अब मैंने उसको उल्टा किया और पेट के बल लिटा दिया | उसके बंधे हुए हाथ सर के आगे थे | फिर मैं उसके ऊपर लेट गया | मैंने उसके लम्बे बालों को हटाया और अपनी जीभ निकालके उसकी नंगी पीठ चाटने लगा | मेरा खड़ा हुआ लंड उसके चूतड़ों पर रगड़ खाने लगा | मैंने अच्छे से उसकी पीठ चाटी और फिर निचे उसके चूतड़ों पर आ गया | बड़े ही मस्त गोल गोल और भारी चूतड़ थे उसके | मैंने उसकी कच्छी को उसके दरार में फंसा दिया और अच्छे से उसके चूतड़ चाटे | बीच बीच में मैं उनपर चांटे भी मार देता जिससे प्रिया सिसक उठती |
फिर मैं प्रिया के हाथ उठा के उसकी पीठ के पीछे ले आया और उसकी छाती को थोड़ा ऊपर उठाया | इससे उसके सख्त अंगूर निचे चटाई पर सीधे लग गए | अब मैं निचे गया और उसकी कच्छी को साइड करके उसकी गांड के छेद में जीभ डाल कर उससे चाटने लगा और साथ साथ चूत भी | वो कसमसा उठी | साथ ही मैंने उसके दोनों कूल्हे पकड़े और उसके बदन को आगे पीछे करना शुरू कर दिया | ऐसा करने से उसके सख्त अंगूर खुरदरी चटाई पर रगड़ खाने लगे | वो दर्द से चीख उठी | नहीं पापा नहीं पापा प्लीज...आह ऊँह उई माँ .....प्लीज पापा मत करो | उसकी चीखों से मेरे अंदर जोश भर गया और मैं जोर जोर से उसकी चूत और गांड चाटने लगा और उतने हो जोर से उसके काले सख्त अंगूर चटाई पर रगड़ खाने लगे | रगड़ खाने से उसके अंगूर काले लाल पड़ने लग गए थे | इतने में प्रिया ने फिर अपनी चूत से पानी छोड़ा जो लगभग लगभग पूरा में मुँह के अंदर चला गया | काफी नमकीन स्वाद था उसका | अपनी बेटी का पानी पी कर मुझे बड़ी सन्तुस्टी मिली |