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Adultery प्रीत +दिल अपना प्रीत पराई 2

Carry Minati

Tushar
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Aur ek Megha aayegi pr is bar Megha ke sath ek sex update bnta hai bro 😁😁

Pichli bad fti hui bur mili thi is bar kadak mal hona😁 😍 baki update bohot ache hai
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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#9

आँख खुली तो पाया की सूरज सर पर चढ़ आया है , पंखा बंद था यानि की बिजली नहीं थी , उबासी लेते हुए मैंने बिस्तर छोड़ा और छज्जे पर आया . निचे भाभी आंगन में कुछ काम कर रही थी . गोर चेहरे पर सुनहरी धुप जैसे सितम ही ढा रही थी . हमारी नजरे मिली . वो मुस्कुराई और मैं छज्जे से हट गया .

मैं निचे आया और घर से बाहर निकल ही रहा था की उन्होंने आवाज दी .

“देवर जी रुको ”

मैं- मुझे देर हो रही है

भाभी- ऐसा कोई काम नहीं तुम्हे जो देर हो

मैं- फिर भी मुझे जाना है

भाभी- नाश्ता करके जाओ. मुझे मालूम है कल से कुछ नहीं खाया तुमने .

मैं- उसकी जरुरत नहीं फिलहाल मुझे जाना है

भाभी मेरे पास आई

भाभी- कितना दूर भागोगे

मैं- क्या करू इस घर में मेरा जी नहीं लगता . मेरे लिए ये सब बेगाना है ये मेरी मज़बूरी है की बार बार मुझे यहाँ लौट आना होता है

भाभी- जानती हूँ , भला मुझसे ज्यादा कौन समझता है तुम्हे

मैं बस मुस्कुरा दिया.

भाभी ने एक आह भरी और बोली- रोटी से भला कैसा बैर तुम्हे तो पसंद है न मेरे हाथ का बना खाना , तुम हम सब से नफरत कर सकते हो पर खाने से बैर न करो

मैं- नफरत अगर कर पाता तो ये घर , घर नहीं होता . आप कहती है , आप जानती है और मुझसे ही पूछती है . मुझे मेरे हाल पर छोड़ क्यों नहीं देती आप .

भाभी- क्योंकि तुम्हे इस तरह टूटते हुए नहीं देख सकती मैं, जिंदगी बस ये ही नहीं है जो तुम देख रहे हो , जिंदगी वो है जो हम सब जी रहे है .

मैं- फ़िलहाल तो यूँ है की कुछ कर नहीं सकते.

भाभी- तुम्हारे भैया भी कल से भूखे है , तुम जानते हो जब तक उन्हें मालूम न हो की तुमने खाना खा लिया वो भी नहीं खाते

मैं- इसमें मेरा क्या दोष भला

भाभी- दोष तो उनका भी नहीं है , तो उन्हें क्यों सजा दे रहे हो तुम

मैं- मैं बस खुद को सजा दे रहा हूँ भाभी . आप सब अपनी जिन्दगी जिए मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे.

मैंने कहा और घर से बाहर निकल गया . मैं चाची के घर गया तो प्रोफेसर साहब वही पर थे .

चाचा- अरे मेरे शेर, कितने दिन हुए मिलते ही नहीं हो तुम

मैं- बस ऐसे ही

चाचा-- तुम्हारी चाची कह रही थी तुम्हे कुछ किताबे चाहिए.

मैं- जी

चाचा- मुझे बताओ मैं निकाल देता हूँ

मैंने दो चार किताबे यु ही बता दी उन्होंने. वो अन्दर चले गए. मैंने देखा की चाची के माथे पर तनाव था .

मैं- चाची क्या हुआ

चाची- कुछ नहीं

मैं- बताओ भी

चाची के बोलने से पहले ही चाचा किताबे लेकर आ गए तो बात अधूरी रह गयी .

चाचा- भाई जी , कह रहे थे की तुम बम्बई जा रहे हो

मैं- नहीं बिलकुल नहीं , पिताजी चाहते है पर मैं नहीं जाने वाला

चाचा- पर इसमें गलत क्या है

मैं- जब अपने शहर में कालेज है तो वहां क्या जाना

चाचा- भाई जी ने कुछ सोच कर ही निर्णय लिया होगा

मैं- बाद में मिलता हूँ अभी जल्दी है मुझे .

मैं वहां से निकला और थोड़ी दूर चलते ही मुझे मीता दिखी. हमारी नजरे मिली, वो हमेशा की तरह मुस्कुराई .

मैं- कैसी हो

वो- बढ़िया, तुम बताओ

मैं- मैं भी ठीक हूँ

वो- शहर जा रही हूँ

मैं- मैं भी उधर ही जा रहा था साथ चले

उसने एक बार कुछ सोचा और बोली- हाँ , बिलकुल

मैं- दो मिनट रुको मैं गाड़ी ले आता हूँ

मीता -तुम्हे परेशानी होगी

मैं- भला मुझे क्या परेशानी हो गी

मैं दौड़कर गया , और गाड़ी ले आया . ये पहली बार था जब ऐसे कोई लड़की मेरे साथ थी . मीता ने शीसा थोडा निचे किया . ठंडी हवा ने गाड़ी में जगह बना ली.

