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Adultery बुरी फसी लक्ष्मी आंटी (Completed)

AVINASH

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Sorry for late reply but I am trying to keep 2 Marathi and 1 Hindi stories running together.
Will appreciate your support
Do as u feel comfortable.
I do not say how u go ahead.
I like to read story only either it marathi or hindi
no problem
 

Lefty69

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शनिवार शाम 6 बजे
सन्नी

लक्ष्मी आंटी के नखरे हमें ज्यादा नहीं झेलने पड़े। नाश्ता करने के बाद Kitchen में ही लक्ष्मी आंटी ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए उसे छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई।

मैंने बड़े नखरे दिखा कर उसे हमारी कसम याद दिलाई। लक्ष्मी आंटी तड़प रही थी और मैंने उसे अपना लौड़ा दिखाया तो लक्ष्मी आंटी भूकी शेरनी की तरह लपक कर उसे निगल गई। जब मेरा लौड़ा चिकनाहट से भर गया तो मैंने लक्ष्मी आंटी को kitchen के मेज पर एक पैर रख कर लेटने को कहा। Chastity belt के पिछवाड़े में बनी खाली जगह से लक्ष्मी आंटी की भुरी आंख दिख रही थी।

मैंने अपना चिकना लौड़ा लक्ष्मी आंटी की गांड़ में दबाया तो लक्ष्मी आंटी ने एक प्यारी सी आह… के साथ मेरा डंडा अपनाया। हालांकि लक्ष्मी आंटी ने 6 बार गांड़ मरवाई थी फिर भी वह अब तक गांड़ मारने की आदि नहीं हुई थी। लक्ष्मी आंटी हमारी जिद के लिए गांड़ मराती थी। विक्की ने आगे से झुक कर लक्ष्मी आंटी को चूमना शुरू किया तो मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ फैलाकर पेलना जारी रखा। लक्ष्मी आंटी की चूत कि गहराइयों में बजता vibrator बीच के पतले मांस के परदे से मेरे लौड़े को मालिश कर रहा था। Vibrator की झुनझुनाहट ने लक्ष्मी आंटी को पहले से गरम कर रखा था और अब मेरे मूसल ने साथ साथ लक्ष्मी आंटी के पिछवाड़े को बजाकर उसे शरीर सुख की चोटी से धकेल दिया। लक्ष्मी आंटी झडने लगी पर मैं रुका नहीं। लक्ष्मी आंटी के बदन में होता लौड़ा-vibrator घर्षण उसे कामोत्तेजना के अधर में लटकाए झूला रहा था। लक्ष्मी आंटी विक्की का लौड़ा चूसते हुए अपना बदन झटक रही थी, कांप रही थी, मुंह से लार टपकाती आंखे घुमाकर अकड़ते हुए झड रही थी।

अचानक विक्की ने अपना लौड़ा लक्ष्मी आंटी के मुंह में से बाहर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने लगभग रोते हुए हाथ बढ़ाकर उसे पकड़े रखने की कोशिश की पर नाकाम हुई।

तकरीबन 15 मिनट की बेरहम कुटाई के बाद मैंने अपना लौड़ा जड़ तक लक्ष्मी आंटी की गांड़ में पेल दिया और उसके आंत को अपने रस से रंग दिया। मैंने ' प्क्क' की आवाज से लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से अपनी तलवार निकाली तो लक्ष्मी आंटी ने कराहकर अपने आखिरकार थमे चरमसुख से सांस ली।

अफसोस की लक्ष्मी आंटी को इतनी ही राहत मिलनी थी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के मुंह में झडने के डर से अपना लौड़ा बाहर निकाला था और अब अपनी बारी लेने को आतुर होकर वह आगे बढ़ा। लक्ष्मी आंटी में इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि वह विक्की का विरोध करती। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को घुमाकर लक्ष्मी आंटी को पीठ के बल लिटा दिया। फिर विक्की ने लक्ष्मी आंटी के अब खुले और मेरे रस से भरे छेद में अपना खूंटा ठूस दिया।

