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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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जब से राजू ने रंजीत सिंह की जमकर पिटाई किया था तब से उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और गांव में उसकी इज्जत और हैसियत दोनों बढ़ती जा रही थी गांव वाले उसे इज्जत की नजर देखने लगे थे कल तक वह गांव का आवारा लड़का ही था लेकिन जमीदार के साथ उठने बैठने और उसके गोदाम को संभालने की वजह से राजू का रुतबा समाज में बढने लगा था,,,, लेकिन राजू अपने बढ़ते हुए रुतबे का गलत इस्तेमाल अभी तक नहीं किया था वह जहां तक हो सकता था वह गांव वालों की मदद ही करता था,,,,,,
Raju or



दूसरी तरफ झुमरी पूरी तरह से राजू की दीवानी हो चुकी थी राजू ने उसकी दो बार इज्जत बचा चुका था,,, लेकिन झुमरी दिल के साथ-साथ अपना तन भी राजू को सौंप चुकी थी,,, ,,, श्याम को इतना तो पता चल गया था कि उसकी बहन राजू से प्यार करती है लेकिन इस बारे में बिल्कुल भी नहीं जानता था कि राजू ने उसकी मां की तरह ही उसकी बहन की भी चुदाई कर चुका है,,,,, और शाम अच्छी तरह से जानता था कि अगर वह यह जान भी जाएगी राजू जी उसकी बहन को चोदा है फिर भी वह चाह कर भी कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और अब तो राजू काका दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था इसलिए उससे दोस्ती और रिश्तेदारी बना लेने में ही श्याम की भलाई थी और वह अपने आप को राजू को अपना जीजा बनाने का मन बना लिया था बस अब उसे अपनी मां को मनाना था,,,,

ऐसे ही एक दिन अच्छा सा दिन है देखकर राजू समोसे जलेबी और मिठाई खरीद कर श्याम के घर पहुंच गया,,,, उस समय घर पर कोई नहीं था शिवाए श्याम और उसकी मां के,,, राजू को देखते ही श्याम की मां की बुर फुदकने लगी क्योंकि श्याम की मां राजू के लंड की ताकत और रगड़ को अच्छी तरह से जानती थी ,,, काफी दिनों बाद राजू श्याम के घर आया था इसलिए श्याम की मां को सोते हुए बोली,,,।

अरे राजू तू अच्छे समय पर आया है,,,, रुक में तेरी भी थाली लगा देती हूं,,,,

अरे नहीं नहीं चाची रहने दो,,,, मैं खा कर आया हूं,,,,।
(राजू को अपनी मां से इतनी इज्जत से बात करता हुआ देखकर श्याम अपने मन में ही बोला,,,)
साला मादरचोद अब इतनी इज्जत से बात कर रहा है मानो पुरे गांव का सबसे संस्कारी लडका यही है लेकिन मौका मिल जाए तो अभी बुर में लंड डालकर भोसड़ा बना देगा और अभी कैसा चाची चाची कह रहा है,,,,)

तू आजा बेटा बैठ,,,, अब तो तू इधर आता ही नहीं है भूल गया क्या मेरे घर का रास्ता,,,


क्या चाची अब यही कहोगी पहले जैसा अब समय नहीं मिलता है,,,, वह क्या है ना कि काम धंधा पर लग गया हूं,,,

क्या कहा काम धंधा पर कैसा काम,,,!(श्याम की मां एकदम आश्चर्य जताते हुए बोली)

अरे चाची बेल गाड़ी चलाता हूं लाला का गोदाम देखता हूं और अब तो अच्छी आमदनी हो जाती है इसीलिए तो मुझे समय नहीं मिलता तुम्हारे पास आने को वरना तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत पूरे गांव में नहीं है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर राजू ने बोला राजू के कहने का मतलब को श्याम अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह शर्मिंदा हो गया था और ऐसी बात सुनकर अपने बेटे के सामने श्याम की मा भी शर्म से पानी पानी हो गई थी,,,, इसलिए वह शरमा कर बोली,,)

क्या बेटा तू भी इस उम्र में यह सब बातें कर रहा है,,,(खाना खाते हुए)

क्या चाची तुम्हारी खूबसूरती को मेरे और श्याम के सिवा कोई अच्छी तरह से जान पाया है क्या मुझे आज भी मालूम है कैसे तुम्हारी बुर में मेरा लंड फस गया था सच में तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है,,,,


राजू यह क्या कह रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम उसे रोकते हुए बोला क्योंकि श्याम अच्छी तरह से जानता था कि अब वह उसकी बहन से शादी करना चाहता है और ऐसे हालात में वह अपनी ही सास के बारे में इतनी गंदी बात कैसे बोल सकता है शायद श्याम भावनाओं में यह भूल गया था कि वह खुद एक बेटा होते हुए भी अपनी मां को चोद रहा था और वह तो सगा भी नहीं है फिर वह कैसे अपने आपको रोक सकता है,,,)
Raju or jhumri ki maa

क्या श्याम तू तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हम तीनों का राज सिर्फ हम तीनों के बीच ही है और मैं यह राज किसी और को बताने वाला नहीं हूं क्योंकि तू मेरा जिगरी दोस्त है और तेरी मां मेरी मां भले ही हम दोनों मिलकर चुदाई क्यों ना करते हो रिश्तो की बात अलग है और जहां बुर‌का सवाल आ जाता है वहां लंड रिश्तेदारी नहीं देखता,,,,, कहो तो चाची अभी तुम्हें गोद में उठाकर अंदर ले चलो मेरा तो लंड बिल्कुल तैयार है तुम्हें चोदने के लिए अब पता नहीं श्याम का मन है कि नहीं,,,,, शायद इसका खड़ा होने में समय लेता है,,,,(राजू की ऐसी बात सुनकर श्याम एकदम से तैश में आ गया और तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला)

