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chance to ban chuka haiAshok Bhai behad hot update he............maa beti ke lesbian ke full chances lag rahe he
bas dekhna hai ki kis andaj me hoga inka milan
chance to ban chuka haiAshok Bhai behad hot update he............maa beti ke lesbian ke full chances lag rahe he
जबरदस्त ये सिर्फ आपकी कलम से हो सकता था , माँ बेटी के रिश्तों का बहु आयामी चित्रण, सिंगल मदर उसकी लोनलीनेस अकेलापन का अवसाद लेकिन जवान होती लड़की से सहेली के तौर पर व्यवहार पर मन के किसी कोने में कुँवारी लड़की के दैहिक संबंधो से जुड़ा डर, बदनामी, गर्भ, ब्लैकमेलमॉम : “चलो अब, आकर पीछे भी मसाज कर दो, दर्द तो पीछे हो रहा है”
मैने झेंपते हुए उन्हे लेटने को कहा, इतने बड़े बूब्स के साथ उल्टा लेटना भी कितना मुश्किल होता है, ये मॉम को देखकर मुझे समझ आ रहा था
खैर, मैने उनकी कमर पर बॉम लगाना शुरू किया
पहले साइड में बैठकर और फिर उनके उपर सवार होकर
जैसे बचपन में हुआ करती थी
उनकी उभरी हुई गांड पर बैठकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी गद्दी पर बैठ गयी हूँ
वहां बैठकर आराम से उनकी कमर पर उपर से नीचे तक मालिश करने लगी
मॉम को भी आराम आ रहा था
वो आँखे बंद करके ऊँघने लगी
मैं जिस मोशन में आगे पीछे होकर उन्हे उपर से नीचे तक मसाज दे रही थी, मेरी चूत उनके पिछवाड़े पर अच्छी तरह से रगड़ खा रही थी
मेरी भी आँखे बंद होने लगी
चूत तो पहले से ही गीली थी
ऐसे घिसने से उसका गीलापन बाहर निकलने लगा और वो रिसकर मॉम की पायजामी को गीला करने लगी
उन्हे शायद मेरी हालत का आभास हो गया था, उन्होने कहा : “शायद थोड़ा और नीचे मसाज करने की ज़रूरत है, रूको मैं अपनी स्लेक्स निकाल देती हूँ ”
इतना कहते हुए उन्होने अपनी स्लेक्स की इलास्टिक पकड़कर नीचे कर दी और मुझे उसे खींचकर निकालने को कहा क्योंकि वो तो उल्टी लेटी थी
मैने जब उसे पकड़कर नीचे करना शुरू किया तो मुझे एहसास हुआ की उन्होने उसके अंदर पेंटी नही पहनी हुई है…
यानी मॉम अपने ऑफीस में बिना पेंटी के गयी थी
कितना रोमांचक है ये
क्योंकि मैं भी कई बार बिना पेंटी के स्कूल गयी थी
पेंटी और ब्रा को ना पहनने से जो रोमांच मिलता है उसका कोई मुकाबला नही है
स्लेक्स को उतारने के बाद उनका विशाल पिछवाड़ा मेरे सामने था
जितने खूबसूरत उनके बूब्स थे उतनी ही सुंदर उनकी गांड थी
मोटे-2 गद्देदार चूतड़
जैसे बर्फ के दो गोले सज़ा दिए हो
उनकी पतली कमर और फिर नीचे फेले हुए कूल्हे इतने सैक्सी लग रहे थे की मेरा मन उन्हे चूमने का कर गया
पर डर के मारे मैं नही कर पाई
पता नही वो क्या सोचेगी
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पर जब मैं फिर से मालिश करने बैठी तो मेरा गीलापन सीधा उन्हे अपने बम पर महसूस हो रहा था
हालाँकि अभी थोड़ी देर पहले ही मैं जम कर झड़ी थी
पर ऐसी हालत में आकर मैं फिर से उत्तेजित हो रही थी..
