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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

neeRaj@RR

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आगे के नए धमाके का इन्तजार है
कहानी बहुत शानदार तरीके से आगे बढ रही है
श्वेता को प्रपोज करना और फिर ओरल सेक्स
वाह दोनो की प्रस्तुति मस्त है
शब्दों को जादूई तरीके से नश्तर की तरह दिल में उतारने की कला है आपमें
आज का धमाका जोरदार ही होगा ...... बस थोड़ा धैर्य और रखिये👍
 

neeRaj@RR

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निकिता जो अपने ससुराल जाए तो उसके पेट में विकास का बच्चा हो,
तभी निकिता विकास की रियल बीवी बनेगी।
ये था मेरे दिमाग मे कहीं ना कहीं आज के अपडेट में उसकी झलक मिलेगी आपको
 

neeRaj@RR

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You can do but don’t do censorship
Don’t cut sex encounters
मेरी एडिटिंग में बस दो चार लाइन्स और ऐड हो जाती हैं और स्पेलिंग मिस्टेक को करेक्ट करता हूँ सेंसर बोर्ड की तरह सीन नही काटता मैं 😁😁
 

CG

Sab Chutiyapa hai Bhaya
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waiting for the next update bhai....

story undoubtedly mast hai..... and story line is also clear.... bas Nikita ki Vinay se chudayi pasand nahi aayi yeh mouka Vikash ko hi milna tha mere khyaal se.....

isme Vinay sirf chuma chati kiya ho aur uske paas nude pics ho utnaa hi hota aur Nikita apna kunwarapas apne bhai par nyochawar kar deti kyunki wo use pyar karne lagi aur jaisa ki Mangal sutra pahanaya waise hi suhaagraat us puraane se daak bangale mein ho jaati.


overall mast story hai
 

neeRaj@RR

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हमारी कार तेज गति से हाइवे पर दौड़ती चली जा रही रही शाम के साढ़े 5 बज रहे थे हल्का धुंधलका होने लगा था ...... और तभी सड़क के किनारे वो जगह आ गयी जहां उस रात हम दोनों डॉक बंगले में रुके थे मैंने कार की गति धीमी कर ली ...... और डॉक बंगले तक पहुंचते पहुंचते कार रोक दी ...... दीदी ने पूछा क्या हुआ जान क्यों रुक गए ......

मैंने कहा पता नही क्यों पर ये जगह हमेशा याद रहेगी हमारा पहला मिलन ...... दीदी ने मेरे गाल को चूम कर कहा अगर चाहो तो आज की रात भी यहीं गुजार लेते हैं सुबह घर चलेंगे ...... मैंने कहा नही घर पर भी काम फैला पड़ा है और मम्मी पापा परेशान होंगे ....... (मेरे लिए हमेशा सेक्स पहली प्रथमिकता नही रहा , सेक्स में रुचि है पसन्द है पर मैं कभी सेक्स में अंधा नही हुआ सोच समझ कर निर्णय लेना मेरी आदत में है)

दीदी बोली ok जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर ये जगह अच्छी है कभी फिर मौका मिला तो मैं तुम्हारे साथ यहां रात गुजारना चाहूंगी ....... मैंने कार आगे बढ़ाते हुए कहा ...... मैं भी कभी ना कभी एक रात जरूर अपनी दोनो बीवियों के साथ इस डॉक बंगले में गुजारूँगा ....... दीदी बोली फिलहाल तो आज रात घर पहुंच कर मुझे अपने पति की जी भर के सेवा करनी है दो दिन से तुम कैसे बर्दाश्त कर रहे होंगे मै समझती हूं ......

मैंने हंस कर कहा आज रात मैं भी कोई रहम नही करने वाला तुम पर मेरी जान ..... दीदी बोली करना भी मत राजा तुम्हारी बेरहमी भी मज़े देती है मुझे ....... मैंने कहा अच्छा ये बताओ यार पहले तो तुमने कहा था कि प्रतीक से शादी से पहले सेक्स नही करोगी ....... फिर अचानक से तैयार कैसे हो गयी ....... दीदी मुस्कुरा कर बोली इसके पीछे भी एक वजह है ...... मैंने कहा कैसी वजह ......?

