Kumar 3465
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Update 3
शांती मनोज की बाते सुनकर खुद का वजूद ही भूल गई थी ,वो तो बस अपनी आंखों से निरन्तर पानी बहाये जा रही थी उसको यह तक भान नही था कि वह मनोज का लंड दोनो हातो से पकड़ी वैसी ही बैठी हुई है,
मनोज तो नशे में अपने सामने कोंन यह भूल कर उसके हाथों में अपने लंड को सिर्फ पकड़े रहने से चिढ़कर शांति को अपने ऊपर खीच लिया, मनोज अभी सिर्फ 12 वी की क्लास में था उसकी उम्र महज 20 साल की थी ,लेकिन अभी से वह एकदम मजबूत शरीर का मालिक था , मनोज के घर के सभी मर्द 6 फुट के लम्बे थे ,उसकी वजह थी उनके पिता विजयजी उनकी कदकाठी साढ़े 6 फिट के आसपास थी , उनके जैसा मजबूत और ताक़दवर इंसान पूरे भवानीगढ़ में तो क्या आस पास के 50 गाँव मे भी नही था, विजयजी की तरह उनके बेटे उनकी तरह मजबूत ,लम्बे चौड़े कदकाठी के थे ,मनोज तो तीनो भाइयो में सबसे ऊंचा निकला था और उसका बदन भी किसी पहलवान की तरह ही मजबूत था,
मनोज ने शांति को अपनी बाहों में भरकर उसके होठो को अपने होठों में लेकर चुसने लगा , शांती का तो होश तब आया जब मनोज के हाथ उसके गांड पर महसूस हुवे , मनोज अपने मजबूत पंजो में शांति की गांड निचोड रहा था ,कब उसने शांति के बदन से बाथ गाउन हटा दिया ये शांति को समझ ही नही आया ,वो तो बस मनोज की बाहों में कसमसा रही मनोज कभी उसके होंठ चूसता तो कभी गाल चाटता ,तो गर्दन चुम रहा था , शांति को क्या करे यही समज़ नही आ रहा था ,मनोज ने उसे अपने चूमने से,और उसके हाथोने की हुवी उसकी गांड की और चुत की मालिश से वह बहोत ज्यादा गर्म हो गई थी उसकी चुत तो इतनी गीली हो गई थी कि उसके चुत के पानी से मनोज की कमर और उसका लंड दोनों पर बरस रहा था,
एकाएक उसने शांति को पकड़ कर घुमा दिया और 69 की स्थिति में आ गया , शांति कुछ समझ पाती उससे पहले ही उसकी चुत पर अपने होठों को लगाकर और अपनी जीभ उसके चुत में डालकर मनोज उसकी चुत चुसने लगा ,मनोज की इस हरकत से शांति को ऐसा लग रहा था कि मानो कोई उसकी जान उसके चुत से खींच रहा हो, वो तो पहली बार जिंदगी में अपनी चुत चुसने का सुख ले रही थी, उसकी आंखे बंद हो गई थी, उसको तो पुरे बदन पर रोये खड़े हो गए थे, उसके मुंह मे प्यास के वजह से जुबान सुख गई थी ,कब वो अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंचे ऐसा उसे लग रहा था, और उसका पूरा बदन अकड़ गया और उसकी चुत ने इतना पानी निकाला था जितनो वो दस बार चुदने के बाद निकलता हो,
शांति तो किसी ऐसी दुनिया मे पहोंच गई थी जहा उसे अपना बदन बहोत हल्का और उसकी अंतरात्मा भी एक सुकून में आई थी ,ये सुकून उसे आज पहली बार मिला था, मुकेश ने आज तक शांति की चूत नही चाटता था ,उसको पसन्द नही था चुत चूसना ,और वो अपना लंड शांति को हमेशा चोदने से पहले चूसने को बोलता , शांति ने कभी मुकेश का मन नही दुखाया , मुकेश जो उसे बोलता वो मान जाती उसके लिए मुकेश उसका पति नही भगवान था ।
पर आज होली के दिन अनर्थ हो गया था ,शांति आज उसके पति के बजाय उसके देवर के बाहोंमे विवस्त्र पड़ी थी, वो एक अलग दुनिया मे ही थी लेकिन जब मनोज ने शांति की बड़ी और नरम गांड को दोनो हाथसे पकड़ कर उसके गांड के लाल छेद में जुबान डालने लगा और उसकी गांड चाटने लग गया, शांति तो क्या करे यह समझ नही आ रहा था, पहली से चुत चुसने से जो आनंद उसे मिला था उसकी तरंगे उसके बदन में उठ रही थी कि अचानक अपने अंदर एक और बदन को काटने वाली एक और लहर उठ गई ,इस बार वो इतनी मचल रही थी क्या बोले क्या करे उसे समझ नही आ रहा था और कब उसने मनोज का लंड पकड़ कर अपने मुह में ले लिया और उसे चुसने लगी ये उसको पता ही नही चला ,मनोज के लंड को वह दोनों हाथों से पकड़कर पूरा अपने गले तक उतार के चूस रही हो ,उसके गले की प्यास और बढ़ गई थी ,उसको भुजाने के लिए वो अपनी जीभ मनोज के लंड के टोपे पर बने छेद में डालने और उस छेद को बहोत शिदत से चाटने लगी ,मनोज भी ज्यादा देर इतनी गर्म लंड चूसें जाने से शांति के मुह में झड़ने लगा ,मनोज का वीर्य बहोत गाढ़ा और गर्म था ,शांति तो उसके वीर्य को पूरा गटक गई ,उसे वो इतना पसंद आया था कि वह जब उसके मुह में मनोज अपना वीर्य छोड़ रहा था तो वो भी अपनी चुत से पानी छोड़ रही थी, मनोज का लंड पूरा अपनी जीभ से चाट के साफ करके मनोज के पाव के पास लुढ़क गई,
शांति तो अपने आप को काबू में करने की कोशिश कर रही थी, अभीतक जो हुवा था मनोज और उसके बीच ,वो यही सोच रही थी क्या कर बैठी वो , लेकिन वो और कुछ बोल पाती या पलँग से उठ पाती उससे पहले मनोज के लंड का स्पर्श उसे अपनी चुत पर होने लगा ,उसको मनोज ने घोड़ी बनाके अपना लंड उसकी चुत में ठोक दिया मनोज के तगड़े लंड ने शांति की चुत की गहराई तक खुदाई कर डाली मनोज के मोटे लंड की वजह से उसके चुत का छल्ला ऐसे फैल गया था कि बस , शांति तो लैंड जब चुत में घुस रहा था ,तभी अपना मुह अपने दोनो हाथो से दबाली थी नही तो उसकी आवाज सूनकर पूरा गांव उनके घर पर जमा हो जाता, अपना मुह दबाकर वो मनोज के लंड को अपनी चुत में झेलती रही ,मनोज लगातर किसी घोड़े की तरह शांति के चुत में कोहराम मचा रहा था, वो शांति की नरम चुत और उसकी गर्मी और एकदम टाइट चूत जितनी उसको अलग अहसास दिला रही थी ,उसके लंड को शांति की चुत इतना सुकून दे रही थी , की उसका लंड भी शांति की चुत को कुछ देना चाहता था और वही देने के लिए वो दनदनाता वो शन्ति की चुत में गर्म गर्म पिचकारी छोड़ने लगा ,और शांति की चुत भरने लगा , शांति भी अपने चुत में मनोज के पानी को पाकर गनगना गई ,मनोज तो एक बार ही झडा था लेकिन शांति कितने बार अपने चुत का पानी इस चुदाई में निकाली थी ये उसको ही नही पता था ।
