Position | Benifits |
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Winner | 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories) |
1st Runner-Up | 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories) |
2nd Runner-UP | 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership |
Best Supporting Reader | Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership |
Members reporting CnP Stories with Valid Proof | 200 Likes for each report |
Nice one" इधर विक्की और अजय कच्छे पे बैठ के दारु पी रहे थे ।वो भी पुरी तरह से नशे में थे और उनको पता भी नही था की कुछ ही कमरे के बाद उसका दुश्मन राहुल अपनी बहन को चोद रहा हैं ।
" सलोनी अपने पति को नींद की गोली देकर विक्की और अजय के पास आयी और आते ही विक्की उसपे टूट पड़ा ।
" आह्ह विक्की बाबू थोड़ा आराम से करो कही भागी नही जा रही हूँ ।आह्ह..
" हम्म्म..साली तु अब भाग भी नही पायेगी कुतिया आज पुरी रात चूदेगी तु हरामजादी । और सलोनी के होठो को चूसने लगता हैं । कुछ ही देर होठों की रगड़ाई के बाद विक्की उसको नंगी करने लगता हैं ।और दोनों नंगे होकर मिल जाते हैं एक एहसास से सलोनी और विक्की मदहोश हो जाते हैं और फिर से एक दूसरे को चूमने लगते हैं
इधर अजय तीन पैग बना लेता हैं । और बोलता हैं आओ पी लो ।
" तीनों जाम उठकर पीने लगते हैं । और अजय सलोनी पे टूट पड़ता हैं कभी उसकी चूची मसलता हैं तो कभी उसकी गांड में ऊँगली करके मज़ा लेता हैं ।
" आह्ह..अजय बाबू धीरे से करो ।तभी विक्की अपना लोड़ा सलोनी के मुँह के आगे कर देता हैं ।
सलोनी मोटे काले लंड को अपने चेहरे के आगे देख आँखे बड़ी कर देती हैं ।
" मुँह में ले ले रंडी बहुत मज़ा आएगा तुझको बोल के उसके मुँह में घुसाने लगता हैं ।
इधर अजय भी उसकी चूचियों को मसल मसल के लाल कर चुका था ।
" सलोनी मुँह खोल के लंड ले लेती हैं और अपनी जीभ से टोप्पे को कुरेदने लगती हैं इस मधुर एहसास से विक्की की सिसकियाँ निकलने लगती हैं ।
" आह्ह्ह...रंडी...मस्ती से उसकी टाँगे काँपने लगी थी ।
अजय भी उठ के लंड निकल के सलोनी की तरफ करके बोला मुझे रंडी इसको भी ले ।
सलोनी मुस्कुरा दी और विक्की का लोड़ा मुँह से निकाल के अजय के लंड को मुँह भर ली और लापा लाप चूसने लगी ।अब अजय की भी आहे और सिसकियाँ निकलने लगी। इधर सलोनी दूसरे हाथ से विक्की के लंड को मुठयाने में लगी थी ।
कुछ देर ये खेल चला और तीनों ने फिर से जाम पे जाम पीने लगे अब सलोनी को भी नशा होने लगा था ।
" अजय और विक्की ने सलोनी को उठकर बिस्तर पे जाकर पटक दिया। सलोनी नशे में जैसे मस्त हो चली थी ।
" विक्की ने टाँगे खोल के बुर पे जीभ लगा दी और अजय ने उसके मुँह में लंड घुसा दिया ।