वो बोली तुमने दो बार मुझे चोदा और मेरी बुर में झड़े हो मान लो अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो दुनिया को क्या बोलूंगी किस का बच्चा है ये ...... औए सच कहूं मैं अपना पहला बच्चा तुमसे ही चाहती हूं जान ...... तुम्हारा अंश हम दोनों के प्यार की निशानी ....... इसलिए मैंने प्रतीक से भी सेक्स किया पर मैंने बड़ी चालाकी से उसके झड़ते समय उसका लंड बाहर निकाल दिया लेकिन अगर मैं प्रेग्नेंट हुई तो प्रतीक के साथ की गई चुदाई का बहाना मार दूंगी ......

दीदी की बात सुन कर मैं अंदर तक हिल गया ....... इतना प्यार वो अपना पहला बच्चा भी मुझसे चाहती हैं ...... उनकी इस बात पर मेरा दिल भर आया ....... और मैंने उन्हें बांह से पकड़ कर अपनी ओर खींच कर अपने सीने से लगा लिया ....... ऊऊम्म्म्म्म लव यू सो मच निक्की ...... उनके माथे को चूम लिया मैंने .......

दीदी ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दीं और मेरे सीने से लग गईं ........ अगला एक घंटे का सफर हमने एक दूसरे को चूमते सहलाते दुलार करते तय किया और जब कार शहर में एंटर हुई तो दीदी अलग हो कर आराम से बैठ गईं........ हम बस घर पहुंचने वाले थे कि दीदी बोली विकी अब तो बिना पिए सेक्स का मज़ा फीका सा लगता है ...... ले लो ना ......

और मैंने कार एक बियर शॉप के सामने रोकी और 4 बियर ले कर आ गया ...... फिर हम घर पहुंचे 8 बज चुके थे मम्मी पापा ड्राइंग रूम में ही मिल गए हम वहीं जम गए फिर घण्टे भर तक ढेर सारी बातें ...... मम्मी पापा लखनऊ की एक एक बात पूछते रहे और दीदी मज़े से उनको सारे किस्से सुनाती रहीं ....... साथ ही दीदी उन सब की बड़ी तारीफ कर रही थीं ....... आखिर में मम्मी बोली हमारी बेटी बड़ी भाग्यशाली है जो इतना अच्छा घर परिवार और पति मिला उससे ...... और दीदी मेरी ओर देख कर मुस्कुरा कर बोली सही कहा मम्मी ...... मेरा पति बड़ा प्यारा है .......

फिर मम्मी बोली चलो अच्छा तुम दोनो जल्दी से खाना खा कर आराम करो थके होगे सफर से ..... और उन्होंने फटाफट खाना लगा दिया ..... हमने खाना खाया और अपना बैग ले कर ऊपर आ गए ...... मैं तो कमरे में आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया दीदी भी अपने कमरे में चली गईं ......

मैंने नहा कर सिर्फ एक टॉवल लपेट लिया और कमरे में आ के एक बियर खोल ली ...... कोई 20 मिनट बाद दीदी भी कमरे में आ गईं ....... उन्होंने भी नहा कर एक नाइटी पहन ली थी ....... और उनकी चुचियों की हलचल बता रही थी कि नाइटी के अंदर वो नंगी हैं ....... कमरे में आ कर उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया और मेज़ पर रखी बियर में से एक कैन खोलते हुए सीधा बेड पर चढ़ कर मेरी गोद मे बैठ गईं .....

टॉवल के अंदर मेरा लंड दीदी के नरम चूतड़ों का अहसास करके सर उठाने लगा और जल्दी ही दीदी की गांड़ में ठोकर मारने लगा ....... दीदी ने एक हाथ नीचे ला के टॉवल के ऊपर से लंड को पकड़ते हुए कहा कितनी जल्दी कड़ा हो जाता है मैंने कहा मेरी बीवी है ही इतनी सेक्सी की देखते ही लंड चुदाई को तैयार हो जाता है ......

