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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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एक तरफ गुलाबी महुआ से बातें कर रही थी और दूसरी तरफ राजू गुलाबी की गोल गोल गांड को सलवार के ऊपर से ही अपने हाथों में ले लेकर दबा रहा था,,,, और साथ में भेजा मैंने अपने खड़े लंड को बार-बार अपनी बुआ की गांड पर धंशा दे रहा था,,,राजू की यह हरकतें गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी अगर इस समय महुआ साथ में ना होती तो गुलाबी खुद राजु के लंड पर चढ गई होती,,,,,,, बुआ को तो इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके बगल में ही है काम क्रीड़ा की शुरुआत हो चुकी है वह तो अपने ही बातों में तल्लीन थी,,,
महुआ



राजू ने अपनी कामुक हरकतों से अपनी बुआ को पूरी तरह से गर्म कर दिया था,,,,, महुआ को नींद आने लगी थी इसलिए वह सोने से पहले राजू से बोली,,,।

राजू लालटेन बुझा देना,,, मुझे उजाले में नींद नहीं आती,,,

ज़ी दीदी,,,,(अपनी बहन की बात सुनते ही राजू प्रसन्न हो गया था क्योंकि अब तो उसका काम और भी आसान हो जाता वह तुरंत खड़ा हुआ और लालटेन की ज्योत को बुझा दिया और वापस आकर चटाई पर लेट गया,,,,थोड़ी ही देर में दोनों को जब इस बात का एहसास हो गया कि महुआ गहरी नींद में सो रही है तो तुरंत गुलाबी राजू की तरफ घूमी और अंधेरे में ही राजू को अपनी बाहों में भरकर अपने लाल-लाल होठों को उसके होंठ पर रख दी दोनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और राजू तुरंत अपना एक हाथ गुलाबी की कमर में डालकर उसे अपनी तरफ खींच दिया जिससे दोनों का बदन आपस में एकदम से सट गया और राजू का लंड पजामे में होने के बावजूद भी गुलाबी कि बुर पर ठोकर मारने लगा,,,,, गुलाबी इसी ठोकर के लिए तो मरी जा रही थी वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,, अपनी बुर पर अपने भतीजे के लंड की ठोकर उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने भतीजे के लंड को अपनी बुर में ले लेना चाहती थी,,, गुलाबी मदहोश होते हुए अपने भतीजे के होठों का रसपान कर रही थी और राजू कभी गुलाबी की गांड तो कभी चूची को अपनी हथेली में लेकर दबा रहा था,,,,,,,।


राजू अपनी बुआ के कपड़े उतार कर मजा लेना चाहता था,,,इसलिए अपना हाथ सलवार की दूरी पर रखकर उसे खींचने की तैयारी में ही था कि गुलाबी उस पर हाथ रखकर धीरे से बोली,,,,।

मुझे नंगी करेगा क्या,,?

तो क्या हुआ नंगी किए बिना मजा नहीं आएगा,,,


बगल में महुआ सो रही है,,,


तो क्या हुआ दीदी तो गहरी नहीं तुम्हें और वैसे भी कमरे में अंधेरा है कुछ दिखने वाला नहीं है,,,।
(राजू के मुंह से इतना सुनते ही गुलाबी राजू के हाथ पर से अपना हाथ हटा लिया और उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे दी अगले ही पल राजू गुलाबी की सलवार की डोरी को हाथ में पकड़ कर खींच दीया था,, अगले ही पल गुलाबी की कमर कसी हुई सलवार एकदम ढीली हो गई राजू की सांसे बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी वह तुरंत अपनी बुआ की सलवार में हाथ डालकर उसकी कचोरी जैसी फूली हुई बुर को अपनी उंगलियों से टटोलने लगा,,,, अपने भतीजे की उंगली को अपनी फुली हुई बुर पर महसूस करते ही गुलाबी पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,,, उसकी सांसे धुकनी की तरह तेज हो गई,,, राजू अपनी बुआ की बुर टटोल ते हुए उसके गीलेपन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था और उसमें से उठ रही मदक खुशबू पूरे वातावरण को मदहोश बना रही थी रात के अंधेरे में और कमरे के अंधेरे में,,, जमीन आसमान का फर्क था,,,रात के अंधेरे में दिन भर की थकान उतारते हुए लोग चैन की नींद सोते हैं तो कुछ लोग संभोग क्रीडा में पूरी तरह से लिप्त हो जाते हैं,,, और कुछ ऐसा ही गुलाबी और राजू भी कर रहे थे हालांकि दोनों का रिश्ता बेहद पवित्र था लेकिन दोनों बुआ और भतीजा होने से पहले एक मर्द और एक औरत थे जिनके बीच शारीरिक आकर्षण लाजमी था,,,,,,, राजू को अपनी बुआ की खुली हुई बुर गरमा गरम कचोरी की तरह महसूस हो रही थी उत्तेजना का अनुभव करते हुए राजू रह-रहकर गुलाबी की बुर को अपनी मुट्ठी में भींच ले रहा था मानो कि जैसेउसके हाथ में गुलाब जामुन आ गया हो और वह दबाकर उसका सारा रस निकाल देना चाहता हो,,,।



दोनों का प्रगाढ चुंबन जारी था,,,,सलवार की डोरी खोल देने के बाद भी राजू में अभी तक अपने बुआ के बदन से सलवार को अलग नहीं किया था लेकिन उसके नंगे पन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था,,,,,।

ओहहहह बुआ तुम तो एकदम मलाई हो,,,(एक बार फिर से जोर से अपनी बुआ की बुर को अपनी मुट्ठी में दबाते हुए बोला,,,)

सहहहहह धीरे,,,, महुआ जाग जाएगी,,,,


नहीं जागेगी,,,, देख नहीं रही हो कैसे सो रही है,,,, कसम से पूरा तुम्हारे लिए बिना तो मुझे नींद भी नहीं आती इसलिए तुम्हें परेशान हो गया था कि दीदी के रहते मैं तुम्हारी चुदाई कैसे कर पाऊंगा,,,

हारे मैं भी इसीलिए परेशान थी,,,,,जैसा तेरा हाल है वैसा मेरा भी हाल है जब तक तेरा लंड मेरी बुर की गहराई नहीं नापता तब तक मुझे भी नींद नहीं आती,,,


