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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Sanju@

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गरिमा और राहुल की साँसे अब फूलने लगी थी। तभी गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के दबा दिया। जिससे राहुल ने आह्ह..करते हुए बोला दीदी मार दोगी क्या ।
उसने गरिमा को देखा तो वो जोर जोर से साँसे ले रही थी और एक मुस्कुराहट लिए हुए बोली ।

" मार तो तु देगा। थोड़ा तो सांस लेने दे कितनी देर से चूस रहा हैं थोड़ा सबर तो कर ले।
" राहुल मुस्कुरा के बोला तुम जैसी माल दीदी हो तो कौन सबर करेगा ।
" अच्छा जी ।

फिर से दोनों के होंठ मिल गये और वही सिलसिला फिर चलने लगा ।इस बार होंठ चुसाई के साथ साथ एक दूसरे के गुप्तांगों को भी सहलाने लगे थे राहुल गरिमा की चूत को उसकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था और गरिमा अपने छोटे भाई के लोड़े को पकड़ के सहला रही थी । दोनों ही भूल गये थे की छत के दरवाजे की कुंडी नही लगयी हैं।


दीदी चलो टंकी की तरफ यहा कोई देख लेगा ।
गरिमा मुस्कुरा दी और बोली
" बाप किचन में बुलाता हैं और बेटा टंकी की तरफ साले दोनों कमीने हो ।

राहुल की हलकी हंसी निकल गयी और बोला बाप ने खूब मलाई खा ली अब बेटा खायेगा और गरिमा को टंकी की तरफ लेकर छत पे बैठा के उसके होठों को चूसने लगा । कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और दोनों अलग हुए ।राहुल ने अपने कपड़े उतार के टंकी के करीब ही छत पे बिछा दिया जिसे देख गरिमा हँसने लगी ।

" क्या हुआ दीदी ।
" कुछ नही लगता हैं मेरी किस्मत में फर्श पे ही ठुकवाना लिखा हैं बिस्तर पे नही ।

ये सुन राहुल भी मुस्कुरा दिया और गरिमा की चूची को पकड़ के दबाने लगा ।
आह्ह्ह..आउच धीरे कर राजा आह्ह्ह...

दोनों के होंठ मिले हुए थे साथ में राहुल गरिमा की चूची मसले जा रहा था । आहिस्ता आहिस्ता गरिमा राहुल के बिछाये हुए कपड़ो पे लेट गयी। और दोनों एक दूसरे के जिस्म को रगड़ के गरम करने लगे ।

राहुल ने सलवार के ऊपर से ही गरिमा की बूर को चूम लिया जिससे गरिमा सिसक उठी ।
गरिमा उठी और अपने कपड़े खोलने लगी । और वो ब्रा और पैंटी पहने हुए लेट गयी। हलकी चांदनी रात में गरिमा का बदन चमक रहा था राहुल ने आव देखा ना ताव चूत पे मुँह लगा दिया और पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा । राहुल के थूक से पैंटी गीली होने लगी । तभी उसने पैंटी को साइड किया और गरिमा का खज़ाना उसके सामने था उसने फोन की टॉर्च जला के बूर को देखना चाहा तो गरिमा ने बंद करवा दिया और बोली कभी और देख लेना जल्दी से चोदो।

राहुल ने गरिमा की पैंटी को उतार के सुंघा और सर में पहन लिया जिसे गरिमा देख हँसने लगी । राहुल ने चूत पे एक चुम्बन किया और अपनी जीभ को ऊपर से निचे तक चूत के मुलायम मांस को चाटने लगा । गरिमा इस एहसास में अपनी आँखें बंद कर ली । राहुल अपनी जीभ चूत की फांको में घुसाने की कोशिश करने लगा । उसने चूत को हलके से फैलाया और अपनी जीभ को घुसा दिया । इस मधुर एहसास से गरिमा की आह्ह्ह..निकल गयी।
राहुल जीभ को चूत में घूमाने लगा वो जितना अंदर हो सके उतना जीभ घुसाए जा रहा था । इधर गरिमा का जिस्म मस्ती में काँपने लगा था वो जोर जोर से आहे भरने लगी ।

" आह्ह्ह...भाई....और अंदर तक चाट आह्ह्ह...बहनचोद....

इधर राहुल चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा जिससे गरिमा मदहोश हो गयी और मस्ती में सिसकियाने लगी ।
" आह्ह्ह...बहनचोद...साले आह्ह..ओह्ह्ह...खा जायेगा क्या...

चूत पुरी तरह पनियाने लगी थी हलका नमकीन सा स्वाद राहुल के मुँह में जाने लगा गरिमा की चूत थूक से पुरी तरह साराबोर हो चुकी थी। राहुल ने गरिमा की चूची को पकड़ा और दबाने लग और एक चूची को मुँह में भर के पीने लगा ।राहुल निप्पलों को मुँह भर के निप्पलों से खेलने लगा ।
इधर गरिमा का जिस्म आग की तरह तपने लगा उसके जिस्म में हवस समा चुकी थी । गरिमा राहुल के सर को पकड़ के अपनी चूची में दबाने लगी । राहुल भी बारी बारी दोनों चूचियों को मुँह लेकर चूस चूस से दबा रहा था । तभी गरिमा ने राहुल को ऊपर खींच लिया और होठों को होठों से मिला के चूमने लगी । दोनों ही इस बात से बेखबर थे की उनका ये खेल कोई देख रहा था।

गरिमा उठी और राहुल लेट गया और गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के अपने होठों में भर ली और चूसने लगी ।गरिमा के मुँह में जाते ही राहुल मचलने लगा उसके मुँह की गर्माहट से उसका लंड पिघलने लगा वो जोर जोर से सिसकियाने लगा ।
" आह्ह्ह....दीदी...चुसो आह्ह...उफ्फ्फ...क्या मस्त चुस्ती हो ।

गरिमा लंड को लपा लप लॉलीपॉप की तरह चाटने और चूसने में लगी हुई थी । वो लंड के उपरी भाग पे ऐसे जीभ लगाती की राहुल कसक के रह जाता । चांदनी रात में लंड चमकने लगा था पुरा लंड थूक से सना हुआ था ।प्री-कम की बूँद आती और गरिमा उसके अपनी जीभ से चाट के उसका स्वाद लेती । जब वो लंड को मुँह से बहार करती तो थूक की एक लाइन उसके मुँह से लंड तक बन जाती ।

" आह्ह्ह...दीदी अब चोदने दे नही तो झाड़ दूंगा ।

ये सुन गरिमा हलका सा मुस्कुराई और लेट गयी । राहुल ने लिंग को गरिमा की योनि पे रखा और आहिस्ता से जोर लगाया तो लिंग का उपरी भाग योनि को खोलता समा गया। इधर गरिमा सिसक उठी । राहुल ने आहिस्ता आहिस्ता ही लिंग को योनि में प्रवेश करवा दिया और राहुल का लिंग गरिमा की योनि के अंदर की गर्माहट लेने लगा । दोनों को ही एक अजीब से एहसास ने घेर लिया । उनपे वासना का सुरूर छाने लगा और कब दोनों हिलने लगे पता ही नही चला । राहुल आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्के तेज़ करते जा रहा था और गरिमा छत पे आसमान को देखते हुए अपने ही सगे भाई का लंड अपनी चूत की गहराई में उतरवा रही थी । दोनों ही चुदाई का का ये खेल खेलने में मशरूफ़ थे ।और इधर बरखा उनको देख रही थी बरखा को विश्वास नही हो रहा था की उसकी बेटी और बेटा अपने पवित्र रिश्ते को इस तरह अपनी हवस में कुचल देंगे ।
गरिमा और राहुल दोनो की ही सांसे तेज़ होने लगी थी उनका बदन पसीने से भीगने लगा । और राहुल का लंड गरिमा की चूत की गहराई नाप के बहार आता फिर चला जाता । दोनों ही मस्ती में आकर जोर जोर से धक्के मरने लगे गरिमा भी निचे से गांड उठा उठा के अपने भाई का साथ देने लगी ।

" आह्ह्ह...चोद साले माँ के लोड़े भड़वे चोद हरामी आह्ह्ह...ओह्ह्ह
" ले साली रंडी आह्ह...बाप से चुदवाती हैं छिनाल तो भाई का भी ले आह्ह...मेरी रंडी दीदी

गरिमा ने अपनी टाँगे राहुल के कमर पे लपेट ली और उसको अपनी तरफ खींचने लगी । दोनों ही चुदाई के इस खेल का आनंद उठा रहे थे ।गरिमा की चूत रस छोड़ने लगी और लंड अंदर बहार करने में अब राहुल को आसान लगने लगा वो पुरी रफ़्तार से अपनी दीदी की चूत को चोदने लगा ।
इधर बरखा की बूर भी ये सब देख और सुन के गीली होने लगी वो ये सुन के और भी सन्न थी की सुरेश और गरिमा भी चुदाई करते थे । पर वो ये सब भूल गयी जब उसने दोनों की गरम बातें सुनी वो अपनी बूर को रगड़ने लगी ।

चुदाई का ये सिलसिला काफी समय तक चलता रहा और दोनों का जिस्म कांपने लगा । दोनों ही चरमसुख को पाने के करीब पहुंच चुके थे ।तभी गरिमा का बदन अकड़ने लगा और उसने अपने नाखून राहुल की पीठ में गाड़ा दिये । जिससे राहुल की एक दर्द भरी आवाज़ आयी ।आह्ह...ये दर्द एक मीठे दर्द की तरह लगा राहुल को और वो जोर जोर से झटके मारने लगा ।

" आह्ह्ह्ह...बहनचोद गयी मैं आह्ह्ह्ह...मादरचोद, चोद साले अपनी बहन को आह्ह..रंडी की औलाद ।


बोलते हुए गरिमा की चूत पानी फेंकने लगी । अपने लंड पे गरम गरम द्रव्ये को महसूस करके राहुल भी ज़्यादा समय तक नही टिका और गरिमा की चूचियों को भींच के झड़ने लगा ।उसका लंड झटके मार मार के अपने अंदर से सफ़ेद मलाई गरिमा की योनि में छोड़ने लगा ।गरिमा की योनि अपने ही भाई के वीर्य से लबा लब भरने लगी और वो जोर जोर से हांफ्ते हुए एक दूसरे पे पसर गये ।

दोनों ही अपनी साँसे काबू करने में लगे हुए थे दोनों का बदन पसीना पसीना हो चुका था । इधर बरखा भी धीरे से निकल ली ।
" आह्ह..दीदी मज़ा आ गया सच में तुम कमाल की चीज़ हो तभी पापा रोज़ किचन में पेलते थे ।
" गरिमा मुसकुराई और बोली साले तु भी कुछ कम नही हैं दीदी की चूत को ऐसे रगड़ रहा था की कोई बाज़ारू रांड हूँ ।
कुछ देर दोनों भाई बहन बात किये और गरिमा ने कपड़े पहन कर निचे भाग आयी ।

