Bhut Khub Dost.....अपडेट 35
गरिमा का चेहरा आज बहुत खिला हुआ लग रहा था । वो बहुत खुश होकर काम कर रही थी और उसके ऑफिस के कुछ ठरकी पुरुष उसको देख के आहे भर रहे थे । इधर उसके ही ऑफिस का एक कालिग आकाश ,गरिमा के प्यार में पड़ चुका था ।
*******
दोहपर हो चुकी थी । सुरेश और बरखा दुकान पे अपने ग्राहकों में व्यस्त थे। तभी बरखा के फोन की रिंग बजने लगी ।उसने देखा तो उसके भईया का कॉल आ रहा था ।वो उठा के बोली ।
" हेल्लो
" हेल्लो हाँ बहना हम आज नही आ पाएंगे हमारी गाडी रद्द हो गयी थी ।दो दिन बाद का टिकट मिला हैं हम अगले दिन तक आएंगे ठीक है।
" अच्छा ठीक है भईया ।बोलकर कॉल कट दी ।तभी सुरेश बोला।
" अच्छा सुनों बरखा मैं घर से होकर आता हूँ आज थोड़ी तबियत ठीक नही लग रही हैं।। सुरेश बोला ।
" क्या हुआ आपको ।
" कुछ नही शायद थकान हो गयी हैं थोड़ा आराम करके शाम तक आता हूँ तब तक तुम सम्भाल लो ।
वो घर के लिए निकल जाता हैं।।इधर रोहन ,विक्की और अजय के साथ पार्क में बैठ के कुछ प्लान कर रहा था ।
" देख रोहन सबसे पहले निधि को ही पेलते हैं उसकी टाइट गांड मरने में मज़ा देगी ।
" रोहन ने विक्की को देखा और बोला पर वो साली फँसेगी कैसे ।
" साली का काम दिवाली पे ही बैठा देते हैं। जब बहार पटाखे जलाने जाएगी तो हम लोग मिलकर उसकी चूत का पटखा बजा देंगे। विक्की हँसते हुआ बोला ।
" मज़ा आएगा भाई अजय ने रोहन के कंधे पे हाथ रख के बोला ।
***********
आज घर पे बस आयेशा और निधि ही थी। राहुल अपनी आइटम निशा से मिलने गया था ।और आरोही कॉलेज ।
" मैं कमरे में जा रही हूँ आयेशा कोई परेशान हो तो बोलना ।और निधि चली गयी।
कुछ देर ही हुए की दरवाजे की घंटी बजी और आयेशा खोलने गयी । देखा तो सुरेश खड़ा था । सुरेश ने आयेशा को देखा और उसकी नज़र उसके गोल गोल उभारों पे ठहर गयी । जवानी की उठान उसके सीने पे साफ दिखाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था की सीने से कपड़ा हटा दे तो उछल के बहार आ जाएंगी। कुछ देर ये सिलसिला चला और आयेशा की आवाज़ से सुरेश की तंत्रा टूटी उसने आयेशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी।। सुरेश जल्दी से अंदर आया और अपने कमरे में चला गया ये देख आयेशा खिलखिला गयी। सुरेश ने कमरे में आकर पैंट उतारी तो उसको अपने लिंग में हलका सा कड़कपन महसूस हुआ और हलकी खुशी उसके चेहरे पे भी आ गयी वो फ्रेश होकर बिस्तर पे लेट गया ।तभी आयेशा आयी और बोली फूफ़ा जी खाना लाऊँ?
" सुरेश कच्छे पे ही सोया हुआ था। उसका जिस्म ऊपर से भी नग्न था उसके छाती से बाल उसकी मर्दानगी की कहानी कह रहे थे । जब आयेशा की नज़र अपने फूफा की छाती पे गये तो चौड़े सीने और बालों को देख उसके बदन में एक अजीब सी कंपन हुई । तभी उसकी नज़र अचानक ही सुरेश के कच्छे पे गयी जहाँ कुछ उठा हुआ सा उसको दिखाई दिया । वो एक दम से शर्मा गयी ।जैसे ही उसने सुरेश की नज़र का पीछा किया तो वो उसकी छाती को ही देख रहा था जहाँ कोई कपड़ा ना होने की वजह से चूची की लाइन दिख रही थी । उसने अपने सीने को और झुका दिया ।जिसे सुरेश आँखे फाड़े देखने लगा । पर जैसे ही उसकी नज़र आयेशा पे गयी वो लाज़ के मारे सर झुका लिया ।
" फूफ़ा जी बताओ ना खाना चाहिए ।
" नही खाना नही चाहिए दूध गरम करके लेकर आ ।
" ठीक हैं फूफ़ा जी
