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Erotica पार्टी के बाद

आपको कैसी लगी?


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naag.champa

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पार्टी के बाद
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कहानी की एक झलक

देर रात को मैं एक पार्टी से लौट रही थी| रेलवे फाटक बंद था, इसलिए मुझे वहां मुझे गाड़ी रोकनी पड़ी और वही मेरी मुलाकात एक बूढ़े बुद्धू से दिखने वाले भिखारी से हुई| मैं सोच रही थी कि मैं इस बूढ़े के साथ थोड़े मजे ले लूँ, लेकिन आगे क्या होने वाला था, इसका मुझे अंदाजा भी नहीं था...

अनुक्रमणिका


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naag.champa

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अध्याय १


पार्टी से लौटते वक़्त, मैं कार थोड़ा तेज ही चला रही थी|

एक तो देर हो जाई थी, दूसरा, रात के तीन बजने वाले थे, मेरा घर रेलवे फाटक के दूसरी ओर था और एक बार माल गाड़ियों की आवाजाही शुरू होने की वजह से फाटक बंद हो गया; तो कम से कम आधा घंटा या फिर उससे भी ज़्यादा वक़्त के लिए अटक के रहना पड़ेगा|

मैं सोच रही थी की घर जा के, ब्लैक डॉग विस्की की बोतल ख़त्म कर दूँगी क्यों की मेरी प्यास अधूरी ही रह गई थी|

यह पार्टी “फ्रेंडशिप क्लब” ने आयोजित की थी, यहाँ कई तरह के “बोल्ड “ संपर्क बनते हैं| पार्टी में कई आदमियों ने मेरे साथ डांस किया था, लेकिन इन सब का सिर्फ़ एक ही मकसद था, मुझे छूना|

चूँकि मैने जान बूझ कर उस दिन सिर्फ़ एक हॉल्टर पहन कर गई थी, इसलिए शायद मैं बहुत लोगों की दिलरूबा बनी हुई थी| मेरा बदन सामने से तो ढाका हुआ था पर मेरी पीठ बिलकुल नंगी थी| हॉल्टर पहनने की वजह से मैने ब्रा नही पहनी थी... मेरे बड़े-बड़े स्तन मेरे हर कदम पर थिरक रहे थे... शायद इस लिए इतने लोग मेरे साथ डांस करने के लिए बेताब हो रहे थे, उन्हे मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने का मौका जो चाहिए था और वह लोग चाहते थे की मुझे अपने सीने से चिपटा मेरे स्तानो की छूअन का मज़ा ले सके| लेकिन मैने अपने बाल खोल रखे थे| कुछ लोग इसी लिए दुआ कर रहे थे की मैं एक जुड़ा बाँध लूँ, ताकि उन्हे मेरी नंगी पीठ की पहुँच मिल सके|

एक काले रंग के हाल्टर में गोरी चिट्टी लड़की को देखकर किसका दिल नहीं मचल उठेगा?… ऐसे ही एक जनाब थे डाक्टर डिसिल्वा… जो चन्द ही मिनटों मे मेरा मेरा दीवाना बन गए थे…

एक आदमी के साथ डांस करने के बाद जैसे ही मैं बार काउंटर पर पहुँची, डाक्टर साहब मेरे पास आ कर बोले, “माफ़ कीजिएगा मिस, के आप मेरे साथ एक ड्रिंक लेना पसंद करेंगी?”

“जी ज़रूर, आपकी तारीफ?” आख़िर मैं यहाँ तफ़री का लिए आई थी, एक उम्र से दुगना दिखने वाला मर्द अगर मेरे साथ बैठ के पीना चाहे तो हर्ज़ क्या है? इस अय्याशी की महफिल में मुझे मुफ्त की शराब तो पीने को मिल रही है|

“मेरा नाम डाक्टर डिसिल्वा है, मैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हूँ|”

“डाक्टर साहब, मेरा नाम आएशा है, मैं एक स्त्री हूँ, लेकिन मुझे कोई रोग नही है... हा हा हा हा ...”

