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Incest बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम

ambirod

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सुधिया अपने चौडे चूतर फैलाकर अपने बेटे के सामने छल छल मूते जा रही थी और कल्लू नजरें बचाकर अपनी अम्मा के भारी भरकम गुदाज़ गांड को निहारता जा रहा था .....मीना ये सब देख रही थी कि कैसे उसकी मुह बोली नन्द का बेटा अपनी ही माॅ की गांड देख रहा है

मीना -अच्छी है ना बेटा ?

कल्लू- क्कक क्या मामी ?

मीना -वही जे तू देख रहो है

कल्लू- धत्त मामी (और शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगता है तबतक सुधिया मूत चुकी थी और अपनी साडी नीचे करके खडी हो गयी )

कल्लू- चलिए भाभी....पता नही और कितनी देर चलना है

मीना- जादा दूर ना है बन्नो बस पहुचने ही वाले है
(तेजी से बंगाली बाबा और उनके बीच की दूरी कम हो रही थी अब देखना यह था कि बंगाली बाबा ऐसा क्या करनेवाले थे जिससे कल्लू एक शक्तिवान मर्द बन जाता)

चलिए थोडी नजर हरिया के अतीत मे डाल लेते है

अपनी अम्मा सूगना की चुत पीकर हरिया बेशुद्ध पडा था मानो चुत के रस को पीकर उसे मीठी निद्रा ने अपने वश मे कर लिया था यही हाल सूगना का था वह भी अपनी बूर चटवाने बाद मदहोश भरी नींद मे थी
धीरे धीरे दोपहर हो गयी और सुगना की नींद खुली , वह अब भी आनंद के सागर मे गोते लगा रही थी इस आनंद का अनुभव उसे पागल बना रहा था उसने ठान लिया था कि वह अपने बेटे हरिया को बूरचट्टा बनाएगी जो उसे वह सूख देगा जो उसे जवानी के दिनों मे अपने पति और लाला से मिलता था

हरिया जो कि गहरी नींद मे था उसका बमपिलाट लंड पैजामे से साफ झलक रहा था यह देखकर सूगना की बूर पसीजने लगी वह सोचने लगी कि ऐसा क्या करे कि उसका अपना बेटा हरिया उसकी बूर मे लंड डालकर उसकी चुदाई करे फिलहाल उसे कोई तरकीब नही सूझ रही थी इतने मे हरिया की नींद खुल जाती है अपनी माॅ को अपने करीबदेखकर हरिया मंद मंद मुस्कुराता है

हरिया - अम्मा, बताई नाही
सुगना -क्या बेटा
हरिया - वही अम्मा वो गाली का मतलब .....सब हमको माधरचोद काहे कहते है का मतलब होवत है इ गाली का
सूगना- अरे नासपिटे मतलब का करेगा जानकर (मन मे .....वक्त आने दे तोरी अम्मा तोका माधरचोद होवयका सौभाग्य देगी देखता नही कितनी तडपती हू )

हरिया -कुछ नाही अम्मा पर....वो .....
सूगना- कुछ मत बोल बेटवा बस अम्मा जो कहती है करता जा
हरिया- हा अम्मा जरूर करूंगा....वैसे आपका दूध बहुत स्वादिष्ट था
सूगना-हाय रे नासपिटे ......(आहे भरती है ) कौन सा वाला ऊपर का या नीचे का
हरिया - दोनो अम्मा लेकिन नीचे का हमको बहुत स्वादिष्ट लगा फिर कब पिलाओगी
सुगना - पिलाउंगी बेटे रात मे पी लेना.....(तूझे बहोत बडा माधरचोद बनाउंगी पूरे गाॅव मे तेरे चर्चे होंगे बेटवा ...मन मे कहती है )

हरिया -ठीक है अम्मा मै लाला जी के घर जाकर देखूं कवनो काम तो नाही आय गया है

सुगना-ठीक है बेटवा जा....और देखना मालकिन जो कहे वो कर देना आखिर उनकी ही कृपा से हमे दो जून की रोटी मिलती है

