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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

neeRaj@RR

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nice story and good speed
कोमल रानी आपको अपने थ्रेड पर देख कर बेहद खुशी हुई आपकी कहानी जोरू का गुलाम काफी पहले कहीं पढ़ी थी ....... तब नही सोचा था कभी आप मेरी कहानी की प्रशंसा करेंगी लेकिन आज ये भी हुआ ...... आप जैसी ऊंचे दर्जे की लेखिका की तारीफ मुझ जैसे नए लेखक के लिए प्रेरणादायक रहेगी ......... आपका आभार 🙏
 

neeRaj@RR

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सभी मित्रों का धन्यवाद समयाभाव के कारण सभी को प्रतिउत्तर नही दे पा रहा हूँ आशा है आप अन्यथा ना ले कर सहयोग बनाये रखेंगे आज का अपडेट हाजिर है👍 एन्जॉय
 

neeRaj@RR

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मैं आराम से लेटा हुआ फोन पर पोर्न देख रहा था ....... 3 बियर के बाद एकदम टाइट था मैं और बस सेक्स का मूड बन रहा था ..... तभी मुझे याद आया श्वेता की पैंटी मेरे पास है और मैंने तकिए के नीचे से उसे निकाला और अपनी नाक से लगाया उसे सूंघते ही लंड अपनी औकात में आ गया ........

तभी दीदी की कॉल आयी मैंने रिसीव की तो वो फुसफुसा कर बोलीं कहाँ हो .......

मैं - ऊपर हूँ

दीदी- मेरा मतलब किस रूम में प्रतीक के साथ या ......

मैं- उसी में जिसमे दोपहर को तुमने मेरा लंड चूसा था ......

दीदी- ok live पोर्न देखनी है ??

मैं- उछलते हुए हां पर कैसे .....

दीदी- मैं वीडियो कॉल करती हूं रिसीव कर लेना श्वेता बाथरूम गयी है ....... मैं फ़ोन कहीं सेट कर देती हूं रूम में लेकिन उधर से म्यूट कर देना कॉल इधर आवाज़ नही आनी चाहिए ........

मैं- ठीक है जान ......

और दीदी ने कॉल काट के अगले ही मिनट व्हाट्सएप्प पर वीडियो कॉल की मैंने रिसीव की और देखा दीदी ने अभी सिर्फ ब्रा पहनी हुई है वही नेट वाली ब्रा ....... दीदी ने मुझे देख के स्माइल दी और फिर उन्होंने वीडियो कॉल को बैक कैमरे पर डाला और फिर उन्होंने फोन को कमरे की अलमारी में कोने में रख दिया .......

मुझे बेड सहित पूरा कमरा साफ नजर आ रहा था ....... और फिर मैंने अपनी साइड से कॉल म्यूट कर दी ........ दीदी वापस जा कर बेड पर लेट गयीं उन्होंने सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी थी ....... थोड़ी ही देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और श्वेता भी आ गयी उसने एक क्रीम कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी और खुले बालों में और चश्मे में वो बेहद खूबसूरत लग रही थी ......

उसने लाइट ऑफ कर दी तो दीदी बोली...... लाइट ऑन करो ना श्वेता अंधेरे में मज़ा नही आता मुझे और उसने लाइट ऑन कर दी ....... फिर वो भी बेड पर आ गयी ...... और बोली सोना नही है क्या ...... दीदी बोली इतनी जल्दी अभी तो मुझे मज़े लेने हैं अपनी ननद रानी से और श्वेता का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया .......

अब श्वेता भी इस सब की अभ्यस्त हो रही थी और शायद उसे भी इस खेल में मज़ा आने लगा था और आज वो पहली बार बियर के नशे में भी थी वो खिंची हुई आ कर दीदी के सीने से चिपक गयी और दीदी ने उसकी पीठ सहलाते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिया और दोनो जवान और सेक्सी लड़कियां एक लंबे और गरम चुम्बन में मशगूल हो गईं वो देखते हुए मैंने भी अपना लंड निकाला और श्वेता की पैंटी लंड पर लपेट कर उन कामुक दृश्यों का आनंद लेने लगा .........

2 मिनट चले इस लंबे किस के बाद दीदी ने श्वेता के चेहरे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और उसकी गांड़ के ऊपर से नाइटी को खींचते हुए उसकी गांड़ नंगी कर दी और फिर उसकी पैंटी में कसे हुए चूतड़ों को कस कस के मसलती हुई बोली श्वेता सच बता मज़ा आ रहा है या नही ........ श्वेता नशे में लड़खड़ाती आवाज़ में बोली हां भाभी अच्छा लग रहा है ......, फिर मानेगी ना मेरा कहना ....... ह हां भाभी .. .. . गुड चल फिर जल्दी से नंगी हो जा सारे कपड़े निकाल दे ......

और श्वेता ने बैठ कर अपनी नाइटी निकाल दी फिर ब्रा भी खोल कर रख दी अब उसके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी ....... दीदी ने कहा इसे भी निकाल ना जल्दी से वो खड़ी हुई और पैंटी को भी टांगो से निकाल कर फेंक दिया ....... दीदी ने भी लेटे हुए अपनी पैंटी निकाल दी और श्वेता से कहा ....... आओ श्वेता come on मेरे मुह पर बैठ जाओ अपनी चूत रख कर आज हम 69 करेंगे .......

श्वेता बोली ये क्या होता है भाभी और दीदी उसे किसी टीचर जैसे 69 के बारे में बताने लगी और उसने भी एक अच्छे स्टूडेंट जैसे सब समझा और फिर दीदी के ऊपर आ गयी ........ और दोनो लकड़ियां एक दूसरे की चूत को सहलाने लगीं और फिर दीदी ने श्वेता की चूत को चूम लिया श्वेता सिहर उठी और बोली भाभी अच्छा लग रहा है ........


दीदी बोली तुम भी मेरी चूत चाटो श्वेता मुझे भी अच्छा लगेगा और फिर श्वेता ने झिझकते हुए दीदी की चूत पर होंठ रखे दीदी ने अपना हाथ उसके सर पर फिराते हुए उसका सर अपनी चूत पर दबा लिया और बोली जीभ डाल कर चाट ना अच्छे से मेरी जान ....... और खुद अपनी जीभ श्वेता की चूत पर फिराने लगी .....


श्वेता मस्ती में डूबने लगी और फिर उसने दीदी की चूत की मज़े से चाटना शुरू कर दिया और दोनों एकदम मज़े से एक दूसरे की चूत चाटते हुए सिसियाने लगी और दीदी ने श्वेता की चूत की दाने को होंठो में दबा लिया श्वेता ने तेज आह भरी और बोली aaahhhh भाभी बस इसे ही चूसो .......


दीदी के कुछ देर उसकी चूत का दाना चूसा और फिर उसकी गांड़ के छेद को निशाना बनाया दीदी की जीभ उसके नंगे चूतड़ों पर लपलपाती हुई उसकी गांड़ की दरार में समा गई श्वेता बेतहाशा मचलने ....... दीदी ने कहा श्वेता मेरी जान उंगलियां डाल दे मेरी बुर में उफ़्फ़फ़फ़ और श्वेता ने दो उंगलियां दीदी की बुर में पेल दी और उंगलियों से दीदी की बुर चोदने लगी ...... और दीदी श्वेता की गांड़ के भूरे छेद को मुह में भर कर पीने लगीं साथ ही उनकी उंगली श्वेता की चूत की गीली दरार में हरकत कर रही थी .......


इस दोतरफे हमले श्वेता की जान सी निकलने लगी और किसी चुदासी कुतिया जैसे किकियाते हुए झड़ने लगी और तेज तेज सांसे लेने लगी ........ और दीदी ने उसकी अनचुदी चूत पर जीभ फिराते हुए उसका सारा रस चूस लिया .......


एक और बार जीवन के इस अद्भुत सुख को महसूस करने के बाद श्वेता खिसक कर दीदी के बगल में लेट गयी और आंखे बंद किये हुए उस सुख को याद कर के मुस्कुराने लगी दीदी ने करवट ले कर श्वेता की नंगी चुचियों पर हाथ फिराते हुए कहा श्वेता सच मे तेरी बुर का स्वाद बड़ा मस्त है तेरा पति तो दिन रात तेरी बुर में मुह डाले पड़ा रहेगा .........


दीदी के ये बात सुन कर मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी ...... और श्वेता ने आंख खोल कर दीदी को देखते हुए कहा भाभी थैंक्स मुझे तो इस सब के बारे में कुछ पता ही नही था ........ मैं तो बस इतना जानती थी लड़के लड़की दोस्ती करते हैं और उसके बाद किसिंग करते हैं मैं तो उसी को सेक्स समझती थी ........ दीदी बोली अभी हमने जी किया उसे भी सेक्स नही कहते मेरी जान ये तो बस मस्ती थी जो जवान लड़कियां अक्सर आपस मे कर लेती हैं ..........


श्वेता हैरानी से बोली ओहहह भाभी फिर सेक्स में क्या होता है ......? दीदी मुस्कुरा कर बोली जब कोई मोटा लंड तेरी इस बुर में घुसेगा और रगड़ रगड़ कर घंटे भर तेरी चुदाई करेगा तब तुझे पता चलेगा सेक्स क्या होता है मेरी बन्नो और दीदी ने उसकी चूची का निप्पल मसल दिया श्वेता सिसकते हुए बोली हाय्य्य्य भाभी दर्द होता है धीरे से .......


दीदी बोली मैं तो धीरे से करूंगी पर कोई मर्द तो बेदर्दी से ही चोदेगा तुझे मौका मिलने पर मर्दों को दर्द दे कर चोदने में ही मज़ा आता है वैसे चुदवाने का मज़ा भी तब ही आता है जब चुदने के बाद बदन में दर्द हो और अंगों में टीस उठे ....... फिर वो बोली श्वेता तूने तो कभी चुदाई भी नही देखी होगी ......