“हा हा हा हा”

थोड़ी ही देर में मैं डाक्टर साहब के साथ घुल मिल गई थी|

डाक्टर साहब बोले, “अगर आप बुरा ना माने तो मैं आप जैसे खूबसूरत लड़की के साथ डांस करना चाहता हूँ| पर मेरी एक विनती है आप से...”

“जी बोलिए...”

“आप अपने बालों को जुड़े मे ज़रूर बाँध लीजिएगा...”

“क्यों? क्या आपको मेरे खुले बाल अच्छे नही लग रहे?”

“जी, नही... ऐसी बात नही है... खुले बालों में आप बहुत सुंदर दिख रहीं है... बस मैं चाहता हूँ कि आप मेरे साथ डांस करते वक़्त और सैक्सी दिखें... आपकी पीठ नंगी रहेगी तो हम दोनो को डांस करने में मज़ा आएगा... आपने ब्रा तो नही पहन रखी होगी?”

“क्यों?”

डाक्टर साहब थोड़ा सपकपा गये, “जी, मिस कुछ नही, मैने ऐसे ही पूछ लिया...”

“जी, नही... आपने शायद गौर नहीं किया होगा कि मैंने एक हॉल्टर पहन रखा है| इसलिए मेरी पीठ बिल्कुल खुली है; अगर मैं ब्रा पहनती तो उसका स्ट्रैप जरूर दिखता और इस ड्रेस का सारा शो मिट्टी में मिल जाता...”

“बहुत अच्छी बात है...”

मैं हंस पड़ी, मैने कहा, “मैं जानती हूँ डाक्टर साहब... आप मेरे बूब्स (स्तनो) पर हाथ फेरना चाहते हैं...”

डाक्टर साहब भी हंस पड़े, क्योंकि उनका इरादा यही था|

मैं बोली, “ठीक है, मैं भी यहाँ तफ़री के लिए आई हूँ... मुझे कोई ऐतराज़ नही है... पर आप ज़ोर से दबाना मत, दर्द होती है…”

क्रमश:

 
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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कहानी की एक झलक

देर रात को मैं एक पार्टी से लौट रही थी| रेलवे फाटक बंद था, इसलिए मुझे वहां मुझे गाड़ी रोकनी पड़ी और वही मेरी मुलाकात एक बूढ़े बुद्धू से दिखने वाले भिखारी से हुई| मैं सोच रही थी कि मैं इस बूढ़े के साथ थोड़े मजे ले लूँ, लेकिन आगे क्या होने वाला था, इसका मुझे अंदाजा भी नहीं था...

अनुक्रमणिका


:congrats: for new story Champa ji
 

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अध्याय १


पार्टी से लौटते वक़्त, मैं कार थोड़ा तेज ही चला रही थी|

एक तो देर हो जाई थी, दूसरा, रात के तीन बजने वाले थे, मेरा घर रेलवे फाटक के दूसरी ओर था और एक बार माल गाड़ियों की आवाजाही शुरू होने की वजह से फाटक बंद हो गया; तो कम से कम आधा घंटा या फिर उससे भी ज़्यादा वक़्त के लिए अटक के रहना पड़ेगा|

मैं सोच रही थी की घर जा के, ब्लैक डॉग विस्की की बोतल ख़त्म कर दूँगी क्यों की मेरी प्यास अधूरी ही रह गई थी|

यह पार्टी “फ्रेंडशिप क्लब” ने आयोजित की थी, यहाँ कई तरह के “बोल्ड “ संपर्क बनते हैं| पार्टी में कई आदमियों ने मेरे साथ डांस किया था, लेकिन इन सब का सिर्फ़ एक ही मकसद था, मुझे छूना|

