असली तूफानी बारिश का मजा मधु को आज पहली बार मिल रहा था और राजू भी इससे पहली बार अवगत हो रहा था राजू धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपनी मां के मुंह को चोद रहा था जलती हुई आप की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था उसकी मां का नंगा बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी में राजू पूरी तरह से हो चुका था वह एक तरफ लंड चुदाई का मजा लूट रहा था तो दूसरी तरफ अपने दोनों हाथों से अपनी मां की पपाया जैसी चूची को जोर जोर से दबा रहा था जिससे मधु भी अंदर ही अंदर से लौट रही थी उसकी बुर में आग लगी हुई थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर की गहराई में देखना चाहती थी,,,,।
बाहर बारिश अपना चोर दिखा रही थी और अंदर राजू अपना जोर दिखा रहा था दोनों मां बेटों का जोश बढ़ता चला जा रहा था दोनों को विश खंडहर में स्वर्ग का सुख प्राप्त हो रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे यह खंडहर उन्हें दोनों के लिए बना हो,,,, दोनों शायद अपने घर में इस तरह का सुख प्राप्त नहीं कर सकते थे जितना आनंद उन्हें इस तूफानी बारिश में इस डरावने खंडहर में मिल रहा था,,,, मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि बाप रे उसके बेटे का लंड कितना मोटा और लंबा है अगर उसकी बुर में जाएगा तो उसकी बुर फाड़ देगा,,,, कुछ देर तक राजू इसी तरह से मजा लेता रहा और बार-बार अपनी हथेली को नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां की बुर पर रखकर उसे जोर से मसल दे रहा था जिससे मधु खुद अपने बेटे के लंड को लेने के लिए तड़प उठ रही थी,,, राजू समझ गया था कि अब उसकी मां को लंड की जरूरत है इसलिए वह हीरे से अपने लंड को अपनी मां के मुंह से बाहर निकाल लिया,,,, मधु की पूरी तरह से अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए मौन स्वीकृति दे दी थी,,,।
राजू गहरी गहरी सांस ले रहा था मधु पीठ के बल लेटकर अपनी बेटी के लंड को देख रही थी जो कि उसके थूक और लार से पूरी तरह से सना हुआ था,, जलती हुई आग की रोशनी में उसके बेटे का लंड एकदम चमक रहा था जिसकी चमक में वह पूरी तरह से अपनी जवानी अपने बेटे के कदमों में निछावर करने के लिए तैयार हो चुकी थी,,, राजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए बोला,,।
बोलो तो मां मै ईसे तुम्हारी बुर में डाल दुंं,,
(अपने बेटे की बात सुनकर मुझे कुछ बोले नहीं बस शर्मा कर अपनी पलके झुका कर दूसरी तरफ मुंह फेर ली,,, यह मधु की तरफ से मौन स्वीकृति थी लेकिन राजू अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)
ऐसे नहीं मां तुम अपने मुंह से बोलो तभी मैं आगे बढ़ुंगा,, मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल दूं,,,
इसमें पूछने वाली कौन सी बात है तु मुझे इतना तड़पा रहा है,,, अब जब तक तू अपने लंड को मेरी बुर में डालेगा नहीं तब तक मुझे भी चैन नहीं मिलेगा,,,
ओहहहह मां यह हुई ना बात इसे कहते हैं औरत वाली बात अब देखना मैं तुम्हारी कैसे चुदाई करता हूं पिताजी को तो तुम भूल ही जाओगी मेरा लंड एक बार अपनी बुर में लोगी तुम मस्त हो जाओगी तुम्हें ऐसा मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आगे और मधु खुद अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा फैला दी राजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की कमर के नीचे से ले गया और उसकी कमर थाम कर उसे अपनी जांगू पर चढ़ा लिया उसकी यादें गाना राजू की जांघों पर टिकी हुई थी राजू पूरी तरह से तैयार था अपनी मां की बुर में समाने के लिए मधु की बुर पूरी तरह से चिपचिपी हो चुकी थी जिससे मोटा लंड अंदर जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आती और मधु की यह देखना चाहती थी कितना मोटा लंड उसकी बुर में जाने के बाद कैसा दिखता है इसलिए वह अपने हाथ की कोनी का सहारा लेकर अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर चुकी थी राजू बेशर्मी की हद पार करते हुए अपने मोटे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर लंड के हथौड़े को अपनी मां की गुलाबी बुर पर पटकने लगा मानो कि जैसे लोहे की पाटी को अपने हथौड़े से पीट रहा है,,, लेकिन अपने बेटे की इस हरकत से मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी एक बार तो वहां बुर में लंड डालने से पहले अपने लंड को उसके नीचे ले जड़ से पकड़ कर उसे पूरा का पूरा बुर के ऊपर रखकर लंबाई नापने लगा जो कि पेट तक आ रहा था यह देखकर मधु थोड़ा सा घबरा गई और राजू चुटकी लेता हुआ बोला,,।
देखना मैं मैं तुम्हारी बुर से डालूंगा और गांड से निकाल लूंगा,,,
चल देखती हूं तेरी मर्दानगी,,,
यह बात है तो यह लो,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू ढेर सारा थूक अपने मुंह में लिए हुए ही उसे अपनी मां की बुर पर गिराने लगा जिससे उसकी बुर और ज्यादा गिरी हो गई और राजू अपने मोटे लंड के सुपाडे को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रख कर उसे धीरे धीरे अंदर की तरफ सरकारने लगा,,, मधु को एकदम साफ नजर आ रहा था जलती हुई लकड़ी की रोशनी में मधु अपने बेटे के लंड को जो की बहुत मोटा था अपनी बुर के अंदर घुसता हुआ देख रही थी उसे धीरे-धीरे दर्द महसूस हो रहा था क्योंकि इतना मोटा लंड उसने आज तक अपनी बुर में नहीं ली थी इसलिए उसे थोड़ा दिक्कत आ रहा था लेकिन राजू पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ था वह जानता था कि औरत को कैसे काबू में किया जाता है,,, राजू के लंड का सुपाड़ा अभी आधा ही घुसा था और मधु को थोड़ा दर्द महसूस होने लगा जो कि उसके चेहरे से लग रहा था इसलिए राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को पकड़ लिया था और हल्के से अपनी कमर को आगे खेल दिया जिससे, भक से लंड का सुपाड़ा बुर की गुलाबी पत्तियाो को चीरता हुआ अंदर सरक गया,,,, मधु की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी राजू के लंड का मोटा से बड़ा बुर के अंदर घुस जाने के बाद राजू के लिए आगे का कार्य एकदम आसान हो चुका था वह देखते ही देखते अपने लंड को और अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया लंड की मोटाई इतनी ज्यादा थी कि मधु को अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर अपने बेटे के लंड की रगड़ एकदम साफ महसूस हो रही थी जिससे उसका मजा दुगना होता जा रहा था हालांकि थोड़ा बहुत दर्द का भी उसे महसूस हो रहा था लेकिन इस दर्द के आगे जो सुख मिल रहा था उसके आगे दर्द कोई मायने नहीं रख रहा था,,,,, राजू का लंड आधा उसकी मां की बुर में घुस चुका था और राजू अपने हाथ की हरकत को आगे बढ़ाते हुए कभी चूची को पकड़ ले रहा था तो कभी कमर को कस के पकड़ ले रहा था वह अपनी मां के नंगे चिकने पेट पर अपनी हथेली को सहला रहा था यह मधु को सांत्वना भी दे रहा था कि थोड़ी देर में मजा आने वाला है और देखते ही देखते राजू का पूरा लंड मधु की आंखों के सामने उसकी बुर के अंदर समा गया मधु पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी कितना मोटा लंबा लंड जिसे वह देखकर कुछ पल के लिए घबरा गई थी कि वह अंदर कैसे ले पाएगी और वह देखते ही देखते उसकी बुर की गहराई में खो चुका था इससे मधु को खुशी भी हो रही थी और जिस तरह का सुख से प्राप्त हो रहा था इस तरह का सुख उसने अपने साथी के संपूर्ण जीवन में कभी प्राप्त नहीं कर पाई थी,,, पूरे लंड को अपनी मां की गहराई में डाल देने के बाद राजू मुस्कुराता हुआ अपनी मां की तरफ देखा और बोला,,,।
देखा मां कितने आराम से तुमने मेरे लंड को अपने बुर में ले ली,,,,
डाल तो दिया है राजू अब कुछ कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,।
(राजू अपनी मां के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था उसकी मां सीधे-सीधे उसे चोदने के लिए बोल रही थी इसलिए राजू एक पल की भी देरी किए बिना अपनी मां से बोला)