दीदी ने लंबे लंबे घूंट मारते हुए 5 मिनट में कैन खाली कर दी और मेरी गोद से उठ कर सामने खड़ी हो गईं और बोली आज तो बड़ी मस्ती चढ़ रही है मुझे ...... जानू आज मुझे चोद चोद के मेरी बुर की सारी मस्ती निकाल दो ....... ये कहते हुए उन्होंने अपनी नाइटी खोल कर एक ओर फेंक दी और एकदम नंगी हो कर अपनी झांटो भरी बुर को सहलाने लगी ........ ये दृश्य देख कर मेरे बदन का तापमान बढ़ने लगा और मैंने अपने घुटनों पर बैठ कर दीदी के चूतड़ों को मुट्ठी में भरते हुए अपने होंठ दीदी की झांटो पर रगड़ने शुरू कर दिए ....... दीदी ने मेरे सर के बालों को सहलाते हुए अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और मेरा मुह अपनी चूत पर दबाते हुए सिसिया कर बोली ........ aaaahhhhh विकी तुम्हे अपनी बीवी की बुर का स्वाद बहोत पसन्द है ना ....... मैंने कहा हां मेरी जान जी करता है बस जीभ डाल कर चूसता ही रहूं अपनी सेक्सी बीवी की रसीली बुर और अपनी जीभ से बुर के दाने को चाटने लगा ....... दीदी ने अपनी गांड़ को पुश करते हुए बुर को मेरे पूरे चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया और उनकी बुर का चिपचिपा रस मेरे थूक के साथ मेरे चेहरे को गीला करने लगा ......... दीदी का ये कामुक रूप मुझे पसन्द आ रहा था ....... और मैंने अपने हाथों की उंगलियां उनके नरम चूतड़ों में धँसाते हुए सख्ती से उनकी गांड़ को थाम कर उनकी कमर को स्थिर करते हुए अपनी पूरी जीभ उनकी गीली गर्म रस से भरी बुर में अंदर तक घुसा दी और रगड़ रगड़ कर चाटने लगा ....... दीदी सिसक उठीं और अपने हाथों से अपनी नंगी चुचियाँ सहलाते हुए बोली aaahhhh जानू काश इस वक़्त श्वेता भी साथ होती तो वो मेरे निप्पल चूसती और मज़ा आ जाता मुझे .........

दीदी की बात सुन कर मैंने उनकी पूरी बुर अपने मुह में भर कर उनकी बुर को पीना शुरू कर दिया और दीदी की टाँगे कांपने लगी ........ मैंने उनकी बुर को मुह से आज़ाद कर दिया और उनकी आंखों में देखते हुए कहा घूम जाओ मेरी जान ....... दीदी घूम गयीं अपनी उभरी हुई मस्त गांड़ मेरे सामने कर के वो थोड़ा सा झुक कर अपने पैर फैला कर अपने हाथ से अपने चूतड़ों को फैला कर बोली गांड़ चाटनी है ना मेरी जान को ....... मैंने कहा हां रानी सब पता है तुम्हे और मैंने अपना मुह दीदी की गांड़ में घुसा कर उनकी गांड़ की गहरी दरार को ऊपर से नीचे तक चाटते हुए गीला कर दिया और आखिर में उनकी गांड़ के छेद को चूसते हुए जीभ से कुरेदने लगा .........


दीदी अपनी गांड़ को शेक करते हुए बोली aaaahhhhhh जानू कितना सुख दे रहे हो तुम अपनी पत्नी को ऐसे ही चाटो राजाजी रगड़ के चाटो अपनी बीवी की गांड़ को ..... और मैं दीवानों जैसे दीदी की गांड़ चाटने लगा ........ कुछ देर बाद दीदी वापस घूम गयीं और झुक कर मेरे होंठो को चूसने लगी ऐसे झुकने से उनकी नंगी चुचियाँ एकदम मेरे सामने लटकने लगी दीदी की लटकी हुई नंगी चुचियों पर नजर पड़ते ही मैंने दोनो हाथ चुचियों पर रख कर उन्हें मुट्ठी में भर लिया और सहलाते हुए दबाने लगा उधर दीदी की जीभ मेरे मुह में दाखिल हो चुकी थी और झुकने की वजह से उनका गाढ़ा मीठा थूक उनकी जीभ से होता हुआ मेरे मुह में आ रहा था दीदी के थूक का स्वाद भी कमाल था मैं उनका थूक चूसते हुए निगल रहा था और हर पल मेरा लंड और गरम होता जा रहा था .........