" सलोनी लंड जीभ से कुरेदने लगी और अजय की सिसकियाँ निकलने लगी दूसरी तरफ विक्की चूत को चाटे जा रहा था । अब सलोनी को मस्ती चढ़ने लगी और बूर चिपचिपे रस से भीगने लगी ।
" पूरे कमरे कामवासना समा चुकी थी ।
" विक्की नशे में चूत की मस्त चुसाई किये जा रहा है ।इधर सलोनी अजय के लंड पे जीभ फेर के उनको आनंद दे रही थी । विक्की ने बूर खोल के अपनी जीभ घुमा दी जिससे सलोनी मचल गयी। और अजय के लिंग पे दाँत गाड़ा दिये ।
" आअह्ह्ह...रंडी लंड को खा जाएगी क्या । ये मस्ती और दर्द भरी आह्ह अजय की थी ।
" विक्की हँसते हुए बोला रंडी हैं कुछ भी कर सकती हैं ।और चूत को चाटने लगा ।
" अजय और विक्की बिस्तर पे लेट गये और सलोनी उठकर दोनो के लोड़े को चाट चाट के गीला करने लगी ।तीनों की ही सिसकियाँ निकल रही थी ।
विक्की ने सलोनी को बिस्तर पे पटक दिया और अजय जाम बनाने चला गया ।
विक्की ने लंड को बूर पे रख के झटका मारा और लंड थूक और बूर के चिकनेपन से बूर को खोलता हुआ अन्दर समा गया ।
" आअह्ह...मादरचोद धीरे कर माँ के लोड़े अपने बाप पे गया हैं ।
" ये सुन अजय हँसने लगा और विक्की भी मुस्कुरा के दना दन बूर में धक्के मरने लगा । चुदाई अपने पूरे चरम पे थी ।
" आह्ह्ह...विक्की बाबू फाड़ दो मेरी बूर को आह्ह..चोदो मुझे विक्की बाबू...
"। आहह..रंडी साली भड़वी मादरचोद छिनाल... विक्की नशे में क्या क्या बोल रहा था उसको कुछ होश नही था वो जोर जोर से चोदने लगा और सलोनी की सिसकियाँ तेज़ हो गयी ।
" अजय जल्दी ख़तम कर रंडी को और आकर पी ले ।
" कुछ ही धक्कों का सिलसिला चला और दोनों आहे भरते हुए झड़ने लगे ।
" आह्ह्ह...विक्की बाबू..आह्ह्ह..सलोनी रंडी...
दोनों झाड़ के साँसे काबू करने लगे और कुछ ही देर में आकर पीने लगे ।
" मज़ा आ गया विक्की बाबू अपने बाप की तरह ही रंडीबाज़ हो ।
" साली सस्ती रांड मेरे बाप को रंडीबाज़ बोलती हैं
" रंडीबाज़ को रंडीबाज़ ना बोलूं तो क्या बोलूं साले भड़वे और हँसने लगती हैं ।
" तभी अजय उसको उठा के बिस्तर पे ले जाता हैं और पटकर बूर में लंड ठूस देता हैं जिससे सलोनी चीख़ देती है।
" आअह्ह्ह..मादरचोद फाड़ देगा क्या हरामी आराम से चोद कुत्ते ।
" अजय मुस्कुरा के बोला चुप कर साली दो कौड़ी की रांड और बुर में घपा घप लंड पेलने लगता हैं । दोनो ही आहे भरते हुए ताल से ताल मिला रहे थे ।सलोनी की बुर अब चिकनी हो चली थी ।अब आहे सिसकिया में बदल गयी और दोनों मस्ती में मगन होकर अपनी प्यास बुझने लगे और कुछ ही समय ये चुदाई का ये दमदार खेल एक आह्ह्ह...के साथ समाप्त हुआ ।
दोनो बिस्तर पे आहे भरते हुए उठे और जाकर के जाम पीने बैठ गये ।
" तीनों को ही नशा बहुत हो चुका था ।अपना आखिरी गिलास ख़तम करके दोनों ने सलोनी को उठा लिया और बिस्तर पे पटक दिया और आँखों ही आँखों से इशारा किया और सलोनी पे चढ़ गये ।
