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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Pk8566

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cum-slut-001
दीदी वहीँ कार के दरवाजे के पास बैठ गयी और मेरे उनकी चूत में भीगे हुए लंड को पकड़ कर तेजी से मुठियाते हुए मुह में ले कर चूसने लगी ....... और दो मिनट की जोरदार चुसाई के बाद ही मेरे लंड से एक बार फिर वीर्य की तेज बौछार होने लगी दीदी ने पहली दो तीन फुहारें मुह में समेटी और फिर लंड को मुह से निकाल कर तेजी से मुठियाते हुए अपने पूरे चेहरे और सीने पर मेरा वीर्य टपकाने लगी ........ दीदी के खूबसूरत चेहरे पर मेरे गाढ़े गरम वीर्य की बूंदे बिखरी हुई थीं और दीदी मेरी आँखों मे देख कर मुस्कुरा रही थीं .......
 

NEHAVERMA

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सोए हुए मैं एक सपना देख रहा था कि मेरे कमरे में मैं श्वेता और निकिता दीदी तीनो एक साथ चुदाई का खेल खेल रहे हैं हम तीनों एकदम नंगे हैं और दीदी और श्वेता मेरे सामने बैठी एक साथ मेरा लंड चूस रही हैं ..........

उधर नीचे दीदी श्वेता के साथ उसके कमरे में थी और तभी मां जी उनके कमरे में आई उन्हें देखते ही दीदी एकदम से उठ कर खड़ी हो गईं ...... मां जी उनके इस शिष्टाचार से खुश हो कर बोल अरे बैट बेटी ......ऐसे मुझे देख कर खड़ी मत हुआ करो मैं तुम्हारी भी माँ हूँ क्लास टीचर नही मैं बस ये बताने आयी थी कि मैं थोड़ी देर के पास वाले मंदिर में जा रही हूं आज वहां कथा हो रही है श्वेता तुम खाना बना लेना टाइम से मैं डेढ़ बजे तक आ जाऊंगी और फिर वो चली गईं ........

उनके जाने के बाद श्वेता बोली भाभी आप आराम करो मैं खाना बना लेती हूं दीदी बोली अरे वाह तुम काम करो और मैं आराम ये तो गलत बात है मैं भी चलती हूँ ना ...... श्वेता मना करती रही कि रहने दो भाभी मैं कर लुंगी पर दीदी नही मानी और बोली अच्छा चलो काम मत करवाना पर मुझसे बातें तो कर सकती हो .......

फिर वो दोनो किचन में आ गयी और श्वेता ने एक स्टूल किचन में डाल दिया और दीदी को सब्जी काटने को दे दी और वो खुद खाने की तैयारी करने लगी .......

दीदी ने टमाटर काटते हुए ननद रानी सच सच बताओ कितने बॉय फ्रेंड हैं तुम्हारे ...... वो वो फ्राई पैन में तेल डालते हुए बोली एक भी नही भाभी बोला न मैं इस सब चक्कर में नही रहती ....... दीदी ने एक बड़ा सा टमाटर उठा कर उसे घुमाते हुए कहा फिर ये इस टमाटर जैसी बड़ी बड़ी चुचियाँ कैसे हो गयी तुम्हारी ....... बिना बॉय फ्रेंड से मसलवाये .......

श्वेता ने फ्राई पैन में पनीर के पीस डालते हुए कहा धत्त भाभी आपको इसके अलावा और कुछ नही सूझता क्या ....... दीदी हंस कर बोली अभी जवानी में भला और क्या सूझेगा मुझे ...... और मेरे खयाल से तुम्हे भी यही सूझना चाहिए इस उम्र में .........

दीदी की बात का श्वेता ने कोई जवाब नही दिया और मुस्कुराती रही ....... दीदी बोली वैसे एक बात तो है ....... इतना कह कर दीदी चुप हो गईं ...... तो श्वेता बोली क्या बात भाभी ...... दीदी बोली रहने दो जब तुम्हे मेरा बात करना पसंद नही आ रहा कोई जवाब ही नही दे रही हो तो क्या फायदा ......

श्वेता को लगा दीदी नाराज़ हो गयी तो वो बोली भाभी ऐसा नही है पर मुझसे पहले कभी किसी ने ऐसी बातें नही की तो समझ नही आ रहा क्या जवाब दूँ बड़ा अजीब सा लग रहा है ....... वैसे कोई बात बताने वाली थीं आप बताइए ना ...... दीदी बोली मैं लड़का होती तो जरूर तुम्हे लाइन मारती और पटा लेती ......, श्वेता हंस पड़ी और जोर से हंसते हुए बोली आप भी ना भाभी ...... मुझे पटा कर आप क्या करती वैसे ....... दीदी ने उसे घूर कर देखा और मुस्कुरा कर बोली लड़के लकड़ियों को पटा कर क्या करते हैं ये भी नही जानती ..... इतनी तो छोटी नही हो अब तुम .........

श्वेता हकलाते हुए बोली स स सेक्स ...... दीदी हां वही लेकिन मैं तो तुम्हें चोद देती मौका मिलते ही ...... दीदी कि बात सुन कर श्वेता बोली उफ़्फ़फ़ भाभी बहोत गंदी हो आप ....... दीदी बोली अच्छा तूने इंग्लिश में बोला तो सही मैंने हिंदी में बोल दिया तो गंदी हो गयी मैं ....... ठीक है मैं गंदी ही सही पर कुछ दिन बाद मुझे भी चुदना है तेरे भैया से और एक दिन तू भी चुदेगी किसी न किसी से ........

श्वेता- भाभी उफ़्फ़फ़ ऐसे मत बोलो ना दीदी बोली क्यों सुन कर बुर गीली हो रही क्या ...... श्वेता बनवाती गुस्से से दीदी को देखते हुए बोली आप क्या चाहती हो ...... दीदी बोली यही की मुझसे दोस्ती कर लो बहोत मज़े करवाउंगी तुम्हें ....... श्वेता बोली लगता है आपने खूब मज़े किये हैं दीदी बोली और क्या मैं तो हर दिन मज़े करती हूं .......

वो हैरानी से बोली हाय आप सेक्स कर चुकी हैं दीदी बोली हां वो थोड़ी टेंशन में दिखने लगी और बोली ...... इसका मतलब आप मेरे भैया को चीट कर रही हैं दीदी बोली एकदम नही उन्हें सब मालूम है और उन्हें इससे कोई प्रॉब्लम नही ........

श्वेता सर हिलाते है बोली आप झूठ बोल रही हैं भाभी ऐसा कैसे हो सकता है कि भैया को सब मालूम हो और उन्हें कोई फर्क ना पड़े....... दीदी बोली अगर मैं प्रूव कर दूं तो ....... श्वेता ने कहा ठीक है करिये प्रूव अगर आपने प्रूव किया तो मैं आपकी दोस्ती एक्सेप्ट कर लुंगी ....... दीदी बोली वो तो तुम्हे वैसे भी करनी पड़ेगी जब मैं इस घर मे ब्याह कर आ जाऊंगी तो मुझसे दुश्मनी कर के तो रहोगी नही तुम .......

कुछ और करना पड़ेगा ...... श्वेता बोली क्या दीदी बोली अगर मैंने प्रूव कर दिया कि तुम्हारे भैया को मेरी सेक्स लाइफ के बारे में सब पता है और वो फिर भी मुझसे शादी करना चाहते हैं और मुझे प्यार करते हैं तो तुम्हे मेरी 3 बातें माननी पड़ेंगी .......

श्वेता ने कौन सी बातें दीदी ने कहा वो मैं बाद में बताऊंगी शर्त जीतने के बाद ..... श्वेता ने कहा पता नही आप बाद में का बोल दो मुझे तो आपसे डर लगने लगा है ....... दीदी बोली लड़की हो के लड़की से डरती हो मैं तुम्हारा रेप थोड़े कर लुंगी कुछ ऐसा ही करूंगी जो तुम कर सको और उसमे तुम्हें मज़ा भी आये ......

श्वेता ने थोड़ा सोचा और बोली ठीक है भाभी अब प्रूव करो ........ दीदी कमरे से अपना फोन ले आयी और श्वेता के बगल में खड़ी हो कर प्रतीक को कॉल की और स्पीकर ऑन किया ........

प्रतीक- हेलो जान क्या हुआ घर में हो कर कॉल क्यों कि ऊपर ही हूँ मैं बालकनी में .....

दीदी- प्रतीक मुझे एक बात पूछनी है तुमसे ....... मेरे पास्ट के बारे में जानकर कभी तुम्हारे मन मे ऐसा तो नही आया कि मैं कैसी लड़की से रिश्ता जोड़ रहा हूँ जो शादी के पहले ही किसी और से चुद चुकी है .........

प्रतीक- इस सवाल की जरूरत क्यों महसूस हुई तुम्हे जान तुम मेरे घर मे हो नवंबर में हमारी शादी है जिसमे की अब कुछ ही दिन बचे हैं और उस कमीने विनय ने जो किया तुम्हारे साथ वो सब मैं जानता हूँ और उस वजह से मुझे तुमसे कोई शिकायत नही रही कभी भी मेरे प्यार में कोई कमी महसूस हुई हो कभी तो कहो .........

दीदी- नही मुझे तो कभी कुछ महसूस नही हुआ पर मैं एक बार सुनना चाहती थी तुम्हारे मुह से ....... थैंक्स प्रतीक......

प्रतीक- कोई बात नही जान मैं 100 बार ये कहने को तैयार हूँ कि शादी से पहले किये गये तुम्हारे सेक्स की वजह से मुझे कोई फर्क नही पड़ता और हाँ तुम शादी के बाद भी किसी से चुदना चाहो तो मुझे कोई प्रॉब्लम नही है बस मुझे उस से मिलवा देना ......, हेहेहे ........

दीदी- धत्त गंदे शादी के बाद मैं सिर्फ तुमसे चुदूँगी जान ok लव यू जान उम्म्म्म्

और दीदी ने फोन काटते हुए विजेता वाली मुस्कान के साथ श्वेता को देखा ...... और वो बेचारी उलझन में सर झुका कर आटा गूंधने लगी ......

दीदी ने कहा अब बोलो ननद रानी क्या कहती हो...... उसने धीरे से कहा जब भैया को कोई प्रॉब्लम नही तो मैं क्या बोलूं पर आप लोग कितनी गंदी बातें करते हो दीदी बोली ......, ये तो कुछ भी नही था असली बातें तो रात में होती हैं उस टाइम हम दोनों अपने कपड़े निकाल देते हैं और नंगे हो कर बातें करते हैं .......

श्वेता उफ़्फ़फ़ भाभी लगता है आप मुझे भी अपने जैसी गन्दी बना दोगी दीदी ने उसकी जीन्स में कसी हुई गांड़ पर चिकोटी काटते हुए कहा बन कर देखो बड़ा मजा आएगा ......., वो एकदम से उछल गयी और बोली काम करने दो ना भाभी प्लीज ....., दीदी बोली ठीक है अभी तो काम कर लो पर 3 वचन याद रखना ....... श्वेता बोली अब तो फंस ही गई हूं .......

फिर दोनो ने मिल कर हंसी मजाक करते हुए खाना बनाया......

