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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

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एकदम से अपनी गांड़ का दबाव डालते हुए पूरा लंड जड़ तक बुर में निगल कर एक तेज aahhhhh भरी और फिर मेरे सीने पर लेट कर तेजी से अपनी गांड़ को मेरे लंड पर पटकते हुए चुदने लगी ......

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neeRaj@RR

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काहे writer बाबू
प्रतीक से ऐसी क्या दुश्मनी है कि निक्की ऐसा बोल रही है ??
yad kriye nikita shadi nhi karna chahti thi wo is shadi ke liye sirf vikas ke samjhane par taiyar Hui thi
 

Tiger 786

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अगली सुबह हमारी नींद नही खुली क्योंकि कल रात 1 बज गया था सोते सोते ....... सुबह साढ़े सात के आसपास मम्मी ने दरवाजा पीटते हुए आवाज़ें दी और मैं हड़बड़ा कर उठ बैठा देखा तो मैं और दीदी एकदम नंगे पड़े हुए थे दरवाजा पीटने की आवाज़ से दीदी भी जाग गयीं ........

और हालात समझते ही फुर्ती से बाथरूम के रास्ते होते हुए अपने कमरे में निकल गईं ...... मैंने भी जल्दी से अपना लोअर टांगों में डालते हुए कहा आ रहा मम्मी ...... खोल रहा हूँ और टीशर्ट सर में घुसाते हुए दरवाजा खोल दिया .....

मम्मी बोली 8 बजने वाले हैं कितना सोना है तुम दोनों को वो निकिता भी अभी घोड़े बेंच कर सो रही है ....... हुआ क्या है तुम दोनों को आज ......?

मैं थोड़ा सा घबराया हुआ था बस आंख खुलते ही ये सब शुरू हो गया था और मेरे मुह से निकल गया वो मम्मी रात दीदी के सर में दर्द था तो वो सो नही रही थीं ....... फिर उनको बाहर टहलते देख कर मैं भी आ गया और उनका सर दबाता रहा ...... सोने में देर हो गयी दोनो को इसलिए नींद नही खुली ......

तब तक दीदी ने भी दरवाजा खोला और बाहर आ गईं ...... मैंने फौरन बात बनाते हुए पूछा दीदी अब कैसा है आपका सरदर्द ...... दीदी हैरानी से मुझे देखने लगी ...... मैंने मम्मी की नजर बचा के आंख मारते हुए कहा रात सरदर्द था आपको अभी कैसा है आपकी वजह से कल मुझे भी देर हो गयी सोने में और अब मम्मी की डांट सुननी पड़ रही है सुबह सुबह ........

गनीमत हुई कि दीदी बात समझ गयीं और बोली हां काफी आराम है वैसे रात ही आराम मिल गया था तभी तो सो पाई ....... मम्मी ने दीदी के माथे को छू कर देखा और बोली फीवर तो नही है अगर ज्यादा दर्द था तो मुझे बताना था ना विकास को क्यों परेशान किया वो बेचारा वैसे ही आजकल दिन भर कितनी भाग दौड़ में लगा रहता है तेरी शादी की सारी जिम्मेवारी अकेले उठा रखी है ऊपर से घर का काम भी ...... रात में तो चैन से सोने दिया कर उसे .........

दीदी बोली तो मैंने थोड़े कहा था इसे की ये जागे मेरे साथ खुद ही आ गया तो भगा थोड़े देती मैं इसे ....... मैंने कहा मम्मी कोई नही रोज रोज थोड़े दर्द होगा दीदी एक दिन हो गया अभी वो ठीक है ना ....... लेकिन क्यों सुबह सुबह दरवाजा पीट रही थीं ....... मम्मी बोली प्रतीक की मम्मी का फोन आया था ........ परसों श्वेता का जन्मदिन है वो हम सबको बुला रही थीं ........ अब तेरे पापा को तो ऑफिस के सिवा कुछ सूझता नही और मैं बेटी की ससुराल जा के क्या करूंगी ..........

तो तुम निकिता को ले कर चले जाओ ....... मैंने नखरे दिखाते हुए कहा क्या यार इतना काम फैला हुआ है अभी लखनऊ कैसे जाऊं सब छोड़ कर यहां का काम कौन देखेगा ....... मम्मी बोली बेटा दो दिन की बात है मैं देख लुंगी वैसे भी लेबर काम कर रहे हैं उसमें क्या देखना है ...... सब हो जाएगा तो उसकी फिक्र ना कर और चला जा अपनी दीदी को ले कर इतने प्यार से बुलाया है उन्होंने कोई नही गया तो उन्हें बुरा लगेगा .........

मैंने हार मानने के अंदाज़ में कहा ठीक है फि तो जाना ही पड़ेगा ....... लेकिन फिलहाल मुझे बाथरूम जाना है पॉटी आई है और मैं वापस कमरे में घुस गया ..... पीछे से मम्मी की आवाज़ आयी और बोली अब तो बड़ा बन जा बेटा .......

अब मम्मी को क्या पता मैं कितना बड़ा बन चुका हूं ...... फिर मैं रेडी हो कर नीचे आया पापा ने नाश्ते की मेज पर मुझे हुक्म सुनाया विकास तुम निकिता के साथ लखनऊ चले जाओ ........ और ये लो उन्होंने 10000 रुपये मुझे देते हुए कहा ....... की उनके यहां जाना तो 5 डिब्बे मिठाई के और फल वगैरह लेते जाना ........

मैंने पैसे जेब मे डालते हुए कहा ठीक है पापा लेकिन मैं कार से जाऊंगा ट्रेन में आजकल बहोत भीड़ होती है अकेले जाना होता तो चला जाता दीदी को साथ ले जाने में प्रॉब्लम होगी ...... पापा ने एक मिनट सोचा और फिर बोले ठीक है ....... फिर निकिता दीदी से बोले निकिता बेटा तुम साथ जाओगी देखना ये 60 से ऊपर ना चलाये गाड़ी ....... दीदी बोली ठीक है पापा इसकी स्पीड पर मेरी पूरी नजर रहेगी ...... और मुस्कुराने लगी ........

फिर नाश्ता कर के हम कॉलेज के लिए निकल पड़े ....... और फिर सारा दिन कॉलेज में बिता कर शाम को वापस घर और रात को फिर अपने कमरे में .........

रोज की तरह दीदी कपड़े बदल कर नाइटी में कमरे में आईं और दरवाजा बंद कर के आ कर मेरे बगल में लेट गयीं ....... और बोली तो आज क्या इरादा है मेरी जान ....... मैंने कहा जो मेरी जान का इरादा हो वही मेरा इरादा है ........ दीदी बोली विकी याद है एक दिन मैंने तुमसे कहा था कि मुझे पब्लिक प्लेस में सेक्स करना खास उत्तेजना देता है .........

मैंने सर हिलाते हुए कहा हां याद तो है ....... दीदी बोली तो कल हमे लखनऊ जाना है by road ...... मैंने कहा हां जाना तो है ...... दीदी बोली मैं चाहती हूं तुम मेरी पहली चुदाई कही किसी ऐसी जगह पर करो कि मज़ा आ जाये कुछ नया कुछ एक्साइटिंग सा सोचो ना प्लीज ........

अब तक मैं भी मानसिक रूप से दीदी को चोदने के लिए खुद को तैयार कर चुका था ....... और मुझे लग रहा था कि आज रात चुदे बिना दीदी मानेंगी नही लेकिन दीदी की बात सुन कर के मेरी खोपड़ी चकरा गयी ...... की अब ये कैसी नई फरमाइश है उनकी ....... लेकिन फिर मैंने सोचा कि जब दीदी मेरे लिए इतना सब कर रही हैं तो इनकी इस ख्वाइश को पूरी करना मेरा फ़र्ज़ है और मैंने कहा ठीक है दीदी ........

कल कुछ ऐसा सोचता हूँ कि आप को सारी जिंदगी याद रहे ये हमारी पहली चुदाई ....... मेरी बात सुन कर दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया और मेरे होंठो पर गरम और गीला किस दे दिया ऊऊम्म्म्म्म विकी तुम सच मे बहोत प्यारे हो........

तभी दीदी के फोन की रिंग बजी प्रतीक का कॉल था ....... दीदी ने फोन रिसीव किया और ......

दीदी- हेलो मेरी जान ....... कैसे हो ....

प्रतीक- एकदम बढ़िया तुम कैसी हो ......


दीदी- मैं भी फर्स्ट क्लास हूँ ........

प्रतीक- आ रही हो ना कल ......?

दीदी- हां क्यों नही मेरे प्यारे पति बुलाएं और मैं ना आऊं ऐसा हो सकता है क्या .....

प्रतीक- और कौन कौन आ रहा है जान .....?

दीदी- बस मैं और विकी ...... हम दोनों ही आ रहे हैं ......

प्रतीक- ok जान वैसे मम्मी पापा भी आते तो अच्छा था ......


दीदी- पापा को तो छुट्टी नही मिल रही और वो नही आ रहे तो मम्मी को भी रुकना ही पड़ेगा ....... उनकी वजह से .......

प्रतीक- कोई नही लेकिन शादी से पहले एक बार मम्मी पापा को यहां आना तो चाहिए ही आखिर उनकी बेटी की शादी हो रही है इस घर मे एक बार आ कर देखना तो चाहिए सब कुछ .......

दीदी- अभी तो टाइम है शादी में और घर मे काम भी चल रहा है इसलिये एक साथ सब का निकलना मुश्किल है ...... हो सकता है बाद में आएं वो लोग भी ......

प्रतीक- ok जान और बताओ .......

दीदी- मैं क्या बताऊँ जान तुम बताओ ना आजकल तो सारा दिन तुम्हारा खड़ा रहता होगा अपनी बहन को देख देख कर .........

प्रतीक- हां यार जब से तुमने उसके बारे में बातें की है अब तो बस उसकी गांड़ पर ही नजर टिकी रहती है मेरी और आज तो उसने सुबह झाड़ू लगाते हुए मुझे देख भी लिया था उसके कुर्ते से अंदर झांकते हुए ......

दीदी- फिर क्या रिएक्शन था उसका .....

प्रतीक- कुछ खास नही बस हल्का सा मुस्कुरा दी और झाड़ू लगाती रही ......

दीदी- देखा मैं ना कहती थी उसकी बुर में खुजली होती होगी 18 कि हो गयी है चुदने का मन तो करता ही होगा .......

प्रतीक- अब तो तुम ही पता लगाओ उसके मन मे क्या है ....... मेरे बस में होता तो कब का उसे चोद देता ...... एक और बात है बताने लायक मेरे पास .....

दीदी- बताओ न जल्दी से .....

प्रतीक- आज मैं उसके नहाने के बाद नीचे वाले बाथरूम में गया था टॉयलेट करने के बहाने से वहां हेंगर पे उसकी उतारी हुई पैंटी टंगी थी ......

दीदी- ओहहो जनाब तो बड़े तेज निकले एक ही दिन में अपनी बहन की पैंटी तक पहुंच गए ....... मुझे लगता है कि तुम मेरी मदद की बिना ही जल्दी ही उसकी चुत तक भी पहुंच जाओगे ......

प्रतीक- झेंपते हुए अरे नही यार इतनी हिम्मत नही है मुझमें ......

दीदी- अच्छा वो छोड़ो ये बताओ फिर किया क्या उसकी पैंटी का ......

प्रतीक- बस सूंघा और लंड निकाल कर उस पर लपेट ली ...... सच बताऊँ उस टाइम लंड इतना गर्म हो गया था कि ...... दिल कर रहा था उसकी पैंटी में ही छेद कर के घुसा दूँ .......

दीदी- ओहहह मेरी जान बस थोड़ा सब्र करो फिर तुम्हारी बहन की बुर में ही घुसवा दूंगी तुम्हारा मोटा खूंटा ........

प्रतीक - ऊफफ जान सुबह से ही खड़ा हो रखा है .......

दीदी- ठीक है पर अभी उसे शांत करो और आज मैं ज्यादा देर बात नही कर पाऊंगी कल सोने में बहोत देर हो गयी थी सुबह मम्मी को जगाने आना पड़ा और मुझे डांट भी पड़ी की अभी से ये हाल हैं ससुराल जा के ऐसे दोपहर तक सोएगी तो मेरी सासू मां बहोत गुस्सा होंगी .......

प्रतीक- हसंते हुए बोला अरे नही यार ऐसा कुछ नही है मेरी मम्मी बहोत अच्छी हैं तुम सारा दिन सोगी तो भी कुछ नही कहेंगी ....... और मैं कोई तुमसे घर के काम कराने के लिए थोड़े शादी कर रहा हूँ मेरी जान . .......

दीदी- अच्छा जी फिर किसलिये शादी कर रहे हो ........

प्रतीक- बस इसलिए कि अब मैं मुठ मार मार के थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारी रसीली बुर चाहिए जिसे मैं जब चाहे जितना चाहे चोद सकूं .......

दीदी- ओहहो हर वक़्त मेरी ही बुर चोदोगे राजा तो तुम्हारी बहन की बुर कौन चोदेगा जानू ......

प्रतीक- वो सब तो तुम ही जानो जब तुम कहोगी तब ही चोदूगां उसकी बुर वरना तो मुझे तुम्हारी बुर में ही घुसे रहना है . ......

दीदी- उफ़्फ़फ़ अच्छा अब बस नही तो फिर मूड बन जायेगा और घंटो लगेंगे .......

प्रतीक- बन जाने दो ना जानू मेरा तो सुबह से ही बना हुआ है ........ प्लीज जान थोड़ी देर बात करो न एक बार मुठ मार लूं मैं .......

दीदी- प्लीज जान रोज रोज मुठ मारना सही नही होता ना कल किया था ना अब आज नही ...... कंट्रोल करना सीखो ........

प्रतीक- ओहहह मेरी जान कंट्रोल ही तो नही होता ......

दीदी- बहन की चूत की खुशबू सूंघते रहोगे कैसे होगा कंट्रोल ...... अच्छा सुनो एक काम करना कल सुबह भी जाना उसके बाथरूम में और उसकी पैंटी पर मुठ मार के रख देना चुपचाप .....

प्रतीक- उफ़्फ़फ़ ये क्या बोल रही हो यार ऐसा कैसे करूंगा उसे पता लगा तो ......

दीदी- लगने दो ना जब तक उसे पता नही लगेगा उसके भैया उसकी बुर के दीवाने हैं तब तक बात कैसे बनेगी तुम्हारी ......

प्रतीक- नही यार मैं ऐसा नही कर पाऊंगा डर लगता है कुछ गड़बड़ हो गयी तो .......

दीदी- कुछ नही होगा जान भरोसा रखो मुझ पर ....... वो किसी से बताने थोड़े जाएगी कि मेरे भैया ने मेरी पैंटी पर मुठ मारी है हां इतना करने के बाद उसका रिएक्शन गौर से देखना ...... और नोट करना कि वो परेशान है या खुश है गुस्से में है या नार्मल है .......

प्रतीक- कुछ गड़बड़ नही होगी ना जान .....

दीदी- कुछ नही होगा ना और फिर मैं तो कल रात तक आ ही जाऊंगी कुछ हुआ तो मैं सम्हाल लुंगी तुम चिंता ना करो बस जो कहा वो करो ...... और इतना डरना छोड़ दो बहन चोदनी है तो ......