**********
इधर रोहन निधि के पास बैठा बाते कर रहा था और निधि बेचारी शर्म के मारे चादर से बहार नही आना चाहती थी।
तभी गरिमा आयी और रोहन वहा से चला गया। और निधि को राहत महसूस हुई।
इधर बरखा की बूर में चुनचुनी काट रही थी । उसने सुरेश को उठाना चाहा पर वो नही उठा तो वो मन मारकर सोने की कोशिश करने लगी ।

सब सो चुके थे ।तभी आयेशा की आँख खोली और वो बाथरूम गयी और वापस आयी तो अपने फूफ़ा जी को हॉल में देखा वो इधर उधर टहल रहे थे ।

" क्या हुआ फूफ़ा जी इतनी रात को आप यहाँ क्या कर रहे हो ।

"सुरेश अचानक ही एक आवाज़ सुन के उस तरफ देखा और बोला आयेशा बेटा तु इतनी रात को क्या कर रही हैं ।

" फूफ़ा जी मैं तो बाथरूम गयी थी पर आप इतनी रात को यहाँ कैसे ।
" आँख खुल गयी और नींद नही आ रही थी तो सोचा थोड़ा टहल लूं ।
" आयेशा अपने मन में नींद कैसे आएगी बेटी की बूर जो नही मिली होगी ।और मुस्कुरा दी ।
" जिसे सुरेश ने देख लिया और बोला क्या हुआ मेरी आयेशा मुस्कुरा क्यों रही हैं
" कुछ नही फूफ़ा जी मैं चलती हूँ

वो जाने को हुई की उसका पैर मूड गया और वो गिरने को हुई तभी सुरेश ने उसे जैसे तैसे पकड़ लिया । और आयेशा ने अपने फूफ़ा जी को धन्यवाद बोला । तभी उसको एहसास हुआ की उसके फूफ़ा जी का एक हाथ उसकी गांड की गोलाई को थामे हुए हैं और एक हाथ उसके पीठ से होता हुआ उसके चूचियों को छू रहा था । जब सुरेश को भी अपने हाथ में कुछ मुलायम सा महसूस हुआ तो वो समझ गया ।और जल्दी से दोनों अलग हुए । आयेशा जाने को हुई ।पर उसके मन में कुछ अजीब हो रहा था जो वो समझ नही पा रही थी ।इधर सुरेश को भी मांस का वो टुकड़ा पकड़ के एक गजब का एहसास हुआ जिसे वो फिर से छूना चाहता था ।
ये सब रोहन दरवाजे से खड़ा होकर देख रहा था वो एक गुस्से और बदले की आग में जलने लगा ।

**************
रोज की तरह सुबह हुई ।और नाश्ते के लिए मारा मारी जारी थी ।इधर राहुल और गरिमा एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे । बारी बारी जिसको जहा जाना था वो निकल गये ।
Bahut hi sundar aur kamuk update hai

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Sanju@

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गरिमा का चेहरा आज बहुत खिला हुआ लग रहा था । वो बहुत खुश होकर काम कर रही थी और उसके ऑफिस के कुछ ठरकी पुरुष उसको देख के आहे भर रहे थे । इधर उसके ही ऑफिस का एक कालिग आकाश ,गरिमा के प्यार में पड़ चुका था ।

*******
दोहपर हो चुकी थी । सुरेश और बरखा दुकान पे अपने ग्राहकों में व्यस्त थे। तभी बरखा के फोन की रिंग बजने लगी ।उसने देखा तो उसके भईया का कॉल आ रहा था ।वो उठा के बोली ।

" हेल्लो
" हेल्लो हाँ बहना हम आज नही आ पाएंगे हमारी गाडी रद्द हो गयी थी ।दो दिन बाद का टिकट मिला हैं हम अगले दिन तक आएंगे ठीक है।
" अच्छा ठीक है भईया ।बोलकर कॉल कट दी ।तभी सुरेश बोला।

" अच्छा सुनों बरखा मैं घर से होकर आता हूँ आज थोड़ी तबियत ठीक नही लग रही हैं।। सुरेश बोला ।
" क्या हुआ आपको ।
" कुछ नही शायद थकान हो गयी हैं थोड़ा आराम करके शाम तक आता हूँ तब तक तुम सम्भाल लो ।


वो घर के लिए निकल जाता हैं।।इधर रोहन ,विक्की और अजय के साथ पार्क में बैठ के कुछ प्लान कर रहा था ।

" देख रोहन सबसे पहले निधि को ही पेलते हैं उसकी टाइट गांड मरने में मज़ा देगी ।
" रोहन ने विक्की को देखा और बोला पर वो साली फँसेगी कैसे ।
" साली का काम दिवाली पे ही बैठा देते हैं। जब बहार पटाखे जलाने जाएगी तो हम लोग मिलकर उसकी चूत का पटखा बजा देंगे। विक्की हँसते हुआ बोला ।
" मज़ा आएगा भाई अजय ने रोहन के कंधे पे हाथ रख के बोला ।

***********

आज घर पे बस आयेशा और निधि ही थी। राहुल अपनी आइटम निशा से मिलने गया था ।और आरोही कॉलेज ।

" मैं कमरे में जा रही हूँ आयेशा कोई परेशान हो तो बोलना ।और निधि चली गयी।

कुछ देर ही हुए की दरवाजे की घंटी बजी और आयेशा खोलने गयी । देखा तो सुरेश खड़ा था । सुरेश ने आयेशा को देखा और उसकी नज़र उसके गोल गोल उभारों पे ठहर गयी । जवानी की उठान उसके सीने पे साफ दिखाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था की सीने से कपड़ा हटा दे तो उछल के बहार आ जाएंगी। कुछ देर ये सिलसिला चला और आयेशा की आवाज़ से सुरेश की तंत्रा टूटी उसने आयेशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी।। सुरेश जल्दी से अंदर आया और अपने कमरे में चला गया ये देख आयेशा खिलखिला गयी। सुरेश ने कमरे में आकर पैंट उतारी तो उसको अपने लिंग में हलका सा कड़कपन महसूस हुआ और हलकी खुशी उसके चेहरे पे भी आ गयी वो फ्रेश होकर बिस्तर पे लेट गया ।तभी आयेशा आयी और बोली फूफ़ा जी खाना लाऊँ?

" सुरेश कच्छे पे ही सोया हुआ था। उसका जिस्म ऊपर से भी नग्न था उसके छाती से बाल उसकी मर्दानगी की कहानी कह रहे थे । जब आयेशा की नज़र अपने फूफा की छाती पे गये तो चौड़े सीने और बालों को देख उसके बदन में एक अजीब सी कंपन हुई । तभी उसकी नज़र अचानक ही सुरेश के कच्छे पे गयी जहाँ कुछ उठा हुआ सा उसको दिखाई दिया । वो एक दम से शर्मा गयी ।जैसे ही उसने सुरेश की नज़र का पीछा किया तो वो उसकी छाती को ही देख रहा था जहाँ कोई कपड़ा ना होने की वजह से चूची की लाइन दिख रही थी । उसने अपने सीने को और झुका दिया ।जिसे सुरेश आँखे फाड़े देखने लगा । पर जैसे ही उसकी नज़र आयेशा पे गयी वो लाज़ के मारे सर झुका लिया ।

" फूफ़ा जी बताओ ना खाना चाहिए ।
" नही खाना नही चाहिए दूध गरम करके लेकर आ ।
" ठीक हैं फूफ़ा जी

आयेशा के जाते ही सुरेश ने लिंग की अकड़न को देखा तो उसने जल्दी से चादर अपने ऊपर डाल ली । कुछ देर बाद वो दूध लेकर आयी और उसने झुक के दूध का गिलास पकड़ाया ।सुरेश ने गिलास को पकड़ना चाहा तो उसकी नज़र सीधा आयेशा के उभरों पे चली गयी जो अब आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहे थे ।और एक पतली से लकीर उसके दोनों बॉल के बीच से होकर जा रही थी। उस लकीर को देखने के लिए सुरेश ने नज़र गाड़ा के आयेशा की चूचियाँ में देखने लगा ।तभी उसको दायी चूची पे एक तिल दिखाई दिया उसको देखते ही सुरेश के लिंग ने एक झटका मारा ।इधर आयेशा भी दूध दे रही थी । अब कौन सा वाला वो तो वही जाने पर आयेशा को भी इस खेल में मज़ा तो आ रहा था ।

दोनों के बीच कुछ और हो पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनके कानों में गयी। निधि दूर से ही आयेशा को आवाज़ दे रही थी। जिसे सुन दोनों ही अपनी दुनिया में लौट आये । वो दूध का गिलास देकर जल्दी से भाग गयी ।

" हाँ दीदी बोलो ।
" हाँ की बच्ची कहा थी कब से आवाज़ लगा रही थी और तु इतना हांफ क्यों रही हैं ।
" कुछ नही दीदी वो भाग के आपके पास आयी ना तो सांस फुल रही है।
" वो सब तो ठीक है पर तु भाग के क्यों आयी ।
" दीदी क्या आप भी बोलो ना क्या बात हैं।
" मैं ये बोल रही थी की दिवाली आ रही हैं । नये कपड़े खरीदने चलते हैं वैसे भी तु भी बोर हो गयी होगी ।
" हाँ दीदी चलो चलते हैं।
" बुद्धू ऐसे ही जाएगी सज सवर तो ले ताकि लड़कों को मज़ा आये देखने में निधि ने मुस्कुराते हुआ बोली ।
" आप भी ना दीदी चलो ।

इधर सुरेश दूध पीते हुए सोच रहा था साली दूध देने आयी थी या दिखाने उफ्फ्फ...आयेशा उसने अपने लिंग को सहलाते हुए बोला और बिस्तर पे लेट गया ।

" पापा ओ पापा हम लोग जा रहे हैं बाज़ार निधि सुरेश को जगा रही थी । सुरेश ने आँख खोली तो उसका मुँह सीधा दो पर्वतों के निचे था । वो उठना चाहा तो उसका मुँह निधि के चुचों से जा टकराया जिससे निधि सिसक उठी ।
"माफ़ करना बेटा वो गलती से हो गया ।
" कोई बात नही पापा मैं और आयेशा बाज़ार जा रहे हैं बस यही बोलने आयी थी दरवाजा बंद कर लो ।
" ठीक हैं तुम लोग चलो मैं आता हूँ ।

