वाह रानी वाह क्या मस्त खुसबू है तेरे पाद की मज़ा आ गया तेरा पाद सूघ कर, चल पहते तुझे टट्टी करवा दू चल नंगी हो कर कुतिया बनी बाथरूम की और चल,
और में अपने मालिक का हुकुम मानती कुतिया की तरह चलने लगी राधा बुआ भी मेरे पीछे पीछे कुतिया बन कर चलने लगी,
और गोपाल हम दोनों के पीछे चल रहा था मुझे बहुत जोर से टट्टी लग रही थी, और कुतिया बनकर चलने से बार बार मेरा पाद निकल जा रहा था जो सीधा राधा बुआ के मुँह से टकरा रहा था, लेकिन राधा बुआ बुरा मानने की जगह अपना मुँह खोल कर जोर से सांस लेकर मेरी गांड से निकलती गन्दी बदबू को सूघ रही थी, और गोपाल भी पूरी मस्ती में आके मेरी गांड की महक को मज़े से सूंग रहा था, बाथरूम में पहुँचते ही गोपाल ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उठाया और कमोड पर बैठा दिया, और अपना गन्दा लण्ड जो कालरात की राधा बुआ की गांड मराई से लण्ड के माल और राधा बुआ के गांड के माल से सना था मेरी नाक के पास ले आया, और अपनी लण्ड की चमड़ी नीचे कर के सुपडे को खोल दिया, चमड़ी नीचे होते ही लण्ड से बहुत है गन्दी बदबू आई, लेकिन अब तो मुझे यह सारी गंदगी मानो हेरोइन का नशा लग रही थी, मेरी आखे बंद होने लगी किसी कामुक कुतिया की तरह मेने अपनी लार टपकती जीव से उस का सूपड़ा चाट लिया, सुपडे पर लगा घिनोना माल मुझे अमृत लगा मेने सुपडे को अपनी पाकीजा मुँह में भर लिया और अपनी जीव से उसे चाटने ली, और वो गंदगी निगलने लगी ,गोपाल अपनी पैर फेळके मेरे सामने खड़ा था राधा बुआ कुतिया बनी गोपाल के पीछे बैठी थी और सर ऊपर करे जीव से गोपाल की गांड और उस के अंण्डे चाटे जा रही थी, उन के मुँह से भी कुतिया जैसी लार बह रही थी ,तभी गोपाल ने मेरे सर को पकड़ा और बिना कुछ कहे जोर का झटका मर के मेरे पाकीजा मुँह में अपना गंदगी से सना लण्ड पेल दिया, मुझे जोर का झटका लगा मेरा मुँह मनो फट गया सास रुक गई, गोपाल का लम्बा मोटा लण्ड सीधा मेरे गले में जाके फास गया, मुझे जोर से मितली सी आ गई और बहुत ही जोर से मेरे गांड सी टट्टी और चूत से पिशाब निकल पड़ी, मेरी नाक से पतला पतला पानी बहने लगा मेरी आखो से आसुओं की बारिस होने लगी ,मेरी टट्टी से पूरा कमोड भर गया मेरी चूत से निकलती पिशाब गोपाल की गाड़ चाट रही राधा बुआ के मुँह पर पड़ रही थी, तभी गोपाल ले आधा लण्ड बहार खींचा और फिर एक झटके में पूरा गले तक पेल दिया झटका लगते ही मेरी चूत से पिशाब की पिचकारी निकली जो राधा व के मुँह पर गिरी, गोपाल जोर जोर से सांसे ले ले कर बाथरूम में भरी बदबू को सूघ रहा था, हर सांस के साथ उस का नशा बढ़ता जा रहा था राधा बुआ अब अपना मुँह मेरी पिशाब निकलती चूत पर रख दिया और मेरी चूत को जोर जोर से चूसना सुरु कर दिया, गोपाल ने भी अब अपने झटको की रफ़्तार बड़ा दी, वो तेज़ी से अपने लण्ड से मेरे मुँह को चोदने लगा उस के हर झटके के साथ मेरी गांड से टट्टी निकल कर कमोड में गिर रही थी और चूत से पिशाब निकल कर राधा बुआ के