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Incest बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम

Tusharanil

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Sudhiya ka apne bete se pyar karna. An wo nana nani Ke ghar jayenge. Fir sudhiya kallu ko apna doodh pilaye gi
please ye bhi dikha dena.
kallu apni maa sudhiya ka doodh pita hai aur jawan mard ban jata hai. maa ke doodh ke wajah se wo etna taktwer shaktishali pahelwan ban jata hai.
sudhiya kallu ko roj din aur raat doodh pila ke kallu ka pet bhar jata hai. sudha ko kallu per pyar ata hai. sudhiya bina blause ke ghar me ghumti hai. aur kallu jab chahe jaha chahe apni maa sudhiya ka doodh pee leta hai. aur ese hi kallu bada hota hai. jawan ho jata hai. per apni maa sudhiya ka doodh peena pina jaree rakta hai. apni maa sudhiya ka doodh ke bina kallu ko na nind ati hai aur na kana kata hai.
plaese "Gyanchod12345" Bhai e seen kuch esi prakar ka dal dena please sir
apka bahut bada fan hu sir
thank you sir.
 
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मित्र सुझाव के लीए धन्या
Sudhiya ka apne bete se pyar karna. An wo nana nani Ke ghar jayenge. Fir sudhiya kallu ko apna doodh pilaye gi
please ye bhi dikha dena.
kallu apni maa sudhiya ka doodh pita hai aur jawan mard ban jata hai. maa ke doodh ke wajah se wo etna taktwer shaktishali pahelwan ban jata hai.
sudhiya kallu ko roj din aur raat doodh pila ke kallu ka pet bhar jata hai. sudha ko kallu per pyar ata hai. sudhiya bina blause ke ghar me ghumti hai. aur kallu jab chahe jaha chahe apni maa sudhiya ka doodh pee leta hai. aur ese hi kallu bada hota hai. jawan ho jata hai. per apni maa sudhiya ka doodh peena pina jaree rakta hai. apni maa sudhiya ka doodh ke bina kallu ko na nind ati hai aur na kana kata hai.
plaese "Gyanchod12345" Bhai e seen kuch esi prakar ka dal dena please sir
apka bahut bada fan hu sir
thank you sir.
धन्याद मित्र ।
आपका सुझाव अच्छा है लेकिन कहानी को मै अपने हिसाब से लिखना चाहता हू आशा करता हू आपको पसंद आयेगी और आप इसी तरह प्रोत्साहित करते रहेंगे।
 

doctorchodu

MILFLOVER
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Kahani dilchasp hai....yeh kahani kaafi had tak meri running story se milti julti hai.... "adulting lactation or milking par ekka dukka he kahani likhi gyi hain... Mai bhi same theme par story likh rha hoon.... All the best for future updates.... 4 characters kaafi acche lage hariya sugna kallu aur sudhiya

Dusri baat, kallu es kahani ka hero lagta hai... Jo apne bhai aur baap ke murder ka badla bhi hariya se lega.... Toh kahani mein action aur thriller bhi dekhne ko milega he....
 
Last edited:

Killerpanditji(pandit)

Well-Known Member
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सूगना बीते हुए दिनो को याद करती है कैसे हरिया और उसके बीच चुदाई की शुरूआत हुई थी
बात उन दिनों की है जब सूगना के पड़ोस मे रहने वाली भूरी काकी ने बच्चे को जन्म दिया था उस समय हरिया किशोरावस्था मे था और लाला के घर छोटू का काम करता था जैसे कि पौधों को पानी देना साफ सफाई करना पशुओं को चारा डालना ।

एक दिन भूरी काकी सूगना से मिलने उसके घर आई हरिया भी घर पर ही था, दोनो सहेलियों मे बातचीत हो रही थी ।

भूरी काकी- बहन जबसे मुन्ना हुआ है इन्होने शहर से एक पैसा ना भेजा है डाॅकटर ने हमे कहा है कि अगर मै अपने आहार पर ध्यान ना दूंगी तो मेरी छाती मे दून ना होगा जिससे मुन्ने को तकलीफ होगी , कुछ पैसे हो सुगना बहन तो दै दौ । जैसे ही मुन्ना के बापू पैसे भेजगा मै लौटा दूंगी।

