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Incest नज़मा की ज़िन्दगी का कामुक सफर

Pinky

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मित्रो ये एक इन्सेस्ट पे आधारित कहानी है| जिससे पसंद ना हो, मत पढ़े| अपडेट एक सप्ताह में दो से तीन आएंगे|

Update 1 | Update 2 | Update 3 | Update 4 | Update 5

Update 6 | Update 7 | Update 8 | Update 9 | Update 10

Update 11 | Update 12 | Update 13 | Update 14 | Update 15

Update 16 | Update 17 | Update 18 | Update 19 | Update 20

Update 21 | Update 22 | Update 23 | Update 24 | Update 25

Update 26 | Update 27 | Update 28 | Update 29 | Update 30

Update 31 | Update 32 | Update 33
 
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Pinky

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भाग 1

नज़मा एक 20 साल की चेन्नई में रहने वाली लड़की है | उसकी लम्बाई 5'6 " सुंदर गोरी त्वचा और दुबली पतली दिखाई देती है, कुछ-२ आलिआ भट्ट की तरह | उसके बोबे ना ज्यादा बड़े ना ज़्यादा छोटे, 34B साइज के हैं। उसकी गांड बहुत की गोल मटोल और शानदार है। देखने में एक दम माल लगती है | स्वभाव से बहुत ही शर्मीली और मासूम है। वह अपने परिवार के साथ रहती है। उसके परिवार में उसको छोड़ कर, उसके पापा, माँ और भाई है |

उसके पापा, शहजाद, एक निजी फर्म में एक अकाउंट मैनेजर हैं ।

उसकी माँ, परवीन, कपड़ों और मेकअप के सामन की शॉप चलाती हैं | उसकी माँ अपने व्यस्त जीवन शैली की कारन बहुत ही फिट है | बोबों और गांड को छोड़ के उसकी माँ का बदन भी पतला है | उसके बोबों का साइज 36C है और गांड बहुत ही बड़ी और जानमारु है | उसकी माँ इस उम्र में भी इतनी सेक्सी और फिट है की वो नज़मा की माँ की तुलना में नाज़मा की बहन ज़्यादा दिखती है ।

नज़मा का भाई, इरफ़ान, 18 साल का है और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है | क्योंकि भाई-बहन एक ही उम्र के हैं इसलिए दोनों मैं झगड़ा भी बहुत होता है और प्यार भी बहुत है | दोनों की एक दूसरे को परेशान करने की तरकीबें बनाते रहते हैं ।

नाज़मा का परिवार एक रूढ़िवादी परिवार है | वह जब भी बाहर जाती है बुर्का पहनती है । इसलिए घरवालों और रिश्तेदारों को छोड़ कर बहुत कम लोग ही उसे पहचानते हैं | नज़मा एक बहुत ही शर्मीली, मासूम और शरीफ लड़की है लेकिन उसका एक और छुपा हुआ व्यक्तित्व भी है | उससे लोगों को नंगे देखना या सेक्स करते हुए देखना बहुत पसंद है | वो ये भी चाहती है की कोई उसके बदन को देखे, नंगा देखे लेकिन अचानक से | जैसे की गलती से देख लिया हो, वो नहीं चाहती थी लेकिन परिस्थिति ऐसी बन जाये | ऐसा सोच कर ही वो बुरी तरह से उत्तेजित हो जाती | इनकी सब कल्पनाओं के बारे में सोचकर वो ना जाने कब से ऊँगली करती थी और अपनी गर्मी निकलती थी ।

नज़मा को नहीं पता था की वास्तविक रूप में सेक्स कैसा होता है, उसकी फीलिंग क्या होती है | उसकी सील अभी तक नहीं टूटी थी | सील क्या उसने अपनी ज़िन्दगी में अभी तक किसी के साथ सेक्स के बारे में बात तक नहीं की थी |

धीरे-२ रोज़ कल्पना करते हुए मुठ मारने से वो उकता गयी थी | वो असल में कुछ करना चाहती थी लेकिन उसे अपनी कल्पनों को, अपने सपनो को साकार करने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था | अब वो अपनी एक-दो फैंटसी को वास्तविकता में लाने का प्रयत्न करना चाहती थी | अब उससे लगने लगा था की एक बेजोड़ प्लान बनाया जाये और हिम्मत करके कुछ असल ज़िन्दगी में कोशिश की जाये, नहीं तो वो अपनी कल्पनों के भंवर में पागल हो जाएगी |
 