मनोज का नशा अभी तक उतरा नही था वो शांति को अपने पास खिचके वापस उसके ओठ चुसने लगा और बोलने लगा मामी आज आप को चोदने में बहोत मजा आया ,पता नही ये भांग पीने से हुवा लेकिन आज आप की चुत का पानी पीकर मेरा मन भरा ही नही आपके गांड का रस तो जैसे में पहली बार पिया हु ऐसा लग रहा था ,आपकी चुत ने आज मेरे लंड को भी पिघला दिया ,आपकी चुत के सामने में पहली बार हार गया ,नही तो में हमेशा आप की गांड में ही झडता था , आज आप की चुत तो मेरे लंड का पानी निकाल ही ली, आप जो बोलेगी वो में करने को तैयार हूं लेकिन आप वादा कीजिये कि मुकेश भैया कभी बाप नही बन सकते यह बात आप भैया और भाभी को कभी नही बतायेगी , अगर भैया को मालूम हुवा तो वो जान दे देंगे और मेरी भाबी भी जिंदा नही रहेगी ,में दोनों को बहोत चाहता हु ,उनको अगर कुछ हुवा तो हमारा परिवार बर्बाद हो जाएगा , आपको मालूम है मेरी भाबी को बच्चे कितने पसन्द है, आज हमारे पास इतना पैसा है लेकिन वो पैसा क्या काम का जो हमारे भाई की बीमारी ठीक नही कर सकता , आपने तो विदशों में भी उनकी फाइल दिखाई थी वहा के डॉक्टरों ने भी बता दिया है कि ,कितना भी पैसा खर्च करो ,कोई फायदा नही होगा, आप बस अपना मुह बन्द रखे बाकी में देख लूंगा क्या करना है, आप अपनी बेटी को बहोत प्यार करती है यह बात में जानता हूं और आप जो मुझे करने को बोल रही है वो गलत बात है, में भाबी को कभी धोखा नही दूंगा , में उनको नीद की गोलियाँ खिलाकर चोद कर मा बना दु , यह काम मे कभी नही करूँगा , भाभी मुझे इतना प्यार करती है ,मेरी माँ भी मेरा नही करती इतना मेरी भाभी करते रहती है में उन्हें कैसे धोका दे सकता हु , मुकेश भैया के साथ मेने मिलिंद भैया और मेरा भी रिपोर्ट लैब से चेक करवाए , उसमे बस मेरा ही रिपोर्ट में कोई प्रॉब्लम नही थी और मेरे दोनो भाई कभी बाप नही बन सकेंगे यह बात मुझे बहोत दुख देती है
मेरे मा बाप को जब यह मालूम गिरेगा तो क्या होगा यह सोचकर ही मेरी रूह कांप उठती है , अगले महीने मिलिद भैया की शादी भी पक्की होने वाली है ,उनके होने वाली बीवी की जिंदगी भी बर्बाद होने वाली है, में चाहके भी सिमा भाभी को सच नही बोल पाऊंगा, सिमा भाबी तो मेरे ही उम्र की है, सीमा भाबी तो मुझे अपना देवर नही एक भाई मानती है, शांति भाभी ,सिमा भाबी को अपनी बहन ही मानती है,
में क्या करूँ यह सोचके मेरा दिमाग काम करना बंद हो गया है, 3 महीनों से में अपने सारे गम छुपा कर जी रहा हु, और कभी लगता है आप की बात मान कर भाबी को उनके नींद में चोद कर गर्भवती बना दु ,
शांति चुपचाप मनोज की बाते सुनती रही उसने सब बातें सोचकर अपने मन मे एक फैसला किया और मनोज को अपनी बाहों में जकड़ कर उसके लन्ड को अपनी मुठी में पकड़कर अपने चुत पे लगा के खुद एक झटका मारकर अपने अंदर ले ली ,मनोज के साथ उस रात भर वो अपनी चुत मरवाती रही ,मनोज ने 3 बार और शांति की चुत में अपना पानी भर दिया ,जो उसकी चुत में जाके शांति के तनबदन के साथ उसकी आत्मा को सुकून दे रहा था ,यह रात शांति के जीवन मे मनोज को वो स्थान दिया था जो किसी का नही था उसके पति मुकेश का भी नही
Update 30
शिवा को नीलो ने उठाया तब दोपहर के 12 बज गए थे सुबह 6 बजे ही शिवा घर आकर नीलो का दरवाज़ा बजाकर उठाया और रात को बहुत काम की वजह से नही वो नही आ पाया और थकावट से सो गया था ,जब नीलो ने उसे उठाकर नहाने भेजा तब शिवा को रात की सारी बाते याद आ रही थी ,आज उसने उस अनजान औरत के साथ जो सेक्स किया था उसे उसका दुख था की किसी के नशे हालत का उसने गलत फायदा उठाया ,उस औरत ने ही पहल की थी ओठ चूसकर बाद मे उसे होश ही नही रहा था वो क्या कर रहा है ,किसी जानवर की तरह ही उसने उस औरत को भोगा था ,उसका चुदाई का नशा सुबह की पहली किरण ने ही तोड़ा था ,शिवा को ऐसा लग रहा था उसने उस औरत का जबरन बलात्कार ही किया है ,उसके मन मे यह डर उठने लगा की वह औरत सुबह उठने पर उसके बदन की हालत देखकर सब समझ जायेगी की रात को उसके साथ क्या हुवा है ,अगर उसने अपने आप को कुछ कर लिया तो वो खुद को कभी माफ नही कर पायेगा, शिवा ने उस औरत का चेहरा याद करके देखने लगा की वो क्या कर रही है ,तब उसने देखा कि ना तो वो औरत दुख में है और ना कोई सदमा लगा उस औरत को ,वो बहुत खुश दिख रही थी ,जब शिवा ने उसके दिमाग के खयाल पढ़े तब वो हैरान हो गया ,वो औरत तो उसको ही तलाश रही थी ,उसको रात के शिवा के साथ नशे में हुवे सेक्स ने बहुत सुकून पहुंचा दिया था और सुबह जब उसने अपनी चुत से बहता शिवा के पानी को चखा था तो उसे वो बहुत पसंद आया था ,नशे में अगर वो इतना खुश हुवी थी चुद कर ,तो जब वो अपने पुर होश में उससे चुदेगी तो कितना सुकून मिलेगा उसको ,उसे अब उस अनजान की तलाश थी जो उसके जलते बदन को सुकून दे गया था , उसे उस शख्स का शुक्रिया अदा करना था जिसने उसको दुख से बाहर निकाला था ,उसके बदन को अलग ही ठंडक दे गया था वो ,अब वो उसी होटल में रुककर उसको तलाश करने वाली थी
