SKYESH
Well-Known Member
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#1...
मौसम कोई खास खुशगवार नहीं था , ................
उम्मीद थी की कोई नौकर दरवाजा खोलेगा पर जब दरवाजा खुला तो मेरे सामने वो खड़ी थी..............................
mast dost......
#1...
मौसम कोई खास खुशगवार नहीं था , ................
उम्मीद थी की कोई नौकर दरवाजा खोलेगा पर जब दरवाजा खुला तो मेरे सामने वो खड़ी थी..............................
फौजी भाई अपनी हर कहानी को पूरा करता है चाहे कुछ भी हो जाये ....shayad AADHURI kahani lagti hai
mujhe bhi laga ki ye fauji ki hi kahani hai........... nam beshak dilwale hai lekin kahani shayad "pyas jismon ki" ki tarah shuru ki gayi hai......... kewal narration badal gaya hai........kuchh scene change haiवाह फौजी हमेशा कि तरह धांसू शुरुआत गजब का गाँव दर्शन कोई तुमसे सीखे !! हर कहानी का अपना मजा आता है ..लेकिन तुम्हारी कहानियों में गाँव की मिट्टी परिवार से बिछडने का दर्द , मासूका से अधूरी मोहब्बत और ना जाने कितनी ही घटनाऐं बस अपनी सी लगती है ....एक बार फिर स्वागत है भाई !!! पुरानी कहानियों का कोई लिंक या PDF हो तो शेयर कर देना !! .....नई कहानी के लिये बहुत बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएें तुम्हारा भाई.....Ben Tennyson