अच्छा हुआ बुआ हम दोनों को जुगाड़ मिल गया,,,।
(ऐसा कहते हुए गुलाबी खुद ही अपने पैरों के सहारे से अपनी सलवार उतारने की कोशिश कर रही थी और यह देखकर राजू चुटकी लेते हुए बोला,,)

हाय मेरी बुआ,,,, बड़ी जल्दी पड़ी है तुम्हें नंगी होने की,,,


क्या करूं रे जब तक नंगी नहीं हो जाती तब तक चुदवाने का मजा ही नहीं आता,,,


सच बोलूं तो गोवा मुझे भी तुम्हें नंगी करके चोदने में ही मजा आता है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी जगह पर उठ कर बैठ गया और अपने हाथों से अपनी बुआ की सलवार को उतारने का था देखते ही देखते राजू ने बगल में सो रही अपनी बड़ी दीदी के पास लेटी हुई अपनी बुआ की सलवार उतार कर कमर से नीचे उसे नंगी कर दिया और उसकी चिकनी जांघ पर अपनी हथेली फिराते हुए बोला,,,)


सहहहहह आहहहहह कितनी मुलायम जांघ है तुम्हारी मन करता है कि तुम्हारा पूरा बदन अपनी जीभ से चाट जाऊं,,,,

तो चाट जाना रे,,,, बोलता क्यों है करके दिखा,,,,


हाय मेरी बुआ रानी तेरी यही अदा तो मुझे दीवाना कर दि‌‌ है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू नेकुर्ती के ऊपर से ही गुलाबी की चूचियों को इतनी कसके तब आया कि उसकी चीख निकल गई लेकिन वह जल्दी अपनी चीख को दबा दी,,, और गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

हरामी मादरचोद इतनी जोर से कोई दबाता है क्या,,,


क्या करूं बुआ तुम्हारी बातों से मुझे जोश आ गया था,,,।


जोश आ जाएगा तो क्या गांड मार लेगा,,,


वह तो मैं तुम्हारी मार ही चुका हूं,,,, चलो छोड़ो सब बात मुझे अपना दूध पिला दो,,,

अरे बुद्धू अभी इसमें से दूध निकलता ही कहां है,,,


तो क्या हुआ बुआ मजा तो आता है ना चूसने में,,,


तू सच में बहुत शैतान हो गया है और थोड़ा कम बोल देख नहीं रहा है बगल में महारानी सो रही है,,,,


कसम से बोला अगर आज कमरे में दीदी नहीं होती तो सुबह तक तुम्हारी चुदाई करता,,,


क्यों आज तेरा जोश ईतना ज्यादा बढ़ गया है,,,,


तुम्हारी बातों से बुआ,,,, अब थोड़ा सा उठो और मुझे कुर्ती उतारने दो,,,।
(राजू का इतना कहना था कि गुलाबी धीरे से उठ कर बैठ गई और राजू अपने हाथों से उसकी कुर्ती उतारने लगा देखते ही देखते रात के अंधेरे में कमरे के अंदर गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो गई लेकिन उसके नंगे पन को अंधेरे में राजू देख नहीं पा रहा था लेकिन महसूस जरूर कर रहा था क्योंकि उसके दोनों हाथ गुलाबी की दोनों संतरा को थामें हुए थे,,, गुलाबी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी फुली हुई कचोरी में से नमकीन चटनी निकल रही थी,,,, जिसको चाटने के लिए राजू का मन तड़प रहा था,,,,,, लेकिन राजू के हाथों में गुलाबी के संतरे आ जाने से कुछ देर के लिए उसका मन बदल गया था और वह अगले ही पल,,, गुलाबी के छुहारे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, गुलाबी उत्तेजना के मारे गदगद हो गई,,,,।

राजू पूरी मस्ती के साथ गुलाबी की दोनों चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था,,,,और गुलाबी मजे लेकर राजू को अपना चूची पीला रही थी,,,।

सहहहहह आहहहहहह ऊईईईईई ,,,,राजु आहहहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,(गुलाबी मादकता भरी लेकिन एकदम धीमे श्वर में बोल रही थी,,,,,,यह डर दोनों को था कि कहीं महुआ जागना जाएं लेकिन जवानी के जोश और औरत के भजन की चाहत में इंसान सब कुछ भूल जाता है एक औरत के जिस्म को पाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है वैसा ही कुछ दोनों इस समय कर रहे थे कि बगल में महुआ के होने के बावजूद भी दोनों एक दूसरे से अपनी प्यास बुझाने की खातिर एक दूसरे के अंगों से मजे ले रहे थे एक दूसरे की हरकतों का पूरा लुफ्त उठा रहे थे राजू तो फिर भी अभी पूरे कपड़ों में थाने की गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी उसके कपड़ों को उतारकर राजू बगल में रख दिया था,,,,,।

राजू जल्द से जल्द अपने मोटे तगड़े गंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर उसकी चुदाई कर देना चाहता था लेकिन जुदाई से पहले की क्रीड़ा में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति होती थी और उसकी हर एक हरकत का मजा गुलाबी पूरे जोश के साथ लेती थी और इसीलिए राजू जल्द ही अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच पहुंच गया रात के अंधेरे में कुछ भी दिख नहीं रहा था लेकिन राजु को इतना तो अंदाजा था ही की गुलाबी चूची और बुर कहां है और इसीलिए वहां अपने दोनों हाथों को गुलाबी की गांड के नीचे डाल कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और अपने प्यासे होठों को कमरे के अंधेरे में गुलाबी की बुर पर रख दीया,,,।,, जैसे ही राजू के प्यासे होठ गुलाबी की तपती हुई बुर पर इस पर से हुई वैसे ही गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और वह अगले ही पर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा‌ दी ताकि राजू आराम से उसकी बुर का रस पी सके,,,गुलाबी की इस हरकत पर राजू करके उसकी कमर को अपनी हथेली से दबा दिया और जितना हो सकता था उतनी जीभ को गुलाबी की गुलाबी बुर की गहराई में गाड दिया,,,

