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Incest दूध का दम

Smoker king

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Update 11

जब मैं अपने कमरे में आता हूं तो देखता हूं कि मम्मी मेरे कमरे में अपने सारे कपड़े रख रही थी।जब मैं मम्मी से इस बारे में पूछता हूं तो वह कहती है कि अगर तु जीत गया तो मुझे यही तो रहना है तो अभी से ही तैयारी कर रही हूं।

उसके बाद मैं कुछ भी नहीं कहता और वहां से निकल के सीधा कुल देवता के मंदिर पहुंच जाता हूं जहां पर पहले से ही सारे गांव वाले मौजूद था।

मुझे जो लोग सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वो था वहां पर खड़े पांच पहाड़ जैसे पहलवान।यह तो अच्छा था कि इनके साथ हमें लड़ना नहीं करना था अगर इनसे लड़ना होता तो हम जरूर हार जाते।

तभी मुखिया जी इस खेल का नियम बताते हैं - यह मुखिया बनने का आखिरी खेल है और इस खेल के नियम के अनुसार आप लोगों को इन पहलवानों के चूतड़ पर एक थप्पड़ मारकर इन्हें इनके जगह से हिलाना होगा या फिर इनके मुंह से दर्द की आवाज को निकालना होगा।

मैं मन ही मन सोचता हूं इन लोगों को गोली मार दे तो भी ये लोग अपनी जगह से तस से मस ना हो और ना ही अपने मुंह से आवाज निकाले यहां तो मैं पक्का हार जाऊंगा।

जिसके बाद खेल शुरू होता है और एक-एक करके सब लोग अपने-अपने पहलवानों के पिछवाड़े पर थप्पड़ मारने लगता है लेकिन कोई भी पहलवान अपनी जगह से जरा सा भी नहीं मिलता है।

तभी मेरा बारी आ जाता है और मैं भी एक पहलवान के पीछे खड़ा हो जाता हूं और वह मेरे आगे अपनी गांड को मुझे दिखाते हुए खड़ा हो जाता है।

मैं अपने आंख को बंद करता हूं और ऊपर वाले का नाम लेते हुए अपने हाथ को चला देता हूं जो सीधा जाकर उस पहलवान के पिछवाड़े पर लगता है और एक छत का आवाज गूंजी जाता है इस हमले से मेरा हाथ भी सुन पड़ गया था।

जब मैं अपना आंख खोलता हूं तो मेरे दिल का धड़कना थोड़ा सा शांत होता है क्योंकि पहलवान नीचे पेट के बल गिरा हुआ था। जिसका मतलब मैं जीत गया था और इसका सबूत गांव वाले अपने तालियों से दे रहे थे।

मैं भीड़ में इधर उधर देखता हूं लेकिन मुझे मम्मी कहीं भी नजर नहीं आती है मैं मन में काफी दुख महसूस करता हूं। मम्मी जिस पल का इंतजार इतने सालों से कर रही थी उसे देखने के लिए वह खुद ही वहां पर मौजूद नहीं थी।

लेकिन तभी मुझे पापा देखते हैं जो काफी खुश थे और उन्हें गांव के कुछ लोग बधाई भी दे रहे थे। मैं भी उनके चेहरे पर खुशी देखकर खुश हो जाता हूं।
तभी मुखिया जी आते हैं और मेरे हाथ को ऊपर उठाते हुए कहते हैं - आज से राजु इस गांव का मुखिया है पूरे परंपरा के साथ आज इसे इस गांव का मुखिया बनाया जाएगा।

फिर कई परंपराओं के साथ मुझे गांव का मुखिया बना दिया जाता है जिसके बाद में और पापा घर की तरफ चल देते हैं घर के पास पहुंचते ही पापा कहते हैं - अरे मैं तो भूल ही गया आज गायों के लिए चारा लाने बाजार जाना है मैं थोड़ी ही देर में आ जाऊंगा तब तक तुम लोग तैयार हो जाना 6:00 बजे तुम लोगों की शादी है।

उसके बाद पापा वहां से चले जाते हैं और मैं घर के अंदर। घर के अंदर मुझे मम्मी कहीं भी नजर नहीं आ रही थी मैं उन्हें इस खुशखबरी को देने के लिए बेताब था कि उसका बेटा गांव का मुखिया बन गया।

तभी मुझे मम्मी मेरे कमरे से बाहर आते हुए नजर आती है।वे काफी थकी हुई थी उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था।

