Sanju@
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Bahut hi sundar aur kamuk update haiअपडेट 34
गरिमा और राहुल की साँसे अब फूलने लगी थी। तभी गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के दबा दिया। जिससे राहुल ने आह्ह..करते हुए बोला दीदी मार दोगी क्या ।
उसने गरिमा को देखा तो वो जोर जोर से साँसे ले रही थी और एक मुस्कुराहट लिए हुए बोली ।
" मार तो तु देगा। थोड़ा तो सांस लेने दे कितनी देर से चूस रहा हैं थोड़ा सबर तो कर ले।
" राहुल मुस्कुरा के बोला तुम जैसी माल दीदी हो तो कौन सबर करेगा ।
" अच्छा जी ।
फिर से दोनों के होंठ मिल गये और वही सिलसिला फिर चलने लगा ।इस बार होंठ चुसाई के साथ साथ एक दूसरे के गुप्तांगों को भी सहलाने लगे थे राहुल गरिमा की चूत को उसकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था और गरिमा अपने छोटे भाई के लोड़े को पकड़ के सहला रही थी । दोनों ही भूल गये थे की छत के दरवाजे की कुंडी नही लगयी हैं।
दीदी चलो टंकी की तरफ यहा कोई देख लेगा ।
गरिमा मुस्कुरा दी और बोली
" बाप किचन में बुलाता हैं और बेटा टंकी की तरफ साले दोनों कमीने हो ।
राहुल की हलकी हंसी निकल गयी और बोला बाप ने खूब मलाई खा ली अब बेटा खायेगा और गरिमा को टंकी की तरफ लेकर छत पे बैठा के उसके होठों को चूसने लगा । कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और दोनों अलग हुए ।राहुल ने अपने कपड़े उतार के टंकी के करीब ही छत पे बिछा दिया जिसे देख गरिमा हँसने लगी ।
" क्या हुआ दीदी ।
" कुछ नही लगता हैं मेरी किस्मत में फर्श पे ही ठुकवाना लिखा हैं बिस्तर पे नही ।
ये सुन राहुल भी मुस्कुरा दिया और गरिमा की चूची को पकड़ के दबाने लगा ।
आह्ह्ह..आउच धीरे कर राजा आह्ह्ह...
दोनों के होंठ मिले हुए थे साथ में राहुल गरिमा की चूची मसले जा रहा था । आहिस्ता आहिस्ता गरिमा राहुल के बिछाये हुए कपड़ो पे लेट गयी। और दोनों एक दूसरे के जिस्म को रगड़ के गरम करने लगे ।
राहुल ने सलवार के ऊपर से ही गरिमा की बूर को चूम लिया जिससे गरिमा सिसक उठी ।
गरिमा उठी और अपने कपड़े खोलने लगी । और वो ब्रा और पैंटी पहने हुए लेट गयी। हलकी चांदनी रात में गरिमा का बदन चमक रहा था राहुल ने आव देखा ना ताव चूत पे मुँह लगा दिया और पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा । राहुल के थूक से पैंटी गीली होने लगी । तभी उसने पैंटी को साइड किया और गरिमा का खज़ाना उसके सामने था उसने फोन की टॉर्च जला के बूर को देखना चाहा तो गरिमा ने बंद करवा दिया और बोली कभी और देख लेना जल्दी से चोदो।
राहुल ने गरिमा की पैंटी को उतार के सुंघा और सर में पहन लिया जिसे गरिमा देख हँसने लगी । राहुल ने चूत पे एक चुम्बन किया और अपनी जीभ को ऊपर से निचे तक चूत के मुलायम मांस को चाटने लगा । गरिमा इस एहसास में अपनी आँखें बंद कर ली । राहुल अपनी जीभ चूत की फांको में घुसाने की कोशिश करने लगा । उसने चूत को हलके से फैलाया और अपनी जीभ को घुसा दिया । इस मधुर एहसास से गरिमा की आह्ह्ह..निकल गयी।
राहुल जीभ को चूत में घूमाने लगा वो जितना अंदर हो सके उतना जीभ घुसाए जा रहा था । इधर गरिमा का जिस्म मस्ती में काँपने लगा था वो जोर जोर से आहे भरने लगी ।
" आह्ह्ह...भाई....और अंदर तक चाट आह्ह्ह...बहनचोद....
इधर राहुल चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा जिससे गरिमा मदहोश हो गयी और मस्ती में सिसकियाने लगी ।
" आह्ह्ह...बहनचोद...साले आह्ह..ओह्ह्ह...खा जायेगा क्या...
