• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest जीजा जी की चाहत (incest)

neeRaj@RR

Member
479
3,018
123
Bahot badhiya story hai waiting for update.....pls give big updates as you gave in the starting
फोन पर इस से बड़ा अपडेट टाइप करने में मुश्किल होती है भाई फिर भी प्रयास होगा और बड़े अपडेट का।
 

neeRaj@RR

Member
479
3,018
123
बाइक काफी स्पीड में थी तो दूर तक फिसलती चली गयी संजय उछल कर घुटने के बल गिरा पर मेरा बायां पैर बाइक के नीचे फंसा हुआ था और मैं बाइक के साथ ही 10-12 मीटर तक घिसटता चला गया इधर बाइक रुकी और आसपास चल रहे लोग दौड़ कर आये बाइक हटा कर मुझे उठाने लगे मैंने उठने की कोशिश की पर बाएं पैर में दर्द की तेज लहर उठी और मैं लड़खड़ा कर गिर गया ।
दर्द से मैंने अनुमान लगाया कि हो ना हो पैर में फ्रैक्चर हो गया अभी कुछ देर पहले मैं बहोत ही खुश था जल्दी से दीदी के पास जा कर उन्हें सब बताना चाहता था लेकिन ये नया झमेला खड़ा हो गया तभी संजय मेरे पास आ गया उसके घुटने में कुछ खरोंचे आयी थी पर उसे कोई गंभीर चोट नही लगी थी मैंने पूछा कैसा है तू उसने बताया ठीक हूँ ज्यादा नही लगी फिर मेरी हालत देख कर उसने पूछा ज्यादा लगी क्या मैंने बताया कि बायां पैर काम नही कर रहा शायद टूट गया वो थोड़ा घबरा गया और बोला अंकल को बताऊं कॉल कर के अब ये बात घरवालों से छुपाई नही जा सकती थी तो मैंने कहा रुक मैं ही कॉल करता हूँ वही सड़क पर बैठे बैठे मैंने पापा को कॉल की और पूरी बात बतायी हां थोड़ा सा झूठ भी बोलना पड़ा उनके गुस्से से बचने के लिए मैंने बताया कि मैं अपने स्कूल से दीदी के कॉलेज जा रहा था उन्हें लेने और रास्ते मे अचानक एक कुत्ता भागता हुआ आकर बाइक में टकरा गया और बाइक गिर गई मेरे पैर में चोट है खड़ा नही हो पा रहा हूँ आप आ जाओ और दीदी को किसी तरह घर पहुंचा दो ...... गनीमत रही कि सारी बात सुन कर उन्होंने मुझे डांट नही लगाई तब तक विनय ने 112 कॉल कर के एम्बुलेंस बुला ली थी और 10 मिनट में ही एम्बुलेंस आ गयी संजय ने मुझे सहारा दे एम्बुलेंस में बिठाया और खुद बाइक ले कर साथ मे चल पड़ा 10मिनट में हम हॉस्पिटल पहुंच गए डॉक्टर मेरा चेकअप किया और पैर का एक्सरे करवाया हेयर लाइन फ्रैक्चर था मेरे पैर में तभी पापा का कॉल आया मैंने उन्हें सारी बात बताई और हॉस्पिटल का एड्रेस बताया थोड़ी ही देर में मम्मी पापा आ गए मम्मी तो काफी घबराई हुई थीं पर मुझसे मिलने और सारी बात जानने के बाद उन्हें थोड़ी तसल्ली मिली फिर अगले दो तीन घंटे तक मेरे इलाज और पैर मे प्लास्टर लगाने का कार्यक्रम चलता रहा जैसे तैसे शाम के 6 बजे डॉक्टर ने मुझे घर जाने की इजाजत दी 20 दिन के रेस्ट की हिदायत के साथ।

तभी मेरे फोन पर रिंग आयी देखा तो ये मेरे पड़ोस के शुक्ला अंकल की वाइफ का कॉल था मैंने रिसीव किया तो दीदी की चिंतित आवाज़ सुनाई दी ...... विकी क्या हुआ है कहाँ हो तुम लोग सब ठीक तो है ना...... और तुम मुझे लेने क्यों नही आये ये शुक्ला आंटी क्यों कॉलेज आयी मुझे लेने और घर मे कोई नही है सब लोग कहाँ है ...... दीदी ने एक सांस में ढेरों सवाल पूछ डाले उनकी फिक्र जायज थी जिस काम से मैं निकला था सुबह उन्हें छोड़ कर वो सारे दिन चिंता में थीं कि पता नही क्या हुआ होगा ..... अभी इस समय मैं उनसे ज्यादा कुछ नही बता सकता था इसलिए मैंने सिर्फ इतना कहा दीदी सब ठीक है हम लोग बस घर ही आ रहे हैं फिर मैं सारी बात बताता हूँ तुम्हें ......
दीदी ने फिर से पूछा अभी कहाँ हो तुम मैंने बताया कि बस हॉस्पिटल से निकल रहे हैं हम लोग , वो ये सुन कर और परेशान हो गईं और फिर से पूछने लगी हॉस्पिटल में क्यों हो तुम हुआ क्या है, कुछ बताओगे मुझे मैंने बताया दीदी मैं जब अपने स्कूल से तुम्हारे कॉलेज आ रहा था तुम्हे पिक करने तभी मेरी बाइक स्लिप हो गयी रास्ते मे पैर में थोड़ी चोट आ गयी थी तो हॉस्पिटल आना पड़ा लेकिन अभी सब ठीक है हम आ रहे हैं घर फिर बाकी बातें घर आ कर करते हैं.......
दीदी बोली ठीक है अब उनकी चिंता कुछ कम हुई थी फिर मैंने फोन काटा और पापा और मम्मी ने सहारा दे कर मुझे व्हील चेयर पर बिठाया और ले कर बाहर आये किसी तरह मम्मी और पापा के कंधों पर झूल कर मैं कार में बैठा और फिर पापा ने संजय को व्हील चेयर अंदर जमा करने को दे दी और जब वो बाहर आया तो पापा ने बोला बाइक वो ले कर घर आ जाये और पापा ने कार घर की ओर बढ़ा दी......
संजय पीछे से बाइक ले कर आ रहा था मम्मी पीछे ही मेरे पास बैठी हुई थी तभी मेरी जेब मे पड़ा विनय का फोन बजने लगा मैंने धीरे से जेब मे ही हाथ डाल कर उसकी रिंग बंद की मम्मी मुझे देख रही थीं और बोली कि किसका फोन है देख ले मैंने कहा घर पहुंच कर देख लूंगा ना और मम्मी की गोद मे सर रख कर बैक सीट पर लेट गया ।
आधे घंटे में हम घर पहुंचे पापा ने दरवाजा खुलवाया और दीदी भागती हुई मेरे पास आई मेरी हालत देख कर उन्होंने कुछ कहना चाहा पर मैंने उन्हें इशारे से चुप रहने को बोला। तब तक संजय भी आ पहुंचा था संजय और पापा ने इस बार मुझे टांग कर घर के अंदर पहुंचाया और सोफे पर बिठा दिया।
अपने घर के बारे में बता दूं मेरा घर मुख्य सड़क से अंदर गली में एकदम लास्ट में है मेरे घर के बाद गली बन्द है और ये एक 30×50 मे बना हुआ दोमंजिला घर है जिसमे ग्राउंड फ्लोर पर तीन कमरे हैं सबसे पहले बरामदा उसके बाद मुख्य दरवाजा जो ड्राइंग रूम में खुलता है उसके बाद आंगन आंगन के एक ओर किचन दूसरी ओर स्टोर रूम और सब से पीछे दो कमरे जिनमे से एक मम्मी पापा का बैडरूम और दूसरा किसी गेस्ट के आने पर उसके रुकने के लिए खाली पड़ा रहता है । मम्मी पापा के रूम में अटैच बाथरूम है और एक बाथरूम बाहर की ओर बरामदे के किनारे पर है।
दूसरी मंजिल पर भी 3 कमरे और दो बाथरूम हैं जिनमे से एक बाथरूम मेरे और दीदी के रूम से अटैच है और दूसरा नीचे वाले बाथरूम के ठीक ऊपर मेरा और दीदी का कमरा ऊपर ही है इसके अलावा तीसरे कमरे का कॉमन यूज़ होता है और मैंने वही अपनी स्टडी टेबल भी लगा रखी है ये रहा मेरे घर का नक्शा।
मेरे बैठने के बाद संजय और पापा भी वही बैठ गए पापा ने एक बार फिर से पूछताछ शुरू कर दी कि कैसे एक्सीडेंट हुआ था और मैंने कुछ सही कुछ झूठ मिलाजुला कर एक अच्छी सी कहानी उन्हें सुना जिसमे मेरी गलती ना के बराबर थी सुनने के बाद उन्होंने कहा ठीक है जरा ध्यान से बाइक चलाया करो और स्पीड पर नियंत्रण रखा करो मैंने कहा ठीक है पापा मैं आगे से ध्यान रखूंगा तब तक मम्मी हमारे खाने के लिए स्नैक्स और चाय ले आईं सबने हल्का फुल्का चाय नाश्ता किया फिर पापा अपने रूम में चले गए मैंने संजय से कहा यार मुझे ऊपर अपने रूम में पहुंचा दो ...... ये सुन कर मम्मी बोली क्या जरूरत है इस हालत में ऊपर जाने की यही पड़े रहो चुपचाप मैंने कहा मम्मी मेरा सारा सामान कपड़े बुक्स वगैरह सब ऊपर है कौन बार बार ऊपर नीचे करेगा और ऊपर मैं अपनी पढ़ाई भी जारी रखूंगा संजय रोज के रोज आ के मुझे नोट्स देता रहेगा यहां प्रोबलम होगी .... दीदी फौरन बोली हां मम्मी विकी ठीक कह रहा है ऊपर मैं भी इसका पूरा खयाल रखूंगी ..... मम्मी ने थोड़ा सोचते कहा ठीक है लेकिन तू तो दिन में रहेगी नही फिर मुझे ही सारा दिन भाग दौड़ करनी पड़ेगी दीदी बोली कोई बात नही मम्मी जब तक ये ठीक नही होता मैं कॉलेज से छुट्टी ले लुंगी वैसे भी आजकल प्रैक्टिकल चल रहे हैं तो कुछ पढ़ाई नही चल रही कॉलेज मैं ..... इसी बहाने मैं भी घर पर रह कर एग्जाम की तैयारी कर लुंगी ..... मम्मी ने गहरी सांस लेते हुए कहा ठीक है ठीक है जो मर्ज़ी हो करो मेरी तो कोई सुनता ही नही है।
मम्मी उठ कर किचेन में चली गयी मैंने संजय की ओर देखा तो वो आ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाने लगा मैं किसी तरह खड़ा हुआ पर पैर जमीन पर नही रखा जा रहा था ये देख दीदी भी मेरी दूसरी ओर आ गयी और मेरा हाथ उठा कर अपने कंधे पर रखते हुए मुझसे चिपक गयीं संजय ने दूसरी ओर से दूसरा हाथ अपने गले मे डाल लिया और फिर मैं दोनो के कंधों पर एक पैर से उछलता हुआ सीढ़ियों तक पहुंचा और किसी तरह मुझे ऊपर मेरे कमरे तक पहुंचाया गया लेकिन सीढ़ियों पर चढ़ते समय मुझे ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा था और इस वजह से दीदी का बायां बूब एकदम मेरे सीने पर दबा हुआ था और मुझे उसका अहसास बड़ा अच्छा लग रहा था।
रूम में पहुंच कर मैं बेड पर लेट गया दीदी ने फौरन एक तकिया मेरे प्लास्टर लगे पैर के नीचे लगा दिया और संजय मेरे पास बैठ गया मैंने कहा सॉरी यार संजय मेरी वजह से तुझे भी चोट लग गयी वो गुस्से से मुझे देखता हुए बोला साले खुद का पैर तोड़ लिया उसकी फिक्र कर मेरे तो जरा सी खरोंच लगी हैं एक दो दिन में ठीक हो जाएगा।