मैं मम्मी के पास दौड़कर जाता हूं और उन्हें अपनी गोद में उठाते हुए कहता हूं - मम्मी तुम्हारा बेटा मुखिया बन गया।
मम्मी - सच
मैं - हां और नहीं तो क्या। तुम तो वहां पर थी नहीं क्या कर रही थी इतने देर से घर में। मैं आपसे बहुत नाराज हूं।
मम्मी - माफ कर दे बेटा घर में बहुत काम था। और हमारे। इतना कहते ही मम्मी चुप हो जाती है मैं मम्मी से पूछता हूं हमारे क्या मम्मी।
मम्मी - कुछ नहीं वह छोड़ यह बता कि शादी का क्या समय बताया है उन लोगों ने।
मैं मम्मी के गालों को अपने हाथ से खींचते हुए - क्या बात है मम्मी सब्र नहीं हो रहा है।
मम्मी मेरे कंधे पर एक मुक्का मारते हुए कहती है - चुप रह बदमाश अगर तू कहे तो शादी के लिए ना कह दु में।
मैं - नहीं मम्मी ऐसा मत करो प्लीज वरना मैं मर जाऊंगा। और हां हम दोनों की शादी 6:00 बजे को होने वाला है। पापा ने कहा हम दोनों को तैयार होकर रहने के लिए।
मम्मी - अच्छा ठीक है अब छोड़ मुझे मुझे भी नहाना है तैयार होना है। और तू भी शादी के कपड़े पहन कर तैयार हो जाना।

मुखिया के चुनाव के कारण समय काफी ज्यादा हो गया था। इसलिए मैं भी ज्यादा समय नहीं गांवता हूं और अपने कमरे की तरफ चल देता हूं। लेकिन जैसे ही मैं अपने कमरे के पास पहुंचता हूं तो देखता हूं कि कमरे के बाहर दरवाजे पे एक बड़ा सा ताला लटका हुआ था।

जिसे देखने के बाद में चौक जाता हूं जब मैं मम्मी से इस बारे में पूछता हूं तो वह कहती है कि अभी तू अपने कमरे में मत जा एक सरप्राइज है शादी के बाद तो तुझे वहीं पर रहना मेरे साथ तेरे सारे कपड़े मेरे कमरे में है वहां जाकर कपड़े बदल ले। मैं मम्मी का बात मानता हूं और उनके और पापा के कमरे में चला जाता हूं। जहां पर मैं तैयार होने लगता हूं मेरे तैयार होती है पापा आते हैं और मुझे अपने साथ कुल देवता के मंदिर ले जाते हैं।
 

Abhi32

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Update 11

जब मैं अपने कमरे में आता हूं तो देखता हूं कि मम्मी मेरे कमरे में अपने सारे कपड़े रख रही थी।जब मैं मम्मी से इस बारे में पूछता हूं तो वह कहती है कि अगर तु जीत गया तो मुझे यही तो रहना है तो अभी से ही तैयारी कर रही हूं।

उसके बाद मैं कुछ भी नहीं कहता और वहां से निकल के सीधा कुल देवता के मंदिर पहुंच जाता हूं जहां पर पहले से ही सारे गांव वाले मौजूद था।

मुझे जो लोग सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वो था वहां पर खड़े पांच पहाड़ जैसे पहलवान।यह तो अच्छा था कि इनके साथ हमें लड़ना नहीं करना था अगर इनसे लड़ना होता तो हम जरूर हार जाते।

तभी मुखिया जी इस खेल का नियम बताते हैं - यह मुखिया बनने का आखिरी खेल है और इस खेल के नियम के अनुसार आप लोगों को इन पहलवानों के चूतड़ पर एक थप्पड़ मारकर इन्हें इनके जगह से हिलाना होगा या फिर इनके मुंह से दर्द की आवाज को निकालना होगा।

मैं मन ही मन सोचता हूं इन लोगों को गोली मार दे तो भी ये लोग अपनी जगह से तस से मस ना हो और ना ही अपने मुंह से आवाज निकाले यहां तो मैं पक्का हार जाऊंगा।

जिसके बाद खेल शुरू होता है और एक-एक करके सब लोग अपने-अपने पहलवानों के पिछवाड़े पर थप्पड़ मारने लगता है लेकिन कोई भी पहलवान अपनी जगह से जरा सा भी नहीं मिलता है।

तभी मेरा बारी आ जाता है और मैं भी एक पहलवान के पीछे खड़ा हो जाता हूं और वह मेरे आगे अपनी गांड को मुझे दिखाते हुए खड़ा हो जाता है।

मैं अपने आंख को बंद करता हूं और ऊपर वाले का नाम लेते हुए अपने हाथ को चला देता हूं जो सीधा जाकर उस पहलवान के पिछवाड़े पर लगता है और एक छत का आवाज गूंजी जाता है इस हमले से मेरा हाथ भी सुन पड़ गया था।