तुम बेफिक्र हो जाओ मां आज तुम्हें ऐसा सुख दूंगा ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,
कुछ भी करना बेटा लेकिन मेरी बुर मत फाड़ देना वरना घर जाकर तेरे पिताजी को कैसे अपना बुर दिखाऊंगी मुंह देखकर तो ऐसे भी उन्हें पता नहीं चलेगा लेकिन वह देखकर तो पता ही चल जाएगा कि रात भर किसी से चुदवा कर आई है,,,।
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो ऐसा कुछ भी नहीं होगा ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम लिया और अपने लंड को अंदर बाहर करके अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया शुरू शुरू में मोटे लंड की वजह से अंदर बाहर होने में थोड़ी बहुत दिक्कत पेश आ रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे मधु की बुर अंदर से पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से अंदर चिपचिपाहट सी हो गई थी और थोड़ी ही देर में राजू का लंड बड़े आराम से सटासट बुर के अंदर बाहर हो रहा था मधु पूरी तरह से मस्त हुए जा रहे थे इतना मोटा लंड जिंदगी में पहली बार वह अपनी बुर के अंदर ले रही थी इसलिए चुदाई का उसे परम आनंद प्राप्त हो रहा,,, राजू का सपना था अपनी मां को चोदना गांव भर की सारी औरतों को वह रोज चोदता रहा था लेकिन उसका सबसे बड़ा ख्वाब यही था कि वह कब अपनी मां की बुर में लंड डाले क्योंकि उसकी नजर में उसकी मां दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत ही और ऐसा था कि गांव भर में उसकी मां जैसी खूबसूरत औरत दूसरी और कोई नहीं थी उसके बदन की बनावट अभी भी जवान लड़कियों की तरह ही थी बस थोड़ा सा बदन भर गया था जिसकी वजह से वह और ज्यादा कामुक लगने लगी थी,, दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी चुदवाने पर ऐसा सुख प्राप्त करती थी और देती थी जिसे महसूस करके राजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था ऐसा सुख तो लाला की बहन को चोदने में भी उसे नहीं आया था जैसा सुख उसे अपनी मां को चोदने में आ रहा था,,,।
तूफानी बारिश में मधु की सिसकारियां पूरे खंडहर में गूंज रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी इस तरह से खुलकर चुदाई का मजा उसने आज तक नहीं रही थी भले ही रोज वह अपने पति से चुदवाती थी लेकिन ऐसा सुख उसे आज तक प्राप्त नहीं हुआ था राजू से पूरी तरह से मस्त कर दे रहा था कभी चूचियों को दबाता तो कभी कमर को लपक लेता तो कभी नीचे की तरफ झुक कर उसके होठों को चूसने लगता यह सब बेहद अद्भुत था मधु जैसी संस्कारी औरत के लिए तो यह सब अविस्मरणीय था वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी मस्ती के सागर में वह पूरी तरह से डूब ना शुरू कर दी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह की भी जुदाई होती है इस तरह का भी आनंद औरत को प्राप्त होता है लेकिन उसे इस बात का एहसास हो गया था कि मर्द दमदार होना चाहिए जो की औरत को पूरी तरह से नहीं छोड़ कर रख दे और वही कार्य समय उसका बेटा राजू कर रहा था वह पूरी तरह से अपनी मां को अपनी आगोश में लिए हुए था और अपने तेज धक्कों से उसे तृप्त कर रहा था मधु बार-बार अपने बेटे के लंड की ठोकर को अपने बच्चेदानी पर महसूस करके धन्य हो जा रही थी आज तक उसके बच्चेदानी तक उसके पति का लंड नहीं पहुंच पाया था लेकिन उसके बेटे के लंड का हर एक ठोकर उसे अपने बच्चेदानी पर महसूस हो रहा था जिससे उसका मजा दोगुना होता जा रहा था,,,,।
ओहहहह मां तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा चोदने में इतना मजा आता है मैंने आज तक कभी सपने में भी नहीं सोचा था लेकिन आज जो सुख मुझे मिल रहा है वैसे जिंदगी में नहीं भूल पाऊंगा मेरी जिंदगी की है रात सबसे हसीन रात है या यूं समझ लो कि आज की रात मेरी सुहागरात है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से सुहागरात वाली बात सुनते ही मधु एकदम से शर्मा कर लाल हो गई और पानी छोड़ने लगी यह देखकर राजू अपनी मां से बोला)
क्यों मैं शरमा गई क्या,,,?
