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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Prince_007

Member
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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
 

Mass

Well-Known Member
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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
intezaar kar sakte hain...no issues....jab bhi aapko time milega, update de dena...take your time since you are now busy.
 
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Punjabiboy

Incest Lover
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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
Oyeeee Intzaar Kar Lenge ... Kahaani Khatam Ka Mat Bolo ... Itni Awesome Kahaani K Liya Wait kar lenge Yaar
 
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AssNova

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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
Areeee koi baat nhi sir , haame yakin kabhi aapki ruchi fir se aayegi aur aap kahani ko aage bhi usi utsaah se badhayenge !!
isliye Wait hi shi but aap band mat kariya
 

Gul Ahmed

Naresh
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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
Khani kyon khtam karo ho mitar
 
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Gul Ahmed

Naresh
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अपडेट 6
अंजलि की चाल
अगली सुबह रोहन ,रवि ,विकास और अंकित नदी के किनारे बैठे हुए थे रोहन किसी गहरी सोच में की राहुल पे ये वार कौन कर सकता है वो तो वहा रहता भी नही हैं
रवि -क्या यार तुम सब चुप बैठो हो कोई तो बोलो
अंकित - हाँ यार रोहन चल ना पास वाले गाँव चलते है वहा का माल देखे कितना समय हो गया है ।
रोहन - नही यार तुम लोग जाओ मेरी तबियत कुछ ठीक नही है में घर जाता हूँ
इधर गन्ने के खेत में ,बोला था ना तुमको राहुल को गाँव नही भेजूंगी पर तुमने उसे बुला लिया देखा क्या हाल कर दिया मेरे बेटे का सब तुम्हारे दुश्मनों का किया धारा है ।बरखा मेरी क्या गलती है राहुल मेरा भी तो बेटा है और हमारे प्यार की निशानी है जिसको हम दोनो नही भूल सकते है । ये बात कोई सुन रहा था पर कौन???

