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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Punnu

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गरिमा और राहुल की साँसे अब फूलने लगी थी। तभी गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के दबा दिया। जिससे राहुल ने आह्ह..करते हुए बोला दीदी मार दोगी क्या ।
उसने गरिमा को देखा तो वो जोर जोर से साँसे ले रही थी और एक मुस्कुराहट लिए हुए बोली ।

" मार तो तु देगा। थोड़ा तो सांस लेने दे कितनी देर से चूस रहा हैं थोड़ा सबर तो कर ले।
" राहुल मुस्कुरा के बोला तुम जैसी माल दीदी हो तो कौन सबर करेगा ।
" अच्छा जी ।

फिर से दोनों के होंठ मिल गये और वही सिलसिला फिर चलने लगा ।इस बार होंठ चुसाई के साथ साथ एक दूसरे के गुप्तांगों को भी सहलाने लगे थे राहुल गरिमा की चूत को उसकी सलवार के ऊपर से ही रगड़ रहा था और गरिमा अपने छोटे भाई के लोड़े को पकड़ के सहला रही थी । दोनों ही भूल गये थे की छत के दरवाजे की कुंडी नही लगयी हैं।


दीदी चलो टंकी की तरफ यहा कोई देख लेगा ।
गरिमा मुस्कुरा दी और बोली
" बाप किचन में बुलाता हैं और बेटा टंकी की तरफ साले दोनों कमीने हो ।

राहुल की हलकी हंसी निकल गयी और बोला बाप ने खूब मलाई खा ली अब बेटा खायेगा और गरिमा को टंकी की तरफ लेकर छत पे बैठा के उसके होठों को चूसने लगा । कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और दोनों अलग हुए ।राहुल ने अपने कपड़े उतार के टंकी के करीब ही छत पे बिछा दिया जिसे देख गरिमा हँसने लगी ।

" क्या हुआ दीदी ।
" कुछ नही लगता हैं मेरी किस्मत में फर्श पे ही ठुकवाना लिखा हैं बिस्तर पे नही ।

ये सुन राहुल भी मुस्कुरा दिया और गरिमा की चूची को पकड़ के दबाने लगा ।
आह्ह्ह..आउच धीरे कर राजा आह्ह्ह...

दोनों के होंठ मिले हुए थे साथ में राहुल गरिमा की चूची मसले जा रहा था । आहिस्ता आहिस्ता गरिमा राहुल के बिछाये हुए कपड़ो पे लेट गयी। और दोनों एक दूसरे के जिस्म को रगड़ के गरम करने लगे ।

राहुल ने सलवार के ऊपर से ही गरिमा की बूर को चूम लिया जिससे गरिमा सिसक उठी ।
गरिमा उठी और अपने कपड़े खोलने लगी । और वो ब्रा और पैंटी पहने हुए लेट गयी। हलकी चांदनी रात में गरिमा का बदन चमक रहा था राहुल ने आव देखा ना ताव चूत पे मुँह लगा दिया और पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा । राहुल के थूक से पैंटी गीली होने लगी । तभी उसने पैंटी को साइड किया और गरिमा का खज़ाना उसके सामने था उसने फोन की टॉर्च जला के बूर को देखना चाहा तो गरिमा ने बंद करवा दिया और बोली कभी और देख लेना जल्दी से चोदो।

राहुल ने गरिमा की पैंटी को उतार के सुंघा और सर में पहन लिया जिसे गरिमा देख हँसने लगी । राहुल ने चूत पे एक चुम्बन किया और अपनी जीभ को ऊपर से निचे तक चूत के मुलायम मांस को चाटने लगा । गरिमा इस एहसास में अपनी आँखें बंद कर ली । राहुल अपनी जीभ चूत की फांको में घुसाने की कोशिश करने लगा । उसने चूत को हलके से फैलाया और अपनी जीभ को घुसा दिया । इस मधुर एहसास से गरिमा की आह्ह्ह..निकल गयी।
राहुल जीभ को चूत में घूमाने लगा वो जितना अंदर हो सके उतना जीभ घुसाए जा रहा था । इधर गरिमा का जिस्म मस्ती में काँपने लगा था वो जोर जोर से आहे भरने लगी ।

" आह्ह्ह...भाई....और अंदर तक चाट आह्ह्ह...बहनचोद....

इधर राहुल चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा जिससे गरिमा मदहोश हो गयी और मस्ती में सिसकियाने लगी ।
" आह्ह्ह...बहनचोद...साले आह्ह..ओह्ह्ह...खा जायेगा क्या...

चूत पुरी तरह पनियाने लगी थी हलका नमकीन सा स्वाद राहुल के मुँह में जाने लगा गरिमा की चूत थूक से पुरी तरह साराबोर हो चुकी थी। राहुल ने गरिमा की चूची को पकड़ा और दबाने लग और एक चूची को मुँह में भर के पीने लगा ।राहुल निप्पलों को मुँह भर के निप्पलों से खेलने लगा ।
इधर गरिमा का जिस्म आग की तरह तपने लगा उसके जिस्म में हवस समा चुकी थी । गरिमा राहुल के सर को पकड़ के अपनी चूची में दबाने लगी । राहुल भी बारी बारी दोनों चूचियों को मुँह लेकर चूस चूस से दबा रहा था । तभी गरिमा ने राहुल को ऊपर खींच लिया और होठों को होठों से मिला के चूमने लगी । दोनों ही इस बात से बेखबर थे की उनका ये खेल कोई देख रहा था।

गरिमा उठी और राहुल लेट गया और गरिमा ने राहुल के लंड को पकड़ के अपने होठों में भर ली और चूसने लगी ।गरिमा के मुँह में जाते ही राहुल मचलने लगा उसके मुँह की गर्माहट से उसका लंड पिघलने लगा वो जोर जोर से सिसकियाने लगा ।
" आह्ह्ह....दीदी...चुसो आह्ह...उफ्फ्फ...क्या मस्त चुस्ती हो ।

गरिमा लंड को लपा लप लॉलीपॉप की तरह चाटने और चूसने में लगी हुई थी । वो लंड के उपरी भाग पे ऐसे जीभ लगाती की राहुल कसक के रह जाता । चांदनी रात में लंड चमकने लगा था पुरा लंड थूक से सना हुआ था ।प्री-कम की बूँद आती और गरिमा उसके अपनी जीभ से चाट के उसका स्वाद लेती । जब वो लंड को मुँह से बहार करती तो थूक की एक लाइन उसके मुँह से लंड तक बन जाती ।

" आह्ह्ह...दीदी अब चोदने दे नही तो झाड़ दूंगा ।

ये सुन गरिमा हलका सा मुस्कुराई और लेट गयी । राहुल ने लिंग को गरिमा की योनि पे रखा और आहिस्ता से जोर लगाया तो लिंग का उपरी भाग योनि को खोलता समा गया। इधर गरिमा सिसक उठी । राहुल ने आहिस्ता आहिस्ता ही लिंग को योनि में प्रवेश करवा दिया और राहुल का लिंग गरिमा की योनि के अंदर की गर्माहट लेने लगा । दोनों को ही एक अजीब से एहसास ने घेर लिया । उनपे वासना का सुरूर छाने लगा और कब दोनों हिलने लगे पता ही नही चला । राहुल आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्के तेज़ करते जा रहा था और गरिमा छत पे आसमान को देखते हुए अपने ही सगे भाई का लंड अपनी चूत की गहराई में उतरवा रही थी । दोनों ही चुदाई का का ये खेल खेलने में मशरूफ़ थे ।और इधर बरखा उनको देख रही थी बरखा को विश्वास नही हो रहा था की उसकी बेटी और बेटा अपने पवित्र रिश्ते को इस तरह अपनी हवस में कुचल देंगे ।
गरिमा और राहुल दोनो की ही सांसे तेज़ होने लगी थी उनका बदन पसीने से भीगने लगा । और राहुल का लंड गरिमा की चूत की गहराई नाप के बहार आता फिर चला जाता । दोनों ही मस्ती में आकर जोर जोर से धक्के मरने लगे गरिमा भी निचे से गांड उठा उठा के अपने भाई का साथ देने लगी ।

" आह्ह्ह...चोद साले माँ के लोड़े भड़वे चोद हरामी आह्ह्ह...ओह्ह्ह
" ले साली रंडी आह्ह...बाप से चुदवाती हैं छिनाल तो भाई का भी ले आह्ह...मेरी रंडी दीदी

गरिमा ने अपनी टाँगे राहुल के कमर पे लपेट ली और उसको अपनी तरफ खींचने लगी । दोनों ही चुदाई के इस खेल का आनंद उठा रहे थे ।गरिमा की चूत रस छोड़ने लगी और लंड अंदर बहार करने में अब राहुल को आसान लगने लगा वो पुरी रफ़्तार से अपनी दीदी की चूत को चोदने लगा ।
इधर बरखा की बूर भी ये सब देख और सुन के गीली होने लगी वो ये सुन के और भी सन्न थी की सुरेश और गरिमा भी चुदाई करते थे । पर वो ये सब भूल गयी जब उसने दोनों की गरम बातें सुनी वो अपनी बूर को रगड़ने लगी ।