श्वेता बोली एक बार मेरी एक फ्रेंड ने कॉलेज में दिखाई थी फोन पर मैं देख कर बहुत घबरा गई थी मेरी हिम्मत नही हुई देखने की ...... दीदी बोली चिंता ना करो मैं तुम्हें व्हाट्सएप्प पर बढ़िया बढ़िया क्लिप्स भेज दिया करूंगी उन्हें देख कर चूत में उंगली कर लिया करना क्यों कि अब तो तुम्हारा मन करेगा रोज ये मज़े लेने को .........


श्वेता बोली हां भाभी मन तो करेगा वाकई बड़ा मजा आता है जब बुर से कुछ निकलता है ...... दीदी बोली अच्छा अब तुम आराम करो मैं थोड़ी देर में आती हूँ ...... श्वेता बोली आप कहाँ जा रही हो भाभी ...... दीदी बोली तुम्हारे भैया के पास बेचारे बहोत तरस रहे हैं मुझसे अकेले में मिलने को .......


श्वेता बोली ओहहह पर वो अकेले में क्यों मिलना चाहते हैं आपसे ..... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा एकदम पागल है तू भी मैं उनकी होने वाली बीवी हूँ वो मुझसे अकेले में क्यों मिलना चाहेंगे सोच ले ...... श्वेता बोली आपका मतलब सेक्स करने के लिए ...... दीदी बोली हां वही मतलब है मेरा वैसे भी तूने चाट चाट आकर मुझे गरम तो कर दिया है अब मेरी बुर की गर्मी तेरे भैया का लंड ले कर ही शांत होगी ......


श्वेता बड़े गौर से दीदी को देखने लगी ...... और दीदी ने उठ कर अपने बैग से एक नाइटी निकाली ये वही ब्लैक वाली सेक्सी नाइटी थी और उसे पहन कर अपने बाल कंघी कर के बोली ok श्वेता मैं जा रही ....... दीदी दरवाजे के पास पहुंची ही थीं कि श्वेता बोली भाभी ...... दीदी ने मुड़ कर उसे देखा ...... श्वेता ने कहा भाभी मुझे देखना है .......

दीदी वापस उसके पास आ गईं और बोली क्या कहा फिर से बोल ...... श्वेता ने कहा .......मुझे देखना है आपको सेक्स करते हुए ...... दीदी को भी थोड़ा आश्चर्य हुआ वो ऐसा कुछ एक्सेप्ट नही कर रही थीं ....... दीदी ने कुछ सोचते हुए कहा ठीक है तुम मेरी फ्रेंड हो तो तुम्हारे लिए इतना तो करूंगी ही ...... लेकिन तुम अभी पूरी तरह से खुल कर नही बोल रही हो ...... सेक्स कहने में उतना मज़ा नही आता यार ...... श्वेता ने इस बार बड़े कॉन्फिडेंस से कहा ok भाभी मुझे तुम्हारी और भैया की चुदाई देखनी है ...... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा गुड गर्ल ...... चलो फिर नाइटी तो पहन लो या ऐसे ही नंगी चलोगी .......

श्वेता नाइटी पहनते हुए बोली पर भाभी आप तो अंदर चली जाओगी और भैया दरवाजा बंद कर लेंगे फिर मैं कैसे ....... दीदी ने कहा खिड़की तो होगी ना उनके कमरे में ..... श्वेता ने कहा हां बाहर बॉलकनी की ओर खुलती है दीदी ने कहा मैं चुपके से खोल दूंगी जरा सी उसी से अंदर देख लेना .......


श्वेता ने कहा ठीक है भाभी थैंक्स ...... दीदी ने कहा वैसे तेरी उम्र अब चुदाई देखने की नही चुदने की है ...... अच्छा एक बात बताऊं राज की ....... श्वेता बोली हां बताओ ना भाभी आपकी तो बातें भी मज़ेदार होती हैं ...... दीदी बोली सिर्फ बातें .....? श्वेता जल्दी से बोली नही नही सब कुछ ....... दीदी हंस दी और बोली मैं तेरे भैया दोनो चाहते हैं कि तेरी और विकास की शादी हो जाये ...... तुझे विकास कैसा लगता है ....... श्वेता ये सुन कर एकदम से शर्मा गयी और बोली ...... भाभीईईई अभी मेरी शादी की उम्र है क्या आज ही 18 कि हुई हूँ और अभी मेरी स्टडी चल रही है ......


दीदी हंस कर बोली आज ही थोड़े कर रहे हैं यार मेरा मतलब था हम ऐसा सोच रहे हैं जब उम्र होगी शादी की तभी करेंगे लेकिन तुम्हें विकास कैसा लगता है अपने लिए वो पूछ रही थी मैं .........

इन सब बातों को सुन कर मेरे लंड के साथ साथ कान भी खड़े हो चुके थे .......

श्वेता बोली ठीक है हैंडसम है स्मार्ट है समझदार है केयरिंग है और आज शाम पार्टी में उसका वो उन बेहूदे लड़कों को पीटना मुझे बहोत अच्छा लगा ...... पर इससे ज्यादा मैंने कुछ सोचा नही अभी उसके बारे में ...... दीदी बोली ठीक है आराम से सोच लेना पर इतना मैं हिंट दे देती हूं तेरे लिए वो परफेक्ट है हर तरह से ...... चल मैं जा रही ऊपर तुम थोड़ी देर बाद आना जब मैं मैसेज करूँ ok .......

और फिर दीदी मुझे फोन की स्क्रीन पर अपनी ओर आती दिखी और फोन उठा कर कमरे से बाहर निकल गईं सीढ़ियों के पास पहुंच कर उन्होंने काल को फ्रंट कैमरे पर एडजस्ट किया और मुझे देख कर मुस्कुरा कर thumbsup का इशारा किया मैंने भी उन्हें फ्लाइंग किस दी और ऊपर चढ़ते हुए उन्होंने bye करते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी .......

मैं इस टाइम एकदम चुदाई के मूड में था पर दीदी तो अभी प्रतीक के रूम में जा रही थीं ........ मैंने श्वेता की पैंटी को तकिए के नीचे डाल कर अपना खड़ा लंड अंदर किया और एक लोअर पहन लिया ...... एक खिचड़ी मेरे दिमाग मे भी पकने लगी थी ...... और तभी मेरे रूम का दरवाजा धीरे से नॉक हुआ मैंने जा कर दरवाजा खोला तो दीदी अंदर आ गईं और बोली विकी सॉरी जान मन तो तेरे साथ चुदाई का कर रहा है लेकिन अभी जाना पड़ेगा प्रतीक के पास .......

मैंने कहा कोई नही दीदी उसे तो सिर्फ आधे घंटे मिलेंगे मेरे पास तो पूरी जिंदगी है अपनी बीवी को प्यार करने के लिए ...... दीदी एकदम से मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठ चूसने लगी और फिर अलग होते हुए बोली अभी श्वेता आएगी ऊपर देख लेना अगर कुछ जुगाड़ बन सके तो बना लेना ..........

मैंने कहा यार मैं भी कुछ सोच तो रहा था दीदी बोली ok अब मैं जाऊं...... कैसा इत्तेफाक था मेरी दीदी जो अब मेरी बीवी भी थी मुझसे इजाजत मांग रही थी अपने होने वाले पति से चुदने के लिए ....... मैंने हां में सर हिला दिया ...... दीदी ने पूछा बुरा लग रहा है जानू ...... मैंने कहा हां लग तो रहा है पर जाओ ...... मैंने ही इस शादी के लिए जिद की थी तुमसे ...... दीदी बोली जान एक न एक दिन तो ये होना ही था ......

और बस इसीलिए मैं श्वेता की शादी की तुमसे करवाना चाहती हूं कि अगर प्रतीक मुझे चोदेगा तो तुम भी उसकी बहन चोदोगे ...... मैंने कहा जाओ आप ....... और दीदी दरवाजा खोल कर निकल गयीं ....... मैंने दरवाजा पूरी तरह बंद नही किया और वही दरवाजे के पास एक कुर्सी डाल कर बैठ गया ...... कमरे की लाइट मैंने ऑफ कर दी थी ........

दीदी को प्रतीक के कमरे में गए 2 मिनट हो रहे थे और अब मैंने खुद के मन को समझा लिया था कि मुझे दीदी और प्रतीक के रिश्ते को ले कर इतना पजेसिव नही होना चाहिए क्योंकि मैं ऐसा चाहता था तभी दीदी ने इस रिश्ते के लिए हां की थी ...... और दीदी किसी भी कंडीशन में सारी जिंदगी मेरे साथ नही रह सकती थीं ...... हां ये सब जो वो कर रही थीं उस कंडीशन में हमे बहोत सारा मौका और टाइम मिलने वाला था एक दूसरे को प्यार करने का और एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का ........ ये सबसे बेस्ट पॉसिबल प्लान था ....... जिसमे हम सब मैरिड लाइफ के साथ साथ एक दूसरे के साथ अपने प्यार के रिश्ते को भी निभा सकते थे और परिवार और समाज का भी कोई डर नही था ........

(उधर प्रतीक के कमरे में ....... क्या हुआ ये दीदी ने मुझे लखनऊ से वापसी के रास्ते मे बताया था पर मैं उसका वर्णन अभी कर रहा हूँ )

दीदी ने मेरे रूम से निकल कर प्रतीक का डोर नॉक किया और प्रतीक ने झट से दरवाजा खोला ....... और दीदी को देख कर किनारे हटते हुए बोला वेलकम स्वीटहार्ट मेरे रूम में पहली बार तुम्हारा स्वागत है ...... दीदी अंदर आईं और प्रतीक ने दरवाजा बंद कर लिया ........