चूत पुरी तरह पनियाने लगी थी हलका नमकीन सा स्वाद राहुल के मुँह में जाने लगा गरिमा की चूत थूक से पुरी तरह साराबोर हो चुकी थी। राहुल ने गरिमा की चूची को पकड़ा और दबाने लग और एक चूची को मुँह में भर के पीने लगा ।राहुल निप्पलों को मुँह भर के निप्पलों से खेलने लगा ।
इधर गरिमा का जिस्म आग की तरह तपने लगा उसके जिस्म में हवस समा चुकी थी । गरिमा राहुल के सर को पकड़ के अपनी चूची में दबाने लगी । राहुल भी बारी बारी दोनों चूचियों को मुँह लेकर चूस चूस से दबा रहा था । तभी गरिमा ने राहुल को ऊपर खींच लिया और होठों को होठों से मिला के चूमने लगी । दोनों ही इस बात से बेखबर थे की उनका ये खेल कोई देख रहा था।
गरिमा उठी और राहुल लेट गया और गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के अपने होठों में भर ली और चूसने लगी ।गरिमा के मुँह में जाते ही राहुल मचलने लगा उसके मुँह की गर्माहट से उसका लंड पिघलने लगा वो जोर जोर से सिसकियाने लगा ।
" आह्ह्ह....दीदी...चुसो आह्ह...उफ्फ्फ...क्या मस्त चुस्ती हो ।
गरिमा लंड को लपा लप लॉलीपॉप की तरह चाटने और चूसने में लगी हुई थी । वो लंड के उपरी भाग पे ऐसे जीभ लगाती की राहुल कसक के रह जाता । चांदनी रात में लंड चमकने लगा था पुरा लंड थूक से सना हुआ था ।प्री-कम की बूँद आती और गरिमा उसके अपनी जीभ से चाट के उसका स्वाद लेती । जब वो लंड को मुँह से बहार करती तो थूक की एक लाइन उसके मुँह से लंड तक बन जाती ।
" आह्ह्ह...दीदी अब चोदने दे नही तो झाड़ दूंगा ।
ये सुन गरिमा हलका सा मुस्कुराई और लेट गयी । राहुल ने लिंग को गरिमा की योनि पे रखा और आहिस्ता से जोर लगाया तो लिंग का उपरी भाग योनि को खोलता समा गया। इधर गरिमा सिसक उठी । राहुल ने आहिस्ता आहिस्ता ही लिंग को योनि में प्रवेश करवा दिया और राहुल का लिंग गरिमा की योनि के अंदर की गर्माहट लेने लगा । दोनों को ही एक अजीब से एहसास ने घेर लिया । उनपे वासना का सुरूर छाने लगा और कब दोनों हिलने लगे पता ही नही चला । राहुल आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्के तेज़ करते जा रहा था और गरिमा छत पे आसमान को देखते हुए अपने ही सगे भाई का लंड अपनी चूत की गहराई में उतरवा रही थी । दोनों ही चुदाई का का ये खेल खेलने में मशरूफ़ थे ।और इधर बरखा उनको देख रही थी बरखा को विश्वास नही हो रहा था की उसकी बेटी और बेटा अपने पवित्र रिश्ते को इस तरह अपनी हवस में कुचल देंगे ।
गरिमा और राहुल दोनो की ही सांसे तेज़ होने लगी थी उनका बदन पसीने से भीगने लगा । और राहुल का लंड गरिमा की चूत की गहराई नाप के बहार आता फिर चला जाता । दोनों ही मस्ती में आकर जोर जोर से धक्के मरने लगे गरिमा भी निचे से गांड उठा उठा के अपने भाई का साथ देने लगी ।
" आह्ह्ह...चोद साले माँ के लोड़े भड़वे चोद हरामी आह्ह्ह...ओह्ह्ह
" ले साली रंडी आह्ह...बाप से चुदवाती हैं छिनाल तो भाई का भी ले आह्ह...मेरी रंडी दीदी
गरिमा ने अपनी टाँगे राहुल के कमर पे लपेट ली और उसको अपनी तरफ खींचने लगी । दोनों ही चुदाई के इस खेल का आनंद उठा रहे थे ।गरिमा की चूत रस छोड़ने लगी और लंड अंदर बहार करने में अब राहुल को आसान लगने लगा वो पुरी रफ़्तार से अपनी दीदी की चूत को चोदने लगा ।
इधर बरखा की बूर भी ये सब देख और सुन के गीली होने लगी वो ये सुन के और भी सन्न थी की सुरेश और गरिमा भी चुदाई करते थे । पर वो ये सब भूल गयी जब उसने दोनों की गरम बातें सुनी वो अपनी बूर को रगड़ने लगी ।