चूँकि मैने जान बूझ कर उस दिन सिर्फ़ एक हॉल्टर पहन कर गई थी, इसलिए शायद मैं बहुत लोगों की दिलरूबा बनी हुई थी| मेरा बदन सामने से तो ढाका हुआ था पर मेरी पीठ बिलकुल नंगी थी| हॉल्टर पहनने की वजह से मैने ब्रा नही पहनी थी... मेरे बड़े-बड़े स्तन मेरे हर कदम पर थिरक रहे थे... शायद इस लिए इतने लोग मेरे साथ डांस करने के लिए बेताब हो रहे थे, उन्हे मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने का मौका जो चाहिए था और वह लोग चाहते थे की मुझे अपने सीने से चिपटा मेरे स्तानो की छूअन का मज़ा ले सके| लेकिन मैने अपने बाल खोल रखे थे| कुछ लोग इसी लिए दुआ कर रहे थे की मैं एक जुड़ा बाँध लूँ, ताकि उन्हे मेरी नंगी पीठ की पहुँच मिल सके|

एक काले रंग के हाल्टर में गोरी चिट्टी लड़की को देखकर किसका दिल नहीं मचल उठेगा?… ऐसे ही एक जनाब थे डाक्टर डिसिल्वा… जो चन्द ही मिनटों मे मेरा मेरा दीवाना बन गए थे…

एक आदमी के साथ डांस करने के बाद जैसे ही मैं बार काउंटर पर पहुँची, डाक्टर साहब मेरे पास आ कर बोले, “माफ़ कीजिएगा मिस, के आप मेरे साथ एक ड्रिंक लेना पसंद करेंगी?”

“जी ज़रूर, आपकी तारीफ?” आख़िर मैं यहाँ तफ़री का लिए आई थी, एक उम्र से दुगना दिखने वाला मर्द अगर मेरे साथ बैठ के पीना चाहे तो हर्ज़ क्या है? इस अय्याशी की महफिल में मुझे मुफ्त की शराब तो पीने को मिल रही है|

“मेरा नाम डाक्टर डिसिल्वा है, मैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हूँ|”

“डाक्टर साहब, मेरा नाम आएशा है, मैं एक स्त्री हूँ, लेकिन मुझे कोई रोग नही है... हा हा हा हा ...”

“हा हा हा हा”

थोड़ी ही देर में मैं डाक्टर साहब के साथ घुल मिल गई थी|

डाक्टर साहब बोले, “अगर आप बुरा ना माने तो मैं आप जैसे खूबसूरत लड़की के साथ डांस करना चाहता हूँ| पर मेरी एक विनती है आप से...”

“जी बोलिए...”

“आप अपने बालों को जुड़े मे ज़रूर बाँध लीजिएगा...”

“क्यों? क्या आपको मेरे खुले बाल अच्छे नही लग रहे?”

“जी, नही... ऐसी बात नही है... खुले बालों में आप बहुत सुंदर दिख रहीं है... बस मैं चाहता हूँ कि आप मेरे साथ डांस करते वक़्त और सैक्सी दिखें... आपकी पीठ नंगी रहेगी तो हम दोनो को डांस करने में मज़ा आएगा... आपने ब्रा तो नही पहन रखी होगी?”

“क्यों?”

डाक्टर साहब थोड़ा सपकपा गये, “जी, मिस कुछ नही, मैने ऐसे ही पूछ लिया...”

“जी, नही... आपने शायद गौर नहीं किया होगा कि मैंने एक हॉल्टर पहन रखा है| इसलिए मेरी पीठ बिल्कुल खुली है; अगर मैं ब्रा पहनती तो उसका स्ट्रैप जरूर दिखता और इस ड्रेस का सारा शो मिट्टी में मिल जाता...”

“बहुत अच्छी बात है...”

मैं हंस पड़ी, मैने कहा, “मैं जानती हूँ डाक्टर साहब... आप मेरे बूब्स (स्तनो) पर हाथ फेरना चाहते हैं...”