राजू की यह हरकत इतनी ज्यादा मादकता भरी थी कि पहली बार में ही गुलाबी राजू की जीभ के कारण अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं कर पाई और भल भलाकर अपना मदन रसबहाने लगी,,,,,लेकिन राजू ने अपनी बुआ की बुर में से निकले बदन रस को अमृत की बूंद समझकर जीभ से होले होले पूरा का पूरा चट कर गया,,, और एक बार फिर से अपनी बुआ को उत्तेजित करने में लग गया राजू पागलों की तरह अपनी बुआ की बुर चाट रहा था उसके मदन रस में उसका पूरा चेहरा सन गया था और उसमें से उठ रही मादक खुशबू राजू को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी देखते ही देखते राजू अपनी दो उंगली को उसकी बुर में डालकर अंदर बाहर करने का ऐसा करने से गुलाबी पूरी तरह से चुदवाती हो गई और अपने मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज निकालने लगी वह मदहोशी में भूल गई कि बगल में महुआ सो रही है,,,,।


गरमा गरम सिसकारी की आवाज कानों में पड़ते ही महुआ की नींद खुल गई ,,,,जवानी से भरी हुई महुआ जवानी का खेल खेल चुकी महुआ भला इस काम क्रीड़ा के गरमा गरम सिसकारी की आवाज को कैसे नहीं पहचानती प्यासी औरत के कानों में दूसरी प्यासी औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी ऐसे में महुआ के होश उड़ गए क्योंकि जब उसे यह ज्ञात हुआ कि कमरे में तो केवल उसका छोटा भाई राजू और उसकी बुआ गुलाबी ही सो रहे थे तो यह आवाज कैसी है,,,, गुलाबी अभी भी राजू की हरकत की वजह से पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकारी की आवाज निकाल रही थी कमरे के अंधेरे में भगवा को कुछ नजर नहीं आ रहा था बस दो काली परछाई नजर आ रही थी और उस काली परछाई उसे साफ दिखाई दे रही थी कि एक परछाई लेटी हुई है और दूसरी परछाई दोनों टांगों के बीच झुकी हुई है,,,,,महुआ की हालत खराब होने लगी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह दोनों परछाई है किसकी उसके बगल में तो राजू और गुलाबी सो रहे थे और दोनों के बीच इस तरह के संबंध स्थापित होना नामुमकिन था,,,,,
गुलाबी और राजू


लगातार गुलाबी के मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज आ रही थी दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी इसलिए दोनों की आवाज सुनने की कोई गुंजाइश महुवा को नजर नहीं आ रही थी क्योंकि दोनों अपने-अपने काम में लगे हुए थे,,,, महुआ के दिमाग में ढेर सारे सवाल उठने लगे वह सोचने लगी कि अगर दोनों परछाई उसके छोटे भाई राजू और उसकी बुआ की हुई तो क्या होगा वह सोचने लगी कि क्या है इसे घरेलू रिश्तो के बीच इस तरह के संबंध मुमकिन है उसे समझ में नहीं आ रहा था उसकी आंखें जो देख रही थी उससेउसे बिल्कुल भी तसल्ली नहीं हो पा रही थी कि आखिरकार दोनों पर चाहिए किसकी यही जानने के लिए वह लालटेन को जलाना चाहती थी,,, उसकी भी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी आखिरकार वह भी जवानी से भरी हुई थी और एक औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में भी चुदवाश की लहर दौड़ रही थी क्योंकि शादीशुदा होने के बावजूद भी वह अभी तक प्यासी ही थी,,,, वह दोनों परछाई की हकीकत जानने के लिए धीरे से उठी और कोने में लटक रही लालटेन को जला दी लालटेन की लौ जलते ही पूरे कमरे में पीली रोशनी फैल गई और उस पीली रोशनी में उसकी आंखें जिस दृश्य को देखी उसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और आश्चर्य से खुला का खुला रह गया,,,,।
 
Last edited:

Ajju Landwalia

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Ekdum Jhakkas update Rohnny Bhai,

Mahuaa ne lalten jala kar bahut badi galti kar di he............ab jaise hi wo Raju ka musal lund dekhegi.......thoda bahut nakhra dikhakar khud bhi gulabi aur Raju ko koin kar legi...........aur uska maa banane ka sapna bhi Raju ke dwara hi pura karegi..........

Maja aa gaya Bhai

Keep posting
 

Luckyloda

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एक तरफ गुलाबी महुआ से बातें कर रही थी और दूसरी तरफ राजू गुलाबी की गोल गोल गांड को सलवार के ऊपर से ही अपने हाथों में ले लेकर दबा रहा था,,,, और साथ में भेजा मैंने अपने खड़े लंड को बार-बार अपनी बुआ की गांड पर धंशा दे रहा था,,,राजू की यह हरकतें गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी अगर इस समय महुआ साथ में ना होती तो गुलाबी खुद राजु के लंड पर चढ गई होती,,,,,,, बुआ को तो इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके बगल में ही है काम क्रीड़ा की शुरुआत हो चुकी है वह तो अपने ही बातों में तल्लीन थी,,,

राजू ने अपनी कामुक हरकतों से अपनी बुआ को पूरी तरह से गर्म कर दिया था,,,,, महुआ को नींद आने लगी थी इसलिए वह सोने से पहले राजू से बोली,,,।

राजू लालटेन बुझा देना,,, मुझे उजाले में नींद नहीं आती,,,

ज़ी दीदी,,,,(अपनी बहन की बात सुनते ही राजू प्रसन्न हो गया था क्योंकि अब तो उसका काम और भी आसान हो जाता वह तुरंत खड़ा हुआ और लालटेन की ज्योत को बुझा दिया और वापस आकर चटाई पर लेट गया,,,,थोड़ी ही देर में दोनों को जब इस बात का एहसास हो गया कि महुआ गहरी नींद में सो रही है तो तुरंत गुलाबी राजू की तरफ घूमी और अंधेरे में ही राजू को अपनी बाहों में भरकर अपने लाल-लाल होठों को उसके होंठ पर रख दी दोनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और राजू तुरंत अपना एक हाथ गुलाबी की कमर में डालकर उसे अपनी तरफ खींच दिया जिससे दोनों का बदन आपस में एकदम से सट गया और राजू का लंड पजामे में होने के बावजूद भी गुलाबी कि बुर पर ठोकर मारने लगा,,,,, गुलाबी इसी ठोकर के लिए तो मरी जा रही थी वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,, अपनी बुर पर अपने भतीजे के लंड की ठोकर उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने भतीजे के लंड को अपनी बुर में ले लेना चाहती थी,,, गुलाबी मदहोश होते हुए अपने भतीजे के होठों का रसपान कर रही थी और राजू कभी गुलाबी की गांड तो कभी चूची को अपनी हथेली में लेकर दबा रहा था,,,,,,,।

राजू अपनी बुआ के कपड़े उतार कर मजा लेना चाहता था,,,इसलिए अपना हाथ सलवार की दूरी पर रखकर उसे खींचने की तैयारी में ही था कि गुलाबी उस पर हाथ रखकर धीरे से बोली,,,,।

मुझे नंगी करेगा क्या,,?