चुदाई का ये सिलसिला काफी समय तक चलता रहा और दोनों का जिस्म कांपने लगा । दोनों ही चरमसुख को पाने के करीब पहुंच चुके थे ।तभी गरिमा का बदन अकड़ने लगा और उसने अपने नाखून राहुल की पीठ में गाड़ा दिये । जिससे राहुल की एक दर्द भरी आवाज़ आयी ।आह्ह...ये दर्द एक मीठे दर्द की तरह लगा राहुल को और वो जोर जोर से झटके मारने लगा ।

" आह्ह्ह्ह...बहनचोद गयी मैं आह्ह्ह्ह...मादरचोद, चोद साले अपनी बहन को आह्ह..रंडी की औलाद ।


बोलते हुए गरिमा की चूत पानी फेंकने लगी । अपने लंड पे गरम गरम द्रव्ये को महसूस करके राहुल भी ज़्यादा समय तक नही टिका और गरिमा की चूचियों को भींच के झड़ने लगा ।उसका लंड झटके मार मार के अपने अंदर से सफ़ेद मलाई गरिमा की योनि में छोड़ने लगा ।गरिमा की योनि अपने ही भाई के वीर्य से लबा लब भरने लगी और वो जोर जोर से हांफ्ते हुए एक दूसरे पे पसर गये ।

दोनों ही अपनी साँसे काबू करने में लगे हुए थे दोनों का बदन पसीना पसीना हो चुका था । इधर बरखा भी धीरे से निकल ली ।
" आह्ह..दीदी मज़ा आ गया सच में तुम कमाल की चीज़ हो तभी पापा रोज़ किचन में पेलते थे ।
" गरिमा मुसकुराई और बोली साले तु भी कुछ कम नही हैं दीदी की चूत को ऐसे रगड़ रहा था की कोई बाज़ारू रांड हूँ ।
कुछ देर दोनों भाई बहन बात किये और गरिमा ने कपड़े पहन कर निचे भाग आयी ।

**********
इधर रोहन निधि के पास बैठा बाते कर रहा था और निधि बेचारी शर्म के मारे चादर से बहार नही आना चाहती थी।
तभी गरिमा आयी और रोहन वहा से चला गया। और निधि को राहत महसूस हुई।
इधर बरखा की बूर में चुनचुनी काट रही थी । उसने सुरेश को उठाना चाहा पर वो नही उठा तो वो मन मारकर सोने की कोशिश करने लगी ।

सब सो चुके थे ।तभी आयेशा की आँख खोली और वो बाथरूम गयी और वापस आयी तो अपने फूफ़ा जी को हॉल में देखा वो इधर उधर टहल रहे थे ।

" क्या हुआ फूफ़ा जी इतनी रात को आप यहाँ क्या कर रहे हो ।

"सुरेश अचानक ही एक आवाज़ सुन के उस तरफ देखा और बोला आयेशा बेटा तु इतनी रात को क्या कर रही हैं ।

" फूफ़ा जी मैं तो बाथरूम गयी थी पर आप इतनी रात को यहाँ कैसे ।
" आँख खुल गयी और नींद नही आ रही थी तो सोचा थोड़ा टहल लूं ।
" आयेशा अपने मन में नींद कैसे आएगी बेटी की बूर जो नही मिली होगी ।और मुस्कुरा दी ।
" जिसे सुरेश ने देख लिया और बोला क्या हुआ मेरी आयेशा मुस्कुरा क्यों रही हैं
" कुछ नही फूफ़ा जी मैं चलती हूँ

वो जाने को हुई की उसका पैर मूड गया और वो गिरने को हुई तभी सुरेश ने उसे जैसे तैसे पकड़ लिया । और आयेशा ने अपने फूफ़ा जी को धन्यवाद बोला । तभी उसको एहसास हुआ की उसके फूफ़ा जी का एक हाथ उसकी गांड की गोलाई को थामे हुए हैं और एक हाथ उसके पीठ से होता हुआ उसके चूचियों को छू रहा था । जब सुरेश को भी अपने हाथ में कुछ मुलायम सा महसूस हुआ तो वो समझ गया ।और जल्दी से दोनों अलग हुए । आयेशा जाने को हुई ।पर उसके मन में कुछ अजीब हो रहा था जो वो समझ नही पा रही थी ।इधर सुरेश को भी मांस का वो टुकड़ा पकड़ के एक गजब का एहसास हुआ जिसे वो फिर से छूना चाहता था ।
ये सब रोहन दरवाजे से खड़ा होकर देख रहा था वो एक गुस्से और बदले की आग में जलने लगा ।

**************
रोज की तरह सुबह हुई ।और नाश्ते के लिए मारा मारी जारी थी ।इधर राहुल और गरिमा एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे । बारी बारी जिसको जहा जाना था वो निकल गये ।
Behtarren update bhidu.....Rohan ne garima ko thok hi diya....or dusri taraf suresh or aayesha bhi najdik aa rhe hai...bhai nidhi or Aarohi ka no. Kab lagega suresh ke saath ....Rohan ne sab dekh liya...ab dekhna hoga kya hone wala hai aage....
 
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vvds6666

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bahoot hot aur kamuk update tha... lekin thodha sarif pan se betiyon ko baap ko dikhao aur slow seduction aur achha rahega..itne jaldi khulwakar utna maja nahi aata hain.
 
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Pal bhai

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कहानी में मोड़

शाम 4 बजे का समय था गरिमा अपने कमरे में थी और बरखा अपने बच्चो के आने के इंतज़ार कर रही थी तभी दरवाजे पे एक दस्तक होती है बरखा दरवाजा खोलती है और देखती है आज तीनो एक साथ घर आये थे ऐसा पहली बार था जब निधि ,राहुल और आरोही के साथ आयी हो वरना वो दोनो तो हमेशा साथ ही जाते है साथ आते है ।तभी बरखा की नज़र राहुल पे जाती है वो बस बनियान में था बरखा ये देख पूछ बैठती है
राहुल तेरी शर्ट निधि क्यों पहनी है और तु ऐसे ही घूम रहा है ,राहुल कुछ बोलता उससे पहले ही निधि बोलती है ।मम्मी भाई एक शर्त लगया था तो शर्त के मुताबिक भाई की शर्ट में पहनूंगी और भाई बनियान में ही घर चलेगा ।
बरखा सर खुजाते हुए ये कैसी शर्त थी और भाई बहन में भी कोई शर्त लगती है क्या, चलो अंदर और सब अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे।पर निधि का तो मन शांत ही नही हो रहा था की कल कॉलेज में क्या होगा ।तीनो ने ही मिलकर फैलसा किया था की वो घर पे कुछ नही बताएंगे पर ये बात अब कोई छोटी नही थी।आखिर राहुल ने जिसको मारा वो एक विधायक का बेटा और एक खुद प्रिंसिपल और उसका बेटा था निधि तो डर से काँप रही थी तभी गरिमा उसे हिलाते हुए पूछती है क्या सोच रही है कब से आवाज़ लगा रही हूं पता नही ध्यान कहा है मैडम जी का ,तभी निधि हरबड़ते हुए कु..कुछ नही दीदी बस ऐसे ही कॉलेज की कुछ बाते सोच रही थी की अब एग्जाम आने वाले है कैसे क्लियर होगा ।
गरिमा अच्छा जी अब मैडम झूठ बोलना भी सिख गयी है तेरी बड़ी बहन हूँ तेरे से ज्यादा समझ है मुझे चल बता बात क्या है ।।
निधि - कुछ भी तो बात नही है दीदी आप भी बहुत शक करती हो मुझपे
गरिमा - इसे शक नही कहते है ये तो प्यार है मेरा, मेरी छोटी बेहन परेशान रहे तो मैं कैसे खुश रह सकती हूँ।दोनो बातें करनी लगती है ।इधर आरोही आज राहुल के ही कमरे सो रही थी ।राहुल भी थोड़ा परेशान था की आज वो गुस्से में कुछ ज्यादा आगे बढ़ गया। तभी उसकी नज़र आरोही की गांड पे गयी जो उसकी तरफ ही गांड उठा के सो रही थी ।आरोही की गांड देखते ही राहुल की सारी परेशानी दूर हो जाती है वो आरोही द्वारा बोली हुई बात याद करने लगता है की किस तरह अजय ने उसके दोनो दूधो को मसल दिया और विक्की ने उसकी गांड के उभार को अच्छे से रगड़ दिया था ये सोच के राहुल का लंड सर उठाने लगा उसने आरोही की गांड को उठकर बैठ के देखने लगा।और उसके मुँह से अनायासा ही निकल गया उफ्फ्फ... क्या गांड हैं क्या कटाओ है एक लम्बी आह्ह भरे हुए बोला । उसके मन में एक बात आ गयी इसीलिए तो विक्की ने इस गांड से खेला साला बहुत लकी है मादरचोद मेरी आरोही की चिकन गांड को पकड़ लिया और एक मैं हूँ मेरे सामने गांड उठा के सो रही है और मैं पकड़ना तो दूर उसको सूंघ भी नही पता ।वो अपनी किस्मत पे या इसका भाई होने पे थोड़ा उदास था आखिर आरोही की गांड सच में बावल थी जो हर मर्द के लिए एक कमज़ोरी बन जाती थी । इधर विक्की अंकल आप नही आते तो मैं उस राहुल की माँ चोद देता ,तभी अजय भी बोला हाँ पापा आप बीच में क्यों आये वो बहनचोद अपने आप को समझता क्या है उसकी बहने तो हम चोद के ही रहेंगे।
प्रिंसिपल रामदास - अरे बच्चो मैं बीच में नही आता पर वो निशा रंडी आ गयी ना इस लिए दिखावा करना पड़ा पर मुझे क्या पता था की वो मादरचोद इतना तेज़ निकलेगा की हम तीनो को ही मारने लग जायेगा ।
विक्की - सही कहा अंकल उस मादरचोद की सबसे बड़ी ताकत तो वो रंडी निशा है साली वो ना हो तो उस लोड़े को तो मैं ऐसा मज़ा चखूंगा की उसको अफ़सोस होगा की वो चूत से बहार आया ही क्यों।