प्रतीक- ok जान जैसा तुम कहो ......

दीदी- ok जान हां एक काम और करना जब मैं और विकास वहां आएं तो हमारे रुकने के इंतजाम श्वेता के कमरे के एकदम पास में करना .....

प्रतीक- उस से क्या होगा जान.....

दीदी- अरे यार मैं उस से नजदीकी बढ़ाना चाहती हूं तभी तो उसके मन की बात जान पाऊंगी या उसे सेक्स के लिए उसके दिल मे उत्सुकता जगा पाऊंगी ......

प्रतीक- ओहहह समझ गया रानी नीचे चार कमरे हैं एक मम्मी का एक श्वेता का एक ड्राइंग रूम और एक गेस्ट रूम ....... जो कि श्वेता के कमरे के ठीक बगल में है तुम उसी में रुक जाना ......

दीदी- गुड ऐसे ही मेरी बात मानते रहे तो जल्दी ही मैं तुम्हारी बहन को तुम्हारे लंड के नीचे ले आऊंगी जान ...... ok अब रखती हूं सुबह जल्दी उठना है और कल की तैयारी करनी है ...... कल मिलते हैं जान bye good night love you uummmmmhhh......

प्रतीक- जानू एक रिक्वेस्ट है .......

दीदी- ओहहह जान मैं बीवी हूँ तुम्हारी मुझसे रिक्वेस्ट नही आर्डर किया करो .......

प्रतीक- अपनी चुत की एक pic सेंड कर दो जान कल उसे देख कर ही मुठ मारूंगा श्वेता की पैंटी में ......

दीदी- ओहहह सॉरी बाबू मुझे पहले ही भेजनी थी लेकिन मैं भूल गयी थी अभी भेजती हूँ जान ......

प्रतीक- (बच्चों जैसे खुश होते हुए ) thanks जान तुम बहोत बहोत प्यारी हो सच मे लव यू सो मच ...... good night जान ......

और कॉल कट गई ......

दीदी ने उठ कर कमरे की लाइट जलाई और अपनी नाइटी ऊपर कर के अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी झांटो वाली चूत के तीन चार क्लोजअप लिए और उन्हें प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दिया .........

मैंने अपना लंड सहलाते हुए कहा बड़ी खतरनाक प्लानिंग है तुम्हारी दीदी .....

दीदी मुस्कुराते हुए बोली मैं तो सोच रही हूं श्वेता की सील तुम्हारे लंड से तुड़वा दूँ ....... और दीदी की बात सुन कर मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो गया ....... लेकिन मुझे लगा अगर मैं ज्यादा जल्दबाजी करूँगा तो दीदी को सही नही लगेगा ...... मैंने दीदी के गाल पर किस करते हुए कहा ......

नही दीदी अब मुझे किसी की जरूरत नही है बस आप हो ना मेरे लिए ..... दीदी मुस्कुरा कर बोली मैं तो हूँ ही मेरी जान पर अगर प्रतीक तुम्हारी दीदी को चोदेगा तो तुम्हारा भी हक़ है कि तुम उसकी बहन चोद लो ...... मैंने कहा वो बाद की बात है अभी तो मुझे पहले अपनी प्यारी की दीदी रसीली बुर चोदनी है ........

दीदी हंस कर बोली हां जरूर लेकिन जैसे इतने दिन सब्र किया एक दिन और करो आज नही कल ....... यहां से लखनऊ के रास्ते मे कहीं किसी जगह बस मैं और तुम ....... इतना कहते हुए दीदी ने आंख मार दी मुझे ......

मैंने लंड को दबाते हुए कहा ठीक है दीदी एक रात और सही ...... और फिर हम दोनों एक दूसरे को बाहों में भर कर सोने की कोशिश करने लगे पर मेरा लंड खूंटे जैसा सख्त था और दीदी की बुर के ऊपर चिपका हुआ था ...... और मैं अपनी कमर को धीरे धीरे पुश कर के उसे दीदी की बुर पर रगड़ रहा था दीदी बोली ऐसे करोगे तो कैसे नींद आएगी ...... और फिर मेरा भी चुदने का मन हो जाएगा आज अभी। .......

मैंने कहा फिर तो एक ही रास्ता है आप अपने कमरे में जा के सो जाओ वरना आज की रात मैं भी खुद पर काबू नही कर पाऊंगा और चोद दूंगा तुम्हे ....... मेरी बात सुन कर दीदी उठी और अपने कमरे में चली गईं और मैं भी अपने लंड को तसल्ली देता हुआ सो गया .........

अगली सुबह हम टाइम से उठ गए मैं तैयार हो कर नीचे आ गया और प्रकाश को कॉल कर के उसे सब समझाया कि दो दिन मैं नही रहूंगा तो घर के काम का ध्यान दे ......, वो बोला आप बेफिक्र रहो भैया वैसे भी ऊपर का काम लगभग खत्म है आज आज में सब निपटा कर कल से प्लास्टर का शुरू करा दूंगा .......

फिर नाश्ता कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी वो बोली आज मैं नही जा रही कॉलेज और मैंने कहा ठीक है आज मैं अकेले ही चला जाता हूँ आप अपना बैग लगाना तो मेरे भी पैंट शर्ट और अंडरवियर बनियान ब्रश वगैरह रख लेना उसी में ........ दीदी बोली ठीक है मैं सब तैयारी कर लूंगी फिर मैं कॉलेज निकल गया और शाम को 3 बजे वापस आया ......

नहा कर कपड़े बदले और हल्का खाना खाया क्यों कि 6 घंटे की ड्राइविंग भी करनी थी ....... मैंने आज व्हाइट जीन्स और रेड शर्ट पहनी थी ....... और दीदी तो जब से मैं आया था नजर ही नही आई थीं . ....... और आखिर वो नजर आईं .......,

सीढ़ियों से उतरती हुई उन्होंने आज वही लहंगा पहना हुआ रहा ग्रे वाला इसमे वो एकदम अप्सरा जैसी दिखती थीं ...... खुले हुए लहराते बाल ...... माथे पर छोटी सी बिंदी ...... नाक में छोटी सी नथ और होंठो पर डार्क रेड मेटल लिपस्टिक उफ़्फ़फ़ दीदी का हुस्न देख कर ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और मैं हक्का बक्का सा बस दीदी को देखे जा रहा था .......

दीदी मेरे सामने आ खड़ी हुई और बड़ी अदा से मुस्कुरा कर बोली मुह बन्द कर ले विकी दिख तो आंखों से भी जाऊंगी ...... मैंने हड़बड़ा कर मुह बंद किया और झेंपते हुए कहा ....... दीदी आज तो प्रयागराज से ले कर लखनऊ तक आग लगने वाली है ......

दीदी के होंठो पर एक कामुक मुस्कान आ गयी और बोली ....... आग तो आज लगेगी ही पता नही कहाँ कहाँ ....... बैग ऊपर रखा है हमारा ..... मैंने कहा मैं ले कर आता हूँ और मैं भागता हुआ ऊपर गया और दौड़ता हुआ बैग ले कर नीचे आया ....... तभी मम्मी भी बाहर आ गईं ...... हमें तैयार देख कर बोली ..... टाइम से निकल जाओ बेटा रात का सफर अच्छा नही होता ......

मैंने बस मम्मी के पैर छुए और फिर बाहर आ कर बैग कार की पिछली सीट पर डाल दिया ....... कार गेट से बाहर निकाली ...... दीदी आईं और अगली सीट पर मेरे बगल में बैठ गईं .......

मम्मी भी पास आ गईं और आखिरी हिदायतें देने लगी बेटा वहां सबसे एकदम अच्छे से बात चीत करना पहली बार जा रही है तू उनके घर ....... दीदी बोली ओहह मम्मा मैं वहां उन लोगों से झगड़ा करने थोड़े जा रही हूं कल से आप इतना समझा चुकी हो मुझे ....... मम्मी भुनभुनाते हुए बोली पहली बार जा रही है अपनी ससुराल मेरा फ़र्ज़ है समझाना माँ हूँ तेरी और हमेशा रहूंगी .....

दीदी ने मुस्कुरा कर मम्मी के गाल खींचते हुए ओ मेरी प्यारी माँ मैं सब समझ गयीं हूँ जाते ही माँ जी के पैर छूने है और ज्यादा बकबक नही करनी है शांत रहना है एक बहु के जैसे ..... ठीक है ना अब जाएं हम.....??

मम्मी दीदी की इस हरकत पर हंस दी फिर मम्मी मुझसे कहने लगीं विकी फल और मिठाई ले लियो याद से भूल मत जाना और पहुंचते ही कॉल कर देना मुझे ........

मैंने कहा ok मम्मी और फिर मैंने एक्सीलेटर दबा दिया और हम निकल पड़े एक सुहाने सफर पर ........ जिस की मंजिल कुछ खास थी ......।
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neeRaj@RR

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दीदी आंखे बंद किये पड़ी हुई थी ....... पर मैं अभी प्यासा था मंजिल से दूर ...... बड़ी तीव्र इच्छा हो रही थी मेरी की कस कस के धक्के लगाऊं लेकिन दीदी के चेहरे पर छाया सुकून मुझे ऐसा करने से रोक रहा था ...... और तभी दीदी ने आंखे खोल कर कहा रुक क्यों गए जानू ........ चोदते रहो ना अभी तुम अपनी मंजिल तक नही पहुंचे मुझे पता है ........

मैंने दीदी के होंठ चूम कर कहा मेरी जान अब कोई मंजिल बाकी कहाँ है सारी मंजिले तो मेरी बाहों में है ...... दीदी बोली जानू आज तो कुछ अलग ही मज़ा आ रहा है पूरे बदन में अजीब सी सनसनी हो रही है और दिमाग मे बस चुदाई के गंदे गंदे खयाल आ रहे हैं .......

मैं समझ गया कि ये उस सिगरेट का कमाल है ...... और कुछ ऐसा ही मेरा भी हाल था मेरे मन मे दीदी को बेरहमी से रगड़ के चोदने के ख्याल आ रहे थे ...... मैंने दीदी के ऊपर से उठते हुए बेड से उतर कर कहा निक्की ...... अगर गंदे गंदे ख्याल आ रहे हैं तो चलो कुछ गंदा गंदा करते हैं ...... दीदी भी मुस्कुराती हुई बेड से उतर गई उनके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी जो कि बुरी तरह से फटी हुई थी और उसमे से उनकी चूत की गीली बुर के रस में भीगी हुई झांटे बाहर झांक रही थी .........

मेरी नजर बेड पर गयी उस पर एक बड़ा सा गीला धब्बा बना हुआ था मैंने दीदी को इशारे से उसे दिखा कर पूछा ये क्या है जान लगता है तुमने मूत दिया है ....... दीदी एकदम शर्मा कर बोलो धत्त वो तो मेरी बुर ने मस्त हो कर जूस निकाला है ....... मैंने कहा इतना सारा निकला है तो मुझे भी पिला देती जान वो बोली पी लो राजा किसने रोका है ........

और दीदी ने मेरे पास आ कर मेरे कंधों पर हाथ रख कर मुझे नीचे बिठा दिया और सामने खड़ी हो कर दोनो हांथो से अपनी चुदी और झड़ी हुई चुत फैला कर बोली लो जानू चाट लो अपनी बीवी की बुर .......

वो लंडकश नजारा देख कर मेरे मुह में पानी आ गया और मैंने सीधा हमला बोलते हुए दीदी की गीली बुर पर होंठ रगड़ने शुरू किए दिए और फिर जीभ निकाल कर दीदी की झांटो पर फिराने लगा ....... दीदी के झांटो में लगा उनकी बुर का पानी मेरे मुह में घुल गया और फिर मैंने दीदी के चूतड़ों को पकड कर मसलते हुए पूरी जीभ एक झटके से बुर में घुसा दी और चाटने लगा ........ चूत के एक एक कोने पर जीभ फिरा कर दीदी की बुर से रिसता हुआ सारा रस चाट कर साफ करने के बाद जैसे ही मैंने अपना मुह उनकी बुर से हटाया दीदी ने झुक कर मेरे चेहरे को हथेलियों में भरते हुए अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी और चाटने लगी ....... ऊऊम्म्म्म्म जानू मेरी बुर का टेस्ट वाकई मज़ेदार है ........


मैंने कहा रानी मुझे तेरा मीठा मीठा थूक पीना है पिला दे ना ...... दीदी ने मुस्कुरा कर मेरी आँखों मे देखा और मैंने मुह खोल दिया ....... दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए मेरे मुह में थूक दिया ....... aaahhhhh दीदी का गाढ़ा शहद जैसा थूक मेरी जीभ पर गिरा और मैं उसे चूस कर निगल गया ....... दीदी हंस कर घूम गयी और अपनी गांड़ मेरी ओर कर के झुक कर दोनो हाथो से गांड़ फैला कर बोली जानू मेरी गांड़ की दरार में भी चूत का रस भरा हुआ है बह बह कर और ये सुनते ही मैं दीदी की गांड़ की दरार को कुत्ते जैसे चाटने लगा और दीदी मेरे बाल मुट्ठी में पकड़ कर अपनी गांड़ मेरी जीभ पर रगड़ते हुए चटाने लगी ........

मैं चूतड़ों को मसलते हुए दीदी की गांड़ के छेद को चूमने और चूसने लगा और अचानक पता नही मुझे क्या सुझा मैंने एक तेज थप्पड़ दीदी के चूतड़ पर लगा दिया चटाक की आवाज़ गूंजी और दीदी का चूतड़ थरथरा गया ....... दीदी सिसक कर बोली aaahhhhh राजा ....... i like it .......


और ये सुन कर मैं खड़ा हुआ दीदी के खुले हुए बाल मुट्ठी में पकड़ कर लगभग उन्हें खींचते हुए बेड तक लाया और बेड पर धकेल कर बोला कुतिया बन जा रानी ये सुन कर दीदी झट से अपने हथेलियां बेड पर टिका कर झुक गयी और अपनी गांड़ उभार कर बोली लो राजा तुम्हारी कुतिया तैयार है लंड खाने के लिए और मैंने पीछे से दीदी की बुर के छेद में लंड टिका कर उनके चूतड़ पकड़ कर एक जोर का धक्का मारा आए लंड दीदी की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उनके गर्भाशय से जा टकराया दीदी के मुह से हल्की सी चीख निकल गयी .........


उन्होने बेड की चादर को मुट्ठी में भर लिया और अपना चेहरा बेड में धंसा के सिसक कर बोली ऐसे ही पेलो मेरे साजन ........ अपनी कुतिया को और मैंने तेज तेज धक्के मार के लंड उनकी बुर में ठोकना शुरू कर दिया ....... हर धक्के पर उनकी चीख निकल रही थी ....... बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी ........ और यहां कमरे में दीदी की धकापेल चुदाई ........

मैंने लंड पेलते हुए दीदी के बालों को मुट्ठी में पकड़ा और किसी घोड़े की लगाम जैसे खींचते हुए हुमच हुमच के तूफानी चुदाई शुरू कर दी ....... मैं अब बस झड़ना चाहता था ........ कैसे भी मेरे टट्टे में मेरा वीर्य मुझे उबलता हुआ महसूस हो रहा था ........