हरिया - ठीक है अम्मा ..कर दूंगा (इतना कहकर हरिया लाला के घर निकल जाता है )

हरिया - प्रनाम मालकिन ...मालिक आय गये शहर से
रजनी- नही हरिया अभी उन्हे कुछ दिनो का समय लगेगा
हरिया - ठीक है मालकिन कोई काम हो मेरे लायक तो बताय देना

(जबसे हरिया ने उसका दूध दुहा था रजनी बस हरिया से चुदवाना चाहती थी बस उसे यह समझ नही आ रहा था कि वह कैसे कहे हरिया से कि वह उसकी बूर की फाॅको को फैलाकर अपना लंड डाले )

रजनी -काम तो बहुत है रे माधरचोद ......बस यह शंका है वह काम तोसे हो पावेगा कि नाही
हरिया - काहे नाही हो पायेगा मालकिन .. ऐसा कोई काम ना है जो हरिया नही कर सकता
रजनी - रे माधरचोद इत्ता घमंड है तोके अपनेआप पर
हरिया - घमंड नाही मालकिन आतमविश्वास है

रजनी - तो ठीक है मै भी देखती हू .....जा बाहर दुवारे पे जितनी भी घास बढ गयी है सबको छिल दे .और सुन इ काम 15 मिनट मे हो जाना चाहिए....एक भी घास नही छुटनी चाहिए

हरिया- जो हुक्म मालकिन, अभी किए देता हू

(इतना कहकर हरिया घर के बाहर दुवारे जमी गाय को खुरपी से छिलने लगता है .....देखते ही देखते दस मिनट के अंदर ही हरिया सारी घास छिल देता है )

हरिया - मालकिन...ओ मालकिन .....मालकिन
रजनी- का है मुए काहे गला फाड रहा है
हरिया - अरे मालकिन ! मैने दस मिनट मे ही सारी घास छिल दी
रजनी- सारी नही छिली है माधरचोद एक जगह की घास बाकी है
हरिया- सारी छिल दी है मालकिन आप खुदैय देख लो
रजनी- अरे! माॅ के लौडे एक जगह की घास बाकी है चल इधर भीतर आ और छिल
(रजनी हरिया को भीतर कमरे मे ले जाती है और उसे रेजर पकडा देती है )

हरिया- इ तो रेजर है ना मालकिन
रजनी- हा रे हरिया इ रेजर है और इससे तुझे मेरी घास छिलनी है
हरिया - आपकी घास ! आपकी कौन सी घास ?

(इतना सुनते ही रजनी अपनी साडी और पेटीकोट उपर उठा लेती है जिससे उसकी झाॅटो से भरी हुई योनि हरिया की ऑखों के सामने आ जाती है जिसे हरिया बडे गौर से देख रहा था )

रजनी - यही घास है रे हरिया मेरे बच्चे इसे ही छील दे चिकनी बना दे मेरी चिरइया को
हरिया-ठीक है मालकिन (इतना कहकर हरिया रजनी की बूर के पास घुटनों के बल बैठ जाता है और रेजर उसकी फूली हुई बूर पर लगा देता है )

रजनी- ठहर जा ! बिना गिली किए छिलेगा तो कट जाएगी गीली कर ले बचवा
हरिया-ठीक है मालकिन अभी पानी लाता हू
रजनी-रूक(इतना कहकर हरिया का सिर अपनी बूर पर लगा देती है ...हरिया जो की अभी कुछ देर पहले अपनी अम्मा की चुत चाटकर आया था उसे पता था उसे क्या करना है वह अपनी लपलपाती जिव्हा से रजनी की बूर को चाटने लगा )