सूगना - कैसी बात करती हो भूरी बहन तूम मेरी छोटी बहन हो ये कुछ पैसे कल लाला जी ने दिये ये तूम रख लो और मुन्ने को खूब दूध पिलाओ , तभी यह बडा होकर मजबूत मर्द बनेगा ।

भूरी काकी- धन्यवाद सूगना बहन .... अच्छा एक बात बताइए बहन

सूगना - कौन सी बात रे

भूरी काकी- वो हरिया ने कबतक ....मेरा मतलब है कबतक आपकी छाती से दूध पिया है

(यह सूनकर हरिया के कान खडे हो गये और वो ध्यान से अपनी माई और काकी की बात सुनने लगा)

सूगना - देख बहिन बच्चा क अधिकार उकी माई के दूध पर जनम भर होवत है ...देखती नही मेरे हरिया को पूरे गांव मे उकि टक्कर का कौनो मर्द नही इतनी कम उम्र मे लाला जी का काम संभाल लिया मेरे हरिया ने .... और रही बात दूध पीने की तो मेरे बेटे हरिया ने अभी चार साल पहले मेरा दून पीना बंद किया है ।

भूरी - हाए दईया हरिया बाबू तो जवान हो गये है और चार साल पहिले भी जवान थे बहिन

सूगना -तो का हुआ है तो मेरा बेटवा ना तो अपनी माई के थनों से वो चाहे तो उम्र भर दूध पी सकता है लेकिन मेरे थनों मे अब तेरी तरह दूध नही आता है भूरी वर्ना मै अपने बचाव को जरूर पिलाती

(इतने मे भूरी काकी का बच्चा रोने लगता हैऔर वह अपनी चूचियों को ब्लाउज से निकालकर अपने बच्चे के मुंह दे देती है और यह देखकर हरिया के बदन मे एक सुखद हलचल होती है वो फौरन अपनी माई और खुद को सोचने लगता है कि माई कैसे उसे दिनभर अपना दूध पिलाती थी अभी तक हरिया के मन मे अपनी माई के लिए कोई गलत भावना नही आई थी बस आज उसका मन एकबार फिर अपनी माई के चूचियों को पीने का कर रहा था बस वह चाहता था कि उसकी माई उसे बचपन मे जिस तरह अपना दूध पिलाती थी ठीक उसी तरह अपने बेटे को एकबार फिर अपना दूध पिलाए।

धीरे धीरे शाम हो जाती है और सूगना आंगन मे केवल पेटीकोट मे पहनकर नहाने जा रही थी वो हैंडपंप से पानी भर रही थी उसकी दोनो चूचिया लटकी हुई थी जैसे जैसे सूगना हैंडपंप चलाती उसकी दो दो किलो कि पपीते जैसी चूचिया हिलती थी

इतने मे हरिया घर आता है और देखता घर का दरवाजा अंदर से बंद है

हरिया - माई ओ माई दरवाजा खोल मुझे लाला जी के घर जाना है उनकी भैंस का दूध निकालने का समय हो गया है
देर पहुंचा तो फिर गाली देंगे

सूगना - आती हू बेटवा ...वही ठहर

(सूगना जाकर दरवाजा खोलती है और अपने बेटे को घर मे लेकर तुरंत दरवाजा बंद करती है )

हरिया- का कर रही थी माई ( इतना कहकर हरिया अपनी माई की चूचियों को देखता है जिसे देखकर उसे काफी सूख का अनुभव होता है )

सूगना - का देखता हौ बेटवा बारह बरस तक पिया तूने मेरा दूध चार साल से इनमे दूध ना है वरना तोरी माई तोका आज भी अपना दूध पिलाती

हरिया - माई.....अब दूध काहे ना है मुझे तो पीना है

सूगना- अब तोरी माई बूढ़ी हो गई है बेटवा और तू भी तो बडा हो गया है

हरिया-माई एकबार पीकर देखूं (हरिया के मन मे कोई गलत भावना नही थी वो सब एक बच्चे की तरह अपनी माॅ का स्तनपान करना चाहता था लेकिन विडंबना ये थी कि हरिया की बात सुनकर सूगना की बूर फूलने लगी उसे ये बात रोमांचित कर रही थी कि कैसे उसका जवान बेटा उसके स्तनों को पियेगा )