दीदी अपने रूम में चली गईं मैंने संजय से पूछा वो लैपटॉप कहाँ है उसने बताया कि उसने बाइक की डिक्की में डाल दिया था वो मैंने कहा वो ला कर मुझे दे दो उसने नीचे से वो लैपटॉप ला कर मुझे दे दिया और जाने लगा मैंने उसे बुलाया और बैठने को कहा वो बोला अब जाने दे यार पापा दो बार कॉल कर चुके हैं गुस्सा कर रहे थे कि मैं कहाँ हूँ घर क्यों नही आया मैंने जेब से वो चेक निकालते हुए पूछा इसका क्या करना है वो बोला इसे एकाउंट में लगा और क्या करेगा मैंने कहा एकाउंट ही तो नही है उसने कहा खुलवा ले उसमे क्या है दो घंटे में खुल जायेगा मैंने अपनी टांग को इशारा किया वो हंसते हुए बोला समझ गया तू चिंता ना कर वैसे भी ये चेक निकिता दीदी के नाम पर है तो उनका ही एकाउंट खुलेगा मैं कल उन्हें ले जा कर उनका एकाउंट खुलवा कर ये चेक लगा दूंगा और कुछ ..... मैंने कहा बस और कुछ नही दोस्त वो मुस्कुराते हुए मेरे सर पर हाथ फिरा कर चला गया।
उसके जाते ही दो मिनट बाद दीदी मेरे कमरे में दाखिल हुई और मेरे बाजू में बैठ कर मेरा हाथ अपने हाथों में कस के पकड़ लिया फिर वो चिंतित स्वर में पूछने लगी विकी सच सच बताना ये चोट बाइक से ही लगी या कुछ और हुआ था मैंने दीदी के हाथ को दबाते हुए कहा मुझे बाइक से ही चोट लगी दीदी और कुछ नही हुआ हाँ कुछ गुड न्यूज भी हैं विनय नाम का कांटा आपकी जिन्दगी से हमेशा के लिए निकल गया और फिर मैं सुबह से ले कर शाम तक का सारा वाकया उन्हें बताता चला गया मैंने वो वीडियो भी उन्हें दिखाई जिसमे विनय की पिटाई और बेज्जती हो रही थी वो देख कर उनके चेहरे पर सुकून नजर आने लगा पर फौरन ही उन्होंने पूछा कि मेरे pic का क्या हुआ मैंने अपनी जेब से उन्हें विनय का फ़ोन निकाल कर दिखाया और उसका लैपटॉप भी और ये भी बताया उनके फ़ोटो सिर्फ इन दो डिवाइस में ही हैं और अब ये मेरे कब्जे में है उन्होंने फौरन पूछा कि क्या मैंने वो डिलीट कर दिए मैंने कहा मौका ही कहाँ मिला अब कर दूंगा ना क्या जल्दी है फिर मैंने उन्हें उन 10 लाख रुपयों के चेक के बारे में भी बताया और चेक निकाल कर उनके हाथ मे दे दिया चेक में अपना नाम और 10 लाख की रकम भरी देख कर उनके चेहरे पर ढेर सारे आश्चर्य के भाव आ गए उन्होंने बड़ी मुश्किल से थूक निगलते हुए पूछा इतने सारे पैसे मेरे हैं ......
मैंने हसंते हुए कहा वैसे तो आपके ही हैं पर थोड़ा कमीशन मेरा भी बनता कितनी भागदौड़ कर रहा हूँ आपकी खातिर और पैर भी तुड़वा लिया दीदी ने ना में सर हिलाते हुए कमीशन नही ये सारे पैसे तेरे ही हैं मुझे क्या करना है इनका पर मम्मी पापा से क्या बताएगा इतने पैसों के बारे में मैंने कहा उन्हें बताने की जरूरत ही क्या है ये पैसे चुपचाप आपके एकाउंट में पड़े रहेंगे कभी जरूरत पड़ी तो काम आएंगे नही तो आपकी शादी में खर्च करूंगा बड़ी धूमधाम से करूंगा आपकी शादी ..... शादी की बात सुनकर दीदी के गाल एकदम गुलाबी हो गए वो शर्मा गयीं और ऐसे शर्माते हुए वो बड़ी हसीन लग रही थीं ।
मैंने कहा आप तो शरमा रही हो शादी के नाम पर ही शादी कैसे करोगी वो धीरे से बोली धत्त मुझे अभी शादी वादी नही करनी .....
मैंने कहा दीदी एक काम करना कल आप संजय के साथ बैंक चली जाना एक खाता खुलवा कर ये चेक लगवा देना और अपने कॉलेज में लीव एप्पलीकेशन भी दे आना फिर मेरी सेवा करना ।
मेरी बात सुनकर दीदी हंसने लगी और मेरी गाल खींचते हुए चिंता ना कर मैं अच्छे से तेरी सेवा करूंगी तू हफ्ते भर में डांस करने लगेगा ।
मुझे टॉयलेट जाना था दोपहर एक बजे मैं नही गया था अब जोर से पेशाब लगी थी मैंने दीदी से कहा दीदी मुझे जाना है ऑयर हाथ की छोटी उंगली खड़ी कर दी .... दीदी ने कहा हां तो चल ना मैं ले चलती हूँ और उन्होंने मुझे सहारा दे कर बिठाया और जैसे ही मैं खड़ा हुआ तो जरा सा लड़खड़ा गया क्योंकि टूटा हुआ पैर तो जमीन पर रखा ही नही जा रहा था दूसरे पैर मैं खड़ा तो हो गया पर आगे बढ़ने के लिए दोनो पैर की जरूरत थी दीदी ने मेरी सिचुएशन समझ कर कहा संजय मैं तुझे पीठ पर लाद कर ले चलूं क्या? मैंने कहा उठा लोगी क्या मुझे इतना भी हल्का नही हूँ उन्होंने कहा देखती हूँ मुझे लगता है उठा लुंगी फिर वो मेरे आगे आ गईं और मैंने अपने दोनों हाथ उनके गर्दन में डाल दिये ऐसे करने से मेरे हाथ उनके सीने पर टच होने लगे पर उन्होंने उस पर ध्यान ना देते हुए आने हाथ पीछे कर के मेरी कमर को थामा और झटके से मुझे उठा लिया वो जरा सा लड़खड़ाई और मैंने उन्हें पकड़ने के चक्कर मे एकदम से उनकी एक चूची मुट्ठी में जोर से पकड़ ली दीदी के मुह से तेज आह निकली और वो सिसक उठी मैंने घबरा कर उनकी चूची छोड़ दी और सॉरी बोलने लगा मैंने कहा सॉरी दीदी गलती से हो गया दीदी ने खुद को सम्हालते हुए कहा कोई बात नही its ok विकी लेकिन इस घटना का सीधा असर मेरे लंड पर हुआ ये पहली बार था कि किसी जवान लड़की की चुचियाँ मेरे हाथों में आई थी उनका नरम गुदगुदा अहसास मुझे उत्तेजित कर गया और मेरे लंड ने सर उठाना शुरू कर दिया और दीदी के चूतड़ पर दस्तक देने लगा ...... दीदी मुझे पीठ पर लाद कर बाथरूम के दरवाजे तक आईं और उन्होंने दरवाजे की कुंडी खोलने को कहा मेरे हाथ तो आगे थे ही सो मैने बड़े आराम से दरवाजा खोल दिया और दीदी ने अंदर दाखिल हो कर मुझे कमोड के पास खड़ा कर दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने कंधे पर रख लिया ......