डाक्टर साहब भी हंस पड़े, क्योंकि उनका इरादा यही था|

मैं बोली, “ठीक है, मैं भी यहाँ तफ़री के लिए आई हूँ... मुझे कोई ऐतराज़ नही है... पर आप ज़ोर से दबाना मत, दर्द होती है…”

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पार्टी से लौटते वक़्त, मैं कार थोड़ा तेज ही चला रही थी|

एक तो देर हो जाई थी, दूसरा, रात के तीन बजने वाले थे, मेरा घर रेलवे फाटक के दूसरी ओर था और एक बार माल गाड़ियों की आवाजाही शुरू होने की वजह से फाटक बंद हो गया; तो कम से कम आधा घंटा या फिर उससे भी ज़्यादा वक़्त के लिए अटक के रहना पड़ेगा|

मैं सोच रही थी की घर जा के, ब्लैक डॉग विस्की की बोतल ख़त्म कर दूँगी क्यों की मेरी प्यास अधूरी ही रह गई थी|

यह पार्टी “फ्रेंडशिप क्लब” ने आयोजित की थी, यहाँ कई तरह के “बोल्ड “ संपर्क बनते हैं| पार्टी में कई आदमियों ने मेरे साथ डांस किया था, लेकिन इन सब का सिर्फ़ एक ही मकसद था, मुझे छूना|

चूँकि मैने जान बूझ कर उस दिन सिर्फ़ एक हॉल्टर पहन कर गई थी, इसलिए शायद मैं बहुत लोगों की दिलरूबा बनी हुई थी| मेरा बदन सामने से तो ढाका हुआ था पर मेरी पीठ बिलकुल नंगी थी| हॉल्टर पहनने की वजह से मैने ब्रा नही पहनी थी... मेरे बड़े-बड़े स्तन मेरे हर कदम पर थिरक रहे थे... शायद इस लिए इतने लोग मेरे साथ डांस करने के लिए बेताब हो रहे थे, उन्हे मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने का मौका जो चाहिए था और वह लोग चाहते थे की मुझे अपने सीने से चिपटा मेरे स्तानो की छूअन का मज़ा ले सके| लेकिन मैने अपने बाल खोल रखे थे| कुछ लोग इसी लिए दुआ कर रहे थे की मैं एक जुड़ा बाँध लूँ, ताकि उन्हे मेरी नंगी पीठ की पहुँच मिल सके|

एक काले रंग के हाल्टर में गोरी चिट्टी लड़की को देखकर किसका दिल नहीं मचल उठेगा?… ऐसे ही एक जनाब थे डाक्टर डिसिल्वा… जो चन्द ही मिनटों मे मेरा मेरा दीवाना बन गए थे…

एक आदमी के साथ डांस करने के बाद जैसे ही मैं बार काउंटर पर पहुँची, डाक्टर साहब मेरे पास आ कर बोले, “माफ़ कीजिएगा मिस, के आप मेरे साथ एक ड्रिंक लेना पसंद करेंगी?”

“जी ज़रूर, आपकी तारीफ?” आख़िर मैं यहाँ तफ़री का लिए आई थी, एक उम्र से दुगना दिखने वाला मर्द अगर मेरे साथ बैठ के पीना चाहे तो हर्ज़ क्या है? इस अय्याशी की महफिल में मुझे मुफ्त की शराब तो पीने को मिल रही है|

“मेरा नाम डाक्टर डिसिल्वा है, मैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हूँ|”

“डाक्टर साहब, मेरा नाम आएशा है, मैं एक स्त्री हूँ, लेकिन मुझे कोई रोग नही है... हा हा हा हा ...”

“हा हा हा हा”

थोड़ी ही देर में मैं डाक्टर साहब के साथ घुल मिल गई थी|

डाक्टर साहब बोले, “अगर आप बुरा ना माने तो मैं आप जैसे खूबसूरत लड़की के साथ डांस करना चाहता हूँ| पर मेरी एक विनती है आप से...”

“जी बोलिए...”

“आप अपने बालों को जुड़े मे ज़रूर बाँध लीजिएगा...”

“क्यों? क्या आपको मेरे खुले बाल अच्छे नही लग रहे?”

“जी, नही... ऐसी बात नही है... खुले बालों में आप बहुत सुंदर दिख रहीं है... बस मैं चाहता हूँ कि आप मेरे साथ डांस करते वक़्त और सैक्सी दिखें... आपकी पीठ नंगी रहेगी तो हम दोनो को डांस करने में मज़ा आएगा... आपने ब्रा तो नही पहन रखी होगी?”