आखिर मैंने दीदी के दोनो निप्पल चुटकी में पकड़ कर पूरी ताकत से मसलते हुए जोर से उमेठ दिए और दीदी एकदम से चीख पड़ी ..... हाय्य्य्य जालिम धीरे से दर्द होता है उफ़्फ़फ़फ़ ..........


और दीदी ने फौरन मेरे सामने कुतिया जैसे झुक कर मेरे लंड को टॉवल के अंदर से निकाल लिया और नंगे लंड को चूमना शुरू कर दिया वो लंड के एक एक इंच हिस्से को अपने होंठो से रगड़ते हुए चूम रही थीं और फिर लंड को मेरे पेट से चिपका कर नीचे लटक रही गोलियों को जीभ से चाटने लगी ........ कुछ देर तक आंडों को चाटने के बाद उन्होंने मेरी आँखों मे देखते हुए बड़ा सा मुह खोल कर एक साथ दोनो आंड़ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए लंड को तेजी से मुठियाने लगी ........

उफ़्फ़फ़फ़ मैं तो एकदम पागल सा हो रहा था ....... मैंने कहा ओहहह मेरी जान तू बहोत मस्त है ....... दीदी मुह से आंड़ निकाल कर बोली बीवी किस की हूँ आखिर ...... और फिर मुह खोल कर सुपाड़े को जीभ फिराते हुए चाटने लगीं और पूरे लंड पर ऊपर से नीचे तक जीभ फिराने लगी मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहा था मैं बस अपना लंड दीदी के किसी गीले गर्म छेद में डाल कर धक्के लगाना चाहता था ..........

मेरे पैर जवाब दे रहे थे और मैं बेड पर लेट गया ....... मेरे लेटते ही दीदी मेरे सीने पर चढ़ गयीं और अपने नंगे मांसल चूतड़ मेरे सीने पर रख कर बैठ गयी मेरे लंड की ओर मुह कर के और झुक कर मेरा लंड मुह में ले लिया ....... झुकने से उनकी गांड़ एकदम खुल कर मेरी आँखों के सामने आ गयी और मैंने गौर से देखा दीदी की गांड़ के छेद के इर्द गिर्द भी कुछ बाल उगे हुए थे वो सीन देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने अपनी मिडल फिंगर को मुह में ले कर चूसा और दीदी के गांड़ के छेद पर रख कर एकदम से पेल दिया दीदी की कसी हुई गांड़ में तेजी से उंगली को अंदर बाहर करते हुए दीदी की गांड़ उंगली से चोदने लगा ........

गांड़ में उंगली घुसते ही दीदी जोर से सिसियाते हुए मेरे लंड पर अपना मुह दबाते हुए लंड को गले मे उतार कर अपना सर हिला हिला कर लंड से अपना मुह चोदने लगी और फिर लंड को मुह से निकाल कर मुह में भरा थूक मेरे लंड पर उगल दिया जो बहता हुआ मेरी गांड़ तक चला गया और फिर से वो लंड को चाटने लगी ......

एक बात तो थी बियर पीने के बाद दीदी बहोत ज्यादा मस्ती में आ जाती थीं और फिर उनको चोदने का मज़ा ही अलग था ......... मैंने दीदी की गांड़ से उंगली निकाली और उंगली मुह में डाल कर चूसने लगा ....... अभी मेरे दिमाग पर भी बस चुदाई का नशा छाया हुआ था और उंगली चूसने के बाद मैं फिर से दीदी की गांड़ के छेद को जीभ फिराते हुए चाटने लगा उम्ममम्महहहह ....... ओहहह मेरी जान क्या लौड़ा चूसती है मेरी बीवी .......