शिवा उसके मन की बाते सुनके परेशान था ,उसे खुशी इस बात की थी वो औरत अब ठीक है ,रात को उसके साथ हुवी घटना से वह दुखी नही बल्कि खुश है ,लेकिन वो शिवा को ढूंढ रही है फिर से उसके साथ चुदने को यह बात शिवा को परेशान कर रही थी ,उसके मन से एक बहुत बड़ा बोझ उतर गया था कि वो एक बलात्कारी नही है ,किसीके मजबूरी का फायदा नही उठाया है बल्कि उसके वजह से वो औरत दुख से बाहर है और खुश है, वो फिर जल्दी से नहाकर बाहर आया और अपने कपड़े पहनकर कुछ खाने का सामान ले आया होटल से ,उसे बहुत भूक लग गई थी आज रात के मेहनत की वजह से ,उसने घर आकर नीलो के साथ मिलकर खाना खाया,नीलो को आज शिवा के चेहरे पर एक अलग ही चमक दिख रही थी ,उसे शिवा आज पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रहा था खाना खाने के बाद ,शिवा ने नीलो को बताया कि आज उसे छुटी दी है कल के काम की वजह से आज वह घर पर ही रुकने वाला है ,उसे थोड़ा काम है वह करके आज शाम को ही वापिस आ जायेगा ,
शिवा को आज थोड़ा वक्त अकेला गुजारना था इसलिए उसने अपने मन मे एक सुनसान जगह के बारे में सोचा और वहा पर एक सेकंड मे ही पहुच गया ,शिवा ने अपने मन मे जो जगह सोची थी वह एक पहाड़ी इलाका था वहां जाकर शिवा एक पेड़ के नीचे बैठ गया ,यह जगह पर उनके अनाथलय की ट्रिप एक बार पर आई थी इस वजह से उसे उसे इस जगह का पता था ,यह जगह सूनसान थी पर पहाड़ी इलाका, हरेभरे जंगल के वजह से अक्सर गरमियों में उस जगह घूमने आया करते लेकिन अभी बरसात का मौसम था ,जिसके वजह से यह पूरा इलाका सुनसान था ,
शिवा अपने जिंदगी के बारे में सोच रहा था ,वो एक अनाथ लड़का जिसकी ज़िंदगी मे बस अकेलापन था ,पिछले कुछ दिनों में उसके साथ बहुत कुछ हुवा था ,जबसे वो बस्ती में वापिस आया था उसके साथ अजीब सी बातें हो रही थी पहले जीनत की चुदाई ,सनम का प्यार का इजहार, शफ़ी चाचा के इलाज के पैसे जमा करने की कोशिश में नरगिस,विनोद ,सनी से मिलना ,दुबई का सफर , जीनत के साथ उसकी गांड मारना, उसके बाद नीलो से मिलना, नीलो की चुदाई ,अपनी नई शक्तियो का अहसास ,शक्तियों की पहचान कराते वक्त होटल में उस औरत ज्वाला की चुदाई ,
अपनी इन पुरानी यादों के दौरान वह शांति से सोच रहा था की सब उसे क्या करना है और क्या नही ,उसके हिसाब से उसको यह सब ताकद जीनत की गांड मारने के बाद ही मिली है ,अगर एक बार और वो जीनत की गांड मारके देखेगा उसको क्या ताकत मिलती है ,उसने जीनत के गांड की सील खोली थी शायद ऐसा हो कि औरत को गांड की सील खोलकर उसको नई ताकद मिलती हो ,इसलिए अब वो जिसको भी चोदेगा मतलब जो उसके साथ खुद चुदाई करने को तैयार होगी उनकी गांड जरूर मारेगा ,अगर उनकी गांड सिल पैक हो तो उसको नई ताकद मिल जाये, उसको इस बात की भी हसि आ रही थी क्या किस्मत हैं उसकी जो गांड मारने के बाद उसको ऐसी ताकद मिली है ,जीनत की गांड मारने के बाद ही उसको नई ताकत मिली है इसका मतलब यह भी हो सकता है कि वैसी ही ताकद उसको उसकी बेटियों की गांड मारकर भी मिल सकती है ,एक नीलो तो गांड खोलकर बैठी है मार लो ,अब वह जरूर उसकी गांड मारेगा ,और देखेगा की उसको क्या नई ताकत मिलती है क्या नही ,
( शिवा की यह सोच की उसको औरत के गांड की सील खोलकर और उसको मारकर नई ताकद मिलती है इसकी वहज से बहुत से औरतो और लड़कियों के बुरे हाल होने वाला थे ,)
शिवा ने अब अपने मन मे एक लिस्ट बनानी शुरू की उसमे क्या नई चमत्कारी ताकते आयी है
1 किसी भी जगह के बारे में सोचने के बाद 1 सेकंड में पहुच जाना ,बस वो जगह उसने कभी देखी हो या वो उस जगह पर कभी गया हो ,वो ऐसी ही जगह पर जा सकता है जो उसे पता हो ,नई जगह या किसी जगह का नाम लेकर वो उस पर नही जा सकता था ,उसने ऐसी कोशिश करके भी देखा था ,
2 किसके भी मन मे चलने वाली बाते वो सुन सकता था ,जिसको वो जानता हो उसके बारे में बस सोचने पर ही वह कहा है ,क्या कर रही है ,क्या सोच रही है इसका भी उसे पता चल जाता था ,पर वो जिनको जानता न हो,कभी मिला नहीं हो उनके बारे में वो कुछ जान नही पाता था ,उसने सबसे पहले अपने माँ बाप के बारे में सोचा था पर वह जान नही पाया था ,सलमा और बेनजीर को तकलीफ देने वाले इरफ़ान का नाम लेकर भी उसने कोशिश की थी पर नही जान पाया था कुछ
3 वह अब जनावरो से बात कर सकता है और उनके मन की बात भी समझ सकता है
4 वह अब किसी भी चीज के आरपार जा सकता है
अपनी इन चमत्कारी शक्तियों के बारे में जानकर उसको अब यह देखना था कि उसको कौनसी नई ताकद मिलती है जब वो नीलो की गांड की मारेगा ऊसकी सील को खोलकर
नीलो से वह अब कुछ ज्यादा ही बाते करता था उसकी चुदाई करने के बाद ,शिवा ने यह भी सोच लिया था कि वह नीलो से जादुई ताकतों के बारे में चर्चा करेगा वह उसे यह तो नही बताएगा कि उसमे वह ताकते है ,वह ज्यादा पढी लिखी थी उससे और दुनियादारी की समझ भी थी ,शिवा ने फिर उस पहाड़ी इलाके से मुम्बई वापिस आया और मेडिकल से जेल और हॉटल से खाना लेकर घर पहुंच गया ,
नीलो भी शिवा को देख कर खुश हो गई ,शिवा फिर अपने कपड़े बदल कर फ्रेश हुवा और नीलो से बाते करने बैठ गया उसने बड़े ही चालाकी से ऐसी चमत्कारी ताकते ,उन ताकतों को रखने वालों को बारे में बात करके मालूमात निकलने लगा, शिवा बचपन से अकेला ही रहता था ,ज्यादा किसीके साथ बात नही करता ,अनाथलय में भी अपनी पढ़ाई और खेलकूद से मतलब रखा था उसने ,ना कभी कोई पिक्चर देखी थी ना tv देखता था वो ,
