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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Sanju@

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जब से राजू ने रंजीत सिंह की जमकर पिटाई किया था तब से उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और गांव में उसकी इज्जत और हैसियत दोनों बढ़ती जा रही थी गांव वाले उसे इज्जत की नजर देखने लगे थे कल तक वह गांव का आवारा लड़का ही था लेकिन जमीदार के साथ उठने बैठने और उसके गोदाम को संभालने की वजह से राजू का रुतबा समाज में बढने लगा था,,,, लेकिन राजू अपने बढ़ते हुए रुतबे का गलत इस्तेमाल अभी तक नहीं किया था वह जहां तक हो सकता था वह गांव वालों की मदद ही करता था,,,,,,


दूसरी तरफ झुमरी पूरी तरह से राजू की दीवानी हो चुकी थी राजू ने उसकी दो बार इज्जत बचा चुका था,,, लेकिन झुमरी दिल के साथ-साथ अपना तन भी राजू को सौंप चुकी थी,,, ,,, श्याम को इतना तो पता चल गया था कि उसकी बहन राजू से प्यार करती है लेकिन इस बारे में बिल्कुल भी नहीं जानता था कि राजू ने उसकी मां की तरह ही उसकी बहन की भी चुदाई कर चुका है,,,,, और शाम अच्छी तरह से जानता था कि अगर वह यह जान भी जाएगी राजू जी उसकी बहन को चोदा है फिर भी वह चाह कर भी कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और अब तो राजू काका दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था इसलिए उससे दोस्ती और रिश्तेदारी बना लेने में ही श्याम की भलाई थी और वह अपने आप को राजू को अपना जीजा बनाने का मन बना लिया था बस अब उसे अपनी मां को मनाना था,,,,

ऐसे ही एक दिन अच्छा सा दिन है देखकर राजू समोसे जलेबी और मिठाई खरीद कर श्याम के घर पहुंच गया,,,, उस समय घर पर कोई नहीं था शिवाए श्याम और उसकी मां के,,, राजू को देखते ही श्याम की मां की बुर फुदकने लगी क्योंकि श्याम की मां राजू के लंड की ताकत और रगड़ को अच्छी तरह से जानती थी ,,, काफी दिनों बाद राजू श्याम के घर आया था इसलिए श्याम की मां को सोते हुए बोली,,,।

अरे राजू तू अच्छे समय पर आया है,,,, रुक में तेरी भी थाली लगा देती हूं,,,,

अरे नहीं नहीं चाची रहने दो,,,, मैं खा कर आया हूं,,,,।
(राजू को अपनी मां से इतनी इज्जत से बात करता हुआ देखकर श्याम अपने मन में ही बोला,,,)
साला मादरचोद अब इतनी इज्जत से बात कर रहा है मानो पुरे गांव का सबसे संस्कारी लडका यही है लेकिन मौका मिल जाए तो अभी बुर में लंड डालकर भोसड़ा बना देगा और अभी कैसा चाची चाची कह रहा है,,,,)

तू आजा बेटा बैठ,,,, अब तो तू इधर आता ही नहीं है भूल गया क्या मेरे घर का रास्ता,,,


क्या चाची अब यही कहोगी पहले जैसा अब समय नहीं मिलता है,,,, वह क्या है ना कि काम धंधा पर लग गया हूं,,,

क्या कहा काम धंधा पर कैसा काम,,,!(श्याम की मां एकदम आश्चर्य जताते हुए बोली)

अरे चाची बेल गाड़ी चलाता हूं लाला का गोदाम देखता हूं और अब तो अच्छी आमदनी हो जाती है इसीलिए तो मुझे समय नहीं मिलता तुम्हारे पास आने को वरना तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत पूरे गांव में नहीं है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर राजू ने बोला राजू के कहने का मतलब को श्याम अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह शर्मिंदा हो गया था और ऐसी बात सुनकर अपने बेटे के सामने श्याम की मा भी शर्म से पानी पानी हो गई थी,,,, इसलिए वह शरमा कर बोली,,)

क्या बेटा तू भी इस उम्र में यह सब बातें कर रहा है,,,(खाना खाते हुए)

क्या चाची तुम्हारी खूबसूरती को मेरे और श्याम के सिवा कोई अच्छी तरह से जान पाया है क्या मुझे आज भी मालूम है कैसे तुम्हारी बुर में मेरा लंड फस गया था सच में तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है,,,,


राजू यह क्या कह रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम उसे रोकते हुए बोला क्योंकि श्याम अच्छी तरह से जानता था कि अब वह उसकी बहन से शादी करना चाहता है और ऐसे हालात में वह अपनी ही सास के बारे में इतनी गंदी बात कैसे बोल सकता है शायद श्याम भावनाओं में यह भूल गया था कि वह खुद एक बेटा होते हुए भी अपनी मां को चोद रहा था और वह तो सगा भी नहीं है फिर वह कैसे अपने आपको रोक सकता है,,,)

क्या श्याम तू तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हम तीनों का राज सिर्फ हम तीनों के बीच ही है और मैं यह राज किसी और को बताने वाला नहीं हूं क्योंकि तू मेरा जिगरी दोस्त है और तेरी मां मेरी मां भले ही हम दोनों मिलकर चुदाई क्यों ना करते हो रिश्तो की बात अलग है और जहां बुर‌का सवाल आ जाता है वहां लंड रिश्तेदारी नहीं देखता,,,,, कहो तो चाची अभी तुम्हें गोद में उठाकर अंदर ले चलो मेरा तो लंड बिल्कुल तैयार है तुम्हें चोदने के लिए अब पता नहीं श्याम का मन है कि नहीं,,,,, शायद इसका खड़ा होने में समय लेता है,,,,(राजू की ऐसी बात सुनकर श्याम एकदम से तैश में आ गया और तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला)

देख ले तेरा तो अभी अभी खड़ा हुआ होगा मेरा तो कब से खड़ा है बस मां के खाना खाने तक का इंतजार कर रहा था उसके बाद मैं खुद ही अंदर ले जाकर पटक कर चोदता,,,,


वाह मेरे दोस्त मौका भी है दस्तूर भी है फिर देर किस बात की,,,


तुम दोनों हरामि लोग मिलकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दोगे,,,


मजा भी तो बहुत देते हैं ना चाची,,,, और हां झुमरी तो नहीं है ना घर में,,,

नहीं अभी तो नहीं दोपहर के बाद ही आएगी,,,,(श्याम के भाव यह कहकर राजू को हरी झंडी दिखा दी थी यह सुनकर राजू एकदम खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब देखना कितना मजा आएगा जब मैं आगे से और श्याम पीछे से पेलेगा,,,,

हां हां देखना संभाल कर मेरी बुर कहीं फाड़ मत देना,,,,

तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो चाची एक बार की बात थोड़ी है इससे तो ना जाने कितना काम लेना है बस अब जल्दी से खाना खत्म करो अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,।
(इतना सुनते ही श्याम की मां जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी एक साथ दो दो जवान लंड के बारे में सोच कर उसकी बुर गीली हो रही थी खास करके राजू के लंड के बारे में सोच कर तो उसकी बुर फुदकने लगी थी,,,। खाना खाकर वह जल्दी से उठ गई उसे बर्तन साफ करने थे लेकिन वहां बर्तन साफ करने का काम छोड़ दी थी क्योंकि अगर वह बर्तन मांजने में लग जाती तो शायद देर हो जाती और अभी इस समय उसके बदन में आग लग चुकी थी वह अपने बदन की आग को राजू के जवान लंड से बुझाना चाहती थी,,,, हाथ धो कर अपने हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए वह बोली,,,)

श्याम तू दरवाजा बंद कर दे,,,,,।
(अब तक के माहौल को देखकर श्याम के लंड में भी झुनझुनाहट हो रही थी इसलिए वह तुरंत आगे बढ़कर दरवाजा बंद कर दिया,,,, दरवाजा बंद करके वह राजू की तरफ घुमा तो अपनी आंख के सामने का नजारा देखकर एकदम से हैरान रहे क्या उसके दरवाजा बंद करते करते राजू में उसकी मां के बदन से साड़ी उतार कर नीचे फेंक दिया था और उसे अपनी मजबूत भुजाओं में उठा लिया था,,,, राजू यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गया था कि राजू बड़े आराम से उसकी मां को गोद में उठाए हुए था और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला,,,)

पीछे पीछे आजा श्याम आज मजा करते हैं,,,


हाय दैया तेरे में तो बड़ा दम है रे,,,,

तो क्या चाची देसी घी खाता हूं और तुम्हारा दूध पीता हूं तभी तो इतना दम है,,,

चल झूठा,,,(गोद में होने के बावजूद भी एक हल्की सी चपत राजू के गाल पर लगाते हुए) इतने दिनों से मेरी बुर सूख रही थी तुझे बिल्कुल भी याद नहीं रही और कहता है कि तुम्हारा दूध पीकर ताकत आई है,,,

दो बार तो पिया हु ना उसी का दम है,,,,

चल असली दम दिखाना तो अभी बाकी है देखु तो सही अभी भी वही धार है या धार कम हो गई है,,,( इतना कहने के साथ ही श्याम की मां अपना हाथ नीचे की तरफ ले गई और पैजामा के ऊपर सही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा हो चुका था श्याम की मां उतेजीत होते हुए पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबा ली,,, यह देखकर राजू अंदर वाले कमरे में पहुंचकर बोला,,,)

मुंह में लेकर चूसोगी तो और ज्यादा मजा आएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू श्याम की मां को खटिया पर पटक दिया,,,,)

