तुम ने भूले से कभी ये नहीं सोचा होगा।
हम जो बिछड़ेंगे तो क्या हाल हमारा होगा।।
आ गए हो तो उजाला है मिरी दुनिया में,
जाओगे तुम तो अंधेरा ही अंधेरा होगा।।
ये न कहिए कि मिरी आँख से टपका आँसू,
छोड़िए भी कोई टूटा हुआ तारा होगा।।
क्या ख़बर थी की तिरे शहर से पहले ऐ दोस्त,
रात आ जाएगी और राह में दरिया होगा।।
ख़्वाब लब ख़्वाब जबीं ख़्वाब अदा ख़्वाब हया,
इतने ख़्वाबों में कोई ख़्वाब तो सच्चा होगा।।
दिल के आईने में कर अक्स-ए-तमन्ना न तलाश,
तू मुक़ाबिल है तो हैरत के सिवा क्या होगा।।
पैकर-ए-इश्क़ तो फ़रहाद भी था मजनूँ भी,
और वो शख़्स कि तू ने जिसे चाहा होगा।।
आज तो ख़ुश हूँ बहुत ख़ुश हूँ बहुत ही ख़ुश हूँ,
इस तसव्वुर में मैं काँप उठता हूँ कल क्या होगा।।
एक वो हैं जिन्हें ख़ल्वत में भी लुत्फ़-ए-जल्वत,
हाए वो शख़्स जो महफ़िल में भी तन्हा होगा।।
फ़िक्र अंजाम-ए-मोहब्बत की है तौहीन ऐ 'लैस'
वही होगा मिरी क़िस्मत में जो लिक्खा होगा।।
__________'लैस' क़ुरैशी