" ये क्या कर रहे हो नही नही गांड मत मारो बहुत दर्द होगा विक्की बाबू
" विक्की हँसता हुआ बोला चुप साली छिनाल तेरी गांड बहुत बड़ी हैं इसको नही चोदा तो क्या चोदा बोलकर गांड को चाटने लगता हैं अजय भी सलोनी के मुँह लोड़ा देता हैं और चूचियों को भी मसल मसल के मज़े लेता हैं । ।
कुछ देर गांड चाटने के बाद विक्की ने लोड़ा गांड के सुराख़ पे रख के जोर से पेल दिया सलोनी गांड इधर उधर करके मचल के रह गयी । और बोली।
" आह्ह्ह्ह...रंडी की औलाद साले सूअर की चुदाई के बीज़ फाड़ दिया रे आह्ह्ह।
विक्की तो नशे में था उसको कोई होश नही था वो ताबड़ तोड़ धक्के मारे जा रहा था सलोनी दर्द के मारे बिलबिला के रह जाती पर कुछ बोलने की हालत में नही थी उसकी आँखों से आंसु निकलने लगे पर विक्की उसपे बिल्कुल भी रहम नही किया और चोदता चला गया ।
" कुछ ही देर चुदाई चली अब सलोनी की आवाज़ आयी नही नही एक साथ मत करो विक्की बाबू और रोने लगी पर विक्की और अजय हँसते हुए ।
अजय ने गाण्ड में लोड़ा पेल दिया और विक्की ने बूर में घुसा दिया ।
सलोनी जोर जोर से चीखने लगी आह्ह्ह...फाड़ दिया हरामज़ादो कुत्तो के बच्चो ,माँ के लोडो रंडी की औलादो आह्ह्ह... भरते हुए दर्द से बिलबिलाने लगी ।
इधर उसके दोनों छेदो मे रौंदा जा रहा था । दोनों छेदो में धक्के खाने से वो बेहोश होने लगी थी। उसको दर्द और मज़ा दोनों का एहसास हो रहा था ।
" आह्ह्ह...करते हुए तीनों ही झड़ने लगे और शांत होकर बिस्तर पे हांफने लगते हैं ।
ऐसे ही सलोनी के दोनों छेद रात भर रौंदे गये उसकी गांड और बूर दोनों ही लाल हो चुके थे तीनों ही चुदाई करके बहुत थक गये और नशे से भी बुरा हाल हो चुका था ।उनकी आँखें धीरे धीरे बंद हो गयी और वो सो गये ।
इधर सुरेश और बरखा भी बिस्तर पे आहे भर रहे थे । और गरिमा उनकी चुदाई की आवाज़े सुन के गरम हो रही थी ।
" आह्ह्ह...गरिमा के बापू धीरे चोदिये...
" सुरेश अपनी पुरी ताकत से साथ लंड को बूर की गहराई में उतार रहा था । दोनों जोर जोर से साँसे ले रहे थे और इधर गरिमा की बूर गीली होने से उसकी कच्छी पुरी तरह भीग गयी थी ।।
"कुछ ही धक्कों में एक जोर की आह्ह्ह..भरते हुए शान्ति छा गयी और बस जोर जोर से साँसे लेने की हलकी आवाज़ गरिमा को सुनाई दे रही थी । वो समझ गयी और कमरे में भाग गयी।
" उफ्फ्फ..आप भी ना बहुत भूखे हो जी इतनी उम्र हो गयी पर चुदाई करने की वही लालसा हैं आप में ,
" क्या करूँ जान ये लंड हैं की मानता नही हैं बूर देख के फिसल जाता हैं
" ये सुन बरखा मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं आप भी इतने बड़े बच्चे हो गये है और अब तो रोहन और आयशा भी कल आ जाएंगे थोड़ा संभाल के रहना बोल के बिस्तर पे पसर जाती हैं ।
" गरिमा अपनी बुर में ऊँगली करते हुए और अपने पापा के इंतज़ार में उसकी आँख लग गयी ।