Adultery ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत

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Hell Strom

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अध्याय - 20


यह समय था दिन के 12 बजे मयंक और उसके चारों दोस्त चंद्र, भूमि, साक्षी और परविंदर ग्वालियर के सुप्रसिद्ध स्थान जिसे राजा का बाडा कहते हैं वहां घूमने आए हुए थे। यह किसी जमाने में ग्वालियर शहर के राजपरिवार का शाही बाडा हुआ करता था आज के समय में यह एक सामाजिक स्थान है और यहां ग्वालियर का सबसे बडा बाजार लगता है हर चीज यहां उपलब्ध है छोटी सी पिन से लेकर जो आप खरीदना चाहें यहीं पार्किंग में मयंक की बुलट और एक गाडी जिसमें बाकी सभी जो मुरैना से आए थे वह लगी हुई थी। चंद्र सभी को लेकर सुबह ही आ गया था और सभी ने मिलकर कोठी पर ही नाश्ता किया फिर सभी ने मिलकर यहां आने का निर्णय किया। और यहां आकर दोनों ही लड़कियां जैसे दुकानों को लूटने पर लग चुकीं थी। करीब दो घंटे बाद जब लड़कियां संतुष्ट हुई तो हाल यह था की लड़कियों के हाथ तो खाली थे परन्तु लड़कों के हाथों कपड़ों के बैग थे बस फर्क यह था कि वो सभी बैग लड़कियों के ही थे। आखिर कार जब सभी ने कुछ खाने की सोची तो बाडे में ही बने एक होटल पर जा बैठे सभी ने अपने लिए ओर्डर किया जब सभी ने अपनी भूख को शांत कर लिया तो चंद्र जो की आज सुबह से ही कुछ व्याकुल सा था वह बोला


चंद्र - "साक्षी मुझे तुझसे कुछ कहना है"

साक्षी - "हां बोल ना क्या कहना है"

चंद्र - "आए लव यू"

साक्षी - "क्या कहा तूने पागल हो गया है क्या तुझे पता भी है तू क्या कह रहा है"

भूमि - "साक्षी उसकी बात तो सुन ले"

साक्षी - "क्या सुनूं यार इसके पास लड़कियों को ताडने के अलावा कोई काम भी है मैं तो यह सोच भी नहीं सकती यह किसी को प्यार भी कर सकता है मैंने जब भी इसकी नजर का पीछा किया है तो वह नजर एक लडकी पर जाकर ही खतम होती है।"


जब साक्षी यह बोल रही थी यह बोल रही थी तो चंद्र को छोडकर सभी के चहरे पर चिंता साफ दिख रही थी क्योंकि साक्षी जो भी बोल रही थी वो कोई भी नहीं झेलता जब किसी ने कुछ ना बोला तो साक्षी ने फिर कहा

साक्षी - "देखा हो गए ना सारे अरमान ठंडे मुझे तो पता था यह कभी किसी से प्यार कर ही नहीं सकता इसकी नजर में सभी लड़कियां एक है"


यह सब सुनने के बाद पहले तो चंद्र ने सर को झुका लिया और फिर एक मुस्कुराहट के साथ कहना शुरू किया


चंद्र - "9 जनवरी,2004 था वो दिन जिस दिन तेरे पापा मेरे बापू से मिलने आए थे उनके साथ तेरी मां और एक लडकी जिसने लाल रंग की एक पोशाक पहनी थी वो तू ही थी और जब तूने पहली बार मुझसे बात की तब ही से तुझसे प्यार करता हूं कुछ ही दिनों में उस दिन को 2000 दिन पूरे हो जाएंगे ऐसा नहीं है था कि मैं तुझसे पहले अपने मन की बात नहीं कह सकता था पर मैंने तेरी सुंदरता का भी सम्मान किया आज से कुछ दिन पहले जब मुझसे किसी ने कहा कि चंद्र मैं तुमसे प्यार करती हूं बस एक बार मुझे अपना बना लो तब मैंने सोचा शायद अब मैं तेरे लायक हूं और वैसे भी पांच साल चार महीने यह बोझ अपने दिल पर रखा है तू मेरा प्यार स्वीकारे या नहीं तू मेरा प्यार थी है और रहेगी "
कुछ देर रुक कर अपनी आंख में आए आंसू को पोंछ कर फिर चंद्र ने कहा "और रही बात दूसरी लड़कियों को देखने की तो बात बस इतनी सी है जब मैं उन्हें देखता था तो कम से कम तू मुझे देखती तो थी इसलिए कि तू मुझे देखे मैं उन्हें देखता था"