दीदी ने गौर से एक बार पूरे कमरे का जायजा लिया और बोली बढ़िया है मेरा बैडरूम ....... शादी के बाद ये मेरा भी कमरा होगा प्रतीक बोला ये अभी भी तुम्हारा ही कमरा है जानू ना सिर्फ ये कमरा बल्कि ये घर और मैं सब तुम्हारा ही है निकी ...... और और प्रतीक ने दीदी के करीब आ कर दीदी को अपनी बाहों में भर लिया दीदी ने भी अपनी बाहें उसके इर्द गिर्द कस दीं........

प्रतीक ने दीदी के माथे को चूम कर कहा ओहहह मेरी जान जिस दिन से तुम्हे देखा था बस तुम्हे अपनी बाहों में लेने के लिए बेकरार था और दीदी ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये और दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे ........ दीदी भी इस समय एकदम गरम थीं और प्रतीक तो था ही भूखा ....... ठरकी .........

तभी दीदी ने कहा जानू तुमने अपना वो वाश किया है नही ...... प्रतीक बोला शाम को नहाया था उसके बाद से तो नही किया ...... दीदी बोली जाओ फिर उसे धो कर आओ तभी मैं उसे मुह में लुंगी ....... प्रतीक ने मुस्कुरा कर किसे ....... दीदी ने उसके लोअर में बने हुए टेंट की ओर इशारा किया ....... प्रतीक ने कहा नाम भूल गयी क्या इसका ....... दीदी ने कहा भूली नही हूँ लेकिन सामने बोलने में शर्म आती है ना फोन पर तुम देखते थोड़े हो मुझे इसलिए बोल देती हूँ ....... प्रतीक ने कहा एक बार बोलो ना जान प्लीज तुमने कहा था कुछ भी ..........

दीदी शर्माने की जानदार एक्टिंग करते हुए बोली करने को कहा था बोलने को नही ...... प्रतीक बोला ठीक है फिर आज कर ही लेता हूँ सब अपने मन की ....... बातें तो फोन पर होती ही रहेंगी ....... और वो बाथरूम का दरवाजा खोल के अंदर घुस गया ...... दीदी ने जल्दी से फोन उठा के श्वेता को मैसेज भेजा ...... आ जाओ ऊपर ......... और खिड़की के पास जा कर एक पल्ले की चटकनी खोल कर उसे जरा सा खोल दिया फिर वो आ कर बेड पर बैठ गईं ........

दो मिनट में प्रतीक वापस आया सिर्फ अंडरवियर में और दीदी उसे इस हालत में देख कर मुस्कुरा दी ....... उसने कहा तो कितना वक्त है मेरे पास ....... दीदी ने कहा वैसे तो मैंने आधा घंटा दिया था तुम्हें लेकिन तुम जो करना चाहते हो कर लो जी भर के और ये सुनते ही प्रतीक ने दीदी के पास आ कर उनके सामने खड़े हो कर अपना अंडरवियर भी सरका दिया और उसका 8 इंच का मोटा लंड दीदी की नजरों के सामने आ गया .......

उसका लंड देख कर दीदी की आंखों में खुशी और लालच के भाव आ गए और दीदी ने उसे मुट्ठी में भर कर उसके सुपाड़े को चूम लिया ऊम्म्म्म और बोली हाय राजा बड़ा मस्त है तुम्हारा ....... लंड ...... प्रतीक ने कहा पसन्द आया तुम्हे ...... दीदी बोली हां जानू ऐसा तो किसी को भी पसन्द आएगा ....... और दीदी ने सुपाड़े को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और प्रतीक हाय हाय कर उठा ........ जल्दी ही दीदी प्रतीक का लंड 5-6 इंच तक मुह में ले कर चूसने लगी और प्रतीक ने अपना हाथ उनकी नाइटी के गले में घुसा कर उनकी चुचियाँ पकड़ कर मसलनी शुरू कर दी दीदी भी मस्त होने लगी और एक हाथ से प्रतीक के आंड़ मसलने लगी ......

उधर श्वेता ने मोबाइल पर मैसेज पढा औए धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकली और सीढ़ियों की ओर चल पड़ी ...... उसका दिल तेजी से धड़क रहा था आज से पहले उसकी लाइफ में सब एकदम सामान्य तरीके से चल रहा था सुबह स्कूल जाना शाम को वापस आना अपनी पढ़ाई घर के काम और मम्मी और भैया के साथ प्यार से गुजरती जिंदगी बस इतना ही था उसकी लाइफ में 4-5 कॉलेज फ्रेंड थीं वो भी सब उस जैसी ही सीधी सादी एक वो ही फ्रेंड कुछ चालू थी जो शाम को पार्टी में उसे मुझे पटाने की सलाह से रही थी उसका नाम कृति था और वो एक साथ दो तीन लड़को से सेटिंग रखती थी ......

हांलाकि वो भी अभी चुदी नही थी पर बाकी मज़े ले चुकी थी और कई बार श्वेता को भी अपने और अपने bf के किस्से सुनाया करती थी और एक बार उसी ने श्वेता को फोन पर पोर्न दिखाई थी ...... ऐसी सीधी सादी लड़की को पिछले दो दिनों से झटके पर झटके लग रहे थे सबसे पहले कल सुबह जब वो नहाने के बाद वापस अपने कपड़े धुलने गयी थी तो उसकी पैंटी पर लगा हुआ वो चिपचिपा ग्लू जैसा पता नही क्या था वो उस बारे में कृति से पूछना चाहती थी लेकिन कल से उसे मौका ही नही मिला ...... अकेले में उस से बात करने का ......

और आज सुबह निकिता और विकास के आगमन के बाद से उसके हाथ जो जो हुआ था ...... एक ही दिन में वो काफी कुछ सीख समझ गयी थी पहली बार तो उसे सब अजीब लगा लेकिन जब उसके भैया प्रतीक ने कहा कि वो अब बड़ी हो गयी है एडल्ट हो चुकी है और चाहे तो ड्रिंक कर सकती है तो उसे लगने लगा कि अब वो सच मे बड़ी हो गयी है बालिग हो गयी है और वो जो भी काम जो गलत होते हैं छुप कर किये जाते हैं वो सब अब वो भी कर सकती है .........

और आज अपनी भाभी के साथ किये गए लेस्बियन सेक्स में उसे भी काफी मज़ा आया था और अब वो सब कुछ जानना चाहती थी चुदाई क्या होती है कैसे होती है कैसे इस नन्हे से छेद में मोटा सा लंड चला जाता है देखने की इच्छा प्रबल हो गयी थी उसके नादान मन में ........

इन्ही ख्यालों में खोई हुई वो थोड़ी डरी हुई ये सोंचती हुई कि अपने सगे भैया को वो कैसे नंगा देखेगी उफ़्फ़फ़फ़ इतना सोचने भर से उसके बदन में सिहरन होने लगी ....... वो तो बियर का सुरूर था जो वो इतनी हिम्मत कर बैठी ऐसे तो वो कभी ऐसा नही कर पाती .......

ऊपर पहुंच कर उसने दरवाजे से अंदर झांक कर तसल्ली की सभी कमरों के दरवाजे बंद थे और फिर वो दबे पांव तेजी से बॉलकनी की ओर भागी और फिर खिड़की के पास पहुंच कर दुबक के बैठ गयी ....... एक मिनट तक सब ओर देख कर तसल्ली करने और सब ठीक ठाक पाने के बाद उसने सर उठा कर खिड़की के पल्ले में बनी हुई दराज पर आंख लगाई ........

ठीक इसी वक्त निकिता ने प्रतीक का लंड मुह में लेना शुरू किया था ...... और वो लंड देखते ही श्वेता की आंखे चौड़ी हो गई ....... उफ़्फ़फ़फ़ इतना बड़ा मोटा और किसी डंडे जैसा सख्त लंड ....... और भाभी कितने मज़े से चूस रही है इसे जैसे कोई लॉलीपॉप हो ....... यानी कि लंड चूसने में मज़ा आता है उसके मन ने उसके सवाल किया ...... और फिर मन ने ही जवाब दिया जरूर आता होगा अभी भाभी की चूत चाटने में भी तो मज़ा आ रहा था मुझे कुछ ऐसा ही या शायद इस से भी ज्यादा मज़ा आता होगा .......

और मैं दरवाजे की झिरी से श्वेता को ऊपर आते फिर बॉलकनी में जाते और फिर खिड़की से अंदर झांकते वो सारी हरकतें देख रहा था .........

उधर अंदर प्रतीक के कमरे में दीदी ने प्रतीक का लंड चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया था ...... और अब उसे मुठ मारते हुए उसके फूल कर लटके वीर्य से भरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी थीं और प्रतीक के मुह से आहें निकल रही थीं ....... aaahhh निकी क्या मस्त लंड चूसती हो तुम जानू उफ़्फ़फ़ मेरी जान मैं तो रोज एक बार तुम्हे लंड चुसाने वाला हूँ शादी के बाद अब बस करो ना जान नही तो झड़ जाऊंगा तुम्हारे मुह में ही ....... और आखिर दीदी ने उसका लंड छोड़ दिया .......

प्रतीक ने कहा तुम कमाल हो जान लव यू सो मच ...... अब मेरी बारी ये कहते हुए उसने दीदी की नाइटी को डोरी खींच दी और उसे उतार दिया अंदर दीदी ने कुछ भी नही पहना था तो नाइटी हटते ही उनका नंगा बदन देख प्रतीक की आंखे चुंधिया गयीं ...... और वो दीदी को बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ सा गया और उनके चेहरे को चूमने चाटने लगा ....... दीदी की गर्दन से होंठ रगड़ते हुए वो उनकी नंगी चुचियाँ चूमने लगा और फिर निप्पल को मुह में भर कर चूसने लगा दीदी की भी गर्मी तीव्र होती जा रही थी और वो अपने दूसरे निप्पल को सहलाने लगी ये देख कर प्रतीक ने उनका हाथ उनके निप्पल से हटा कर खुद ही दूसरे निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और अचानक उसकी नजर दीदी की आर्मपिट से झांक रहे लंबे लंबे बालों पर पड़ी और ये नजारा देखते ही वो बेकाबू सा हो कर दीदी के हाथों को उनके सर से ऊपर उठा कर उनकी आर्मपिट को सूंघने और चाटने लगा ..........