रजनी तो जैसे सातवे आसमान पर थी

रजनी - आहहहहह चाट माधरचोद पी जा मेरी बूर को कर दे गीली झड जाने दे आहहहहहहह ऊईईईईईईईईई हरिया मेरे बलम चाट मेरे बचवा आहहहहहहह आहहहहह माॅआआआआआ ऐसे ही जीभ अंदर बाहर कर दे

हरिया - चाट रहा हू मालकिन बडा स्वाद आ रहा है मालकिन ऑहहहहह उममममममम मुआआआआआआहहहहह लपपपपपपपप सर्पर्पर्पर्पर्पर्प लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प

रजनी अपनी कमर हरिया के मुह पर मारने लगती है

रजनी- आहहहहहहह बचवा मेरे लाल कभी नोकर नही समझा तुझे चाट मेरी बूर को आहहहहहहहहह उहहहहहहहहह उफ्फफफफफफफ मेरे छोटे बलम आहहहहहहहहह तोपे वारी जाऊ आहहहहहहहहहहहह चाट मेरे बेटे उफफफफफफफ
काश!......काश! तू मेरा बेटा होता आहहहहहहह उफ्पपपफफफफफफ (इतना कह कर रजनी झडने लगती है )

हरिया- मालकिन मै आपके बेटे जैसा ही तो हू (रजनी की बूर को चाटे जा रहा था )

रजनी- हा रे बचवा अब घास छिल दे

(हरिया तूरंत रजनी की बूर पर रेजर सेट करता है जो कि चुत चटाई से काफी गीली हो चुकी थी और उसकी झाॅटे (जो भूरे सुनहरे रंग की थी) छिलने लगता है और कुछ ही देर मे रजनी की बूर चिकनी हो जाती हैं
Sahi likh rahe ho... waiting for next
 
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सुधिया अपने चौडे चूतर फैलाकर अपने बेटे के सामने छल छल मूते जा रही थी और कल्लू नजरें बचाकर अपनी अम्मा के भारी भरकम गुदाज़ गांड को निहारता जा रहा था .....मीना ये सब देख रही थी कि कैसे उसकी मुह बोली नन्द का बेटा अपनी ही माॅ की गांड देख रहा है

मीना -अच्छी है ना बेटा ?

कल्लू- क्कक क्या मामी ?

मीना -वही जे तू देख रहो है

कल्लू- धत्त मामी (और शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगता है तबतक सुधिया मूत चुकी थी और अपनी साडी नीचे करके खडी हो गयी )

कल्लू- चलिए भाभी....पता नही और कितनी देर चलना है

मीना- जादा दूर ना है बन्नो बस पहुचने ही वाले है
(तेजी से बंगाली बाबा और उनके बीच की दूरी कम हो रही थी अब देखना यह था कि बंगाली बाबा ऐसा क्या करनेवाले थे जिससे कल्लू एक शक्तिवान मर्द बन जाता)

चलिए थोडी नजर हरिया के अतीत मे डाल लेते है

अपनी अम्मा सूगना की चुत पीकर हरिया बेशुद्ध पडा था मानो चुत के रस को पीकर उसे मीठी निद्रा ने अपने वश मे कर लिया था यही हाल सूगना का था वह भी अपनी बूर चटवाने बाद मदहोश भरी नींद मे थी
धीरे धीरे दोपहर हो गयी और सुगना की नींद खुली , वह अब भी आनंद के सागर मे गोते लगा रही थी इस आनंद का अनुभव उसे पागल बना रहा था उसने ठान लिया था कि वह अपने बेटे हरिया को बूरचट्टा बनाएगी जो उसे वह सूख देगा जो उसे जवानी के दिनों मे अपने पति और लाला से मिलता था

हरिया जो कि गहरी नींद मे था उसका बमपिलाट लंड पैजामे से साफ झलक रहा था यह देखकर सूगना की बूर पसीजने लगी वह सोचने लगी कि ऐसा क्या करे कि उसका अपना बेटा हरिया उसकी बूर मे लंड डालकर उसकी चुदाई करे फिलहाल उसे कोई तरकीब नही सूझ रही थी इतने मे हरिया की नींद खुल जाती है अपनी माॅ को अपने करीबदेखकर हरिया मंद मंद मुस्कुराता है