Pinky

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भाग 2

उसकी एक बहुत पुरानी फैंटसी थी, बुर्का के नीचे बिलकुल नंगे ही बाज़ार जाना | ऐसा सोचते ही उसके रोंगटे खड़े हो जाते थे | बुर्का ज्यादातर चूड़ीदार, सलवार-कमीज, साडी या फिर कभी-२ नाइटी के ऊपर भी पहना जाता है, और उसके नीचे अंडरवियर तो होते ही हैं | बुर्का ज्यादातर पतले कपडे का बना होता है, इसलिए उसमें से निप्पल की शेप दिखने का भी खतरा हो सकता है | इसलिए नज़मा ने काले रंग के बुर्के को चुना | वो बहुत डर रही थी लेकिन अब उसने ठान ली थी की ये फैंटसी तो पूरी करनी ही है | उसने पूरी योजना बना ली थी | वो नहीं चाहती थी की घर के किसी भी व्यक्ति को इसके बारे में भनक भी लगे, नहीं तो उसकी फैंटसी तो क्या पूरी होती, उसकी ज़िन्दगी ही नरक बन जाती | उसने अपने प्लान के लिए शनिवार का दिन चुना । उसके पापा शनिवार को भी ऑफिस जाते थे, माँ की दुकान पर शनिवार को थोड़ा ज़्यादा भीड़ रहती थी और भाई अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने सुबह ही निकल जाता था।

शनिवार को सब लोगों के जाने के बाद वो अपने कमरे में जाके सारे कपडे उतार के पूरी नंगी शीशे के सामने खड़ी हो गयी | उससे साफ़-सफाई बहुत पसंद थी | उसकी मुनिया बिलकुल सफाचट थी | वो आईने में अपने नग्न शरीर को निहारने लगी । जब भी वह कपड़े बदलती तो शीशे में अपने बदन को ज़रूर निहारती थी | उसने सोचा कि अगर वह इस तरह पूरी नंगी ही बाहर जाती है तो कैसा होगा । जैसे ही ये विचार उसके दिमाग में आया, उसकी मुनिया ने पानी बरसाना शुरू कर दिया | वो फिर से अपनी सपनो की दुनिया में पहुँच गयी |

लेकिन अब ये सपने देखने का समय नहीं था, अब तो सच में कुछ करना था | सपने देखना और सच करना दोनो अलग-अलग बातें है | उसके पेट में गुड़गुड़ होने लगी | एक बार तो सोचा की रहने दे लेकिन कभी तो करना है की | इसलिए उसने अपने प्लान पे आगे बढ़ने का फैसला किया |

उसने अपने मादरजात नंगे शरीर पर बुर्का पहना | ऐसे करने से ही वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गयी | उसके उभरे हुए निप्पल बुर्के के ऊपर से बिलकुल साफ़ दिखाई दे रहे थे लेकिन उसने अपने मन को समझाया की कोई इतनी पास से और इतने ध्यान से थोड़ा ना देखेगा | उसने दुपट्टे से अपना सिर ढक लिया और थोड़ा सा बोबों को छुपाने के असफल प्रयास भी किया ।

उसने जल्दी से अपना बैग उठाया और बाहर निकल गई ताकि कहीं उसके बुज़दिल विचार उससे कमज़ोर ना कर दें | जाने से पहले उसकी माँ ने उसे बाज़ार से कुछ सामान लाने के लिया कहा था | उसे पास की मंडी से सब्जी खरीदनी थी | इस मंडी में बहुत भीड़ रहती थी | वो गंदे गरीब लोग, एक-२ रुपए पे मोलभाव, गन्दगी, पसीने की बदबू, ये मंडी भी हमारे देश की बाकि सब्ज़ी मंडियों की तरह ही है |