आयेशा के जाते ही सुरेश ने लिंग की अकड़न को देखा तो उसने जल्दी से चादर अपने ऊपर डाल ली । कुछ देर बाद वो दूध लेकर आयी और उसने झुक के दूध का गिलास पकड़ाया ।सुरेश ने गिलास को पकड़ना चाहा तो उसकी नज़र सीधा आयेशा के उभरों पे चली गयी जो अब आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहे थे ।और एक पतली से लकीर उसके दोनों बॉल के बीच से होकर जा रही थी। उस लकीर को देखने के लिए सुरेश ने नज़र गाड़ा के आयेशा की चूचियाँ में देखने लगा ।तभी उसको दायी चूची पे एक तिल दिखाई दिया उसको देखते ही सुरेश के लिंग ने एक झटका मारा ।इधर आयेशा भी दूध दे रही थी । अब कौन सा वाला वो तो वही जाने पर आयेशा को भी इस खेल में मज़ा तो आ रहा था ।
दोनों के बीच कुछ और हो पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनके कानों में गयी। निधि दूर से ही आयेशा को आवाज़ दे रही थी। जिसे सुन दोनों ही अपनी दुनिया में लौट आये । वो दूध का गिलास देकर जल्दी से भाग गयी ।
" हाँ दीदी बोलो ।
" हाँ की बच्ची कहा थी कब से आवाज़ लगा रही थी और तु इतना हांफ क्यों रही हैं ।
" कुछ नही दीदी वो भाग के आपके पास आयी ना तो सांस फुल रही है।
" वो सब तो ठीक है पर तु भाग के क्यों आयी ।
" दीदी क्या आप भी बोलो ना क्या बात हैं।
" मैं ये बोल रही थी की दिवाली आ रही हैं । नये कपड़े खरीदने चलते हैं वैसे भी तु भी बोर हो गयी होगी ।
" हाँ दीदी चलो चलते हैं।
" बुद्धू ऐसे ही जाएगी सज सवर तो ले ताकि लड़कों को मज़ा आये देखने में निधि ने मुस्कुराते हुआ बोली ।
" आप भी ना दीदी चलो ।
इधर सुरेश दूध पीते हुए सोच रहा था साली दूध देने आयी थी या दिखाने उफ्फ्फ...आयेशा उसने अपने लिंग को सहलाते हुए बोला और बिस्तर पे लेट गया ।
" पापा ओ पापा हम लोग जा रहे हैं बाज़ार निधि सुरेश को जगा रही थी । सुरेश ने आँख खोली तो उसका मुँह सीधा दो पर्वतों के निचे था । वो उठना चाहा तो उसका मुँह निधि के चुचों से जा टकराया जिससे निधि सिसक उठी ।
"माफ़ करना बेटा वो गलती से हो गया ।
" कोई बात नही पापा मैं और आयेशा बाज़ार जा रहे हैं बस यही बोलने आयी थी दरवाजा बंद कर लो ।
" ठीक हैं तुम लोग चलो मैं आता हूँ ।
इधर आयेशा मन मैं साला ठरकी एक बेटी की बूर फाड़ दिया अब दूसरी भी चाहिए ।वो हलके से मुस्कुरा रही थी ।सुरेश कपड़े पहन के आया और वो दोनों चली गयी । सुरेश ने दरवाजा बंद किया ही था की घंटी फिर बजी उसने जाकर फिर दरवाजा खोला तो आरोही खड़ी थी ।
" पापा आप दुकान नही गये क्या ?
" गया था बेटा थोड़ी तबियत ठीक नही लगी तो आ गया आराम करने के लिए ।
दोनों अंदर आये ।सुरेश अपने कमरे में चला गया और आरोही अपने कमरे में चली गयी । आरोही ने दरवाजा बंद नही किया और कपड़े खोलने लगी ।
" इधर सुरेश ने एक आवाज़ लगायी आरोही बेटा थोड़ा खाना गरम करके मुझे दे देना ।
" ठीक हैं पापा वो चिल्ला के बोली ।
आरोही ने कपड़े बदल लिए और कुछ देर बाद किचन में जाकर खाना गरम किया और अपने पापा को देकर आयी । कुछ ही समय के बाद सुरेश ने खाना ख़तम किया तो बहार हॉल में आया और आते ही उसकी आँखे बड़ी हो गयी । आरोही झुक के कुछ कर रही थी ।जिससे उसकी गांड की गोलाई दो बड़े बड़े पहाड़ों की तरह दिखाई दे रहे थे । टाइट लेंगिंग्स की वजह से गांड और भी खिल के बहार आ रही थी जिसे देख सुरेश के लंड ने एक बार फिर से झटका मारा और वो हवस भारी नज़रों से अपनी छोटी बेटी की जवानी को देखने लगा ।आज पहली बार उसको एहसास हुआ की आरोही भी माल बन चुकी हैं । तभी आरोही खड़ी हुई और बोली ।
" पापा आप कब आये ।
" बस अभी आया बेटा, मैं बोलने आया था की शाम को उठा देना मैं सोने जा रहा हूँ ।
******************
इधर राहुल निशा को बिस्तर पे पटक के उसको दबोच कर उसके चुचों में मुँह रगड़ने लगा ।
" आह्ह...राहुल ये ठीक नही हैं छोड़ो ना प्लीज
" कब तक तरसाओगी जान एक बार तो पिला दो दूध उसने चुचों को कपड़े के ऊपर से ही मुँह भर के बोला ।
" आहच ..बदमाश जाकर अपनी बहन आरोही के चूस लो उसके भी तो बड़े बड़े हो रहे हैं पता नही किस किस ने चूस चूस के बड़े कर दिये हैं।
