• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144

कहानी का मूल लेखक मैं नही हूं​

तड़पती जवानी-1​

Tadapti Jawani​

रीटा कान्वेंट स्कूल की अति आधुनिक विचारों वाली सैक्सी छात्रा थी. रीटा अमेरीकन माँ और भारतीय बाप की इकलौती, खूबसूरत, चिकनी दोगली औलाद थी. गोल मासूम चेहरे पर रेशमी बाल, खूब उभरी हुई कश्मीरी सेबों सी लाल लाल गालें, मोटी मोटी गीली नशीली और बिल्ली सी हल्की भूरी बिल्लौरी आँखें, रस भरे लाल उचके हुऐ मोटे होंट जैसे लॉलीपोप को चूस्सा मारने को लालयित हों.
स्केटिंग रीटा की मनपसंद गेम थी. इससे रीटा का बदन भरपूर सुडौल और कड़ियल हो गया था. इस छोटी सी उमर में ही रीटा का गोरा चिट्टा तन्दरूस्त बदन हद से ज्यादा गदरा गया था. मलाई सी त्वचा, मक्खन में सिन्दूर मिला रंग, लम्बी पतली गर्दन, खड़े खड़े तराशे चुच्चे, पतली कमर, पिचका पेट, हीरे सी चमकती खूब गहरी नाभि, दायें बायें फैले कूल्हे, गोल गोल उभरे भारी चूतड़ और लम्बी सुडौल मरमरी टांगें. कुल मिला कर रीटा ताज़ी ताज़ी जवानी के भार से लदी फदी टना टन और पटाका लौंडिया थी.
रीटा की तूफानी और कातिल जवानी की खूबसूरती का कोई हिसाब किताब नहीं था. हसीन रीटा के हुस्न और कयामत जवानी ने स्कूल और मुहल्ले में गद़र मचा रखा था. हर एक जवान रीटा पर लाईन मारता था. पर रीटा ने जगह जगह पर अपनी शराफत के झन्डे गाड़ रखे थे. जिधर से एक बार निकल जाती लड़के पप्पू पकड़ कर हाय हाय कर उठते थे.
मैग्ना फोक्स, पामेला एम्डरसन, कैटरीना कैफ, लिज़ा रे और ऐश्वर्या राय की जवानी तो रीटा की झाँट की धूल के बराबर भी नहीं थी, वो बात अलग है कि 18 साल की रीटा की नादान कच्ची चूत पर रोंये का नामो निशान भी नहीं था. अभी तक नादान और अंगूठा चूसने वाली रीटा टैडीबियरों से ही खेलती रही थी. अभी तक बेचारी रीटा की नादान चूत मूतने के ही काम आ रही थी.
कुछ दिन पहले ही नई नई जवान हुई रीटा अपनी नई सहेली मोनिका से खूब घुलमिल गई. मोनिका जी भर के हसीन और दिलफेंक छोकरी थी. मोनिका बहुत शरारती थी और कभी भी स्कर्ट के नीचे कच्छी नहीं पहनती थी. मोनिका हमेशा अपनी चूत पर हल्का सा रूज़, लिपस्टिक और लिपग्लॉस का मेककप करके चूत पर चार चाँद लगाये रखती थी. मोनिका ने अपनी चूत को मक्खन और मलाई की मालिश कर के और भी हसीन और कातिल बना लिया था.
मोनिका स्कूल में क्लास, लाईबरेरी, स्कूल बस और मुहल्ले में अपनी नंगी चूत का हुस्न दिखा दिखा कर लड़कों को पागल बनाने और पटाने में उस्ताद थी. दिन में न जाने कितनी बार शरारती मोनिका अपने जूतों के फ़ीते बांधती और अलग अलग पोज़ बना बना कर लड़कों को अपनी नन्ही चूत से लिशकारे मार मार कर दीवाना करती रहती थी. लड़के गली के ठरकी कुत्तों जैसे मोनिका के आगे पीछे घूमते रहते थे. मोनिका की कटी पतंग सी जवानी को लूटने के लिये न जाने कितने लण्ड मोनिका के चारो तरफ मंडराते रहते थे.
एक दिन अकेले में मोनिका ने रीटा को घर बुला कर जब ब्लयू फ़िल्म दिखाई तो बेचारी नन्ही रीटा का तो दिमाग ही घूम गया. रीटा के लिये यह सब कुछ एकदम नया और बहुत ही मजेदार था. मोनिका ने अपने पसंदीदा दृश्य रीटा को रीवाईन्ड कर कर के दिखाये तो रीटा ने अपना सिर पकड़ कर सोचा- तौबा तौबा, ये लड़कियाँ कितनी गुन्डी गुन्डी बातें करती हैं, और ये मर्द कितनी बुरी तरह से सुन्दर सुन्दर लड़कियों को चोदा मारते हैं. ये बेशरम छोकरियाँ इत्ती बुरी तरह से मस्त होकर अपनी चूत और गांड मरवाती हैं.कितने स्टाइल से परी सी विलायती छोकरियाँ लड़कों के केले से लम्बे लम्बे लण्डों को चुसड़-चुसड़ कर के चुस्सा मारती हैं और पलक झपकते लण्डों को अपनी गोरी-गोरी चूत और गाड में आसानी से सटक लेती हैं.
तब मोनिका ने बताया कि वह चंगे चंगे तगड़े लन्डों को अपनी टांगों के नीचे से निकाल कर उन्हें धूल चटा चुकी थी. इसलिये रीटा की चूत के मुकाबले में चुदक्कड़ मोनिका की चूत फूल सी खिली हुई सी मालूम पड़ती थी. मोनिका की चूत पर दिलकश छल्ली से सुनहरे कोमल और छितराये से झांट थे. मोनिका ने बताया की उसे अकंल लोगों और अपने से छोटे लड़कों के साथ छुप छुप कर चौदम-चुदाई का खेल खेलने में बहुत मजा आता है. कमीनी मोनिका हर महीने नये आशिक से चूत मरवाती थी. मोनिका ने बताया कि अब तो वह दस ईंच से कम लण्ड वाले को घास भी नहीं डालती.
फिर ब्लयू फ़िल्म देखने के बाद मोनिका ने रीटा से उलटी सीधी बेहूदी हरकतें शुरू कर दीं. शुरू शुरू में रीटा को मोनिका की गुन्डी हरकत पर बहुत गुस्सा आया, पर बाद में जब शातिर मोनिका ने रीटा की टांगों को चौड़ा कर जबरदस्ती रीटा की चूत को आम की गुठली की तरह चूसा तो रीटा मोमबत्ती सी पिघलती चली गई. मोनिका अपनी सांप सी लम्बी लपलपाती जीभ से रीटा की चूत को चाटने और चोदने लगी. कभी कभी मोनिका अपना मुँह टेढा कर रीटा की रसीली फांक दांतों में दबा कर जोर जोर से चूस कर रीटा की ना नाऽऽ करवा देती थी.
मोनिका के लाल लाल नेलपालिश से रंगे हुऐ नाखून रीटा के गोरे गदराये हुऐ चूतड़ों में धंसे हुए बड़े मोहक लग रहे थे. नाखूनों की तीखी चुभन भी रीटा को अजीब सा मजा दे रही थी.
अब रीटा का इंकार इकरार में बदल गया. तब रीटा के हाथ अपने आप मोनिका की खोपड़ी पर कस गये और अब तो रीटा का दिल कर रहा था कि वह मोनिका को पूरा का पूरा अन्दर सटक ले. रीटा को लगा जैसे मोनिका का मुँह वैक्यूम पम्प बन गया हो.
जब मोनिका दांतों से रीटा की चूत नौचने लगी तो रीटा मजे से पागल हो उठी और बेशरमी से अपनी टांगों को 180 डिगरी पर फ़ैला दिया. बेहया मोनिका के दांतों की कचोटों ने तो रीटा को जन्नत में पहुँचा दिया.
अन्त में ठरक से बदहवास और पगलाई हुई रीटा मोनिका को पलंग पर पटक कर उसके चेहरे को उछल उछल कर अन्धाधुन्ध अपनी मस्त चूत से पीटने लगी. रेशम सी मुलायम और गुदाज़ चूत की मार से एक बार तो मोनिका जैसी हिंसक चुदक्कड़ लड़की की भी सिट्टीपिटी गुम हो गई. धक्कों से, झटकों से रीटा के रेशमी बाल हवा में उड़ उड़ जाते थे और चुच्चे ज़ंगली जानवरों की तरह ऊपर-नीचे, दायें बायें उछल जाते.
मोनिका का सुन्दर चेहरा रीटा के जवानी के रस से तरबतर हो गया. कुँवारी रीटा की दबी दबी आनन्द भरी सुरीली चीखें, कराहटें और सिसकारियाँ सुन मोनिका और भी पागल हो गई.
चुदाई कला में निपुण़, वहशी मोनिका ने जंगली बिल्ली को काबू करने के लिये जवाबी हमले में रीटा की गांड में अपनी थूक से सनी उंगली घुसेड़ कर गोल-गोल घुमाने लगी और चूत के दाने को होठों तले दबा कर जीभ से उस पर चुम्मा करने लगी तो रीटा का बैंड ही बज गया.
रीटा की चीखों और तेज़ी से मोनिका समझ गई कि बस अब लौंडिया खल्लास ही होने वाली है. फिर तो रीटा की बदन कमान की तरह अकड़ गया, आँखें ऊपर की ओर लुढ़क गई और कई छपाकों के साथ रीटा की नई नवेली चूत भरभरा कर झटकों के साथ हुच्च हुच्च कर पानी छोड़ने लगी. चूदास मस्ती से भाव-विभोर हुई रीटा की चूत से रह रह कर आनन्द का करंट निकल कर सारे शरीर में धमाकों के साथ फैल रहा था.
उधर मोनिका रीटा की चूत से कतरा कतरा जूस कचकचा कर पीने की नाकाम कोशिश कर रही थी पर रीटा की चूत तो जैसे हमेशा हमेशा के लिये बाल्टियाँ भर भर कर छपाक छपाक पानी फैंके जा रही थी. दे रेले पे रेला, दे रेले पे रेला.
रीटा की चूत की पिचकारियों ने मोनिका के बालों और बिस्तर की चादर को एकदम भिगो दिया. चुदी हुई कुतिया की तरह हाँफती, कांपती हुई और करहाती सी निठाल हो रीटा मोनिका के ऊपर लुढ़क गई.
मोनिका ने तो अभी खेल चालू किया था. मोनिका ने जबरदस्ती तितली सी फड़फड़ाती रीटा के चूतड़ों को टेबल टेनिस के बैट से ताबड़तोड़ पीटा तो रीटा भी हिंसक चुदाई में विश्वास रखने लग पड़ी थी. पटाक-तड़ाक, पटाक-तड़ाक की चूतड़ों पर बैट टकराने की ऊँची आवाज़ और गांड पर मीठी मीठी जलन ने तो रीटा को पागल कर दिया. फिर तो मस्ती में आकर रीटा ने अपनी जालिम गोरी-गोरी गांड को हवा में ओर भी ऊपर उचका दिया.
मोनिका गालियाँ देती हुई रीटा के मलाई से चूतड़ों को पीट पीट कर गुलाबी से लाल और लाल से सुर्ख कर दिये तो रीटा को थोड़ी तसल्ली मिली.
फिर छीनाल मोनिका ने रीटा की चूत और गांड को एक बार फिर से कोल्ड क्रीम चुपड़ कर छः ईंच के बैंगन से जबरन चोद दिया तो रीटा को दिन में तारे नज़र आ गये.
रीटा ने शरमाते और मुस्कुराते हुए मोनिका को थैन्क यू कहा और चूतड़ मटकाती और गुनगुनाती हुई घर को चल दी- ‘दिल का पंछी बोले कू कूह कूऽऽऽ कू कूह कूऽऽऽ’
हिंदी सेक्सी स्टोरी जारी रहेगी.
 