दीदी अपनी चूत मेरे लंड पर दबाती हुई बोली जानू ........ aaaahhhhhh मेरी गांड़ पर थप्पड़ मारते हुए चोदो ना प्लीज ऊफफफ फिर से झड़ जाऊंगी ....... मैंने दीदी के नंगे चूतड़ को एक हाथ से मसलते हुए एक झन्नाटेदार थप्पड़ उनकी गोरी गांड़ पर लगाया ....... चटाक और सटासट अपना लोड़ा उनकी बुर में पेलने लगा दीदी की बुर से पानी बह बह कर उनकी जांघो को भिगो रहा था और दीदी का बदन एक बार फिर से अकड़ने लगा और वो कांपती हुई झड़ने लगी ....... उसी के साथ मेरी भी टांगे कांपने लगी और मेरे मुह से aaahhhhh निकल पड़ी ....... उफ़्फ़फ़ दीदी ले मैं भी गया aaahhhhh दीदी निकिता मेरी बीवी साली ले मेरे लंड का माल अपनी बुर में और मैं दीदी की पीठ पर गिर कर हांफते हुए झड़ने लगा ........ मेरे लंड से वीर्य की बारिश दीदी के बुर में होने लगी ...... और मैं पूरे एक मिनट तक झटके ले ले कर दीदी का बुर का टैंक फिल करता रहा .......

पता नही कितनी देर मैं ऐसे ही बेसुध सा दीदी के ऊपर पड़ा रहा ....... हमे होश आया जब दरवाजा खटखटाने कि आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और मैं दीदी के ऊपर से हटा ........ वो बूढ़ा आवाज़ दे रहा था और बोला साहब खाना लग गया है खा लो नही तो ठंडा हो जाएगा ....... मैंने उसे जवाब दिया ...... चाचा तुम जाओ आराम करो मैं खा लूंगा और वो शायद चला गया .......


मेरी नजर दीदी पर पड़ी वो पेट के बल टांगे खोले पड़ी थीं उनकी बुर के होंठ फैले हुए दिख रहे थे और एकदम लाल लाल ....... और बुर से मेरे वीर्य की एक पतली सी तार धीरे धीरे बेड पर चू रही थी ........ बड़ा हसीन नजारा था ....... मैंने अपने लोअर से लंड पोंछा पर ये साला झड़ने के बाद भी खूंटे जैसा खड़ा था .......

मैने लोअर पहनते हुए दीदी को आवाज़ दी ....... निकिता उठो चलो खाना खा लेते हैं ....... दीदी धीरे से उठी और बोली मेरा पेट तो आपका लंड खा खा कर ही भर गया है आज ............ और अपनी बुर पर हाथ फिराने लगी ........ फिर वो अपने कपड़े उठाने लगी मैंने कहा निकी वेट मैं लोअर पहन चुका था दरवाजा जरा सा खोल के देखा तो हाल में कोई नही था ...... मैं बाहर हाल में आया और उसका दरवाजा अंदर से बंद करते हुए दीदी को आवाज़ दी। ........।

आ जाओ जानू यहां कोई नही मेरे सिवा और दीदी वो ही फटी पैंटी पहने हुए हाल में आ गयी .......

हम सोफे पर बैठे और देखा मेज़ पर एक बाउल में आलू टमाटर की सब्जी ढकी हुई रखी थी एक बड़ी कटोरी में कोई सूखी हरी सब्जी थी गरम रोटियां सलाद आम का अचार और एक लोटे में गरम दूध भरा हुआ रखा था ........ साथ ही दो खाली प्लेट कटोरी चम्मच खाली ग्लास भी रखे थे ....... मेज़ की नीचे प्लास्टिक की छोटी बाल्टी में पानी और एक लोटा रखा था ........

खाने की खुशबू अच्छी थी शायद चूल्हे में बना हुआ खाना था और मुझे तो जोर से भूख भी लगी हुई थी ...... गांजा पीने की वजह से मैंने कहा जानू बड़ी तेज भूख लगी है जल्दी से खाना लगाओ ...... दीदी ने फटाफट प्लेट में खाना परोसते हुए कहा इतनी मेहनत की है भूख तो लगेगी ही .. ...... वैसे खाना देख के तो मुझे भी भूख लग आयी है ........

और फिर हम खाने पर टूट पड़े 10 रोटियां थी दीदी ने 4 खाई बाकी मैं साफ कर गया पर अब भी मेरी भूख शांत नही हुई थी तो मैं सारी बची हुई सब्जी भी चट कर गया ...... दीदी बोली यार खाना तो बड़ा मज़ेदार था ....... मैंने हंसते हुए कहा नही खाने से ज्यादा मज़ेदार चुदाई थी ........ दीदी ने गिलास में दूध डाल के एक मुझे पकड़ाया और बोली तो फिर जल्दी से ये दूध पी लो ........ फिर चुदाई करते हैं जानू और ये सुनते ही मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा ........

मैंने दूध का गिलास मुह से लगाया और पीते हुए दीदी की एक चूची मुट्ठी में पकड़ कर तेजी से मसल दी ...... दीदी के मुह से तेज सिसकी निकली और बोली उफ़्फ़फ़ जानू थोड़ा धीरे से ना दुखता है ....... मैंने उनकी बात को अनसुना करते हुए दीदी के तन कर खड़े निप्पल को पकड़ कर किसी खिलौने की चाभी की तरह उमेठ दिया और दीदी हाय हाय करते हुए बोली ....... उफ़्फ़फ़ जंगली कही के आराम से ना नोच लोगे क्या।

मैंने कहा नोचूँ या काटूँ जो मर्ज़ी होगी करूंगा कोई प्रॉब्लम है ....... दीदी ने दूध का गिलास एक सांस में खाली कर के मेज़ पर पटका और बोली अभी तक मैं एक नई दुल्हन की तरह प्यार से चुद रही थी लेकिन लगता है अब मुझे अपना असली रूप दिखाना पड़ेगा ....... मैंने लंड मसलते हुए कहा तो दिखाओ ना जल्दी से मैं भी अपनी सेक्सी बीवी का नंगापन देखना चाहता हूं आज और इसी के साथ दीदी उठ कर सोफे पर चढ़ गई और अपनी नंगे चूतड़ मेरे मुह पर रगड़ते हुए बोली ले राजा फिर चाट अपनी बीवी की गांड़ गरम कर मुझे और देख मेरा रंडीपन आज ....... मैंने जीभ निकाली और एक बार फिर दीदी की गांड़ पर टूट पड़ा और रगड़ रगड़ कर चाटने लगा दीदी सिसियाते हुई बोली aahhh राजा तुझे मेरी गांड़ बहोत पसन्द है ना .......

मैंने जीभ को गांड़ के छेद में घुसाने की असफल कोशिश करते हुए कहा ........ ऊऊम्म्ममम्म हां रानी बहोत प्यारी गांड़ है मेरी बीवी को ....., दीदी बोली गांड़ मारेगा अपनी रण्डी बीवी की ...... मैंने कहा उफ़्फ़फ़ ये क्या कह रही हो जान दीदी बोली अब मैं तेरी जान से बढ़ कर तेरी रण्डी हो चुकी हूं राजा तेरी लंडखोर कुतिया बोल चोदेगा मेरी गांड़ अभी कुँवारी है आजतक लंड नही घुसा इसमे ..... aaahhhh ऊऊफ़फ़फ़फ़फ़ससससससस ऐसे ही चाट कुत्ते .........

दीदी की बातें सुन कर मेरे दिमाग ने काम कर करना बंद कर दिया अब मुझे सामने सिर्फ एक नंगा बदन दिख रहा रहा जिसे चोदने के लिए मैं बेकरार था ....... मैंने जीभ गांड़ से ले कर बुर तक फिराते हुए कहा हां रानी मेरी रण्डी चोदूगा तेरी गांड़ और दीदी ने कहा फिर जरा उंगली से ढीली के दे मेरी गांड़ का छेद ऐसे तो घुसेगा नही तेरा मोटा लोड़ा मेरा गांड़ में ........

मैंने अपना अंगूठा मुह में डाल कर चूसा और दीदी के गांड़ के छेद पर रब करते हुए एकदम से अंदर पेल दिया उफ़्फ़फ़ दीदी की गांड़ अंदर से इतनी गर्म थी ..... मैं अंगूठे को गोल गोल दीदी की गांड़ में घुमाने लगा और फिर बाहर निकाल का वापस अंदर घुसेड़ दिया और फिर अंगूठा निकाल कर उनकी गांड़ की छेद को चाटने लगा ......

दीदी सिसकते हुए बोली उफ़्फ़फ़ ऐसे ही चाट ले हरामी अपनी दीदी की गांड़ ....... और फिर वो एकदम से नीचे उतर गयीं और मेरा लोअर खींच कर उतार दिया और मेरी टांगों के बीच बैठ कर लंड को गप्प से मुह में ले कर चूसने लगी ........ दीदी तेजी से सर हिलाते हुए लंड को पूरा गले तक उतार कर चूस रही थीं और बस एक मिनट लंड चूसने के बाद उन्होंने उठ कर मेरे पैरों को अपने दोनो पैरों के बीच मे लिया और मेरा लंड अपनी गांड़ के छेद पर रख कर अपने जिस्म का भार लंड पर डालते हुए बैठने लगी ........

मुझे लगा जैसे मेरा सुपाड़ा किसी शिकंजे में कसा हुआ हो और ....... मेरा लंड धीरे धीरे दीदी की गांड़ के छल्ले को खोलता हुआ अंदर सरकने लगा....... दीदी के चेहरे पर दर्द नजर आ रहा था वो आंखे बंद कर के होंठो को काटते हुए दर्द को पीने की कोशिश कर रही थीं पर अभी आधा सुपाड़ा ही गांड़ में समाया था इतने में ही उनकी हालत खराब हो रही थी .......


दीदी ने दो तीन गहरी सांसें ले कर फिर थोड़ा सा जोर लगाया और एकदम से चिहुँक कर उठ गई बोली मुझसे नही होगा ....... विकी तुम ही कोशिश करो ........ मैंने भी आजतक गांड़ नही मारी थी नया काम था मेरे लिए पर मैं एक्सिटेड था ....... मैंने कहा दीदी तुम सोफे पर लेट जाओ दीदी सोफे पर लेट गयी और अपनी टाँगे उठा ली मैंने एक बार दीदी की गांड़ के छेद पर थूका और फिर थोड़ा थूक अपने सुपाड़े पर लगा कर उसे चिकना किया और दीदी की गांड़ पर सुपाड़ा टिका कर ....... धीरे धीरे कमर के दबाव देते हुए उसे घुसाने लगा और आखिर सुपाड़ा एकदम से गांड़ में घुस कर अटक गया ........

दीदी मचलते हुए कसमसाने लगी ......, और बोली उफ़्फ़फ़ गया क्या मैंने कहा हां आधा चला गया दीदी...... वो बोली अभी इतने से ही करो फिर और डालना ....... मैंने सुपाड़ा आधा बाहर खींचा और फिर अंदर पेल दिया दीदी सिसक उठी और एक हाथ से अपनी चूत का दाना मसलने लगी ..........

अब मेरे लंड का तनाव हद से ज्यादा बढ़ चुका था और वो दीदी की गांड़ का कसाव महसूस करना चाहता था मैने थोड़ा झुक कर दीदी का एक निप्पल मुह में लिया और चूसते हुए उस पर दांत गड़ा दिए दीदी एकदम से कराह कर बोली उफ़्फ़फ़ राजा ऐसे ही चुसो ...... मैं दो मिनट तक निप्पल चूसता रहा और दीदी मेरे माथे को चूम कर बोली अब पेलो ना जान मैंने कहा क्या पेलूँ रानी ......., दीदी बोली ....... ऊऊम्म्म्म अपना लंड पेल दो राजा मेरी कसी कसी गांड़ में और मैंने हुमच कर एक धक्का लगाया तो लंड दीदी की गांड़ को चीरता हुआ आधे से ज्यादा समा गया दीदी की गांड़ में दीदी छटपटाने लगी मुझे ठेल कर दूर करने को कोशिश करने लगी पर वो कुछ खास कर ना सकी ......

मैं वैसे ही रुक कर उनकी दूसरी चूची पीने लगा और उनके माथे को सहलाने लगा ...... दो मिनट में उनकी सांसे सामान्य हुई और मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और पूरी ताकत से एक धक्का ले कर जड़ तक लंड दीदी की गांड़ में पेल दिया दीदी चीखती हुई बोली aaahhhhhh फाड़ दी रे मेरी गांड़ ........ हाय्य्य्य मैं मरी ...... और मैंने हल्के धक्के लगाते हुए लंड को गांड़ में अंदर बाहर करते हुए दीदी को गांड़ चोदना शुरू कर दिया दीदी सिसक रही थी बिलख रही थी ....... और मैं बस उनकी चुचियाँ पीते हुए उनकी गांड़ चोद रहा था .......

दीदी की गांड़ का छल्ला मेरे लंड को जोर से जकड़े हुए था और जब मैं लंड बाहर खींचता तो ऐसा लगता लंड के साथ उनकी गांड़ भी बाहर खींची आ रही है ........धीरे धीरे मेरे धक्कों की गति बढ़ने लगी और दीदी की दर्द भरी कराह सिसकियों में बदलने लगे और फिर आहों में .........

जल्दी ही दीदी ने अपनी चुत का दाना सहलाते हुए अपनी गांड़ हवा में उठानी शुरू कर दी ...... मेरी दीदी की गांड़ चोदने की गति अधिकतम सीमा पर पहुंच गई और कमरे में ठप ठप का मधुर संगीत गूंजने लगा ....... 10 मिनट तक दीदी कि गांड़ को अपने लंड से कूटने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया ...... और देखा दीदी की गांड़ का छेद खुला हुआ बहोत खूबसूरत दिख रहा था .........

मैंने कहा दीदी अब कुतिया बनो ना और दीदी झट से सोफे पर पलट कर अपनी गांड़ उठा दी मैंने एक बार फिर उनकी गांड़ के छेद पर थूक दिया और मेरा थूक बहता हुआ उनकी गांड़ में समा गया मैंने सुपाड़ा दीदी की गांड़ पर टिकाया और एक झटके से पेल दिया लंड फच्च से दीदी की गांड़ में समा गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर एक जोर का थप्पड़ लगा कर फुल स्पीड में गांड़ चोदनी शुरू कर दी....... दीदी भी तेजी से अपनी बुर मसलते हुए अपनी गांड़ मेरे लंड पर पटकते हुए बोली aaahhhhhh राजाजी क्या चोदते हो ....... बस ऐसे ही चोदे जाओ अपनी रांड को हाय मैं तो तेरे लंड की गुलाम हो गयी उफ़्फ़फ़ मैं झड़ी रे फिर से ....... राजा बह गई मेरी बुर और दीदी एक बार फिर से झड़ने लगी ........ मैं भी बस एकदम कगार पर था .........

