अपडेट 9
कहानी में मोड़
शाम 4 बजे का समय था गरिमा अपने कमरे में थी और बरखा अपने बच्चो के आने के इंतज़ार कर रही थी तभी दरवाजे पे एक दस्तक होती है बरखा दरवाजा खोलती है और देखती है आज तीनो एक साथ घर आये थे ऐसा पहली बार था जब निधि ,राहुल और आरोही के साथ आयी हो वरना वो दोनो तो हमेशा साथ ही जाते है साथ आते है ।तभी बरखा की नज़र राहुल पे जाती है वो बस बनियान में था बरखा ये देख पूछ बैठती है
राहुल तेरी शर्ट निधि क्यों पहनी है और तु ऐसे ही घूम रहा है ,राहुल कुछ बोलता उससे पहले ही निधि बोलती है ।मम्मी भाई एक शर्त लगया था तो शर्त के मुताबिक भाई की शर्ट में पहनूंगी और भाई बनियान में ही घर चलेगा ।
बरखा सर खुजाते हुए ये कैसी शर्त थी और भाई बहन में भी कोई शर्त लगती है क्या, चलो अंदर और सब अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे।पर निधि का तो मन शांत ही नही हो रहा था की कल कॉलेज में क्या होगा ।तीनो ने ही मिलकर फैलसा किया था की वो घर पे कुछ नही बताएंगे पर ये बात अब कोई छोटी नही थी।आखिर राहुल ने जिसको मारा वो एक विधायक का बेटा और एक खुद प्रिंसिपल और उसका बेटा था निधि तो डर से काँप रही थी तभी गरिमा उसे हिलाते हुए पूछती है क्या सोच रही है कब से आवाज़ लगा रही हूं पता नही ध्यान कहा है मैडम जी का ,तभी निधि हरबड़ते हुए कु..कुछ नही दीदी बस ऐसे ही कॉलेज की कुछ बाते सोच रही थी की अब एग्जाम आने वाले है कैसे क्लियर होगा ।
गरिमा अच्छा जी अब मैडम झूठ बोलना भी सिख गयी है तेरी बड़ी बहन हूँ तेरे से ज्यादा समझ है मुझे चल बता बात क्या है ।।
निधि - कुछ भी तो बात नही है दीदी आप भी बहुत शक करती हो मुझपे
गरिमा - इसे शक नही कहते है ये तो प्यार है मेरा, मेरी छोटी बेहन परेशान रहे तो मैं कैसे खुश रह सकती हूँ।दोनो बातें करनी लगती है ।इधर आरोही आज राहुल के ही कमरे सो रही थी ।राहुल भी थोड़ा परेशान था की आज वो गुस्से में कुछ ज्यादा आगे बढ़ गया। तभी उसकी नज़र आरोही की गांड पे गयी जो उसकी तरफ ही गांड उठा के सो रही थी ।आरोही की गांड देखते ही राहुल की सारी परेशानी दूर हो जाती है वो आरोही द्वारा बोली हुई बात याद करने लगता है की किस तरह अजय ने उसके दोनो दूधो को मसल दिया और विक्की ने उसकी गांड के उभार को अच्छे से रगड़ दिया था ये सोच के राहुल का लंड सर उठाने लगा उसने आरोही की गांड को उठकर बैठ के देखने लगा।और उसके मुँह से अनायासा ही निकल गया उफ्फ्फ... क्या गांड हैं क्या कटाओ है एक लम्बी आह्ह भरे हुए बोला । उसके मन में एक बात आ गयी इसीलिए तो विक्की ने इस गांड से खेला साला बहुत लकी है मादरचोद मेरी आरोही की चिकन गांड को पकड़ लिया और एक मैं हूँ मेरे सामने गांड उठा के सो रही है और मैं पकड़ना तो दूर उसको सूंघ भी नही पता ।वो अपनी किस्मत पे या इसका भाई होने पे थोड़ा उदास था आखिर आरोही की गांड सच में बावल थी जो हर मर्द के लिए एक कमज़ोरी बन जाती थी । इधर विक्की अंकल आप नही आते तो मैं उस राहुल की माँ चोद देता ,तभी अजय भी बोला हाँ पापा आप बीच में क्यों आये वो बहनचोद अपने आप को समझता क्या है उसकी बहने तो हम चोद के ही रहेंगे।