मैंने दीदी की ओर देखा और कहा आप बाहर जाओ न तो मैं कर लूं दीदी ने कहा पर तू एक पैर पर कैसे खड़ा होगा मैंने कहा मैं दीवार का सहारा ले लूंगा ना आप जो तो सही और मैंने दोनो हाथों से दीवार थाम ली दीदी ने एक बार मुझे देखा फिर छोड़ कर दरवाजे के पास चली गयी और बोली जल्दी कर ले मैं नही देख रही .....
मैंने ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाला और आराम से मूतने लगा जोर से पेशाब लगी थी तो मैं बड़ी देर तक मूतता रहा और कमोड में गिर रही पेशाब की धार की आवाज़ बाथरूम में गूंजने लगी मूत कर मैंने फ्लश किया और फिर हमेशा की तरह लंड अंदर कर के ज़िप बंद करने की कोशिश में मैंने दोनो हाथ दीवार से हटा लिए और ऐसा करते ही एक पैर पर मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और मेरा चोटिल पैर जमीन पर रख गया पैर पर दबाव पड़ते ही मेरे पैर में दर्द की तेज लहर उठी और मेरे मुह से चीख सी निकल गयी ..... मेरी आवाज सुन कर दीदी दौड़ कर मेरे पास आ गयी और मेरा हाथ अपनी गर्दन में डाल कर मुझे सहारा दे दिया पर मेरा लंड जो अभी भी बाहर लटक रहा था दीदी की नजरों के सामने मैं जल्दी से उसे हाथ से छुपाने लगा दीदी ने थोड़ा चंचल आवाज़ में कहा अब कोई फायदा नही मैंने देख ही लिया उसे अंदर करो और कमरे में चलो नही तो पैर दुखने लगेगा मैंने किसी तरह अपना लंड पैंट में घुसाया और ज़िप बंद की फिर दीदी ने मुझे वापस अपनी पीठ पर लाद लिया और कमरे में ले आईं मुझे bed पर बिठा कर सहारा देते हुए लिटा दिया ।
लेटने के बाद मुझे ख्याल आया कि मैंने अभी भी स्कूल ड्रेस पहन रखी है तो मैंने कहा दीदी मुझे चेंज करना है वैसे भी मेरी पैंट घुटने के नीचे से फट चुकी थी और प्लास्टर लगाने में काफी गंदी हो चुकी थी।
मेरी बात सुन कर दीदी ने अलमारी से मेरा लोअर और टीशर्ट निकाला और फिर बेड पर बैठ कंसर मुझे सहारा दे कर बिठा दिया मैंने अपनी शर्ट निकाल दी और उन्होंने अपने हाथ से मुझे टीशर्ट पहना दी उसके बाद मैं अपनी पैंट खोलने लगा ज़िप खोल कर मैं पैंट सरकाने लगा पर मैं बैठा हुआ था पैंट मेरे नीचे दबा था वो सरकने को तैयार ही नही था तो दीदी हंसने लगी बोली अपने हाथों पर अपना शरीर ऊपर उठा लो तो मैं निकाल देती हूं मैंने दीदी को एक पल देखा और फिर वैसे ही दोनो हाथों पर वजन डाल कर अपनी कमर का हिस्सा ऊपर उठा दिया और दीदी झुक कर मेरा पैंट निकालने लगी पर उनके झुकते ही उनके कुर्ते के ढीले गले से उनकी लटकती हुई गोरी गोरी चुचियाँ मेरी आँखों के सामने आ गईं वो नजारा देख कर मेरा लंड फिर से सर उठाने लगा मेरी पैंट फिटिंग की थी तो वो एकदम जरा जरा सा सरक रही थी और लंड खड़ा होने की वजह से आगे का हिस्सा उसमे फंसा हुआ सा था दीदी ने एक झटका मार कर पैंट को नीचे तो कर दिया पर पैंट में फंसा हुआ लंड एकदम से टनटना कर उनके चेहरे के सामने आ गया मेरा लंड खड़ा होने पर 6 इंच का तो होगा ही ..... अंडरवियर में उभरा हुआ मेरा लंड देख कर एक पल को तो वो ठिठकी पर फौरन ही अपनी नजरें फिरा कर उन्होंने मेरा पैंट नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया इस पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से ज्यादा का समय लगा मेरे हाथों में दर्द होने लगा था तो मैं वापस बेड पर बैठ गया इतने में दीदी ने मेरा लोअर उठाया और मेरी टांगों के पास बैठ कर झुक कर पहनाने लगी एक बार फिर से मुझे दीदी के रसीले सख्त चूचो के दर्शन होने लगे और अब मेरा लंड पूरी तरह से तन कर खड़ा हो चुका था मैं एक बार फिर से अपने हाथों पर ऊपर को उठ गया और दीदी ने लोअर ऊपर सरकाते हुए जांघो तक चढ़ा दिया नीचे से लोअर सही से पहना दिया उन्होंने पर खड़े लंड की वजह से वो सामने से आकर लंड पर फंस गया अब मेरे तो दोनो हाथ बिजी थे इसलिए दीदी ने एक पल सोचा और फिर जल्दी से मेरे खड़े लंड को अपने हाथ से दबा कर लोअर को अच्छी तरह से पहना दिया लेकिन दीदी का हाथ लंड पर लगते ही मेरे लंड में एक करेंट से दौड़ गया मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि मैं खुद पर काबू क्यों नही कर पा रहा हूँ दीदी पता नही क्या सोचेगी मेरे बारे में पर दीदी ने लोअर पहना कर मुझे लेटने को कहा और मैं नीचे खिसक कर आराम से लेट गया फिर दीदी बोली कोई काम हो तो आवाज़ देना मुझे और वो अपने कमरे में चली गईं ,......।
 

