thanksJabardast update ekdm
सर ने मॉम के उपर झुकते हुए धीरे से कहा : “इट्स ओके शेफाली, मैं समझता हूँ की तुम माँ बेटी के बीच ये होना एक नॉर्मल सी बात है, आख़िर इतने सालो तक तुम अकेली जो रही हो, और अपनी जवान हो रही बेटी को भी तो सैक्स के बारे में समझाना एक माँ का कर्त्तव्य होता है , ऐसे में ये सब होना तो मामूली है…”
मॉम को लग रहा था की उनका होने वाला पति इतना समझदार है की उसके और अपनी बेटी के बीच के संबंध को इतनी आसानी से समझ गया
वो कहते है ना, हमाम में सब नंगे होते है
और नंगेपन की शर्म जब निकल जाए तो मज़ा लेने का आनंद कुछ ख़ास ही होता है
सुधीर की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद और अपने शरीर को मिल रहे स्पेशल ट्रीटमेंट से मॉम अब किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गयी
जहाँ ये रिश्ते, ये दुनिया, ये मोह माया कोई मायने नही रखते थे
मायने रखती थी तो बस जिस्मों की आग और उसे बुझाने वाले
जो इस वक़्त यहाँ मोजूद थे
मेरे और सुधीर सर के रूप में
इसलिए मॉम इन पलों का मज़ा लेते हुए खुले दिल से मेरा और सुधीर सर का साथ देने लगी और अपनी कमर को जितना पीछे लेजाकर वो उनके लॅंड को अंदर लेती, उतना ही आगे आकर वो मेरी चूत में अपनी जीभ गाड़ देती
पूरे कमरे में सैक्स का ऐसा माहौल बन चूका था की अब मैने भी अपनी टी शर्ट को उतार फेंका और टॉपलेस हो गयी ताकि सुधीर सर मॉम की चूत मारते हुए मेरे नन्हे बूब्स को हिलते हुए देख सके
उनके मुँह से लार टपक कर मॉम की गांड पर गिर रही थी, वो उन्हे चाटना चाहते थे शायद
पर मैं अगर ऐसे में उठकर उनके करीब जाती तो गड़बड़ हो सकती थी
ये खेल सिर्फ़ तभी तक चल सकता था जब तक ये मॉम के नियमो के अनुसार खेला जा रहा था
वो चाहती तो सब बंद कर सकती थी
और अगर वो चाहे तो खुद मुझे लेजाकर सुधीर सर को सौंप दे
वो शायद आने वाले वक़्त में हो भी जाए पर आज तो नही हो सकता था
एक ही दिन में मॉम को इतने झटके देने सही नही थे
अभी के लिए जो झटके उनकी चूत को मिल रहे थे, वही बहुत थे
और जानदार भी थे वो
क्योंकि उन जानदार झटकों ने मॉम को अब ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचा दिया था
और 4-6 झटके और लगने के बाद ही वो झड़ने भी लगी
उनके होंठ मेरी चूत से थोड़ा उपर उठ गये
और वो चिल्ला पड़ी
“आआआआआआआआआअहह…………ओह सुधीईईईईईर……..मैं तो गयी………. मैं तो गयी……”
उनके झड़ने के बाद मैने उन्हे अपनी चूत के आगोश में समेट लिया
उनका चेहरा अपनी चूत के उपर दबाकर मैने अपनी टांगे उनकी पीठ पर लपेट दी
क्योंकि
अब झड़ने की बारी मेरी थी
बेचारी अपने झड़ने के बाद सही से साँस भी नही ले पाई थी की मेरी चूत से निकले रस ने उनके चेहरे को पूरी तरह से भिगो दिया
जो रस की बूंदे वो अपनी जीभ से खोद खोदकर इतनी देर से निकाल रही थी
वो किसी तूफ़ानी बारिश की तरह उनके चेहरे पर थपेड़े मार रही थी
जिस कस्टर्ड डूबकर मैं अपना जिस्म चटवाने की बात सोच रही थी, उसी कस्टर्ड में इस वक़्त मॉम का चेहरा डूबा पड़ा था
“ओह माआआआआआआआआआअ फकककककककककककककककककक……. मजाआाआआआआआआआअ आआआआआआ गय्ाआआआआआआआआ….. अहह”
इतनी संतुष्टि तो मुझे आज तक नही हुई थी
ऐसा ऑर्गॅज़म रोज मिले तो मेरा जिस्म 4 रातों में ही पनप कर पूरा जवान हो जाए
सर भी अब साइड होकर हमारा खेल देख पा रहे थे
और इतने सेक्सी नज़ारे को देखकर उनके लॅंड ने भी जवाब दे दिया
और वो घीssss घीससससस करते हुए मेरी माँ की चूत में झड़ने लगे
सब कुछ शांत हो चूका था
सर का लॅंड फिसलकर बाहर आ गया और वो बेड के साइड में लेटकर गहरी साँसे लेने लगे
मैने भी मॉम को उपर खींचकर अपनी बगल में लिटा लिया और हम दोनो एक गहरी स्मूच में डूब गये
स्मूच तो बहाना था, मुझे तो उनके चेहरे से अपना रस चाटकर पीना था
मुझे मॉम के साथ-2 अपनी चूत का रस भी काफ़ी पसंद है
इसलिए जब भी मौका मिलता है मैं मास्टरबेट करते हुए या फिर अकेले में ऐसे ही अंदर उंगली डालकर थोड़ा सा रस निकालकर चख ज़रूर लेती हूँ
इस वक़्त तो वो जूस मॉम के चेहरे पर फैला हुआ था, जिसे चाटकर मैने पूरा सॉफ कर दिया
उसके बाद कब मैं ऐसे ही उनसे लिपटे हुए सो गयी, मुझे भी पता नही चला
आज जो हुआ था उससे एक बात तो सॉफ थी, हमारे बीच की दूरियां काफ़ी हद तक कम हो चुकी थी
thanksSuper hot story,super sexy writing,super erotic narrations![]()
Apne har update par aapki WAH dekhkar maza hi aa jata haiWah Ashokafun30 Bhai,
Aag hi laga di...............Sudhir ne bahut hi achchi tarah se situation ko handle kiya................wo khela kahay aadmi he.......thanda karke khane wala..................ek din wo dono maa beti ko ek sath ek hi bistar par bhogega.........
Gazab ki kamukta se bharpur update bhai...............maja aa gayaaaaaaaaaaaa
Keep posting Bro