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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Lutgaya

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श्वेता की चूत कब चुदेगी
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neeRaj@RR

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नही भाई आप बहुत ही अच्छा लिख रहे हो। हर एक सीन को बखूबी निभा रहे हो। मैं एक ही दिन में इतने अपडेट तक पढ़ लिए कम है क्या। स्टोरी छोड़ने को मन ही नही कर रहा है।
dhnywad bhai
 
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neeRaj@RR

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बहुत ही शानदार अपडेट है । विकी ओर निकी की सुहागरात तो वाकई जबरदस्त ढंग से पूर्ण हुई । परंतु स्वेता की पहली चुदाई जल्दी मत करवाना । पहले ढेर सारी मस्ती होनी चाहिए ।
 

neeRaj@RR

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सुबह 5 बजे मुझे एकदम से तेज ठंड लगी ....... और नींद खुल गयी देखा मैं और दीदी दोनो बिस्तर पर नंगे पड़े हैं दीदी को भी ठंड लग रही थी वो एकदम सिकुड़ी हुई लेटी थीं ....... लाइट ऑन थी और कमरे का पीछे वाला दरवाजा खुला था .......

मैं उठ कर कपड़े पहनने लगा अंडरवियर बनियान और लोअर पहन कर मैंने दीदी को जगाया वो कुनमुना कर करवट ले कर फिर सो गयीं मैंने उन्हें हिलाते हुए जगाया वो उठ बैठी और पूछने लगी क्या हुआ मैंने कहा सुबह हो गयी डार्लिंग चलना नही है क्या लखनऊ .......

वो सर पकड़ कर बोली मेरे सर में दर्द है मैंने कहा कपड़े पहनो सही करता हूँ तुम्हारा सर दर्द मैं वो अपने कपड़े समेटने लगी और मैं बाहर आ गया ....... हल्का उजाला होने लगा था और कच्ची मिट्टी में हर ओर बारिश का पानी जमा था मैं किसी तरह उस बूढ़े के क्वार्टर तक आया ये मुख्य इमारत से हट कर बगल में बना हुआ था दो छोटे कमरे थे ....... और वहां पहुंच कर एक बढ़िया नजारा दिखा मुझे ......

कमरे के बाहर एक चबूतरा बना था जिसके बीच में एक हैंडपंप लगा था और कजरी वहां नहा रही थी ....... उसने सिर्फ एक पेटीकोट पहन रखा था और उसकी बड़ी बड़ी लटकी हुई काली चुचियाँ एकदम नंगी थीं ....... वो नजारा देख कर मैं रुक गया और चुपचाप उसे देखने लगा ...... पर जल्दी ही सीन एंड हो गया उसने नहा कर एक साड़ी लपेटी और कमरे में चली गयी ......

मैं कमरे के बाहर आ कर आवाज़ देने लगा ...... चाचा कहाँ हो ...... कजरी बोली आती हूँ रुकिए ...... और दो मिनट में वो बाहर आई ..... और बोली क्या चाहिए साहब ....... रात में मैं उसे ठीक से नही देख सका था अब देखा काली थी लेकिन सेक्सी लग रही थी ........ मैंने कहा चाय मिल सकती है क्या और बाथरूम कहाँ है यहां .......

वो बोली बाथरूम तो बंगले के बाहर ही है दाईं तरफ और चाय बनने में थोड़ी देर लगेगी बाबा दूध लेने गए हैं आते ही होंगे ...... मैंने कहा ठीक है हम फ्रेश हो लेते हैं तुम जल्दी से चाय ले आओ फिर हमें निकलना है ...... मैं वापस कमरे में आया दीदी कपड़े पहन चुकी थीं ...... मुझे देखते ही बोली विकी टायलेट मैंने कहा आओ चलें बाहर आ कर मैंने बाथरूम देखा .....

वो ज्यादा अच्छा तो नही पर काम चलाऊ था दीदी पहले चली गईं और मैं बस इधर उधर टहलने लगा वो 10 मिनट में हाथ मुह धो कर निकली फिर मैं चला गया ...... निपट कर कमरे में आये तो कजरी चाय ले कर आ गयी हमने चाय पी ये चाय बस चाय के नाम पर उबला हुआ मीठा दूध था जिसका कलर बदल गया था ...... चाय पी कर हम बाहर आये बूढ़ा वही बरामदे में बैठा हुआ था हमे देख कर बोला साहब जा रहे क्या मैंने कहा हां चाचा वो बोला फिर कभी इधर से गुज़रियेगा और कोई जरूरत हो तो ...... मैंने कहा जरूर चाचा और उसे 100 का एक नोट और दिया तब तक कजरी भी वहां आ गयी ..... उसने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी और ढीले ब्लाउज में उसकी भारी चुंचिया लटकी हुई बड़ी सेक्सी लग रही थीं ....... पता नही क्यों पर उसे देख कर मेरे मन मे एक प्यास सी उठी ......

