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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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Wah rohnny4545 Bhai,

Kya gazab ki update post ki he................Gulabi aur Madhu ab puri tarah aapas me khul chuki he aur dono hi Raju ke sath threesome ke sapne bhi dekh rahi he...............


Jhumri ki izzat bacha kar Raju ne ek aur kadam apni shadi ke aur badha diya he..................lekin ab uska ek naya dushman Ranjit Singh ke rup me khada kar liya he...........dekhte he Raju is se kaise nipta he.........

Keep posting Bhai
Bahot bahot dhanyawad

1679371131-picsay
 

Beingvijayd

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आप की कहानी बहुत ही गजब की होती है पर आप से मेरी एक गुजारिश है सेक्स के दौरान अगर diry talk को थोड़ा और इनक्रीस किया जाए....
Thoda detail me dirty talk...aur sex time increase
 

Raj_sharma

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अद्भुत अविस्मरणीय अतुलनीय संभोग रचना का जो मनोरम में दृश्य राजू ने दिखाया था उसे देखकर गुलाबी बाग बाग हो गई थी और खास करके इसलिए कि आज राजू अपनी मां की चुदाई कर रहा था एक बुआ होने के नाते वह खुद अपने भतीजे के साथ एक बहन होने के नाते खुद अपने भाई के साथ संभोग सुख को प्राप्त करके अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर चुकी थी लेकिन जिंदगी में पहली बार किसी मां को अपने ही बेटे से चुदवाते हुए अपनी आंखों से देखी थी जिसमें खुद की उसकी ही लालसा थी अब गुलाबी भी पूरी तरह से आजाद हो चुकी थी घर में खुले तौर पर चुदाई करवाने के लिए,,,,, राजू को वह‌ अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वह दोनों साथ में ही घर में बने छोटे से छेद के बगल वाले कमरे में से अपनी मां की चुदाई देखा करते थे गुलाबी अपनी भाभी की और राजू अपनी मां की उस समय के दृश्य को देखकर गुलाबी के साथ-साथ राजू के तन बदन में भी आग लग जाती थी उत्तेजना अपने चरम शिखर पर पहुंच जाती थी,,,,,,,, अपने बड़े भाई के लंड को अपनी भाभी की बुर में घुसता हुआ देखकर खुद उसकी बुर गीली हो जाती थी और वह अपने भतीजे के लंड को देखती थी तो आश्चर्य होता था क्योंकि उसका भी एकदम से खड़ा हो जाता था यह देखकर गुलाबी ऐसा सोचती थी जिसकी शायद अपनी मां के नंगे बदन को देखकर उसके भजन में उत्तेजना बढ़ जा रही है और शायद इसीलिए उसका लंड खड़ा हो जाता है और चुटकी लेते हुए राजू से‌वह कई बार अपनी मां को चोदने वाली बात कह चुकी थी लेकिन गुलाबी जानती नहीं थी कि मौका मिलने पर सच में राजू अपनी मां को चोद देगा लेकिन आज अपनी आंखों से देख कर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी और मर्द की जात का उसे अच्छी तरह से ज्ञान हो गया था कि मर्द चाहे सामने कोई भी हो उसकी बहन हो भाभी हो बुआ हो या उसकी खुद की सगी मां हो उसे सिर्फ उसकी बुर ही दिखती है,,,,,, एक मर्द के लिए जब उसका लंड खड़ा हो तो नहीं तो रिश्तो ‌ के रूप में सिर्फ उसे औरत ही नजर आती और यही वह अपनी आंखों से देख चुकी थी कि राजू अपनी मां की बेझिझक चुदाई किया था,,,। चाहे जो भी हो उसे लग रहा था कि अपनी चालाकी से उसने खुद का उल्लू सीधा कर ली है लेकिन इस खेल से घर में सभी का उल्लू सीधा हो चुका था बस इस बात से अनजान केवल हरिया ही था,,,।


शाम के वक्त खाना बनाते समय घर में केवल गुलाबी और उसकी भाभी मधु ही थी दोपहर में मधु के साथ जो कुछ भी हुआ था उसे लेकर वह गुलाबी के सामने शर्मिंदगी के अहसास में डूबी हुई थी,,, वह गुलाबी के सामने शर्मा रही थी गुलाबी अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसकी बातें उससे शर्मा रही है इसलिए चुटकी लेते हुए बोली,,,

क्यों भाभी कैसा लगा,,,

क्या कैसा लगा,,,(ऐसा बोलते हुए मधु के गोरे गाल सुर्ख लाल हो गए)

अरे मैंने सब कुछ देखी अपनी आंखों से,,, कैसे सटासट तुम अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में ले रही थी पहले तो मुझे ऐसा ही लगा कि तुम्हारी बुर में तुम्हारे बेटे का लंड घुस नहीं पाएगा क्योंकि कुछ ज्यादा ही मोटा है,,,
(मधु खामोश होकर शर्मा कर अपनी ननद की बात सुन रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि उसकी मेहनत को क्या मालूम कि वह पहले से ही अपने बेटे के लंड को खा चुकी थी अपनी बुर में गप से ले चुकी थी,,,, गुलाबी एकदम से उत्साहित होते हुए बोली,,)
बताओ ना भाभी तुम्हें कैसा लगा,,,?

RAju is tarah se chudai karta hua

अब मैं तुझे क्या बताऊं देखी तो थी ना तूने अपनी आंखों से,,,

हां भाभी देखी तो थी,,, कि तुम्हारे मुंह से सुनने में बहुत मजा आएगा क्योंकि आज एक मां अपने बेटे से चुदवाई,,
(अपनी ननद की यह बात सुनकर मधु एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई,,,, तो एकदम से शरमाते हुए बोली,,)

धीरे से गुलाबी कहीं कोई सुन ना ले,,,

अरे भाभी अब तुम बेकार में डरती हो कोई सुन लेगा तो सुन लेगा और वैसे भी इस घर में इस बात को कोई सुनने वाला है तो कौन है मैं हूं तुम हो राजू है और बड़े भैया हैं जो कि इस खेल में पूरी तरह से शामिल है तो कोई कुछ बोलेगा ही नहीं,,,,

यह बात तो तु ठीक कह रही है,,,। लेकिन फिर भी गुलाबी मुझे बहुत शर्म आ रही है आज मेरे हाथों ऐसा लगता है कि पाप हो गया है,,,,(जानबूझकर मधु पछतावा का नाटक करते हुए बोली तो गुलाबी उसे समझाते हुए बोली)
Raju is tarah se apni ma ki chudai karta hua


कुछ पाप नहीं भाभी यह तो आनंद है किसी से भी ले लो आखिर करना क्या होता है टांग खोल कर सो जाना होता है,,, और फिर तुम्हारी बुर में लंड किसका जा रहा है इससे कोई मतलब नहीं होता बस एक मर्द के नजरिए से देखना चाहिए सच पूछो तो भाभी इस खेल में बहुत मजा आता है जब परिवार का ही कोई सदस्य शामिल हो जाता है मुझे तो बहुत ज्यादा मजा आया जब राजू तुम्हारी बुर में अपना लंड पेल रहा था और भाभी कितने जोश के साथ वह तुम्हारे चुदाई कर रहा था देखते ही बन रहा था इतनी जोश से तो वह मेरी चुदाई नहीं करता,,,,(सब्जी काटते हुए गुलाबी बोली,,,) भाभी शर्माने वाली कोई बात नहीं है कोई बहुत बड़ा पाप नहीं हो गया है देखना एक दिन वही तो मैं पूरा मजा देगा और तुम उसकी दीवानी हो जाओगी मुझे पूरा विश्वास है कि अभी भी अपने बेटे के लंड के बारे में सोच कर तुम्हारी बुर पानी छोड़ देती होगी,,,

धत्,,,,(एकदम से शरमाते हुए मधु बोली)