“विक्की बाबू…” लक्ष्मी आंटी ने पुकारा और उसके लौड़े को अपने पिछले छेद में निगल गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के दोनो पैर अपने कंधो पर रख दिए और झटकेदार ठुकाई करने लगा। लक्ष्मी आंटी ने मेज को अपनी गांड़ के दोनों तरफ से पकड़ लिया जिस से विक्की को अपने झटके देने में सहूलियत मिली। मैं मेज के दूसरी ओर से लक्ष्मी आंटी के हिचकोले खाते दूधिया गुब्बारों को देख कर ललचाया। मैंने झुक कर लक्ष्मी आंटी की चूची पर जड़े तंग बेरी को अपने होठों से पकड़ा और दुसरी चूची को पकड़ कर दबाने लगा।

अबकी बार लक्ष्मी आंटी का मुंह खुला था तो उसने असंबद्ध आवाजें निकाल कर अपनी उत्तेजना दिखाई। लक्ष्मी आंटी अब न तो कोई लड़की थी न ही औरत, वह केवल प्रणय सुख में झूलती और उसे झेलती एक मादा थी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ को अच्छे से फैलाकर पेला और 15 मिनट स्वर्ग घुमाकर ही लक्ष्मी आंटी की गांड़ में झड़ गया।

जब हम दोनों पीछे हो कर अपनी मेहनत के असर का निरीक्षण करने लगे। लक्ष्मी आंटी के दोनों पैर अंदर से गीले थे। चूत में से बहता रस देखा तब पाया कि मेज के नीचे लक्ष्मी आंटी के रसों से डबरा बना है। लक्ष्मी आंटी मेज पर निढाल होकर पड़ी थी। लक्ष्मी आंटी की खुली गांड़ में से हमारा गाढ़ा घोल अब टपक कर नीचे बने डबरे को सामूहिक रूप दे रहा था। लगातार आधे घंटे तक झडने से लक्ष्मी आंटी पस्त हो गई थी लेकिन अब भी लक्ष्मी आंटी की चूत में झुनझुनाता vibrator अपना दम तोड़ने से कोसों दूर था।

“बेचारी लक्ष्मी आंटी!!!”

Score Card शनिवार शाम 6 बजे तक
लक्ष्मी आंटी--मुंह------चूत------गांड
विक्की---------5---------6-------4
सन्नी------------5---------6-------4
 

Lefty69

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Aage kuchh fantasy add kar shakte ho jaise strip poker game, murga punishment, roleplay games etc.
I can't do hardcore but hopefully you will like this,
agar dp nahi chiye to Achanak unko ghar bapas bhejo
jaha laxmi shyad one by one sex kar sakegi
घर जरूर जाएंगे और वहां पर तो और भी character हैं। कहानी को twist देने के लिए।
regular update karo....

story achhi hai....
:goteam:
Thanks, trying but I will appreciate if you reply and give suggestions.
 
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Reactions: kamdev99008

Lefty69

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विक्की


लड़खड़ाते कदमों से लक्ष्मी आंटी ने kitchen के मेज से कुर्सी तक का सफर तै किया। लक्ष्मी आंटी ने vibrator की बैटरी जल्दी ख़तम करने के लिए उसे पूरी speed par दौड़ाए रखा था। उस से लक्ष्मी आंटी की हालत जल बिन मछली की तरह तड़पने से थी। रात के खाने के लिए लक्ष्मी आंटी को kitchen में कुर्सी पर बिठा कर हम दोनों ने काम किया। लक्ष्मी आंटी, जैसे तैसे हम दोनों को खाना बनाना सिखा रही थी। जब खाना परोसा गया तो लक्ष्मी आंटी को हिलना डुलना मुश्किल हो गया था।

हमने वहीं पर खाना परोसा। Kitchen में लक्ष्मी आंटी के पैरों के बीच में कोई सैलाब उमड़ा था। लक्ष्मी आंटी की जांघे उसके रस से भीगी हुई थी और लक्ष्मी आंटी बिना रुके झडती हुई कुर्सी पर बैठी थी।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, सुबह कब से होगी? मुझे थकान हो गई है। अब सहना मुश्किल है। मुझे छुड़ाओ इस आफत से!!!”

