बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--1
मैं जयपुर में एक सॉफ्रटवेयर कम वेब डवलपमेन्ट कम्पनी में काम करता हूं। यह कम्पनी जयपुर की सी-स्कीम में स्थित हैं। मैंने ये कम्पनी 2008 में ज्वाइन की थी, तब इस कम्पनी की शुरूआत ही हुई थी, और तब हम केवल 3 एम्पलोई ही इसमें काम करते थे, मैं (समीर - नेम चेंजेड) और एक लड़की अपूर्वा (नेम चेंजेड) और एक लड़का सुमित (नाम चेंजेड)।
बाद में किन्हीं पर्सनल कारणों से मैंने 2009 के आखिर में कम्पनी को छोड़ दिया और जब पर्सनल प्रोब्लम्स सॉल्व हो गई तो मैंने वापिस मई 2011 में वापिस इसी कम्पनी में ज्वॉइन कर लिया। इस वक्त भी कम्पनी ज्यादा बड़ी नहीं बनी थी, परन्तु हां अब इस कम्पनी में 5 एम्पलोई काम करते थे। चूंकि मैं कम्पनी के साथ शुरूआत से ही जुड़ा हुआ हूं तो यहां पर बॉस के बाद मैं ही सबसे सीनियर हूं।
बात 2011 की दिवाली के आसपास की है, एक दिन ऑफिस में बैंक के दो कर्मचारी आये और बॉस के बारे में पूछने लगे। बॉस उस दिन किसी काम से बाहर गये हुये थे। मैं कम्पनी में सबसे सीनियर हूं, तो पियोन ने उन्हें मेरे पास भेज दिया। उन्होंने मुझसे कम्पनी की हालात के बारे में पूछा और काम कैसा चल रहा है, उसके बारे में पूछताछ करने लगे। तो मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि 2010 में बॉस ने बैंक से 10 लाख रूपये का लोन लिया था, जिसकी 3 किस्तें जमा करवाने के बाद उन्होंने बाकी कि किस्तें जमा करवानी बंद कर दी। बैंक से कई बार नोटिस मिलने के बाद भी उन्होंने कोई पैसा जमा नहीं करवाया। मैंने उन्हें अगले दिन आने के लिए कह दिया।
शाम को बॉस को फोन करके मैंने यह बात बता दी। अगले दिन बॉस ने मुझसे कहा कि हो सकता है, कुछ दिन के लिए ऑफिस बंद करना पड़े क्योंकि बैंक वाले उसे सील कर सकते हैं, उस टाइम में कहीं और ऑफिस शिफ्रट कर लेंगे।
और पूरी बात कुछ इस तरह थी कि मेरे दोबारा ऑफिस ज्वाइन करने से पहले बॉस ने ऑफिस के नाम पर 10 लाख का लोन लिया था जो फिर वापिस नहीं किया। बैंक वालों को ऐसे ही टकराते रहते थे। तो अब बैंक पैसे वापिस न मिलने के कारण सम्पति को कुर्क करने की कार्यवाही के लैटर भेज रहा था।
कुछ दिन बाद बैंक से एक लैटर आया जिसमें 3 दिन बाद ऑफिस को सील करने की कार्यवाही करने के बारे में लिखा था।
उस लैटर को पढ़कर बॉस की हालत पतली हो गई, क्योंकि ऑफिस सील हो जाने से सारा काम ठप पड़ जाना था, जिससे वजह से जो प्रोजेक्ट चल रहे थे उन पर कोई प्रॉडक्शन नहीं हो पाती, इसलिए बॉस ने डिसीजन लिया कि आज रात को ही 3 सिस्टम (कम्प्यूटर) अपने घर पर शिफ्रट कर लेंगे, और मैं (समीर) और अपूर्वा उनके घर पर काम करेंगे, जब तक कि ये बैंक का पंगा खत्म नहीं हो जाता। क्योंकि घर पर बॉस की वाईफ व बच्चे भी होते हैं तो अपूर्वा ने कोई ना-नुकूर नहीं की, और भाइयों मैं तो हूं ही बंजारा, कहीं भी सैट कर लो वहीं सैट हो जाता हूं।
तो उसी शाम को तीन सिस्टम बॉस के घर जोकि बापू नगर जयपुर में है, पर शिफ्रट कर दिए गये।
अगले दिन कम्पनी में बाकी एम्पलोई को 20 दिन की छुट्टी दे दी गई। 2 एम्पलोई तो छुट्टी मिलने से काफी खुश थे, परन्तु 2 एम्पलोई परेशान थे कि कहीं नौकरी से तो नहीं निकाला जा रहा, इसलिए उन्होंने सैलरी देने की बात कही और कहा कि हमने कहीं और नौकरी देख ली है, इसलिए हम नौकरी छोड़ रहे हैं।
उसके बाद ऑफिस को लॉक करके मैं, बॉस और अपूर्वा बॉस के घर आ गये।
दोबारा कम्पनी ज्वॉइन करने के बाद मैं पहली बार बॉस के घर पर जा रहा था।
जब 2008 में मैंने कम्पनी ज्वॉइन की थी तो बॉस के घर जाना हो ही जाता था। बॉस के घर पर उनकी वाइफ नीलम शर्मा व उनके दो बच्चे हैं। उनकी वाइफ की उम्र 35 साल के आसपास है। बॉस की वाइफ कोई ज्यादा सैक्सी नहीं है, चेहरा तो उनका बहुत ज्यादा सुन्दर है, परन्तु वो काफी मोटी थी और कपड़े भी ढंग के नहीं पहनती थी, जिससे बिल्कुल भी आकर्षक नहीं लगती थी, इसलिए पहले मेरे मन में उसके प्रति कोई ऐसे वेसे विचार नहीं थे।
जब हम बॉस के घर पहुंचे तो वहां पर एक बहुत ही सैक्सी महिला को देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया। उसने मुझे और अपूर्वा को हाय कहा, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि मैं तो इसे जानता भी नहीं हूं, फिर मुझे क्यों हाय-हैल्लो कर रही है, परन्तु मैंने भी उन्हें हाय कहा। और हम बाहर आंगन से घर में अन्दर आ गये जहां पर बॉस ने तीनों सिस्टम लगा रखे थे।
वहां आकर मैं और अपूर्वा अपना-अपना काम करने लगे और बॉस अपने रूम में चले गये।
कुछ देर बाद वहीं सैक्सी महिला चाय लेकर आई। उसने हम दोनों को चाय दी और वहीं पर बैठकर अपूर्वा से बातचीत करने लगी। थोड़ी देर बाद उसने कहा कि समीर तुम इतने चुपचाप क्यों बैठे हो, पहले तो ऐसे नहीं थे।