वो कोई बहोत खूबसूरत नही थी सांवली थी मोटी थी पर उसका मोटा सांवला बदन ही मुझे आकर्षित कर रहा था ....... मैंने पूछा चाचा ये यहाँ क्यू रहती हैं वो बोला साहब इसकी शादी की थी पर इसका पति शादी के एक साल बाद ही मर गया ...... फिर मैंने बहोत समझाया कि दोबारा शादी कर ले पर
ये राजी नही हुई और बस मेरे साथ ही यहां रहने लगी ....... मैंने कहा ठीक है मैं चलता हूँ और बूढ़ा गेट की ओर चल दिया उसने गेट खोल हमने अपना बैग कार में रखा और निकल पड़े लखनऊ की ओर .........


सुबह सुबह दीदी और भी खूबसूरत लग रही थीं अभी बस साढ़े पांच बजे थे और एकदम हल्का उजाला था सड़क पर एकदम सन्नाटा था ........ मैंने ड्राइव करते हुए पूछा और बताओ जानेमन कैसी रही तुम्हारी सुहागरात दीदी मुस्करा कर बोली एकदम परफेक्ट जैसी मैंने सोची थी वैसी ..... अभी तक मेरी गांड़ में दर्द हो रहा है सुबह पॉटी करते वक़्त तो मानो जान ही निकल गयी थी .....


मैंने कहा बस हो गया ना अब दोबारा दर्द नही होगा सिर्फ मज़ा आएगा जान ...... दीदी बोली पता है मेरी जान इसीलिए तो गांड़ मरवाई कल तुम्हे उकसा कर सुहागरात में टांगो के बीच दर्द न हो तो क्या फायदा ....... अब चूत की सील तो पहले ही तुड़वा ली थी जिसका मुझे बेहद अफसोस है पर एक सील तो अभी बची थी जिस पर मेरे प्यारे पति का हक था सो तुमसे तुड़वा ली ...........


मैंने कहा और बेचारा प्रतीक उसे कौन सी सील तोड़ने को मिलेगी ....... दीदी बोली वो एक नंबर का ठरकी है उसे बस चुदी हुई चूतें ही मिलेगी कोई सील नही तोड़ पायेगा वो ...... मेरा वादा है श्वेता की भी सील तुमसे ही तुड़वाऊंगी हांलाकि वो दिल का अच्छा इंसान है इसलिए ही शादी कर रही हूं उससे .......


मैंने कहा पर ठरकी तो मैं भी हूँ दीदी ...... दीदी ने ना में सर हिलाते हुए कहा नही ऐसा नही है अगर तुम ठरकी होते तो पहली बार मे ही मुझे चोदने की कोशिश करते जो कि तुमने कभी नही की ...... मैंने कितनी बार तुमसे रिक्वेस्ट की पर तुम नही माने और तुम्हारी यही बात यही अदा मुझे पसन्द आयी और आज मैं सबसे ज्यादा तुम्हे प्यार करती हूं मेरी जान ...... प्रतीक से भी प्यार करती हूं पर पहले तुम हो मेरे लिए ....... और इस प्रतीक को तो देखते जाओ मैं कैसे नचाती हूँ अपने इशारों पर ....... मैंने कहा इशारों पर तो तुम किसी को भी नचा सकती हो मेरी जान ........ मुझे भी ......


दीदी बोली नही तुम्हे मैं अपने इशारों पर नचाना ही नही चाहती तुम्हे मैंने दिल से पति माना है और पत्नी का फर्ज होता है पति को खुश करे और उसके इशारों पर नाचे ना कि उसे अपने इशारों पर नचाये ..... मैं चाहती हूं कि मेरा हबी मुझे अपने लंड के इशारों पर नचाये ....... उफ़्फ़फ़ दीदी की बातों से मेरा लंड सर उठाने लगा था .......


