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Bahut hi shaandar update diya hai Unique star bhai....मधुलिका ने नाश्ता तैयार किया और जल्दी ही सभी लोग नाश्ता कर रहे थे। रात भर हुई दमदार चुदाई के बाद मधुलिका का चेहरा चांद की तरह खिल रहा था और उसके बाल खुले हुए थे। खाना खाते हुए उसकी नजर मधुलिका पर पड़ी तो उसने देखा कि आमतौर पर जरा जरा सी बात पर रूठने वाली मधुलिका के चेहरे पर सुबह उसके द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद तिनक की भी शिकन नहीं थी बल्कि मुस्कान फैली हुई थी जो कि उसके स्वभाव के बिलकुल विपरीत था। मधुलिका खुशी खुशी खाना खा रही थी और उसके चेहरे की रौनक देखते ही बन रही थी। मधुलिका के बाल खुले हुए थे जो शायद उसने टैटू को ढकने के लिए खोल रखे थे क्योंकि वो राकेश को अपने टैटू नही दिखाना चाहती थी।
लेकिन होनी को कौन रोक सकता है। खाना खाते हुए मोहित को धसका सा लगा तो मधुलिका तेजी से उसे पानी देने के लिए आगे झुकी और उसके बाल इधर उधर फैल गए थे तो राकेश को उसकी गर्दन पर बना हुआ टैटू नजर आया और उसकी आंखे आश्चर्य से खुल गई। मधुलिका ने मोहित को पानी दिया और फिर से मोहित पानी पीकर खाना खाने लगा। राकेश मधुलिका की तरफ देखते हुए बोला:"
" अरे मधुलिका तुमने टैटू कब बनवा लिया ? काफी खुबसूरत लग रहा है तुम्हारी गर्दन पर।
मधुलिका एक पल के लिए सकपका सी गई और उसने मदद के लिए मोहित की तरफ देखा तो मोहित बोला:"
" अरे पापा कल मैंने बना दिया था कि आपको अच्छा लगेगा शादी की सालगिरह पर। लेकिन आप आए ही नही सारी रात।
राकेश की बेटे के सामने बोलने की हिम्मत नही थी। लेकिन वो अच्छे से जानता था कि मधुलिका कितनी फैशन में चलाती है तो सिर्फ गर्दन पर टैटू बनवाने से तो मानने वाली नही है। राकेश ने थोड़ी देर के लिए सोचा और अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:"
" अच्छा किया बेटा। यार रात मीटिंग में ही फसा रहा पूरी रात। इसलिए नही आ पाया। मधुलिका तुम दिल छोटा मत करो, हम दोनो आज अपनी शादी की सालगिरह मना लेंगे।
राकेश ने अपना ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया। मधुलिका और मोहित दोनो के पसीने एक साथ छूट गए। इतनी जल्दी वो फंस जायेंगे ऐसा तो उन्होंने सपने मे भी नही सोचा था।
मधुलिका:" वो आज ना, आज मेरी सहेली नेहा ने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी हैं और मुझे और मोहित दोनो को बुलाया हैं तो हम वहां जाना होगा। हो सके रात को लेट आए।
मोहित ने मौके पर चौका मारते हुए कहा:"
" हान पापा, उनका मुझे भी फोन आया था इसलिए जाना तो होगा। नहीं तो वो नाराज हो जाएंगे।
राकेश अनुभवी था और उसे लगा जैसे जरूर दाल में से कुछ काला है क्योंकि दोनो मां बेटे बिलकुल एक ही सुर में बोल रहे थे। राकेश ने मन ही मन कुछ सोचा और बोला:"
" अच्छा चलो कोई बात नही। हमे तो साथ ही रहना हैं आगे। आज नही तो कल।
मधुलिका ने चैन की सान ली कि चलो आज के लिए ही सही लेकिन मुसीबत तल गई थी। लेकिन उस बेचारी को क्या पता था कि राकेश ने कितना बड़ा जाल बिछाया हैं उसके लिए।
थोड़ी देर के बाद मोहित अपने ऑफिस चला गया और मधुलिका ने बर्तन धोए और देखा कि राकेश अभी तक ऑफिस नही गया था तो उसके माथे पे पसीना छलक उठा और बोली:"
" अरे आप अभी तक ऑफिस। नहीं गए क्या ?
