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Adultery ठरक मेहता का उल्टा चश्मा

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दोस्तो आप सभी तो "तारक मेहता के उल्टा चश्मा" सीरियल के बारे में जानते ही होंगे.. बस ये कहानी उसीकी Adult version है... आशा करती हूं आप लोग इसे पसंद करेंगे...

तो फिर चलिए इस कहानी के किरदारों से आपको मिलाता हूँ...

ये कहानी है गोकुलधाम सोसाइटी की, जहां पे सब लोग मिल जुलकर रहते हैं... कोई भेदभाव नहीं....

तो यहां की कुछ सदस्यों से आपको मिलाती हूँ जिनके ऊपर ये कहानी है....

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जेठालाल गड़ा

ये एक व्यापारी हैं और उनका "गड़ा Electronics" नामकी दुकान भी है.....ये बहुत ही आज्ञाकारी बेटा हैं... लेकिन चुदाई के मामले में आगे हैं...




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दयाबेन गड़ा

ये जेठालाल गड़ा के धर्मपत्नी हैं... दिखने में सीधासाधा लेकिन अंदर में बहुत ही चुदककड़ किस्म की हैं... लेकिन खुल कर बोल नहीं पाती इसलिए आजतक पति के सिवा किसी से नहीं चुदी है...



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कृष्णन अय्यर

ये वैज्ञानिक हैं... लेकिन आजतक कुछ भी आविष्कार नहीं किये हैं... लेकिन दूसरों की बीवी के चूत मारने में ज्यादा ध्यान देते हैं....



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बबिता अय्यर

ये कृष्णन अय्यर की बीवी है... दिखने में सबसे hot.. इनकी बड़ी बड़ी चूची देख कर सोसाइटी के सारे मर्द के होश उड़ जाते हैं... खास कर जेठालाल तो इसको चोदने के लिए पागल है लेकिन आजतक चोदने में सफल नहीं हुआ है... बदले में बबिता भी जेठालाल को लाइन देती है, क्योंकि वो एक चुदककड़ औरत है...



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तारक मेहता

ये एक लेखक हैं और जेठालाल के परम मित्र हैं.. उनका हर घड़ी में साथ देते हैं... इनमें बीवी को चोदने की इच्छा कम और आर्टिकल लिखने की इच्छा ज्यादा है... इनकी बीवी इनको करेले की जूस पिला पिला कर बोर कर देती है...



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अंजलि मेहता

ये तारक मेहता की बीवी हैं... दिखने में जैसी hot, ठीक वैसी ही चुदककड़ भी.. लेकिन इनके पति तारक मेहता इनको चोदते नहीं है क्योंकि उन्हें आर्टिकल लिखना पड़ता है हमेशा.. इसलिए ये सोसाइटी के बाकी मर्दों को लाइन देती फिरती है..



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आत्माराम भिड़े

ये इस सोसाइटी के एकमेव सेक्रेटरी हैं... ये सोसाइटी के हर चीज़ का खयाल रखते हैं... इनका और जेठालाल का हमेशा झगड़ा होता रहता है... ये सोसाइटी के बच्चों को ट्यूशन पढाते हैं... और बहुत ही शरीफ किस्म के इंसान हैं...



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माधवी भिड़े

ये आत्माराम भिड़े की बीवी हैं.. यूँ कहें तो ये सोसाइटी में सबसे बड़ी चुदक्कड़ औरत है... इसकी मादक फिगर को देख कर सोसाइटी के सारे मर्द के लन्ड में हलचल होने लगती है... ये चुदने में माहिर है लेकिन इसकी पति इसे घास तक नही डालता.. लेकिन अपनी खूबसूरती की वजह से ये मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित करती है... इनका आचार पापड़ बनाने की भी short buissness है....



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Roshan sodhi

ये दिखने में जैसे मजबूत हैं, वैसे ही Hard चुदाई करने के शौकीन हैं.. अपनी बीवी को लगातार कई घण्टे तक चुदाई करते हैं... इनका नजर दुसरो की बीवी को ठोकने पर लगी रहती है.... इनका एक garrage भी है...



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Mrs Roshan sodhi

ये रोशन सोढ़ी के बीवी हैं... इनकी बड़ी बड़ी चूची ही बताती है कि ये किस तरह की चुदाई करती होंगी... ये अपने पति के साथ Hard चुदाई करती है फिर भी सोसाइटी के बाकी मर्दों को लाइन देती है..



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पोपटलाल

ये सोसाइटी के eligible bachelor है... इसकी शादी अभी तक नहीं हुई... फिर भी ये हिम्मत नहीं हारा और दिन रात एक चूत की तलाश में रहता है.. ये एक पत्रकार है...



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Champaklal Gada

ये जेठालाल गडा के पिताजी हैं... पुराने जमाने के आदमी पर आजकल की औरतों को देख कर कभी कभी इनका भी मन बहक जाता है... और पता नहीं क्या क्या कर बैठते हैं....



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Baagheswar

ये है बाघा.. ये जेठालाल की इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर काम करता है पर बहुत ही वफादार है... लेकिन है बहुत ही चोदू... मौका मिले तो किसीको भी चोद देता है...



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Nattu kaka

ये है नट्टू काका.. जेठालाल के दुकान पर काम करने वाला बफादार आदमी... ये बहुत काम की आदमी है



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Abdul

ये सोसाइटी के बाहर एक General स्टोर चलाता है... सोसाइटी के सारे परिवार इसके दुकान पर निर्भर करते हैं... ये भी मौके का सही फायदा उठाते हैं...



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Inspector chaalu pandey

ये उस इलाके के inspector हैं... इनका इस सोसाइटी में आना जाना लगा रहता है... ये भी ठरकी किस्म के इंसान है... इनका नजर सोसाइटी के एक सेक्सी औरत पर लगी हुई है और वो उसे हर हाल में चोदना चाहता है...