(ये सारी बातें मुझे बाद में प्रयागराज वापस आने पर दीदी की जुबानी पता चली)



इधर ऊपर प्रतीक के कमरे में सोए हुए मेरा सपना बड़ा मज़ेदार चल रहा था और सपना देखते हुए मेरा लंड एकदम टाइट हो चुका था लेकिन तभी किसी ने मुझे आवाज़ दी और सपना खत्म टूट गया साथ ही मेरी नींद भी खुल गयी देखा तो श्वेता मुझ पर झुकी हुई मुझे जगा रही थी ...... मैंने आंखे खोली तो उसने कहा नीचे चलिए सब आपका इंतजार कर रहे हैं खाने पर .......

वो इतना कह कर मुस्कुराते हुए भाग गई और मैं जैसे ही उठा मेरी नजर अपने लोअर में बने हुए टेंट पर पड़ी मैंने टाइम देखने के लिए फोन निकाला डेढ़ बजे रहे थे और व्हाट्सएप्प पर दीदी ने दो वॉयस रिकार्डिंग सेंड की थीं ....... मैं बाथरूम चला गया और मूतते हुए एक रिकार्डिंग प्ले की ........ प्रतीक की आवाज़ सुनाई दी मुझे ......

प्रतीक- हां जान जैसा तुमने कहा था वैसा ही किया मैंने उसकी पैंटी में मुठ मार कर वापस रख दी वैसे ही .........

दीदी- फिर कुछ हुआ ......

प्रतीक- नही कुछ खास नही बाद में एक घंटे बाद जा कर देखा तो उसके सारे गंदे कपड़े वहां से गायब थे और छत पर धुले हुए फैले थे ........

दीदी- उसके हाव भाव मे कोई बदलाव .....

प्रतीक- नही एकदम नही बिल्कुल सामान्य है ....... हां जितनी बार मेरे सामने आई मेरी ओर देखा नही एक भी बार नजर नही मिलाई मुझसे ......

दीदी- शर्मा रही होगी ये सोच कर की मेरे भैया मुझे चोदना चाहते हैं .......

प्रतीक- वो तो पता नही जान लेकिन ये बताओ यहाँ आ कर एक बार मेरे गले से भी नही लगोगी क्या जब से आई हो श्वेता के ही कमरे में घुसी हो ......

दीदी- बहोत मन कर रहा क्या मुझे गले लगाने का .......

प्रतीक- मेरा मन तो बस तुम्हें ....... खैर छोड़ो जानू जाने से पहले कुछ मिनट तो मिल लेना मुझसे अकेले में ......

दीदी- क्या मन कर रहा बोलो ना जान अपनी होने वाली बीवी से अपने दिल की बात तो कह ही सकते हो ......

प्रतीक- मन तो कर रहा जान बस तुम्हे अपने कमरे में लाउं और नंगी कर के तुम्हारी चूत चूस डालूं ........

दीदी- उफ़्फ़फ़ जान सच मे बहोत मन कर रहा क्या मेरी चूत चूसने का.......

प्रतीक- हां जान सच मे.....

दीदी- लेकिन अगर मैंने चूत चूसने दी तो फिर तुम्हारा चोदने का मन भी तो करेगा .......

ये सुन कर प्रतीक के मन मे आशा और लालच जाग गया ....

प्रतीक- नही जान मैं बस तुम्हारी बुर चूस कर खुश हो जाऊंगा ......

दीदी- ओ मेरा प्यारा बच्चा लेकिन तुमने तो विकास को अपने कमरे में रखा है वहां कैसे ......?

प्रतीक- अरे तुम चिंता ना करो उसे मैं बगल वाले रूम में शिफ्ट कर देता हूँ ..... अभी तो सो रहा है वो जागा तो उसे दूसरा कमरा दे दूंगा बोल दूंगा की उधर आराम से सो लेगा वो अकेले ........

दीदी- ok ठीक है फिर मैं कुछ जुगाड़ कर दूंगी तुम्हारा जान ....

प्रतीक- ओहहह जान तुम कितनी प्यारी हो लव यू सो मच ........

दीदी- अच्छा रखती हूं श्वेता आ गयी ......

और आवाज़ बंद हो गयी ......

मूतने से मेरे लंड का तनाव कुछ कम हुआ था पर ये रिकार्डिंग सुन कर फिर बढ़ गया ....... मैंने लंड को दबा कर लोअर में डाला और हाथ धो कर नीचे आ गया ......

खाने की मेज पर मां जी प्रतीक और दीदी बैठे हुए थे श्वेता नही नजर आ रही थी ...... मैं दीदी के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया ....... और तभी अचानक मुझे अपने लंड पर कुछ हरकत महसूस हुई ...... मैंने धीरे से नीचे देखा तो दीदी मेज़ पर कुहनियां रख कर झुकी हुई थी और उनका एक पैर मेरे लंड पर हरकत कर रहा था ......

दीदी के इस साहस पर मैं हैरान हो गया और मैंने घूर कर उन्हें देखा वो मुझे देख हल्के से आंख दबा के मुस्कुरा दी और फिर अपना पैर हटा लिया ........ तभी प्रतीक ने आवाज़ दी श्वेता ले आओ विकास आ गया ....... और दो मिनट बाद ही ......, श्वेता पालक की गर्म कचौड़ियां और पूरियां ले कर आई मेज़ पर रख कर वो भी मेरे बगल में बैठ गयी ........,

हमने हल्की फुल्की बात चीत करते हुए खाना खाया खाना बहोत लाजवाब बना था ...... सभी ने दबा के खाया और फिर ....... मां जी अपने कमरे में आराम करने चली गईं ....... प्रतीक ने कहा श्वेता तुम शाम तक निकिता के साथ मिल के कमरा डेकोरेट कर देना .......और अपनी फ्रेंड्स को बोल देना टाइम से आ जाएं लेट ना करें वो बोली जी भैया ......

और फिर प्रतीक बोले मैं जरा एक दो काम और निपटा लूं ....... और वो मुझसे कार की चाभी ले कर चले गए ...... दीदी बोली चल श्वेता हम अंदर चलते हैं ...... श्वेता बोली लेकिन भाभी फिर विकास जी अकेले क्या करेंगे ...... मैं उसकी बात सुन कर हंस दिया और बोला विकास जी tv देखेंगे और आराम करेंगे आप लोग जा सकती हैं ....... और मेरा नाम विकास जी नही सिर्फ विकास है .......

मेरी बात सुन कर श्वेता खिलखिला कर हंस दी और बोली ठीक है सिर्फ विकास ....... और हम तीनों से हंसने लगे ...... श्वेता अब मुझे सेक्सी के साथ साथ प्यारी भी लगने लगी थी और उसके मासूम चेहरे को देखते हुए मुझे दीदी की बात याद आ गयी ......., श्वेता की सील मैं तुमसे तुड़वाऊंगी ...... उफ़्फ़फ़ कैसी होगी इसकी चूत दीदी जैसी ही या कुछ अलग और मेरा लंड फिर से सर उठाने लगा ........

मुझे यूँ गौर से अपनी ओर देखते देख कर श्वेता की हंसी बन्द हो गयी और वो शर्मा कर उठी और बोली चलिए भाभी ......

मैं उठ कर ड्राइंग रूम में आ गया और tv ऑन कर के सोफे पर फैल गया ...... ।
Full on masti ka jugad kar di pAr bina sex kiye. Aur jyada maja aayega
 

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सुबह 5 बजे मुझे एकदम से तेज ठंड लगी ....... और नींद खुल गयी देखा मैं और दीदी दोनो बिस्तर पर नंगे पड़े हैं दीदी को भी ठंड लग रही थी वो एकदम सिकुड़ी हुई लेटी थीं ....... लाइट ऑन थी और कमरे का पीछे वाला दरवाजा खुला था .......

मैं उठ कर कपड़े पहनने लगा अंडरवियर बनियान और लोअर पहन कर मैंने दीदी को जगाया वो कुनमुना कर करवट ले कर फिर सो गयीं मैंने उन्हें हिलाते हुए जगाया वो उठ बैठी और पूछने लगी क्या हुआ मैंने कहा सुबह हो गयी डार्लिंग चलना नही है क्या लखनऊ .......

वो सर पकड़ कर बोली मेरे सर में दर्द है मैंने कहा कपड़े पहनो सही करता हूँ तुम्हारा सर दर्द मैं वो अपने कपड़े समेटने लगी और मैं बाहर आ गया ....... हल्का उजाला होने लगा था और कच्ची मिट्टी में हर ओर बारिश का पानी जमा था मैं किसी तरह उस बूढ़े के क्वार्टर तक आया ये मुख्य इमारत से हट कर बगल में बना हुआ था दो छोटे कमरे थे ....... और वहां पहुंच कर एक बढ़िया नजारा दिखा मुझे ......

कमरे के बाहर एक चबूतरा बना था जिसके बीच में एक हैंडपंप लगा था और कजरी वहां नहा रही थी ....... उसने सिर्फ एक पेटीकोट पहन रखा था और उसकी बड़ी बड़ी लटकी हुई काली चुचियाँ एकदम नंगी थीं ....... वो नजारा देख कर मैं रुक गया और चुपचाप उसे देखने लगा ...... पर जल्दी ही सीन एंड हो गया उसने नहा कर एक साड़ी लपेटी और कमरे में चली गयी ......

मैं कमरे के बाहर आ कर आवाज़ देने लगा ...... चाचा कहाँ हो ...... कजरी बोली आती हूँ रुकिए ...... और दो मिनट में वो बाहर आई ..... और बोली क्या चाहिए साहब ....... रात में मैं उसे ठीक से नही देख सका था अब देखा काली थी लेकिन सेक्सी लग रही थी ........ मैंने कहा चाय मिल सकती है क्या और बाथरूम कहाँ है यहां .......

वो बोली बाथरूम तो बंगले के बाहर ही है दाईं तरफ और चाय बनने में थोड़ी देर लगेगी बाबा दूध लेने गए हैं आते ही होंगे ...... मैंने कहा ठीक है हम फ्रेश हो लेते हैं तुम जल्दी से चाय ले आओ फिर हमें निकलना है ...... मैं वापस कमरे में आया दीदी कपड़े पहन चुकी थीं ...... मुझे देखते ही बोली विकी टायलेट मैंने कहा आओ चलें बाहर आ कर मैंने बाथरूम देखा .....

वो ज्यादा अच्छा तो नही पर काम चलाऊ था दीदी पहले चली गईं और मैं बस इधर उधर टहलने लगा वो 10 मिनट में हाथ मुह धो कर निकली फिर मैं चला गया ...... निपट कर कमरे में आये तो कजरी चाय ले कर आ गयी हमने चाय पी ये चाय बस चाय के नाम पर उबला हुआ मीठा दूध था जिसका कलर बदल गया था ...... चाय पी कर हम बाहर आये बूढ़ा वही बरामदे में बैठा हुआ था हमे देख कर बोला साहब जा रहे क्या मैंने कहा हां चाचा वो बोला फिर कभी इधर से गुज़रियेगा और कोई जरूरत हो तो ...... मैंने कहा जरूर चाचा और उसे 100 का एक नोट और दिया तब तक कजरी भी वहां आ गयी ..... उसने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी और ढीले ब्लाउज में उसकी भारी चुंचिया लटकी हुई बड़ी सेक्सी लग रही थीं ....... पता नही क्यों पर उसे देख कर मेरे मन मे एक प्यास सी उठी ......

वो कोई बहोत खूबसूरत नही थी सांवली थी मोटी थी पर उसका मोटा सांवला बदन ही मुझे आकर्षित कर रहा था ....... मैंने पूछा चाचा ये यहाँ क्यू रहती हैं वो बोला साहब इसकी शादी की थी पर इसका पति शादी के एक साल बाद ही मर गया ...... फिर मैंने बहोत समझाया कि दोबारा शादी कर ले पर
ये राजी नही हुई और बस मेरे साथ ही यहां रहने लगी ....... मैंने कहा ठीक है मैं चलता हूँ और बूढ़ा गेट की ओर चल दिया उसने गेट खोल हमने अपना बैग कार में रखा और निकल पड़े लखनऊ की ओर .........