अरे धीरे से खटिया तोडेगा,,, क्या,,,,

हां मेरी रानी आज तो खटिया के साथ साथ तुम्हारी बुर का भोसड़ा भी बना दुंगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने बदन पर से कुर्ते को उतार फेंका,,,, और पाजामा को भी उतार कर फेंक दिया,,,, पल भर में ही राजू श्याम की मां की आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और यह देखकर श्याम भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया ,,,, कमरे में श्याम की मां की आंखों के सामने दो दो जवान लड़के एकदम नंगे खड़े थे लेकिन श्याम की मां की नजर अपने बेटे पर नहीं बल्कि राजू के खूबसूरत गठीले बदन पर टिकी हुई थी,,, खास करके उसके खड़े लंड पर श्याम की मां से भी बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह खटिया पर घुटने के बल बैठी हुई थी उसका पिछवाड़ा खटिया के उस पार था और उसका मुंह इस तरफ जहां पर राजू खड़ा था और राजू अपने लंड को हिलाते हुए श्याम की मां के सामने पहुंच गया,,,, राजू अपने लंड की चोट को श्याम की मां के खूबसूरत चेहरे पर मार रहा था,,,, श्याम की मां को राजू की हरकत बेहद उत्तेजित कर रही थी श्याम अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया था और पीछे से अपनी मां की पेटीकोट को उठा रहा था और देखते ही देखते वह अपनी मां की पेटीकोट को उठाकर कमर तक कर दिया और उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों में पकड़ कर अपना मुंह उसकी दोनों जांघों के बीच डाल दिया और देखते ही देखते श्याम की मां एक रंडी की तरह अपने बेटे की उपस्थिति में ही उसके दोस्त को भरपूर आनंद देते हुए राजू के लंड को पकड़कर अपने मुंह में डाल दी और उसे चूसना शुरू कर दी,,,,, राजू पलभर में ही मदहोश हो गया वह अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को चोद रहा था,,,,।

आहहहह आहहहह चाची ऐसे ही पूरा मुंह में ले लो बहुत मजा आएगा,,,,,आहहहरहह,,,, चाची तुम तो पूरा कमाल कर रही हो,,,,आहहहहह‌ बहुत मजा दे रही हो चाची,,,,।

(एक तरफ राजू श्याम की मां के मुंह में अपना लंड ठुंसकर पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और दूसरी तरफ श्याम की गंदी गंदी आह्लाद बातों को सुनकर श्याम पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और वह जोर-जोर से अपनी मां की गोरी गोरी गांड पर चपत लगाता हुआ उसकी बुर पर अपने होंठ घुमा रहा था,,,, श्याम की मां राजू के लंड को पूरी तरह से गले तक ले ले रही थी और राजू अपने दोनों हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके ब्लाउज का बटन खोल रहा था वह देखते ही देखते वह नीचे झुका कर उसके मुंह में लंड डाले हुए ही उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को पके हुए आम की तरह दबाना शुरू कर दिया,,,,,,।

राजू उसकी चूचियों को इतनी जोर जोर से दबा रहा था कि उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट जा रही थी और उन सिसकारियो की आवाज को सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा था,,,और वह जल्दबाजी दिखाते हुए अपनी जगह पर खड़ा हुआ तो अपनी मां की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और यही फर्क था श्याम मैं और राजू में जिस बात को अच्छी तरह से श्याम की मां जानती थी,,,,,

श्याम पीछे से अपनी कमर हिला रहा था और राजू आगे से अपनी कमर हिला रहा था लेकिन दोनों में बहुत फर्क था से हम जल्दबाजी दिखा रहा था और राजू धैर्य से काम ले रहा था कि वह,,, श्याम की मां के बालों का जुड़ा अपने हाथों से खोल कर उसके घने बालों को एकदम खोल दिया ,,,, ऐसा करने पर खुले बालों में श्याम की मां और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लगने लगी,,,,

श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था उसका बेटा पीछे से और राजू आगे से चोद रहा था एक बुर चोद रहा था और दूसरा मुंह,,,,, राजू पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपने लंड को जबरदस्ती उसके गले तक डालकर पांच छः सेकंड तक वेसे ही रुका रह जाता था जिससे श्याम की मां की सांस अटकते अटकते रह जाती थी और वह वापस लंड को बाहर खींच ले रहा था,,,, दूसरी तरफ अपनी बुर में अपने बेटे के लंड को श्याम की मां महसूस तो कर रही थी लेकिन वह मजा नहीं मिल रहा था जो मजा राजू देता था और देखते ही देखते श्याम की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह अपनी मां की कमर थामे जोर-जोर से अपनी कमर को हिला रहा था और देखते ही देखते अपनी मां के पिछवाड़े पर ही ढेर हो गया,,,,,,,,,, श्याम तो झड़ चुका था लेकिन उसकी मां प्यासी रह गई थी बीच बाजार में उसके बेटे ने उसे छोड़कर खुद किनारे पर लग गया था और श्याम की मां भी किनारे पर आने के लिए तड़प रही थी अब उम्मीद की आखिरी किरण सिर्फ राजू ही था जो उसे अपनी मोटे तगड़े लंबे लंड से चोद कर उसे संतुष्ट कर सकता था इसलिए अपने मुंह में से राजू के लंड को बाहर निकालते हुए बोली,,,।

बस राजू तेरा काम अब आगे नहीं पीछे हैं देखने का है मेरा बेटा मुझे बीच मझधार में ही छोड़ दिया अब किनारे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तेरी है,,,,,


तो बिल्कुल भी चिंता मत करो चाचा जब तक मैं हूं तब तक तुम्हारी बुर प्यासी नहीं रह सकती,,,,,,।
(तब तक श्याम अपनी मां के पिछवाड़े पर से उठ कर खड़ा हो गया था और बगल में खड़ा हो गया था और अपनी मां की चुदाई देखने जा रहा था राजू श्याम की मां को खटिया पर ले जाने से पहले उसके ब्लाउज को उतार फेंका और साथ ही पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया जिससे पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई और श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल लेट ते हुए अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा दी ताकि राजू उसकी पेटीकोट को निकाल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर सके श्याम की मां की कमर को उठा हुआ देखकर राजू तुरंत फुर्ती दिखाता हुआ पेटीकोट को खींच कर नीचे कर दिया और अगले ही पल श्याम की मां खटिया में एकदम नंगी हो गई औरत के नंगे बदन को देख कर राजू का लंड वैसे भी 10 गुना और ज्यादा ताकतवर हो जाता था और इस समय भी श्याम की मां की मदहोश कर देने वाले जवानी उसके नंगे बदन को देख कर राजू का लंड लोहे की छड़ की तरह एकदम कड़क हो गया था इस समय इस बात से और भी ज्यादा है वह तेजी था कि वह एक बेटे के सामने उसकी आंखों के सामने उसकी मां को चोदने जा रहा था,,,,,।

अकेले ही पर राजू खटिया पर घुटनों के बल बैठ गया था और अपने लिए श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा था अगले ही पल अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर श्याम की मां की मोटी कमर को अपने दोनों हाथों में पकड़,,, लिया उसे अपनी तरफ खींच लिया राजू अपनी भुजाओं का दम दिखाते हुए श्याम की मां की मजबूत जानू को अपने ऊपर चढ़ा लिया और उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर आ गई,,,, इस अवस्था में श्याम की मां की बुर ठीक राजू के मोटे तगड़े लंड के सामने थे और गुहार लगा रही थी कि लंड को उसकी बुर में डाल देंंंं लेकिन राजू था कि श्याम की मां को और ज्यादा तड़पाते हुए अपने लंड के मोटे सुपाड़े को उसकी बुर पर रगड रहा था और लंड की गर्माहट पाकर श्याम की ना पूरी तरह से मचल उठी उसे अपने अंदर लेने के लिए इसलिए खुद ही अपनी कमर ऊपर उठाकर राजू के लंड को अपनी बुर में लेने की कोशिश कर रही थी और इसी तड़प और मचल का इंतजार राजू को था इसलिए राजू बोला,,,,।

चाची मे तुमसे एक बात कहना चाहता हूं,,,,

अरे पगले बात कहने के लिए तुझे यही समय मिला है बाद में भी तो कह सकता था,,,

नहीं मुझे यही समय ठीक लग रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड के‌ सुपाडे को उसकी बुर में डालकर वापस निकाल लिया,,,, यह तो श्याम की मां के लिए ऐसा ही होगा कि स्वादिष्ट भोजन उसके आगे परोस कर थाली हटा ली गई हो वो एकदम से तड़प उठी उसे अंदर लेने के लिए,,,,)

आहहहह राजू यह क्या कर रहा है मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।

(राजू इस बार श्याम की मां पर रहम दिखाते हुए अपने लंड के सुपाड़े को वापस उसकी बुर में डाल दिया और बोला,,,)

मैं जानता हूं चाची मैं जो कुछ भी कहूंगा तुम मेरी बात मान जाओगे लेकिन फिर भी मैं बात करना उचित समझ रहा था इसलिए कह रहा हूं,,,।

अरे हरामि जो कुछ भी कहना है बाद में कहना है लेकिन पहले मुझे चोद मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,


मुझसे भी कहां रहा जा रहा है चाची,,,(इतना कहने के साथ ही एक करारा धक्का लगाया और लंड उसकी बुर की गहराई में खो गया,,,,,, बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मैं चाहता हूं चाची कि तुम झुमरी का हाथ मेरे हाथ में दे दो,,,
(इतना सुनते ही श्याम के मा एकदम से चौक गई उसे अपने कान पर भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर से बोली,,)

क्या कहा मैं कुछ समझा नहीं,,,(अभी भी राजू का लंड उसकी बुर की गहराई में था और उसके मोटे पन को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी)