नज़मा शर्मीली ज़रूर है लेकिन उसकी माँ ने उसे मोलभाव करना अच्छे से सिखाया है । हमारे देश में औरतें इस काम में बहुत कुशल होती हैं | वह तेज़-२ क़दमों से बाजार जाने लगी । उसके बोबे बहुत बड़े नहीं थे और बिलकुल सख्त भी थे इसलिए बिना ब्रा के भी बहुत ज़्यादा फुदकते हुए नहीं दिखाई दे रहे थे ।
 

ruby mittal

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भाग 1

नज़मा एक 20 साल की चेन्नई में रहने वाली लड़की है | उसकी लम्बाई 5'6 " सुंदर गोरी त्वचा और दुबली पतली दिखाई देती है, कुछ-२ आलिआ भट्ट की तरह | उसके बोबे ना ज्यादा बड़े ना ज़्यादा छोटे, 34B साइज के हैं। उसकी गांड बहुत की गोल मटोल और शानदार है। देखने में एक दम माल लगती है | स्वभाव से बहुत ही शर्मीली और मासूम है। वह अपने परिवार के साथ रहती है। उसके परिवार में उसको छोड़ कर, उसके पापा, माँ और भाई है |

उसके पापा, शहजाद, एक निजी फर्म में एक अकाउंट मैनेजर हैं ।

उसकी माँ, परवीन, कपड़ों और मेकअप के सामन की शॉप चलाती हैं | उसकी माँ अपने व्यस्त जीवन शैली की कारन बहुत ही फिट है | बोबों और गांड को छोड़ के उसकी माँ का बदन भी पतला है | उसके बोबों का साइज 36C है और गांड बहुत ही बड़ी और जानमारु है | उसकी माँ इस उम्र में भी इतनी सेक्सी और फिट है की वो नज़मा की माँ की तुलना में नाज़मा की बहन ज़्यादा दिखती है ।

नज़मा का भाई, इरफ़ान, 18 साल का है और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है | क्योंकि भाई-बहन एक ही उम्र के हैं इसलिए दोनों मैं झगड़ा भी बहुत होता है और प्यार भी बहुत है | दोनों की एक दूसरे को परेशान करने की तरकीबें बनाते रहते हैं ।

नाज़मा का परिवार एक रूढ़िवादी परिवार है | वह जब भी बाहर जाती है बुर्का पहनती है । इसलिए घरवालों और रिश्तेदारों को छोड़ कर बहुत कम लोग ही उसे पहचानते हैं | नज़मा एक बहुत ही शर्मीली, मासूम और शरीफ लड़की है लेकिन उसका एक और छुपा हुआ व्यक्तित्व भी है | उससे लोगों को नंगे देखना या सेक्स करते हुए देखना बहुत पसंद है | वो ये भी चाहती है की कोई उसके बदन को देखे, नंगा देखे लेकिन अचानक से | जैसे की गलती से देख लिया हो, वो नहीं चाहती थी लेकिन परिस्थिति ऐसी बन जाये | ऐसा सोच कर ही वो बुरी तरह से उत्तेजित हो जाती | इनकी सब कल्पनाओं के बारे में सोचकर वो ना जाने कब से ऊँगली करती थी और अपनी गर्मी निकलती थी ।

नज़मा को नहीं पता था की वास्तविक रूप में सेक्स कैसा होता है, उसकी फीलिंग क्या होती है | उसकी सील अभी तक नहीं टूटी थी | सील क्या उसने अपनी ज़िन्दगी में अभी तक किसी के साथ सेक्स के बारे में बात तक नहीं की थी |

धीरे-२ रोज़ कल्पना करते हुए मुठ मारने से वो उकता गयी थी | वो असल में कुछ करना चाहती थी लेकिन उसे अपनी कल्पनों को, अपने सपनो को साकार करने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था | अब वो अपनी एक-दो फैंटसी को वास्तविकता में लाने का प्रयत्न करना चाहती थी | अब उससे लगने लगा था की एक बेजोड़ प्लान बनाया जाये और हिम्मत करके कुछ असल ज़िन्दगी में कोशिश की जाये, नहीं तो वो अपनी कल्पनों के भंवर में पागल हो जाएगी |
Bhai k sath safar k baad dusri nayi kahani k liye aapko shubhkamnaye... Umeed h ki ye kafi masaledar hogi.
 