सुबह सुबह दीदी और भी खूबसूरत लग रही थीं अभी बस साढ़े पांच बजे थे और एकदम हल्का उजाला था सड़क पर एकदम सन्नाटा था ........ मैंने ड्राइव करते हुए पूछा और बताओ जानेमन कैसी रही तुम्हारी सुहागरात दीदी मुस्करा कर बोली एकदम परफेक्ट जैसी मैंने सोची थी वैसी ..... अभी तक मेरी गांड़ में दर्द हो रहा है सुबह पॉटी करते वक़्त तो मानो जान ही निकल गयी थी .....


मैंने कहा बस हो गया ना अब दोबारा दर्द नही होगा सिर्फ मज़ा आएगा जान ...... दीदी बोली पता है मेरी जान इसीलिए तो गांड़ मरवाई कल तुम्हे उकसा कर सुहागरात में टांगो के बीच दर्द न हो तो क्या फायदा ....... अब चूत की सील तो पहले ही तुड़वा ली थी जिसका मुझे बेहद अफसोस है पर एक सील तो अभी बची थी जिस पर मेरे प्यारे पति का हक था सो तुमसे तुड़वा ली ...........


मैंने कहा और बेचारा प्रतीक उसे कौन सी सील तोड़ने को मिलेगी ....... दीदी बोली वो एक नंबर का ठरकी है उसे बस चुदी हुई चूतें ही मिलेगी कोई सील नही तोड़ पायेगा वो ...... मेरा वादा है श्वेता की भी सील तुमसे ही तुड़वाऊंगी हांलाकि वो दिल का अच्छा इंसान है इसलिए ही शादी कर रही हूं उससे .......


मैंने कहा पर ठरकी तो मैं भी हूँ दीदी ...... दीदी ने ना में सर हिलाते हुए कहा नही ऐसा नही है अगर तुम ठरकी होते तो पहली बार मे ही मुझे चोदने की कोशिश करते जो कि तुमने कभी नही की ...... मैंने कितनी बार तुमसे रिक्वेस्ट की पर तुम नही माने और तुम्हारी यही बात यही अदा मुझे पसन्द आयी और आज मैं सबसे ज्यादा तुम्हे प्यार करती हूं मेरी जान ...... प्रतीक से भी प्यार करती हूं पर पहले तुम हो मेरे लिए ....... और इस प्रतीक को तो देखते जाओ मैं कैसे नचाती हूँ अपने इशारों पर ....... मैंने कहा इशारों पर तो तुम किसी को भी नचा सकती हो मेरी जान ........ मुझे भी ......


दीदी बोली नही तुम्हे मैं अपने इशारों पर नचाना ही नही चाहती तुम्हे मैंने दिल से पति माना है और पत्नी का फर्ज होता है पति को खुश करे और उसके इशारों पर नाचे ना कि उसे अपने इशारों पर नचाये ..... मैं चाहती हूं कि मेरा हबी मुझे अपने लंड के इशारों पर नचाये ....... उफ़्फ़फ़ दीदी की बातों से मेरा लंड सर उठाने लगा था .......


मैंने कहा यार तुम्हारी बातें सुन कर मेरा लंड फिर से गरम हो रहा है ....... दीदी ने मेरी ओर देख कर कहा विकी प्लीज अब ऐसे मत बोला करो सीधा ये बोला करो न कि चोदना है ...... यार बीवी को हैंडल करना सीखो ....... या अब भी दीदी ही मान कर बात करते हो मुझसे ...... मैंने सीख जाऊंगा धीरे धीरे ..........


अच्छा ये बताओ कि जब तुम पहली बार चुदी थी विनय से उस दिन में और कल में क्या फर्क लगा तुम्हे ........ दीदी बोली मैं उस दिन को उस इंसान को याद नही करना चाहती थी कभी लेकिन अब तुमने पूछा है तो बताऊंगी जरूर ....... मुझे ऐसा लगता है विनय से मुझे प्यार नही था वो सिर्फ पहली नजर का आकर्षण था जो जवानी में किसी भी स्मार्ट और हैंडसम लड़के के प्रति हो जाता है ....... और उसके साथ सेक्स भी मेरी मर्ज़ी से नही उसकी ज़िद और जबरदस्ती की वजह से हुआ था तो मैंने कभी उसके साथ सेक्स को एन्जॉय नही किया बस कर लिया उसकी खुशी के लिए ....... लेकिन तुमसे मैं प्यार करती हूं तुम वो इंसान हो जिसे सबसे ज्यादा मेरी परवाह है जिसे सबसे ज्यादा मेरा ख्याल है मेरी खुशी का ख्याल है मेरे दुखो की फिक्र है ........ तो अपना सब कुछ तुम पर कुर्बान कर देना चाहती हूं जान ..... और मैं चाहती हूं तुम मुझ पर अपना हक जताओ मुझसे रिक्वेस्ट ना कर के मुझे आर्डर करो ..... अपनी बीवी जैसे इस्तेमाल करो मेरा यकीन करो अगर तुम ऐसा करोगे तो मुझे बेहद खुशी होगी ........


मैंने कहा ....... ok जान तो मेरा इस खूबसूरत सुहानी सुबह में अपनी प्यारी बीवी को एक और बार चोदने का मूड बन रहा है ....... ये सुन कर दीदी ने थोड़ा सा उठ कर अपना लहंगा कमर से ऊपर उठाते हुए बड़ी अदा से कहा मेरी चूत हाजिर से मेरे सरकार ........ तभी मेरी नजर हाईवे से अंदर की ओर जा रहे एक कच्चे रास्ते पर पड़ी और मैंने कार धीमी करते हुए उस रास्ते पर उतार दी .......


कोई 500 मीटर आगे जाने पर वो रास्ता बायीं ओर को थोड़ा सा मुड़ रहा था और कुछ और आगे जाने पर एक तालाब के किनारे खत्म हो रहा था मैंने उस तालाब के किनारे कार रोकी और बाहर आ कर देखा यहां से हाईवे नजर नही आ रहा था और तालाब के चारो ओर दूर दूर तक बस खाली मैदान था और कुछ बड़े पेड़ थे ..... मैंने एक बार चारो ओर नजर दौड़ाई कही कोई हलचल नही थी ....... सुबह की खामोशी फैली हुई थी दीदी भी कार से बाहर आ गयी और चारो ओर देख कर बोली वाओ मस्त जगह है यार चुदाई के लिए .......


मैंने कहा ऐसी जगह पर तुम कपड़ो में अच्छी नही लग रही हो जानू ... ..... i want to see you nude .....


दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना ब्लाउज खोलना शुरू किया और जल्दी ही उन्होंने अपना ब्लाउज लहंगा और ब्रा पैंटी सब निकाल कर गाड़ी की सीट पर डाल दिया और सिर्फ हाई हील सैंडल में एकदम नंगी अपनी कमर पर हाथ रख कर स्टाइल से मुझे देखते हुए बोली .......


तुम्हारी वाइफ नंगी कैसी लग रही है डिअर मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा अमेजिंग यार ...... दीदी बोली पर मुझे नंगी करवा के तुम कपड़ो में हो ये तो नाइंसाफी है ना जान ....... मैंने फटाफट अपनी पैंटशर्ट और अंडी बनियान निकाल कर दीदी के कपड़ो के उपर फेंक दी और मैं भी एकदम नंगा हो गया मेरा लंड तन कर खड़ा दीदी मुझे देख कर सीटी मार कर बोलो उफ़्फ़फ़ so hot n sexy baby.......


मुझे पेशाब आया था सो मैं एक पेड़ की तरफ जाने लगा दीदी बोली उधर कहाँ जा रहे हो जान...... मैंने हाथ की छोटी उंगली उन्हें दिखाई ...... और उसे देखते ही वो बोली सुनो ना जानू come here ...... मैं रुक गया और उन्हें देखने लगा वो भाग कर मेरे पास आई और उनके भागने पर उनकी नंगी चुंचिया हवा में उछल रही थी बड़ा मस्त नजारा था वो मेरे पास आ के दीदी बोली जानू आज नहाई नही हूँ ......


मैंने तालाब की ओर इशारा कर के कहा जाओ नहा लो वो बोली नही ना तुम इधर आओ और मेरा हाथ पकड़ कर कार के पास ले आयी ...... मैंने कहा मुझे मूत तो लेने देती यार ........ वो आओ ना जानू मूतना ही तो है मैं अपने हबी को मुताती हूँ ना ....... और वो मुझे ले कर कार के सामने आई और बोली कार के बोनेट पर बैठ जाओ जान मैंने सोचा पता नही ये क्या चाहती हैं और फिर मैं कार के बोनेट पर बैठ गया बोनेट हल्का गर्म था पर ज्यादा नही ........


दीदी मेरे सामने जमीन पर पंजो पर बैठ गयी और बोली आब मूतो राजा ...... उफ़्फ़फ़ ऐसे मूतने पर मेरा मूत दीदी के ऊपर ही गिरने वाला था ...... मैं सोचने लगा कितनी गरम है दीदी ....... वैसे मैंने वीडियोस में ऐसे दृश्य देखे थे पर कभी सोचा नही था कि रियल में भी ऐसा होगा वो भी दीदी के साथ ..........


दीदी सामने बैठी मुस्कुराती हुई अपने नंगे चूचे सहला रही थी ....... और मुझे सोच में डूबा देख कर बोली क्या हुआ जानू अभी तो कह रहे थे मूतना है अब क्या हुआ मैंने उनकी आंखों में देखते हुए कहा कुछ नही ....... और अगले ही पल मेरे लंड से मूत की धार निकली और सीधा दीदी की गर्दन और चुचियों पर जा गिरी दीदी का नंगा बदन मेरे मूत से भीगने लगा ...... और बहता हुआ उनकी झांटो से टपकने लगा लेकिन अगले ही पल दीदी ने जो किया वो मुझे हैरान और उत्तेजित कर गया ....... दीदी ने अपना सर झुकाते हुए पेशाब की धार को अपने खूबसूरत चेहरे पर गिरने दिया ........



उफ़्फ़फ़ दीदी के चेहरे पर गिरती हुई मेरे पेशाब की धार से अपना चेहरे भिगोने के बाद दीदी ने मुह खोला आए हवा में उड़ रही धार को अपने मुह में समेटने लगी .......और ये क्या मुह में भर कर वो उसे निगल भी रही थी aaaahhhhh दीदी मेरा पेशाब पी रही थी ......


चार पांच घूंट पीने के बाद मेरा मूत बंद हुआ और दीदी का पूरा बदन मेरे पेशाब से भीग चुका था उनके चिन से पेशाब की बूंदे टपक रही थी ....... दीदी ने खड़े होते हुए मेरे होंठो को चूम लिया और बोली थैंक्स जान लव यू सो मच ऊऊम्म्ममम्म ....... मैं तो हद से ज्यादा ठरकी हो चुका था ..... मैं भी दीदी के होंठो को बस मुह में भर कर चूसने लगा ....... तभी दीदी अपना चेहरा हटाते हुए बोलो जानू मुझे भी सूसू आयी है ......