दीदी जीभ की नोक से सुपाड़े के छेद को चाटती हुई बोली इतना मस्त लंड है मेरे पति का जी नही भरता मेरा इसे चूस कर ...... मैंने कहा अब चुदवा ले ना रानी या सारी रात चूसती ही रहेगी ....... दीदी ने एक बार लंड के सुपाड़े को होंठो में दबा कर अच्छे से चूसा और पेशाब की नली में आये हुए प्रीकम को चूस कर उसका स्वाद लेते हुए बोली .......

बड़ा मन कर रहा क्या अपनी बीवी की बुर पेलने का राजा ...... मैंने आहह भरते हुए कहा ....... हां रानी मेरा दिल कर रहा है अपनी बीवी को पटक कर उसकी बुर में लौड़ा पेल के हुमच हुमच कब चोदने का ........ मेरी बात सुन के दीदी मेरे ऊपर से उठी और नीचे उतर कर मेज़ से बियर का एक कैन उठा कर खोल ली और फिर उन्होंने बेड के सिरहाने से एक तकिया खड़ा कर के रख दिया और उस पर पीठ टिका कर अपनी टाँगे फैला कर बैठ गयी . ..... और बोली आओ ना राजा कर लो अपने मन की देखो तुम्हारी बीवी नंगी बैठी है चूत खोल के ........

इतना कह कर वो बियर के घूंट लेने लगी और मैं उनकी टांगो के बीच आ कर घुटनो पर बैठ गया और दीदी की टाँगे उठा कर अपनी नंगी जांघो पर चढ़ा कर अपने लंड का सुपाड़ा दीदी की क्लिट पर चिपका दिया ....... दीदी ने aaahh भरी और मेरी ओर नशीली आंखों से देख कर बोली विकी बहोत गरम है तुम्हारा लंड मेरी जान .........

मैंने एक हाथ से लंड पकड़ कर सुपाड़ा उनकी बुर के दाने पर तेजी से रगड़ते हुए कहा उफ़्फ़फ़ जानू तेरी बुर भी तो एकदम गरम रसीली और चुदासी है मेरी रानी ........
और मैंने दीदी के हाथ से कैन ले कर एक तगड़ा घूंट भरा बियर का ....... अब दीदी नीचे से अपनी गांड़ उठा कर लंड को बुर में लेने की कोशिश कर रही थीं लेकिन मैं हर बार लंड को हिला कर इधर उधर कर देता था ....... 5-7 कोशिशों के बाद भी जब दीदी चूत में लंड नही ले पाईं तो चिढ़ कर बोली बड़ा मजा आता है ना अपनी बीवी को ऐसे तड़पाने में ........ मैंने कहा नही ऐसा नही है पर मुझे तेरी बुर पर लंड रगड़ने में बड़ा मजा आ रहा है ....... दीदी बोली ऐसे ही रगड़ रगड़ के झड ना जाना........

मैंने कहा इतनी जल्दी नही झड़ने वाला मेरी जान फिक्र ना कर ....... मैंने एक और तगड़ा घूंट कर कैन दीदी को दे दी और झुक कर दीदी का एक निप्पल चाटने लगा ...... दीदी ने फौरन अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ी और मेरे मुह में ठेलते हुए बोली aahhhhh चूसो जान पूरी चूची मुह में ले लो खा जाओ इसे ...... और मैं मुह में जितनी समा सकती थी उतनी चूची मुह में भर कर पीने लगा ......... नीचे मेरा सुपाड़ा दीदी की पनियाई चिपचिपी बुर के ठीक मुह पर आ कर रुक गया था ....... दीदी मेरे बालो को सहलाते हुए मुट्ठी में भर कर अपनी चूची को और जोर से मेरे मुह में ठेल रही थी और जोर से सिसक रही थीं ........

मैं उत्तेजना से भरता जा रहा था और फिर मैंने दीदी की दूसरी चूची के निप्पल को अंगूठे और उँगलियों के बीच पकड़ कर पूरी ताकत से मसल दीदी और मुह में भरी हुई चूची के निप्पल पर दांत गड़ा कर जोर से काट लिया ....... दीदी काफी जोर से चीख पड़ी और नीचे से अपनी कमर उछाल दी और मेरा लंड दीदी की बुर की दीवारों को फाड़ता हुआ अंदर समा गया ......... आनंद से दीदी की आंखे बड़ी हो गईं और उनका मुह खुल गया .......