neeRaj@RR

Member
479
3,018
123
शाम का अपडेट हाजिर है मित्रों .....
कोई मुझे पोस्ट डिलीट करने का तरीका बता सकता है क्या ???
 

Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
6,637
25,212
204
शाम का अपडेट हाजिर है मित्रों .....
कोई मुझे पोस्ट डिलीट करने का तरीका बता सकता है क्या ???
Jis post ko delete karna ho us post ko report karo or us par likh do ki post delete karni hai...delete ho jayegi post
 

neeRaj@RR

Member
479
3,018
123
दीदी के जाने के बाद मैं आंखे बंद कर के लेट गया और सोचने लगा कहाँ तो मैं इतना खुश था कि आज दीदी को कॉलेज से पिक करके उन्हें अपनी बहादुरी के किस्से सुनाऊंगा की कैसे मैंने विनय को अपनी होशियारी से एक दिन में ही निपटा दिया उसके बाद इसी खुशी में दीदी को किसी अच्छे से रेस्तरां में एक ट्रीट दूंगा लेकिन इस कमबख्त टांग को भी अभी टूटना था मेरे सारे अरमानों पर पानी फिर गया था।
तभी लेटे लेटे मुझे विनय के लैपटॉप और मोबाइल की याद आयी और मैंने अपने तकिए के नीचे से उसका मोबाइल निकाला पासवर्ड डाल कर उसे अनलॉक किया और सीधा गैलरी खोली वहां कई सारे फ़ोल्डर्स थे ज्यादातर में पोर्न वीडियोस और लड़कियों/औरतों की नंगी तस्वीरें भरी पड़ी थी मैं इत्मीनान से वो सारी तस्वीरें देखने लगा और वो तस्वीरें डाउनलोड की हुई थी मैं एक दो बार ऐसी तस्वीरें देख चुका था अपने फोन पर संजय के साथ पर मेरा फ़ोन रेडमी का सस्ता सा सेकेंडहैंड फोन था 4.5इंच डिस्प्ले का और ये गैलेक्सी नोट hd क्वालिटी में खूबसूरत लड़कियों की नंगी तस्वीरें देख कर मेरे लंड में फिर से तनाव आने लगा और आज काफी दिनों बाद मेरी मुठ मारने की इच्छा तीव्र होने लगी मैंने लोअर के ऊपर से ही खड़े लंड को सहलाते हुए आधे घंटे में सारी तस्वीरें देख ली और फिर वीडियोस वाला फोल्डर खोल लिया और एक वीडियो प्ले कर दी ये एक रफ़ सेक्स की वीडियो थी जिसमे एक मर्द एक कमसिन जवान लड़की को बेरहमी से चोद रहा था सबसे पहले उसने लड़की के कपड़े फाड़ दिए फिर उसके गालों पर थप्पड़ मारते हुए उसे लंड चुसवाने लगा बीच बीच मे वो आदमी लकड़ी के चेहरे पर थूक भी देता था फिर उसने लड़की के मुह पर अपनी गांड़ रख दी और वो लड़की बड़ी तन्मयता दे उसकी गांड़ चाटने लगी और आखिर में उसने लड़की को घोड़ी बना कर अपना 9 इंच का लंड उसकी कसी हुई चूत में पेल कर चोदना शुरू कर दिया लकड़ी बड़ी तेज मोनिंग करते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी वो आदमी लड़की के गोरे गोरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए उसे बेरहमी से चोद रहा था और उसे गंदी गंदी गालियां भी दे रहा था ....... मैंने पहले भी पोर्न देखी थी पर वो नार्मल सेक्स वीडियोस थे इस तरह के वाइल्ड सेक्स के बारे में मुझे कुछ नही मालूम था खास कर जब वो लड़की उसकी गांड़ चाट रही थी वो देख कर मेरा लंड तो पत्थर जैसा सख्त हो कर झटके लेने लगा ......।
मैं लंड सहलाते हुए वीडियो देखता रहा 20 मिनट तक अलग अलग पोजिशन में धुँवाधार चुदाई करने के बाद उसने अपना लंड चूत से निकाल कर उस लड़की की कसी हुई गांड़ में पेल कर धक्के मारने शुरू कर दिए और आखिर में वो लड़की को नीचे बिठा कर उसके मुह पर मुठ मारने लगा और लंड का ढेर सारा पानी लड़की के खुले हुए मुह में टपकाने लगा जिसे वो बड़े चाव से चाट चाट कर पी गयी ..... ये वीडियो खत्म हुआ तो मैंने अगला वीडियो प्ले कर दिया यह एक MILF वीडियो था जिसमे एक मैच्योर औरत दो नीग्रो के मोटे मोटे लौड़ो से पूरी मस्ती लेते हुए चुद रही थी ये सब देख कर मेरी और मेरे लंड की हालत खराब होने लगी और कब मेरा हाथ मेरे लोअर में जा कर मेरा लंड को मुठ मारने लगा मुझे पता ही नही चला ।
ये वीडियो 7 मिनट की थी जल्दी ही खत्म हो गयी मैंने वो फोल्डर बंद कर एक दूसरा फोल्डर खोला इसमे भी फ़ोटो और वीडियोस थे मैं स्क्रोल करते हुए नीचे तक देखने लगा तभी एक फोटो पर मेरी नजर पड़ी ये तो दीदी की pic थी मैंने उसे ओपन किया दीदी इस pic में विनय की गोद मे बैठी थी और वो उनके गाल पर किस कर रहा था मेरी झांट जल गई ये फोटो देख कर मैंने उसे डिलीट किया और अगली फ़ोटो देखी ये pic उसी घर के थे जिसमें उस दिन मैंने रानी और विनय की वीडियो शूट की थी अगली pic में दीदी सोफे पर बैठी थी उनकी कॉलेज ड्रेस का गुलाबी कुर्ता सोफे पर पड़ा था और वो एक व्हाइट ब्रा और सलवार में बैठी हुई थी ब्रा में कसी उनकी चुचियाँ एकदम शेप में नजर आ रही थीं ।
मैं चाह कर भी अपना हाथ लंड से नही हटा पाया और लंड सहलाते हुए दीदी की pic देखता रहा चूंकि इस pic में दीदी अकेली थी तो मैंने इसे डिलीट नही किया और अगली pic ओपन की इसमे दीदी की ब्रा भी गायब थी और दीदी अपने दोनों हाथ सर के पीछे रखे हुए अपनी चुचियाँ उभार कर दिखा रही थी उफ्फ दीदी की नंगी मस्त चुचियाँ देखते ही मेरे लंड को एक झटका लगा दीदी का साइज मीडियम था पर एकदम गोल और उभरी हुई और उनका निप्पल एकदम पिंक कलर का था निप्पल के चारो ओर आधे इंच का गुलाबी सर्किल बना हुआ था वो नजारा देख कर मेरी हालत खराब हो गयी अगली pic में दीदी की सलवार भी सोफे पर पड़ी नजर आ रही थी वो सिर्फ पैंटी में सोफे पर टांगे खोल कर बैठी थीं और एक हाथ से अपने निप्पल को पकड़ रखा था उन्होंने मैंने धड़कते दिल के साथ अगली pic ओपन की और ........
इस pic में दीदी का फेस तो नही दिख रहा था पर वो पूरी तरह नंगी थीं और सोफे पर घोड़ी बनी हुई थीं उनकी पतली कमर उभरे हुए गोरे नंगे चूतड़ देख कर मेरी हालत खराब होने लगी मैंने तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए अगली pic देखी उफ्फ इस pic में भी दीदी उसी पोज में थीं पर उन्होंने दोनो हाथों से अपने चूतड़ों को फैला रखा था और दीदी की गांड़ की चिकनी दरार और उनकी गांड़ का गुलाबी छेद साफ नजर आ रहा था मैंने pic को ज़ूम कर के एकदम उनकी गांड़ का छेद बड़ा कर के देखा और फिर मेरी नजर नीचे गयी दीदी की चूत के गुलाबी लिप्स एकदम आपस मे चिपके हुए थे चूत के ऊपर हल्की सी मुलायम झांटे नजर आ रही थी और ऊपर चूत का नन्हा सा दाना चमक रहा था मुझे ऐसा लगा शायद दुनिया मे इससे खूबसूरत कोई चीज नही होगी और इसी के साथ मैं झड़ने लगा मेरे लंड से एकदम गाढ़े गाढ़े वीर्य की एक के बाद एक कोई 9-10 पिचकारियां निकली और मैं बेसुध से हो गया सुबह से चल रही भाग दौड़ और फिर हुई दुर्घटना की वजह से मैं थकान सी महसूस कर रहा था और आज मुठ मारने में मुझे जितना मज़ा आया पहले कभी नही आया था मैंने आंखे बंद की और आराम से लेट गया पर पता नही कब मेरी नींद लग गयी ........
लगभग 15-20 मिनट बाद ही मेरी आँख खुली शायद कोई आवाज़ हुई थी मैंने देखा तो दीदी मेरे बेड के पास खड़ी बड़े गौर से मुझे देख रही थीं उनके एक हाथ मे पानी का गिलास और दूसरे हाथ मे दवाएं थीं । मेरा हाथ अभी भी मेरे लोअर में था मैंने जल्दी से हाथ बाहर निकाला पर मेरे हाथ पर काफी सारा वीर्य लगा हुआ था दीदी मेरे हाथ को गौर से देख रही थीं फिर उन्होंने कहा उठ जा दवा खा ले मैं किसी तरह उठ कर बैठ गया पर अब मुझे एहसास हुआ कि मेरे अंडरवियर के अंदर कितना गीलापन है कोई आधा कटोरी माल निकाला था मेरे लंड ने उसकी वजह से मुझे बड़ी प्रॉब्लम हो रही थी ......
मैंने कहा दीदी उन्होंने मेरी ओर देखा मैंने फिर से छोटी उंगली से उन्हें टॉयलेट का इशारा किया दीदी मुस्कुरा कर बोली कितनी टॉयलेट करनी है तुझे अभी तो की थी थोड़ी देर पहले मैंने नजरे चुराते हुए कहा अब लगी है तो क्या करूँ दीदी बोली अच्छा चल न मैं ले चलती हूँ तुझे और उन्होंने मुझे सहारा दे कर उठाया लेकिन अब तक मेरी अंडरवियर से हो कर मेरे वीर्य का गीलापन मेरे लोअर के ऊपर आ चुका था और मेरे लंड के आसपास के हिस्से में गीला धब्बा बन चुका था दीदी ने मेरा हाथ अपने गले मे डालते हुए मुझे खड़ा किया और फिर मेरे आगे आकर पहले की तरह ही मुझे अपनी पीठ पर लाद लिया और बाथरूम में ला कर कमोड के पास खड़ा कर दिया और मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली रुकूँ या जाउँ मैंने मुह बनाते हुए कहा जाओ ना दीदी आपके सामने कैसे करूंगा ......