" क्या बोली मेरी आरोही ऐसी नही हैं ।
" अच्छा तुम क्या उसकी टाँगे खोल के देख रहे हो वो किस से चुदवाती हैं या नही निशा मुस्कुरा के बोली ।
" जाओ मैं अब बात नही करूंगा ।राहुल नाराज़ होता हुआ बोला ।
" अरे बाबा मैं तो बस मज़ाक कर रही थी वैसे वो जवान है कोई लुटेरा उसको लूटने के लिए बैठा ही होगा ।
" अब तुम लूट लो वरना कोई और लूट लेगा निशा ने हँसते हुआ कहा ।
" कमीनी राहुल ने निशा को पकड़ के बाहों में भर लिया और उसके होठों पे होंठ रख दिये। दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों को चूमने लगे । निशा भी पुरा साथ दे रही थी । दोनों एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ा रहे थे। तभी निशा अलग हुई और बोली ।
" कभी आरोही का भी चूमा लेकर देखो बहुत मीठी हैं मेरी ननद रानी वो मुस्कुरा के बोली ।
" क्या निशा छोड़ो ना बहन हैं मेरी ।
" अच्छा जी सब जानती हूँ मैं मुझे अच्छे से पता हैं आरोही के लिए तुम क्या सोचते हो मेरे राजा और बोलोगे तो उसकी दिलवा भी दूंगी।
दोनों के बीच नोक जोक चलती रही और शाम होने लगी इधर बरखा गरिमा और राहुल को लेकर परेशान भी थी ।और राहुल के लंड को देख के हैरान भी थी ।कैसे उसका बेटा अपनी ही सगी बहन की बूर में घपा घप लंड को पेले जा था । ऊपर से उसके ही पति का चक्कर खुद की बेटी के साथ कब से था मन तो उसका भी दुकान में नही लग रहा था पर जैसे तैसे समय काटना ही था।
**************
शाम हो गयी आरोही ने सुरेश को उठाने गयी तो सुरेश कच्छे पे ही सो रहा था और उसके कच्छे में एक उभार देख के आरोही शर्म से लाल हो गयी ।उसने सुरेश को उठाया और वो दुकान चला गया इधर निधि और आयेशा भी घर आ चुकी थी । और आरोही को अपने कपड़े दिखा दे चिढ़ा रही थी ।
" दीदी अब बस करो अकेले मार्केट चली गयी मेरे लिए रुक नही सकती थी क्या ।
" तेरे लिए कल ले लेंगे बुद्धू अब सड़ी हुई शकल मत बना निधि बोली
तीनों मिलकर बातें करने लगी और आरोही उनके कपड़े देखने लगी ।
Behtarren update bhidu.....mujhe to laga suresh aayesha ya nidhi inka kaam kr hi dega or bach gyi....koi na kab tak bachegi ....barkha ko garima or Rahul ke bare me or suresh or barkha ke bare me kaise pata chal gya ... dekhte hai aage kya majedar hota hai...Rohan kamyab hoga Nidhi ko thokne ke chakkar me...अपडेट 35
गरिमा का चेहरा आज बहुत खिला हुआ लग रहा था । वो बहुत खुश होकर काम कर रही थी और उसके ऑफिस के कुछ ठरकी पुरुष उसको देख के आहे भर रहे थे । इधर उसके ही ऑफिस का एक कालिग आकाश ,गरिमा के प्यार में पड़ चुका था ।
*******
दोहपर हो चुकी थी । सुरेश और बरखा दुकान पे अपने ग्राहकों में व्यस्त थे। तभी बरखा के फोन की रिंग बजने लगी ।उसने देखा तो उसके भईया का कॉल आ रहा था ।वो उठा के बोली ।
" हेल्लो
" हेल्लो हाँ बहना हम आज नही आ पाएंगे हमारी गाडी रद्द हो गयी थी ।दो दिन बाद का टिकट मिला हैं हम अगले दिन तक आएंगे ठीक है।
" अच्छा ठीक है भईया ।बोलकर कॉल कट दी ।तभी सुरेश बोला।
" अच्छा सुनों बरखा मैं घर से होकर आता हूँ आज थोड़ी तबियत ठीक नही लग रही हैं।। सुरेश बोला ।
" क्या हुआ आपको ।
" कुछ नही शायद थकान हो गयी हैं थोड़ा आराम करके शाम तक आता हूँ तब तक तुम सम्भाल लो ।
वो घर के लिए निकल जाता हैं।।इधर रोहन ,विक्की और अजय के साथ पार्क में बैठ के कुछ प्लान कर रहा था ।
" देख रोहन सबसे पहले निधि को ही पेलते हैं उसकी टाइट गांड मरने में मज़ा देगी ।
" रोहन ने विक्की को देखा और बोला पर वो साली फँसेगी कैसे ।