हां हां भाभी मैं सच कह रही हूं मेरे साथ भी ऐसा ही होता है सच कहूं तो अभी भी सोचो की बात करके मेरी बुर पानी छोड़ रही है,,,, बहुत मोटा है ना भाभी,, बोलो ना भाभी शर्मा क्यों रही हो,,,
(अपनी ननद की यह बात सुनकर मधु अपने मुंह से कुछ बोली नहीं बस शर्मा कर हां में सिर हिला दी और यह देखकर गुलाबी एकदम से खुश होते हुए बोली)


वाह मेरी प्यारी भाभी यही तो मैं तुमसे कह रही थी,,, राजू का लंड एक बार ले लोगी तो पागल हो जाएगी एकदम रगड़ रगड़ के जाता है अंदर,,,,,,
(गुलाबी की बातों को सुनकर मधु के तन बदन में एक बार फिर से सुरसुरी सी दौड़ने लगी थी वह आप अच्छी तरह से समझ गई थी कि अपनी मेहनत से शर्माने क्या आप कोई मतलब नहीं है क्योंकि वह अपनी आंखों से उसे अपने बेटे से चुदवाते हुए देख चुकी थी इसलिए वह भी अपनी ननद के सुर में सुर मिलाते हुए बोली)

हारे गुलबिया तु एकदम सच कह रही थी वाकई में मेरे बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है मैं तो सिर्फ समझ रही थी कि तू बस अपनी गलती छुपाने के लिए मुझे बेहका रही है,,,, लेकिन आज सारी आशंकाएं दूर हो गई मैं तो बस देखती ही रह गई थी अपने बेटे के लंड को जैसा लग रहा था कि जैसे किसी सांड का है,,,

अच्छा एक बात बताओ भाभी अपनी बेटी का मोटा और लंबा लंड देखकर तुम्हें डर नहीं लगा कि तुम्हारी बुर में जाएगा कैसे,,,!

हां मुझे तो पहले बहुत डर लग रहा था क्योंकि राजू के लंड के आगे का सुपाड़ा कितना मोटा है एकदम खुला हुआ आलूबुखारा की तरह मुझे तो बहुत डर लग रहा था कि अगर एक बार मेरी बुर में क्या तो मेरी बुर फट जाएगी,,,, लेकिन लगता है कि तेरी संगत में राजू एकदम होशियार हो गया है कितने आराम से मेरी बुर में डाला शुरू शुरू में दर्द कर रहा था लेकिन उसके बाद इतना मजा आया कि पूछो मत,,,(मधु भी अपने बेटे के लंड की तारीफ चटखारे लगाकर कर रही थी,,,, क्योंकि वह समझ गई थी कि आप अपनी ननद से शर्म करना बेफिजूल है इसलिए वह इस तरह की बातों का आनंद ले रही थी,,,)

सच कह रही हो भाभी तुम तुम तो फिर भी जवान बच्चों की मां हो तुम्हारी बुर में ना जाने कितनी बार लंड गया होगा लेकिन शुरू शुरू में तो मेरी हालत खराब कर दी थी तुम्हारे बेटे ने सरसों का तेल नहीं अपना थूक लगाकर डाला था इतना दर्द किया था मुझे तो लग रहा था कि मेरी जान चली जाएगी लेकिन तुम्हारा बेटा एक नंबर का हराम है मेरा दर्द कम करने के लिए वह एकदम से आधा लंड डालकर रुक गया था और मेरी चूची को जोर जोर से दबाते हुए उसे मुंह में लेकर पी रहा था और जैसे ही मेरा दर्द कम हुआ और मेरे मुंह से आवाजें आने लगी बात तुरंत एक धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड सीधे मेरे बच्चेदानी से जा टकराया,,,, और इसके बाद तो तुम्हारे बेटे ने मेरी ऐसी चुदाई किया कि मेरी बुर फटते-फटते और खटिया टूटते टूटते बची थी,,,(अपने ननद की बात सुनकर मधु खिलखिला कर हंस दी तो गुलाबी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) क्या खाई थी भाभी तुम राजू के पैदा होते समय जो इतना सांड जैसा औलाद पैदा की हो राजू के लंड को देखकर लगता ही नहीं है कि वह भैया के अलावा किसी और के सामने तो टांगे नहीं खोल दी थी भाभी तुमने,,,।

धत्,,,, मुझे तो ऐसी वैसी औरत समझ रही है क्या,,,?

ओह हो,,, अपने बेटे के सामने तो अपनी टांग खोल दी अपनी गांड खोल दी और कहती हो कि मैं ऐसी वैसी औरत नहीं हुं,,,

अरे हरामजादी,,,(मजाक में गुलाबी को गाली देते हुए) तेरे कहने पर तेरी बातों से मेरा मन बहक गया था वरना मैंने आज तक अपने बदन को किसी गैर मर्द को छूने भी नहीं दी हूं,,,,, लेकिन तू सच कहती है तेरे भैया का लंड राजू के लंड से आधा ही है,,,, मेरी बुर अभी तक दर्द कर रही है,,,

तो क्या हुआ भाभी अभी भी तुम्हारा मन अपने बेटे के लंड को लेने के लिए कर रहा होगा,,,

धत् अभी मारूंगी,,,,(मुस्कुराते हुए)

ओए होए देखो तो सही मेरी भाभी रानी के गालो को कैसे शर्म से लाल हो गई है कहो तो आज की रात राजू को फिर से तुम्हारे कमरे में भेज दूं,,,,, ताकि भैया भी तो देखें असली मर्द किसको कहते हैं नहीं तो तुम ही मेरे कमरे में चली आना भैया को खुश करने के बाद फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ मजा करेंगे,,,,।
(गुलाबी की यह बात सुनकर मधु के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी गुलाबी के कहे अनुसार दो औरत और एक मर्द जिसके बारे में आज तक मधु ने कल्पना भी नहीं की थी,,, इस बारे में सोच कर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ में लगी उसके लिए यह बिल्कुल नया था जिसके बारे में सोच कर ही उसकी बुर गीली हो रही थी लेकिन गुलाबी इस तरह के अनुभव का पूरा मजा ले चुकी थी और वह भी अपनी भतीजी मतलब की राजू की बड़ी बहन के साथ मिलकर राजू के मर्दाना जोश को अपने अंदर लेकर मस्त हो चुकी थी,,,,, गुलाबी की बात का कोई उत्तर दे पाती इससे पहले ही हरिया घर में प्रवेश करने लगा तो दोनों एकदम खामोश हो गई,,,, इसके बाद दोनों दोपहर वाली बात का जिक्र छोड़ कर घर के काम में मन लगा दी लेकिन दोनों का मन लग नहीं रहा था,,,,, जैसे तैसे करके सब लोग भोजन करके अपने अपने कमरे में चले गए मधु एक बार फिर से हरिया के नीचे थी लेकिन इस बार वह अपने पति से बिल्कुल भी खुश और संतुष्ट नजर नहीं आ रही थी क्योंकि जिस तरह की जबरदस्त चुदाई उसके बेटे ने उसकी किया था उसे देखते हुए हरिया में बिल्कुल भी जोश नजर नहीं आ रहा था हालांकि रोज हरिया अपनी इसी जोश के साथ अपनी बीवी को खुश कर देता था लेकिन आज की बात कुछ और थी मधु की बुर में अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड का सांचा बन चुका था जिसमें अपने पति के छोटे लंड से उसे बिल्कुल भी महसूस नहीं हो पा रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी बहुत खुश थी,,, राजू से पूरी तरह से नंगी करके उसकी दोनों टांगे फैला चुका था और अपने लंड को उसकी बुर पर रखकर डालने की तैयारी में था तभी उसके जोश को और ज्यादा बढ़ाते हुए गुलाबी बोली,,,