इधर आयेशा मन मैं साला ठरकी एक बेटी की बूर फाड़ दिया अब दूसरी भी चाहिए ।वो हलके से मुस्कुरा रही थी ।सुरेश कपड़े पहन के आया और वो दोनों चली गयी । सुरेश ने दरवाजा बंद किया ही था की घंटी फिर बजी
उसने जाकर फिर दरवाजा खोला तो आरोही खड़ी थी ।

" पापा आप दुकान नही गये क्या ?
" गया था बेटा थोड़ी तबियत ठीक नही लगी तो आ गया आराम करने के लिए ।


दोनों अंदर आये ।सुरेश अपने कमरे में चला गया और आरोही अपने कमरे में चली गयी । आरोही ने दरवाजा बंद नही किया और कपड़े खोलने लगी ।
" इधर सुरेश ने एक आवाज़ लगायी आरोही बेटा थोड़ा खाना गरम करके मुझे दे देना ।
" ठीक हैं पापा वो चिल्ला के बोली ।

आरोही ने कपड़े बदल लिए और कुछ देर बाद किचन में जाकर खाना गरम किया और अपने पापा को देकर आयी । कुछ ही समय के बाद सुरेश ने खाना ख़तम किया तो बहार हॉल में आया और आते ही उसकी आँखे बड़ी हो गयी । आरोही झुक के कुछ कर रही थी ।जिससे उसकी गांड की गोलाई दो बड़े बड़े पहाड़ों की तरह दिखाई दे रहे थे । टाइट लेंगिंग्स की वजह से गांड और भी खिल के बहार आ रही थी जिसे देख सुरेश के लंड ने एक बार फिर से झटका मारा और वो हवस भारी नज़रों से अपनी छोटी बेटी की जवानी को देखने लगा ।आज पहली बार उसको एहसास हुआ की आरोही भी माल बन चुकी हैं । तभी आरोही खड़ी हुई और बोली ।

" पापा आप कब आये ।
" बस अभी आया बेटा, मैं बोलने आया था की शाम को उठा देना मैं सोने जा रहा हूँ ।

******************

इधर राहुल निशा को बिस्तर पे पटक के उसको दबोच कर उसके चुचों में मुँह रगड़ने लगा ।

" आह्ह...राहुल ये ठीक नही हैं छोड़ो ना प्लीज
" कब तक तरसाओगी जान एक बार तो पिला दो दूध उसने चुचों को कपड़े के ऊपर से ही मुँह भर के बोला ।

" आहच ..बदमाश जाकर अपनी बहन आरोही के चूस लो उसके भी तो बड़े बड़े हो रहे हैं पता नही किस किस ने चूस चूस के बड़े कर दिये हैं।
" क्या बोली मेरी आरोही ऐसी नही हैं ।
" अच्छा तुम क्या उसकी टाँगे खोल के देख रहे हो वो किस से चुदवाती हैं या नही निशा मुस्कुरा के बोली ।
" जाओ मैं अब बात नही करूंगा ।राहुल नाराज़ होता हुआ बोला ।

" अरे बाबा मैं तो बस मज़ाक कर रही थी वैसे वो जवान है कोई लुटेरा उसको लूटने के लिए बैठा ही होगा ।
" अब तुम लूट लो वरना कोई और लूट लेगा निशा ने हँसते हुआ कहा ।

" कमीनी राहुल ने निशा को पकड़ के बाहों में भर लिया और उसके होठों पे होंठ रख दिये। दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों को चूमने लगे । निशा भी पुरा साथ दे रही थी । दोनों एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ा रहे थे। तभी निशा अलग हुई और बोली ।

" कभी आरोही का भी चूमा लेकर देखो बहुत मीठी हैं मेरी ननद रानी वो मुस्कुरा के बोली ।
" क्या निशा छोड़ो ना बहन हैं मेरी ।
" अच्छा जी सब जानती हूँ मैं मुझे अच्छे से पता हैं आरोही के लिए तुम क्या सोचते हो मेरे राजा और बोलोगे तो उसकी दिलवा भी दूंगी।

दोनों के बीच नोक जोक चलती रही और शाम होने लगी इधर बरखा गरिमा और राहुल को लेकर परेशान भी थी ।और राहुल के लंड को देख के हैरान भी थी ।कैसे उसका बेटा अपनी ही सगी बहन की बूर में घपा घप लंड को पेले जा था । ऊपर से उसके ही पति का चक्कर खुद की बेटी के साथ कब से था मन तो उसका भी दुकान में नही लग रहा था पर जैसे तैसे समय काटना ही था।

**************

शाम हो गयी आरोही ने सुरेश को उठाने गयी तो सुरेश कच्छे पे ही सो रहा था और उसके कच्छे में एक उभार देख के आरोही शर्म से लाल हो गयी ।उसने सुरेश को उठाया और वो दुकान चला गया इधर निधि और आयेशा भी घर आ चुकी थी । और आरोही को अपने कपड़े दिखा दे चिढ़ा रही थी ।

" दीदी अब बस करो अकेले मार्केट चली गयी मेरे लिए रुक नही सकती थी क्या ।
" तेरे लिए कल ले लेंगे बुद्धू अब सड़ी हुई शकल मत बना निधि बोली

तीनों मिलकर बातें करने लगी और आरोही उनके कपड़े देखने लगी ।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है राहुल और गरिमा की दमदार चूदाई हो रही है
 

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गरिमा का चेहरा आज बहुत खिला हुआ लग रहा था । वो बहुत खुश होकर काम कर रही थी और उसके ऑफिस के कुछ ठरकी पुरुष उसको देख के आहे भर रहे थे । इधर उसके ही ऑफिस का एक कालिग आकाश ,गरिमा के प्यार में पड़ चुका था ।

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दोहपर हो चुकी थी । सुरेश और बरखा दुकान पे अपने ग्राहकों में व्यस्त थे। तभी बरखा के फोन की रिंग बजने लगी ।उसने देखा तो उसके भईया का कॉल आ रहा था ।वो उठा के बोली ।

" हेल्लो
" हेल्लो हाँ बहना हम आज नही आ पाएंगे हमारी गाडी रद्द हो गयी थी ।दो दिन बाद का टिकट मिला हैं हम अगले दिन तक आएंगे ठीक है।
" अच्छा ठीक है भईया ।बोलकर कॉल कट दी ।तभी सुरेश बोला।

" अच्छा सुनों बरखा मैं घर से होकर आता हूँ आज थोड़ी तबियत ठीक नही लग रही हैं।। सुरेश बोला ।
" क्या हुआ आपको ।
" कुछ नही शायद थकान हो गयी हैं थोड़ा आराम करके शाम तक आता हूँ तब तक तुम सम्भाल लो ।


वो घर के लिए निकल जाता हैं।।इधर रोहन ,विक्की और अजय के साथ पार्क में बैठ के कुछ प्लान कर रहा था ।

" देख रोहन सबसे पहले निधि को ही पेलते हैं उसकी टाइट गांड मरने में मज़ा देगी ।
" रोहन ने विक्की को देखा और बोला पर वो साली फँसेगी कैसे ।
" साली का काम दिवाली पे ही बैठा देते हैं। जब बहार पटाखे जलाने जाएगी तो हम लोग मिलकर उसकी चूत का पटखा बजा देंगे। विक्की हँसते हुआ बोला ।
" मज़ा आएगा भाई अजय ने रोहन के कंधे पे हाथ रख के बोला ।

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आज घर पे बस आयेशा और निधि ही थी। राहुल अपनी आइटम निशा से मिलने गया था ।और आरोही कॉलेज ।

" मैं कमरे में जा रही हूँ आयेशा कोई परेशान हो तो बोलना ।और निधि चली गयी।

कुछ देर ही हुए की दरवाजे की घंटी बजी और आयेशा खोलने गयी । देखा तो सुरेश खड़ा था । सुरेश ने आयेशा को देखा और उसकी नज़र उसके गोल गोल उभारों पे ठहर गयी । जवानी की उठान उसके सीने पे साफ दिखाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था की सीने से कपड़ा हटा दे तो उछल के बहार आ जाएंगी। कुछ देर ये सिलसिला चला और आयेशा की आवाज़ से सुरेश की तंत्रा टूटी उसने आयेशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी।। सुरेश जल्दी से अंदर आया और अपने कमरे में चला गया ये देख आयेशा खिलखिला गयी। सुरेश ने कमरे में आकर पैंट उतारी तो उसको अपने लिंग में हलका सा कड़कपन महसूस हुआ और हलकी खुशी उसके चेहरे पे भी आ गयी वो फ्रेश होकर बिस्तर पे लेट गया ।तभी आयेशा आयी और बोली फूफ़ा जी खाना लाऊँ?

" सुरेश कच्छे पे ही सोया हुआ था। उसका जिस्म ऊपर से भी नग्न था उसके छाती से बाल उसकी मर्दानगी की कहानी कह रहे थे । जब आयेशा की नज़र अपने फूफा की छाती पे गये तो चौड़े सीने और बालों को देख उसके बदन में एक अजीब सी कंपन हुई । तभी उसकी नज़र अचानक ही सुरेश के कच्छे पे गयी जहाँ कुछ उठा हुआ सा उसको दिखाई दिया । वो एक दम से शर्मा गयी ।जैसे ही उसने सुरेश की नज़र का पीछा किया तो वो उसकी छाती को ही देख रहा था जहाँ कोई कपड़ा ना होने की वजह से चूची की लाइन दिख रही थी । उसने अपने सीने को और झुका दिया ।जिसे सुरेश आँखे फाड़े देखने लगा । पर जैसे ही उसकी नज़र आयेशा पे गयी वो लाज़ के मारे सर झुका लिया ।

" फूफ़ा जी बताओ ना खाना चाहिए ।
" नही खाना नही चाहिए दूध गरम करके लेकर आ ।
" ठीक हैं फूफ़ा जी

आयेशा के जाते ही सुरेश ने लिंग की अकड़न को देखा तो उसने जल्दी से चादर अपने ऊपर डाल ली । कुछ देर बाद वो दूध लेकर आयी और उसने झुक के दूध का गिलास पकड़ाया ।सुरेश ने गिलास को पकड़ना चाहा तो उसकी नज़र सीधा आयेशा के उभरों पे चली गयी जो अब आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहे थे ।और एक पतली से लकीर उसके दोनों बॉल के बीच से होकर जा रही थी। उस लकीर को देखने के लिए सुरेश ने नज़र गाड़ा के आयेशा की चूचियाँ में देखने लगा ।तभी उसको दायी चूची पे एक तिल दिखाई दिया उसको देखते ही सुरेश के लिंग ने एक झटका मारा ।इधर आयेशा भी दूध दे रही थी । अब कौन सा वाला वो तो वही जाने पर आयेशा को भी इस खेल में मज़ा तो आ रहा था ।