प्रिंसिपल रामदास - अरे बच्चो मैं बीच में नही आता पर वो निशा रंडी आ गयी ना इस लिए दिखावा करना पड़ा पर मुझे क्या पता था की वो मादरचोद इतना तेज़ निकलेगा की हम तीनो को ही मारने लग जायेगा ।
विक्की - सही कहा अंकल उस मादरचोद की सबसे बड़ी ताकत तो वो रंडी निशा है साली वो ना हो तो उस लोड़े को तो मैं ऐसा मज़ा चखूंगा की उसको अफ़सोस होगा की वो चूत से बहार आया ही क्यों।
प्रिंसिपल रामदास - हाँ बेटा वो निशा ना हो तो उस हरामज़ादे को जिंदा नही जाने देता साली हर बार बीच में आ जाती है ।
अजय - निशा वो साली अपना क्या बिगाड़ लेगी और विक्की के पापा विधायक है पर जो भी हो पापा मुझे उस आरोही की लेनी है साली क्या माल है उफ़.. उसके वो मुलायम चुचे बता नही सकता कितना मज़ा आ रहा था दबाने में आह्ह रंडी आरोही
विक्की - हाँ अंकल कुछ भी बोलो साली माल बहुत मस्त है गांड भी बहुत मुलायम थी साली की यदि वो आपका लोड़ू प्रोफ़ेसर ना आया होता तो साली को वही नंगा करके पटकर चोदता।
प्रिंसिपल रामदास- मैं जानता हूँ वो आरोही माल है मैंने खुद कई बार उसकी गांड देखी है इतनी कम उम्र में उसकी गांड सच में बावल है और वो प्रोफ़ेसर अपना ही बंदा है मैंने उसको बोला हुआ है जब भी बात बढ़े तो संभाल लेना तभी वो तुम लोगो को लेने आया था और उस आरोही की तो बूर तीनो मिलकर फाड़ेंगे ।उसकी वजह से ही उस मादरचोद ने हंगामा किया और हम सब को मारा, कल बताता हूँ रंडी के पिल्ले को की रामदास क्या चीज़ है
अजय - पापा सुना हैं उस राहुल मादरचोद की तीन बहनें है और तीनो ही मस्त माल है ।
विक्की - अच्छा सही तो है तीनो अपनी रंडी बनेगी और मन भर जायेगा तो बाद में तीनो को धंदे पे लगा देंगे और हँसने लगते है ।
प्रिंसिपल रामदास - सही कहा बेटा पर उन रंडियों को बाज़ार में लाने के लिए उस निशा का कुछ करना होगा और तुम्हारे पापा को भी बोलना होगा तभी वो तीनो रंडियों को घर से उठने का काम करेंगे ।
विक्की - सही बोला अंकल पहले इस निशा रांड का कुछ करना पड़ेगा साली ना चूत देती है ना ही साथ देती है साली बस हमारा खेल बिगाड़ देती है । इधर निशा अपने कमरे में सोच रही थी की राहुल में इतनी ताकत है तो उसने कभी विक्की और अजय को सबक क्यों नही सिखाया निशा अभी भी राहुल के उन दमदार पंच को याद कर रही थी ,उफ़.. कितना प्यार करता है अपनी बहनो से तो मुझे कितना करता होगा हाय पर एक नंबर का बुद्दू है पता नही मुझे परपोज़ कब करेगा और मुस्कुरा जाती है ।
सब बैठ के चाय पी रहे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे पर राहुल अपनी ही दुनिया में मगन था तभी निधि बोली भाई कहा खोये हुए है ।अब राहुल क्या बताता निधि को की तेरे ही ख्यालो में हूँ दीदी ,बात ऐसी है की राहुल निधि के उस रूप को याद कर रहा था जब उसने निधि को ब्रा में देखा था उफ्फ्फ.. क्या साइज होगा दीदी इतने मोटे थे यार और खास बात ये की उसकी वो लाल रंग की ब्रा उफ्फ्फ.. ये सब सोच ही रहा था की निधि पूछ बैठती है ।