मैं झुमरी से शादी करना चाहता हूं,,,


यह क्या कह रहा है राजू तू तेरे और मेरे बीच में किस तरह का रिश्ता है यह तु भी अच्छी तरह से जानता है,,,

तो क्या हुआ चाची मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकता ना,,,, मैं तुम्हारी बेटी से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम के माध्यम से हैरान हो गई थी और श्याम की तरफ देखी तो श्याम की राजू के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला)

मान जाओ मा राजू का रुतबा और हैसियत पूरे गांव में सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है जानती हो लाला का सबसे खास है गोदाम का काम यही देखता है और पैसे भी खूब कमाता है झुमरी इसके घर पर इसके साथ राज करेगी,,,,।

मतलब तुझे भी सब कुछ मालूम है,,,,

क्या मा तुम भी झुमरी खुद राजू से प्यार करती है उससे शादी करना चाहती है,,,

हाय दैया मेरे पीठ पीछे इतना कुछ हो रहा है और मुझे कुछ पता ही नहीं है,,,

झुमरी के भी पीठ पीछे तो बहुत कुछ चल रहा है उसे कहां पता है,,,


तू सच में बहुत बड़ा हारामी है,,, अब चल जल्दी कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


चाची तुम भी तैयार होना मुझे अपना दामाद बनाने के लिए,,,

अब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी और वैसे भी तेरे रिश्ते के बारे में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि तरफ तो मेरा दामाद भी है और दूसरी तरफ मुझे चोदता भी है लेकिन शादी के बाद तो तु बदल तो नहीं जाएगा ना,,,

कैसी बात कर रही हो चाचा तुम्हारी पानी से भरी बुर की कसम शादी के बाद भी तुम्हारी बुर की सेवा करूंगा,,,

चल बाद की बाद में देखा जाएगा अभी तो सेवा कर,,,

यह लो चाची,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू एकदम खुश होता हुआ धक्के पर धक्का लगाने लगा और इतनी जोर जोर से खुशी के मारे धक्का लगा रहा था कि खटिया चरमरा जा रही थी लेकिन श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था तकरीबन 20:25 मिनट तक जमकर चुदाई करने के बाद राजू श्याम की मां को पूरी तरह से तृप्त करने के बाद अपना पानी भी निकाल दिया और बाद में खुश होता हुआ वहां से चला गया,,,
बहुत ही कामुक और लाजवाब अपडेट है
राजू ने क्या मौके पर चौका मारा है श्याम की मां की चुदाई करते हुए अपनी बात भी मनवा ली इसमें श्याम ने भी हा कर दी
 

Naik

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अद्भुत अविस्मरणीय अतुलनीय संभोग रचना का जो मनोरम में दृश्य राजू ने दिखाया था उसे देखकर गुलाबी बाग बाग हो गई थी और खास करके इसलिए कि आज राजू अपनी मां की चुदाई कर रहा था एक बुआ होने के नाते वह खुद अपने भतीजे के साथ एक बहन होने के नाते खुद अपने भाई के साथ संभोग सुख को प्राप्त करके अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर चुकी थी लेकिन जिंदगी में पहली बार किसी मां को अपने ही बेटे से चुदवाते हुए अपनी आंखों से देखी थी जिसमें खुद की उसकी ही लालसा थी अब गुलाबी भी पूरी तरह से आजाद हो चुकी थी घर में खुले तौर पर चुदाई करवाने के लिए,,,,, राजू को वह‌ अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वह दोनों साथ में ही घर में बने छोटे से छेद के बगल वाले कमरे में से अपनी मां की चुदाई देखा करते थे गुलाबी अपनी भाभी की और राजू अपनी मां की उस समय के दृश्य को देखकर गुलाबी के साथ-साथ राजू के तन बदन में भी आग लग जाती थी उत्तेजना अपने चरम शिखर पर पहुंच जाती थी,,,,,,,, अपने बड़े भाई के लंड को अपनी भाभी की बुर में घुसता हुआ देखकर खुद उसकी बुर गीली हो जाती थी और वह अपने भतीजे के लंड को देखती थी तो आश्चर्य होता था क्योंकि उसका भी एकदम से खड़ा हो जाता था यह देखकर गुलाबी ऐसा सोचती थी जिसकी शायद अपनी मां के नंगे बदन को देखकर उसके भजन में उत्तेजना बढ़ जा रही है और शायद इसीलिए उसका लंड खड़ा हो जाता है और चुटकी लेते हुए राजू से‌वह कई बार अपनी मां को चोदने वाली बात कह चुकी थी लेकिन गुलाबी जानती नहीं थी कि मौका मिलने पर सच में राजू अपनी मां को चोद देगा लेकिन आज अपनी आंखों से देख कर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी और मर्द की जात का उसे अच्छी तरह से ज्ञान हो गया था कि मर्द चाहे सामने कोई भी हो उसकी बहन हो भाभी हो बुआ हो या उसकी खुद की सगी मां हो उसे सिर्फ उसकी बुर ही दिखती है,,,,,, एक मर्द के लिए जब उसका लंड खड़ा हो तो नहीं तो रिश्तो ‌ के रूप में सिर्फ उसे औरत ही नजर आती और यही वह अपनी आंखों से देख चुकी थी कि राजू अपनी मां की बेझिझक चुदाई किया था,,,। चाहे जो भी हो उसे लग रहा था कि अपनी चालाकी से उसने खुद का उल्लू सीधा कर ली है लेकिन इस खेल से घर में सभी का उल्लू सीधा हो चुका था बस इस बात से अनजान केवल हरिया ही था,,,।


शाम के वक्त खाना बनाते समय घर में केवल गुलाबी और उसकी भाभी मधु ही थी दोपहर में मधु के साथ जो कुछ भी हुआ था उसे लेकर वह गुलाबी के सामने शर्मिंदगी के अहसास में डूबी हुई थी,,, वह गुलाबी के सामने शर्मा रही थी गुलाबी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसकी बातें उससे शर्मा रही है इसलिए चुटकी लेते हुए बोली,,,

क्यों भाभी कैसा लगा,,,

क्या कैसा लगा,,,(ऐसा बोलते हुए मधु के गोरे गाल सुर्ख लाल हो गए)

अरे मैंने सब कुछ देखी अपनी आंखों से,,, कैसे सटासट तुम अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में ले रही थी पहले तो मुझे ऐसा ही लगा कि तुम्हारी बुर में तुम्हारे बेटे का लंड घुस नहीं पाएगा क्योंकि कुछ ज्यादा ही मोटा है,,,
(मधु खामोश होकर शर्मा कर अपनी ननद की बात सुन रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि उसकी मेहनत को क्या मालूम कि वह पहले से ही अपने बेटे के लंड को खा चुकी थी अपनी बुर में गप से ले चुकी थी,,,, गुलाबी एकदम से उत्साहित होते हुए बोली,,)
बताओ ना भाभी तुम्हें कैसा लगा,,,?

RAju is tarah se chudai karta hua

अब मैं तुझे क्या बताऊं देखी तो थी ना तूने अपनी आंखों से,,,

हां भाभी देखी तो थी,,, कि तुम्हारे मुंह से सुनने में बहुत मजा आएगा क्योंकि आज एक मां अपने बेटे से चुदवाई,,
(अपनी ननद की यह बात सुनकर मधु एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई,,,, तो एकदम से शरमाते हुए बोली,,)

धीरे से गुलाबी कहीं कोई सुन ना ले,,,

अरे भाभी अब तुम बेकार में डरती हो कोई सुन लेगा तो सुन लेगा और वैसे भी इस घर में इस बात को कोई सुनने वाला है तो कौन है मैं हूं तुम हो राजू है और बड़े भैया हैं जो कि इस खेल में पूरी तरह से शामिल है तो कोई कुछ बोलेगा ही नहीं,,,,

यह बात तो तु ठीक कह रही है,,,। लेकिन फिर भी गुलाबी मुझे बहुत शर्म आ रही है आज मेरे हाथों ऐसा लगता है कि पाप हो गया है,,,,(जानबूझकर मधु पछतावा का नाटक करते हुए बोली तो गुलाबी उसे समझाते हुए बोली)
Raju is tarah se apni ma ki chudai karta hua


कुछ पाप नहीं भाभी यह तो आनंद है किसी से भी ले लो आखिर करना क्या होता है टांग खोल कर सो जाना होता है,,, और फिर तुम्हारी बुर में लंड किसका जा रहा है इससे कोई मतलब नहीं होता बस एक मर्द के नजरिए से देखना चाहिए सच पूछो तो भाभी इस खेल में बहुत मजा आता है जब परिवार का ही कोई सदस्य शामिल हो जाता है मुझे तो बहुत ज्यादा मजा आया जब राजू तुम्हारी बुर में अपना लंड पेल रहा था और भाभी कितने जोश के साथ वह तुम्हारे चुदाई कर रहा था देखते ही बन रहा था इतनी जोश से तो वह मेरी चुदाई नहीं करता,,,,(सब्जी काटते हुए गुलाबी बोली,,,) भाभी शर्माने वाली कोई बात नहीं है कोई बहुत बड़ा पाप नहीं हो गया है देखना एक दिन वही तो मैं पूरा मजा देगा और तुम उसकी दीवानी हो जाओगी मुझे पूरा विश्वास है कि अभी भी अपने बेटे के लंड के बारे में सोच कर तुम्हारी बुर पानी छोड़ देती होगी,,,

धत्,,,,(एकदम से शरमाते हुए मधु बोली)