मैंने कहा यार तुम्हारी बातें सुन कर मेरा लंड फिर से गरम हो रहा है ....... दीदी ने मेरी ओर देख कर कहा विकी प्लीज अब ऐसे मत बोला करो सीधा ये बोला करो न कि चोदना है ...... यार बीवी को हैंडल करना सीखो ....... या अब भी दीदी ही मान कर बात करते हो मुझसे ...... मैंने सीख जाऊंगा धीरे धीरे ..........


अच्छा ये बताओ कि जब तुम पहली बार चुदी थी विनय से उस दिन में और कल में क्या फर्क लगा तुम्हे ........ दीदी बोली मैं उस दिन को उस इंसान को याद नही करना चाहती थी कभी लेकिन अब तुमने पूछा है तो बताऊंगी जरूर ....... मुझे ऐसा लगता है विनय से मुझे प्यार नही था वो सिर्फ पहली नजर का आकर्षण था जो जवानी में किसी भी स्मार्ट और हैंडसम लड़के के प्रति हो जाता है ....... और उसके साथ सेक्स भी मेरी मर्ज़ी से नही उसकी ज़िद और जबरदस्ती की वजह से हुआ था तो मैंने कभी उसके साथ सेक्स को एन्जॉय नही किया बस कर लिया उसकी खुशी के लिए ....... लेकिन तुमसे मैं प्यार करती हूं तुम वो इंसान हो जिसे सबसे ज्यादा मेरी परवाह है जिसे सबसे ज्यादा मेरा ख्याल है मेरी खुशी का ख्याल है मेरे दुखो की फिक्र है ........ तो अपना सब कुछ तुम पर कुर्बान कर देना चाहती हूं जान ..... और मैं चाहती हूं तुम मुझ पर अपना हक जताओ मुझसे रिक्वेस्ट ना कर के मुझे आर्डर करो ..... अपनी बीवी जैसे इस्तेमाल करो मेरा यकीन करो अगर तुम ऐसा करोगे तो मुझे बेहद खुशी होगी ........


मैंने कहा ....... ok जान तो मेरा इस खूबसूरत सुहानी सुबह में अपनी प्यारी बीवी को एक और बार चोदने का मूड बन रहा है ....... ये सुन कर दीदी ने थोड़ा सा उठ कर अपना लहंगा कमर से ऊपर उठाते हुए बड़ी अदा से कहा मेरी चूत हाजिर से मेरे सरकार ........ तभी मेरी नजर हाईवे से अंदर की ओर जा रहे एक कच्चे रास्ते पर पड़ी और मैंने कार धीमी करते हुए उस रास्ते पर उतार दी .......


कोई 500 मीटर आगे जाने पर वो रास्ता बायीं ओर को थोड़ा सा मुड़ रहा था और कुछ और आगे जाने पर एक तालाब के किनारे खत्म हो रहा था मैंने उस तालाब के किनारे कार रोकी और बाहर आ कर देखा यहां से हाईवे नजर नही आ रहा था और तालाब के चारो ओर दूर दूर तक बस खाली मैदान था और कुछ बड़े पेड़ थे ..... मैंने एक बार चारो ओर नजर दौड़ाई कही कोई हलचल नही थी ....... सुबह की खामोशी फैली हुई थी दीदी भी कार से बाहर आ गयी और चारो ओर देख कर बोली वाओ मस्त जगह है यार चुदाई के लिए .......


मैंने कहा ऐसी जगह पर तुम कपड़ो में अच्छी नही लग रही हो जानू ... ..... i want to see you nude .....


दीदी ने मुस्कुराते हुए अपना ब्लाउज खोलना शुरू किया और जल्दी ही उन्होंने अपना ब्लाउज लहंगा और ब्रा पैंटी सब निकाल कर गाड़ी की सीट पर डाल दिया और सिर्फ हाई हील सैंडल में एकदम नंगी अपनी कमर पर हाथ रख कर स्टाइल से मुझे देखते हुए बोली .......


तुम्हारी वाइफ नंगी कैसी लग रही है डिअर मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा अमेजिंग यार ...... दीदी बोली पर मुझे नंगी करवा के तुम कपड़ो में हो ये तो नाइंसाफी है ना जान ....... मैंने फटाफट अपनी पैंटशर्ट और अंडी बनियान निकाल कर दीदी के कपड़ो के उपर फेंक दी और मैं भी एकदम नंगा हो गया मेरा लंड तन कर खड़ा दीदी मुझे देख कर सीटी मार कर बोलो उफ़्फ़फ़ so hot n sexy baby.......


