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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

komaalrani

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मॉम : “चलो अब, आकर पीछे भी मसाज कर दो, दर्द तो पीछे हो रहा है”

मैने झेंपते हुए उन्हे लेटने को कहा, इतने बड़े बूब्स के साथ उल्टा लेटना भी कितना मुश्किल होता है, ये मॉम को देखकर मुझे समझ आ रहा था

खैर, मैने उनकी कमर पर बॉम लगाना शुरू किया
पहले साइड में बैठकर और फिर उनके उपर सवार होकर
जैसे बचपन में हुआ करती थी

उनकी उभरी हुई गांड पर बैठकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी गद्दी पर बैठ गयी हूँ
वहां बैठकर आराम से उनकी कमर पर उपर से नीचे तक मालिश करने लगी
मॉम को भी आराम आ रहा था
वो आँखे बंद करके ऊँघने लगी

मैं जिस मोशन में आगे पीछे होकर उन्हे उपर से नीचे तक मसाज दे रही थी, मेरी चूत उनके पिछवाड़े पर अच्छी तरह से रगड़ खा रही थी
मेरी भी आँखे बंद होने लगी
चूत तो पहले से ही गीली थी
ऐसे घिसने से उसका गीलापन बाहर निकलने लगा और वो रिसकर मॉम की पायजामी को गीला करने लगी

उन्हे शायद मेरी हालत का आभास हो गया था, उन्होने कहा : “शायद थोड़ा और नीचे मसाज करने की ज़रूरत है, रूको मैं अपनी स्लेक्स निकाल देती हूँ ”

इतना कहते हुए उन्होने अपनी स्लेक्स की इलास्टिक पकड़कर नीचे कर दी और मुझे उसे खींचकर निकालने को कहा क्योंकि वो तो उल्टी लेटी थी

मैने जब उसे पकड़कर नीचे करना शुरू किया तो मुझे एहसास हुआ की उन्होने उसके अंदर पेंटी नही पहनी हुई है…
यानी मॉम अपने ऑफीस में बिना पेंटी के गयी थी
कितना रोमांचक है ये
क्योंकि मैं भी कई बार बिना पेंटी के स्कूल गयी थी
पेंटी और ब्रा को ना पहनने से जो रोमांच मिलता है उसका कोई मुकाबला नही है

स्लेक्स को उतारने के बाद उनका विशाल पिछवाड़ा मेरे सामने था
जितने खूबसूरत उनके बूब्स थे उतनी ही सुंदर उनकी गांड थी
मोटे-2 गद्देदार चूतड़
जैसे बर्फ के दो गोले सज़ा दिए हो
उनकी पतली कमर और फिर नीचे फेले हुए कूल्हे इतने सैक्सी लग रहे थे की मेरा मन उन्हे चूमने का कर गया
पर डर के मारे मैं नही कर पाई
पता नही वो क्या सोचेगी

chubby-desi-teen-naked-nude-bed.jpg


पर जब मैं फिर से मालिश करने बैठी तो मेरा गीलापन सीधा उन्हे अपने बम पर महसूस हो रहा था
हालाँकि अभी थोड़ी देर पहले ही मैं जम कर झड़ी थी
पर ऐसी हालत में आकर मैं फिर से उत्तेजित हो रही थी..

मॉम ने धीरे से पीछे मुँह किया और बोली : “अनु, तुम मुझे मुझे भिगो रही हो…एक काम करो तुम भी उतार दो..’’

इतनी बड़ी बात ऐसे आराम से बोलकर वो फिर से मुँह अपनी बाहो के तकिये पर रखकर सो गयी.