मैंने दोनो हाथ बगल से डाल कर दीदी के निप्पल पकड़े आए मसलते हुए 15-20 तेज धक्के लगाए और कांपते हुए दीदी की गांड़ में लौड़े का पानी भरने लगा ....... अपनी गांड़ के अंदर पहली बार लंड के पानी की गरम बौछार महसूस कर के दीदी एकदम कांपने लगी और सिसिया के बोली लव यू मेरी जान लव यू सो मच....... और सोफे पर ढेर हो गयी मैं भी उनके नंगे बदन पर लेट गया ......... और दोनो अपनी तेज धड़कनों और उखड़ी हुई सांसो को सम्हालने लगे ........।

कुछ देर बाद दीदी बोली जानू हटो न मुझे टॉयलेट जाना है मैं उठा तो लंड फिसल के दीदी की गांड़ से बाहर आ गया और लंड का पानी उनकी गांड़ से टपकने लगा ...... दीदी किसी तरह उठी उनके मुह से आह निकली ...... मैंने पूछा क्या हुआ वो बोली दर्द हो रहा है जान मैंने शरारत से पूछा कहा ....... वो मुस्कुरा कर बोली गांड़ में ....... उन्होंने कदम बढ़ाया और लड़खड़ा सी गयी ...... मैंने जल्दी से उन्हें सहारा दिया और फिर उन्हें अपनी बाहों में उठा लिया और पीछे वाले कमरे से होता हुआ बाहर बरामदे में आ गया ........

बारिश थम चुकी थी और मैंने दीदी को गोद मे उठाये ही कहा मूतो ना दीदी ...... वो बोली उतार तो सही मैंने उन्हें खड़ा कर दिया और वो वही बरामदे की सीढ़ी पर बैठ कर मूतने लगी मैं भी उनके बगल में खड़ा ही कर पेशाब करने लगा और फिर एक बार फिर से मैने उन्हें गोद मे उठाया और ला कर बेड पर लिटा दिया फिर मैंने दोनो दरवाजे अंदर से बंद किये और बेड पर आ कर दीदी के नंगे जिस्म को बाहों में भर कर ....... सो गया ......।
 
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Tiger 786

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हमारी कार मुख्य मार्ग पर आ चुकी थी और मैंने सोचा सबसे पहले जरूरी काम कर लिए जाएं क्योंकि उनमें लापरवाही हुई तो मम्मी पापा का गुस्सा झेलना पड़ेगा ........

अगले ही चौराहे पर मैंने कार किनारे लगाई दीदी बोली क्या हुआ मैंने कहा कुछ नही आपकी ससुराल का इंतजाम कर लूं लखनऊ पहुंचते रात हो जाएगी वहां कुछ ना मिला तो ....... और फिर मैंने एक स्वीट्स शॉप से 5 kg बढ़िया क्वालिटी की मिठाई और एक फ्रूट शॉप से 5 तरह के फल पैक करवाये और वो सारा सामान कार की डिक्की में सेट किया हमारा बैग भी मैंने डिक्की में सेट कर दिया बैक सीट खाली चाहिए थी मुझे ........

और फिर मैंने कार स्टार्ट कर के आगे बढ़ा दी ...... शाम के 5 बज रहे थे ........ तभी दीदी बोली विकी मुझे कुछ पैसे चाहिए मैंने कहा कितने वो बोली 20000 मैंने हैरानी से उन्हें देखा और कहा इतने पैसे क्या करूंगी वो बोली प्लीज दो ना बाद में बता दूंगी ...... अब उन्हें मना करने का तो सवाल ही नही था सो मैंने एक एटीएम के सामने कार रोकी और 20000 निकाल कर उन्हें दे दिए अच्छा हुआ मैंने एटीएम कार्ड पर्स में डाल रखा था .......

पैसे ले कर दीदी ने पर्स में रखे और बोली किसी ज्वेलरी शॉप में रुकना दो मिनट के लिए मुझे लगा वो शायद प्रतीक या श्वेता के लिए कुछ लेंगी और मैंने एक ज्वेलरी शॉप में कार रोक दी ..... दीदी बोली तुम यहीं रुको मैं आती हूँ जान ....... और वो शॉप में घुस गई और 5 मिनट बाद ही वो मुस्कुराते हुए आईं और बैठते हुए बोली अब चलो ......

मैंने कार बढ़ा दी पर मेरे समझ कुछ नही आया तभी प्रतीक का काल आया मैंने फोन रिसीव किया ........ हेलो जीजू कैसे हैं आप ...... वो बोले मैं एकदम अच्छा हूँ तुम लोग निकले ? मैंने कहा बस निकल रहे हैं जीजू ...... वो बोले ...... यार लेट कर दिया यहाँ पहुंचते बहोत रात हो जाएगी ....... मैंने कहा अब तो निकल ही रहे हैं तो पहुंच भी जाएंगे ........ वो बोले फिर भी साथ मे निकिता भी है रात का सफर सुरक्षित नही होता लेडीज़ के साथ ..... मैंने कहा मैं हूँ ना जीजू आप फिक्र मत करो ...... वो बोले ठीक है रास्ते मे कोई प्रॉब्लम हो तो फौरन कॉल करना मुझे ...... मैंने कहा ok और कॉल काट दी .....

दीदी बड़े गौर से देख रही थीं मुझे मैंने कहा बड़ी फिक्र है प्रतीक को तुम्हारी ....... दीदी ने कहा पर मुझे कोई फिक्र नही अपनी ...... मैंने पूछ लिया क्यों ....... दीदी मेरी ओर खिसक आईं और मेरी बांह पकड़ कर चिपक गयीं मुझसे और बोली मेरा he-man है न मेरे साथ मेरी प्रोटेक्शन के लिए ....... मुझे किसका डर .....

मैंने कहा ओहहह मेरी जान तो तुम्हें बस मुझसे ही डरने की जरूरत है ....... दीदी बोली तुमसे क्यों डरूँ मैं ...... मैंने दीदी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने और नजदीक खींचते हुए कहा क्यों कि आज तुम कयामत लग रही हो दीदी और मैं बस जल्दी से जल्दी तुम्हे चोदना चाहता हूं .......

दीदी ने अपना लिपस्टिक लगा होंठ मेरे कान पर रगड़ते हुए कहा उफ़्फ़फ़ विकी मेरी जान पर अभी तो उजाला है अंधेरा तो होने दो ....... मैंने कहा अंधेरा होने तक मुझसे इंतजार नही होगा रानी .......,


दीदी बोली उफ़्फ़फ़ मेरे बेताब आशिक इंतजार तो मुझसे भी नही होता था जब तुम मेरी चूत चाट चाट कर मेरा पानी निकाल देते थे पर मैंने किया न ऐसे ही तुम भी बस थोड़ा सा इंतजार और कार लो अंधेरा हो जाने दो फिर तुम्हारी निक्की तुम्हें नही रोकेगी जी भर के कर लेना अपने दिल की चोद लेना मेरी बुर मेरे राजा .......


फिर दीदी बोली यार विकी ड्रिंक कर के ड्राइव करना रिस्की है ना ...... मैंने कहा है तो सही पर एक बियर से उतना फर्क नही पड़ता यार बाइक तो हमेशा चलाता हूँ बियर पी के ...... दीदी अपना होंठ काटते हुए बोली ले लो फिर मैं तुम्हारे साथ पहली चुदाई को पूरा एन्जॉय करना चाहती हूं राजा ......


मैं मुस्कुरा दिया और दीदी की कमर को कस के मसल दिया दीदी सिसक उठीं उफ़्फ़फ़ विकी ऐसे ना मसलो दर्द होता है ........ मैंने कहा रानी आज तो बहोत दर्द दूंगा तुम्हे जी भर में मसलूंगा रगडूंगा ..... दीदी सिसक कर मेरे सीने पर हाथ फिराती हुई बोलो सिर्फ दर्द दोगे या मज़ा भी दोगे मेरी जान ...... मैंने कहा दोनो ......


अब कार शहर से निकल कर हाईवे पर आ गयी थी और मैंने फोन पर गूगल मैप में डेस्टिनेशन डाल कर सर्च किया तो दो रूट दिखे एक तो कानपुर हो कर लखनऊ दूसरा प्रतापगढ़ होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ वाला रूट छोटा भी था और जहां तक मेरी जानकारी थी कानपुर वाले रूट पर भारी ट्रैफिक और भीड़ भाड़ होती है जबकि दूसरा रूट एकदम फ्री होता है ना के बराबर ट्रैफिक तो मैंने बायपास चौराहे से कार को प्रतापगढ़ वाली रोड पर मोड़ दिया ........


बस कुछ किलोमीटर चलने के बाद ही सड़क पर सन्नाटा सा दिखने लगा बस इक्का दुक्का गाड़ियां नजर आती और खाली सड़क ....... दीदी वैसे ही मुझसे चिपकी हुई बैठी थीं ..... और मैं दीदी की नंगी कमर पर उंगलियां फिराते हुए 50-55 की स्पीड से ड्राइव कर रहा था ....... इस रूट से लखनऊ की दूरी सिर्फ 210 km थी और 5 घंटे का सफर दिख रहा था मैंने इसमे 2 घंटे और जोड़ दिए तो मुझे लगा 12 बजे तक पहुंच जाएंगे .......

तभी रास्ते मे एक छोटा कस्बा पड़ा और कस्बे के किनारे पर ही बियर शॉप नजर आयी ..... मैंने कार रोकी और 3 कैन किंगफिशर की और दो सिगरेट ले आया ....... सीट पर बैठ कर मैंने एक दीदी को दे दी और दूसरी खुद खोल ली और कार आगे बढ़ा दी धीरे धीरे बियर पीते हुए मैं कार ड्राइव कर रहा था ......... कोई 10-12 किलोमीटर आते आते हमारी बियर खत्म हो गयी सितम्बर का महीना था दिन छोटा होने लगा था और सवा पांच बजे रहे थे धुंधलका होने लगा था .......

मैंने खाली कैन बाहर उछाल दी और विंडो का ग्लास चढ़ा कर सिगरेट जला ली दो कश लेते ही मेरे दिमाग में सनसनी होने लगी और मैंने दीदी की ओर देखते हुए कहा जानू अंधेरा होने लगा है दीदी ने भी अपनी खाली कैन बाहर उछाल दी और बोली हां जान हो तो रहा है .......

मैंने कहा चुदवा बाद में लेना पर पास तो आओ रानी अब ये दूरी बर्दाश्त नही होती ....... दीदी मेरे पास आईं एक पैर गियर लिवर के इस ओर कर के एकदम अच्छे से लिपट गयीं मुझसे और मैंने एक हाथ उनकी नंगी कमर में डाल कर उन्हें खुद से लिपटा लिया .......

दीदी ने मेरे होंठो से सिगरेट निकाली और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिये और फिर सारा धुंवा मेरे मुह में ही उगल दिया जिसे मैंने निगल लिया ....... उफ़्फ़फ़ सिगरेट पीने का ये तरीका मुझे बहोत पसन्द आया एक ही कश में हम दोनों का काम हो रहा था ....... फिर ऐसे ही दीदी अपने फेफड़ों में धुंवा भर के मेरे मुह में उगल देती और मैं उसे मुह से निगल के नाक से रिलीज कर देता आखिरी कश ले कर दीदी ने सिगरेट बाहर उछाल दी ........

अब ठीक ठाक अंधेरा हो गया था ....... और मैंने कहा निकिता मेरी गोद मे लेट जाओ ना तुम ...... और दीदी अपने पैर मोड़ कर आगे की सीट पर लेट गयी अपना सर मेरी गोद में रख कर ....... मैंने उनकी डिजाइनर ब्लाउज में कसी हुई चूची पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा दीदी लरजने लगीं और अपना गाल मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी .........

जिसका असर ये हुआ कि अगले दो मिनट में ही मेरा लंड पैंट के अंदर जबरदस्त उछल कूद करने लगा ...... जिसे दीदी ने भी महसूस किया ...... और उन्होंने एक हाथ लंड पर रख कर उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो पैंट के अंदर था बस वो टच कर पाईं उसे ....... और उठ कर बैठ गयी और बोली जानू मैं इसे बाहर निकाल लूं क्या ....... और तभी उनकी नजर सड़क के किनारे बने हुए एक मंदिर पर पड़ी जो एकदम जंगल मे सुनसान सड़क के किनारे बना हुआ था ......


दीदी तेजी से बोली विकी गाड़ी रोको जल्दी ....... और मैंने तेजी से ब्रेक दबा दिए गाड़ी एक झटके से रुकी मैंने कहा क्या हुआ ....... वो बोली बताती हूँ और दरवाजा खोल कर बाहर निकल आईं ....... मुझे लगा शायद उन्हें टॉयलेट जाना होगा पर वो घूम कर मेरी ओर आईं और मुस्कुरा कर बोली आप भी बाहर आइये ना ........



मैं थोड़ा सा चौंका शायद पहली बार दीदी ने इस तरह बात की थी मुझसे वरना तो तू तड़ाक से ही बात होती थी मुझसे ...... मैं दरवाजा खोल कर बाहर आ गया ....... दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा कार की पिछली सीट पर से अपना पर्स उठाया और मंदिर की ओर चल दीं ..........


मैं भी बस उनके साथ खिंचा हुआ सा चला गया मंदिर के बाहर उन्होंने अपनी जूतियां उतारी और मुझे भी जूते उतारने को बोला मैंने भी जूते उतार दिए और हम अंदर आ गये ये काफी पुराना मंदिर था लग रहा था यहां सालों से कोई नही आया और मंदिर के बीच मे एक शिवलिंग था दीदी ने प्रणाम किया और मैंने भी हाथ जोड़ दिए .......


फिर दीदी ने मेरी ओर देख कर कहा विकी तुमने मुझे हर मुसीबत से बचाया मेरी सारी परेशानियां दूर की मेरी हर ख्वाइश पूरी की बस आज मेरी आखिरी ख्वाइश पूरी कर दो ....... उन्होंने अपने पर्स से एक डिब्बी निकाली और उसे खोल कर एक खूबसूरत सा मंगलसूत्र निकाला और उसे मेरे हाथों में पकड़ा कर बोली विकी ये पहना दो मुझे .........


मैं हक्का बक्का स खड़ा था मेरे समझ मे कुछ नही आ रहा था बस खोपड़ी सांय सांय कर रही थी बाकी सब तो ठीक था पर दीदी से शादी ये मैंने सोचा तो था कई बार ख्यालों में एक दो बार दीदी ने जिक्र भी किया था पर ........


मेरी हिचकिचाहट देख का दीदी ने मेरे आगे हाथ जोड़ दिए और बोली प्लीज विकी ये मेरी आखिरी ख्वाइश है इसके बाद मैं तुमसे कभी कुछ नही मांगूंगी ....... और दीदी का ये प्यार ये समर्पण देख कर मेरी आँखो में आंसू भर आये मैंने बस चुपचाप वो मंगलसूत्र उनके गले मे पहना दिया ......., और फौरन ही दीदी ने एक और डिब्बी निकाली पर्स से और उसे भी खोल कर मेरे आगे करते हुए बोली विकी ये एक चुटकी सिंदूर भी उसके बाद तुम्हारा पूरा हक है मुझ पर ....... मैंने बिना एक भी शब्द बोले सिंदूर लिया और जरा सा दीदी की मांग में भर दिया ...... और दीदी कस के मुझसे लिपट गयीं ........