मुझे पेशाब आया था सो मैं एक पेड़ की तरफ जाने लगा दीदी बोली उधर कहाँ जा रहे हो जान...... मैंने हाथ की छोटी उंगली उन्हें दिखाई ...... और उसे देखते ही वो बोली सुनो ना जानू come here ...... मैं रुक गया और उन्हें देखने लगा वो भाग कर मेरे पास आई और उनके भागने पर उनकी नंगी चुंचिया हवा में उछल रही थी बड़ा मस्त नजारा था वो मेरे पास आ के दीदी बोली जानू आज नहाई नही हूँ ......


मैंने तालाब की ओर इशारा कर के कहा जाओ नहा लो वो बोली नही ना तुम इधर आओ और मेरा हाथ पकड़ कर कार के पास ले आयी ...... मैंने कहा मुझे मूत तो लेने देती यार ........ वो आओ ना जानू मूतना ही तो है मैं अपने हबी को मुताती हूँ ना ....... और वो मुझे ले कर कार के सामने आई और बोली कार के बोनेट पर बैठ जाओ जान मैंने सोचा पता नही ये क्या चाहती हैं और फिर मैं कार के बोनेट पर बैठ गया बोनेट हल्का गर्म था पर ज्यादा नही ........


दीदी मेरे सामने जमीन पर पंजो पर बैठ गयी और बोली आब मूतो राजा ...... उफ़्फ़फ़ ऐसे मूतने पर मेरा मूत दीदी के ऊपर ही गिरने वाला था ...... मैं सोचने लगा कितनी गरम है दीदी ....... वैसे मैंने वीडियोस में ऐसे दृश्य देखे थे पर कभी सोचा नही था कि रियल में भी ऐसा होगा वो भी दीदी के साथ ..........


दीदी सामने बैठी मुस्कुराती हुई अपने नंगे चूचे सहला रही थी ....... और मुझे सोच में डूबा देख कर बोली क्या हुआ जानू अभी तो कह रहे थे मूतना है अब क्या हुआ मैंने उनकी आंखों में देखते हुए कहा कुछ नही ....... और अगले ही पल मेरे लंड से मूत की धार निकली और सीधा दीदी की गर्दन और चुचियों पर जा गिरी दीदी का नंगा बदन मेरे मूत से भीगने लगा ...... और बहता हुआ उनकी झांटो से टपकने लगा लेकिन अगले ही पल दीदी ने जो किया वो मुझे हैरान और उत्तेजित कर गया ....... दीदी ने अपना सर झुकाते हुए पेशाब की धार को अपने खूबसूरत चेहरे पर गिरने दिया ........



उफ़्फ़फ़ दीदी के चेहरे पर गिरती हुई मेरे पेशाब की धार से अपना चेहरे भिगोने के बाद दीदी ने मुह खोला आए हवा में उड़ रही धार को अपने मुह में समेटने लगी .......और ये क्या मुह में भर कर वो उसे निगल भी रही थी aaaahhhhh दीदी मेरा पेशाब पी रही थी ......


चार पांच घूंट पीने के बाद मेरा मूत बंद हुआ और दीदी का पूरा बदन मेरे पेशाब से भीग चुका था उनके चिन से पेशाब की बूंदे टपक रही थी ....... दीदी ने खड़े होते हुए मेरे होंठो को चूम लिया और बोली थैंक्स जान लव यू सो मच ऊऊम्म्ममम्म ....... मैं तो हद से ज्यादा ठरकी हो चुका था ..... मैं भी दीदी के होंठो को बस मुह में भर कर चूसने लगा ....... तभी दीदी अपना चेहरा हटाते हुए बोलो जानू मुझे भी सूसू आयी है ......


मैंने हंसते हुए कहा सूसू तो बच्चों को आती है ...... दीदी भी हंस कर बोली मेरा मतलब है मुझे भी मूतना है और मैंने बिना कुछ सोचे बोनट से उतरते हुए कहा आओ फिर आप भी बैठ जाओ मेरी जगह ...... दीदी ने एक पल मेरी आँखों मे देखा और फिर पलट कर बोनेट पर झुक गयी वो नजारा बेहद शानदार था


फिर दीदी उछल कर बोनट पर चढ़ गई मैं तो बस चूतड़ टिका के बैठा था पर वो उस पर चढ़ कर पंजो पर बैठ गयी ........ मूतने के अंदाज़ मे

दीदी की झांटो भरी बुर मेरी नजरों के सामने थी और फिर मैं एकदम पास में ही बैठ गया दीदी की बुर के नीचे और देखने लगा उनकी बुर को ....... और अचानक दीदी की बुर से छलछला कर एक धार निकली और सीधा मेरे चेहरे से आ टकराई उफ़्फ़फ़ दीदी के गर्म मूत की गंध महसूस कर के ही मेरा लंड पत्थर सा सख्त हो गया .......