देख ले तेरा तो अभी अभी खड़ा हुआ होगा मेरा तो कब से खड़ा है बस मां के खाना खाने तक का इंतजार कर रहा था उसके बाद मैं खुद ही अंदर ले जाकर पटक कर चोदता,,,,


वाह मेरे दोस्त मौका भी है दस्तूर भी है फिर देर किस बात की,,,


तुम दोनों हरामि लोग मिलकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दोगे,,,


मजा भी तो बहुत देते हैं ना चाची,,,, और हां झुमरी तो नहीं है ना घर में,,,

नहीं अभी तो नहीं दोपहर के बाद ही आएगी,,,,(श्याम के भाव यह कहकर राजू को हरी झंडी दिखा दी थी यह सुनकर राजू एकदम खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब देखना कितना मजा आएगा जब मैं आगे से और श्याम पीछे से पेलेगा,,,,

हां हां देखना संभाल कर मेरी बुर कहीं फाड़ मत देना,,,,
Jhumri ki maa make lete huye


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तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो चाची एक बार की बात थोड़ी है इससे तो ना जाने कितना काम लेना है बस अब जल्दी से खाना खत्म करो अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,।
(इतना सुनते ही श्याम की मां जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी एक साथ दो दो जवान लंड के बारे में सोच कर उसकी बुर गीली हो रही थी खास करके राजू के लंड के बारे में सोच कर तो उसकी बुर फुदकने लगी थी,,,। खाना खाकर वह जल्दी से उठ गई उसे बर्तन साफ करने थे लेकिन वहां बर्तन साफ करने का काम छोड़ दी थी क्योंकि अगर वह बर्तन मांजने में लग जाती तो शायद देर हो जाती और अभी इस समय उसके बदन में आग लग चुकी थी वह अपने बदन की आग को राजू के जवान लंड से बुझाना चाहती थी,,,, हाथ धो कर अपने हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए वह बोली,,,)

श्याम तू दरवाजा बंद कर दे,,,,,।
(अब तक के माहौल को देखकर श्याम के लंड में भी झुनझुनाहट हो रही थी इसलिए वह तुरंत आगे बढ़कर दरवाजा बंद कर दिया,,,, दरवाजा बंद करके वह राजू की तरफ घुमा तो अपनी आंख के सामने का नजारा देखकर एकदम से हैरान रहे क्या उसके दरवाजा बंद करते करते राजू में उसकी मां के बदन से साड़ी उतार कर नीचे फेंक दिया था और उसे अपनी मजबूत भुजाओं में उठा लिया था,,,, राजू यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गया था कि राजू बड़े आराम से उसकी मां को गोद में उठाए हुए था और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला,,,)

पीछे पीछे आजा श्याम आज मजा करते हैं,,,
Raju apni honewali saas ko Dhaka Dhaka chodte huye


हाय दैया तेरे में तो बड़ा दम है रे,,,,

तो क्या चाची देसी घी खाता हूं और तुम्हारा दूध पीता हूं तभी तो इतना दम है,,,

चल झूठा,,,(गोद में होने के बावजूद भी एक हल्की सी चपत राजू के गाल पर लगाते हुए) इतने दिनों से मेरी बुर सूख रही थी तुझे बिल्कुल भी याद नहीं रही और कहता है कि तुम्हारा दूध पीकर ताकत आई है,,,

दो बार तो पिया हु ना उसी का दम है,,,,

चल असली दम दिखाना तो अभी बाकी है देखु तो सही अभी भी वही धार है या धार कम हो गई है,,,( इतना कहने के साथ ही श्याम की मां अपना हाथ नीचे की तरफ ले गई और पैजामा के ऊपर सही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा हो चुका था श्याम की मां उतेजीत होते हुए पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबा ली,,, यह देखकर राजू अंदर वाले कमरे में पहुंचकर बोला,,,)

मुंह में लेकर चूसोगी तो और ज्यादा मजा आएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू श्याम की मां को खटिया पर पटक दिया,,,,)

अरे धीरे से खटिया तोडेगा,,, क्या,,,,

हां मेरी रानी आज तो खटिया के साथ साथ तुम्हारी बुर का भोसड़ा भी बना दुंगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने बदन पर से कुर्ते को उतार फेंका,,,, और पाजामा को भी उतार कर फेंक दिया,,,, पल भर में ही राजू श्याम की मां की आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और यह देखकर श्याम भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया ,,,, कमरे में श्याम की मां की आंखों के सामने दो दो जवान लड़के एकदम नंगे खड़े थे लेकिन श्याम की मां की नजर अपने बेटे पर नहीं बल्कि राजू के खूबसूरत गठीले बदन पर टिकी हुई थी,,, खास करके उसके खड़े लंड पर श्याम की मां से भी बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह खटिया पर घुटने के बल बैठी हुई थी उसका पिछवाड़ा खटिया के उस पार था और उसका मुंह इस तरफ जहां पर राजू खड़ा था और राजू अपने लंड को हिलाते हुए श्याम की मां के सामने पहुंच गया,,,, राजू अपने लंड की चोट को श्याम की मां के खूबसूरत चेहरे पर मार रहा था,,,, श्याम की मां को राजू की हरकत बेहद उत्तेजित कर रही थी श्याम अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया था और पीछे से अपनी मां की पेटीकोट को उठा रहा था और देखते ही देखते वह अपनी मां की पेटीकोट को उठाकर कमर तक कर दिया और उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों में पकड़ कर अपना मुंह उसकी दोनों जांघों के बीच डाल दिया और देखते ही देखते श्याम की मां एक रंडी की तरह अपने बेटे की उपस्थिति में ही उसके दोस्त को भरपूर आनंद देते हुए राजू के लंड को पकड़कर अपने मुंह में डाल दी और उसे चूसना शुरू कर दी,,,,, राजू पलभर में ही मदहोश हो गया वह अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को चोद रहा था,,,,।