किसी भूखे कुत्ते की तरह जी भर कर दीदी की बगलों को चाटने के बाद वो सरक कर दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की घनी झांट वाली बुर को देखते ही वो सिसिया कर बोला aaaahhhh निकी thanks जानू तुम्हारी बुर की झांटे देख कर मज़ा आ गया मुझे भी और मेरे लंड को भी और उसने दीदी की बुर को चूमना शुरू कर दिया और बेतहाशा चाटने लगा ......


दीदी उसका सर हाथो से पकड़ कर अपनी बुर पर दबाते हुए बोली जानू तुम्हारे कहने से ही झांटे बड़ी की हैं तुम्हें पसन्द है ना झांटो वाली बुर ....... प्रतीक हां मेरी जान लव यू ऊऊम्म्म्म्म और फिर वो अपनी जीभ दीदी की बुर में घुसा कर अंदर तक बुर चाटते हुए दीदी की बुर का स्वाद लेने लगा ...... दीदी ने मस्ती में अपनी टांगें हवा में उठा दी और अपनी गांड़ उठाते हुए बोली उफ़्फ़फ़फ़ ऐसे ही चाटो राजा अंदर तक बड़ी गुदगुदी हो रही मेरी बुर में और प्रतीक ने बुर के अंदर जीभ घुमा कर निकाली और फिर जीभ को गांड़ के छेद पर फिराने लगा ........

मैं चुपचाप श्वेता को देख रहा था तभी मुझे ऐसा लगा श्वेता ने अपनी नाइटी ने हाथ डाला और शायद अपनी चूत सहलाने लगी ....... और मैं धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकला और फिर नीचे उतर गया श्वेता अंदर चल रही चुदाई देखने मे इतनी खोई थी कि उसे पता ही नही चला मैं उसके पीछे से गुजर गया हूँ .......

नीचे जा कर मैंने किचन वाले फ्रीज के पानी की बोतल निकाली और ....... दो घूंट पी कर बोतल लिए हुए बड़े आराम से सीढियां चढ़ता हुआ ऊपर आने लगा आखिरी सीढ़ियों पर पहुंच कर मैं जान बूझ कर पैर तेजी से रखने लगा ताकि श्वेता को मेरे आने की आहट मिल जाये ....... और हुआ भी वही जैसे ही मैं सीढ़ियों से ऊपर पहुंचा तो देखा श्वेता बॉलकनी में खड़ी सड़क की ओर देख रही थी ....... (अब वो बेचारी इतनी जल्दी कहीं गायब भी तो नही हो सकती थी)

उसने मेरी ओर देखा मैंने चौंकने की एक्टिंग करते हुए कहा अरे आप इस वक़्त यहाँ ....... हांलाकि मेरा सवाल बेवकूफी भरा था ये उसका घर था वो कभी भी कहीं भी हो सकती थी ........ उसने एकदम धीरे से जवाब दिया कि ...... मुझे नींद नही आ रही थी तो सोचा यहां खुली हवा में कुछ देर ....... मैंने कहा सही है ...... फिर वो बोली आप अभी सोए नही ...... मैंने कहा सो गया था लेकिन प्यास लगी तो नींद खुल गई ....... उसके चेहरे पर थोड़ी परेशानी और उलझन के भाव थे ...... उसे लगा शायद मैंने जाते समय उसे प्रतीक के रूम में झांकते देखा होगा .......


और वो बेहद धीरे बात कर रही थी इस डर से कहीं कमरे में मौजूद प्रतीक उसकी आवाज़ ना सुन ले ....... मैंने कहा अगर नींद नही आ रही तो चलिए कुछ देर बातें करते हैं ........ उसे मानो वहां से हटने की वजह मिल गयी और वो बोली हां चलो आपके कमरे में चलते हैं और ये कहते हुए वो सीधा मेरे कमरे की ओर बढ़ गयी .......

पीछे से मैं भी कमरे में आ गया ..... वो बेड पर बैठ गयी और मैं भी उसके पास ही बैठ गया ....... कुछ देर तक हम अपनी पढ़ाई और सब्जेक्ट के बारे में डिस्कस करते रहे ........ फिर वो बोली आपका गिफ्ट बहोत खूबसूरत था और उसकी मुझे जरूरत भी थी मेरी वाच कुछ दिन पहले ही खराब हुई थी ....... और मैं सोच रही थी नई लेने के लिए पर आपने दे दी .......

मैंने कहा चलो अच्छा है मेरा गिफ्ट हर टाइम आपके साथ रहेगा जितनी बार आप टाइम देखोगी शायद मुझे याद करोगी ....... वो मुस्कुरा दी ...... चश्मे वाली लकड़ियां वाकई खूबसूरत होती हैं .......... उसने कहा आपने आज शाम उन लड़कों की बढ़िया धुलाई की लेकिन उन्होंने ऐसा क्या किया था वो कोई नही बता रहा ..........

मैंने कहा किया तो कुछ नही था पर आपके बारे में एकदम बेहूदी बात कर रहे थे वो बस वो सुन कर मुझे गुस्सा आ गया और ....... और आपने उन्हें धो डाला कहती हुई वो हंस पड़ी ...... मैं भी मुस्कुरा दिया ....... फिर वो एकदम गौर से मेरी ओर देखने लगी जैसे कसाई बकरे को देखता है ....... और मैंने पूछ लिया ऐसे क्या देख रही हो ...... वो बोली देख रही हूं आप कैसे लगते हैं ........

उसकी अजीब सी बात सुन कर मैं हंस दिया ....... और कहा मतलब मैं समझा नही ....... वो बोली किसी ने मुझसे पूछा आप मुझे कैसे लगते हैं ....... मैंने कहा अच्छा तो बता दीजिए मैं आपको कैसा लगता हूँ ....... वो बोली एक बात कहूँ आप मुझे आप कहना बन्द कीजिये मैं छोटी हूँ आपसे मैंने कहा ठीक है लेकिन तुम भी मुझे तुम कहोगी ....... वो बोली ok .......

मैंने फिर पूछा तो बताओ तुम्हें मैं कैसा लगा ......? वो बोली ठीक हो ...... मैंने कहा पर मुझे तुम बहोत अच्छी लगी बहोत प्यारी एकदम क्यूट सी और शायद इसीलिए तुम्हारे बारे में गलत सुन कर मुझे गुस्सा आ गया ..... वो हंस दी और बोली अच्छा ऐसी बात है मैंने कहा हां ऐसी ही बात है .......

फिर उठ खड़ी हुई और बोली ....... अच्छा मैं चलती हूँ किसी ने देख लिया तो मुसीबत होगी ...... मैंने कहा श्वेता कुछ कहना है तुमसे उसने बड़ी अदा से मेरी ओर देखा और बोली मैं जानती हूं ...... मैंने हैरानी से कहा कैसे जानती हो तुम ...... उसने तकिए के नीचे से झांक रही अपनी पैंटी की ओर इशारा कर के कहा ये ...... इसने बता दिया कि तुम क्या कहना चाहते हो और मैं एकदम से घबरा गया और हकलाते हुए कहा ...... क क क्या कह रही हो ये क्या है मैं नही जानता ........ वो बोली अब झूठ मत बोलो विकास मैं दोपहर से ही इसे ढूंढ रही थी ....... और आज सिर्फ तुम और भाभी ही गए थे मेरे रूम में ..... अब भाभी तो इसे यहां ला कर रखेंगी नही इतना मैं भी जानती हूं .........

मैंने नजरें झुका ली और अचानक वो हंसने लगी जोर जोर से और हंसते हुए बोली इतना डर क्यों गए तुम.........


मैं किसी से शिकायत नही करूंगी डरो मत उसे हंसता देख मेरी जान में जान आयी और मैंने कहा सॉरी श्वेता वो बस इस पर नजर पड़ी और मैं खुद पर काबू नही कर पाया उसने आगे बढ़ कर अपनी पैंटी को तकिए के नीचे से निकाला उलट पलट कर देखा और बोली हां तो तुम कुछ कहना चाहते थे ........

इतना सब होने के बाद मैं रिलैक्स था और खुश था की उसने इस बात को ज्यादा इश्यू नही बनाया था मैंने कहा श्वेता मुझे तुम बहोत पसन्द हो ......, बहोत अच्छी लगती हो ....... वो मुस्कुरा कर बोली विकास अच्छे तो तुम भी लगने लगे हो मुझे ....... और फिर उसने अपनी पैंटी मेरे हाथ पर रखते हुए कहा लो इसे तुम ही रखो अब ....... और वो कमरे से भाग कर नीचे चली गयी .......

मैं दरवाजा बंद कर के वापस बेड पर लेट गया और श्वेता की पैंटी को सीने से लगा कर सो गया .......।
 

neeRaj@RR

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माफ करना नीरज जी मेरा कोई गलत अर्थ नही था
कोई बात नही बन्धु पर क्लियर करना मेरा काम है कि यह सिर्फ एक काल्पनिक कहानी है इसे कहानी की दृष्टि से ही पढ़ते हुए आनंद लें
 
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Forbidden fruit ka maza lene ke baad simple fruit ki taraf najar hi nahi ja rahi hai Vikas ki.