मैंने हंसते हुए कहा सूसू तो बच्चों को आती है ...... दीदी भी हंस कर बोली मेरा मतलब है मुझे भी मूतना है और मैंने बिना कुछ सोचे बोनट से उतरते हुए कहा आओ फिर आप भी बैठ जाओ मेरी जगह ...... दीदी ने एक पल मेरी आँखों मे देखा और फिर पलट कर बोनेट पर झुक गयी वो नजारा बेहद शानदार था


फिर दीदी उछल कर बोनट पर चढ़ गई मैं तो बस चूतड़ टिका के बैठा था पर वो उस पर चढ़ कर पंजो पर बैठ गयी ........ मूतने के अंदाज़ मे

दीदी की झांटो भरी बुर मेरी नजरों के सामने थी और फिर मैं एकदम पास में ही बैठ गया दीदी की बुर के नीचे और देखने लगा उनकी बुर को ....... और अचानक दीदी की बुर से छलछला कर एक धार निकली और सीधा मेरे चेहरे से आ टकराई उफ़्फ़फ़ दीदी के गर्म मूत की गंध महसूस कर के ही मेरा लंड पत्थर सा सख्त हो गया .......


मेरा चेहरा दीदी के पेशाब से भीगता चला गया और दीदी का पेशाब मेरे चेहरे से बहता हुआ मेरे सीने पर और आखिर में मेरे खड़े लंड पर टपकने लगा दीदी की बुर मेरे चेहरे से थोड़ी ही दूर थी तो मैने ऊपर उठते हुए अपने होंठ उनकी बुर पर चिपका दिए और बस उनकी बुर से बहता हुआ मूत सीधा अपने हलक में उतारने लगा ........


दीदी की बुर से उनका एक एक बूंद मूत चूस कर पीने के बाद भी मैंने उनकी बुर नही छोड़ी और चूसता ही रहा और फिर अपनी जीभ उनकी बुर में घुसेड़ कर चाटने लगा ऊम्म्ममम्म ....... बस कुछ देर तक दीदी की मस्त रसीली झांट वाली बुर चूसने से ही दीदी बुरी तरह गरमा गयीं और और अपने हाथ पीछे बोनेट पर टिकाती हुई अपनी बुर को मेरे पर गांड़ उठा उठा कर दबाने लगी ........


मैंने भी उठ खड़े हो कर एक हाथ दीदी की गर्दन में डाल कर उन्हें खींच कर बोनेट के एकदम किनारे पर सरकाया और सामने से सुपाड़ा उनकी बुर में लगा कर सुपाड़े को बुर के ऊपर रगड़ने लगा ......., दीदी एकदम सिसिया कर मेरे होंठ चूसने लगी और अपनी जीभ मेरे मुह में डाल कर अंदर तक मेरा मुह चाटने लगी ......


मैंने एक तेज धक्का कर पूरा लौड़ा पेल दिया दीदी की बुर में तेजी से झटके देते हुए चोदने ........ दीदी के मुह से तेज आहें निकल रही थी . ...... aaahhhhh राजा ऐसे ही चोदो हचक के पेलो मेरी जान बड़ा मस्त चोदते हो मैं तो दीवानी हो गयी रे तुम्हारे लंड की ....... और 10 मिनट की घमासान चुदाई के बाद दीदी एक बार और झड़ी और चीखते हुए बोली हाय्य्य्य राजा दिल करता है तुम्हे अपनी बुर में घुसा लू उफ़्फ़फ़ गयी रे मैं झड़ रही तेरी दीदी विकी चोद और जोर से और इसी के साथ दीदी मेरे सीने से चिपक कर थरथराने लगी कांपने लगी ..........


2 मिनट बाद वो थोड़ा सा सम्हली और बोनेट से नीचे उतर कर कार के दरवाजे की ओर आ गयी पीछे से मैं भी खड़ा लंड हिलाता हुआ चला आया और दीदी ने कार का दरवाजा खोला और सीट पर हाथ टिका कर झुक कर बोली आ जाओ जानू पीछे से चोद लो अपनी कुतिया को ....... और मैंने एकदम से चूत पे लंड टिका के धक्का दे दिया ....... और भकाभक चोदने लगा ...... चोदते हुए मैंने एक हाथ का अंगूठा दीदी की गांड़ पर रखा और एकदम से उनके गांड़ में अंगूठा घुसेड़ कर और तेज धक्के लगाने लगा मैं झड़ने वाला था मेरी भी आहें निकल रही थी ...... aaahhhhh ले मेरी जान खा लोड़ा उफ़्फ़फ़ साली बहोत गरम बुर है तेरी बुरचोदी ....... कितना चोद रहा हूँ पर तेरी बुर की आग नही बुझ रही ....... ले चुद और चुद बहन की लोड़ी ...... दीदी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ और वो एकदम से आगे को फिसली और लंड बुर से निकल गया ......


मेरा एकदम से मूड खराब हो गया और मैं कुछ कहता इससे पहले ही दीदी वहीँ कार के दरवाजे के पास बैठ गयी और मेरे उनकी चूत में भीगे हुए लंड को पकड़ कर तेजी से मुठियाते हुए मुह में ले कर चूसने लगी ....... और दो मिनट की जोरदार चुसाई के बाद ही मेरे लंड से एक बार फिर वीर्य की तेज बौछार होने लगी दीदी ने पहली दो तीन फुहारें मुह में समेटी और फिर लंड को मुह से निकाल कर तेजी से मुठियाते हुए अपने पूरे चेहरे और सीने पर मेरा वीर्य टपकाने लगी ........ दीदी के खूबसूरत चेहरे पर मेरे गाढ़े गरम वीर्य की बूंदे बिखरी हुई थीं और दीदी मेरी आँखों मे देख कर मुस्कुरा रही थीं .......

आखिर ने दीदी ने एक बार लंड को कस के निचोड़ा और सुपाड़े पर कुछ बूंदे और छलक आयी दीदी ने सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए उन बूंदों को चाट कर अपना मुह खोल कर मुझे दिखाया और फिर एकदम से मुह में भरा हुआ वीर्य निगल कर पी गयीं ........ और खड़ी हो कर मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठो को चूसने लगी ....... ऊऊम्म्म्म लव यू जान इस चुदाई में तो मज़ा ही आ गया............


मैंने दीदी के चूतड़ को मसल कर कहा अब जल्दी से कपड़े पहन लो इस से पहले की कोई और मेरी प्यारी बीवी का ये नंगा हुस्न देख ले और निकलो यहां से दीदी ने कार से पानी की बोतल निकाल कर मुह धुला और बैग से टॉवल निकाल कर खुद को अच्छे से साफ किया और हमने फटाफट कपड़े पहने और ........ मैंने कार स्टार्ट कर दी और हम वापस मेन रोड पर आ कर लखनऊ की ओर चल पड़े .........


और फिर सुबह साढ़े सात बजे हम प्रतीक के घर पहुंच गए ....... मैंने उनके घर पहुंचते पहुंचते उन्हें कॉल की और बताया कि हम आ गए हैं ...... फौरन ही मुख्य गेट खुला और प्रतीक ने इशारे से कार अंदर ले जाने को कहा मैंने कार अंदर ले ली ....... और गैलेरी में प्रतीक की कार के पीछे ही लगा दी ........


फिर मैं और दीदी बाहर आये मैंने प्रतीक एक पैर छूने चाहे तो उन्होंने मुझे गले लगाते हुए कहा ठीक है यार हम दोस्त हैं ....... तुम रेस्पेक्ट करते हो यही बहोत है ...... फिर वो दीदी की ओर मुखातिब हुआ और बोला निकिता कोई तकलीफ तो नही हुआ यहां पहुंचने में दीदी ने मुस्कुरा कर उनसे नमस्ते की और बोली नही बल्कि बड़ा मज़ेदार रहा ये सफर .........


दीदी का बात का अर्थ सिर्फ हम दोनों ही समझ पाए प्रतीक ने कहा आओ अंदर चलो मैंने कहा सामान निकाल लूं और डिक्की खोल कर फल और मिठाई निकालने लगा ........ वो सब देख कर प्रतीक बोले अरे यार इतना सारा क्या है ये हम सिर्फ 3 लोग ही हैं ...... मैंने कहा वो सब मुझे नही पता मम्मी ने मुझे 4 बार समझाया था इस सब के लिए ........ प्रतीक ने फल के थैले ले लिए और मैंने मिठाई के डिब्बे ........

मैंने कहा दीदी आप बैग निकाल कर गाड़ी लॉक कर लो दीदी ने बैग उठाया और कार लॉक कर के हमारे साथ हो लीं ....... तब तक श्वेता भी बाहर आ गयी उसने जीन्स और रेड कलर की चेक वाली शर्ट पहनी थी और चश्मे में वो बेहद क्यूट सी लग रही थी....... कसी हुई जीन्स में उसकी उभरी हुई गांड़ और टीशर्ट में तनी हुई चुचियाँ गवाही दे रही थीं कि आज वो 18 की पूरी हो चुकी है और अब लंड खाने को तैयार है

उसने दीदी से और मुझसे नमस्ते की और दीदी के हाथों से बैग ले कर बोली ......आइये भाभी आप मेरे साथ .......

पीछे से मैं और प्रतीक भी आ गए ड्राइंग रूम में मां जी बैठी थीं मैंने वो सामान श्वेता को देते हुए कहा श्वेता ये अंदर रखो और मां जी के पैर छुए उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा खुश रहो बेटा ....... फिर मैं उनके पास ही बैठ गया दीदी ने भी उनके पांव छुए ...... उन्होंने दीदी को भी ढेरों आशीर्वाद दिए ......

और बोली कितनी संस्कारी बच्ची है ...... प्रतीक भी श्वेता के साथ वो सब सामान ले कर अंदर चले गये ...... और फिर जल्दी ही आ कर हमारे पास बैठ गए ....... फिर वो सब हमसे रास्ते के सफर और कल के खराब के मौसम के बारे में पूछने लगे और मैंने बता दिया कि कोई खास दिक्कत नही हुई रात में एक होटल में रुके थे औए सुबह आ गए .....


दीदी कुछ देर मां जी से बातें करती रही ...... फिर श्वेता नाश्ता और पानी ले आयी पर अभी तो हमने ब्रश भी नही किया था ......, और दीदी बोली श्वेता अभी ये रहने दो पहले नहा लें हम बस सुबह उठ कर ऐसे ही चल दिये थे ....... मां जी बोली श्वेता ले जा भाभी को उनके कमरे में और दीदी श्वेता के साथ उसके कमरे में चली गईं ....... प्रतीक भी मुझे ले कर ऊपर आ गया ........ लेकिन मेरे कपड़े ब्रश और सारा सामान बैग में था जो कि दीदी के पास था......

मैंने कहा जीजा जी मेरा सारा सामान दीदी के ही बैग में है तो वो बोले ले आओ जा कर यार उसमे क्या है .......मैं नीचे आया ड्राइंग रूम में कोई नही था मैं ड्राइंग रूम के पीछे बने आंगन में आया और पीछे वाले कमरे की ओर बढ़ा जिसमे दीदी गयी थीं ....... कमरे के दरवाजे पर ही मुझे हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मैं दरवाजे के पास खड़ा हो कर सुनने लगा .......

