अगली सुबह 8 बजे के आसपास मेरी नींद खुली देखा तो मैं अकेला था कमरे में ...... मैं उठ कर बैठा और जल्दी ही मुझे बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होने लगी मैंने दीदी को आवाज़ दी पर वो शायद नीचे थे मैंने दो तीन तेज आवाज़ें दी तो उन्होंने नीचे से जवाब दिया आती हूँ विकी .....फिर दो मिनट बाद वो कमरे में दाखिल हुए वो नहा चुकी थी और एक लैगी और कुर्ती पहन रखी थी और हमेशा की तरह बेहद सेक्सी दिख रही थी उन्हें देखते ही रात की घटना किसी फिल्म की तरह मेरे दिमाग मे चलने लगी ..... पर दीदी बेपरवाही से मेरे पास आई और मुझे अपनी पीठ पर उठा कर बाथरूम में आ गयी ..... मुझे कमोड पर बिठा कर वो बाहर चली गयी फिर कल की तरह उन्होंने मुझे ब्रश कराया मेरा बदन गर्म पानी से पोंछा और मुझे कपड़े पहना कर नाश्ता करवाया .......
इस दौरान हमारी दो चार शब्द ही बात हुई फिर वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं तभी पापा आये और उन्होंने रोज की तरह मेरा हाल चाल लिया ..... और आफिस चले गए फिर दीदी वापस आयी और मैंने उनसे अपनी नोटबुक्स और पेन मांगा और स्कूल का काम पूरा करने लगा मुझे व्यस्त देख कर वो भी नीचे चली गयी और मम्मी की हेल्प करने लगी खाना बनाने में 12 बजे तक मेरा काम खत्म हो गया और मैं लेट कर कल की घटना के बारे में सोचने लगा और मुझे एहसास होने लगा कि कल जो हुआ वो गलत था अनैतिक था भले ही इसमे हमारी सहमति थी रजामन्दी थी पर था तो ये गलत ही और एक बार तो मुझे ये भी अहसास हुआ कि मुझमें और विनय में क्या फर्क है जो उसने किया दीदी के साथ वही तो मैं भी कर रहा हूँ ...... पर मेरे मन ने एक तर्क दिया कि विनय ने गलत इरादे से वो सब किया और मैंने हालात की वजह से ...... मैं इन्ही सब ख्यालों में डूबा था कि तभी मम्मी आ कर बैठ गईं मेरे पास और मुझसे बातें करने लगी उनको आये 5 मिनट ही हुए थे कि तभी मेरे फोन की घंटी बजी ...... देखा तो ये मेरी बुआ का कॉल था (मेरी बुआ सुमन पापा से 4 साल बड़ी थीं उनकी ससुराल लखनऊ में थी फूफा जी बैंक में जॉब करते थे उनके दो बेटे थे जिनमें से बड़ा बेटा अभय एयरफोर्स में था और छोटा कॉलेज में)
मैंने कॉल रिसीव की और बुआ को चरण स्पर्श कहा उन्होंने आशीर्वाद देते हुए मेरा हालचाल पूछा मैंने अपने एक्सीडेंट के बारे में उन्हें बताया और वहां के हालचाल पूछे उन्होंने बताया कि सब ठीक है और वो कुछ दिन के लिए इलाहाबाद आना चाह रही हैं सबसे मिलने और मेरे एक्सीडेंट की बात सुन कर वो कुछ ज्यादा ही उतावली हो रही थीं आने को मैंने कहा ठीक है बुआ जी आप जब चाहो आ जाओ ...... फिर उन्होंने मम्मी के बारे में पूछा मैंने बताया कि वो यहीं है आप उनसे बात कर लो और मैंने फोन मम्मी को दे दिया मम्मी उनसे बात करने लगी उनकी बात काफी लंबी चलनी थी पर मेरे पास सुनने के सिवा कोई चारा नही था कुछ देर बाद मम्मी की बात सुन कर मेरे कान खड़े हुए वो पूछ रही थी ......, दीदी वो तो ठीक है पर लड़का करता क्या है????.
अच्छा फिर तो सही है कितनी सैलरी होगी?
कितने भाई बहन हैं ,?