" साली का काम दिवाली पे ही बैठा देते हैं। जब बहार पटाखे जलाने जाएगी तो हम लोग मिलकर उसकी चूत का पटखा बजा देंगे। विक्की हँसते हुआ बोला ।
" मज़ा आएगा भाई अजय ने रोहन के कंधे पे हाथ रख के बोला ।
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आज घर पे बस आयेशा और निधि ही थी। राहुल अपनी आइटम निशा से मिलने गया था ।और आरोही कॉलेज ।
" मैं कमरे में जा रही हूँ आयेशा कोई परेशान हो तो बोलना ।और निधि चली गयी।
कुछ देर ही हुए की दरवाजे की घंटी बजी और आयेशा खोलने गयी । देखा तो सुरेश खड़ा था । सुरेश ने आयेशा को देखा और उसकी नज़र उसके गोल गोल उभारों पे ठहर गयी । जवानी की उठान उसके सीने पे साफ दिखाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था की सीने से कपड़ा हटा दे तो उछल के बहार आ जाएंगी। कुछ देर ये सिलसिला चला और आयेशा की आवाज़ से सुरेश की तंत्रा टूटी उसने आयेशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी।। सुरेश जल्दी से अंदर आया और अपने कमरे में चला गया ये देख आयेशा खिलखिला गयी। सुरेश ने कमरे में आकर पैंट उतारी तो उसको अपने लिंग में हलका सा कड़कपन महसूस हुआ और हलकी खुशी उसके चेहरे पे भी आ गयी वो फ्रेश होकर बिस्तर पे लेट गया ।तभी आयेशा आयी और बोली फूफ़ा जी खाना लाऊँ?
" सुरेश कच्छे पे ही सोया हुआ था। उसका जिस्म ऊपर से भी नग्न था उसके छाती से बाल उसकी मर्दानगी की कहानी कह रहे थे । जब आयेशा की नज़र अपने फूफा की छाती पे गये तो चौड़े सीने और बालों को देख उसके बदन में एक अजीब सी कंपन हुई । तभी उसकी नज़र अचानक ही सुरेश के कच्छे पे गयी जहाँ कुछ उठा हुआ सा उसको दिखाई दिया । वो एक दम से शर्मा गयी ।जैसे ही उसने सुरेश की नज़र का पीछा किया तो वो उसकी छाती को ही देख रहा था जहाँ कोई कपड़ा ना होने की वजह से चूची की लाइन दिख रही थी । उसने अपने सीने को और झुका दिया ।जिसे सुरेश आँखे फाड़े देखने लगा । पर जैसे ही उसकी नज़र आयेशा पे गयी वो लाज़ के मारे सर झुका लिया ।
" फूफ़ा जी बताओ ना खाना चाहिए ।
" नही खाना नही चाहिए दूध गरम करके लेकर आ ।
" ठीक हैं फूफ़ा जी
आयेशा के जाते ही सुरेश ने लिंग की अकड़न को देखा तो उसने जल्दी से चादर अपने ऊपर डाल ली । कुछ देर बाद वो दूध लेकर आयी और उसने झुक के दूध का गिलास पकड़ाया ।सुरेश ने गिलास को पकड़ना चाहा तो उसकी नज़र सीधा आयेशा के उभरों पे चली गयी जो अब आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहे थे ।और एक पतली से लकीर उसके दोनों बॉल के बीच से होकर जा रही थी। उस लकीर को देखने के लिए सुरेश ने नज़र गाड़ा के आयेशा की चूचियाँ में देखने लगा ।तभी उसको दायी चूची पे एक तिल दिखाई दिया उसको देखते ही सुरेश के लिंग ने एक झटका मारा ।इधर आयेशा भी दूध दे रही थी । अब कौन सा वाला वो तो वही जाने पर आयेशा को भी इस खेल में मज़ा तो आ रहा था ।
दोनों के बीच कुछ और हो पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनके कानों में गयी। निधि दूर से ही आयेशा को आवाज़ दे रही थी। जिसे सुन दोनों ही अपनी दुनिया में लौट आये । वो दूध का गिलास देकर जल्दी से भाग गयी ।
" हाँ दीदी बोलो ।
" हाँ की बच्ची कहा थी कब से आवाज़ लगा रही थी और तु इतना हांफ क्यों रही हैं ।
" कुछ नही दीदी वो भाग के आपके पास आयी ना तो सांस फुल रही है।
" वो सब तो ठीक है पर तु भाग के क्यों आयी ।
" दीदी क्या आप भी बोलो ना क्या बात हैं।
" मैं ये बोल रही थी की दिवाली आ रही हैं । नये कपड़े खरीदने चलते हैं वैसे भी तु भी बोर हो गयी होगी ।
" हाँ दीदी चलो चलते हैं।
" बुद्धू ऐसे ही जाएगी सज सवर तो ले ताकि लड़कों को मज़ा आये देखने में निधि ने मुस्कुराते हुआ बोली ।
" आप भी ना दीदी चलो ।