आहहहह आहहहह चाची ऐसे ही पूरा मुंह में ले लो बहुत मजा आएगा,,,,,आहहहरहह,,,, चाची तुम तो पूरा कमाल कर रही हो,,,,आहहहहह‌ बहुत मजा दे रही हो चाची,,,,।

(एक तरफ राजू श्याम की मां के मुंह में अपना लंड ठुंसकर पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और दूसरी तरफ श्याम की गंदी गंदी आह्लाद बातों को सुनकर श्याम पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और वह जोर-जोर से अपनी मां की गोरी गोरी गांड पर चपत लगाता हुआ उसकी बुर पर अपने होंठ घुमा रहा था,,,, श्याम की मां राजू के लंड को पूरी तरह से गले तक ले ले रही थी और राजू अपने दोनों हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके ब्लाउज का बटन खोल रहा था वह देखते ही देखते वह नीचे झुका कर उसके मुंह में लंड डाले हुए ही उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को पके हुए आम की तरह दबाना शुरू कर दिया,,,,,,।

राजू उसकी चूचियों को इतनी जोर जोर से दबा रहा था कि उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट जा रही थी और उन सिसकारियो की आवाज को सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा था,,,और वह जल्दबाजी दिखाते हुए अपनी जगह पर खड़ा हुआ तो अपनी मां की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और यही फर्क था श्याम मैं और राजू में जिस बात को अच्छी तरह से श्याम की मां जानती थी,,,,,

श्याम पीछे से अपनी कमर हिला रहा था और राजू आगे से अपनी कमर हिला रहा था लेकिन दोनों में बहुत फर्क था से हम जल्दबाजी दिखा रहा था और राजू धैर्य से काम ले रहा था कि वह,,, श्याम की मां के बालों का जुड़ा अपने हाथों से खोल कर उसके घने बालों को एकदम खोल दिया ,,,, ऐसा करने पर खुले बालों में श्याम की मां और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लगने लगी,,,,

श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था उसका बेटा पीछे से और राजू आगे से चोद रहा था एक बुर चोद रहा था और दूसरा मुंह,,,,, राजू पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपने लंड को जबरदस्ती उसके गले तक डालकर पांच छः सेकंड तक वेसे ही रुका रह जाता था जिससे श्याम की मां की सांस अटकते अटकते रह जाती थी और वह वापस लंड को बाहर खींच ले रहा था,,,, दूसरी तरफ अपनी बुर में अपने बेटे के लंड को श्याम की मां महसूस तो कर रही थी लेकिन वह मजा नहीं मिल रहा था जो मजा राजू देता था और देखते ही देखते श्याम की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह अपनी मां की कमर थामे जोर-जोर से अपनी कमर को हिला रहा था और देखते ही देखते अपनी मां के पिछवाड़े पर ही ढेर हो गया,,,,,,,,,, श्याम तो झड़ चुका था लेकिन उसकी मां प्यासी रह गई थी बीच बाजार में उसके बेटे ने उसे छोड़कर खुद किनारे पर लग गया था और श्याम की मां भी किनारे पर आने के लिए तड़प रही थी अब उम्मीद की आखिरी किरण सिर्फ राजू ही था जो उसे अपनी मोटे तगड़े लंबे लंड से चोद कर उसे संतुष्ट कर सकता था इसलिए अपने मुंह में से राजू के लंड को बाहर निकालते हुए बोली,,,।

बस राजू तेरा काम अब आगे नहीं पीछे हैं देखने का है मेरा बेटा मुझे बीच मझधार में ही छोड़ दिया अब किनारे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तेरी है,,,,,


तो बिल्कुल भी चिंता मत करो चाचा जब तक मैं हूं तब तक तुम्हारी बुर प्यासी नहीं रह सकती,,,,,,।
(तब तक श्याम अपनी मां के पिछवाड़े पर से उठ कर खड़ा हो गया था और बगल में खड़ा हो गया था और अपनी मां की चुदाई देखने जा रहा था राजू श्याम की मां को खटिया पर ले जाने से पहले उसके ब्लाउज को उतार फेंका और साथ ही पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया जिससे पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई और श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल लेट ते हुए अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा दी ताकि राजू उसकी पेटीकोट को निकाल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर सके श्याम की मां की कमर को उठा हुआ देखकर राजू तुरंत फुर्ती दिखाता हुआ पेटीकोट को खींच कर नीचे कर दिया और अगले ही पल श्याम की मां खटिया में एकदम नंगी हो गई औरत के नंगे बदन को देख कर राजू का लंड वैसे भी 10 गुना और ज्यादा ताकतवर हो जाता था और इस समय भी श्याम की मां की मदहोश कर देने वाले जवानी उसके नंगे बदन को देख कर राजू का लंड लोहे की छड़ की तरह एकदम कड़क हो गया था इस समय इस बात से और भी ज्यादा है वह तेजी था कि वह एक बेटे के सामने उसकी आंखों के सामने उसकी मां को चोदने जा रहा था,,,,,।