श्वेता के बर्थडे पार्टी में लड़कियां मोहित हो रही थी विकास पर लेकिन उसका ध्यान तो सिर्फ निकिता और श्वेता पर ही टिकी हुई थी । कभी कभी टेस्ट चेंज भी कर लेना चाहिए ।

वैसे कहानी काफी इरोटिक और एक्साइमेंट से भरपूर लिख रहे हैं आप । यह तो समझ में आ ही गया है कि दोनों भाई बहन एक दूसरे के भाई और बहन से शादी करने वाले हैं और दोनों पेयर पति-पत्नी के अलावा फाॅरविडेन सेक्स का आनंद भी उठाने वाले हैं । शायद बाद में इनके दरम्यान थ्री सम और फोर सम का गुंजाइश भी बने ।

सभी अपडेट्स बेहतरीन थे । अपडेट देने की गति बहुत ही बढ़िया है ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग नीरज भाई ।
एक सौ पेज पुरे होने पर हार्दिक बधाई आपको ।
 
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कोमल रानी आपको अपने थ्रेड पर देख कर बेहद खुशी हुई आपकी कहानी जोरू का गुलाम काफी पहले कहीं पढ़ी थी ....... तब नही सोचा था कभी आप मेरी कहानी की प्रशंसा करेंगी लेकिन आज ये भी हुआ ...... आप जैसी ऊंचे दर्जे की लेखिका की तारीफ मुझ जैसे नए लेखक के लिए प्रेरणादायक रहेगी ......... आपका आभार 🙏
सही कहा आपने । वो बहुत ही बेहतरीन लेखिका हैं । इसके अलावा उनका ज्ञान हर चीज के उपर भी काफी उम्दा है ।
 

Polakh555

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मैं आराम से लेटा हुआ फोन पर पोर्न देख रहा था ....... 3 बियर के बाद एकदम टाइट था मैं और बस सेक्स का मूड बन रहा था ..... तभी मुझे याद आया श्वेता की पैंटी मेरे पास है और मैंने तकिए के नीचे से उसे निकाला और अपनी नाक से लगाया उसे सूंघते ही लंड अपनी औकात में आ गया ........

तभी दीदी की कॉल आयी मैंने रिसीव की तो वो फुसफुसा कर बोलीं कहाँ हो .......

मैं - ऊपर हूँ

दीदी- मेरा मतलब किस रूम में प्रतीक के साथ या ......

मैं- उसी में जिसमे दोपहर को तुमने मेरा लंड चूसा था ......

दीदी- ok live पोर्न देखनी है ??

मैं- उछलते हुए हां पर कैसे .....

दीदी- मैं वीडियो कॉल करती हूं रिसीव कर लेना श्वेता बाथरूम गयी है ....... मैं फ़ोन कहीं सेट कर देती हूं रूम में लेकिन उधर से म्यूट कर देना कॉल इधर आवाज़ नही आनी चाहिए ........

मैं- ठीक है जान ......

और दीदी ने कॉल काट के अगले ही मिनट व्हाट्सएप्प पर वीडियो कॉल की मैंने रिसीव की और देखा दीदी ने अभी सिर्फ ब्रा पहनी हुई है वही नेट वाली ब्रा ....... दीदी ने मुझे देख के स्माइल दी और फिर उन्होंने वीडियो कॉल को बैक कैमरे पर डाला और फिर उन्होंने फोन को कमरे की अलमारी में कोने में रख दिया .......

मुझे बेड सहित पूरा कमरा साफ नजर आ रहा था ....... और फिर मैंने अपनी साइड से कॉल म्यूट कर दी ........ दीदी वापस जा कर बेड पर लेट गयीं उन्होंने सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी थी ....... थोड़ी ही देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और श्वेता भी आ गयी उसने एक क्रीम कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी और खुले बालों में और चश्मे में वो बेहद खूबसूरत लग रही थी ......

उसने लाइट ऑफ कर दी तो दीदी बोली...... लाइट ऑन करो ना श्वेता अंधेरे में मज़ा नही आता मुझे और उसने लाइट ऑन कर दी ....... फिर वो भी बेड पर आ गयी ...... और बोली सोना नही है क्या ...... दीदी बोली इतनी जल्दी अभी तो मुझे मज़े लेने हैं अपनी ननद रानी से और श्वेता का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया .......

अब श्वेता भी इस सब की अभ्यस्त हो रही थी और शायद उसे भी इस खेल में मज़ा आने लगा था और आज वो पहली बार बियर के नशे में भी थी वो खिंची हुई आ कर दीदी के सीने से चिपक गयी और दीदी ने उसकी पीठ सहलाते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिया और दोनो जवान और सेक्सी लड़कियां एक लंबे और गरम चुम्बन में मशगूल हो गईं वो देखते हुए मैंने भी अपना लंड निकाला और श्वेता की पैंटी लंड पर लपेट कर उन कामुक दृश्यों का आनंद लेने लगा .........

2 मिनट चले इस लंबे किस के बाद दीदी ने श्वेता के चेहरे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और उसकी गांड़ के ऊपर से नाइटी को खींचते हुए उसकी गांड़ नंगी कर दी और फिर उसकी पैंटी में कसे हुए चूतड़ों को कस कस के मसलती हुई बोली श्वेता सच बता मज़ा आ रहा है या नही ........ श्वेता नशे में लड़खड़ाती आवाज़ में बोली हां भाभी अच्छा लग रहा है ......, फिर मानेगी ना मेरा कहना ....... ह हां भाभी .. .. . गुड चल फिर जल्दी से नंगी हो जा सारे कपड़े निकाल दे ......

और श्वेता ने बैठ कर अपनी नाइटी निकाल दी फिर ब्रा भी खोल कर रख दी अब उसके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी ....... दीदी ने कहा इसे भी निकाल ना जल्दी से वो खड़ी हुई और पैंटी को भी टांगो से निकाल कर फेंक दिया ....... दीदी ने भी लेटे हुए अपनी पैंटी निकाल दी और श्वेता से कहा ....... आओ श्वेता come on मेरे मुह पर बैठ जाओ अपनी चूत रख कर आज हम 69 करेंगे .......

श्वेता बोली ये क्या होता है भाभी और दीदी उसे किसी टीचर जैसे 69 के बारे में बताने लगी और उसने भी एक अच्छे स्टूडेंट जैसे सब समझा और फिर दीदी के ऊपर आ गयी ........ और दोनो लकड़ियां एक दूसरे की चूत को सहलाने लगीं और फिर दीदी ने श्वेता की चूत को चूम लिया श्वेता सिहर उठी और बोली भाभी अच्छा लग रहा है ........


दीदी बोली तुम भी मेरी चूत चाटो श्वेता मुझे भी अच्छा लगेगा और फिर श्वेता ने झिझकते हुए दीदी की चूत पर होंठ रखे दीदी ने अपना हाथ उसके सर पर फिराते हुए उसका सर अपनी चूत पर दबा लिया और बोली जीभ डाल कर चाट ना अच्छे से मेरी जान ....... और खुद अपनी जीभ श्वेता की चूत पर फिराने लगी .....


श्वेता मस्ती में डूबने लगी और फिर उसने दीदी की चूत की मज़े से चाटना शुरू कर दिया और दोनों एकदम मज़े से एक दूसरे की चूत चाटते हुए सिसियाने लगी और दीदी ने श्वेता की चूत की दाने को होंठो में दबा लिया श्वेता ने तेज आह भरी और बोली aaahhhh भाभी बस इसे ही चूसो .......


दीदी के कुछ देर उसकी चूत का दाना चूसा और फिर उसकी गांड़ के छेद को निशाना बनाया दीदी की जीभ उसके नंगे चूतड़ों पर लपलपाती हुई उसकी गांड़ की दरार में समा गई श्वेता बेतहाशा मचलने ....... दीदी ने कहा श्वेता मेरी जान उंगलियां डाल दे मेरी बुर में उफ़्फ़फ़फ़ और श्वेता ने दो उंगलियां दीदी की बुर में पेल दी और उंगलियों से दीदी की बुर चोदने लगी ...... और दीदी श्वेता की गांड़ के भूरे छेद को मुह में भर कर पीने लगीं साथ ही उनकी उंगली श्वेता की चूत की गीली दरार में हरकत कर रही थी .......


इस दोतरफे हमले श्वेता की जान सी निकलने लगी और किसी चुदासी कुतिया जैसे किकियाते हुए झड़ने लगी और तेज तेज सांसे लेने लगी ........ और दीदी ने उसकी अनचुदी चूत पर जीभ फिराते हुए उसका सारा रस चूस लिया .......


एक और बार जीवन के इस अद्भुत सुख को महसूस करने के बाद श्वेता खिसक कर दीदी के बगल में लेट गयी और आंखे बंद किये हुए उस सुख को याद कर के मुस्कुराने लगी दीदी ने करवट ले कर श्वेता की नंगी चुचियों पर हाथ फिराते हुए कहा श्वेता सच मे तेरी बुर का स्वाद बड़ा मस्त है तेरा पति तो दिन रात तेरी बुर में मुह डाले पड़ा रहेगा .........


दीदी के ये बात सुन कर मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी ...... और श्वेता ने आंख खोल कर दीदी को देखते हुए कहा भाभी थैंक्स मुझे तो इस सब के बारे में कुछ पता ही नही था ........ मैं तो बस इतना जानती थी लड़के लड़की दोस्ती करते हैं और उसके बाद किसिंग करते हैं मैं तो उसी को सेक्स समझती थी ........ दीदी बोली अभी हमने जी किया उसे भी सेक्स नही कहते मेरी जान ये तो बस मस्ती थी जो जवान लड़कियां अक्सर आपस मे कर लेती हैं ..........


श्वेता हैरानी से बोली ओहहह भाभी फिर सेक्स में क्या होता है ......? दीदी मुस्कुरा कर बोली जब कोई मोटा लंड तेरी इस बुर में घुसेगा और रगड़ रगड़ कर घंटे भर तेरी चुदाई करेगा तब तुझे पता चलेगा सेक्स क्या होता है मेरी बन्नो और दीदी ने उसकी चूची का निप्पल मसल दिया श्वेता सिसकते हुए बोली हाय्य्य्य भाभी दर्द होता है धीरे से .......