राहुल की नज़र कसे हुए मोट मोट उरोजो पे ठहरी हुई थी आयशा झुक के झाडू लगा रही थी इस बात से अनजान राहुल उसकी गहरी खाई में डूबा हुआ है ये सब निधि देख रही थी जी हां निधि ही थी जो उस दिन आयशा की चूची और आरोही की गांड को देखते हुए, राहुल को छुप के देख रही थी ,निधि को कुछ अजीब लगता है और वो सीधा अंजलि से मिलती है और उससे पूछती है की तुम किस आम की बात कर रही थी ।
अब अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी उसने सोचा क्यों ना इस साली की बूर में भी खुजली करवा दूँ तो वो बोली मैं कैसे कहूँ निधि जी मुझे शर्म आ रही है ऐसी बात बोलने में की एक भाई अपनी ही बहन के आम चूसना चाहता है ।
निधि - समझ तो गयी थी पर वो पुरी तरह से जान ना चाहती थी तो बोली जो बोलना है खुल के बोलो
अंजलि - कुछ सोच के ठीक है पर ये राहुल बाबू को मत बोलना की मैं आपको सब बता दी हूँ ।
निधि - ठीक है यार अब बोलो भी
अंजलि - मन में साली की बूर में कितनी खुजली हो रही है जान ने की रुक साली तेरी बूर में ऐसी आग लगाउंगी की राहुल का लेकर ही शांत होगी ।
निधि - क्या हुआ अंजलि
अंजलि - कुछ नही निधि जी वो क्या है राहुल बाबू आरोही जी के साथ सोना चाहते है मैंने गन्ने के खेत में देखा की वो आरोही जी के नाम से हिला रहे थे मुझे तो बहुत अजीब लगा की एक भाई अपनी बहन के लिए ऐसा कैसे सोच सकता है ये तो पाप है ।
निधि - क्या
अंजलि - अरे क्या क्या नही वो तो और भी बहुत कुछ बोले की आरोही को पेट से कर देंगे मौका मिला तो तभी मैंने उनको आवाज़ दी तो वो घबरा गये और अपना वो छुपा के बोले तुम यहा ,मैं बोली हाँ आपको गन्ने के खेत में घुसते देखा तो चली आयी पर तुम तो बहुत गंदे इंसान हो बहन के लिए ऐसा सोचते हो छी.छी कैसे हो तुम ।
वो बोले की मुझे माफ़ करो दो वो आरोही को देख के मै उत्तेजित हो गया था ,किसी को मत बताना अंजलि ।
मैं बोली तो बताओ और क्या क्या सोचते हो अपनी मासूम सी बहन के लिए ,मैं उसको चोदना चाहता हूँ और उसकी बुर में नही चोदुंग तो कोई और चोद देगा इस से अच्छा में ही पेल के घर की इज़्ज़त बचा लूंगा और वो तो ये भी बोले की बहन का जन्म तो भाई के लंड के लिए ही होता है
निधि - ये सब सुन के पुरी तरह से आश्चर्यचकित थी की उसका भाई ऐसा सोचता है आरोही के लिए ,उसके लिए ये मान ना बहुत मुश्किल था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता ,नही नही वो तो उससे बहुत प्यार करता है पर
उसने खुद देखा उस दिन आरोही की गांड को देखते हुए और उसने तो फोटो भी ली थी उसकी गांड की तो क्या सच में राहुल आरोहो के साथ यौन सम्बंध बनाना चाहता है ।ये सब सोच के निधि का दिमाग़ फटा जा रहा था ।तभी अंजलि बोली की वो घर पर सब इंतेज़ार कर रहे होंगे चलती हूँ आज अंजलि ने ऐसा तीर मारा था जो शायद खाली तो बिल्कुल ही नही सा सकता था कोई ना कोई इस तीर का शिकार होने वाला था पर कौन ???
समय बीतता जा रहा था और राहुल ठीक हो चुका था और उनके जाने के दिन आ गये थे राहुल जाने से पहले एक और बार अंजलि की लेना चाहता था इस लिए वो बिना किसी को बताये अंजलि से मिलने चला गया इधर अंजलि का शराबी पति उसे लेने आ गया था बहुत मुश्किल से अंजलि मानी और उसके साथ फिर से रहने के जाने की तैयारी करने लगी। इतने में राहुल उससे मिल के उसे धन्यवाद भी बोलता है तभी अंजलि बोलती है सीधा सीधा बोल ना तुझे मेरी लेनी है बहनचोद, और दोनो मुस्कुरा देते है । अंजलि थोड़ा जल्दी आता तो ठीक था देख मेरा मर्द आ गया अब मुश्किल है पर राहुल ने बस एक बात बोली और अंजलि मुस्कुरा के जल्दी से गन्ने के खेत की तरफ चल दी और बोली जल्दी से कर ले कही मेरे मर्द को पता चल गया तो बिना लिए ही भाग जायेगा ।