सूगना - अभी ना बेटवा रात मे पी लेना अभी तू जा लाला की भैंस का दूध भी तो निकालना है तूझे देर हो जाएगी । अरेरेरे ..... ये क्या बेटवा अब काट मत दूध नही आएगा ऐसे अचानक कोई अपनी माई की चूची पीता है क्या

हरिया- अपने मूह से सूगना की चूची निकालता है माफ करना माई ....देर भी बहुत हो रही है तू नहा लै और मेरी पतलून खोज कर दे दै मुझे पतलून बदलनी है

सूगना - बेटवा तेरी पतलून अंदर अलमारी मे है जल्दी पहन और जा वर्ना लाला जी की डाट पड़ेगी

हरिया- माई वो डाटते कहा है वो तो सीधा गालियाँ देते है रंडी का बच्चा कहते है

सूगना - जाने दे बेटवा गाली शरीर को नही लगती ....और उन्ही की वजह से हमारा घर चलता है बेटवा( मन मे ...बेटवा तोरी माई लाला की रंडी तौ है ही और तू भी लाला के लंड से ही पैदा हुआ है और तोरी माई तोका तोरा हक जरूर दिलवावेगी एक दिन तू इस गाॅव का लाला बनेगा लाला की सारी जायदाद तोरे नाम होगी बेटवा)

हरिया- माई इ माधरचोद का होत है जब देखो लालाजी मुझे माधरचोद कहते है

( ये सुनकर सूगना सन्न रह जाती है एक पल के लिए उसके मन मे खयाल आता है कि हरिया अगर सचमुच माधरचोद बन जाए तो ....ये सोचकर वो अपना सिर झटक देती है उसे खुद पर ग्लानि होती है )

सूगना - कुछ नही बेटवा इ भी एक गाली होती है

हरिया- माई मुझे पता है इ गाली है लेकिन इसका मतबल का हुआ

सूगना- क्यू रे नासपिटे! जाता है या उठाऊ डंडा जा जल्दी
लाला जी गुस्सा करंगे

हरिया- जाता हू माई (इतना कहकर वो फौरन पतलून पहन कर लाला जी के घर चला जाता है )

हरिया के जाते ही सूगना दरवाजा बंद करके नहाने बैठ जाती है और हरिया की बात सोचने लगती है बार बार उसके कानो मे हरिया का वही सवाल गूंजता है ....माई इ माधरचोद का होता है ? और देखते देखते उसकी बूर आग की तरह गर्म हो जाती है उसे खुद पर गुस्सा आता है और वो अपने शरीर पर ठंडा पानी डालकर नहाती है और रसोईघर मे खाना पकाने चल देती है ।

Present मे,

बेचन और मल्लू की हत्या को पंद्रह दिन बीत चुके थे
सुधियाँ को अपने पति और जवान बेटे की मौत का गहरा सदमा लगा था उसके मन मे यह डर घर कर गया था कि कही उसके बचे हुए एकलौते सहारे उसके बेटे कल्लू को भी हत्यारे मार ना डाले

सुधिया- बेटा.... अब हम इस गाॅव मे नही रहेंगे यहा हमारी जान सुरक्षित नही है

कल्लू- नही अम्मा मुझे लाला और उसके आदमियों से भाई और बापू की हत्या का बदला लेना है मै ये गाॅव छोडकर नही जाऊंगा

सुधिया- मेरी बात को समझ बेटे ...बदला तो मै भी लेना चाहती हू आखिर मैने अपना सुहाग और जवान बेटा खोया है मै लाला की बर्बादी देखना चाहती हू लेकिन यह समय अभी अनुकूल नही है लाला बहुत ताकतवर है उसके आदमी राक्षस है वो हमे चीटी की तरह मसल सकते है
हमे सही समय का इंतजार करना होगा बेटे बदले की इस आग को और भड़काना होगा तुझे एक योद्धा बनना होगा बेटा