दीदी बोली मैं तो धीरे से करूंगी पर कोई मर्द तो बेदर्दी से ही चोदेगा तुझे मौका मिलने पर मर्दों को दर्द दे कर चोदने में ही मज़ा आता है वैसे चुदवाने का मज़ा भी तब ही आता है जब चुदने के बाद बदन में दर्द हो और अंगों में टीस उठे ....... फिर वो बोली श्वेता तूने तो कभी चुदाई भी नही देखी होगी ......


श्वेता बोली एक बार मेरी एक फ्रेंड ने कॉलेज में दिखाई थी फोन पर मैं देख कर बहुत घबरा गई थी मेरी हिम्मत नही हुई देखने की ...... दीदी बोली चिंता ना करो मैं तुम्हें व्हाट्सएप्प पर बढ़िया बढ़िया क्लिप्स भेज दिया करूंगी उन्हें देख कर चूत में उंगली कर लिया करना क्यों कि अब तो तुम्हारा मन करेगा रोज ये मज़े लेने को .........


श्वेता बोली हां भाभी मन तो करेगा वाकई बड़ा मजा आता है जब बुर से कुछ निकलता है ...... दीदी बोली अच्छा अब तुम आराम करो मैं थोड़ी देर में आती हूँ ...... श्वेता बोली आप कहाँ जा रही हो भाभी ...... दीदी बोली तुम्हारे भैया के पास बेचारे बहोत तरस रहे हैं मुझसे अकेले में मिलने को .......


श्वेता बोली ओहहह पर वो अकेले में क्यों मिलना चाहते हैं आपसे ..... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा एकदम पागल है तू भी मैं उनकी होने वाली बीवी हूँ वो मुझसे अकेले में क्यों मिलना चाहेंगे सोच ले ...... श्वेता बोली आपका मतलब सेक्स करने के लिए ...... दीदी बोली हां वही मतलब है मेरा वैसे भी तूने चाट चाट आकर मुझे गरम तो कर दिया है अब मेरी बुर की गर्मी तेरे भैया का लंड ले कर ही शांत होगी ......


श्वेता बड़े गौर से दीदी को देखने लगी ...... और दीदी ने उठ कर अपने बैग से एक नाइटी निकाली ये वही ब्लैक वाली सेक्सी नाइटी थी और उसे पहन कर अपने बाल कंघी कर के बोली ok श्वेता मैं जा रही ....... दीदी दरवाजे के पास पहुंची ही थीं कि श्वेता बोली भाभी ...... दीदी ने मुड़ कर उसे देखा ...... श्वेता ने कहा भाभी मुझे देखना है .......

दीदी वापस उसके पास आ गईं और बोली क्या कहा फिर से बोल ...... श्वेता ने कहा .......मुझे देखना है आपको सेक्स करते हुए ...... दीदी को भी थोड़ा आश्चर्य हुआ वो ऐसा कुछ एक्सेप्ट नही कर रही थीं ....... दीदी ने कुछ सोचते हुए कहा ठीक है तुम मेरी फ्रेंड हो तो तुम्हारे लिए इतना तो करूंगी ही ...... लेकिन तुम अभी पूरी तरह से खुल कर नही बोल रही हो ...... सेक्स कहने में उतना मज़ा नही आता यार ...... श्वेता ने इस बार बड़े कॉन्फिडेंस से कहा ok भाभी मुझे तुम्हारी और भैया की चुदाई देखनी है ...... दीदी ने उसका गाल खींच कर कहा गुड गर्ल ...... चलो फिर नाइटी तो पहन लो या ऐसे ही नंगी चलोगी .......

श्वेता नाइटी पहनते हुए बोली पर भाभी आप तो अंदर चली जाओगी और भैया दरवाजा बंद कर लेंगे फिर मैं कैसे ....... दीदी ने कहा खिड़की तो होगी ना उनके कमरे में ..... श्वेता ने कहा हां बाहर बॉलकनी की ओर खुलती है दीदी ने कहा मैं चुपके से खोल दूंगी जरा सी उसी से अंदर देख लेना .......


श्वेता ने कहा ठीक है भाभी थैंक्स ...... दीदी ने कहा वैसे तेरी उम्र अब चुदाई देखने की नही चुदने की है ...... अच्छा एक बात बताऊं राज की ....... श्वेता बोली हां बताओ ना भाभी आपकी तो बातें भी मज़ेदार होती हैं ...... दीदी बोली सिर्फ बातें .....? श्वेता जल्दी से बोली नही नही सब कुछ ....... दीदी हंस दी और बोली मैं तेरे भैया दोनो चाहते हैं कि तेरी और विकास की शादी हो जाये ...... तुझे विकास कैसा लगता है ....... श्वेता ये सुन कर एकदम से शर्मा गयी और बोली ...... भाभीईईई अभी मेरी शादी की उम्र है क्या आज ही 18 कि हुई हूँ और अभी मेरी स्टडी चल रही है ......


दीदी हंस कर बोली आज ही थोड़े कर रहे हैं यार मेरा मतलब था हम ऐसा सोच रहे हैं जब उम्र होगी शादी की तभी करेंगे लेकिन तुम्हें विकास कैसा लगता है अपने लिए वो पूछ रही थी मैं .........

इन सब बातों को सुन कर मेरे लंड के साथ साथ कान भी खड़े हो चुके थे .......

श्वेता बोली ठीक है हैंडसम है स्मार्ट है समझदार है केयरिंग है और आज शाम पार्टी में उसका वो उन बेहूदे लड़कों को पीटना मुझे बहोत अच्छा लगा ...... पर इससे ज्यादा मैंने कुछ सोचा नही अभी उसके बारे में ...... दीदी बोली ठीक है आराम से सोच लेना पर इतना मैं हिंट दे देती हूं तेरे लिए वो परफेक्ट है हर तरह से ...... चल मैं जा रही ऊपर तुम थोड़ी देर बाद आना जब मैं मैसेज करूँ ok .......

और फिर दीदी मुझे फोन की स्क्रीन पर अपनी ओर आती दिखी और फोन उठा कर कमरे से बाहर निकल गईं सीढ़ियों के पास पहुंच कर उन्होंने काल को फ्रंट कैमरे पर एडजस्ट किया और मुझे देख कर मुस्कुरा कर thumbsup का इशारा किया मैंने भी उन्हें फ्लाइंग किस दी और ऊपर चढ़ते हुए उन्होंने bye करते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी .......

मैं इस टाइम एकदम चुदाई के मूड में था पर दीदी तो अभी प्रतीक के रूम में जा रही थीं ........ मैंने श्वेता की पैंटी को तकिए के नीचे डाल कर अपना खड़ा लंड अंदर किया और एक लोअर पहन लिया ...... एक खिचड़ी मेरे दिमाग मे भी पकने लगी थी ...... और तभी मेरे रूम का दरवाजा धीरे से नॉक हुआ मैंने जा कर दरवाजा खोला तो दीदी अंदर आ गईं और बोली विकी सॉरी जान मन तो तेरे साथ चुदाई का कर रहा है लेकिन अभी जाना पड़ेगा प्रतीक के पास .......

मैंने कहा कोई नही दीदी उसे तो सिर्फ आधे घंटे मिलेंगे मेरे पास तो पूरी जिंदगी है अपनी बीवी को प्यार करने के लिए ...... दीदी एकदम से मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठ चूसने लगी और फिर अलग होते हुए बोली अभी श्वेता आएगी ऊपर देख लेना अगर कुछ जुगाड़ बन सके तो बना लेना ..........

मैंने कहा यार मैं भी कुछ सोच तो रहा था दीदी बोली ok अब मैं जाऊं...... कैसा इत्तेफाक था मेरी दीदी जो अब मेरी बीवी भी थी मुझसे इजाजत मांग रही थी अपने होने वाले पति से चुदने के लिए ....... मैंने हां में सर हिला दिया ...... दीदी ने पूछा बुरा लग रहा है जानू ...... मैंने कहा हां लग तो रहा है पर जाओ ...... मैंने ही इस शादी के लिए जिद की थी तुमसे ...... दीदी बोली जान एक न एक दिन तो ये होना ही था ......

और बस इसीलिए मैं श्वेता की शादी की तुमसे करवाना चाहती हूं कि अगर प्रतीक मुझे चोदेगा तो तुम भी उसकी बहन चोदोगे ...... मैंने कहा जाओ आप ....... और दीदी दरवाजा खोल कर निकल गयीं ....... मैंने दरवाजा पूरी तरह बंद नही किया और वही दरवाजे के पास एक कुर्सी डाल कर बैठ गया ...... कमरे की लाइट मैंने ऑफ कर दी थी ........

दीदी को प्रतीक के कमरे में गए 2 मिनट हो रहे थे और अब मैंने खुद के मन को समझा लिया था कि मुझे दीदी और प्रतीक के रिश्ते को ले कर इतना पजेसिव नही होना चाहिए क्योंकि मैं ऐसा चाहता था तभी दीदी ने इस रिश्ते के लिए हां की थी ...... और दीदी किसी भी कंडीशन में सारी जिंदगी मेरे साथ नही रह सकती थीं ...... हां ये सब जो वो कर रही थीं उस कंडीशन में हमे बहोत सारा मौका और टाइम मिलने वाला था एक दूसरे को प्यार करने का और एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का ........ ये सबसे बेस्ट पॉसिबल प्लान था ....... जिसमे हम सब मैरिड लाइफ के साथ साथ एक दूसरे के साथ अपने प्यार के रिश्ते को भी निभा सकते थे और परिवार और समाज का भी कोई डर नही था ........