इस तरह एक सवाल सुन कर मुझे उत्सुकता हुआ कि बुआ के तो दो बेटे ही हैं उन्हें लड़के की कोई जरूरत ही नही तो क्या ये बातें दीदी के बारे में चल रही ...... कहीं दीदी की शादी की बात तो नही चल रही ये अहसास होते ही मुझे कुछ बुरा सा लगा ...... पर मैंने अपने मन को समझाया कि एक दिन तो ये होना ही है और दीदी की उम्र भी 22 हो रही है ..... इस उम्र में लड़कियों की शादी की बातें तो होती ही हैं ......
आखिर में मम्मी ने कहा ठीक है जीजी आप आना तो लड़के की फ़ोटो और कुंडली लेती आना फिर आगे देखा जाएगा ..... और उन्होंने फोन काट दिया .......
मैंने पूछा क्या कह रही थीं बुआ मम्मी ने मुस्कुराते हुए बताया कि वो निकिता के लिए एक रिश्ता बता रही थीं लड़का उनकी पहचान का है हमारी ही बिरादरी का बैंक में जॉब करता है 80000 तनख्वाह है और लखनऊ में दो मकान हैं उनके खुद के लड़के की सिर्फ एक बहन और माँ है पापा नही हैं छोटा और खुशहाल परिवार है लड़के में कोई बुरी आदतें भी नही हैं ...... हमारी निकिता के लिए एकदम ठीक रहेगा ये लड़का ......
मम्मी की बात सुनकर मुझे हंसी आयी माँ बाप को कितनी जल्दी होती है बच्चों की शादी की आज ही बात हुई और उन्हें सब ठीक लगने लगा फिर मम्मी बोली आज इनसे भी बताऊंगी सब ठीक रहा तो इसी साल शादी कर दूँ निक्की की विनय वाली घटना के बाद से मैं यही सोच रही हूं जल्दी से इसकी शादी हो जाये ससुराल चली जाए तो मुझे चैन मिले उनकी फिक्र अपनी जगह पर जायज भी थी ......
मैंने कहा पर वो अभी पढ़ रही हैं पढ़ाई तो पूरी होने दीजिए मम्मी बोली शादी के बाद भी पढ़ाई कर सकती है इस बारे में बात कर लेंगे लड़के से फिर वो उठी और बोली मैं जा रही हूं नीचे ...... तेरी मामी से बात करनी है मैं समझ गया कि अब ये बात जब तक सारे रिश्तेदारों को पता नही चल जाएगी मम्मी को चैन नही आएगा ........
दोपहर में दीदी खाना ले कर आईं उनके चेहरे पर थोड़ी टेंशन झलक रही थी ..... उन्होंने मुझे खाना खिलाया पर इस दौरान वो चुप ही रहीं ...... वो बर्तन रखने गयी और जल्दी ही वापस आ गईं और परेशान सी बैठ गईं ..... मैंने कहा क्या हुआ दीदी आप कुछ परेशान दिख रही हो वो बोली ....., ,तुझे नही पता मैंने ना में सर हिला दिया वो बोली मम्मी तो कह रही थी तुझे सब पता है मैंने पूछा वो शादी वाली बात वो बोली हां मेरी शादी होने जा रही है दीदी कि बात सुन कर मैं हंस पड़ा ...... मैंने कहा अरे यार अभी बस बुआ ने रिश्ता बताया है शादी की डेट नही फिक्स हुई ये सब लंबा प्रोसेस होता है दीदी बोली पर मम्मी की बातों से ऐसा लग रहा कि वो अगले महीने ही मेरी शादी कर के मुझे ससुराल भेज देंगी ......
मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा अच्छा है तो फिर आपको अपने उंगलियों से मेहनत नही करनी पड़ेगी मेरी बात सुन कर उनके गाल गुलाबी हो गए वो बोली चुप कर नालायक फालतू मत बोल ...... मैंने कहा मैं सही तो बोल रहा हूँ आराम से ससुराल में जीजा जी के साथ मज़े करना दीदी तुनक कर बोली पर ऐसे थोड़े होती है शादी ...... मैंने कहा तो ऐसे कहाँ हो रही है बुआ को आने दो बात आगे बढ़ने दो जमा तो ठीक वरना मना कर देना ..... दीदी मुह बना कर बोली तेरी बात सही है पर मम्मी का अलग ही इरादा लग रहा ऐसा लगता है वो सब डिसाइड कर चुकी हैं मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर आप इतनी टेंशन ना लो अभी मैं हूँ ना आपको लड़का पसन्द ना हो तो मुझे बताना मैं मम्मी को समझा लूंगा मेरी बात सुन कर उनके चेहरे का तनाव कुछ कम हुआ और वो स्माइल की .......