वक़्त मानो रुक से गया ..... सब कुछ ठहर से गया मैं भी सब भूल कर दीदी को कस के गले से लगा कर उस अहसास में डूब गया ......... कुछ देर बाद हमे सड़क पर किसी गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी तो हम होश में आये दीदी मुझसे अलग हुई और हमने भगवान को प्रणाम किया और फिर बाहर आ गए ........


जूते पहन कर हम कार में बैठे और मैंने कार स्टार्ट कर के आगे बढ़ा दी ........ हम दोनों चुपचाप बैठे थे ....... पर मेरी धड़कने बहोत तेज थी ........ कुछ देर बाद दीदी ने खामोशी तोड़ते हुए कहा क्या हुआ जी आप ऐसे चुप क्यों हो ....... मैंने कहा कुछ नही दीदी बोली सॉरी पता नही मुझे ऐसा करना चाहिए था या नही पता नही ये सही है या गलत पर ये मेरे दिल की ख्वाइश थी विकी ....... मैं सिर्फ सेक्स की भूखी नही हूँ तुमसे प्यार भी करती हूं और अपना प्यार जताने के बस यही तरीका ठीक लगा मुझे .........


अगर मैंने गलत किया हो तो मुझे माफ़ कर देना जानू दीदी की इस प्यार भरी मनुहार से मेरे होंठो पर मुस्कान आ गयी ....... और मैंने कहा कुछ गलत नही किया आपने दीदी ने मेरे होंठो पर उंगली रखते हुए कहा आपको तो बीवी से बात करने का तरीका भी नही पता जी ....... बीवी को आप नही तुम कहते हैं .......


मैंने हंसते हुए कहा पर प्रतीक भी तो तुम्हे आप कहता है अक्सर ...... दीदी मुस्कुरा कर बोली वो अभी वेटिंग में है जान जबकि आपका टिकट कन्फर्म हो चुका है फिलहाल तो मैं आपकी बीवी हूँ तन मन से ........ धन तो है नही मेरे पास ...... मैंने जेब से एटीएम निकाल कर उनके हाथ मे देते हुए कहा ये लो जानेमन एटीएम कार्ड 33-34 लाख रुपये हैं इसमे ....... दीदी बोली ओहहो मेरे पति पैसे वाले हैं फिर तो मैं तन मन धन से आपकी हुई .........


कुछ भी हो पर दीदी के इस के प्यार से मेरा दिल भर आया था और मुझे ये चिढ़ भी हुई कि इतने दिन मैंने दीदी को कितना तरसाया तड़पाया वो मेरा प्यार चाहती थीं और मैं बस उन्हें हर बार प्यासा छोड़ देता था लेकिन अब नही और नही तरसने दूंगा अपनी जान को .........


मैंने दीदी को खींच कर फिर से अपनी गोद मे लिटा लिया और उनके बालों में उंगलियां फिराते हुए कहा जानू अगर तुम्हारा ये प्लान था तो मुझे बता दिया होता इस बारे में ....... कम से कम मैं भी अपनी बीवी को सुहागरात मनाने से पहले कोई गिफ्ट दे देता मुह दिखाई में ......... दीदी मुस्कुरा कर बोली जानू मैं तो बहोत डरी हुई थी कि पता नही मेरी इस बात सुन कर तुम कैसे रियेक्ट करो ....... कहीं नाराज़ ना हो जाओ ....... इसलिए पहले से नही बताया और रही बात गिफ्ट को तो ये है ना .......


उन्होंने मेरे लंड पर उंगलियां गड़ाते हुए कहा बस इसे अपनी बीवी की चूत में ठोंक देना आज इस से बड़ा और कीमती गिफ्ट मेरे लिए कुछ नही होगा मेरी जान........ मेरी उंगलियां अब दीदी के बालों से घूमती हुई उनके गालों पर और नरम रसीले सुर्ख होंठो पर आ गई थीं .......


दीदी ने अपने होंठो पर मेरी उंगली महसूस करते ही झट से मुह खोला मेरी उंगली को चूसने लगी ....... उनके उंगली चूसने का सीधा असर मेरे लंड पर हुआ और वो झटके लेने लगा जिसे अपने गाल पर महसूस कर के दीदी शरारत भरी आवाज़ में बोली ........ हाय्य्य्य दैय्य्या चूत में घुसने की बात सुन कर कैसा उछल पड़ा बदमाश .....


मैंने अपनी ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे आज़ाद देख कर दीदी ने उसे झपट कर अपनी मुट्ठी में भर लिया ........ और कस के दबाने लगी ........ फिर दीदी ने उसे अपने होंठो पर छुवाया और लंड की स्किन पर हौले हौले किस करने लगी ........ ऊम्म्म्म ऊम्म्म्म की मीठी आवाज़ मुझे और मदहोश कर रही थी और तभी अचानक आसमान में एकदम से बिजली कड़की .........

अंधेरा तो था ही इसलिए दिख नही रहा था पर अच्छे खासे बादल घिर आये थे ....... और हवा चलने लगी थी ....... हर पल के साथ हवा तेज होने लगी और रह रह कर बिजली कड़कने लगी ....... दीदी उठ बैठी और थोड़ा घबरा सी गयी बोली विकी मौसम खराब हो रहा है ........ रात का समय है आगे का सफर कैसे करेंगे और तभी बारिश शुरू हो गयी ......... एकदम तेज बारिश .........

मैंने कार की गति एकदम कम कर ली थी ........ और धीमी गति से कार चलाते हुए कहा घबराओ मत दीदी मैं हूँ ना ....... और दीदी मेरे सीने से लिपट गयीं। .......

थोड़ा आगे जाने पर एक पेट्रोल पंप दिखा मैंने कार अंदर ले ली और दीदी सरक कर बगल में बैठ गईं ....... मैंने कार लगाई और पेट्रोल पंप के पीछे बने हुए कमरे से एक आदमी छतरी ले कर आया मैंने शीशा खोला और दो हजार रुपये उसे पकड़ा कर कहा डाल दो उसने पेट्रोल भरा फिर मैंने पूछा यहां कोई रुकने की जगह है आगे मौसम बहोत खराब हो रहा है वो दीदी को घूर आकर देखने लगा तो मैंने कहा जो पूछा है वो बता दे पहले ........

उसने नजर घुमाते हुए कहा यहां से 6-7 किलोमीटर आगे एक डाक बंगला है सड़क के किनारे वहां अगर चौकीदार हुआ तो रुकने का इंतजाम कर देगा बस आप उसे कुछ खर्चा पानी दे देना ........


और मैंने कार आगे बढ़ा दी ....... तभी मम्मी का कॉल आ गया मैंने कॉल रिसीव की वो पूछने लगी कहाँ हो विकी मौसम बहोत खराब हो गया है मैंने कहा रास्ते मे हूँ अभी ....... अगर ज्यादा मौसम खराब हुआ तो रात में किसी होटल में रुक जाऊंगा फिर सुबह निकलूंगा ...... मम्मी बोली हां तेरे पापा भी यही कह रहे थे कि बारिश में ड्राइव करने में दिक्कत होती है खास कर रात में मैंने कहा आप फिक्र ना करो मम्मी मैं देख लूंगा मम्मी बोली ठीक है बेटा निकिता का ख्याल रखना ...... अब वो दूसरे की अमानत है .......

मैंने मन मे कहा फिलहाल तो वो मेरी अमानत है और ये कहते हुए की ठीक है मम्मी मैं देख लूंगा आप बिलकुल परेशान ना हो ........ फ़ोन काट दिया ...... फिर मैंने प्रतीक को कॉल की उन्होंने तुरंत फोन उठाया वो बोले विकास मौसम बहोत खराब है तुम्हे कार से नही आना चाहिए था ........मैंने कहा जीजू जब निकला था तब तो धूप निकली थी अब मुझे क्या पता था आगे ऐसा होगा ....... ।
वो बोले ड्राइव करने में प्रॉब्लम हो रही होगी ना ...... मैंने कहा हां हो तो रही पर मैं एकदम स्लो चला रहा हूँ 25-30 पर वो बोले ऐसे तो तुम सुबह 4-5 बजे पहुंचोगे ...... फिर वो बोले एक काम करो कही किसी होटल में ठहर जाओ और सुबह जल्दी चल देना थोड़ा रेस्ट भी हो जाएगा रात भर जाग कर ड्राइव करना रिस्की है और सुबह तक मौसम भी साफ हो जाएगा .......


मैंने कहा ठीक है जीजू मम्मी का भी कॉल आया था वो भी यही बोल रही थीं मैं कहीं रुक ही जाता हूँ सुबह निकलता हूँ वो बोले हम्म्म्म ठीक है और कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे कॉल करना और निकिता का ख्याल रखना ...... मैंने कहा जी जीजू दीदी का ख्याल मैं आपके कहे बिना भी रखने वाला हूँ ........


मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुरा दी और मैंने फोन काट दिया ...... और दीदी के गाल खींचते हुए कहा सबको मेरी बीवी की कितनी फिक्र है ........ और दीदी बोली मुझे अपनी कोई फिक्र नही मेरा पति है ना मेरे साथ ....... फिर मैं धीरे धीरे ड्राइव करते हुए गौर से सड़क के दाईं ओर देखते हुए चलने लगा कोई 6 km बाद मुझे दाहिनी ओर एक बॉण्डरी दिखाई दी और आगे जा कर एक लोहे का गेट दिखा जो कि बन्द था मैंने कार गेट के सामने खड़ी कर के हॉर्न बजाया दो बार तीन बार और फिर बजाता ही रहा .......

दो तीन मिनट बाद अंदर से आवाज़ आयी कौन है इतनी रात में मैंने चिल्ला कर कहा गेट तो खोलो ..... फिर गेट खुला और एक बन्दा टॉर्च और छाता लिए हुए बाहर आया उसने मेरी ओर टॉर्च मारी और बोला बताओ क्या बात है .......


टॉर्च की रोशनी में मेरी आँखें चौंधिया रही थीं मैने गाड़ी की लाइट जलाई और कहा ये टॉर्च बंद कर ले मुझे कुछ दिख नही रहा ....... टॉर्च बंद हुआ और कुछ सेकेंड बाद मेरी आँखें देखने लायक हुई तो देखा ये एक 60 साल की उम्र का बूढ़ा सा आदमी था ...... उसने धोती और कुर्ता पहना हुआ था .......

मैंने कहा चाचा हम लोग लखनऊ जा रहे थे मौसम बहोत खराब हो गया है गाड़ी चलाने में मुश्किल हो रही है अगर रात रुकने का इंतजाम हो जाता तो ........ बूढ़ा बोला पैसे लगेंगे ये डाक बंगला सरकारी अफसरों के लिए है आम लोगों के लिए नही लेकिन तुम मुसीबत में हो मौसम खराब है साथ मे तुम्हारी औरत भी है मैं तुम्हे रुकने की जगह दे दूंगा खाना भी मिल जाएगा लेकिन पैसा लगेगा ........ मैंने मज़े लेते हुए कहा खाना तुम बनाओगे चाचा वो बोला नही मेरी बेटी बनायेगी वो भी मेरे साथ रहती है यहीं ........


ये सुन कर की उसकी बेटी भी यहां है मुझे थोड़ी तसल्ली हुई दीदी के साथ ऐसी जगह रात गुजारने की बात सोच कर मैं भी कुछ अनकंफर्टेबल फील कर रहा था ....... मैंने फिर तो कोई दिक्कत नही कितने पैसे लोगे वो बोला 200 रुकने के और 200 खाने के कुल मिला के 400 लगेंगे ....... मैंने सोचा इस गरीब चौकीदार के लिए 400 ही बड़ी रकम है और मैंने कहा ठीक है चाचा मैं आपको पूरे 1000 दूंगा अब खुश वो आश्चर्य से मेरी ओर देखने लगा और उसके चेहरे पर खुशी और लालच के भाव झलकने लगे थे .......


मैंने कहा कहो तो पहले दे दूं एडवांस ....... वो बोला नही नही साहब आप कहीं भाग थोड़े जाओगे चलो कार अंदर खड़ी कर दो और वो छाता लगा कर कार के आगे आगे चल दिया .........

अंदर आ कर देखा काफी बड़ी जगह थी और कोई 100 मीटर आगे एक इमारत बनी हुई थी जो बाहर से देखने में एकदम पुरानी और जीर्ण सी लग रही थी ....... एक 20 फीट की सड़क उस इमारत के सामने तक जा रही थी और इमारत के आगे काफी बड़ा बरामदा बना हुआ था बूढ़े ने कहा साहब आप कार वहां बरामदे में खड़ी कर दो बारिश से बचेगी मैंने कार आगे बढ़ा दी और उस बरामदे में ले जा कर रोक दी ......


बूढ़ा गेट बंद करने के बाद हमारी ओर ही आ रहा था बरामदे में आ कर उसने कहा साहब आप रुको मैं चाभी ले कर आता हूँ मैंने फोन में वक़्त देखा अभी 8 ही बजे थे पर ऐसा लग रहा था रात के 12 बज गए हों .......


दीदी अभी कार में ही बैठी हुई थीं .......... मैंने दीदी को ओर वाली विंडो से हाथ डाल कर डैश बोर्ड पर रखी हुई एक और बियर उठा ली और खोल कर पीने लगा ....... थोड़ी देर में वो बूढ़ा आया और उसने इमारत का मुख्य दरवाजा खोला और बोला आइये साहब अंदर आ जाइये ....... मैंने दीदी को उतरने का इशारा किया और वो भी हमारे साथ हो लीं ....... अंदर आ कर बूढ़े ने कही टटोल कर कोई स्विच दबाया और कमरे में रोशनी फैल गयी ये एक 20×20 का हाल था जिसमे कमरे के बीचोबीच एक सोफा पड़ा था और लकड़ी की पुरानी सी मेज़ रखी थी फर्नीचर पुराना लेकिन साफ सुथरा था ।


हाल में पीछे की ओर दो दरवाजे दिख रहे थे बूढ़े ने पीछे जा कर एक एक कर के दोनो दरवाजे खोल दिये और बोला साहब इन कमरों में सोने का सारा इंतजाम है और उन कमरों की भी लाइट जला दी ...... दोनो कमरों में बेड पड़े हुए थे उन पर साफ सफेद चादरें तकिए करीने से बिछे हुए थे .......

ट्यूब लाइट की रोशनी उस अंधेरी रात में बड़ी सुखद लग रही थी ....... पंखे भी लगे हुए थे मैंने पूछा पंखा नही चलता क्या तो वो बोला साहब चलता तो है लेकिन आज शाम से लाइट नही है और मौसम खराब है तो शायद सारी रात ना आये और ये लाइट सोलर इन्वर्टर से जल रही है अगर दोनो कमरों के पंखे चलाये तो बैटरी डाउन हो जाएगी जल्दी ही मैंने कहा एक तो चल जाएगा वो बोला हां एक आराम से चलेगा सारी रात.........

इतना इंतजाम काफी था मैं सन्तुष्ट हुआ और जेब से हजार रुपये निकाल कर बूढ़े को दे कर कहा ये लो चाचा पैसे और खाने का इंतजाम कब तक हो जाएगा ...... वो बोला बस डेढ़ दो घंटे लगेंगे साहब ...... हम तो खा पी के सोने वाले थे कि आप आ गए .......