“क्यों?”

डाक्टर साहब थोड़ा सपकपा गये, “जी, मिस कुछ नही, मैने ऐसे ही पूछ लिया...”

“जी, नही... आपने शायद गौर नहीं किया होगा कि मैंने एक हॉल्टर पहन रखा है| इसलिए मेरी पीठ बिल्कुल खुली है; अगर मैं ब्रा पहनती तो उसका स्ट्रैप जरूर दिखता और इस ड्रेस का सारा शो मिट्टी में मिल जाता...”

“बहुत अच्छी बात है...”

मैं हंस पड़ी, मैने कहा, “मैं जानती हूँ डाक्टर साहब... आप मेरे बूब्स (स्तनो) पर हाथ फेरना चाहते हैं...”

डाक्टर साहब भी हंस पड़े, क्योंकि उनका इरादा यही था|

मैं बोली, “ठीक है, मैं भी यहाँ तफ़री के लिए आई हूँ... मुझे कोई ऐतराज़ नही है... पर आप ज़ोर से दबाना मत, दर्द होती है…”

क्रमश:
Ye miss to kafi chalu lagti hai aur Dr bhi mauke ka pura fayda utha raha hai
 

naag.champa

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Ye miss to kafi chalu lagti hai aur Dr bhi mauke ka pura fayda utha raha hai
मेरी नई कहानी पढ़ने और उसमें कमेन्ट करने का शुक्रिया Iron man.
जी हां, यह लड़की बहुत ही बोल्ड है
...
 

naag.champa

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अध्याय २


मैंने एक बड़ा सा घूँट ले करके अपनी ड्रिंक खत्म की और फिर अपने बालों को समेट कर जुड़े में बांधा, फिर मैंने डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ कर बोली, “चलिए डॉक्टर साहब, डांस करते हैं”

डॉक्टर साहब ने अपनी ड्रिंक आधी ही छोड़ दी और मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुए डांस फ्लोर की तरफ बढ़े... डाक्टर साहब भी मेरे से सॅंट कर, अपने दोनो हाथों से मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए डांस कर रहे थे| हम दोनों के गाल सटे हुए थे मैंने जानबूझकर अपना सीना उनके सीने से चिपका रखा था| वह मौका मिलते ही मेरे कूल्हों को दबाने से भी बाज़ नही आए... मुझे इस बात से कोई आपत्ति नही थी| मैं यहाँ आई इसलिए थी- - तफ़री लेने के लिए|

अचानक मुझे एहसास हुआ की दो टाँगों के बीच में एक अजीब सी चीज़ का दबाव पड़ रहा है|

मुझे समझते देर नही लगी की, डाक्टर साहब का मेरे उपर दिल आ गया है, और उनका गुप्त अंग तन के खड़ा हो गया है|

“मिस, क्या आप मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताना पसंद करेंगी?” उन्होने मुझ से पूछा|

“जी ज़रूर, पर मैं सिर्फ़ एक क़ुइक बैंग, के मूड मे ही हूँ”

“काश हर लड़की आप जैसी समझदार होती”, डॉक्टर साहब की बांछे खिल गई थी उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं इतनी जल्दी मान जाऊंगी|

एक एक और ड्रिंक लेने के बाद हम लोग स्वीमिंग पूल की तरफ गये|

वहाँ जैसे डाक्टर साहब पर जैसे हैवान हावी हो गया, वो मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे| मेरी पैंटी उतरते वक़्त उन्होने उसे फाड़ ही डाली... यह चार सौ रुपय की पैंटी थी... उनका यह रवैया बदलने के लिए मैने कहा, “डाक्टर साहब... रुकिये, मैं स्कर्ट उपर करती हूँ, आप पैंट तो उतरिए?”

डाक्टर साहब मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी बैल्ट खोरकर अपना पैंट उतरने लगे, उसके बाद मैं उनके आगोश मे थी|

“आपके के पास कंडोम तो हैं ना, डाक्टर साहब?”