हां हां भाभी मैं सच कह रही हूं मेरे साथ भी ऐसा ही होता है सच कहूं तो अभी भी सोचो की बात करके मेरी बुर पानी छोड़ रही है,,,, बहुत मोटा है ना भाभी,, बोलो ना भाभी शर्मा क्यों रही हो,,,
(अपनी ननद की यह बात सुनकर मधु अपने मुंह से कुछ बोली नहीं बस शर्मा कर हां में सिर हिला दी और यह देखकर गुलाबी एकदम से खुश होते हुए बोली)


वाह मेरी प्यारी भाभी यही तो मैं तुमसे कह रही थी,,, राजू का लंड एक बार ले लोगी तो पागल हो जाएगी एकदम रगड़ रगड़ के जाता है अंदर,,,,,,
(गुलाबी की बातों को सुनकर मधु के तन बदन में एक बार फिर से सुरसुरी सी दौड़ने लगी थी वह आप अच्छी तरह से समझ गई थी कि अपनी मेहनत से शर्माने क्या आप कोई मतलब नहीं है क्योंकि वह अपनी आंखों से उसे अपने बेटे से चुदवाते हुए देख चुकी थी इसलिए वह भी अपनी ननद के सुर में सुर मिलाते हुए बोली)

हारे गुलबिया तु एकदम सच कह रही थी वाकई में मेरे बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है मैं तो सिर्फ समझ रही थी कि तू बस अपनी गलती छुपाने के लिए मुझे बेहका रही है,,,, लेकिन आज सारी आशंकाएं दूर हो गई मैं तो बस देखती ही रह गई थी अपने बेटे के लंड को जैसा लग रहा था कि जैसे किसी सांड का है,,,

अच्छा एक बात बताओ भाभी अपनी बेटी का मोटा और लंबा लंड देखकर तुम्हें डर नहीं लगा कि तुम्हारी बुर में जाएगा कैसे,,,!

हां मुझे तो पहले बहुत डर लग रहा था क्योंकि राजू के लंड के आगे का सुपाड़ा कितना मोटा है एकदम खुला हुआ आलूबुखारा की तरह मुझे तो बहुत डर लग रहा था कि अगर एक बार मेरी बुर में क्या तो मेरी बुर फट जाएगी,,,, लेकिन लगता है कि तेरी संगत में राजू एकदम होशियार हो गया है कितने आराम से मेरी बुर में डाला शुरू शुरू में दर्द कर रहा था लेकिन उसके बाद इतना मजा आया कि पूछो मत,,,(मधु भी अपने बेटे के लंड की तारीफ चटखारे लगाकर कर रही थी,,,, क्योंकि वह समझ गई थी कि आप अपनी ननद से शर्म करना बेफिजूल है इसलिए वह इस तरह की बातों का आनंद ले रही थी,,,)

सच कह रही हो भाभी तुम तुम तो फिर भी जवान बच्चों की मां हो तुम्हारी बुर में ना जाने कितनी बार लंड गया होगा लेकिन शुरू शुरू में तो मेरी हालत खराब कर दी थी तुम्हारे बेटे ने सरसों का तेल नहीं अपना थूक लगाकर डाला था इतना दर्द किया था मुझे तो लग रहा था कि मेरी जान चली जाएगी लेकिन तुम्हारा बेटा एक नंबर का हराम है मेरा दर्द कम करने के लिए वह एकदम से आधा लंड डालकर रुक गया था और मेरी चूची को जोर जोर से दबाते हुए उसे मुंह में लेकर पी रहा था और जैसे ही मेरा दर्द कम हुआ और मेरे मुंह से आवाजें आने लगी बात तुरंत एक धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड सीधे मेरे बच्चेदानी से जा टकराया,,,, और इसके बाद तो तुम्हारे बेटे ने मेरी ऐसी चुदाई किया कि मेरी बुर फटते-फटते और खटिया टूटते टूटते बची थी,,,(अपने ननद की बात सुनकर मधु खिलखिला कर हंस दी तो गुलाबी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) क्या खाई थी भाभी तुम राजू के पैदा होते समय जो इतना सांड जैसा औलाद पैदा की हो राजू के लंड को देखकर लगता ही नहीं है कि वह भैया के अलावा किसी और के सामने तो टांगे नहीं खोल दी थी भाभी तुमने,,,।

धत्,,,, मुझे तो ऐसी वैसी औरत समझ रही है क्या,,,?

ओह हो,,, अपने बेटे के सामने तो अपनी टांग खोल दी अपनी गांड खोल दी और कहती हो कि मैं ऐसी वैसी औरत नहीं हुं,,,

अरे हरामजादी,,,(मजाक में गुलाबी को गाली देते हुए) तेरे कहने पर तेरी बातों से मेरा मन बहक गया था वरना मैंने आज तक अपने बदन को किसी गैर मर्द को छूने भी नहीं दी हूं,,,,, लेकिन तू सच कहती है तेरे भैया का लंड राजू के लंड से आधा ही है,,,, मेरी बुर अभी तक दर्द कर रही है,,,

तो क्या हुआ भाभी अभी भी तुम्हारा मन अपने बेटे के लंड को लेने के लिए कर रहा होगा,,,

धत् अभी मारूंगी,,,,(मुस्कुराते हुए)

ओए होए देखो तो सही मेरी भाभी रानी के गालो को कैसे शर्म से लाल हो गई है कहो तो आज की रात राजू को फिर से तुम्हारे कमरे में भेज दूं,,,,, ताकि भैया भी तो देखें असली मर्द किसको कहते हैं नहीं तो तुम ही मेरे कमरे में चली आना भैया को खुश करने के बाद फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ मजा करेंगे,,,,।
(गुलाबी की यह बात सुनकर मधु के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी गुलाबी के कहे अनुसार दो औरत और एक मर्द जिसके बारे में आज तक मधु ने कल्पना भी नहीं की थी,,, इस बारे में सोच कर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ में लगी उसके लिए यह बिल्कुल नया था जिसके बारे में सोच कर ही उसकी बुर गीली हो रही थी लेकिन गुलाबी इस तरह के अनुभव का पूरा मजा ले चुकी थी और वह भी अपनी भतीजी मतलब की राजू की बड़ी बहन के साथ मिलकर राजू के मर्दाना जोश को अपने अंदर लेकर मस्त हो चुकी थी,,,,, गुलाबी की बात का कोई उत्तर दे पाती इससे पहले ही हरिया घर में प्रवेश करने लगा तो दोनों एकदम खामोश हो गई,,,, इसके बाद दोनों दोपहर वाली बात का जिक्र छोड़ कर घर के काम में मन लगा दी लेकिन दोनों का मन लग नहीं रहा था,,,,, जैसे तैसे करके सब लोग भोजन करके अपने अपने कमरे में चले गए मधु एक बार फिर से हरिया के नीचे थी लेकिन इस बार वह अपने पति से बिल्कुल भी खुश और संतुष्ट नजर नहीं आ रही थी क्योंकि जिस तरह की जबरदस्त चुदाई उसके बेटे ने उसकी किया था उसे देखते हुए हरिया में बिल्कुल भी जोश नजर नहीं आ रहा था हालांकि रोज हरिया अपनी इसी जोश के साथ अपनी बीवी को खुश कर देता था लेकिन आज की बात कुछ और थी मधु की बुर में अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड का सांचा बन चुका था जिसमें अपने पति के छोटे लंड से उसे बिल्कुल भी महसूस नहीं हो पा रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी बहुत खुश थी,,, राजू से पूरी तरह से नंगी करके उसकी दोनों टांगे फैला चुका था और अपने लंड को उसकी बुर पर रखकर डालने की तैयारी में था तभी उसके जोश को और ज्यादा बढ़ाते हुए गुलाबी बोली,,,

मुझे मालूम है राजू तेरी मां की बुर मेरी बुर से भी ज्यादा कसी हुए खूबसूरत है तभी तो मैं देखी कितनी जोर जोर से धक्के लगा रहा था आखिरकार जो अपनी मां को चोद ही दिया मादरचोद बन गया,,,

अब मैं बुआ चोद बनने जा रहा हूं,,, मेरी रंडी बुआ,,,, अब देख मैं तुझे कैसे चोदता हूं,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजु ने एक जबरदस्त धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड गुलाबी की बुर में डाल दिया,,,)

एक तरफ राजू चुदाई का भरपूर मजा लूट रहा था तो दूसरी तरफ झुमरी के साथ उसका प्यार परवान चल रहा था वह झुमरी को दिलों जान से चाहने लगा था और झुमरी भी उससे बेइंतहा मोहब्बत करने लगी थी दोनों के बीच मन के आकर्षण के साथ था शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता जा रहा था जिसके तहत दोनों चुदाई के सुख को भी भोग चुके थे और जहां मौका मिलता था वहां पर एक दूसरे की प्यास बुझा लेते थे,,,, ऐसे ही 1 दिन वहां राजू से मिलने के लिए धीरे-धीरे उसके गोदाम पर पहुंच गई जहां पर राजू मजदूरों से काम कराया करता था,,, लेकिन गोदाम पर झुमरी को राजू कहीं नजर नहीं आ रहा था तो वह निराश होकर वापस अपने घर की तरफ जाने लगी लेकिन आज विक्रम सिंह का भतीजा रंजीत सिंह गोदाम पर आया हुआ था,,,, विक्रम सिंह ने उसे 1 बहाने से गोदाम पर भेजा था जिसके जरिए वह देखना चाहता था कि गोदाम का व्यापार कैसा चल रहा है और यहां पर आकर रंजीत सिंह बहुत खुश हुआ था क्योंकि गोदाम का कारोबार बड़े जोरों शोर से चल रहा था,,,,, लेकिन उसकी नजर वापस लौटती हुई झुमरी पर चली गई उसकी मस्तानी मतवाली चाल और गोलाकार गांड देखकर रंजीत सिंह का मन बहक गया,,, और वह गोदाम पर किसी को भी कुछ भी बताएं झुमरी के पीछे पीछे चलने लगा वह झुमरी से नजर बचाकर उसके पीछे पीछे जा रहा था और मौके की तलाश में था झुमरी की मस्तानी चार और उसकी मद भरी गांड देखकर 30 वर्षीय रंजीत सिंह का लंड खड़ा होने वाला,,, वैसे भी रंजीत सिंह रंगीन मिजाज का व्यक्ति था अपने खेतों में काम करने वाली कई औरतों के साथ वहां पैसे देकर या जबरदस्ती उनके बदन का सुख हो चुका था और आज उसका दिल गांव की झुमरी पर आ गया था,,,,,,