राहुल - कही नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रहा था
निधि - अच्छा अंजलि याद आ रही होगी ना आखिर उसने ही तो आम चूसना सिखाया था सॉरी मेरा मतलब आम तोड़ना सिखाया था और राहुल को आँख मर देती है जिसे देख राहुल भी अचंभित था की दीदी ने ये क्या कह दिया और ये आँख क्यों मारी थोड़ी दर सोच के वो समझ जाता है की कही दीदी को सब पाता तो नही है ,नही नही दीदी को कैसे पता होगा वो अंजलि से मिली ही नही है और अंजलि क्यों बताएगी ।पर दूसरी ही तरफ कही अंजलि ने बता तो नही दिया साली वो रंडी बड़ी हरामी है कही सब कुछ बता दिया हो की मैं आरोही की गांड देख मुठ मरता हूँ हे भगवान बचा ले वो डर के मारे कुछ बोल नही पाता ।
आज निधि अपने भाई के प्रति बदल गयी थी इसीलिए उसने सोचा क्यों ना थोड़ा मज़ा भाई से ले ।
गरिमा - क्या- क्या ,क्या बोली तु बहुत बेशर्म हो गयी है
निधि - सॉरी दीदी वो जुबान फिसल गयी थी और फिर से आँख मार देती है जो इस बार आरोही भी देख लेती है ।
ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलता रहा और रात हो गयी खाना हुआ सबका और सोने चले गये ।पर फिर वही बात आज फिर वही हुआ ना सुरेश की आँखों में नींद थी ना ही गरिमा की आँखों में पर आज बात अलग थी क्यों की आज सब अपने कमरे जाग ही रहे थे ।
आरोही सोच रही थी की निधि दीदी ने भैया को आँख क्यों मारी और ये अंजलि ने आम तोड़ना सिखाया वो कुछ समझ नही पा रही थी वो अपने ही दिमाग़ में बातें घुमा रही थी। तभी आरोही का फोन बजने लगता है कॉल उसकी दोस्त रोहिणी का आ रहा है ।आरोही कॉल लेती है
आरोही - हेल्लों
रोहिणी - हेल्लो यार सो रही थी क्या
आरोही - नही यार कुछ सोच रही थी तु बता कैसे कॉल किया
रोहिणी - यार मैं भी कुछ सोच रही थी
आरोही - क्या सोच रही थी जो इतना चहक के बोल रही है
रोहिणी - यार तेरे भैया के बारे में क्या मारा यार मैं तो दीवानी हो गयी उनकी और हँसने लगती है
आरोही - अच्छा जी मेरे भैया मेरे है और सोचना भी मत समझी दूर रह उनसे साली वरना अपने भैया से चुदवा दूंगी ।
आरोही को समझ ही नही आया वो क्या बोल गयी तभी रोहिणी बोलती है अरे यार तो चुदवा दे ना मैंने जब से उनको हीरो की तरह मारते देखा है तभी से मन कर रहा है की वो मुझे चोद दे ।
आरोही - भग साली कुतिया तेरी दाल नही गलेगी यहा पे समझी ना
रोहिणी - अच्छा जी और उस निशा का क्या जो तेरे भैया से चुदवाती है साली, सब जानते है वो तेरे भैया का माल है देखा है कभी निशा को किसी और लड़के के साथ घूमते हुए ।
आरोही - हम्म.... तेरी बात में दम है पर क्या करूँ उस साली ने भैया पे जादू कर रखा है
रोहिणी - हाँ तभी तो कह रही हूँ मुझे अपनी भाभी बना ले तेरे भी मज़े करवा दूंगी ।
आरोही - समझ नही आया तेरी शादी होगी तो तु मजे लेगी भैया के साथ पर मेरे मजे कैसे होंगे साली ??