नीलो ने फिर शिवा को इतनी बाते बताई की शिवा के दिमाग की माँ चुद गई ,नीलो ने उसे जादुई जिन की कहानियों से लेकर आज के एवेंजरस के सुपर हीरो तक सब कुछ बता दी ,शिवा ने जिन की ताकद सुनी के वो चुटकी बजाके जादू करता ,उसके चुटकी बजाने से घर बनते,खाना आता,पैसा सोना मिलता, कपड़े बदलना ,कपड़े गायब करना ,ऐसी बहुत सी बातें वो करता ,शिवा ने भी 2 या 3 बार कुछ सोचकर चुटकियां बजाई लेकिन कुछ नही हुवा ,नीलो की बातों से उसे इतना तो पता चल गया था , चमत्कारी ताकते हर किसी को नही मिलती ,जिनके पास होती है वह अपनी ताकद सबसे छुपा कर रखते है ,अगर लोगों के सामने अपनी ताकत इस्तेमाल करना हो तो वो अपना चेहरा नकाब से सबसे छुपा लेते है, ताकद की मदद से जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए, अपनी ताकद का गलत इस्तेमाल नही करना चाहिये , ताकते अच्छे लोगो के पास भी होती है और गलत लोगो के पास भी,
जो उसके पास ताकत थी वह तो कुछ भी नही थी जो नीलो ने उसे बताई थी ,कुछ लोगो के पास उड़ने की ताकद होती है कुछ गायब होते है ,कुछ में बहुत शारीरिक ताकद होती है अपने एक वार से वो पहाड़ तक को चूर कर सकते थे,कोई पानी मे भी सास ले सकता, बहुतसी ताकते के बारे में बताया ,नीलो की बातों से उसने यह जान लिया कि ऐसी जादुई ताकते के बारे में जितनी भी जानकारी उसे पुरानी किताबों से मिल सकती है ,लेकिन नीलो से कुछ वो काम की बाते तो समझ ही गया था ,जो उसे अब बहुत ही काम आने वाली थी , बातो में खाने का वक्त भी हो गया ,दोनो ने मिलकर खाना खाया ,फिर शिवा के साथ नीलो सब काम निपटकर लेट गई थी ,उसकी चुत भी अब ठीक हो गई थी 2 दिनों के आराम और इलाज से, और नई जवान लडक़ी एक बार चुदने के बाद ,कुछ ज्यादा ही बेताब होती है चुदने को , नीलो भी आज शिवा के साथ अपनी चुत की आग बुझाना चाहती थी ,वो शिवा के साथ चिपक कर लेटी हुवी थी,शिवा को उसके मन की बात सुनाई दे रही थी कि वह कितनी बेताब है चुदने को ,
शिवा ने उसको अपने ऊपर लेकर किस करना शुरू कर दिया ,नीलो को तो बस यही चाहीये था वो भी शिवा का साथ देने लगीं ,दोनो ने अपने कपड़े उतारकर नंगे होकर चूमने चाटने में लगे रहे शिवा ने नीलो की चुत और गांड में अपनी जीभ की करामत से उसे बहुत जल्द अपना पानी निकालने पर मजबूर किया ,शिवा को आज नीलो की गांड मारनी थी पर जब उसने नीलो की मन की बात सुनी की उसके मन मे है कि शिवा उसकी गांड तो मारे पर पहले उसके चुत पर अपने लन्ड से दया करे ,शिवा ने भी उसकी मन की बात मानते हुवे अपने लंड पर जेल लगा दिया और नीलो की चुत पर भी ,वो धिरे धीरे कोशिश कर रहा था अपना लन्ड उसकी चुत में डालने की पर उसका लंड तो अंदर घुस ही नही रहा था आसनी से ,बस टोपा ही घुस गया था उसका बाकी लंड जाने में बहुत मुश्किल हो रही थी ,शिवा को लगा दो दिन में शायद छेद वापिस कस गया होगा इसलिये उसने थोड़ा जोरसे एक धक्का लगा दिया ,जिसकी वजह से उसका लंड नीलो की चुत में आधा घुस गया ,नीलो को तकलीफ तो वैसी ही हो रही थी जैसी वह पहले दिन चुदी थी ,शिवाने अब नीलो के होठो को अपने मुह में लेकर अपना लंड एक और करारे झटके से जड़ तक ठोक दिया ,नीलो के दर्द को कम करने के लिये वो कुछ देर तक बिना हिले पड़ा रहा ,फिर उसने नोलो की रेल ही बना दी ,उसने नीलो को आधा घण्टे में ही 3 बार झड दिया था,और जब वो 3 री बार झड रही थी तब उसके अंदर वो भी झड गया था ,नीलो इस दमदार चुदाई से बहुत खुश थी उसको दर्द जरूर हो रहा था पर।यह मीठा दर्द ,उसको सुकून भी उतना ही दे रहा था ,वो अपने आप को एकदम हल्का महसूस कर रही थी ,शिवा तो अब उसकी आत्मा तक बस गया था ,
शिवा ने नीलो की चुत चोदते वक्त उसके गांड के नरम छेद में अपने हाथ की उंगली से अछि मालिश की थी अपनी पूरी उंगली को नीलो की चुत के बहते पानी से गिला करके अपनी उंगली उसने अंदर तक घुसा घुसा के उस छेद को बड़ा करने की कोशिश की थी
शिवा और नीलो दोनो कुछ देर आराम करते रहे , नीलो के नंगे बदन की गरमी ने शिवा के लंड को फिर खड़ा कर दिया ,शिवा ने फिर नीलो को घोड़ी बना दिया और उसके गांड के छोटे से छेद में अपनी ऊँगली से जेल लगाने लगा, 38 की उसकी वो गोल गांड इतनी नरम थी शिवा के हाथ लगने से ही लाल पड़ती और अंदर धस जाती जहा पर उसका वह तगड़ा हाथ पड़ता ,शिवा को पता था इसको बहुत तकलीफ होगी लेकिन जब तक पूरा लन्ड अंदर घुसता नही वो रुकेगा नही ,शिवा ने अपने लन्ड को भी जेल से चिकना कर दिया ,और उसको उस गांड के छेद पर लगाके एक हाथ से नीलो का मुह दबाके रखा ताकि वह दर्द से चिल्लाई तो बादमे परेशानी ना हो, जीनत चाची की चीख उसको याद थी जब उसने उनकी गांड मारी थी तब ,अगर वो होटल का रूम साउंडप्रूफ नही होता तो जीनत की आवाज से पूरा होटल जमा हो जाता उनके रूम में ऐसी चीखी थी वो ,
शिवा ने अपने लंड से ऐसे करारे झटके मारे की दो धक्कों मे ही उसका लंड ने उस नरम गांड के छेद का मुह चौड़ा करके जड़ तक घुस गया ,नीलो तो शिवा के हाथों को अपना दर्द बर्दाशत ना होने से जोर से चीखती काटती बेहोश हो गई थी ,शिवा भी अपना लन्ड जड़ तक घुसने के बाद नीलो को देखा कि वह बेहोश है ,तो उसने जम के उसकी गांड को 10 मिनिट तक मारता रहा और उसके गांड में अपने लंड की जगह बनाता रहा उसने उसने 10 मिनिट बाद नीलो को होश में लाकर उसको समझाकर ,पुचकारकर 20 मिनिट उसकी गांड मारकर गांड में ही झड गया , शिवा ने झड़कर भी अपन लंड उसके गांड से निकाला नही था ,नीलो की गांड की गरमी ने उसके लंड को फिर खड़ा कर दिया ,शिवा ने भी फिर उसके गांड को मारना शुरू कर दिया ,नीलो को इसबार दर्द ज्यादा नही पर मजा बहुत आया गांड मरवाने में उसने भी अपनी गांड हिला हिलाके शिवा से दिल खोलकर गांड मरवाई ,शिवाने नीलो की गांड में और चुत में 2 बार अपना पानी भर कर उसको दोनो तरफ से पूरा हराभरा कर दिया था और नीलो की बाहों में ही सो गया था ।