तो क्या हुआ नंगी किए बिना मजा नहीं आएगा,,,


बगल में महुआ सो रही है,,,


तो क्या हुआ दीदी तो गहरी नहीं तुम्हें और वैसे भी कमरे में अंधेरा है कुछ दिखने वाला नहीं है,,,।
(राजू के मुंह से इतना सुनते ही गुलाबी राजू के हाथ पर से अपना हाथ हटा लिया और उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे दी अगले ही पल राजू गुलाबी की सलवार की डोरी को हाथ में पकड़ कर खींच दीया था,, अगले ही पल गुलाबी की कमर कसी हुई सलवार एकदम ढीली हो गई राजू की सांसे बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी वह तुरंत अपनी बुआ की सलवार में हाथ डालकर उसकी कचोरी जैसी फूली हुई बुर को अपनी उंगलियों से टटोलने लगा,,,, अपने भतीजे की उंगली को अपनी फुली हुई बुर पर महसूस करते ही गुलाबी पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,,, उसकी सांसे धुकनी की तरह तेज हो गई,,, राजू अपनी बुआ की बुर टटोल ते हुए उसके गीलेपन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था और उसमें से उठ रही मदक खुशबू पूरे वातावरण को मदहोश बना रही थी रात के अंधेरे में और कमरे के अंधेरे में,,, जमीन आसमान का फर्क था,,,रात के अंधेरे में दिन भर की थकान उतारते हुए लोग चैन की नींद सोते हैं तो कुछ लोग संभोग क्रीडा में पूरी तरह से लिप्त हो जाते हैं,,, और कुछ ऐसा ही गुलाबी और राजू भी कर रहे थे हालांकि दोनों का रिश्ता बेहद पवित्र था लेकिन दोनों बुआ और भतीजा होने से पहले एक मर्द और एक औरत थे जिनके बीच शारीरिक आकर्षण लाजमी था,,,,,,, राजू को अपनी बुआ की खुली हुई बुर गरमा गरम कचोरी की तरह महसूस हो रही थी उत्तेजना का अनुभव करते हुए राजू रह-रहकर गुलाबी की बुर को अपनी मुट्ठी में भींच ले रहा था मानो कि जैसेउसके हाथ में गुलाब जामुन आ गया हो और वह दबाकर उसका सारा रस निकाल देना चाहता हो,,,।

दोनों का प्रगाढ चुंबन जारी था,,,,सलवार की डोरी खोल देने के बाद भी राजू में अभी तक अपने बुआ के बदन से सलवार को अलग नहीं किया था लेकिन उसके नंगे पन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था,,,,,।

ओहहहह बुआ तुम तो एकदम मलाई हो,,,(एक बार फिर से जोर से अपनी बुआ की बुर को अपनी मुट्ठी में दबाते हुए बोला,,,)

सहहहहह धीरे,,,, महुआ जाग जाएगी,,,,


नहीं जागेगी,,,, देख नहीं रही हो कैसे सो रही है,,,, कसम से पूरा तुम्हारे लिए बिना तो मुझे नींद भी नहीं आती इसलिए तुम्हें परेशान हो गया था कि दीदी के रहते मैं तुम्हारी चुदाई कैसे कर पाऊंगा,,,

हारे मैं भी इसीलिए परेशान थी,,,,,जैसा तेरा हाल है वैसा मेरा भी हाल है जब तक तेरा लंड मेरी बुर की गहराई नहीं नापता तब तक मुझे भी नींद नहीं आती,,,


अच्छा हुआ बुआ हम दोनों को जुगाड़ मिल गया,,,।
(ऐसा कहते हुए गुलाबी खुद ही अपने पैरों के सहारे से अपनी सलवार उतारने की कोशिश कर रही थी और यह देखकर राजू चुटकी लेते हुए बोला,,)

हाय मेरी बुआ,,,, बड़ी जल्दी पड़ी है तुम्हें नंगी होने की,,,


क्या करूं रे जब तक नंगी नहीं हो जाती तब तक चुदवाने का मजा ही नहीं आता,,,


सच बोलूं तो गोवा मुझे भी तुम्हें नंगी करके चोदने में ही मजा आता है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी जगह पर उठ कर बैठ गया और अपने हाथों से अपनी बुआ की सलवार को उतारने का था देखते ही देखते राजू ने बगल में सो रही अपनी बड़ी दीदी के पास लेटी हुई अपनी बुआ की सलवार उतार कर कमर से नीचे उसे नंगी कर दिया और उसकी चिकनी जांघ पर अपनी हथेली फिराते हुए बोला,,,)


सहहहहह आहहहहह कितनी मुलायम जांघ है तुम्हारी मन करता है कि तुम्हारा पूरा बदन अपनी जीभ से चाट जाऊं,,,,

तो चाट जाना रे,,,, बोलता क्यों है करके दिखा,,,,


हाय मेरी बुआ रानी तेरी यही अदा तो मुझे दीवाना कर दि‌‌ है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू नेकुर्ती के ऊपर से ही गुलाबी की चूचियों को इतनी कसके तब आया कि उसकी चीख निकल गई लेकिन वह जल्दी अपनी चीख को दबा दी,,, और गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

हरामी मादरचोद इतनी जोर से कोई दबाता है क्या,,,


क्या करूं बुआ तुम्हारी बातों से मुझे जोश आ गया था,,,।


जोश आ जाएगा तो क्या गांड मार लेगा,,,


वह तो मैं तुम्हारी मार ही चुका हूं,,,, चलो छोड़ो सब बात मुझे अपना दूध पिला दो,,,

अरे बुद्धू अभी इसमें से दूध निकलता ही कहां है,,,


तो क्या हुआ बुआ मजा तो आता है ना चूसने में,,,


तू सच में बहुत शैतान हो गया है और थोड़ा कम बोल देख नहीं रहा है बगल में महारानी सो रही है,,,,