अगले ही पल मैने कमर को पीछे खींचते लंड को सुपाड़े तक बुर से बाहर निकाला और फिर निप्पल को उमेठते हुए एक तेज प्रहार किया ....... दीदी आंनद से बेसुध सी हुई आ रही थीं ....... उनकी आंखें बंद हो गईं और वो सिसियाते हुए बड़बड़ाने लगी ....... aaahhhh चोद विकी और तेज धक्के लगा फाड़ दे आज मेरी बुर को ....... पेल दे अपना लौड़ा जड़ तक aaahhhhhh मेरी जान और चोद राजा और ....... मेरी कमर की गति उनके मुह से निकले हर शब्द के साथ बढ़ती गयी और कमरे में थप थप फच्च फच्च की मधुर ध्वनि गूंजने लगी और हम दोनों की आहें और सिसकारियां उस ध्वनि को और मधुर बनाने लगी ....... जल्दी ही दीदी की गांड़ में हरकत होने लगी और वो भी नीचे से अपनी गांड़ उछाल कर लंड को और अंदर लेने की कोशिश करने लगी पर लंड तो पहले ही उनकी बुर के आखिरी छोर पर सर पटक रहा था ........ दीदी ने एकदम से आंखे खोल कर हाथ मे पकड़ी कैन को मुह से लगा कर एक बार मे बची हुई बियर गटकी और खाली कैन फेंकते हुए मेरी गर्दन में हाथ डाल कर ऊपर सर उठाते हुए मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया ....... और मैंने भी दीदी की गर्दन दोनो हाथो से पकड़ कर जनक होंठ और जीभ चूसते हुए फुल स्पीड ने अपने घोड़े यानी लौड़े को उनकी चूत रूपी मैदान में दौड़ाना शुरू कर दिया ........

दीदी की आहें प्रतिपल तेज होती जा रही थीं उनका बदन कांपने लगा ....... और उनके गले से एक किलकारी निकली ...... aaahhhhh my love मैं गयी रे विकी झड़ गयी तेरी दीदी की बुर ले राजा पी ले दीदी की बुर का पानी अपने लौड़े को पिला दे मेरी बुर का रस aaahhhhhhh ssssssseeeeeee ......... और उनकी कमर को झटके से लगने लगे ....... और उनका बदन कमान की तरह तन गया ........

मैंने धक्कों की गति कम कर दी पर रुका नही ....... दीदी की बुर इतनी गीली हो चुकी थी कि लंड बड़े आराम से फिसल कर अंदर जा रहा था ....... कुछ पल बाद दीदी ने बंद आंखे खोल कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें इतनी लाल और नशीली हो रही थीं कि मुझे लगा उन्होने दारू की पूरी बोतल चढ़ा रखी हो ........ और मुझे ख्याल आया जब दो बियर पी कर दीदी इतनी मस्त और बेशर्म हो जाती हैं तो दारू पी के तो ये पूरी रण्डी ही बन जाएंगी ........

और ये सोच कर ही मेरे लंड ने एक ठुमकी मारी दीदी की बुर के अंदर और उसे महसूस कर के दीदी ने भी अपनी बुर सिकोड़ कर मेरे लंड को अपनी बुर से पकड़ सा लिया ......... दीदी ने बड़े प्यार से मेरी ओर देखते हुए अपना मुह खोल कर जीभ बाहर निकाल दी और मैं बस उनकी बुर में लंड घुसाये हुए उनकी आंखों में देखने लगा और फिर झुक कर उनकी जीभ चाट ली ........ दीदी ने कहा जानू ......

अब गांड़ का भी नंबर लगा दो ना ...... मैंने मुस्कुरा कर कहा आज सारे छेद एक साथ चुदवाने की इच्छा है क्या दीदी बोली मेरी इच्छा तो एक साथ चूत और गांड़ मरवाने की है लेकिन वो इच्छा दूसरी शादी के बाद ही पूरी होगी जब मेरे दोनो पति एक साथ मुझे अपने लौड़ो का मज़ा देंगे फिलहाल तो बारी बारी ही सही ..........