इधर सुरेश दूध पीते हुए सोच रहा था साली दूध देने आयी थी या दिखाने उफ्फ्फ...आयेशा उसने अपने लिंग को सहलाते हुए बोला और बिस्तर पे लेट गया ।
" पापा ओ पापा हम लोग जा रहे हैं बाज़ार निधि सुरेश को जगा रही थी । सुरेश ने आँख खोली तो उसका मुँह सीधा दो पर्वतों के निचे था । वो उठना चाहा तो उसका मुँह निधि के चुचों से जा टकराया जिससे निधि सिसक उठी ।
"माफ़ करना बेटा वो गलती से हो गया ।
" कोई बात नही पापा मैं और आयेशा बाज़ार जा रहे हैं बस यही बोलने आयी थी दरवाजा बंद कर लो ।
" ठीक हैं तुम लोग चलो मैं आता हूँ ।
इधर आयेशा मन मैं साला ठरकी एक बेटी की बूर फाड़ दिया अब दूसरी भी चाहिए ।वो हलके से मुस्कुरा रही थी ।सुरेश कपड़े पहन के आया और वो दोनों चली गयी । सुरेश ने दरवाजा बंद किया ही था की घंटी फिर बजी उसने जाकर फिर दरवाजा खोला तो आरोही खड़ी थी ।
" पापा आप दुकान नही गये क्या ?
" गया था बेटा थोड़ी तबियत ठीक नही लगी तो आ गया आराम करने के लिए ।
दोनों अंदर आये ।सुरेश अपने कमरे में चला गया और आरोही अपने कमरे में चली गयी । आरोही ने दरवाजा बंद नही किया और कपड़े खोलने लगी ।
" इधर सुरेश ने एक आवाज़ लगायी आरोही बेटा थोड़ा खाना गरम करके मुझे दे देना ।
" ठीक हैं पापा वो चिल्ला के बोली ।
आरोही ने कपड़े बदल लिए और कुछ देर बाद किचन में जाकर खाना गरम किया और अपने पापा को देकर आयी । कुछ ही समय के बाद सुरेश ने खाना ख़तम किया तो बहार हॉल में आया और आते ही उसकी आँखे बड़ी हो गयी । आरोही झुक के कुछ कर रही थी ।जिससे उसकी गांड की गोलाई दो बड़े बड़े पहाड़ों की तरह दिखाई दे रहे थे । टाइट लेंगिंग्स की वजह से गांड और भी खिल के बहार आ रही थी जिसे देख सुरेश के लंड ने एक बार फिर से झटका मारा और वो हवस भारी नज़रों से अपनी छोटी बेटी की जवानी को देखने लगा ।आज पहली बार उसको एहसास हुआ की आरोही भी माल बन चुकी हैं । तभी आरोही खड़ी हुई और बोली ।
" पापा आप कब आये ।
" बस अभी आया बेटा, मैं बोलने आया था की शाम को उठा देना मैं सोने जा रहा हूँ ।
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इधर राहुल निशा को बिस्तर पे पटक के उसको दबोच कर उसके चुचों में मुँह रगड़ने लगा ।
" आह्ह...राहुल ये ठीक नही हैं छोड़ो ना प्लीज
" कब तक तरसाओगी जान एक बार तो पिला दो दूध उसने चुचों को कपड़े के ऊपर से ही मुँह भर के बोला ।
" आहच ..बदमाश जाकर अपनी बहन आरोही के चूस लो उसके भी तो बड़े बड़े हो रहे हैं पता नही किस किस ने चूस चूस के बड़े कर दिये हैं।
" क्या बोली मेरी आरोही ऐसी नही हैं ।
" अच्छा तुम क्या उसकी टाँगे खोल के देख रहे हो वो किस से चुदवाती हैं या नही निशा मुस्कुरा के बोली ।
" जाओ मैं अब बात नही करूंगा ।राहुल नाराज़ होता हुआ बोला ।
" अरे बाबा मैं तो बस मज़ाक कर रही थी वैसे वो जवान है कोई लुटेरा उसको लूटने के लिए बैठा ही होगा ।
" अब तुम लूट लो वरना कोई और लूट लेगा निशा ने हँसते हुआ कहा ।
" कमीनी राहुल ने निशा को पकड़ के बाहों में भर लिया और उसके होठों पे होंठ रख दिये। दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों को चूमने लगे । निशा भी पुरा साथ दे रही थी । दोनों एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ा रहे थे। तभी निशा अलग हुई और बोली ।
" कभी आरोही का भी चूमा लेकर देखो बहुत मीठी हैं मेरी ननद रानी वो मुस्कुरा के बोली ।
" क्या निशा छोड़ो ना बहन हैं मेरी ।
" अच्छा जी सब जानती हूँ मैं मुझे अच्छे से पता हैं आरोही के लिए तुम क्या सोचते हो मेरे राजा और बोलोगे तो उसकी दिलवा भी दूंगी।