तभी कमरे के दरवाजे पर एक औरत प्रकट हुई वो कोई 35 साल की मोटी सांवली सी औरत थी बूढ़ा बोला साहब ये मेरी बेटी है कजरी ...... यहीं मेरे साथ रहती है ...... फिर वो अपनी बेटी से बोला जा बेटी तू दो लोगों के लिए खाने का इंतजाम कर दे ...... वो बोली ठीक है बाबूजी और चली गयी ......


दीदी जा कर बेड पर बैठ गईं बूढ़ा बोला साहब आप आराम करो खाना बन जायेगा तो मैं ले कर आ जाऊंगा ..... और वो चला गया ....... दूसरी बियर पीने के बाद मुझे हल्का सा नशा हो रहा था ....... मैंने कहा निकी तुम यही आराम करो मैं कार से बैग निकाल कर और गाड़ी लॉक कर के आता हूँ .........


दीदी ने सर हिला दिया ...... और मैं बाहर आ गया देखा तो वो बूढ़ा बरामदे में एक किनारे बैठा हथेली पर कुछ रगड़ रहा था......... मुझे देख कर बोला कुछ चाहिए क्या साहब ....... मेरे हाथ मे बियर की खाली कैन थी मैंने उसे दिखा कर पूछा ये तो मिलेगी नही इधर ........ उसने कहा नही साहब ये तो नही मिलेगी ये मिल सकता है उसने अपनी हथेली की ओर इशारा कर के कहा ...........


मैंने पूछा ये क्या है चाचा वो बोला ये गांव के लोगों का नशा है गांजा बोलते हैं इसे ....... और मुझे संजय की बात याद आ गयी उसने एक दिन बताया था कि उसने गांजा पिया था अपने किसी दोस्त के साथ और उसे बड़ा मजा आया था वो पीने के बाद उसने पोर्न देख कर मुठ मारी थी और उसके मुताबिक उस दिन कुछ खास ही मज़ा आ रहा था उसे .......


मैंने बैग कार से निकालते हुए पूछा चाचा ज्यादा नशा तो नही होता वो बोला अरे कुछ नही होता बस थोड़ी सी गर्मी आ जाती है शरीर मे और मज़ा आता है ...... मैंने कहा इसे कैसे पीते हैं वो बोला चिलम से लेकिन आप जैसे शहरी लोग सिगरेट में भी पी लेते हैं मुझे याद आया एक सिगरेट तो मेरी जेब मे पड़ी हुई है ......



मैंने जेब से वो सिगरेट निकाली और उसे देते हुए कहा लो चाचा फिर बना दो एक ...... उसने सिगरेट ले ली और बोला 5 मिनट में देता हूं साहब ....... मैंने बैग उठाया और अंदर आ गया कमरे में दीदी बेड पर लेटी हुई थी मैंने बैग बेड पर रख कर उसमें से अपना लोअर निकाला और पैंट शर्ट उतार कर दीवार पर लगी हुई कील पर टांग दिया फिर लोअर पहन के मैं भी बेड पर आ कर बैठ गया ........


मैंने दीदी के नंगे पेट पर हाथ फिराते हुए कहा जान देख लो तुम्हारी हसरत पूरी करने में किस्मत भी हमारा साथ दे रही है दीदी ने मुस्कुरा कर कहा हां जानू ऐसा लगता है मौसम भी हमारे पहले मिलन को यादगार बनाना चाहता है शाम को कितनी गर्मी थी और अभी हल्की ठंड लग रही है ........


मैंने दीदी के नजदीक आते हुए कहा ओ मेरी जान को ठंड लग रही है मैं गर्मी दे देता हूँ ना अपनी प्यारी बीवी को और दीदी को अपने सीने से लगा लिया और वाकई दीदी का जिस्म ठंडा सा था....... मेरे बदन की गर्मी महसूस होते ही दीदी कस के लिपट गयी मुझसे और अगले ही पल हमारे होंठ एक दूसरे से चिपक गए ........


हम दीवानों की तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे ....... और मेरे हाथ दीदी की नंगी पतली कमर पर रेंग रहे थे ...... और फिर दीदी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और वो मेरे होंठो पर दस्तक देने लगी मानो कह रही हो दरवाजा खोलो मुझे अंदर जाना है .......


और मैंने फौरन अपने होंठो का दरवाजा खोल कर उसका स्वागत किया और दीदी की रसीली गीली गर्म जीभ को अपने होंठो में दबा कर चूसने लगा ......., मेरे मुह के अंदर हम दोनों की जीभ आपस मे टकरा रही थी और दीदी के मीठे थूक का स्वाद मुझे बेहद उत्तेजित कर रहा था एक पल को लगा कि बस चोद ही डालूं दीदी को लेकिन फिर याद आया कि अभी वो बूढ़ा खाना ले कर आएगा डिस्टर्ब नही चाहता था मैं चुदाई के बीच मे .......


और फिर दीदी ने वैसे ही अपनी जीभ मेरे मुह में घुमाते हुए मेरे लोअर में हाथ डाल कर खड़े लंड को पकड़ कर आहें भरते हुए कहा विकी मेरी जान अब तो ये लौड़ा डाल दो अपनी बीवी की बुर में और बना लो मुझे अपनी ........ पूरी तरह .....


मैंने कहा जरूर मेरी जान और बेड पर नीचे सरकते हुए लहंगे और ब्लाउज के बीच दीदी के नंगे पेट पर अपने गर्म होंठ रख दिये और उनकी पेट को चूमने लगा दीदी के होंठो से कामुक आहें निकलने लगी और उनका बदन में थिरकन होने लगी ...... हर चुम्बन पर वो सिसक कर कांप जाती थीं ....... तभी मेरी नजर कमरे के दरवाजे की ओर गयी वो खुला था और मुझे लगा कहीं अचानक से कोई आ ना जाये .......


मैं उठ कर दरवाजा बंद करने गया और दीदी बेड पर लेटी मुझे देख रही थी .... . जैसे ही मैं दरवाजे के पास पहुंचा हाल के कमरे से वो बूढ़ा मुझे अंदर आता दिखा और मैं तेजी से चल कर उसके पास पहुंच गया ...... मुझे देख कर उसने कुर्ते की जेब से सिगरेट निकाल कर मुझे दी और बोला लो साहब ....... कजरी खाना बना रही है बस थोड़ी देर में ही बन जायेगा ......


मैंने कहा चाचा एक काम करना जब खाना बन जाये तो इसी मेज़ पर लगवा देना और मेरे कमरे का दरवाजा नॉक कर के आवाज़ दे देना और तुम चले जाना आराम करना हम खा लेंगे जब मर्ज़ी होगी क्योंकि हम लोग देर से ही खाना खाते हैं ........ और मैंने जेब से एक 100 का नोट निकाल कर उसे पकड़ा दिया वो बोला ये किसलिये साहब मैंने सिगरेट दिखा कर कहा इसके लिये .........


उसने झट से नोट जेब मे डाला और बोला ठीक है साहब मैं खाना लगवा कर आवाज़ दे दूंगा आप आराम करो और वो बाहर निकल गया ...... मैंने जल्दी से जेब से माचिस निकाली सिगरेट जलाई और कश लेता हुआ कमरे में आ गया ....... दीदी बोली जानू बार बार कहाँ चले जाते हो प्यार अधूरा छोड़ कर .........


मैंने बस अब कहीं नही जाऊंगा ना जान ...... और मैंने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया फिर मेरा ध्यान गया कि एक दरवाजा कमरे की पिछली ओर भी है मैंने उसे खोल कर देखा ........ बाहर अंधेरा था लेकिन कमरे की हल्की रोशनी बाहर आ रही थी ....... पीछे की ओर भी बरामदा सा बना हुआ था और तेज हवा के साथ बारिश अब भी चालू थी ....... मैंने फोन की फ़्लैश लाइट जला कर देखा बरामदे के आगे भी बड़े बड़े पेड़ लगे हुए थे ...... और बरामदे में कुछ कुर्सियां और एक चारपाई पड़ी थी बिना बिस्तर के ........


तभी दीदी भी बाहर आ गयी और मेरे पास आ कर मेरे हाथ से सिगरेट ले कर एक कश ले कर बोली यहां क्या ढूंढ रहे हो सनम अंदर चलो ना आपकी बीवी सुहागरात मनाने के लिए इंतजार कर रही है और आप हैं की यहां अँधेरे में ना जाने क्या खोज रहे हैं मैंने उस चारपाई की ओर इशारा कर के कहा ये देखो बाहर भी इंतजाम है सुहागरात मनाने का .........

और दीदी बोली चलो फिर इसी पर करते हैं ऐसी खुली जगह में चुदने का मज़ा जी अलग होगा और यहां तो एकदम मस्त ठंडी हवा भी चल रही है ....... मैं चारपाई पर बैठ गया और एक कुर्सी खींच कर अपने पैर उस पर रख लिए दीदी एक बार फिर से मेरी टांगों पर बैठ गई और उन्होंने अपना लहंगा ऊपर कर लिया था ........ वो मेरी ओर फेस कर के बैठी थीं और मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे चूमने लगी फिर उन्होंने सिगरेट का एक गहरा कश लिया और मेरे होंठो से होंठ चिपका कर मेरे होंठ चूसने लगी ......


दो तीन कश लेते ही मेरा सर घूमने लगा और लगा मैं हवा में उड़ रहा हूँ तभी दीदी बोली विकी मेरा सर क्यों चकरा रहा है मैंने सिगरेट उनके हाथ से ले कर फेंक दी ...... और कहा शायद इस सिगरेट की वजह से वो बोली पहले भी तो पी है ऐसा पहले कभी नही महसूस हुआ ....... मैंने कहा जान अब कुछ मत सोचो सिर्फ ये सोचो कि हमारी शादी हो गयी है और आज हमारी पहली रात है मिलन की .......


दीदी ने ये सुनते ही मेरी बनियान पकड़ कर खींचते हुए निकाल दी और मेरे नंगे सीने पर अपने होंठ रगड़ते हुए मेरे सीने को चूमने लगी ....... मेरे सीने दीदी के होंठो के निशान छपने लगे ...... और फिर उन्होंने मेरे निप्पल पाए जीभ फिरानी शुरू कर दी और बारी बारी से मेरे दोनो निप्पल चाटने लगीं .......


दीदी की इस कामुक हरकत से मेरे तन बदन में आग लग गई और मैंने अपने हाथ उनके चूतड़ों पर जमाते हुए उनकी नरम गांड़ को दोनो हांथो से मसलना शुरू कर दिया ....... दीदी मेरे निप्पल होंठो में दबा कर चूसने लगी और बोली जानू अब नंगी कर दो अपनी बीवी को मैंने दीदी के ब्लाउज की डोरी खींच दी और वो खुल गया दीदी ने अपनी बाहों से ब्लाउज को निकाला और चारपाई पर डालते हुए अपनी ब्रा में कसी चुचियाँ उभार कर अपने हाथ सर के पीछे रख कर अंगड़ाई लेने लगी .........


दीदी की बगलों के काले बाल देख कर मेरा लंड उछलने लगा और मेरे मुह में पानी आ गया ....... मैंने फौरन झुक कर अपना मुह दीदी की एक बगल में घुसा दिया सूंघने लगा उफ़्फ़फ़ क्या मदहोश करने वाली गंध थी परफ्यूम दीदी के पसीने और उनके जिस्म की मिली जुली खुशबू से मेरे दिमाग मे वासना की आंधी चलने लगी और मैं अपनी जीभ की दीदी बगल में फिराते हुए उनकी बगल के बालों को चाटने लगा ऊऊम्म्ममम्म मेरी जान कितनी नशीली है मेरी बीवी ...... दीदी सिसक उठी aaahhhhh चाटो राजा खा जाओ मेरे बदन को ....... और मैं जीभ दीदी के जिस्म पर फिराते हुए ब्रा से छलक रही उनकी चुचियों के नंगे हिस्से को चाटने लगा दीदी के क्लीवेज में जीभ डाल कर चाटते हुए मैंने दोनो हाथ दीदी के चूतड़ों से फिराते हुए उनकी नंगी पीठ को सहलाते हुए उनकी ब्रा के हुक खोल दिये और दीदी की सख्त गोरी सुडौल चुंचिया उछल कर बाहर आ गयी .........

दीदी ने जल्दी से ब्रा को भी जिस्म से अलग कर के फेंक दिया अब दोनो के जिस्म ऊपर से एकदम नंगे थे और दीदी ने कस के मुझे बाहों में भर लिया ....... उनकी नरम चुचियाँ और खड़े निप्पल मेरे नंगे सीने में दब कर कराह उठे और दीदी बोली राजा पूरी नंगी करो ना और दीदी मेरे ऊपर से उठ खड़ी हुई ........

मैंने दीदी के लहंगे का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया और सरसरा आकर जमीन पर गया ........ दीदी सिर्फ एक छोटी सी पैंटी में सामने खड़ी थीं ऐसा नही था कि मैं पहली बार उन्हें नंगी देख रहा था ....... पर दीदी का नंगा बदन मुझे कुछ ज्यादा ही नशीला और सेक्सी लग रहा था ....... दीदी ने जल्दी से अपना लहंगा ब्लाउज और ब्रा उठाया और मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे कमरे में ला कर धक्का सा देते हुए बेड पर लिटा दिया और बोली ........

बहोत स्लो हो तुम जान लगता है आज ड्राइविंग सीट मुझे ही सम्हालनी पड़ेगी ....... और इसी के साथ दीदी ने बेड पर चढ़ते हुए अपने घुटने मेरे सर के दोनो ओर टिका कर अपनी पैंटी में कसी हुई चूत मेरे मुह पर रख दी और अपनी गांड़ हिलाते हुए अपनी चूत मेरे पूरे मुह पर रगड़ने लगी और उनके गले से सिसकियां और आहें निकलने लगी ........

मेरे लोअर में टेंट बना हुआ था और मेरा लंड जो कुछ दिनों में एक इंच आकार बढ़ा कर 6 से बढ़ कर 7 इंच का हो गया था वो तेजी से झटके ले रहा था दीदी ने आगे को झुकते हुए मेरा लोअर और अंडी नीचे सरका दिया और मेरे नंगे लंड को मुट्ठी में भर कर तेजी से मसलने लगी और बोली ........ जानू जल्दी से मेरी चूत चाटो वरना मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी .......

ऐसे झुकने पर दीदी के पैंटी में फंसे अधंनगे चूतड़ मेरे चेहरे के ठीक सामने थे और मैंने एकदम से उत्तेजना में भर कर दीदी की पैंटी के कपड़े को दोनो हाथो से पकड़ा और एक झटका दे कर फाड़ दिया ....... चर्रर्रर्रर की आवाज़ के साथ दीदी की पैंटी दो टुकड़ों में बंटती चली गई और दीदी के दूधिया झक्क चूतड़ पूरी तरह नंगे हो कर चमकने लगे और मैं टूट पड़ा उन पर अपनी जीभ निकाल कर दीदी के चूतड़ों को चाटने लगा आंमम्ममम्महहहहह ....... मैं दीदी के चूतड़ों के नरम मांस को मुह में भर कर चूस रहा था दांतों से काट रहा था ........