तो ये तो हो गया परिचय... आगे पढ़िए कहानी... next update पर.....
💐💐💐💐💐💐💐
 

Napster

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अपडेट की प्रतिक्षा है जल्दी से दिजिएगा
 
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चंपकलाल बालकनी पे कुर्सी पर बैठा माधवी के बालकनी पर आने की इंतजार कर रहा था...

तभी भिड़े के घर के बालकनी की दरवाजा खुला और माधवी एक बाल्टी पकड़ के बालकनी पर आई... चंपकलाल जैसे ही ये देखा उसकी आँखों मे चमक आ गया..

माधवी चंपकलाल की और देख कर हल्की सी मुस्कुरा के बोली- सुप्रभात चाचाजी..

चंपकलाल मन ही मन बोला- धत्त, चाचाजी बोलने की क्या जरूरत है ?

और फिर चंपकलाल बोला- सुप्रभात माधवी..

माधवी फिर से मुस्कुराती हुई बोली- और नाश्ता हो गया आपका ?

चंपकलाल- नहीं हुआ अभी तक..

माधवी बाल्टी के अंदर से लाल रंग की ब्रा निकाल कर तार पर सुखाते हुए चंपकलाल को देखते हुए बोली- भूखे रहना ठीक नहीं है चाचाजी, कुछ खा लीजिये (मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल की नजर माधवी के लाल ब्रा पर था, जिसे देख कर वो पागल हो रहा था.. ऊपर से उसकी सेक्सी स्माइल देख कर उसका लन्ड तन के खड़ा हो चुका था..

तभी नीचे से पोपटलाल बोला- माधवी भाभी, मुझे आपसे काम है, में घर में आ जाऊं ?

माधवी- ठीक है आईये पोपट भाई...

चंपकलाल ये देखते ही सोचने लगा- आखिर पोपटलाल का माधवी के पास क्या काम हो सकता है ?

तभी माधवी अपने सारे कपड़े सुखाने के बाद घर के अंदर जा ही रही थी कि पीछे से चंपकलाल बोला- माधवी मुझे भी तुमसे कुछ काम है, में तुम्हारे घर में आ जाऊं ?

माधवी मुस्कुराती हुई बोली- आपका ही घर है चाचाजी, पूछने की क्या जरूरत है...

और फिर माधवी अंदर चली गयी...

चंपकलाल सोचने लगा- माधवी मुझे देख कर इतने सेक्सी से मुस्कुराना, कुछ तो चाहती है ये औरत... लेकिन ये मुझे चाचाजी क्यों बोल रही है ? छोड़ो मुझे क्या, मुझे उसको पटाने से मतलब है...

फिर चंपकलाल का नजर फिर से माधवी के सुखाई हुई लाल ब्रा पर गया, जिसे देख कर उसका जोश बढ़ने लगा...

चंपकलाल मन ही मन बोला- कितना बड़ा है माधवी की चूची, इसकी ब्रा देख कर पता चल रहा है... बस और कुछ दिन, उसके बाद में खुद इस ब्रा को माधवी के बदन से उतारूंगा और उसकी दोनों चूची मेरे हाथ पर होंगे....

फिर अपने घर के बालकनी में से दया आयी और बोली- बापूजी चलिए नाश्ता तैयार है...

चंपकलाल- बहु नाश्ता बाद में कर लूंगा... में थोड़ा भिंडी मास्टर के घर से आता हूँ...

दया- वो किसलिए बापूजी ?

चंपकलाल- थोड़ा सा काम है...

दया- ठीक है बापूजी..

फिर दया अंदर चली गयी..

चंपकलाल मन ही मन- चल चम्पक जल्दी चल, पता नहीं ये पोपट किस काम के लिए माधवी के पास गया है ?

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चंपकलाल जैसे ही माधवी के घर के अंदर गया तो देखा पोपटलाल सोफे पर बैठ के नाश्ता खा रहा था और माधवी सामने खड़ी थी...

चंपकलाल को देख कर माधवी बोली- आईये चाचाजी, बैठिये, नाश्ता कर लीजिए...

चंपकलाल बैठते हुए बोला- नाश्ते की क्या जरूरत है, में घर में कर लूंगा...

तभी पोपटलाल बोला- कर लीजिए चाचाजी, माधवी भाभी ने कितने प्यार से बनाई है नाश्ता..

चंपकलाल धीरे से माधवी की तरफ देखा तो माधवी हल्की सी मुस्कुराती हुई बोली- कर लीजिए ना चाचाजी ?

चंपकलाल- ठीक है तुम इतना बोल रही हो तो थोड़ा सा दे दो...

माधवी एक प्लेट में नाश्ता लेकर आई और चंपकलाल के आगे झुकती हुई प्लेट देने लगी...

माधवी के झुकते ही उसकी ब्लाउज में से दोनों चूची की गोलाइयों साफ नजर आने लगे जिसे चंपकलाल ध्यान से देख रहा था और मन ही मन सोच रहा था- है भगवान, मैं खुद को कैसे संभालू ?

माधवी सीधी खड़ी होते हुए मुस्कुराती हुई बोली- चाचाजी चटनी चाहिए तो बोलना...

चंपकलाल मन ही मन- तेरी अमरूद देख के मेरा चटनी हो चुका है...

तभी पोपटलाल बोला- वाह माधवी भाभी, मानना पड़ेगा आपको, आपकी हाथ में तो जादू है, मजा आ गया नाश्ता करके..

माधवी- बस करिए पोपट भौजी, इतनी भी क्या बनाई हूँ (मुस्कुराके)

चंपकलाल मन ही मन- ये डिब्बा, माधवी की इतनी तारीफ क्यों कर रहा है ? कहीं इसके दिमाग में तो कुछ नहीं चल रहा है ना ?

फिर माधवी किचन के अंदर चली गयी..

माधवी के अंदर जाते ही चंपकलाल बोला- ऐ डिब्बे, तू जो काम से आया था, वो हो गया ?

पोपटलाल- हां माधवी भाभी से पापड़ ले लिए मेने..

चंपकलाल- ओह तो पापड़ लेने आया था... चल ठीक है...

पोपटलाल- हाँ क्योंकि मुझे पापड़ बहुत पसंद है.. खास कर माधवी भाभी के बनाई हुई हाथो से..