रोहिणी - अरे तुझे भी चुदवा दूंगी ना तेरे राहुल भैया से और हँसने लगती है।
आरोही - आ... साली रंडी क्या बोली तु ऐसा भला होता है क्या एक भाई अपनी बहन की ले सकता क्या
रोहिणी - हाँ मेरी जान आज कल सब मुमकिन है कभी सोच के देख तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है तुझे कैसा लगेगा और हँसने लगती है
आरोही - चुप कर साली कुछ भी बोलती है चल में रखती हूँ नींद आ रही है ।बाय
रोहिणी - बाय बेबी और सोचना जो मैं बोली और फिर से हँस के कॉल कट कर देती है ।
आरोही उफ़.. ये रोहिणी भी ना पक्की वाली छिनाल हो गयी है साली कुछ भी बोलती है ।पर तभी एक बार आरोही ,रोहिणी की कही हुई बात याद करती हैं की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे है कैसा लगेगा ।ये सोच के ही उसके बदन में एक झुरझुरी होने लगती है आरोही मन में ये मुझे अजीब सा क्यों महसूस हो रहा है ,उफ़.. सच में भैया मुझे चोद सकते है ,तभी उसके दिमाग़ में एक और बात आती है नही नही भैया के साथ छी.. कितनी गंदी बात है और भैया क्या सोचेंगे की मैं उनके लिए ऐसा सोचती हूँ तु भी ना आरोही कुछ भी सोच लेती है और ये रोहिणी की बच्ची को कल कॉलेज में बताती हूँ ।और कमरे की लाइट बंद कर सो जाती हैं।
निधि तो आज सोना ही नही चाहती थी पर गरिमा इसी ताक मैं थी की निधि कब सोयेगी की वो अपने पापा से चुदवाने जाये ।निधि के मन में तो एक ही बात घूम रही थी राहुल कितना अच्छा है अपनी बहनो के लिए इतना प्यार है तो अपनी प्रेमिका और पत्नी के लिए कितना होगा ।तभी निधि निशा के बारे में सोचती है निशा हाँ वही तो हैं शायद मेरी होने वाली भाभी पर साली एक नंबर की खड़ूस है इतना समय से साथ में है पर साली कभी बोलती नही थी चलो अच्छा ही हुआ विक्की ने मेरा टॉप फाड़ दिया इसी बहाने भाई का प्यार और निशा खड़ूस से भी बात हो गयी और मुस्कुरा के सोने लग जाती है करीब एक घंटे बाद गरिमा ,निधि को आवाज़ लगाती है निधि ओ निधि सो गयी क्या । निधि को सोता पाकर गरिमा अपने रात के पति को मैसेज करती है जो इसी ताक में बैठा था की उसका मैसेज कब आएगा और वो कब किचन में जायेगा । एक मैसेज उसके फोन पे आता था जिसको पढ़ कर सुरेश के चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है फिर वो फोन रख कर चुप के से किचन के लिए निकल लेता है ।इधर गरिमा भी किचन में चली जाती है ।दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा जाते है और सुरेश बोलता है कब से तेरा इंतेज़ार किये बैठे थे जान तभी गरिमा बोलती है हाँ मेरे राजा जानती हूंँ तुम भी तड़प रहे हो मेरे जैसे ही पर ये निधि आज सोने का नाम ही नही ले रही थी बहुत मुश्किल से सोई है जल्दी से अपना मिलन करते है पति परमेश्वर जी ।इतना बोलते ही दोनो एक दूसरे को बेतहसा चूमने लगते है उम्म.. रोज तुम्हारा थूक का स्वाद बढ़ता जा रहा है सुरेश बोलता है
गरिमा - हाँ जानू सब तुम्हारी वजह से ही है और चूमने लगती है