Last edited:

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144
Bhai roman Hindi main post karo plz
मैं देवनागरी में ही लिखता हूं मित्र
 

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144
तडपती जवानी
भाग-2

दो दिन तक बैंगन से चुदी हुई रीटा की चूत और गांड में सुरसुराहट होती रही थी. टेबल टेनिस के बैट से ताबड़तोड़ पिटे हुए चूतड़ों में मीठी मीठी जलन भी भरपूर मजा दे रही थी. ब्ल्यू फ़िल्म देख कर बैंगन की चुदाई से और मोनिका की बातों से रीटा को चूत और लण्ड का मज़ेदार खेल समझ आ गया था. मोनिका के साथ रह कर रीटा भी खूब गालियाँ देना भी सीख गई थी. अब तो रीटा मोनिका की छत्रछाया में अपनी जवानी को दोनों हाथों से लुटाने को आतुर हो उठी. रह रह कर उस नन्ही नवयौवना के सुकोमल अंगों में तनाव व कसाव आ जाता और कोरी फुद्दी किसी फड़फड़ाते लण्ड को गपकने के लिये कुलबुला उठती थी.

फिर रीटा कभी कभी पढ़ने के बहाने अपने पड़ोसी राजू से टशन मारने और ठरक भौरने चली जाया करती थी. कई बार अकेले में आपस में मज़ाक और छेड़छाड़ करते धींगामुश्ती और लिपटा चिपटी में राजू कच्ची कली के घस्से मार कर ऊपर ऊपर से ठरक पूरी कर लेता था. रीटा को भी अपने अंग राजू के जिस्म से रगड़ कर बहुत सकून और आनन्द मिलता था. रीटा के जाने के बाद ठरकी राजू आँखें बंद किये सैक्सी रीटा के बारे सोच सोच कर घण्टों मुठ मारता रहता था.

अकसर राजू रीटा से जानबूझ कर धींगामुश्ती में हार जाता था. हारने को बाद जब रीटा राजू के ऊपर होती तो घोड़ा-घोड़ा खेल खलने से नहीं चूकती थी. राजू को पीठ के बल चित कर राजू की पैंट में फंसे हुऐ पप्पू को जब अपनी चूत से पीटती और रगड़ती तो राजू शदाई हो जाता था. राजू के धक्कों से रीटा के सन्तरे पागलों की तरह उछल उछल पड़ते थे. रीटा का चेहरा कामवासना से तमतमा उठता था. राजू इस पोज का फायदा उठा कर रीटा की गदराई जांघों पर हाथ फ़ेर देता था. कभी कभी रीटा ठरक में खुद ही राजू के हाथों को खींच कर अपनी चिकनी संगमरी रानों पर रख देती थी. इस सूखी चुदाई से कई बार तो राजू का पैंट में ही छूट जाता था.