दोनों के बीच कुछ और हो पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनके कानों में गयी। निधि दूर से ही आयेशा को आवाज़ दे रही थी। जिसे सुन दोनों ही अपनी दुनिया में लौट आये । वो दूध का गिलास देकर जल्दी से भाग गयी ।

" हाँ दीदी बोलो ।
" हाँ की बच्ची कहा थी कब से आवाज़ लगा रही थी और तु इतना हांफ क्यों रही हैं ।
" कुछ नही दीदी वो भाग के आपके पास आयी ना तो सांस फुल रही है।
" वो सब तो ठीक है पर तु भाग के क्यों आयी ।
" दीदी क्या आप भी बोलो ना क्या बात हैं।
" मैं ये बोल रही थी की दिवाली आ रही हैं । नये कपड़े खरीदने चलते हैं वैसे भी तु भी बोर हो गयी होगी ।
" हाँ दीदी चलो चलते हैं।
" बुद्धू ऐसे ही जाएगी सज सवर तो ले ताकि लड़कों को मज़ा आये देखने में निधि ने मुस्कुराते हुआ बोली ।
" आप भी ना दीदी चलो ।

इधर सुरेश दूध पीते हुए सोच रहा था साली दूध देने आयी थी या दिखाने उफ्फ्फ...आयेशा उसने अपने लिंग को सहलाते हुए बोला और बिस्तर पे लेट गया ।

" पापा ओ पापा हम लोग जा रहे हैं बाज़ार निधि सुरेश को जगा रही थी । सुरेश ने आँख खोली तो उसका मुँह सीधा दो पर्वतों के निचे था । वो उठना चाहा तो उसका मुँह निधि के चुचों से जा टकराया जिससे निधि सिसक उठी ।
"माफ़ करना बेटा वो गलती से हो गया ।
" कोई बात नही पापा मैं और आयेशा बाज़ार जा रहे हैं बस यही बोलने आयी थी दरवाजा बंद कर लो ।
" ठीक हैं तुम लोग चलो मैं आता हूँ ।

इधर आयेशा मन मैं साला ठरकी एक बेटी की बूर फाड़ दिया अब दूसरी भी चाहिए ।वो हलके से मुस्कुरा रही थी ।सुरेश कपड़े पहन के आया और वो दोनों चली गयी । सुरेश ने दरवाजा बंद किया ही था की घंटी फिर बजी
उसने जाकर फिर दरवाजा खोला तो आरोही खड़ी थी ।

" पापा आप दुकान नही गये क्या ?
" गया था बेटा थोड़ी तबियत ठीक नही लगी तो आ गया आराम करने के लिए ।


दोनों अंदर आये ।सुरेश अपने कमरे में चला गया और आरोही अपने कमरे में चली गयी । आरोही ने दरवाजा बंद नही किया और कपड़े खोलने लगी ।
" इधर सुरेश ने एक आवाज़ लगायी आरोही बेटा थोड़ा खाना गरम करके मुझे दे देना ।
" ठीक हैं पापा वो चिल्ला के बोली ।

आरोही ने कपड़े बदल लिए और कुछ देर बाद किचन में जाकर खाना गरम किया और अपने पापा को देकर आयी । कुछ ही समय के बाद सुरेश ने खाना ख़तम किया तो बहार हॉल में आया और आते ही उसकी आँखे बड़ी हो गयी । आरोही झुक के कुछ कर रही थी ।जिससे उसकी गांड की गोलाई दो बड़े बड़े पहाड़ों की तरह दिखाई दे रहे थे । टाइट लेंगिंग्स की वजह से गांड और भी खिल के बहार आ रही थी जिसे देख सुरेश के लंड ने एक बार फिर से झटका मारा और वो हवस भारी नज़रों से अपनी छोटी बेटी की जवानी को देखने लगा ।आज पहली बार उसको एहसास हुआ की आरोही भी माल बन चुकी हैं । तभी आरोही खड़ी हुई और बोली ।

" पापा आप कब आये ।
" बस अभी आया बेटा, मैं बोलने आया था की शाम को उठा देना मैं सोने जा रहा हूँ ।

******************

इधर राहुल निशा को बिस्तर पे पटक के उसको दबोच कर उसके चुचों में मुँह रगड़ने लगा ।

" आह्ह...राहुल ये ठीक नही हैं छोड़ो ना प्लीज
" कब तक तरसाओगी जान एक बार तो पिला दो दूध उसने चुचों को कपड़े के ऊपर से ही मुँह भर के बोला ।

" आहच ..बदमाश जाकर अपनी बहन आरोही के चूस लो उसके भी तो बड़े बड़े हो रहे हैं पता नही किस किस ने चूस चूस के बड़े कर दिये हैं।
" क्या बोली मेरी आरोही ऐसी नही हैं ।
" अच्छा तुम क्या उसकी टाँगे खोल के देख रहे हो वो किस से चुदवाती हैं या नही निशा मुस्कुरा के बोली ।
" जाओ मैं अब बात नही करूंगा ।राहुल नाराज़ होता हुआ बोला ।

" अरे बाबा मैं तो बस मज़ाक कर रही थी वैसे वो जवान है कोई लुटेरा उसको लूटने के लिए बैठा ही होगा ।
" अब तुम लूट लो वरना कोई और लूट लेगा निशा ने हँसते हुआ कहा ।

" कमीनी राहुल ने निशा को पकड़ के बाहों में भर लिया और उसके होठों पे होंठ रख दिये। दोनों के होंठ एक दूसरे के होठों को चूमने लगे । निशा भी पुरा साथ दे रही थी । दोनों एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ा रहे थे। तभी निशा अलग हुई और बोली ।

" कभी आरोही का भी चूमा लेकर देखो बहुत मीठी हैं मेरी ननद रानी वो मुस्कुरा के बोली ।
" क्या निशा छोड़ो ना बहन हैं मेरी ।
" अच्छा जी सब जानती हूँ मैं मुझे अच्छे से पता हैं आरोही के लिए तुम क्या सोचते हो मेरे राजा और बोलोगे तो उसकी दिलवा भी दूंगी।

दोनों के बीच नोक जोक चलती रही और शाम होने लगी इधर बरखा गरिमा और राहुल को लेकर परेशान भी थी ।और राहुल के लंड को देख के हैरान भी थी ।कैसे उसका बेटा अपनी ही सगी बहन की बूर में घपा घप लंड को पेले जा था । ऊपर से उसके ही पति का चक्कर खुद की बेटी के साथ कब से था मन तो उसका भी दुकान में नही लग रहा था पर जैसे तैसे समय काटना ही था।

**************

शाम हो गयी आरोही ने सुरेश को उठाने गयी तो सुरेश कच्छे पे ही सो रहा था और उसके कच्छे में एक उभार देख के आरोही शर्म से लाल हो गयी ।उसने सुरेश को उठाया और वो दुकान चला गया इधर निधि और आयेशा भी घर आ चुकी थी । और आरोही को अपने कपड़े दिखा दे चिढ़ा रही थी ।

" दीदी अब बस करो अकेले मार्केट चली गयी मेरे लिए रुक नही सकती थी क्या ।
" तेरे लिए कल ले लेंगे बुद्धू अब सड़ी हुई शकल मत बना निधि बोली

तीनों मिलकर बातें करने लगी और आरोही उनके कपड़े देखने लगी ।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है राहुल और गरिमा की दमदार चूदाई हो रही है
अपडेट 36


शाम हो चली थी सुरेश दुकान पे चला गया और उधर से बरखा घर के लिए निकल गयी । घर पे सब मस्ती मज़ाक में लगे थे ।तभी बरखा और राहुल दरवाजे पे टकरा गये।बरखा ने राहुल को देखा तो उसको उसका चमकदार लंड याद आ गया।
थोड़ी देर आराम करने के बाद बरखा बोली बाज़ार चलना हैं दिवाली का समान लेने कौन चलेगा ।
" मम्मी मैं चलता हूँ ।राहुल ने बरखा को देख के कहा ।
" ठीक है बेटा तैयार हो जा थोड़ी देर में चलते हैं ।


बरखा बोलकर अपने कमरे में चली गयी ।कुछ समय के बाद गरिमा भी आ गयी और चाय पीकर राहुल और बरखा बाज़ार के लिए निकल गये इधर गरिमा किचन में खाना बनाने लगी साथ में आयेशा भी सहयता करने लगी ।रोहन निधि और आरोही के साथ बैठकर टीवी देखने लगा। रोहन की नज़र बार बार निधि और आरोही को ही देख रही थी ।


**************
पुरा बाज़ार रंगबिरंगी लाइटों से जगमगा रहा था । चारों तरफ घरों की सज़ावट का सामान लेकर रेरी पे खड़े थे और दुकाने भी देखने लायक थी ।
दिवाली की रौनक़ का मज़ा तो बाज़ारो और दुकानों को देखने में ही हैं ।राहुल और बरखा भी बाज़ार की भीड़ भाड़ को पार करते हुए सामान देखते हुए खरीददारी कर रहे थे ।

" बेट तु यही रुक मैं आती हूँ । बोलकर बरखा एक दुकान में चली गयी ।

राहुल ने देखा तो उस दुकान में बहुत भीड़ थी जिसे देख उसका मन बिल्कुल नही हुआ जाने का वो बहार ही खड़ा होकर देखने लगा । उसकी माँ किसी समान का रेट पूछ रही थी तभी राहुल की नज़र बरखा की गदराई हुई बड़ी से गांड पे गयी ।जो अलग ही उभरकर बहार हो आ रही थी ।राहुल ने जैसे ही देखा उसके जिस्म में कुछ अजीब सा हुआ । कुछ ही देर में बरखा ने सामान खरीद लिया और मुड़ के अपने बेटे को देखी जो उसको ही घूर रहा था उसको समझते देर नही लगी और हलके से मुस्कुरा दी । खरीददारी करके दोनों घर के लिए निकल गये ।

इधर गरिमा और आयेशा भी खाना बना के टीवी देखने लगी ।तब तक रोहन ,आरोही और निधि छत पे चले गये थे।
तीनों ही छत से रंगबिरंगी लाइटों को देख रहे थे । तभी आरोही बोली ।

" दीदी दिवाली पे पटाखें नही जलाएंगे क्या ??
" पता नही अभी तक तो कोई लेकर आया नही हैं निधि ने जवाब दिया ।
" पटाखें आ जाएंगे रोहन ने निधि की चूचियों को घूरते हुए कहा ।