मुझे मालूम है राजू तेरी मां की बुर मेरी बुर से भी ज्यादा कसी हुए खूबसूरत है तभी तो मैं देखी कितनी जोर जोर से धक्के लगा रहा था आखिरकार जो अपनी मां को चोद ही दिया मादरचोद बन गया,,,

अब मैं बुआ चोद बनने जा रहा हूं,,, मेरी रंडी बुआ,,,, अब देख मैं तुझे कैसे चोदता हूं,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजु ने एक जबरदस्त धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड गुलाबी की बुर में डाल दिया,,,)

एक तरफ राजू चुदाई का भरपूर मजा लूट रहा था तो दूसरी तरफ झुमरी के साथ उसका प्यार परवान चल रहा था वह झुमरी को दिलों जान से चाहने लगा था और झुमरी भी उससे बेइंतहा मोहब्बत करने लगी थी दोनों के बीच मन के आकर्षण के साथ था शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता जा रहा था जिसके तहत दोनों चुदाई के सुख को भी भोग चुके थे और जहां मौका मिलता था वहां पर एक दूसरे की प्यास बुझा लेते थे,,,, ऐसे ही 1 दिन वहां राजू से मिलने के लिए धीरे-धीरे उसके गोदाम पर पहुंच गई जहां पर राजू मजदूरों से काम कराया करता था,,, लेकिन गोदाम पर झुमरी को राजू कहीं नजर नहीं आ रहा था तो वह निराश होकर वापस अपने घर की तरफ जाने लगी लेकिन आज विक्रम सिंह का भतीजा रंजीत सिंह गोदाम पर आया हुआ था,,,, विक्रम सिंह ने उसे 1 बहाने से गोदाम पर भेजा था जिसके जरिए वह देखना चाहता था कि गोदाम का व्यापार कैसा चल रहा है और यहां पर आकर रंजीत सिंह बहुत खुश हुआ था क्योंकि गोदाम का कारोबार बड़े जोरों शोर से चल रहा था,,,,, लेकिन उसकी नजर वापस लौटती हुई झुमरी पर चली गई उसकी मस्तानी मतवाली चाल और गोलाकार गांड देखकर रंजीत सिंह का मन बहक गया,,, और वह गोदाम पर किसी को भी कुछ भी बताएं झुमरी के पीछे पीछे चलने लगा वह झुमरी से नजर बचाकर उसके पीछे पीछे जा रहा था और मौके की तलाश में था झुमरी की मस्तानी चार और उसकी मद भरी गांड देखकर 30 वर्षीय रंजीत सिंह का लंड खड़ा होने वाला,,, वैसे भी रंजीत सिंह रंगीन मिजाज का व्यक्ति था अपने खेतों में काम करने वाली कई औरतों के साथ वहां पैसे देकर या जबरदस्ती उनके बदन का सुख हो चुका था और आज उसका दिल गांव की झुमरी पर आ गया था,,,,,,

रंजीत सिंह बहुत ही ताकतवर जमीदार विक्रम सिंह का भतीजा था इसलिए वह अपने रूआब का पूरा फायदा उठाता था,,,, उसे अपने ऊपर पूरा विश्वास था कि आज वह झुमरी के साथ मनमानी कर लेगा और इसीलिए वह मौके की तलाश में था,,,,, कुछ दूर तक वह झुमरी का पीछा करने के बाद सुनसान जगह पर पहुंच गया था जहां पर दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और बार-बार झुमरी को भी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसके पीछे कोई आ रहा है इसलिए वहां कुछ देर रुक जाती और पीछे मुड़कर चारों तरफ देखने लग जाती थी लेकिन उसके मरने से पहले ही रंजीत सिंह बड़े पेड़ के पीछे अपने आप को छुपा लेता था और झुमरी यही समझती थी कि उसका भ्रम है इसलिए मैं निश्चिंत होकर चल रही थी लेकिन जब रंजीत सिंह ने देखा कि चारों तरफ बड़े बड़े घने घने पेड़ हैं और दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है तो वह एकदम से उसके पीछे चलते हुए बोला,,,।


हाय हाय मेरी रानी तुम्हारी गांड तो बहुत खूबसूरत है ऐसे मटक के चलोगी तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा,,,
(अनजान अश्लील आवाज को सुनते ही झुमरी के बदन में एकदम से सिहरन सी दौड़ गई वैसे तो झुमरी बहुत बहादुर लड़की थी लेकिन इस तरह से कोई उसके बारे में गंदी बात आज तक कोई नहीं बोल नहीं पाया था इसलिए वह एकदम से घबरा गई थी वह तुरंत घूम कर देखी तो उसके सामने एक हट्टा कट्टा 30 वर्षीय लंबा चौड़ा इंसान खड़ा था जिसे वह पहली बार देख रही थी झुमरी डर तो कही थी लेकिन फिर भी हिम्मत करते हुए बोली)


ऐय,,, हरामी क्या बोला रे तु,,,, तेरे घर में मां बहन नहीं है क्या,,?

मा है बहन है लेकिन तेरी जैसी खूबसूरत लड़की की कमी है जो रोज मेरी प्यास बुझा सके,,,

क्या बोला रे हरामि,,,,

यानी कि तेरे जैसी लड़की की कमी है जो रोज मेरे लंड को अपनी बुर में लेकर मेरी प्यास बुझा सके,,,,


हरामजादे नीच कुत्ते तेरी यह हिम्मत,,, रुक मैं तुझे अभी बताती हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही झुमरी इधर उधर नजर घुमाकर उस पर कुछ मारने के लिए लकड़ी और पत्थर ढूंढने लगी लेकिन उसकी किस्मत खराब थी उसे कुछ मिल नहीं रहा था और रंजीत सिंह जोर जोर से हंसता हुआ उसकी तरफ आगे बढ़ा और तुरंत उसे पकड़ कर कपड़े के गट्ठर की तरह अपने कंधे पर उठा लिया और उसे बड़े से पेड़ के नीचे की तरफ ले जाते हुए बोला,,,)

हाय मेरी रानी तू तो एकदम जंगली बिल्ली की तरह उछल कूद मचा रही है,,, तेरे साथ मुझे बहुत मजा आएगा और तू ही मेरा साथ दे तुझे भी बहुत मजा दूंगा और पैसे भी दूंगा,,,

पैसे हरामजादे अपनी मां की भोंसड़ी में डाल दे,,, कुत्ते,,,

मां की गाली देती है रंडी अभी तेरे भोसड़ी में लंड डालता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही रंजीत सिंह ने गुस्से में आकर गुलाबी को घास के ढेर पर बड़ी जोर से पटक दिया,,, जिससे झुमरी एकदम से जोर से पटके जाने की वजह से एकदम निश्चेत हो गई वह उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी,,,, अपनी आंखों से देखी तो रंजीत सिंह अपने पजामे की डोरी खोल रहा था यह देखकर वो एकदम से घबरा गई उसे लगने लगा कि आज उसकी इज्जत चली जाएगी और इसीलिए आखरी प्रयास करते हुए जितना हो सकता था इतनी जोर से वह बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी,,,, झुमरी की नसीब बहुत तेज थी कि वही बगल के कच्चे सड़क से राजू और उसका दोस्त श्याम जोकि झुमरी का भाई था राजू उसे लेकर गोदाम पर जा रहा था उसके कानों में आवाज पडते ही वह एकदम से चौक गया,,,, झुमरी से बहुत प्यार करता था इसलिए उसके चिल्लाने की आवाज भी एकदम से जल्दी से पहचान गया जबकि श्याम को कुछ भी पता ही नहीं चला,,,, एकदम से श्याम को रोकते हुए बोला।