अकेले ही पर राजू खटिया पर घुटनों के बल बैठ गया था और अपने लिए श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा था अगले ही पल अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर श्याम की मां की मोटी कमर को अपने दोनों हाथों में पकड़,,, लिया उसे अपनी तरफ खींच लिया राजू अपनी भुजाओं का दम दिखाते हुए श्याम की मां की मजबूत जानू को अपने ऊपर चढ़ा लिया और उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर आ गई,,,, इस अवस्था में श्याम की मां की बुर ठीक राजू के मोटे तगड़े लंड के सामने थे और गुहार लगा रही थी कि लंड को उसकी बुर में डाल देंंंं लेकिन राजू था कि श्याम की मां को और ज्यादा तड़पाते हुए अपने लंड के मोटे सुपाड़े को उसकी बुर पर रगड रहा था और लंड की गर्माहट पाकर श्याम की ना पूरी तरह से मचल उठी उसे अपने अंदर लेने के लिए इसलिए खुद ही अपनी कमर ऊपर उठाकर राजू के लंड को अपनी बुर में लेने की कोशिश कर रही थी और इसी तड़प और मचल का इंतजार राजू को था इसलिए राजू बोला,,,,।

चाची मे तुमसे एक बात कहना चाहता हूं,,,,

अरे पगले बात कहने के लिए तुझे यही समय मिला है बाद में भी तो कह सकता था,,,

नहीं मुझे यही समय ठीक लग रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड के‌ सुपाडे को उसकी बुर में डालकर वापस निकाल लिया,,,, यह तो श्याम की मां के लिए ऐसा ही होगा कि स्वादिष्ट भोजन उसके आगे परोस कर थाली हटा ली गई हो वो एकदम से तड़प उठी उसे अंदर लेने के लिए,,,,)

आहहहह राजू यह क्या कर रहा है मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।

(राजू इस बार श्याम की मां पर रहम दिखाते हुए अपने लंड के सुपाड़े को वापस उसकी बुर में डाल दिया और बोला,,,)

मैं जानता हूं चाची मैं जो कुछ भी कहूंगा तुम मेरी बात मान जाओगे लेकिन फिर भी मैं बात करना उचित समझ रहा था इसलिए कह रहा हूं,,,।

अरे हरामि जो कुछ भी कहना है बाद में कहना है लेकिन पहले मुझे चोद मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,


मुझसे भी कहां रहा जा रहा है चाची,,,(इतना कहने के साथ ही एक करारा धक्का लगाया और लंड उसकी बुर की गहराई में खो गया,,,,,, बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मैं चाहता हूं चाची कि तुम झुमरी का हाथ मेरे हाथ में दे दो,,,
(इतना सुनते ही श्याम के मा एकदम से चौक गई उसे अपने कान पर भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर से बोली,,)

क्या कहा मैं कुछ समझा नहीं,,,(अभी भी राजू का लंड उसकी बुर की गहराई में था और उसके मोटे पन को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी)

मैं झुमरी से शादी करना चाहता हूं,,,


यह क्या कह रहा है राजू तू तेरे और मेरे बीच में किस तरह का रिश्ता है यह तु भी अच्छी तरह से जानता है,,,

तो क्या हुआ चाची मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकता ना,,,, मैं तुम्हारी बेटी से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम के माध्यम से हैरान हो गई थी और श्याम की तरफ देखी तो श्याम की राजू के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला)

मान जाओ मा राजू का रुतबा और हैसियत पूरे गांव में सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है जानती हो लाला का सबसे खास है गोदाम का काम यही देखता है और पैसे भी खूब कमाता है झुमरी इसके घर पर इसके साथ राज करेगी,,,,।

मतलब तुझे भी सब कुछ मालूम है,,,,

क्या मा तुम भी झुमरी खुद राजू से प्यार करती है उससे शादी करना चाहती है,,,

हाय दैया मेरे पीठ पीछे इतना कुछ हो रहा है और मुझे कुछ पता ही नहीं है,,,

झुमरी के भी पीठ पीछे तो बहुत कुछ चल रहा है उसे कहां पता है,,,


तू सच में बहुत बड़ा हारामी है,,, अब चल जल्दी कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


चाची तुम भी तैयार होना मुझे अपना दामाद बनाने के लिए,,,

अब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी और वैसे भी तेरे रिश्ते के बारे में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि तरफ तो मेरा दामाद भी है और दूसरी तरफ मुझे चोदता भी है लेकिन शादी के बाद तो तु बदल तो नहीं जाएगा ना,,,

कैसी बात कर रही हो चाचा तुम्हारी पानी से भरी बुर की कसम शादी के बाद भी तुम्हारी बुर की सेवा करूंगा,,,

चल बाद की बाद में देखा जाएगा अभी तो सेवा कर,,,

यह लो चाची,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू एकदम खुश होता हुआ धक्के पर धक्का लगाने लगा और इतनी जोर जोर से खुशी के मारे धक्का लगा रहा था कि खटिया चरमरा जा रही थी लेकिन श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था तकरीबन 20:25 मिनट तक जमकर चुदाई करने के बाद राजू श्याम की मां को पूरी तरह से तृप्त करने के बाद अपना पानी भी निकाल दिया और बाद में खुश होता हुआ वहां से चला गया,,,
 