बहुतेरी बार रगड़म रगड़ाई और ठरक के मजे से रीटा की भी आँखें मुंद सी जाती थी और सिसकारियाँ भी निकल जाती थी.

कभी कभी कुश्ती कुश्ती खेलते राजू भी रीटा के गुदाज बदन को बिस्तर पर दबोचे लुढ़कियाँ लगा कर घस्से मार लेता था. कभी कभी रीटा राजू से डाक्टर-डाक्टर, टिकलिंग-टिकलिंग और तलाशी-तलाशी जैसे सैक्सी खेल खेलती थी. टीकलिंग करते करते राजू रीटा के चूतड़ों और जांघों की चिकनाहट और गदराहट का मजा लेने से नहीं चूकता था. जब राजू के हाथ रीटा की चूत के पास पहुँचते तो सुरसुराहट से रीटा की लीची सी लाल चूत के रौंगटे खड़े हो जाते और वह लिसलिसा उठती.

फिर एक दिन रीटा राजू के कमरे में पढ़ाई करने के बाद सू-सूऽऽ करने अटेच्ड बाथरूम में घुसी. रीटा अपनी स्कर्ट ऊपर उठा कच्छी को सुडौल चूतड़ों से नीचे खींचा और इण्डियन स्टाईल टायलट पर घुटने मोड़ कर बैठते ही रीटा की चाँद सी उजली चूत और गांड घूम कर सामने आकर लिशकारे मारने लगी. ऐसा लगा जैसे छोटी सी मछली मुँह खोल गिल्लौरी पान खा रही हो.

फिर सन्नाटे में रीटा की फुद्दी ने बड़ी जोर की फ़िच्च शीऽऽऽऽ की आवाज से पेशाब का जबरदस्त और जोरदार शर्ला छोड़ा. अनचुदी नन्ही सी नादान चूत के रस भरे होंट आपस में बिल्कुल चिपके हुऐ थे. चिपकी फाँकों और बेहद तंग सुराख के कारण रीटा की चूत का शिशकाराऽऽऽ भी हद से ज्यादा ऊँचा और सुरीला था. कल कल करती पतली मूत की धार चुकन्दर सी लाल चूत के मुँह से निकल कर टायलट में दम तोड़ रही थी. बिना झाटों की मूतती चूत बहुत ही प्यारी और मनमोहक लग रही थी.

आखिर छबीली रीटा की रसीली चूत ने छोटे छोटे पाँच छः झझाकों के साथ मूतना बंद कर, टप टप हीरे सी जगमगाती बूंदे टपकाने लगी. पेशाब से गीली चूत अब लिश-लिश कर शीशे सी चमकने लगी. ऐसा लगा की खिले हुए गुलाब पर शबनम की बूंदें!

रीटा भी झुक अपनी सुन्दर चूत को निहारा और एक ठंडी झुरझुरी लेकर रीटा ने अपनी पेशाब से लबालब चूत को दोबारा गुलाबी रंग पोल्का बिन्दियों वाली कच्छी में छुपा लिया और स्कर्ट नीचे गिरा दी. मूत से डबडबाई हुई चूत ने कच्छी को फटाक से गीला कर के पारभासक बना दिया.

जब रीटा टायलट से वापिस बाहर आई तो राजू को कमरे में न पाकर ढूंढती हुई बगल वाले कमरे में जाकर देखा तो ठिठक गई. राजू टायलट के दरवाजे में अब भी आँख लगाये टायलट के अंन्दर देख रहा था और जीन्स के ऊपर से अपने लन्ड को जोर जोर से रगड़ और मसल रहा था.

यह देख कर रीटा की ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की नीचे रह गई- साला! मां का लौड़ा! लड़की चौद! चूतीया मेरी चूत देख रहा है? और वो भी मूतते हुए?

शर्म और गुस्से से लाल, पैर पटकती राजू को बिना बताये घर वापिस आ गई.

गुस्से में रोते रोते जब रीटा ने मोनिका को यह सब बताया तो मोनिका की बांछें खिल गई. मोनिका ने एक हाथ की अुंगली और अंगूठे से मोरी बना और दूसरे हाथ की उंगली मोरी के अंदर-बाहर करती हुई बोली- ऐ भौंसड़ी की! शरमा नही़ं मौके का फायदा उठा. लौहा गर्म है, हथौड़ा मार दे. आजकल तो बहनें अपने सगे भाई को भी नहीं छोड़ती और सारे भाई बहनचौद होते हैं. फिर कभी न कभी तो चूत फटती ही है.

मोनिका ने रीटा को राजू से अपनी फ़ुद्दी मरवाने के लिये उकसा दिया.

उस दिन मोनिका कुछ ज्यादा ही मस्त थी. मोनिका ने रीटा को नंगा करके उसकी चूत को फ़ुट्टे से पीटा तो रीटा ठरक के मजे और पीड़ा से रो ही दी. रीटा के गोरे चूतड़ों रानो और चूत पर लाल लाल लकीरें पड़ गई और जब फिर मोनिका ने जलती हुई मोमबत्ती से गर्म गर्म मोम रीटा के चूतड़ों पर टपकाया तो रीटा मजे से बिलबिला कर कसमसा उठी.

अब ठरक के पागल रीटा कुछ भी करवाने के लिये राजी थी. मोनिका ने रीटा की चूत में उंगली करते करते रीटा के कड़े निप्पल पर कपड़े सुखाने बाली चुटकियाँ लगा दी, तो रीटा की खुशी के मारे सुरीली किलकारियाँ निकल गई.

टायलट की घटना ने रीटा को उस माँ के लौड़े राजू की बेईमान नीयत का पता चल गया था. अब राजू की हरकत सोच कर रीटा के दिल में लड्डू फूटने लगे और चूत में चींटियाँ सी रेंगने लगी. वह समझ गई कि राजू असल में महा ठरकी और नम्बर वन चोदू है. बुलबुल अपनी फुद्दी का पटाका बजवा कर भौसड़ा बनवाने को आतुर हो उठी. मोनिका ने बताया था कि लण्ड की पिटाई ही फुद्दी से चूत, चूत से भोंसड़ी और भौंसड़ी से भौसड़ा बनता है.

इस सबके बाद रीटा राजू को भईया तो कहती थी, पर दिल ही दिल में बहनचोद की नजर से देखने लगी थी. कई बार रीटा ने राजू को मज़ाक मज़ाक में द्वी-अर्थी बातें और उलटे सीधे इशारे किये, पर राजू रीटा को मासूम और स्कूल की बच्ची सोच कर और डर के मारे रीटा की हरकतों को नज़र-अंदाज कर देता था और ऊपर ही ऊपर से ठरक पूरा करता रहा.

मौका पाकर रीटा राजू से गलत-गलत सवाल पूछती, तो राजू के पसीने छूट जाते, जैसे
– लड़के खड़े होकर पिशाब क्यूँ करते हैं?
– क्या लड़कियाँ लड़कों का दैहिक शोषण नहीं कर सकती?
– लड़के अपने दुधू क्यों नहीं छुपाते?
– सुहागरात में लड़का लड़की क्या करते हैं?
– ब्लयू फ़िल्म क्या होती है?
– सैक्सी का क्या मतलब है?
– क्या मैं सैक्सी हूँ?

