने नहाने की चेष्टा नहीं की थी और ना ही लोगों को अपना बदन देखने का मौका दी थी यह सब कुछ अनजाने में हुआ था लेकिन अनजाने में होने के बावजूद भी झुमरी अपनी तरफ से रही सही कसर को पूरी कर दी थी,,,। चुनरी और राजू दोनों को दूसरी मुलाकात का बेहद बेसब्री से इंतजार था अब वह मुलाकात किस हालात में किस समय होगा यह दोनों को पता नहीं था,,,,।


दूसरी तरफ हरिया को आज खेतों में पानी देने जाना था क्योंकि राजू घर पर नहीं था,,, और आज बैल गाड़ी लेकर निकलने का उसका मन नहीं कर रहा था,,,,,,, इसलिए वह काम कर रही मधु से बोला,,,,।


आज मैं खेतों पर चला जाता हूं पानी देने,,,,


क्यों आज रेलवे स्टेशन नहीं जाएंगे क्या,,?


नहीं आज मन नहीं है,,,,(इतना कहकर वा चलने लगा तो मधु आवाज देते हुए बोली)

खाना तो खा लीजिए,,,,


खेत पर ही भेज देना या तो खुद लेकर आ जाना मैं वही खा लूंगा,,,,( इतना कहकर वह घर से बाहर निकल गया,,, लेकिन तभी उससे चोरों की प्यास लगी और वह पास में ही नहाने के लिए बनाए गए लकड़ियों के पट्टी के गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया क्योंकि वहां पीने का पानी रखा रहता है,,,, हरिया कुछ और अपने कदम बढ़ाने लगा तो उसे पानी गिरने की आवाज आने लगी,,,, उसे लगा कि कोई नहान है लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ता रहा और जैसे ही वह 4 फीट के बने उस गुसलखाना के करीब पहुंचा और अंदर की तरफ देखा तो उसके होश उड़ गए,,,, हरिया के पूरे बदन में कपकपी सी फैलने लगी,,, छोटे से लकड़ी के टूटे-फूटे गुसल खाने में उसकी बहन गुलाबी नहा रही थी और वो भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर,,,हरिया के लिए पहला मौका था जब वह अपनी जवान बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था हालांकि घर के पीछे वाले भाग में जब वह बैल को पानी पिला रहा था तब वह अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखा था उसकी हवा में लहराती हुई गुलाबी गांड को देखा था लेकिन आज उसकी किस्मत बड़े जोरों पर थी आज वह अपनी बहन को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,हरिया अपने मन में सोचने लगा कि उसके माता पिता ने उसकी बहन का नाम गुलाबी बहुत सोच समझ के रखा था क्योंकि वाकई में उसका पूरा बदन गुलाब की गुलाबी पतियों की तरह एकदम कोमल थी,,,। गुलाबी की सुडोल गांड उसे साफ नजर आ रही थी जिस पर पानी की बूंदे फिसल रही थी,,,,,,, हरिया की धोती में हलचल सी मचने लगी,,, उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आ रही थी,,,, ऐसा पहली बार नहीं था क्या अपनी बहन को देखकर उसका मन बहका ना हो इससे पहले भी वह कई मौकों पर अपनी बहन की जवानी देख कर पाए चुका था लेकिन अपने आप को संभाल ले गया था लेकिन आज उसे पूरी तरह से नंगी देखकर वह अपने होशो हवास खो बैठा था,,,, अपनी बहन को नंगी नहाते हुए देखकर धोती के ऊपर से ही वह अपने लंड को मसल रहा था,,,,,, लेकिन तभी उसे इस बात का आभास होते ही की किसी की नजर उस पर पढ़ सकती हो कि साथ में देखकर लोग क्या सोचेंगे इसलिए वह धीरे से वहां से खिसक लिया,,,,,