श्याम लगता है झुमरी की आवाज है,,,

तेरे कान बज रहे हैं राजू यहां किसी की आवाज नहीं आ रही है,,,

नहीं-नहीं श्याम में झुमरी की आवाज को अच्छी तरह से पहचानता हूं,,,,

पागल हो गया क्या तू,,,,

बचाओ बचाओ,,,,(तभी एक बार फिर से झुमरी ने जोर से चिल्लाई और इस बार श्याम के कानों में आवाज पहुंची लेकिन फिर भी वह बोला)

पागल हो गया क्या तू जो मेरी इस तरह से क्यों चिल्लाएगी,,,


नहीं शयाम कुछ तो गड़बड़ है,,,,(और इतना कहने के साथ ही घड़ी भर की भी विलंब किए बिना राजू आवाज की दिशा में भागने लगा जहां से झुमरी जोर जोर से चिल्ला रहे थे बचाओ बचाओ की गुहार लगा रही थी और तुरंत ही राजू की आंखों के सामने वह मंजर दिखाई दिया जिसके बारे में कभी राजू ने सोचा भी नहीं था रंजीत सिंह ने पैजामा निकाल चुका था उसका लंड खड़ा था और वह नीचे घुटनों के बल बैठकर झुमरी की सलवार की टूरी जबरदस्ती खोल रहा था यह देखकर राजू एकदम से आग बबूला हो गया और भाई एकदम से जोर से चिल्लाते हुए रंजीत सिंह की और भागा,,,,।


हरामजादे कुत्ते आज मैं तेरा खून पी जाऊंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह उछलकर एक लात रंजीत सिंह कुमार और रंजीत सिंह इस बारे में कभी कल्पना ने भी नहीं किया था और एकदम से 5 फुट दूर जाकर गिरा,,,,, लेकिन रंजीत सिंह एकदम फुर्तीला और कसरती बदन का था इसलिए वह तुरंत उठ कर खड़ा हो गया और वह पलटवार करते हुए राजू के ऊपर अपना हाथ जला दिया लेकिन राजू उससे भी ज्यादा फुर्तीला निकला वह तुरंत उसका हाथ पकड़ कर उसे पूरी तरह से घुमा दिया और एक लात उसकी कमर पर मारा हुआ एकदम से फिर से जमीन पर बिखर गया और दूसरी तरफ झुमरी रोते हुए अपने आप को संभालते हुए बोले जा रही थी,,,।

मार राजू इसे और मार यह मेरी इज्जत लूटना चाहता था खत्म कर दे इसे यह हराम ज्यादा मुझे कहीं का नहीं रखने वाला था उसने मेरी इज्जत पर हाथ डाला है राजू इसे छोड़ना मत कर,,,

तू चिंता मत कर झुमरी तेरे ऊपर यह नजर उठा कर देख भी नहीं सकता मैं इसकी ऐसी हालत करूंगा,,,,,(झुमरी की बात सुनकर राजू एकदम से गुस्से में लाल पीला होते हुए बोला और अपने हाथ की मुट्ठी को कस के बाद का हुआ अगला वार रंजीत सिंह के मुंह पर किया उसके पूरे जबड़े हिल गए,,, और वह फिर से जमीन पर गिर गया तब तक श‌याम भी उधर आ गया था झुमरी को रोता हुआ देखकर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें और राजू उसकी जमकर पिटाई कर रहा था रंजीत सिंह राजू के वार से पूरी तरह से चारों खाने चित हो चुका था,,,,,, राजू बहुत गुस्से में था जैसे तैसे करके रंजीत सिंह खड़ा हुआ और मौके का फायदा उठाते हुए वहां से भाग गया लेकिन जाते-जाते बोला,,,

तूने ठीक नहीं किया है कुत्ते इसका बदला मैं तुझसे जरूर लूंगा,,,,

अरे जा मादरचोद,,,,,(ऐसा क्या कर राजू ने फिर से दौड़ाया तो वह भाग खड़ा हुआ रंजीत सिंह की तरफ किसी ने आज तक उंगली तक नहीं उठाई थी लेकिन राजू ने उसकी जमकर पिटाई कर दिया था और रंजीत सिंह गोदाम पर जाने की जगह सीधा अपने घर पर चला गया लेकिन यह बात उसने अपने चाचा विक्रम सिंह से बिल्कुल भी नहीं कहा क्योंकि इसमें उसकी बदनामी हो जाति की कितनी जमीदार का भतीजा होते हुए भी एक गांव के लड़के से मार खा गया ,,,, और दूसरी तरफ झुमरी अपने भाई की गैर हाजिरी की परवाह किए बिना ही सीधा जाकर श्याम की बाहों में उसके सीने पर सर रखकर रोने लगी और राजू भी श्याम की परवाह ना करते हुए उसे अपनी बाहों में कस कर उसे चुप कराने लगा,,,,)

चुप हो जाओ झुमरी कुछ नहीं हुआ वह तो अच्छा हुआ मैं सही समय पर आ गया वरना आज सच में कुछ ना कुछ हो जाता और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाता और उस हरामजादे का खून कर देता,,,,।
(श्याम आश्चर्य से अपनी बहन झुमरी और राजू की तरफ देख रहा था शयाम को कुछ कुछ शंका होने लगी थी राजू जैसे तैसे करके झुमरी को चुप कराया है और इस बारे में किसी को कुछ भी ना बताने का बोल कर उसे चुपचाप घर पर भेज दिया उसके जाते ही राजू मुस्कुराता हुआ शयाम की तरफ देखने लगा तो श्याम बोला,,,)

यह सब क्या था राजू,,,

अरे देखा नहीं,,,(अपने बदन से मिट्टी को झाड़ते हुए) आज तेरी बहन की इज्जत चली जाती वह तो में सही समय पर आ गया,,,,

वह तो मैं देख नहीं रहा हूं और इसका में तेरा शुक्रगुजार भी हो लेकिन इसके अलावा जो कुछ भी मैं देख रहा हूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,

इसमें समझने वाली क्या बात है अब तक तू मेरा दोस्त था लेकिन बहुत ही जल्द तू मेरा साला बन जाएगा मैं तेरी बहन से शादी करने वाला हूं,,,,

क्या,,,?(एकदम आश्चर्य से श्याम मुंह फाडता हुआ बोला,,,)

अरे इसमें चोकने वाली कौन सी बात है एक ना एक दिन तो तेरी बहन की शादी होनी है तो दूसरों से हो इससे अच्छा मेरे से हो जाए तो सब कुछ सही रहेगा,,,,

तेरे से पागल हो गया क्या तेरे बारे में मुझसे अच्छा भला कौन जानता है औरतों के मामले में तेरा नाडा कुछ ज्यादा ही ढीला है,,,

अच्छा और तेरा जैसे कि मुझे कुछ पता ही नहीं है मेरा तो दूसरी औरतों के मामले में नाडा ढीला है ना लेकिन तेरा तू तो अपनी मां को ही चोदता है,,,,
(इतना सुनते ही श्याम एकदम से खामोश हो क्या बहुत बड़ा राज जोकि राजू अच्छी तरह से उस राज का फायदा उठाना चाह रहा था उसे देखते हुए श्याम बोला)

लेकिन यह कैसे हो सकता है,,,, अगर ऐसा हो गया तो गजब हो जाएगा,,,

क्या गजब हो जाएगा श्याम,,,


तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं है,,,, तेरे और मेरी मां के बीच कैसा रिश्ता है तो अच्छी तरह से जानता है भला ऐसा कैसे हो सकता है कि तू बीवी को भी और मां को भी,,,,(इस समय चोदना शब्द अपनी मां और बहन के लिए प्रयोग करने में श्याम को शर्म महसूस हो रही थी लेकिन राजू तो बेशर्म था इसलिए श्याम की बात सुनकर मुस्कुराता हुआ राजू बोला)