दीदी श्वेता को छेड़ते हुए कह रही थीं तो आज मेरी ननद रानी 18 की हो गयी अब तो तुम्हारे लिए भी कोई बढ़िया सा लड़का ढूंढना पड़ेगा या कोई सेट किया हुआ है पहले से ........ श्वेता बोली ऐसा कुछ नही है भाभी ना कोई है ना मुझे अभी किसी की जरूरत है मुझे बस अपनी पढ़ाई पर फोकस करना है ....... दीदी बोली हां हां मैं भी पहले ऐसा ही कहती थी घर वालों से लेकिन जब से शादी तय हुई मन करता है कितनी जल्दी हो जाये और बस मैं खूब मज़े करूँ तुम्हारे भैया के साथ ........ वैसे मन तो तुम्हारा भी करता होगा अब मज़े लेने का .......


श्वेता शर्मा कर बोली नही भाभी मेरा ऐसा कोई मन नही करता है और प्लीज आप मुझसे ऐसी बातें न करो मुझे अच्छा नही लगता ...... मैंने जरा सा झांक कर देखा दीदी बेड पर बैठी थीं बैग खोल कर श्वेता भी उनके पास ही बैठी हुई थी ... .. दीदी ने श्वेता की ओर घूम कर टीशर्ट के ऊपर से उसकी चूची सहलाते हुए कहा मैं सब जानती हूं मेरी बन्नो मन तो खूब करता होगा तुम्हारा की कोई इन चुचियों को कस के मसले और बुर में लंड घुसा दे लेकिन शर्मा रही हो है ना .......


दीदी की बात सुन कर श्वेता के गाल एकदम लाल हो गए और उनके हाथ चूची पर लगते ही वो एकदम से उछल गयी और धत्त भाभी कहती हुई उठ कर कमरे से बाहर भागी और जैसे ही दरवाजा खोल कर बाहर आई सीधा मुझसे टकरा गई ........ उफ़्फ़फ़ उसकी कड़ी कड़ी चुचियाँ सीधा मेरे सीने से दब गई और वो हड़बड़ा कर सॉरी बोल कर एकदम से बाहर की ओर भाग गयी ......


मैं अंदर आया और बोला दीदी मेरे कपड़े और ब्रश दीदी ने कहा निकाल रही हूं और बैग से मेरा सामान निकाल कर मुझे देती हुई बोली ये श्वेता तो बड़ी शर्मीली है यार मैंने कहा अब हर कोई तुम्हारी तरह चुदक्कड़ थोड़े होगा मेरी जान दीदी हंसते हुए बोली देखती हूँ कब तक बचती है ये शर्मीली मुझसे...... फिर मैं अपना सामान ले कर ऊपर आ गया और प्रतीक के बाथरूम में घुस गया ...... फ्रेश हो कर ब्रश कर के नहा कर काफी राहत महसूस हुई और थकान गायब हो गयी ....... मैं बाहर आया तो देखा प्रतीक फोन पर बात कर रहे थे मुझे देखते ही बैठने का इशारा कर के बाहर निकल गए .........


10 मिनट बाद वो लौटे और बोले चलो अब नाश्ता कर लें ....... हम नीचे आये दीदी भी नहा ली थीं और उन्होंने लेमन येलो कलर सूट पहन रखा था

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जिसमे उनकी जवानी और भी खिली हुई नजर आ रही थी ....... श्वेता नाश्ता ले कर आई ढेर सारी स्वीट्स ढोकला पालक के पकोड़े साथ में कॉफ़ी मज़ा आ गया ..........


नाश्ते के बाद प्रतीक बोले मम्मी मैं जरा कुछ तैयारी देख लूं शाम की पार्टी की ....... मां जी बोली ठीक है बेटा प्रतीक बोले तुम ऊपर आराम करो चाहो तो यहीं बैठो मैंने कहा मैं भी आपके साथ चलूं तो वो खुश हो गए ....... बोले चलो फिर और हम बाहर आ गए मेरी कार आगे थी तो मैंने चाभी उन्हें पकड़ाते हुए कहा इसे ही निकाल लो .........


उन्होंने कार निकाली और हम चल पड़े उन्होंने सबसे पहले एक मॉल से श्वेता के लिए एक खूबसूरत सी सेक्सी ड्रेस खरीदी स्लीवलेस और बैकलेस सिंगल पीस ड्रेस थी ये जो एकदम फिटिंग की थी और घुटनों तक तक की लंबाई थी ........ मुझे तो ये तक नही पता था इसे क्या कहते हैं पर जो भी था ये पहनने के बाद श्वेता किसी का भी लंड खड़ा कर देती ..........


मैंने भी एक खूबसूरत सा स्काई कलर का गाउन खरीदा 4500 का जो बेहद खूबसूरत था और वो दोनो ड्रेस गिफ्ट पैक करवा कर हम वहां से एक बेकरी शॉप पर पहुंचे ...... एक बढ़िया सा केक आर्डर कर के प्रतीक ने उसे पेमेंट किया और एड्रेस नोट करवा के 5 बजे तक डिलीवरी देने को बोल कर हम एक गिफ्ट शॉप पर पहुंचे ....... प्रतीक ने यहां से कमरे को सजाने के लिए ढेर सारा सामान और कैंडल वगैरह लिया फिर मुझे याद आया मैंने तो श्वेता के लिए गिफ्ट ले लिया है पर दीदी उसे क्या देंगी ..........


मैंने भी उसी गिफ्ट शॉप से एक खूबसूरत सी वाच खरीदी और उसे भी पैक करवा लिया फिर हम दोनों एक रेस्तरां पहुँचे और प्रतीक ने शाम 6 बजे 20 लोगों के लिए बढ़िया खाने का आर्डर नोट करा के उसे पेमेंट किया और फिर हम एक शॉप से कोल्ड ड्रिंक की 10 बोतलें ले कर हम घर की ओर चल पड़े ......


तभी रास्ते मे एक बियर शॉप दिखी और प्रतीक ने कार रोक दी मैं उतरने लगा तो वो बोले बैठो भाई अब तुम मेरे मेहमान हो उनकी बात पर मैं हंस दिया और वो पूरी बियर की पेटी ले कर लौटे मैंने कहा इतनी सारी जीजू ......... वो बोले शाम को कुछ दोस्त आएंगे उनका भी इंतजाम है और फिर सब सामान लाद कर हम घर आ गए .......


घर आ कर बियर और श्वेता के गिफ्ट पैकेट्स के अलावा सब सामान निकाल कर हमने दीदी और श्वेता के हवाले किया और फिर बाकी सब ले कर ऊपर आ गए प्रतीक के रूम में बगल वाले कमरे में एक फ्रीज था प्रतीक ने कोल्ड ड्रिंक और बियर उसमे ठूंस ठूंस कर भर दी ........



और फिर हम उनके कमरे में आ गए 12 बज रहे थे वो बोले आराम करो तुम मैं आता हूँ मुझे कमरे में छोड़ कर वो बाहर चले गए ...... तभी मम्मी का कॉल आया और वो कल से आज तक का सारा हाल सुन कर ही संतुष्ट हुई ...... फिर फोन काट कर मैं लेट गया और सो गया .....।

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सोए हुए मैं एक सपना देख रहा था कि मेरे कमरे में मैं श्वेता और निकिता दीदी तीनो एक साथ चुदाई का खेल खेल रहे हैं हम तीनों एकदम नंगे हैं और दीदी और श्वेता मेरे सामने बैठी एक साथ मेरा लंड चूस रही हैं ..........

उधर नीचे दीदी श्वेता के साथ उसके कमरे में थी और तभी मां जी उनके कमरे में आई उन्हें देखते ही दीदी एकदम से उठ कर खड़ी हो गईं ...... मां जी उनके इस शिष्टाचार से खुश हो कर बोल अरे बैट बेटी ......ऐसे मुझे देख कर खड़ी मत हुआ करो मैं तुम्हारी भी माँ हूँ क्लास टीचर नही मैं बस ये बताने आयी थी कि मैं थोड़ी देर के पास वाले मंदिर में जा रही हूं आज वहां कथा हो रही है श्वेता तुम खाना बना लेना टाइम से मैं डेढ़ बजे तक आ जाऊंगी और फिर वो चली गईं ........

उनके जाने के बाद श्वेता बोली भाभी आप आराम करो मैं खाना बना लेती हूं दीदी बोली अरे वाह तुम काम करो और मैं आराम ये तो गलत बात है मैं भी चलती हूँ ना ...... श्वेता मना करती रही कि रहने दो भाभी मैं कर लुंगी पर दीदी नही मानी और बोली अच्छा चलो काम मत करवाना पर मुझसे बातें तो कर सकती हो .......

फिर वो दोनो किचन में आ गयी और श्वेता ने एक स्टूल किचन में डाल दिया और दीदी को सब्जी काटने को दे दी और वो खुद खाने की तैयारी करने लगी .......

दीदी ने टमाटर काटते हुए ननद रानी सच सच बताओ कितने बॉय फ्रेंड हैं तुम्हारे ...... वो वो फ्राई पैन में तेल डालते हुए बोली एक भी नही भाभी बोला न मैं इस सब चक्कर में नही रहती ....... दीदी ने एक बड़ा सा टमाटर उठा कर उसे घुमाते हुए कहा फिर ये इस टमाटर जैसी बड़ी बड़ी चुचियाँ कैसे हो गयी तुम्हारी ....... बिना बॉय फ्रेंड से मसलवाये .......

श्वेता ने फ्राई पैन में पनीर के पीस डालते हुए कहा धत्त भाभी आपको इसके अलावा और कुछ नही सूझता क्या ....... दीदी हंस कर बोली अभी जवानी में भला और क्या सूझेगा मुझे ...... और मेरे खयाल से तुम्हे भी यही सूझना चाहिए इस उम्र में .........

दीदी की बात का श्वेता ने कोई जवाब नही दिया और मुस्कुराती रही ....... दीदी बोली वैसे एक बात तो है ....... इतना कह कर दीदी चुप हो गईं ...... तो श्वेता बोली क्या बात भाभी ...... दीदी बोली रहने दो जब तुम्हे मेरा बात करना पसंद नही आ रहा कोई जवाब ही नही दे रही हो तो क्या फायदा ......

श्वेता को लगा दीदी नाराज़ हो गयी तो वो बोली भाभी ऐसा नही है पर मुझसे पहले कभी किसी ने ऐसी बातें नही की तो समझ नही आ रहा क्या जवाब दूँ बड़ा अजीब सा लग रहा है ....... वैसे कोई बात बताने वाली थीं आप बताइए ना ...... दीदी बोली मैं लड़का होती तो जरूर तुम्हे लाइन मारती और पटा लेती ......, श्वेता हंस पड़ी और जोर से हंसते हुए बोली आप भी ना भाभी ...... मुझे पटा कर आप क्या करती वैसे ....... दीदी ने उसे घूर कर देखा और मुस्कुरा कर बोली लड़के लकड़ियों को पटा कर क्या करते हैं ये भी नही जानती ..... इतनी तो छोटी नही हो अब तुम .........

श्वेता हकलाते हुए बोली स स सेक्स ...... दीदी हां वही लेकिन मैं तो तुम्हें चोद देती मौका मिलते ही ...... दीदी कि बात सुन कर श्वेता बोली उफ़्फ़फ़ भाभी बहोत गंदी हो आप ....... दीदी बोली अच्छा तूने इंग्लिश में बोला तो सही मैंने हिंदी में बोल दिया तो गंदी हो गयी मैं ....... ठीक है मैं गंदी ही सही पर कुछ दिन बाद मुझे भी चुदना है तेरे भैया से और एक दिन तू भी चुदेगी किसी न किसी से ........