प्रिंसिपल रामदास - हाँ बेटा वो निशा ना हो तो उस हरामज़ादे को जिंदा नही जाने देता साली हर बार बीच में आ जाती है ।
अजय - निशा वो साली अपना क्या बिगाड़ लेगी और विक्की के पापा विधायक है पर जो भी हो पापा मुझे उस आरोही की लेनी है साली क्या माल है उफ़.. उसके वो मुलायम चुचे बता नही सकता कितना मज़ा आ रहा था दबाने में आह्ह रंडी आरोही
विक्की - हाँ अंकल कुछ भी बोलो साली माल बहुत मस्त है गांड भी बहुत मुलायम थी साली की यदि वो आपका लोड़ू प्रोफ़ेसर ना आया होता तो साली को वही नंगा करके पटकर चोदता।
प्रिंसिपल रामदास- मैं जानता हूँ वो आरोही माल है मैंने खुद कई बार उसकी गांड देखी है इतनी कम उम्र में उसकी गांड सच में बावल है और वो प्रोफ़ेसर अपना ही बंदा है मैंने उसको बोला हुआ है जब भी बात बढ़े तो संभाल लेना तभी वो तुम लोगो को लेने आया था और उस आरोही की तो बूर तीनो मिलकर फाड़ेंगे ।उसकी वजह से ही उस मादरचोद ने हंगामा किया और हम सब को मारा, कल बताता हूँ रंडी के पिल्ले को की रामदास क्या चीज़ है
अजय - पापा सुना हैं उस राहुल मादरचोद की तीन बहनें है और तीनो ही मस्त माल है ।
विक्की - अच्छा सही तो है तीनो अपनी रंडी बनेगी और मन भर जायेगा तो बाद में तीनो को धंदे पे लगा देंगे और हँसने लगते है ।
प्रिंसिपल रामदास - सही कहा बेटा पर उन रंडियों को बाज़ार में लाने के लिए उस निशा का कुछ करना होगा और तुम्हारे पापा को भी बोलना होगा तभी वो तीनो रंडियों को घर से उठने का काम करेंगे ।
विक्की - सही बोला अंकल पहले इस निशा रांड का कुछ करना पड़ेगा साली ना चूत देती है ना ही साथ देती है साली बस हमारा खेल बिगाड़ देती है । इधर निशा अपने कमरे में सोच रही थी की राहुल में इतनी ताकत है तो उसने कभी विक्की और अजय को सबक क्यों नही सिखाया निशा अभी भी राहुल के उन दमदार पंच को याद कर रही थी ,उफ़.. कितना प्यार करता है अपनी बहनो से तो मुझे कितना करता होगा हाय पर एक नंबर का बुद्दू है पता नही मुझे परपोज़ कब करेगा और मुस्कुरा जाती है ।
सब बैठ के चाय पी रहे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे पर राहुल अपनी ही दुनिया में मगन था तभी निधि बोली भाई कहा खोये हुए है ।अब राहुल क्या बताता निधि को की तेरे ही ख्यालो में हूँ दीदी ,बात ऐसी है की राहुल निधि के उस रूप को याद कर रहा था जब उसने निधि को ब्रा में देखा था उफ्फ्फ.. क्या साइज होगा दीदी इतने मोटे थे यार और खास बात ये की उसकी वो लाल रंग की ब्रा उफ्फ्फ.. ये सब सोच ही रहा था की निधि पूछ बैठती है ।
राहुल - कही नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रहा था
निधि - अच्छा अंजलि याद आ रही होगी ना आखिर उसने ही तो आम चूसना सिखाया था सॉरी मेरा मतलब आम तोड़ना सिखाया था और राहुल को आँख मर देती है जिसे देख राहुल भी अचंभित था की दीदी ने ये क्या कह दिया और ये आँख क्यों मारी थोड़ी दर सोच के वो समझ जाता है की कही दीदी को सब पाता तो नही है ,नही नही दीदी को कैसे पता होगा वो अंजलि से मिली ही नही है और अंजलि क्यों बताएगी ।पर दूसरी ही तरफ कही अंजलि ने बता तो नही दिया साली वो रंडी बड़ी हरामी है कही सब कुछ बता दिया हो की मैं आरोही की गांड देख मुठ मरता हूँ हे भगवान बचा ले वो डर के मारे कुछ बोल नही पाता ।
आज निधि अपने भाई के प्रति बदल गयी थी इसीलिए उसने सोचा क्यों ना थोड़ा मज़ा भाई से ले ।
गरिमा - क्या- क्या ,क्या बोली तु बहुत बेशर्म हो गयी है
निधि - सॉरी दीदी वो जुबान फिसल गयी थी और फिर से आँख मार देती है जो इस बार आरोही भी देख लेती है ।
ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलता रहा और रात हो गयी खाना हुआ सबका और सोने चले गये ।पर फिर वही बात आज फिर वही हुआ ना सुरेश की आँखों में नींद थी ना ही गरिमा की आँखों में पर आज बात अलग थी क्यों की आज सब अपने कमरे जाग ही रहे थे ।
आरोही सोच रही थी की निधि दीदी ने भैया को आँख क्यों मारी और ये अंजलि ने आम तोड़ना सिखाया वो कुछ समझ नही पा रही थी वो अपने ही दिमाग़ में बातें घुमा रही थी। तभी आरोही का फोन बजने लगता है कॉल उसकी दोस्त रोहिणी का आ रहा है ।आरोही कॉल लेती है
आरोही - हेल्लों
रोहिणी - हेल्लो यार सो रही थी क्या
आरोही - नही यार कुछ सोच रही थी तु बता कैसे कॉल किया
रोहिणी - यार मैं भी कुछ सोच रही थी
आरोही - क्या सोच रही थी जो इतना चहक के बोल रही है
रोहिणी - यार तेरे भैया के बारे में क्या मारा यार मैं तो दीवानी हो गयी उनकी और हँसने लगती है
आरोही - अच्छा जी मेरे भैया मेरे है और सोचना भी मत समझी दूर रह उनसे साली वरना अपने भैया से चुदवा दूंगी ।
आरोही को समझ ही नही आया वो क्या बोल गयी तभी रोहिणी बोलती है अरे यार तो चुदवा दे ना मैंने जब से उनको हीरो की तरह मारते देखा है तभी से मन कर रहा है की वो मुझे चोद दे ।
आरोही - भग साली कुतिया तेरी दाल नही गलेगी यहा पे समझी ना
रोहिणी - अच्छा जी और उस निशा का क्या जो तेरे भैया से चुदवाती है साली, सब जानते है वो तेरे भैया का माल है देखा है कभी निशा को किसी और लड़के के साथ घूमते हुए ।
आरोही - हम्म.... तेरी बात में दम है पर क्या करूँ उस साली ने भैया पे जादू कर रखा है
रोहिणी - हाँ तभी तो कह रही हूँ मुझे अपनी भाभी बना ले तेरे भी मज़े करवा दूंगी ।
आरोही - समझ नही आया तेरी शादी होगी तो तु मजे लेगी भैया के साथ पर मेरे मजे कैसे होंगे साली ??
रोहिणी - अरे तुझे भी चुदवा दूंगी ना तेरे राहुल भैया से और हँसने लगती है।
आरोही - आ... साली रंडी क्या बोली तु ऐसा भला होता है क्या एक भाई अपनी बहन की ले सकता क्या
रोहिणी - हाँ मेरी जान आज कल सब मुमकिन है कभी सोच के देख तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है तुझे कैसा लगेगा और हँसने लगती है
आरोही - चुप कर साली कुछ भी बोलती है चल में रखती हूँ नींद आ रही है ।बाय
रोहिणी - बाय बेबी और सोचना जो मैं बोली और फिर से हँस के कॉल कट कर देती है ।
आरोही उफ़.. ये रोहिणी भी ना पक्की वाली छिनाल हो गयी है साली कुछ भी बोलती है ।पर तभी एक बार आरोही ,रोहिणी की कही हुई बात याद करती हैं की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है कैसा लगेगा ।ये सोच के ही उसके बदन में एक झुरझुरी होने लगती है आरोही मन में ये मुझे अजीब सा क्यों महसूस हो रहा है ,उफ़.. सच में भैया मुझे चोद सकते है ,तभी उसके दिमाग़ में एक और बात आती है नही नही भैया के साथ छी.. कितनी गंदी बात है और भैया क्या सोचेंगे की मैं उनके लिए ऐसा सोचती हूँ तु भी ना आरोही कुछ भी सोच लेती है और ये रोहिणी की बच्ची को कल कॉलेज में बताती हूँ ।और कमरे की लाइट बंद कर सो जाती हैं।