मैं कुछ देर तक ऐसे ही बैठी रही पर फिर उनकी बात मानकर उठी और अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पूरी नंगी हो गयी

Sexy-hot-Desi-model-ke-nange-photos-full.jpg


और उनके उपर जाकर बैठ गयी
हालाँकि उन्होने मुझे सिर्फ़ शॉर्ट्स उतारने को बोला था,
पर मैने अपने आप ‘पूरी नंगी होज़ा ‘ समझ लिया
और अब पूर्ण रूप से अपने कपड़े निकालकर उनपे बैठी थी
और अब मेरी नंगी रिस रही चूत उनकी रसीली गांड पर एकदम चिपक कर पड़ी थी
मुझे मेरे दिल की धड़कन अपनी चूत तक महसूस हो रही थी
मॉम की कमर के नीचे तो तेल लगाने की ज़रूरत ही नही थी
मेरी चूत से निकल रहा रस तेल बनकर उनकी गांड को चाँद की तरह चमका रहा था.

मॉम का तो पता नही पर मेरा मन डाँवाडोल हो रहा था अब
पता नही क्या होगा आज की रात



जबरदस्त ये सिर्फ आपकी कलम से हो सकता था , माँ बेटी के रिश्तों का बहु आयामी चित्रण, सिंगल मदर उसकी लोनलीनेस अकेलापन का अवसाद लेकिन जवान होती लड़की से सहेली के तौर पर व्यवहार पर मन के किसी कोने में कुँवारी लड़की के दैहिक संबंधो से जुड़ा डर, बदनामी, गर्भ, ब्लैकमेल

कहानी जब बिना कुछ कहे सैकड़ों जुबान में एक साथ बोलती है वो एक अच्छी कहानी मेरे लेखे होती है और इस कसौटी आपकी कहानी खरी उतरती है और चीज मुझे कभी कभी खलती है

लड़कियों का ओब्जेटिफिकेशन , कामोडिफिकेशन , दुहरी नैतिकता , जहाँ पुरुष के संबंध तो सौ से हो पर अगर पत्नी ने किसी और से तो वह ,... और वह आपकी कहानी में लेश मात्र नहीं दिखती इसलिए हर पोस्ट पे देर सबेर शब्दों की पुष्पांजलि अर्पित करने मैं आ जाती हूँ,...

आभार एक अच्छी पोस्ट के लिए


Thanks Thank You GIF by Lumi
Thank U GIF
 

Ashokafun30

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जबरदस्त ये सिर्फ आपकी कलम से हो सकता था , माँ बेटी के रिश्तों का बहु आयामी चित्रण, सिंगल मदर उसकी लोनलीनेस अकेलापन का अवसाद लेकिन जवान होती लड़की से सहेली के तौर पर व्यवहार पर मन के किसी कोने में कुँवारी लड़की के दैहिक संबंधो से जुड़ा डर, बदनामी, गर्भ, ब्लैकमेल

कहानी जब बिना कुछ कहे सैकड़ों जुबान में एक साथ बोलती है वो एक अच्छी कहानी मेरे लेखे होती है और इस कसौटी आपकी कहानी खरी उतरती है और चीज मुझे कभी कभी खलती है

लड़कियों का ओब्जेटिफिकेशन , कामोडिफिकेशन , दुहरी नैतिकता , जहाँ पुरुष के संबंध तो सौ से हो पर अगर पत्नी ने किसी और से तो वह ,... और वह आपकी कहानी में लेश मात्र नहीं दिखती इसलिए हर पोस्ट पे देर सबेर शब्दों की पुष्पांजलि अर्पित करने मैं आ जाती हूँ,...

आभार एक अच्छी पोस्ट के लिए


Thanks Thank You GIF by Lumi
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Thanks KOmaal Bhabhi
Aapke comments ke liye hi kayi updates likh daale hai maine to, yahi sochkar ki aapko kaisa lagega, kya likhogi reply me, pasand aayega ya nahi....
mehnat safal ho jati hai jab koi kahani me chupe bhav ko pehchaan jata hai
enjoy karte rahiye, ye update thoda aur garm hone wala hai.
 