श्वेता- भाभी उफ़्फ़फ़ ऐसे मत बोलो ना दीदी बोली क्यों सुन कर बुर गीली हो रही क्या ...... श्वेता बनवाती गुस्से से दीदी को देखते हुए बोली आप क्या चाहती हो ...... दीदी बोली यही की मुझसे दोस्ती कर लो बहोत मज़े करवाउंगी तुम्हें ....... श्वेता बोली लगता है आपने खूब मज़े किये हैं दीदी बोली और क्या मैं तो हर दिन मज़े करती हूं .......

वो हैरानी से बोली हाय आप सेक्स कर चुकी हैं दीदी बोली हां वो थोड़ी टेंशन में दिखने लगी और बोली ...... इसका मतलब आप मेरे भैया को चीट कर रही हैं दीदी बोली एकदम नही उन्हें सब मालूम है और उन्हें इससे कोई प्रॉब्लम नही ........

श्वेता सर हिलाते है बोली आप झूठ बोल रही हैं भाभी ऐसा कैसे हो सकता है कि भैया को सब मालूम हो और उन्हें कोई फर्क ना पड़े....... दीदी बोली अगर मैं प्रूव कर दूं तो ....... श्वेता ने कहा ठीक है करिये प्रूव अगर आपने प्रूव किया तो मैं आपकी दोस्ती एक्सेप्ट कर लुंगी ....... दीदी बोली वो तो तुम्हे वैसे भी करनी पड़ेगी जब मैं इस घर मे ब्याह कर आ जाऊंगी तो मुझसे दुश्मनी कर के तो रहोगी नही तुम .......

कुछ और करना पड़ेगा ...... श्वेता बोली क्या दीदी बोली अगर मैंने प्रूव कर दिया कि तुम्हारे भैया को मेरी सेक्स लाइफ के बारे में सब पता है और वो फिर भी मुझसे शादी करना चाहते हैं और मुझे प्यार करते हैं तो तुम्हे मेरी 3 बातें माननी पड़ेंगी .......

श्वेता ने कौन सी बातें दीदी ने कहा वो मैं बाद में बताऊंगी शर्त जीतने के बाद ..... श्वेता ने कहा पता नही आप बाद में का बोल दो मुझे तो आपसे डर लगने लगा है ....... दीदी बोली लड़की हो के लड़की से डरती हो मैं तुम्हारा रेप थोड़े कर लुंगी कुछ ऐसा ही करूंगी जो तुम कर सको और उसमे तुम्हें मज़ा भी आये ......

श्वेता ने थोड़ा सोचा और बोली ठीक है भाभी अब प्रूव करो ........ दीदी कमरे से अपना फोन ले आयी और श्वेता के बगल में खड़ी हो कर प्रतीक को कॉल की और स्पीकर ऑन किया ........

प्रतीक- हेलो जान क्या हुआ घर में हो कर कॉल क्यों कि ऊपर ही हूँ मैं बालकनी में .....

दीदी- प्रतीक मुझे एक बात पूछनी है तुमसे ....... मेरे पास्ट के बारे में जानकर कभी तुम्हारे मन मे ऐसा तो नही आया कि मैं कैसी लड़की से रिश्ता जोड़ रहा हूँ जो शादी के पहले ही किसी और से चुद चुकी है .........

प्रतीक- इस सवाल की जरूरत क्यों महसूस हुई तुम्हे जान तुम मेरे घर मे हो नवंबर में हमारी शादी है जिसमे की अब कुछ ही दिन बचे हैं और उस कमीने विनय ने जो किया तुम्हारे साथ वो सब मैं जानता हूँ और उस वजह से मुझे तुमसे कोई शिकायत नही रही कभी भी मेरे प्यार में कोई कमी महसूस हुई हो कभी तो कहो .........

दीदी- नही मुझे तो कभी कुछ महसूस नही हुआ पर मैं एक बार सुनना चाहती थी तुम्हारे मुह से ....... थैंक्स प्रतीक......

प्रतीक- कोई बात नही जान मैं 100 बार ये कहने को तैयार हूँ कि शादी से पहले किये गये तुम्हारे सेक्स की वजह से मुझे कोई फर्क नही पड़ता और हाँ तुम शादी के बाद भी किसी से चुदना चाहो तो मुझे कोई प्रॉब्लम नही है बस मुझे उस से मिलवा देना ......, हेहेहे ........

दीदी- धत्त गंदे शादी के बाद मैं सिर्फ तुमसे चुदूँगी जान ok लव यू जान उम्म्म्म्

और दीदी ने फोन काटते हुए विजेता वाली मुस्कान के साथ श्वेता को देखा ...... और वो बेचारी उलझन में सर झुका कर आटा गूंधने लगी ......

दीदी ने कहा अब बोलो ननद रानी क्या कहती हो...... उसने धीरे से कहा जब भैया को कोई प्रॉब्लम नही तो मैं क्या बोलूं पर आप लोग कितनी गंदी बातें करते हो दीदी बोली ......, ये तो कुछ भी नही था असली बातें तो रात में होती हैं उस टाइम हम दोनों अपने कपड़े निकाल देते हैं और नंगे हो कर बातें करते हैं .......

श्वेता उफ़्फ़फ़ भाभी लगता है आप मुझे भी अपने जैसी गन्दी बना दोगी दीदी ने उसकी जीन्स में कसी हुई गांड़ पर चिकोटी काटते हुए कहा बन कर देखो बड़ा मजा आएगा ......., वो एकदम से उछल गयी और बोली काम करने दो ना भाभी प्लीज ....., दीदी बोली ठीक है अभी तो काम कर लो पर 3 वचन याद रखना ....... श्वेता बोली अब तो फंस ही गई हूं .......

फिर दोनो ने मिल कर हंसी मजाक करते हुए खाना बनाया......

(ये सारी बातें मुझे बाद में प्रयागराज वापस आने पर दीदी की जुबानी पता चली)



इधर ऊपर प्रतीक के कमरे में सोए हुए मेरा सपना बड़ा मज़ेदार चल रहा था और सपना देखते हुए मेरा लंड एकदम टाइट हो चुका था लेकिन तभी किसी ने मुझे आवाज़ दी और सपना खत्म टूट गया साथ ही मेरी नींद भी खुल गयी देखा तो श्वेता मुझ पर झुकी हुई मुझे जगा रही थी ...... मैंने आंखे खोली तो उसने कहा नीचे चलिए सब आपका इंतजार कर रहे हैं खाने पर .......

वो इतना कह कर मुस्कुराते हुए भाग गई और मैं जैसे ही उठा मेरी नजर अपने लोअर में बने हुए टेंट पर पड़ी मैंने टाइम देखने के लिए फोन निकाला डेढ़ बजे रहे थे और व्हाट्सएप्प पर दीदी ने दो वॉयस रिकार्डिंग सेंड की थीं ....... मैं बाथरूम चला गया और मूतते हुए एक रिकार्डिंग प्ले की ........ प्रतीक की आवाज़ सुनाई दी मुझे ......

प्रतीक- हां जान जैसा तुमने कहा था वैसा ही किया मैंने उसकी पैंटी में मुठ मार कर वापस रख दी वैसे ही .........

दीदी- फिर कुछ हुआ ......

प्रतीक- नही कुछ खास नही बाद में एक घंटे बाद जा कर देखा तो उसके सारे गंदे कपड़े वहां से गायब थे और छत पर धुले हुए फैले थे ........

दीदी- उसके हाव भाव मे कोई बदलाव .....

प्रतीक- नही एकदम नही बिल्कुल सामान्य है ....... हां जितनी बार मेरे सामने आई मेरी ओर देखा नही एक भी बार नजर नही मिलाई मुझसे ......

दीदी- शर्मा रही होगी ये सोच कर की मेरे भैया मुझे चोदना चाहते हैं .......

प्रतीक- वो तो पता नही जान लेकिन ये बताओ यहाँ आ कर एक बार मेरे गले से भी नही लगोगी क्या जब से आई हो श्वेता के ही कमरे में घुसी हो ......

दीदी- बहोत मन कर रहा क्या मुझे गले लगाने का .......

प्रतीक- मेरा मन तो बस तुम्हें ....... खैर छोड़ो जानू जाने से पहले कुछ मिनट तो मिल लेना मुझसे अकेले में ......

दीदी- क्या मन कर रहा बोलो ना जान अपनी होने वाली बीवी से अपने दिल की बात तो कह ही सकते हो ......

प्रतीक- मन तो कर रहा जान बस तुम्हे अपने कमरे में लाउं और नंगी कर के तुम्हारी चूत चूस डालूं ........

दीदी- उफ़्फ़फ़ जान सच मे बहोत मन कर रहा क्या मेरी चूत चूसने का.......

प्रतीक- हां जान सच मे.....

दीदी- लेकिन अगर मैंने चूत चूसने दी तो फिर तुम्हारा चोदने का मन भी तो करेगा .......

ये सुन कर प्रतीक के मन मे आशा और लालच जाग गया ....

प्रतीक- नही जान मैं बस तुम्हारी बुर चूस कर खुश हो जाऊंगा ......

दीदी- ओ मेरा प्यारा बच्चा लेकिन तुमने तो विकास को अपने कमरे में रखा है वहां कैसे ......?

प्रतीक- अरे तुम चिंता ना करो उसे मैं बगल वाले रूम में शिफ्ट कर देता हूँ ..... अभी तो सो रहा है वो जागा तो उसे दूसरा कमरा दे दूंगा बोल दूंगा की उधर आराम से सो लेगा वो अकेले ........

दीदी- ok ठीक है फिर मैं कुछ जुगाड़ कर दूंगी तुम्हारा जान ....

प्रतीक- ओहहह जान तुम कितनी प्यारी हो लव यू सो मच ........

दीदी- अच्छा रखती हूं श्वेता आ गयी ......

और आवाज़ बंद हो गयी ......

मूतने से मेरे लंड का तनाव कुछ कम हुआ था पर ये रिकार्डिंग सुन कर फिर बढ़ गया ....... मैंने लंड को दबा कर लोअर में डाला और हाथ धो कर नीचे आ गया ......

खाने की मेज पर मां जी प्रतीक और दीदी बैठे हुए थे श्वेता नही नजर आ रही थी ...... मैं दीदी के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया ....... और तभी अचानक मुझे अपने लंड पर कुछ हरकत महसूस हुई ...... मैंने धीरे से नीचे देखा तो दीदी मेज़ पर कुहनियां रख कर झुकी हुई थी और उनका एक पैर मेरे लंड पर हरकत कर रहा था ......

दीदी के इस साहस पर मैं हैरान हो गया और मैंने घूर कर उन्हें देखा वो मुझे देख हल्के से आंख दबा के मुस्कुरा दी और फिर अपना पैर हटा लिया ........ तभी प्रतीक ने आवाज़ दी श्वेता ले आओ विकास आ गया ....... और दो मिनट बाद ही ......, श्वेता पालक की गर्म कचौड़ियां और पूरियां ले कर आई मेज़ पर रख कर वो भी मेरे बगल में बैठ गयी ........,

हमने हल्की फुल्की बात चीत करते हुए खाना खाया खाना बहोत लाजवाब बना था ...... सभी ने दबा के खाया और फिर ....... मां जी अपने कमरे में आराम करने चली गईं ....... प्रतीक ने कहा श्वेता तुम शाम तक निकिता के साथ मिल के कमरा डेकोरेट कर देना .......और अपनी फ्रेंड्स को बोल देना टाइम से आ जाएं लेट ना करें वो बोली जी भैया ......