निधि तो आज सोना ही नही चाहती थी पर गरिमा इसी ताक मैं थी की निधि कब सोयेगी की वो अपने पापा से चुदवाने जाये ।निधि के मन में तो एक ही बात घूम रही थी राहुल कितना अच्छा है अपनी बहनो के लिए इतना प्यार है तो अपनी प्रेमिका और पत्नी के लिए कितना होगा ।तभी निधि निशा के बारे में सोचती है निशा हाँ वही तो हैं शायद मेरी होने वाली भाभी पर साली एक नंबर की खड़ूस है इतना समय से साथ में है पर साली कभी बोलती नही थी चलो अच्छा ही हुआ विक्की ने मेरा टॉप फाड़ दिया इसी बहाने भाई का प्यार और निशा खड़ूस से भी बात हो गयी और मुस्कुरा के सोने लग जाती है करीब एक घंटे बाद गरिमा ,निधि को आवाज़ लगाती है निधि ओ निधि सो गयी क्या । निधि को सोता पाकर गरिमा अपने रात के पति को मैसेज करती है जो इसी ताक में बैठा था की उसका मैसेज कब आएगा और वो कब किचन में जायेगा । एक मैसेज उसके फोन पे आता था जिसको पढ़ कर सुरेश के चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है फिर वो फोन रख कर चुप के से किचन के लिए निकल लेता है ।इधर गरिमा भी किचन में चली जाती है ।दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा जाते है और सुरेश बोलता है कब से तेरा इंतेज़ार किये बैठे थे जान तभी गरिमा बोलती है हाँ मेरे राजा जानती हूंँ तुम भी तड़प रहे हो मेरे जैसे ही पर ये निधि आज सोने का नाम ही नही ले रही थी बहुत मुश्किल से सोई है जल्दी से अपना मिलन करते है पति परमेश्वर जी ।इतना बोलते ही दोनो एक दूसरे को बेतहसा चूमने लगते है उम्म.. रोज तुम्हारा थूक का स्वाद बढ़ता जा रहा है सुरेश बोलता है
गरिमा - हाँ जानू सब तुम्हारी वजह से ही है और चूमने लगती है
दोनो हवस में इतने आंधे हो चुके थे की अपने रिश्ते को भूल ही गये था उनको बस एक ही चीज़ याद थी चुदाई और चुदाई इसके अलावा ना गरिमा का दिमाग़ काम करता है ना ही सुरेश का वो तो बस रात का इंतेज़ार करते है अपने बदन की आग को ठंडा करने के लिए चूमा चाटी करते करते कब दोनो नंगे हो गये उन्हे खुद नही पता और फिर वही हवस का नंगा नाच शुरू होता है ।।
आज गरिमा किचन में लेट जाती है और सुरेश उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी बूर पे रख के सटाक से एक जोरदार झटका मार देता है ।।इस झटके से गरिमा की चीख़ निकल जाती है ।
गरिमा - आआह्ह्हह्ह्ह्ह...साले हरामी धीरे से डाल रंडी की औलाद बेटीचोद भड़वे कही भागी नही जा रही हूँ
सुरेश जो अब तक लंड बुर में पेले जा रहा था मस्ती में आकर बोलता है आह ... साली रंडी अपनी औकात मत भूल तु एक रंडी है अपने बाप की रंडी जो हर रात किचन में चुदवाती है आह्ह्ह.. रंडी गरिमा
गरिमा की बूर से रस निकलने लगा था बुर और चिकनी हो गयी रही अब धक्के मरना बहुत आसान हो गया धीरे से मरने पे भी लंड बूर की गहराई में उतर जाता था दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर थे तभी किसी के कदमो की आवाज़ होती है दोनो डर जाते है थोड़ी ही देर बाद कोई आहट ना होता हुआ सुन सुरेश फिर पुरी शिद्दत से चूत में लंड पेलने लगता है फिर से दोनो स्वर्ग की सैर करने लगते है काफी देर तक सुरेश का लुंड गरिमा की बुर कुटाई करता है और माल गिराने के करीब पहुंच चुका था दोनो ही जोर जोर से हांफ रहे थे तभी गरिमा एक आअह्ह्ह.. पापा करते हुए झड़ने लगती है और गरिमा के कामरस के आगे सुरेश भी ठहर नही पाता और उसका लंड भी अपना माल उगलने लगता है और उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर जाती है ।
दोनो ही शांत पड़े हुए हांफ रहे थे थोड़ी देर बाद शांति को तोड़ते हुए गरिमा बोलती है आई लव यू पापा आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो और उसके होठो पे एक चूमा जड़ देती है ।तभी सुरेश बोलता हैं। आई लव यू टू जान और एक और बात उसको बताता है की नया माल उठाने के लिए इस बार वो सूरत जाने वाला है कुछ दिनों के लिए तभी गरिमा उदास मन से क्या आप को अपनी पत्नी की कोई परवाह नही है जो इतनी दूर जा रहे हो मैं कैसे रहूंगी अपने लंड के बिना एक दिन भी राजा और सुरेश को बाहो में जकड़ लेती है सुरेश भी उसको बाहों में कस लेता है और बोलता है कुछ दिनों की ही बात है जान बस वापस आते ही हनीमून पे चलेंगे ठीक है ।इतना सुन गरिमा खुश हो जाती है जो दिखाई तो नही देता, पर सुरेश उसके बदन की झुरझुरी से समझ गया की वो मान गयी है फिर दोनो जल्दी से अपने अपने कमरे में चले जाते है ।और सो जाते है
सुबह हो चुकी थी। आज कॉलेज में क्या होगा ये सोच आरोही बहुत घबरा रही थी तभी उसकी मम्मी आवाज़ लगती है आरोही बेटा नास्ता कर ले ।आरोही जैसे ही निचे आती है और कुर्सी पे बैठती है सामने राहुल बैठा था उससे देखते ही उसे रात की रोहिणी वाली बात याद आ जाती है की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे हो कैसा लगेगा ।ये सोच के वो मुस्कुरा जाती है उसकी सारी परेशानी एक दम से छुमंतर हो जाती है पर दूसरे ही पल वो परेशानी फिर से आरोही के मन को घेर लेती है ।जब तक परेशनियों का हल नही निकल जाता हम कभी खुश नही रह सकते इसीलिए पहले अपनी परेशानी को हल करो और जीवन का आनंद लो ।
सब नास्ता करने बैठ गये थे पर राहुल ,आरोही और निधि बहुत घबरा रहे थे की आज कॉलेज में क्या होगा ।राहुल की तो गांड फट रही थी आज कॉलेज में जाने से ,कल उसने गुस्से में कुछ ज्यादा ही कर दिया पर अब क्या फ़ायदा बिता हुआ कल अब वापस नही आएगा । तीनो के ही चेहरे बता रहा थे की तीनो किसी गहरी सोच में डूबे हुए है तभी गरिमा उन सब को देख के बोलती है क्या हुआ तुम तीनो को ध्यान कहा है तीनो का खा कम रहे हो सोच ज्यादा रहे हो ।
निधि - कु...कुछ नही दीदी बस आज कॉलेज जाने का मन नही है तो वही सोच रही हूँ ।
गरिमा - अरे मन नही है तो मत जा इसमे सोचना क्या है और राहुल तु क्यों नही खा रहा है और तेरी ये लाडली बहना का भी यही हाल है बोलो
आरोही - कुछ नही दीदी भैया आज मुझे शॉपिंग पे ले जाने वाले है पापा से कुछ पैसे चाहिए अब भईया बोल नही पा रहे है वही हम दोनो सोच रहे हैं।
आरोही ने बहुत ही सफाई से झूठ बोल दिया राहुल और निधि को विश्वास नही हो रहा था आरोही इतनी साफ झूठ इतने आराम से बोल गयी ।
सुरेश - पैसे निकाल के राहुल को देता हैं और बोलता है इसमे हिचकिचाहट कैसी बेटा लो ये 5000 हज़ार और अपनी लाडली को अच्छे से शॉपिंग करवा देना ।
आरोही तो सच में सब कुछ भूल के खुश हो गयी की उसके झूठ से 5000 हज़ार रुपये मिल गये ।तभी सुरेश बोलता है ,मुझे कुछ दिनों के लिए मुझे सूरत जाना है
दुकान के लिया माल उठाने तो कोई शरारात मत करना।ये सब सुन बरखा बोलती है ,क्या जी यहा दिल्ली के सप्लायर अच्छा माल नही दे रहे है क्या ??
सुरेश - हाँ बरखा माल भी अच्छा नही मिल रहा है और मैं एक और नई दुकान का भी सोच रहा हूँ ताकि अपना बिज़नेस बढ़े और मेरे बच्चो को कोई तकलीफ ना हो ।