कसम से बोला अगर आज कमरे में दीदी नहीं होती तो सुबह तक तुम्हारी चुदाई करता,,,


क्यों आज तेरा जोश ईतना ज्यादा बढ़ गया है,,,,


तुम्हारी बातों से बुआ,,,, अब थोड़ा सा उठो और मुझे कुर्ती उतारने दो,,,।
(राजू का इतना कहना था कि गुलाबी धीरे से उठ कर बैठ गई और राजू अपने हाथों से उसकी कुर्ती उतारने लगा देखते ही देखते रात के अंधेरे में कमरे के अंदर गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो गई लेकिन उसके नंगे पन को अंधेरे में राजू देख नहीं पा रहा था लेकिन महसूस जरूर कर रहा था क्योंकि उसके दोनों हाथ गुलाबी की दोनों संतरा को थामें हुए थे,,, गुलाबी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी फुली हुई कचोरी में से नमकीन चटनी निकल रही थी,,,, जिसको चाटने के लिए राजू का मन तड़प रहा था,,,,,, लेकिन राजू के हाथों में गुलाबी के संतरे आ जाने से कुछ देर के लिए उसका मन बदल गया था और वह अगले ही पल,,, गुलाबी के छुहारे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, गुलाबी उत्तेजना के मारे गदगद हो गई,,,,।

राजू पूरी मस्ती के साथ गुलाबी की दोनों चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था,,,,और गुलाबी मजे लेकर राजू को अपना चूची पीला रही थी,,,।

सहहहहह आहहहहहह ऊईईईईई ,,,,राजु आहहहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,(गुलाबी मादकता भरी लेकिन एकदम धीमे श्वर में बोल रही थी,,,,,,यह डर दोनों को था कि कहीं महुआ जागना जाएं लेकिन जवानी के जोश और औरत के भजन की चाहत में इंसान सब कुछ भूल जाता है एक औरत के जिस्म को पाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है वैसा ही कुछ दोनों इस समय कर रहे थे कि बगल में महुआ के होने के बावजूद भी दोनों एक दूसरे से अपनी प्यास बुझाने की खातिर एक दूसरे के अंगों से मजे ले रहे थे एक दूसरे की हरकतों का पूरा लुफ्त उठा रहे थे राजू तो फिर भी अभी पूरे कपड़ों में थाने की गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी उसके कपड़ों को उतारकर राजू बगल में रख दिया था,,,,,।

राजू जल्द से जल्द अपने मोटे तगड़े गंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर उसकी चुदाई कर देना चाहता था लेकिन जुदाई से पहले की क्रीड़ा में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति होती थी और उसकी हर एक हरकत का मजा गुलाबी पूरे जोश के साथ लेती थी और इसीलिए राजू जल्द ही अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच पहुंच गया रात के अंधेरे में कुछ भी दिख नहीं रहा था लेकिन राजु को इतना तो अंदाजा था ही की गुलाबी चूची और बुर कहां है और इसीलिए वहां अपने दोनों हाथों को गुलाबी की गांड के नीचे डाल कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और अपने प्यासे होठों को कमरे के अंधेरे में गुलाबी की बुर पर रख दीया,,,।,, जैसे ही राजू के प्यासे होठ गुलाबी की तपती हुई बुर पर इस पर से हुई वैसे ही गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और वह अगले ही पर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा‌ दी ताकि राजू आराम से उसकी बुर का रस पी सके,,,गुलाबी की इस हरकत पर राजू करके उसकी कमर को अपनी हथेली से दबा दिया और जितना हो सकता था उतनी जीभ को गुलाबी की गुलाबी बुर की गहराई में गाड दिया,,,

राजू की यह हरकत इतनी ज्यादा मादकता भरी थी कि पहली बार में ही गुलाबी राजू की जीभ के कारण अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं कर पाई और भल भलाकर अपना मदन रसबहाने लगी,,,,,लेकिन राजू ने अपनी बुआ की बुर में से निकले बदन रस को अमृत की बूंद समझकर जीभ से होले होले पूरा का पूरा चट कर गया,,, और एक बार फिर से अपनी बुआ को उत्तेजित करने में लग गया राजू पागलों की तरह अपनी बुआ की बुर चाट रहा था उसके मदन रस में उसका पूरा चेहरा सन गया था और उसमें से उठ रही मादक खुशबू राजू को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी देखते ही देखते राजू अपनी दो उंगली को उसकी बुर में डालकर अंदर बाहर करने का ऐसा करने से गुलाबी पूरी तरह से चुदवाती हो गई और अपने मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज निकालने लगी वह मदहोशी में भूल गई कि बगल में महुआ सो रही है,,,,।


गरमा गरम सिसकारी की आवाज कानों में पड़ते ही महुआ की नींद खुल गई ,,,,जवानी से भरी हुई महुआ जवानी का खेल खेल चुकी महुआ भला इस काम क्रीड़ा के गरमा गरम सिसकारी की आवाज को कैसे नहीं पहचानती प्यासी औरत के कानों में दूसरी प्यासी औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी ऐसे में महुआ के होश उड़ गए क्योंकि जब उसे यह ज्ञात हुआ कि कमरे में तो केवल उसका छोटा भाई राजू और उसकी बुआ गुलाबी ही सो रहे थे तो यह आवाज कैसी है,,,, गुलाबी अभी भी राजू की हरकत की वजह से पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकारी की आवाज निकाल रही थी कमरे के अंधेरे में भगवा को कुछ नजर नहीं आ रहा था बस दो काली परछाई नजर आ रही थी और उस काली परछाई उसे साफ दिखाई दे रही थी कि एक परछाई लेटी हुई है और दूसरी परछाई दोनों टांगों के बीच झुकी हुई है,,,,,महुआ की हालत खराब होने लगी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह दोनों परछाई है किसकी उसके बगल में तो राजू और गुलाबी सो रहे थे और दोनों के बीच इस तरह के संबंध स्थापित होना नामुमकिन था,,,,,