चंपकलाल गुस्से से- ऐ डिब्बे, तू दिन रात खाली पापड़ खाता रह, कोई काम धंधा नहीं है क्या ?

पोपटलाल घबराते हुए- हाँ चाचाजी, मुझे आफिस जाना है ना...

चंपकलाल- तो जा.. खाली पापड़ पापड़ पापड़... बबूचक...

फिर पोपटलाल हड़बड़ी से वहां से चला गया...

कुछ देर बाद माधवी अंदर से आयी और बोली- चाचाजी पोपट भौजी चले गये क्या ?

चंपकलाल- हैं वो तो कबका चला गया...

माधवी- ओह !!

चंपकलाल- भिड़े कहां गया ?

माधवी- वो market गए हैं सब्जी लाने.. क्यों आपका उनसे कुछ काम था क्या ?

चंपकलाल- नहीं... दरअसल मुझे थोड़ा पापड़ चाहिए था..

माधवी अपने होंठ को मादकता से घुमाते हुए बोली- ओह तो आपको पापड़ खाने हैं... कितने चाहिए चाचाजी ?

चंपकलाल की नजर माधवी की सेक्सी होंठ पर गया जिसे वो बड़े ही सेक्सी अंदाज में घुमा के बोल रही थी.. चंपकलाल मन ही मन बोला- मुझे पापड़ नहीं तुम्हारे होंठ को चूसने हैं, जी तो कर रहा है अभी चबा के खा जाऊं..

माधवी- चाचाजी क्या सोच रहे हैं, कितने लेंगे ?

चंपकलाल चौंकते हुए बोला- क्या ?

माधवी मुस्कुराती हुई बोली- पापड़...

चंपकलाल हड़बड़ाते हुए बोला- अअअअ 1 किलो दे दो...

माधवी- ठीक है अभी लाती हूँ.. वैसे चाचाजी आप गाँव जाने वाले थे ना, कब जा रहे हैं...

चंपकलाल- गांव जाना cancel कर दिया...

माधवी- क्यों मुम्बई ज्यादा पसंद आ रहा है क्या चाचाजी ? (मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल- हाँ ऐसे ही...

फिर माधवी हल्की सी मुस्कुराती हुई अंदर गयी और पापड़ एक थैली में लाती हुई बोली- लीजिये चाचाजी 1 किलो पापड़....

चंपकलाल जैसे ही थैली पकड़ ही रहा था कि माधवी की पैर पास में पड़े सोफे पर लगी और माधवी unbalance हो कर चंपकलाल के जांघ पर बैठ गयी...

चंपकलाल का मानो होश उड़ गया और लन्ड नीचे से फड़फड़ाने लगा..

माधवी चंपकलाल के जांघ पर बैठी हुई थी और चंपकलाल का पूरा बदन कांप रहा था... सामने अपनी जांघ पर एक सेक्सी औरत होने के वावजूद वो कुछ कर नही पा रहा था...

चंपकलाल के जांघ पर माधवी के गांड का स्पर्श होने पर चंपकलाल के पूरे बदन पर करंट दौड़ गया था... और सामने माधवी की दो बड़ी बड़ी चुचियाँ ब्लाउज में टाइट झूल रहे थे..

चंपकलाल दोनों चुचियों को देखता ही रह गया.. वो पहली बार माधवी की दोनों चूची को इतने करीब से देख रहा था...

तभी माधवी झट से खड़ी हो गयी और बोली- sorry चाचाजी, में बैलेंस कर नही पाई इसलिए गिर गयी (नजर नीची करके हल्की सी मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल मन ही मन- जानता हूँ सब बहाना है, लेकिन आखिर कब तक ?

चंपकलाल- कोई बात नहीं, ऐसा अक्सर होता है..

फिर चंपकलाल वहां से जाने लगा, ठीक दरवाजे के पास पहुंच कर पीछे देखा तो माधवी सेक्सी स्माइल कर रही थी, तो चंपकलाल को ये समझने में देर नहीं लगा कि माधवी ये सब जानबूझ के की...

फिर चंपकलाल जैसे ही अपना घर आया, सीधा बाथरूम चला गया और अपना धोती निकाल कर नंगा हो गया और लन्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.. उसका लन्ड पहले से ही खड़ा था...

लन्ड को आगे पीछे करते हुए चंपकलाल बोल रहा था- माधवी एक ना एक दिन तो तेरी चूत मारूँगा ही... आज जानबूझ कर मेरे जांघ पर बैठी, मन तो किया कि वहां पे रगड़ लूँ, पर क्या करूँ, मजबूर था... लेकिन अगली बार ऐसा हुआ तो कसम है पक्का रगडुंगा... में भी कच्छ की असली मर्द हूँ... तेरी जैसी प्यासी औरत की किस तरह प्यास मिटाया जाता है उस दिन बताऊंगा..
ऐसा रगडुंगा की कभी भिड़े नहीं रगड़ा होगा उस तरह...

चंपकलाल माधवी के बड़ी बड़ी चुचियों को याद करते हुए जोर जोर से मुठ मारने लगा और बोला- जेठिया के माँ के भी इतने बड़े नहीं थे जितनी बड़ी तेरी चूची है माधवी... मौका तो मिले एक बार, ऐसा दबाऊंगा की 5 दिन तक ब्लाउज पहन नहीं पाएगी...

जोर जोर से मुठ मारते हुए चंपकलाल झड़ गया.....

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उधर तारक मेहता के घर के अंदर बैडरूम से अंजलि की सेक्सी आहें गूंज रही थी....

अंजलि- आआआआआहहहहहह उहहहहहहहहहह धीरे धीरे दबाइये ना...

अंजलि पूरी तरह नंगी पड़ी थी बेड के ऊपर और उसकी नंगी चुचियों को पोपटलाल दबा रहा था... पोपटलाल सिर्फ अंडरवियर में था....

अंजलि- क्या हुआ, आज बहुत उताबला लग रहे हो पोपट भाई ?