अरे यही ना कि मैं तेरी मां को भी चोद चुका हूं और तेरी बहन को भी चोदुंगा तो कैसा लगेगा,,,, अरे पगले जरा यह तो सोच अगर मैं तेरा जीजा बन गया तो कितना मजा आएगा मैं जब चाहूं तब तेरे घर पर आकर तेरी मां की चुदाई कर सकता हूं मतलब कि अपनी ही सास को चोद सकता हूं और सोच कितना गर्म करने वाली बात है कि इस उम्र में भी मेरी सास कितनी जानदार और शानदार है कि उसे देखकर ही मेरा खड़ा हो जाता है,,,,।
(राजू की यह बात सुनकर श्याम शर्मिंदा तो हो गया लेकिन उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, लेकिन वह फिर भी शंका जलाते हुए बोला,,,)

लेकिन राजू यह बात झुमरी को पता चल गई तो कि तू मां को भी,,,,,,(इससे आगे श्याम कुछ बोला नहीं खामोश हो गया तो राजू बोला,,,)

तू श्याम बिल्कुल भी चिंता मत कर झुमरी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तेरे बारे में भी झुमरी को मैं कुछ भी नहीं बताऊंगा तू आराम से अपनी मां के साथ मजे कर सकता है और वैसे भी झुमरी का विवाह हो जाने के बाद वह मेरे घर आ जाएगी और तुम दोनों मां बेटे को खुला दौर मिल जाएगा ऐश करने के लिए,,,,।
(इस बात से श्याम भी सहमत था इसलिए वह मन ही मन खुश होने लगा लेकिन फिर भी बोला,,)
लेकिन क्या मां इस रिश्ते के लिए तैयार होगी,,,,

तू चिंता मत कर श्याम एक मां बाप को अपनी लड़की के लिए कैसा आदमी चाहिए जो कमाता हो खाता हूं जिसकी समाज में इज्जत हो और क्या चाहिए और तू तो मुझको जानता ही है मेरा रुतबा धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है,,,, तू चिंता मत कर जब तक मैं हूं तब तक,,,,,,
सबकुछ हो सकता है,,,तु बस मेरा साथ देते रहना,,, चाची तो ऐसे भी मान जाएंगी,,,,(चाची के मानने वाली बात पर राजू श्याम की तरफ देख कर आंख मार दिया और श्याम राजू के आंख मारने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था,,,, श्याम को लेकर राजू गोदाम की तरफ चला गया,,,,
Bohot khoob , shandaar or kamuk update rony bhai,
Awesome 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 

rohnny4545

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एक कहानी एक अलग मोड़ पर चलेगी
Thanks
आप की कहानी बहुत ही गजब की होती है पर आप से मेरी एक गुजारिश है सेक्स के दौरान अगर diry talk को थोड़ा और इनक्रीस किया जाए....
Thoda detail me dirty talk...aur sex time increase

आप की कहानी बहुत ही गजब की होती है पर आप से मेरी एक गुजारिश है सेक्स के दौरान अगर diry talk को थोड़ा और इनक्रीस किया जाए....
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Okay dear

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मधु अब गुलाबी के राज का राजदार बन चुकी थी लेकिन मधु के बारे में गुलाबी को बिल्कुल भी आभास तक नहीं था कि उससे भी एक कदम आगे वह एक मा होते हुए भी अपने ही पति के साथ चुदाई का सुख भोग रही है,,,, जो भी हो जिस तरह से गुलाबी को लग रहा था कि उसकी नमक मिर्च लगी कोई बातों को सुनकर उसकी भाभी अपने ही बेटे के मर्दाना ताकत से भरे लंड की गाथा को सुनकर आकर्षित हो रही है उसे देखते भी गुलाबी को लगने लगा था कि उसकी भाभी भी अपने ही बेटे के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो गई है जबकि इस बात से वह पूरी तरह से अनजान थी कि वह पहले से ही अपने बेटे से शारीरिक संबंध बना चुकी है,,,, अपनी भाभी को इस खेल में शामिल करने के लिए उकसाने के बाद गुलाबी चैन की सांस ले रही थी क्योंकि अब उसका राज मधु के जानने के बावजूद भी राज ही रह गया था,,,, मधु इस बात से खुश थी कि अब वह अपने बेटे के साथ जब चाहे तब चुदवा सकती थी क्योंकि वह अपने पति और अपनी ननद दोनों का राज्य जान चुकी थी ऐसे में कोई उस पर उंगली उठाने वाला नहीं था बल्कि इस खेल में अब सब का रास्ता साफ हो चुका था बस थोड़ी बहुत औपचारिकता ही बाकी रह गई थी अब मधु को गुलाबी के सामने इस आ जाता है ना था कि जो कुछ भी हो रहा है वह सब कुछ पहली बार हो रहा है,,,,,,, अब आगे के खेल के लिए मधु भी उत्सुक हुए जा रही थी उसका मन भी व्याकुल भेजा रहा था इस बात को सोचकर कि कैसा लगता है जब एक परिवार का सदस्य एक परिवार के सदस्य को आपस में चुदाई करते हुए देखेगा,,,, अब सब कुछ साफ हो चुका था इस खेल में गुलाबी उसका पूरा साथ देने वाली थी और गुलाबी के ही ‌ माध्यम से वह पहली बार अपने बेटे से चुदवाएगी,,,,।


मधु को घर पहुंचने के बाद बिल्कुल भी चैन नहीं मिल रहा था वह आने वाले पल के बारे में सोच सोच कर अंदर ही अंदर सिहर उठा रही थी क्योंकि अब तक वह अपने परिवार की नजर से बच कर अपने बेटे से मजा लूट रही थी लेकिन अब वह खुलेआम अपने बेटे से चुदाई का आनंद लूट सकती थी,,,, लेकिन इससे पहले सारे समीकरण बनाने थे जो कि ऐसा ही लगेगी मधु पहली बार अपने बेटे के साथ कुछ अद्भुत करने जा रही है,,,, शाम ढल चुकी थी और मधु खाना बना रहे थे अब गुलाबी अपनी भाभी के पीछे लग चुकी थी क्योंकि उसका राज‌जो उसकी भाभी जान चुकी थी इसलिए वह अपनी भाभी को मक्खन लगाना चाहती थी और अपने ही भतीजे के नाम का इसलिए अपनी भाभी के बगल में बैठ कर सब्जी काटते हुए धीरे-धीरे राजू के द्वारा प्राप्त अद्भुत आनंद के बारे में बता रही थी,,,।



भाभी सच में राजू का लंड इस बैगन से भी,,,(बैगन को हाथ में लेकर जिसे वह काट रही थी जो कि कुछ ज्यादा ही मोटा और तगड़ा था उसे दिखाते हुए) बड़ा और मोटा है एक बार बुर में गया ना तो बिना तीन चार बार पानी निकाले राजू निकालता नहीं है सच में भाभी इतना मजा आता है कि पूछो मत मन करता है कि दिन-रात राजू के लंड को अपने पूर्व में डलवा कर पड़े रहो,,,,(अपनी ननद के मुंह से अपने बेटे के मर्दाना ताकत की तारीफ को सुनकर मधु मन ही मन खुश हो रही थी वह तो खुद ही अपने बेटे के लंड को ले चुकी थी लेकिन फिर भी एक खूबसूरत जवान लड़की के मुंह से अपने बेटे के लंड की तारीफ सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी) औरतों और भाभी ऐसे ऐसे नए नए तरीके से चुदाई करता है कि पूछो मत कमर दुखने लगती है लेकिन मजा बहुत देता है और इतनी जोर जोर अपनी कमर हिलाता है कि मानो कि जैसे कोई मोटर चल रही हो,,,, मैंने आज तक ऐसी अद्भुत ताकत से भरे हुए मर्द को नहीं देखी,,,