ऐसे ही बाते चलती रही और समय हो गया सब के जाने का ,और सुरेश पहले निकल गया उसके बाद राहुल ,निधि और आरोही आज एक साथ कॉलेज के लिए निकल जाते है ।कॉलेज पहुँच के जैसे ही कॉलेज में जाते है आज सब उन भाई बहन को ही देख रहे थे खास कर राहुल को वो एक हीरो बन के उभरा था जो कल तक एक फट्टू किस्म का लड़का था वो अचानक ही सब के दिल और दिमाग में छा गया था । तभी वो प्रोफ़ेसर जो रामदास का चमचा है राहुल को बोला प्रिंसिपल ऑफिस में आ जाना कुछ देर में और चला जाता है ।ये सुन तीनो ही घबरा जाते है क्या होगा अब तभी उनके पीछे से एक आवाज़ आती है ।
राहुल सुनो ना ये आवाज़ निशा की थी ।तीनो पलट के देखते है निशा उनके पास आकर बोलती है मैं कब से तुम लोगो का इंतेज़ार कर रही थी ।तीनो ही निशा को हाय बोलते है तभी निशा बोलती हैं देखा ना राहुल क्या किया तुमने कल वो प्रिंसिपल अपनी पुरी फ़ौज के साथ ऑफिस में इंतेज़ार कर रहा है पता नही क्या होगा ।ये सुन राहुल के साथ आरोही और निधि की भी गांड फट गयी पर राहुल ने अपने ऊपर डर को हावी नही होने दिया ।और बोला क्या कर लेगा वो प्रिंसिपल और उसके चमचे देख लूंगा सालो को और बोल के ऑफिस की तरफ चल देता है आज उसकी चाल में एक अलग ही स्टाइल थी जो पहले कभी नही थी वो एक शेर की तरह ऑफिस की तरफ चले जा रहा था ।ये सब सुन आरोही और निधि तो डर गयी थी पर निशा थोड़ा मुस्कुरा दी थी क्यों की आज उसने राहुल की मर्दानी देखी थी जो असल में काबिले तारीफ थी
ऑफिस के बहार पुरा कॉलेज इकट्ठा खड़ा था और अंदर बस राहुल ,विक्की ,अजय,निधि,आरोही के साथ प्रिंसिपल ,साथ में विधायक मनमोहन तिवारी भी था और 4 प्रोफ़ेसर जो तिवारी के चमचे ही थे ।राहुल ,और उसकी बहने खड़ी थी जब की बाकी सब बैठे थे ।तभी कमरे की शांति को एक आवाज़ ने भंग किया । क्यों रे छोकरे तेरे खून में बहुत गर्मी है ?? ये आवाज़ विधायक जी की थी जो राहुल की तरफ देखते हुआ बोला ,इधर अजय और विक्की तो आरोही और निधि की जवानी देखने में लगे थे आज दोनो ही मस्त पटखा बन के आयी थी टाइट जीन्स में टॉप कमाल लग रहा था।
राहुल कुछ बोला नही बस चुप खड़ा था की तभी प्रिंसिपल बोला ये भोसड़ीवाले की गांड में ज्यादा ही दर्द हो रहा था अपनी रंडी बहनो के लिए ये सुन राहुल का खून खौलने लगा ।आरोही और निधि भी रंडी शब्द सुन के शर्म से लाल हो गयी थी ।
तिवारी - क्यों बे बहनचोद कुछ बोलता क्यों नही है।तेरी बहन की झांट में लोड़ा दूँ ।
इधर राहुल का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था वो कुछ बोलता तभी निधि बोली हमें माफ़ कर दीजिये गलती हो गयी हमसे तभी आरोही बोल उठी, गलती क्या हुआ दीदी इस कमीने विक्की ने जो किया उसकी सजा मिली है और उसका बाप अपने कमीने बेटे की तरफदारी कर रहा है कितना घटिया इंसान है । वो ये सब एक सांस में बोल गयी ।ये सब सुन तिवारी भी अचंभित था की ये झांट भर की लौंडिया उसे समझा रही हैं।
अजय और विक्की कुछ बोलते उससे पहले ही रामदास बोला ,साली बहन की लोड़ी क्या गलत किया उन्होंने थोड़ा मज़ाक ही तो किया था इसमे थपड़ मरने की ज़रूरत क्या थी और रही तेरी बात तो तु बीच में नही आती तो तुझे कोई छूता भी नही समझी। तभी राहुल बोला मादरचोद रामदास तेरी बहन की चूत फाड़ दूँ भड़वे तिवारी के टट्टे
ये सुन सब ही अचंभित थे की ये क्या हुआ एक बच्चा ऐसा बोल गया।
विक्की - बहनचोद तेरी इतनी हिम्मत हमारे सामने खड़ा होकर हमको गाली देता हैं।
अजय - तेरी बहन की बुर यही चोद देंगे मादरचोद हिजड़े रुक तु तेरा इलाज़ करते है वो मरने जा ही रहे थे की तिवारी उन्हे रोक देता है ।
तिवारी - बहुत गर्मी है तुझ में और तेरी ये बहन आरोही की तरफ देख के बोला इसकी जवानी भी उबाल मार रही है ।इस साली को तो कोठे पे बैठा दूँगा और तु उसका दलाल होगा मादरचोद तिवारी को टक्कर देगा ।
इतने में ऑफिस के दरवाजे पे ठक ठक हुई ।और एक आवाज़ आयी दरवाजा खोलो जल्दी इस आवाज़ में एक कड़कपन था जो तिवारी को हिलाने के लिए काफी था तिवारी रामदास को देखते हुए कौन आया है बे ??
रामदास अपने प्रोफ़ेसर टट्टे को बोल के दरवाजा खुलवाता है और एक आदमी जिसके साथ 4 लोग और थे अंदर आते है ।ऑफिस के बहार खचा खच भीड़ थी ।
उसी भीड़ में निशा भी खड़ी होकर सुन रही थी ।तभी एक आवाज़ फिर आती है और तिवारी जी इलेक्शन जीते नही की गुंडा गर्दी चालू कर दिये तिवारी देख के हताश था की चंद्रभान सिंह का बेटा खुद आया है वो भी किसके लिए तभी विक्की बोलता है तु कौन है बे जो हीरो के माफिक अंदर आया और हँसने लगता है तिवारी विक्की को हँसता हुआ देख गुस्सा में आ जाता है ।
तिवारी जी अपने लौंडे को कुछ सिखाओ यार बिल्कुल ही चुतिया किस्म का है ।
तिवारी - उसकी तरफ से मैं माफ़ी मानता हूँ ये शब्द सुन सब अचंभित होकर देखने लगते है तिवारी जैसा कमीना भी किसी से माफ़ी मांग सकता है ।
विक्की - पापा ये कौन है जिस से आप माफ़ी मांग रहे हो
तभी रामदास बोलता है चुप हो जाओ बेटा बड़ो के बीच नही बोलते है समझा करो ।
सही बोले रामदास वैसे तुम्हारे नाम में राम है पर तुम्हारे अंदर रावण छुपा हुआ है
तिवारी - बात क्या है बताओगे
इन तीनो को जाने दो बस यही बात है ।इधर राहुल ,आरोही और निधि ये हमारे लिए आया है पर ये है कौन हम तो जानते ही नही है ।
तिवारी - तुम्हारा इनसे क्या रिश्ता है जो यहा आये हो
रिश्ता मत पूछिए तिवारी जी बस समझ लीजिये की इनको अब कोई परेशनी नही होनी चाहिए वरना आप परेशनी में आ जाओगे ।
विक्की - क्या बोला बहनचोद तु मेरे पापा को धमकी देता है हम भी देखते है तु यहा से उनको कैसे ले जाता है
तभी एक जोरदार पंच उसके मुँह पे पड़ता है ।वो गिर जाता है और उसके बाद दे लात दे घुसे लगातार उसके बदन पे जख़्म बना रहे थे ।इतनी पिटाई से विक्की की हालत खराब हो जाती है तिवारी खड़ा खड़ा देख रहा था
तभी एक जोर की आवाज़ आती है मैं उन्हे ले जाऊंगा ये समझ लो वरना मैं अपना महंगा जूता घिस के यहा नही आता । इस आवाज़ से कमरे में ही नही बहार खड़े लड़के लड़किया और प्रोफेसर काँप गये थे ।
तिवारी अपने बेटे को पकड़ते हुए ये करना ठीक नही था विशाल तुमने ठीक नही किया इनके लिए मेरे बेटे को मार कर ।
विशाल - तेरे बेटे को जवानी की आग ज्यादा थी इसलिये बुझा दी।
रामदास बात को संभालते हुए विशाल जी ठीक है आप ले जाओ कौन रुकेगा आपको कोई भी नही ।
विशाल ,चंद्रभान सिंह का छोटा बेटा है इसका बस एक ही काम है अपने पापा के दिये हुए हर काम को पुरा करना चाहे जो भी हो जाये । और जहा तक की चंद्रभान सिंह कौन है वो शहर का एक नामचिन गुंडा है जो इस काम के अलावा बहुत कुछ करता है ।
विशाल वहा से निकल जाता है राहुल ,निधि और आरोही धीरे से निकल जाते है ।
Mast update h bhai
 