पोपटलाल जोर जोर से दोनों हाथो से चुचियों को दबाते हुए बोला- आज माधवी भाभी के चूची को करीब से देखा इसलिए ज्यादा गरम् हो गया हूँ....

अंजलि- आआहहह तुम अंजलि भाभी के घर क्यों गए थे और माधवी भाभी ने तुम्हे अपनी चूची क्यों दिखाई ?

पोपटलाल- में पापड़ लेने गया था.. और माधवी भाभी ने मुझे नहीं, माधवी भाभी जब चम्पक चाचा को नाश्ता देने के लिए नीचे झुकी तो उनका पूरा चूची साफ दिख रहा था... मेने साफ साफ देखा...

पोपटलाल अंजलि की एक चूची पर मुंह डालते हुए चूसने लगा...

अंजलि- ओहहहहहहहहह मतलब चम्पक चाचा ने पूरा चूची देख लिया होगा... लेकिन चम्पक चाचा को कोई फर्क नहीं पड़ा होगा...

पोपटलाल एक चूची से मुंह निकाल कर बोला- क्यों ?

अंजलि- उनका लन्ड खड़ा भी नही होता होगा...

पोपटलाल एक हाथ से अंजलि की नाभि को सहलाते हुए बोला- ये बुड्ढे लोगो को कम मत समझना अंजलि भाभी, ये चोदते बहुत हैं.... नाजाने कितने चूत मार मार के बुड्ढे हुए हैं....

अंजलि- तब तो चम्पक चाचा का भी मन हुआ होगा माधवी भाभी को चोदने की..

पोपटलाल अंजलि के होंठ को पागलों की तरह चूसते हुए बोला- चम्पक चाचा का पता नहीं, लेकिन मेरा मन हुआ माधवी भाभी को चोदने की...

अंजलि- खबरदार जो मुझे छोड़ के किसी और को चोदे तो, तुम इधर उधर मुंह क्यों मार रहे हो ? में तुम्हे दे रही हूं ना रोज...

पोपटलाल- बस एक बार माधवी भाभी को चोदने दो अंजलि भाभी...

अंजलि- भिड़े भाई को पता चल गया तो तुम्हे सोसाइटी से बाहर निकाल देंगे...

पोपटलाल अंजलि को उठाया और doggy पोज में करते हुए बोला- अगर में नहीं चोदा तो चम्पक चाचा जरूर चोद देगा.. और रही बात भिड़े की तो वो क्या करेगा, जब उसका बीवी की चूत खुद इतनी फुदक रही है..

अंजलि के मुंह से एक जोरदार आवाज निकली- उइमाआआ.. आउच.....

क्योंकि पोपटलाल ने पूरा लन्ड अंजलि की चूत में डाल दिया था.. अंजलि doggy पोज में थी और पोपटलाल धीरे धीरे लन्ड को आगे पीछे करने लगा...

पोपटलाल कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद अचानक स्पीड बढा दिया और तेजी से चोदने लगा...

अंजलि- आआआआआआहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहहहहहह मजा आ रही है और जोर से पोपट भाई..

पोपटलाल जोर जोर से चोदते हुए बोला- जब माधवी भाभी को इस तरह कुतिया बना के ठोकुंगा तब मुझे चैन आएगा.... माधवी भाभी आआआआआआआआआ...

पोपटलाल माधवी का नाम ले कर जोर जोर से चोदने लगा...

अंजलि की तेज सिसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी... उसकी दोनों चूची तेज तर्रार तरीके से हिल रहे थे.. पोपटलाल पीछे से गांड को पकड़ के शॉट पे शॉट मार रहा था माधवी माधवी चिल्ला के....

करीब 15 मिनिट की Hardcore चुदाई के बाद पोपटलाल झड़ गया और चूत से लन्ड निकाल के हांफने लगा...

अंजलि भी बेड पर पीठ के बल लेट गयी और हांफने लगी...

कुछ देर के बाद दोनों normal थे...

अंजलि- आज तो बड़े जोश में थे और बाकी दिनों से ज्यादा तेज चुदाई किये...

पोपटलाल- माधवी भाभी की वजह से...

अंजलि- ओ हो लगता है तुम्हे माधवी भाभी ने पागल कर रखा है..

पोपटलाल- हाँ अंजलि भाभी, में हर हाल में माधवी भाभी को चोदना चाहता हुँ...

अंजलि- अच्छा, मुझे चोदते हो ये काफी नहीं है क्या ?

पोपटलाल- बस एक बार चोदना है...

अंजलि- पता है... ये एक बार बाद में आदत बन जाता है..

पोपटलाल- पर माधवी भाभी को नहीं चोदा तो जिंदगी भर अफसोस रहेगा...

अंजलि- oh my god !! लगता है तुम मानोगे ही नहीं...

पोपटलाल- हाँ..

अंजलि ब्रा पहनते हुए बोली- लेकिन तुम माधवी भाभी को पटाओगे कैसे ?

पोपटलाल- मेरे रास्ते में बस एक ही कांटा है...

अंजलि- कौन ?

पोपटलाल- चम्पक चाचा..

अंजलि- मेरे हिसाब से माधवी भाभी चम्पक चाचा को लाइन नहीं देगी....

पोपटलाल- लाइन की बात छोड़ो, माधवी भाभी उनको चूत भी दे देगी... क्योंकि चुदक्कड़ औरत की कोई भरोशा नहीं...

अंजलि- तो फिर क्या करोगे ?

पोपटलाल अंजलि को अपनी तरफ खींचते हुए बाहों में लेते हुए बोला- तुम्हारी मदद से में माधवी भाभी को पटा पाऊंगा अंजलि भाभी..

अंजलि भी पोपटलाल के छाती पर हाथ फिराते हुए बोली- में क्या मदद कर सकती हूं ?

पोपटलाल- तुम्हे चम्पक चाचा के ध्यान को भटकाने होंगे..

अंजलि- में कुछ समझी नहीं...

पोपटलाल- मतलब तुम चम्पक चाचा को अपनी तरफ रिझाओ, ताकि वो माधवी भाभी की तरफ ज्यादा ध्यान ना दें...