रीटा के उलटे-सीधे सवालों पर राजू बगलें झांकने लगता और रीटा को डाँट कर चुप करवा देता.

सेक्सी कहानी जारी रहेगी.
 
Last edited:

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144
  • Like
Reactions: availabler

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144
तडपती जवानी
भाग--3

उस दिन घर पर रीटा के इलावा कोई भी नहीं था, मम्मी-डैडी शहर से बाहर गए हुए थे. जैसे तैसे रीटा ने अपनी मम्मी को पटा कर राजू से कार चलाना सीखना शुरू कर दिया था.

रीटा बाथटब नहा कर पानी में आग लगाने में मग्न थी. मल-मल कर नहाती रीटा के दोनों बावले चुच्चे गुलाबी गुब्बारों की तरह पानी के ऊपर तैर रहे थे. राजू के बारे सोचते ही ठरक के मारे रीटा ने अपनी चूत में किंग साईज साबुन की टिकिया गपक ली. नौजवान राजू हैंडसम और स्मार्ट लड़का था. राजू का लम्बा कद, चौड़ा चकला सीना और मांसपेशियों से भरपूर बदन याद कर रीटा पानी में पनिया गई. तीर सी तीखे शॉवर की तेज धार चूत पर पड़ने से रीटा की चूत और भी गुदगुदा गई. बदन में तनाव व कसाव बढ़ने से जवानी की दुखन और टीस भी बढ़ गई.

आज ताजी़ ताजी नहाई रीटा ने राजू भईया को पटाने की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी. शरारती रीटा ने अपनी चार साल पुरानी स्कूल ड्रेस की काली शॉर्ट स्कर्ट और सफ़ेद शर्ट फंसा कर पैरों में ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहन लिए.

रीटा ने अपनी मस्त जानलेवा कामुक जवानी को शीशे में निहारते हुए पन्जों के बल उचक कर गोरी-गोरी बाहें ऊपर उठा शीशे को तड़का देने वाली अंगड़ाई तोड़ी तो चटाक चटाक की आवाज से रीटा की तंग टैरालीन की शर्ट के टिच्च बटन खुलते चले गये.

उफ़्फ़! क्या नजारा था! रीटा की जवान ठोस गोलाइयाँ बगावत पर उतर आई और दोनों शरारती कुंवारे कबूतर शर्ट से दाएं-बाएं बाहर झांक कर गुटर-गूं गुटर-गूं करने लगे. चुच्चों ने रीटा की शर्ट को चौड़ा कर ‘वी’ गले को ‘यू’ बना दिया था.

चूचों के श्यमल शिखर ऐसा लगते थे जैसे संगमरमर के चबूतरों पर कचनार की कच्ची गुलाबी कली चिपकी हो.

ठरकी रीटा ने अपने बगावत पे उतर आये चूचों को बाहर खींच कर उसे बेरहमी से मसलने लगी. चूचे मस्ती में चीं चीं कर चिंघाड़ उठे.

हाय! माँ कित्ता मजा आ रहा है! रीटा ने अपनी गुलाबी-गुलाबी छोटी छोटी नीम सी नीमोलियों से निप्पलों को अपनी थूक से सनी उंगली और अंगूठे में घुमाने से कमसिन बदन झनझना उठा और चूत पिनपिना उठी.

मोनिका ने बताया था कि चूत और चुच्चों का चोली दामन का साथ होता है.

रीटा की सैक्सी सुडौल कैबरे डांसरों जैसी लम्बी व चिकनी टांगों ने तो हाय हाय कर रखी थी. हाई हील से रीटा की गोरी गुदाज कदली जांघें और सुडौल पिंडलियाँ और भी उभर आई और जैसे ‘नमश्कार! आइए और चोद डालिये!’ का आमन्त्रण देती लगती थी.

गदराहट से मांसल घुटनों पर मादक बल पड़े हुए थे, बेहद पतली और पिचकी हुई कमर के नीचे मस्त गोल गोल चूतड़ और चूतड़ों में दबी फंसी कुंवारी गाण्ड में चींटियाँ सी रेंग रहीं थी. बेचारी नाम मात्र की नन्ही स्कर्ट रीटा की उफनती व उबलती शोला जवानी को रोकने में नाकाम थी.

अपनी स्कूल स्कर्ट ऊपर उठा कर सुर्ख लाल नाईलोन की कच्छी में अपने कसमसाते यौवन को निहारते ही रीटा की आँखों में लाल डोरे खिंच गये और गाल तमतमा उठे. पूरा बदन पप्पी फैट! तौबा तौबा! क्या हुस्न था, क्या शवाब था उस लौंडिया का, बिल्कुल ताजा ताजा खुली सोडे की बोतल के समान. अपने ज्वालामुखी से सुलगते और फट पड़ने को तैयार यौवन को देखते हुऐ अपने निचले होंट के कोने को दाँतों में दबा कर स्वयं को आँख मार दी और फिर अपनी ही बेशर्मी पर स्वयं ही लज्जा गई.

लीर सी नाम-मात्र कसी कच्छी रीटा की रोम-विहीन मलाई सी गोरी गदराई फुद्दी और गुदाज चूतड़ों में धंसी हुई थी और चलते समय रीटा को बुरी तरह गुदगुदा देती थी.

एकदम शीशे सी चिकनी और नादान चूत की गुलाबी फांकें कच्छी से बाहर झांक रही थी और चूत एकदम से पच्च-पच्च गीली थी.

ठरक के मारे रीटा की जवान फ़ुद्दी छोटी पाव रोटी की तरह फूल गई, पनीयाई हुई चूत का चीरा झिलमिला उठा और रीटा का लशलश करता बदमाश किशमिश सा दाना हौले हौले अकड़ता चला गया. अब रीटा का भगनासा किसी छोटे शरारती बच्चे की लुल्ली के समान चूत की बालकोनी से बाहर झांकने लगा.

अनजाने में ही रीटा की फूल सी गोरी गोरी ऊँगलियाँ अपनी शैतान नन्गी चूत से उलझ गई. गुस्से में बिफरी गीली चूत पिच्च पिच्च करके पानी छोड़ने लगी. दाने को छूते ही रीटा की चूत में फुलझड़ियाँ सी चल पड़ी और गाण्ड गुदगुदाने लगी. रीटा अपनी टांगों को चौड़ा किये, चूत को गिटार जैसे बजा़ने लगी.

रीटा ने अपनी मरमरी टांगों को भींच कर चूत को शाँत करने की नाकाम कोशिश की, पर अब पानी सर के ऊपर से निकल चुका था. रीटा अब बिल्कुल वनीला सॉफ़्टी सी पिंघल चुकी थी और उसकी हालत खराब होती जा रही थी.

आखिर तैश में आकर रीटा ने अपनी स्कूल स्कर्ट बिल्कुल ऊपर उठा कच्छी को घुटनों तक खींच कर अपनी नन्ही सी चूत में उंगली पिरो दी. रीटा ने उंगली ‘प्चक’ की गीली आवाजें करती सुराख मेंजड़ तक अंदर घुस गई. रीटा की चूत की दीवारें रीटा की उंगली पर बुरी तरह से कस गई और उंगली को चूसने लगी.