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जब से राजू ने रंजीत सिंह की जमकर पिटाई किया था तब से उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और गांव में उसकी इज्जत और हैसियत दोनों बढ़ती जा रही थी गांव वाले उसे इज्जत की नजर देखने लगे थे कल तक वह गांव का आवारा लड़का ही था लेकिन जमीदार के साथ उठने बैठने और उसके गोदाम को संभालने की वजह से राजू का रुतबा समाज में बढने लगा था,,,, लेकिन राजू अपने बढ़ते हुए रुतबे का गलत इस्तेमाल अभी तक नहीं किया था वह जहां तक हो सकता था वह गांव वालों की मदद ही करता था,,,,,,


दूसरी तरफ झुमरी पूरी तरह से राजू की दीवानी हो चुकी थी राजू ने उसकी दो बार इज्जत बचा चुका था,,, लेकिन झुमरी दिल के साथ-साथ अपना तन भी राजू को सौंप चुकी थी,,, ,,, श्याम को इतना तो पता चल गया था कि उसकी बहन राजू से प्यार करती है लेकिन इस बारे में बिल्कुल भी नहीं जानता था कि राजू ने उसकी मां की तरह ही उसकी बहन की भी चुदाई कर चुका है,,,,, और शाम अच्छी तरह से जानता था कि अगर वह यह जान भी जाएगी राजू जी उसकी बहन को चोदा है फिर भी वह चाह कर भी कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और अब तो राजू काका दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था इसलिए उससे दोस्ती और रिश्तेदारी बना लेने में ही श्याम की भलाई थी और वह अपने आप को राजू को अपना जीजा बनाने का मन बना लिया था बस अब उसे अपनी मां को मनाना था,,,,

ऐसे ही एक दिन अच्छा सा दिन है देखकर राजू समोसे जलेबी और मिठाई खरीद कर श्याम के घर पहुंच गया,,,, उस समय घर पर कोई नहीं था शिवाए श्याम और उसकी मां के,,, राजू को देखते ही श्याम की मां की बुर फुदकने लगी क्योंकि श्याम की मां राजू के लंड की ताकत और रगड़ को अच्छी तरह से जानती थी ,,, काफी दिनों बाद राजू श्याम के घर आया था इसलिए श्याम की मां को सोते हुए बोली,,,।

अरे राजू तू अच्छे समय पर आया है,,,, रुक में तेरी भी थाली लगा देती हूं,,,,

अरे नहीं नहीं चाची रहने दो,,,, मैं खा कर आया हूं,,,,।
(राजू को अपनी मां से इतनी इज्जत से बात करता हुआ देखकर श्याम अपने मन में ही बोला,,,)
साला मादरचोद अब इतनी इज्जत से बात कर रहा है मानो पुरे गांव का सबसे संस्कारी लडका यही है लेकिन मौका मिल जाए तो अभी बुर में लंड डालकर भोसड़ा बना देगा और अभी कैसा चाची चाची कह रहा है,,,,)

तू आजा बेटा बैठ,,,, अब तो तू इधर आता ही नहीं है भूल गया क्या मेरे घर का रास्ता,,,


क्या चाची अब यही कहोगी पहले जैसा अब समय नहीं मिलता है,,,, वह क्या है ना कि काम धंधा पर लग गया हूं,,,

क्या कहा काम धंधा पर कैसा काम,,,!(श्याम की मां एकदम आश्चर्य जताते हुए बोली)

अरे चाची बेल गाड़ी चलाता हूं लाला का गोदाम देखता हूं और अब तो अच्छी आमदनी हो जाती है इसीलिए तो मुझे समय नहीं मिलता तुम्हारे पास आने को वरना तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत पूरे गांव में नहीं है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर राजू ने बोला राजू के कहने का मतलब को श्याम अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह शर्मिंदा हो गया था और ऐसी बात सुनकर अपने बेटे के सामने श्याम की मा भी शर्म से पानी पानी हो गई थी,,,, इसलिए वह शरमा कर बोली,,)

क्या बेटा तू भी इस उम्र में यह सब बातें कर रहा है,,,(खाना खाते हुए)

क्या चाची तुम्हारी खूबसूरती को मेरे और श्याम के सिवा कोई अच्छी तरह से जान पाया है क्या मुझे आज भी मालूम है कैसे तुम्हारी बुर में मेरा लंड फस गया था सच में तुम्हारी बुर एकदम कसी हुई है,,,,


राजू यह क्या कह रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम उसे रोकते हुए बोला क्योंकि श्याम अच्छी तरह से जानता था कि अब वह उसकी बहन से शादी करना चाहता है और ऐसे हालात में वह अपनी ही सास के बारे में इतनी गंदी बात कैसे बोल सकता है शायद श्याम भावनाओं में यह भूल गया था कि वह खुद एक बेटा होते हुए भी अपनी मां को चोद रहा था और वह तो सगा भी नहीं है फिर वह कैसे अपने आपको रोक सकता है,,,)

क्या श्याम तू तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हम तीनों का राज सिर्फ हम तीनों के बीच ही है और मैं यह राज किसी और को बताने वाला नहीं हूं क्योंकि तू मेरा जिगरी दोस्त है और तेरी मां मेरी मां भले ही हम दोनों मिलकर चुदाई क्यों ना करते हो रिश्तो की बात अलग है और जहां बुर‌का सवाल आ जाता है वहां लंड रिश्तेदारी नहीं देखता,,,,, कहो तो चाची अभी तुम्हें गोद में उठाकर अंदर ले चलो मेरा तो लंड बिल्कुल तैयार है तुम्हें चोदने के लिए अब पता नहीं श्याम का मन है कि नहीं,,,,, शायद इसका खड़ा होने में समय लेता है,,,,(राजू की ऐसी बात सुनकर श्याम एकदम से तैश में आ गया और तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को दिखाते हुए बोला)