चुदाई का ये सिलसिला काफी समय तक चलता रहा और दोनों का जिस्म कांपने लगा । दोनों ही चरमसुख को पाने के करीब पहुंच चुके थे ।तभी गरिमा का बदन अकड़ने लगा और उसने अपने नाखून राहुल की पीठ में गाड़ा दिये । जिससे राहुल की एक दर्द भरी आवाज़ आयी ।आह्ह...ये दर्द एक मीठे दर्द की तरह लगा राहुल को और वो जोर जोर से झटके मारने लगा ।
" आह्ह्ह्ह...बहनचोद गयी मैं आह्ह्ह्ह...मादरचोद, चोद साले अपनी बहन को आह्ह..रंडी की औलाद ।
बोलते हुए गरिमा की चूत पानी फेंकने लगी । अपने लंड पे गरम गरम द्रव्ये को महसूस करके राहुल भी ज़्यादा समय तक नही टिका और गरिमा की चूचियों को भींच के झड़ने लगा ।उसका लंड झटके मार मार के अपने अंदर से सफ़ेद मलाई गरिमा की योनि में छोड़ने लगा ।गरिमा की योनि अपने ही भाई के वीर्य से लबा लब भरने लगी और वो जोर जोर से हांफ्ते हुए एक दूसरे पे पसर गये ।
दोनों ही अपनी साँसे काबू करने में लगे हुए थे दोनों का बदन पसीना पसीना हो चुका था । इधर बरखा भी धीरे से निकल ली ।
" आह्ह..दीदी मज़ा आ गया सच में तुम कमाल की चीज़ हो तभी पापा रोज़ किचन में पेलते थे ।
" गरिमा मुसकुराई और बोली साले तु भी कुछ कम नही हैं दीदी की चूत को ऐसे रगड़ रहा था की कोई बाज़ारू रांड हूँ ।
कुछ देर दोनों भाई बहन बात किये और गरिमा ने कपड़े पहन कर निचे भाग आयी ।
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इधर रोहन निधि के पास बैठा बाते कर रहा था और निधि बेचारी शर्म के मारे चादर से बहार नही आना चाहती थी।
तभी गरिमा आयी और रोहन वहा से चला गया। और निधि को राहत महसूस हुई।
इधर बरखा की बूर में चुनचुनी काट रही थी । उसने सुरेश को उठाना चाहा पर वो नही उठा तो वो मन मारकर सोने की कोशिश करने लगी ।
सब सो चुके थे ।तभी आयेशा की आँख खोली और वो बाथरूम गयी और वापस आयी तो अपने फूफ़ा जी को हॉल में देखा वो इधर उधर टहल रहे थे ।
" क्या हुआ फूफ़ा जी इतनी रात को आप यहाँ क्या कर रहे हो ।
"सुरेश अचानक ही एक आवाज़ सुन के उस तरफ देखा और बोला आयेशा बेटा तु इतनी रात को क्या कर रही हैं ।
" फूफ़ा जी मैं तो बाथरूम गयी थी पर आप इतनी रात को यहाँ कैसे ।
" आँख खुल गयी और नींद नही आ रही थी तो सोचा थोड़ा टहल लूं ।
" आयेशा अपने मन में नींद कैसे आएगी बेटी की बूर जो नही मिली होगी ।और मुस्कुरा दी ।
" जिसे सुरेश ने देख लिया और बोला क्या हुआ मेरी आयेशा मुस्कुरा क्यों रही हैं
" कुछ नही फूफ़ा जी मैं चलती हूँ
वो जाने को हुई की उसका पैर मूड गया और वो गिरने को हुई तभी सुरेश ने उसे जैसे तैसे पकड़ लिया । और आयेशा ने अपने फूफ़ा जी को धन्यवाद बोला । तभी उसको एहसास हुआ की उसके फूफ़ा जी का एक हाथ उसकी गांड की गोलाई को थामे हुए हैं और एक हाथ उसके पीठ से होता हुआ उसके चूचियों को छू रहा था । जब सुरेश को भी अपने हाथ में कुछ मुलायम सा महसूस हुआ तो वो समझ गया ।और जल्दी से दोनों अलग हुए । आयेशा जाने को हुई ।पर उसके मन में कुछ अजीब हो रहा था जो वो समझ नही पा रही थी ।इधर सुरेश को भी मांस का वो टुकड़ा पकड़ के एक गजब का एहसास हुआ जिसे वो फिर से छूना चाहता था ।
ये सब रोहन दरवाजे से खड़ा होकर देख रहा था वो एक गुस्से और बदले की आग में जलने लगा ।
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रोज की तरह सुबह हुई ।और नाश्ते के लिए मारा मारी जारी थी ।इधर राहुल और गरिमा एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे । बारी बारी जिसको जहा जाना था वो निकल गये ।
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