रंजीत सिंह बहुत ही ताकतवर जमीदार विक्रम सिंह का भतीजा था इसलिए वह अपने रूआब का पूरा फायदा उठाता था,,,, उसे अपने ऊपर पूरा विश्वास था कि आज वह झुमरी के साथ मनमानी कर लेगा और इसीलिए वह मौके की तलाश में था,,,,, कुछ दूर तक वह झुमरी का पीछा करने के बाद सुनसान जगह पर पहुंच गया था जहां पर दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और बार-बार झुमरी को भी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसके पीछे कोई आ रहा है इसलिए वहां कुछ देर रुक जाती और पीछे मुड़कर चारों तरफ देखने लग जाती थी लेकिन उसके मरने से पहले ही रंजीत सिंह बड़े पेड़ के पीछे अपने आप को छुपा लेता था और झुमरी यही समझती थी कि उसका भ्रम है इसलिए मैं निश्चिंत होकर चल रही थी लेकिन जब रंजीत सिंह ने देखा कि चारों तरफ बड़े बड़े घने घने पेड़ हैं और दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है तो वह एकदम से उसके पीछे चलते हुए बोला,,,।


हाय हाय मेरी रानी तुम्हारी गांड तो बहुत खूबसूरत है ऐसे मटक के चलोगी तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा,,,
(अनजान अश्लील आवाज को सुनते ही झुमरी के बदन में एकदम से सिहरन सी दौड़ गई वैसे तो झुमरी बहुत बहादुर लड़की थी लेकिन इस तरह से कोई उसके बारे में गंदी बात आज तक कोई नहीं बोल नहीं पाया था इसलिए वह एकदम से घबरा गई थी वह तुरंत घूम कर देखी तो उसके सामने एक हट्टा कट्टा 30 वर्षीय लंबा चौड़ा इंसान खड़ा था जिसे वह पहली बार देख रही थी झुमरी डर तो कही थी लेकिन फिर भी हिम्मत करते हुए बोली)


ऐय,,, हरामी क्या बोला रे तु,,,, तेरे घर में मां बहन नहीं है क्या,,?

मा है बहन है लेकिन तेरी जैसी खूबसूरत लड़की की कमी है जो रोज मेरी प्यास बुझा सके,,,

क्या बोला रे हरामि,,,,

यानी कि तेरे जैसी लड़की की कमी है जो रोज मेरे लंड को अपनी बुर में लेकर मेरी प्यास बुझा सके,,,,


हरामजादे नीच कुत्ते तेरी यह हिम्मत,,, रुक मैं तुझे अभी बताती हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही झुमरी इधर उधर नजर घुमाकर उस पर कुछ मारने के लिए लकड़ी और पत्थर ढूंढने लगी लेकिन उसकी किस्मत खराब थी उसे कुछ मिल नहीं रहा था और रंजीत सिंह जोर जोर से हंसता हुआ उसकी तरफ आगे बढ़ा और तुरंत उसे पकड़ कर कपड़े के गट्ठर की तरह अपने कंधे पर उठा लिया और उसे बड़े से पेड़ के नीचे की तरफ ले जाते हुए बोला,,,)

हाय मेरी रानी तू तो एकदम जंगली बिल्ली की तरह उछल कूद मचा रही है,,, तेरे साथ मुझे बहुत मजा आएगा और तू ही मेरा साथ दे तुझे भी बहुत मजा दूंगा और पैसे भी दूंगा,,,

पैसे हरामजादे अपनी मां की भोंसड़ी में डाल दे,,, कुत्ते,,,

मां की गाली देती है रंडी अभी तेरे भोसड़ी में लंड डालता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही रंजीत सिंह ने गुस्से में आकर गुलाबी को घास के ढेर पर बड़ी जोर से पटक दिया,,, जिससे झुमरी एकदम से जोर से पटके जाने की वजह से एकदम निश्चेत हो गई वह उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी,,,, अपनी आंखों से देखी तो रंजीत सिंह अपने पजामे की डोरी खोल रहा था यह देखकर वो एकदम से घबरा गई उसे लगने लगा कि आज उसकी इज्जत चली जाएगी और इसीलिए आखरी प्रयास करते हुए जितना हो सकता था इतनी जोर से वह बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी,,,, झुमरी की नसीब बहुत तेज थी कि वही बगल के कच्चे सड़क से राजू और उसका दोस्त श्याम जोकि झुमरी का भाई था राजू उसे लेकर गोदाम पर जा रहा था उसके कानों में आवाज पडते ही वह एकदम से चौक गया,,,, झुमरी से बहुत प्यार करता था इसलिए उसके चिल्लाने की आवाज भी एकदम से जल्दी से पहचान गया जबकि श्याम को कुछ भी पता ही नहीं चला,,,, एकदम से श्याम को रोकते हुए बोला।

श्याम लगता है झुमरी की आवाज है,,,

तेरे कान बज रहे हैं राजू यहां किसी की आवाज नहीं आ रही है,,,

नहीं-नहीं श्याम में झुमरी की आवाज को अच्छी तरह से पहचानता हूं,,,,

पागल हो गया क्या तू,,,,

बचाओ बचाओ,,,,(तभी एक बार फिर से झुमरी ने जोर से चिल्लाई और इस बार श्याम के कानों में आवाज पहुंची लेकिन फिर भी वह बोला)

पागल हो गया क्या तू जो मेरी इस तरह से क्यों चिल्लाएगी,,,


नहीं शयाम कुछ तो गड़बड़ है,,,,(और इतना कहने के साथ ही घड़ी भर की भी विलंब किए बिना राजू आवाज की दिशा में भागने लगा जहां से झुमरी जोर जोर से चिल्ला रहे थे बचाओ बचाओ की गुहार लगा रही थी और तुरंत ही राजू की आंखों के सामने वह मंजर दिखाई दिया जिसके बारे में कभी राजू ने सोचा भी नहीं था रंजीत सिंह ने पैजामा निकाल चुका था उसका लंड खड़ा था और वह नीचे घुटनों के बल बैठकर झुमरी की सलवार की टूरी जबरदस्ती खोल रहा था यह देखकर राजू एकदम से आग बबूला हो गया और भाई एकदम से जोर से चिल्लाते हुए रंजीत सिंह की और भागा,,,,।


हरामजादे कुत्ते आज मैं तेरा खून पी जाऊंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह उछलकर एक लात रंजीत सिंह कुमार और रंजीत सिंह इस बारे में कभी कल्पना ने भी नहीं किया था और एकदम से 5 फुट दूर जाकर गिरा,,,,, लेकिन रंजीत सिंह एकदम फुर्तीला और कसरती बदन का था इसलिए वह तुरंत उठ कर खड़ा हो गया और वह पलटवार करते हुए राजू के ऊपर अपना हाथ जला दिया लेकिन राजू उससे भी ज्यादा फुर्तीला निकला वह तुरंत उसका हाथ पकड़ कर उसे पूरी तरह से घुमा दिया और एक लात उसकी कमर पर मारा हुआ एकदम से फिर से जमीन पर बिखर गया और दूसरी तरफ झुमरी रोते हुए अपने आप को संभालते हुए बोले जा रही थी,,,।

मार राजू इसे और मार यह मेरी इज्जत लूटना चाहता था खत्म कर दे इसे यह हराम ज्यादा मुझे कहीं का नहीं रखने वाला था उसने मेरी इज्जत पर हाथ डाला है राजू इसे छोड़ना मत कर,,,

तू चिंता मत कर झुमरी तेरे ऊपर यह नजर उठा कर देख भी नहीं सकता मैं इसकी ऐसी हालत करूंगा,,,,,(झुमरी की बात सुनकर राजू एकदम से गुस्से में लाल पीला होते हुए बोला और अपने हाथ की मुट्ठी को कस के बाद का हुआ अगला वार रंजीत सिंह के मुंह पर किया उसके पूरे जबड़े हिल गए,,, और वह फिर से जमीन पर गिर गया तब तक श‌याम भी उधर आ गया था झुमरी को रोता हुआ देखकर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें और राजू उसकी जमकर पिटाई कर रहा था रंजीत सिंह राजू के वार से पूरी तरह से चारों खाने चित हो चुका था,,,,,, राजू बहुत गुस्से में था जैसे तैसे करके रंजीत सिंह खड़ा हुआ और मौके का फायदा उठाते हुए वहां से भाग गया लेकिन जाते-जाते बोला,,,