क्यों रे गांव भर में सबको देती फिरती है क्या जो सबके बारे में पता है,,,

अरे नहीं भाभी एक राजू एक भैया बस 2 दिन ही तो है और भैया से तो मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं मिलता ऐसा लगता है कि राजू के लंड की मोटाई का सांचा मेरी बुर में बन गया है इसलिए भैया का जब भी जाता है तब पता ही नहीं चलता,,,,


हाय दैया मेरे सामने ही मेरे पति का मजाक उड़ा रही है उनकी मर्दाना ताकत पर शक कर रही है जानती नहीं है इतने बरसों से मैं तेरे भैया का ही लेती आ रही हूं और जिसका लेकर तुम मजा ले रही है ना उन्हें पैदा करने में तेरे भैया का ही सबसे बड़ा हाथ है,,,(अपने पति की मर्दानगी पर उंगली उठता देखकर जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए मधु बोली क्योंकि वह तो अपने पति के मर्दाना ताकत को भलीभांति जानती थी जोकी उसके बेटे के मुकाबले कुछ भी नहीं था,,,)


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भाभी तुम तो नाराज हो रही हो मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि भैया के बारे में मुझसे अच्छा तुम जानती हो लेकिन उनकी लंड के बारे में मुझे भी पता है राजू से आधा ही है तुम तो भैया का देखी हो लेकिन राजु का देखी नहीं तो लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता,,,,इस इसलिए तुम ऐसा कह रही हो,,,,सच में भाभी अगर तुम राजू का देख भर लोगी ना तो ही तुम्हारी बुर पानी फेंक देगी,, इतना जबरदस्त मोटा तगड़ा एकदम नाग की तरह है एक बार बुर में गया तो समझ लो कि हो गया मैं कभी भी राजू के साथ चुदवाने के बारे में सोची नहीं थी लेकिन पहली बार क्यों उसकी हरकत और बार-बार उसकी लंड का मेरी गांड से मेरी बुर से टकराना मेरी हालत खराब कर दिया था और मैं उसकी मर्दाना ताकत के आगे घुटने टेक दी थी सच में भाभी जो मजा राजू ने दिया था मेरी बुर गीली हो जाती है अभी तुम्हें सलवार पहनी हूं वरना तुम्हें दिखा देती,,,, लेकिन रुको (इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपने चारों तरफ देखकर तुरंत घुटनों के बल खड़ी हो गई और अपनी सरकार को अपनी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार के लग चिपके सलवार की उस जगह को दिखाने लगी जो कि वाकई में उसके काम रस से गीली हो चुकी थी,,, यह देख कर मधु की भी हालत खराब हो गई थी गुलाबी के किले पर को देखकर उसकी खुद की बुर पानी छोड़ रही थी,,,,, गुलाबी की किल्ली सलवार को देखकर अपने मुंह पर शर्म से हाथ रखते हुए बोली,,)


हाय दइया तेरा तो पानी निकल रहा है रे,,,

क्या करूं भाभी यही हाल है राजू के बारे में सोच कर भी मेरी यही दशा हो जाती है,,,,


तो इस तरह की बातें मत कर मिला भी मुझे ना जाने क्यों कुछ कुछ हो रहा है,,,

ओहहह भाभी मैं जानती हूं मेरी बातें सुनकर तुम्हारा भी मन कर रहा है अपने बेटे के लंड को देखने का उसे अपनी बुर में लेने का सच भाभी अगर एक बार तुम राजू के लंड‌ को अपनी बुर में ले लोगी ना तो भैया को भूल जाओगी भैया का तो राजू से आधा भी नहीं है तो सोचो तुम्हें कितना मजा देगा,,,, मैं देखी हूं भैया को जब तुम्हारी बुर में पीछे से डालते हैं तरह से जा नहीं पाता होगा लेकिन अगर राजू तुम्हारी बुर में पीछे से डालेगा तो कसम से सीधा तुम्हारे बच्चेदानी से टकराएगा,,,,


सहहहह गुलाबी,,, क्या सच में ऐसा होता है उनका तो कभी भी इतनी गहराई तक नहीं पहुंच पाया,,,,(अपने बेटे की मर्दाना ताकत और उसकी पहुंच तक के बारे में मधु अच्छी तरह से जानती थी लेकिन तू भी गुलाबी के सामने अनजान बनते हुए बोल रही थी मानो कि जैसे उसे कुछ पता ही ना हो क्योंकि गुलाबी को तो ऐसा ही लग रहा था कि जैसे उसकी भाभी को कुछ भी पता नहीं है,, अपनी भाभी की बात सुनकर गुलाबी को लगने लगा कि उसकी भाभी का भी मन मचल रहा है इसलिए वह खुश होते हुए बोली,,,)

हां भाभी बिल्कुल एकदम तुम्हारी बुर को फाड़ देगा तुम्हारा बेटा इतना मजा देगा कि तुम खुद अपने बेटे के लंड पर कुदोगी अपनी बड़ी बड़ी गांड रखकर,,,,।
(अपनी ननद के मुंह से अपने बेटे के लैंड की तारीफ सुनकर पल-पल मधु की हालत खराब भी हो रही थी और गर्व से वह गदगद हुए जा रही थी,,,,,, गुलाबी को ऐसा लग रहा था कि वह पूरी तरह से अपनी भाभी को मनाने में कामयाब होती नजर आ रही है और उसकी नजर में ऐसा हो भी रहा था जबकि मधु खुद ऐसा चाह रही थी कि उसकी ननंद खुद उसका और उसके बेटे का मिलन करवाएं इसलिए मधु बोली,,,)

गुलाबी तेरी बातें सुनकर मेरा भी मन करने लगा है लेकिन मुझे शर्म आ रही है वह मेरा बेटा है,,,

क्या भाभी जब देखो तब बेटा है बेटा है बेटा है जबकि एक बेटा खुद अपनी मां को चोदना चाहता है तुम उसकी बातों से वाकिफ नहीं हो लेकिन अच्छी तरह से जानती हूं वह तुम्हें चोदना चाहता है तुम्हें देखते ही उसका लंड पढ़ा जाता है और सच कहूं तो मुझसे भी ज्यादा आकर्षण तुम्हारा है उसके मन में तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड को जब भी देखता है देखता ही रह जाता है और सही मायने में भाभी तुम उससे भी ज्यादा खूबसूरत हो तभी तो तुम्हारा बेटा तुम्हारे पीछे दीवाना हुआ है बस अपने मुंह से कह नहीं पा रहा है अगर थोड़ा सा उस इशारा मिल जाए तो तुम्हारी दोनों टांगे छीतरा कर तुम्हारी बुर में लंड डाल देगा,,,,,।

और कहीं ऐसा नहीं हुआ तो उसने इंकार कर दिया तो,,,

भाभी यह बेकार की शंका अपने मन में मत लाओ तुम्हें देखते ही उसके मुंह से लार टपकने लगती है देखना जिस दिन तुम उसके सामने अपनी दोनों टांगे खोल दोगी ना वह बिल्कुल भी झिझक नहीं दिखाएगा तुम्हारे ऊपर चढ़ने में,,,,


लेकिन यह होगा कैसे गुलाबी,,,,


तुम तैयार हो तो सब कुछ हो जाएगा,,,,


कैसे बचाएगा मैं अपने मुंह से थोड़ी बोलूंगी की बेटे तु अपने लंड को मेरी बुर में डाल दे,,,,


अरे भाभी तुम्हें ऐसा कहने की जरूरत ही नहीं है मैं सब कुछ व्यवस्था कर दूंगी बस तुम्हें थोड़ा थोड़ा अपने बेटे को अपनी तरफ रिझाना होगा,,,,