और फिर प्रतीक बोले मैं जरा एक दो काम और निपटा लूं ....... और वो मुझसे कार की चाभी ले कर चले गए ...... दीदी बोली चल श्वेता हम अंदर चलते हैं ...... श्वेता बोली लेकिन भाभी फिर विकास जी अकेले क्या करेंगे ...... मैं उसकी बात सुन कर हंस दिया और बोला विकास जी tv देखेंगे और आराम करेंगे आप लोग जा सकती हैं ....... और मेरा नाम विकास जी नही सिर्फ विकास है .......

मेरी बात सुन कर श्वेता खिलखिला कर हंस दी और बोली ठीक है सिर्फ विकास ....... और हम तीनों से हंसने लगे ...... श्वेता अब मुझे सेक्सी के साथ साथ प्यारी भी लगने लगी थी और उसके मासूम चेहरे को देखते हुए मुझे दीदी की बात याद आ गयी ......., श्वेता की सील मैं तुमसे तुड़वाऊंगी ...... उफ़्फ़फ़ कैसी होगी इसकी चूत दीदी जैसी ही या कुछ अलग और मेरा लंड फिर से सर उठाने लगा ........

मुझे यूँ गौर से अपनी ओर देखते देख कर श्वेता की हंसी बन्द हो गयी और वो शर्मा कर उठी और बोली चलिए भाभी ......

मैं उठ कर ड्राइंग रूम में आ गया और tv ऑन कर के सोफे पर फैल गया ...... ।
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sex-0012 मिनट बाद वो थोड़ा सा सम्हली और बोनेट से नीचे उतर कर कार के दरवाजे की ओर आ गयी पीछे से मैं भी खड़ा लंड हिलाता हुआ चला आया और दीदी ने कार का दरवाजा खोला और सीट पर हाथ टिका कर झुक कर बोली आ जाओ जानू पीछे से चोद लो अपनी कुतिया को ....... और मैंने एकदम से चूत पे लंड टिका के धक्का दे दिया ....... और भकाभक चोदने लगा ...... चोदते हुए मैंने एक हाथ का अंगूठा दीदी की गांड़ पर रखा और एकदम से उनके गांड़ में अंगूठा घुसेड़ कर और तेज धक्के लगाने लगा मैं झड़ने वाला था मेरी भी आहें निकल रही थी ...... aaahhhhh ले मेरी जान खा लोड़ा उफ़्फ़फ़ साली बहोत गरम बुर है तेरी बुरचोदी ....... कितना चोद रहा हूँ पर तेरी बुर की आग नही बुझ रही ....... ले चुद और चुद बहन की लोड़ी ...
 

neeRaj@RR

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tv देखते हुए मुझे ध्यान आया दीदी ने दो वॉइस क्लिप भेजे थे और मैंने दूसरा वाला नही सुना था ....... मैंने वो दूसरा ऑडियो प्ले किया ...... दीदी की आवाज़ ..... सुनो जानू तुम आज रात विकास को दूसरे रूम में शिफ्ट कर देना और मैं रात में तुम्हारे रूम में आ जाऊंगी आधे घंटे के लिए उतनी देर में तुम्हे पूरी आज़ादी रहेगी तुम जो चाहो कर सकते हो मेरे साथ .......

प्रतीक- सच कह रही हो जान ...... जो चाहूं वो .....

दीदी- हां जानू जो चाहो वो अगर तुम मेरी खुशी के लिए इतना कुछ करते हो मैं तुम्हारे लिए इतना भी नही कर सकती क्या जान ....... लेकिन एक बात बोलूं तुमने उस दिन वो जो विकास वाली बात की थी ना उसके बाद से मुझे कुछ कुछ हो रहा है ......

प्रतीक-विकास वाली बात कौन सी बात मैं समझा नही .....

दीदी- वही जानू विकी से चुदने वाली बात मैंने कई दिन सोचा इस बारे में और सोच सोच कर मेरी बुर गीली हो जाती है .....

प्रतीक- ओहहह तो सोचो ना जान जब सिर्फ सोच के बुर गीली हो रही है तो रियल में कितना मज़ा आएगा जब विकास तुम्हारी बुर में अपना लंड डालेगा ......

दीदी- जानू मैंने तो एक और बात सोची है .......

प्रतीक- बताओ ना जान तुमने सोचा है तो अच्छा ही होगा ......

दीदी- मैं सोच रही थी अगर श्वेता और विकी की भी शादी हो जाये तो ........

प्रतीक- तो .....

दीदी- तो तुम सारी जिंदगी अपनी बहन को चोद पाओगे और ...... वो तुमसे कभी बहोत दूर नही होगी ....... और शायद तुम मुझे और श्वेता को एक साथ भी चोद पाओ यानी कि थ्रीसम ......

प्रतीक- aaahhhh जान आईडिया तो सुपर है .... मुझे कोई प्रॉब्लम नही है मैं तैयार हूं विकास मुझे पसन्द है अपनी बहन के लिए ...... और हां तुम विकास से चुद लो तो भी मुझे कोई प्रॉब्लम नही है बस मेरी एक ख्वाइश है एक बार मैं तुम्हे विकास से चुदते हुए देखना चाहूंगा ........

दीदी- जानू आगर तुम मेरी बात मानते रहोगे तो मैं तुम्हारी हर एक ख्वाइश पूरी करने की कोशिश करूंगी .........

प्रतीक- ओहहह निकी मेरी जान मैं तो आज से तुम्हारा गुलाम हूँ जो कहोगी सर झुका के मानूंगा बस मेरी सारी चाहतें पूरी करती जाना .......

दीदी- मेरी जान मैं तो श्वेता को गरम कर रही हूं ...... और अपनी पैंटी पर तुम्हारा माल देख कर उसकी भी बुर में कुछ तो असर हुआ ही होगा ....... चिंता ना करो शादी के कुछ दिन बाद ही उसे तुम्हारे लंड पे चढ़ा दूंगी .......

प्रतीक- ओहहह जानू मेरा तो खड़ा हो गया है रात का इंतजार कैसे करूं अभी आ जाओ ना प्लीज......

दीदी- अभी नही आ सकती ना मेरे पति जी रात में आती हूँ फिर ....... सब कुछ ..... अच्छा रखती हूं कोई आ रहा ........

ये सब सुन कर मुझे अंदर से थोड़ी खुशी भी हुई और थोड़ा दुख भी ....... निकिता दीदी मेरे लिए कितना सोच रही थी..... मुझे पता था कि प्रतीक के साथ वो सिर्फ एक समझौता कर रही हैं ...... उनके दिल मे सिर्फ मेरे लिये जगह है और मैं भी पता नही क्यों बस निकिता दीदी से प्यार करना चाहता था सिर्फ उन्हें अपने दिल मे बसाना चाहता था लेकिन श्वेता ...... उस से शादी यानी कि अपना प्यार बांटना .......


मैंने आंखे बंद कर ली ...... फिर सोचा अभी तो सिर्फ बातें हैं जरूरी नही ऐसा हो ही ...... जब होगा तब देखा जाएगा ....... और तभी मेरे व्हाट्सएप्प पर एक मैसेज आया चेक किया तो दीदी का मैसेज था ........
मस्त सीन देखना है तो श्वेता के रूम की खिड़की पर आओ मैंने जरा सी खिड़की खोल दी है आवाज़ मत करना उसे पता ना चले ।

मैसेज पढ़ कर मैं मुस्कुरा दिया और उठ कर दबे पांव श्वेता के कमरे की ओर चल दिया ...... और खिड़की से झांक कर देखा अंदर दीदी बेड पर बैठी थी और श्वेता उनके सामने खड़ी थी और दीदी कह रही थी .......

देखो श्वेता वादा किया है तो निभाना पड़ेगा अभी मैं सिर्फ पहली शर्त पूरी करवा रही हूं ...... बाकी दो बाद में वक़्त आने पर ....... और अब तुमने मुझे फ्रेंड मान ही लिया है तो भरोसा करो मुझ पर इसमे तुम्हे बहोत मज़ा आने वाला है पर अपनी शर्म को थोड़ा कम करो इतना शर्माने की कोई जरूरत नही जो तुम्हारे पास है वही मेरे पास है ........ यकीन ना हो तो दिखाऊँ ......

श्वेता बोली भाभी वो मैं जानती हूं पर मैं आज तक किसी के सामने नंगी नही हुई आपके सामने कैसे होऊं ......दीदी हंसते हुए बोली हाय मेरी बन्नो यही बात शादी के बाद अपने दूल्हे से भी कहती रहना उम्र भर और उस बेचारे को लंड हिला कर जिंदगी बिताने पर मजबूर कर देना क्योंकि बिना नंगे हुए तो चुदाई होगी नही ........

श्वेता ने कहा उफ़्फ़फ़ ये भी सही है शादी के बाद तो नंगा होना ही पड़ेगा उनके सामने ...... दीदी बोली वही तो जो काम एक दिन करना ही है वो आज ही कर लो प्रक्टिस हो जाएगी ...... अच्छा अगर तुम्हे बहोत शर्म आ रही है तो एक काम करती हूं मैं भी नंगी हो जाती हूँ तुम्हारे साथ ठीक है ना .......?

श्वेता ने सर झुका गके धीरे से हां में हिला दिया और उसकी रजामंदी मिलते ही दीदी ने झट से बेड से उठ कर अपनी कुर्ती निकाल दी और बोली चलो तुम भी अपनी शर्ट निकालो ....... श्वेता ने सर झुकाए हुए धीरे धीरे अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और कुल 6 बटन खोलने में उसे 4-5 मिनट लग गए ......

दीदी हंस कर बोली हाय मेरी ननद रानी इतना धीरे कपड़े उतरोगी तो तुम्हारा पति मुठ मार के सो जाया करेगा ...... ये कहते हुए दीदी ने अपनी ब्रा भी खोल कर फेंक दी और दीदी के सुडौल तने हुए गोरे चिकने चूचे सर उठा कर खड़े हो गये दीदी अपनी चूचो पर हाथ फिराते हुए बोली come on श्वेता जल्दी करो वरना मम्मी आ जाएंगी ..... श्वेता बड़े गौर से दीदी की नंगी चुचियाँ देख रही थी और फिर उसने धीरे से शर्ट को बाहों से निकाला और उतार कर बेड पर फेंक दिया ....... व्हाइट कॉटन की नरम ब्रा में कसी उसकी चुचियाँ नुमाया हुई वो दीदी जितनी गोरी तो नही थी पर बेहद सेक्सी और क्यूट थी किसी का भी लंड खड़ा कर देने की छमता थी उसके जिस्म में ...... और मेरा लंड भी अंदर दो दो जवान लड़कियों की नंगी चुचियाँ देख कर पूरी तरह तन चुका था दीदी ने श्वेता के पीछे जा कर उसकी ब्रा का हुक एक झटके से खोल दिया और श्वेता की ब्रा ढीली हो कर उसकी चुचियों पर झूल गयी दीदी ने श्वेता की ब्रा को उसकी बाहों से निकालते हुए उसकी चुचियाँ नंगी कर दी ........ वाओ एकदम सुडौल दीदी से छोटी मगर एकदम कसी हुई चुचियाँ थी श्वेता की और निप्पल एकदम मटर के दाने जैसे नन्हे नन्हे जबकि दीदी के निप्पल काले अंगूर जैसे लंबे और फूले हुए थे .......