देख ले तेरा तो अभी अभी खड़ा हुआ होगा मेरा तो कब से खड़ा है बस मां के खाना खाने तक का इंतजार कर रहा था उसके बाद मैं खुद ही अंदर ले जाकर पटक कर चोदता,,,,


वाह मेरे दोस्त मौका भी है दस्तूर भी है फिर देर किस बात की,,,


तुम दोनों हरामि लोग मिलकर मेरी बुर का भोसड़ा बना दोगे,,,


मजा भी तो बहुत देते हैं ना चाची,,,, और हां झुमरी तो नहीं है ना घर में,,,

नहीं अभी तो नहीं दोपहर के बाद ही आएगी,,,,(श्याम के भाव यह कहकर राजू को हरी झंडी दिखा दी थी यह सुनकर राजू एकदम खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब देखना कितना मजा आएगा जब मैं आगे से और श्याम पीछे से पेलेगा,,,,

हां हां देखना संभाल कर मेरी बुर कहीं फाड़ मत देना,,,,

तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो चाची एक बार की बात थोड़ी है इससे तो ना जाने कितना काम लेना है बस अब जल्दी से खाना खत्म करो अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,।
(इतना सुनते ही श्याम की मां जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी एक साथ दो दो जवान लंड के बारे में सोच कर उसकी बुर गीली हो रही थी खास करके राजू के लंड के बारे में सोच कर तो उसकी बुर फुदकने लगी थी,,,। खाना खाकर वह जल्दी से उठ गई उसे बर्तन साफ करने थे लेकिन वहां बर्तन साफ करने का काम छोड़ दी थी क्योंकि अगर वह बर्तन मांजने में लग जाती तो शायद देर हो जाती और अभी इस समय उसके बदन में आग लग चुकी थी वह अपने बदन की आग को राजू के जवान लंड से बुझाना चाहती थी,,,, हाथ धो कर अपने हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए वह बोली,,,)

श्याम तू दरवाजा बंद कर दे,,,,,।
(अब तक के माहौल को देखकर श्याम के लंड में भी झुनझुनाहट हो रही थी इसलिए वह तुरंत आगे बढ़कर दरवाजा बंद कर दिया,,,, दरवाजा बंद करके वह राजू की तरफ घुमा तो अपनी आंख के सामने का नजारा देखकर एकदम से हैरान रहे क्या उसके दरवाजा बंद करते करते राजू में उसकी मां के बदन से साड़ी उतार कर नीचे फेंक दिया था और उसे अपनी मजबूत भुजाओं में उठा लिया था,,,, राजू यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गया था कि राजू बड़े आराम से उसकी मां को गोद में उठाए हुए था और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला,,,)

पीछे पीछे आजा श्याम आज मजा करते हैं,,,


हाय दैया तेरे में तो बड़ा दम है रे,,,,

तो क्या चाची देसी घी खाता हूं और तुम्हारा दूध पीता हूं तभी तो इतना दम है,,,

चल झूठा,,,(गोद में होने के बावजूद भी एक हल्की सी चपत राजू के गाल पर लगाते हुए) इतने दिनों से मेरी बुर सूख रही थी तुझे बिल्कुल भी याद नहीं रही और कहता है कि तुम्हारा दूध पीकर ताकत आई है,,,

दो बार तो पिया हु ना उसी का दम है,,,,

चल असली दम दिखाना तो अभी बाकी है देखु तो सही अभी भी वही धार है या धार कम हो गई है,,,( इतना कहने के साथ ही श्याम की मां अपना हाथ नीचे की तरफ ले गई और पैजामा के ऊपर सही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा हो चुका था श्याम की मां उतेजीत होते हुए पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबा ली,,, यह देखकर राजू अंदर वाले कमरे में पहुंचकर बोला,,,)

मुंह में लेकर चूसोगी तो और ज्यादा मजा आएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू श्याम की मां को खटिया पर पटक दिया,,,,)

अरे धीरे से खटिया तोडेगा,,, क्या,,,,

हां मेरी रानी आज तो खटिया के साथ साथ तुम्हारी बुर का भोसड़ा भी बना दुंगा,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने बदन पर से कुर्ते को उतार फेंका,,,, और पाजामा को भी उतार कर फेंक दिया,,,, पल भर में ही राजू श्याम की मां की आंखों के सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और यह देखकर श्याम भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया ,,,, कमरे में श्याम की मां की आंखों के सामने दो दो जवान लड़के एकदम नंगे खड़े थे लेकिन श्याम की मां की नजर अपने बेटे पर नहीं बल्कि राजू के खूबसूरत गठीले बदन पर टिकी हुई थी,,, खास करके उसके खड़े लंड पर श्याम की मां से भी बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह खटिया पर घुटने के बल बैठी हुई थी उसका पिछवाड़ा खटिया के उस पार था और उसका मुंह इस तरफ जहां पर राजू खड़ा था और राजू अपने लंड को हिलाते हुए श्याम की मां के सामने पहुंच गया,,,, राजू अपने लंड की चोट को श्याम की मां के खूबसूरत चेहरे पर मार रहा था,,,, श्याम की मां को राजू की हरकत बेहद उत्तेजित कर रही थी श्याम अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया था और पीछे से अपनी मां की पेटीकोट को उठा रहा था और देखते ही देखते वह अपनी मां की पेटीकोट को उठाकर कमर तक कर दिया और उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों में पकड़ कर अपना मुंह उसकी दोनों जांघों के बीच डाल दिया और देखते ही देखते श्याम की मां एक रंडी की तरह अपने बेटे की उपस्थिति में ही उसके दोस्त को भरपूर आनंद देते हुए राजू के लंड को पकड़कर अपने मुंह में डाल दी और उसे चूसना शुरू कर दी,,,,, राजू पलभर में ही मदहोश हो गया वह अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को चोद रहा था,,,,।