“चुप हरामजादी, तू तो दूसरी रंडियों की तरह यहाँ चुदने आई है… कॉन्डोम का क्या लेना देना?”

मैं एकटक उनकी तरफ कुछ देर तक देखती रही.... जी तो कर रहा था कि मना कर दूँ लेकिन तबतक मैं इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझे भी थोड़ी शांति की ज़रूरत थी इसलिए इसके बाद मैं कुछ नही बोली| डाक्टर साहब ने मेरे बदन का निचला हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया और वह मेरे जिस्म जानना अंग मे अपना मर्दाना अंग घुसने ही वाले थे कि उनका मोबाइल फ़ोन बाज उठा|

यह शायद उसकी बीवी होगी, क्योंकि मुझे फ़ोन से एक औरत की आवाज़ सुनाई दे रही थी... वह काफ़ी गुस्से में थी| फ़ोन जैसे तैसे रखने के बाद उन्होने मुझ से कहा, “माफ़ करना आएशा, मुझे जाना होगा...”

मैने देखा की उनका लिंग अब बिल्कुल ढीला पद गया है| मुझे बड़ा गुस्सा आया मैने कहा, “हरामजादे, लड़की को चोदने के बहाने नंगा कर के बोलता है की जाना होगा? तेरा खड़ा नही होता क्या?”

“माफ़ करो आएशा, मेरी बीवी का फ़ोन आया था और देखो वह जो बंदा इस तरफ आ रहा है, वह इस होटेल का मैनेजर है और रिश्ते में मेरा साला, अगर उसने मुझे इस हालत मे देख लिया तो...”

मैने डाक्टर साहब पर दो तमाचे कस दिए, “मादरचोद, अब बता, किसी और से चुदने के लिए क्या मैं पैसे खर्च करूँ?”

डाक्टर साहब को भी गुस्सा आ गया उन्होने ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा गला दबाते हुए कहा, “सुन कुतिया, मौका रहता तो तुझे चोद के मैं तेरा कीमा बना डालता... मौके का इंतज़ार करना... अभी मुझे जाना होगा हरामजादी”

क्रमश:

 
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अध्याय २


मैंने एक बड़ा सा घूँट ले करके अपनी ड्रिंक खत्म की और फिर अपने बालों को समेट कर जुड़े में बांधा, फिर मैंने डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ कर बोली, “चलिए डॉक्टर साहब, डांस करते हैं”

डॉक्टर साहब ने अपनी ड्रिंक आधी ही छोड़ दी और मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुए डांस फ्लोर की तरफ बढ़े... डाक्टर साहब भी मेरे से सॅंट कर, अपने दोनो हाथों से मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए डांस कर रहे थे| हम दोनों के गाल सटे हुए थे मैंने जानबूझकर अपना सीना उनके सीने से चिपका रखा था| वह मौका मिलते ही मेरे कूल्हों को दबाने से भी बाज़ नही आए... मुझे इस बात से कोई आपत्ति नही थी| मैं यहाँ आई इसलिए थी- - तफ़री लेने के लिए|

अचानक मुझे एहसास हुआ की दो टाँगों के बीच में एक अजीब सी चीज़ का दबाव पड़ रहा है|

मुझे समझते देर नही लगी की, डाक्टर साहब का मेरे उपर दिल आ गया है, और उनका गुप्त अंग तन के खड़ा हो गया है|

“मिस, क्या आप मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताना पसंद करेंगी?” उन्होने मुझ से पूछा|

“जी ज़रूर, पर मैं सिर्फ़ एक क़ुइक बैंग, के मूड मे ही हूँ”

“काश हर लड़की आप जैसी समझदार होती”, डॉक्टर साहब की बांछे खिल गई थी उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं इतनी जल्दी मान जाऊंगी|

एक एक और ड्रिंक लेने के बाद हम लोग स्वीमिंग पूल की तरफ गये|

वहाँ जैसे डाक्टर साहब पर जैसे हैवान हावी हो गया, वो मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे| मेरी पैंटी उतरते वक़्त उन्होने उसे फाड़ ही डाली... यह चार सौ रुपय की पैंटी थी... उनका यह रवैया बदलने के लिए मैने कहा, “डाक्टर साहब... रुकिये, मैं स्कर्ट उपर करती हूँ, आप पैंट तो उतरिए?”