दोनो हवस में इतने आंधे हो चुके थे की अपने रिश्ते को भूल ही गये था उनको बस एक ही चीज़ याद थी चुदाई और चुदाई इसके अलावा ना गरिमा का दिमाग़ काम करता है ना ही सुरेश का वो तो बस रात का इंतेज़ार करते है अपने बदन की आग को ठंडा करने के लिए चूमा चाटी करते करते कब दोनो नंगे हो गये उन्हे खुद नही पता और फिर वही हवस का नंगा नाच शुरू होता है ।।
आज गरिमा किचन में लेट जाती है और सुरेश उसके ऊपर आकर अपना लंड उसकी बूर पे रख के सटाक से एक जोरदार झटका मार देता है ।।इस झटके से गरिमा की चीख़ निकल जाती है ।
गरिमा - आआह्ह्हह्ह्ह्ह...साले हरामी धीरे से डाल रंडी की औलाद बेटीचोद भड़वे कही भागी नही जा रही हूँ
सुरेश जो अब तक लंड बुर में पेले जा रहा था मस्ती में आकर बोलता है आह ... साली रंडी अपनी औकात मत भूल तु एक रंडी है अपने बाप की रंडी जो हर रात किचन में चुदवाती है आह्ह्ह.. रंडी गरिमा
गरिमा की बूर से रस निकलने लगा था बुर और चिकनी हो गयी रही अब धक्के मरना बहुत आसान हो गया धीरे से मरने पे भी लंड बूर की गहराई में उतर जाता था दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर थे तभी किसी के कदमो की आवाज़ होती है दोनो डर जाते है थोड़ी ही देर बाद कोई आहट ना होता हुआ सुन सुरेश फिर पुरी शिद्दत से चूत में लंड पेलने लगता है फिर से दोनो स्वर्ग की सैर करने लगते है काफी देर तक सुरेश का लुंड गरिमा की बुर कुटाई करता है और माल गिराने के करीब पहुंच चुका था दोनो ही जोर जोर से हांफ रहे थे तभी गरिमा एक आअह्ह्ह.. पापा करते हुए झड़ने लगती है और गरिमा के कामरस के आगे सुरेश भी ठहर नही पाता और उसका लंड भी अपना माल उगलने लगता है और उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर जाती है ।
दोनो ही शांत पड़े हुए हांफ रहे थे थोड़ी देर बाद शांति को तोड़ते हुए गरिमा बोलती है आई लव यू पापा आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो और उसके होठो पे एक चूमा जड़ देती है ।तभी सुरेश बोलता हैं। आई लव यू टू जान और एक और बात उसको बताता है की नया माल उठाने के लिए इस बार वो सूरत जाने वाला है कुछ दिनों के लिए तभी गरिमा उदास मन से क्या आप को अपनी पत्नी की कोई परवाह नही है जो इतनी दूर जा रहे हो मैं कैसे रहूंगी अपने लंड के बिना एक दिन भी राजा और सुरेश को बाहो में जकड़ लेती है सुरेश भी उसको बाहों में कस लेता है और बोलता है कुछ दिनों की ही बात है जान बस वापस आते ही हनीमून पे चलेंगे ठीक है ।इतना सुन गरिमा खुश हो जाती है जो दिखाई तो नही देता, पर सुरेश उसके बदन की झुरझुरी से समझ गया की वो मान गयी है फिर दोनो जल्दी से अपने अपने कमरे में चले जाते है ।और सो जाते है
सुबह हो चुकी थी। आज कॉलेज में क्या होगा ये सोच आरोही बहुत घबरा रही थी तभी उसकी मम्मी आवाज़ लगती है आरोही बेटा नास्ता कर ले ।आरोही जैसे ही निचे आती है और कुर्सी पे बैठती है सामने राहुल बैठा था उससे देखते ही उसे रात की रोहिणी वाली बात याद आ जाती है की तेरे भैया तेरी चूत मार रहे हो कैसा लगेगा ।ये सोच के वो मुस्कुरा जाती है उसकी सारी परेशानी एक दम से छुमंतर हो जाती है पर दूसरे ही पल वो परेशानी फिर से आरोही के मन को घेर लेती है ।जब तक परेशनियों का हल नही निकल जाता हम कभी खुश नही रह सकते इसीलिए पहले अपनी परेशानी को हल करो और जीवन का आनंद लो ।