रीटा बुदबुदा उठी- आह मम्मी! सीऽऽऽ! साली तू मुझे बहुत सताती है ऽऽऽऽ! चूत की फांकें दायें बायें फ़ैल गई. इस हालत में रीटा की नाजुक चूत किसी गधे के बच्चे का लण्ड का कचूमर निकाल कर उसका गरूर तोड़ सकती थी. आज तो रीटा किसी भी पहलवान के लौड़े को अपनी चूत की नींबू नीचौड़नी में निचौड़ कर लौड़े का रस्सा बना सकती थी.

हौले हौले रीटा उंगली सुराख के अन्दर-बाहर कर फिच फ़िच की आवाज़ से अपने आप ही अपनी चूत चोदने लगी. शायद चूत भी ‘माँ चोद’ और ‘बहन चोद’ की गालियाँ निकालने लगी थी.

मोनिका ठीक कहती थी- अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा.

यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी. चूत ने अब मस्त मोरनी की माफ़िक अपनी मुलायम पंखुड़ियाँ फैला दीं. लुत्फ़ से रीटा की चूत के दोनों पत्ते कंपकंपा रहे थे. पिटाई से गोरी चूत गुलाबी से लाल हो चली थी.

रीटा ने अपनी ठोस गोलाइयों को बेरहमी से मसल और रगड़ कर लाल कर लिया. गीली चूत की फचर-पचर, रीटा की मधुर ईस्सऽऽऽऽऽ ईस्सऽऽऽ सिसकारियाँ और बहकी बहकी बेतरतीब साँसें कमरे के वातावरण को रंगीन बनाने लगी. प्यासी रीटा का मादक यौवन, वासना के समुन्दर में हिचकोले खाने लगा.

उत्तेजना के मारे रीटा की आँखें ऊपर को लुढ़क गई और पेट अंदर को पिचक गया. बगावत पर उतर आऐ चुच्चे उठक-बैठक लगाने लगे. हर एक झटके पर रीटा चूच्चे ऐसे थरथराते जैसे उनमें पारा भरा हो. अपने ही चुच्चों को फूलते पिचकते देख कर रीटा की काम पीपासा दावानल सी भड़क उठी. एक हाथ से अपना चुच्चे को ऊपर उठा और मुँह झुका कर होंटों में लेकर चुमला दिया.

बीच बीच में रूक रूक कर रीटा अपनी कीचड़ हुई चूत में से ऊँगलियाँ निकाल कर चूत का हल्का नमकीन पाईन-एपल जूस किसी भूखी बिल्ली की तरह चुसड़-चुसड़ की आवाज़ से चाट लेती थी. जुकाम लगने के कारण रीटा की जगमगाती चूत पानी छोड़ कर, अपनी पड़ोसन गाण्ड को तरबतर कर रही थी. जब रीटा ऊँगलियाँ उसकी नन्ही चूत के अंदर जाती तो चूत की कसावट की वजह से पानी की पिचकारियाँ सी निकल पड़ती. वाह, क्या कयामत नज़ारा था.

‘हायऽऽऽ पता नहीं कब चुदेगी यह निगौडी मां की लौड़ी मेरी चूत!’ बुदबुदा उठी रीटा- काश, आज कोई मादरचोद मेरी कमरतोड़ चुदाई कर दे और मेरी मखमल सी रेशमी गाण्ड फाड़ कर मेरी चकाचक जवानी के कस-बल निकाल दे. कोई मतवाला अपना मस्त फनफनाता हुआ लण्ड दोनों ट्टटों समेत मेरी अनचुदी चूत में पेल कर फाड़ डाले और भौंसडा बना दे. मुझे चौपाया बना कर मेरी पौनी-टेल को पकड़ कर सड़क छाप कामुक कुतिया की तरह सड़क के चौराहे पर चोद दे. मेरी न न करने के बावाजूद भी मुझे पकड़ कर पीट पीट कर बेरहमी से गाण्ड के चीथड़े उड़ा दे और चूत की चिन्दी चिन्दी कर दे, मेरा पोर-पोर चटका दे और मेरे कोमल बदन को रोडरोलर की तरह रौंद कर रख दे.

काश मेरे रसभरे होंठों में किसी बहनचोद का मोटा फौलादी लन हो गले तक सटक के, आँखों में आँखे डाल कर चुसड़ चुसड़ कर मैं उसके लण्ड की झड़न के साथ, चूस कर ट्टटे भी पी जाऊँ. लौड़े पर दंदियाँ मार मार कर लण्ड की ऐसी की तैसी कर दूँ. पर कोई आशिक मिले तो सही.

रीटा को अब एक मूसल सा लण्ड चाहिए, जो रीटा की सुलगती जवानी की ईंट से ईंट बजा दे और अपनी जवानी के झन्डे गाड़ के रख दे.

तभी दरवाजे की घण्टी बजते ही रीटा के बदन में सिरहन दौड़ गई, चूत फड़फड़ा और गाण्ड गुदगुदा उठी. जरूर राजू कार चलाना सिखाने आया होगा, चूत मरवाने को बेताब रीटा के दिमाग में सारी योजना तैयार थी.

रीटा ने झटपट से अपनी कच्छी को घुटनों से कमर पर खींच लिया और छोटी सी स्कूल स्कर्ट नीचे कर और चूचों को शर्ट के वापिस अंदर ठोस कर छः में से चार बटन जैसे तैसे बंद कर दिये. जल्दी से चूत की फांकों को लैक्मे की सोलह नम्बर की लिपस्टिक से पोत लिआ. फिर कुछ सोच कर शरारती रीटा ने जाते जाते नेलपालिश की शीशी सोफे के आगे पड़े हुए मेज के नीचे फ़ेंक दी.

पिछले कुछ दिनों में रीटा मजाक करने में राजू से काफी खुल गई थी दरवाजा खोलते ही राजू को देखते, हरामज़ादी लौड़ै की भूखी रीटा की आँखों में चमक आ गई और बांछे खिल उठी.

राजू रीटा की पोशाक को देखते ही पहले तो सकपका गया. ताजी ताजी नहाई रीटा के गीले गीले बालों के बीच अति मासूम चेहरा. रीटा की तीन चौथाई गोल गोल गोलाइयाँ तंग शर्ट के खुले गले से बाहर उबल पड़ रही थी और राजू की तरफ तनी हुई थी. मिज़ाइलों से खड़े हुए निप्पल शर्ट को चीरफाड़ कर बाहर आने को बेताब लग रहे थे. काली स्कर्ट से बाहर झांकती नंगी संगमरमरी गोरी चिट्टी गदराई आपस में चिपकी रानें, खूबसूरत गुदाज पैरों में हाई हील. हाथ-पैरों पर लाल लाल नेलपालिश, प्यारे से नाक में नथ, कानों में सफ़ेद मैटल के टाप्स,पैरों में पाजेब और कलाइयों में सफ़ेद मैटल के कंगन.

बिजली गिराती मस्ताई हुई रीटा टेढ़ी दिलकश मुस्कान के साथ चहकती हुई सुरीली आवाज में बोली- हैल्लौ भईया! हाऊ आर यू?