राहुल भी एक दम से अंजलि पे टूट पड़ा दोनो के होंठ आपस में मिल चुके थे, दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे तभी अंजलि ने मुँह खोल के राहुल के जीभ का स्वागत करती है और दोनो एक दूसरे की जीभ से खेलने लगते है राहुल को इस आनंदित खेल में जो सुख प्राप्त हो रहा था वो शब्दों में बताना मुश्किल है धीरे धीरे उरोजो के मसलते हुए एक दूसरे के बदन से खेलने लगे दोनो के कपड़े उतर चुके थे ,अंजलि के हाथ अब राहुल के लंड से खेलने लगे थे ।दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर ,राहुल फाड़ना चाहता था अंजलि की बूर ,समय की कमी को देखते हुए ।राहुल ने कच्छी एक झटके से उतर फेंकी और लंड को बूर पे रख झटखा मरा और लंड बुर में धीरे धीरे बूर की गहराई में समाता चला गया ।और फिर शुरु हुआ संसार का सबसे बड़ा सुख का दौर जिसके लिए ये संसार पागल है राहुल ,अंजलि की बूर को गपा गप पेले जा रहा था मस्ती पूरे जोर पे थी इस एहसास से राहुल को स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे ।दोनो ही अपनी जवानी की प्यास में सिसकियाँ लेने लगे और फिर शुरु हुआ असली खेल जिसके लिए अंजलि एक दम से मान गयी थी
अंजलि - आअह्ह्ह...राहुल भैया चोदो मुझे आज अच्छे से चोदो अपनी बहन आरोही को ,
राहुल - जोर जोर से धक्के मरते हुआ हुए मस्ती में आकर आआह्ह्.. हाँ आरोही मेरी रंडी बहन तेरी चूत फाड़ के तुझें सब से चुदवाऊंगा
अंजलि - चोदो मेरे राजा भैया अपनी आरोही को और साथ में निधि दीदी को भी पेल दो भैया ,वो भी छिनाल है उसकी बूर भी तुम्हारे लंड के लिए बनी भैया आह्ह..मेरे चोदु भैया
राहुल - हाँ मैं सबको चोदूंग अपनी तीनो बहनो को चोदूंग आअह्ह्ह..में बहनचोद हूँ, मै गरिमा ,निधि, आरोही सब को चोदुंगा ।
इतना ही बहुत था दोनो को चरमसुख के करीब लाने के लिए और दोनो झड़ने लगते है खेल ख़तम हो चुका था दोनो ही अपने साँसे काबू करने में लगे थे । पर अंजलि का ये आखिरी तीर बिल्कुल निशाने पे था क्यों की वही छुप के निधि इस खेल के मज़ा ले रही थी अंजलि जब खेत में जा रही थी तभी उसने निधि को वहा देख लिया था जो गन्ने के खेत में वहा खाली जगह देखने गयी थी जहाँ अंजलि के मुताबिक़ राहुल हिला रहा था किसी की आहट से निधि छुप जाती है , ये बात अंजलि को पता था इसी लिए उसने निधि का नाम भी ले लिया और राहुल तो मस्ती में गारिमा की बूर फाड़ने को बोल दिया जो अब तक अंजलि को पता भी नही था ।अंजलि अपने कपड़े पहनकर बोली ये गरिमा कौन है राहुल बाबू
राहुल - थोड़ा शर्मा के वो मेरी दीदी है ।
अंजलि - सागी बहन है क्या ?
राहुल- हाँ सबसे बड़ी दीदी
अंजलि - अरे बहनचोद कितनी रंडिया है तेरे घर में तेरे तो मजे ही मजे है कभी किसी की गांड देखता होगा तो
कभी किसी के चुचे साले खूब चुदवायेगी तेरे से ये तीनो इनकी बूर फाड़ के पेट से कर दे वरना किसी और का ले लेगी तो तु हिलता रह जायेगा वैसे तेरी वो निधि दीदी साली रंडी लगती है बदन देखा है उसका कितना कसा हुआ है पता नही कुंवारी है भी की नही, तेरा लेने के लिए पागल हो गयी है जल्दी से उसकी बुर फाड़ दे मैं चलती हूँ और घर के लिए निकल जाता है ।इधर निधि को अब पुरा भरोसा हो गया था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता है
और साथ में उसकी और शायद गरिमा दीदी की भी,