Ashokafun30

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अनु ने जिस खीरे को मास्टरवेशन के लिए यूज किया था , उसे डस्टबीन मे न फेंककर सुधीर सर को बाकायदा प्लेट मे सजाकर गिफ्ट कर देना चाहिए था। सुधीर सर खूब प्रसन्न हो जाते। 🤣
जवानी की आग बड़ी जालिम होती है। इस आग मे कई सारे रिश्ते जलकर स्वाहा हो जाते है। ऐसा ही अनु और उसकी मां शैफाली के साथ भी हुआ। दोनो लेस्बियन बनने के कतार पर आ खड़ी हुई है। एक परिपक्व गदराए बदन की मल्लिका और एक कच्ची अंकुरित कली।
मस्त अपडेट अशोक भाई और हाॅट भी।
आउटस्टैंडिंग।
sudheer sir ki plate me jo sajkar milega uska to andaja hi nahi hai aapko, infact sabko milega
anu ka kheera jab katega to barabar bantega
keep reading
 

komaalrani

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Thanks KOmaal Bhabhi
Aapke comments ke liye hi kayi updates likh daale hai maine to, yahi sochkar ki aapko kaisa lagega, kya likhogi reply me, pasand aayega ya nahi....
mehnat safal ho jati hai jab koi kahani me chupe bhav ko pehchaan jata hai
enjoy karte rahiye, ye update thoda aur garm hone wala hai.
:thank_you::thank_you::thanks::thanks:
 

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मॉम का तो पता नही पर मेरा मन डाँवाडोल हो रहा था अब
पता नही क्या होगा आज की रात

मॉम की चूत से भी गर्म हवा का एक भभका निकल रहा था जिसे मैं अपनी चूत पर सॉफ महसूस कर पा रही थी
कुछ देर और बैठी रही तो मेरी चूत का टिक्का भुनकर तैयार हो जाना था

मैं उनकी कमर की मालिश करते हुए धीरे-2 नीचे आने लगी
जैसे-2 नीचे आती गयी एक मदहोश कर देने वाली गंध मेरे अंदर समाती चली गयी
अब आलम ये था की मैं मॉम के पैरों पर बैठी थी, मॉम की मुलायम एड़ी मेरी चूत की दरार पर थी
मैं मॉम की मोटी जाँघो को मसल रही थी और मेरी नज़र इस वक़्त सीधी उनकी रसीली चूत पर थी जिसमें से गाड़ा रस ऐसे निकल रहा था जैसे अंदर रखी जूस की थैली फट गई हो




मेरे हाथ उपर जाते हुए उनके गद्देदार चूतड़ों को मसल रहे थे , उन्हे दोनो हाथो से फेला कर अलग कर रहे थे
मुझे ऐसी फील आ रही थी की उस कीमती चीज़ को मुझे अंदर तक देखना है, मॉम इस बार भी शायद मेरे मन की बात जान गयी
वो एकदम से पलट गयी और पीठ के बल लेटते हुए बोली
सामने से देखो, पीछे से सही ढंग से नही देख पाओगी

मैं बस मुस्कुरा दी, इस बार भी झेंप जाती या शर्मा जाती तो शायद कुछ नही कर पाती
लेकिन मुझे तो करना था
इसलिए मैं डटकर खड़ी रही, उनकी आँखो में आँखे डाले

मॉम ने भी पहली बार मुझे पूरा नंगा देखा…
वैसे टेक्निकली तो पहले भी देख चुकी थी पर इस वक़्त बिल्कुल पास से, सामने बैठी हुई जवान लड़की को देखकर वो शायद अपनी जवानी के दिन याद करने लगी थी
मैं भी बिना शरमाये छाती तान कर उनके सामने बैठी रही




मॉम : “तुम सच मे बहुत सुंदर हो….हर एंगल से…’’

अपनी माँ के मुँह से ये बात सुनकर मैं मुस्कुरा दी

“मॉम…आप भी बहुत सुंदर हो….इनफॅक्ट आपने इस ऐज में जैसे मैंटेन कर रखा है, वो सच में कमाल है, एन्ड आई थिंक मुझे ये ब्यूटी आपसे ही मिली है..”

इस बार मुस्कुराने की बारी मॉम की थी , अपनी तारीफ सुनकर किसे अच्छा नही लगेगा.