मैंने कहा बस ऐसे ही मुस्कुराते हुए आप अच्छी लगती हो और दीदी ने अपना सर मेरे कंधे पर टिका दिया,
तभी नीचे घंटी बजने की आवाज़ आयी ....., दीदी उठ कर नीचे की ओर चल दीं और नीचे से कुछ आवाज़ें आने लगी शायद कोई आया होगा ......, फिर 10 मिनट बुआ जी मेरे कमरे में दाखिल हुए मैं थोड़ा सा चौंक गया उन्हें देख कर वो इतनी जल्दी आ टपकेगी मुझे उम्मीद नही थी पर मैंने मुस्कुराते हुए उन्हें हाथ जोड़ कर प्रणाम किया वो मेरे पास आ कर बैठ गयी मैंने उनके पैर छुए तो उन्होंने मेरे सर पर हाथ फिराते हुए मेरा हाल चाल पूछा मैंने पूछा बुआ प्लेन की टिकट ले रखी थी क्या अभी कुछ देर पहले आपने आने की बात की और इतनी जल्दी हाजिर वो हंस कर बोली मैंने तो रास्ते मे बस में बैठे बैठे ही कॉल की थी तुझे मैंने कहा फिर बताया क्यों नही की आप अभी आ रही हो बुआ हंस कर बोली सरप्राइज और फिर बातें करने लगी काफी देर हमने यहां वहां की बातें की फिर वो नीचे चली गईं .......
शाम को 4 बजे सारे ऊपर ही आ गए दीदी मम्मी बुआ और दीदी ने चाय नाश्ता भी लिया हुआ था वही मेरे कमरे में सबने नाश्ता किया चाय पी और दुनिया भर की चर्चा होती रही बातों बातों में मम्मी ने अपनी साड़ी के पीछे से एक तस्वीर निकाली और मुझे दे कर बोली देख विकी ये लड़का कैसा है ......
मैंने देखा ये एक 25-26 साल के स्लिम ट्रिम लड़के की तस्वीर थी घुंघराले बाल क्लीन शेव आंखों पर चश्मा एकदम गोरा कुल मिला एकदम स्मार्ट और हैंडसम लड़का था ये ...... मैंने दो मिनट तक गौर से उसे देखा और फिर बोला बढ़िया है एकदम फर्स्ट क्लास बुआ ने फौरन सवाल किया अपनी निक्की के लिए कैसा रहेगा ....., और बुआ का ये सवाल सुनते ही दीदी बर्तन समेट कर नीचे चली गईं ........ बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा लगता है शर्मा गयी मम्मी ने चहकते हुए कहा मुझे तो लड़का बहोत पसन्द है बस निकिता को पंसद आ जाये ये सुन कर मुझे राहत मिली कि कम से कम उनकी पसन्द का ख्याल तो है मुझे ये डर था कि कहीं उनकी मर्जी पूछे बिना ना मम्मी पापा कोई फैसला कर लें।
मम्मी की बात सुन कर मुझे थोड़ी तसल्ली हुई और मैंने फोन से उस लड़के की एक pic की एक pic ले ली मैंने पूछा बुआ इनका नाम क्या है बुआ ने बताया प्रतीक नाम है इसका घर मे सिर्फ इसकी माँ शांति जो बहोत सीधी सज्जन महिला हैं और बहन श्वेता जो अभी 12th की स्टूडेंट है और वो भी एकदम सीधी सादी लड़की है .......
मुझे ऐसा लगा मेरी निकिता दीदी के लिए घर और रिश्ता एकदम परफेक्ट है .......