Update 45
मुम्बई के पास एक बहुत ही आलीशान मकान में जो समुन्दर के कनारे पर बना थोडासा अलग ही बना हुवा था वहां की बनी हुवी बाकी घरोसे, शायद उसके मालिक को लोग पसन्द ना हो या उसे लोगो से चिढ़ हो ,वजह वही जानता होगा ,उसके घर कहे या बंगला किसी को भी अंदर आने की इजाजत नही थी, बस उसके खास कुछ नौकर थे वो ही बंगेले में आते जाते रहते ,उस बँगले के मालिक को आज तक 25 साल से काम कर रहे उसके चौकीदार ने नही देखा था तो बाकी लोगो का क्या कहना ,उसको हर महीने में 1 तारिख को उसकी तनख्वाह मिल जाती बंगेले में काम कर रहे नोकर के हाथ से,चौकीदार ने उसे भी पूछा था क्या में मालिक को मिल सकता हु कभी तो उस नोकर ने जो कहा ,उसके बाद उसने कभी उस मालिक से मिलने का नाम निकाला ही नही ,
मिल सकते हो मालिक से अगर तुमको जिंदा नही रहना तो,उनको देखने वाले को आजतक कभी मेने जिंदा नही देखा है ,पिछले 30 साल से,यहाँ पर कभी भी ताक झाक मत करना ,और ना यहां की बातें बाहर किसीसे करना जिस दिन तुम कुछ ऐसा करोगे उसके बाद अपनी मौत पक्की समझ लेना,अपना काम करो ,महीने की पगार लो ,और बंगेले के गेट पर ही रुको उसके अंदर नही सिर्फ बाहर नजर रखो,
उसी बंगले में एक कमरे में दो लोग बात कर रहे थे ,आइये उनकी बातें सुन लीजिये
तुम मुझे कुछ सही बात बोलोगे या नही,तुमको मेने आज तक कितनी बार बचाया है,ये बात मेरे लिये बहुत जरूरी है नील ,तुम हमे बता दो हम यहां से चले जायेंगे ,
विशाखा में भी तुम्हारी तरह एक संरक्षक ही हु, जिस शक्ति को कोई हजारो साल से कोई ढूंढ नही सका, ना उसके बारे में किसी को पता था ,उसके अस्तित्व की बात सिर्फ कुछ को थी ,जो कब के उसके लोभ के चक्कर मे मारे गये, और मेरी बात का यकीन करो वो शक्ति अब भी मंदिर में ही है पर कही पर छूपी हुवी ,ना उसको कोई महसूस कर सके ना उसे कोई पा सके इस तरह उसने खुद को अब अदृष्य कर लिया है ,तुम बेवजह उसको ढूंढ रही हो बाहर,तुमको मंदिर की रक्षा छोड़कर ऐसे नही आना चाहिये ,नील
में उस शक्ति को बाहर कहि भी महसूस करती तो मुझे पता चल जाता वो कहा है ,और दुनिया मे कोई ऐसी चीज नही जिसको में महसूस ना कर सकू,उसको में मन्दिर में महसूस नही कर पा रही हु पहले की तरह पिछले 6 महीने से,मेने उसे पूरी दुनिया मे ढूंढा पर वो नही मिली ,अब तुम्हारी बात को मानते हुवे में मन्दिर की रक्षा करने जा रही हु, सिर्फ़ इतना याद रखना नील यह बात अगर झूठ निकली तो तुम कहि भी छुप लो ,में तुमको मार दुंगी, विशाखा के जाने के बाद उसके कमरे में दो आदमी आकर निल के सामने खड़े हो गए
अब क्या होगा नील हम दोनों कुछ समझ नही पा रहे हैं ,अब हमको क्या करना होगा ,उन दोनों में से एक ने बोला,
जोगी और होरा तुम दोनो अब विशाखा की मदद करोगो आज से ,अब उस मंदिर में बहुत सी बड़ी ताकते आएगी जिसका मुकाबला विशाखा भी अकेली नही कर सकती तुम को अपनी पूरी ताकद लगानी होगी उस काम मे ,निल बोला
नील क्या उस मुकाबले में ही सब फैसला हो जाएगा या बात और कुछ है,जोगी बोला ,
नही मुकाबले के दिन फैसला नही होगा पर अब एक दूसरे को मारकर ,अपने रास्ते मे आने वाला हर खतरे को कम करने की कोशिश उस दिन से बहुत तेज़ होगी,उस दिन तो सिर्फ पहचान ही होगी कि कौन कौन है उस दौड़ में जिनको शक्ति हासिल करनी हे ,निल ने कहा
विशाखा भी उनको रोक नही सकती ,उसके सामने तो कोई भी पराक्रमी योद्धा पल भर नही टिकता,वो अकेली ही हज़ारों महायोद्धा को मार सकती है ,क्या उससे भी बलवान अब मैदान में आनेवाले है ,होरा ने पूछा
उस शक्ति को पाने के लिये ,विशाखा के जितने ही नही ,उससे कई गुना ताक़दवर होंगे ,जिनका मुझे भी अंदाजा नही है ,हम तीनों को अपनी आखरी साँस तक विशाखा का साथ देना है, बाकी लोक भी हमारी मदद करेंगें इस काम मे ,
तुम दोनों अब से मन्दिर के पास ही रहोगे ,जावो तुम वो दोनो भी चले गए,नील अकेला ही रह गया था कमरे में ,
यह कैसी पहेली ही जिसका जवाब किसीके पास नही ,में ,विशाखा कब तक बचा सकेंगे इस शक्ति को , हम चारों के अलावा कोई है भी नही जो इन ताकतों से लड़ सके, पता नही समय के गर्भ में क्या छुपा है ,
आज शाम को ही होटल से छुटी मिल गई शिवा को वो 6 बजे ही घर पहुँच गया था ,सबसे पहले वो अपने कमरे में जाकर नहाने गया उसको जो अजीब से बैचेनी हो रही थी शायद नहाने से चली जायेगी ऐसा सोच कर वो ठंडे पानी से नहाकर अपने कपड़े पहनने लगा ,उसको अपने शरीर मे बदलाव नजर आ रहा था ,जब से उसको चमत्कारी शक्तियों का अहसास हो गया था ,अब उसको किसी भी चीज की हैरानी नही होती थी,वो आईने में अपने शरीर को देख रहा था ,उसका अपना शरीर पहले से गठीला लग रहा था ,नीलो के साथ सेक्स करने के बाद वो हर रोज खुद को चेक करने लगा था ,की उसके शरीर मे क्या बदलाव आया है ,उसको अपनी बाइसेप ,चेस्ट ,शोल्डर, थाइज पहले से बड़े और मजबूत हो गए है ऐसा लग रहा था ,उसने अपने टीशर्ट को पहना जो पहले उसको लूज होता था थोड़ा ,वो एकदम स्किन फीट हो गया था ,शिवा ने कुछ सोचकर उसको निकाल दिया और एक लूज आस्तीन वाला टी शर्ट पहन कर बाहर आया ,उसने सोच लिया था कि वह अब थोड़े लूज कपडे ही पहना करेगा ,नही तो अचानक उसकी बढ़ी ऐसी शरीर की मासपेशियां के बढ़ने का कारण क्या बतायेगा उनको , उसने सनी को फोन करके अपने लिये कुछ एक्सट्रा लार्ज टीशर्ट लाने को बोल दिया था,सनी रात के वक्त घर आता था तब लाकर देने वाला था ,