अंजलि पोपटलाल से अलग होते हुए बोली- क्या बात कर रहे हो पोपट भाई ? में ये नहीं कर सकती...

पोपटलाल फिर से अंजलि को अपनी तरफ खींचते हए बोला- पर क्यों ?

अंजलि- क्योंकि तारक जेठा भाई के परम् मित्र हैं और जेठा भाई के पिताजी को में रिझाऊं.... सोचो जब जेठा भाई को पता चलेगा तो ?

पोपटलाल- तो जेठालाल कौन सा दूध का धुला है ?

अंजलि- मतलब ?

पोपटलाल- जेठलाल भी तो बबिता जी के पीछे हाथ धो कर पड़ा है उन्हें चोदने के लिए.... हम इस बात को हथियार बनाएंगे...

अंजलि- क्या ? जेठा भाई बबिता के पीछे पड़े हैं ?

पोपटलाल- हाँ... सच बोलू तो बबिताजी भी कड़क माल हैं, कोई भी मर्द उनके पिछे पड सकता है...

अंजलि झट से पोपटलाल से अलग होते हुए बोली- तुम पहले clear करो कि तुम किसको चोदना चाहते हो "माधवी भाभी को या बबिता को ?

पोपटलाल- माधवी भाभी को...

अंजलि- तो फिर बबिता की तारीफ क्यों कर रहे हो ? मुझे पता है बबिता भी एक नम्बर की चुदक्कड़ है...

पोपटलाल- वो तो उनका बड़ी बड़ी चूची देख कर पता चलता है..

अंजलि- अच्छा.. मेरी चूची भी तो बड़ी है... इसका मतलब में भी चुदक्कड़ हूँ....

पोपटलाल- अंजलि भाभी तुम्हारी चूची आम है तो बबिता जी के तरबूज है... और वो तरबूज को जेठालाल खाना चाहता है...

अंजलि- और तुम क्या खाना चाहते हो तो फिर ?

पोपटलाल- में पपीता खाना चाहता हूं माधवी भाभी के...

अंजलि- ओह तो पपीता खाना है तुम्हे ?

पोपटलाल- इसके लिए मुझे तुम्हारी मदद चाहिए अंजलि भाभी ... ,करोगे ना मदद ?

अंजलि कुछ सोचने के बाद बोली- ठीक है में तैयार हूँ...

पोपटलाल- तो फिर मेरा आज से शुरू हुआ "मिशन माधवी भाभी"

अंजलि- और मेरा "मिशन चम्पक चाचा"

फिर दोनों खिला खिलाकर हंसने लगे.......

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Ankit 887427

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बोहोत अछा लिखती है आप, हमे उतना तारीफ करना नही आता इसलिए कॉमेंट में कुछ ज्यादा नहीं लिखेंगे, बट हा ये जरूर कहेंगे कि अगले अपडेट का इंतजार रहेगा।
 
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Napster

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बहुत ही गरमागरम और धमाकेदार अपडेट है
मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ankit 887427

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चंपकलाल बालकनी पे कुर्सी पर बैठा माधवी के बालकनी पर आने की इंतजार कर रहा था...

तभी भिड़े के घर के बालकनी की दरवाजा खुला और माधवी एक बाल्टी पकड़ के बालकनी पर आई... चंपकलाल जैसे ही ये देखा उसकी आँखों मे चमक आ गया..

माधवी चंपकलाल की और देख कर हल्की सी मुस्कुरा के बोली- सुप्रभात चाचाजी..

चंपकलाल मन ही मन बोला- धत्त, चाचाजी बोलने की क्या जरूरत है ?

और फिर चंपकलाल बोला- सुप्रभात माधवी..

माधवी फिर से मुस्कुराती हुई बोली- और नाश्ता हो गया आपका ?

चंपकलाल- नहीं हुआ अभी तक..

माधवी बाल्टी के अंदर से लाल रंग की ब्रा निकाल कर तार पर सुखाते हुए चंपकलाल को देखते हुए बोली- भूखे रहना ठीक नहीं है चाचाजी, कुछ खा लीजिये (मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल की नजर माधवी के लाल ब्रा पर था, जिसे देख कर वो पागल हो रहा था.. ऊपर से उसकी सेक्सी स्माइल देख कर उसका लन्ड तन के खड़ा हो चुका था..

तभी नीचे से पोपटलाल बोला- माधवी भाभी, मुझे आपसे काम है, में घर में आ जाऊं ?

माधवी- ठीक है आईये पोपट भाई...

चंपकलाल ये देखते ही सोचने लगा- आखिर पोपटलाल का माधवी के पास क्या काम हो सकता है ?

तभी माधवी अपने सारे कपड़े सुखाने के बाद घर के अंदर जा ही रही थी कि पीछे से चंपकलाल बोला- माधवी मुझे भी तुमसे कुछ काम है, में तुम्हारे घर में आ जाऊं ?

माधवी मुस्कुराती हुई बोली- आपका ही घर है चाचाजी, पूछने की क्या जरूरत है...

और फिर माधवी अंदर चली गयी...

चंपकलाल सोचने लगा- माधवी मुझे देख कर इतने सेक्सी से मुस्कुराना, कुछ तो चाहती है ये औरत... लेकिन ये मुझे चाचाजी क्यों बोल रही है ? छोड़ो मुझे क्या, मुझे उसको पटाने से मतलब है...

फिर चंपकलाल का नजर फिर से माधवी के सुखाई हुई लाल ब्रा पर गया, जिसे देख कर उसका जोश बढ़ने लगा...

चंपकलाल मन ही मन बोला- कितना बड़ा है माधवी की चूची, इसकी ब्रा देख कर पता चल रहा है... बस और कुछ दिन, उसके बाद में खुद इस ब्रा को माधवी के बदन से उतारूंगा और उसकी दोनों चूची मेरे हाथ पर होंगे....

फिर अपने घर के बालकनी में से दया आयी और बोली- बापूजी चलिए नाश्ता तैयार है...

