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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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#31

जब हमारी नजरे मिली तो मेरा दिल धक् से रह गया . इतना दर्द हुआ मुझे . खून से लथपथ उस चेहरे पर जो आंखे चमक रही थी एक सर्द लहर मेरे दिल में समां गयी. उन होंठो से टपकता लहू . उसे देख कर मेरे दिल ने बगावत कर दी . आँखों ने कहा ये ही है दिल ने कहा नहीं ये नहीं हो सकता.

“क्यों , ” भर्राए गले से मैंने बस इतना ही पूछा.

हालात देखिये हम दोनों की ये मुलाकात ऐसे समय में हुई थी जब हमारे दरमियान एक लगभग मर गयी औरत थी और उस औरत के खून में सनी थी निशा, वो निशा जिसे दिल ने अपना मान लिया था . ये तो मैं था जिसका दिल अभी भी धडक रहा था वर्ना निशा को ऐसे रक्त तृष्णा से घिरी हुई देख कर अब तक पागल हो चूका होता . तो क्या निशा के इसी रूप को देख कर उन तमाम लोगो की वो हालत हुई थी .

मैं- मैंने तुझसे कहा था निशा की तू मेरा खून पीकर अपनी प्यास बुझा लेना . मैंने तुझसे वादा किया था और तूने भी मुझसे एक वादा किया था की जब भी तुझे रक्त तृष्णा होगी तू मेरा लहू पीने आएगी . पर तूने अपना वादा तोडा निशा.

मैंने कम्बल ओढा हुआ था फिर भी मैं बुरी तरह काँप रहा था कुछ ठण्ड से कुछ डर से . डायन का ऐसा रूप मैंने पहली बार देखा था . मेरी आँखे उस से सवाल कर रही थी पर वो कुछ नहीं बोली .

मैं- बोलती क्यों नहीं तुम . किसकी वजह से जान गयी इस औरत की

निशा- नियति की वजह से जान गयी इस औरत की

मैं- किसकी नियति इसकी या तुम्हारी

निशा ने फिर से चुप्पी ओढ़ ली.

मैं- तू मुझे भी मार दे निशा

निशा- ये क्या कह रहा है तू कबीर मैं तुझे नुकसान पहुंचा सकती हूँ ये सोचा भी कैसे तूने

मैं- क्यों न सोचु मैं, मेरे सामने मेरे गाँव की एक औरत ने दम तोडा है

निशा- जाने वालो को कोई नहीं रोक सकता कबीर न तू न मैं

मै- पर कोई मेरी वजह से ही गया तो मुझे मंजूर नहीं निशा

निशा- तेरा मन आहत है तू समझ नहीं पा रहा

मैं- तू ही बता मैं क्या समझूँ ,

निशा- तू अभी जा यहाँ से कबीर . मैं तुझे तेरी दहलीज तक छोड़ आती हूँ

मैं- जाऊंगा , जाना तो है ही इस लाश को मिटटी भी तो देनी पड़ेगी . यहाँ छोड़ के गया तो कोई और जानवर नोच खायेगा इसे.

निशा- इसे लेकर गया तो तेरे गाँव वाले तुझे ही दोषी समझेंगे . तेरे दुश्मन हो जायेंगे

मैं- क्या ही फर्क पड़ेगा उन लोगो के तानो से दिल तो मेरा तूने तोड़ दिया .

निशा- ऐसा मत कह कबीर

मैं अपने आंसू नहीं रोक पाया.

“दिल तोड़ दिया तूने और मैं भी भला किस से उम्मीद लगा बैठा था ये नहीं समझा की डायन के सीने में कहाँ दिल होता है जा रहा हु मैं निशा पर मैं जाते जताए तुझसे ये ही कहूँगा की अगर इस गाँव की तरफ तेरे कदम फिर बढे तो वो मेरे दर पर आकर रुकने चाहिए . तू जब चाहेगी मेरा लहू तेरे लबो पर बिखरे को तैयार रहेगा पर इन गाँव वालो का कोई दोष नहीं है इन पर मेहर करना ” मैंने कहा

निशा के होंठ कुछ कहने के लिए खुले पर फिर बंद हो गए उसने चुप्पी साध ली. मैंने कविता भाभी के बदन को कम्बल में समेटा और उसे लाद कर गाँव की तरफ चल पड़ा. पैर डगमगा रहे थे , आँखों में सैलाब था दिल जो टुटा था पर करते भी क्या . मुझे घंटा भी परवाह नहीं थी की गाँव वाले मुझे इस हाल में देखेंगे तो क्या होगा. मैंने वैध के दरवाजे पर कविता की लाश को रखा और वापिस से कुवे पर आ गया. जी चाहता था न जाने क्या कर दू पर कुछ नहीं कर सका . लिहाफ में घुस तो गया था पर नींद कोसो दूर थी आँखों से.

बुझे मन से थके कदमो से चलते हुए मैं चाची के साथ वापिस गाँव में पहुंचा और जैसा मुझे अंदेशा था गाँव में रोना-पीटना मचा था . हम लोग भी वैध के घर पे पहुँच गए देखा की भाभी-भैया पहले से ही वहां पर मोजूद थे . जैसे ही भाभी ने मुझे देखा वो मेरे पास आई और बोली- अभी के अभी मेरे साथ चलो

मैं- कहाँ भाभी

भाभी ने जवाब नहीं दिया और मुझे घर ले आई. आते ही भाभी ने दो-तीन थप्पड़ मेरे मुह पर दे मारे और बोली- मैं सिर्फ सच सुनना चाहूंगी . सिर्फ सच कविता के साथ क्या हुआ था .