और दीदी aaaahhhhhh जानू इतनी जोर से मत काटो ना दुखता है ...... कहते हुए मेरे लंड की स्किन नीचे कर के सुपाड़े को बाहर निकाल कर मुह में भर के चूसने लगी और जल्दी ही अपने होंठ लंड पर सरकाते हुए पूरा लंड अपने गले तक उतार लिया .........

दीदी के चूतड़ मेरे थूक से गीले हो कर चमक रहे थे और जगह जगह मेरे दांत के निशान पड़ गए थे अब मेरी जीभ चूतड़ों से उतर कर दीदी की गांड़ की गहरी दरार में सफर कर रही थी और दीदी की गांड़ के कसे हुए छेद को कई बार चाटने के बाद मैंने एकदम से उनकी गांड़ के छेद को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और दीदी मेरा लंड मुह से निकाल कर मुठियाते हुए चीख पड़ी .........
..
आह जानू चूस को मेरी गांड़ राजा ऊफफफ ........ मैं गांड़ को चूसते हुए अपने हाथ दीदी के नीचे घुसा कर उनके निप्पल को मसलने लगा और दीदी लंड को मुठियाते हुए मेरे आंड़ पर जीभ फिराने लगी ....... और फिर दीदी एकदम से मेरे ऊपर से उठी और मेरे बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आजाओ मेरी जान बस अब चोद दो .........

मैं फुर्ती से उठा और ........ दीदी की टांगों के बीच आ कर उनकी फटी पैंटी से झांक रही झांट वाली बुर को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उनकी चिपचिपी गीली बुर में डाल दी और दो तीन बार उंगली को बुर में चला कर उंगली बाहर निकाली और दीदी की आखों में देखते हुए अपनी उंगली चूसने लगा....... दीदी बोली उफ़्फ़फ़ राजा अगर बुर का स्वाद ही लेना है तो सीधा बुर ही चूस लो ना फैलाये तो पड़ी हूँ मैंने बिना कोई जवाब दिए फिर से अपनी उंगली दीदी की बुर में डाल कर तेजी से हिलाई और इस बार उंगली निकाल कर दीदी के होंठो पर लगा दी और दीदी ने अपनी लाल लाल आंखों से मुझे देखते हुए अपनी बुर से निकली मेरी उंगली चूस ली .........


अब मेरे बर्दाश्त से बाहर था और मैंने दीदी की बुर पर अपना सुपाड़ा रखा और बुर की गर्मी महसूस कर के मेरे लंड ने एक झटका लिया दीदी ने दोनो हाथो से अपनी बुर के लिप्स को खोल दिया और बोली चोदो राजा पेल दो अपना खूंटा अपनी बीवी की बुर में और इसी के साथ मैंने एक तेज धक्का लगाया ....... और दीदी aaahhhh भर कर मेरे सीने से लिपट गयी ........ और सिसियाने लगी ......... हाय्य्य्य राजा घुस गया पूरा एक धक्के में ........

और दीदी ने तेजी से अपना चूतड़ मेरे लंड पर दबा दिया मैंने अपने हाथ दीदी के सर के नीचे डाल कर उनके खुले हुए बालों को मुट्ठी में जकड़ लिया और अपनी कुहनियां बेड पर टिका कर तेजी से अपनी कमर को झटके देते हुए दीदी की गीली कसी हुई बुर में खूंटे जैसा लंड पेलते हुए चोदना शुरू कर दिया ........

दीदी अपने हाथ मेरी पीठ पर फिराते हुए सर उठा कर मेरे होंठ चाटने लगी और गहरी सांस लेते हुए बोली हां जानू ऐसे ही चोदो कस में चोदो और तेज धक्के लगाओ राजा हाय्य्य्य मैं मर गयी ....... कितना मोटा लौड़ा है मेरी जान उफ़्फ़फ़ ........ जानू आज चोद चोद के मेरी बुर की सारी नसें ढीली कर दो ताकि उस प्रतीक को मेरी फटी हुई चूत मिले aaahhhhh ऊफफफ

और मैं पूरी शक्ति से अपना लंड पेलने लगा दीदी की बुर में कमरे में थप थप की आवाज़ गूंज रही थी पर मैं अपनी रफ्तार बीतते समय के साथ बढ़ाता चला जा रहा था .........

पूरे 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने से मैं थकने लगा और मेरी नाक से पसीने की एक बूंद दीदी के माथे पर टपकी ....... दीदी ने मेरी ओर देखा और ऊपर उठते हुए मेरे चेहरे पर छलक रहे पसीने को जीभ निकाल कर किसी कुतिया जैसे चाटने लगी ........

मैंने लंड दीदी की बुर से निकाल लिया और घुटनों पर बैठ कर सुस्ताने लगा पर दीदी ने जल्दी ही उठ कर मेरे सीने पर हाथ रख कर मुझे बेड पर लिटाया और मेरे पेट पर चढ़ बैठी ....... उन्होंने एक हाथ से बुर के रस में भीगा हुआ लंड पकड़ कर अपनी बुर पर टिकाया और एकदम से अपनी गांड़ का दबाव डालते हुए पूरा लंड जड़ तक बुर में निगल कर एक तेज aahhhhh भरी और फिर मेरे सीने पर लेट कर तेजी से अपनी गांड़ को मेरे लंड पर पटकते हुए चुदने लगी ...... और बोली उफ़्फ़फ़ विकी मेरी जान कितना सुख दे रहा आपका लंड मेरी बुर को aaaaahhhhh जी करता है बस चुदती जाऊं ये लौड़ा हमेशा मेरी बुर में घुसा रहे ........ और मैंने दीदी के नंगे चूतड़ मुट्ठी में भर कर मसलते हुए नीचे से अपनी कमर को उछाल कर धक्के देने शुरू कर दिए .........


दीदी बोली जानू इतने चुप चुप क्यों हो कुछ बोलो ना कुछ भी जो दिल करे तुम्हारा पर बातें करो मुझसे ....... मैंने कहा जानेमन पहले जी भर के चोद लेने दो सारी रात पड़ी है बातों के लिए दीदी बोली कैसा लग रहा है अपनी बीवी की बुर चोद कर बताओ ना ......... मैंने कहा मत पूछो जान इतना मज़ा मेरे लंड को कभी नही आया जितना आज आ रहा है ......... और दीदी ने एकदम से अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी और घुमाते हुए तेजी से सिसकने लगी। ........ aaahhhhh राजा ऐसे ही ठोंकते रहो मैं झड़ने वाली हूँ ऊफफफ मैं गयी राजा ......... झड़ गयी मेरी बुर तुम्हारे लौड़े से चुद के ऊऊम्म्म्म्ममम्ममम्म और दीदी का बदन का थरथराने लगा वो कांपने लगी हांफने लगी और बेतहाशा मुझसे लिपट कर मुझे चूमने लगी ..........

मैंने भी उनकी चूत में लंड घुसाये हुए उन्हें बाहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा दीदी की आंखे बंद थी और उनके चेहरे पर परम सुख और संतुष्टि के भाव थे .......।
Superb update
 

Sirajali

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दीदी आंखे बंद किये पड़ी हुई थी ....... पर मैं अभी प्यासा था मंजिल से दूर ...... बड़ी तीव्र इच्छा हो रही थी मेरी की कस कस के धक्के लगाऊं लेकिन दीदी के चेहरे पर छाया सुकून मुझे ऐसा करने से रोक रहा था ...... और तभी दीदी ने आंखे खोल कर कहा रुक क्यों गए जानू ........ चोदते रहो ना अभी तुम अपनी मंजिल तक नही पहुंचे मुझे पता है ........

मैंने दीदी के होंठ चूम कर कहा मेरी जान अब कोई मंजिल बाकी कहाँ है सारी मंजिले तो मेरी बाहों में है ...... दीदी बोली जानू आज तो कुछ अलग ही मज़ा आ रहा है पूरे बदन में अजीब सी सनसनी हो रही है और दिमाग मे बस चुदाई के गंदे गंदे खयाल आ रहे हैं .......

मैं समझ गया कि ये उस सिगरेट का कमाल है ...... और कुछ ऐसा ही मेरा भी हाल था मेरे मन मे दीदी को बेरहमी से रगड़ के चोदने के ख्याल आ रहे थे ...... मैंने दीदी के ऊपर से उठते हुए बेड से उतर कर कहा निक्की ...... अगर गंदे गंदे ख्याल आ रहे हैं तो चलो कुछ गंदा गंदा करते हैं ...... दीदी भी मुस्कुराती हुई बेड से उतर गई उनके बदन पर सिर्फ एक पैंटी थी जो कि बुरी तरह से फटी हुई थी और उसमे से उनकी चूत की गीली बुर के रस में भीगी हुई झांटे बाहर झांक रही थी .........

मेरी नजर बेड पर गयी उस पर एक बड़ा सा गीला धब्बा बना हुआ था मैंने दीदी को इशारे से उसे दिखा कर पूछा ये क्या है जान लगता है तुमने मूत दिया है ....... दीदी एकदम शर्मा कर बोलो धत्त वो तो मेरी बुर ने मस्त हो कर जूस निकाला है ....... मैंने कहा इतना सारा निकला है तो मुझे भी पिला देती जान वो बोली पी लो राजा किसने रोका है ........

और दीदी ने मेरे पास आ कर मेरे कंधों पर हाथ रख कर मुझे नीचे बिठा दिया और सामने खड़ी हो कर दोनो हांथो से अपनी चुदी और झड़ी हुई चुत फैला कर बोली लो जानू चाट लो अपनी बीवी की बुर .......

वो लंडकश नजारा देख कर मेरे मुह में पानी आ गया और मैंने सीधा हमला बोलते हुए दीदी की गीली बुर पर होंठ रगड़ने शुरू किए दिए और फिर जीभ निकाल कर दीदी की झांटो पर फिराने लगा ....... दीदी के झांटो में लगा उनकी बुर का पानी मेरे मुह में घुल गया और फिर मैंने दीदी के चूतड़ों को पकड कर मसलते हुए पूरी जीभ एक झटके से बुर में घुसा दी और चाटने लगा ........ चूत के एक एक कोने पर जीभ फिरा कर दीदी की बुर से रिसता हुआ सारा रस चाट कर साफ करने के बाद जैसे ही मैंने अपना मुह उनकी बुर से हटाया दीदी ने झुक कर मेरे चेहरे को हथेलियों में भरते हुए अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी और चाटने लगी ....... ऊऊम्म्म्म्म जानू मेरी बुर का टेस्ट वाकई मज़ेदार है ........


मैंने कहा रानी मुझे तेरा मीठा मीठा थूक पीना है पिला दे ना ...... दीदी ने मुस्कुरा कर मेरी आँखों मे देखा और मैंने मुह खोल दिया ....... दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए मेरे मुह में थूक दिया ....... aaahhhhh दीदी का गाढ़ा शहद जैसा थूक मेरी जीभ पर गिरा और मैं उसे चूस कर निगल गया ....... दीदी हंस कर घूम गयी और अपनी गांड़ मेरी ओर कर के झुक कर दोनो हाथो से गांड़ फैला कर बोली जानू मेरी गांड़ की दरार में भी चूत का रस भरा हुआ है बह बह कर और ये सुनते ही मैं दीदी की गांड़ की दरार को कुत्ते जैसे चाटने लगा और दीदी मेरे बाल मुट्ठी में पकड़ कर अपनी गांड़ मेरी जीभ पर रगड़ते हुए चटाने लगी ........

मैं चूतड़ों को मसलते हुए दीदी की गांड़ के छेद को चूमने और चूसने लगा और अचानक पता नही मुझे क्या सुझा मैंने एक तेज थप्पड़ दीदी के चूतड़ पर लगा दिया चटाक की आवाज़ गूंजी और दीदी का चूतड़ थरथरा गया ....... दीदी सिसक कर बोली aaahhhhh राजा ....... i like it .......


और ये सुन कर मैं खड़ा हुआ दीदी के खुले हुए बाल मुट्ठी में पकड़ कर लगभग उन्हें खींचते हुए बेड तक लाया और बेड पर धकेल कर बोला कुतिया बन जा रानी ये सुन कर दीदी झट से अपने हथेलियां बेड पर टिका कर झुक गयी और अपनी गांड़ उभार कर बोली लो राजा तुम्हारी कुतिया तैयार है लंड खाने के लिए और मैंने पीछे से दीदी की बुर के छेद में लंड टिका कर उनके चूतड़ पकड़ कर एक जोर का धक्का मारा आए लंड दीदी की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उनके गर्भाशय से जा टकराया दीदी के मुह से हल्की सी चीख निकल गयी .........


उन्होने बेड की चादर को मुट्ठी में भर लिया और अपना चेहरा बेड में धंसा के सिसक कर बोली ऐसे ही पेलो मेरे साजन ........ अपनी कुतिया को और मैंने तेज तेज धक्के मार के लंड उनकी बुर में ठोकना शुरू कर दिया ....... हर धक्के पर उनकी चीख निकल रही थी ....... बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी ........ और यहां कमरे में दीदी की धकापेल चुदाई ........

मैंने लंड पेलते हुए दीदी के बालों को मुट्ठी में पकड़ा और किसी घोड़े की लगाम जैसे खींचते हुए हुमच हुमच के तूफानी चुदाई शुरू कर दी ....... मैं अब बस झड़ना चाहता था ........ कैसे भी मेरे टट्टे में मेरा वीर्य मुझे उबलता हुआ महसूस हो रहा था ........

दीदी अपनी चूत मेरे लंड पर दबाती हुई बोली जानू ........ aaaahhhhhh मेरी गांड़ पर थप्पड़ मारते हुए चोदो ना प्लीज ऊफफफ फिर से झड़ जाऊंगी ....... मैंने दीदी के नंगे चूतड़ को एक हाथ से मसलते हुए एक झन्नाटेदार थप्पड़ उनकी गोरी गांड़ पर लगाया ....... चटाक और सटासट अपना लोड़ा उनकी बुर में पेलने लगा दीदी की बुर से पानी बह बह कर उनकी जांघो को भिगो रहा था और दीदी का बदन एक बार फिर से अकड़ने लगा और वो कांपती हुई झड़ने लगी ....... उसी के साथ मेरी भी टांगे कांपने लगी और मेरे मुह से aaahhhhh निकल पड़ी ....... उफ़्फ़फ़ दीदी ले मैं भी गया aaahhhhh दीदी निकिता मेरी बीवी साली ले मेरे लंड का माल अपनी बुर में और मैं दीदी की पीठ पर गिर कर हांफते हुए झड़ने लगा ........ मेरे लंड से वीर्य की बारिश दीदी के बुर में होने लगी ...... और मैं पूरे एक मिनट तक झटके ले ले कर दीदी का बुर का टैंक फिल करता रहा .......

पता नही कितनी देर मैं ऐसे ही बेसुध सा दीदी के ऊपर पड़ा रहा ....... हमे होश आया जब दरवाजा खटखटाने कि आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और मैं दीदी के ऊपर से हटा ........ वो बूढ़ा आवाज़ दे रहा था और बोला साहब खाना लग गया है खा लो नही तो ठंडा हो जाएगा ....... मैंने उसे जवाब दिया ...... चाचा तुम जाओ आराम करो मैं खा लूंगा और वो शायद चला गया .......