सब नास्ता करने बैठ गये थे पर राहुल ,आरोही और निधि बहुत घबरा रहे थे की आज कॉलेज में क्या होगा ।राहुल की तो गांड फट रही थी आज कॉलेज में जाने से ,कल उसने गुस्से में कुछ ज्यादा ही कर दिया पर अब क्या फ़ायदा बिता हुआ कल अब वापस नही आएगा । तीनो के ही चेहरे बता रहा थे की तीनो किसी गहरी सोच में डूबे हुए है तभी गरिमा उन सब को देख के बोलती है क्या हुआ तुम तीनो को ध्यान कहा है तीनो का खा कम रहे हो सोच ज्यादा रहे हो ।
निधि - कु...कुछ नही दीदी बस आज कॉलेज जाने का मन नही है तो वही सोच रही हूँ ।
गरिमा - अरे मन नही है तो मत जा इसमे सोचना क्या है और राहुल तु क्यों नही खा रहा है और तेरी ये लाडली बहना का भी यही हाल है बोलो
आरोही - कुछ नही दीदी भैया आज मुझे शॉपिंग पे ले जाने वाले है पापा से कुछ पैसे चाहिए अब भईया बोल नही पा रहे है वही हम दोनो सोच रहे हैं।
आरोही ने बहुत ही सफाई से झूठ बोल दिया राहुल और निधि को विश्वास नही हो रहा था आरोही इतनी साफ झूठ इतने आराम से बोल गयी ।
सुरेश - पैसे निकाल के राहुल को देता हैं और बोलता है इसमे हिचकिचाहट कैसी बेटा लो ये 5000 हज़ार और अपनी लाडली को अच्छे से शॉपिंग करवा देना ।
आरोही तो सच में सब कुछ भूल के खुश हो गयी की उसके झूठ से 5000 हज़ार रुपये मिल गये ।तभी सुरेश बोलता है ,मुझे कुछ दिनों के लिए मुझे सूरत जाना है
दुकान के लिया माल उठाने तो कोई शरारात मत करना।ये सब सुन बरखा बोलती है ,क्या जी यहा दिल्ली के सप्लायर अच्छा माल नही दे रहे है क्या ??
सुरेश - हाँ बरखा माल भी अच्छा नही मिल रहा है और मैं एक और नई दुकान का भी सोच रहा हूँ ताकि अपना बिज़नेस बढ़े और मेरे बच्चो को कोई तकलीफ ना हो ।
ऐसे ही बाते चलती रही और समय हो गया सब के जाने का ,और सुरेश पहले निकल गया उसके बाद राहुल ,निधि और आरोही आज एक साथ कॉलेज के लिए निकल जाते है ।कॉलेज पहुँच के जैसे ही कॉलेज में जाते है आज सब उन भाई बहन को ही देख रहे थे खास कर राहुल को वो एक हीरो बन के उभरा था जो कल तक एक फट्टू किस्म का लड़का था वो अचानक ही सब के दिल और दिमाग में छा गया था । तभी वो प्रोफ़ेसर जो रामदास का चमचा है राहुल को बोला प्रिंसिपल ऑफिस में आ जाना कुछ देर में और चला जाता है ।ये सुन तीनो ही घबरा जाते है क्या होगा अब तभी उनके पीछे से एक आवाज़ आती है ।