कल्लू- ठीक है अम्मा मै सही समय का इंतजार करूंगा , लेकिन हम ये गाॅव छोडकर कहा जाएंगे

सुधिया- मैने सब सोच लिया है बेटे हम तेरे नानी के घर जाएंगे तेरे नाना नानी तो इस दुनिया मे है नही और तेरा मामा भी अपना परिवार लेकर शहर रहता है तो हम वही रहेंगे और तेरे नाना की जमीन पर खेती करेंगे मैने तेरे मामा से बात कर ली है और वो मान गये है

कल्लू-ठीक है अम्मा हम कल ही मामा के गाॅव जाएंगे

सुधियाँ- याद रहे बेटा हमे दिन निकलने से पहले यहा से निकलना होगा वर्ना लाला के आदमी हमे पकड लेंगे ।

और इस तरह अपने सीने मे आग लिए अगली ही सुबह सुधियाँ और कल्लू दोनो गाॅव छोडकर चले जाते है ।
Jabardast update
 

Riitesh02

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सूगना बीते हुए दिनो को याद करती है कैसे हरिया और उसके बीच चुदाई की शुरूआत हुई थी
बात उन दिनों की है जब सूगना के पड़ोस मे रहने वाली भूरी काकी ने बच्चे को जन्म दिया था उस समय हरिया किशोरावस्था मे था और लाला के घर छोटू का काम करता था जैसे कि पौधों को पानी देना साफ सफाई करना पशुओं को चारा डालना ।

एक दिन भूरी काकी सूगना से मिलने उसके घर आई हरिया भी घर पर ही था, दोनो सहेलियों मे बातचीत हो रही थी ।

भूरी काकी- बहन जबसे मुन्ना हुआ है इन्होने शहर से एक पैसा ना भेजा है डाॅकटर ने हमे कहा है कि अगर मै अपने आहार पर ध्यान ना दूंगी तो मेरी छाती मे दून ना होगा जिससे मुन्ने को तकलीफ होगी , कुछ पैसे हो सुगना बहन तो दै दौ । जैसे ही मुन्ना के बापू पैसे भेजगा मै लौटा दूंगी।

सूगना - कैसी बात करती हो भूरी बहन तूम मेरी छोटी बहन हो ये कुछ पैसे कल लाला जी ने दिये ये तूम रख लो और मुन्ने को खूब दूध पिलाओ , तभी यह बडा होकर मजबूत मर्द बनेगा ।

भूरी काकी- धन्यवाद सूगना बहन .... अच्छा एक बात बताइए बहन

सूगना - कौन सी बात रे

भूरी काकी- वो हरिया ने कबतक ....मेरा मतलब है कबतक आपकी छाती से दूध पिया है

(यह सूनकर हरिया के कान खडे हो गये और वो ध्यान से अपनी माई और काकी की बात सुनने लगा)

सूगना - देख बहिन बच्चा क अधिकार उकी माई के दूध पर जनम भर होवत है ...देखती नही मेरे हरिया को पूरे गांव मे उकि टक्कर का कौनो मर्द नही इतनी कम उम्र मे लाला जी का काम संभाल लिया मेरे हरिया ने .... और रही बात दूध पीने की तो मेरे बेटे हरिया ने अभी चार साल पहले मेरा दून पीना बंद किया है ।

भूरी - हाए दईया हरिया बाबू तो जवान हो गये है और चार साल पहिले भी जवान थे बहिन

सूगना -तो का हुआ है तो मेरा बेटवा ना तो अपनी माई के थनों से वो चाहे तो उम्र भर दूध पी सकता है लेकिन मेरे थनों मे अब तेरी तरह दूध नही आता है भूरी वर्ना मै अपने बचाव को जरूर पिलाती