मेरा चेहरा दीदी के पेशाब से भीगता चला गया और दीदी का पेशाब मेरे चेहरे से बहता हुआ मेरे सीने पर और आखिर में मेरे खड़े लंड पर टपकने लगा दीदी की बुर मेरे चेहरे से थोड़ी ही दूर थी तो मैने ऊपर उठते हुए अपने होंठ उनकी बुर पर चिपका दिए और बस उनकी बुर से बहता हुआ मूत सीधा अपने हलक में उतारने लगा ........


दीदी की बुर से उनका एक एक बूंद मूत चूस कर पीने के बाद भी मैंने उनकी बुर नही छोड़ी और चूसता ही रहा और फिर अपनी जीभ उनकी बुर में घुसेड़ कर चाटने लगा ऊम्म्ममम्म ....... बस कुछ देर तक दीदी की मस्त रसीली झांट वाली बुर चूसने से ही दीदी बुरी तरह गरमा गयीं और और अपने हाथ पीछे बोनेट पर टिकाती हुई अपनी बुर को मेरे पर गांड़ उठा उठा कर दबाने लगी ........


मैंने भी उठ खड़े हो कर एक हाथ दीदी की गर्दन में डाल कर उन्हें खींच कर बोनेट के एकदम किनारे पर सरकाया और सामने से सुपाड़ा उनकी बुर में लगा कर सुपाड़े को बुर के ऊपर रगड़ने लगा ......., दीदी एकदम सिसिया कर मेरे होंठ चूसने लगी और अपनी जीभ मेरे मुह में डाल कर अंदर तक मेरा मुह चाटने लगी ......


मैंने एक तेज धक्का कर पूरा लौड़ा पेल दिया दीदी की बुर में तेजी से झटके देते हुए चोदने ........ दीदी के मुह से तेज आहें निकल रही थी . ...... aaahhhhh राजा ऐसे ही चोदो हचक के पेलो मेरी जान बड़ा मस्त चोदते हो मैं तो दीवानी हो गयी रे तुम्हारे लंड की ....... और 10 मिनट की घमासान चुदाई के बाद दीदी एक बार और झड़ी और चीखते हुए बोली हाय्य्य्य राजा दिल करता है तुम्हे अपनी बुर में घुसा लू उफ़्फ़फ़ गयी रे मैं झड़ रही तेरी दीदी विकी चोद और जोर से और इसी के साथ दीदी मेरे सीने से चिपक कर थरथराने लगी कांपने लगी ..........


2 मिनट बाद वो थोड़ा सा सम्हली और बोनेट से नीचे उतर कर कार के दरवाजे की ओर आ गयी पीछे से मैं भी खड़ा लंड हिलाता हुआ चला आया और दीदी ने कार का दरवाजा खोला और सीट पर हाथ टिका कर झुक कर बोली आ जाओ जानू पीछे से चोद लो अपनी कुतिया को ....... और मैंने एकदम से चूत पे लंड टिका के धक्का दे दिया ....... और भकाभक चोदने लगा ...... चोदते हुए मैंने एक हाथ का अंगूठा दीदी की गांड़ पर रखा और एकदम से उनके गांड़ में अंगूठा घुसेड़ कर और तेज धक्के लगाने लगा मैं झड़ने वाला था मेरी भी आहें निकल रही थी ...... aaahhhhh ले मेरी जान खा लोड़ा उफ़्फ़फ़ साली बहोत गरम बुर है तेरी बुरचोदी ....... कितना चोद रहा हूँ पर तेरी बुर की आग नही बुझ रही ....... ले चुद और चुद बहन की लोड़ी ...... दीदी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ और वो एकदम से आगे को फिसली और लंड बुर से निकल गया ......


मेरा एकदम से मूड खराब हो गया और मैं कुछ कहता इससे पहले ही दीदी वहीँ कार के दरवाजे के पास बैठ गयी और मेरे उनकी चूत में भीगे हुए लंड को पकड़ कर तेजी से मुठियाते हुए मुह में ले कर चूसने लगी ....... और दो मिनट की जोरदार चुसाई के बाद ही मेरे लंड से एक बार फिर वीर्य की तेज बौछार होने लगी दीदी ने पहली दो तीन फुहारें मुह में समेटी और फिर लंड को मुह से निकाल कर तेजी से मुठियाते हुए अपने पूरे चेहरे और सीने पर मेरा वीर्य टपकाने लगी ........ दीदी के खूबसूरत चेहरे पर मेरे गाढ़े गरम वीर्य की बूंदे बिखरी हुई थीं और दीदी मेरी आँखों मे देख कर मुस्कुरा रही थीं .......