रीझाना होगा जैसे,,,,

जैसे कि,,,, जैसे कि,,,(कुछ देर सोच कर) उसके सामने कपड़े बदलना नहीं ऐसे नहीं,,, भाभी तुम उसके सामने नहाना ऐसे नहाना कि वह तुम्हें देखें और वह भी एकदम नंगी होकर और उसे पता ना चले तुम अपनी बुर उसकी आंखों के सामने जोर-जोर से रगड़ना यह देखकर तुम्हारा बेटा पागल हो जाएगा उसका लंड अपने काबू में नहीं रहेगा और वह जरूर तुम्हें चोदेगा,,,,
(अपने बेटे के साथ चुदाई का मजा लूट लेने के बाद भी गुलाबी के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसका मन मचल रहा था जिस तरह से गुलाबी उसे करने को कह रही थी उस बारे में सोचकर ही उसकी हालत खराब हो रही थी,,,,)

क्या वह मुझे नहाते हुए देखेगा,,,, उसे पता कैसे चलेगा कि मैं उससे चुदवाना चाहती हूं,,,

अरे भाभी में सब कुछ संभाल लूंगी देखना कल दोपहर में तुम्हारा बेटा तुम्हारी चुदाई करके तुम्हें मस्त कर दुंगी मैं तुम्हें विश्वास दिलाती हूं भाभी,,,

अगर कुछ गड़बड़ हो गया तो,,,,(मधु जानबूझकर इस तरह के सवाल पूछ रही थी ताकि गुलाबी को ऐसा ही लगे कि सब कुछ पहली बार हो रहा है,,, अपनी भाभी की बात सुनकर गुलाबी बोली,,)

ऐसा कुछ भी नहीं होगा भाभी तुम्हारे बेटे का लंड तो तड़प रहा है तुम्हारी बुर में जाने के लिए भला ऐसा मौका वह कैसे छोड़ेगा,,,,

देख मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती रिश्तो के बीच इस तरह का रिश्ता नाजायज संबंध अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा,,,

ऐसा कुछ भी नहीं होगा भाभी और रिश्तो के बीच में ही तो इस तरह के रिश्ते बनाने में मजा आता है और ज्यादा आनंद मिलता है देखना तुम्हें भी इतना मजा आएगा कि जिंदगी में आज तक तुमने ऐसा मजा नहीं ली होगी,,,,


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देख गुलाबी सब कुछ तेरे ऊपर है,,,, ऐसा बिल्कुल भी लगना नहीं चाहिए कि मैं आगे से चलकर राजू को चोदने के लिए बुला रही हूं,,,

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो भाभी ऐसा ही लगेगा कि जैसे राजु का ही मन कुछ ज्यादा मचल रहा है,,,,,

लेकिन जो राज हम दोनों के बीच रहे तो उसे किसी को बताना नहीं तेरे भैया को भी मत बताना कि मैं उनके और तेरे बीच जो कुछ भी हो रहा है जान चुकी हूं जैसा चल रहा है चलने दे,,,

तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है ना भाभी,,,

बिल्कुल भी नहीं,,,,,, मुझे किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है,, आखिरकार मैं भी तो देखूं रिश्तो के बीच इस तरह के रिश्ते बनाने में कितना मजा आता है,,,,

बहुत मजा आएगा भाभी,,,,,,
(दोनों एक अद्भुत कामखेड़ा के खेल के राजदार बन चुके थे दोनों को दूसरे दिन की बड़ी बेसब्री से इंतजार था क्योंकि दोनों को अपना अपना उल्लू सीधा करना था गुलाबी जल्द से जल्द अपनी भाभी को उसके बेटे से चुदवा देना चाहती थी ताकि फिर कभी उसकी भाभी उस पर उंगली ना उठा सके और मधु गुलाबी के माध्यम से अपने बेटे के साथ सारी संबंध बनाकर हमेशा के लिए अपने मन से पकड़े जाने का डर निकाल देना चाहती थी,,,, दूसरे दिन घर के सभी लोग नित्यक्रम में लग गए और मधु भी अपने कमरे में झाड़ू लगाने लगी तभी मौका देकर राजू अपनी मां के कमरे में घुस गया और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया,,,,,,,, अपनी मां को बाहों में जकड़ते ही राजू का लंड एकदम से खड़ा हो गया और सीधे जाकर साड़ी के ऊपर से ही उसकी मां की बुर के मुख्य द्वार पर ठोकर मारने लगा जिससे मधु भी एकदम से काम विह्वल हो गई,,,,,,, पहले मधु ऐसा ही समझती थी कि राजू सिर्फ उसके पीछे ही दीवाना है लेकिन अब उसे पूरी तरह से मालूम हो गया था कि राजू की उन मर्दों में से हैं जो सभी औरतों के पीछे लट्टू बन कर घूमता रहता है लेकिन उसे इस बात से दिलासा था कि उसके अंतर्मन में काम भावना जगाने का मुख्य कारण वह खुद ही उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी ही उसकी उत्तेजना का सर्वप्रथम केंद्र बिंदु और कारण था जो कि अभी भी बरकरार था,,,, राजू मौके की नजाकत को समझते हुए अपनी मां को बाहों में भर कर पीछे से उसकी साडी को ऊपर की तरफ उठाने लगा ,,, और बोला,,,।

जल्दी करो मा जल्दी से मुंह दीवान की तरफ करके घोड़ी बन जाओ मैं पीछे से तुम्हारी बुर में डाल देता हूं नहीं तो कोई आ जाएगा,,,,

कोई आ गया तो भी फर्क नहीं पड़ता,,,, आप मुझे किसी के भी पकड़े जाने का डर नहीं है,,,,

क्या बात है तुम्हारे में भी जोश जाग गया है,,,(अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठाते हुए राजू बोला)


जोश तो मेरे में पहले से ही था,,,, लेकिन यह कैसा राज का पर्दाफाश हो गया है कि मुझे किसी का भी डर नहीं लगता,,,


कैसा राज,,,(आश्चर्य से राजू अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला तो जवाब में मधु मुस्कुराते हुए बोली)

तेरा और तेरी बुआ का,,,

क्या,,,?(इतना सुनते ही राजू एकदम से चौक गया और उसके हाथों से उसकी मां की साड़ी जो की कमर तक उठी हुई थी एकदम से छूट गई और एक बार फिर से उसकी नंगी खूबसूरत गांड पर पर्दा गिर गया,,,,)

घबराओ मत मुझे इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है,,,, तुम दोनों का राज जानकर अब तो मुझे खुली छूट मिल गई है तेरे साथ मजा लेने का,,,,

ककककक,,, क्या बोल रही हो मां मेरा और बुआ का,,,

डर मत मुझे सब पता है और तेरी बुआ ने हीं मुझे सब कुछ बताइ है,,,,, पहले तो मुझे तूने जो बताया था श्याम और उसकी मां की बात मुझे बकवास लग रही थी मुझे ऐसा लग रहा था कि तो मुझे वह खाने के लिए उसका नाम ले रहा है लेकिन घर में तेरा और तेरी बुआ का देख कर मुझे यकीन हो गया कि हर घर में इस तरह का खेल चलता ही रहता है चारदीवारी के अंदर,,,,

तो तुम्हें सब पता चल गया,,,

हां मुझे सब पता चल गया और यह भी कि तू अपने कमरे के दीवार के छेद में से मेरे कमरे में सब कुछ देखता था और मुझे लंगी देखकर अपना लंड ही लाता था,,,

बाप रे बुआ ने सब कुछ बता दी,,,,

हां तेरी बुआ ने सब कुछ बता दी और यह भी बता दे कि तू मुझे चोदना चाहता है मुझे नंगी देखकर तेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,,

बुआ ने ऐसा कहीं,,,,


हां तेरी बुआ ने ऐसा कहीं और यह कह कर तेरे और मेरे बीच की जितनी भी दूरी थी घर के अंदर सब खत्म कर दी,,,

तुम क्या कह रही हो मां मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,

देख मैं तुझे समझाती हूं तेरी बुआ रंगे हाथ पकड़ी गई इसलिए अपनी गलती को छुपाने के लिए वह चाहती है कि हम दोनों के बीच भी तुम दोनों के बीच का रिश्ता बने,,,,


लेकिन हम दोनों के बीच तो पहले से ही यह रिश्ता है,,,

अरे पगले यही तो असली खेल है,,,, यह तो हम दोनों जानते हैं कि हम दोनों के बीच क्या चल रहा है लेकिन तेरी बुआ तो नहीं जानती ना कि हम दोनों के बीच क्या चल रहा है और तेरी बुआ यह चाहती है कि तू मुझे चोदे और मैं तुझसे चुदवाऊं,,,,, और जानता है ना अगर ऐसा हो गया तो क्या होगा,,,,

क्या होगा,,,,?