(इतने मे भूरी काकी का बच्चा रोने लगता हैऔर वह अपनी चूचियों को ब्लाउज से निकालकर अपने बच्चे के मुंह दे देती है और यह देखकर हरिया के बदन मे एक सुखद हलचल होती है वो फौरन अपनी माई और खुद को सोचने लगता है कि माई कैसे उसे दिनभर अपना दूध पिलाती थी अभी तक हरिया के मन मे अपनी माई के लिए कोई गलत भावना नही आई थी बस आज उसका मन एकबार फिर अपनी माई के चूचियों को पीने का कर रहा था बस वह चाहता था कि उसकी माई उसे बचपन मे जिस तरह अपना दूध पिलाती थी ठीक उसी तरह अपने बेटे को एकबार फिर अपना दूध पिलाए।

धीरे धीरे शाम हो जाती है और सूगना आंगन मे केवल पेटीकोट मे पहनकर नहाने जा रही थी वो हैंडपंप से पानी भर रही थी उसकी दोनो चूचिया लटकी हुई थी जैसे जैसे सूगना हैंडपंप चलाती उसकी दो दो किलो कि पपीते जैसी चूचिया हिलती थी

इतने मे हरिया घर आता है और देखता घर का दरवाजा अंदर से बंद है

हरिया - माई ओ माई दरवाजा खोल मुझे लाला जी के घर जाना है उनकी भैंस का दूध निकालने का समय हो गया है
देर पहुंचा तो फिर गाली देंगे

सूगना - आती हू बेटवा ...वही ठहर

(सूगना जाकर दरवाजा खोलती है और अपने बेटे को घर मे लेकर तुरंत दरवाजा बंद करती है )

हरिया- का कर रही थी माई ( इतना कहकर हरिया अपनी माई की चूचियों को देखता है जिसे देखकर उसे काफी सूख का अनुभव होता है )

सूगना - का देखता हौ बेटवा बारह बरस तक पिया तूने मेरा दूध चार साल से इनमे दूध ना है वरना तोरी माई तोका आज भी अपना दूध पिलाती

हरिया - माई.....अब दूध काहे ना है मुझे तो पीना है

सूगना- अब तोरी माई बूढ़ी हो गई है बेटवा और तू भी तो बडा हो गया है

हरिया-माई एकबार पीकर देखूं (हरिया के मन मे कोई गलत भावना नही थी वो सब एक बच्चे की तरह अपनी माॅ का स्तनपान करना चाहता था लेकिन विडंबना ये थी कि हरिया की बात सुनकर सूगना की बूर फूलने लगी उसे ये बात रोमांचित कर रही थी कि कैसे उसका जवान बेटा उसके स्तनों को पियेगा )

सूगना - अभी ना बेटवा रात मे पी लेना अभी तू जा लाला की भैंस का दूध भी तो निकालना है तूझे देर हो जाएगी । अरेरेरे ..... ये क्या बेटवा अब काट मत दूध नही आएगा ऐसे अचानक कोई अपनी माई की चूची पीता है क्या

हरिया- अपने मूह से सूगना की चूची निकालता है माफ करना माई ....देर भी बहुत हो रही है तू नहा लै और मेरी पतलून खोज कर दे दै मुझे पतलून बदलनी है

सूगना - बेटवा तेरी पतलून अंदर अलमारी मे है जल्दी पहन और जा वर्ना लाला जी की डाट पड़ेगी

हरिया- माई वो डाटते कहा है वो तो सीधा गालियाँ देते है रंडी का बच्चा कहते है

सूगना - जाने दे बेटवा गाली शरीर को नही लगती ....और उन्ही की वजह से हमारा घर चलता है बेटवा( मन मे ...बेटवा तोरी माई लाला की रंडी तौ है ही और तू भी लाला के लंड से ही पैदा हुआ है और तोरी माई तोका तोरा हक जरूर दिलवावेगी एक दिन तू इस गाॅव का लाला बनेगा लाला की सारी जायदाद तोरे नाम होगी बेटवा)

हरिया- माई इ माधरचोद का होत है जब देखो लालाजी मुझे माधरचोद कहते है

( ये सुनकर सूगना सन्न रह जाती है एक पल के लिए उसके मन मे खयाल आता है कि हरिया अगर सचमुच माधरचोद बन जाए तो ....ये सोचकर वो अपना सिर झटक देती है उसे खुद पर ग्लानि होती है )