गुलाबी आज अपने बड़े भाई के तन बदन में आग लगा दी थी अपनी खूबसूरत मत मस्त जवानी की आंच से उसे पिघला दी थी,,,, हरिया का मन पूरी तरह से बहक गया था,,, वह खेतों में पहुंच गया और ट्यूबवेल चालू करके खेतों में पानी देने लगा लेकिन उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, हरिया का खेत बीचोबीच था चारों तरफ हरियाली खेत लहलहा रहे थे,,, और मादकता की हरियाली हरिया के तन बदन में भी लहरा रही थी,,, धोती में उसका लंड बगावत पर उतर आया था घर से लेकर खेतों तक बिल्कुल भी शांत नहीं बैठा था उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था मानो कि दुश्मन को ललकार रहा हो,,, हरिया को जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह किनारे खडा होकर अपनी धोती में से अपने खड़े लंड को निकाल कर पेशाब करना शुरू कर दिया अपने खड़े लंड को देखकर अनायास ही उसके मन में ख्याल आ गया कि काश वह अपने लंड को अपनी छोटी बहन गुलाबी की बुर में डाल सकता तो कितना मजा आता वह अपने मन में यही सोचता हुआ पेशाब कर रहा था कि उसकी बहन अभी पूरी तरह से कुंवारी है उसकी बुर एकदम संकरी होगी उसे चोदने का बहुत मजा आएगा,,,अपनी सगी बहन को चोदने के ख्याल से ही हरिया के तन बदन में आग लगने लगी उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी उससे रहा नहीं जा रहा था अपने आपको संभाले नहीं जा रहा था,,,,,,वह अपने मन में यही सोच रहा था कि खाना देकर उसकी बीवी खेतों पर आएगी तो वह उसकी जमकर चुदाई करेगा क्योंकि बिना चोदे उसकी गर्मी शांत होने वाली नहीं थी और इसी इंतजार में वह खेतों के बीच में बनी झोपड़ी से खटिया को बाहर निकाला और पेड़ के नीचे घनी छांव में खटिया गिरा कर उस पर लेट गया और धोती में से अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठीयाना शुरू कर दिया,,,,।

उसके ख्यालों में उसके दिलो-दिमाग पर केवल उसकी छोटी बहन को ला भी छाई हुई थी उसका गुलाबी बदन उसके तन बदन में आग लगा रहा था उसके बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर रहा था धीरे-धीरे लंड को सहलाते हुए उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थीहरिया अपने अनुभव से यह सीखा था कि अपने हाथ से हिला कर पानी निकाल देने पर भी उसे संतुष्टि बिल्कुल भी नहीं मिलेगी बल्कि उसकी प्यास और ज्यादा बढ़ जाएगी वह जानता था कि जब तक वह अपने लंड को किसी की बुर में डालने देता तब की गर्मी शांत होने वाली नहीं थी इसीलिए वह बड़ी बेसब्री से अपनी बीवी का इंतजार कर रहा था,,,, लेकिन अपनी बहन गुलाबी के बारे में सोच रहा था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि कैसे गुलाबी को पटा कर अपने नीचे लाया जाए,,, गुलाबी को चोदने की वह मन में योजना बनाने लगा युक्ति तलाशने लगा,,,, हरिया गुलाबी का बड़ा भाई अपने मां-बाप को वचन दिया था कि वह गुलाबी को अपने बच्चे की तरह पाल पोस कर बड़ा करेगा और वहां अपने वादे के मुताबिक,,, गुलाबी को पाल पोस कर बड़ी तो कर दिया था लेकिन उसकी मदमस्त जवानी देख कर उसके मन में लालच आ गया था वह गुलाबी को भोगना चाहता था,,,, वासना की आग में बंद हो चुका था भाई बहन का रिश्ता उसकी आंखों के सामने धुंधलाता नजर आ रहा था,,, बार बार उसकी आंखों के सामने गुलाबी का नंगा बदन ही नजर आ रहा था,,,, उसकी खूबसूरत चिकनी पीठ के साथ-साथ उसकी खूबसूरत गांडबार-बार उसे अपनी बहन के बारे में गंदा सोचने पर मजबूर कर दें रही थी,,,।

यही सब सोचकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था,, धोती में से वह अपने लंड को बाहर निकाल कर जोर जोर से मुठिया रहा था कि तभी उसे गुलाबी खाना लेकर आती नजर आई और वह तुरंत अपने खड़े लंड को धोती के अंदर छुपा लिया,,,, लेकिन अपने लंड को छुपाने में उससे जरा सी चूक हो गई थी और इस नजारे को गुलाबी दूर से ही देख ली थी,,,,।
Nice update
 
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