आहहहह आहहहह चाची ऐसे ही पूरा मुंह में ले लो बहुत मजा आएगा,,,,,आहहहरहह,,,, चाची तुम तो पूरा कमाल कर रही हो,,,,आहहहहह‌ बहुत मजा दे रही हो चाची,,,,।

(एक तरफ राजू श्याम की मां के मुंह में अपना लंड ठुंसकर पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था और दूसरी तरफ श्याम की गंदी गंदी आह्लाद बातों को सुनकर श्याम पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और वह जोर-जोर से अपनी मां की गोरी गोरी गांड पर चपत लगाता हुआ उसकी बुर पर अपने होंठ घुमा रहा था,,,, श्याम की मां राजू के लंड को पूरी तरह से गले तक ले ले रही थी और राजू अपने दोनों हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके ब्लाउज का बटन खोल रहा था वह देखते ही देखते वह नीचे झुका कर उसके मुंह में लंड डाले हुए ही उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी नंगी चूचियों को पके हुए आम की तरह दबाना शुरू कर दिया,,,,,,।

राजू उसकी चूचियों को इतनी जोर जोर से दबा रहा था कि उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट जा रही थी और उन सिसकारियो की आवाज को सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा था,,,और वह जल्दबाजी दिखाते हुए अपनी जगह पर खड़ा हुआ तो अपनी मां की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और यही फर्क था श्याम मैं और राजू में जिस बात को अच्छी तरह से श्याम की मां जानती थी,,,,,

श्याम पीछे से अपनी कमर हिला रहा था और राजू आगे से अपनी कमर हिला रहा था लेकिन दोनों में बहुत फर्क था से हम जल्दबाजी दिखा रहा था और राजू धैर्य से काम ले रहा था कि वह,,, श्याम की मां के बालों का जुड़ा अपने हाथों से खोल कर उसके घने बालों को एकदम खोल दिया ,,,, ऐसा करने पर खुले बालों में श्याम की मां और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लगने लगी,,,,

श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था उसका बेटा पीछे से और राजू आगे से चोद रहा था एक बुर चोद रहा था और दूसरा मुंह,,,,, राजू पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपने लंड को जबरदस्ती उसके गले तक डालकर पांच छः सेकंड तक वेसे ही रुका रह जाता था जिससे श्याम की मां की सांस अटकते अटकते रह जाती थी और वह वापस लंड को बाहर खींच ले रहा था,,,, दूसरी तरफ अपनी बुर में अपने बेटे के लंड को श्याम की मां महसूस तो कर रही थी लेकिन वह मजा नहीं मिल रहा था जो मजा राजू देता था और देखते ही देखते श्याम की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह अपनी मां की कमर थामे जोर-जोर से अपनी कमर को हिला रहा था और देखते ही देखते अपनी मां के पिछवाड़े पर ही ढेर हो गया,,,,,,,,,, श्याम तो झड़ चुका था लेकिन उसकी मां प्यासी रह गई थी बीच बाजार में उसके बेटे ने उसे छोड़कर खुद किनारे पर लग गया था और श्याम की मां भी किनारे पर आने के लिए तड़प रही थी अब उम्मीद की आखिरी किरण सिर्फ राजू ही था जो उसे अपनी मोटे तगड़े लंबे लंड से चोद कर उसे संतुष्ट कर सकता था इसलिए अपने मुंह में से राजू के लंड को बाहर निकालते हुए बोली,,,।

बस राजू तेरा काम अब आगे नहीं पीछे हैं देखने का है मेरा बेटा मुझे बीच मझधार में ही छोड़ दिया अब किनारे तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तेरी है,,,,,


तो बिल्कुल भी चिंता मत करो चाचा जब तक मैं हूं तब तक तुम्हारी बुर प्यासी नहीं रह सकती,,,,,,।
(तब तक श्याम अपनी मां के पिछवाड़े पर से उठ कर खड़ा हो गया था और बगल में खड़ा हो गया था और अपनी मां की चुदाई देखने जा रहा था राजू श्याम की मां को खटिया पर ले जाने से पहले उसके ब्लाउज को उतार फेंका और साथ ही पेटीकोट की डोरी पकड़ कर खींच दिया जिससे पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई और श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल लेट ते हुए अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा दी ताकि राजू उसकी पेटीकोट को निकाल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर सके श्याम की मां की कमर को उठा हुआ देखकर राजू तुरंत फुर्ती दिखाता हुआ पेटीकोट को खींच कर नीचे कर दिया और अगले ही पल श्याम की मां खटिया में एकदम नंगी हो गई औरत के नंगे बदन को देख कर राजू का लंड वैसे भी 10 गुना और ज्यादा ताकतवर हो जाता था और इस समय भी श्याम की मां की मदहोश कर देने वाले जवानी उसके नंगे बदन को देख कर राजू का लंड लोहे की छड़ की तरह एकदम कड़क हो गया था इस समय इस बात से और भी ज्यादा है वह तेजी था कि वह एक बेटे के सामने उसकी आंखों के सामने उसकी मां को चोदने जा रहा था,,,,,।