आज दुबई से नरगिस के यहाँ कुछ लोग आए थे इसलिये वो अपने कमरे में बैठकर उनसे बात कर रही थी, दुबई में शिवा के साथ अस्पताल में जो लड़की नरगिस के साथ रहतीं थी वो और उसके साथ रियाज की बेवा थी ,शिवा ने कुछ देर उनकी बात सुनी तभी वहां पर मोना आ गई जो सनम के साथ बाहर घूमने गई थी ,फिर मोना ने रात के खाने तक उसका पीछा ही नही छोड़ा , रात को खाने के वक्त नरगिस के साथ उसकी दोस्त ,और रियाज की बेवा शबनम आई थी ,वो दोनो ने भी सबसे अच्छी तरीके से बात की थीं, आज भी मोना और नरगिस साथ मे ही सोने को चले गये, शिवा आज बस निताके पास कब जाऊ यहीं सोच रहा था ,उसे अब ना ज्वाला की याद आ रही थी ना सुनीता की उसको तो बस निता के पास जाना था ,
रात को अपने कमरे में आने के बाद उसने देखा कि निता सिमा के उसके घर मे बैठी है ,और उसके ही बाजू में सुनीता बैठी है जो में उससे नही मिला था 2 दिनोसे उसका चेहरा उतरा हुवा था और मन मे मेरे ही खयाल चल रहे थे ,मुझे उसे देखकर ज्वाला की याद आयी वो भी होटल के बिस्तर पर नंगी लेटी उसकी राह देख रही थी ,शिवा को अपनी सोच से चिढ़ हो गई बिचारी दोनो उसके साथ 2 महिनो से वो जैसा चाहे वैसा चुदती थी अब निता के मिलने से वह बदल रहा है ,उनको भूल रहा है ,शिवा अपने कपड़े उतारकर गायब होकर ज्वाला के पास पहुच कर उसको अपनी बाहों में भर लिया,ज्वाला भी अपने प्रेमी की तरह उसके बाहो में समाके रोने लगी और शिवा से न आने के लिये शिकवा करने लगी ,उसको प्यार से समझाकर शिवा ने बताया कि उस को कुछ काम की वजह वक्त नही मिल पाया ,उसने आज 1 घण्टे में ही ज्वाला की प्यास बुझा दी ,ज्वाला को उसका लन्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा,मोटा और मजबूत लगा था ,शिवा आज जब उसकी चुत में झडा थो उसकी चुत तो आज उसके वीर्य की गरमी से जल जाएगी ऐसा उसको लगा था ,ज्वाला को छोड़ कर उसने सुनीता के पास जाकर उसे भी समाझाया की वह काम से नही आ पाया ,उसको भी एक घण्टे में चोदकर ठंडा कर दिया ,
रात के 3 बज गए थे निता अपने बाथरूम में नंगी नहा रही थी उसके बदन की गरमी उसे आज जला रहीं थी ,उसके साथ आजतक ऐसा नही हों रहा था ,वो ठंडे पानी के शॉवर के नीचे खड़ी अपनी चुत पर अपनी एक उंगली कबसे फिरा रही थी,उसने शावर बन्द करके अपनी चुत को दो अंगलियो से फैलाकर खड़े होकर अपनी आंखें बंद करके पेशाब करने लगी ,उसको बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था पेशाब करके उसने अपनी पेशाब करने के बाद शॉवर चालु करना चाहा तो उसे याद आया कि उसकी पेशाब नीचे गिरने की आवाज आयीं ही नही ,उसे अपने चुत पर किसीके जीभ का अहसास हो रहा था वो कुछ सोच समझ ही नही पा रही थी,वो भी अपनी आँखें बंद करती उसको अपनी चुत का रस उसका सर पकड़ कर पिलाने लगी ,निता को अपना होश सुबह 7 बजे आया जब उसका कोई गेट बजा रहा था ,यह पूजा थी जो निता को उठाने आई थी ,रोज निता 7 बजे से पहले उठकर अपने बेडरूम से किचन में नोकरो से नाश्ता बनवाती, पर उसको वहाँ न देखने से पूजा उसको उठाने आ गई थी ,
निता को रात की सब बातें याद थी उसके बाथरूम में चुत चुसने वाले ने उसको वहासे बेड पर उठाकर लाया था ,निता को वह अपनी आंखों से दिखा नही बस उसकी आवाज़ ही सुनाई देती थी ,उसको किसी बात का डर भी नही लगा था उसके ना दिखने ना का ,निता के शरीर को उसने जिस तरह भोगा था मानो वो उसके हक्क का हो ,निता उसके लन्ड को अपने दोनो हाथोसे महसूस करके डर गई थी पर उसकी चुत और गांड में वो लंड आराम से जड़ तक घुस गया था ,निता को अपने वजूद को पूरा कर लिया हो ऐसा उसके लंड के अपने चुत में समाने से लगा था ,अपनी उंगलियों से टटोलते हुवे लंड को अपने चुत और गांड में उसने देखा था पूरा जड़ तक वो मूसल घुस रहा था ,निता को उसने अपने लंड से निकलने वाली गरम गाढ़ी मलाई पेटभर पिलाई थी ,उसके चुत और गांड में अपना माल भरकर वो सुबह चला गया ,इतना बोलकर की वो रोज रात को 12 बजे आया करेगा आज से ,
शिवा निता को भोग के बहुत खुश था ,उसके बदन को चैन मिला था निता को भोगने के बाद ,जब वो मोना को लेकर कॉलेज जा रहा था ,तब नरगिस के साथ उसकी सहेली उनको विदा कर रही थी ,उसकी मन की बात सुनकर शिवा मन मे बोला ,तुम्हारी तकलीफ़ का यह आखरी दिन है ,तुम्हारी तड़प ,दर्द को आज में हमेशा के लिये खत्म कर दूंगा सिनोब ,तुमको भी जीने का हक है ,जो तुम चाहती हो तुमको वो जरूर मिलेगा
Update 53
काल को नेत्रा की मन की बातों से कुछ पता नही चल पा रहा था ,उसने सोचा अब सीधी बात करना ही ठीक होगा ,
काल,नेत्रा में तुमसे कुछ बाते बताना चाहता हु,शायद तुमको उसके बाद लगे कि में शादी क्यो नही करना चाहता था ,मेरी कुछ मजबूरिया थी जो में सबके सामने तुम्हे नही बता सकता था,तुम मेरी जिंदगी में आने से पहले मेरे साथ बहुत कुछ हुवा है ,जो तुम्हे मुझसे शादिसे पहले जानना चाहिये था ,अगर तुम को मेरी हकीकत पता चली होती तो ,शादी करना तो दूर की बात है तुम मेरी शक्कल भी नही देखना पसंद करती ,
नेत्रा ,आप मुझे कुछ बताने की जगह यह क्यो नही पूछते की मेने आपसे शादी क्यो की अपनी वशीकरण शक्ति का प्रयोग करके ,तो बाते आसान हो जाएगी समंझने में ,