“लक्ष्मी आंटी, जरा खाना खालो। सुबह तो 4 बजे से होती है पर बैटरी उस से पहले ही दम तोड़ देगी। वैसे भी, खाना होते ही हम सब ऊपर जा कर तुम्हारी गांड की वो खबर लेंगे की तुम इस मीठे दर्द को भूल जाओगी।”

लक्ष्मी आंटी ने फटाफट खाना खाया और हमारी ओर देखा। हम दोनों ने भी अपना खाना खा लिया था। लक्ष्मी आंटी के पैर लड़खड़ाये तो मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया। लक्ष्मी आंटी ने मेरे कंधे पर अपना सिर रख कर मुझपर अपना विश्वास दिखाया। हम सब ऊपर गये तो सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का apron उतार दिया। Chastity belt से छुटकारा पाने में अभी पूरी रात जानी थी।

हम दोनों बेडपर बैठ गए तो लक्ष्मी आंटी अपने हाथों और घुटनों के बल रेंगते हुए हमारे सामने आई। अपने पेट के बल लेटकर लक्ष्मी आंटी ने अपने पैरों को फैलाया। इस से vibrator पर पैरों का दबाव कम हुआ पर वह थोड़ा सा अंदर दब गया।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, चोदो मुझे। मुझपर कोई रहम मत करना। बुरी तरह कूटो मुझे। आह… बाबू…”

लक्ष्मी आंटी ने अपने सामने नजर आने वाले पहले लौड़े को निगल लिया और दूसरे को पकड़ कर हिलाने लगी। कुछ देर बाद पहले लौड़े पर बनी चिकनाहट से वह लौड़ा गले में उतरने लगा तो लक्ष्मी आंटी ने उसे छोड़ दूसरे को चूसना शुरू किया।

मैंने लक्ष्मी आंटी की इजाजत समझकर, बेड पर से उतर गया। लक्ष्मी आंटी सन्नी के लौड़े को चूसने में दंग थी जब मैं पीछे से चढ़ गया। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का सर अपने लौड़े पर दबाया, मैंने उसी वक़्त धावा बोला।

मेरे सुपडे ने लक्ष्मी आंटी की गांड को भेद कर फैलाया तो लक्ष्मी आंटी ने फरक पहचाना। अब तक सन्नी पहले गांड फैलता और फिर मैं उसे चौड़ा करता। लक्ष्मी आंटी की कसी हुई गांड फैलते हुए मैं अपने लौड़े को जड़ तक दबाते हुए ले जाया। लक्ष्मी आंटी के बदन पर लेट कर अब हम दोनों सन्नी का पेट देख रहे थे।

आखिरकार मदत सन्नी से ही मिली। सन्नी उठ कर सरक गया और मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड मारना शुरू कर दिया। लक्ष्मी आंटी इतनी गरम हो चुकी थी कि वह निचे से अपने कूल्हे उठा कर मेरे हर धक्के को अपने अंदर ले रही थी। इस धमाचौकड़ी में सन्नी चुपचाप बाजू में खड़ा रेकॉर्डिंग कर रहा था।

लक्ष्मी आंटी इस तरह गांड पहले मरा चुकी थी और अब अपना पूरा सहयोग देते हुए मजे ले रही थीं। मैंने लक्ष्मी आंटी के दूधिया गोले अपनी मुठ्ठी में के भींच कर अपनी तोप दागी और लक्ष्मी आंटी कि गदराई गांड में अपने बीज की बौछार कर दी। मैं लक्ष्मी आंटी के बदन पर गिर गया पर लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड से मेरे लौड़े को निचोड़ना जारी रखा।

“सन्नी, यार बचा ले। इसकी गांड अब भी भूकी है। ले तू पेल कर इसकी भूक मिटा दे।”