दोनों के बीच नोक जोक चलती रही और शाम होने लगी इधर बरखा गरिमा और राहुल को लेकर परेशान भी थी ।और राहुल के लंड को देख के हैरान भी थी ।कैसे उसका बेटा अपनी ही सगी बहन की बूर में घपा घप लंड को पेले जा था । ऊपर से उसके ही पति का चक्कर खुद की बेटी के साथ कब से था मन तो उसका भी दुकान में नही लग रहा था पर जैसे तैसे समय काटना ही था।
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शाम हो गयी आरोही ने सुरेश को उठाने गयी तो सुरेश कच्छे पे ही सो रहा था और उसके कच्छे में एक उभार देख के आरोही शर्म से लाल हो गयी ।उसने सुरेश को उठाया और वो दुकान चला गया इधर निधि और आयेशा भी घर आ चुकी थी । और आरोही को अपने कपड़े दिखा दे चिढ़ा रही थी ।
" दीदी अब बस करो अकेले मार्केट चली गयी मेरे लिए रुक नही सकती थी क्या ।
" तेरे लिए कल ले लेंगे बुद्धू अब सड़ी हुई शकल मत बना निधि बोली
तीनों मिलकर बातें करने लगी और आरोही उनके कपड़े देखने लगी ।
Mast wala update dena bro...हैप्पी दिवाली मेरे सभी पाठकों को , कुछ अपडेट दिवाली को लेकर ही लिख रहा हूँ । बाकी आज अपडेट मुश्किल हैं पर शायद समय मिले तो दे दूँगा।
हैप्पी दिवाली
सुरेश का अपडेट बहुत ही धांशू था ।अपडेट 35
गरिमा का चेहरा आज बहुत खिला हुआ लग रहा था । वो बहुत खुश होकर काम कर रही थी और उसके ऑफिस के कुछ ठरकी पुरुष उसको देख के आहे भर रहे थे । इधर उसके ही ऑफिस का एक कालिग आकाश ,गरिमा के प्यार में पड़ चुका था ।
*******
दोहपर हो चुकी थी । सुरेश और बरखा दुकान पे अपने ग्राहकों में व्यस्त थे। तभी बरखा के फोन की रिंग बजने लगी ।उसने देखा तो उसके भईया का कॉल आ रहा था ।वो उठा के बोली ।
" हेल्लो
" हेल्लो हाँ बहना हम आज नही आ पाएंगे हमारी गाडी रद्द हो गयी थी ।दो दिन बाद का टिकट मिला हैं हम अगले दिन तक आएंगे ठीक है।
" अच्छा ठीक है भईया ।बोलकर कॉल कट दी ।तभी सुरेश बोला।
" अच्छा सुनों बरखा मैं घर से होकर आता हूँ आज थोड़ी तबियत ठीक नही लग रही हैं।। सुरेश बोला ।
" क्या हुआ आपको ।
" कुछ नही शायद थकान हो गयी हैं थोड़ा आराम करके शाम तक आता हूँ तब तक तुम सम्भाल लो ।
वो घर के लिए निकल जाता हैं।।इधर रोहन ,विक्की और अजय के साथ पार्क में बैठ के कुछ प्लान कर रहा था ।
" देख रोहन सबसे पहले निधि को ही पेलते हैं उसकी टाइट गांड मरने में मज़ा देगी ।
" रोहन ने विक्की को देखा और बोला पर वो साली फँसेगी कैसे ।
" साली का काम दिवाली पे ही बैठा देते हैं। जब बहार पटाखे जलाने जाएगी तो हम लोग मिलकर उसकी चूत का पटखा बजा देंगे। विक्की हँसते हुआ बोला ।
" मज़ा आएगा भाई अजय ने रोहन के कंधे पे हाथ रख के बोला ।
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आज घर पे बस आयेशा और निधि ही थी। राहुल अपनी आइटम निशा से मिलने गया था ।और आरोही कॉलेज ।
" मैं कमरे में जा रही हूँ आयेशा कोई परेशान हो तो बोलना ।और निधि चली गयी।
कुछ देर ही हुए की दरवाजे की घंटी बजी और आयेशा खोलने गयी । देखा तो सुरेश खड़ा था । सुरेश ने आयेशा को देखा और उसकी नज़र उसके गोल गोल उभारों पे ठहर गयी । जवानी की उठान उसके सीने पे साफ दिखाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था की सीने से कपड़ा हटा दे तो उछल के बहार आ जाएंगी। कुछ देर ये सिलसिला चला और आयेशा की आवाज़ से सुरेश की तंत्रा टूटी उसने आयेशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी।। सुरेश जल्दी से अंदर आया और अपने कमरे में चला गया ये देख आयेशा खिलखिला गयी। सुरेश ने कमरे में आकर पैंट उतारी तो उसको अपने लिंग में हलका सा कड़कपन महसूस हुआ और हलकी खुशी उसके चेहरे पे भी आ गयी वो फ्रेश होकर बिस्तर पे लेट गया ।तभी आयेशा आयी और बोली फूफ़ा जी खाना लाऊँ?