राकेश:" नही यार। आज मन नही है एक तो थका हुआ और उपर से तुम्हे प्यार करना चाहता हूं क्योंकि रात में तो तुम आज हाथ आने वाली नही हो।
मधुलिका का समूचा वजूद कांप उठा और उसे अपने पैरो तले से जमीन खिसकती हुई महसूस हुई। मोहित उसे सपोर्ट करने वाला उसका बेटा भी जा चुका था और शाम तक आने वाला भी नही था। मधुलिका अपने होंठो पर फीकी सी मुस्कान लाई और बोली:"
" ओह तो ये बात है। कर लेना मुझे प्यार दिन में ही। अभी तो पूरा दिन पड़ा हुआ है पहले घर के काम तो निपट लू।
राकेश ने आगे बढ़कर मधुलिका को पीछे से पकड़ लिया और बोला:"
" काम छोड़ न मेरी जान। आजा तेरी प्यास बुझा देता हु। आज वैद्य जी से ताकत का नुस्खा लेकर आया हु। देखना कैसे घोड़े की तरफ उछल उछल कर चोदूंगा तुझे आज।
मधुलिका बुरी तरह से डर गई और अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली:"
" जिद मत कीजिए ना। छोड़ दीजिए ना अभी। पहले काम तो खत्म कर लू घर के।
राकेश ने अपनी जोर से कस लिया और बेडरूम की तरफ बढ़ गया। मधुलिका परेशान हैरान नाराज सी उसके साथ खींची चली जा रही थी। तभी उसके दिमाग में एक प्लान आया और उसने खुद ही अपनी बांहे अपने चुतिया पति के गले में डाल दी तो राकेश खुश हो गया।
मधुलिका धीरे से अपने हाथ नीचे उसके लंड पर ले गई तो देखा कि उसका छोटा सा लंड हल्का हल्का खड़ा हो रहा था तो मधुलिका मन ही मन उसकी तुलना मोहित से करके मुस्कुरा उठी। मधुलिका ने बिना किसी डर, शर्म के सीधे उसकी पेंट में हाथ घुसा कर लंड को पकड़ पर दबा दिया तो राकेश के मुंह से आह निकल पड़ी और बोला:"
" आह क्या गजब करती हो मधुलिका? थोड़ा प्यार से करो ना तुम्हारा ही तो है।
मधुलिका ने लंड को पूरा अपने हाथ में भर लिया और आगे पीछे करने लगी तो देखते ही देखते लंड पूरा खड़ा हो गया और राकेश ने अपने हाथ से मधुलिका की गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया। मधुलिका जानती थी कि उसे बस थोड़ी सी समझदारी दिखानी होगी और राकेश के इस छोटे से लंड से कुछ बूंदे वीर्य की अपने आप बाहर आ जायेगी इसलिए वो जल्दी जल्दी अपने हाथ को हिलाने लगी और राकेश का पूरा बदन कांपने लगा। मधुलिका के होंठो पर स्माइल आ गई कि उसका प्लान काम कर रहा हैं इसलिए उसने पूरी जोर जोर से लंड को हिलाना शुरू किया और देखते ही देखते राकेश के मुंह से मस्ती भरी सिसकारी फूटी और उसके लंड ने वीर्य की बूंदों से मधुलिका ही हथेली को भर दिया। मधुलिका ने राहत की सांस ली और राकेश आंखे बंद करके बेड पर लेटकर अपनी सांसे दुरुस्त करने लगा जबकि मधुलिका उसकी हालत पर बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी रोकती हुई बाहर निकल आई और बाथरूम जाकर अपने हाथ धोने लगी। उधर कमरे में लेटा राकेश जैसे ही नॉर्मल हुआ तो उसे याद आया कि उसे तो अपनी बीवी के जिस्म को देखना था लेकिन उससे पहले ही उसका निकल गया। राकेश खुद ही अपने आप पर शर्मिंदा हो रहा था और मधुलिका के आने का इंतजार करने लगा।
थोड़ी देर के बाद मधुलिका वापिस आ गई तो राकेश ने उसे फिर से वापिस बेड पर खींच लिया तो मधुलिका अब नखरे करती हुई बोली:"
" अब क्या हैं ? अभी तो किया था तुमने? एक बार फिर से तुम्हारा पप्पू जवाब दे गया। क्यों फिर से मेरी आग भड़का रहे हो ?
राकेश होशियारी दिखाते हुए बोला:" वो मैं थोड़ा घबरा गया था और फिर तुम चीज ही ऐसी हो कि बड़े बड़ों का निकल जाए मेरी तो बात ही क्या। अब देखना फिर से तुम्हारी नंगे जिस्म को देख कर कैसे फिर से खड़ा हो जाएगा ?
