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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

Mass

Well-Known Member
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Truly awesome update Rohnny Bhai..looking forward to the hot threesome of Raghu, Kagri and Shaalu. Really super episode.
After a very very long time, I am also (like many of your admirers) looking forward to the next update..hope we are all in for a good treat :) :D
Thank you.
 

Baba Mechanchiii

_𝕿𝖍𝖊 𝕽𝖚𝖑𝖊𝖗 𝖔𝖋 𝕾𝖔𝖑𝖎𝖙𝖚𝖉𝖊_🎭🚬
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रघु सालु को कुछ ही देर में घर पर लेकर आ गया शालू को देखते हुए उसकी मां बहुत खुश हुई,,,, कजरी अपने मन में सोच रही थी कि भले ही उसकी बेटी कैसी भी हो लेकिन उसके लिए थी तो उसके जिगर का टुकड़ा है इसलिए तो उसके दूर रहने पर उसका मन कचोट रहा था लेकिन उसे अपनी आंखों के सामने देखते ही वह फिर से खुश हो चुकी थी और उसे गले लगा कर रोने लगी थी,,,,। शालू के मायके वापस लौटने की खबर सुनते ही उसकी सहेलियां भी उससे मिलने के लिए आ गई और हाल-चाल पूछने के बाद वापस अपने अपने घर लौट गई,,,

शालू के मन में अभी भी ससुराल वाला दृश्य घूम रहा था जहां पर उसकी सास अपने कमरे में अपने ही पति की आंखों के सामने उसके भाई का लंड अपनी बुर में ले रही थी,,, शालू ने जो कुछ भी अपनी आंखों से देखी थी वह उसके लिए बेहद अजीब था,,,क्योंकि बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि उसके परिवार में और जमीदार के परिवार में जमीन आसमान का फर्क था तो उसकी किस्मत अच्छी थी कि जमीदार की परिवार की बहू बन चुकी थी लेकिन यह बात उससे अभी भी हजम नहीं हो रही थी,,, कि जमींदार की बीवी उसके भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाती है,,, क्योंकि वह बड़े घर की बहू थी मालकिन थी,,,, लेकिन जो कुछ भी उसने अपनी आंखों से देखी थी उसे झुठलाया भी नहीं जा सकता था,,और उसके भाई ने भी तो खुद ही बताया था कि जब उसके मायके ले जा रहा था तभी यह संबंध स्थापित हुआ था,,,, शालू अपनी भाई की बातों पर गौर कर रही थी पर अच्छी तरह से इन बातों को समझ रही थी क्योंकि जो कुछ भी उसके भाई ने बताया था वह बिल्कुल सच ही था क्योंकि उसकी सास अभी भी पूरी तरह से जवान थी और उसके ससुर बूढ़े और बिस्तर पकड़ लिया था ऐसे में औरतों का अरमान उनकी खुशियां भी मायने रखती है,,,,और इसीलिए जमीदार की बीवी और बड़े घर की बहू होने के बावजूद भी वह रघु के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी खुशी पूरी कर रही है,,, और इस कार्य में उसकी जेठानी राधा भी शामिल थी,,,,वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई सच ही कह रहा था कि वह दोनों उसके लंड की दीवानी हो चुकी हैं जैसे कि वह खुद हो चुकी थी और अभी भी है,,, एक बार रघु का लंड कोई भी औरत अपनी बुर में ले ले तो दोबारा लिए बिना उसका मन नहीं मानता और यही सब कुछ हो गया था इस बात पर वह खुद मुस्कुरा दी,,, और घर के काम में हाथ बटाने लगी,,, उसकी मां खेतों पर जा चुकी थी,,, रघु इधर-उधर घूम कर मटरगश्ती कर रहा था सॉरी इस बात से अनजान थे कि उसकी और उसके भाई के बीच की हकीकत को उसकी मां अच्छी तरह से जान चुकी थी और रघु से कबूल भी करवा ली थी,,, इसलिए वहइस संबंध में पूरी तरह से निश्चित की और अपने भाई का ही इंतजार कर रही थी क्योंकि शादी के बाद बिरजू उसे रोज चोदता तो था लेकिन उसे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता था,,,,दिन-रात बिरजू के साथ होने के बावजूद भी वहां अपने भाई का ही सपना देखती रहती थी और आज अपने घर पर पहुंचने के बाद वह अपनी इच्छा पूरी कर लेना चाहती थी,,,, घर का सारा काम करने के बाद वह,,, घर में चारपाई पर लेट कर आराम कर रही थी कि तभी उसका ध्यान आगे के द्वार पर लगे दरवाजे पर गया तो उसे थोड़ा अजीब लगा और वह अपने मन में सोचने लगी ईतने वर्षों में तो कभी भी दरवाजा नहीं लगा था तो उसके जाने के बाद ही दरवाजा क्यों लग गया इसका जवाब शायद उसे नहीं मिल पा रहा था,,,,।

थोड़ी देर बाद रघु घर पर वापस आ गया और सीधा अंदर के कमरे में पहुंच गया जहां पर,,, शालू साड़ी पहने लेटी हुई थी,,,, विवाह के बाद शालू की मदमस्त जवानी और ज्यादा उफान मार रही थी,,, जिसका अंदाजा रघू उसके ब्लाउज के उठाव को देखकर ही लगा लिया था,,,,,, वह जानता था कि कभी भी अपनी बहन की चुदाई कर सकता था इसलिए इत्मीनान से उसके खूबसूरत यौवन को खटिया के पास खड़ा होकर देखता रह गया,,,, जरा सी आहट मिलते ही सालु की नींद खुल गई तो उसकी नजर रघू पर पड़ी जो कि उसे ही घूर रहा था,,,।


ऐसे क्या देख रहा है कभी देखा नहीं क्या,,,

देखा तो बहुत बार हो और वह भी बिना कपड़ों के लेकिन विवाह के बाद आज पहली बार देख रहा हूं तू तो और ज्यादा खूबसूरत लग रही है,,,,(पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को मसलते हुए बोला,,,) लगता है जीजा दिन रात तेरी ले रहा है,,,,।

ओ मुआ लेता तो है लेकिन तेरे जितना मजा नहीं दे पाता,,,


क्यों मेरा लंड ज्यादा मजा देता है क्या,,,?( पजामें को नीचे सरका कर अपने लंड को बाहर निकाल कर हिलाते हुए बोला,,,)


बहुत ज्यादा तभी तो झट से तेरे साथ चलने के लिए तैयार हो गई,,,,,,,,


और सच कहूं तो मैं भी तुझे इसीलिए यहां लेकर आया हूं,,,(इतना कहने के साथ ही रघु खटिया पर बैठ गयाऔर अपना एक हाथ आगे जाकर ब्लाउज के ऊपर से ही सालु की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

वाह,,,,, दीदी शादी के बाद तेरा दूध और बड़ा हो गया है,,, मुझे दिखा मैं देखना चाहता हूं,,,।


अपने हाथों से ही खोल कर देख ले,,,,

(इतना सुनते ही रघू अपने दोनों हाथों से शालू के ब्लाउज के बटन खोलने लगा तो उसे रोकते हुए शालू बोली,,,)


अभी नहीं बाद में अभी रहने दे मां आ गई तो,,,


तो क्या हुआ मा आ गई तो,,, वह भी हम दोनों के साथ मजा लेगी,,,(ब्लाउज का पहला बटन खोलते हुए बोला,,,)

धत्त,,,,कैसी बात कर रहा है तुझे शर्म नहीं आ रही है मां के बारे में ऐसी बात कर रहा है,,,।


तो क्या हुआ,,,,, तू भी तो मेरी बहन है हम दोनों के बीच में सब कुछ हुआ ना जरूरत के मुताबिक,,,,,,,,


कुछ भी हो लेकिन तु मां के बारे में यह सब गंदी बातें मत कर मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है,,,,,,


लेकिन मुझे तो पसंद है ना,,,(ब्लाउज के दूसरे बटन पर हाथ रखते हुए) देखी नही है मां की गांड कितनी खूबसूरत लगती है एकदम बड़ी बड़ी तेरे से भी बड़ी है,,, मेरा तो अब देखते ही खडा हो जाता है,,,,।


तू सच में पागल हो गया क्या,,,,


पागल नहीं दीवाना हो गया मां की मदमस्त गांड का,,, मेरा तो मन करता है कि मां को नंगी करके उनकी बड़ी बड़ी गांड को अपने हाथों में लेकर जोर जोर से दबाऊ,,,(शालू के ब्लाउज का दूसरा बटन भी खोलते हुए,,,)

सच में रघु तू पागल होता जा रहा है मां के बारे में इस तरह की बातें नहीं करते,,,।


बहन के बारे में भी तो नहीं किया जाता लेकिन देखो मैं तुम्हारा ब्लाउज के बटन खोल रहा हूं,,,।


मेरी बात कुछ और है,,,


क्या कुछ और है,,, तेरे पास चूची नहीं है कि बुर नहीं है,,,,,


रघु तू समझ नहीं रहा है,,,, मां के बारे में ऐसी बातें करना गंदी बात है,,,,।


मैं तो सब कुछ समझ रहा हूं लेकिन तू नहीं समझ रही है,,, तू ही बता जमीदार की बीवी के बारे में तु कभी सोची थी लेकिन उनकी भी कुछ जरूरते थी,,, भुख थी जिस्म की भूख,,,, जो कि तू तो अच्छी तरह से जानती है कि,,, जमीदार साहब बूढ़े हो चुके हैं और मालकिन जवानी के जोश से भरी और मालकिन की उफान मारती जवानी को संभाल पाना जमीदार के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,, उन्हें एक मुस्टंडा नौजवान लड़का चाहिए था,,, और सही समय पर मैं मिल गया,,,, वैसे भी मा भी जमीदार की बीवी की तरह जवान है जवानी के जोश से भरी हुई है,,, तुझे नहीं लगता कि उन्हें भी जरूरत पड़ती होगी,,, और सही कहु तो मा की बुर को भी मेरे लंड की जरूरत है,,,।


धत्त,,,,, तू पागल हो गया तू अच्छे बुरे सही गलत का फैसला नहीं कर पा रहा है,,,।


देख दीदी इसमें सही क्या है गलत क्या है यह मैं नहीं जानता लेकिन मैं इतना चाहता हूं कि मां बहुत खूबसूरत है मा की गांड बहुत खूबसूरत है मा की बुर,,,आहहहहहह,,, उसमें से तो अमृत की धारा हहती होगी,,,(रघु अपनी बहन के ब्लाउज का अंतिम बटन भी खोलते हुए बोला,,, अब उसकी बहन की चुचीया रघु की आंखों के सामने नंगी थी शादी के बाद उसकी चूचियां और भी ज्यादा निखर गई थी,,
जिसे देख कर रघू कि मुंह में पानी आ रहा था ,,। रघु से रहा नहीं गया और वह अपने दोनों हाथों में अपनी बहन की दोनों चूचियों को पकड़ के दबाना शुरू कर दिया रघु की हरकत से शालू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, उसके तन बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी,,,,।

सहहहहह आहहहहहहहहह,,,,।


मजा आ रहा है ना दीदी,,,,इसी तरह से मां को भी मजा आएगा जब उनकी दोनों नंगी चूचियों को मैं अपने हाथों को पकड़कर दबाऊंगा,,,,।


आहहहहहह,,,,, मां के साथ यह सब अच्छा नहीं लगेगा,,,,।


क्यों नहीं अच्छा लगेगा,,, सब कुछ अच्छा लगेगा जब में मा की चूची को मुंह में भरकर पीऊंगा तो उनके तन बदन में लहर उठने लगेगी,,,। जैसे तुम्हारी पुर से पानी निकलता है वैसे मां की बुर से भी पानी निकलने लगेगा,,,,।(शालू की दोनों चुचियों को जोर-जोर से दबाते हुए रघु बोला रघु की हरकत और उसकी गंदी बातों की वजह से और वह भी अपनी मां के बारे में यह सुनकर शालू के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी उसे अपने भाई की बातें अपनी मां के बारे में गंदी बातें करते हुए अच्छा लगने लगा था,,,, इसलिए वह भी सिसकारी लेते हुए बोली,,,।)