(उधर प्रतीक के कमरे में ....... क्या हुआ ये दीदी ने मुझे लखनऊ से वापसी के रास्ते मे बताया था पर मैं उसका वर्णन अभी कर रहा हूँ )

दीदी ने मेरे रूम से निकल कर प्रतीक का डोर नॉक किया और प्रतीक ने झट से दरवाजा खोला ....... और दीदी को देख कर किनारे हटते हुए बोला वेलकम स्वीटहार्ट मेरे रूम में पहली बार तुम्हारा स्वागत है ...... दीदी अंदर आईं और प्रतीक ने दरवाजा बंद कर लिया ........

दीदी ने गौर से एक बार पूरे कमरे का जायजा लिया और बोली बढ़िया है मेरा बैडरूम ....... शादी के बाद ये मेरा भी कमरा होगा प्रतीक बोला ये अभी भी तुम्हारा ही कमरा है जानू ना सिर्फ ये कमरा बल्कि ये घर और मैं सब तुम्हारा ही है निकी ...... और और प्रतीक ने दीदी के करीब आ कर दीदी को अपनी बाहों में भर लिया दीदी ने भी अपनी बाहें उसके इर्द गिर्द कस दीं........

प्रतीक ने दीदी के माथे को चूम कर कहा ओहहह मेरी जान जिस दिन से तुम्हे देखा था बस तुम्हे अपनी बाहों में लेने के लिए बेकरार था और दीदी ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये और दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे ........ दीदी भी इस समय एकदम गरम थीं और प्रतीक तो था ही भूखा ....... ठरकी .........

तभी दीदी ने कहा जानू तुमने अपना वो वाश किया है नही ...... प्रतीक बोला शाम को नहाया था उसके बाद से तो नही किया ...... दीदी बोली जाओ फिर उसे धो कर आओ तभी मैं उसे मुह में लुंगी ....... प्रतीक ने मुस्कुरा कर किसे ....... दीदी ने उसके लोअर में बने हुए टेंट की ओर इशारा किया ....... प्रतीक ने कहा नाम भूल गयी क्या इसका ....... दीदी ने कहा भूली नही हूँ लेकिन सामने बोलने में शर्म आती है ना फोन पर तुम देखते थोड़े हो मुझे इसलिए बोल देती हूँ ....... प्रतीक ने कहा एक बार बोलो ना जान प्लीज तुमने कहा था कुछ भी ..........

दीदी शर्माने की जानदार एक्टिंग करते हुए बोली करने को कहा था बोलने को नही ...... प्रतीक बोला ठीक है फिर आज कर ही लेता हूँ सब अपने मन की ....... बातें तो फोन पर होती ही रहेंगी ....... और वो बाथरूम का दरवाजा खोल के अंदर घुस गया ...... दीदी ने जल्दी से फोन उठा के श्वेता को मैसेज भेजा ...... आ जाओ ऊपर ......... और खिड़की के पास जा कर एक पल्ले की चटकनी खोल कर उसे जरा सा खोल दिया फिर वो आ कर बेड पर बैठ गईं ........

दो मिनट में प्रतीक वापस आया सिर्फ अंडरवियर में और दीदी उसे इस हालत में देख कर मुस्कुरा दी ....... उसने कहा तो कितना वक्त है मेरे पास ....... दीदी ने कहा वैसे तो मैंने आधा घंटा दिया था तुम्हें लेकिन तुम जो करना चाहते हो कर लो जी भर के और ये सुनते ही प्रतीक ने दीदी के पास आ कर उनके सामने खड़े हो कर अपना अंडरवियर भी सरका दिया और उसका 8 इंच का मोटा लंड दीदी की नजरों के सामने आ गया .......

उसका लंड देख कर दीदी की आंखों में खुशी और लालच के भाव आ गए और दीदी ने उसे मुट्ठी में भर कर उसके सुपाड़े को चूम लिया ऊम्म्म्म और बोली हाय राजा बड़ा मस्त है तुम्हारा ....... लंड ...... प्रतीक ने कहा पसन्द आया तुम्हे ...... दीदी बोली हां जानू ऐसा तो किसी को भी पसन्द आएगा ....... और दीदी ने सुपाड़े को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और प्रतीक हाय हाय कर उठा ........ जल्दी ही दीदी प्रतीक का लंड 5-6 इंच तक मुह में ले कर चूसने लगी और प्रतीक ने अपना हाथ उनकी नाइटी के गले में घुसा कर उनकी चुचियाँ पकड़ कर मसलनी शुरू कर दी दीदी भी मस्त होने लगी और एक हाथ से प्रतीक के आंड़ मसलने लगी ......

उधर श्वेता ने मोबाइल पर मैसेज पढा औए धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकली और सीढ़ियों की ओर चल पड़ी ...... उसका दिल तेजी से धड़क रहा था आज से पहले उसकी लाइफ में सब एकदम सामान्य तरीके से चल रहा था सुबह स्कूल जाना शाम को वापस आना अपनी पढ़ाई घर के काम और मम्मी और भैया के साथ प्यार से गुजरती जिंदगी बस इतना ही था उसकी लाइफ में 4-5 कॉलेज फ्रेंड थीं वो भी सब उस जैसी ही सीधी सादी एक वो ही फ्रेंड कुछ चालू थी जो शाम को पार्टी में उसे मुझे पटाने की सलाह से रही थी उसका नाम कृति था और वो एक साथ दो तीन लड़को से सेटिंग रखती थी ......

हांलाकि वो भी अभी चुदी नही थी पर बाकी मज़े ले चुकी थी और कई बार श्वेता को भी अपने और अपने bf के किस्से सुनाया करती थी और एक बार उसी ने श्वेता को फोन पर पोर्न दिखाई थी ...... ऐसी सीधी सादी लड़की को पिछले दो दिनों से झटके पर झटके लग रहे थे सबसे पहले कल सुबह जब वो नहाने के बाद वापस अपने कपड़े धुलने गयी थी तो उसकी पैंटी पर लगा हुआ वो चिपचिपा ग्लू जैसा पता नही क्या था वो उस बारे में कृति से पूछना चाहती थी लेकिन कल से उसे मौका ही नही मिला ...... अकेले में उस से बात करने का ......

और आज सुबह निकिता और विकास के आगमन के बाद से उसके हाथ जो जो हुआ था ...... एक ही दिन में वो काफी कुछ सीख समझ गयी थी पहली बार तो उसे सब अजीब लगा लेकिन जब उसके भैया प्रतीक ने कहा कि वो अब बड़ी हो गयी है एडल्ट हो चुकी है और चाहे तो ड्रिंक कर सकती है तो उसे लगने लगा कि अब वो सच मे बड़ी हो गयी है बालिग हो गयी है और वो जो भी काम जो गलत होते हैं छुप कर किये जाते हैं वो सब अब वो भी कर सकती है .........

और आज अपनी भाभी के साथ किये गए लेस्बियन सेक्स में उसे भी काफी मज़ा आया था और अब वो सब कुछ जानना चाहती थी चुदाई क्या होती है कैसे होती है कैसे इस नन्हे से छेद में मोटा सा लंड चला जाता है देखने की इच्छा प्रबल हो गयी थी उसके नादान मन में ........

इन्ही ख्यालों में खोई हुई वो थोड़ी डरी हुई ये सोंचती हुई कि अपने सगे भैया को वो कैसे नंगा देखेगी उफ़्फ़फ़फ़ इतना सोचने भर से उसके बदन में सिहरन होने लगी ....... वो तो बियर का सुरूर था जो वो इतनी हिम्मत कर बैठी ऐसे तो वो कभी ऐसा नही कर पाती .......

ऊपर पहुंच कर उसने दरवाजे से अंदर झांक कर तसल्ली की सभी कमरों के दरवाजे बंद थे और फिर वो दबे पांव तेजी से बॉलकनी की ओर भागी और फिर खिड़की के पास पहुंच कर दुबक के बैठ गयी ....... एक मिनट तक सब ओर देख कर तसल्ली करने और सब ठीक ठाक पाने के बाद उसने सर उठा कर खिड़की के पल्ले में बनी हुई दराज पर आंख लगाई ........

ठीक इसी वक्त निकिता ने प्रतीक का लंड मुह में लेना शुरू किया था ...... और वो लंड देखते ही श्वेता की आंखे चौड़ी हो गई ....... उफ़्फ़फ़फ़ इतना बड़ा मोटा और किसी डंडे जैसा सख्त लंड ....... और भाभी कितने मज़े से चूस रही है इसे जैसे कोई लॉलीपॉप हो ....... यानी कि लंड चूसने में मज़ा आता है उसके मन ने उसके सवाल किया ...... और फिर मन ने ही जवाब दिया जरूर आता होगा अभी भाभी की चूत चाटने में भी तो मज़ा आ रहा था मुझे कुछ ऐसा ही या शायद इस से भी ज्यादा मज़ा आता होगा .......

और मैं दरवाजे की झिरी से श्वेता को ऊपर आते फिर बॉलकनी में जाते और फिर खिड़की से अंदर झांकते वो सारी हरकतें देख रहा था .........

उधर अंदर प्रतीक के कमरे में दीदी ने प्रतीक का लंड चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया था ...... और अब उसे मुठ मारते हुए उसके फूल कर लटके वीर्य से भरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी थीं और प्रतीक के मुह से आहें निकल रही थीं ....... aaahhh निकी क्या मस्त लंड चूसती हो तुम जानू उफ़्फ़फ़ मेरी जान मैं तो रोज एक बार तुम्हे लंड चुसाने वाला हूँ शादी के बाद अब बस करो ना जान नही तो झड़ जाऊंगा तुम्हारे मुह में ही ....... और आखिर दीदी ने उसका लंड छोड़ दिया .......