दीदी की बार सुन कर मैंने उनकी बुर से लंड निकाला और जल्दी से झुक कर उनकी गीली रस बहाती हुई बुर को मुह में भर लिया और जोर से चूसने लगा कोई डेढ़ दो चम्मच गाढ़ा गाढ़ा गर्म सा जूस मेरे मुह में आ गया जिसका स्वाद बेमिसाल था ....... मैं उसे मुह में लिए फिर से पोजिशन में आया और एक तकिया दीदी की कमर के नीचे डाल दिया दीदी ने अपने हाथों पर उचक कर गांड़ ऊपर उठा दी तकिए पर चूतड़ रख कर टाँगे फैला दी ........ मैंने अपनी मिडल फिंगर से गांड़ के छेद को सहलाया वो नन्हा सा छेद बुर के रस से एकदम भीगा हुआ था और मैंने बड़े आराम से उंगली दीदी की गांड़ में सरका दी और गोल गोल घुमाने लगा ......

और फिर मैने उंगली को दीदी की गांड़ से निकाल कर अपना सुपाड़ा गांड़ के छेद पर रख दिया और कमर का दबाव डालते हुए मोटे सुपाड़े को गांड़ के छल्ले में फंसा कर रुक गया दीदी का बदन सिहर गया ....... और मैंने दीदी की गांड़ से निकाली हुई उंगली को उनके होंठो पर रगड़ दिया दीदी ने अपनी जीभ निकाली और मेरी उंगली चाटने लगी और मैंने उंगली उनके मुह में ही डाल दी .......

वो मज़े से मेरी उंगली चूसने लगी ....... और मैंने कमर का दबाव बढ़ाते हुए लंड उनकी गांड़ में पेलना शुरू कर दिया ....... कोई 5 इंच लंड गांड़ में सरका कर मैं रुक गया और दीदी ने एक गहरी सांस ली ....... मेरे मुह में अभी भी दीदी की बुर का रस भरा हुआ था जिसमे मेरा थूक मिक्स होता जा रहा था........

और मैंने लंड को हल्का सा खींच के एक तेज धक्का दिया और पूरा लंड की गांड़ में समा गया दीदी एकदम से गनगना गयी दर्द और मस्ती की लहर में उनका मुह एक बार फिर से खुल गया ...... और मैंने अपने मुह में भरा उनकी बुर के रस और थूक का मिक्स्चर उनके खुले हुए मुह में टपकाते हुए ....... धीरे धीरे लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिए ....... मुह में कुछ टपकने के अहसास होते ही दीदी ने आंखे खोल कर मेरी ओर देखा और मुझे अपने मुह में थूकता देख उन्होंने जीभ बाहर निकाल दी ........

मैं उनकी जीभ पर थूक टपकाते हुए उनकी गांड़ में कस कस के धक्के लगाने लगा और फिर मैंने दीदी का मुह एक हाथ से दबा लिया और तेजी से लंड पेलने लगा दीदी की गांड़ में दीदी के मुह में मेरे मुह से टपका थूक और बुर का पानी भरा हुआ था उनके गलेसे अजीब सी आवाज़ें आ रही थी और मैं पागलों जैसे उनकी गांड़ चोदे जा रहा था ..........

आखिर दीदी ने अपने मुह में जमा तरल को निगल कर गले से नीचे उतारा और मेरा हाथ अपने मुह से हटा कर तेजी से सांस लेने लगी और मैं पूरी ताकत से अपना लंड उनकी गांड़ में पेलते हुए दीदी को चोदने लगा ........ aaahhhhh मेरी जान ले चुद ले बहन की लौड़ी उफ़्फ़फ़फ़ कितनी गरम माल है मेरी बीवी ...... साली मक्खन जैसी गांड़ है तेरी ....... फाड़ दूंगा आज चोद चोद के .........