सहहहह आहहहहहह,,,,, तो क्या तु मां को चोदना चाहता है,,,,


हां दीदी मैं तो ना जाने कब से मां को चोदने का सपना देख रहा हूं,,, उनकी बड़ी बड़ी गांड,,,,आहहहहह बहुत मजा देगी,,,, मां की बुर में जब मेरा मोटा लंड जाएगा तो देखना वो कैसे मस्त हो जाएगी,,,।
(यह बात सुनते ही शालू की बुर में खुजली होने लगी अपने मन में कल्पना करने लगी कि कैसे उसकी मां उसके भाई से चुदवाएगी,,,शालू को पूरा यकीन था कि एक बार अपने बेटे का लंड अपनी बुर में लेने के बाद उसकी मां अपने बेटे की दीवानी हो जाएगी,,,, यह कल्पना करके शालू की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,)

क्या ऐसा हो पाएगा,,,,


जरूर हो पाएगा मेरी रानी जब तुम मेरे नीचे आ गई तो क्या मां नहीं आएगी,,,,, फिर देखना हम तीनों एक साथ चुदाई का मजा लेंगे,,,,मैं मा की बुर चाटुगा और मा तुम्हारी बुर चाटेगी देखना मजा आ जाएगा,,,,।


ओहहहहह,,,,, रघू,,,, तु तो मुझे पागल कर देगा,,,,,


ओहहहहह दीदी,,,,,( इतना कहने के साथ ही रघु अपनी बहन की चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,, शालू की हालत खराब होने लगी टांगों के बीच की हलचल बढने लगी,,,। और रघु अपनी बहन के साड़ी को ऊपर कमर की तरफ उठाने लगाजानता था कि उसकी मां की आने का समय हो गया है लेकिन सालु मदहोशी में पूरी तरह से भूल चुकी थी,, रघू, अपनी मां को दिखाना चाहता था,,,, शालू की चुदाई करते हुए,,,, और ऐसा ही हुआ रघु अपनी बहन की साड़ी कमर तक उठाकर उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच आकर उसकी चिकनी जांघों को अपनी जांघों पर रख कर अपने मोटे लंड को अपनी बहन की बुर में डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,। शालू एकदम मस्त हो गई बिरजू का लंड उसकी बुर में जाता जरूर था लेकिन इतना मजा नहीं देता था जितना उसे अपने भाई के लंड से आता था,,,, शालू पूरी तरह से मस्त हो गई और रघु उसकी मस्ती को और ज्यादा बढ़ाने के लिए उसकी चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,,

और तभी कजरी खेतों का काम पूरा करके वापस घर पर लौट आई और सीधा अंदर वाले कमरे के द्वार पर पहुंचकर अंदर से आ रही गर्म सिसकारी की आवाज सुनते ही,,, उसके कान खड़े हो गए,,,,दरवाजे पर लगे परदे को धीरे से हटाकर अंदर की तरफ देखी तो दंग रह गई,,, रघु अपनी बड़ी बहन के ऊपर लेटा हुआ था और उसका लंड उसकी बुर में था,,,, यह देखते ही पल भर में ही कजरी की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,,,, वह तुरंत कमरे के अंदर दाखिल होकर कटनी के पास दोनों हाथों को कमर पर रख कर बोली,,,,।


यह क्या हो रहा है,,,?

(इतना सुनते ही शालू कि तो सिटी पट्टी गुम हो गई,,,चुदवाने के चक्कर में वह भूल गई थी कि उसकी मां कभी भी घर पर वापस आ सकती हैं,,,। शालू की तो हालत खराब हो गई शालू घबरा गई थी लेकिन रघू उत्तेजना की परम शिखर पर पहुंच गया था,, उसकी कमर बड़ी तेजी से चल रही थी उसकी उत्तेजना इस अहसास से और ज्यादा बढ़ गई थी कि वह अपनी मां की मौजूदगी में अपनी बहन को चोद‌ रहा था,,,, शालू घबरा गई थी क्योंकि जिस हाल में उसकी मां ने उन दोनों को देख ली थी शायद इस बारे में सालु ने कभी कल्पना भी नहीं की थी,,,, इसलिए वह शर्म से पानी पानी हो रही थी,,, वह रघू को अपने ऊपर से उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन रघूयह जानते हुए भी कि उसकी मां उसकी पास खड़ी होकर उन दोनों को देख रही है फिर भी वह अपनी कमर को जोर-जोर से हीलाते हुए अपनी मां के सामने ही अपनी बड़ी बहन की चूची को मुंह में भरकर पी रहा था,,,,।

रघु,,,, मां आ गई,, है,,, रघू,,,,
(लेकिन रघु रुकने का नाम नहीं ले रहा था,,, वह जल्द से जल्द अपना पानी अपनी बहन की बुर में डाल देना चाहता था,,,, इसलिए अपनी बहन की बात को अनसुना करते हुए वह धक्के लगाता रहा,,, और शालु उसे अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन वह हट नहीं रहा था तो वह जोर से धक्का लगाई और इस बार रघू खटिया पर से नीचे गिर गया और अपनी आंखों के सामने अपनी मां को देखकर वह जानबूझकर डरने का नाटक करने लगा और वहां से अपने कपड़े लेकर भाग खड़ा हुआ लेकिन अंदर वाले कमरे से निकलकर बाहर वाले कमरे में जाकर कोने में खड़ा हो गया था शालू तुरंत शालू तुरंत कमर तक उठी हुई अपनी साड़ी को नीचे की तरफ कर दी और अपनी ब्लाउज के बटन बंद करने लगी तो कजरी गुस्से में बोली,,,।

यह सब क्या हो रहा है सालु,,,,

(शालू क्या बोले उसे तो कुछ सूझ नहीं रहा था आज उसकी चोरी पकड़ी गई थी वह शर्मिंदा हो गई थी और रोने लगी,,,, लेकिन कजरी जानबूझकर उसे डराने की कोशिश कर रही थी और सालु डर के मारे रोए जा रही थी,,,, और बाहर वाले कमरे में खड़ा होकर रघु हंस रहा था,,,,, शालू के मुंह से एक भी शब्द फूट नहीं रहे थे वह बस रो रही थी आंखों को नीचे झुकाएवह अपने आप को ही कोश रही थी कि बेवजह वह अपने ससुराल से यहां आ गई,,,, कजरी कुछ देर तक खड़ी रहकर शालू को डराती रही धमकाती रही उसे भला-बुरा कहती रही,,,, वह अपने दोनों हाथ से चेहरे को ढक कर रो रही थी और यही मौका रघु को ठीक लग रहा था वह वापस अंदर वाले कमरे में आ गया और,,,, अपनी मां के पीछे खड़ा होकर अपनी बहन से बोला,,,।


रो मत इधर देखो दीदी,,,(शालू फिर भी रोए जा रही थी) अरे मैं कह रहा हूं रो मत तुमने कोई पाप नहीं किया है एक बार यहां तो देखो दीदी,,,,।
(बार-बार मनाने पर शालू रोते हुए ऊपर की तरफ नजर उठाकर रघु की तरफ देखने लगी जो कि ठीक है उसकी मां के पीछे खड़ा था और वह भी बिल्कुल नंगा सालु को थोड़ी हैरानी हुई,,,, तो उसकी यह शंका भी दूर करते हुए रघू बोला,,,)

अब ध्यान से देखना दीदी,,,(और इतना कहने के साथ ही वह धीरे से नीचे की तरफ झुका और पीछे से ही अपनी मां की साड़ी को नीचे से पकड़कर धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगा यह देखकर शालू की आंखें हैरानी से फटी जा रही थी,,,,और देखते ही देखते रखो अपनी बहन को दिखाते हुए अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया और उसकी नंगी बुर नंगी टांगे मोटी मोटी जांघें सब कुछ सालु की आंखों के सामने चमकने लगी,,,शालू को तो अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था,,,। वह बस आंखें फाड़े देखी जा रही थी,,,, रघू अपनी मां के ठीक पीछे खड़ा होकर मुस्कुराए जा रहा था और बोला,,,।

मैं बोला था ना दीदी घर पर चलो,,,(इतना कहते हुए अपना एक हाथ अपनी मां की बुर पर रखकर उसे ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भींचते हुए) बहुत कुछ बदल गया है,,,,.

(शालू को अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था वह आंखें फाड़े बस देखे जा रही थी,,।
Jabardast update bro🔥
 
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cool_rock21

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जबरदस्त कहानी है भाई अब तीनो को जोरदार इन्सेस्ट सेक्स कराओ अलग अलग पोजीशन में लम्बा अपडेट देदो plzzzz

बहुत दिन इंतज़ार कराया है यह सीन का...........



trt
 

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रघु सालु को कुछ ही देर में घर पर लेकर आ गया शालू को देखते हुए उसकी मां बहुत खुश हुई,,,, कजरी अपने मन में सोच रही थी कि भले ही उसकी बेटी कैसी भी हो लेकिन उसके लिए थी तो उसके जिगर का टुकड़ा है इसलिए तो उसके दूर रहने पर उसका मन कचोट रहा था लेकिन उसे अपनी आंखों के सामने देखते ही वह फिर से खुश हो चुकी थी और उसे गले लगा कर रोने लगी थी,,,,। शालू के मायके वापस लौटने की खबर सुनते ही उसकी सहेलियां भी उससे मिलने के लिए आ गई और हाल-चाल पूछने के बाद वापस अपने अपने घर लौट गई,,,

शालू के मन में अभी भी ससुराल वाला दृश्य घूम रहा था जहां पर उसकी सास अपने कमरे में अपने ही पति की आंखों के सामने उसके भाई का लंड अपनी बुर में ले रही थी,,, शालू ने जो कुछ भी अपनी आंखों से देखी थी वह उसके लिए बेहद अजीब था,,,क्योंकि बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि उसके परिवार में और जमीदार के परिवार में जमीन आसमान का फर्क था तो उसकी किस्मत अच्छी थी कि जमीदार की परिवार की बहू बन चुकी थी लेकिन यह बात उससे अभी भी हजम नहीं हो रही थी,,, कि जमींदार की बीवी उसके भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाती है,,, क्योंकि वह बड़े घर की बहू थी मालकिन थी,,,, लेकिन जो कुछ भी उसने अपनी आंखों से देखी थी उसे झुठलाया भी नहीं जा सकता था,,और उसके भाई ने भी तो खुद ही बताया था कि जब उसके मायके ले जा रहा था तभी यह संबंध स्थापित हुआ था,,,, शालू अपनी भाई की बातों पर गौर कर रही थी पर अच्छी तरह से इन बातों को समझ रही थी क्योंकि जो कुछ भी उसके भाई ने बताया था वह बिल्कुल सच ही था क्योंकि उसकी सास अभी भी पूरी तरह से जवान थी और उसके ससुर बूढ़े और बिस्तर पकड़ लिया था ऐसे में औरतों का अरमान उनकी खुशियां भी मायने रखती है,,,,और इसीलिए जमीदार की बीवी और बड़े घर की बहू होने के बावजूद भी वह रघु के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी खुशी पूरी कर रही है,,, और इस कार्य में उसकी जेठानी राधा भी शामिल थी,,,,वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई सच ही कह रहा था कि वह दोनों उसके लंड की दीवानी हो चुकी हैं जैसे कि वह खुद हो चुकी थी और अभी भी है,,, एक बार रघु का लंड कोई भी औरत अपनी बुर में ले ले तो दोबारा लिए बिना उसका मन नहीं मानता और यही सब कुछ हो गया था इस बात पर वह खुद मुस्कुरा दी,,, और घर के काम में हाथ बटाने लगी,,, उसकी मां खेतों पर जा चुकी थी,,, रघु इधर-उधर घूम कर मटरगश्ती कर रहा था सॉरी इस बात से अनजान थे कि उसकी और उसके भाई के बीच की हकीकत को उसकी मां अच्छी तरह से जान चुकी थी और रघु से कबूल भी करवा ली थी,,, इसलिए वहइस संबंध में पूरी तरह से निश्चित की और अपने भाई का ही इंतजार कर रही थी क्योंकि शादी के बाद बिरजू उसे रोज चोदता तो था लेकिन उसे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता था,,,,दिन-रात बिरजू के साथ होने के बावजूद भी वहां अपने भाई का ही सपना देखती रहती थी और आज अपने घर पर पहुंचने के बाद वह अपनी इच्छा पूरी कर लेना चाहती थी,,,, घर का सारा काम करने के बाद वह,,, घर में चारपाई पर लेट कर आराम कर रही थी कि तभी उसका ध्यान आगे के द्वार पर लगे दरवाजे पर गया तो उसे थोड़ा अजीब लगा और वह अपने मन में सोचने लगी ईतने वर्षों में तो कभी भी दरवाजा नहीं लगा था तो उसके जाने के बाद ही दरवाजा क्यों लग गया इसका जवाब शायद उसे नहीं मिल पा रहा था,,,,।