लगातार गुलाबी के मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज आ रही थी दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी इसलिए दोनों की आवाज सुनने की कोई गुंजाइश महुवा को नजर नहीं आ रही थी क्योंकि दोनों अपने-अपने काम में लगे हुए थे,,,, महुआ के दिमाग में ढेर सारे सवाल उठने लगे वह सोचने लगी कि अगर दोनों परछाई उसके छोटे भाई राजू और उसकी बुआ की हुई तो क्या होगा वह सोचने लगी कि क्या है इसे घरेलू रिश्तो के बीच इस तरह के संबंध मुमकिन है उसे समझ में नहीं आ रहा था उसकी आंखें जो देख रही थी उससेउसे बिल्कुल भी तसल्ली नहीं हो पा रही थी कि आखिरकार दोनों पर चाहिए किसकी यही जानने के लिए वह लालटेन को जलाना चाहती थी,,, उसकी भी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी आखिरकार वह भी जवानी से भरी हुई थी और एक औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में भी चुदवाश की लहर दौड़ रही थी क्योंकि शादीशुदा होने के बावजूद भी वह अभी तक प्यासी ही थी,,,, वह दोनों परछाई की हकीकत जानने के लिए धीरे से उठी और कोने में लटक रही लालटेन को जला दी लालटेन की लौ जलते ही पूरे कमरे में पीली रोशनी फैल गई और उस पीली रोशनी में उसकी आंखें जिस दृश्य को देखी उसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और आश्चर्य से खुला का खुला रह गया,,,,।
Bahanchod kya kand kar diya mahuaaa ne....


Ab to mahuaaa ki bhi chandi hi chandi hai....


Raju se khub chodegi ye nhi....Qki isne raju ka land dekh liya .....
 

Kammy sidhu

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एक तरफ गुलाबी महुआ से बातें कर रही थी और दूसरी तरफ राजू गुलाबी की गोल गोल गांड को सलवार के ऊपर से ही अपने हाथों में ले लेकर दबा रहा था,,,, और साथ में भेजा मैंने अपने खड़े लंड को बार-बार अपनी बुआ की गांड पर धंशा दे रहा था,,,राजू की यह हरकतें गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी को और ज्यादा भड़का रही थी अगर इस समय महुआ साथ में ना होती तो गुलाबी खुद राजु के लंड पर चढ गई होती,,,,,,, बुआ को तो इस बात का आभास तक नहीं था कि उसके बगल में ही है काम क्रीड़ा की शुरुआत हो चुकी है वह तो अपने ही बातों में तल्लीन थी,,,

राजू ने अपनी कामुक हरकतों से अपनी बुआ को पूरी तरह से गर्म कर दिया था,,,,, महुआ को नींद आने लगी थी इसलिए वह सोने से पहले राजू से बोली,,,।

राजू लालटेन बुझा देना,,, मुझे उजाले में नींद नहीं आती,,,

ज़ी दीदी,,,,(अपनी बहन की बात सुनते ही राजू प्रसन्न हो गया था क्योंकि अब तो उसका काम और भी आसान हो जाता वह तुरंत खड़ा हुआ और लालटेन की ज्योत को बुझा दिया और वापस आकर चटाई पर लेट गया,,,,थोड़ी ही देर में दोनों को जब इस बात का एहसास हो गया कि महुआ गहरी नींद में सो रही है तो तुरंत गुलाबी राजू की तरफ घूमी और अंधेरे में ही राजू को अपनी बाहों में भरकर अपने लाल-लाल होठों को उसके होंठ पर रख दी दोनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और राजू तुरंत अपना एक हाथ गुलाबी की कमर में डालकर उसे अपनी तरफ खींच दिया जिससे दोनों का बदन आपस में एकदम से सट गया और राजू का लंड पजामे में होने के बावजूद भी गुलाबी कि बुर पर ठोकर मारने लगा,,,,, गुलाबी इसी ठोकर के लिए तो मरी जा रही थी वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,, अपनी बुर पर अपने भतीजे के लंड की ठोकर उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने भतीजे के लंड को अपनी बुर में ले लेना चाहती थी,,, गुलाबी मदहोश होते हुए अपने भतीजे के होठों का रसपान कर रही थी और राजू कभी गुलाबी की गांड तो कभी चूची को अपनी हथेली में लेकर दबा रहा था,,,,,,,।

राजू अपनी बुआ के कपड़े उतार कर मजा लेना चाहता था,,,इसलिए अपना हाथ सलवार की दूरी पर रखकर उसे खींचने की तैयारी में ही था कि गुलाबी उस पर हाथ रखकर धीरे से बोली,,,,।

मुझे नंगी करेगा क्या,,?

तो क्या हुआ नंगी किए बिना मजा नहीं आएगा,,,


बगल में महुआ सो रही है,,,


तो क्या हुआ दीदी तो गहरी नहीं तुम्हें और वैसे भी कमरे में अंधेरा है कुछ दिखने वाला नहीं है,,,।
(राजू के मुंह से इतना सुनते ही गुलाबी राजू के हाथ पर से अपना हाथ हटा लिया और उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे दी अगले ही पल राजू गुलाबी की सलवार की डोरी को हाथ में पकड़ कर खींच दीया था,, अगले ही पल गुलाबी की कमर कसी हुई सलवार एकदम ढीली हो गई राजू की सांसे बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी वह तुरंत अपनी बुआ की सलवार में हाथ डालकर उसकी कचोरी जैसी फूली हुई बुर को अपनी उंगलियों से टटोलने लगा,,,, अपने भतीजे की उंगली को अपनी फुली हुई बुर पर महसूस करते ही गुलाबी पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,,, उसकी सांसे धुकनी की तरह तेज हो गई,,, राजू अपनी बुआ की बुर टटोल ते हुए उसके गीलेपन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था और उसमें से उठ रही मदक खुशबू पूरे वातावरण को मदहोश बना रही थी रात के अंधेरे में और कमरे के अंधेरे में,,, जमीन आसमान का फर्क था,,,रात के अंधेरे में दिन भर की थकान उतारते हुए लोग चैन की नींद सोते हैं तो कुछ लोग संभोग क्रीडा में पूरी तरह से लिप्त हो जाते हैं,,, और कुछ ऐसा ही गुलाबी और राजू भी कर रहे थे हालांकि दोनों का रिश्ता बेहद पवित्र था लेकिन दोनों बुआ और भतीजा होने से पहले एक मर्द और एक औरत थे जिनके बीच शारीरिक आकर्षण लाजमी था,,,,,,, राजू को अपनी बुआ की खुली हुई बुर गरमा गरम कचोरी की तरह महसूस हो रही थी उत्तेजना का अनुभव करते हुए राजू रह-रहकर गुलाबी की बुर को अपनी मुट्ठी में भींच ले रहा था मानो कि जैसेउसके हाथ में गुलाब जामुन आ गया हो और वह दबाकर उसका सारा रस निकाल देना चाहता हो,,,।