मैं अपने हाथो में ढेर सारा तेल लेकर उनके बूब्स पर मालिश करने लगी
हालाँकि बात सिर्फ़ उनकी पीठ की हुई थी, पर यहाँ माहौल कुछ और रंग में ढल चुका था

मैने महसूस किया की मॉम के निप्पल्स थोड़ा सख़्त हो रहे है
मेरा भी लगभग ऐसा ही हाल था, निप्पल टाइट एंड चूत रसीली




मैं अब मॉम की जाँघ पर चड़कर बैठी थी
उनकी केले के तने जैसी चिकनी जाँघ पर मेरे पैर दोनो तरफ थे और चूत बीच में
नतीजन मेरा रस सीधा निकल कर उनकी जाँघ की मसाज कर रहा था

मॉम की आँखे बंद थी और उनके बूब्स की मालिश करते-2 अचानक मुझे पता नही क्या हुआ की मैने झुक कर उनके दाँये निप्पल को मुँह में भर कर उन्हे पीना शुरू कर दिया, जैसे बचपन में उनका दूध पिया करती थी, ठीक वैसे ही




मॉम का हाथ भी मेरे सिर के पीछे आ गया और उसे अपनी तरफ दबाकर वो मुझे अपना दूध पिलाने लगी
मसाज वाला काम अब साइड हो चुका था
और मैं एक बार फिर से अपने बचपन में पहुँच गयी जहां मैं इसी तरह से मॉम के बूब के साथ खेला करती थी
भले ही खिलौना वही था
खेलने और खिलाने वाला वही था
पर जज़्बात अलग थे
इस वक़्त माँ की ममता नही बल्कि माँ की वासना उमड़ रही थी
उडेल रही थी वो मुझपे अपना प्यार
मॉम के हाथ भी मेरे संतरों को दबा रहे थे
और फिर उन्होने मुझे थोड़ा उपर किया और मेरे नन्हे बूब्स उनके चेहरे के सामने आ गये जिसे वो बड़े प्यार से चूमने लगी…चूसने लगी.


 
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Ashokafun30

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हम दोनो माँ बेटियाँ एक दूसरे को किसी आशिक़ माशूक की तरह चूम चाट रहे थे
हालाँकि ये पहली बार हो रहा था पर ऐसा लग ही नही रहा था
बिल्कुल भी झिझक नही हो रही थी…
ऐसा लग रहा था जैसे बरसो से हम ये सब करते आ रहे थे

मॉम के हाथ मेरे कसे हुए चूतड़ों पर थे,
उनकी उंगलिया ऐसे अंदर तक धँस रही थी की मुझे दर्द से ज़्यादा एक रोमांच का अनुभव हो रहा था
और जब अचानक उनकी एक उंगली मेरी गांड के छेद पर लगी तो मैं कंपकंपा सी गयी,
ऐसी शिवरिंग हुई पूरे शरीर में जैसे हज़ारों बिछुओं ने काट लिया हो,
मैं मॉम की गोद में आधी खड़ी हुई सी उनके स्पर्श को महसूस करते हुए चीखे मार रही थी,
और मैने अपने होंठ नीचे करते हुए उनके होंठो पर गाड़ दिए
एक गहरी और रसीली स्मूच में हम दोनो डूब गये

मैं मॉम की टपक रही चूत को चूसना चाहती थी
पर शायद मॉम भी यही चाहती थी और मुझसे ज़्यादा इसलिए उन्होने मुझे अपने बेड पर लिटाया और धीरे-2 चूमते हुए मेरे मैन पॉइंट यानी चूत पर पहुँच गयी, और उन्होने उसे मुँह में भरकर ऐसे निचोड़ दिया जैसे नींबू चूस लिया हो
खट्टे मीठे रस से उनका मुँह पूरा भर गया
एक आनंदमयी सिसकारी मेरे मुँह से निकल गयी

‘’आआआआआआआआआआआआआहह…… मोममम्मममममममममममममममममम……. उम्म्म्मममममममममममममममममममम……. सककककककककककककककककककककककककककक मिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई….. हाआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड’’