काल ,में कुछ समाझा नही ,तुम आखिर कहना क्या चाहती हो ,
नेत्रा ,आप कुछ मत कहो ,पहले मेरी सारी बात सुनलो ,में आप के बारे में सबकुछ जानती हूं शिवा या काल जो भी आप हो में सबकुछ जानती हूं ,मुझमे सिर्फ वशीकरण की नही बाकी भी शक्तिया है जो आपने पूछी ही नही ,में जिसको भी स्पर्श करती हूं ,उसके बारे में सब कुछ जान जाती हु,में जब किसी को छूती हु तो उसके आज के दिन से उसके जन्म तक कि सब बातें मुझे पता चल जाती है ,आप पहले इंसान है जिसके जन्म के बाद 5 साल का में पता नही कर पायी, पर उसके बाद कि आपके 13 साल की पूरी जिंदगी में जान गयी थी ,भीकु ,शफ़ी चाचा, जीनत ,और उनका परिवार, नरगिस ,पूजा ,मोना, सब जानती हूं में ,आप के कितने लोगों से शारिरिक सम्बन्ध बने ,जीनत चाची से लेकर कल सिनोब और कोकी तक ,सब मालूम है मुझे ,तुम्हे क्या लगा मेरी माँ के साथ तुम्हारे शारिरिक संबंध है यह जानकर में तुमसे शादी करने की बात छोड़कर ,तुमसे नफरत करती ,तुम गलत हो शिवा में तुम्हे देखकर तुम्हे पसन्द करने लगी ,मुकाबले में जितने के बाद जब हम सबसे तुमने हात मिलाया था,उसी वक्त में सब जान गई थी तुम्हारे बारे में सब जानकर तो में तुम्हारी दीवानी हो गई ,तुम हमेशा दूसरे के दिलकी खुशी सोचते हो बजाय अपनी ,ऐसा इंसान कहा मिलता है ,तुमने मेरी माँ की उस वक्त मदत की जब उनकी इज्जत और जान दोनो दाव पर थी ,पर उसके बाद तुमने मेरी माँ के साथ जो शारिरिक सम्बन्ध रखें उसकी वजह से आज मेरी माँ 10 साल बाद खुश दिख रही है ,तुमने मेरी माँ को एक ऐसे गम से निकाला है जो वो मेरे जुड़वा भाई के मौत की वजह से जीना ही भूल गयी थी ,उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया पर वो अपने अंदर के दर्द से कभी निकल ही नही पा रही थी ,पर तुम्हारे साथ शारिरिक सम्बंध बनाने के बाद वो अब जीने लगी है ,हसने लगी है तो सोचो में तुमसे सब जानकर नफरत करती या मोहब्बत, आजकी दुनिया मे थोड़ी ताकत मिलने के बाद लोग अपने फायदे के लिये क्या नही करते ,पर तुम तो इतनी शक्तिया होकर भी एक नौकरी करते हो ,कभी अपने लिये तुमने क्या किया उन शक्तियों की मदद से ,
काल तो नेत्रा के मुह से सब सुनकर उसके मुह को एकटक देख रहा था ,
मेने कल अपने माता पितासे तुमसे आज मेरी शादी करने की जिद इस वजह से कर रहीं थीं कि मुझे पता था तुम मेरी माँ की वजह से कभी मुझसे शादी नही करोगे ,ना काल के रूप में और नाही शिवा के रूप में ,तुम मुझे कभी नही अपनाते ,मुझे पता था कि तुम बड़े पापा की बात कभी नही टालोगे ,तुम उनको अपना भगवान मानते हो ,इसी लिये मेने उनको तुमसे बात करने को कहा ,शायद तुम मान जाओ और मुझे अपना लो , तब बड़े पापा ने मुझे बहुत समझाया कि ऐसी एक दिन में शादी का फैसला गलत है ,में काल से बात करूंगा शादी के लिये पर में उसको कोई जबरदस्ती नही करूँगा ,प्यार कभी मांग कर नही मिलता ,तुम पहले काल को जानो ,कुछ दिन उसके साथ रहकर देखो ,फिर अगर तुम एक दूसरे को पसन्द करने लगे तो शादी कर लेना ,अब उनको क्या बोलती में की मेने तुम्हे पूरा जान लिया है ,लेकिन में अपने माँ बाप से ज्यादा उनको प्यार करतीं हु ,उनकी बात मेने मान ली कि में कल शादी करने की जिद नही करूंगी ,
लेकिन जब तुम नही माने तो मैंने तुम्हारे सामने आकर तुम्हारा हाथ पकड़कर देखना चाहती थी ,कि मुझे देखने के बाद तुम क्या सोचते हो ,अगर तुम मुझे देखकर पसन्द नही करते तो में कभी तुमको परेशान नही करती ,पर तुमको छूने पर तुम्हे भी मुझमे खिंचाव महसूस होता है यह में जान गई ,लेकिंन जब मैने देखा तुम विशाखा की बहन को बचाने के लिये क्या करने वाले हो तो में डर गई ,जहा तुम जाने वाले हो वहांपर तुम्हे में बहुत काम मे आ सकती पर तुम कभी मुझे अपने साथ नही लेके जाते ,इसलिए मैंने तुमपर अपनी ताकद का इस्तेमाल करके तुमसे शादी की ताकि में एक पत्नी के हक से तुम्हारे साथ चल सकूंगी ,शायद तुम्हे याद होगा बड़े पापा ने तुमसे 10 बार पूछा था शादि से पहले की तुम ये शादी किसी दबाव या मजबूरी में तो नही कर रहे हो ,वो तो परेशान थे कि की 1 मिनट पहले कुछ साल शादी न करने की बाते करने वाला अचानक अभी के अभि शादी के लिए कैसे मान गया ,मैंने तुमसे शादी तुमपर अपनी शक्ति का प्रयोग करके जबरदस्ती की है ,तुमको में पसन्द थी पर तुम मुझसे शादी नही करना चाहते यह बात मुझे पता है ,तुम मुझे जिंदगी भर अपने साथ मत रखना ,बस जब तुम विषलोक जाओगे तुमको मुझे अपने साथ लेकर जाना होगा ,मुझपर किसीभी जहर का असर नही होता ,दुनियका सबसे जहरीला कोबरा के जहर से भी मुझे कुछ नही होता ,और में किसीके भी अंदर के जहर को छूकर उसे बचा सकती हूं ,और यही ताकद तुमको विषलोक में बचा सकती है ,तुमको शायद एक बाद पता नही है पर तुम सिर्फ जहर से मर सकते हों ,तुम्हारी कोई भी शक्ति तुम्हे जहर से नही बचा सकती है ,तुम एक अच्छे इंसान हो मेने तुमसे जबरदस्ती शादी करके भी ,तुमको मेरे आंसू देखकर तकलीफ़ होना ही तुम्हारी इस बात का सबूत है तुम किसी ऐसे के आंसू देखकर भी परेशान होते है जिसने तुमको फसाया हो ,
काल नेत्रा की बातों से सोच में पड़ गया कि यह लड़की तो पूरी पागल है जो मुझे बचाने के लिए मुझसे ही शादी कर बैठी वो भी मुझे वश करके ,इसको समझना थोड़ा मुश्किल होगा मेरे लिये ,में इसके मन की बात जान नही पा रहा हु और यह बस मुझे छुकर ही सब जान लेती है ,