" सुरेश कच्छे पे ही सोया हुआ था। उसका जिस्म ऊपर से भी नग्न था उसके छाती से बाल उसकी मर्दानगी की कहानी कह रहे थे । जब आयेशा की नज़र अपने फूफा की छाती पे गये तो चौड़े सीने और बालों को देख उसके बदन में एक अजीब सी कंपन हुई । तभी उसकी नज़र अचानक ही सुरेश के कच्छे पे गयी जहाँ कुछ उठा हुआ सा उसको दिखाई दिया । वो एक दम से शर्मा गयी ।जैसे ही उसने सुरेश की नज़र का पीछा किया तो वो उसकी छाती को ही देख रहा था जहाँ कोई कपड़ा ना होने की वजह से चूची की लाइन दिख रही थी । उसने अपने सीने को और झुका दिया ।जिसे सुरेश आँखे फाड़े देखने लगा । पर जैसे ही उसकी नज़र आयेशा पे गयी वो लाज़ के मारे सर झुका लिया ।
" फूफ़ा जी बताओ ना खाना चाहिए ।
" नही खाना नही चाहिए दूध गरम करके लेकर आ ।
" ठीक हैं फूफ़ा जी
आयेशा के जाते ही सुरेश ने लिंग की अकड़न को देखा तो उसने जल्दी से चादर अपने ऊपर डाल ली । कुछ देर बाद वो दूध लेकर आयी और उसने झुक के दूध का गिलास पकड़ाया ।सुरेश ने गिलास को पकड़ना चाहा तो उसकी नज़र सीधा आयेशा के उभरों पे चली गयी जो अब आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहे थे ।और एक पतली से लकीर उसके दोनों बॉल के बीच से होकर जा रही थी। उस लकीर को देखने के लिए सुरेश ने नज़र गाड़ा के आयेशा की चूचियाँ में देखने लगा ।तभी उसको दायी चूची पे एक तिल दिखाई दिया उसको देखते ही सुरेश के लिंग ने एक झटका मारा ।इधर आयेशा भी दूध दे रही थी । अब कौन सा वाला वो तो वही जाने पर आयेशा को भी इस खेल में मज़ा तो आ रहा था ।
दोनों के बीच कुछ और हो पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनके कानों में गयी। निधि दूर से ही आयेशा को आवाज़ दे रही थी। जिसे सुन दोनों ही अपनी दुनिया में लौट आये । वो दूध का गिलास देकर जल्दी से भाग गयी ।
" हाँ दीदी बोलो ।
" हाँ की बच्ची कहा थी कब से आवाज़ लगा रही थी और तु इतना हांफ क्यों रही हैं ।
" कुछ नही दीदी वो भाग के आपके पास आयी ना तो सांस फुल रही है।
" वो सब तो ठीक है पर तु भाग के क्यों आयी ।
" दीदी क्या आप भी बोलो ना क्या बात हैं।
" मैं ये बोल रही थी की दिवाली आ रही हैं । नये कपड़े खरीदने चलते हैं वैसे भी तु भी बोर हो गयी होगी ।
" हाँ दीदी चलो चलते हैं।
" बुद्धू ऐसे ही जाएगी सज सवर तो ले ताकि लड़कों को मज़ा आये देखने में निधि ने मुस्कुराते हुआ बोली ।
" आप भी ना दीदी चलो ।
इधर सुरेश दूध पीते हुए सोच रहा था साली दूध देने आयी थी या दिखाने उफ्फ्फ...आयेशा उसने अपने लिंग को सहलाते हुए बोला और बिस्तर पे लेट गया ।
" पापा ओ पापा हम लोग जा रहे हैं बाज़ार निधि सुरेश को जगा रही थी । सुरेश ने आँख खोली तो उसका मुँह सीधा दो पर्वतों के निचे था । वो उठना चाहा तो उसका मुँह निधि के चुचों से जा टकराया जिससे निधि सिसक उठी ।
"माफ़ करना बेटा वो गलती से हो गया ।
" कोई बात नही पापा मैं और आयेशा बाज़ार जा रहे हैं बस यही बोलने आयी थी दरवाजा बंद कर लो ।
" ठीक हैं तुम लोग चलो मैं आता हूँ ।
इधर आयेशा मन मैं साला ठरकी एक बेटी की बूर फाड़ दिया अब दूसरी भी चाहिए ।वो हलके से मुस्कुरा रही थी ।सुरेश कपड़े पहन के आया और वो दोनों चली गयी । सुरेश ने दरवाजा बंद किया ही था की घंटी फिर बजी उसने जाकर फिर दरवाजा खोला तो आरोही खड़ी थी ।
" पापा आप दुकान नही गये क्या ?