फिर बुआ और मम्मी नीचे चली गईं उनके जाते ही दीदी कमरे में आई मुझे सूसू आयी थी मैंने दीदी को बताया उन्होंने हमेशा की तरह मुझे टॉयलेट करवाया और फिर मेरे पास आ कर बैठ गईं और पूछने लगी कि क्या बातें हो रही थी उनकी शादी के बारे में मैंने कहा दीदी वो सब छोड़ो पहले ये बताओ आपने लड़के की तस्वीर देखी उन्होंने ना में सर हिला दिया ...... मैंने फोन पर उन्हें प्रतीक की तस्वीर दिखाई वो बड़े गौर से उसे देखने लगी .......
मैंने पूछा क्या हुआ दीदी पसन्द आ गया क्या उन्होंने कहा ठीक ही है मैंने कहा सिर्फ ठीक मुझे तो बहोत पसन्द आया ये लड़का .....
बाकी चीजें भी अच्छी हैं वो सवालिया नजरो से मुझे देखने लगी मैंने उनके मन की बात समझ कर कहा पहली बात घर मे सिर्फ 3 सदस्य हैं लड़के की माँ और बहन दूसरी बात इसकी मा बहन दोनो एकदम अच्छे स्वभाव की हैं बुआ ने ऐसा ही बताया है बाकी मैं ठीक होने पर खुद जा कर देखूंगा कैसे लोग हैं वो ..... तीसरी बात लड़का अच्छी जॉब करता है बढ़िया कमाता है आपको खुश रखेगा और आखिरी बात अगर आपको ये नही पसन्द तो सब बातें खत्म अब बोलो दीदी ......, अपनी उंगली मसलते हुए बोली इतनी जल्दी क्या बोलूं मैंने कहा कोई बात नही दो चार दिन में बता देना .......
तभी मम्मी ने उन्हें आवाज़ दी और वो नीचे चली गईं ....... ,
फिर संजय आ गया उसने आज के नोट्स दिए मुझे और कल वाले ले कर चला गया और फिर रात में दीदी ने मुझे खाना खिलाया और हम थोड़ी बातचीत कर के सो गए ......
मैंने अपनी तरफ से दीदी से कोई हरकत करने की कोशिश नही के और दीदी ने भी आज खुद पर काबू रखा ।
अगले तीन दिन इसी तरह निकल गये हमारा जिंदगी सामान्य तरीके से चलती रही और चौथे दिन बुआ वापस चली गईं वो जाते जाते कई बार ये बात कह गयी कि भाभी इस रिश्ते पर गौर करना इससे अच्छा रिश्ता मिलना मुश्किल है मम्मी ने उन्हें आश्वासन भी दिया वो जल्दी ही उन्हें बताएंगी .......
और उस रात दीदी ने रोज की तरह मुझे खाना खिला कर दवा और दूध दिया फिर मुझे टॉयलेट करवा के कमरे की लाइट ऑफ कर के आ कर लेट गयी और थोड़ी देर बाद उन्होंने करवट ले कर अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया ......
मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पूछा दीदी 4 दिन हो गए हैं कुछ सोचा आपने उन्होंने कहा हाँ बहोत सोचा पर कोई फैसला नही कर पा रही हूं मैंने उनका हाथ सहलाते हुए कहा ऐसा क्यों दीदी वो बोली विकी ऐसा है कि इस शादी से इनकार करने की मेरे पास कोई वजह नही है लड़का अच्छा है हैंडसम है परिवार भी ठीक है पर मैं अभी शादी नही करना चाहती मैंने कहा ह्म्म्म पर अभी शादी ना करने की वजह ...... वो बोली तुम्हे नही पता मैंने कहा ठीक ठीक नही पता आप ही बता दो वो बोली तुम हो वो वजह ..... मैं अभी बस तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं शुरू से मेरा तुम्हारा रिश्ता कुछ खास नही था हम दोनों अपनी अपनी दुनिया मे मस्त थे पर पिछले कुछ दिनों से जो सब हुआ है मुझे महसूस हुआ कि एक तुम ही हो जो मुझे समझते हो मेरी परवाह करते हो मेरी हर खुशी का ख्याल रखते हो मेरे लिए कितना कुछ कर दिया तुमने और मुझे पता हीनही चला कब मैं तुम्हे भाई से बढ़ कर एक दोस्त और फिर उससे भी ज्यादा समझने लगी ....... विकी मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं अभी बस तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं इतना कह कर दीदी कस के मेरे सीने से चिपक गयीं मैंने भी उन्हें बाहों में कस लिया और उनके माथे को चूम लिया ......, और कहा ...... दीदी प्यार मैं भी आपसे करता हूँ आपसे बेहद और शायद मैं भी यही चाहता हूं कि आप हमेशा मेरे पास मेरे साथ रहो लेकिन ये सम्भव ही नही है आज नही तो कल एक दो साल बाद आपके शादी करनी ही पड़ेगी हमे एक दूसरे से अलग होना ही पड़ेगा उस रात जो हुआ वो गलत था नही होना चाहिए था और मैं वादा करता हूँ कि आगे से कभी ऐसा नही होगा पर मेरी एक बात मान लो ये रिश्ता वाकई में आपके लिए हर तरह से सही है हां एक बार मैं खुद जा कर उन लोगों से मिलूंगा और अगर सब सही लगा तो आप ये शादी कर लो मना मत करो कभी कभी कुछ फैसले लेने पड़ते हैं दीदी ......
दीदी ने मेरी बात सुन कर एक गहरी सांस ली और कहा तुम्हे ऐसा लगता है उस रात हमारे बीच जो हुआ वो गलत था ...... मैंने कहा दीदी पता नही वो गलत था या सही पर इतना जरूर है किसी को भी पता चला उस बारे में तो वो हमें गलत ही कहेगा अभी विनय वाला मामला निपटा ही है मैं नही चाहता कि मेरी वजह से आप किसी नई मुसीबत में पड़ो दीदी ने मेरे गाल पर किस करते हुए कहा इतना प्यार करता है तू मुझे मेरी खुशी के लिए खुद को मुझसे दूर कर लेगा मैंने कहा एकदम नही मैं अपनी प्यारी दीदी को ना दूर कर सकता हूँ ना आपको कभी अपने से दूर जाने दूंगा लेकिन अब हम उस सब से दूर रहेंगे अच्छा हुआ उस रात हम और आगे नही बढ़े .......
दीदी बोली पता नही अच्छा हुआ या बुरा हुआ ......
मैंने कहा जो होता है अच्छा ही होता है जितना हुआ वो भी अच्छा बल्कि बेहद अच्छा था पर उसके आगे कुछ नही हुआ वो भी अच्छा था ......
दीदी अब बोलो आपका क्या फैसला है दीदी ने मेरे सीने पर रख कर कहा मुझे तेरी धसर बात मंजूर है विकी मैं इस शादी के लिए तैयार हूं पर याद रखना मेरा प्यार तेरे लिए कभी कम ना होगा ...... और हमारी दोस्ती हमेशा बनी रहेगी और हम एक दूसरे से अपनी कोई भी बात नही छुपायेंगे ......
वादा कर मैंने कहा प्रॉमिस दीदी आप जैसा चाहती हो वैसा ही होगा ।
फिर हम एक दूसरे को बाहों में भरे भरे सो गए .......
अगले 10 दिन तक सब वैसे ही चलता रहा हां दीदी ने मम्मी पापा को अपना फैसला सुना दिया था कि उन्हें लड़का पसन्द है और वो शादी के लिए तैयार हैं ......
घर मे सब लोग दीदी के इस निर्णय से खुश थे और बुआ को भी ये सूचित कर दिया गया था .....
इस बीच प्रतीक की मम्मी की एक बार मेरी मम्मी से बात भी हुई थी और मम्मी का कहना था को बेहद सुलझी सरल और सज्जन हैं और दीदी को उनके घर कभी कोई परेशानी नही होगी उन्होंने हम सब को अपने घर बुलाया भी की एक बार सब लोग एक दूसरे से मिल लें ...... और हां बुआ दीदी की तस्वीरें ले गयी थीं जो कि प्रतीक ऑयर उनके घर वालों को बेहद पसंद आ गयी थीं।
आती कैसे नही मेरी दीदी हैं ही ऐसी प्यारी सी मासूम और सेक्सी .......।