“शुक्रिया ” उसने हौले से कहा

मैं- भला किसलिए

वो- तुम्हे मालूम है

मैं- क्या आप भी . हम दोस्त है और दोस्त एक दुसरे को शुक्रिया नहीं कहते है

मीता- सो तो है , कल मिले नहीं तुम

मैं- उलझा था कुछ काम में .

मीता- ये तो अच्छा है , जीवन में काम होना बहुत जरुरी है .

बाते करते करते हम शहर पहुच गए . उसने एक दूकान के बाहर गाड़ी रोकने को कहा .

“आओ न रुक क्यों गए ”उसने कहा

मैं- भला मेरा क्या काम यहाँ

वो- हो सकता है तुम्हारी नजरे कुछ पसंद कर ले मेरे लिए .

मीता कितनी सरल थी , न जाने कैसे वो जान लेती थी मेरे मन को मुझसे पहले .

मैं उसके साथ अन्दर गया . उसकी पसंद बिलकुल निराली थी कोई फैशन नहीं , प्योर सिम्पल पर उसकी सादगी ही उसका गहना थी . न जाने मुझे क्या सुझा उसे लेकर मैं सुनार के पास गया .

“पायल पसंद करो ” मैंने उसे कहा

वो- किसके लिए

मैं- किस्मत के लिए

उसने न जाने कितनी जोड़ी देखि और फिर एक जोड़ी पायल पसंद की

“ये वाली कैसी है देखो जरा ” उसने कहा .

तीन लडियो से बनी चांदी की पायल ,जिसमे बेहद बारीक घुंघरू जड़े थे.

“हाय रे नसीब ” मेरे होंठो से अपने आप निकल पड़ा .

“कुछ कहा तुमने ” उसने पूछा

मैं- नहीं कुछ नहीं .

“क्या कीमत है इसकी ” उसने सुनार से कहा

“”५ हजार “ सुनार से पहले मेरे होंठो से निकल गया .

मीता ने हैरानी से मेरी तरफ देखा

“बढ़िया पसंद है आपकी , ये पायल बस दो जोड़ी ही बनी थी , कारीगर ने इसके बाद कभी पायल नहीं बनाई ” सुनार ने कहा

मैं- तुम पैसे लो न यार

मैंने पैसे सुनार को दिए और पायल को जेब में रख लिया .

”खाना खाते है ” मैंने कहा और हम एक होटल में आ गए.

“मैं नौकरी करना चाहती हूँ ” मीता ने कहा

मैं- ये तो बढ़िया बात है , किस विभाग में दिलचस्पी है आपकी

मीता- तुम्हे हंसी आयेगी सुनकर , मैं रेडियो की नौकरी करना चाहती हूँ

मैं- रेडिओ मकेनिक

मीता- नहीं , वो जो रेडिओ पर बोलते है न वो .

“हम्म, और ये नौकरी कैसे मिलती है मतलब आवेदन करना पड़ता है इसके लिए ” मैंने पूछा

मीता- एक कोर्स करना पड़ता है , जल्दी ही दाखिला लें लुंगी मैं

मैं- बढ़िया है .

मीता- तुमने क्या सोचा है

मैं- रडियो सुनने का

और हम दोनों ही हंस पड़े. पूरा दिन मैं उसके साथ रहा , ये दिन कब बीत गया क्या ही मालूम चला. उसे छोड़ कर जब मैं गाड़ी खड़ी करने चाची के घर गया तो वो थोडा परेशां लग रही थी .


“मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी ” चाची ने कहा .
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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lagta hai ek deewar hai dono bhaiyo ke bich.. pyar to nahi nafrat hi sahi....
to heroine ne entry le hi li kahani pe... waise naam shayad puja ho :D
hmm... hero ki bhabhi ki bol chaal bilkul jassi jaisi hai...
...
Khair ab ye mandir ke bahar kya dekh liya isne...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
नफरत वहीं होती है जहां मोहब्बत होती है ये याद रखना
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Wah kya baat hai heroine se mulaakat phir huyi... lagta hai mulaakaton ka silsila jaari hone wala hai...
hmm... kuch to baat hai in dono bhaiyo ke darmiyan... kuch to chupa hua hai jo samne se nahi batana chahta dono hi...
chachi ke ghar raat ko :hint:
yaar ju ke stories pe chachi ko hi bali ki bakri kyun bana dete ho :roflol:

well let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
सिलसिले ये मुलाक़ातों के जरूरी है, दोनों भाइयों के बीच जो खाई है उसका क्या कारण होगा बाद मे बताता हूं
 
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