आज मै आपको अपने जीवन की एक घटना सुनाने वाला हुं। बात उन दिनों की है जब मेरा अभियांत्रिकी महाविद्यालय का आखिरी साल था, मैने मोबाईल कम्युनीकेशन विषय चुना था, उस विषय को मेरे अलावा सिर्फ ४ लड़कों ने चुना था।इस विषय को एक नयी टिचर थी। मगर हमेशा उपस्थिति मेरी ही होती थी। और इसीलिए मैडम भी मेरे साथ काफी अच्छे से बर्ताव करती थी, वैसे तो मै काफी पढाकू था। और सिर्फ मेरी अटेंडन्स फूल होने की वजह से उनका फीडबैक मुझपर ही डिपेंडन्ट था। एक दिन ऐसा हुआ की हमारा आखिरी स्लोट था, और इसलिए मै और मैडम लायब्रेरी में रुके हुये थे। लायब्रेरीयन बोले," मैडम मे जा रहा हुं, आप जाते वक्त लाक कर लीजिए।" इतना कहकर वह मैडम को चाबी देकर चला गया। मैडम ने मुझे कुछ दो घंटे पढ़ाया, और मै और वह जाने लगे। तब उनकी साड़ी का पल्लू टेबल में अटक गया, उन्हें लगा की यह मैने खींचा है, उन्होंने खींचकर मुझे एक लगा दी। और मगर जैसे ही उसकी नजर टेबल पर पडी उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और वह बाहर चल
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