थोड़ी देर बाद रघु घर पर वापस आ गया और सीधा अंदर के कमरे में पहुंच गया जहां पर,,, शालू साड़ी पहने लेटी हुई थी,,,, विवाह के बाद शालू की मदमस्त जवानी और ज्यादा उफान मार रही थी,,, जिसका अंदाजा रघू उसके ब्लाउज के उठाव को देखकर ही लगा लिया था,,,,,, वह जानता था कि कभी भी अपनी बहन की चुदाई कर सकता था इसलिए इत्मीनान से उसके खूबसूरत यौवन को खटिया के पास खड़ा होकर देखता रह गया,,,, जरा सी आहट मिलते ही सालु की नींद खुल गई तो उसकी नजर रघू पर पड़ी जो कि उसे ही घूर रहा था,,,।


ऐसे क्या देख रहा है कभी देखा नहीं क्या,,,

देखा तो बहुत बार हो और वह भी बिना कपड़ों के लेकिन विवाह के बाद आज पहली बार देख रहा हूं तू तो और ज्यादा खूबसूरत लग रही है,,,,(पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को मसलते हुए बोला,,,) लगता है जीजा दिन रात तेरी ले रहा है,,,,।

ओ मुआ लेता तो है लेकिन तेरे जितना मजा नहीं दे पाता,,,


क्यों मेरा लंड ज्यादा मजा देता है क्या,,,?( पजामें को नीचे सरका कर अपने लंड को बाहर निकाल कर हिलाते हुए बोला,,,)


बहुत ज्यादा तभी तो झट से तेरे साथ चलने के लिए तैयार हो गई,,,,,,,,


और सच कहूं तो मैं भी तुझे इसीलिए यहां लेकर आया हूं,,,(इतना कहने के साथ ही रघु खटिया पर बैठ गयाऔर अपना एक हाथ आगे जाकर ब्लाउज के ऊपर से ही सालु की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

वाह,,,,, दीदी शादी के बाद तेरा दूध और बड़ा हो गया है,,, मुझे दिखा मैं देखना चाहता हूं,,,।


अपने हाथों से ही खोल कर देख ले,,,,

(इतना सुनते ही रघू अपने दोनों हाथों से शालू के ब्लाउज के बटन खोलने लगा तो उसे रोकते हुए शालू बोली,,,)


अभी नहीं बाद में अभी रहने दे मां आ गई तो,,,


तो क्या हुआ मा आ गई तो,,, वह भी हम दोनों के साथ मजा लेगी,,,(ब्लाउज का पहला बटन खोलते हुए बोला,,,)

धत्त,,,,कैसी बात कर रहा है तुझे शर्म नहीं आ रही है मां के बारे में ऐसी बात कर रहा है,,,।


तो क्या हुआ,,,,, तू भी तो मेरी बहन है हम दोनों के बीच में सब कुछ हुआ ना जरूरत के मुताबिक,,,,,,,,


कुछ भी हो लेकिन तु मां के बारे में यह सब गंदी बातें मत कर मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है,,,,,,


लेकिन मुझे तो पसंद है ना,,,(ब्लाउज के दूसरे बटन पर हाथ रखते हुए) देखी नही है मां की गांड कितनी खूबसूरत लगती है एकदम बड़ी बड़ी तेरे से भी बड़ी है,,, मेरा तो अब देखते ही खडा हो जाता है,,,,।


तू सच में पागल हो गया क्या,,,,


पागल नहीं दीवाना हो गया मां की मदमस्त गांड का,,, मेरा तो मन करता है कि मां को नंगी करके उनकी बड़ी बड़ी गांड को अपने हाथों में लेकर जोर जोर से दबाऊ,,,(शालू के ब्लाउज का दूसरा बटन भी खोलते हुए,,,)

सच में रघु तू पागल होता जा रहा है मां के बारे में इस तरह की बातें नहीं करते,,,।


बहन के बारे में भी तो नहीं किया जाता लेकिन देखो मैं तुम्हारा ब्लाउज के बटन खोल रहा हूं,,,।


मेरी बात कुछ और है,,,




क्या कुछ और है,,, तेरे पास चूची नहीं है कि बुर नहीं है,,,,,


रघु तू समझ नहीं रहा है,,,, मां के बारे में ऐसी बातें करना गंदी बात है,,,,।


मैं तो सब कुछ समझ रहा हूं लेकिन तू नहीं समझ रही है,,, तू ही बता जमीदार की बीवी के बारे में तु कभी सोची थी लेकिन उनकी भी कुछ जरूरते थी,,, भुख थी जिस्म की भूख,,,, जो कि तू तो अच्छी तरह से जानती है कि,,, जमीदार साहब बूढ़े हो चुके हैं और मालकिन जवानी के जोश से भरी और मालकिन की उफान मारती जवानी को संभाल पाना जमीदार के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,, उन्हें एक मुस्टंडा नौजवान लड़का चाहिए था,,, और सही समय पर मैं मिल गया,,,, वैसे भी मा भी जमीदार की बीवी की तरह जवान है जवानी के जोश से भरी हुई है,,, तुझे नहीं लगता कि उन्हें भी जरूरत पड़ती होगी,,, और सही कहु तो मा की बुर को भी मेरे लंड की जरूरत है,,,।


धत्त,,,,, तू पागल हो गया तू अच्छे बुरे सही गलत का फैसला नहीं कर पा रहा है,,,।


देख दीदी इसमें सही क्या है गलत क्या है यह मैं नहीं जानता लेकिन मैं इतना चाहता हूं कि मां बहुत खूबसूरत है मा की गांड बहुत खूबसूरत है मा की बुर,,,आहहहहहह,,, उसमें से तो अमृत की धारा हहती होगी,,,(रघु अपनी बहन के ब्लाउज का अंतिम बटन भी खोलते हुए बोला,,, अब उसकी बहन की चुचीया रघु की आंखों के सामने नंगी थी शादी के बाद उसकी चूचियां और भी ज्यादा निखर गई थी,,
जिसे देख कर रघू कि मुंह में पानी आ रहा था ,,। रघु से रहा नहीं गया और वह अपने दोनों हाथों में अपनी बहन की दोनों चूचियों को पकड़ के दबाना शुरू कर दिया रघु की हरकत से शालू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, उसके तन बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी,,,,।

सहहहहह आहहहहहहहहह,,,,।


मजा आ रहा है ना दीदी,,,,इसी तरह से मां को भी मजा आएगा जब उनकी दोनों नंगी चूचियों को मैं अपने हाथों को पकड़कर दबाऊंगा,,,,।


आहहहहहह,,,,, मां के साथ यह सब अच्छा नहीं लगेगा,,,,।


क्यों नहीं अच्छा लगेगा,,, सब कुछ अच्छा लगेगा जब में मा की चूची को मुंह में भरकर पीऊंगा तो उनके तन बदन में लहर उठने लगेगी,,,। जैसे तुम्हारी पुर से पानी निकलता है वैसे मां की बुर से भी पानी निकलने लगेगा,,,,।(शालू की दोनों चुचियों को जोर-जोर से दबाते हुए रघु बोला रघु की हरकत और उसकी गंदी बातों की वजह से और वह भी अपनी मां के बारे में यह सुनकर शालू के तन बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगी थी उसे अपने भाई की बातें अपनी मां के बारे में गंदी बातें करते हुए अच्छा लगने लगा था,,,, इसलिए वह भी सिसकारी लेते हुए बोली,,,।)

सहहहह आहहहहहह,,,,, तो क्या तु मां को चोदना चाहता है,,,,


हां दीदी मैं तो ना जाने कब से मां को चोदने का सपना देख रहा हूं,,, उनकी बड़ी बड़ी गांड,,,,आहहहहह बहुत मजा देगी,,,, मां की बुर में जब मेरा मोटा लंड जाएगा तो देखना वो कैसे मस्त हो जाएगी,,,।
(यह बात सुनते ही शालू की बुर में खुजली होने लगी अपने मन में कल्पना करने लगी कि कैसे उसकी मां उसके भाई से चुदवाएगी,,,शालू को पूरा यकीन था कि एक बार अपने बेटे का लंड अपनी बुर में लेने के बाद उसकी मां अपने बेटे की दीवानी हो जाएगी,,,, यह कल्पना करके शालू की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,)

क्या ऐसा हो पाएगा,,,,


जरूर हो पाएगा मेरी रानी जब तुम मेरे नीचे आ गई तो क्या मां नहीं आएगी,,,,, फिर देखना हम तीनों एक साथ चुदाई का मजा लेंगे,,,,मैं मा की बुर चाटुगा और मा तुम्हारी बुर चाटेगी देखना मजा आ जाएगा,,,,।


ओहहहहह,,,,, रघू,,,, तु तो मुझे पागल कर देगा,,,,,


ओहहहहह दीदी,,,,,( इतना कहने के साथ ही रघु अपनी बहन की चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,, शालू की हालत खराब होने लगी टांगों के बीच की हलचल बढने लगी,,,। और रघु अपनी बहन के साड़ी को ऊपर कमर की तरफ उठाने लगाजानता था कि उसकी मां की आने का समय हो गया है लेकिन सालु मदहोशी में पूरी तरह से भूल चुकी थी,, रघू, अपनी मां को दिखाना चाहता था,,,, शालू की चुदाई करते हुए,,,, और ऐसा ही हुआ रघु अपनी बहन की साड़ी कमर तक उठाकर उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच आकर उसकी चिकनी जांघों को अपनी जांघों पर रख कर अपने मोटे लंड को अपनी बहन की बुर में डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,। शालू एकदम मस्त हो गई बिरजू का लंड उसकी बुर में जाता जरूर था लेकिन इतना मजा नहीं देता था जितना उसे अपने भाई के लंड से आता था,,,, शालू पूरी तरह से मस्त हो गई और रघु उसकी मस्ती को और ज्यादा बढ़ाने के लिए उसकी चूची को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,,,,,


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और तभी कजरी खेतों का काम पूरा करके वापस घर पर लौट आई और सीधा अंदर वाले कमरे के द्वार पर पहुंचकर अंदर से आ रही गर्म सिसकारी की आवाज सुनते ही,,, उसके कान खड़े हो गए,,,,दरवाजे पर लगे परदे को धीरे से हटाकर अंदर की तरफ देखी तो दंग रह गई,,, रघु अपनी बड़ी बहन के ऊपर लेटा हुआ था और उसका लंड उसकी बुर में था,,,, यह देखते ही पल भर में ही कजरी की बुर पानी छोड़ने लगी,,,,,,, वह तुरंत कमरे के अंदर दाखिल होकर कटनी के पास दोनों हाथों को कमर पर रख कर बोली,,,,।


यह क्या हो रहा है,,,?

(इतना सुनते ही शालू कि तो सिटी पट्टी गुम हो गई,,,चुदवाने के चक्कर में वह भूल गई थी कि उसकी मां कभी भी घर पर वापस आ सकती हैं,,,। शालू की तो हालत खराब हो गई शालू घबरा गई थी लेकिन रघू उत्तेजना की परम शिखर पर पहुंच गया था,, उसकी कमर बड़ी तेजी से चल रही थी उसकी उत्तेजना इस अहसास से और ज्यादा बढ़ गई थी कि वह अपनी मां की मौजूदगी में अपनी बहन को चोद‌ रहा था,,,, शालू घबरा गई थी क्योंकि जिस हाल में उसकी मां ने उन दोनों को देख ली थी शायद इस बारे में सालु ने कभी कल्पना भी नहीं की थी,,,, इसलिए वह शर्म से पानी पानी हो रही थी,,, वह रघू को अपने ऊपर से उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन रघूयह जानते हुए भी कि उसकी मां उसकी पास खड़ी होकर उन दोनों को देख रही है फिर भी वह अपनी कमर को जोर-जोर से हीलाते हुए अपनी मां के सामने ही अपनी बड़ी बहन की चूची को मुंह में भरकर पी रहा था,,,,।

रघु,,,, मां आ गई,, है,,, रघू,,,,
(लेकिन रघु रुकने का नाम नहीं ले रहा था,,, वह जल्द से जल्द अपना पानी अपनी बहन की बुर में डाल देना चाहता था,,,, इसलिए अपनी बहन की बात को अनसुना करते हुए वह धक्के लगाता रहा,,, और शालु उसे अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन वह हट नहीं रहा था तो वह जोर से धक्का लगाई और इस बार रघू खटिया पर से नीचे गिर गया और अपनी आंखों के सामने अपनी मां को देखकर वह जानबूझकर डरने का नाटक करने लगा और वहां से अपने कपड़े लेकर भाग खड़ा हुआ लेकिन अंदर वाले कमरे से निकलकर बाहर वाले कमरे में जाकर कोने में खड़ा हो गया था शालू तुरंत शालू तुरंत कमर तक उठी हुई अपनी साड़ी को नीचे की तरफ कर दी और अपनी ब्लाउज के बटन बंद करने लगी तो कजरी गुस्से में बोली,,,।