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Rajizexy

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इधर रात के अंधकार में किचन में दो जिस्म एक जान हुए एक बाप बेटी एक दूसरे को लूट रहे थे ।

" आह्ह...पापा धीरे दबाओ ना ।
" हम्म...क्या मस्त चूचियों हैं सुरेश निप्पल को मुँह भर के चूसता हुआ बोला ।
" पापा जल्दी से कर लो कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी।

सुरेश ने भी समय की कमी को समझा और गरिमा को नग्न किया खुद अपना कच्छा उतर के फेंक दिया । गरिमा बैठ के लिंग को मुँह में भर ली और चूसने लगी । सुरेश एक अलग ही दुनिया में पहुंच गया था इधर गरिमा लिंग के ऊपरी भाग को अपनी जीभ से कुरेदने में लगी थी ।सुरेश को अब इतना मज़ा आने लगा था की उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी ।

" आह्ह्ह...गरिमा.....मेरी प्यारी बेटी अह्ह्ह...चुस्स्स..


वो कभी कभी कमर चला देता जिससे लिंग गरिमा के मुँह में अंदर बहार होने लगता । गरिमा के थूक से लंड पुरी तरह भीग चुका था ।
" गरिमा ने धीरे से बोला अब मेरा बूर चाट के मुझे भी प्यार दो ।

सुरेश ने उसके होठों को चूमा और गरिमा की एक टांग को सालप पे रख के निचे बैठ गया और अंधरे में बूर का अंदाजा लगा के बूर पे जीभ लगा दी । और चाटने लगा । सुरेश बूर को मज़े से चाट चाट के भीगा रहा था ।बहार खड़ी आयेशा इस खेल की आवाज़ से गरम हो चुकी थी उसकी बूर अब रिसने लगी थी । पैंटी पुरी तरह चिपचपे द्रवये से भीगने लगी थी ।

सुरेश ने बूर को फैला के उसमे जीभ डाल दी और गरिमा की सिसकियाँ निकल गयी ।
" आह्ह्ह...पापा... ओह्ह्ह...खा जाओगे क्या आह्ह्ह...बेटीचोद

सुरेश बूर को लगातार चाटने में लगा था सुरेश का मुँह अब गरिमा के चिपचपे द्रवये से भीग चुका था और आयेशा भी अपनी कच्छी को साइड करके बूर में ऊँगली करने लगी ।वो बूर में ऊँगली करते समय रोहन को याद करने की प्रयत्न करने लगी पर रोहन उसके ख्यालो से बहुत दूर था ।उसे तो बार बार सुरेश का चेहरा अपनी आँखों के सामने दिखाई दे रहा था । सुरेश ने लिंग को बूर पे रख के सरका दिया और लिंग योनि को खोलता हुआ अंदर समा गया ।अब गरिमा को दर्द नही हुआ पर लंड की गर्माहट से वो सिसक उठी । सुरेश कमर को चलाने लगा और गरिमा भी मज़े से गांड उचका के साथ देने लगी । बूर में चिकनापन बढ़ने लगा और दोनों को अब आनंद की प्राप्ति होने लगी दोनों ही एक दूसरे को लूटने में व्यस्त हो चुके थे लिंग योनि की गहराई को नाप के आता और फिर गहराई में समा जाता ।

दोनों की साँसे उखड़ने लगी थी इधर आयेशा भी ना चाहते हुए तेज़ी से अपनी बूर में ऊँगली करने लगी। वो झड़ने के काफी करीब पहुंच गयी और ना चाहते हुए भी अचानक ही उसके मुँह से फूफ़ा जी आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदिये मुझे निकल गया और वो ढीली पड़ के ज़मीन पे ही पसर गयी । और अपनी साँसे काबू करने की कोशिश करते हुए वो ये सोच के मुस्कुरा दी की फूफ़ा जी का नाम कैसे निकल गया । कुछ देर आयेशा रुकी रही और कुछ देर बाद ही जल्दी से वहा से निकल गयी । इधर सुरेश गरिमा की बजाये जा रहा था की किचन की लाइट जल गयी पर वो आँखे बंद किये हुए अपनी ही धुन में रसलीला किये जा रहे थे की सुरेश ने आँख खोली और वो रुक गया ।उसकी गांड में जैसे 100 किले ठोक दी हो।

" सुरेश को जैसे साँप सूंघ गया हो वो एक दम सन्न था ।तभी गरिमा बोली पापा रुक क्यों गये चोदो ना कितना मज़ा आ रहा था वो अपनी बूर को छु के बोली । उसको एहसास हुआ की लंड मुरझा रहा था पर सुरेश की तरफ से कुछ होता हुआ ना देख वो आँखें खोल के देखी उसकी आवाज़ उसके हलक में ही रह गयी ।क्योंकी सामने राहुल खड़ा था जिसको देख दोनों की सीटी पीटी घूम हो गयी । दोनों ही बिल्कुल ही कुछ बोलने की परिस्थिति में नही थे
किचन में बस साँसों की ही आवाज़ सुनाई दे रही थी की सुरेश का लोड़ा मुरझा के बहार निकल आया डर के मारे गरिमा और सुरेश दोनों का ही जिस्म पसीने से तर बदर हो चुका था ।सुरेश जल्दी से भाग गया । पर गरिमा अपनी गांड सुटकाये वही खड़ी थी इसकी हालत धोबी का कुत्ता ना घर का ना घाट का हो चुकी थी ।

" क्यों दीदी तुम्हारा यार तो भाग गया ओह्ह सॉरी मतलब तुम्हारा बाप भाग गया । ओह्ह सॉरी क्या बोलूं तुम ही बता दो ।
" गरिमा क्या बोलती उसकी तो गांड ही फट चुकी थी । तभी राहुल बोला मुझे पता हैं दीदी तुम कब से पापा से किचन में चुदवा रही हो और अपने ही बाप की दुल्हन भी बन चुकी हो ।

" इस बात को सुन गरिमा की सांस अटक गयी वो जोर जोर से साँसे लेटे हुए कंपकांपती ही जुबान में बोली क्या बकवास कर रहा हैं ।

" चुप साली रंडी मुझे पता हैं तूने अपने ही बाप से शादी की हैं मुझे तुम्हारी अलमारी से मंगल सूत्र और सिन्दूर मिला हैं कब से और क्यों ये सब किया बताओ वरना अभी सब को उठा के तुम्हारी करतूत बता दूँगा ।

गरिमा का गला सुख गया वो डर से कांपने लगी और नंगी ही राहुल के कदमों में जा गिरी और रोने लगी भाई मुझे माफ़ कर दे मैं हवस में बहक गयी थी । और अपने और सुरेश की कथा बताने लगी की कैसे और किन हालातों में वो सुरेश से चुदवाने लगी ।