तो और क्या तुझे पता है सुहागरात किसके साथ मनाई जाती है,,,
मुझे पता है अपनी पत्नी के साथ है जिसको रात भर चोदते हैं और आज की रात में तुम्हें चोद रहा हूं तो एक तरह से तुम मेरी बीवी हुई,,,
धत् पागल इस तरह की बातें कर रहा है मैं तेरे पिताजी की हूं समझा,,,
मुझे पता है,,(जोर-जोर से अपनी कमर हिलाते हुए) लेकिन आज तुम्हारी बुर में मेरा लंड गया है तुम्हें जो सुख में दे रहा हूं इस तरह से पिताजी ने भी कभी नहीं दिया होगा इसलिए अब तुम पर सबसे पहला हक मेरा है,,,.
(कोई और समय होता तो शायद अपने बेटे की इस बात पर वह उसके गाल पर थप्पड़ लगा दी होती लेकिन मौका और दस्तूर दोनों राजू के साथ था और मधु के साथ भी इसलिए राजू कि इस तरह की गंदी बातें भी मधु को अच्छी लग रही थी वह और कस के अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाकर अपने बेटे को चोदने के लिए मजबूर कर दी थी राजू पागलों की तरह अपनी मां को चोद रहा था उसकी बुर की चुदाई करके उसे तहस-नहस कर दे रहा था,,,, फुचच फुचच की आवाज लगातार मधु की बुर से आ रही थी और जांघ से जांघ टकराने से एक मधुर आवाज पैदा हो रही थी,, जो की दोनों की मदहोशी बढा रहा था,,, राजू अपने लंड को अपनी मां की बुर में पेलता हुआ बोला,,,।
सच-सच बताना मत मेरे लंड से तुम्हें ज्यादा मजा मिल रहा है ना,,,।
हारे बहुत मजा आ रहा है,,,
तुम्हारी बुर के अंदर पिताजी के लंड से ज्यादा रगड़ नहीं मिल रही हो कि कितना रगड़ मेरे लंड से मिल रही है,,,, है ना,,,,,
हा रे तु मुझे रगड़ रगड़ कर चोद रहा है,,,, मैं आज मान गई कि मैंने एक मर्द को जन्म दिया है,,,
अब तो तुम्हें डर नहीं लग रहा है ना इस खंडहर में,,,
सच कहूं तो आप तो मुझे बहुत मजा आ रहा है इस खंडरर में मैं कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह से किसी जंगल में खंडहर में रात बितानी पड़ेगी,,,
यह जान लो आज की रात हम दोनों की सुहागरात है और अब तो मैं रोज तुम्हारी जुदाई करूंगा मौका मिलते ही,,
अब तो मैं खुद तेरे बिना नहीं रह पाऊंगी लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए,,,
इस बात की किसी को कानों कान भनक तक नहीं पड़ेगी,,,,
(मधु अपने बेटे की हरकत और उसकी संगत में पूरी तरह से बेशर्म बन चुकी थी एक रंडी की तरह सवाल जवाब करते हुए अपने बेटे से चुदाई का मजा ले रही थी इस तरह का सुख उसने आज तक नहीं प्राप्त की थी जो सुख उसे उसका बेटा दे रहा था अपने बेटे के लंड की मोटाई और लंबाई से वह पूरी तरह से भाव विभोर हो चुकी थी अपने बेटे का साथ देते हुए वह खुद अपनी कमर ऊपर की तरफ उछाल उछाल कर अपनी बेटी के लंड को अपनी बुर में ले रही थी,,,,, तूफानी बारिश और तेज हवाओं के स्वर में मधु की कामुकता भरी मादकता भरी गरमा-गरम सिसकारी की आवाज खंडहर में ही दबकर रह जा रही थी। राजू के हर एक धक्के के साथ मधु खंडार के जमीन पर आगे की तरफ सरक जा रही थी वह तो राजू उसकी कमर को कस के थामें हुए था,,,, राजू का हर एक जबरदस्त प्रहार मधु को अंदर तक सिहरन भर दे रहा था उसकी हर एक धक्के पर उसकी गोल-गोल खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छतियो पर लहराने लग जा रही थी,,,। देखते ही देखते मधु का बदन अकड़ने लगा राजू समझ गया कि उसकी मां का पानी निकलने वाला है और वह भी चरम सुख के बेहद करीब पहुंच चुका था इसलिए नीचे की तरफ झुक कर अपनी मां को अपनी बाहों में कस कर उसकी चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और अपनी कमर को जोर जोर से हिला रहा शुरू कर दिया लगभग 20-25 धक्के के बाद दोनों की सांसें एकदम से तेज चलने लगी और दोनों एक दूसरे की बाहों में एकदम से समा गए और देखते ही देखते दोनों झड़ना शुरू कर दिए,,,