दीदी खिलखिला कर हंस दी और बोली अरे अब क्या बाकी है देखने को उस टाइम तो देख ही चुकी हूं और कही तू फिर से गिरने लगा तो भाग कर आना पड़ेगा मुझे इस से अच्छा है मेरे सहारे ही खड़ा हो कर कर ले ...... मैं असमंजस की स्थिति में खड़ा रहा दीदी मेरे सर पर हाथ फिरा कर बोली कर ले कर ले मैं किसी को नही बताऊंगी की मैंने तुझे नंगा देखा है और दीदी अजीब सी नजरो से मुझे देखती हुई मुस्कुराने लगी......
मेरी हिम्मत अभी भी नही हो रही थी पर इतना अवश्य था अब इतना सब हो जाने के बाद मेरे मन मे दीदी के प्रति डर जैसा कुछ नही था थी तो बस एक झिझक एक शर्म आखिर वो मेरी सगी बड़ी बहन थी ......
दीदी ने फिर कहा अब कितनी देर तक ऐसे खड़ा रहेगा नही करनी तो वापस ले जाऊं तुझे और फिर मैंने लोवर नीचे खिसकाते हुए अपना लंड बाहर निकाला पर वो बुरी तरह वीर्यमे सना हुआ चिपचिपा रहा था दीदी बड़े गौर से उसे देख रही थीं मैं एकदम से खिसिया गया मैंने कहा दीदी ऐसे क्यों देख रही हो तुम .....
दीदी हंस कर बोली देख रही हूं ये इतना गीला क्यों है कहीं तूने कपड़ो में ही तो नही कर दी ...... मैं एकदम गुस्से से बोला दीदी ..... मैं कोई बच्चा हूँ जो कपड़ो में कर दूंगा मेरे आवाज़ में गुस्सा था तो दीदी मुस्कुराते हुए बोली मैं तो बच्चा ही समझती थी तुझे पर अब तो तू बड़ा हो गया है भाई कहते हुए दीदी की नजर एक बार फिर मेरे लंड पर जा कर टिक गई जो कि इस अवस्था मे भी 4 इंच का था फिर मुझे याद आया मुझे पेशाब तो आया ही नही था मैं तो बाथरूम खुद को साफ करने के लिए आया था पर मैं भूल गया था अकेले मैं कुछ भी करने की हालत में नही हूँ अब पानी का मग ले कर उसे धोने के लिए मुझे किसी की मदद की जरूरत थी और फिर मुझे अंडरवियर भी बदलना था जो कि अकेले मेरे बस की बात नही थी अब मुझे खुद पर ही गुस्सा आने लगा कि मैं यहां आया ही क्यों इससे अच्छा मैं वो गीलापन बर्दाश्त कर लेता लेकिन अब तो गड़बड़ हो ही चुकी थी मैने जल्दी से अपना लंड अंदर किया .......
दीदी ने फिर से कहा क्या हुआ यार कब तक यूँ खड़ा रहेगा मैंने सर झुका कर हकलाते हुए कहा दीदी असल मे मुझे पेशाब नही करना था दीदी ने हैरान होते हुए कहा फिर क्या मेरी सवारी करने का मन था तेरा मैं कोई घोड़ी हूँ जो मेरी बार बार मेरी पीठ पर बैठ कर घूमने चल देता है ...... उनकी आवाज़ में मजाकिया लहजा था जिससे मेरी धड़कन थोड़ा काबू में आई लेकिन जब दीदी ने खुद को घोड़ी कहा तो मेरी आँखों मे वही pic तैर गयी जिसमे वो घोड़ी बनी हुई अपनी गांड़ के दीदार करा रही थीं ..... और इसी के साथ मेरे लंड में जरा सी हरकत हुई .....
मैंने उस ख्याल को सर झटक कर दूर किया और कहा दीदी वो मुझे कपड़े बदलने थे ..... दीदी ने झट से सवाल किया अभी तो कपड़े बदल कर लिटाया था तुझे घंटे भर में ही तेरे कपड़े फिर से गंदे हो गए ...... ऐसा कैसे हुआ मैंने कहा दीदी प्लीज ये सवाल बंद करो और मुझे एक अंडरवियर ला कर दे दो अलमारी से दीदी ने इस बार कुछ नही कहा शायद उन्हें कुछ आईडिया होने लगा था कि मेरे साथ क्या हुआ है उन्होंने कहा तुम दीवार के सहारे खड़े हो जाओ तो मैं ले कर आती हूँ और मैं दीवार के सहारे खड़ा हो गया.......
दीदी कमरे में गयीं और एक अंडरवियर ले कर आ गयी मैं फ्रेंची पहनता हूँ तो वो बड़े गौर से मेरा अंडरवियर देख रही थी ये देख कर मुझे बड़ी अजीब सी फीलिंग हुई पर दीदी ने मुझे अंडरवियर पकड़ाते हुए कहा विकी ये तो लड़कियों जैसा है तू लड़कियों के अंडरवियर क्यों पहनता है ।
उनकी बात सुन कर मुझे गुस्सा आ गया मैंने थोड़ी सख्त आवाज़ में कहा दीदी प्लीज अगर आप ऐसे ही मुझसे फालतू के सवाल पूछोगी तो मैं अभी नीचे चला जाऊंगा एक तो मैं परेशान हूँ पैर में दर्द है ऊपर से आप फालतू की बातें किये जा रही हो .......
मेरी बात सुन कर दीदी के चेहरे से मज़ाक के भाव गायब हो गए और वो थोड़ा सा उदास स्वर में बोली ठीक है बताओ क्या करूँ मैं मैंने कहा मुझे अंडरवियर बदलना है अगर आप मेरी मदद कर सको तो कर दो पर बिना कोई सवाल किए इस बार दीदी ने चुपचाप मेरे सामने बैठ कर मेरा लोअर नीचे करते हुए निकाल दिया और उसे हैंगर पर टांग कर फिर से बैठ कर मेरा अंडरवियर भी नीचे खींच दिया मैंने अपनी आंखें बंद कर ली दीदी ने धीरे धीरे मेरा अंडरवियर मेरे पैरों से बाहर निकाला और उसे एक ओर फेंक दिया...... पर अभी तो मुझे खुद को साफ भी करना था मेरी झांटो में वीर्य चिपचिपा रहा था मैंने हिम्मत कर के कहा दीदी पानी दो ना तो दीदी ने उठ कर पानी का मग भर कर मेरे हाथ मे दे दिया मैंने एक हाथ से मग तो पकड़ लिया पर अब एक टांग पर खड़ा हो कर धोऊं कैसे ..... मैंने आंख खोल कर देखा दीदी एकदम शांत खड़ी थी मेरे सामने उन्होंने मेरी ओर देखा सवालिया नजरों से जैसे वो जानना चाह रही हों कि मैं क्या चाहता हूं मैंने कहा दीदी मुझे खुद को साफ करना है मेरा मतलब धोना है।
दीदी ने कुछ बोल तो नही पर हाथ के इशारे से पूछा क्या ?
मैं असमंजस में था कि कैसे बताऊं उन्हें ।

तभी दीदी ने कहा अब तूने मना किया है कोई सवाल करने से तो मैं कुछ पूछ भी तो नही सकती फिर भी अगर तू साफ साफ बता दे कि करना क्या है तो मैं शायद कुछ मदद कर दूं तेरी मैंने हिचकिचाते हुए लंड की ओर उंगली से इशारा किया और कहा इसे साफ करना है दीदी ने कुछ बोला नही और वो मेरे सामने बैठ गयी और फिर एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से उस पर पानी डालने लगी और फिर उसे हाथ से रगड़ रगड़ कर धोने लगी मेरा वीर्य उनकी उंगलियों में लग रहा था ...... कोई दो मिनट तक अच्छे से रगड़ रगड़ कर मेरा लंड धोने के बाद उन्होंने हाथ पानी मे डुबा कर रगड़ कर मेरी झांटो में फंसे हुए वीर्य को भी पोंछ दिया और फिर मेरा पहना हुआ अंडरवियर उठा कर मेरे लंड को और आसपास अच्छे से पोंछ दिया अब मुझे काफी बेहतर लग रहा था...... पर इतना सब होते होते दीदी के नरम नाजुक हाथों की रगड़ पा कर मेरा लंड फुंफकारते हुए तन कर 7 इंच का हो चुका था और उसका गुलाबी सुपाड़ा चमड़ी से बाहर आ कर झांकने लगा था दीदी ने उसकी सख्ती महसूस करते ही उसे छोड़ दिया और मेरी ओर देखने लगी ...... मैंने आंखे झुका ली फिर दीदी ने दूसरा अंडरवियर ले कर मुझे पहनाया और एक बार फिर से उन्हें मेरे खड़े लंड को पकड़ कर अंडरवियर में डालना पड़ा इसके बाद उन्होंने मुझे लोअर पहनाया लेकिन उसके सामने बने गीले धब्बे को देखते ही उन्होंने उस पर उंगली फिराते हुए कहा ये भी गंदा हो गया है इसे भी बदलना पड़ेगा ..... उनकी बात सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गया मुझे लगा दीदी सब जान गई हैं कि मेरे साथ क्या हुआ है और जानती भी क्यों ना जबकि वो मुझसे दो साल बड़ी हैं और सेक्स भी कर चुकी हैं ......
फिर दीदी ने मुझे अपनी पीठ पर लाद लिया और एक बार फिर से मेरा खड़ा लंड उनकी कमर से जा चिपका उन्होंने फिर से मुझे बेड पर लिटा कर अलमारी से मेरा दूसरा लोवर निकाला और मेरा लोअर बदल कर मेरी दवाएं निकाल कर मुझे दी और पानी का गिलास पकड़ा दिया .....
मैंने चुपचाप दवा खाई और गिलास दीदी को पकड़ा दिया दीदी ने गिलास नीचे रखा और मेरे पास बैठ गईं ..... फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर बोली सॉरी विकी मैं बहोत परेशान करती हूं न तुझे देख मेरे लिए कितना कुछ किया तूने मुझे इतनी बड़ी मुसीबत से निकाला मम्मी पापा से झूठ बोल कर मुझे बचाया मेरी वजह से इतनी चोट लगी तुझे कितनी तकलीफ उठानी पड़ी तुझे मेरी वजह और मैं ही तुझे बेवजह इतना परेशान कर रही थी मुझे माफ़ कर दे विकी........
मेरी आँखों से आंसू बहने लगे मैंने दीदी का हाथ कस के दोनो हाथों से पकड़ लिया और बोला नही दीदी आपकी कोई गलती नही है ..... आप तो एकदम भोली और मासूम हो इसीलिए उस कमीने के चक्कर मे फंस गई और उस हरामजादे ने आपका गलत फायदा उठाया बाकी ये मेरी चोट और तकलीफ तो मेरी ही गलती का नतीजा है मुझे बाइक इतनी तेज नही चलानी थी पर मैं जल्दी से जल्दी आपके पास पहुंच कर आपको सारी बातें बता कर आपकी टेंशन खत्म करना चाहता था इसीलिए बाइक ज्यादा तेज भगा दी और नतीजा ये हुआ कि लंगड़ा हो गया ......
थोड़ा रुक कर मैंने कहा एक तो आप मेरी इतनी सेवा कर रही हो मुझे अपनी पीठ पर लाद कर ले जा रही हो जो नही करना चाहिए वो भी कर रही हो उस पर भी मैं आपसे गलत तरीके से बात कर रहा हूँ मुझे माफ़ कर दो दीदी ......
मेरी बात सुन कर दीदी मुस्कुराने लगी और एकदम से मेरे गले लग गईं मैं कैसे माफ कर दूं तुझे जब मैं तुझसे नाराज़ ही नही हूँ जितना कुछ तूने मेरे लिए किया है शायद ही कोई भाई अपनी बहन के लिए करे क्या पड़ी थी तुझे विनय से उलझने की पापा से सब बता देता फिर वो अपने तरीके से मामले को सुलझाते पर तूने मेरी परवाह की और इस छोटी सी उम्र में वो काम कर दिखाया जो शायद पापा भी इतने अच्छे तरीके से ना कर पाते ....... इस से साबित होता है तू मुझे कितना प्यार करता है तुझे मेरी कितनी परवाह है .......i am so proud of you viky .....
मुझे गर्व है मेरे भाई पर......
.
दीदी की बात सुन कर मेरे मन को कुछ चैन आया और मैंने उन्हें अपनी बाहों में कस लिया और उनके बालो में हाथ फेरने लगा।
मैंने कहा दीदी ये सच है कि तुमसे बहोत प्यार करता हूँ और कभी तुम्हे दुखी नही देख सकता तुम यकीन नही करोगी पर अगर ये विनय वाला मैटर नही सुल्टता तो मैं इस विनय की जान ले लेता क्योंकि उसने मेरी दीदी के साथ गलत किया था ......