ये सब सुन के राहुल का लिंग भी हरकत करने लगा कुछ देर पहले ही निधि की योनि में वीर्य गिराया था पर अपनी बड़ी दीदी की कहानी और उसको नंगा देखा राहुल का लोड़ा सर उठाने लगा। उसने गरिमा को पकड़ के उसकी आँखें में देखा और उसके आंसू को पूछते हुआ बोला जो होना था हो गया अब मज़ा लो दीदी पर साथ में मुझे भी चाहिए ।

ये सुन गरिमा हैरान थी की उसका भाई भी उसकी लेना चाहता हैं ।वो आँखें बड़ी किये हुए राहुल को देख रही थी ।की राहुल ने उसकी गांड पे आहिस्ता से हाथ रखते हुए अपनी तरफ खिंचा जिससे गरिमा राहुल से सट गयी

दोनों एक दूसरे को देख रहे थे की राहुल ने आव देखा ना ताव गरिमा के होठों पे होंठ मिला दिया और चूसने लगा ।इधर गरिमा को अचानक ही इसका एहसास हुआ पर वो कोई प्रतिक्रिया नही दे रही थी ।कुछ देर राहुल होठों को चूसा पर गरिमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना देख उसने उसको सांवलिया नज़र से देखा और बोला

" दीदी मैं कोई जबदस्ती नही करूंगा आपका मन नही हैं तो कोई बात नही पर जब भी आपका मन हुआ तो बोलना मुझे भी आपकी चूत का स्वाद लेना हैं । गरिमा से दूर होकर बोला ।
किचन में शांति थी दोनों ही कुछ नही बोले और राहुल निकल गया ।इधर गरिमा भी कपड़े पहन के जल्दी से भाग गयी ।।

**********

सुबह हुई और बरखा किचन में गयी तभी उसको सुरेश का कच्छा मिला जो किचन में अभी तक पड़ा हुआ था वो हैरान थी। की सुरेश का कच्छा यहाँ क्या कर रहा हैं । तभी रोहन उठा और बहार आया । बरखा साफ सफाई कर रही थी की रोहन की नज़र बरखा पे गयी । जिसकी गांड को देख रोहन का लोड़ा टनटना गया । और उसके मुँह से अन्यासा ही निकल गया बहनचोद क्या गांड हैं उसने पहली बार बरखा की गांड को इतने ध्यान से देखा था ।बरखा की गांड से रोहन का लिंग अब अकड़ने लगा था की बरखा की नज़र रोहन पे गयी और वो बोली ।
" अरे बेटा तु कब उठा
" रोहन निचे आया और बोला बस बुआ जी अभी उठा हूँ ।

सुरेश उठा और जल्दी से नाश्ता किया और निकल गया इधर गरिमा भी आज जल्दी ही निकल गयी । बरखा आज दुकान नही जाना चाहती थी वो आराम करने अपने कमरे में चली गयी ।इधर राहुल और आरोही कॉलेज के लिए निकल गये । आयेशा ने उठकर नाश्ता किया और टीवी देखने लगी ।निधि रात की चुदाई से मस्त होकर अभी भी सो रही थी । और रोहन अकेले ही टहलने निकल गया ।

******
गुड मॉर्निंग इस आवाज़ से रोहन पलट के देखा उसके सामने दो लड़के खड़े थे ।
" रोहन ने देखा और बोला क्या आप मुझसे बोले ।
" जी हाँ मैं आपको ही बोल रहा हूँ मिस्टर ??
" रोहन मेरा नाम रोहन हैं ।

" कहा रहते हो रोहन काफी फिट हो यार विक्की ने रोहन को फंसाने के लिए झूठ बोला ।
" शुक्रिया मैं यही पास में रहता हूँ पर शायद मैंने आप लोगो को देखा हैं ।
" जी आपने हमको जिम में देखा होगा फिटनेस जिम में हम लोग भी आते हैं।
" अच्छा अच्छा हैं मैंने भी कल से ही शुरू किया हैं ।