यह सब क्या हो रहा है सालु,,,,

(शालू क्या बोले उसे तो कुछ सूझ नहीं रहा था आज उसकी चोरी पकड़ी गई थी वह शर्मिंदा हो गई थी और रोने लगी,,,, लेकिन कजरी जानबूझकर उसे डराने की कोशिश कर रही थी और सालु डर के मारे रोए जा रही थी,,,, और बाहर वाले कमरे में खड़ा होकर रघु हंस रहा था,,,,, शालू के मुंह से एक भी शब्द फूट नहीं रहे थे वह बस रो रही थी आंखों को नीचे झुकाएवह अपने आप को ही कोश रही थी कि बेवजह वह अपने ससुराल से यहां आ गई,,,, कजरी कुछ देर तक खड़ी रहकर शालू को डराती रही धमकाती रही उसे भला-बुरा कहती रही,,,, वह अपने दोनों हाथ से चेहरे को ढक कर रो रही थी और यही मौका रघु को ठीक लग रहा था वह वापस अंदर वाले कमरे में आ गया और,,,, अपनी मां के पीछे खड़ा होकर अपनी बहन से बोला,,,।


रो मत इधर देखो दीदी,,,(शालू फिर भी रोए जा रही थी) अरे मैं कह रहा हूं रो मत तुमने कोई पाप नहीं किया है एक बार यहां तो देखो दीदी,,,,।
(बार-बार मनाने पर शालू रोते हुए ऊपर की तरफ नजर उठाकर रघु की तरफ देखने लगी जो कि ठीक है उसकी मां के पीछे खड़ा था और वह भी बिल्कुल नंगा सालु को थोड़ी हैरानी हुई,,,, तो उसकी यह शंका भी दूर करते हुए रघू बोला,,,)

अब ध्यान से देखना दीदी,,,(और इतना कहने के साथ ही वह धीरे से नीचे की तरफ झुका और पीछे से ही अपनी मां की साड़ी को नीचे से पकड़कर धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगा यह देखकर शालू की आंखें हैरानी से फटी जा रही थी,,,,और देखते ही देखते रखो अपनी बहन को दिखाते हुए अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया और उसकी नंगी बुर नंगी टांगे मोटी मोटी जांघें सब कुछ सालु की आंखों के सामने चमकने लगी,,,शालू को तो अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था,,,। वह बस आंखें फाड़े देखी जा रही थी,,,, रघू अपनी मां के ठीक पीछे खड़ा होकर मुस्कुराए जा रहा था और बोला,,,।

मैं बोला था ना दीदी घर पर चलो,,,(इतना कहते हुए अपना एक हाथ अपनी मां की बुर पर रखकर उसे ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भींचते हुए) बहुत कुछ बदल गया है,,,,.

(शालू को अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था वह आंखें फाड़े बस देखे जा रही थी,,।
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rohnny4545

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शालू की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई थी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था और होता भी कैसे उसकी आंखों के सामने उसका छोटा भाई अपनी मां की बुर को मुट्ठी में दबोचे हुए थे और उसकी इस हरकत पर उसकी मां उसे डांटने के वजाय,,, खुश हो रही थी,,,,,,, शालू के लिए नजारा बेहद आश्चर्य से भरा हुआ था लेकिन पूरी तरह से मादकता से भरा हुआ था,,, जो कुछ भी हो रहा था वह सब शालू के सोच के परे था,,, और रघु और ज्यादा बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बहन शालू की आंखों के सामने ही अपनी मां की बुर में एक उंगली डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा,,,,,,,, शालू की आंखें फटी की फटी रह गई थी और अपने बेटे की हरकत पर कजरी के तन बदन में,,, अपनी ही बेटी के सामने बुर में उंगली करने की वजह से वह काफी उत्तेजित हो गई थी,,,।


देख दीदी,,, मैं कहता था ना बहुत कुछ बदल गया है,,, देख ध्यान से देख मां की बुर में मेरी उंगली कितने आराम से जा रही है,,।,,,
(रघु एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था और शालू अपनी खुली आंखों से पूरी सच्चाई देख रही थी उसकी शादी के बाद वाकई में सब कुछ बदल गया था रिश्तो के मायने भी बदल चुके थे,,,, शालू एकदम साहब देख पा रही थी कि उसके भाई की उंगली उसकी मां की बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी,,, जिसे देख कर उसे अजीब तो लग रहा था लेकिन काफी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था शालू कुछ बोल नहीं पा रही थी,,,।)

आहहहहह क्या कर रहा है रे तु,,,, अब बाहर निकाल,,,।

(अपनी मां के मुंह से बाहर निकालने वाली बात सुनकर शालु स्तब्ध रह गई,,,,, 4 दिनों में वह अपनी मां का बदला हुआ रूप देख रही थी,,, उसे अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि वह अपनी मां को संस्कारों में ढली हुई एक नारी के रूप में देखती आ रही थी कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि उसे अपनी आंखों से अपनी मां का यह रंडीपन वाला रूप देखने को मिलेगा,,,,, शालू को अच्छी तरह से दिखाई दे रहा था कि रघु की उंगली की वजह से उसकी मा कसमसा जा रही थी और अपनी कमर को दाएं बाएं घुमा दे रही थी,,,,,, अपनी मां की बात सुनकर रघू बोला,,,)


अभी थोड़ा और मा ,,,,मजा आ रहा है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपनी दूसरी ऊंगली भी बुर में डाल दिया,,, यह देखकर शालू की आंखें चमक खा गई रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा था जो कि पीछे खड़े होने की वजह से उसकी मां की गांड पर रखा जा रहा था जिससे कजरी की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी,,,दो अलीपुर में जाने की वजह से कजरी की आंखें उत्तेजना में बंद होने लगी उसके चेहरे का हाव भाव बदलने लगा,,, कजरी के गोरे मुखड़े पर उत्तेजना की लाली छाने लगी थी,,, शालू अपनी मां के चेहरे को उत्तेजना में दमकता हुआ देख रही थी,,,।)

क्यों दीदी कैसा लग रहा है,,?


यह सब क्या हो रहा है रघु मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है तुम दोनों,,,,।


क्यों क्या हुआ तुम दोनों भी तो वही करते हो तुम दोनों की चुदाई में अपनी आंखों से छत पर देख चुकी थी लेकिन उस समय कुछ बोली नहीं,,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही शालू एकदम से चौंक उठी,,,)


मुझे तुम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ उससे कोई एतराज नहीं है क्योंकि मैं भी खुद उसी कश्ती में सवार हूं जिसमें तुम दोनों में हम दोनों की जरूरत है एक औरत होने के नाते तो यह बात अच्छी तरह से जानती है अगर तेरे बदन में हो जरूरत ना होती तो तुम अपने भाई के साथ चुदवाती नही और उसके बच्चे की मां नहीं बनती,,


यह क्या कह रही हो मां,,,,?(बच्चे वाली बात सुनते ही शालू चौक ते हुए बोली,,,)


चल चौकने की जरूरत नहीं है मुझे सब मालूम है,,,, मुझे उसी दिन से शंका हो रही थी जिस दिन अपनी आंखों से तुझे अपने भाई से चुदवाते हुए देखी थी,,,,,,,
(बाकी बातें सुनकर शालू कभी रघु की तरह देखती तो कभी अपनी मां की तरफ शालू के चेहरे पर उड़ती हवाईयो को देखकर रघु बोला,,,)

मां को सब पता है सालू,,,,,अब हम तीनों में किसी भी प्रकार का पर्दा नहीं है हमें बस मजा लूटना है जिंदगी का मजा,,,,(इतना कहते हुए रघु अपना दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मां के चूची पर रखकर दबाने लगा,,,)

आऊच्च ,,,, क्या कर रहा है अभी रहने दे,,, बाद में हम तीनों मज़ा लूटेंगे,,,,
( इतना सुनते ही रघू अपनी मां की बुर में से अपनी ऊंगली को बाहर निकाल दिया,,, और उस ऊंगली में लगी अपनी मां की मदद रस को जमीन पर टपकाते हुए उसे अपनी बहन को दिखाते हुए बोला,,)

देख रही है दीदी मां कितना पानी छोड़ती है,,,( यह देखकर कजरी शरमाते हुए बोली)

धत्त,,,, पागल हो गया है तू,,, चलो तुम दोनों हाथ मुंह धोकर आओ मैं खाना निकालती हूं,,,,(इतना कहकर कजरी बाहर चली गई रघु का लंड अभी भी उसके पजामे से बाहर था और झूल रहा था,,,, वह उसी तरह से अपने लंड को बिना हाथ लगाए झुलाते हुए अपनी बहन के ठीक सामने लेकर गया और बोला,,,)


देखी ना दीदी ने क्या कहा था ना सब कुछ बदल गया है अब बस जिंदगी के मजे लो इसीलिए मैं तुम्हें तुम्हारे ससुराल से यहां रह कर आया हूं कि कुछ दिन यहां पर जिंदगी का और अत्यधिक मजा लूट लो,,,
(शालू अभी भी आंखें पानी कभी रघु की तरफ तो कभी उसके लंड की तरफ देख रही थी,,, )

चल हटा ईसे सब इसी की वजह से हुआ है,,,(शालू अपने हाथ से रघु के लंड को बड़े प्यार से एक चपत मारते हुए बोली और खटिया से उठकर अपने कपड़ों को दुरुस्त करके मुस्कुराते हुए बाहर चली गई,,,, और रघु उसे जाते हुए देखता रह गया,,,।


तीनों के बीच घमासान चुदाई होने वाली थी जिसको लेकर तीनों का उत्साह बढ़ता जा रहा था और उत्सुकता चरम सीमा पर थी,,, रघु बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रहा था वह पूरा का पूरा बेशर्म बन चुका था क्योंकि यह बात अच्छी तरह से जानता था कि अगर जिंदगी का असली मजा लेना है तो बेशर्म बनना पड़ेगा,,,, शालू को अच्छी तरह से समझ में आ गया था कि क्या होने वाला है,,,, ,,, और उस पल को लेकर वहां अपने अंदर शर्म महसूस कर रही थी और यह सोच कर परेशान हो रही थी कि अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर कैसे नंगी होगी कैसे अपनी मां के सामने अपने भाई का लंड अपनी बुर में लेगी,,,,,,, यह सोचकर ही उसकी बुर पसीज रही थी,,,।
और इस बात को लेकर कजरी भी हैरान थी कि सब कुछ कैसे होगा,,, हालांकि थोड़ी बहुत अच्छा झलक वह अपनी बेटी को दिखा चुकी थी जब उसका बेटा अपने हाथों से उसकी साड़ी कमर तक उठाकर उसकी बुर में उंगली पेल रहा था,,,।

सोनू तो उस पल के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था क्योंकि उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसे क्या करना है और वह बड़े अच्छे से कर लेगा इसका उसे पूरा विश्वास था,,,,लेकिन इस बात को लेकर उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि वह एक साथ अपनी मां और बहन दोनों की चुदाई करेगा उसकी आंखों के सामने दो दो औरतें एकदम नंगी होंगी जिनके नाजुक बदन से वह जी भर कर खेलेगा,,, वह अपने मन में यह सोच कर पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था कि आज उसके सर पर दो दो औरतों को खुश करने की जिम्मेदारी आ पड़ी थी,,,, उन दोनों औरतों को पूरी तरह से संतुष्ट करना था और उसे अपने लगने पर पूरा भरोसा था,,,।

जैसे तैसे करके दिन का समय बीत गया और शाम ढलने लगी शालू रसोई में अपनी मां की मदद करने लगी,,,,,,, और रघू टहलते हुए रामू के घर पहुंच गया,,,,,, जहां पर उसकी दोनों बहने खाना बना रही थी लेकिन रामू और ललिया का अता पता नहीं था,,,, रघु ने ललिया के बारे में पूछा तो रानी उसे बताई कि उसका भाई राम और उसकी मां दोनों तबेले में गाय को चारा देने के लिए गई है जोकि घर के पीछे ही था,,,, रामू की साथ में ही है बात जानते ही रघु का मन बैठ गया क्योंकि वहां चाहता था कि एक साथ अपनी बहन और अपनी मां की चुदाई करने से पहले अपने लंड की वर्जिस ललिया की रसीली बुर से कर लेना चाहता था,,,। लेकिन फिर भी मन में एक आस लेकर वह घर के पीछे बने तबेले की तरफ जाने लगा जो कि उसके तबेले से सटा हुआ ही था,,,,,


हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था लेकिन अभी भी सब कुछ साफ नजर आ रहा था रघु घर के पीछे खड़ा होकर चारों तरफ दौड़ाने लगा लेकिन दोनों मां-बेटे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, वह सोचा कि तभी लेकर आखिरी छोड़कर हो सकते हैं इसलिए व धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ने लगा,,,, आखिर में पहुंचने पर भी रामु और ललीया उसे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, इसलिए वह सोचा कि हो सकता है दोनों कहीं और गए हो,,,इसलिए वापस आने के लिए जैसे ही कदम पीछे दिया था कि तभी उसे चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दी जो कि तबेले की दीवार के पीछे से आ रही थी वह वहीं रुक गया,,,, और आवाज की दिशा में देखने लगा जो कि तबेले के ठीक पीछे से ही आ रही थी,,,, वह धीरे-धीरे आगे बढ़ा,,, धीरे-धीरे उसे पीछे की आवाज सुनाई देने लगी थी,,,, जिसे सुनते ही उसे पूरा यकीन हो गया कि तबेले के दीवाल की पीछे रामू और उसकी मां ही है,,,, लेकिन दोनों के बीच की हो रही बात को सुनकर उसके कान के साथ-साथ उसका लंड भी खड़ा हो गया,,,,।




अरे मां क्या कर रही है थोड़ा नीचे तो झुको,,,


अरे झुक रही हु थोड़ा सब्र तो कर,,,,,


क्या करूं तेरी गांड देखकर सब्र नहीं होता,,,,। रघु के साथ तो मचलती रहती है चुदवाने के लिए मेरे साथ ही नखरा करती है,,,।


तु ठीक से कर ही नहीं पाता,,, मैं कहती हूं कि सीधे-सीधे मेरे ऊपर आकर कर ले लेकिन तुझे तो पीछे से लेना है,,,।


रघु को तो बहुत पीछे से देती हो,,, और मेरे साथ नखरा दिखाती हो,,,


उसका तो पीछे से भी बड़े आराम से अंदर तक चला जाता है,,,,



(दीवार के पीछे से आ रही बातों को सुनकर रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया,,, उसे समझ में आ गया कि उसकी तरह रामु भी अपनी मां को चोद रहा है,,,, और उसकी मां बात ही बात मेंउसकी पढ़ाई कर रही थी जो कि लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक था उसे विश्वास हो गया था कि अपनी मां और बहन को एक साथ चोदने से पहले उसे ललिया की तरफ से मानसिक ताकत प्राप्त हो चुकी थी,,,, वह अभी का लगा कर सो ही रहा था कि तभी उसके कानों में रामू की बात सुनाई दी,,,।)

बस बस हो गया मा,,,, जा रहा है थोड़ा सा बस नीचे हो जाओ,,,, हां बस ऐसे ही,,,, देखो चला गया ना,,,,आहहह आहहहह आहहहहहह,,,,,
(रघु के कानों में केवल रामू कि ही आह की आवाज सुनाई दे रही थी उसकी मां की तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी,,,, जिससे रघु समझ गया कि रामू से चुदवाने में उसकी मां को जरा भी मजा नहीं आ रहा था,,,, और रघु इस खेल में कूदना चाहता था इसलिए तुरंत दीवार के पीछे जाकर खड़ा हो गया,,,, रघु को देखते ही ललिया और रामु के होश उड़ गए,,,,,,, रामू और ललिया दोनों घबरा चुके थे,,,,,,रामू के लिए घर ले लिया की जगह कोई और औरत होती तो शायद वह इतना ना घबराता ललिया के लिए भी उसके पीछे खड़ा लड़का उसका बेटा ना होता तो उसे भी उस शायद रघु के सामने कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन दोनों मां बेटे थे इसलिए तुम दोनों के बीच के बारे में आज रखो को पता चल गया था अपनी आंखों से देख लिया था इसलिए दोनों एकदम से घबरा गए थे,,,।)


यह क्या हो रहा है रामू,,, तू तो अपनी मां को ही चोदने में मस्त हो गया,,,, और क्या चाची मुझे कही होती तो मैं आ जाता अपने ही बेटे से चुदवाने की क्या जरूरत थी,,,।(रघु ललिया की बड़ी-बड़ी और गोरी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला,,,, ललिया एकदम से खड़ी हो गई,,,)


देख रघू तु किसी से कुछ भी मत बताना,,,,,,

हां यार तुझे अपनी दोस्ती की कसम अगर किसी को कुछ भी बताया तो,,,,,,,,


जो कुछ भी हो रहा है ना रघू यह सब तेरी वजह से ही हो रहा है,,,,(ललिया अपनी साड़ी को नीचे करते हुए बोली,,)


मेरी वजह से,,, मेरी वजह से क्यों,,,?


क्योंकि रामू जान गया था कि,,, तु मुझे चोदता है,,,,,, और रामू किसी को कुछ भी ना कहे इस एवज में अपना मुंह बंद रखने के लिए उसने भी,,,,,,( इतना क्या कर ले लिया खामोश हो गई रघु समझ चुका था सारा मामला और रामू की तरफ देखते हुए बोला,,,)

ओहहह बच्चु उस दिन जब मैं बोला कि अपनी मां को चोदा कर तो मुझ पर बिगड़ उठा और अभी यहां पर खुली जगह पर ही अपनी मां की चुदाई कर रहा है,,,।


देख रघू मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं इस बारे में किसी को कुछ भी मत बताना,,,


नहीं बताऊंगा,,,, लेकिन मेरा मन इस‌ समय तेरी मां को चोदने को कर रहा है,,,। अगर मेरा मुंह बंद रखना है तो,,,।
(रामू समझ गया था कि अपना मुंह बंद करने के एवज में रघु अपनी मनमानी करके ही रहेगा,,, वह अपने मन में सोचने लगा कि पहले भी तो वह उसकी मां की चुदाई करते आ रहा है,,, तो अभी कर लेगा तो इसमें क्या बिगड़ जाएगा,,,, ऐसा करके वह अपना मुंह बंद है तो रखेगा वरना इस बारे में अगर किसी को पता चल गया तो और आप मच जाएगा,,,,,,,,,, इसलिए वह हां में सिर हिला दिया इस बात के लिए अपनी मां से पूछना जरूरी नहीं समझा क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी थी,,,। रघु खुश हो गयाक्योंकि रात में अपनी मां बहन दोनों के साथ घमासान चुदाई के पहले वह अपने लंड की ताकत को आजमाना चाहता था जो कि अब वह अच्छी तरह से आजमा सकता था,,,। वह तुरंत ललिया के पीछे खड़ा हो गया और उसे झुकने के लिए बोला ललिया बिना देर लगाए झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरफ कर दी,,,, रघू अपने ही हाथों से उसकी साड़ी को उठाकर कमर तक कर दिया,,,दीवार के पीछे खड़े होकर ही उन दोनों मां-बेटे की बातें सुनकर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,, जो कि रामू की मां की बुर में जाने के लिए तैयार था,,,, और उसकी पुर में धीरे-धीरे अपने लंड को डालते हुए रामु से बोला,,,,)



देख रामु ऐसे डाला जाता है पीछे से,,,,( और इतना कहने के साथ ही रखो अपना पूरा लंड रामू की मां की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया,,, थोड़ी ही देर में ललीया की गरम सिसकारी गुजने लगी,,, रामू भी अपनी मां की मादक आवाज को सुनकर हैरान था,,, क्योंकि जब भी वह अपनी मां की चुदाई करता था तब उसके मुंह से आवाज निकलती थी उसके बाद के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता था पहले रामु इस बात को समझ नहीं पा रहा था लेकिन आज समझ गया था और हैरान भी था रघू की ताकत को देखकर,,,,,रघु ठाप पर ठाप लगाए जा रहा था,,,। बिना रुके,, रघु रामू की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था मानो कि उसे कह रहा हो कि देख ऐसे करते हैं पीछे से चुदाई,,,। रामू अपनी मां की तरफ भी देख रहा था जिसे बहुत मजा आ रहा था,,,, तकरीबन 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों का पानी निकल गया लेकिन इस दौरान अपनी मां की चुदाई देख कर ही रामु का पानी निकल गया था,,,,।

रघु अपने पजामे को ऊपर करता हुआ बोला,,,।


देख रहा हूं तो बिल्कुल भी चिंता मत कर यह राजा राजा ही रहेगा बस मुझे समय-समय पर तेरी मां की लेना पड़ेगा जिसमे तुझे अब कोई भी एतराज होना नहीं चाहिए,,,।
(अगर आज रघु ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया ना होता तो रामू से कभी भी इजाजत नहीं देता लेकिन उसकी मजबूरी थी इसलिए हम इसे हिला दिया और रघु जाते-जाते ब्लाउज के ऊपर से ही ललिया की चूची को दबाते हुए बोला,,,।)

हाय मेरी रानी बहुत मजा देती है,,,।
(इतना कहकर वह हंसते हुए वहां से चला,,गया,,, घर पर पहुंचने पर थोड़ी देर बाद खाना भी तैयार हो गया था जिसे तीनों ने मिलकर साथ साथ खा लिए और थोड़ी देर बाहर बैठकर बात करने के बाद तीनों अंदर कमरे में जाने लगे तो कजरी रघु से बोली,,,।)

दरवाजा बंद कर लेना,,,,


हा मा तुम दोनों चलो मैं बंद करके आता हूं,,,।


अब शालू अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसके जाने के तुरंत बाद ही द्वार पर दरवाजा लगाने की जरूरत क्यों पड़ गई,,,।
 
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Sirajali

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शालू की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई थी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था और होता भी कैसे उसकी आंखों के सामने उसका छोटा भाई अपनी मां की बुर को मुट्ठी में दबोचे हुए थे और उसकी इस हरकत पर उसकी मां उसे डांटने के वजाय,,, खुश हो रही थी,,,,,,, शालू के लिए नजारा बेहद आश्चर्य से भरा हुआ था लेकिन पूरी तरह से मादकता से भरा हुआ था,,, जो कुछ भी हो रहा था वह सब शालू के सोच के परे था,,, और रघु और ज्यादा बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बहन शालू की आंखों के सामने ही अपनी मां की बुर में एक उंगली डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा,,,,,,,, शालू की आंखें फटी की फटी रह गई थी और अपने बेटे की हरकत पर कजरी के तन बदन में,,, अपनी ही बेटी के सामने बुर में उंगली करने की वजह से वह काफी उत्तेजित हो गई थी,,,।


देख दीदी,,, मैं कहता था ना बहुत कुछ बदल गया है,,, देख ध्यान से देख मां की बुर में मेरी उंगली कितने आराम से जा रही है,,।,,,
(रघु एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था और शालू अपनी खुली आंखों से पूरी सच्चाई देख रही थी उसकी शादी के बाद वाकई में सब कुछ बदल गया था रिश्तो के मायने भी बदल चुके थे,,,, शालू एकदम साहब देख पा रही थी कि उसके भाई की उंगली उसकी मां की बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी,,, जिसे देख कर उसे अजीब तो लग रहा था लेकिन काफी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था शालू कुछ बोल नहीं पा रही थी,,,।)

आहहहहह क्या कर रहा है रे तु,,,, अब बाहर निकाल,,,।

(अपनी मां के मुंह से बाहर निकालने वाली बात सुनकर शालु स्तब्ध रह गई,,,,, 4 दिनों में वह अपनी मां का बदला हुआ रूप देख रही थी,,, उसे अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि वह अपनी मां को संस्कारों में ढली हुई एक नारी के रूप में देखती आ रही थी कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि उसे अपनी आंखों से अपनी मां का यह रंडीपन वाला रूप देखने को मिलेगा,,,,, शालू को अच्छी तरह से दिखाई दे रहा था कि रघु की उंगली की वजह से उसकी मा कसमसा जा रही थी और अपनी कमर को दाएं बाएं घुमा दे रही थी,,,,,, अपनी मां की बात सुनकर रघू बोला,,,)


अभी थोड़ा और मा ,,,,मजा आ रहा है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपनी दूसरी ऊंगली भी बुर में डाल दिया,,, यह देखकर शालू की आंखें चमक खा गई रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा था जो कि पीछे खड़े होने की वजह से उसकी मां की गांड पर रखा जा रहा था जिससे कजरी की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी,,,दो अलीपुर में जाने की वजह से कजरी की आंखें उत्तेजना में बंद होने लगी उसके चेहरे का हाव भाव बदलने लगा,,, कजरी के गोरे मुखड़े पर उत्तेजना की लाली छाने लगी थी,,, शालू अपनी मां के चेहरे को उत्तेजना में दमकता हुआ देख रही थी,,,।)

क्यों दीदी कैसा लग रहा है,,?