रीटा ने राजू का हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया.

जैसे ही राजू अंदर घुसने लगा, शरारती रीटा ने अपनी अधनंगी व अकड़ी हुई छातियाँ राजू से भिड़ाती हुई बोली- आऊचऽऽऽ, आई एम सारी भईया.

इतने में ही राजू के लण्ड ने कच्छे की मां चोद के रख दी.

फिर शरारती रीटा ने घूम कर और उचक कर सिटकनी लगाने की असफल कोशिश करती बोली- भईया प्लीज़ हैल्प मी, मुझे थोड़ा ऊपर उठाआ नाऽऽऽ! मुझे ऊपर वाली सिटकनी लगानी है.

राजू अब थोडा सम्भल चुका था और झट से मौके का फायदा उठाते हुऐ रीटा को उठाते हुए उस की कमर में हाथ डाल कर अपने लण्ड से रीटा की प्यारी की गाण्ड को गुदगुदा दिया. जब रीटा को नीचे उतारा तो राजू ने रीटा के दो सूखे घस्से मार दिये. राजू की सख्ती महसूस कर बदमाश रीटा के होंटो पर छुपी छुपी मुस्कूराहट आ गई.

राजू रीटा के नंगपने को देख कर मजाक में फुसफुसा कर बोला- बेबी यह क्या? कहीं तुम मॉडलिंग वाडलिंग करने लगी हो?

घर के लोग रीटा को प्यार से बेबी कहा करते थे.

रीटा बहुत ही मासूमियत से मुँह फुला अपने चुच्चों को उचकाती हुई बोली- ओह नो भईया, मैं तो अपने पुराने कपड़े ट्राई कर रही थी. पर भईया देखो ना! ये कपड़े ईत्ते टाईट और छोटे हो गये हैं!

राजू रीटा की कमर सहला कर और चूतड़ को मसल कर, चूचों को देख कर अथर्पूण स्वर में बोला- बेबी कपड़े छोटे नहीं हुए, तुम्हारे ये बड़े हो गये हैं.

‘धत्त भईया, मैं बहुत मारूँगी!’ रीटा ने झेंपते हुए बनावटी गुस्सा करते हुए राजू का हाथ झटक दिया.

‘बट भईया आई लाईक दि स्टफ वैरी मच!’ गुन्ड़ी रीटा शर्ट के कपड़े की तरफ इशारा कर अपने चुच्चे हवा में राजू की तरफ उछालती बोली- भईया, फील करके देखो, बहुत ही मजेदार और साफ्ट साफ्ट है.

‘देखूँ तो!’ यह कह कर राजू ने रीटा के शर्ट के कपड़े को फील करके उसके गिरेबान में हाथ डाल कर चुच्चा टटोल सा दिया और मुस्कुरा कर बोला- सचमुच बहुत साफ्ट साफ्ट है.
रीटा किलकारी मार कर छिटक कर पीछे हट कर बोली- आऊचऽऽऽ! ऊईऽऽ! गुदगुदी मत करो नाऽऽऽऽ, हटो भईया, आप तो बहुत ही बेशरम हो!

राजू रीटा की हर बात के पीछे नाऽऽऽ लगाने की अदा पर फिदा था.

‘भईया बस पाँच मिनट रूको, मैं नेलपालिश लगा लूँ, फिर कार चलाने चलतें हैं!’ यह कह कर रीटा अपने सिल्की बालों को अदा से पीछे झटकती हुई घूमी और चूतड़ों को जोर जोर से दायें बायें मटकाती चल दी.

रीटा की इठलाती बल खाती भरी भरी मटकती गाण्ड देख कर राजू को लगा के उसका लौड़ा पानी छोड़ देगा. ऐसा लग रहा था जैसे बड़े-बड़े पानी से भरे गुब्बारे थरथरा रहे हों.

हाई हील के कारण रीटा की कुछ ज्यादा ही उचकी हुई बुण्ड बहुत ही मस्त लग रही थी.

राजू को सोफे पर बैठा कर नेलपालिश की शीशी ढूंढती हुई बोली- कहाँ मर गई मेरी नेलपालिश की शीशी? मंमऽऽऽ वो रही!

यह कह कर रीटा सहारा लेकर झुकने के बहाने लापरवाही से राजू के अकड़े लण्ड को पकड़ लिया और बिना घुटने मोड़े ही नेलपालिश की शीशी उठाने को झुक गई.

पीछे से काली स्कर्ट रीटा की लम्बी टांगों से ऊपर उठती चली गई और लाल कच्छी में फंसे संगमरमरी सफेद चूतड़ राजू के सीने पर बिजली से गिरे.

बेरहम बेहया रीटा ने अपनी गाण्ड और भी पीछे को उचका दी तो चिकने चूतड़ों के बीच से भिंची भिंची चूत भी नुमाया हो आई. साथ ही झुकने से रीटा के चुच्चे कुछ पलों के लिये निप्पलों समेत शर्ट से बाहर आकर राजू को जीभ दिखा कर छका गये.

रीटा ने राजू के अकड़े लण्ड को जोर से दबा कर छोड़ दिया राजू के लण्ड की सख्ती भांप कर रीटा की सांसें भी तेज़ हो बेतरतीब हो गई.

राजू के सामने बैठकर छिनाल रीटा ने अपनी तिरछी निगाहों से देखकर टेढ़ी सी सैक्सी स्माईल उछाल दी और आखिरी तीर चला दिया.

क्या था वो आखिरी तीर?

जानने के लिए इस देसी कहानी के अगले भाग की प्रतीक्षा करें!
 
1,444
3,054
159
जबरदस्त अपडेट है एकदम कामुक ओर गरमा गरम । रीटा ने तो लंड खड़ा करवा दिया अब तो कोई चूत ढूंढनी पड़ेगी
 

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,153
144
तडपती जवानी
भाग -4

बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल टांग को सुकौड़ कर मासूमीयत से पैर के नाखूनों पर नेलपालिश लगाने लगी. काली स्कर्ट शीशे से गौरे चिकने पट्टों से सरकती चली गई और टयूब लाईट में रीटा की लाल पेंटी की ओट में से रीटा की बच्ची सी लरजाती चूत कच्छी के पीछे से राजू को निहारने लगी. रीटा की टाईट पेंटी चलने की वजह से और ठरक के जूस से इकट्ठी हो कर चूत और चूतड़ों में घुस कर दुबक सी गई थी. गुलाबी चूत की अकड़ी मक्खन सी उजली फांकों का हुस्न देख राजू के लन ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. राजू पास पड़ी गद्दी से लण्ड को छुपा कर हाथ से लण्ड को रगड़ कर शान्त करने लगा.

ऊपर से रीटा नेलपालिश की टचिंग करती हुई अश्लील गाना गाने लगी- हाय जागी बदन में ज्वाला, सईयाँ तूने ये क्या कर डाला!

रीटा की चूत का चीरा एकदम चकुंदर सा सुर्ख और झिलमिला रहा था. बेशर्म रीटा अपनी फुद्दी की फांकों को भींचने खोलने लगी, तो रीटा चूत के अंदर की नरम व नाजुक पत्तियाँ तितली के पंखों सी बन्द और खुलने लगी. चूत ऐसे लग रही थी जैसे नन्ही सी मछली जुगाली कर रही हो. लाल लाल चूत राजू को कच्छी के पीछे से छोटी शरारती लड़की की तरह लुका छिपी का खेल सा खेल रही थी.