" गया था बेटा थोड़ी तबियत ठीक नही लगी तो आ गया आराम करने के लिए ।
दोनों अंदर आये ।सुरेश अपने कमरे में चला गया और आरोही अपने कमरे में चली गयी । आरोही ने दरवाजा बंद नही किया और कपड़े खोलने लगी ।
" इधर सुरेश ने एक आवाज़ लगायी आरोही बेटा थोड़ा खाना गरम करके मुझे दे देना ।
" ठीक हैं पापा वो चिल्ला के बोली ।
आरोही ने कपड़े बदल लिए और कुछ देर बाद किचन में जाकर खाना गरम किया और अपने पापा को देकर आयी । कुछ ही समय के बाद सुरेश ने खाना ख़तम किया तो बहार हॉल में आया और आते ही उसकी आँखे बड़ी हो गयी । आरोही झुक के कुछ कर रही थी ।जिससे उसकी गांड की गोलाई दो बड़े बड़े पहाड़ों की तरह दिखाई दे रहे थे । टाइट लेंगिंग्स की वजह से गांड और भी खिल के बहार आ रही थी जिसे देख सुरेश के लंड ने एक बार फिर से झटका मारा और वो हवस भारी नज़रों से अपनी छोटी बेटी की जवानी को देखने लगा ।आज पहली बार उसको एहसास हुआ की आरोही भी माल बन चुकी हैं । तभी आरोही खड़ी हुई और बोली ।
" पापा आप कब आये ।
" बस अभी आया बेटा, मैं बोलने आया था की शाम को उठा देना मैं सोने जा रहा हूँ ।
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इधर राहुल निशा को बिस्तर पे पटक के उसको दबोच कर उसके चुचों में मुँह रगड़ने लगा ।
" आह्ह...राहुल ये ठीक नही हैं छोड़ो ना प्लीज
" कब तक तरसाओगी जान एक बार तो पिला दो दूध उसने चुचों को कपड़े के ऊपर से ही मुँह भर के बोला ।
" आहच ..बदमाश जाकर अपनी बहन आरोही के चूस लो उसके भी तो बड़े बड़े हो रहे हैं पता नही किस किस ने चूस चूस के बड़े कर दिये हैं।
" क्या बोली मेरी आरोही ऐसी नही हैं ।
" अच्छा तुम क्या उसकी टाँगे खोल के देख रहे हो वो किस से चुदवाती हैं या नही निशा मुस्कुरा के बोली ।
" जाओ मैं अब बात नही करूंगा ।राहुल नाराज़ होता हुआ बोला ।
" अरे बाबा मैं तो बस मज़ाक कर रही थी वैसे वो जवान है कोई लुटेरा उसको लूटने के लिए बैठा ही होगा ।
" अब तुम लूट लो वरना कोई और लूट लेगा निशा ने हँसते हुआ कहा ।
" कमीनी राहुल ने निशा को पकड़ के बाहों में भर लिया और उसके होठों पे होंठ रख दिये। दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों को चूमने लगे । निशा भी पुरा साथ दे रही थी । दोनों एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ा रहे थे। तभी निशा अलग हुई और बोली ।
" कभी आरोही का भी चूमा लेकर देखो बहुत मीठी हैं मेरी ननद रानी वो मुस्कुरा के बोली ।
" क्या निशा छोड़ो ना बहन हैं मेरी ।
" अच्छा जी सब जानती हूँ मैं मुझे अच्छे से पता हैं आरोही के लिए तुम क्या सोचते हो मेरे राजा और बोलोगे तो उसकी दिलवा भी दूंगी।
दोनों के बीच नोक जोक चलती रही और शाम होने लगी इधर बरखा गरिमा और राहुल को लेकर परेशान भी थी ।और राहुल के लंड को देख के हैरान भी थी ।कैसे उसका बेटा अपनी ही सगी बहन की बूर में घपा घप लंड को पेले जा था । ऊपर से उसके ही पति का चक्कर खुद की बेटी के साथ कब से था मन तो उसका भी दुकान में नही लग रहा था पर जैसे तैसे समय काटना ही था।
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शाम हो गयी आरोही ने सुरेश को उठाने गयी तो सुरेश कच्छे पे ही सो रहा था और उसके कच्छे में एक उभार देख के आरोही शर्म से लाल हो गयी ।उसने सुरेश को उठाया और वो दुकान चला गया इधर निधि और आयेशा भी घर आ चुकी थी । और आरोही को अपने कपड़े दिखा दे चिढ़ा रही थी ।
" दीदी अब बस करो अकेले मार्केट चली गयी मेरे लिए रुक नही सकती थी क्या ।
" तेरे लिए कल ले लेंगे बुद्धू अब सड़ी हुई शकल मत बना निधि बोली
तीनों मिलकर बातें करने लगी और आरोही उनके कपड़े देखने लगी ।