नेत्रा तुम्हे तो मेरे बारे में सब पता है, क्या तुम मुझे तुम्हारे बारे में नही बताओगी ,काल ,
तो इसमें कौन सी बड़ी बात है ,मेरे मन से पढ़कर सब जान लो ,किसने रोक है तुमको ,नेत्रा
में तुम्हारे मन को नही पढ़ पा रहा हु ,काल,
नेत्रा ने काल के हाथ को स्पर्श किया ,आप सचमुच मेरा मन नही पढ़ पा रहे हो ,अजीब बात है यह तो ,और आप को में पागल भी लगती हु ना
काल ने झट से अपना हाथ पीछे खीच लिया ,अरे नही वो में तो ऐसे ही सोच रहा था ,में सच मे थोड़ी तुमको पागल मानता हूं ,
तो एक काम करिए मेरा हाथ को छूकर देखो तो,में पता कर लुंगी तुम क्या मानते हो ,नेत्रा
काल कब से बेड पर नेत्रा के बाजू में बैठकर बात कर रहा था ,वो झटसे दूर हो गया ,नही नेत्रा इसकी कोई जरूरत नही है ,में तुमको कभी पागल नही मान सकता ,
नेत्रा को काल की हरकतें देखकर हँसी आ गई ,आप डरिये मत में आप मुझे कुछ भी कहंगे तो मुझे कभी बुरा नही लगेगा ,
काल अपने मन मे ,साला इससे बचके ही रहना होगा अब ,
नेत्रा ,आप को बता देती हूं में मेरे बारे में ,मुझमे बचपन से शक्तिया नही है पिछले 3 महीने से मुझमे यह शक्तिया आ गई है ,3 महीने पहले जब में पायल का हाथ पकड़ ली बाते करते वक्त तब मुझे पायल की जिंदगी ही देखने लगी किसी फिल्म की तरह तब में बहुत डर गई थी यह क्या हो रहा है मेरे साथ फिर यही बात पूजा ,मोना को छूकर देखने के बाद भी हुवीं ,उसके बाद मुझे तो लोगो को छूकर उनके बारे में जानने की आदत ही पड़ गई ,इसीमे मुझे यहभी पता चला कि में किसी को छूकर उसे जो कहु करवा सकती हूं, ऐसे ही एक दिन सड़क पर एक आदमी बेहोश पड़ा था ,उसके बारे में जानने के लिये मेने उसको छुकर देखा तो वो 1 मिनट में उठकर बैठ गया ,उसे छूने से मुझे पता चल गया था कि उसे एक जहरीले सांप ने काटा था ,में तब समझ गई के मेरे स्पर्श करने से ही वो ठीक हो गया है ,नही तो वो मरने वाला आदमी ऐसे कैसे उठकर बैठ जाता बिनकोई इलाज करने के
उसके बाद मेने हर तरह के जहरीले जानवर काटने वाले लोगों को अस्पताल में ढूंढ कर उन्हें छुकर देखती और ठीक कर देती ,यह में लोगो की मदद करने के लिए करती पर उनको में कोई पागल लगती ,मेने फिर खुद पर भी जहर का प्रयोग करके देखा ,मेने खुद को कितने ही जहरीले साँप से कटवाकर देखा ,मार्केट से सबसे जालिम जहर खरीद कर पीकर देखा पर मुझ पर किसी भी दवा का असर ही नहीं हुवा,तुमको यकीन नही होगा में बड़े पापा से कहकर जंगल से जहरीले साँप मंगवाती के हमे कॉलेज के वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट में लगने वाला है ऐसा बोलकर ,उन सापो को भी खुद को कटवाकर देखा पर कभी कोई असर नही हुवा मुझपर ,काल एक काम करना तुम विशाखा को मुझे काटने को बोलो, में उसके जहर को एक बार जरूर अपने ऊपर क्या असर होता है यह देखना चाहती हु,
काल ,तुम पागल तो नही हों वो 50 फिट की विशाखा सैकड़ो साल पुरानी नागिन है वो कोई मामूली साँप नही है ,सर्पलोक के सबसे जहरीले भगवान वासुकि के वंश से है,उसके सिर्फ साँस लेने से ही उसके आसपास के 25 फिट के दायरे में आनेवाला कोई नही बचता , कोई हाथी भी उसके सांस के दायरे में आया तो गल जाएगा औफ तुम उससे खुद को कटवाना चाहती हो ,
नेत्रा ,देखो इस काम मे तुम्हारे दो फायदे है ,अगर विशाखा के जहर से में मर गईं तो आपके पीछे का सरदर्द कम हो जाएगा और बच गई तो आपको यह पता चल जाएगा कि मुझपर विशाखा के जहर का असर नही होता तो विषलोक में आपको मुझे लेकर जाने से फायदा ही होगा ,
काल मन मे इस को पागलपन कहे या इश्क का जुनून ,इस लड़की में दम तो है विशाखा से खुद को कटवाने को बोल रही है ,उस विशाखा से तो मेरी भी अब फटने लगी है कि में जहर से मर सकता हु ,अच्छा हुवा की में कल उससे और उसकी बहन से दूर था ,अब इसको कैसे समाझाया जाए ,
नेत्रा ,आप सिनोब और कोकी के पास जाकर आराम करे ,सुबह इस रूम में जल्दी आ जाना ,आप को लग रहा होगा कि में आपसे आज जबरदस्ती सुहागरात मनाने वाली हु ,यह बेडरूम तो मेरी चाची और बहनो ने सजाया था मुझे यह बात पता भी नही थी ,आप बिलकुल भी चिंता न करे में कभी आपके साथ सोने की ,या पत्नी का हक देने की जिद नही करूंगी ,एक को छोड़कर वो है विषलोक साथ लेकर जाने की ,वहां से आने के बाद आप कभी मुझसे नही मिले तो भी चलेगा ,आप अपनी जिंदगी जैसी जीना चाहे जी सकते है ,में कभी आपके रास्ते की रुकावट नही बनने वाली ,में आपके बिना रह लुंगी जिंदगी में यह मानकर की आप ठीक है ,खुश है ,इसका यह मतलब नही है कि में आपसे प्यार नही करती ,में सचमुच आपसे बहुत प्यार करती हूं ,आपने मेरे साथ शादी की ,मेरी मांग भरी ,मुझे अपनी पत्नी बनाया यही बात मेरे लिए जीवनभर खुशी देता रहेगा ,चाँद को तो हर कोई चाहता है,इसका मतलब यह नही की वो सबकी किस्मत में होता है ,आप जाइये और सुबह जल्दी आ जाइए ,
काल कुछ देर नेत्रा को देखता रहा और फिर सिनोब वाले कमरे में लौट आया ,दोनो शिवा के ऐसे जाने से चिंता में सोए नही थे ,शिवा जब कमरे में वापिस आया तो उसने उन्हें सब बता दिया क्या हुवा उसके साथ ,सिनोब को उसने पूछा कि वो नेत्रा की मन की बात पहले जान लेता था अब क्यों उसके मन की बात नही जान पाता ,
सिनोब ने कुछ देर सोचकर ,शायद वो अब तुम्हारी पत्नी बन जाने से ऐसा हुवा हो ,या दूसरी कोई और वजह हो,यह तो तुमको ही पता करना पड़ेगा ,पर तुम्हारी दूसरी सीढी विशाखा और सर्पिणी है अब ।