यह सब क्या हो रहा है रघु मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है तुम दोनों,,,,।


क्यों क्या हुआ तुम दोनों भी तो वही करते हो तुम दोनों की चुदाई में अपनी आंखों से छत पर देख चुकी थी लेकिन उस समय कुछ बोली नहीं,,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही शालू एकदम से चौंक उठी,,,)


मुझे तुम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ उससे कोई एतराज नहीं है क्योंकि मैं भी खुद उसी कश्ती में सवार हूं जिसमें तुम दोनों में हम दोनों की जरूरत है एक औरत होने के नाते तो यह बात अच्छी तरह से जानती है अगर तेरे बदन में हो जरूरत ना होती तो तुम अपने भाई के साथ चुदवाती नही और उसके बच्चे की मां नहीं बनती,,


यह क्या कह रही हो मां,,,,?(बच्चे वाली बात सुनते ही शालू चौक ते हुए बोली,,,)


चल चौकने की जरूरत नहीं है मुझे सब मालूम है,,,, मुझे उसी दिन से शंका हो रही थी जिस दिन अपनी आंखों से तुझे अपने भाई से चुदवाते हुए देखी थी,,,,,,,
(बाकी बातें सुनकर शालू कभी रघु की तरह देखती तो कभी अपनी मां की तरफ शालू के चेहरे पर उड़ती हवाईयो को देखकर रघु बोला,,,)

मां को सब पता है सालू,,,,,अब हम तीनों में किसी भी प्रकार का पर्दा नहीं है हमें बस मजा लूटना है जिंदगी का मजा,,,,(इतना कहते हुए रघु अपना दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मां के चूची पर रखकर दबाने लगा,,,)

आऊच्च ,,,, क्या कर रहा है अभी रहने दे,,, बाद में हम तीनों मज़ा लूटेंगे,,,,
( इतना सुनते ही रघू अपनी मां की बुर में से अपनी ऊंगली को बाहर निकाल दिया,,, और उस ऊंगली में लगी अपनी मां की मदद रस को जमीन पर टपकाते हुए उसे अपनी बहन को दिखाते हुए बोला,,)

देख रही है दीदी मां कितना पानी छोड़ती है,,,( यह देखकर कजरी शरमाते हुए बोली)

धत्त,,,, पागल हो गया है तू,,, चलो तुम दोनों हाथ मुंह धोकर आओ मैं खाना निकालती हूं,,,,(इतना कहकर कजरी बाहर चली गई रघु का लंड अभी भी उसके पजामे से बाहर था और झूल रहा था,,,, वह उसी तरह से अपने लंड को बिना हाथ लगाए झुलाते हुए अपनी बहन के ठीक सामने लेकर गया और बोला,,,)


देखी ना दीदी ने क्या कहा था ना सब कुछ बदल गया है अब बस जिंदगी के मजे लो इसीलिए मैं तुम्हें तुम्हारे ससुराल से यहां रह कर आया हूं कि कुछ दिन यहां पर जिंदगी का और अत्यधिक मजा लूट लो,,,
(शालू अभी भी आंखें पानी कभी रघु की तरफ तो कभी उसके लंड की तरफ देख रही थी,,, )

चल हटा ईसे सब इसी की वजह से हुआ है,,,(शालू अपने हाथ से रघु के लंड को बड़े प्यार से एक चपत मारते हुए बोली और खटिया से उठकर अपने कपड़ों को दुरुस्त करके मुस्कुराते हुए बाहर चली गई,,,, और रघु उसे जाते हुए देखता रह गया,,,।


तीनों के बीच घमासान चुदाई होने वाली थी जिसको लेकर तीनों का उत्साह बढ़ता जा रहा था और उत्सुकता चरम सीमा पर थी,,, रघु बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रहा था वह पूरा का पूरा बेशर्म बन चुका था क्योंकि यह बात अच्छी तरह से जानता था कि अगर जिंदगी का असली मजा लेना है तो बेशर्म बनना पड़ेगा,,,, शालू को अच्छी तरह से समझ में आ गया था कि क्या होने वाला है,,,, ,,, और उस पल को लेकर वहां अपने अंदर शर्म महसूस कर रही थी और यह सोच कर परेशान हो रही थी कि अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर कैसे नंगी होगी कैसे अपनी मां के सामने अपने भाई का लंड अपनी बुर में लेगी,,,,,,, यह सोचकर ही उसकी बुर पसीज रही थी,,,।
और इस बात को लेकर कजरी भी हैरान थी कि सब कुछ कैसे होगा,,, हालांकि थोड़ी बहुत अच्छा झलक वह अपनी बेटी को दिखा चुकी थी जब उसका बेटा अपने हाथों से उसकी साड़ी कमर तक उठाकर उसकी बुर में उंगली पेल रहा था,,,।

सोनू तो उस पल के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था क्योंकि उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसे क्या करना है और वह बड़े अच्छे से कर लेगा इसका उसे पूरा विश्वास था,,,,लेकिन इस बात को लेकर उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि वह एक साथ अपनी मां और बहन दोनों की चुदाई करेगा उसकी आंखों के सामने दो दो औरतें एकदम नंगी होंगी जिनके नाजुक बदन से वह जी भर कर खेलेगा,,, वह अपने मन में यह सोच कर पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था कि आज उसके सर पर दो दो औरतों को खुश करने की जिम्मेदारी आ पड़ी थी,,,, उन दोनों औरतों को पूरी तरह से संतुष्ट करना था और उसे अपने लगने पर पूरा भरोसा था,,,।

जैसे तैसे करके दिन का समय बीत गया और शाम ढलने लगी शालू रसोई में अपनी मां की मदद करने लगी,,,,,,, और रघू टहलते हुए रामू के घर पहुंच गया,,,,,, जहां पर उसकी दोनों बहने खाना बना रही थी लेकिन रामू और ललिया का अता पता नहीं था,,,, रघु ने ललिया के बारे में पूछा तो रानी उसे बताई कि उसका भाई राम और उसकी मां दोनों तबेले में गाय को चारा देने के लिए गई है जोकि घर के पीछे ही था,,,, रामू की साथ में ही है बात जानते ही रघु का मन बैठ गया क्योंकि वहां चाहता था कि एक साथ अपनी बहन और अपनी मां की चुदाई करने से पहले अपने लंड की वर्जिस ललिया की रसीली बुर से कर लेना चाहता था,,,। लेकिन फिर भी मन में एक आस लेकर वह घर के पीछे बने तबेले की तरफ जाने लगा जो कि उसके तबेले से सटा हुआ ही था,,,,,

हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था लेकिन अभी भी सब कुछ साफ नजर आ रहा था रघु घर के पीछे खड़ा होकर चारों तरफ दौड़ाने लगा लेकिन दोनों मां-बेटे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, वह सोचा कि तभी लेकर आखिरी छोड़कर हो सकते हैं इसलिए व धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ने लगा,,,, आखिर में पहुंचने पर भी रामु और ललीया उसे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, इसलिए वह सोचा कि हो सकता है दोनों कहीं और गए हो,,,इसलिए वापस आने के लिए जैसे ही कदम पीछे दिया था कि तभी उसे चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दी जो कि तबेले की दीवार के पीछे से आ रही थी वह वहीं रुक गया,,,, और आवाज की दिशा में देखने लगा जो कि तबेले के ठीक पीछे से ही आ रही थी,,,, वह धीरे-धीरे आगे बढ़ा,,, धीरे-धीरे उसे पीछे की आवाज सुनाई देने लगी थी,,,, जिसे सुनते ही उसे पूरा यकीन हो गया कि तबेले के दीवाल की पीछे रामू और उसकी मां ही है,,,, लेकिन दोनों के बीच की हो रही बात को सुनकर उसके कान के साथ-साथ उसका लंड भी खड़ा हो गया,,,,।


अरे मां क्या कर रही है थोड़ा नीचे तो झुको,,,


अरे झुक रही हु थोड़ा सब्र तो कर,,,,,


क्या करूं तेरी गांड देखकर सब्र नहीं होता,,,,। रघु के साथ तो मचलती रहती है चुदवाने के लिए मेरे साथ ही नखरा करती है,,,।


तु ठीक से कर ही नहीं पाता,,, मैं कहती हूं कि सीधे-सीधे मेरे ऊपर आकर कर ले लेकिन तुझे तो पीछे से लेना है,,,।


रघु को तो बहुत पीछे से देती हो,,, और मेरे साथ नखरा दिखाती हो,,,


उसका तो पीछे से भी बड़े आराम से अंदर तक चला जाता है,,,,

(दीवार के पीछे से आ रही बातों को सुनकर रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया,,, उसे समझ में आ गया कि उसकी तरह रामु भी अपनी मां को चोद रहा है,,,, और उसकी मां बात ही बात मेंउसकी पढ़ाई कर रही थी जो कि लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक था उसे विश्वास हो गया था कि अपनी मां और बहन को एक साथ चोदने से पहले उसे ललिया की तरफ से मानसिक ताकत प्राप्त हो चुकी थी,,,, वह अभी का लगा कर सो ही रहा था कि तभी उसके कानों में रामू की बात सुनाई दी,,,।)

बस बस हो गया मा,,,, जा रहा है थोड़ा सा बस नीचे हो जाओ,,,, हां बस ऐसे ही,,,, देखो चला गया ना,,,,आहहह आहहहह आहहहहहह,,,,,
(रघु के कानों में केवल रामू कि ही आह की आवाज सुनाई दे रही थी उसकी मां की तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी,,,, जिससे रघु समझ गया कि रामू से चुदवाने में उसकी मां को जरा भी मजा नहीं आ रहा था,,,, और रघु इस खेल में कूदना चाहता था इसलिए तुरंत दीवार के पीछे जाकर खड़ा हो गया,,,, रघु को देखते ही ललिया और रामु के होश उड़ गए,,,,,,, रामू और ललिया दोनों घबरा चुके थे,,,,,,रामू के लिए घर ले लिया की जगह कोई और औरत होती तो शायद वह इतना ना घबराता ललिया के लिए भी उसके पीछे खड़ा लड़का उसका बेटा ना होता तो उसे भी उस शायद रघु के सामने कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन दोनों मां बेटे थे इसलिए तुम दोनों के बीच के बारे में आज रखो को पता चल गया था अपनी आंखों से देख लिया था इसलिए दोनों एकदम से घबरा गए थे,,,।)


यह क्या हो रहा है रामू,,, तू तो अपनी मां को ही चोदने में मस्त हो गया,,,, और क्या चाची मुझे कही होती तो मैं आ जाता अपने ही बेटे से चुदवाने की क्या जरूरत थी,,,।(रघु ललिया की बड़ी-बड़ी और गोरी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला,,,, ललिया एकदम से खड़ी हो गई,,,)


देख रघू तु किसी से कुछ भी मत बताना,,,,,,

हां यार तुझे अपनी दोस्ती की कसम अगर किसी को कुछ भी बताया तो,,,,,,,,


जो कुछ भी हो रहा है ना रघू यह सब तेरी वजह से ही हो रहा है,,,,(ललिया अपनी साड़ी को नीचे करते हुए बोली,,)


मेरी वजह से,,, मेरी वजह से क्यों,,,?