चंपकलाल- बहु नाश्ता बाद में कर लूंगा... में थोड़ा भिंडी मास्टर के घर से आता हूँ...

दया- वो किसलिए बापूजी ?

चंपकलाल- थोड़ा सा काम है...

दया- ठीक है बापूजी..

फिर दया अंदर चली गयी..

चंपकलाल मन ही मन- चल चम्पक जल्दी चल, पता नहीं ये पोपट किस काम के लिए माधवी के पास गया है ?

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चंपकलाल जैसे ही माधवी के घर के अंदर गया तो देखा पोपटलाल सोफे पर बैठ के नाश्ता खा रहा था और माधवी सामने खड़ी थी...

चंपकलाल को देख कर माधवी बोली- आईये चाचाजी, बैठिये, नाश्ता कर लीजिए...

चंपकलाल बैठते हुए बोला- नाश्ते की क्या जरूरत है, में घर में कर लूंगा...

तभी पोपटलाल बोला- कर लीजिए चाचाजी, माधवी भाभी ने कितने प्यार से बनाई है नाश्ता..

चंपकलाल धीरे से माधवी की तरफ देखा तो माधवी हल्की सी मुस्कुराती हुई बोली- कर लीजिए ना चाचाजी ?

चंपकलाल- ठीक है तुम इतना बोल रही हो तो थोड़ा सा दे दो...

माधवी एक प्लेट में नाश्ता लेकर आई और चंपकलाल के आगे झुकती हुई प्लेट देने लगी...

माधवी के झुकते ही उसकी ब्लाउज में से दोनों चूची की गोलाइयों साफ नजर आने लगे जिसे चंपकलाल ध्यान से देख रहा था और मन ही मन सोच रहा था- है भगवान, मैं खुद को कैसे संभालू ?

माधवी सीधी खड़ी होते हुए मुस्कुराती हुई बोली- चाचाजी चटनी चाहिए तो बोलना...

चंपकलाल मन ही मन- तेरी अमरूद देख के मेरा चटनी हो चुका है...

तभी पोपटलाल बोला- वाह माधवी भाभी, मानना पड़ेगा आपको, आपकी हाथ में तो जादू है, मजा आ गया नाश्ता करके..

माधवी- बस करिए पोपट भौजी, इतनी भी क्या बनाई हूँ (मुस्कुराके)

चंपकलाल मन ही मन- ये डिब्बा, माधवी की इतनी तारीफ क्यों कर रहा है ? कहीं इसके दिमाग में तो कुछ नहीं चल रहा है ना ?

फिर माधवी किचन के अंदर चली गयी..

माधवी के अंदर जाते ही चंपकलाल बोला- ऐ डिब्बे, तू जो काम से आया था, वो हो गया ?

पोपटलाल- हां माधवी भाभी से पापड़ ले लिए मेने..

चंपकलाल- ओह तो पापड़ लेने आया था... चल ठीक है...

पोपटलाल- हाँ क्योंकि मुझे पापड़ बहुत पसंद है.. खास कर माधवी भाभी के बनाई हुई हाथो से..

चंपकलाल गुस्से से- ऐ डिब्बे, तू दिन रात खाली पापड़ खाता रह, कोई काम धंधा नहीं है क्या ?

पोपटलाल घबराते हुए- हाँ चाचाजी, मुझे आफिस जाना है ना...

चंपकलाल- तो जा.. खाली पापड़ पापड़ पापड़... बबूचक...

फिर पोपटलाल हड़बड़ी से वहां से चला गया...

कुछ देर बाद माधवी अंदर से आयी और बोली- चाचाजी पोपट भौजी चले गये क्या ?

चंपकलाल- हैं वो तो कबका चला गया...

माधवी- ओह !!

चंपकलाल- भिड़े कहां गया ?

माधवी- वो market गए हैं सब्जी लाने.. क्यों आपका उनसे कुछ काम था क्या ?

चंपकलाल- नहीं... दरअसल मुझे थोड़ा पापड़ चाहिए था..

माधवी अपने होंठ को मादकता से घुमाते हुए बोली- ओह तो आपको पापड़ खाने हैं... कितने चाहिए चाचाजी ?

चंपकलाल की नजर माधवी की सेक्सी होंठ पर गया जिसे वो बड़े ही सेक्सी अंदाज में घुमा के बोल रही थी.. चंपकलाल मन ही मन बोला- मुझे पापड़ नहीं तुम्हारे होंठ को चूसने हैं, जी तो कर रहा है अभी चबा के खा जाऊं..

माधवी- चाचाजी क्या सोच रहे हैं, कितने लेंगे ?

चंपकलाल चौंकते हुए बोला- क्या ?

माधवी मुस्कुराती हुई बोली- पापड़...

चंपकलाल हड़बड़ाते हुए बोला- अअअअ 1 किलो दे दो...

माधवी- ठीक है अभी लाती हूँ.. वैसे चाचाजी आप गाँव जाने वाले थे ना, कब जा रहे हैं...

चंपकलाल- गांव जाना cancel कर दिया...

माधवी- क्यों मुम्बई ज्यादा पसंद आ रहा है क्या चाचाजी ? (मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल- हाँ ऐसे ही...

फिर माधवी हल्की सी मुस्कुराती हुई अंदर गयी और पापड़ एक थैली में लाती हुई बोली- लीजिये चाचाजी 1 किलो पापड़....

चंपकलाल जैसे ही थैली पकड़ ही रहा था कि माधवी की पैर पास में पड़े सोफे पर लगी और माधवी unbalance हो कर चंपकलाल के जांघ पर बैठ गयी...

चंपकलाल का मानो होश उड़ गया और लन्ड नीचे से फड़फड़ाने लगा..

माधवी चंपकलाल के जांघ पर बैठी हुई थी और चंपकलाल का पूरा बदन कांप रहा था... सामने अपनी जांघ पर एक सेक्सी औरत होने के वावजूद वो कुछ कर नही पा रहा था...