दोनों का प्रगाढ चुंबन जारी था,,,,सलवार की डोरी खोल देने के बाद भी राजू में अभी तक अपने बुआ के बदन से सलवार को अलग नहीं किया था लेकिन उसके नंगे पन को अच्छी तरह से महसूस कर रहा था,,,,,।

ओहहहह बुआ तुम तो एकदम मलाई हो,,,(एक बार फिर से जोर से अपनी बुआ की बुर को अपनी मुट्ठी में दबाते हुए बोला,,,)

सहहहहह धीरे,,,, महुआ जाग जाएगी,,,,


नहीं जागेगी,,,, देख नहीं रही हो कैसे सो रही है,,,, कसम से पूरा तुम्हारे लिए बिना तो मुझे नींद भी नहीं आती इसलिए तुम्हें परेशान हो गया था कि दीदी के रहते मैं तुम्हारी चुदाई कैसे कर पाऊंगा,,,

हारे मैं भी इसीलिए परेशान थी,,,,,जैसा तेरा हाल है वैसा मेरा भी हाल है जब तक तेरा लंड मेरी बुर की गहराई नहीं नापता तब तक मुझे भी नींद नहीं आती,,,


अच्छा हुआ बुआ हम दोनों को जुगाड़ मिल गया,,,।
(ऐसा कहते हुए गुलाबी खुद ही अपने पैरों के सहारे से अपनी सलवार उतारने की कोशिश कर रही थी और यह देखकर राजू चुटकी लेते हुए बोला,,)

हाय मेरी बुआ,,,, बड़ी जल्दी पड़ी है तुम्हें नंगी होने की,,,


क्या करूं रे जब तक नंगी नहीं हो जाती तब तक चुदवाने का मजा ही नहीं आता,,,


सच बोलूं तो गोवा मुझे भी तुम्हें नंगी करके चोदने में ही मजा आता है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी जगह पर उठ कर बैठ गया और अपने हाथों से अपनी बुआ की सलवार को उतारने का था देखते ही देखते राजू ने बगल में सो रही अपनी बड़ी दीदी के पास लेटी हुई अपनी बुआ की सलवार उतार कर कमर से नीचे उसे नंगी कर दिया और उसकी चिकनी जांघ पर अपनी हथेली फिराते हुए बोला,,,)


सहहहहह आहहहहह कितनी मुलायम जांघ है तुम्हारी मन करता है कि तुम्हारा पूरा बदन अपनी जीभ से चाट जाऊं,,,,

तो चाट जाना रे,,,, बोलता क्यों है करके दिखा,,,,


हाय मेरी बुआ रानी तेरी यही अदा तो मुझे दीवाना कर दि‌‌ है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू नेकुर्ती के ऊपर से ही गुलाबी की चूचियों को इतनी कसके तब आया कि उसकी चीख निकल गई लेकिन वह जल्दी अपनी चीख को दबा दी,,, और गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

हरामी मादरचोद इतनी जोर से कोई दबाता है क्या,,,


क्या करूं बुआ तुम्हारी बातों से मुझे जोश आ गया था,,,।


जोश आ जाएगा तो क्या गांड मार लेगा,,,


वह तो मैं तुम्हारी मार ही चुका हूं,,,, चलो छोड़ो सब बात मुझे अपना दूध पिला दो,,,

अरे बुद्धू अभी इसमें से दूध निकलता ही कहां है,,,


तो क्या हुआ बुआ मजा तो आता है ना चूसने में,,,


तू सच में बहुत शैतान हो गया है और थोड़ा कम बोल देख नहीं रहा है बगल में महारानी सो रही है,,,,


कसम से बोला अगर आज कमरे में दीदी नहीं होती तो सुबह तक तुम्हारी चुदाई करता,,,


क्यों आज तेरा जोश ईतना ज्यादा बढ़ गया है,,,,


तुम्हारी बातों से बुआ,,,, अब थोड़ा सा उठो और मुझे कुर्ती उतारने दो,,,।
(राजू का इतना कहना था कि गुलाबी धीरे से उठ कर बैठ गई और राजू अपने हाथों से उसकी कुर्ती उतारने लगा देखते ही देखते रात के अंधेरे में कमरे के अंदर गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो गई लेकिन उसके नंगे पन को अंधेरे में राजू देख नहीं पा रहा था लेकिन महसूस जरूर कर रहा था क्योंकि उसके दोनों हाथ गुलाबी की दोनों संतरा को थामें हुए थे,,, गुलाबी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी फुली हुई कचोरी में से नमकीन चटनी निकल रही थी,,,, जिसको चाटने के लिए राजू का मन तड़प रहा था,,,,,, लेकिन राजू के हाथों में गुलाबी के संतरे आ जाने से कुछ देर के लिए उसका मन बदल गया था और वह अगले ही पल,,, गुलाबी के छुहारे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, गुलाबी उत्तेजना के मारे गदगद हो गई,,,,।

राजू पूरी मस्ती के साथ गुलाबी की दोनों चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था,,,,और गुलाबी मजे लेकर राजू को अपना चूची पीला रही थी,,,।

सहहहहह आहहहहहह ऊईईईईई ,,,,राजु आहहहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,(गुलाबी मादकता भरी लेकिन एकदम धीमे श्वर में बोल रही थी,,,,,,यह डर दोनों को था कि कहीं महुआ जागना जाएं लेकिन जवानी के जोश और औरत के भजन की चाहत में इंसान सब कुछ भूल जाता है एक औरत के जिस्म को पाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है वैसा ही कुछ दोनों इस समय कर रहे थे कि बगल में महुआ के होने के बावजूद भी दोनों एक दूसरे से अपनी प्यास बुझाने की खातिर एक दूसरे के अंगों से मजे ले रहे थे एक दूसरे की हरकतों का पूरा लुफ्त उठा रहे थे राजू तो फिर भी अभी पूरे कपड़ों में थाने की गुलाबी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी उसके कपड़ों को उतारकर राजू बगल में रख दिया था,,,,,।