‘भईया मेरी लाल लाल अच्छी लग रही है नाऽऽऽ?’ राजू की आँखों को अपने नंगे शवाब पर चिपकी देख रीटा शरारत से थोड़ा ठहर कर बोली- नेलपालिश!’
और खिलखिला कर हंस दी.

राजू ने आज पहली बार रीटा की चूत को इतने करीब से देखा तो राजू को जैसे लकवा ही मार गया. राजू हड़बड़ा कर रीटा के पैर पर नजर टिकाता थूक निगलता बोला- ओह, हाँ! हाँ, अच्छी है, लाल लाल वो वो!’

छीनाल रीटा राजू की पतली हालत देख फिर खिलखिला पड़ी. तभी नेलपालिश लगाने के बाद रीटा ने अपने पन्जों के बल उचक कर शानदार दिल दहला देने वाली अंगड़ाई तोड़ी. चटाक चटाक की आवाज से रीटा की कसी शर्ट के बटन खुलते चले गये. यह देख राजू की आँखें लाल हो गई और लण्ड ने कच्छे में धमाल मचा दी.

राजू की हालत पर मन मन मुस्कूराती मासूमीयत से बोली- भईया, आप की तबीयत तो ठीक है नाऽऽऽ?

यह कह कर रीटा राजू के माथे पर हाथ लगा कर बायाँ चुच्चा राजू की छाती में चुभोती धम से राजू की गोद में बैठ गई. राजू का खूंटे जैसा लण्ड रीटा के चूतड़ों के नीचे दबता चला गया. रीटा अपने चूतड़ों को दायें बायें हिला कर राजू के अकड़े लण्ड को ठीक से चूतडों को बीचो-बीच रख कर राजू के लण्ड की सख्ती का मजा लेने लगी.

अब रीटा राजू के लण्ड की गरमी से अपनी गाण्ड को सेक कर दीवानी सी होने लगी. राजू की हालत अब बद से बदतर हो गई. राजू बात बना कर सिर को पकड़ कर बोला ‘हाँ बेबी, वो वो, बस यूँ ही थोड़ा-थोड़ा सर में दर्द है, चलो कार चलाने चलें.’

‘अरे नहीं भईया आप ने अभी तो देखी कि मेरी अभी बिल्कुल गीली है- हरामी रीटा हल्के से आँख दबा मुस्कुरा कर बोली.
‘क्याऽऽऽ?’ राजू लगभग हाँफता सा बोला.
‘भईया, मेरी नेलपालिश और क्या! आपने क्या समझा?’ कमीनी रीटा तिरछी निगाहों के बाण चलाती बोली और राजू की हालत पर खिलखला कर हंस पड़ी. लौड़े के तनाव से मज़बूर राजू ने कसमसा कर गोदी में बैठी रीटा के खींच के सूखा घस्सा मार दिया.

रीटा अपनी नेलपालिश को सुखाने के बहाने अपनी सैक्सी गोरी गुदाज़ टाँगों को हिलाने लगी. इस हरकत से रीटा की रसभरी गाण्ड राजू के केले को बुरी तरह से गुदगुदाने लगी. लण्ड अब पूरा अकड़ चुका था और पत्थर सा सख्त हो चरमरा उठा. हरामज़ादी रीटा भी लौडियाबाज़ लड़के के लौड़े की मीठी मीठी चुभन का स्वर्गीय सुख ले रही थी.

रीटा को पता था कि राजू उसे बच्ची समझता है और चोदने से डरता है. रीटा बात आगे बढ़ाती राजू के कान में फुसफुसा कर बोली- ऐऽऽऽ भईया, जब तक मैं गीली हूँ, तब तक कुछ खेलते हैं!

‘क्या खेलें बेबी ‘? राजू जवान रीटा को बाहों में भींचता सा ठरक में कांपता सा बोला.

‘कोई भी मजेदार और मस्त खेल जो मुझे ना आता हो और आपको अच्छा लगता हो!’ रीटा भी अपनी शानदार फूले हुऐ गुब्बरों को राजू की छाती से रगड़ती आँखों में आँखों डाल कर बोली. अब रीटा सरेआम बेशमर हो अपने चूतड़ राजू के खड़े लण्ड पर आगे पीछे घिसने लगी.

‘कौन सा खेल बेबी?’ राजू रीटा की उसे बाहों में और जोर से भींचता अलबेली रीटा की मखमली रानों को सहलाता बोला.
रीटा शर्माती संकुचाती बोली- भईया, क्या आपको बहुत ज्यादा गुण्डी गुण्डी बातें करनी आती हैं?
‘बेबी, मैं समझा नहीं!’ राजू अनजान बनता और रीटा के चूतड़ मसलता हुआ बोला.
रीटा और भी शर्माती बोली- भईया, जैसा गुण्डी पिक्चरों में होता है, लालीपाप लालीपाप टाइप!
‘क्याऽऽऽ मतलब, तुमने ब्ल्यू पिक्चर देखी हुई है?’ राजू के दिमाग में जैसे किसी ने हथोड़ा मार दिया हो.
रीटा और भी जोर से शर्माती सकुचाती बोली- ‘येसऽऽ भईया, अपनी सहेली के घर पर, पर भईया आप किसी को बताना नहीं प्लीज़ऽऽऽ.

रीटा का आग्रह सुन कर राजू का ठरक के मारे बुरा हाल हो गया. छछौरी रीटा के इरादे से बेखबर राजू तो ऊपर ऊपर से ही ठरक पूरा करने के चक्कर में था- बेबी, अगर किसी को हमारी गुण्डी गेम के बारे पता लग गया तो?

राजू रीटा के मन को टटोलता बोला.

रीटा राजू के गाल पर गाल रगड़ती हुई फुसफुसाती और शर्माती बोली- भईया, मैं किसी को नहीं बताऊँगी और हम घर पर बिल्कुल अकेले हैं और दरवाजे और खिड़कियाँ भी तो बन्द हैं और भईया, वैसे भी अब मैं बच्ची थोड़े ही हूँ.

यह सुनते ही राजू का लण्ड बुरी तरह से फड़फड़ा उठा.

रीटा बड़े ही भोलेपन से बोली- पता है, अब मम्मी मुझे स्कर्ट के नीचे पेंटी ना पहनने पर डांटती है और कहती हैं कि अब मैं बड़ी हो गई हूँ. भईया क्या अब मैं सचमुच बड़ी हो गई हूँ?

‘अच्छा देखें तो तुम कित्ती बड़ी हो गई हो?’ राजू ने हाथ रीटा की रेशमी जांघों को सहलाते सहलाते ऊपर सरकाने लगा, किन्तु हरामी रीटा ने अपनी जांघों को भींच कर हाथ को मंजिल तक पहुंचने से रोक दिया. रीटा को राजू को सता कर खूब मजा आ रहा था पर रीटा की सांसें भी अब तेज हो गई थी.

‘क्यों क्या हुआ?’ राजू चिकनी रीटा की सुडौल जांघों की गदराहट का आनन्द लेता हुआ बोला.