क्योंकि रामू जान गया था कि,,, तु मुझे चोदता है,,,,,, और रामू किसी को कुछ भी ना कहे इस एवज में अपना मुंह बंद रखने के लिए उसने भी,,,,,,( इतना क्या कर ले लिया खामोश हो गई रघु समझ चुका था सारा मामला और रामू की तरफ देखते हुए बोला,,,)

ओहहह बच्चु उस दिन जब मैं बोला कि अपनी मां को चोदा कर तो मुझ पर बिगड़ उठा और अभी यहां पर खुली जगह पर ही अपनी मां की चुदाई कर रहा है,,,।


देख रघू मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं इस बारे में किसी को कुछ भी मत बताना,,,


नहीं बताऊंगा,,,, लेकिन मेरा मन इस‌ समय तेरी मां को चोदने को कर रहा है,,,। अगर मेरा मुंह बंद रखना है तो,,,।
(रामू समझ गया था कि अपना मुंह बंद करने के एवज में रघु अपनी मनमानी करके ही रहेगा,,, वह अपने मन में सोचने लगा कि पहले भी तो वह उसकी मां की चुदाई करते आ रहा है,,, तो अभी कर लेगा तो इसमें क्या बिगड़ जाएगा,,,, ऐसा करके वह अपना मुंह बंद है तो रखेगा वरना इस बारे में अगर किसी को पता चल गया तो और आप मच जाएगा,,,,,,,,,, इसलिए वह हां में सिर हिला दिया इस बात के लिए अपनी मां से पूछना जरूरी नहीं समझा क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी थी,,,। रघु खुश हो गयाक्योंकि रात में अपनी मां बहन दोनों के साथ घमासान चुदाई के पहले वह अपने लंड की ताकत को आजमाना चाहता था जो कि अब वह अच्छी तरह से आजमा सकता था,,,। वह तुरंत ललिया के पीछे खड़ा हो गया और उसे झुकने के लिए बोला ललिया बिना देर लगाए झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरफ कर दी,,,, रघू अपने ही हाथों से उसकी साड़ी को उठाकर कमर तक कर दिया,,,दीवार के पीछे खड़े होकर ही उन दोनों मां-बेटे की बातें सुनकर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,, जो कि रामू की मां की बुर में जाने के लिए तैयार था,,,, और उसकी पुर में धीरे-धीरे अपने लंड को डालते हुए रामु से बोला,,,,)

देख रामु ऐसे डाला जाता है पीछे से,,,,( और इतना कहने के साथ ही रखो अपना पूरा लंड रामू की मां की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया,,, थोड़ी ही देर में ललीया की गरम सिसकारी गुजने लगी,,, रामू भी अपनी मां की मादक आवाज को सुनकर हैरान था,,, क्योंकि जब भी वह अपनी मां की चुदाई करता था तब उसके मुंह से आवाज निकलती थी उसके बाद के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता था पहले रामु इस बात को समझ नहीं पा रहा था लेकिन आज समझ गया था और हैरान भी था रघू की ताकत को देखकर,,,,,रघु ठाप पर ठाप लगाए जा रहा था,,,। बिना रुके,, रघु रामू की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था मानो कि उसे कह रहा हो कि देख ऐसे करते हैं पीछे से चुदाई,,,। रामू अपनी मां की तरफ भी देख रहा था जिसे बहुत मजा आ रहा था,,,, तकरीबन 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों का पानी निकल गया लेकिन इस दौरान अपनी मां की चुदाई देख कर ही रामु का पानी निकल गया था,,,,।

रघु अपने पजामे को ऊपर करता हुआ बोला,,,।


देख रहा हूं तो बिल्कुल भी चिंता मत कर यह राजा राजा ही रहेगा बस मुझे समय-समय पर तेरी मां की लेना पड़ेगा जिसमे तुझे अब कोई भी एतराज होना नहीं चाहिए,,,।
(अगर आज रघु ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया ना होता तो रामू से कभी भी इजाजत नहीं देता लेकिन उसकी मजबूरी थी इसलिए हम इसे हिला दिया और रघु जाते-जाते ब्लाउज के ऊपर से ही ललिया की चूची को दबाते हुए बोला,,,।)

हाय मेरी रानी बहुत मजा देती है,,,।
(इतना कहकर वह हंसते हुए वहां से चला,,गया,,, घर पर पहुंचने पर थोड़ी देर बाद खाना भी तैयार हो गया था जिसे तीनों ने मिलकर साथ साथ खा लिए और थोड़ी देर बाहर बैठकर बात करने के बाद तीनों अंदर कमरे में जाने लगे तो कजरी रघु से बोली,,,।)

दरवाजा बंद कर लेना,,,,


हा मा तुम दोनों चलो मैं बंद करके आता हूं,,,।


अब शालू अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसके जाने के तुरंत बाद ही द्वार पर दरवाजा लगाने की जरूरत क्यों पड़ गई,,,।
Rohnny bhai ..... kya dimag lagaya hai mouke ka fayda uthana to koee raghu se seekhe... shaalu bhi samajh chuki hai ki ab sasuraal se jyada maza mayke me milega ... ................................. bejod lekhan shaili. Shaandaar update
 

Shiv98

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राजू मेरा दोस्त,,, एक बार मुझे अपनी मां की दिनचर्या के बारे में बता रहा था क्योंकि अक्सर वह मुझे अपनी मां के बारे में बातें बताया करता था क्योंकि वह अपनी मां की तरफ पूरी तरह से आकर्षित था,,,। उसकी बातें सुनकर मै हैरान हो गया था वैसे भी उसकी मां बला की खूबसूरत औरत थी इसलिए तो राजू खुद अपनी मां की तरफ पूरी तरह से आकर्षित था।,,, वह अपनी मां के बारे में बता रहा था कि,,, नहाने के बाद जब वह अपना गाउन पहनती है तो उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है,,, उसको देखकर ही उसका लंड खड़ा होने लगता है,,,



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औरऔर उसके बाद जब ऑफिस के लिए तैयार होती है तो बला की खूबसूरत एकदम संस्कारी लगती है लेकिन साड़ी में भी लोगों के दिलों के साथ-साथ उनके लंड की हालत खराब कर देती थी


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ऑफिस ऑफिस से घर लौटने के बाद जब वह घर के काम करने लगती हो तो साड़ी पहने होने के बावजूद भी उसके हर एक अंग का कटाव एकदम साफ नजर आता था,,,
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दिन दिनभर औरतों की तरह अपने आप को कपड़ों में ढंक के रखने के बाद रात होते ही अपने कमरे में जाने के बाद अपने सारे कपड़े उतार कर उसके पापा के साथ चुदाई में लग जाती है
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Sirajali

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शालू की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई थी उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था और होता भी कैसे उसकी आंखों के सामने उसका छोटा भाई अपनी मां की बुर को मुट्ठी में दबोचे हुए थे और उसकी इस हरकत पर उसकी मां उसे डांटने के वजाय,,, खुश हो रही थी,,,,,,, शालू के लिए नजारा बेहद आश्चर्य से भरा हुआ था लेकिन पूरी तरह से मादकता से भरा हुआ था,,, जो कुछ भी हो रहा था वह सब शालू के सोच के परे था,,, और रघु और ज्यादा बेशर्मी दिखाते हुए अपनी बहन शालू की आंखों के सामने ही अपनी मां की बुर में एक उंगली डालकर उसे अंदर-बाहर करने लगा,,,,,,,, शालू की आंखें फटी की फटी रह गई थी और अपने बेटे की हरकत पर कजरी के तन बदन में,,, अपनी ही बेटी के सामने बुर में उंगली करने की वजह से वह काफी उत्तेजित हो गई थी,,,।


देख दीदी,,, मैं कहता था ना बहुत कुछ बदल गया है,,, देख ध्यान से देख मां की बुर में मेरी उंगली कितने आराम से जा रही है,,।,,,
(रघु एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था और शालू अपनी खुली आंखों से पूरी सच्चाई देख रही थी उसकी शादी के बाद वाकई में सब कुछ बदल गया था रिश्तो के मायने भी बदल चुके थे,,,, शालू एकदम साहब देख पा रही थी कि उसके भाई की उंगली उसकी मां की बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी,,, जिसे देख कर उसे अजीब तो लग रहा था लेकिन काफी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था शालू कुछ बोल नहीं पा रही थी,,,।)

आहहहहह क्या कर रहा है रे तु,,,, अब बाहर निकाल,,,।

(अपनी मां के मुंह से बाहर निकालने वाली बात सुनकर शालु स्तब्ध रह गई,,,,, 4 दिनों में वह अपनी मां का बदला हुआ रूप देख रही थी,,, उसे अभी भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि वह अपनी मां को संस्कारों में ढली हुई एक नारी के रूप में देखती आ रही थी कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि उसे अपनी आंखों से अपनी मां का यह रंडीपन वाला रूप देखने को मिलेगा,,,,, शालू को अच्छी तरह से दिखाई दे रहा था कि रघु की उंगली की वजह से उसकी मा कसमसा जा रही थी और अपनी कमर को दाएं बाएं घुमा दे रही थी,,,,,, अपनी मां की बात सुनकर रघू बोला,,,)


अभी थोड़ा और मा ,,,,मजा आ रहा है,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपनी दूसरी ऊंगली भी बुर में डाल दिया,,, यह देखकर शालू की आंखें चमक खा गई रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा था जो कि पीछे खड़े होने की वजह से उसकी मां की गांड पर रखा जा रहा था जिससे कजरी की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी,,,दो अलीपुर में जाने की वजह से कजरी की आंखें उत्तेजना में बंद होने लगी उसके चेहरे का हाव भाव बदलने लगा,,, कजरी के गोरे मुखड़े पर उत्तेजना की लाली छाने लगी थी,,, शालू अपनी मां के चेहरे को उत्तेजना में दमकता हुआ देख रही थी,,,।)

क्यों दीदी कैसा लग रहा है,,?


यह सब क्या हो रहा है रघु मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है तुम दोनों,,,,।


क्यों क्या हुआ तुम दोनों भी तो वही करते हो तुम दोनों की चुदाई में अपनी आंखों से छत पर देख चुकी थी लेकिन उस समय कुछ बोली नहीं,,,,
(अपनी मां की बात सुनते ही शालू एकदम से चौंक उठी,,,)


मुझे तुम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ उससे कोई एतराज नहीं है क्योंकि मैं भी खुद उसी कश्ती में सवार हूं जिसमें तुम दोनों में हम दोनों की जरूरत है एक औरत होने के नाते तो यह बात अच्छी तरह से जानती है अगर तेरे बदन में हो जरूरत ना होती तो तुम अपने भाई के साथ चुदवाती नही और उसके बच्चे की मां नहीं बनती,,


यह क्या कह रही हो मां,,,,?(बच्चे वाली बात सुनते ही शालू चौक ते हुए बोली,,,)


चल चौकने की जरूरत नहीं है मुझे सब मालूम है,,,, मुझे उसी दिन से शंका हो रही थी जिस दिन अपनी आंखों से तुझे अपने भाई से चुदवाते हुए देखी थी,,,,,,,
(बाकी बातें सुनकर शालू कभी रघु की तरह देखती तो कभी अपनी मां की तरफ शालू के चेहरे पर उड़ती हवाईयो को देखकर रघु बोला,,,)

मां को सब पता है सालू,,,,,अब हम तीनों में किसी भी प्रकार का पर्दा नहीं है हमें बस मजा लूटना है जिंदगी का मजा,,,,(इतना कहते हुए रघु अपना दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मां के चूची पर रखकर दबाने लगा,,,)

आऊच्च ,,,, क्या कर रहा है अभी रहने दे,,, बाद में हम तीनों मज़ा लूटेंगे,,,,
( इतना सुनते ही रघू अपनी मां की बुर में से अपनी ऊंगली को बाहर निकाल दिया,,, और उस ऊंगली में लगी अपनी मां की मदद रस को जमीन पर टपकाते हुए उसे अपनी बहन को दिखाते हुए बोला,,)

देख रही है दीदी मां कितना पानी छोड़ती है,,,( यह देखकर कजरी शरमाते हुए बोली)

धत्त,,,, पागल हो गया है तू,,, चलो तुम दोनों हाथ मुंह धोकर आओ मैं खाना निकालती हूं,,,,(इतना कहकर कजरी बाहर चली गई रघु का लंड अभी भी उसके पजामे से बाहर था और झूल रहा था,,,, वह उसी तरह से अपने लंड को बिना हाथ लगाए झुलाते हुए अपनी बहन के ठीक सामने लेकर गया और बोला,,,)


देखी ना दीदी ने क्या कहा था ना सब कुछ बदल गया है अब बस जिंदगी के मजे लो इसीलिए मैं तुम्हें तुम्हारे ससुराल से यहां रह कर आया हूं कि कुछ दिन यहां पर जिंदगी का और अत्यधिक मजा लूट लो,,,
(शालू अभी भी आंखें पानी कभी रघु की तरफ तो कभी उसके लंड की तरफ देख रही थी,,, )

चल हटा ईसे सब इसी की वजह से हुआ है,,,(शालू अपने हाथ से रघु के लंड को बड़े प्यार से एक चपत मारते हुए बोली और खटिया से उठकर अपने कपड़ों को दुरुस्त करके मुस्कुराते हुए बाहर चली गई,,,, और रघु उसे जाते हुए देखता रह गया,,,।