दीदी ने भी अपनी बाहें मेरे गिर्द कसते हुए कहा मैंने विनय को अच्छा लड़का समझ कर दोस्ती की थी विकी पर उसने अपनी बातों में फंसा कर मुझसे शादी का वादा कर के मेरे साथ बहोत गलत किया मैंने कहा दीदी आपकी किस्मत अच्छी थी जो आप सही समय पर उसके चंगुल से छूट गयीं वरना उसके इरादे तो बड़े खतरनाक थे वो आने दोस्तो के सामने भी आपको परोसने की सोचे बैठा था ......
दीदी सुबकते हुए बोली हां विकी वो बहोत नीच इंसान था मेरी ही गलती थी जो मैं उस पर भरोसा कर बैठी ......
मैंने कहा दीदी वो बस एक बुरी घटना थी आपके जीवन की उसे भूल जाना ही बेहतर है अब ....
आज हम दोनों के बीच कुछ नजदीकी बढ़ गयी थी ..... दीदी ने वैसे ही मुझ पर लेटे हुए कहा देख विकी जब तक तेरा पैर ठीक नही हो जाता तेरी सारी देखभाल मुझे ही करनी पड़ेगी इसलियेअब तू मुझसे शर्माना छोड़ दे और साफ साफ बोला कर तुझे जो भी जरूरत हो मैंने धीरे से कहा हर बात साफ साफ कैसे बोल सकता हूँ आप बहन हो मेरी बड़ी बहन दीदी बोली हां सही कह रहे हो मैं बड़ी बहन हूँ तुम्हारी लेकिन अब हम दोनों को एक दूसरे के कुछ ऐसे सीक्रेट मालूम हैं कि हम भाई बहन के साथ मे अच्छे दोस्त भी बन सकते हैं इतना कह कर दीदी मेरे सीने के दोनो ओर कुहनियां टिका कर मेरी आँखों मे देखने लगी वो मेरी आँखों मे झांकती हुई बोली ...... बोलो विकी बनोगे मेरे दोस्त मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा दीदी दोस्त तो बन जाऊंगा लेकिन फिर मैं आपको बहोत परेशान करूंगा दीदी आंखे गोल गोल घुमाते हुए बोली अच्छा तू अपनी दीदी को परेशान करेगा मैंने कहा नही अपनी दोस्त को और दीदी खिलखिला कर हंस दी उनके गालों में डिम्पल पड़ते थे जब वो ऐसे हंसती थी मैं मुस्कुराते हुए उनकी आंखों में देखने लगा .......
 

aalu

Well-Known Member
3,073
13,028
143
sabse pehle toh :applause::applause::applause::applause:aapki lekhani ke liye....


ab aate hain kahani pe.. kaafi behtereen tarike se kahani ke har paraw ko abhi tak darshaya hain aapne... ek larki kee andhi chahat nadani bhari... yeh darshaya hain kee jab ek ladki andhe pyar mein parti hain toh usse apne pariwar waale hi uss dhokhebaaj ke samne dushman lagne lagte hain...

ek baap jisne apne beti ko uss halat mein kisi mawali ke saath dekhne par jo sabse natural expression hota hain wo bakhubhi dikhaya hain... jo gussa apni izzat ke jaane ka dar,, beti kee bhavishya kee chinta shab ek saath hote hue uspe sakthi karna... kaafi natural rakha hain parivesh aur har pehlu ko...

phir aaya ek bhai jisse apni behen ka ek aise lafange ke saath rishta rakhna uske saath hambistar hona,,, apni behen ko uski parwah karna uske samne,,, uska gussa hona,, par phir apni behen ke aansu dekh ke pighal jana... aur ant mein rakhi ka farz nibhaya... uss pareshani se nikalne ke liye har wo mumkin kosis kari aur kamyab hua...

phir ek sachha dost jisne ek second kee bhi deri na lagayee apne dost ko mushibat mein dekh ke... wo har sambhav tarika dhundha jisse wo iss pareshani se nijjat paa sake... aur koi swarth bhi nahin...

haan in ghatnao ke dauran kuchh manoranjan bhi hote rahe,, ladki ke faislo par gussa bhi aaya,, sach na janne ke evaj mein uss larke ke hi parwah karna jo isse bas ek khelne kee wastu samajhta hain... phir sach pata lagte hi pal bhar mein pyar ka nasha bhi utar jana... aaj kal ke aakarshan ke chakkar mein yeh log ghar pariwar apne bhale chahne waalo kee bhi parwah na karte hain.. iss umar kee nadaniya,,, aur phir apne bhai se prem..

kaafi bhawnaye badalti hue utar chadhav ke saath najar aayee...

phir aaya uss larka ka apni hi behen ke liye najariya badalna akhir iss shab daur se gujarne par jahir hain manshikta mein badlaw jaroor hoga,,, akhir insan ka deemag wo cheej jaroor sochta hain kee uski behen ne uss insan ke saath yeh shab kiya hoga,,, aur phir yeh kalpana ka daur insan kee soch ke saath jo khilwaad karta hain aur phir dekhne ke najariya bhi badalta hain... aur in tashveero ne bhi aag mein ghee ka kaam kiya... ab dekhte hain yeh kahani kaise uss larke aur uss larki ko kareeb lata hain... kya hota hain aage..

keep going brother...
 