‘भईयाऽऽऽ! कुछ कुछ होता है!’ हाँफती रीटा अपनी गोरी बांहों का हार राजू के गले में डाल कर मदभरी निगाहों से राजू को ताकती और मदहोशी में सरसराती अवाज़ में बोली.

‘देखें कहाँ होती है ये कुछ कुछ?’ राजू बोला.

‘यहाँ!’ रीटा अपने उठते-गिरते चुच्चों की तरफ इशारा कर बुरी तरह शरमा कर हाँफती हुई झटके से राजू से लिपटती हुई बोली. अब रीटा का दिल सीने के अंदर बुरी तरह से धक धक कर के धड़क रहा था.

‘ज़रा देखें तो!’ यह कह राजू ने रीटा की गले से बाहर उबल पड़ रहे मम्मे को पकड कर जोश में आकर जोर से दबा कर रीटा की लावारिस जवानी की कठोरता का मजा लेने लगा.

‘ऊई माऽऽ भऽऽ ईऽऽ याऽऽऽ आहऽऽऽ कित्त्ती जोर से दबाया है, आप बड़े खचरे हो!’ रीटा के होंठों पर दबी दबी आनन्द भरी चीख सी उगल पड़ी.

राजू रीटा के प्यासे मम्मों को बराबर मसलता रहा और प्यासी मस्ताई हुई रीटा राजू की आँखों में आँखों डाले होंटों में उंगली दबाये शर्माती सी चुच्चे खिंचवाती और दबवाती चली गई.

‘सीऽऽऽ छोड़ो दो भईया! आऊचऽऽऽ मैं तो आपकी बहन जैसी हूँ, ऊईऽऽ क्या करते हो भईया मैं तो जाती हूँ, हायऽऽ मम्मीऽऽऽ ओह हायऽऽऽ उफऽऽऽ बहुत मजा आ रहा है, दबाईये सीऽऽऽ और जोर से आहऽऽऽ भईया मत करो यह सब आऽऽऽ ओहऽऽऽ उफऽऽऽऽऽ!’ ऊपर ऊपर से रीटा राजू का हल्का हल्का विरोध कर हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी. राजू के लण्ड के इश्क में बावली हुई रीटा की हाँ हाँ और ना ना ने राजू को पागल सा कर दिया था. रीटा के स्तन अब पत्थर से कठोर हो कर अकड़ गये थे.

रीटा ने आज पहली बार किसी मर्द की गोदी में बैठ कर अपने मम्मे दववाये थे. अब रीटा का ठरक सातवें आसमान पर था, मुँह लाल और सिर घूम सा रहा था. राजू भी अपने से कई साल छोटी लौडिया को पाकर हाल बेहाल हो उठा था.

‘बेबी पहले कभी किसी से ऐसा करवाया है क्या?’ राजू ने रीटा के पत्थर से कठोर निप्पल को चुटकी में मसला तो रीटा मज़े से दोहरी हो कर चिंहुक के राजू से बुरी तरह से लिपटती और लज्जाती बोली- सीऽऽऽ नहीं भईया पहली बार करवा रही हूँ ये सब! हायऽऽ ये आप क्या कर रहे हो?

‘मजा आ रहा है ना?’ राजू चूचों को पीसता बोला.

‘जी भईया, बहुत अच्छा लग रहा है और बहुत मजा आ रहा है. करिये और करते रहिये, मैं किसी को नहीं बताऊँगी.’ रीटा नींद में फुसफुसाती सी बोली.

रीटा ने मस्ती में आकर राजू को अपनी सुडौल चिकनी टांगों और गोरी गोरी बाहों में दबोच लिया और अपने कोमल अंगों को जोर खरोश से राजू के जिस्म से रगड़ने लगी.

‘रीटा प्लीज़ एक बार अपनी चिड़िया तो दिखा दो?’ राजू रीटा की स्कर्ट में हाथ डालता हुआ बोला.

‘हाऽऽ भईया! आप तो बहुत गुण्डे हो?’ रीटा मुँह पर हाथ रख कर बोली- हायऽऽ, भला मैं आपको अपनी क्यों दिखाऊँ? यहाँ कोई नुमायश लगी हुई है क्या?’

‘अरे, मुझे तो सिर्फ यह देखना है कि तुम कितनी जवान हो गई हो?’ राजू के हाथ रीटा स्कर्ट के नीचे घुस कर रीट के अधनंगे मलाई से मुलायम चूतड़ों पर ढक्कन की तरह चिपक गये.

रीटा की कमर सहलाते सहलाते राजू ने झटके से रीटा की कच्छी को केले के तनों सी रानों से नीचे सरका कर घुटनों तक खींच दी और फड़फड़ाती रीटा को जबरदस्ती स्कर्ट के नीचे से जन्मजात नन्गी कर दिया.

रीटा शर्म से पानी पानी हो गई और अनमाने स्वर में ना-नुकर करती बोली- प्लीज़ भईया छोड़िये, मुझे नन्गी मत करो नाऽऽऽऽ! बहुत शर्म आयेगी!

‘रीटा़, बस एक बार देख लेने दो अपनी प्लीज!’ पगलाया सा राजू रीटा की स्कर्ट में हाथ डालता कर फरियाद सी करता बोला.

‘अच्छा, आप जिद्द करते हो तो मैं आपको अपनी दिखा देती हूँ, पर कोई ज्यादा गुण्डी बात मत करना, ओके’? नन्ही रीटा ने पलकों को फड़फड़ाते हुए बहुत ही भोलेपन से कहा.

रीटा ने गोदी में बैठे बैठे ही बड़ी ही मासूमीयत से एक एक टांग को सुकोड़ कर बारी बारी अपनी कच्छी में से नजाकत से निकाला तो राजू की प्यासी आँखों को रीटा की एकदम नन्गी चूत की झलकी देखने को मिली.

चूत को अच्छी तरह से देखने के लिये राजू ने रीटा के घुटने को पकड़ कर जबरदस्ती रीटा की कन्धों से लगा कर कुकड़ी सा बना दिया तो रीटा ने झट से अपने छोटे छोटे फूल से हाथों की कटोरियाँ बना कर अपनी टाँगों के बीच चिपका कर नाचीज़ चूत के चीरे और बुण्ड के गुलाबी सुराख को छुपाती बोली- आहऽ! नोऽऽऽ! भईया, बहुत शर्म आ रही है.

पर राजू के सिर पर चूत का भूत सवार था- देखो बेबी, अगर तुम मुझे अपनी चिड़िया दिखाओगी, तो मैं तुम्हें अपना तोता दिखाऊँगा.
रीटा शक भरी निगाहों से राजू को देखती बोली- सच्चीऽऽऽऽऽ भईया?
‘सच्ची बेबी, तुम्हारी कसम! और चाहे तुम उससे लॉलीपोप-लॉलीपोप भी खेल लेना और मैं किसी को नहीं बताऊँगा.’ राजू हाँफता सा रीटा के चुच्चे को सहलाता बोला.

लॉलीपोप सुन कर सुन्दरी रीटा की आँखों में चमक आ गई और उसने नीचे से हाथ हटा कर शर्मा कर अपना मुंह हाथों में छुपा लिया.

क्या अदा थी लौंडिया की, चूत भी दिखा रही थी और शरमा भी रही थी.

अगले भाग की प्रतीक्षा करें!
 
Last edited:
Top