भाग 1
नज़मा एक 20 साल की चेन्नई में रहने वाली लड़की है | उसकी लम्बाई 5'6 " सुंदर गोरी त्वचा और दुबली पतली दिखाई देती है, कुछ-२ आलिआ भट्ट की तरह | उसके बोबे ना ज्यादा बड़े ना ज़्यादा छोटे, 34B साइज के हैं। उसकी गांड बहुत की गोल मटोल और शानदार है। देखने में एक दम माल लगती है | स्वभाव से बहुत ही शर्मीली और मासूम है। वह अपने परिवार के साथ रहती है। उसके परिवार में उसको छोड़ कर, उसके पापा, माँ और भाई है |
उसके पापा, शहजाद, एक निजी फर्म में एक अकाउंट मैनेजर हैं ।
उसकी माँ, परवीन, कपड़ों और मेकअप के सामन की शॉप चलाती हैं | उसकी माँ अपने व्यस्त जीवन शैली की कारन बहुत ही फिट है | बोबों और गांड को छोड़ के उसकी माँ का बदन भी पतला है | उसके बोबों का साइज 36C है और गांड बहुत ही बड़ी और जानमारु है | उसकी माँ इस उम्र में भी इतनी सेक्सी और फिट है की वो नज़मा की माँ की तुलना में नाज़मा की बहन ज़्यादा दिखती है ।
नज़मा का भाई, इरफ़ान, 18 साल का है और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है | क्योंकि भाई-बहन एक ही उम्र के हैं इसलिए दोनों मैं झगड़ा भी बहुत होता है और प्यार भी बहुत है | दोनों की एक दूसरे को परेशान करने की तरकीबें बनाते रहते हैं ।
नाज़मा का परिवार एक रूढ़िवादी परिवार है | वह जब भी बाहर जाती है बुर्का पहनती है । इसलिए घरवालों और रिश्तेदारों को छोड़ कर बहुत कम लोग ही उसे पहचानते हैं | नज़मा एक बहुत ही शर्मीली, मासूम और शरीफ लड़की है लेकिन उसका एक और छुपा हुआ व्यक्तित्व भी है | उससे लोगों को नंगे देखना या सेक्स करते हुए देखना बहुत पसंद है | वो ये भी चाहती है की कोई उसके बदन को देखे, नंगा देखे लेकिन अचानक से | जैसे की गलती से देख लिया हो, वो नहीं चाहती थी लेकिन परिस्थिति ऐसी बन जाये | ऐसा सोच कर ही वो बुरी तरह से उत्तेजित हो जाती | इनकी सब कल्पनाओं के बारे में सोचकर वो ना जाने कब से ऊँगली करती थी और अपनी गर्मी निकलती थी ।
नज़मा को नहीं पता था की वास्तविक रूप में सेक्स कैसा होता है, उसकी फीलिंग क्या होती है | उसकी सील अभी तक नहीं टूटी थी | सील क्या उसने अपनी ज़िन्दगी में अभी तक किसी के साथ सेक्स के बारे में बात तक नहीं की थी |
धीरे-२ रोज़ कल्पना करते हुए मुठ मारने से वो उकता गयी थी | वो असल में कुछ करना चाहती थी लेकिन उसे अपनी कल्पनों को, अपने सपनो को साकार करने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था | अब वो अपनी एक-दो फैंटसी को वास्तविकता में लाने का प्रयत्न करना चाहती थी | अब उससे लगने लगा था की एक बेजोड़ प्लान बनाया जाये और हिम्मत करके कुछ असल ज़िन्दगी में कोशिश की जाये, नहीं तो वो अपनी कल्पनों के भंवर में पागल हो जाएगी |