ruby mittal

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भाग 2

उसकी एक बहुत पुरानी फैंटसी थी, बुर्का के नीचे बिलकुल नंगे ही बाज़ार जाना | ऐसा सोचते ही उसके रोंगटे खड़े हो जाते थे | बुर्का ज्यादातर चूड़ीदार, सलवार-कमीज, साडी या फिर कभी-२ नाइटी के ऊपर भी पहना जाता है, और उसके नीचे अंडरवियर तो होते ही हैं | बुर्का ज्यादातर पतले कपडे का बना होता है, इसलिए उसमें से निप्पल की शेप दिखने का भी खतरा हो सकता है | इसलिए नज़मा ने काले रंग के बुर्के को चुना | वो बहुत डर रही थी लेकिन अब उसने ठान ली थी की ये फैंटसी तो पूरी करनी ही है | उसने पूरी योजना बना ली थी | वो नहीं चाहती थी की घर के किसी भी व्यक्ति को इसके बारे में भनक भी लगे, नहीं तो उसकी फैंटसी तो क्या पूरी होती, उसकी ज़िन्दगी ही नरक बन जाती | उसने अपने प्लान के लिए शनिवार का दिन चुना । उसके पापा शनिवार को भी ऑफिस जाते थे, माँ की दुकान पर शनिवार को थोड़ा ज़्यादा भीड़ रहती थी और भाई अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने सुबह ही निकल जाता था।

शनिवार को सब लोगों के जाने के बाद वो अपने कमरे में जाके सारे कपडे उतार के पूरी नंगी शीशे के सामने खड़ी हो गयी | उससे साफ़-सफाई बहुत पसंद थी | उसकी मुनिया बिलकुल सफाचट थी | वो आईने में अपने नग्न शरीर को निहारने लगी । जब भी वह कपड़े बदलती तो शीशे में अपने बदन को ज़रूर निहारती थी | उसने सोचा कि अगर वह इस तरह पूरी नंगी ही बाहर जाती है तो कैसा होगा । जैसे ही ये विचार उसके दिमाग में आया, उसकी मुनिया ने पानी बरसाना शुरू कर दिया | वो फिर से अपनी सपनो की दुनिया में पहुँच गयी |

लेकिन अब ये सपने देखने का समय नहीं था, अब तो सच में कुछ करना था | सपने देखना और सच करना दोनो अलग-अलग बातें है | उसके पेट में गुड़गुड़ होने लगी | एक बार तो सोचा की रहने दे लेकिन कभी तो करना है की | इसलिए उसने अपने प्लान पे आगे बढ़ने का फैसला किया |

उसने अपने मादरजात नंगे शरीर पर बुर्का पहना | ऐसे करने से ही वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गयी | उसके उभरे हुए निप्पल बुर्के के ऊपर से बिलकुल साफ़ दिखाई दे रहे थे लेकिन उसने अपने मन को समझाया की कोई इतनी पास से और इतने ध्यान से थोड़ा ना देखेगा | उसने दुपट्टे से अपना सिर ढक लिया और थोड़ा सा बोबों को छुपाने के असफल प्रयास भी किया ।

उसने जल्दी से अपना बैग उठाया और बाहर निकल गई ताकि कहीं उसके बुज़दिल विचार उससे कमज़ोर ना कर दें | जाने से पहले उसकी माँ ने उसे बाज़ार से कुछ सामान लाने के लिया कहा था | उसे पास की मंडी से सब्जी खरीदनी थी | इस मंडी में बहुत भीड़ रहती थी | वो गंदे गरीब लोग, एक-२ रुपए पे मोलभाव, गन्दगी, पसीने की बदबू, ये मंडी भी हमारे देश की बाकि सब्ज़ी मंडियों की तरह ही है |

नज़मा शर्मीली ज़रूर है लेकिन उसकी माँ ने उसे मोलभाव करना अच्छे से सिखाया है । हमारे देश में औरतें इस काम में बहुत कुशल होती हैं | वह तेज़-२ क़दमों से बाजार जाने लगी । उसके बोबे बहुत बड़े नहीं थे और बिलकुल सख्त भी थे इसलिए बिना ब्रा के भी बहुत ज़्यादा फुदकते हुए नहीं दिखाई दे रहे थे ।
Gazab ka shouk h nazma ko . Soch k hi shivering si ho gai ... Is shouk k liye or iske chakkar me na jane kya kya hoga ab..
 
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