सन्नी ने कैमरे को बगल में रख दिया और बेड पर लेट गया। मेरे उठते ही लक्ष्मी आंटी उठी और सन्नी का लौड़ा चूसने लगी। मैंने कैमरा उठाया और रिकॉर्डिंग जारी रखा। लक्ष्मी आंटी की गांड का छेद थोड़ा खुला था और मेरे रस की कुछ बूंदें वहां से बाहर निकलने वाली थी। लक्ष्मी आंटी ने अचानक अपने हाथ से अपनी गांड के छेद को दबाया। लक्ष्मी आंटी ने अपनी रस से लबालब भरी गांड सन्नी की सुपडे से बंद कर दी। लक्ष्मी आंटी के थोड़े जोर लगाने से सन्नी का भाला लक्ष्मी आंटी कि गांड में सेंकने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने बड़े मस्ताने अंदाज में सन्नी की आंखों में देख कर चुधना शुरू कर दिया और सन्नी भी लक्ष्मी आंटी के मम्मे मालिश करते हुए चुचियों को निचोड रहा था। उन दिनों की काम वासना देख, उनसे दूर रहना मुश्किल था पर मैंने किया।

जब सन्नी ने आह भरकर लक्ष्मी आंटी की गांड़ भरी तब हम सब थक कर सो गए। लक्ष्मी आंटी के Chastity belt का vibrator कब बंद हो गया ये तो शायद लक्ष्मी आंटी को भी पता नहीं चला। आज रात में हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को ज्यादा परेशान नहीं किया। बस एक एक बार फिर से गांड़ मारी तो दो दो बार अपना रस पिलाया।

Score Card रविवार सबेरे 4 बजे तक
लक्ष्मी आंटी-मुंह----चूत----गांड
विक्की--------7-------6------6
सन्नी-----------7--------6------6
 

Lefty69

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SKYESH

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no sorry
no thanks....

be a good friends...................
 

Lefty69

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सन्नी

पिछले 36 घंटों में हम दोनों 20-20 बार झड़ चुके थे और लक्ष्मी आंटी की हालत न पुछे तो ही बेहतर। अब हम सब ऐसी हालत में थे कि हम थक कर चूर चूर हो गए थे।

सुबह 7 बजे जब मैंने आंखें खोली तब बेड पर लक्ष्मी आंटी नहीं थीं। दबे पांव मै नीचे उतरा तो लक्ष्मी आंटी को kitchen के बाहर सब्जियों के बाग में कुर्सी पर शांत बैठ कर पुराना अखबार पढ़ते पाया। लक्ष्मी आंटी की खुली पीठ उसकी जवानी को उजागर कर, मुझे सोचने पर मजबुर कर रही थी।

लक्ष्मी आंटी काम करती हैं पर वह गुलाम नहीं, मजबुर से चोरी की पर गुनहगार नहीं, एक कि पत्नी होते हुए दो प्रेमी है पर बदचलन या वैष्या नहीं। लक्ष्मी आंटी के साथ आज तक जो भी हुआ है उसके लिए कोई और जिम्मेदार है। लक्ष्मी आंटी तो आज भी छोटी छोटी खुशियों से खुश होने वाली एक जवान लड़की है।

मैंने दूसरी कुर्सी लक्ष्मी आंटी के बगल में रख दी।

लक्ष्मी आंटी ने शरमाकर झट से अखबार छुपाया “सन्नी बाबू, आप उठ गए! आवाज दे देते, मैं अभी चाय बनाती हूं।”

“रुक जाओ लक्ष्मी आंटी। जरा बैठो। अगर मैं और विक्की थके हुए हैं तो तुम हमसे दुगना थकी हुई होगी। फिर भी एक बार भी चुं तक नहीं की। अब लक्ष्मी आंटी तुम बोलो। मैं जानता हूं कि लक्ष्मी आंटी कौन है और क्या करती है। मुझे बताओ कि लक्ष्मी कौन है? लक्ष्मी क्या करती है? क्या करना चाहती है? अगर लक्ष्मी को मिले तो लक्ष्मी क्या चाहेगी?”