इधर बरखा और राहुल घर पहुंच के आराम करने लगे ।तभी बरखा बोली ।
" उफ्फ्फ...कितनी भीड़ थी उसने साड़ी का पल्लूँ को अपने सीने से हटा के बोली ।
गरिमा ने पानी का गिलास दिया और बरखा पानी पीने लगी और थोड़ा सा पानी पीते हुए उसके मुँह से गिर गया और सीधा उसकी चूचियों पे जा गिरा । तभी राहुल की नज़र अचानक ही अपनी माँ की छाती पे गयी। बरखा ने आज टाइट ब्लाउज पहना था जिससे उसके उभार एक मस्त आकार में बहार को आ रहे थे । और ऊपर से बड़े गले का ब्लाउज और भी कहर ढा रहा था उसके जिस्म पे , ऐसा लग रहा था की उसकी चूचियों को जबरदस्ती कैद करके रखा गया हैं।। राहुल की नज़र सीधा उसकी चूची पे जा रुकी । पानी के गिरने से चूचियों के बीच की दरार में एक चमक आ गयी थी । जिसे देख राहुल का लिंग हरकत करने लगा । वैसे तो राहुल ने बहुत बार अपनी माँ की चूची को देखा था पर वो सब बस सामान्य था पर आज वो एक बेटे की नज़र से नही एक मर्द की नज़र से देख रहा था अपनी ही माँ के चुचे उसको उत्तेजित कर रहे थे । बरखा पानी गिलास रखी और राहुल पे नज़र डाली तो उसकी नज़रो को पीछा किया और एक दम से मुस्कुरा दी जिसे देख राहुल शर्म से लाल हो गया और उठकर अपने कमरे में चला गया ।


*********

" दीदी मैं देख के आती हूँ भईया और मम्मी आये की नही और आरोही निचे चली गयी । उसके जाते ही रोहन ने निधि की गांड को आहिस्तें से छु लिया जब निधि को एहसास हुआ तो उसने रोहन को देखा तो वो एक कमीनी मुस्कान लिए उसको देख रहा था। वो कुछ नही बोली और मुस्कुरा के रह गयी । रोहन निधि के और करीब आ गया और उसकी गांड की दरार में एक ऊँगली फंसा दी जिससे निधि को चिहूँक गयी अचानक हुए ऐसे एहसास से वो रोहन को गुस्से से देखने लगी । कुछ सेकंड के लिए रोहन की साँसे भी थम गयी थी ।पर निधि की तरफ वो कुछ ना होता देख वो मुस्कुरा दिया ।
" ये सब ठीक नही हैं रोहन ,निधि ने एक हलकी आवाज़ में बोली ।
" क्यों ठीक नही हैं निधि दीदी मैं जानता हूँ आपको भी मज़ा आता हैं मेरे इस तरह छूने से ।
" रोहन किसी को पता चल गया तो निधि बोल के चुप हो गयी ।
" किसी को कुछ भी पता नही चलेगा उसने निधि की गांड पे हाथ रखते हुए कहा ।
तभी किसी को आता हुआ महसूस करके रोहन निधि से दूर हो गया ।

" चलो खाना खा लो पापा को आने में देर हो जाएगी गरिमा बोल के चली गयी । कुछ देर के बाद निधि और रोहन भी निचे चल दिये ।

इधर राहुल अपनी लाडली को मानने में लगा हुआ हैं।


" अच्छा माफ़ कर दे मेरी गुड़िया बोल क्या चाहिए मेरी आरोही को ,
" कुछ भी नही चाहिए जाओ आप मुझे प्यार नही करते हो । आरोही मुँह बनाते हुए बोली ।

राहुल ने आरोही को अपनी बाहों में भर लिया और उसके गालों पे एक चूमा लेकर बोला ।

" बोल मेरी गुड़िया क्या चाहिए चल अभी चलते हैं।
" आप गंदे हो मुझे कुछ नही चाहिए मुझे बस अपने भईया
का प्यार चाहिए जो अब आपने उस निशा को दे दिया ।
"अच्छा जी तो निशा से जलन होती हैं ?
" क्यों ना हो ।

आरोही ने जोर से राहुल को अपनी बाहों में दबोच लिया जिससे उसके नाजुक चुचे राहुल की छाती में दब गये और एक अलग ही एहसास दोनों के जवान जिस्मों में भर आया ।दोनों इतने करीब थे की एक दूसरे की साँसे उनको महसूस हो रही थी । आरोही का दिल जोरो से धड़क रहा था । मन और जिस्म में एक अलग ही उमंग जन्म लेने लगा था की तभी एक आवाज़ उनके कानों में गयी ।
दोनों ने एक साथ देखा तो सामने आयेशा खड़ी थी जो एक कमीनी मुस्कान लिए बोली ।
" क्या बात है भाई बहन में इतना प्यार उफ्फ्फ...पुरा कमरा गरम हो गया हैं ।

ये सुन आरोही शर्म से लाल हो गयी और भाग गयी ।इधर राहुल भी ये सुन के मुस्कुरा दिया । इतने में निधि भी आ गयी । कुछ देर ऐसे ही मस्ती मज़ाक हुआ फिर मिलकर सब ने खाना खाया और आराम करने चले गये ।


***************

अचानक ही आयेशा की आँख खुल गयी वो समय देखी तो 3:15 मिनट हो रहे थे । वो उठी और निचे चली गयी ।तभी उसे सुरेश दिखाई दिया जो हॉल में इधर उधर टहल रहा था । इधर सुरेश के मन में एक उथल पुथल चल रही थी । जी हाँ सुरेश आज दिन में हुए निधि ,आयेशा के बारे में सोच रहा था और साथ ही अपनी छोटी बेटी आरोही के बारे में भी की तभी आयशा को आता देखा ।

" क्या हुआ बेटा नींद नही आ रही हैं ?
" फूफ़ा जी आप कब आये ।
" पहले ये बताओ तुम क्यों जाग रही हो ।
" फूफ़ा जी आँख खुल गयी तो सोचा किचन में जाकर देखूँ बहुत दिनों से खेल नही देखा ना अपने होठो पे जीभ घुमा के बोली ।

" ये सुनते ही सुरेश समझ गया की किस खेल की बात हो रही हैं । एक हलकी घबराहट के साथ वो बोला कौन सा खेल आयेशा ?
" फूफ़ा जी कोई रात में खेल खेलता हैं बहुत अजीब खेल हैं ।
" तुम जानती हो वो खेल क्या हैं ।
" ज़्यादा अच्छे से तो नही जानती फूफ़ा जी पर एक जंगल में एक गुफा है उस गुफा तक पहुंचना होता हैं।

" कैसी गुफा और किसी पहुंचना होता हैं अब सुरेश भी मज़े लेता हुआ बोला ।
" कोई अली बाबा है उसे गुफा तक पहुंच के खुला जा सिम सिम बोलना होता हैं ।फिर उस गुफा का भ्रमण करना होता हैं ।
" ये अली बाबा गुफा में क्यों जाता हैं ?
" ये तो पता नही फूफ़ा जी पर खेल ही यही हैं । पर मुझे लगता हैं उसका जन्म ही गुफा तक जाने के लिए होता हैं ।
" अच्छा ये गुफा कहा हैं चलो मुझे भी खेलना हैं ये खेल ?
" सोच लो फूफ़ा जी गुफा तक जाने से पहले जंगल मिलेगा फिर खुला जा सिम सिम करना भी आना चाहिए ।




To Be Continued by prince.....
Nice update
 

Sanju@

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अपडेट 37


आयेशा और सुरेश दोनों ही बातों की आड़ में अपने जिस्म की आग को बता रहे थे । तभी सुरेश ने एक और सवाल किया ?
" ये अली बाबा दिखता कैसा हैं ।
" अली बाबा तो गांजा हैं गुफा में जाता हैं और थूक के आ जाता हैं ऐसा सुना है मैंने पर कभी खेला नही ये खेल ।


अब सुरेश को पुरा यकीन हो गया की आयेशा किस गुफा और कौन से अली बाबा की बात कर रही हैं । उसका लंड अकड़ने लगा था ।उसने एक दम से आयेशा को दबोच लिया और बोला मेरा अली बाबा तेरी गुफा में थूकेगा ।और आयेशा के होठों पे होंठ रख दिये । अपने होठों पे सुरेश के होंठों को महसूस करते ही आयेशा ने आँखे बंद कर ली और दोनों ही बेशर्म होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे । आग दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी । दोनों ही एक दूसरे के होठों को चूसने में लीन हो चुके थे उनको कोई होश नही था की घर के और सदस्य उनकी ये लीला देख सकते हैं। सुरेश के हाथ आयेशा के गोल गोल उभारों पे चलने लगे वो आहिस्ते आहिस्ते आयेशा कि चूचियों को दबा रहा था और उसके गुलाबी होठों का रसपान किये जा रहा था ।
सुरेश की जीभ आयेशा के मुँह में घूमे जा रही थी दोनों ही इस खेल का आनंद ले रहे थे ।सुरेश कभी आयेशा के मुँह में जीभ घूमता हैं कभी उसकी जीभ से जीभ लगा के उसके लार का स्वाद लेता हुआ आनंद लूटने में लगा हुआ था ।
आयेशा भी बहुत गरम हो चुकी थी वो मस्ती में सुरेश का लिंग अपनी मुट्ठी में भर ली और हलके से सहलाते हुए अपने फूफ़ा जी के होठो के चूसे जा रही थी ।दोनों का बदन अब काम लीला खेलने को उतारू हो चुका था ।

सुरेश ने चूमना छोड़ के जल्दी से आयेशा की चूची को दबोच लिया और मसलने लगा जिससे आयेशा सिसकने लगी । आह्ह्ह...फूफ़ा जी आराम से आह्ह्ह्ह... आयेशा सिसकियाँ लेते हुए हॉल में फूफ़ा जी से अपनी जवानी मसलवा रही थी ।
" तु कितनी मस्त माल है साली हम्म्म...आयेशा के होठों को चूसता हुआ सुरेश बोला ।

सुरेश ने आयेशा के चुतरों पे हाथ रख के अपने तरफ खिंचा और गांड की गोलाईओ को सहलाते हुए उसकी गांड की दरार में ऊँगली घुसा दी ।जिससे आयेशा मचल उठी ।

" आउच...फूफ़ा जी....
सुरेश ने आयेशा को उठाया और उसको किचन में ले जाने लगा आयेशा भी अपने फूफ़ा जी की बाहों में शर्म की लाली लिए हुए सुरेश के छाती से लगी हुए थी ।

" अब सिखाता हूँ तुझको कैसे खेलते हैं चुदाई का ये खेल सुरेश ने आयेशा की आँखों में देख के बोला ।

किचन में जाते ही सुरेश ने अपने कपड़े उतर दिये और इधर आयेशा भी नग्न होने लगी दोनों का जिस्म मिलन करने को बेताब था ।सुरेश ने जैसे ही अपना कच्छा उतर के निचे किया उसका मोटा लंड फंफाना के बहार को आया जिसे देख आयेशा की आँखों में चमक आ गयी और दूसरे ही पल सुरेश की आँखें में देख मे शर्म से गर्दन निचे कर ली । आयेशा अभी भी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी ।

" देख मेरा अली बाबा गुफा तक जाने को तैयार हो गया हैं सुरेश ने अपने लंड को हाथ में लेकर आयेशा को दिखाते हुए बोला ।
सुरेश आयेशा के पास गया और बोला जान इंतज़ार मत करवा कोई आ गया तो मेरा अली बाबा गुफा तक नही जा पायेगा और आयेशा की ब्रा का हुक खोल के उतरने लगा और देखते ही देखते ब्रा उतार के सुरेश ने फेंक दी और आयेशा की चूची हवा में लहराने लगी ।जिसे देख सुरेश ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने और चाटने लगा ।इस मधुर एहसास से आयेशा की सिसकी निकल गयी ।

" आह्ह्ह्ह...फूफ़ा जी....
आयेशा ने मस्ती में सुरेश के सर को पकड़ लिया और अपनी चूची चुसाई का आनंद लेने लगी । सुरेश बड़े मज़े से निप्पल को मुँह भरकर चूस रहा था । आज वो आयेशा का यार बन चुका था ।

आयेशा घुटनों के बल बैठ गयी और सुरेश का काला नाग अपने मुँह के करीब लेकर आयी और अपनी जीभ से लिंग के अग्र भाग पे जीभ घुमा दी जिससे सुरेश की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...चुदड़कड़.... रंडी....