आखिर ने दीदी ने एक बार लंड को कस के निचोड़ा और सुपाड़े पर कुछ बूंदे और छलक आयी दीदी ने सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए उन बूंदों को चाट कर अपना मुह खोल कर मुझे दिखाया और फिर एकदम से मुह में भरा हुआ वीर्य निगल कर पी गयीं ........ और खड़ी हो कर मेरे सीने से लिपट गयीं और मेरे होंठो को चूसने लगी ....... ऊऊम्म्म्म लव यू जान इस चुदाई में तो मज़ा ही आ गया............


मैंने दीदी के चूतड़ को मसल कर कहा अब जल्दी से कपड़े पहन लो इस से पहले की कोई और मेरी प्यारी बीवी का ये नंगा हुस्न देख ले और निकलो यहां से दीदी ने कार से पानी की बोतल निकाल कर मुह धुला और बैग से टॉवल निकाल कर खुद को अच्छे से साफ किया और हमने फटाफट कपड़े पहने और ........ मैंने कार स्टार्ट कर दी और हम वापस मेन रोड पर आ कर लखनऊ की ओर चल पड़े .........


और फिर सुबह साढ़े सात बजे हम प्रतीक के घर पहुंच गए ....... मैंने उनके घर पहुंचते पहुंचते उन्हें कॉल की और बताया कि हम आ गए हैं ...... फौरन ही मुख्य गेट खुला और प्रतीक ने इशारे से कार अंदर ले जाने को कहा मैंने कार अंदर ले ली ....... और गैलेरी में प्रतीक की कार के पीछे ही लगा दी ........


फिर मैं और दीदी बाहर आये मैंने प्रतीक एक पैर छूने चाहे तो उन्होंने मुझे गले लगाते हुए कहा ठीक है यार हम दोस्त हैं ....... तुम रेस्पेक्ट करते हो यही बहोत है ...... फिर वो दीदी की ओर मुखातिब हुआ और बोला निकिता कोई तकलीफ तो नही हुआ यहां पहुंचने में दीदी ने मुस्कुरा कर उनसे नमस्ते की और बोली नही बल्कि बड़ा मज़ेदार रहा ये सफर .........


दीदी का बात का अर्थ सिर्फ हम दोनों ही समझ पाए प्रतीक ने कहा आओ अंदर चलो मैंने कहा सामान निकाल लूं और डिक्की खोल कर फल और मिठाई निकालने लगा ........ वो सब देख कर प्रतीक बोले अरे यार इतना सारा क्या है ये हम सिर्फ 3 लोग ही हैं ...... मैंने कहा वो सब मुझे नही पता मम्मी ने मुझे 4 बार समझाया था इस सब के लिए ........ प्रतीक ने फल के थैले ले लिए और मैंने मिठाई के डिब्बे ........

मैंने कहा दीदी आप बैग निकाल कर गाड़ी लॉक कर लो दीदी ने बैग उठाया और कार लॉक कर के हमारे साथ हो लीं ....... तब तक श्वेता भी बाहर आ गयी उसने जीन्स और रेड कलर की चेक वाली शर्ट पहनी थी और चश्मे में वो बेहद क्यूट सी लग रही थी....... कसी हुई जीन्स में उसकी उभरी हुई गांड़ और टीशर्ट में तनी हुई चुचियाँ गवाही दे रही थीं कि आज वो 18 की पूरी हो चुकी है और अब लंड खाने को तैयार है

उसने दीदी से और मुझसे नमस्ते की और दीदी के हाथों से बैग ले कर बोली ......आइये भाभी आप मेरे साथ .......

पीछे से मैं और प्रतीक भी आ गए ड्राइंग रूम में मां जी बैठी थीं मैंने वो सामान श्वेता को देते हुए कहा श्वेता ये अंदर रखो और मां जी के पैर छुए उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा खुश रहो बेटा ....... फिर मैं उनके पास ही बैठ गया दीदी ने भी उनके पांव छुए ...... उन्होंने दीदी को भी ढेरों आशीर्वाद दिए ......