मधुलिका अब गुस्सा करती हुई तेज आवाज में बोली:"
" बस अब मुझे हाथ भी मत लगाना। पहले इसे खड़ा कर लो और उसके बाद में खुद अपने कपड़े उतार दूंगी। समझे तुम।
इतना कहकर वो गुस्से से बाहर निकल गई और राकेश सिर्फ उसका लाल मुंह देखता रह गया। मधुलिका घर के काम में लग गई और राकेश जानता था कि उसका लंड अब खड़ा होने वाला नहीं हैं और मधुलिका बेहद जिद्दी हैं इसलिए वो अपने कपड़े बदल कर ऑफिस चला गया। उसके जाते ही मधुलिका ने चैन की सांस ली और घर के काम खत्म करके सो गई।
शाम को करीब छह बजे मधुलिका उठी तो उसका मूड खराब हो गया क्योंकि उसकी नजर राकेश पर पड़ी। मधुलिका बिना कुछ बोले बाथरूम चली गई और जल्दी ही फ्रेश होकर आ गई और उसने मोहित को फोन किया और रात के बारे में पूछा कि क्या करना हैं क्योंकि वो दोनो रात को नेहा के यहां जाने के बारे में बोल चुके थे।
मोहित:" कुछ नही मम्मी। बस थोड़ा बाहर घूम लेंगे और मूवी देख कर वापिस घर आ जाएंगे।
मधुलिका मूवी की बात सुनकर बेहद खुश हुई क्योंकि उसे पता नही कितने साल हो गए थे सिनेमा हॉल में मूवी देखें हुए। मधुलिका खुशी से चहकते हुए बोली:"
" अच्छा है फिर तो। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी, जल्दी आना।
मधुलिका ने फोन काट दिया और अपने बेटे के साथ घूमने जाने के लिए तैयार होने लगी जबकि राकेश चुपचाप सब देख रहा था। मधुलिका ने एक गहरे गले का ब्लाउस पहना और सुंदर सी साड़ी पहन कर अपने बेटे का इंतजार करने लगी। राकेश उसके आस पास ही घूम रहा था लेकिन कुछ कहने की हिम्मत नही बची हुई थी।
मधुलिका सोच में डूबी हुई थी कि तभी उसका मोबाइल बज उठा। अपने बेटे का नम्बर देखकर उसने जल्दी से फोन उठाया और बोली:"
" हान बेटा तुम आ जाओ जल्दी से मैं तैयार हो गई हु। नेहा भी इंतजार कर रही होगी हमारा।
मोहित:" अरे मम्मी सारे शहर में जाम लगा हुआ है। मुश्किल से घर पहुंच पाऊंगा। आज नही जा पायेंगे।
मधुलिका को सदमा सा लगा लेकिन फिर बोली:"
" कोई नही बेटा। फिर कभी चल पड़ेंगे, तुम एक काम करो नेहा को फोन करके सब बता दो खुद ही।
इतना कहकर मधुलिका ने फोन काट दिया। मधुलिका को सजे धजे देखकर एक बार फिर से राकेश के लंड में हरकत होने लगी थी और वो मधुलिका के पास बैठ कर और उसकी जांघें सहलाने लगा तो मधुलिका का मूड ज्यादा ही खराब हो गया और बोली:
" बस करो यार, तुम फिर से शुरू हो गए। होता तो तुमसे कुछ हैं नही बस आग लगाकर छोड़ देते हो और फिर मैं ठंडे पानी से नहाती हु, रात भर जागती रहती हु जलती हुई।
राकेश ने मधुलिका को अपनी गोद में खींच लिया तो मधुलिका समझ गई कि ये ऐसा मानने वाला नही हैं तो मधुलिका एक पल के उठी और फिर से सीधे उसकी पेंट खोलकर अपनी साड़ी ऊपर कर करके उसके लंड पर बैठ गई। धीरे धीरे राकेश का लंड खड़ा होने लगा और मधुलिका पेंटी के उपर से ही अपनी चूत को गोल गोल उसके लंड पर घुमाते हुए बोली"
" देख लेना अगर इस बार भी प्यासा छोड़ दिया तो तुम्हे कभी खुद को हाथ नही लगाने दूंगी।
राकेश ने उसके ब्लाउस के उपर से ही उसकी चुचियों को पकड़ लिया और सहलाने लगा और बोला
" आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही दम लूंगा। देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हु मैं अपने लंड से।
मधुलिका ने एक हाथ से जान बूझकर अपनी पेंटी को साइड से सरका दिया और जैसे ही राकेश का लौड़ा मधुलिका की जलती हुई गर्म चूत से टकराया तो राकेश फिर से कांप उठा तो मधुलिका ने अपनी चूत को एक बार उसके लंड पर उपर से नीचे तक फिराया तो राकेश का लंड फिर से पिघल गया और मधुलिका गुस्से से बिफर पड़ी
" क्या यार इस बार भी तुम कुछ नही कर पाए। बस अब आज के बाद मुझे तभी हाथ लगाना जब लंड में जान आ जाए। मुझे रोज रोज नही तड़पना। वैसे भी अब मैं अपना सारा ध्यान पूजा भक्ति में लगाना चाहती हू।