आयेशा थोड़ी देर लिंग के टोप्पे पे जीभ घूमती रही और फिर मुँह में भर के चूसने लगी ।आयेशा बहुत मज़े से लंड को चूसे जा रही थी ।कभी चुस्ती तो कभी पूरे लंड पे जीभ घूमती । तो कभी आण्ड को चाट के उनसे खेलती पुरा लिंग आयेशा के थूक से गीला हो चुका था जिससे लंड में एक चमक आ गयी थी ।
सुरेश ने देर ना करते हुए आयेशा को किचन में ही लिटा दिया आयेशा के चुतर जैसे ही ज़मीन से छुआ उसकी गांड को ठंडा सा महसूस हुआ । पर लंड की भूख के आगे ये तो छोटी चीज़ थी वो आराम से लेट गयी और सुरेश ने उसकी टाँगे फैला के उठा दी और अपने होठों को उसकी चूत पे टिका दिया और लगा चूत को चूमने वो चूत को ऐसे चूम रहा था जैसे दो होठों के बीच चुंबन हो रहा हो ।

कभी जीभ घूमता तो कभी चूत की फांकों को खोल के उसमे थूक देता और चाटने लगता । ऐसे मधुर एहसास से आयेशा मदहोश हो चुकी थी ।वो सुरेश के सर को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी और गरम सिसकियों से किचन गूँज रहा था ।
" आह्ह्ह्हह...फूफ़ा जी उफ्फ्फ्फ़...ऐसे ही चाटो आह्ह्ह..
सुरेश पुरी सिद्ददत से आयेशा की बूर को चाट रहा था ।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोद दीजिये...आह्ह्ह...अब रहा नही जाता ...आह्ह्ह..

सुरेश भी बहुत दिनों से गरम था उसने भी चोदने में ही भलाई समझी और अपने लिंग को आयेशा की योनि पे रख के सरका दिया । आयेशा की बूर गीली थी जो गप से सुरेश के लिंग को अंदर ले लि । एक अजीब से आनंद से दोनों मचल उठे।
दोनों ही मस्ती में चूर होकर हिलने लगे सुरेश भी जोर जोर से झटके मार के आयेशा की बूर का भोसड़ा कर रहा था इधर आयेशा भी निचे से गांड उचका के साथ दे रही थी दोनों ही चुदाई के इस अदभूत खेल का आनंद उठा रहे थे ।
किचन में हवस का ये नंगा खेल खेला जा रहा था तो दूसरी तरफ आरोही अपने प्यारे भईया के छुवान को याद करके अपनी बूर को सहला रही थी उसे एक अजीब सी मस्ती ने घेर लिया था वो क्यों अपने भईया के लिए ये सब सोच रही थी पता नही तभी उसको ख़याल आया की आयेशा को गये बहुत देर हो गयी है वो अभी तक आयी क्यों नही वो उठी और पहले अपनी बूर वाली जगह को देखी जो हलकी गीली हो चुकी थी ।वो मुस्कुरा के रह गयी और निचे जाने लगी । दूसरी तरफ रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने राहुल को देखा फिर उठ के मूतने चल दिया जैसे ही दरवाजे से बहार आया उसको आरोही जाती हुई दिखाई दी । इधर किचन में आयेशा अपने फूफ़ा जी से मज़े लूटने में व्यस्त है।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदो...चोदो...आह्ह्ह...बेटी चोद फाड़ दे मेरी बूर को उफ्फ्फ....माँ....
" ले साली चुदड़कड़ माँ की लोड़ी आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली...छिनाल....

किचन से आती हुई आवाज़ से आरोही एक दम से चौंक गयी और वो चुपके से किचन में देखने लगी ।उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी आँखों पे की किचन में ऐसा हवस का नंगा नाच चल रहा हैं । सुरेश का लंड आयेशा की बूर की गहराई नाप के बहार आता फिर अंदर समा जाता । आरोही की आँखें बड़ी हो कर ये खेल देख रही थी और वो सुरेश के लंड को भी आँखें गाड़ा के देख रही थी ।दूसरी तरफ दूर से ही रोहन आरोही को देख रहा था की ये क्या देख रही हैं ।

ये चुदाई का खेल देख आरोही की बूर रिसने लगी। उसका हाथ ना चाहते हुए चूत पे चला गया और वो अपनी चूत को मसलने लगी और हलके हलके सिसकियाने लगी ।

" आअह्ह्ह...फूफ़ा जी...मेरा होने वाला है आह्ह्ह...बेटीचोद उम्म्म....

दोनों ही चुदाई के इस खेल के समापन के करीब पहुंच गये थे दोनों कभी भी झाड़ सकते थे ।इधर आरोही का भी बुरा हाल हो गया था । तभी उसकी नज़र रोहन पे गयी जो उसको देख के अपने लंड को हिला रहा था ये सब देख आरोही शर्मा गयी और वो तुरंत वहा से अपने कमरे की तरफ भागी । रोहन उसको रोकना चाहता था पर कुछ बोल नही पाया ।तभी वो पलट के किचन की तरफ चल दिया ।

इधर सुरेश मे अपने आखिरी धक्के मारे और झड़ने लगा
" आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली....आह्ह्ह्ह...आयेशा...
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी आअह्ह्ह...फूफ़ा जी .....

सुरेश को झड़ता हुआ महसूस करके आयेशा की बूर भी अपना चिपचिपा पानी उगलने लगी ।
सुरेश का लंड सफ़ेद माल आयेशा की बूर में फेंकने हुआ। उधर से आयेशा भी झटके मार मार के अपना पानी फेंक रही थी। इधर उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर गयी । सुरेश ने अपना सारा वीर्य आयेशा की योनि में उगल दिया और लंड बहार करके उसके बगल में ही लेट गया । ये सब देख रोहन का खून खौल गया उसकी सगी बहन आधी रात को अपने फूफ़ा से चुद रही हैं उसका खड़ा लंड सो गया उसने सोच लिया की कल किसी भी कीमत पे निधि या आरोही में से कोई एक को चोद के ही दम लेगा । और गुस्से से चल दिया ।

" इधर आयेशा मुस्कुरा के सुरेश को देखी और बोली फूफ़ा जी खेल अच्छा खेल लेते हो और अपनी बूर से वीर्य लेकर चाटने लगी ।
" सुरेश हँसने लगा और बोला जब माल तेरी जैसी हो तो खेल खेलने का मज़ा ही अलग है ।

कुछ देर के बाद दोनों सोने चले गये ।इधर आरोही की आँखों में अपने ही पापा का मोटा लंड घूम रहा था उससे वो काला नाग याद आ रहा था । जो आयेशा के बिल में घुसे जा रहा था । यही सब सोचते सोचते वो भी सो गयी ।



To Be Continued by prince...
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है

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Sanju@

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माफ़ी चाहता हूँ दोस्तों समय की कमी के कारण कहानी यही ख़तम करना चाहता हूँ। यदि आप लोगो कुछ दिन और इंतज़ार कर सको तो ठीक वरणा कहानी यही ख़तम ,🙏🙏
Wait
 

Nasn

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158
अपडेट 37


आयेशा और सुरेश दोनों ही बातों की आड़ में अपने जिस्म की आग को बता रहे थे । तभी सुरेश ने एक और सवाल किया ?
" ये अली बाबा दिखता कैसा हैं ।
" अली बाबा तो गांजा हैं गुफा में जाता हैं और थूक के आ जाता हैं ऐसा सुना है मैंने पर कभी खेला नही ये खेल ।


अब सुरेश को पुरा यकीन हो गया की आयेशा किस गुफा और कौन से अली बाबा की बात कर रही हैं । उसका लंड अकड़ने लगा था ।उसने एक दम से आयेशा को दबोच लिया और बोला मेरा अली बाबा तेरी गुफा में थूकेगा ।और आयेशा के होठों पे होंठ रख दिये । अपने होठों पे सुरेश के होंठों को महसूस करते ही आयेशा ने आँखे बंद कर ली और दोनों ही बेशर्म होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे । आग दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी । दोनों ही एक दूसरे के होठों को चूसने में लीन हो चुके थे उनको कोई होश नही था की घर के और सदस्य उनकी ये लीला देख सकते हैं। सुरेश के हाथ आयेशा के गोल गोल उभारों पे चलने लगे वो आहिस्ते आहिस्ते आयेशा कि चूचियों को दबा रहा था और उसके गुलाबी होठों का रसपान किये जा रहा था ।
सुरेश की जीभ आयेशा के मुँह में घूमे जा रही थी दोनों ही इस खेल का आनंद ले रहे थे ।सुरेश कभी आयेशा के मुँह में जीभ घूमता हैं कभी उसकी जीभ से जीभ लगा के उसके लार का स्वाद लेता हुआ आनंद लूटने में लगा हुआ था ।
आयेशा भी बहुत गरम हो चुकी थी वो मस्ती में सुरेश का लिंग अपनी मुट्ठी में भर ली और हलके से सहलाते हुए अपने फूफ़ा जी के होठो के चूसे जा रही थी ।दोनों का बदन अब काम लीला खेलने को उतारू हो चुका था ।

सुरेश ने चूमना छोड़ के जल्दी से आयेशा की चूची को दबोच लिया और मसलने लगा जिससे आयेशा सिसकने लगी । आह्ह्ह...फूफ़ा जी आराम से आह्ह्ह्ह... आयेशा सिसकियाँ लेते हुए हॉल में फूफ़ा जी से अपनी जवानी मसलवा रही थी ।
" तु कितनी मस्त माल है साली हम्म्म...आयेशा के होठों को चूसता हुआ सुरेश बोला ।