राहुल सुनो ना ये आवाज़ निशा की थी ।तीनो पलट के देखते है निशा उनके पास आकर बोलती है मैं कब से तुम लोगो का इंतेज़ार कर रही थी ।तीनो ही निशा को हाय बोलते है तभी निशा बोलती हैं देखा ना राहुल क्या किया तुमने कल वो प्रिंसिपल अपनी पुरी फ़ौज के साथ ऑफिस में इंतेज़ार कर रहा है पता नही क्या होगा ।ये सुन राहुल के साथ आरोही और निधि की भी गांड फट गयी पर राहुल ने अपने ऊपर डर को हावी नही होने दिया ।और बोला क्या कर लेगा वो प्रिंसिपल और उसके चमचे देख लूंगा सालो को और बोल के ऑफिस की तरफ चल देता है आज उसकी चाल में एक अलग ही स्टाइल थी जो पहले कभी नही थी वो एक शेर की तरह ऑफिस की तरफ चले जा रहा था ।ये सब सुन आरोही और निधि तो डर गयी थी पर निशा थोड़ा मुस्कुरा दी थी क्यों की आज उसने राहुल की मर्दानी देखी थी जो असल में काबिले तारीफ थी
ऑफिस के बहार पुरा कॉलेज इकट्ठा खड़ा था और अंदर बस राहुल ,विक्की ,अजय,निधि,आरोही के साथ प्रिंसिपल ,साथ में विधायक मनमोहन तिवारी भी था और 4 प्रोफ़ेसर जो तिवारी के चमचे ही थे ।राहुल ,और उसकी बहने खड़ी थी जब की बाकी सब बैठे थे ।तभी कमरे की शांति को एक आवाज़ ने भंग किया । क्यों रे छोकरे तेरे खून में बहुत गर्मी है ?? ये आवाज़ विधायक जी की थी जो राहुल की तरफ देखते हुआ बोला ,इधर अजय और विक्की तो आरोही और निधि की जवानी देखने में लगे थे आज दोनो ही मस्त पटखा बन के आयी थी टाइट जीन्स में टॉप कमाल लग रहा था।
राहुल कुछ बोला नही बस चुप खड़ा था की तभी प्रिंसिपल बोला ये भोसड़ीवाले की गांड में ज्यादा ही दर्द हो रहा था अपनी रंडी बहनो के लिए ये सुन राहुल का खून खौलने लगा ।आरोही और निधि भी रंडी शब्द सुन के शर्म से लाल हो गयी थी ।
तिवारी - क्यों बे बहनचोद कुछ बोलता क्यों नही है।तेरी बहन की झांट में लोड़ा दूँ ।
इधर राहुल का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था वो कुछ बोलता तभी निधि बोली हमें माफ़ कर दीजिये गलती हो गयी हमसे तभी आरोही बोल उठी, गलती क्या हुआ दीदी इस कमीने विक्की ने जो किया उसकी सजा मिली है और उसका बाप अपने कमीने बेटे की तरफदारी कर रहा है कितना घटिया इंसान है । वो ये सब एक सांस में बोल गयी ।ये सब सुन तिवारी भी अचंभित था की ये झांट भर की लौंडिया उसे समझा रही हैं।
अजय और विक्की कुछ बोलते उससे पहले ही रामदास बोला ,साली बहन की लोड़ी क्या गलत किया उन्होंने थोड़ा मज़ाक ही तो किया था इसमे थपड़ मरने की ज़रूरत क्या थी और रही तेरी बात तो तु बीच में नही आती तो तुझे कोई छूता भी नही समझी। तभी राहुल बोला मादरचोद रामदास तेरी बहन की चूत फाड़ दूँ भड़वे तिवारी के टट्टे
ये सुन सब ही अचंभित थे की ये क्या हुआ एक बच्चा ऐसा बोल गया।
विक्की - बहनचोद तेरी इतनी हिम्मत हमारे सामने खड़ा होकर हमको गाली देता हैं।
अजय - तेरी बहन की बुर यही चोद देंगे मादरचोद हिजड़े रुक तु तेरा इलाज़ करते है वो मरने जा ही रहे थे की तिवारी उन्हे रोक देता है ।
तिवारी - बहुत गर्मी है तुझ में और तेरी ये बहन आरोही की तरफ देख के बोला इसकी जवानी भी उबाल मार रही है ।इस साली को तो कोठे पे बैठा दूँगा और तु उसका दलाल होगा मादरचोद तिवारी को टक्कर देगा ।
इतने में ऑफिस के दरवाजे पे ठक ठक हुई ।और एक आवाज़ आयी दरवाजा खोलो जल्दी इस आवाज़ में एक कड़कपन था जो तिवारी को हिलाने के लिए काफी था तिवारी रामदास को देखते हुए कौन आया है बे ??