तूने ठीक नहीं किया है कुत्ते इसका बदला मैं तुझसे जरूर लूंगा,,,,

अरे जा मादरचोद,,,,,(ऐसा क्या कर राजू ने फिर से दौड़ाया तो वह भाग खड़ा हुआ रंजीत सिंह की तरफ किसी ने आज तक उंगली तक नहीं उठाई थी लेकिन राजू ने उसकी जमकर पिटाई कर दिया था और रंजीत सिंह गोदाम पर जाने की जगह सीधा अपने घर पर चला गया लेकिन यह बात उसने अपने चाचा विक्रम सिंह से बिल्कुल भी नहीं कहा क्योंकि इसमें उसकी बदनामी हो जाति की कितनी जमीदार का भतीजा होते हुए भी एक गांव के लड़के से मार खा गया ,,,, और दूसरी तरफ झुमरी अपने भाई की गैर हाजिरी की परवाह किए बिना ही सीधा जाकर श्याम की बाहों में उसके सीने पर सर रखकर रोने लगी और राजू भी श्याम की परवाह ना करते हुए उसे अपनी बाहों में कस कर उसे चुप कराने लगा,,,,)

चुप हो जाओ झुमरी कुछ नहीं हुआ वह तो अच्छा हुआ मैं सही समय पर आ गया वरना आज सच में कुछ ना कुछ हो जाता और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाता और उस हरामजादे का खून कर देता,,,,।
(श्याम आश्चर्य से अपनी बहन झुमरी और राजू की तरफ देख रहा था शयाम को कुछ कुछ शंका होने लगी थी राजू जैसे तैसे करके झुमरी को चुप कराया है और इस बारे में किसी को कुछ भी ना बताने का बोल कर उसे चुपचाप घर पर भेज दिया उसके जाते ही राजू मुस्कुराता हुआ शयाम की तरफ देखने लगा तो श्याम बोला,,,)

यह सब क्या था राजू,,,

अरे देखा नहीं,,,(अपने बदन से मिट्टी को झाड़ते हुए) आज तेरी बहन की इज्जत चली जाती वह तो में सही समय पर आ गया,,,,

वह तो मैं देख नहीं रहा हूं और इसका में तेरा शुक्रगुजार भी हो लेकिन इसके अलावा जो कुछ भी मैं देख रहा हूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,

इसमें समझने वाली क्या बात है अब तक तू मेरा दोस्त था लेकिन बहुत ही जल्द तू मेरा साला बन जाएगा मैं तेरी बहन से शादी करने वाला हूं,,,,

क्या,,,?(एकदम आश्चर्य से श्याम मुंह फाडता हुआ बोला,,,)

अरे इसमें चोकने वाली कौन सी बात है एक ना एक दिन तो तेरी बहन की शादी होनी है तो दूसरों से हो इससे अच्छा मेरे से हो जाए तो सब कुछ सही रहेगा,,,,

तेरे से पागल हो गया क्या तेरे बारे में मुझसे अच्छा भला कौन जानता है औरतों के मामले में तेरा नाडा कुछ ज्यादा ही ढीला है,,,

अच्छा और तेरा जैसे कि मुझे कुछ पता ही नहीं है मेरा तो दूसरी औरतों के मामले में नाडा ढीला है ना लेकिन तेरा तू तो अपनी मां को ही चोदता है,,,,
(इतना सुनते ही श्याम एकदम से खामोश हो क्या बहुत बड़ा राज जोकि राजू अच्छी तरह से उस राज का फायदा उठाना चाह रहा था उसे देखते हुए श्याम बोला)

लेकिन यह कैसे हो सकता है,,,, अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,,

क्या गजब हो जाएगा श्याम,,,


तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं है,,,, तेरे और मेरी मां के बीच कैसा रिश्ता है तो अच्छी तरह से जानता है भला ऐसा कैसे हो सकता है कि तू बीवी को भी और मां को भी,,,,(इस समय चोदना शब्द अपनी मां और बहन के लिए प्रयोग करने में श्याम को शर्म महसूस हो रही थी लेकिन राजू तो बेशर्म था इसलिए श्याम की बात सुनकर मुस्कुराता हुआ राजू बोला)


अरे यही ना कि मैं तेरी मां को भी चोद चुका हूं और तेरी बहन को भी चोदुंगा तो कैसा लगेगा,,,, अरे पगले जरा यह तो सोच अगर मैं तेरा जीजा बन गया तो कितना मजा आएगा मैं जब चाहूं तब तेरे घर पर आकर तेरी मां की चुदाई कर सकता हूं मतलब कि अपनी ही सास को चोद सकता हूं और सोच कितना गर्म करने वाली बात है कि इस उम्र में भी मेरी सास कितनी जानदार और शानदार है कि उसे देखकर ही मेरा खड़ा हो जाता है,,,,।
(राजू की यह बात सुनकर श्याम शर्मिंदा तो हो गया लेकिन उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, लेकिन वह फिर भी शंका जलाते हुए बोला,,,)

लेकिन राजू यह बात झुमरी को पता चल गई तो कि तू मां को भी,,,,,,(इससे आगे श्याम कुछ बोला नहीं खामोश हो गया तो राजू बोला,,,)

तू श्याम बिल्कुल भी चिंता मत कर झुमरी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तेरे बारे में भी झुमरी को मैं कुछ भी नहीं बताऊंगा तू आराम से अपनी मां के साथ मजे कर सकता है और वैसे भी झुमरी का विवाह हो जाने के बाद वह मेरे घर आ जाएगी और तुम दोनों मां बेटे को खुला दौर मिल जाएगा ऐश करने के लिए,,,,।
(इस बात से श्याम भी सहमत था इसलिए वह मन ही मन खुश होने लगा लेकिन फिर भी बोला,,)
लेकिन क्या मां इस रिश्ते के लिए तैयार होगी,,,,

तू चिंता मत कर श्याम एक मां बाप को अपनी लड़की के लिए कैसा आदमी चाहिए जो कमाता हो खाता हूं जिसकी समाज में इज्जत हो और क्या चाहिए और तू तो मुझको जानता ही है मेरा रुतबा धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है,,,, तू चिंता मत कर जब तक मैं हूं तब तक,,,,,,
सबकुछ हो सकता है,,,तु बस मेरा साथ देते रहना,,, चाची तो ऐसे भी मान जाएंगी,,,,(चाची के मानने वाली बात पर राजू श्याम की तरफ देख कर आंख मार दिया और श्याम राजू के आंख मारने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था,,,, श्याम को लेकर राजू गोदाम की तरफ चला गया,,,,
Bahot badhiya shaandar update bhai
Dekhte h yeh Ranjeet ki Raju k saath ladayi kaha tak aage badhti h
 

Naik

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जब से राजू ने रंजीत सिंह की जमकर पिटाई किया था तब से उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और गांव में उसकी इज्जत और हैसियत दोनों बढ़ती जा रही थी गांव वाले उसे इज्जत की नजर देखने लगे थे कल तक वह गांव का आवारा लड़का ही था लेकिन जमीदार के साथ उठने बैठने और उसके गोदाम को संभालने की वजह से राजू का रुतबा समाज में बढने लगा था,,,, लेकिन राजू अपने बढ़ते हुए रुतबे का गलत इस्तेमाल अभी तक नहीं किया था वह जहां तक हो सकता था वह गांव वालों की मदद ही करता था,,,,,,


दूसरी तरफ झुमरी पूरी तरह से राजू की दीवानी हो चुकी थी राजू ने उसकी दो बार इज्जत बचा चुका था,,, लेकिन झुमरी दिल के साथ-साथ अपना तन भी राजू को सौंप चुकी थी,,, ,,, श्याम को इतना तो पता चल गया था कि उसकी बहन राजू से प्यार करती है लेकिन इस बारे में बिल्कुल भी नहीं जानता था कि राजू ने उसकी मां की तरह ही उसकी बहन की भी चुदाई कर चुका है,,,,, और शाम अच्छी तरह से जानता था कि अगर वह यह जान भी जाएगी राजू जी उसकी बहन को चोदा है फिर भी वह चाह कर भी कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और अब तो राजू काका दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था इसलिए उससे दोस्ती और रिश्तेदारी बना लेने में ही श्याम की भलाई थी और वह अपने आप को राजू को अपना जीजा बनाने का मन बना लिया था बस अब उसे अपनी मां को मनाना था,,,,

ऐसे ही एक दिन अच्छा सा दिन है देखकर राजू समोसे जलेबी और मिठाई खरीद कर श्याम के घर पहुंच गया,,,, उस समय घर पर कोई नहीं था शिवाए श्याम और उसकी मां के,,, राजू को देखते ही श्याम की मां की बुर फुदकने लगी क्योंकि श्याम की मां राजू के लंड की ताकत और रगड़ को अच्छी तरह से जानती थी ,,, काफी दिनों बाद राजू श्याम के घर आया था इसलिए श्याम की मां को सोते हुए बोली,,,।

अरे राजू तू अच्छे समय पर आया है,,,, रुक में तेरी भी थाली लगा देती हूं,,,,

अरे नहीं नहीं चाची रहने दो,,,, मैं खा कर आया हूं,,,,।
(राजू को अपनी मां से इतनी इज्जत से बात करता हुआ देखकर श्याम अपने मन में ही बोला,,,)
साला मादरचोद अब इतनी इज्जत से बात कर रहा है मानो पुरे गांव का सबसे संस्कारी लडका यही है लेकिन मौका मिल जाए तो अभी बुर में लंड डालकर भोसड़ा बना देगा और अभी कैसा चाची चाची कह रहा है,,,,)

तू आजा बेटा बैठ,,,, अब तो तू इधर आता ही नहीं है भूल गया क्या मेरे घर का रास्ता,,,


क्या चाची अब यही कहोगी पहले जैसा अब समय नहीं मिलता है,,,, वह क्या है ना कि काम धंधा पर लग गया हूं,,,

क्या कहा काम धंधा पर कैसा काम,,,!(श्याम की मां एकदम आश्चर्य जताते हुए बोली)