दीदी ने पीछे से ही उसे बाहों में भर कर उसकी सीने पर हाथ फिराते हुए उसकी चुचियाँ सहला दी और निप्पल्स को उंगली से छेड़ने लगी ...... श्वेता के बदन में झुरझुरी सी होने लगी उसकी आंखें बंद होने लगी और उसने अपना सर दीदी के सीने से टिका दिया ...... दीदी कुछ देर तो उसकी चुचियों से खेलती रही ...... फिर उसके गाल को चूम कर बोली ....... श्वेता चलो अब अपनी जीन्स भी उतारो जल्दी से ....... और ये सुन के श्वेता ने आंखे खोली और अपनी जीन्स का बटन खोला ज़िप खोली और उसे घुटनो तक सरका दिया लेकिन जीन्स एकदम टाइट फिट थी उसे जा कर बेड पर गांड़ टिकानी पड़ी और फिर उसने झुक के अपनी टांगों से खींच कर जीन्स को निकाल ही दिया ...........

दीदी खड़ी बड़े गौर से उसे नंगी होते देख रही थीं। ....... . जीन्स उतार के उसने दीदी की ओर देखा मानो कह रही हो तुम भी अपनी सलवार उतारो ना और दीदी ने उसकी बात समझते ही झट से अपनी सलवार निकाल कर बेड पर फेंक दी उफ़्फ़फ़ दो जवान मस्त खूबसूरत गदराई हुई जवानियाँ सिर्फ पैंटी में मेरी आँखों के सामने थी .......

श्वेता ने अपनी जीन्स नीचे कर दी थी पर अभी वो उसकी टांगों में ही फंसी हुई थी और दीदी ने कहा श्वेता इसे बाहर निकालो ना श्वेता कुछ शर्मा रही थी इसलिए वो घूम गयी और अपनी व्हाइट पैंटी में फंसे हुए चूतड़ मेरी ओर कर लिए और फिर वो झुक कर अपने पैर से जीन्स को निकालने लगी ......

हांलाकि वो शर्म की वजह से घूमी थी पर उस बेचारी को क्या पता वो जो छुपा रही थी उस से ज्यादा हसीन नजारा वो हमें दिखा रही थी ....... और जैसे ही उसने जीन्स निकाल कर एक ओर रखी ....... वो सीधी हो गयी और दीदी के उसके नजदीक जा कर अपने हाथ उसकी पैंटी में फंसे अधंनगे चूतड़ों पर रखे और .......

मुट्ठी में भर कर मसलने लगी श्वेता फिर से बहकने लगी और बोली उफ़्फ़फ़ भाभी ये क्या कर रही हो ....... दीदी बोली क्या करूँ ननद रानी तेरी गदराई गांड़ है ही इतनी मस्त जी करता है इसे खूब मसलू सहलाऊँ ....... इतना कहते हुए दीदी नीचे बैठ गईं और श्वेता के चूतड़ों पर अपने गुलाबी होंठ रगड़ने लगी ....... ऊऊम्म्ममम्म ऊऊम्म्ममम्म उफ़्फ़फ़फ़ क्या गांड़ है श्वेता तेरी कोई भी देखे तो दीवाना हो जाएगा ......


श्वेता बोली ....... उफ़्फ़फ़फ़ भाभी ऐसा क्यों कह रही हो आपकी भी तो मुझसे कम नही है ना बल्कि मुझे तो आपकी ज्यादा अच्छी लग रही है ....... दीदी ने कहा दूसरे की ही सबको अच्छी लगती है श्वेता रानी क्यों कि अपनी से खुद मज़ा नही ले सकते मज़ा लेने के लिए दूसरे की ही चाहिए और श्वेता पीछे मुड़ के दीदी को देख कर मुस्कुराने लगी .......

दीदी ने श्वेता की पैंटी में उंगलियां फंसाई और श्वेता की मुस्कुराहट गायब हो गयी वो घबरा कर बोली नही भाभी इसे नही प्लीज ..... लेकिन उसे देर हो गई दीदी ने एकदम से उसकी पैंटी खींच दी नीचे और उसकी गोल तरबूज जैसी साफ सुथरी नंगी गांड़ देख कर मेरे लंड में भी हड़कंप मच गया ........

और एक बार तो मेरे मन मे भी लालच आ गया उस गोल मटोल मांसल कुंवारी गांड़ को चोदने का और मैंने लंड बाहर निकाल कर सहलाना शुरू कर दिया ........ उधर श्वेता लगभग उछलते हुए पेट के बल बेड पर कूद गई अपना चेहरा गद्दे में छुपा कर बोली भाभी कितनी गंदी हो आप और दीदी ने मौके की भांपते हुए उपर बेड पर चढ़ कर श्वेता की दोनो टाँगे पकड़ कर विपरीत दिशा में फैलाते हुए झुक कर उसकी गांड़ के छेद पर होंठ पर रख दिये और श्वेता मानो उछल सी गयी जैसे किसी ने उसे बिजली का नंगा तार छुवा दिया हो उसके गले से तेज आह निकली ....... हाय्य्य्य भाभी ये क्या कर रही हो ....... दीदी ने उसे कोई जवाब ना देते हुए अपने होंठ उसकी गांड़ की दरार में फिराते हुए जीभ निकाल कर सीधा उसकी गांड़ पर हमला बोल दिया और श्वेता की गांड़ का रसपान करने लगी ....... श्वेता का उछलना अब धीमा हो गया था और वो बस सिसकते हुए आहें भरते हुए ...... इस नये आनंद का अनुभव ले रही थी .......

दो मिनट तक गांड़ चाटने से वो अब अपनी कमर को ऊपर उठा कर दीदी के मुह पर दबाने लगी और दीदी ने अगला वार करते हुए एक हाथ उसकी टांगों के जोड़ में घुसा उसकी चूत का दाना मसल दिया श्वेता ने एकदम से अपनी कमर को झटका दिया और बोली ....... aaahhhhh भाभी उफ़्फ़फ़फ़ क्या हो रहा है मुझे और दीदी ने अपनी उंगली उसके चूत की कसी हुई दरार में फिरानी शुरू कर दी श्वेता यह सब झेल नही पाई और जल्दी ही हाय्य्य्य भाभी aahhhhhh उफ़्फ़फ़फ़ सीईईईईई करती हुई एकदम से झड़ गयी ....... दीदी ये मौका कहाँ चूकने वाली थीं उन्होंने अपनी जीभ जल्दी से श्वेता की बुर पर फिराते हुए बुर से छलकी कुछ बूंदों को चख लिया ......

और दीदी श्वेता के बगल में लेट गयीं ...... कुछ देर बाद श्वेता ने सर घुमा कर दीदी को देखा दीदी ने मुस्कुरा कर पूछा मज़ा आया मेरी ननद रानी को ....... श्वेता शर्मा कर लेकिन मुस्कुरा कर बोली भाभी आप बहोत गंदी हो ये भी कोई चाटने की चीज है ....... दीदी बोली वो सब छोड़ ये बता मज़ा आया कि नही ...... उसने धीरे से हां में सर हिला दिया दीदी ने कहा जल्दी से ये शर्म दूर कर ले मेरी जान फिर देखना कितना मज़ा देती हूं मैं तुझे .......

चल अब जल्दी जल्दी से कपड़े पहन लें आज रात में और मज़े दूंगी तुझे और दीदी ने श्वेता पर झुकते हुए उसके होंठ चूम लिए और उठ कर बोली चलो जल्दी से कमरे की सजावट कर लेते हैं ........ मैं यहां आ जाऊंगी तो रोज तेरी बुर चाटूंगी बड़ी रसीली बुर है तेरी ........ श्वेता कुछ नही बोली बस उठ कर कपड़े पहनने लगी ..... दीदी ने जल्दी जल्दी अपनी सलवार कुर्ती पहनी और मैं बाहर आ कर tv देखने लगा पर मेरे लंड की हालत खराब थी वो बस झड़ना चाहता था .......

तभी दीदी बाहर आईं और मेरे बगल में बैठ कर धीरे से बोली कैसा रहा शो मैंने कहा एक नंबर मेरी जान मज़ा आ गया अभी तो बस दिल कर रहा एक बार रगड़ के चोद दूँ तुम्हे ....... दीदी ने कहा यार गरम तो मैं भी बहुत हूँ लेकिन अभी चुदवा नही सकती एक काम करो ऊपर चलो मैं आती हूँ श्वेता से बहाना मार के .......

मैं उठ कर ऊपर चला गया और प्रतीक के कमरे के बगल वाले कमरे में जा कर बेड पर लेट कर दीदी का इंतजार करने लगा ....... 5 मिनट बाद ही दीदी कमरे में आई और दरवाजा अंदर से बंद कर के बेड पर आ कर मेरी ज़िप खोलते हुए मेरा लंड बाहर निकालने लगीं ..... मैंने कहा निकिता वो बोली हां राजा मैंने कहा अभी तुम्हारे मुह में श्वेता की गांड़ और बुर का स्वाद होगा ना .......

और मेरी बात समझते ही दीदी ने मेरा लंड बाहर निकाल कर मसलते हुए ऊपर खिसक कर मुझ पर झुकते हुए अपने रसीले मेरे होंठो पर चिपका दिए और चूसने लगी जल्द ही उनकी जीभ मेरे मुह के अंदर थी और मुझे लगा मैं श्वेता की गांड़ और चूत चूस रहा हूँ ....... दो मिनट तक मेरे होंठो और जीभ को चूस कर दीदी अपना चेहरा ऊपर कर के कामुक नजरो से मुझे देखने लगी मैंने उन्हें यूँ खुद पर झुके देख कर अपना मुह खोल दिया और दीदी ने एकदम से मेरे मुह में थूक दिया ........

aaahhhh दीदी के थूक में जैसे श्वेता की कुंवारी बुर का रस भी घुला था और मैं उसे चूसते हुए निगल गया ...... और फिर दीदी ने नीचे आ कर मेरा लंड गप्प से मुह में लिया और तेजी से लंड को दबा दबा कर चूसने लगी ....... और बस एक मिनट में अंदर ही मेरे सुपाड़े से गरम गरम वीर्य उबलता हुआ दीदी के मुह में गिरने लगा दीदी आंखे बंद कर के उसे किसी सॉफ्टी जैसे चूसते हुए वीर्य निगल निगल कर पीने लगी और आखिरी बून्द तक चूसने के बाद उठी और मुझे देख कर आंख मार कर बोली आज तो कुछ ज्यादा ही माल निकाला लगता है श्वेता की गांड़ पसन्द आ गयी मेरे पति को .............


मैं मुस्कुरा कर बोला मेरी बीवी की गांड़ से सुंदर किसी की गांड़ नही दुनिया मे और दीदी के चूतड़ पर चपत लगा दी ......., दीदी हंस पड़ी और बोली मैं सब समझती हूं तुम्हारी बटरिंग ...... पर श्वेता तुम्हारे लिए अच्छी जीवनसाथी साबित होगी हर तरह से ...... मैंने कहा अभी हमारी शादी की उम्र कहाँ दीदी वो बोली अभी नही तो क्या कभी तो होगी कभी तो शादी करोगे तुम तो अभी से उस बारे में सोचने में क्या खराबी है .......

मैंने कहा ठीक है आप जैसा चाहो दीदी पर अभी नीचे चलें किसी को शक ना हो ..... वो बोली ठीक है चलो शाम की पार्टी की तैयारी करते हैं .......

मैंने दरवाजा खोला और चौंक गया बाहर प्रतीक खड़े थे ...... मुझे देख कर बोले चलो यार नीचे सारी तैयारियां बाकी हैं .........

और हम सब नीचे आ गए ।
 
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Raja jani

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निकी बहुत शातिर है लेकिन वो भाई के प्यार मे हद से आगे गुजर चुकी है वो पूरा प्लान बना चुकी है
 
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