राजू जल्द से जल्द अपने मोटे तगड़े गंड को अपनी बुआ की बुर में डालकर उसकी चुदाई कर देना चाहता था लेकिन जुदाई से पहले की क्रीड़ा में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति होती थी और उसकी हर एक हरकत का मजा गुलाबी पूरे जोश के साथ लेती थी और इसीलिए राजू जल्द ही अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच पहुंच गया रात के अंधेरे में कुछ भी दिख नहीं रहा था लेकिन राजु को इतना तो अंदाजा था ही की गुलाबी चूची और बुर कहां है और इसीलिए वहां अपने दोनों हाथों को गुलाबी की गांड के नीचे डाल कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और अपने प्यासे होठों को कमरे के अंधेरे में गुलाबी की बुर पर रख दीया,,,।,, जैसे ही राजू के प्यासे होठ गुलाबी की तपती हुई बुर पर इस पर से हुई वैसे ही गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और वह अगले ही पर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा‌ दी ताकि राजू आराम से उसकी बुर का रस पी सके,,,गुलाबी की इस हरकत पर राजू करके उसकी कमर को अपनी हथेली से दबा दिया और जितना हो सकता था उतनी जीभ को गुलाबी की गुलाबी बुर की गहराई में गाड दिया,,,

राजू की यह हरकत इतनी ज्यादा मादकता भरी थी कि पहली बार में ही गुलाबी राजू की जीभ के कारण अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं कर पाई और भल भलाकर अपना मदन रसबहाने लगी,,,,,लेकिन राजू ने अपनी बुआ की बुर में से निकले बदन रस को अमृत की बूंद समझकर जीभ से होले होले पूरा का पूरा चट कर गया,,, और एक बार फिर से अपनी बुआ को उत्तेजित करने में लग गया राजू पागलों की तरह अपनी बुआ की बुर चाट रहा था उसके मदन रस में उसका पूरा चेहरा सन गया था और उसमें से उठ रही मादक खुशबू राजू को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी देखते ही देखते राजू अपनी दो उंगली को उसकी बुर में डालकर अंदर बाहर करने का ऐसा करने से गुलाबी पूरी तरह से चुदवाती हो गई और अपने मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज निकालने लगी वह मदहोशी में भूल गई कि बगल में महुआ सो रही है,,,,।


गरमा गरम सिसकारी की आवाज कानों में पड़ते ही महुआ की नींद खुल गई ,,,,जवानी से भरी हुई महुआ जवानी का खेल खेल चुकी महुआ भला इस काम क्रीड़ा के गरमा गरम सिसकारी की आवाज को कैसे नहीं पहचानती प्यासी औरत के कानों में दूसरी प्यासी औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी ऐसे में महुआ के होश उड़ गए क्योंकि जब उसे यह ज्ञात हुआ कि कमरे में तो केवल उसका छोटा भाई राजू और उसकी बुआ गुलाबी ही सो रहे थे तो यह आवाज कैसी है,,,, गुलाबी अभी भी राजू की हरकत की वजह से पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकारी की आवाज निकाल रही थी कमरे के अंधेरे में भगवा को कुछ नजर नहीं आ रहा था बस दो काली परछाई नजर आ रही थी और उस काली परछाई उसे साफ दिखाई दे रही थी कि एक परछाई लेटी हुई है और दूसरी परछाई दोनों टांगों के बीच झुकी हुई है,,,,,महुआ की हालत खराब होने लगी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह दोनों परछाई है किसकी उसके बगल में तो राजू और गुलाबी सो रहे थे और दोनों के बीच इस तरह के संबंध स्थापित होना नामुमकिन था,,,,,

लगातार गुलाबी के मुंह से गर्मागर्म सिसकारी की आवाज आ रही थी दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी इसलिए दोनों की आवाज सुनने की कोई गुंजाइश महुवा को नजर नहीं आ रही थी क्योंकि दोनों अपने-अपने काम में लगे हुए थे,,,, महुआ के दिमाग में ढेर सारे सवाल उठने लगे वह सोचने लगी कि अगर दोनों परछाई उसके छोटे भाई राजू और उसकी बुआ की हुई तो क्या होगा वह सोचने लगी कि क्या है इसे घरेलू रिश्तो के बीच इस तरह के संबंध मुमकिन है उसे समझ में नहीं आ रहा था उसकी आंखें जो देख रही थी उससेउसे बिल्कुल भी तसल्ली नहीं हो पा रही थी कि आखिरकार दोनों पर चाहिए किसकी यही जानने के लिए वह लालटेन को जलाना चाहती थी,,, उसकी भी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी आखिरकार वह भी जवानी से भरी हुई थी और एक औरत की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर उसके तन बदन में भी चुदवाश की लहर दौड़ रही थी क्योंकि शादीशुदा होने के बावजूद भी वह अभी तक प्यासी ही थी,,,, वह दोनों परछाई की हकीकत जानने के लिए धीरे से उठी और कोने में लटक रही लालटेन को जला दी लालटेन की लौ जलते ही पूरे कमरे में पीली रोशनी फैल गई और उस पीली रोशनी में उसकी आंखें जिस दृश्य को देखी उसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और आश्चर्य से खुला का खुला रह गया,,,,।
Wah bhai maja aa gaya too much romantic update bro and continue story nd lagta hain Mahuaa ki chudai krega Raju Bhai......
 

Ek number

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Ekdum Jhakkas update Rohnny Bhai,

Mahuaa ne lalten jala kar bahut badi galti kar di he............ab jaise hi wo Raju ka musal lund dekhegi.......thoda bahut nakhra dikhakar khud bhi gulabi aur Raju ko koin kar legi...........aur uska maa banane ka sapna bhi Raju ke dwara hi pura karegi..........

Maja aa gaya Bhai

Keep posting
Behtreen update
 
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