चंपकलाल के जांघ पर माधवी के गांड का स्पर्श होने पर चंपकलाल के पूरे बदन पर करंट दौड़ गया था... और सामने माधवी की दो बड़ी बड़ी चुचियाँ ब्लाउज में टाइट झूल रहे थे..

चंपकलाल दोनों चुचियों को देखता ही रह गया.. वो पहली बार माधवी की दोनों चूची को इतने करीब से देख रहा था...

तभी माधवी झट से खड़ी हो गयी और बोली- sorry चाचाजी, में बैलेंस कर नही पाई इसलिए गिर गयी (नजर नीची करके हल्की सी मुस्कुराती हुई)

चंपकलाल मन ही मन- जानता हूँ सब बहाना है, लेकिन आखिर कब तक ?

चंपकलाल- कोई बात नहीं, ऐसा अक्सर होता है..

फिर चंपकलाल वहां से जाने लगा, ठीक दरवाजे के पास पहुंच कर पीछे देखा तो माधवी सेक्सी स्माइल कर रही थी, तो चंपकलाल को ये समझने में देर नहीं लगा कि माधवी ये सब जानबूझ के की...

फिर चंपकलाल जैसे ही अपना घर आया, सीधा बाथरूम चला गया और अपना धोती निकाल कर नंगा हो गया और लन्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.. उसका लन्ड पहले से ही खड़ा था...

लन्ड को आगे पीछे करते हुए चंपकलाल बोल रहा था- माधवी एक ना एक दिन तो तेरी चूत मारूँगा ही... आज जानबूझ कर मेरे जांघ पर बैठी, मन तो किया कि वहां पे रगड़ लूँ, पर क्या करूँ, मजबूर था... लेकिन अगली बार ऐसा हुआ तो कसम है पक्का रगडुंगा... में भी कच्छ की असली मर्द हूँ... तेरी जैसी प्यासी औरत की किस तरह प्यास मिटाया जाता है उस दिन बताऊंगा..
ऐसा रगडुंगा की कभी भिड़े नहीं रगड़ा होगा उस तरह...

चंपकलाल माधवी के बड़ी बड़ी चुचियों को याद करते हुए जोर जोर से मुठ मारने लगा और बोला- जेठिया के माँ के भी इतने बड़े नहीं थे जितनी बड़ी तेरी चूची है माधवी... मौका तो मिले एक बार, ऐसा दबाऊंगा की 5 दिन तक ब्लाउज पहन नहीं पाएगी...

जोर जोर से मुठ मारते हुए चंपकलाल झड़ गया.....

💐💐💐💐💐💐💐

उधर तारक मेहता के घर के अंदर बैडरूम से अंजलि की सेक्सी आहें गूंज रही थी....

अंजलि- आआआआआहहहहहह उहहहहहहहहहह धीरे धीरे दबाइये ना...

अंजलि पूरी तरह नंगी पड़ी थी बेड के ऊपर और उसकी नंगी चुचियों को पोपटलाल दबा रहा था... पोपटलाल सिर्फ अंडरवियर में था....

अंजलि- क्या हुआ, आज बहुत उताबला लग रहे हो पोपट भाई ?

पोपटलाल जोर जोर से दोनों हाथो से चुचियों को दबाते हुए बोला- आज माधवी भाभी के चूची को करीब से देखा इसलिए ज्यादा गरम् हो गया हूँ....

अंजलि- आआहहह तुम अंजलि भाभी के घर क्यों गए थे और माधवी भाभी ने तुम्हे अपनी चूची क्यों दिखाई ?

पोपटलाल- में पापड़ लेने गया था.. और माधवी भाभी ने मुझे नहीं, माधवी भाभी जब चम्पक चाचा को नाश्ता देने के लिए नीचे झुकी तो उनका पूरा चूची साफ दिख रहा था... मेने साफ साफ देखा...

पोपटलाल अंजलि की एक चूची पर मुंह डालते हुए चूसने लगा...

अंजलि- ओहहहहहहहहह मतलब चम्पक चाचा ने पूरा चूची देख लिया होगा... लेकिन चम्पक चाचा को कोई फर्क नहीं पड़ा होगा...

पोपटलाल एक चूची से मुंह निकाल कर बोला- क्यों ?

अंजलि- उनका लन्ड खड़ा भी नही होता होगा...

पोपटलाल एक हाथ से अंजलि की नाभि को सहलाते हुए बोला- ये बुड्ढे लोगो को कम मत समझना अंजलि भाभी, ये चोदते बहुत हैं.... नाजाने कितने चूत मार मार के बुड्ढे हुए हैं....

अंजलि- तब तो चम्पक चाचा का भी मन हुआ होगा माधवी भाभी को चोदने की..

पोपटलाल अंजलि के होंठ को पागलों की तरह चूसते हुए बोला- चम्पक चाचा का पता नहीं, लेकिन मेरा मन हुआ माधवी भाभी को चोदने की...

अंजलि- खबरदार जो मुझे छोड़ के किसी और को चोदे तो, तुम इधर उधर मुंह क्यों मार रहे हो ? में तुम्हे दे रही हूं ना रोज...

पोपटलाल- बस एक बार माधवी भाभी को चोदने दो अंजलि भाभी...

अंजलि- भिड़े भाई को पता चल गया तो तुम्हे सोसाइटी से बाहर निकाल देंगे...

पोपटलाल अंजलि को उठाया और doggy पोज में करते हुए बोला- अगर में नहीं चोदा तो चम्पक चाचा जरूर चोद देगा.. और रही बात भिड़े की तो वो क्या करेगा, जब उसका बीवी की चूत खुद इतनी फुदक रही है..

अंजलि के मुंह से एक जोरदार आवाज निकली- उइमाआआ.. आउच.....

क्योंकि पोपटलाल ने पूरा लन्ड अंजलि की चूत में डाल दिया था.. अंजलि doggy पोज में थी और पोपटलाल धीरे धीरे लन्ड को आगे पीछे करने लगा...

पोपटलाल कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद अचानक स्पीड बढा दिया और तेजी से चोदने लगा...