रामदास अपने प्रोफ़ेसर टट्टे को बोल के दरवाजा खुलवाता है और एक आदमी जिसके साथ 4 लोग और थे अंदर आते है ।ऑफिस के बहार खचा खच भीड़ थी ।
उसी भीड़ में निशा भी खड़ी होकर सुन रही थी ।तभी एक आवाज़ फिर आती है और तिवारी जी इलेक्शन जीते नही की गुंडा गर्दी चालू कर दिये तिवारी देख के हताश था की चंद्रभान सिंह का बेटा खुद आया है वो भी किसके लिए तभी विक्की बोलता है तु कौन है बे जो हीरो के माफिक अंदर आया और हँसने लगता है तिवारी विक्की को हँसता हुआ देख गुस्सा में आ जाता है ।
तिवारी जी अपने लौंडे को कुछ सिखाओ यार बिल्कुल ही चुतिया किस्म का है ।
तिवारी - उसकी तरफ से मैं माफ़ी मानता हूँ ये शब्द सुन सब अचंभित होकर देखने लगते है तिवारी जैसा कमीना भी किसी से माफ़ी मांग सकता है ।
विक्की - पापा ये कौन है जिस से आप माफ़ी मांग रहे हो
तभी रामदास बोलता है चुप हो जाओ बेटा बड़ो के बीच नही बोलते है समझा करो ।
सही बोले रामदास वैसे तुम्हारे नाम में राम है पर तुम्हारे अंदर रावण छुपा हुआ है
तिवारी - बात क्या है बताओगे
इन तीनो को जाने दो बस यही बात है ।इधर राहुल ,आरोही और निधि ये हमारे लिए आया है पर ये है कौन हम तो जानते ही नही है ।
तिवारी - तुम्हारा इनसे क्या रिश्ता है जो यहा आये हो
रिश्ता मत पूछिए तिवारी जी बस समझ लीजिये की इनको अब कोई परेशनी नही होनी चाहिए वरना आप परेशनी में आ जाओगे ।
विक्की - क्या बोला बहनचोद तु मेरे पापा को धमकी देता है हम भी देखते है तु यहा से उनको कैसे ले जाता है
तभी एक जोरदार पंच उसके मुँह पे पड़ता है ।वो गिर जाता है और उसके बाद दे लात दे घुसे लगातार उसके बदन पे जख़्म बना रहे थे ।इतनी पिटाई से विक्की की हालत खराब हो जाती है तिवारी खड़ा खड़ा देख रहा था
तभी एक जोर की आवाज़ आती है मैं उन्हे ले जाऊंगा ये समझ लो वरना मैं अपना महंगा जूता घिस के यहा नही आता । इस आवाज़ से कमरे में ही नही बहार खड़े लड़के लड़किया और प्रोफेसर काँप गये थे ।
तिवारी अपने बेटे को पकड़ते हुए ये करना ठीक नही था विशाल तुमने ठीक नही किया इनके लिए मेरे बेटे को मार कर ।
विशाल - तेरे बेटे को जवानी की आग ज्यादा थी इसलिये बुझा दी।
रामदास बात को संभालते हुए विशाल जी ठीक है आप ले जाओ कौन रुकेगा आपको कोई भी नही ।
विशाल ,चंद्रभान सिंह का छोटा बेटा है इसका बस एक ही काम है अपने पापा के दिये हुए हर काम को पुरा करना चाहे जो भी हो जाये । और जहा तक की चंद्रभान सिंह कौन है वो शहर का एक नामचिन गुंडा है जो इस काम के अलावा बहुत कुछ करता है ।
विशाल वहा से निकल जाता है राहुल ,निधि और आरोही धीरे से निकल जाते है ।