सबसे पहले देर से अपडेट के लिए माफ़ी.
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उसके गदराये हुए बदन पर मैंने जो पैर से मालिश की थी उससे वो बहुत ज्यादा गरम हो गयी थी | वो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी | उसका मन कर रहा था कैसे भी अपनी चूत की सनसनाहट को शांत करे पर हाथ बंधे होने की वजह से वो कुछ कर नहीं पा रही थी | वो अपनी दोनों जांघों को रगड़ रगड़ के अपनी चूत को शांत करने की कोशिश करनी लगी | उसके मुँह से कामातुर सिसकियाँ निकल रही थी | ऊँह ऊँह ऊँह .... आह आह ...उई | वो मेरी तरफ बड़ी बेचारगी से देखनी लगी, जैसे कह रही हो पापा प्लीज मुझे खोल दो , ऐसे मत तड़पाओ , लेकिन मुझे उसको तड़पता देख ज्यादा मज़ा आ रहा था | मैंने अपनी आँखें उसकी आँखों में गड़ा दीं और पयजामे के कर से अपने लंड को जोर जोर से मसलने लगा | मुझे ऐसा करते देख वो शर्मा गयी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली | लेकिन जांघों को रगड़ना चालु रखा |
उसको और तड़पाने की लिए मैं अपना दायाँ पैर आगे बढ़ाकर उसकी चूत पर रख दिया और हलके हलके उसकी चूत को दबाने लगा | साथ ही मैंने अपने पैर का अंगूठा उसकी सलवार के नाड़े में फंसा दिया और हलके से उसका नाडा खींच दिया | वो यह सब बर्दाश्त न कर सकी और उसका बदन एकदम अकड़ गया | तभी एक झटके से उसकी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया | उसकी सलवार पूरी निचे तक गीली हो गयी और साथे में मेरा पैर भी | उसको थोड़ी शान्ति महसूस हुई लेकिन उसकी सांसें अभी भी तेज़ चल रही थी |
कुछ देर में प्रिया ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखने लगी | अब मैंने अपनी बनियान और पयज़ामा उतार दिया और सिर्फ कच्छे में आ गया | मेरा कच्छा भी काफी गीला हो रखा था और उसमे से मेरा खड़ा हुआ लंड साफ़ दिख रहा था | मेरा लंड देखकर प्रिया शर्मा गयी और उसने अपना मुँह दूसरी तरफ फेर लिया | मैंने उसको टांगें ऊपर उठाने को कहा ताकि मैं उसकी सलवार उतार सकूं | पर जब उतारने की कोशिश की तो उतार न सका क्यूंकि ज्यादा गीली होने की वजह से वो उसकी टांगों में चिपक गयी थी |
फिर मैं बाथरूम में गया कैंची लाने के लिए और वहां मुझे कपडे धोने वाला प्लास्टिक का ब्रश दिखा | मैं वो भी साथ ले आया | मैंने कैंची से उसकी सलवार काट काट के उसकी बदन से अलग कर दी | अब प्रिया केवल कच्छी और ब्रा में मेरे सामने लेती हुई थी | उसकी हाथ बंधे हुए थे | उसकी जांघें काफी मांसल l थी | अपनी जवान बेटी के गदराये हुए नंगे बदन को देखकर मेरी यौन कुंठा और भड़क गयी | मैंने निचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और प्रिया का बायां पैर उठा के उसकी उँगलियों को चूसने लगा | फिर मैंने उसका पूरा पैर चूसा और चाटा और ऐसे ही दूसरा पैर भी |
प्रिया अपनी आँखें बंद करे इस सब का मज़ा ले रही थी | बाप बेटी के रिश्ते की शर्म और अपने बदन की भूख को मिटाने की लालसा वाले मिश्रित भाव उसकी चेहरे पर साफ़ दिख रहे थे | ठरक से उसने अपनी दोनों टांगें जोड़ ली थी | फिर मैने धीरे धीरे उसकी दोनों टांगों को अच्छे से चाटा और उसपर जो उसकी चूत का पानी लगा हुआ था उसकी भी चाट चाट के साफ़ किया | अब उसकी मांसल जांघों की बारी थी |
मैंने अपनी खुरदरी जीभ निकाली और उसकी जांघों को चाटने लगा | उसकी कामुक सिसकियाँ निकलने लगी ओह्ह पापा आह आह उई ........ | फिर मैंने उसकी जांघ पर एक चुटकी काटी तो वह चिहुँक उठी , पापा मत करो न दर्द होता है | उसको चिहुँकता देख मुझे बड़ा मज़ा आया और मैंने एक साथ ५-६ चूंड़ियाँ उसकी मांसल जांघों पर मार दी | वो दर्द से चीख उठी, उसकी जांघों पर लाल निशाँ पड़ गए थे |