सुरेश ने आयेशा के चुतरों पे हाथ रख के अपने तरफ खिंचा और गांड की गोलाईओ को सहलाते हुए उसकी गांड की दरार में ऊँगली घुसा दी ।जिससे आयेशा मचल उठी ।

" आउच...फूफ़ा जी....
सुरेश ने आयेशा को उठाया और उसको किचन में ले जाने लगा आयेशा भी अपने फूफ़ा जी की बाहों में शर्म की लाली लिए हुए सुरेश के छाती से लगी हुए थी ।

" अब सिखाता हूँ तुझको कैसे खेलते हैं चुदाई का ये खेल सुरेश ने आयेशा की आँखों में देख के बोला ।

किचन में जाते ही सुरेश ने अपने कपड़े उतर दिये और इधर आयेशा भी नग्न होने लगी दोनों का जिस्म मिलन करने को बेताब था ।सुरेश ने जैसे ही अपना कच्छा उतर के निचे किया उसका मोटा लंड फंफाना के बहार को आया जिसे देख आयेशा की आँखों में चमक आ गयी और दूसरे ही पल सुरेश की आँखें में देख मे शर्म से गर्दन निचे कर ली । आयेशा अभी भी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी ।

" देख मेरा अली बाबा गुफा तक जाने को तैयार हो गया हैं सुरेश ने अपने लंड को हाथ में लेकर आयेशा को दिखाते हुए बोला ।
सुरेश आयेशा के पास गया और बोला जान इंतज़ार मत करवा कोई आ गया तो मेरा अली बाबा गुफा तक नही जा पायेगा और आयेशा की ब्रा का हुक खोल के उतरने लगा और देखते ही देखते ब्रा उतार के सुरेश ने फेंक दी और आयेशा की चूची हवा में लहराने लगी ।जिसे देख सुरेश ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने और चाटने लगा ।इस मधुर एहसास से आयेशा की सिसकी निकल गयी ।

" आह्ह्ह्ह...फूफ़ा जी....
आयेशा ने मस्ती में सुरेश के सर को पकड़ लिया और अपनी चूची चुसाई का आनंद लेने लगी । सुरेश बड़े मज़े से निप्पल को मुँह भरकर चूस रहा था । आज वो आयेशा का यार बन चुका था ।

आयेशा घुटनों के बल बैठ गयी और सुरेश का काला नाग अपने मुँह के करीब लेकर आयी और अपनी जीभ से लिंग के अग्र भाग पे जीभ घुमा दी जिससे सुरेश की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...चुदड़कड़.... रंडी....

आयेशा थोड़ी देर लिंग के टोप्पे पे जीभ घूमती रही और फिर मुँह में भर के चूसने लगी ।आयेशा बहुत मज़े से लंड को चूसे जा रही थी ।कभी चुस्ती तो कभी पूरे लंड पे जीभ घूमती । तो कभी आण्ड को चाट के उनसे खेलती पुरा लिंग आयेशा के थूक से गीला हो चुका था जिससे लंड में एक चमक आ गयी थी ।
सुरेश ने देर ना करते हुए आयेशा को किचन में ही लिटा दिया आयेशा के चुतर जैसे ही ज़मीन से छुआ उसकी गांड को ठंडा सा महसूस हुआ । पर लंड की भूख के आगे ये तो छोटी चीज़ थी वो आराम से लेट गयी और सुरेश ने उसकी टाँगे फैला के उठा दी और अपने होठों को उसकी चूत पे टिका दिया और लगा चूत को चूमने वो चूत को ऐसे चूम रहा था जैसे दो होठों के बीच चुंबन हो रहा हो ।

कभी जीभ घूमता तो कभी चूत की फांकों को खोल के उसमे थूक देता और चाटने लगता । ऐसे मधुर एहसास से आयेशा मदहोश हो चुकी थी ।वो सुरेश के सर को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी और गरम सिसकियों से किचन गूँज रहा था ।
" आह्ह्ह्हह...फूफ़ा जी उफ्फ्फ्फ़...ऐसे ही चाटो आह्ह्ह..
सुरेश पुरी सिद्ददत से आयेशा की बूर को चाट रहा था ।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोद दीजिये...आह्ह्ह...अब रहा नही जाता ...आह्ह्ह..

सुरेश भी बहुत दिनों से गरम था उसने भी चोदने में ही भलाई समझी और अपने लिंग को आयेशा की योनि पे रख के सरका दिया । आयेशा की बूर गीली थी जो गप से सुरेश के लिंग को अंदर ले लि । एक अजीब से आनंद से दोनों मचल उठे।
दोनों ही मस्ती में चूर होकर हिलने लगे सुरेश भी जोर जोर से झटके मार के आयेशा की बूर का भोसड़ा कर रहा था इधर आयेशा भी निचे से गांड उचका के साथ दे रही थी दोनों ही चुदाई के इस अदभूत खेल का आनंद उठा रहे थे ।
किचन में हवस का ये नंगा खेल खेला जा रहा था तो दूसरी तरफ आरोही अपने प्यारे भईया के छुवान को याद करके अपनी बूर को सहला रही थी उसे एक अजीब सी मस्ती ने घेर लिया था वो क्यों अपने भईया के लिए ये सब सोच रही थी पता नही तभी उसको ख़याल आया की आयेशा को गये बहुत देर हो गयी है वो अभी तक आयी क्यों नही वो उठी और पहले अपनी बूर वाली जगह को देखी जो हलकी गीली हो चुकी थी ।वो मुस्कुरा के रह गयी और निचे जाने लगी । दूसरी तरफ रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने राहुल को देखा फिर उठ के मूतने चल दिया जैसे ही दरवाजे से बहार आया उसको आरोही जाती हुई दिखाई दी । इधर किचन में आयेशा अपने फूफ़ा जी से मज़े लूटने में व्यस्त है।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदो...चोदो...आह्ह्ह...बेटी चोद फाड़ दे मेरी बूर को उफ्फ्फ....माँ....
" ले साली चुदड़कड़ माँ की लोड़ी आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली...छिनाल....

किचन से आती हुई आवाज़ से आरोही एक दम से चौंक गयी और वो चुपके से किचन में देखने लगी ।उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी आँखों पे की किचन में ऐसा हवस का नंगा नाच चल रहा हैं । सुरेश का लंड आयेशा की बूर की गहराई नाप के बहार आता फिर अंदर समा जाता । आरोही की आँखें बड़ी हो कर ये खेल देख रही थी और वो सुरेश के लंड को भी आँखें गाड़ा के देख रही थी ।दूसरी तरफ दूर से ही रोहन आरोही को देख रहा था की ये क्या देख रही हैं ।

ये चुदाई का खेल देख आरोही की बूर रिसने लगी। उसका हाथ ना चाहते हुए चूत पे चला गया और वो अपनी चूत को मसलने लगी और हलके हलके सिसकियाने लगी ।

" आअह्ह्ह...फूफ़ा जी...मेरा होने वाला है आह्ह्ह...बेटीचोद उम्म्म....

दोनों ही चुदाई के इस खेल के समापन के करीब पहुंच गये थे दोनों कभी भी झाड़ सकते थे ।इधर आरोही का भी बुरा हाल हो गया था । तभी उसकी नज़र रोहन पे गयी जो उसको देख के अपने लंड को हिला रहा था ये सब देख आरोही शर्मा गयी और वो तुरंत वहा से अपने कमरे की तरफ भागी । रोहन उसको रोकना चाहता था पर कुछ बोल नही पाया ।तभी वो पलट के किचन की तरफ चल दिया ।

इधर सुरेश मे अपने आखिरी धक्के मारे और झड़ने लगा
" आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली....आह्ह्ह्ह...आयेशा...
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी आअह्ह्ह...फूफ़ा जी .....

सुरेश को झड़ता हुआ महसूस करके आयेशा की बूर भी अपना चिपचिपा पानी उगलने लगी ।
सुरेश का लंड सफ़ेद माल आयेशा की बूर में फेंकने हुआ। उधर से आयेशा भी झटके मार मार के अपना पानी फेंक रही थी। इधर उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर गयी । सुरेश ने अपना सारा वीर्य आयेशा की योनि में उगल दिया और लंड बहार करके उसके बगल में ही लेट गया । ये सब देख रोहन का खून खौल गया उसकी सगी बहन आधी रात को अपने फूफ़ा से चुद रही हैं उसका खड़ा लंड सो गया उसने सोच लिया की कल किसी भी कीमत पे निधि या आरोही में से कोई एक को चोद के ही दम लेगा । और गुस्से से चल दिया ।

" इधर आयेशा मुस्कुरा के सुरेश को देखी और बोली फूफ़ा जी खेल अच्छा खेल लेते हो और अपनी बूर से वीर्य लेकर चाटने लगी ।
" सुरेश हँसने लगा और बोला जब माल तेरी जैसी हो तो खेल खेलने का मज़ा ही अलग है ।

कुछ देर के बाद दोनों सोने चले गये ।इधर आरोही की आँखों में अपने ही पापा का मोटा लंड घूम रहा था उससे वो काला नाग याद आ रहा था । जो आयेशा के बिल में घुसे जा रहा था । यही सब सोचते सोचते वो भी सो गयी ।



To Be Continued by prince...
Aarohi ki baari suresh ka land
Jane kab legi.
 