अकेले ही पर राजू खटिया पर घुटनों के बल बैठ गया था और अपने लिए श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा था अगले ही पल अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर श्याम की मां की मोटी कमर को अपने दोनों हाथों में पकड़,,, लिया उसे अपनी तरफ खींच लिया राजू अपनी भुजाओं का दम दिखाते हुए श्याम की मां की मजबूत जानू को अपने ऊपर चढ़ा लिया और उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर आ गई,,,, इस अवस्था में श्याम की मां की बुर ठीक राजू के मोटे तगड़े लंड के सामने थे और गुहार लगा रही थी कि लंड को उसकी बुर में डाल देंंंं लेकिन राजू था कि श्याम की मां को और ज्यादा तड़पाते हुए अपने लंड के मोटे सुपाड़े को उसकी बुर पर रगड रहा था और लंड की गर्माहट पाकर श्याम की ना पूरी तरह से मचल उठी उसे अपने अंदर लेने के लिए इसलिए खुद ही अपनी कमर ऊपर उठाकर राजू के लंड को अपनी बुर में लेने की कोशिश कर रही थी और इसी तड़प और मचल का इंतजार राजू को था इसलिए राजू बोला,,,,।

चाची मे तुमसे एक बात कहना चाहता हूं,,,,

अरे पगले बात कहने के लिए तुझे यही समय मिला है बाद में भी तो कह सकता था,,,

नहीं मुझे यही समय ठीक लग रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड के‌ सुपाडे को उसकी बुर में डालकर वापस निकाल लिया,,,, यह तो श्याम की मां के लिए ऐसा ही होगा कि स्वादिष्ट भोजन उसके आगे परोस कर थाली हटा ली गई हो वो एकदम से तड़प उठी उसे अंदर लेने के लिए,,,,)

आहहहह राजू यह क्या कर रहा है मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।

(राजू इस बार श्याम की मां पर रहम दिखाते हुए अपने लंड के सुपाड़े को वापस उसकी बुर में डाल दिया और बोला,,,)

मैं जानता हूं चाची मैं जो कुछ भी कहूंगा तुम मेरी बात मान जाओगे लेकिन फिर भी मैं बात करना उचित समझ रहा था इसलिए कह रहा हूं,,,।

अरे हरामि जो कुछ भी कहना है बाद में कहना है लेकिन पहले मुझे चोद मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,


मुझसे भी कहां रहा जा रहा है चाची,,,(इतना कहने के साथ ही एक करारा धक्का लगाया और लंड उसकी बुर की गहराई में खो गया,,,,,, बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

मैं चाहता हूं चाची कि तुम झुमरी का हाथ मेरे हाथ में दे दो,,,
(इतना सुनते ही श्याम के मा एकदम से चौक गई उसे अपने कान पर भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर से बोली,,)

क्या कहा मैं कुछ समझा नहीं,,,(अभी भी राजू का लंड उसकी बुर की गहराई में था और उसके मोटे पन को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी)

मैं झुमरी से शादी करना चाहता हूं,,,


यह क्या कह रहा है राजू तू तेरे और मेरे बीच में किस तरह का रिश्ता है यह तु भी अच्छी तरह से जानता है,,,

तो क्या हुआ चाची मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकता ना,,,, मैं तुम्हारी बेटी से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम के माध्यम से हैरान हो गई थी और श्याम की तरफ देखी तो श्याम की राजू के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला)

मान जाओ मा राजू का रुतबा और हैसियत पूरे गांव में सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है जानती हो लाला का सबसे खास है गोदाम का काम यही देखता है और पैसे भी खूब कमाता है झुमरी इसके घर पर इसके साथ राज करेगी,,,,।

मतलब तुझे भी सब कुछ मालूम है,,,,

क्या मा तुम भी झुमरी खुद राजू से प्यार करती है उससे शादी करना चाहती है,,,

हाय दैया मेरे पीठ पीछे इतना कुछ हो रहा है और मुझे कुछ पता ही नहीं है,,,

झुमरी के भी पीठ पीछे तो बहुत कुछ चल रहा है उसे कहां पता है,,,


तू सच में बहुत बड़ा हारामी है,,, अब चल जल्दी कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


चाची तुम भी तैयार होना मुझे अपना दामाद बनाने के लिए,,,

अब मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी और वैसे भी तेरे रिश्ते के बारे में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि तरफ तो मेरा दामाद भी है और दूसरी तरफ मुझे चोदता भी है लेकिन शादी के बाद तो तु बदल तो नहीं जाएगा ना,,,

कैसी बात कर रही हो चाचा तुम्हारी पानी से भरी बुर की कसम शादी के बाद भी तुम्हारी बुर की सेवा करूंगा,,,

चल बाद की बाद में देखा जाएगा अभी तो सेवा कर,,,

यह लो चाची,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू एकदम खुश होता हुआ धक्के पर धक्का लगाने लगा और इतनी जोर जोर से खुशी के मारे धक्का लगा रहा था कि खटिया चरमरा जा रही थी लेकिन श्याम की मां को बहुत मजा आ रहा था तकरीबन 20:25 मिनट तक जमकर चुदाई करने के बाद राजू श्याम की मां को पूरी तरह से तृप्त करने के बाद अपना पानी भी निकाल दिया और बाद में खुश होता हुआ वहां से चला गया,,,
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