मुँह में जा रहा था, जिसे बुआ बड़े मज़े और उत्तेजना के साथ पीती जा रही थी, अब मुझे भी गोपाल का लण्ड अपने गले में लेना अच्छा लगने लगा था बाथरूम में फैली टट्टी की बदबू का नशा मुझपर भी चढ़ता जा रहा था, में भी पूरा मुँह खोले गोपाल के गंदगी से भरे लण्ड से अपना गला चुदवाती जा रही थी बुआ की जीव मेरी चूत में हलचल मचा रही थी ,जिंदगी में पहली वार मुझे वासना की ताकत का एहसास हो रहा था मेरे जैसी पाकीजा पर्दानशी पड़ी लिखी खानदानी लड़की वासना की आग में जल कर कितना घिनोना सेक्स कर रही थी ,एक मामूली नौकर की गुलाम बन गई थी,
यही होता हे दुनिया का सब से खतरनाक नशा वासना का नशा, जिस के सर चढ़ने के बाद इंसान नरपिचाश बन जाता है, उसे और कुछ नहीं दिखता न छोटे बड़े का भेद न रिस्तो की मर्यादा न समाज जाती धरम के बनाये नियम, वासना के नशे में डुवा इंसान कुछ भी कर सकता है, वो बलात्कार कर सकता है, वो मर्डर कर सकता है, वो पारिवारिक रिस्तो को कलंकित कर सकता है, वो दुनिया का घिनोने से भी घिनोना काम कर सकता है,
वासना से बड़ा कोई नशा नहीं
मेरे मुँह से थूक के छींटे उड़े जा रहे थे, गोपाल अपना पूरा लण्ड मेरे गले तक पेले जा रहा था, उस के बड़े बड़े झाटो से भरे अंडकोश मेरे चेहरे से टकरा रहे थे, मेरी नाक से बहता पानी गोपाल के लण्ड पर लग कर मेरे मुँह में जा रह था, बुआ भी जोर जोर से मेरी चूत को चाटे जा रही थी, कभी कभी वो मेरी क्वारी चूत को पूरा मुँह में भर कर हलके हलके दातो से काट रही थी ,अब बुआ के हाथ मेरी अनछुई चूचियों पर पहुंच गए वो चूत पीते पीते मेरे निपल मसलने लगी लगी मेरी चूचियों को मसलने लगी, वहां गोपाल भेडियो जैसे गुर्राने लगा, ले कुतिया ले अपने मालिक का लण्ड अपने मुँह में, पूरा मुँह खोल कुतिया साली तेरी माँ को चोदू रांड हरामिन देखो साली को कैसे मुँह चुदबाते चुदबाते हग रही है, रंडी की औलाद तेरी माँ ने हजारो से चुद कर तुझे पैदा किया होगा साली रंडी खोल मुँह ,ले मेरा लण्ड,
किसी ने जिंदगी में पहलीवार मुझे इतनी गन्दी गन्दी गालिया दी थी लेकिन में तो इस समय दुनिया के सब से खतरनाक वासना के नशे में डूबी थी, इस समय तो मुझे यह गालियां भी बहुत अच्छी लग रही थी, में पूरा दम लगाके गोपाल का लण्ड अपने गले में लेती जा रही थी, बुआ के चूसने से मेरी चूत में भी आग लगने ले थी मेने अपने दोनों हाथो से बुआ सा सर अपनी चूत पर दवा दिया बुआ भी मेरी हालत समझ गई,
और उन्होंने अपनी जीव मेरी चूत में पेल दी बुआ की जीव चूत में जाते ही में सिहर गई कुझे जोर के कप कपी सी आई और मेरी चूत से माल की धार फूट पड़ी , बुआ और जोर जोर से मेरी चूत में जीव पेलने लगी और मेरी चूत से बहता चूत का ताज़ा ताज़ा माल चाटने लगी,