इतना सब सुनने के बाद पहले तो कुछ देर वहां शांति रही फिर साक्षी वहां से उठकर चली गई। माहोल अब वैसा नहीं रहा था जैसा तब था बाकी सब भी गाडी में बैठ चुके थे चंद्र और मयंक दोनों बुलट पर थे सभी निकल गए पचौरी सदन के लिए क्योंकि इस बार साक्षी,भूमि और परविंदर भी यहां रुकने आए थे।


वहीं दूसरी ओर -

शमशेर (कार्तिकेय) - "भाई साहब अब बात आगे जा चुकी है आपको शायद पता नहीं है पर इस बार कन्हैया (मयंक) को मारने के लिए एक गुंडे को रुपए दिए गए।


यह एक बडी सी हवेली थी जिसके बगीचे में तीन कुर्सी डलीं थी जिस पर एक ओर शमशेर और गर सिंह बैठे थे और दूसरी ओर एक व्यक्ति बैठा था जिसे शमशेर भाईसाहब कहकर संबोधित कर रहा था इस व्यक्ति की लंबाई कुछ बिलांइद ज्यादा ही थी गर सिंह और शमशेर से। यह हवेली राजस्थान के अलवर जिले में थी इस हवेली को हवेली कहना इसकी सुंदरता को संबोधित करने के लिए कम ही था कितने ही वसंत इस हवेली ने देख लिए होंगे फिर भी ऐसे खडी थी जैसे मानो कह रही हो है कोई टक्कर में।


गर सिंह - "हां भाई सा अब फिर से वही चीजें दोहराई जा रहीं हैं जो की इतिहास में घटित हो चुकी है पहले तो अपने साथ दद्दा थे
(यहां दद्दा मयंक के दादाजी है जिनका नाम स्व: केशव पचौरी था)


-------- " गर सिंह हम समझते हैं और वैसे भी इतिहास को दोहराना छोडो उसका तो जिक्र ही ना हो तो ही अच्छा है।


गर सिंह -"भाई सा इतने सारे लोगों को मार चुके हैं उस दिन के बाद जिस दिन हमारे दद्दा को मारा गया जितने भी लोगों को मारा गया और जितनी भी जानकारी हासिल हुई उससे यही लगता है वो सभी इस बडे खेल के प्यादे थे "


---------- "सही कहते हो छोटे आज इतने सालों बाद यह सब फिर शुरू हुआ है तो लगता है की जो खून हमने बहाया है उसके दागों का रंग फीका पड गया है हमें तो यह भी नहीं पता की यह व्यक्ति आखिर हम लोगों से चाहता क्या है और सबसे बडी बात यह की जब भी हम सभी में से किसी पर भी हमला हुआ है तो अकले में हुआ वो तो शिव शंभू की कृपा से हम सभी जिंदा है जिस दिन दद्दा पर हमला हुआ उस दिन भी उनके साथ सिर्फ कार्तिकेय और देव के दोनों बच्चे थे जिसमें से हमारी भतीजी को तो हम बचा भी नहीं सके और कनुआ(मयंक) को बचाया था उसकी कीमत भी शमशेर को अपने खून को बहाकर चुकानी पड़ी थी हमें अच्छे से याद है शमशेर की सांसें ना के बराबर चल रही थी।


शमशेर -"भाई साहब ऐसा नहीं है दद्दा ना होते तो मयंक को बचाना तो दूर मैं खुद आज यहां ना बैठा होता उन्होंने ही किया जो किया मुझे तो आज भी अफसोस है की दद्दा के लिए हम कुछ ना कर सके आज तक वो दुश्मन जिंदा है