और बोली कितनी संस्कारी बच्ची है ...... प्रतीक भी श्वेता के साथ वो सब सामान ले कर अंदर चले गये ...... और फिर जल्दी ही आ कर हमारे पास बैठ गए ....... फिर वो सब हमसे रास्ते के सफर और कल के खराब के मौसम के बारे में पूछने लगे और मैंने बता दिया कि कोई खास दिक्कत नही हुई रात में एक होटल में रुके थे औए सुबह आ गए .....


दीदी कुछ देर मां जी से बातें करती रही ...... फिर श्वेता नाश्ता और पानी ले आयी पर अभी तो हमने ब्रश भी नही किया था ......, और दीदी बोली श्वेता अभी ये रहने दो पहले नहा लें हम बस सुबह उठ कर ऐसे ही चल दिये थे ....... मां जी बोली श्वेता ले जा भाभी को उनके कमरे में और दीदी श्वेता के साथ उसके कमरे में चली गईं ....... प्रतीक भी मुझे ले कर ऊपर आ गया ........ लेकिन मेरे कपड़े ब्रश और सारा सामान बैग में था जो कि दीदी के पास था......

मैंने कहा जीजा जी मेरा सारा सामान दीदी के ही बैग में है तो वो बोले ले आओ जा कर यार उसमे क्या है .......मैं नीचे आया ड्राइंग रूम में कोई नही था मैं ड्राइंग रूम के पीछे बने आंगन में आया और पीछे वाले कमरे की ओर बढ़ा जिसमे दीदी गयी थीं ....... कमरे के दरवाजे पर ही मुझे हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मैं दरवाजे के पास खड़ा हो कर सुनने लगा .......

दीदी श्वेता को छेड़ते हुए कह रही थीं तो आज मेरी ननद रानी 18 की हो गयी अब तो तुम्हारे लिए भी कोई बढ़िया सा लड़का ढूंढना पड़ेगा या कोई सेट किया हुआ है पहले से ........ श्वेता बोली ऐसा कुछ नही है भाभी ना कोई है ना मुझे अभी किसी की जरूरत है मुझे बस अपनी पढ़ाई पर फोकस करना है ....... दीदी बोली हां हां मैं भी पहले ऐसा ही कहती थी घर वालों से लेकिन जब से शादी तय हुई मन करता है कितनी जल्दी हो जाये और बस मैं खूब मज़े करूँ तुम्हारे भैया के साथ ........ वैसे मन तो तुम्हारा भी करता होगा अब मज़े लेने का .......


श्वेता शर्मा कर बोली नही भाभी मेरा ऐसा कोई मन नही करता है और प्लीज आप मुझसे ऐसी बातें न करो मुझे अच्छा नही लगता ...... मैंने जरा सा झांक कर देखा दीदी बेड पर बैठी थीं बैग खोल कर श्वेता भी उनके पास ही बैठी हुई थी ... .. दीदी ने श्वेता की ओर घूम कर टीशर्ट के ऊपर से उसकी चूची सहलाते हुए कहा मैं सब जानती हूं मेरी बन्नो मन तो खूब करता होगा तुम्हारा की कोई इन चुचियों को कस के मसले और बुर में लंड घुसा दे लेकिन शर्मा रही हो है ना .......


दीदी की बात सुन कर श्वेता के गाल एकदम लाल हो गए और उनके हाथ चूची पर लगते ही वो एकदम से उछल गयी और धत्त भाभी कहती हुई उठ कर कमरे से बाहर भागी और जैसे ही दरवाजा खोल कर बाहर आई सीधा मुझसे टकरा गई ........ उफ़्फ़फ़ उसकी कड़ी कड़ी चुचियाँ सीधा मेरे सीने से दब गई और वो हड़बड़ा कर सॉरी बोल कर एकदम से बाहर की ओर भाग गयी ......


मैं अंदर आया और बोला दीदी मेरे कपड़े और ब्रश दीदी ने कहा निकाल रही हूं और बैग से मेरा सामान निकाल कर मुझे देती हुई बोली ये श्वेता तो बड़ी शर्मीली है यार मैंने कहा अब हर कोई तुम्हारी तरह चुदक्कड़ थोड़े होगा मेरी जान दीदी हंसते हुए बोली देखती हूँ कब तक बचती है ये शर्मीली मुझसे...... फिर मैं अपना सामान ले कर ऊपर आ गया और प्रतीक के बाथरूम में घुस गया ...... फ्रेश हो कर ब्रश कर के नहा कर काफी राहत महसूस हुई और थकान गायब हो गयी ....... मैं बाहर आया तो देखा प्रतीक फोन पर बात कर रहे थे मुझे देखते ही बैठने का इशारा कर के बाहर निकल गए .........