इतना कहकर माधुलिकक गुस्से से उठी और अपने कपड़े बदलकर रात के खाने की तैयारी करने लगी। राकेश एक बार फिर से बेइज्जत हो गया था और अपना सा मुंह लेकर रह गया। राकेश अपने रूम में गया और दारू की बॉटल खोल कर घूंट लगाने लगा और थोड़ी देर के बाद फिर से वो किचन में काम कर रही मधुलिका के पास पहुंच गया और उसे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो उसके मुंह से उठती हुई शराब की बदबू से मधुलिका गुस्से से भड़क उठी
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मधुलिका;" छोड़ो मुझे ये क्या बदतमीजी हैं राकेश ? तुम दारू पीकर आए हो।
राकेश उससे लिपटते हुए बोला:"
" हान तो क्या हुआ ? देख न दारू पीने से लंड फिर से खड़ा हो रहा है। एक बार दे ना अपनी चूत पूरी नंगी होकर।
मधुलिका ने उसे एक झटका दिया और उसकी तरफ चाकू करते हुए बोली
" बस बहुत हो गया। तुमसे तो ठीक से खड़ा नही हुआ जाता और लंड खड़ा करने की बात कर रहे हो। अगर मुझे आज के बाद छुआ भी तो चाकू से लंड काटकर हाथ में दे दूंगी समझे तुम।
मधुलिका का ऐसा खौफनाक रूप देखकर राकेश की रूह तक कांप उठी और बिना कुछ बोले अपने रूम में आ गया और गहरी सोच में डूब गया। उसका इतना अपमान कभी नहीं हुआ था और राकेश को जब कुछ नही सुझा तो उसने दारू की बॉटल निकाली और पीने लगा।
मधुलिका का फोन फिर से बज उठा तो उसने देखा कि उसके बेटे के कॉल था।
मोहित: मम्मी वो ट्रैफिक जाम खुल गया है। आप एक काम कीजिए घर से बाहर आए करीब 10 मिनट बाद। मैं पहुंच रहा हूं बस टिकट हो गई है मूवी की।
मधुलिका एक बार फिर से खुशी से चहक उठी और जल्दी जल्दी तैयार होने लगी। उसने जान बूझकर हाई हील्स के सैंडल पहने, वो बेहद कामुक लग रही थी और उसने अपना पर्स लिया और देखा कि राकेश दारू पी रहा है तो आमतौर पर दारू पीने पर उस पर भड़कने वाली मधुलिका के होंठो पर कुछ सोचकर स्माइल आ गई और जाते हुए एक बार जोर से राकेश के रूम के बाहर बोली:"
" ट्रैफिक जाम खुल गया है। मोहित का फोन आया था, मैं और मोहित नेहा के घर जा रहे है और रात में लेट आयेंगे।
इतना कहकर मधुलिका बिना राकेश के जवाब की प्रतीक्षा किए तेजी से बाहर निकल गई।मधुलिका ने देखा कि मोहित आ गया था तो उसने अपने बेटे को देखकर जान बूझकर अपनी गांड़ को कामुक अंदाज में मटकाया और स्माइल करते हुए उसकी तरफ चल पड़ी। मोहित अपनी मां की मटकती हुई गांड़ देखकर खुश हो गया और जैसे ही मधुलिका दरवाजा खोलकर अंदर बैठी तो मोहित बोला:"
" क्या बात है मम्मी आज बहुत खुबसूरत लग रही हो।
मधुलिका ने उसे प्यार से देखा और बोली:" क्योंकि आज पहली बार तेरे साथ जो घूमने बाहर जा रही हूं। एक बात और मुझे मम्मी नही सिर मधु बोला कर अब समझा कुछ।
मोहित ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और बोला:" ठीक हैं मधुलिका, अब खुश हो न।
मधु:" उफ्फ मधुलिका सबके लिए हु मैं। तेरे लिए बस सिर मधु मधु और सिर मधु। बुद्धू सा बलम समझता नही है।
इतना कहकर उसने मोहित के कान को हल्का सा खीच दिया तो मोहित मधु के उपर झुक गया और दोनो मा बेटे के होंठ एक बार फिर से जुड़ते चले गए।
काफी देर के बाद दोनो होंठ एक दूसरे से अलग हुए और फिर मोहित ने एक हाथ को मधुलिका के ब्लाउस मे घुसा दिया तो मधुलिका ने उसे घूरकर देखा और बोली:"
" अभी सिर्फ गाड़ी चलाने पर ध्यान दो समझे तुम।
मोहित ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और दोनो सिनेमा हॉल की तरफ बढ़ने लगे।
मधुलिका:" यार मोहित राकेश तो मेरे पीछे ही पड़ गया। आज दिन में उसने बहुत परेशान किया तुम्हारे जाने के बाद।
मोहित:अच्छा क्या हुआ बताओ ?