लक्ष्मी आंटी ने मेरी बात उड़ा देनी चाही लेकिन फिर धीरे से बोल पड़ी “मैंने दसवी कक्षा पूरी की है। मैं पढ़ना चाहती थी पर पैसे और शादी बीच में आ गई। जब पप्पुजी घर में नही होते तब मैं पड़ोसी का टीवी सुनती हूं, कभी कभी गाने बजते हैं तो अकेली नाचती हूं। मैंने घर का हिसाब अच्छे से संभाला है और अगर मैंने रखे हुए पैसे पप्पूजी शराब के लिए नही लेते तो कभी चोरी नही करती। बचपन में सोचती थी कि बड़ी होकर किसी बड़ी कंपनी मे सारा हिसाब मेरे हाथ में होगा। मेरा बच्चा कभी कमी नहीं देखेगा। लड़का हो या लड़की मैं उसे पढ़ा लिखाकर बहोत बड़ा करूंगी।
छोड़ दो ये फिजूल के सपने बाबू। आप मुंह धो लो, मैं अभी चाय बनाती हूं। विक्की बाबू!!! अं… आप कब आए? आप भी मुंह धो लो, चाय अभी बन जाएगी। नाश्ते में क्या लोगे?”

“सुना तूने?”

विक्की “काश मैं न सुनता। काश कि लक्ष्मी आंटी एक सिक्के की तरह होती। एक हमारा नजरिया और एक लक्ष्मी आंटी का। लक्ष्मी आंटी आज किसी हीरे की तरह लगी। जहां से देखो एक अलग रूप, अलग पहचान है। क्या करें?

हम दोनों बातें करते हुए bathroom में गए। बाहर आते आते एक बात तो पक्की हो गई कि लक्ष्मी आंटी को हम जितनी खुशी दे सके वो हम दोनों देंगे। लक्ष्मी आंटी ने हमें चाय के साथ biscuit दिए। हमने लक्ष्मी आंटी को अपने साथ बिठा कर खाने के लिए कहा। लक्ष्मी आंटी का बरताव थोड़ा शर्मिला और हिचिचाहट से भरा हुआ था।

लक्ष्मी आंटी ने हमारे साथ नंगे बदन होने की आदत कर ली थी पर आज उसने गलती से अपने सपने दिखाकर अपने मन को नंगा कर दिया था। विक्की ने लक्ष्मी आंटी से कहा कि हम सब बाहर टहलने जाते हैं तो लक्ष्मी आंटी झट से मान गई। नंगे बदन बगीचे में घूमती लक्ष्मी आंटी कोई अप्सरा लग रही थी।

उगते सूरज की किरणों से धूप सेंकते हमने पेड़ पौधों को पानी डाला। लक्ष्मी आंटी ने अलग अलग पौधोंकी पैदावार बताई, उनसे मिलने वाले नफे नुकसान का हिसाब बताया। सुबह के 8 बजे तक हम सब घूम कर वापस आ गए।

लक्ष्मी आंटी का पसीने की महीन परत से चमकता बदन हम युवाओं के यौवन को ऐसे ललचा गया जैसे आदमखोर बाघ को खून की महक। मुझे रहा नहीं गया और मैं ठंडे पानी से नहाने bathroom में दौड़ा। विक्की भी मेरे पीछे पीछे आ गया। लक्ष्मी आंटी ने हिलाने से मना किया था पर अब सहें कैसे? इस विचार में हम दोनों डूबे हुए थे कि लक्ष्मी आंटी अंदर आ गई।

लक्ष्मी आंटी की आंखे नम थी। लक्ष्मी आंटी धीरे से बोली,
“मुझे क्या कोई गलती हुई है? नहीं तो आप दोनों ने मुझसे ऐसी दूरी क्यों बना ली?”

मुझे और बर्दाश्त नही हुआ। मैंने लक्ष्मी आंटी से कहा कि हमें उस पर गुस्सा करने का कोई हक नही। उलटा हम उसके गुनहगार हैं। हम दोनों ने बेरहमी से न केवल उसकी इज्जत लूटी पर उसके तन बदन को निचोड़ कर हर तरफ से इसतेमाल किया।

लक्ष्मी आंटी के होठों पर मुस्कान आ गई, “तो बोलो, अब मैं आप दोनों को सजा दे सकती हूं? हम्म तो मैं आप दोनों को मुर्गा बनाऊं या आप दोनों के कड़क पिछवाड़े पर एक पतली डंडी से चाबुक के वार करूं?
नहीं… नहीं… ये तो बड़ी आसान सजा होगी।"

*Please consider this as part 1 of this update, tell me your opinions about going further. Also this update included lot of human aspects, do you think it is good for the story or not?
 
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