राहुल का मोटा लंड निधि के बदन में गर्मी पैदा कर चुका था वो बस उस हसीन लम्हे को याद कर रही थी जब राहुल का लंड अंजलि की बुर में अंदर बहार हो रहा था ये सोच उसकी बूर में चुनचुनी होने लगी अब अलग कमरा तो था ना की बूर में ऊँगली कर सके इसी लिए वो मन मार के सो जाती हैं ।
अगली सुबह राहुल और उसके परिवार के जाने का दिन था। सुबह से ही चहल पहल लगी हुई थी ,सब के चेहरे थोड़े मायूस लग रहे थे कोई नही चाहता था की कोई जाये पर जाना तो था ही ,तभी राहुल सबको बोलता है हम दुबारा आ जाएंगे मामा जी आप चिंता मत करो पर अभी जाना ही होगा कॉलेज भी तो जाना है ।
सब तैयार हो चुके थे जाने के लिए और इधर राहुल नदी के किनारे बैठा सब को अलविदा कहने गया था ।
रवि - राहुल भाई बहुत याद आओगे ।
अंकित - हाँ यार
विकास - भाई शहर जाकर भूल मत जाना और आते रहना ।
इतना बोल के वो उनसे विदा ले लेता है और रास्ते में राहुल ,रोहन से बोलता है ।
राहुल - यार तेरी बात सही थी बहन की जवानी देखना इतना भी गलत नही होता जितना मैं समझता था ।
रोहन - राहुल को देखते हुए साले मतलब तूने भी आरोही को देखा ।
बात ऐसी है जब राहुल की तबियत ठीक नही थी तो वो बिस्तर पे पड़े पड़े ही आरोही और आयशा की जवानी को देखने लगा था जिसमे उसे अब मज़ा आने लगा था ।
राहुल - हाँ यार
रोहन - उस दिन तो मुझे बहुत ज्ञान दे रहा था पाप है ,और अब उसकी जवानी देख लंड हिलाने लगा।
राहुल - हाँ यार सच में वो मस्त माल है और शर्म से गर्दन झुका लेता है ।
रोहन - हँसते हुए ,अब शर्मा क्यों रहा है भाई जब लंड खड़ा होता है तो वो रिश्ता नही देखता बस बूर देखता है । तु अब तु समझ गया है वैसे साली आरोही है बहुत मस्त माल ,मैं तो पहले ही दिन उसकी गांड का दीवाना हो गया था ।
राहुल - मुस्कुरा जाता है और बोलता है आयशा भी कुछ कम नही है।
रोहन - हाँ तभी तो उसकी लेना चाहता हूँ पर कैसे लूं समझ नही आता
राहुल - साले तु भी ना ,तु देखेगा कुछ ???
रोहन - क्या दिखा रहा है
राहुल - आरोही की गांड वाली फोटो को दिखाते हुए बोला ये ,कैसी हैं
रोहन - वाह बहनचोद क्या गांड है यार किसकी है ये मस्तानी गांड
राहुल - मुस्कुराता हुआ आरोही की है जब देखा तो सोचा फोटो ले ही लेता हूँ हिलाने के काम काम आएगा ।
रोहन - क्या बात हैं बहनचोद तु सच्चा आशिक़ है अपनी बहन का ,और दोनो मुस्कुरा देते है
रोहन - अगली बार जब आएगा तो आरोही की सील खोलने की खबर लेकर आना
राहुल - मुस्कुरा के साले इतने सपने मत दिखा अभी तो हिलाना शुरू किया है पता नही आरोही देगी या नही ।
रोहन - वो नही देगी तो निधि दीदी की ले लेना वो भी तो गजब की माल है सुना है जिम जाती हैं। गांड और जाँघे मस्त कर लिए है जिम जाकर । वैसे कितना बार हिलाया आरोही पे तूने ??
राहुल - निधि दीदी का बदन तो मस्त है देखते है यार क्या होता है । यार ३ बार किया आरोही पे और एक बार निधि दीदी पे भी ।
रोहन - मुस्कुरता हुआ चल सही है तूने भी घर की बूर का मज़ा लेने लगा ।
दोनों का वार्तालाब ख़तम हो गया और वो घर पे आ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गये दो दिन के सफर था बिहार से दिल्ली का इधर दिल्ली में गरिमा और उसके पापा ने भी बहुत गुल खिलाये थे जिस से ये लोग अनजान थे।







नोट -लिखने में कोई गलती हो जाये तो क्षमा कर दीजियेगा
Mza aa gya bro aarhoi ko phle bhai hi chode uske baad papa Rohan aur gaav ke dost
 
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