neeRaj@RR

Member
479
3,018
123
फिर दीदी उठ गई मेरे ऊपर से और बोली कुछ खाओगे विकी भूख लगी है क्या ?
मैंने उनके सीने को देखते हुए कहा अभी तो भूख नही है अब रात में खाना ही खाऊंगा दीदी .....
दीदी ने कहा ठीक है फिर वो बाथरूम में चली गईं और मैं फिर से विनय का फोन ले कर दीदी के बाकी बचे pic देखने लगा सब मिला कर 45 pic थे और सारे एक से एक बढ़ कर दीदी उन pic में एकदम नंगी थी उनका एक एक अंग 64 mp के कैमरे से ली हुई तस्वीरों में चमक रहा था और उन्हें देखते हुए एक बार फिर से मेरे लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी ..... सारी pic देख लेने के बाद मेरे मन मे उन्हें डिलीट करने का कोई ख्याल नही आया ।जबकि मुझे पता था ये फोन अब मेरे पास ही रहना है। दीदी को बाथरूम में गए 10 मिनिट से ऊपर हो गए थे मैं सोचने लगा आखिर इतनी देर वो अंदर क्या कर रही हैं ..... इन सब घटनाओं के बाद मेरे दिमाग मे बस सेक्स ही घूम रहा था और बात पर मेरे दिमाग मे वही सब आने लगता तो मुझे लगने लगा कहीं दीदी अंदर फिंगरिंग तो नही कर रही मेरा ऐसा सोचने की वजह भी थी एक तो दीदी सेक्स का मज़ा ले चुकी थीं और ये ऐसी चीज है कि जिसे एक बार मज़ा मिल जाये वो बार बार उस लज्जत को महसूस करना चाहता है हांलाकि मैंने कभी किसी लड़की के साथ कुछ भी नही किया था पर कभी कभी मैं मुठ जरूर मार लेता था और पोर्न देख कर थोड़ा बहोत चुदाई का ज्ञान भी हो गया था बाकी स्कूल में लौंडों की बकचोदी तो होती ही थी लड़कियों को ले कर और उस दिन तो मैंने विनय और रानी की लाइव चुदाई भी देख ली थी ...... और घर मे दीदी की विनय के साथ वाली घटना के बाद और फिर विनय के फोन में वो सारा कुछ देखने के बाद इतना तो तय था कि सेक्स यानी कि चुदाई बहोत आनंददायक चीज है ।
और अब कही ना कही मेरा मन भी चुदाई के लिए व्याकुल हो रहा था पर अभी तो मेरी टांग टूटी पड़ी थी और इस समय एक दीदी ही थीं जो मेरे नजदीक थी पर वो तो मेरी दीदी हैं और दीदी के साथ कहीं चुदाई होती है .......
मेरे दिमाग मे फिर से वही बात आने लगा अभी कुछ देर पहले जो भी घटा था कही उसकी वजह से दीदी उत्तेजित नही हो गयी आखिर उन्होंने मेरा लंड ना सिर्फ देखा था बल्कि पकड़ा और साफ भी किया था भले ही ऐसा करने के पीछे मेरा और उनका कोई गंदा नजरिया नही था पर फिर भी जो हुआ था वो एक जवान लड़के और लड़की के ऊपर क्या असर डाल सकता था ये मैं अच्छी तरह समझ रहा था जिन दीदी को आज तक मैंने कभी गलत नजर से नही देखा था इन घटनाओं के बाद उनके प्रति मेरा नजरिया अवश्य ही बदल चुका था अब मैं उनमें दीदी के साथ साथ एक जवान और खूबसूरत लड़की को भी देखने लगा था ।
पर दीदी में ऐसा कोई बदलाव आया है या ये सब मेरे दिमाग का फितूर है मैं कुछ समझ नही पा रहा था तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और दीदी नजर आईं उनके हाथ मे मेरा लोअर और अंडरवियर था जिसे उन्होंने धो दिया था और अब शायद सुखाने को डालने जा रही थीं ......
उन्होंने एक बार मेरी ओर देखा हल्का स मुस्कुराई और फिर बाहर चली गयी उनके दरवाजे पर पहुंचते ही मेरी नजर उनकी सलवार में उभरी हुई गांड़ पर पड़ी और मेरे दिमाग मे फिर से वही दीदी की नंगी pic घूमने लगी ..... दीदी ने दरवाजे के पास पहुंच कर एकदम से मुड़ कर मुझे देखा और मेरी नजरो को ताड़ कर समझ गयीं की मेरा ध्यान कहाँ है ...... और हंसते हुए बोली अगर ऐसे ही जल्दी जल्दी कपड़े गंदे करेगा तो तेरी बीवी परेशान हो जाएगी तेरे अंडरवियर धो धो कर और बाहर निकल गईं ......
उनकी बात सुन कर मैं एकदम से हड़बड़ा गया था ....
फिर मैं दोबारा से ख्यालों में गुम हो गया और बार बार मेरे दिमाग मे सेक्स का कीड़ा कुलबुलाने लगा और मैंने निर्णय किया पैर ठीक होते ही सबसे पहले मुझे चुदाई करनी है । आखिर अब ढेर सारे पैसे भी थे मेरे पास पर चुदाई करने के लिए सिर्फ पैसे नही लगते एक अदद लड़की भी आवश्यकता होती है और मेरे दिमाग मे सबसे पहले रानी आयी वो रण्डी टाइप लड़की थी जो एक साथ दो लड़कों से चुद चुकी थी वो किसी से भी चुदने को तैयार हो जाएगी और अब तो विनय भी नही है तो मुझे किसी का डर भी नही है मैंने फैसला कर लिया कि सबसे पहले रानी को ही चोदना है पर वो मिलेगी कैसे और एकदम से मेरे दिमाग मे आया उसका नंबर तो विनय के फोन में ही होगा मैंने विनय के फोन में सर्च किया तो रानी का नंबर मिल गया मैंने झट से कॉल कर दी उसे पर नंबर स्विच ऑफ था मुझे थोड़ी निराशा हुई पर फिर ये सोच कर खुद को तसल्ली दी बाद में ट्राय करूंगा शायद बात हो जाये ।
फोन रख कर मैं आंखे बंद कर के लेट गया तभी कमरे में आहट हुई देखा तो दीदी आयी हुई थीं उन्होंने ड्रेस बदल ली थी शायद कपड़े धोने की वजह से उनके भी कपड़े गीले हो गए थे......
उन्होंने येलो कलर का टाइट कुर्ता और मैचिंग लैगी पहनी हुई थी घर मे वो दुपट्टा नही पहनती थीं इस ड्रेस में वो गज्जब की सेक्सी दिख रही थीं उनके बाल भी इस टाइम खुले हुए थे ......
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया फिर मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा लगता है आपके कपड़े भी जल्दी जल्दी गंदे हो जाते हैं मेरी तरह .....
मेरी बात सुन कर दीदी हंस दी और बोली नही मुजजे तुम्हारी तरह कपड़े गंदे करने की कोई आदत नही है और हां जब तक पैर ठीक नही हो जाता हाथ पर काबू रखो मैं बार बार कपड़े नही बदलने वाली तुम्हारे .....
मैंने बुरा से मुह बनाते हुए कहा रहने दो मैं खुद ही बदल लूंगा अपने कपड़े .....
दीदी हंसते हुए बोली हुह बड़े आये खुद से कपड़े बदलने सीधे खड़े तो हो नही पा रहे ही अभी गिर गिरा गए तो दूसरी टांग में भी प्लास्टर लगेगा .....
मैंने भी तुनक कर जवाब दिया अब दूसरी टूटे ये तीसरी जब कोई मदद करने को तैयार ही नही है तो अपना काम खुद ही करना पड़ेगा ना.....
दीदी बोली मदद करने को तो मैं हमेशा तैयार हूं पर तेरी हरकतें ऐसी हैं कि सोचना पड़ता है मुझे......
दीदी की इस बात से मुझे शर्मिंदगी हुई मैंने कहा सॉरी दीदी मुझे खुद पर कंट्रोल रखना चाहिए था ......
मेरी आवाज़ में आये बदलाव को दीदी ने भांप लिया और कमर पर हाथ रख कर बड़ी स्टाइल ये बोली यार तू बार बार सॉरी मत बोला कर तू मज़ाक भी नही समझता है पागल कहीं का ......
मैंने धीरे से कहा पर हमारा रिश्ता मज़ाक का नही है ना दीदी ......
दीदी ने तुरंत कहा क्यों दोस्त से मज़ाक भी नही करते तुम लोग ?
मैं फिर से मुस्कुरा दिया और दीदी पास आ कर मेरा गाल खींचते हुए बोली बस ऐसे ही मुस्कुराते रहा कर अच्छा लगता है ...... दीदी ने अपने हाथ पीठ के पीछे कर रखे थे ऐसा लग रहा था वो कुछ छुपा रही हैं मैंने पूछ लिया दीदी क्या छुपा रही हो ....... दीदी ने हाथ आगे किये उनके हाथ मे एक पुराना प्लास्टिक का मग था उन्होंने उसे मेरे बेड के नीचे रख दिया .....
मैंने कहा ये किसलिए है दीदी ने कहा तुझे जल्दी जल्दी टॉयलेट जाना पड़ता है ना तो जब लगे इसी में कर लेना मैं साफ कर के रख दिया करूंगी .....
मैंने ना में सर हिलाते हुए कहा अब मैं ये तो एकदम नही करने दूंगा आपको ..... दीदी बोली अच्छा बेटा ये नही करने देगा और बार बार दीदी की सवारी करना अच्छा लगता है तुझे पीठ पर लाद कर बाथरूम तक ले जाने में मेरी हालत खराब हो जाती है इतना भी हल्का नही है तू और फिर वहां तेरा वो पकड़ कर तुझे टॉयलेट करवाना मेरी तो हालत खराब हो जाती है इतनी देर में इस से अच्छा है मैं ये मग साफ कर दिया करूँ .....
मुझे भी लगा ये ज्यादा आसान है उस से तो मैंने फिर कोई बहस नही की पर मैंने इतना जरूर पूछा कि जब पॉटी आएगी तब क्या करोगी दीदी ..... दीदी ने बुरा सा मुह बना कर क्या करूंगी घोड़ी बन कर तुझे अपनी सवारी कराउंगी और ले चलूंगी ...... उनकी बात सुन कर मेरे दिमाग मे एक दृश्य कौंध गया ....... दीदी उस pic जैसी ही घोड़ी बनी हुई हैं एकदम नंगी और मैं पीछे से उन्हें कस कस के ठोंक रहा हूँ ..... मेरा चेहरा एकदम से लाल हो गया उनकी बात से पर मैंने अपने मन के भाव छुपाते हुए बस एक स्माइल दे दी और दीदी फौरन बोली कितना मुस्कुरा रहा है नालायक दीदी को घोड़ी बनाने के खयाल से और हम दोनों हंस पड़े फिर दीदी नीचे चली गईं मम्मी की मदद करने ......