जब मैं अपना आंख खोलता हूं तो मेरे दिल का धड़कना थोड़ा सा शांत होता है क्योंकि पहलवान नीचे पेट के बल गिरा हुआ था। जिसका मतलब मैं जीत गया था और इसका सबूत गांव वाले अपने तालियों से दे रहे थे।

मैं भीड़ में इधर उधर देखता हूं लेकिन मुझे मम्मी कहीं भी नजर नहीं आती है मैं मन में काफी दुख महसूस करता हूं। मम्मी जिस पल का इंतजार इतने सालों से कर रही थी उसे देखने के लिए वह खुद ही वहां पर मौजूद नहीं थी।

लेकिन तभी मुझे पापा देखते हैं जो काफी खुश थे और उन्हें गांव के कुछ लोग बधाई भी दे रहे थे। मैं भी उनके चेहरे पर खुशी देखकर खुश हो जाता हूं।
तभी मुखिया जी आते हैं और मेरे हाथ को ऊपर उठाते हुए कहते हैं - आज से राजु इस गांव का मुखिया है पूरे परंपरा के साथ आज इसे इस गांव का मुखिया बनाया जाएगा।

फिर कई परंपराओं के साथ मुझे गांव का मुखिया बना दिया जाता है जिसके बाद में और पापा घर की तरफ चल देते हैं घर के पास पहुंचते ही पापा कहते हैं - अरे मैं तो भूल ही गया आज गायों के लिए चारा लाने बाजार जाना है मैं थोड़ी ही देर में आ जाऊंगा तब तक तुम लोग तैयार हो जाना 6:00 बजे तुम लोगों की शादी है।

उसके बाद पापा वहां से चले जाते हैं और मैं घर के अंदर। घर के अंदर मुझे मम्मी कहीं भी नजर नहीं आ रही थी मैं उन्हें इस खुशखबरी को देने के लिए बेताब था कि उसका बेटा गांव का मुखिया बन गया।

तभी मुझे मम्मी मेरे कमरे से बाहर आते हुए नजर आती है।वे काफी थकी हुई थी उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था।

मैं मम्मी के पास दौड़कर जाता हूं और उन्हें अपनी गोद में उठाते हुए कहता हूं - मम्मी तुम्हारा बेटा मुखिया बन गया।
मम्मी - सच
मैं - हां और नहीं तो क्या। तुम तो वहां पर थी नहीं क्या कर रही थी इतने देर से घर में। मैं आपसे बहुत नाराज हूं।
मम्मी - माफ कर दे बेटा घर में बहुत काम था। और हमारे। इतना कहते ही मम्मी चुप हो जाती है मैं मम्मी से पूछता हूं हमारे क्या मम्मी।
मम्मी - कुछ नहीं वह छोड़ यह बता कि शादी का क्या समय बताया है उन लोगों ने।
मैं मम्मी के गालों को अपने हाथ से खींचते हुए - क्या बात है मम्मी सब्र नहीं हो रहा है।
मम्मी मेरे कंधे पर एक मुक्का मारते हुए कहती है - चुप रह बदमाश अगर तू कहे तो शादी के लिए ना कह दु में।
मैं - नहीं मम्मी ऐसा मत करो प्लीज वरना मैं मर जाऊंगा। और हां हम दोनों की शादी 6:00 बजे को होने वाला है। पापा ने कहा हम दोनों को तैयार होकर रहने के लिए।
मम्मी - अच्छा ठीक है अब छोड़ मुझे मुझे भी नहाना है तैयार होना है। और तू भी शादी के कपड़े पहन कर तैयार हो जाना।

मुखिया के चुनाव के कारण समय काफी ज्यादा हो गया था। इसलिए मैं भी ज्यादा समय नहीं गांवता हूं और अपने कमरे की तरफ चल देता हूं। लेकिन जैसे ही मैं अपने कमरे के पास पहुंचता हूं तो देखता हूं कि कमरे के बाहर दरवाजे पे एक बड़ा सा ताला लटका हुआ था।

जिसे देखने के बाद में चौक जाता हूं जब मैं मम्मी से इस बारे में पूछता हूं तो वह कहती है कि अभी तू अपने कमरे में मत जा एक सरप्राइज है शादी के बाद तो तुझे वहीं पर रहना मेरे साथ तेरे सारे कपड़े मेरे कमरे में है वहां जाकर कपड़े बदल ले। मैं मम्मी का बात मानता हूं और उनके और पापा के कमरे में चला जाता हूं। जहां पर मैं तैयार होने लगता हूं मेरे तैयार होती है पापा आते हैं और मुझे अपने साथ कुल देवता के मंदिर ले जाते हैं।
Nice update bhai ab to shadi ke update ka intezar hai
 
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