प्रतीक ने कहा तुम कमाल हो जान लव यू सो मच ...... अब मेरी बारी ये कहते हुए उसने दीदी की नाइटी को डोरी खींच दी और उसे उतार दिया अंदर दीदी ने कुछ भी नही पहना था तो नाइटी हटते ही उनका नंगा बदन देख प्रतीक की आंखे चुंधिया गयीं ...... और वो दीदी को बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ सा गया और उनके चेहरे को चूमने चाटने लगा ....... दीदी की गर्दन से होंठ रगड़ते हुए वो उनकी नंगी चुचियाँ चूमने लगा और फिर निप्पल को मुह में भर कर चूसने लगा दीदी की भी गर्मी तीव्र होती जा रही थी और वो अपने दूसरे निप्पल को सहलाने लगी ये देख कर प्रतीक ने उनका हाथ उनके निप्पल से हटा कर खुद ही दूसरे निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और अचानक उसकी नजर दीदी की आर्मपिट से झांक रहे लंबे लंबे बालों पर पड़ी और ये नजारा देखते ही वो बेकाबू सा हो कर दीदी के हाथों को उनके सर से ऊपर उठा कर उनकी आर्मपिट को सूंघने और चाटने लगा ..........

किसी भूखे कुत्ते की तरह जी भर कर दीदी की बगलों को चाटने के बाद वो सरक कर दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की घनी झांट वाली बुर को देखते ही वो सिसिया कर बोला aaaahhhh निकी thanks जानू तुम्हारी बुर की झांटे देख कर मज़ा आ गया मुझे भी और मेरे लंड को भी और उसने दीदी की बुर को चूमना शुरू कर दिया और बेतहाशा चाटने लगा ......


दीदी उसका सर हाथो से पकड़ कर अपनी बुर पर दबाते हुए बोली जानू तुम्हारे कहने से ही झांटे बड़ी की हैं तुम्हें पसन्द है ना झांटो वाली बुर ....... प्रतीक हां मेरी जान लव यू ऊऊम्म्म्म्म और फिर वो अपनी जीभ दीदी की बुर में घुसा कर अंदर तक बुर चाटते हुए दीदी की बुर का स्वाद लेने लगा ...... दीदी ने मस्ती में अपनी टांगें हवा में उठा दी और अपनी गांड़ उठाते हुए बोली उफ़्फ़फ़फ़ ऐसे ही चाटो राजा अंदर तक बड़ी गुदगुदी हो रही मेरी बुर में और प्रतीक ने बुर के अंदर जीभ घुमा कर निकाली और फिर जीभ को गांड़ के छेद पर फिराने लगा ........

मैं चुपचाप श्वेता को देख रहा था तभी मुझे ऐसा लगा श्वेता ने अपनी नाइटी ने हाथ डाला और शायद अपनी चूत सहलाने लगी ....... और मैं धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर निकला और फिर नीचे उतर गया श्वेता अंदर चल रही चुदाई देखने मे इतनी खोई थी कि उसे पता ही नही चला मैं उसके पीछे से गुजर गया हूँ .......

नीचे जा कर मैंने किचन वाले फ्रीज के पानी की बोतल निकाली और ....... दो घूंट पी कर बोतल लिए हुए बड़े आराम से सीढियां चढ़ता हुआ ऊपर आने लगा आखिरी सीढ़ियों पर पहुंच कर मैं जान बूझ कर पैर तेजी से रखने लगा ताकि श्वेता को मेरे आने की आहट मिल जाये ....... और हुआ भी वही जैसे ही मैं सीढ़ियों से ऊपर पहुंचा तो देखा श्वेता बॉलकनी में खड़ी सड़क की ओर देख रही थी ....... (अब वो बेचारी इतनी जल्दी कहीं गायब भी तो नही हो सकती थी)

उसने मेरी ओर देखा मैंने चौंकने की एक्टिंग करते हुए कहा अरे आप इस वक़्त यहाँ ....... हांलाकि मेरा सवाल बेवकूफी भरा था ये उसका घर था वो कभी भी कहीं भी हो सकती थी ........ उसने एकदम धीरे से जवाब दिया कि ...... मुझे नींद नही आ रही थी तो सोचा यहां खुली हवा में कुछ देर ....... मैंने कहा सही है ...... फिर वो बोली आप अभी सोए नही ...... मैंने कहा सो गया था लेकिन प्यास लगी तो नींद खुल गई ....... उसके चेहरे पर थोड़ी परेशानी और उलझन के भाव थे ...... उसे लगा शायद मैंने जाते समय उसे प्रतीक के रूम में झांकते देखा होगा .......


और वो बेहद धीरे बात कर रही थी इस डर से कहीं कमरे में मौजूद प्रतीक उसकी आवाज़ ना सुन ले ....... मैंने कहा अगर नींद नही आ रही तो चलिए कुछ देर बातें करते हैं ........ उसे मानो वहां से हटने की वजह मिल गयी और वो बोली हां चलो आपके कमरे में चलते हैं और ये कहते हुए वो सीधा मेरे कमरे की ओर बढ़ गयी .......

पीछे से मैं भी कमरे में आ गया ..... वो बेड पर बैठ गयी और मैं भी उसके पास ही बैठ गया ....... कुछ देर तक हम अपनी पढ़ाई और सब्जेक्ट के बारे में डिस्कस करते रहे ........ फिर वो बोली आपका गिफ्ट बहोत खूबसूरत था और उसकी मुझे जरूरत भी थी मेरी वाच कुछ दिन पहले ही खराब हुई थी ....... और मैं सोच रही थी नई लेने के लिए पर आपने दे दी .......

मैंने कहा चलो अच्छा है मेरा गिफ्ट हर टाइम आपके साथ रहेगा जितनी बार आप टाइम देखोगी शायद मुझे याद करोगी ....... वो मुस्कुरा दी ...... चश्मे वाली लकड़ियां वाकई खूबसूरत होती हैं .......... उसने कहा आपने आज शाम उन लड़कों की बढ़िया धुलाई की लेकिन उन्होंने ऐसा क्या किया था वो कोई नही बता रहा ..........

मैंने कहा किया तो कुछ नही था पर आपके बारे में एकदम बेहूदी बात कर रहे थे वो बस वो सुन कर मुझे गुस्सा आ गया और ....... और आपने उन्हें धो डाला कहती हुई वो हंस पड़ी ...... मैं भी मुस्कुरा दिया ....... फिर वो एकदम गौर से मेरी ओर देखने लगी जैसे कसाई बकरे को देखता है ....... और मैंने पूछ लिया ऐसे क्या देख रही हो ...... वो बोली देख रही हूं आप कैसे लगते हैं ........

उसकी अजीब सी बात सुन कर मैं हंस दिया ....... और कहा मतलब मैं समझा नही ....... वो बोली किसी ने मुझसे पूछा आप मुझे कैसे लगते हैं ....... मैंने कहा अच्छा तो बता दीजिए मैं आपको कैसा लगता हूँ ....... वो बोली एक बात कहूँ आप मुझे आप कहना बन्द कीजिये मैं छोटी हूँ आपसे मैंने कहा ठीक है लेकिन तुम भी मुझे तुम कहोगी ....... वो बोली ok .......

मैंने फिर पूछा तो बताओ तुम्हें मैं कैसा लगा ......? वो बोली ठीक हो ...... मैंने कहा पर मुझे तुम बहोत अच्छी लगी बहोत प्यारी एकदम क्यूट सी और शायद इसीलिए तुम्हारे बारे में गलत सुन कर मुझे गुस्सा आ गया ..... वो हंस दी और बोली अच्छा ऐसी बात है मैंने कहा हां ऐसी ही बात है .......

फिर उठ खड़ी हुई और बोली ....... अच्छा मैं चलती हूँ किसी ने देख लिया तो मुसीबत होगी ...... मैंने कहा श्वेता कुछ कहना है तुमसे उसने बड़ी अदा से मेरी ओर देखा और बोली मैं जानती हूं ...... मैंने हैरानी से कहा कैसे जानती हो तुम ...... उसने तकिए के नीचे से झांक रही अपनी पैंटी की ओर इशारा कर के कहा ये ...... इसने बता दिया कि तुम क्या कहना चाहते हो और मैं एकदम से घबरा गया और हकलाते हुए कहा ...... क क क्या कह रही हो ये क्या है मैं नही जानता ........ वो बोली अब झूठ मत बोलो विकास मैं दोपहर से ही इसे ढूंढ रही थी ....... और आज सिर्फ तुम और भाभी ही गए थे मेरे रूम में ..... अब भाभी तो इसे यहां ला कर रखेंगी नही इतना मैं भी जानती हूं .........

मैंने नजरें झुका ली और अचानक वो हंसने लगी जोर जोर से और हंसते हुए बोली इतना डर क्यों गए तुम.........


मैं किसी से शिकायत नही करूंगी डरो मत उसे हंसता देख मेरी जान में जान आयी और मैंने कहा सॉरी श्वेता वो बस इस पर नजर पड़ी और मैं खुद पर काबू नही कर पाया उसने आगे बढ़ कर अपनी पैंटी को तकिए के नीचे से निकाला उलट पलट कर देखा और बोली हां तो तुम कुछ कहना चाहते थे ........

इतना सब होने के बाद मैं रिलैक्स था और खुश था की उसने इस बात को ज्यादा इश्यू नही बनाया था मैंने कहा श्वेता मुझे तुम बहोत पसन्द हो ......, बहोत अच्छी लगती हो ....... वो मुस्कुरा कर बोली विकास अच्छे तो तुम भी लगने लगे हो मुझे ....... और फिर उसने अपनी पैंटी मेरे हाथ पर रखते हुए कहा लो इसे तुम ही रखो अब ....... और वो कमरे से भाग कर नीचे चली गयी .......

मैं दरवाजा बंद कर के वापस बेड पर लेट गया और श्वेता की पैंटी को सीने से लगा कर सो गया .......।
Shaandar updated
 
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