मैं सन्न रह गया भाभी के इस सवाल को सुन कर

मैं-मुझे क्या मालूम भाभी मैं तो अभी अभी खेतो से आया न

भाभी ने एक थप्पड़ और मारा और बोली- मुझे क्या समझा है तूने.

मैं- भाभी मेरा विश्वास करो

भाभी- मेरे सब्र का इम्तिहान मत लो कुंवर . मैं बस ये जानना चाहती हूँ की कविता के साथ क्या हुआ क्या किया तुमने

मैं- मैंने कुछ नहीं किया भाभी

तडाक एक थप्पड़ और लगा मेरे गाल पर .

भाभी- चुतिया मत समझना मुझे तुम . इन हाथो से पाला है मैंने तुम्हे . मुझे झूठ नहीं बोल पाओगे कविता से तुम्हारा कुछ लेना देना नहीं है तो फिर उसकी लाश तुम्हारे कम्बल में क्यों लिपटी हुई है अब ये मत कहना की तुम कम्बल भूल गए थे कहीं पर .

कितनी बड़ी गलती हुई थी मुझसे , मैं कम्बल भूल गया था . और यही बात भाभी ने पकड़ ली थी .

मैं चुप रहा

भाभी- बोलते क्यों नहीं अब

मैं- मेरे पास कुछ नहीं कहने को भाभी

भाभी- ठीक है फिर चल और बता सारे गाँव को की कविता का कातिल कोई और नहीं बल्कि तुम हो . मुझे नफरत हो रही है तुमसे मैंने अपने घर में एक दरिन्दे को पाल रखा था . घिन आती है मुझे

मैं- भाभी आपको मुझ पर विश्वास नहीं है

भाभी- नहीं है मुझे विश्वास .तुम्हे अभी के अभी अपना गुनाह गाँव के सामने कबूल करना होगा.

मैं- मैं ऐसा नहीं करूँगा क्योंकि कविता को मैंने नहीं मारा

भाभी- ठीक है फिर तुम्हे अभी इसी पल से मैं इस घर से बेदखल करती हूँ . कोई वास्ता नहीं आज से तुम्हारा हमारा इस घर में एक कातिल के साथ मैं नहीं रहूंगी अगर तुम ये घर छोड़ कर नहीं गए तो फिर मैं ही जाउंगी.

भाभी की बात सुनकर मेरा टुटा हुआ दिल और टूट गया .

मैं- क्या कहा भाभी आपने , आप ये घर छोड़ कर जाएँगी क्यों भला . बहुत बड़ी बात कह दी भाभी आपने एक पल में पराया ही कर दिया आपने तो . अरे आपके आंचल तले पला मैं. आपने जीना सिखाया दुनिया को समझना सिखाया आप को ही मुझ पर विश्वास नहीं अब क्या कहे भाभी आपने तो कुछ कहने लायक छोड़ा ही नहीं . आपका कहा हर हुकुम माना है ये इच्छा भी सर माथे पर भाभी

मैंने भाभी के चरणों को हाथ लगाया और उसी पल घर से बाहर निकल गया. बहुत कोशिश की की न रोऊ पर साले आंसू भी दगा दे गए ... वो भी बेवफा निकले.
 

Ajju Landwalia

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Kya gazab ki update likhi he Fauzi Bhai aapne,

Kabir ki ek galti ke karan, aaj uska uske ghar parivar se nata tut gaya............

Uski mazburi bhi aisi he ki wo chah kar abhi Bhabhi ya kisi ko bhi sach nahi bata sakta............

Nisha ne apna wada tod diya..... jabki usko Kabir ne kaha tha ki uski khun ki pyas wo apne khun se bujhayega..........

Shandar update Bhai, turning point par turning point aa rahe he ab story me........

Keep posting Bhai
 

Studxyz

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ऐसी हालात में निशा को देख कर अब तो आशिक़ कम खुनी ज़्यादा नज़र आएगी ? डायन से प्यार ठीक पर ऐसी क़ातिल डायन से काहे का प्यार अब कबीर को सब सच बोल देना चाहिए था

बेहद अफसोसजनक कर देने वाला अपडेट रहा
 

Rekha rani

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गजब अपडेट, निशा का ये रूप देख कर रोंगटे खड़े हो गए लेकिन वो है कि मानने को तैयार नही। सब नियति पर दाल रही है।
भाभी भी पूरी व्योमकेश बक्शी निकली और कम्बल से सटीक अंदाजा लगा लिया कि कविता की मौत में कबीर का हाथ है।
कबीर का घर निकाला हो गया, अब क्या उसका बसेरा जंगल बनेगा।
 

brego4

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most shocking updates of the story so far, readers wont find it easy to see nisha onwards from romantic angle though nisha being a dayan has only done what she is supposed to do but this compulsion of why nisha killing humans is might as well have a dramatic reason behind it

waiting eagerly for what happens next ?
 
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Studxyz

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एक बार को देखा जाये तो भोसड़ी वाली कविता को क्या पड़ी थी आधी रात को जंगल में घूमने की अगर न आती तो अगली दोपहर अच्छी भली विटामिन युक्त सूजे लंड से चुद जाती खुद तो मरी ही साली ने हमारा मज़ा भी बिगड़वा दिया
 
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kjabbar

silent
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निशा और कबीर की लव स्टोरी चालू होने से पहले ही खत्म होती नज़र आ रही है ।
ज़िन्दगी का सच भी यही है कि इंसान का दिल टूटने पर वो कही का नही रहता जैसा कि आज कबीर के साथ हो रहा है
उम्दा उपडेट भाई अगले उपडेट का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा
 
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