सूगना - कुछ नही बेटवा इ भी एक गाली होती है

हरिया- माई मुझे पता है इ गाली है लेकिन इसका मतबल का हुआ

सूगना- क्यू रे नासपिटे! जाता है या उठाऊ डंडा जा जल्दी
लाला जी गुस्सा करंगे

हरिया- जाता हू माई (इतना कहकर वो फौरन पतलून पहन कर लाला जी के घर चला जाता है )

हरिया के जाते ही सूगना दरवाजा बंद करके नहाने बैठ जाती है और हरिया की बात सोचने लगती है बार बार उसके कानो मे हरिया का वही सवाल गूंजता है ....माई इ माधरचोद का होता है ? और देखते देखते उसकी बूर आग की तरह गर्म हो जाती है उसे खुद पर गुस्सा आता है और वो अपने शरीर पर ठंडा पानी डालकर नहाती है और रसोईघर मे खाना पकाने चल देती है ।

Present मे,

बेचन और मल्लू की हत्या को पंद्रह दिन बीत चुके थे
सुधियाँ को अपने पति और जवान बेटे की मौत का गहरा सदमा लगा था उसके मन मे यह डर घर कर गया था कि कही उसके बचे हुए एकलौते सहारे उसके बेटे कल्लू को भी हत्यारे मार ना डाले

सुधिया- बेटा.... अब हम इस गाॅव मे नही रहेंगे यहा हमारी जान सुरक्षित नही है

कल्लू- नही अम्मा मुझे लाला और उसके आदमियों से भाई और बापू की हत्या का बदला लेना है मै ये गाॅव छोडकर नही जाऊंगा

सुधिया- मेरी बात को समझ बेटे ...बदला तो मै भी लेना चाहती हू आखिर मैने अपना सुहाग और जवान बेटा खोया है मै लाला की बर्बादी देखना चाहती हू लेकिन यह समय अभी अनुकूल नही है लाला बहुत ताकतवर है उसके आदमी राक्षस है वो हमे चीटी की तरह मसल सकते है
हमे सही समय का इंतजार करना होगा बेटे बदले की इस आग को और भड़काना होगा तुझे एक योद्धा बनना होगा बेटा

कल्लू- ठीक है अम्मा मै सही समय का इंतजार करूंगा , लेकिन हम ये गाॅव छोडकर कहा जाएंगे

सुधिया- मैने सब सोच लिया है बेटे हम तेरे नानी के घर जाएंगे तेरे नाना नानी तो इस दुनिया मे है नही और तेरा मामा भी अपना परिवार लेकर शहर रहता है तो हम वही रहेंगे और तेरे नाना की जमीन पर खेती करेंगे मैने तेरे मामा से बात कर ली है और वो मान गये है

कल्लू-ठीक है अम्मा हम कल ही मामा के गाॅव जाएंगे

सुधियाँ- याद रहे बेटा हमे दिन निकलने से पहले यहा से निकलना होगा वर्ना लाला के आदमी हमे पकड लेंगे ।

और इस तरह अपने सीने मे आग लिए अगली ही सुबह सुधियाँ और कल्लू दोनो गाॅव छोडकर चले जाते है ।
Nice update
Waiting for more.
 

Riitesh02

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मित्र सुझाव के लीए धन्या

धन्याद मित्र ।
आपका सुझाव अच्छा है लेकिन कहानी को मै अपने हिसाब से लिखना चाहता हू आशा करता हू आपको पसंद आयेगी और आप इसी तरह प्रोत्साहित करते रहेंगे।
Sab kuch kar lena bhai bas hero ko muth maru mat banana meri hath jodke req hai ?
 
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Tusharanil

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मित्र सुझाव के लीए धन्या

धन्याद मित्र ।
आपका सुझाव अच्छा है लेकिन कहानी को मै अपने हिसाब से लिखना चाहता हू आशा करता हू आपको पसंद आयेगी और आप इसी तरह प्रोत्साहित करते रहेंगे।
thank you sir
me apka bahut bada fan hu
 

atharali

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कहानि में गांव हो तो सोने पे सुहागा है
क्यो कि गांव का सेक्स का मजा हि अलग है
और आप एक बढिया कहानि दि ???पर
अपडेड को देरि हो रही है सर
 
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