वह गोपाल भी झड़ने के करीब था, ले मेरी नयी गुलाम ले खा अपने मालिक का माल, पिले अपने मालिक का लण्ड का माल बन जा मेरी रंडी आ आ आआ ,और गोपाल ने मेरा सर पकड़ कर जोर से अपना पूरा लण्ड मेरे गले में पेल दिया और उस के लण्ड से गरम गरम माल मेरे गले में टपकने लगा, अपने गले में लण्ड के माल को महसूस कर में बुआ के मुँह में झड़ती जा रही थी, और गोपाल का माल निगलती जा रही थी, मेरे मुँह में पूरा माल छोड़ कर गोपाल ने लण्ड मेरे मुँह से नकल लिया में में आँखे बंद किये वासना के नशे में हवा में उड़ रही थी,
चल रांड तैयार हो जा अपने मालिक के पिशाब से नहाकर खुद को पवित्र कर और मेरा पिशाब पीकर अपनी गुलामी साबित कर, चल अब तुझे रोज मेरा पिशाब पीना होगा और इसी से नहाना होगा,
मेने अध् खुली आखो से देखा तो, गोपाल अपना लण्ड लिए मेरे सामने खड़ा था,
पिशाब से नहाने और पीने की बात सुन कर मेरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई में कुछ ज्यादा सोच पाती उस से पहले गोपाल के लण्ड से निकल कर पिशाब की मोटी धार मेरे चेहरे पर पड़ी,
उफ़ कितनी तीखी गंध थी एक बूढ़े शराबी की पीली पीली बदबूदार पिशाब एक कुवारी खूबसूरत खानदानी लड़की के मुँह पर पड़ रही थी, वासना के नशे से मेरा मुँह अपने आप खुल गया, और में गोपाल का कसेला घिनौना पीला पीला पिशाब पिने लगी एक घुट पीते ही में और मदहोस हो गई और कमोड से उठ कर गोपाल के सामने घुटनो के बल बैठ कर मेने उस का पिशाब करता लण्ड अपने मुँह में भर लिया और दीवानो की तरह उस का पिशाब निगलने लगी,
हा हा हा हा देख राधा रांड देख साली को बड़ी शरीफ पाकीज़ा बन रही थी, देख कुतिया को कैसे अपनी हगी हगाई गांड लेकर मेरे लण्ड का पिशाब पी रही है, देख राधा देख यह मेरी सब से अच्छी गुलाम बनेगी, चल राधा तू मूत इस के ऊपर और अपने मूत से नहा इस को, मेरा मूत तो यह साली पूरा पीकर ही मनेगी,
में गोपाल का पिशाब पी रही थी और राधा बुआ में मेरे ऊपर मूतना सुरु कर दिया वो मेरे सर पर मूत रही थी में उन के गरम गरम मूत से नहाने लगी मेरा नशा और बाद गया, मेने दोनों हाथो से गोपाल की गांड पकड़ कर अपना मुँह उस के पिशाब करते लण्ड पर दवादिया और उस का लण्ड फिर से मेरे गले में समां गया और उस के लण्ड से निकलती गरम पिशाब की धार सीधा मेरे पेट में जाने लगी,
पिशाब ख़तम हो जाने के बाद गोपाल ने मेरे बाल पकड़ कर लण्ड मेरे मुँह से निकल लिया और मुझे दक्का दिया में पीछे खिसक गई और कमोड का सहारा लेकर टिक गई , में हगने के बाद टट्टी सनी गांड लेकिन पिशाब से नहाई, चेहरे पर लण्ड का माल नाक थूक भिड़ाये, कमोड से टिक गई, वो कमोड जो मेरी टट्टी से भरा था दो मिनिट पहले जहां मेरा मुँह चुद रहा था, इतनी गंदे माहौल में मुझे कुछ भी बुरा नहीं लग रहा था इन सब गन्दी चीजों से मेरा नशा और बड़ रहा था, में सारी दुनिया को भूल कर वासना के नशे में डूब चुकी थी ,
चल राधा घर चलते है, और तू सुन मेरी नयी गुलाम आज रात ८ बजे हमारे घर आ जाना,
आज तुझे में लड़की से औरत बनाऊगा, आज में तेरी चूत की सील खोल कर तुझे अपनी रंडी बनाऊगा,
अपना गुलाम बनाऊगा,
आज की रात तेरा नया जनम होगा,
आज की रात में तुजे " नरपिचाश " बनाऊगा, आज की रात तेरा " रक्त स्नान " होगा,