Lucky babu

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आयेशा और सुरेश दोनों ही बातों की आड़ में अपने जिस्म की आग को बता रहे थे । तभी सुरेश ने एक और सवाल किया ?
" ये अली बाबा दिखता कैसा हैं ।
" अली बाबा तो गांजा हैं गुफा में जाता हैं और थूक के आ जाता हैं ऐसा सुना है मैंने पर कभी खेला नही ये खेल ।


अब सुरेश को पुरा यकीन हो गया की आयेशा किस गुफा और कौन से अली बाबा की बात कर रही हैं । उसका लंड अकड़ने लगा था ।उसने एक दम से आयेशा को दबोच लिया और बोला मेरा अली बाबा तेरी गुफा में थूकेगा ।और आयेशा के होठों पे होंठ रख दिये । अपने होठों पे सुरेश के होंठों को महसूस करते ही आयेशा ने आँखे बंद कर ली और दोनों ही बेशर्म होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे । आग दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी । दोनों ही एक दूसरे के होठों को चूसने में लीन हो चुके थे उनको कोई होश नही था की घर के और सदस्य उनकी ये लीला देख सकते हैं। सुरेश के हाथ आयेशा के गोल गोल उभारों पे चलने लगे वो आहिस्ते आहिस्ते आयेशा कि चूचियों को दबा रहा था और उसके गुलाबी होठों का रसपान किये जा रहा था ।
सुरेश की जीभ आयेशा के मुँह में घूमे जा रही थी दोनों ही इस खेल का आनंद ले रहे थे ।सुरेश कभी आयेशा के मुँह में जीभ घूमता हैं कभी उसकी जीभ से जीभ लगा के उसके लार का स्वाद लेता हुआ आनंद लूटने में लगा हुआ था ।
आयेशा भी बहुत गरम हो चुकी थी वो मस्ती में सुरेश का लिंग अपनी मुट्ठी में भर ली और हलके से सहलाते हुए अपने फूफ़ा जी के होठो के चूसे जा रही थी ।दोनों का बदन अब काम लीला खेलने को उतारू हो चुका था ।

सुरेश ने चूमना छोड़ के जल्दी से आयेशा की चूची को दबोच लिया और मसलने लगा जिससे आयेशा सिसकने लगी । आह्ह्ह...फूफ़ा जी आराम से आह्ह्ह्ह... आयेशा सिसकियाँ लेते हुए हॉल में फूफ़ा जी से अपनी जवानी मसलवा रही थी ।
" तु कितनी मस्त माल है साली हम्म्म...आयेशा के होठों को चूसता हुआ सुरेश बोला ।

सुरेश ने आयेशा के चुतरों पे हाथ रख के अपने तरफ खिंचा और गांड की गोलाईओ को सहलाते हुए उसकी गांड की दरार में ऊँगली घुसा दी ।जिससे आयेशा मचल उठी ।

" आउच...फूफ़ा जी....
सुरेश ने आयेशा को उठाया और उसको किचन में ले जाने लगा आयेशा भी अपने फूफ़ा जी की बाहों में शर्म की लाली लिए हुए सुरेश के छाती से लगी हुए थी ।

" अब सिखाता हूँ तुझको कैसे खेलते हैं चुदाई का ये खेल सुरेश ने आयेशा की आँखों में देख के बोला ।

किचन में जाते ही सुरेश ने अपने कपड़े उतर दिये और इधर आयेशा भी नग्न होने लगी दोनों का जिस्म मिलन करने को बेताब था ।सुरेश ने जैसे ही अपना कच्छा उतर के निचे किया उसका मोटा लंड फंफाना के बहार को आया जिसे देख आयेशा की आँखों में चमक आ गयी और दूसरे ही पल सुरेश की आँखें में देख मे शर्म से गर्दन निचे कर ली । आयेशा अभी भी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी ।

" देख मेरा अली बाबा गुफा तक जाने को तैयार हो गया हैं सुरेश ने अपने लंड को हाथ में लेकर आयेशा को दिखाते हुए बोला ।
सुरेश आयेशा के पास गया और बोला जान इंतज़ार मत करवा कोई आ गया तो मेरा अली बाबा गुफा तक नही जा पायेगा और आयेशा की ब्रा का हुक खोल के उतरने लगा और देखते ही देखते ब्रा उतार के सुरेश ने फेंक दी और आयेशा की चूची हवा में लहराने लगी ।जिसे देख सुरेश ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने और चाटने लगा ।इस मधुर एहसास से आयेशा की सिसकी निकल गयी ।

" आह्ह्ह्ह...फूफ़ा जी....
आयेशा ने मस्ती में सुरेश के सर को पकड़ लिया और अपनी चूची चुसाई का आनंद लेने लगी । सुरेश बड़े मज़े से निप्पल को मुँह भरकर चूस रहा था । आज वो आयेशा का यार बन चुका था ।

आयेशा घुटनों के बल बैठ गयी और सुरेश का काला नाग अपने मुँह के करीब लेकर आयी और अपनी जीभ से लिंग के अग्र भाग पे जीभ घुमा दी जिससे सुरेश की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...चुदड़कड़.... रंडी....

आयेशा थोड़ी देर लिंग के टोप्पे पे जीभ घूमती रही और फिर मुँह में भर के चूसने लगी ।आयेशा बहुत मज़े से लंड को चूसे जा रही थी ।कभी चुस्ती तो कभी पूरे लंड पे जीभ घूमती । तो कभी आण्ड को चाट के उनसे खेलती पुरा लिंग आयेशा के थूक से गीला हो चुका था जिससे लंड में एक चमक आ गयी थी ।
सुरेश ने देर ना करते हुए आयेशा को किचन में ही लिटा दिया आयेशा के चुतर जैसे ही ज़मीन से छुआ उसकी गांड को ठंडा सा महसूस हुआ । पर लंड की भूख के आगे ये तो छोटी चीज़ थी वो आराम से लेट गयी और सुरेश ने उसकी टाँगे फैला के उठा दी और अपने होठों को उसकी चूत पे टिका दिया और लगा चूत को चूमने वो चूत को ऐसे चूम रहा था जैसे दो होठों के बीच चुंबन हो रहा हो ।

कभी जीभ घूमता तो कभी चूत की फांकों को खोल के उसमे थूक देता और चाटने लगता । ऐसे मधुर एहसास से आयेशा मदहोश हो चुकी थी ।वो सुरेश के सर को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी और गरम सिसकियों से किचन गूँज रहा था ।
" आह्ह्ह्हह...फूफ़ा जी उफ्फ्फ्फ़...ऐसे ही चाटो आह्ह्ह..
सुरेश पुरी सिद्ददत से आयेशा की बूर को चाट रहा था ।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोद दीजिये...आह्ह्ह...अब रहा नही जाता ...आह्ह्ह..

सुरेश भी बहुत दिनों से गरम था उसने भी चोदने में ही भलाई समझी और अपने लिंग को आयेशा की योनि पे रख के सरका दिया । आयेशा की बूर गीली थी जो गप से सुरेश के लिंग को अंदर ले लि । एक अजीब से आनंद से दोनों मचल उठे।
दोनों ही मस्ती में चूर होकर हिलने लगे सुरेश भी जोर जोर से झटके मार के आयेशा की बूर का भोसड़ा कर रहा था इधर आयेशा भी निचे से गांड उचका के साथ दे रही थी दोनों ही चुदाई के इस अदभूत खेल का आनंद उठा रहे थे ।
किचन में हवस का ये नंगा खेल खेला जा रहा था तो दूसरी तरफ आरोही अपने प्यारे भईया के छुवान को याद करके अपनी बूर को सहला रही थी उसे एक अजीब सी मस्ती ने घेर लिया था वो क्यों अपने भईया के लिए ये सब सोच रही थी पता नही तभी उसको ख़याल आया की आयेशा को गये बहुत देर हो गयी है वो अभी तक आयी क्यों नही वो उठी और पहले अपनी बूर वाली जगह को देखी जो हलकी गीली हो चुकी थी ।वो मुस्कुरा के रह गयी और निचे जाने लगी । दूसरी तरफ रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने राहुल को देखा फिर उठ के मूतने चल दिया जैसे ही दरवाजे से बहार आया उसको आरोही जाती हुई दिखाई दी । इधर किचन में आयेशा अपने फूफ़ा जी से मज़े लूटने में व्यस्त है।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदो...चोदो...आह्ह्ह...बेटी चोद फाड़ दे मेरी बूर को उफ्फ्फ....माँ....
" ले साली चुदड़कड़ माँ की लोड़ी आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली...छिनाल....

किचन से आती हुई आवाज़ से आरोही एक दम से चौंक गयी और वो चुपके से किचन में देखने लगी ।उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी आँखों पे की किचन में ऐसा हवस का नंगा नाच चल रहा हैं । सुरेश का लंड आयेशा की बूर की गहराई नाप के बहार आता फिर अंदर समा जाता । आरोही की आँखें बड़ी हो कर ये खेल देख रही थी और वो सुरेश के लंड को भी आँखें गाड़ा के देख रही थी ।दूसरी तरफ दूर से ही रोहन आरोही को देख रहा था की ये क्या देख रही हैं ।

ये चुदाई का खेल देख आरोही की बूर रिसने लगी। उसका हाथ ना चाहते हुए चूत पे चला गया और वो अपनी चूत को मसलने लगी और हलके हलके सिसकियाने लगी ।

" आअह्ह्ह...फूफ़ा जी...मेरा होने वाला है आह्ह्ह...बेटीचोद उम्म्म....

दोनों ही चुदाई के इस खेल के समापन के करीब पहुंच गये थे दोनों कभी भी झाड़ सकते थे ।इधर आरोही का भी बुरा हाल हो गया था । तभी उसकी नज़र रोहन पे गयी जो उसको देख के अपने लंड को हिला रहा था ये सब देख आरोही शर्मा गयी और वो तुरंत वहा से अपने कमरे की तरफ भागी । रोहन उसको रोकना चाहता था पर कुछ बोल नही पाया ।तभी वो पलट के किचन की तरफ चल दिया ।

इधर सुरेश मे अपने आखिरी धक्के मारे और झड़ने लगा
" आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली....आह्ह्ह्ह...आयेशा...
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी आअह्ह्ह...फूफ़ा जी .....

सुरेश को झड़ता हुआ महसूस करके आयेशा की बूर भी अपना चिपचिपा पानी उगलने लगी ।
सुरेश का लंड सफ़ेद माल आयेशा की बूर में फेंकने हुआ। उधर से आयेशा भी झटके मार मार के अपना पानी फेंक रही थी। इधर उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर गयी । सुरेश ने अपना सारा वीर्य आयेशा की योनि में उगल दिया और लंड बहार करके उसके बगल में ही लेट गया । ये सब देख रोहन का खून खौल गया उसकी सगी बहन आधी रात को अपने फूफ़ा से चुद रही हैं उसका खड़ा लंड सो गया उसने सोच लिया की कल किसी भी कीमत पे निधि या आरोही में से कोई एक को चोद के ही दम लेगा । और गुस्से से चल दिया ।

" इधर आयेशा मुस्कुरा के सुरेश को देखी और बोली फूफ़ा जी खेल अच्छा खेल लेते हो और अपनी बूर से वीर्य लेकर चाटने लगी ।
" सुरेश हँसने लगा और बोला जब माल तेरी जैसी हो तो खेल खेलने का मज़ा ही अलग है ।

कुछ देर के बाद दोनों सोने चले गये ।इधर आरोही की आँखों में अपने ही पापा का मोटा लंड घूम रहा था उससे वो काला नाग याद आ रहा था । जो आयेशा के बिल में घुसे जा रहा था । यही सब सोचते सोचते वो भी सो गयी ।



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Bhai maza aa gaya (Bhai Rohan ko shirf aisa ke saat hi sex krwana or aaisa ko bahar gangbang krwo jis se Rohan ne haat milaya hai)
 
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