डाक्टर साहब मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी बैल्ट खोरकर अपना पैंट उतरने लगे, उसके बाद मैं उनके आगोश मे थी|

“आपके के पास कंडोम तो हैं ना, डाक्टर साहब?”

“चुप हरामजादी, तू तो दूसरी रंडियों की तरह यहाँ चुदने आई है… कॉन्डोम का क्या लेना देना?”

मैं एकटक उनकी तरफ कुछ देर तक देखती रही.... जी तो कर रहा था कि मना कर दूँ लेकिन तबतक मैं इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझे भी थोड़ी शांति की ज़रूरत थी इसलिए इसके बाद मैं कुछ नही बोली| डाक्टर साहब ने मेरे बदन का निचला हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया और वह मेरे जिस्म जानना अंग मे अपना मर्दाना अंग घुसने ही वाले थे कि उनका मोबाइल फ़ोन बाज उठा|

यह शायद उसकी बीवी होगी, क्योंकि मुझे फ़ोन से एक औरत की आवाज़ सुनाई दे रही थी... वह काफ़ी गुस्से में थी| फ़ोन जैसे तैसे रखने के बाद उन्होने मुझ से कहा, “माफ़ करना आएशा, मुझे जाना होगा...”

मैने देखा की उनका लिंग अब बिल्कुल ढीला पद गया है| मुझे बड़ा गुस्सा आया मैने कहा, “हरामजादे, लड़की को चोदने के बहाने नंगा कर के बोलता है की जाना होगा? तेरा खड़ा नही होता क्या?”

“माफ़ करो आएशा, मेरी बीवी का फ़ोन आया था और देखो वह जो बंदा इस तरफ आ रहा है, वह इस होटेल का मैनेजर है और रिश्ते में मेरा साला, अगर उसने मुझे इस हालत मे देख लिया तो...”

मैने डाक्टर साहब पर दो तमाचे कस दिए, “मादरचोद, अब बता, किसी और से चुदने के लिए क्या मैं पैसे खर्च करूँ?”

डाक्टर साहब को भी गुस्सा आ गया उन्होने ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा गला दबाते हुए कहा, “सुन कुतिया, मौका रहता तो तुझे चोद के मैं तेरा कीमा बना डालता... मौके का इंतज़ार करना... अभी मुझे जाना होगा हरामजादी”

क्रमश:
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Try and fail. But never give up trying
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अध्याय २


मैंने एक बड़ा सा घूँट ले करके अपनी ड्रिंक खत्म की और फिर अपने बालों को समेट कर जुड़े में बांधा, फिर मैंने डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ कर बोली, “चलिए डॉक्टर साहब, डांस करते हैं”

डॉक्टर साहब ने अपनी ड्रिंक आधी ही छोड़ दी और मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुए डांस फ्लोर की तरफ बढ़े... डाक्टर साहब भी मेरे से सॅंट कर, अपने दोनो हाथों से मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए डांस कर रहे थे| हम दोनों के गाल सटे हुए थे मैंने जानबूझकर अपना सीना उनके सीने से चिपका रखा था| वह मौका मिलते ही मेरे कूल्हों को दबाने से भी बाज़ नही आए... मुझे इस बात से कोई आपत्ति नही थी| मैं यहाँ आई इसलिए थी- - तफ़री लेने के लिए|

अचानक मुझे एहसास हुआ की दो टाँगों के बीच में एक अजीब सी चीज़ का दबाव पड़ रहा है|

मुझे समझते देर नही लगी की, डाक्टर साहब का मेरे उपर दिल आ गया है, और उनका गुप्त अंग तन के खड़ा हो गया है|

“मिस, क्या आप मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताना पसंद करेंगी?” उन्होने मुझ से पूछा|