मॉम ने धीरे से पीछे मुँह किया और बोली : “अनु, तुम मुझे मुझे भिगो रही हो…एक काम करो तुम भी उतार दो..’’
इतनी बड़ी बात ऐसे आराम से बोलकर वो फिर से मुँह अपनी बाहो के तकिये पर रखकर सो गयी.
मैं कुछ देर तक ऐसे ही बैठी रही पर फिर उनकी बात मानकर उठी और अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पूरी नंगी हो गयी
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और उनके उपर जाकर बैठ गयी
हालाँकि उन्होने मुझे सिर्फ़ शॉर्ट्स उतारने को बोला था,
पर मैने अपने आप ‘पूरी नंगी होज़ा ‘ समझ लिया
और अब पूर्ण रूप से अपने कपड़े निकालकर उनपे बैठी थी
और अब मेरी नंगी रिस रही चूत उनकी रसीली गांड पर एकदम चिपक कर पड़ी थी
मुझे मेरे दिल की धड़कन अपनी चूत तक महसूस हो रही थी
मॉम की कमर के नीचे तो तेल लगाने की ज़रूरत ही नही थी
मेरी चूत से निकल रहा रस तेल बनकर उनकी गांड को चाँद की तरह चमका रहा था.
मॉम का तो पता नही पर मेरा मन डाँवाडोल हो रहा था अब
पता नही क्या होगा आज की रात
Thanks KOmaal Bhabhiजबरदस्त ये सिर्फ आपकी कलम से हो सकता था , माँ बेटी के रिश्तों का बहु आयामी चित्रण, सिंगल मदर उसकी लोनलीनेस अकेलापन का अवसाद लेकिन जवान होती लड़की से सहेली के तौर पर व्यवहार पर मन के किसी कोने में कुँवारी लड़की के दैहिक संबंधो से जुड़ा डर, बदनामी, गर्भ, ब्लैकमेल
कहानी जब बिना कुछ कहे सैकड़ों जुबान में एक साथ बोलती है वो एक अच्छी कहानी मेरे लेखे होती है और इस कसौटी आपकी कहानी खरी उतरती है और चीज मुझे कभी कभी खलती है
लड़कियों का ओब्जेटिफिकेशन , कामोडिफिकेशन , दुहरी नैतिकता , जहाँ पुरुष के संबंध तो सौ से हो पर अगर पत्नी ने किसी और से तो वह ,... और वह आपकी कहानी में लेश मात्र नहीं दिखती इसलिए हर पोस्ट पे देर सबेर शब्दों की पुष्पांजलि अर्पित करने मैं आ जाती हूँ,...
आभार एक अच्छी पोस्ट के लिए
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sudheer sir ki plate me jo sajkar milega uska to andaja hi nahi hai aapko, infact sabko milegaअनु ने जिस खीरे को मास्टरवेशन के लिए यूज किया था , उसे डस्टबीन मे न फेंककर सुधीर सर को बाकायदा प्लेट मे सजाकर गिफ्ट कर देना चाहिए था। सुधीर सर खूब प्रसन्न हो जाते।
जवानी की आग बड़ी जालिम होती है। इस आग मे कई सारे रिश्ते जलकर स्वाहा हो जाते है। ऐसा ही अनु और उसकी मां शैफाली के साथ भी हुआ। दोनो लेस्बियन बनने के कतार पर आ खड़ी हुई है। एक परिपक्व गदराए बदन की मल्लिका और एक कच्ची अंकुरित कली।
मस्त अपडेट अशोक भाई और हाॅट भी।
आउटस्टैंडिंग।
Thanks KOmaal Bhabhi
Aapke comments ke liye hi kayi updates likh daale hai maine to, yahi sochkar ki aapko kaisa lagega, kya likhogi reply me, pasand aayega ya nahi....
mehnat safal ho jati hai jab koi kahani me chupe bhav ko pehchaan jata hai
enjoy karte rahiye, ye update thoda aur garm hone wala hai.