अरे चाची बेल गाड़ी चलाता हूं लाला का गोदाम देखता हूं और अब तो अच्छी आमदनी हो जाती है इसीलिए तो मुझे समय नहीं मिलता तुम्हारे पास आने को वरना तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत पूरे गांव में नहीं है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर राजू ने बोला राजू के कहने का मतलब को श्याम अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह शर्मिंदा हो गया था और ऐसी बात सुनकर अपने बेटे के सामने श्याम की मा भी शर्म से पानी पानी हो गई थी,,,, इसलिए वह शरमा कर बोली,,)

क्या बेटा तू भी इस उम्र में यह सब बातें कर रहा है,,,(खाना खाते हुए)

क्या चाची तुम्हारी खूबसूरती को मेरे और श्याम के सिवा कोई अच्छी तरह से जान पाया है क्या मुझे आज भी मालूम है कैसे तुम्हारी बुर में मेरा लंड फस गया था सच में तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है,,,,


राजू यह क्या कह रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम उसे रोकते हुए बोला क्योंकि श्याम अच्छी तरह से जानता था कि अब वह उसकी बहन से शादी करना चाहता है और ऐसे हालात में वह अपनी ही सास के बारे में इतनी गंदी बात कैसे बोल सकता है शायद श्याम भावनाओं में यह भूल गया था कि वह खुद एक बेटा होते हुए भी अपनी मां को चोद रहा था और वह तो सगा भी नहीं है फिर वह कैसे अपने आपको रोक सकता है,,,)

क्या श्याम तू तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हम तीनों का राज सिर्फ हम तीनों के बीच ही है और मैं यह राज किसी और को बताने वाला नहीं हूं क्योंकि तू मेरा जिगरी दोस्त है और तेरी मां मेरी मां भले ही हम दोनों मिलकर चुदाई क्यों ना करते हो रिश्तो की बात अलग है और जहां बुर‌का सवाल आ जाता है वहां लंड रिश्तेदारी नहीं देखता,,,,, कहो तो चाची अभी तुम्हें गोद में उठाकर अंदर ले चलो मेरा तो लंड बिल्कुल तैयार है तुम्हें चोदने के लिए अब पता नहीं श्याम का मन है कि नहीं,,,,, शायद इसका खड़ा होने में समय लेता है,,,,(राजू की ऐसी बात सुनकर श्याम एकदम से तैश में आ गया और तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला)

देख ले तेरा तो अभी अभी खड़ा हुआ होगा मेरा तो कब से खड़ा है बस मां के खाना खाने तक का इंतजार कर रहा था उसके बाद मैं खुद ही अंदर ले जाकर पटक कर चोदता,,,,


वाह मेरे दोस्त मौका भी है दस्तूर भी है फिर देर किस बात की,,,


तुम दोनों हरामि लोग मिलकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दोगे,,,


मजा भी तो बहुत देते हैं ना चाची,,,, और हां झुमरी तो नहीं है ना घर में,,,

नहीं अभी तो नहीं दोपहर के बाद ही आएगी,,,,(श्याम के भाव यह कहकर राजू को हरी झंडी दिखा दी थी यह सुनकर राजू एकदम खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब देखना कितना मजा आएगा जब मैं आगे से और श्याम पीछे से पेलेगा,,,,

हां हां देखना संभाल कर मेरी बुर कहीं फाड़ मत देना,,,,

तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो चाची एक बार की बात थोड़ी है इससे तो ना जाने कितना काम लेना है बस अब जल्दी से खाना खत्म करो अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,।
(इतना सुनते ही श्याम की मां जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी एक साथ दो दो जवान लंड के बारे में सोच कर उसकी बुर गीली हो रही थी खास करके राजू के लंड के बारे में सोच कर तो उसकी बुर फुदकने लगी थी,,,। खाना खाकर वह जल्दी से उठ गई उसे बर्तन साफ करने थे लेकिन वहां बर्तन साफ करने का काम छोड़ दी थी क्योंकि अगर वह बर्तन मांजने में लग जाती तो शायद देर हो जाती और अभी इस समय उसके बदन में आग लग चुकी थी वह अपने बदन की आग को राजू के जवान लंड से बुझाना चाहती थी,,,, हाथ धो कर अपने हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए वह बोली,,,)

श्याम तू दरवाजा बंद कर दे,,,,,।
(अब तक के माहौल को देखकर श्याम के लंड में भी झुनझुनाहट हो रही थी इसलिए वह तुरंत आगे बढ़कर दरवाजा बंद कर दिया,,,, दरवाजा बंद करके वह राजू की तरफ घुमा तो अपनी आंख के सामने का नजारा देखकर एकदम से हैरान रहे क्या उसके दरवाजा बंद करते करते राजू में उसकी मां के बदन से साड़ी उतार कर नीचे फेंक दिया था और उसे अपनी मजबूत भुजाओं में उठा लिया था,,,, राजू यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गया था कि राजू बड़े आराम से उसकी मां को गोद में उठाए हुए था और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला,,,)

पीछे पीछे आजा श्याम आज मजा करते हैं,,,


हाय दैया तेरे में तो बड़ा दम है रे,,,,

तो क्या चाची देसी घी खाता हूं और तुम्हारा दूध पीता हूं तभी तो इतना दम है,,,

चल झूठा,,,(गोद में होने के बावजूद भी एक हल्की सी चपत राजू के गाल पर लगाते हुए) इतने दिनों से मेरी बुर सूख रही थी तुझे बिल्कुल भी याद नहीं रही और कहता है कि तुम्हारा दूध पीकर ताकत आई है,,,

दो बार तो पिया हु ना उसी का दम है,,,,

चल असली दम दिखाना तो अभी बाकी है देखु तो सही अभी भी वही धार है या धार कम हो गई है,,,( इतना कहने के साथ ही श्याम की मां अपना हाथ नीचे की तरफ ले गई और पैजामा के ऊपर सही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा हो चुका था श्याम की मां उतेजीत होते हुए पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबा ली,,, यह देखकर राजू अंदर वाले कमरे में पहुंचकर बोला,,,)

मुंह में लेकर चूसोगी तो और ज्यादा मजा आएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू श्याम की मां को खटिया पर पटक दिया,,,,)

अरे धीरे से खटिया तोडेगा,,, क्या,,,,

हां मेरी रानी आज तो खटिया के साथ साथ तुम्हारी बुर का भोसड़ा भी बना दुंगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने बदन पर से कुर्ते को उतार फेंका,,,, और पाजामा को भी उतार कर फेंक दिया,,,, पल भर में ही राजू श्याम की मां की आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और यह देखकर श्याम भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया ,,,, कमरे में श्याम की मां की आंखों के सामने दो दो जवान लड़के एकदम नंगे खड़े थे लेकिन श्याम की मां की नजर अपने बेटे पर नहीं बल्कि राजू के खूबसूरत गठीले बदन पर टिकी हुई थी,,, खास करके उसके खड़े लंड पर श्याम की मां से भी बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह खटिया पर घुटने के बल बैठी हुई थी उसका पिछवाड़ा खटिया के उस पार था और उसका मुंह इस तरफ जहां पर राजू खड़ा था और राजू अपने लंड को हिलाते हुए श्याम की मां के सामने पहुंच गया,,,, राजू अपने लंड की चोट को श्याम की मां के खूबसूरत चेहरे पर मार रहा था,,,, श्याम की मां को राजू की हरकत बेहद उत्तेजित कर रही थी श्याम अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया था और पीछे से अपनी मां की पेटीकोट को उठा रहा था और देखते ही देखते वह अपनी मां की पेटीकोट को उठाकर कमर तक कर दिया और उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों में पकड़ कर अपना मुंह उसकी दोनों जांघों के बीच डाल दिया और देखते ही देखते श्याम की मां एक रंडी की तरह अपने बेटे की उपस्थिति में ही उसके दोस्त को भरपूर आनंद देते हुए राजू के लंड को पकड़कर अपने मुंह में डाल दी और उसे चूसना शुरू कर दी,,,,, राजू पलभर में ही मदहोश हो गया वह अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को चोद रहा था,,,,।

आहहहह आहहहह चाची ऐसे ही पूरा मुंह में ले लो बहुत मजा आएगा,,,,,आहहहरहह,,,, चाची तुम तो पूरा कमाल कर रही हो,,,,आहहहहह‌ बहुत मजा दे रही हो चाची,,,,।

(एक तरफ राजू श्याम की मां के मुंह में अपना लंड ठुंसकर पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और दूसरी तरफ श्याम की गंदी गंदी आह्लाद बातों को सुनकर श्याम पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और वह जोर-जोर से अपनी मां की गोरी गोरी गांड पर चपत लगाता हुआ उसकी बुर पर अपने होंठ घुमा रहा था,,,, श्याम की मां राजू के लंड को पूरी तरह से गले तक ले ले रही थी और राजू अपने दोनों हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके ब्लाउज का बटन खोल रहा था वह देखते ही देखते वह नीचे झुका कर उसके मुंह में लंड डाले हुए ही उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को पके हुए आम की तरह दबाना शुरू कर दिया,,,,,,।

राजू उसकी चूचियों को इतनी जोर जोर से दबा रहा था कि उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट जा रही थी और उन सिसकारियो की आवाज को सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा था,,,और वह जल्दबाजी दिखाते हुए अपनी जगह पर खड़ा हुआ तो अपनी मां की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और यही फर्क था श्याम मैं और राजू में जिस बात को अच्छी तरह से श्याम की मां जानती थी,,,,,