तीनों के बीच घमासान चुदाई होने वाली थी जिसको लेकर तीनों का उत्साह बढ़ता जा रहा था और उत्सुकता चरम सीमा पर थी,,, रघु बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रहा था वह पूरा का पूरा बेशर्म बन चुका था क्योंकि यह बात अच्छी तरह से जानता था कि अगर जिंदगी का असली मजा लेना है तो बेशर्म बनना पड़ेगा,,,, शालू को अच्छी तरह से समझ में आ गया था कि क्या होने वाला है,,,, ,,, और उस पल को लेकर वहां अपने अंदर शर्म महसूस कर रही थी और यह सोच कर परेशान हो रही थी कि अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर कैसे नंगी होगी कैसे अपनी मां के सामने अपने भाई का लंड अपनी बुर में लेगी,,,,,,, यह सोचकर ही उसकी बुर पसीज रही थी,,,।
और इस बात को लेकर कजरी भी हैरान थी कि सब कुछ कैसे होगा,,, हालांकि थोड़ी बहुत अच्छा झलक वह अपनी बेटी को दिखा चुकी थी जब उसका बेटा अपने हाथों से उसकी साड़ी कमर तक उठाकर उसकी बुर में उंगली पेल रहा था,,,।

सोनू तो उस पल के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था क्योंकि उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसे क्या करना है और वह बड़े अच्छे से कर लेगा इसका उसे पूरा विश्वास था,,,,लेकिन इस बात को लेकर उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि वह एक साथ अपनी मां और बहन दोनों की चुदाई करेगा उसकी आंखों के सामने दो दो औरतें एकदम नंगी होंगी जिनके नाजुक बदन से वह जी भर कर खेलेगा,,, वह अपने मन में यह सोच कर पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था कि आज उसके सर पर दो दो औरतों को खुश करने की जिम्मेदारी आ पड़ी थी,,,, उन दोनों औरतों को पूरी तरह से संतुष्ट करना था और उसे अपने लगने पर पूरा भरोसा था,,,।

जैसे तैसे करके दिन का समय बीत गया और शाम ढलने लगी शालू रसोई में अपनी मां की मदद करने लगी,,,,,,, और रघू टहलते हुए रामू के घर पहुंच गया,,,,,, जहां पर उसकी दोनों बहने खाना बना रही थी लेकिन रामू और ललिया का अता पता नहीं था,,,, रघु ने ललिया के बारे में पूछा तो रानी उसे बताई कि उसका भाई राम और उसकी मां दोनों तबेले में गाय को चारा देने के लिए गई है जोकि घर के पीछे ही था,,,, रामू की साथ में ही है बात जानते ही रघु का मन बैठ गया क्योंकि वहां चाहता था कि एक साथ अपनी बहन और अपनी मां की चुदाई करने से पहले अपने लंड की वर्जिस ललिया की रसीली बुर से कर लेना चाहता था,,,। लेकिन फिर भी मन में एक आस लेकर वह घर के पीछे बने तबेले की तरफ जाने लगा जो कि उसके तबेले से सटा हुआ ही था,,,,,


हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था लेकिन अभी भी सब कुछ साफ नजर आ रहा था रघु घर के पीछे खड़ा होकर चारों तरफ दौड़ाने लगा लेकिन दोनों मां-बेटे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, वह सोचा कि तभी लेकर आखिरी छोड़कर हो सकते हैं इसलिए व धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ने लगा,,,, आखिर में पहुंचने पर भी रामु और ललीया उसे कहीं नजर नहीं आ रहे थे,,,, इसलिए वह सोचा कि हो सकता है दोनों कहीं और गए हो,,,इसलिए वापस आने के लिए जैसे ही कदम पीछे दिया था कि तभी उसे चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दी जो कि तबेले की दीवार के पीछे से आ रही थी वह वहीं रुक गया,,,, और आवाज की दिशा में देखने लगा जो कि तबेले के ठीक पीछे से ही आ रही थी,,,, वह धीरे-धीरे आगे बढ़ा,,, धीरे-धीरे उसे पीछे की आवाज सुनाई देने लगी थी,,,, जिसे सुनते ही उसे पूरा यकीन हो गया कि तबेले के दीवाल की पीछे रामू और उसकी मां ही है,,,, लेकिन दोनों के बीच की हो रही बात को सुनकर उसके कान के साथ-साथ उसका लंड भी खड़ा हो गया,,,,।




अरे मां क्या कर रही है थोड़ा नीचे तो झुको,,,


अरे झुक रही हु थोड़ा सब्र तो कर,,,,,


क्या करूं तेरी गांड देखकर सब्र नहीं होता,,,,। रघु के साथ तो मचलती रहती है चुदवाने के लिए मेरे साथ ही नखरा करती है,,,।


तु ठीक से कर ही नहीं पाता,,, मैं कहती हूं कि सीधे-सीधे मेरे ऊपर आकर कर ले लेकिन तुझे तो पीछे से लेना है,,,।


रघु को तो बहुत पीछे से देती हो,,, और मेरे साथ नखरा दिखाती हो,,,


उसका तो पीछे से भी बड़े आराम से अंदर तक चला जाता है,,,,



(दीवार के पीछे से आ रही बातों को सुनकर रघु का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया,,, उसे समझ में आ गया कि उसकी तरह रामु भी अपनी मां को चोद रहा है,,,, और उसकी मां बात ही बात मेंउसकी पढ़ाई कर रही थी जो कि लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक था उसे विश्वास हो गया था कि अपनी मां और बहन को एक साथ चोदने से पहले उसे ललिया की तरफ से मानसिक ताकत प्राप्त हो चुकी थी,,,, वह अभी का लगा कर सो ही रहा था कि तभी उसके कानों में रामू की बात सुनाई दी,,,।)

बस बस हो गया मा,,,, जा रहा है थोड़ा सा बस नीचे हो जाओ,,,, हां बस ऐसे ही,,,, देखो चला गया ना,,,,आहहह आहहहह आहहहहहह,,,,,
(रघु के कानों में केवल रामू कि ही आह की आवाज सुनाई दे रही थी उसकी मां की तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी,,,, जिससे रघु समझ गया कि रामू से चुदवाने में उसकी मां को जरा भी मजा नहीं आ रहा था,,,, और रघु इस खेल में कूदना चाहता था इसलिए तुरंत दीवार के पीछे जाकर खड़ा हो गया,,,, रघु को देखते ही ललिया और रामु के होश उड़ गए,,,,,,, रामू और ललिया दोनों घबरा चुके थे,,,,,,रामू के लिए घर ले लिया की जगह कोई और औरत होती तो शायद वह इतना ना घबराता ललिया के लिए भी उसके पीछे खड़ा लड़का उसका बेटा ना होता तो उसे भी उस शायद रघु के सामने कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन दोनों मां बेटे थे इसलिए तुम दोनों के बीच के बारे में आज रखो को पता चल गया था अपनी आंखों से देख लिया था इसलिए दोनों एकदम से घबरा गए थे,,,।)


यह क्या हो रहा है रामू,,, तू तो अपनी मां को ही चोदने में मस्त हो गया,,,, और क्या चाची मुझे कही होती तो मैं आ जाता अपने ही बेटे से चुदवाने की क्या जरूरत थी,,,।(रघु ललिया की बड़ी-बड़ी और गोरी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला,,,, ललिया एकदम से खड़ी हो गई,,,)


देख रघू तु किसी से कुछ भी मत बताना,,,,,,

हां यार तुझे अपनी दोस्ती की कसम अगर किसी को कुछ भी बताया तो,,,,,,,,


जो कुछ भी हो रहा है ना रघू यह सब तेरी वजह से ही हो रहा है,,,,(ललिया अपनी साड़ी को नीचे करते हुए बोली,,)


मेरी वजह से,,, मेरी वजह से क्यों,,,?


क्योंकि रामू जान गया था कि,,, तु मुझे चोदता है,,,,,, और रामू किसी को कुछ भी ना कहे इस एवज में अपना मुंह बंद रखने के लिए उसने भी,,,,,,( इतना क्या कर ले लिया खामोश हो गई रघु समझ चुका था सारा मामला और रामू की तरफ देखते हुए बोला,,,)

ओहहह बच्चु उस दिन जब मैं बोला कि अपनी मां को चोदा कर तो मुझ पर बिगड़ उठा और अभी यहां पर खुली जगह पर ही अपनी मां की चुदाई कर रहा है,,,।


देख रघू मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं इस बारे में किसी को कुछ भी मत बताना,,,


नहीं बताऊंगा,,,, लेकिन मेरा मन इस‌ समय तेरी मां को चोदने को कर रहा है,,,। अगर मेरा मुंह बंद रखना है तो,,,।
(रामू समझ गया था कि अपना मुंह बंद करने के एवज में रघु अपनी मनमानी करके ही रहेगा,,, वह अपने मन में सोचने लगा कि पहले भी तो वह उसकी मां की चुदाई करते आ रहा है,,, तो अभी कर लेगा तो इसमें क्या बिगड़ जाएगा,,,, ऐसा करके वह अपना मुंह बंद है तो रखेगा वरना इस बारे में अगर किसी को पता चल गया तो और आप मच जाएगा,,,,,,,,,, इसलिए वह हां में सिर हिला दिया इस बात के लिए अपनी मां से पूछना जरूरी नहीं समझा क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां भी उसके लंड की दीवानी थी,,,। रघु खुश हो गयाक्योंकि रात में अपनी मां बहन दोनों के साथ घमासान चुदाई के पहले वह अपने लंड की ताकत को आजमाना चाहता था जो कि अब वह अच्छी तरह से आजमा सकता था,,,। वह तुरंत ललिया के पीछे खड़ा हो गया और उसे झुकने के लिए बोला ललिया बिना देर लगाए झुक गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरफ कर दी,,,, रघू अपने ही हाथों से उसकी साड़ी को उठाकर कमर तक कर दिया,,,दीवार के पीछे खड़े होकर ही उन दोनों मां-बेटे की बातें सुनकर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,, जो कि रामू की मां की बुर में जाने के लिए तैयार था,,,, और उसकी पुर में धीरे-धीरे अपने लंड को डालते हुए रामु से बोला,,,,)



देख रामु ऐसे डाला जाता है पीछे से,,,,( और इतना कहने के साथ ही रखो अपना पूरा लंड रामू की मां की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया,,, थोड़ी ही देर में ललीया की गरम सिसकारी गुजने लगी,,, रामू भी अपनी मां की मादक आवाज को सुनकर हैरान था,,, क्योंकि जब भी वह अपनी मां की चुदाई करता था तब उसके मुंह से आवाज निकलती थी उसके बाद के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता था पहले रामु इस बात को समझ नहीं पा रहा था लेकिन आज समझ गया था और हैरान भी था रघू की ताकत को देखकर,,,,,रघु ठाप पर ठाप लगाए जा रहा था,,,। बिना रुके,, रघु रामू की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था मानो कि उसे कह रहा हो कि देख ऐसे करते हैं पीछे से चुदाई,,,। रामू अपनी मां की तरफ भी देख रहा था जिसे बहुत मजा आ रहा था,,,, तकरीबन 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों का पानी निकल गया लेकिन इस दौरान अपनी मां की चुदाई देख कर ही रामु का पानी निकल गया था,,,,।

रघु अपने पजामे को ऊपर करता हुआ बोला,,,।


देख रहा हूं तो बिल्कुल भी चिंता मत कर यह राजा राजा ही रहेगा बस मुझे समय-समय पर तेरी मां की लेना पड़ेगा जिसमे तुझे अब कोई भी एतराज होना नहीं चाहिए,,,।
(अगर आज रघु ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया ना होता तो रामू से कभी भी इजाजत नहीं देता लेकिन उसकी मजबूरी थी इसलिए हम इसे हिला दिया और रघु जाते-जाते ब्लाउज के ऊपर से ही ललिया की चूची को दबाते हुए बोला,,,।)

हाय मेरी रानी बहुत मजा देती है,,,।
(इतना कहकर वह हंसते हुए वहां से चला,,गया,,, घर पर पहुंचने पर थोड़ी देर बाद खाना भी तैयार हो गया था जिसे तीनों ने मिलकर साथ साथ खा लिए और थोड़ी देर बाहर बैठकर बात करने के बाद तीनों अंदर कमरे में जाने लगे तो कजरी रघु से बोली,,,।)

दरवाजा बंद कर लेना,,,,


हा मा तुम दोनों चलो मैं बंद करके आता हूं,,,।


अब शालू अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसके जाने के तुरंत बाद ही द्वार पर दरवाजा लगाने की जरूरत क्यों पड़ गई,,,।
Rohnny bhai...... ek gujarish hai .. aage se update bhale late de dena magar gif ad kar dena ........... agar meri baat kisi ko buri lagi hai to uske liye main maafi chahunga...................... dhannywaad shukriya
 
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