हरिया - अम्मा, बताई नाही
सुगना -क्या बेटा
हरिया - वही अम्मा वो गाली का मतलब .....सब हमको माधरचोद काहे कहते है का मतलब होवत है इ गाली का
सूगना- अरे नासपिटे मतलब का करेगा जानकर (मन मे .....वक्त आने दे तोरी अम्मा तोका माधरचोद होवयका सौभाग्य देगी देखता नही कितनी तडपती हू )

हरिया -कुछ नाही अम्मा पर....वो .....
सूगना- कुछ मत बोल बेटवा बस अम्मा जो कहती है करता जा
हरिया- हा अम्मा जरूर करूंगा....वैसे आपका दूध बहुत स्वादिष्ट था
सूगना-हाय रे नासपिटे ......(आहे भरती है ) कौन सा वाला ऊपर का या नीचे का
हरिया - दोनो अम्मा लेकिन नीचे का हमको बहुत स्वादिष्ट लगा फिर कब पिलाओगी
सुगना - पिलाउंगी बेटे रात मे पी लेना.....(तूझे बहोत बडा माधरचोद बनाउंगी पूरे गाॅव मे तेरे चर्चे होंगे बेटवा ...मन मे कहती है )

हरिया -ठीक है अम्मा मै लाला जी के घर जाकर देखूं कवनो काम तो नाही आय गया है

सुगना-ठीक है बेटवा जा....और देखना मालकिन जो कहे वो कर देना आखिर उनकी ही कृपा से हमे दो जून की रोटी मिलती है

हरिया - ठीक है अम्मा ..कर दूंगा (इतना कहकर हरिया लाला के घर निकल जाता है )

हरिया - प्रनाम मालकिन ...मालिक आय गये शहर से
रजनी- नही हरिया अभी उन्हे कुछ दिनो का समय लगेगा
हरिया - ठीक है मालकिन कोई काम हो मेरे लायक तो बताय देना

(जबसे हरिया ने उसका दूध दुहा था रजनी बस हरिया से चुदवाना चाहती थी बस उसे यह समझ नही आ रहा था कि वह कैसे कहे हरिया से कि वह उसकी बूर की फाॅको को फैलाकर अपना लंड डाले )

रजनी -काम तो बहुत है रे माधरचोद ......बस यह शंका है वह काम तोसे हो पावेगा कि नाही
हरिया - काहे नाही हो पायेगा मालकिन .. ऐसा कोई काम ना है जो हरिया नही कर सकता
रजनी - रे माधरचोद इत्ता घमंड है तोके अपनेआप पर
हरिया - घमंड नाही मालकिन आतमविश्वास है

रजनी - तो ठीक है मै भी देखती हू .....जा बाहर दुवारे पे जितनी भी घास बढ गयी है सबको छिल दे .और सुन इ काम 15 मिनट मे हो जाना चाहिए....एक भी घास नही छुटनी चाहिए

हरिया- जो हुक्म मालकिन, अभी किए देता हू

(इतना कहकर हरिया घर के बाहर दुवारे जमी गाय को खुरपी से छिलने लगता है .....देखते ही देखते दस मिनट के अंदर ही हरिया सारी घास छिल देता है )

हरिया - मालकिन...ओ मालकिन .....मालकिन
रजनी- का है मुए काहे गला फाड रहा है
हरिया - अरे मालकिन ! मैने दस मिनट मे ही सारी घास छिल दी
रजनी- सारी नही छिली है माधरचोद एक जगह की घास बाकी है
हरिया- सारी छिल दी है मालकिन आप खुदैय देख लो
रजनी- अरे! माॅ के लौडे एक जगह की घास बाकी है चल इधर भीतर आ और छिल
(रजनी हरिया को भीतर कमरे मे ले जाती है और उसे रेजर पकडा देती है )

हरिया- इ तो रेजर है ना मालकिन
रजनी- हा रे हरिया इ रेजर है और इससे तुझे मेरी घास छिलनी है
हरिया - आपकी घास ! आपकी कौन सी घास ?