मधुलिका ने उसके बाद उसे सारी बाते बताई और मोहित थोड़ा गंभीर सा हो गया। लेकिन जब मधुलिका ने उसे चाकू से लंड काटने वाली बात बताई तो उसकी हंसी छूट गई और मोहित हंसते हुए बोला
" आपने तो बेचारे को डरा ही दिया। अब तो आपको छूएगा भी नही गलती से भी।
मधु:" कुत्ते की पूंछ हैं वो। कभी सुधरने वाला नही है।
तभी सिनेमा हॉल आ गया और दोनो मा बेटे गाड़ी से उतर कर अंदर आ गए। हॉल की आगे की सीटे पूरी भर गई थी जबकि पीछे की सीट महंगी होने के कारण लगभग खाली ही पड़ी हुई थी। थोड़ी थोड़ी दूर के बाद कुछ प्रेमी युगल ही बैठे हुए थे बस। मूवी शुरू हो गई और एक प्यासी औरत आंटी की कहानी थी जो सेक्स की प्यासी थी। उसने अपनी प्यास मिटाने के लिए एक कम उमर के लड़के जो उसके देवर का लड़का था उसे फंसा लिया था।
मधुलिका और मोहित दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और स्माइल दी। ज्यादातर जोड़े ही थे जो मूवी देखने आए थे और थोड़ी देर बाद ही पूरे सिनेमा हॉल में सिसकियां गूंज रही थी क्योंकि सभी जोड़ो ने सब लाज शर्म छोड़कर एक दूसरे को अपने आगोश में समेट लिया था। मधुलिका से भी बर्दास्त नही हुआ और वो खुद ही उठकर अपने बेटे की गोद में बैठ गई और उसके होंठ चूमने लगी। मोहित ने भी अपनी मां को अपनी बांहों में कस लिया और उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूमने लगा। मोहित ने अपने दोनो हाथों में मधुलिका की चौड़ी गांड़ को भर लिया तो मधुलिका ने मस्ती में आकर अपना मुंह खोल दिया और मोहित की जीभ उसके मुंह में घुस गई जिसे मधुलिका ने बिना देर किए अपने जीभ से मिलाकर पकड़ लिया और कुल्फी की तरह चूसने लगी और अपनी गांड़ को उसके लंड पर रगड़ने लगी। मोहित अपनी मां की बेकरारी देखकर पागल सा हो गया और उसने जोर से मधुलिका की गांड़ को मसल दिया तो मधुलिका जोर से कराह उठी और कुछ लोगो की एक नजरे एक पल के लिए पीछे मधुलिका पर पड़ी तो मधुलिका शर्मा गई और मोहित से लिपट गई। उसकी चूत पूरी तरह से भीग गई थी और चूचियां अपने आप उछल उछल पड़ रही थी।
मोहित ने एक बार से उसकी गांड़ को जोर से मसला तो मधुलिका ने बड़ी मुश्किल से अपने दांत भींचकर अपनी सिसकी को रोक लिया और बोली:"
" आह मोहित, क्या बदतमीजी हैं !! इतनी जोर से क्यों मसल रहा है मुझे?