थोड़ी देर बाद पापा आये मेरा हाल चाल लिया और वो भी चले गए ......
फिर रात में 9 बजे दीदी और मम्मी साथमे ऊपर आईं दीदी के हाथों में खाने की थाली थी उन्होंने बेड पर ही पेपर बिछा कर थाली रखी और मेरे पास बैठ कर सहारे से मुझे भी बिठाया और मेरे मुह में खिलाने लगी मैंने कहा मैं खा लूंगा खुद से तो वो मम्मी से कहने लगी देखो मम्मी ये मेरी एक भी बात नही मानता है मुश्किल से बैठ पा रहा है और कहता है खुद से खा लूंगा मम्मी ने मुज्जसे डपटते हुए कहा खा ले ना दीदी के हाथ से क्यों नखरे कर रहा है और मैं चुपचाप खाने लगा मम्मी दो मिनट ही बैठी थीं कि पापा ने उन्हें आवाज़ दी मामा जी का फोन आया था और उन्हें मम्मी से बात करनी थी मम्मी ने मुझे हिदायत दी कि खाना खा कर दवा खा लेना और चुपचाप सोना अपनी दीदी को परेशान मत करना और फिर वो नीचे चली गईं उनके जाते ही मैंने कहा दीदी मैं तो आपकी हर बात मानता हूं फिर आपने मम्मी से मेरी शिकायत क्यों कि दीदी मंद मंद मुस्कुराते हुए बोलो इसलिए कि तू आगे भी मेरी हर बात मानता रहे अब चुपचाप खाना खा इतनी बड़ी शिकायत नही कर दी मैंने तेरी ........
आज दीदी ने खास मेरी पसन्द की गोभी मटर की और भिंडी की सब्जी बनाई थी खाना मज़ेदार था मैंने पेट भर के खाया और पानी पी कर लेट गया दीदी ने मेरा मुह पानीसे साफ किया ऑयर फिर टॉवल से पोंछ दिया वो वाकई बड़े मन से मेरा खयाल रख रही थीं ।
फिर वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं और 10 मिनिट बाद आ कर मुझे एक गिलास दूध और दवा दी बोली दूध पीने से हड्डी मजबूत होती है मैंने कहा मेरी हड्डियां कमजोर नही हैं वो तो बस गिरने की वजह से चटक गयी दीदी बोली इसीलिए तो दूध पिला रही हूं ताकि अगली बार गिरे तो हड्डी न चटके फिर मैंने दवा खा कर दूध पिया और लेट गया..... दीदी ने गिलास रखा और पूछा टॉयलेट जाना है मैंने कहा अभी तो नही जब जाना होगा तो डिब्बा रखा है ना नीचे दीदी बोली हां रखा है पर अकेले नही बनेगा तुझसे बुला लेना मुझे मैंने कहा ठीक है.....
वो बोली अब जाऊं मैं मैंने कहा जाओ गुड नाईट .....
दीदी ने मेरे पास आ कर मेरे बालों में उंगलियां फिराई और बोली गुड नाईट फिर वो लाइट ऑफ कर के अपने कमरे में चली गईं मैं सोने की कोशिश करने लगा और जल्दी ही मुझे नींद आ गयी ......
पर थोड़ी ही देर बाद मुझे ऐसा लगा मेरे कमरे में कोई है मैंने अंधेरे देखने की कोशिश की तो देखा कोई मेरे बेड के पास खड़ा है और फिर उसने झुक कर मेरी तकिए के नीचे धीरे से हाथ डाला अब मैं देख पा रहा था ये दीदी ही थीं उन्होंने मेरी तकिए के नीचे से कुछ निकाला शायद वो मेरा फ़ोन लेने आई थीं जब से पापा ने उनका फोन ले लिया था वो रात में थोड़ी देर के लिए मेरा फोन ले जाती थीं अपनी एक दो सहेलियों से बात करने के लिए पर वो फोन मुझसे मांग कर भी तो ले जा सकती थीं फिर ऐसे चुपचाप अँधेरे में क्यों .....?
तभी उन्होंने हाथ बाहर खींचा और अपने कमरे की ओर चल दीं उनके जाते ही मैंने तकिए के नीचे हाथ डाल कर देखा तो मेरा फोन तो वहीं पड़ा था वो शायद विनय का फोन ले कर चली गयी थीं गलती से जिसका लॉक मैं पहले ही हटा चुका था......
पर अभी इस समय उनसे इस बार मे कोई बात करने का कोई फायदा नही दिखा मुझे बस ये डर सता रहा था कि कहीं वो अपनी pic न डिलीट कर दें लेकिन फिर मैंने ये सोचा कि अभी उन pic की एक कॉपी लैपटॉप में भी तो है और मैं यही सब सोचते हुए फिर से सो गया रात में कोई दो बजे मेरी नींद खुली मुझे पेशाब लगी थी तो मैंने किसी तरह बैठ कर अपने पैर नीचे लटकाए और झुक कर वो डिब्बा निकालने लगा पर इस कोशिश मैं खुद को सम्हाल नही पाया और बेड से नीचे लुढ़क गया मेरा पैर जमीन से जोर से टकराया और दर्द के मारे मेरे मुह से तेज चीख निकली ..... पर आधी रात का समय कौन सुनता मेरी चीख लेकिन तभी दीदी भाग कर कमरे में आईं और बोली क्या हुआ विकी तुम ठीक तो हो कमरे में अँधेरा था उन्होने लाइट जलाई और मुझे जमीन पर पड़ा देखकर जल्दी से मुझे उठाने लगी ......
दीदी ने अभी एक लाइट वॉयलेट कलर की झीनी सी नाइटी पहनी थी और वो मेरी बगलों में हाथ डाल कर मुझे उठा रही थीं इस पोजीशन में मेरा चेहरा एकदम उनके सीने पर चिपक गया था और मेरे गाल के नीचे उनकी नरम गरम चूची का स्पर्श हो रहा था मैं उस मज़े को महसूस करते हुए किसी तरह उठा दीदी ने मुझे बेड पर बिठाया और बोली ....... क्या कर रहे थे तुम कैसे गिर पड़े ......?
मैंने कहा वो मुझे टॉयलेट करना था तो झुक कर डिब्बा उठा रहा था उसी में बैलेंस बिगड़ गया और मैं लुढ़क गया उन्होंने मेरे चोटिल पैर के घुटने के ऊपर सहलाते हुए पूछा .......फिर से लग गयी ना पैर में ?
मैंने कहा नही बस जरा सा पैर टकरा गया जमीन पर तो दर्द होने लगा उन्होंने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा मुझे क्यों नही बुला लिया था ......
मैंने कहा आप सो रही थी सोचा क्यों नींद खराब करूँ आपकी ये सुन कर दीदी ने मुझे मीठी झिड़की देते हुए मैं तेरी बहन भी हूँ और दोस्त भी तूने मेरे लिए इतना कुछ किया है और मुझे इस लायक भी नही समझता कि मुझसे थोड़ी मदद ले ले मैंने कान को हाथ लगाते हुए कहा सॉरी दीदी अब से बुला लूंगा ये सुन कर दीदी कुछ खुश होती हुई बोली उसकी जरूरत नही है अब से मैं यही सोऊंगी तेरे पास हो सकता है तू बुलाये और मेरी नींद ना खुले वो तो मैं अभी सोई नही थी ...... इतना कहते कहते उन्होंने अपनी जीभ दांतो से दबा की जैसे ये बात गलती से उनके मुह से निकल गयी हो ...... फिर वो फौरन बात बदलते हुए बोली चल पहले तू हल्का हो ले और उन्होंने बेड के नीचे से वो डिब्बा निकाला और एक हाथ से मेरा लोअर नीचे करने लगी मैंने दोनो हाथों पर खुद को ऊपर उठाया और दीदी ने जल्दी से मेरा लोअर और अंडरवियर घुटनो तक सरका दिया और डिब्बा मेरे लंड के सामने कर दिया मैंने बैठे बैठे मूतना शुरू कर दिया पर प्रेसर तेज होने की वजह से पहली धार डिब्बे से बाहर छलक गयी और ये देखते ही दीदी ने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और उसका रुख मोड़ कर डिब्बे की ओर कर दिया ......
मैंने आंख बंद कर ली और आराम से मूतने लगा जब मैं मूत चुका तो दीदी ने लंड को हल्के से दबा कर उसके छेद पर आई ही बून्द को डिब्बे में टपकाया और फिर डिब्बा ले कर बाथरूम में भाग गई उसे कमोड में खाली कर के पानी से धो कर वापस बेड के नीचे रख दिया और फिर मेरे लंड को देखते हुए मेरा लोअर और अंडरवियर वापस ऊपर सरका दिया फिर उन्होंने लाइट ऑफ की और मेरे बगल में ही आकर लेट गयीं ......
दो मिनट तक हम दोनों खामोश लेटे रहे फिर मैंने धीरे से पूछा दीदी आप अभी तक सोए क्यों नही थे ..... दीदी ने कहा बस यूं ही नींद नही आ रही थी तभी मैंने तकिए के नीचे हाथ फिराया और देखा कि अभी भी वहां सिर्फ मेरा फोन था मैंने फिर पूछा दीदी आप वो मोबाइल क्यों ले गयी थीं ......
दीदी ने कुछ देर बाद कहा मैं चेक करना चाहती थी कि तूने मेरे pic डिलीट किये या नही मैंने बड़ी सफाई से झूठ बोल दिया अभी तो मैंने उस फोन को हाथ भी नही लगाया जब से आया हूँ वैसे ही पड़ा है कर दूंगा कौन सा अब वो फोन किसी के हाथ लगना है.......
दीदी बोली विकी तू नही जानता इन pic की वजह से और बाद में विनय की उस धमकी की वजह से मैं कितनी परेशान थी तूने मेरी बहोत बड़ी मुसीबत खत्म कर दी मैंने कहा दीदी मैं आपकी जिंदगी में कभी कोई मुसीबत नही आने दूंगा मेरी बात सुन कर दीदी ने मेरी ओर करवट ली और मेरे माथे पर हाथ फिराते हुए बोली तेरे कहे बिना भी मैं ये बात समझती हूं विकी एक तू ही तो है जिसे मेरी परवाह है जिसे मेरी फिक्र है अच्छा अब सो जा रात बहोत हो गयी है फिर मैं कब नींद में डूब गया मुझे भी पता नही चला ......।
 
Top