(इतना सुनते ही रजनी अपनी साडी और पेटीकोट उपर उठा लेती है जिससे उसकी झाॅटो से भरी हुई योनि हरिया की ऑखों के सामने आ जाती है जिसे हरिया बडे गौर से देख रहा था )

रजनी - यही घास है रे हरिया मेरे बच्चे इसे ही छील दे चिकनी बना दे मेरी चिरइया को
हरिया-ठीक है मालकिन (इतना कहकर हरिया रजनी की बूर के पास घुटनों के बल बैठ जाता है और रेजर उसकी फूली हुई बूर पर लगा देता है )

रजनी- ठहर जा ! बिना गिली किए छिलेगा तो कट जाएगी गीली कर ले बचवा
हरिया-ठीक है मालकिन अभी पानी लाता हू
रजनी-रूक(इतना कहकर हरिया का सिर अपनी बूर पर लगा देती है ...हरिया जो की अभी कुछ देर पहले अपनी अम्मा की चुत चाटकर आया था उसे पता था उसे क्या करना है वह अपनी लपलपाती जिव्हा से रजनी की बूर को चाटने लगा )

रजनी तो जैसे सातवे आसमान पर थी

रजनी - आहहहहह चाट माधरचोद पी जा मेरी बूर को कर दे गीली झड जाने दे आहहहहहहह ऊईईईईईईईईई हरिया मेरे बलम चाट मेरे बचवा आहहहहहहह आहहहहह माॅआआआआआ ऐसे ही जीभ अंदर बाहर कर दे

हरिया - चाट रहा हू मालकिन बडा स्वाद आ रहा है मालकिन ऑहहहहह उममममममम मुआआआआआआहहहहह लपपपपपपपप सर्पर्पर्पर्पर्पर्प लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प

रजनी अपनी कमर हरिया के मुह पर मारने लगती है

रजनी- आहहहहहहह बचवा मेरे लाल कभी नोकर नही समझा तुझे चाट मेरी बूर को आहहहहहहहहह उहहहहहहहहह उफ्फफफफफफफ मेरे छोटे बलम आहहहहहहहहह तोपे वारी जाऊ आहहहहहहहहहहहह चाट मेरे बेटे उफफफफफफफ
काश!......काश! तू मेरा बेटा होता आहहहहहहह उफ्पपपफफफफफफ (इतना कह कर रजनी झडने लगती है )

हरिया- मालकिन मै आपके बेटे जैसा ही तो हू (रजनी की बूर को चाटे जा रहा था )

रजनी- हा रे बचवा अब घास छिल दे

(हरिया तूरंत रजनी की बूर पर रेजर सेट करता है जो कि चुत चटाई से काफी गीली हो चुकी थी और उसकी झाॅटे (जो भूरे सुनहरे रंग की थी) छिलने लगता है और कुछ ही देर मे रजनी की बूर चिकनी हो जाती हैं
Keep it up bro
 
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Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
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110,431
354
Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words tak ho sakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. . Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writers ko Awards k alawa Cash prizes bhi milenge jinki jaankaari rules thread mein dedi gayi hai, Total 7000 Rupees k prizes iss baar USC k liye diye jaa rahe hain, sahi Suna aapne total 7000 Rupees k cash prizes aap jeet shaktey hain issliye derr matt kijiye or apni kahani likhna suru kijiye.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 28th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.


Rules Check karne ke liye is thread ka use karein — Rules & Queries Thread

Contest ke regarding Chit Chat karne ke liye is thread ka use karein — Chit Chat Thread



Prizes
Position Benifits
Winner 3000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3000 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 
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