“जी ज़रूर, पर मैं सिर्फ़ एक क़ुइक बैंग, के मूड मे ही हूँ”

“काश हर लड़की आप जैसी समझदार होती”, डॉक्टर साहब की बांछे खिल गई थी उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं इतनी जल्दी मान जाऊंगी|

एक एक और ड्रिंक लेने के बाद हम लोग स्वीमिंग पूल की तरफ गये|

वहाँ जैसे डाक्टर साहब पर जैसे हैवान हावी हो गया, वो मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे| मेरी पैंटी उतरते वक़्त उन्होने उसे फाड़ ही डाली... यह चार सौ रुपय की पैंटी थी... उनका यह रवैया बदलने के लिए मैने कहा, “डाक्टर साहब... रुकिये, मैं स्कर्ट उपर करती हूँ, आप पैंट तो उतरिए?”

डाक्टर साहब मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी बैल्ट खोरकर अपना पैंट उतरने लगे, उसके बाद मैं उनके आगोश मे थी|

“आपके के पास कंडोम तो हैं ना, डाक्टर साहब?”

“चुप हरामजादी, तू तो दूसरी रंडियों की तरह यहाँ चुदने आई है… कॉन्डोम का क्या लेना देना?”

मैं एकटक उनकी तरफ कुछ देर तक देखती रही.... जी तो कर रहा था कि मना कर दूँ लेकिन तबतक मैं इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझे भी थोड़ी शांति की ज़रूरत थी इसलिए इसके बाद मैं कुछ नही बोली| डाक्टर साहब ने मेरे बदन का निचला हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया और वह मेरे जिस्म जानना अंग मे अपना मर्दाना अंग घुसने ही वाले थे कि उनका मोबाइल फ़ोन बाज उठा|

यह शायद उसकी बीवी होगी, क्योंकि मुझे फ़ोन से एक औरत की आवाज़ सुनाई दे रही थी... वह काफ़ी गुस्से में थी| फ़ोन जैसे तैसे रखने के बाद उन्होने मुझ से कहा, “माफ़ करना आएशा, मुझे जाना होगा...”

मैने देखा की उनका लिंग अब बिल्कुल ढीला पद गया है| मुझे बड़ा गुस्सा आया मैने कहा, “हरामजादे, लड़की को चोदने के बहाने नंगा कर के बोलता है की जाना होगा? तेरा खड़ा नही होता क्या?”

“माफ़ करो आएशा, मेरी बीवी का फ़ोन आया था और देखो वह जो बंदा इस तरफ आ रहा है, वह इस होटेल का मैनेजर है और रिश्ते में मेरा साला, अगर उसने मुझे इस हालत मे देख लिया तो...”

मैने डाक्टर साहब पर दो तमाचे कस दिए, “मादरचोद, अब बता, किसी और से चुदने के लिए क्या मैं पैसे खर्च करूँ?”

डाक्टर साहब को भी गुस्सा आ गया उन्होने ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा गला दबाते हुए कहा, “सुन कुतिया, मौका रहता तो तुझे चोद के मैं तेरा कीमा बना डालता... मौके का इंतज़ार करना... अभी मुझे जाना होगा हरामजादी”

क्रमश:
Awesome update.
Aamtaur par ladko ke stah klpd jota hai par yha to dr ke sath miss ko bhi ho gaya .
Dr ke es faimly drame me miss pyasi rah gayi .
Lagta ab us bddhe bhikhari ke entry ka samay aa gya hai
 
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naag.champa

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Awesome update.
Aamtaur par ladko ke stah klpd jota hai par yha to dr ke sath miss ko bhi ho gaya .
Dr ke es faimly drame me miss pyasi rah gayi .
Lagta ab us bddhe bhikhari ke entry ka samay aa gya hai
धन्यवाद Ironman,

आपने बिल्कुल सही फरमाया, आयशा प्यासी ही रह गई है अब बेचारी घर का रुक कर रही है| अब आगे आगे पढ़िए होता है क्या....
:wink:
 
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