गर सिंह - "अरे छोडो कहां से कहां पहुंच गई बाते यह बताओ मयंक पर जो हमला करने वाले थे उनका कुछ पता चला "


---------"उनकी चिंता ना करो छोटे उनका इंतजाम तो हमने उसी रात कर दिया था अब तो उनके शरीर ग्वालियर के किसी गंदे नाले में बह रही होगी वो भी टुकड़ों में "


शमशेर -"भाई साहब आप को कैसे पता चला की मयंक पर हमला होने वाला है मुझे खुद इसके बारे में डिपार्टमेंट से खबर लगी "


जब शमशेर के भाईसाहब ने यह बात सुनी तो हस्ते हुए कहा


-----------"माना छोटे की अलवर से ग्वालियर कुछ दूरी पर है पर हमारी पहुंच से दूर भी नहीं और रही बात तुम्हें इस बात की जानकारी डिपार्टमेंट से लगी तो जो फोन तुम्हें आया था वो हमारे आदमी ने ही किया था हमें पता था तुम दोनो अपने भतीजे से कुछ ज्यादा ही लाड(प्यार) करते हो तो सोचा तुम्हें भी इसमें शामिल करें। अब यह सब छोडो जिस काम के लिए यहां आए हो उसे भी निवटा लेते हैं। आओ.....


जल्द मिलते हैं नए अध्याय के साथ......:writing::writing:
 

Hell Strom

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Bohot hi Umda update Bhai, isme, sex, romanch mistry, pyar, sab kuch ka misran dekhne ko mila, wo baat alag hai ki mayank ka klpd ho gaya.😁
Great Update with Awesome Writing Skills 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻

Bahut hi badhiya update he Bhai,

Rajia aur mayank ka scene adhura reh gaya.......shayad agle updates me pura ho jaye......

Afeek ka chakkar he sara.......jiske paidawar Rajasthan aur MP dono me hi hoti he..........

Keep posting Bhai

Hell Strom bhai next update kab tak aayega?

Bhai Waiting for next update

Hell Strom Bhai,

Update ka intezar he

Hell Strom मित्र बहुत ही सुंदर रोमांचकारी कहानी चल रही है, कंही से भी नहीं लगता कि ये आपकी पहली प्रस्तुति है 😍 🤔 💰

बहुत से किरदारों व घटनाक्रममो के सिरे खुले हुए हैं.. 😗 😇 😍 उन्हें समझने के लिए इंतजार कर रहे हैं..

मयंक का तो klpd हो गया 😇 😇
रजिया चू द गई गुंडों से कि जगह मजा ले गई होना चाहिए..

अगले घटनाक्रम के इंतजार में 😊 💕 💖

Bhai pyare agle Update ka Besabri Se intzaar Hai..🥱🥱

Hell Strom bhai next update kab tak aayega?

nice update

Intezaar rahega....
Update posted guys ..💓

Bhaiyon mere bhai ki shaadi hai to thoda busy hoon shaadi mein ladke kitne free rehte hai ye to sabhi jaante hai to update mein agr deri hojaaye to uske liye maafi chata hoon
 

Hell Strom

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Bohot hi Umda update Bhai, isme, sex, romanch mistry, pyar, sab kuch ka misran dekhne ko mila, wo baat alag hai ki mayank ka klpd ho gaya.😁
Great Update with Awesome Writing Skills 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Pasand karne ke liye dhanyawad Raj bhai ..💙
 

Hell Strom

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Hell Strom मित्र बहुत ही सुंदर रोमांचकारी कहानी चल रही है, कंही से भी नहीं लगता कि ये आपकी पहली प्रस्तुति है 😍 🤔 💰

बहुत से किरदारों व घटनाक्रममो के सिरे खुले हुए हैं.. 😗 😇 😍 उन्हें समझने के लिए इंतजार कर रहे हैं..

मयंक का तो klpd हो गया 😇 😇
रजिया चू द गई गुंडों से कि जगह मजा ले गई होना चाहिए..

अगले घटनाक्रम के इंतजार में 😊 💕 💖
Dil se shukriya ASR bhai ..💙

Sabhi sire saath lekar chalenge bhai .😁
 
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