अंजलि- आआआआआआहहहहहहहह उहहहहहहहहहहहहहहहह मजा आ रही है और जोर से पोपट भाई..

पोपटलाल जोर जोर से चोदते हुए बोला- जब माधवी भाभी को इस तरह कुतिया बना के ठोकुंगा तब मुझे चैन आएगा.... माधवी भाभी आआआआआआआआआ...

पोपटलाल माधवी का नाम ले कर जोर जोर से चोदने लगा...

अंजलि की तेज सिसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी... उसकी दोनों चूची तेज तर्रार तरीके से हिल रहे थे.. पोपटलाल पीछे से गांड को पकड़ के शॉट पे शॉट मार रहा था माधवी माधवी चिल्ला के....

करीब 15 मिनिट की Hardcore चुदाई के बाद पोपटलाल झड़ गया और चूत से लन्ड निकाल के हांफने लगा...

अंजलि भी बेड पर पीठ के बल लेट गयी और हांफने लगी...

कुछ देर के बाद दोनों normal थे...

अंजलि- आज तो बड़े जोश में थे और बाकी दिनों से ज्यादा तेज चुदाई किये...

पोपटलाल- माधवी भाभी की वजह से...

अंजलि- ओ हो लगता है तुम्हे माधवी भाभी ने पागल कर रखा है..

पोपटलाल- हाँ अंजलि भाभी, में हर हाल में माधवी भाभी को चोदना चाहता हुँ...

अंजलि- अच्छा, मुझे चोदते हो ये काफी नहीं है क्या ?

पोपटलाल- बस एक बार चोदना है...

अंजलि- पता है... ये एक बार बाद में आदत बन जाता है..

पोपटलाल- पर माधवी भाभी को नहीं चोदा तो जिंदगी भर अफसोस रहेगा...

अंजलि- oh my god !! लगता है तुम मानोगे ही नहीं...

पोपटलाल- हाँ..

अंजलि ब्रा पहनते हुए बोली- लेकिन तुम माधवी भाभी को पटाओगे कैसे ?

पोपटलाल- मेरे रास्ते में बस एक ही कांटा है...

अंजलि- कौन ?

पोपटलाल- चम्पक चाचा..

अंजलि- मेरे हिसाब से माधवी भाभी चम्पक चाचा को लाइन नहीं देगी....

पोपटलाल- लाइन की बात छोड़ो, माधवी भाभी उनको चूत भी दे देगी... क्योंकि चुदक्कड़ औरत की कोई भरोशा नहीं...

अंजलि- तो फिर क्या करोगे ?

पोपटलाल अंजलि को अपनी तरफ खींचते हुए बाहों में लेते हुए बोला- तुम्हारी मदद से में माधवी भाभी को पटा पाऊंगा अंजलि भाभी..

अंजलि भी पोपटलाल के छाती पर हाथ फिराते हुए बोली- में क्या मदद कर सकती हूं ?

पोपटलाल- तुम्हे चम्पक चाचा के ध्यान को भटकाने होंगे..

अंजलि- में कुछ समझी नहीं...

पोपटलाल- मतलब तुम चम्पक चाचा को अपनी तरफ रिझाओ, ताकि वो माधवी भाभी की तरफ ज्यादा ध्यान ना दें...

अंजलि पोपटलाल से अलग होते हुए बोली- क्या बात कर रहे हो पोपट भाई ? में ये नहीं कर सकती...

पोपटलाल फिर से अंजलि को अपनी तरफ खींचते हए बोला- पर क्यों ?

अंजलि- क्योंकि तारक जेठा भाई के परम् मित्र हैं और जेठा भाई के पिताजी को में रिझाऊं.... सोचो जब जेठा भाई को पता चलेगा तो ?

पोपटलाल- तो जेठालाल कौन सा दूध का धुला है ?

अंजलि- मतलब ?

पोपटलाल- जेठलाल भी तो बबिता जी के पीछे हाथ धो कर पड़ा है उन्हें चोदने के लिए.... हम इस बात को हथियार बनाएंगे...

अंजलि- क्या ? जेठा भाई बबिता के पीछे पड़े हैं ?

पोपटलाल- हाँ... सच बोलू तो बबिताजी भी कड़क माल हैं, कोई भी मर्द उनके पिछे पड सकता है...

अंजलि झट से पोपटलाल से अलग होते हुए बोली- तुम पहले clear करो कि तुम किसको चोदना चाहते हो "माधवी भाभी को या बबिता को ?

पोपटलाल- माधवी भाभी को...

अंजलि- तो फिर बबिता की तारीफ क्यों कर रहे हो ? मुझे पता है बबिता भी एक नम्बर की चुदक्कड़ है...

पोपटलाल- वो तो उनका बड़ी बड़ी चूची देख कर पता चलता है..

अंजलि- अच्छा.. मेरी चूची भी तो बड़ी है... इसका मतलब में भी चुदक्कड़ हूँ....

पोपटलाल- अंजलि भाभी तुम्हारी चूची आम है तो बबिता जी के तरबूज है... और वो तरबूज को जेठालाल खाना चाहता है...

अंजलि- और तुम क्या खाना चाहते हो तो फिर ?

पोपटलाल- में पपीता खाना चाहता हूं माधवी भाभी के...

अंजलि- ओह तो पपीता खाना है तुम्हे ?

पोपटलाल- इसके लिए मुझे तुम्हारी मदद चाहिए अंजलि भाभी ... ,करोगे ना मदद ?

अंजलि कुछ सोचने के बाद बोली- ठीक है में तैयार हूँ...

पोपटलाल- तो फिर मेरा आज से शुरू हुआ "मिशन माधवी भाभी"

अंजलि- और मेरा "मिशन चम्पक चाचा"

फिर दोनों खिला खिलाकर हंसने लगे.......

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बहुत शानदार अपडेट है । अंजलि भाभी जैसा माल छोड़ कर माधवी के पीछे पड़ा है पोपट लाल । आने वाले अपडेट का इंतजार रहेगा । जब अंजलि चम्पक चाचा को रिझाने की कोशिश करेगी
 
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