अरे बुद्धू अगर ऐसा हो गया तो हम दोनों को खुला दौर मिल जाएगा जब चाहे तब चुदवा सकते हैं जब चाहे तब तु मेरी बुर में अपना लंड डाल सकता है,,,

सच में,,,(एकदम खुश होता हुआ राजू बोला)

हां बिल्कुल सच और हां अभी हम दोनों को कुछ नहीं करना है लेकिन इस खेल की शुरुआत आज ही होगी तुझे अभी गुलाबी कुछ बताएगी तुझे उसकी बात मान कर आगे बढ़ना है और ऐसा नाटक करना है कि हम दोनों के बीच ऐसा पहले कभी हुआ ही नहीं सब कुछ नया सा लगना चाहिए समझ गया ना,,,,


ओहहह मां मैं एकदम से समझ गया,,,,,(खुश होकर एक बार फिर से अपनी मां को गले लगाते हुए बोला लेकिन उसकी मां उसे अपने से दूर करते हुए बोली,,)

अरे बुद्धू अभी कुछ नहीं करना है थोड़ी देर में खेल शुरू हो जाएगा तेरी बुआ को आने दे,,,,

(इतना कहने के साथ ही मधु अपने कमरे से बाहर आ गई और राजू भी दातुन करने लगा थोड़ी ही देर में गुलाबी कमरे में आई वह तो पहले से ही राजू का इंतजार कर रहे थे लेकिन कुछ काम से घर से बाहर चली गई थी राजू को घर में देखते ही वह खुश होते हुए बोली,,,)

राजू तुझसे एक बात करना है,,,,

क्या,,,?

अरे बताती हूं पहले इधर आ,,(इतना कहने के साथ ही बात इशारे से उसे कमरे में ले गई और बोली) मैं आज तुझे ऐसी बात बताऊंगी की तु सुनकर खुश हो जाएगा,,,

अरे ऐसी कौन सी बात है बताओ गी,,,

अच्छा एक बात बता अगर तेरी मां तेरे सामने अपनी दोनों टांगे खोल दे तब तु क्या करेगा,,,

धत्,,, बुआ यह कैसी बात है,,,

अरे जो भी है लेकिन तेरे काम की है,,,

नहीं नहीं यह मेरे काम की नहीं मां के बारे में तुम गंदी बात कह रही हो,,,

अच्छा बच्चु जब चोरी चोरी अपनी मां को नंगी होता हुआ देखता था अपनी मां को चुदवाते हुए देखता था तब तो तेरा खड़ा हो जाता था तो अभी क्या हो गया,,,
(अपनी बुआ की बात सुनकर राजू कुछ बोला नहीं तो गुलाबी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) अरे बुद्धू अगर तेरी मां तुझसे जुदा ना चाहे तो क्या तू चोदेगा या नहीं,,,(अपनी बुआ की बात सुनकर कुछ देर तक वह कुछ सोचने लगा जानबूझकर राजू ऐसा कर रहा था वह ‌ अपनी बुआ से आप सीधे शब्दों में यह तो नहीं कह सकता था ना कि हां मैं अपनी मां को चोदूंगा इसीलिए थोड़ा नाटक कर रहा था,,, और उसे कुछ सोचता हुआ देखकर गुलाबी उसे कल्पनाओं की दुनिया में ले जाते हुए बोली) अरे पागल जरा तू सोच तेरी मां मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है उसके अंदर उसके बदन मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत और भरे हुए हैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां जरा तू सोच जब तू अपने हाथों से अपनी मां के ब्लाउज का एक एक बटन खोल कर उनके दोनों खरबूजा को अपने हाथ में लेकर दबाएगा तो सोच कितना मजा आएगा,,,, और तो और अपने हाथों से अपनी मां की साड़ी उतारे का उसकी पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे खींचकर नीचे करेगा तब तेरी आंखों के सामने तेरी मां खूबसूरत एकदम नंगी हो जाएगी जरा तु सोच उसकी रस से भरी हुई बुर जब तेरी आंखों के सामने एकदम नंगी दिखाई देगी तब कैसा नजारा होगा तेरा तो एकदम खड़ा हो जाएगा तेरी मां को चोदने के लिए उसकी गुलाबी बुर में लंड डालने के लिए तु तड़प उठेगा और कितना मजा आएगा,,, जब तेरा मोटा तगड़ा लंबा लंड तेरी मां की बुर की गहराई में जाएगा और तू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाता हुआ अपनी मां को चोदेगा,,,,
(अपनी बुआ की बातों को सुनकर सब कुछ करने के बावजूद भी ना जाने क्यों वह खुद भी कल्पना की दुनिया में खो गया और जैसे कि वह सच में अपनी मां की बुर में लंड डालकर चोदा इस तरह की कल्पना करने लगा,,,, कुछ देर तक इसी अवस्था में रहने के बाद वह बोला)

लेकिन बुआ यह सब होगा कैसे,,,,(एकदम दबे हुए स्वर में राजू बोला तो खुश होते हुए गुलाबी बोली,,,)

हो जाएगा शायद तू नहीं जानता कल मैं तेरी मां को छोटे से छेंद से देख रही थी और वह चुदवा रही थी और पता है क्या कह रही थी,,,

क्या,,,?

कह रही थी तेरे पिताजी को की तुम्हारे से मोटा और लंबा तो राजू का है अगर उसका लंड एक बार बुर में चला गया तो एकदम मस्त कर देगा,,,

क्या हुआ सच में मां ऐसा कह रही थी,,,(एकदम से हैरान होने का नाटक करते हुए राजू बोला,,, जबकि यह बात राजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बुआ उसे झूठ कह रही है लेकिन फिर भी उसके झूठ में सबका उल्लू सीधा होना था इसलिए सभी लोग एक दूसरे पर विश्वास कर रहे थे,,,)

हां राजू तभी तो मैं हैरान हो गई की भाभी भी तुझ से चुदवाना चाहती है,,,

लेकिन मा ने कब मेरा लंड देख ली,,,

देख ली होंगी,,, कहीं भी कैसे भी वैसे भी तेरा कुछ ज्यादा ही बड़ा और मोटा है पजामे में भी साफ नजर आता है,,,

सच में बुआ अगर ऐसा हो गया तब तो मजा आ जाएगा,,,

अरे मजा तो ठीक है लेकिन सोच अगर ऐसा हो गया तो हम दोनों के लिए एकदम आसान हो जाएगा अगर कभी हम दोनों पकड़े भी गए तो तेरी मां हमें कुछ बोलेगी नहीं क्योंकि वह तो खुद ही तुझसे चुदवा रही है,,,,
(इतना सुनते ही राजू बोला)

वाह बुआ वाह क्या दिमाग पाई हो सच में तब तो हम दोनों कभी भी मजा ले सकते हैं,,,,,

हारे एकदम खुलकर मजा,,,,

लेकिन यह होगा कैसे,,,

बस थोड़ी ही देर में सब कुछ शुरू हो जाएगा,,,,
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अब गुलाबी की देखरेख में मधु और राजू के बीच चुदाई का दंगल होगा
 
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