मोहित ने उसकी गर्दन पर अपने अपने होंठ टिका दिए और चूसते हुए बोला:"
" आज मधु की गांड़ बड़ी मटक मटक रही थी।
मधु उसकी जीभ अपनी गर्दन पर पड़ते ही पिघल गई और खुद भी उससे लिपटते हुए सिसकी:"
" आह मोहित, मेरी गान्ड हैं ही इतनी बड़ी, क्या करू बता अपने आप मटक पड़ती हैं।
इतना कहकर उसने उसने अपनी गांड़ को मोहित के खड़े लंड पर रगड़ दिया तो मोहित ने एक हाथ को उसकी साड़ी से उसके पेंटी के अंदर घुसा दिया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर कर भींच लिया और जोर से सिसका
" आह मधु, आज अपनी गान्ड दे दे, और बड़ी कर दूंगा मार मार कर अपने लंड से।
अपनी चूत अपने बेटे की मुट्ठी में आते ही मधुलिका ने पूरी तरह से मस्त होकर अपने जिस्म को अपने बेटे की गोद में ढीला छोड़ दिया और मोहित को साइड में देखने का इशारा किया जहां एक औरत लड़के की गोद में बैठे हुए उसके लंड पर उछल रही थी। मोहित ने बिना देर किए उसे उपर की तरफ किया और उसकी साड़ी के साथ साथ पेंटी को एक तरफ सरका कर अपने लंड को नंगा करते हुए उसे अपने लंड पर बैठा लिया तो मधुलिका बावली हो होकर उसके होंठ चूसने लगी और लंड धीरे धीरे उसकी चूत को खोलता हुआ अंदर घुसने लगा। सारे हॉल में चुदाई भरी सिसकारियां गूंज रही थी और मधुलिका ने धीरे धीरे मोहित की तरफ देखते हुए पूरे लंड को अपनी चूत में भर लिया और उस पर उछलने लगी।
मधुलिका मोहित की आंखो में देखते हुए उसे कामुक इशारे करती हुई चुद रही थी और मोहित ने धीरे से एक हाथ को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया तो मधुलिका कांप उठी और अपनी गांड़ को अंदर की तरफ सिकोड़ लिया। मोहित ने उसकी चूत से निकल रहे रस से उंगली को पूरा गीला किया और जैसे ही मधुलिका की गांड़ के छेद पर रखा तो मधुलिका तड़प रही और मोहित ने उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर जोर से एक जोरदार झटके में उंगली को उसकी कुंवारी गांड़ के छेद में एक इंच घुसा दिया तो मधुलिका दर्द से कराह उठी और उससे लिपट गई मोहित उसके कान में सिसक उठा
" मधु आज रात अपनी गांड़ दे दे मुझे।
मधुलिका अपनी गांड़ में उंगली महसूस करते हुए सिसक उठी
" आह नही, फट जायेगी, मुझसे नही हो पाएगा,
मोहित ने उसकी गांड़ के अन्दर उंगली को घुमाया तो मधुलिका पागल सी हो गई और जोर जोर से लंड पर उछलने लगी तो मोहित उसकी गान्ड के छेद को अंदर से सहलाते हुए बोला
" आह मम्मी, कितनी टाइट हैं तेरी गांड़, गांड़ तो आज फटकर ही रहेगी तेरी मधु।
मधुलिका ने मोहित को घूरकर देखते हुए अपनी गांड़ को अंदर की तरफ कस लिया तो मोहित नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर धक्के लगाने लगा तो अब मधुलिका को अब पूरा मजा आ रहा था और वो जोर से से सिसकते हुए लंड पर उछल उछल पड़ रही थी। मोहित ने भी नीचे से अपनी गांड़ को उठाना शुरू किया तो धक्कों की गति बढ़ गई और मधुलिका की सिसकियां भी ऊंची और ऊंची होती चली गई। मधुलिका की चूत में कंपन पैदा होने लगा तो वो पूरी जोर जोर से उछलने लगी और मोहित ने मौके का फायदा उठाकर कचाक से पूरी उंगली को उसकी गांड़ में घुसा दिया और मधुलिका से इतनी उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हुई और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और मोहित से लिपट गई। मोहित ने भी एक तगड़ा धक्का लगाया और उसकी चूत में छूट पड़ा। दोनो अभी एक दूसरे से चुपके हुए ही थे कि तभी लाइट जल गई क्योंकि मूवी खत्म हो गई थी तो मधुलिका अपने बेटे की गोद से उतर गई और दोनो अपने कपड़े ठीक करते हुए बाहर निकल गए और घर की तरह चल पड़े और मधुलिका डर रही थी कि आज रात उसके साथ पता नही क्या होगा
Nice and excellent update....