5 मिनट तक ऐसे दीदी को पेलने के बाद मेरे आंड़ सिकुड़ने लगे और मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने एकदम से लंड बाहर खींच लिया ....... दीदी ने आश्चर्य से मेरी देखा ......., और मैंने लंड को सहलाते हुए कहा कुतिया बन जा ...... दीदी फुर्ती से उठी और अपना सर तकिए पर रख कर गांड़ उठा कर अपने हाथों से गांड़ फैला कर बोली come on जानू तेरी कुतिया रेडी है गांड़ खोल कर मार ले अपनी कुतिया की गांड़ चोद ले राजा फिर ना कहना दीदी चुदती नही है .......

मैं एक हाथ से लंड मुठियाते हुए दीदी के पीछे आया और दीदी के चूतड़ को सहला कर एक थप्पड़ पूरी ताकत से दीदी के गोर चूतड़ पर लगा दिया ......., चटाक की आवाज़ गूंजी और दीदी का चूतड़ थरथरा कर हिल गया ....... और दीदी सिसक कर बोली हाय्य्य्य राजा ऐसे ही ....... एक और मार ना प्लीज जानू दूसरे वाले पर भी ....... और इस बार मैंने दुगनी ताकत से दूसरे चूतड़ पर भी थप्पड़ लगा दिया .......

दीदी चीख पड़ी ......., दर्द से बिलख उठी मगर उन्होंने दर्द को पीते हुए कहा aaahhhhh जान लव यू बेबी ...... अब लंड पेल दो मेरी गरम गांड़ में और मैंने सुपाड़ा गांड़ पर टिका कर दीदी के बालों को मुट्ठी में पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए एक तेज धक्के के साथ पूरा लंड दीदी की गांड़ में पेल दिया और उन्हें कुतिया जैसे चोदने लगा ........ aaahhhhh ले मेरी रानी मेरी बीवी मेरी दीदी ख़ा लौड़ा साली चुद ले बुझा ले अपनी बुर की प्यास aaahhhhhh कुतिया ....... दीदी अपनी गांड़ लंड पर दबाते हुए धक्के खाते हुए चुद रही थीं और उन्होंने एक हाथ टांगों के बीच घुसा कर ......., अपनी बुर को रगड़ना शुरू कर दिया .........

मेरे धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी और दीदी ने अब दो उंगलियां चूत में डाल ली थीं और वो उंगली से अपनी चूत चोदते हुए एक साथ डबल पेनरेशन का मज़ा लेने में डूबी थीं ......... वो बोली हाय्य्य्य जब उंगली और लंड इतना मज़ा दे रहा है तो जब एक साथ दोनो छेदों में लंड जाएगा तो मैं मर ना जाऊं मज़े से ....... aaahhhhh उफ़्फ़फ़फ़ विकी मेरी जान मेरे शोना aaahhhhh गयी तेरी दीदी फिर से और एक बार फिर से दीदी की बुर से रस छलक उठा ...... मैं भी एकदम से झड़ने की कगार पर था मैंने चूतड़ों को टाइट कर के पूरी रफ्तार से गांड़ में लंड पेलना शुरू किया और दीदी भी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ वो बोली हां राजा ऐसे ही ठोकते रहो मेरी गांड़ में और भर दो मेरी गांड़ को अपने बीज से aaahhhh जानू और मैं एकदम से दीदी की पीठ से लिपट गया और जड़ तक लंड पेल कर अपना वीर्य उगलने लगा उनकी गर्म गांड़ के अंदर aaahhhhhhh मेरे मुह से बस आहें निकल रही थी और मैं एक के बाद एक पिचकारियां मारता रहा दीदी की गांड़ में ........ और फिर मैं वैसे ही दीदी की पीठ पर पसर सा गया मेरा मन नही कर रहा था उनकी गांड़ से लंड निकालने का ........

दीदी भी बस धीरे से पैर सीधे कर के पेट के बल लेट गयीं करवट लेकर और मैं पीछे से उनकी गांड़ में लंड डाले हुए उनसे चिपक कर कब सो गया मुझे भी नही पता चला .......।
 
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बहुत ही मस्त अपडेट है । मजा आ गया । निकी के दूसरे छेद का भी उदघाटन हो गया। अब तो इतंज़ार है जब निकी की डबल चुदाई होगी
 
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