मैं अपने हाथ पैर ऐसे मचला रही थी बेड पर जैसे जल बिन मछली
रेशमी चादर पर मेरा नंगा शरीर ऐसे लग रहा था जैसे मैं बेड पर नही बल्कि पानी पर लेटी हूँ

उपर से मॉम की जादुई जीभ जो मेरे अंदर का पानी तो निकाल कर पी ही रही थी, अंदर की दीवारों पर टक्कर मारकर मुझे उत्तेजना के उस शिखर पर धकेल रही थी जहाँ से मैं कभी नीचे उतरना नही चाहती थी

मेरी भी जीभ सूख रही थी, मैने मॉम को धीरे से बोला

‘’मॉम ……69…….प्लीईसस्सस्स’’

मेरे इस एक शब्द ने शायद उनके शरीर पर भी वही प्रहार किया था जो उनकी जीभ ने मेरी चूत पर..

अब मॉम नीचे आ गयी क्योंकि मेरा वजन काफ़ी कम था उनके मुक़ाबले…

और जब मेरे मुँह पर उनकी टपक रही चूत का शहद लगा तो उनके साथ-2 मैं भी चिल्ला उठी….

वो उत्तेजना के मारे और मैं इतनी मिठास को चखकर..


‘’ओह माआआआआयययययययययययययययी बैबी……………………… कम ओंन ………… चूऊऊसूऊऊऊऊऊऊऊऊ मुझे……… ज़ोर ज़ोर सीईईईई……. अहह….. सक युवर मॉम बैबी…….सक इट हाआआआआआाअर्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड’’




अब हमें एक दूसरे को कहने की ज़रूरत नही थी की क्या करना है और क्या नही

मैने मॉम की तितली जैसी चूत के परों को फेला कर अपनी जीभ पूरी अंदर डाल दी,
मुझे पता था उनके अंदर कई लॅंड जा चुके होंगे और ये जीभ उनके सामने कुछ भी नही है

पर इस वक़्त तो मैं अपनी जीभ जितना अंदर जा सकती थी उतना अंदर धकेल कर उन्हें एक लॅंड का ही मज़ा देना चाहती थी….
इसी बीच कई बार उनकी क्लिट पर भी मेरी जीभ टकराई जिसके परिणामस्वरूप उनका शरीर ऐसे झटके मारने लगता जैसे कोई करंट मार रहा हो

और अंत में जब हम दोनो एक जोरदार ऑर्गॅज़म के करीब आने वाले थे तो दोनो के मुँह और हाथ पूरी तेज़ी से चलने लगे,
क्योंकि पहली बार की पर्फॉर्मेन्स हम दोनो ही एक दूसरे को अच्छी देना चाहते थे
पहले मैं झड़ी

और ऐसा लगा कसम से जैसे मेरे अंदर का सारा पानी आज निकल कर मॉम के मुँह में गिर रहा है
‘’आआआआआआआआआआआआआआहह मों…….म. आई एम् कॉमीीईईईईईईईइंग’’

मैने उत्तेजनावश अपना खुला हुआ मुँह मॉम की चूत पर दबा दिया ताकि आवाज़ बाहर ना जाए,
बस उसी पल मॉम भी झड़ने लगी, क्योंकि वो भी एकदम किनारे पर पहुँच गयी थी

‘’ओह मयययययययययययययययययययी गूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओद, योउ आआआआआआआर सस्स्स्सूऊऊऊऊऊऊऊऊओ गगगगगगगूऊऊऊऊऊओद्द्दद्ड’’

काफ़ी देर तक हम दोनो एक दूसरे के अंदर से निकल रहे शहद को चूसते रहे, चाटते रहे….
और अंत में मैं पलटकर उनके कंधे पर सिर रखकर उनसे लिपटकर सो गयी
आज जैसा मज़ा और ऑर्गॅज़म मुझे आज तक फील नही हुआ था
ये तो बस शुरूवात थी हम माँ बेटी के उस रिश्ते की जिसे हमने पूरी उम्र निभाना था
और इस रास्ते पर चलने में कितने मज़े आने वाले थे ये मैं सोच भी नहीं सकती थी.
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