10 मिनट बाद वो लौटे और बोले चलो अब नाश्ता कर लें ....... हम नीचे आये दीदी भी नहा ली थीं और उन्होंने लेमन येलो कलर सूट पहन रखा था

https://ibb.co/kBzF3gk

जिसमे उनकी जवानी और भी खिली हुई नजर आ रही थी ....... श्वेता नाश्ता ले कर आई ढेर सारी स्वीट्स ढोकला पालक के पकोड़े साथ में कॉफ़ी मज़ा आ गया ..........


नाश्ते के बाद प्रतीक बोले मम्मी मैं जरा कुछ तैयारी देख लूं शाम की पार्टी की ....... मां जी बोली ठीक है बेटा प्रतीक बोले तुम ऊपर आराम करो चाहो तो यहीं बैठो मैंने कहा मैं भी आपके साथ चलूं तो वो खुश हो गए ....... बोले चलो फिर और हम बाहर आ गए मेरी कार आगे थी तो मैंने चाभी उन्हें पकड़ाते हुए कहा इसे ही निकाल लो .........


उन्होंने कार निकाली और हम चल पड़े उन्होंने सबसे पहले एक मॉल से श्वेता के लिए एक खूबसूरत सी सेक्सी ड्रेस खरीदी स्लीवलेस और बैकलेस सिंगल पीस ड्रेस थी ये जो एकदम फिटिंग की थी और घुटनों तक तक की लंबाई थी ........ मुझे तो ये तक नही पता था इसे क्या कहते हैं पर जो भी था ये पहनने के बाद श्वेता किसी का भी लंड खड़ा कर देती ..........


मैंने भी एक खूबसूरत सा स्काई कलर का गाउन खरीदा 4500 का जो बेहद खूबसूरत था और वो दोनो ड्रेस गिफ्ट पैक करवा कर हम वहां से एक बेकरी शॉप पर पहुंचे ...... एक बढ़िया सा केक आर्डर कर के प्रतीक ने उसे पेमेंट किया और एड्रेस नोट करवा के 5 बजे तक डिलीवरी देने को बोल कर हम एक गिफ्ट शॉप पर पहुंचे ....... प्रतीक ने यहां से कमरे को सजाने के लिए ढेर सारा सामान और कैंडल वगैरह लिया फिर मुझे याद आया मैंने तो श्वेता के लिए गिफ्ट ले लिया है पर दीदी उसे क्या देंगी ..........


मैंने भी उसी गिफ्ट शॉप से एक खूबसूरत सी वाच खरीदी और उसे भी पैक करवा लिया फिर हम दोनों एक रेस्तरां पहुँचे और प्रतीक ने शाम 6 बजे 20 लोगों के लिए बढ़िया खाने का आर्डर नोट करा के उसे पेमेंट किया और फिर हम एक शॉप से कोल्ड ड्रिंक की 10 बोतलें ले कर हम घर की ओर चल पड़े ......


तभी रास्ते मे एक बियर शॉप दिखी और प्रतीक ने कार रोक दी मैं उतरने लगा तो वो बोले बैठो भाई अब तुम मेरे मेहमान हो उनकी बात पर मैं हंस दिया और वो पूरी बियर की पेटी ले कर लौटे मैंने कहा इतनी सारी जीजू ......... वो बोले शाम को कुछ दोस्त आएंगे उनका भी इंतजाम है और फिर सब सामान लाद कर हम घर आ गए .......


घर आ कर बियर और श्वेता के गिफ्ट पैकेट्स के अलावा सब सामान निकाल कर हमने दीदी और श्वेता के हवाले किया और फिर बाकी सब ले कर ऊपर आ गए प्रतीक के रूम में बगल वाले कमरे में एक फ्रीज था प्रतीक ने कोल्ड ड्रिंक और बियर उसमे ठूंस ठूंस कर भर दी ........



और फिर हम उनके कमरे में आ गए 12 बज रहे थे वो बोले आराम करो तुम मैं आता हूँ मुझे कमरे में छोड़ कर वो बाहर चले गए ...... तभी मम्मी का कॉल आया और वो कल से आज तक का सारा हाल सुन कर ही संतुष्ट हुई ...... फिर फोन काट कर मैं लेट गया और सो गया .....।

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dosto plz koi mujhe update me pic add karne ka trika bata sakta hai ????
 
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