श्याम पीछे से अपनी कमर हिला रहा था और राजू आगे से अपनी कमर हिला रहा था लेकिन दोनों में बहुत फर्क था से हम जल्दबाजी दिखा रहा था और राजू धैर्य से काम ले रहा था कि वह,,, श्याम की मां के बालों का जुड़ा अपने हाथों से खोल कर उसके घने बालों को एकदम खोल दिया ,,,, ऐसा करने पर खुले बालों में श्याम की मां और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लगने लगी,,,,

श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था उसका बेटा पीछे से और राजू आगे से चोद रहा था एक बुर चोद रहा था और दूसरा मुंह,,,,, राजू पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपने लंड को जबरदस्ती उसके गले तक डालकर पांच छः सेकंड तक वेसे ही रुका रह जाता था जिससे श्याम की मां की सांस अटकते अटकते रह जाती थी और वह वापस लंड को बाहर खींच ले रहा था,,,, दूसरी तरफ अपनी बुर में अपने बेटे के लंड को श्याम की मां महसूस तो कर रही थी लेकिन वह मजा नहीं मिल रहा था जो मजा राजू देता था और देखते ही देखते श्याम की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह अपनी मां की कमर थामे जोर-जोर से अपनी कमर को हिला रहा था और देखते ही देखते अपनी मां के पिछवाड़े पर ही ढेर हो गया,,,,,,,,,, श्याम तो झड़ चुका था लेकिन उसकी मां प्यासी रह गई थी बीच बाजार में उसके बेटे ने उसे छोड़कर खुद किनारे पर लग गया था और श्याम की मां भी किनारे पर आने के लिए तड़प रही थी अब उम्मीद की आखिरी किरण सिर्फ राजू ही था जो उसे अपनी मोटे तगड़े लंबे लंड से चोद कर उसे संतुष्ट कर सकता था इसलिए अपने मुंह में से राजू के लंड को बाहर निकालते हुए बोली,,,।

बस राजू तेरा काम अब आगे नहीं पीछे हैं देखने का है मेरा बेटा मुझे बीच मझधार में ही छोड़ दिया अब किनारे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तेरी है,,,,,


तो बिल्कुल भी चिंता मत करो चाचा जब तक मैं हूं तब तक तुम्हारी बुर प्यासी नहीं रह सकती,,,,,,।
(तब तक श्याम अपनी मां के पिछवाड़े पर से उठ कर खड़ा हो गया था और बगल में खड़ा हो गया था और अपनी मां की चुदाई देखने जा रहा था राजू श्याम की मां को खटिया पर ले जाने से पहले उसके ब्लाउज को उतार फेंका और साथ ही पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया जिससे पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई और श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल लेट ते हुए अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा दी ताकि राजू उसकी पेटीकोट को निकाल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर सके श्याम की मां की कमर को उठा हुआ देखकर राजू तुरंत फुर्ती दिखाता हुआ पेटीकोट को खींच कर नीचे कर दिया और अगले ही पल श्याम की मां खटिया में एकदम नंगी हो गई औरत के नंगे बदन को देख कर राजू का लंड वैसे भी 10 गुना और ज्यादा ताकतवर हो जाता था और इस समय भी श्याम की मां की मदहोश कर देने वाले जवानी उसके नंगे बदन को देख कर राजू का लंड लोहे की छड़ की तरह एकदम कड़क हो गया था इस समय इस बात से और भी ज्यादा है वह तेजी था कि वह एक बेटे के सामने उसकी आंखों के सामने उसकी मां को चोदने जा रहा था,,,,,।

अकेले ही पर राजू खटिया पर घुटनों के बल बैठ गया था और अपने लिए श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा था अगले ही पल अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर श्याम की मां की मोटी कमर को अपने दोनों हाथों में पकड़,,, लिया उसे अपनी तरफ खींच लिया राजू अपनी भुजाओं का दम दिखाते हुए श्याम की मां की मजबूत जानू को अपने ऊपर चढ़ा लिया और उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर आ गई,,,, इस अवस्था में श्याम की मां की बुर ठीक राजू के मोटे तगड़े लंड के सामने थे और गुहार लगा रही थी कि लंड को उसकी बुर में डाल देंंंं लेकिन राजू था कि श्याम की मां को और ज्यादा तड़पाते हुए अपने लंड के मोटे सुपाड़े को उसकी बुर पर रगड रहा था और लंड की गर्माहट पाकर श्याम की ना पूरी तरह से मचल उठी उसे अपने अंदर लेने के लिए इसलिए खुद ही अपनी कमर ऊपर उठाकर राजू के लंड को अपनी बुर में लेने की कोशिश कर रही थी और इसी तड़प और मचल का इंतजार राजू को था इसलिए राजू बोला,,,,।

चाची मे तुमसे एक बात कहना चाहता हूं,,,,

अरे पगले बात कहने के लिए तुझे यही समय मिला है बाद में भी तो कह सकता था,,,

नहीं मुझे यही समय ठीक लग रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड के‌ सुपाडे को उसकी बुर में डालकर वापस निकाल लिया,,,, यह तो श्याम की मां के लिए ऐसा ही होगा कि स्वादिष्ट भोजन उसके आगे परोस कर थाली हटा ली गई हो वो एकदम से तड़प उठी उसे अंदर लेने के लिए,,,,)

आहहहह राजू यह क्या कर रहा है मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।

(राजू इस बार श्याम की मां पर रहम दिखाते हुए अपने लंड के सुपाड़े को वापस उसकी बुर में डाल दिया और बोला,,,)

मैं जानता हूं चाची मैं जो कुछ भी कहूंगा तुम मेरी बात मान जाओगे लेकिन फिर भी मैं बात करना उचित समझ रहा था इसलिए कह रहा हूं,,,।

अरे हरामि जो कुछ भी कहना है बाद में कहना है लेकिन पहले मुझे चोद मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,


मुझसे भी कहां रहा जा रहा है चाची,,,(इतना कहने के साथ ही एक करारा धक्का लगाया और लंड उसकी बुर की गहराई में खो गया,,,,,, बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मैं चाहता हूं चाची कि तुम झुमरी का हाथ मेरे हाथ में दे दो,,,
(इतना सुनते ही श्याम के मा एकदम से चौक गई उसे अपने कान पर भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर से बोली,,)

क्या कहा मैं कुछ समझा नहीं,,,(अभी भी राजू का लंड उसकी बुर की गहराई में था और उसके मोटे पन को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी)

मैं झुमरी से शादी करना चाहता हूं,,,


यह क्या कह रहा है राजू तू तेरे और मेरे बीच में किस तरह का रिश्ता है यह तु भी अच्छी तरह से जानता है,,,

तो क्या हुआ चाची मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकता ना,,,, मैं तुम्हारी बेटी से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम के माध्यम से हैरान हो गई थी और श्याम की तरफ देखी तो श्याम की राजू के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला)

मान जाओ मा राजू का रुतबा और हैसियत पूरे गांव में सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है जानती हो लाला का सबसे खास है गोदाम का काम यही देखता है और पैसे भी खूब कमाता है झुमरी इसके घर पर इसके साथ राज करेगी,,,,।

मतलब तुझे भी सब कुछ मालूम है,,,,

क्या मा तुम भी झुमरी खुद राजू से प्यार करती है उससे शादी करना चाहती है,,,

हाय दैया मेरे पीठ पीछे इतना कुछ हो रहा है और मुझे कुछ पता ही नहीं है,,,

झुमरी के भी पीठ पीछे तो बहुत कुछ चल रहा है उसे कहां पता है,,,


तू सच में बहुत बड़ा हारामी है,,, अब चल जल्दी कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


चाची तुम भी तैयार होना मुझे अपना दामाद बनाने के लिए,,,

अब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी और वैसे भी तेरे रिश्ते के बारे में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि तरफ तो मेरा दामाद भी है और दूसरी तरफ मुझे चोदता भी है लेकिन शादी के बाद तो तु बदल तो नहीं जाएगा ना,,,

कैसी बात कर रही हो चाचा तुम्हारी पानी से भरी बुर की कसम शादी के बाद भी तुम्हारी बुर की सेवा करूंगा,,,

चल बाद की बाद में देखा जाएगा अभी तो सेवा कर,,,

यह लो चाची,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू एकदम खुश होता हुआ धक्के पर धक्का लगाने लगा और इतनी जोर जोर से खुशी के मारे धक्का लगा रहा था कि खटिया चरमरा जा रही थी लेकिन श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था तकरीबन 20:25 मिनट तक जमकर चुदाई करने के बाद राजू श्याम की मां को पूरी तरह से तृप्त करने के बाद अपना पानी भी निकाल दिया और बाद में खुश होता हुआ वहां से चला गया,,,
Bahot badhiya shaandar update
Raju n mast dimag lagaya or jhumri k liye shiyama ko mana lia zabardast
 

rohnny4545

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बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है
मधु और गुलाबी आपस में खुल चुकी है गुलाबी मधु के साथ रात को मिलकर चुदाई करवाना चाहती है इसलिए यह बात वह मधु को भी बोल देती है
झुमरी की इज्जत राजू ने एक बार फिर से बचा ली है लेकिन अब उसकी दुश्मनी रंजीत से हो गई है लगता है ये आगे जाके बहुत कुछ होने वाला है
Dhanyawad

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rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये मधु और राजू ने गुलाबी को चुतिया बनाते हुए उसके कहे अनुसार सभी काम कर उसे खुश करके अपने लिए रास्ता साफ कर लिया
बहुत खुब

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rohnny4545

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बहुत ही कामुक और लाजवाब अपडेट है
राजू ने क्या मौके पर चौका मारा है श्याम की मां की चुदाई करते हुए अपनी बात भी मनवा ली इसमें श्याम ने भी हा कर दी
Thanks

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