ऐसे ही बात होती रही। विक्की और अजय ने रोहन से दोस्ती कर ली ।
Nice update
 
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Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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25,215
204
अपडेट 5
(आकर्षण)
शाम के ५ बजे बरखा अपने भैया भाभी से मिलकर बहुत खुशी थी ।इधर निधि ,आयशा और आरोही तीनों ही मस्ती में सब को भूल गयी थी ।
नदी के किनारे बैठा राहुल के मन में एक ही बात घूम रही थी की उसने कैसे आरोही के लिए ऐसे शब्दों का इतेमाल किया क्या सच में वो आरोही के लिए ऐसा सोच सकता है
राहुल ने अपने जीवन में किसी से सबसे अधिक मोहब्बत की है तो वो आरोही से ही है । तभी रोहन बोलता है किस ख्यालों में डूबा हुआ है ।
राहुल - यार उस अंजलि ने बहुत गंदी बात बोली ।
रोहन - मुस्कुरा के मुझे पाता है दोस्त उसने क्या बोला और उसने कुछ गलत नही बोला ।
राहुल- रोहन को एक टक देखते ही बोला क्या बोल रहा है तु ,भला बहन के साथ ऐसा करना तो दूर सोचना भी पाप है
रोहन - यार ऐसा है तो मैं तो सबसे बड़ा पापी हूँ । और तूने भी तो बोला आरोही के लिए और फिर से मुस्कुरा पड़ता है राहुल - मतलब तुझे पता था वो ऐसी है
रोहन - हाँ भाई पर उसने सच ही बोला ,जब पहली बार मैंने आयशा के बदन को देखा तो एहसास हुआ की वो क्या माल है और तुझे एक खास बात बताऊँ उसके चुचों पे एक तिल भी है जो मुझे आकर्षित करता है ।
राहुल - तु सच में पागल हो गया है उसी रंडी अंजलि के कारण साली ने तुझसे पाप करवा दिया।
रोहन - देख भाई मैं पापी हूँ पर तु भी तो है तूने भी आरोही के लिए कुछ तो बोला ही होगा ।राहुल झेंप जाता है ।
रोहन - देख भाई मैं बस आयशा को देखता हूँ और उसके बदन की कसवाट देख के हिला लेता हूँ । तेरे लिए ये सब अभी नया है इस लिए तुझे गन्दा लग रहा है पर एक बार सोच के देख आरोही के बारे में और मुस्कुरा देता था ।
राहुल कुछ बोल पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनको सुनाई देती है
बहनचोद अब नहीं बचेगा तु आज तो गया तु ।
ये गुड्डू था ।एक नंबर का कमीना और ठरकी उसने गाँव की कई लड़कियों की बूर फाड़ी थी अब तो वो गंडागर्दी भी करने लगा था । एक बार इसने आयशा की चूची मसल दी थी खेत में अकेले पा कर तभी से रोहन इसका दुश्मन बन गया था ।
रोहन - मादरचोद तु क्या मरेगा तेरी गांड तो आज मैं फाड़ूंगा ।
गुड्डू - बहनचोद तुझे मार के तेरी बहन को अपनी रखैल बनाऊगा बाज़ार की सबसे बड़ी रंडी होगी तेरी बहन आयशा ।
राहुल - ये चुतिया कौन है रोहन जो तुझे धमकी दे रहा है और आयशा के लिए ऐसा बोल रहा है।
गुड्डू - मादरचोद तु मुझे चुतिया बोल रहा है तु है कौन बे
इतना बोला ही था की रोहन ने दो घुसे दे मारे और गुड्डू संभाल नही पाता और गिर जाता है । अभी रोहन फिर मरने को आगे बढ़ता है की थोड़ी ही दूरी से रवि की आवाज़ सुनाई देती है ।साथ में अंकित भी था ।
रोहन और राहुल उनको देखते है की इधर गुड्डू चुपके से निकल जाता है ।
रवि - साले तु यहाँ है वहा तेरे घर पे कोई आया हुआ है और साथ में एक माल भी आया है यार क्या बदन है साली का उफ्फ्फ्फ़..देख के ही लोड़ा मचल गया ।
रोहन - बहनचोद पहले इस गुड्डू को देख लूं फिर तुझे बताता हूँ जैसे ही उसकी नज़र दूसरी तरफ जाती है वो कोई नही था ।
रवि - क्या बताएगा यार उस साली की दिलवा देगा क्या और हँसने लगता है ।
राहुल - ऐसा कौन आया है।
अंकित - चल कर खुद ही देख लो दोनो ।
राहुल का मन अब शांत नही था रवि की बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थी । तभी रोहन उसको बोलता है क्या हुआ भाई ।
राहुल - यार रवि को ऐसा नही बोलना चाहिए था निधि दीदी के लिए ।
रोहन - अरे यार वो ऐसा ही है और उसने कुछ गलत कहा क्या ,निधि को देखते हुआ बोला
राहुल ने रोहन की नज़रों के पीछा किया तो पाया की वो निधि की गांड को घूर रहा था जो टाइट जीन्स में खड़ी आयशा से बातें कर रही थी ।
अगले सुबह आयशा नहा के अपनी ब्रा और कच्छी पासार रही थी राहुल ने उसे देखा सच में उसकी जवानी की उठान उसके छाती पे दिखाई दे रही थी तभी निधि वहा। आती है और राहुल को बोलती है ।
निधि - भाई चल ना कही घूम के आते है
राहुल - ठीक है दीदी आप तैयार हो जाओ फिर चलते है ।
राहुल और निधि दोनो सुबह सुबह गाँव की ताज़ी हवा और प्रकृतिक सुंदरिये और फसलों को देख के दोनो का मन मोहित हो चला था तभी एक दम से पीछे से किसी की आवाज़ राहुल को सुनाई देती है कैसे हो राहुल बाबू तभी वो पलट के देखता है वहा अंजलि एक मुस्कान के साथ खड़ी थी ।राहुल की तो जैसे साँसे ही रुक गयी हो कुछ बोल नही पा रहा था तभी निधि बोली भाई ये कौन है ।
अंजलि - अच्छा आप ही आरोही हो क्या राहुल बाबू की बहन
निधि - अरे नही नही मैं आरोही नही निधि हूँ में भी बहन ही हूँ ।
अंजलि - सागी बहन हो क्या या ऐसे ही नाते की हो ।
निधि - सागी हूँ जी वैसे आप ये क्यों पूछ रही हो ।
अंजलि - अरे क्या बताये राहुल बाबू को मेहनत करना बहुत पसंद है कल ही वो आरोही जी के लिए मेहनत किये ना और मुस्कुरा पड़ती है
राहुल की तो फट के हाथ में आ गयी अंजलि के मुँह से आरोही सुन के तभी निधि बोलती है कैसी मेहनत कुछ समझ नही आया । अंजलि कुछ और बोलती उससे पहले राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो आरोही के लिए आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था पेड़ से वही ये भी थी उसी मेहनत की बात कह रही है । अंजलि तो कमीनी थी
अंजलि - हाँ निधि जी कल आरोही के आम तो राहुल बाबू तोड़ ही देते पर अफ़सोस थक गये इसलिए आम से खेलना मेरा मतलब आम तोड़ना छोड़ दिये ।
निधि शायद कुछ कुछ मतलब समझ रही क्यों की वो भी जवानी के उस दहलीज़ पे थी जहा बूर की खुजली रात भर जगाती है ।
निधि - अच्छा कोई नहीं हम लोग आज आम तोड़ लेंगे।
अंजलि - देखा राहुल बाबू आपकी बहन आज आपको आम का रस पिला के ही मानेगी चूस चूस के खाना आम वो निधि के उभर को देखते हुए बोली ।
इधर रोहन आयशा के चुचों के तिल को देखने की कोशिश कर रहा था पर देख नही पता तो मायूस होकर दोस्तों से मिलने निकल जाता है ।
निधि और राहुल के थक चुके थे तभी निधि, अंजलि वाली बात बोलती है वो किस आम की बात कर रही थी ।इतने में राहुल की धड़कन तेज़ हो जाति है अब वो क्या कहता की वो आम की नहीं तुम्हारे और आरोही के उरोजो की बात कर रही थी । किन ख्यालों में है मेरा भैया तभी राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो पागल औरत है कुछ भी बोलती है अश्लील बातें करना उसका काम है आप उसपे ध्यान मत दो ।
निधि भी मुस्कुरा जाती है और वो घर के लिए निकल जाते है ।
शाम के ४ बजे आयशा झाड़ू लगा रही थी और राहुल उसको देख रहा था तभी उसके मन में एक बात आती है की आयशा के चुचों पे एक तिल है ।राहुल को पता नही क्या होता है एक दम से वो उसके तिल को देखने लिए अपनी आखें घूमने लगता है ।बहुत कोशिश के बाद भी उसे कुछ नही दिखाई दिया ।जब राहुल उसके चूचियों को देखने की कोशिश कर रहा था तब आयशा समझ जाती है की उसके राहुल भैया की नज़र कहा है । तभी दोनो की नज़र मिलती है और आयशा मुस्कुरा देती है वही राहुल शर्म से नज़रे नीची कर देता है ।आयशा ने अपना कौमार्य अभी किसी को नही दिया था पर वो अच्छे से जाती थी की उसकी जवानी की वजह से ही उसे घर से दूर नही जाने दिया जाता और गुड्डू से चूची मसलवाने के बाद तो वो कही भी अकेले नही जा पाती थी। आखिर बुर तो उसके पास भी थी जो उसके परेशान करती थी इसीलिए वो भी कभी कभी रोहन को अपने उरोज दिखा के मज़ा करती थी ।
आयशा ने अपनी चुन्नी उतर के एक पेड़ पे रख दि और झाड़ू लगाने लगी ।तभी राहुल की नज़र उसके उभरो पे जाति है चोली में कसें हुए उरोजो पे जाती है उसके चुचों पे पसीने की कुछ बूँद साफ नज़र आ रही थी की वो लुढ़क के उस खाई में गिर रही थी जहाँ शायद वो तिल हो पर उसको वो तिल नही दिख पा रहा था तभी आयशा जान बुझ के झाड़ूं लगने के बहाने से राहुल के करीब जाति है और चोली को ठीक करने के बहाने से उसको वो तिल दिखाती है जिसको उसने छुपा के रखा था जो रोहन कई बार देखता पकड़ा भी गया था और आयशा से माफ़ी भी मांग मांगता था । राहुल की नज़र तो उस तिल भी अटक के रह गयी थी तभी आयशा कहती है अच्छे है ना भैया ।वो एक दम से झेंप जाता है और आयशा मुस्कुरा पड़ती है थोड़ी देर की चुप्पी के बाद फिर वही सिलसिला चल पड़ता है राहुल फिर उसकी चूचियों को घूरे जा रहा की तभी दोनो की नज़र मिलती है पर इस बार दोनो ही मुस्कुरा देते है तभी आयशा भैया ऐसे आरोही को देखो उसके पास भी है और हसंते हुए घर में भाग जाती है । ये सब कोई दूर खड़े देख रहा था जिसके दोनों ही अनजान थे
इधर राहुल भी घर के अंदर आ जाता है और आते ही उसकी नज़र एक मस्त गांड पे पड़ती है जो झुक के कुछ कर रही थी ये गांड किसी और नही आरोही की थी जिससे देख राहुल के मन में आयशा की बात आती है की आरोही को देखो । राहुल ,आरोही को सच्चे दिल से प्यार करता था पर उसकी गांड का उभर उसके प्यार पे भारी पड़ रहा था हवस प्यार को ख़तम कर रही थी देखते ही देखते राहुल का लंड अकड़ गया और पैंट के ऊपर से उसका उभर दिखने लगा था । सच में आरोही की गांड इतनी कम उम्र में भी काफी बड़ी और मनमोहक लग रही थी टाइट जीन्स पहने वो झुकी हुई थी राहुल की नज़र उसकी गांड के उस हिस्से पे जाती है जहाँ जीन्स गांड की गहराई में घुसे जा रही थी राहुल की तो धड़कने तेज़ हो गयी लंड भी झटके मार गया ऐसा दृश्य देख के पता नही उसे क्या हुआ उसने फोन निकल के आरोही की गांड की ३-४ फोटो ले ली ।तभी राहुल की नज़र किसी को देख के चौंक जाती है ।जी हाँ वो आयशा थी जो राहुल को देख रही थी और दोनो की नज़रे जब मिली तो दोनो ही हंस पड़े थे ।
पर यहाँ भी दोनों कोई देख रहा था ।
आरोही - भैया आप कब आये
राहुल ये बोल के निकल जाता है की वो रोहन से मिलकर आता था ।वो तेज़ी से वहा से निकल जाता है और इधर आरोही ये भैया को क्या हो गया । आयशा जब आरोही की ये बात सुनती है तो मन में बोलती है लंड ले लो भैया का वो कहो नही जाएंगे ।
इधर राहुल का लंड बागवात कर रहा था आरोही की गांड और आयशा के चुचों के का तिल उसके लंड में हलचल मचा चुका था । तभी कोई पीछे से जोर से उसके सर पे मरता था जिससे राहुल की चीख़ निकल जाती है और वो बेहोश हो जाता है ।
उसकी आँख जब खुलती है तो उसके सामने बरखा अपने आँखों में आँसू लिए राहुल राहुल करके रोये जा रही थी ।राहुल के होश में आते है सब की जान में जान आती है ।
आरोही आकर सीधा राहुल से लिपट जाती है और बोलती है आप ठीक तो हो ना भैया ।
इस तरह सभी राहुल का हाल जान के चैन की साँस लेते है । राहुल, अंजलि को बेहोश मिला था उसने ही राहुल के बारे में घर पे जाकर बताया था ।
Nice update
 
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Golu_nd

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update...... 🙏
 
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