मेरी नजर दीदी पर पड़ी वो पेट के बल टांगे खोले पड़ी थीं उनकी बुर के होंठ फैले हुए दिख रहे थे और एकदम लाल लाल ....... और बुर से मेरे वीर्य की एक पतली सी तार धीरे धीरे बेड पर चू रही थी ........ बड़ा हसीन नजारा था ....... मैंने अपने लोअर से लंड पोंछा पर ये साला झड़ने के बाद भी खूंटे जैसा खड़ा था .......

मैने लोअर पहनते हुए दीदी को आवाज़ दी ....... निकिता उठो चलो खाना खा लेते हैं ....... दीदी धीरे से उठी और बोली मेरा पेट तो आपका लंड खा खा कर ही भर गया है आज ............ और अपनी बुर पर हाथ फिराने लगी ........ फिर वो अपने कपड़े उठाने लगी मैंने कहा निकी वेट मैं लोअर पहन चुका था दरवाजा जरा सा खोल के देखा तो हाल में कोई नही था ...... मैं बाहर हाल में आया और उसका दरवाजा अंदर से बंद करते हुए दीदी को आवाज़ दी। ........।

आ जाओ जानू यहां कोई नही मेरे सिवा और दीदी वो ही फटी पैंटी पहने हुए हाल में आ गयी .......

हम सोफे पर बैठे और देखा मेज़ पर एक बाउल में आलू टमाटर की सब्जी ढकी हुई रखी थी एक बड़ी कटोरी में कोई सूखी हरी सब्जी थी गरम रोटियां सलाद आम का अचार और एक लोटे में गरम दूध भरा हुआ रखा था ........ साथ ही दो खाली प्लेट कटोरी चम्मच खाली ग्लास भी रखे थे ....... मेज़ की नीचे प्लास्टिक की छोटी बाल्टी में पानी और एक लोटा रखा था ........

खाने की खुशबू अच्छी थी शायद चूल्हे में बना हुआ खाना था और मुझे तो जोर से भूख भी लगी हुई थी ...... गांजा पीने की वजह से मैंने कहा जानू बड़ी तेज भूख लगी है जल्दी से खाना लगाओ ...... दीदी ने फटाफट प्लेट में खाना परोसते हुए कहा इतनी मेहनत की है भूख तो लगेगी ही .. ...... वैसे खाना देख के तो मुझे भी भूख लग आयी है ........

और फिर हम खाने पर टूट पड़े 10 रोटियां थी दीदी ने 4 खाई बाकी मैं साफ कर गया पर अब भी मेरी भूख शांत नही हुई थी तो मैं सारी बची हुई सब्जी भी चट कर गया ...... दीदी बोली यार खाना तो बड़ा मज़ेदार था ....... मैंने हंसते हुए कहा नही खाने से ज्यादा मज़ेदार चुदाई थी ........ दीदी ने गिलास में दूध डाल के एक मुझे पकड़ाया और बोली तो फिर जल्दी से ये दूध पी लो ........ फिर चुदाई करते हैं जानू और ये सुनते ही मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा ........

मैंने दूध का गिलास मुह से लगाया और पीते हुए दीदी की एक चूची मुट्ठी में पकड़ कर तेजी से मसल दी ...... दीदी के मुह से तेज सिसकी निकली और बोली उफ़्फ़फ़ जानू थोड़ा धीरे से ना दुखता है ....... मैंने उनकी बात को अनसुना करते हुए दीदी के तन कर खड़े निप्पल को पकड़ कर किसी खिलौने की चाभी की तरह उमेठ दिया और दीदी हाय हाय करते हुए बोली ....... उफ़्फ़फ़ जंगली कही के आराम से ना नोच लोगे क्या।

मैंने कहा नोचूँ या काटूँ जो मर्ज़ी होगी करूंगा कोई प्रॉब्लम है ....... दीदी ने दूध का गिलास एक सांस में खाली कर के मेज़ पर पटका और बोली अभी तक मैं एक नई दुल्हन की तरह प्यार से चुद रही थी लेकिन लगता है अब मुझे अपना असली रूप दिखाना पड़ेगा ....... मैंने लंड मसलते हुए कहा तो दिखाओ ना जल्दी से मैं भी अपनी सेक्सी बीवी का नंगापन देखना चाहता हूं आज और इसी के साथ दीदी उठ कर सोफे पर चढ़ गई और अपनी नंगे चूतड़ मेरे मुह पर रगड़ते हुए बोली ले राजा फिर चाट अपनी बीवी की गांड़ गरम कर मुझे और देख मेरा रंडीपन आज ....... मैंने जीभ निकाली और एक बार फिर दीदी की गांड़ पर टूट पड़ा और रगड़ रगड़ कर चाटने लगा दीदी सिसियाते हुई बोली aahhh राजा तुझे मेरी गांड़ बहोत पसन्द है ना .......

मैंने जीभ को गांड़ के छेद में घुसाने की असफल कोशिश करते हुए कहा ........ ऊऊम्म्ममम्म हां रानी बहोत प्यारी गांड़ है मेरी बीवी को ....., दीदी बोली गांड़ मारेगा अपनी रण्डी बीवी की ...... मैंने कहा उफ़्फ़फ़ ये क्या कह रही हो जान दीदी बोली अब मैं तेरी जान से बढ़ कर तेरी रण्डी हो चुकी हूं राजा तेरी लंडखोर कुतिया बोल चोदेगा मेरी गांड़ अभी कुँवारी है आजतक लंड नही घुसा इसमे ..... aaahhhh ऊऊफ़फ़फ़फ़फ़ससससससस ऐसे ही चाट कुत्ते .........

दीदी की बातें सुन कर मेरे दिमाग ने काम कर करना बंद कर दिया अब मुझे सामने सिर्फ एक नंगा बदन दिख रहा रहा जिसे चोदने के लिए मैं बेकरार था ....... मैंने जीभ गांड़ से ले कर बुर तक फिराते हुए कहा हां रानी मेरी रण्डी चोदूगा तेरी गांड़ और दीदी ने कहा फिर जरा उंगली से ढीली के दे मेरी गांड़ का छेद ऐसे तो घुसेगा नही तेरा मोटा लोड़ा मेरा गांड़ में ........

मैंने अपना अंगूठा मुह में डाल कर चूसा और दीदी के गांड़ के छेद पर रब करते हुए एकदम से अंदर पेल दिया उफ़्फ़फ़ दीदी की गांड़ अंदर से इतनी गर्म थी ..... मैं अंगूठे को गोल गोल दीदी की गांड़ में घुमाने लगा और फिर बाहर निकाल का वापस अंदर घुसेड़ दिया और फिर अंगूठा निकाल कर उनकी गांड़ की छेद को चाटने लगा ......

दीदी सिसकते हुए बोली उफ़्फ़फ़ ऐसे ही चाट ले हरामी अपनी दीदी की गांड़ ....... और फिर वो एकदम से नीचे उतर गयीं और मेरा लोअर खींच कर उतार दिया और मेरी टांगों के बीच बैठ कर लंड को गप्प से मुह में ले कर चूसने लगी ........ दीदी तेजी से सर हिलाते हुए लंड को पूरा गले तक उतार कर चूस रही थीं और बस एक मिनट लंड चूसने के बाद उन्होंने उठ कर मेरे पैरों को अपने दोनो पैरों के बीच मे लिया और मेरा लंड अपनी गांड़ के छेद पर रख कर अपने जिस्म का भार लंड पर डालते हुए बैठने लगी ........

मुझे लगा जैसे मेरा सुपाड़ा किसी शिकंजे में कसा हुआ हो और ....... मेरा लंड धीरे धीरे दीदी की गांड़ के छल्ले को खोलता हुआ अंदर सरकने लगा....... दीदी के चेहरे पर दर्द नजर आ रहा था वो आंखे बंद कर के होंठो को काटते हुए दर्द को पीने की कोशिश कर रही थीं पर अभी आधा सुपाड़ा ही गांड़ में समाया था इतने में ही उनकी हालत खराब हो रही थी .......


दीदी ने दो तीन गहरी सांसें ले कर फिर थोड़ा सा जोर लगाया और एकदम से चिहुँक कर उठ गई बोली मुझसे नही होगा ....... विकी तुम ही कोशिश करो ........ मैंने भी आजतक गांड़ नही मारी थी नया काम था मेरे लिए पर मैं एक्सिटेड था ....... मैंने कहा दीदी तुम सोफे पर लेट जाओ दीदी सोफे पर लेट गयी और अपनी टाँगे उठा ली मैंने एक बार दीदी की गांड़ के छेद पर थूका और फिर थोड़ा थूक अपने सुपाड़े पर लगा कर उसे चिकना किया और दीदी की गांड़ पर सुपाड़ा टिका कर ....... धीरे धीरे कमर के दबाव देते हुए उसे घुसाने लगा और आखिर सुपाड़ा एकदम से गांड़ में घुस कर अटक गया ........

दीदी मचलते हुए कसमसाने लगी ......, और बोली उफ़्फ़फ़ गया क्या मैंने कहा हां आधा चला गया दीदी...... वो बोली अभी इतने से ही करो फिर और डालना ....... मैंने सुपाड़ा आधा बाहर खींचा और फिर अंदर पेल दिया दीदी सिसक उठी और एक हाथ से अपनी चूत का दाना मसलने लगी ..........

अब मेरे लंड का तनाव हद से ज्यादा बढ़ चुका था और वो दीदी की गांड़ का कसाव महसूस करना चाहता था मैने थोड़ा झुक कर दीदी का एक निप्पल मुह में लिया और चूसते हुए उस पर दांत गड़ा दिए दीदी एकदम से कराह कर बोली उफ़्फ़फ़ राजा ऐसे ही चुसो ...... मैं दो मिनट तक निप्पल चूसता रहा और दीदी मेरे माथे को चूम कर बोली अब पेलो ना जान मैंने कहा क्या पेलूँ रानी ......., दीदी बोली ....... ऊऊम्म्म्म अपना लंड पेल दो राजा मेरी कसी कसी गांड़ में और मैंने हुमच कर एक धक्का लगाया तो लंड दीदी की गांड़ को चीरता हुआ आधे से ज्यादा समा गया दीदी की गांड़ में दीदी छटपटाने लगी मुझे ठेल कर दूर करने को कोशिश करने लगी पर वो कुछ खास कर ना सकी ......

मैं वैसे ही रुक कर उनकी दूसरी चूची पीने लगा और उनके माथे को सहलाने लगा ...... दो मिनट में उनकी सांसे सामान्य हुई और मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और पूरी ताकत से एक धक्का ले कर जड़ तक लंड दीदी की गांड़ में पेल दिया दीदी चीखती हुई बोली aaahhhhhh फाड़ दी रे मेरी गांड़ ........ हाय्य्य्य मैं मरी ...... और मैंने हल्के धक्के लगाते हुए लंड को गांड़ में अंदर बाहर करते हुए दीदी को गांड़ चोदना शुरू कर दिया दीदी सिसक रही थी बिलख रही थी ....... और मैं बस उनकी चुचियाँ पीते हुए उनकी गांड़ चोद रहा था .......

दीदी की गांड़ का छल्ला मेरे लंड को जोर से जकड़े हुए था और जब मैं लंड बाहर खींचता तो ऐसा लगता लंड के साथ उनकी गांड़ भी बाहर खींची आ रही है ........धीरे धीरे मेरे धक्कों की गति बढ़ने लगी और दीदी की दर्द भरी कराह सिसकियों में बदलने लगे और फिर आहों में .........

जल्दी ही दीदी ने अपनी चुत का दाना सहलाते हुए अपनी गांड़ हवा में उठानी शुरू कर दी ...... मेरी दीदी की गांड़ चोदने की गति अधिकतम सीमा पर पहुंच गई और कमरे में ठप ठप का मधुर संगीत गूंजने लगा ....... 10 मिनट तक दीदी कि गांड़ को अपने लंड से कूटने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया ...... और देखा दीदी की गांड़ का छेद खुला हुआ बहोत खूबसूरत दिख रहा था .........

मैंने कहा दीदी अब कुतिया बनो ना और दीदी झट से सोफे पर पलट कर अपनी गांड़ उठा दी मैंने एक बार फिर उनकी गांड़ के छेद पर थूक दिया और मेरा थूक बहता हुआ उनकी गांड़ में समा गया मैंने सुपाड़ा दीदी की गांड़ पर टिकाया और एक झटके से पेल दिया लंड फच्च से दीदी की गांड़ में समा गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर एक जोर का थप्पड़ लगा कर फुल स्पीड में गांड़ चोदनी शुरू कर दी....... दीदी भी तेजी से अपनी बुर मसलते हुए अपनी गांड़ मेरे लंड पर पटकते हुए बोली aaahhhhhh राजाजी क्या चोदते हो ....... बस ऐसे ही चोदे जाओ अपनी रांड को हाय मैं तो तेरे लंड की गुलाम हो गयी उफ़्फ़फ़ मैं झड़ी रे फिर से ....... राजा बह गई मेरी बुर और दीदी एक बार फिर से झड़ने लगी ........ मैं भी बस एकदम कगार पर था .........

मैंने दोनो हाथ बगल से डाल कर दीदी के निप्पल पकड़े आए मसलते हुए 15-20 तेज धक्के लगाए और कांपते हुए दीदी की गांड़ में लौड़े का पानी भरने लगा ....... अपनी गांड़ के अंदर पहली बार लंड के पानी की गरम बौछार महसूस कर के दीदी एकदम कांपने लगी और सिसिया के बोली लव यू मेरी जान लव यू सो मच....... और सोफे पर ढेर हो गयी मैं भी उनके नंगे बदन पर लेट गया ......... और दोनो अपनी तेज धड़कनों और उखड़ी हुई सांसो को सम्हालने लगे ........।

कुछ देर बाद दीदी बोली जानू हटो न मुझे टॉयलेट जाना है मैं उठा तो लंड फिसल के दीदी की गांड़ से बाहर आ गया और लंड का पानी उनकी गांड़ से टपकने लगा ...... दीदी किसी तरह उठी उनके मुह से आह निकली ...... मैंने पूछा क्या हुआ वो बोली दर्द हो रहा है जान मैंने शरारत से पूछा कहा ....... वो मुस्कुरा कर बोली गांड़ में ....... उन्होंने कदम बढ़ाया और लड़खड़ा सी गयी ...... मैंने जल्दी से उन्हें सहारा दिया और फिर उन्हें अपनी बाहों में उठा लिया और पीछे वाले कमरे से होता हुआ बाहर बरामदे में आ गया ........

बारिश थम चुकी थी और मैंने दीदी को गोद मे उठाये ही कहा मूतो ना दीदी ...... वो बोली उतार तो सही मैंने उन्हें खड़ा कर दिया और वो वही बरामदे की सीढ़ी पर बैठ कर मूतने लगी मैं भी उनके बगल में खड़ा ही कर पेशाब करने लगा और फिर एक बार फिर से मैने उन्हें गोद मे उठाया और ला कर बेड पर लिटा दिया फिर मैंने दोनो दरवाजे अंदर से बंद किये और बेड पर आ कर दीदी के नंगे जिस्म को बाहों में भर कर ....... सो गया ......।
Mast suhaag raat uttejna se bharpur.. bhai behan ki kaam krida bahut hi shaandaar thi ... garma garam update
 
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