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Incest खेल है या बवाल

TharkiPo

Dramatic Entrance
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welcomeback लेखक महोदय :wink2: :rose:

ab aaye ho to THE END kar ke jana .........................dubara LAPATA hone se pehle :winkiss:
Bilkul dost der ho sakti hai andher nahi...
 

parkas

Prime
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दोनों बेचारी अपने अपने विचरों में खोई हुइ अपने अपने कामों में लगी हुई थीं,

कि तभी एक आवाज पर दोनों का ध्यान जाता है,

हांफता हुआ मुन्ना दोनों के पास आकर रुकता है।

मुन्ना: अह्ह्ह् वो चाची मेला में, मेला में धीनू और रतनू भैया,

सुमन: का भओ मुन्ना मेला में का? और हाँफ काय रहो है इत्तो।

मुन्ना: वो चाची मेला में कछु लोग रतनू और धीनू भैया को मार रहे हैं।


अपडेट 5

दोनों की जेसे ये सुनकर जान ही निकल जाती है, दोनों सब कुछ छोड़ वैसे ही भाग पड़ती हैं मेले की ओर, हर कदम के साथ दोनों के दिल की धड़कन इतनी तेज़ होती जा रही थी जैसे कोई हथौड़ा छैनी पर गिरता है, दोनों मांओं का दिल बैठा जा रहा था, और मेला था कि आही नही रहा था, सांस फूलने लगी थी पर रुकना तो अभी किसी को मंजूर नहीं था, दोनों आखिर दौड़ते दौड़ते मेले में पहुंच गईं, देखा तो एक जगह भीड़ इकठ्ठा थी भीड़ को चीरते हुए अंदर गई तो देखा उनके कलेजे के टुकड़े नीचे पड़े हुए हैं और उनके ऊपर कुछ दो चार लोग खड़े हुए हैं,
दोनों वहां पहुंचते ही अपने अपने बेटों से लिपट गई।
जमुना: का है गाओ काहे मार रहे हो हमाए लला को?


एक आदमी बोला: पूछ अपने लौंडा से, चोरी करत है ये, पीटेंगे नहीं तो और आरती उतारेंगे।
सुमन: नाय नाय कछु गलती भई है मालिक हमाय बच्चा चोरी नहीं कर सकत।
आदमी: खुद देखो है हमने इन्हें गन्ना चुराए हैं हमाये खेत से।

जमुना: नाय झूंठ कह रहे हो तुम। नाय चुराए कोई गन्ना हमाय बच्चन ने।
जमुना रोते हुए अपने सीने से धीनू को लिपटाए हुए बोली।
आदमी: देखो तो हिम्मत बेटा चोरी करत है और मां हमको झूठा बताए रही है। ऐसे चोरों को तो मार मार के अच्छे से सबक सिखाना चाहिए।
और लोग दोबारा मारने के लिए आगे बढ़ने लगे, जमुना और सुमन उनके सामने गिड़गिड़ाने लगी, उनके बेटों को छोड़ने के लिय दया की भीख मांगने लगी।

जैसे ही एक आदमी आगे आया और धीनु पर लात से बार करने ही वाला था कि एक आवाज़ आइज: ए रूको,
सभी नजरें उस आवाज की ओर मुड़ी तो देखा सामने लाला खड़ा था,
जमुना सुमन, धीन रतनू सबकी नजरें लाला पर टिक गई।
लाला: ससुर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमाएं गांव में आकर बच्चन को पीटन की?
आदमी: लाला जी प्रणाम, और क्या करें लालाजी इन दोनों ने हमारे खेत से गन्ने चुराए हैं।
लाला: का सबूत है तुमाय पास?
आदमी: हमने खुद देखो है इन दोनों को भगत हुए।

लाला: कितने को नुकसान हुआ है?
आदमी: पूरे दस रूपए को लालाजी।
लाला अपनी जेब से नोटो की गद्दी निकलता है और एक १० का नोट निकाल कर उस आदमी के हाथ में रख देता है और बोलता है,: जे पकड़ अपने रुपिया और सुन आइंदा से इन बच्चन को हाथ भी लगाओ ना तो हम तेरी हालत खराब कर देंगे।
लाला के इस कदम से सब चौंक जाते हैं धीनु और रतनू खुश होते हैं जबकि सुमन और जमुना और सोच में पड़ जाती हैं।
आदमी पैसे लेकर बड़बड़ाता हुआ चला जाता है,
लाला आगे बढ़ता है और धीनू और रतनू को उठाने लगता है
लाला: देखो बेटा हमें नाय पता तुमने गन्ना चुराए या ना चुराए, पर जो भी हुआ गलत हुआ, हम यही चाहेंगे की आगे से तुम एसो कोई काम न करो जिससे तुम्हें कोई तकलीफ हो,
आस पास खड़े लोग लाला की बात से सहमति जताने लगे धीनूं और रतनू ने भी सिर हिलाकर सहमति जताई और फिर दोनो उसके पैरों में गिर कर उसका धन्यवाद करने लगे।
धीनू: बहुत कृपा की आज तुमने मालिक, जो बचाए लिया।
रतनू: हां मालिक न जाने और कितनी मार पड़ती।
जमुना और सुमन को तो समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें क्या बोलें वो तो बस खड़े होकर सब देखे जा रही थी,
लाला: अरे अरे ये क्या कर रहे हो तुम? तुम हमाय गांव के हो और हमाए अपने हो, तो हम तुम्हाये लिए नाय खड़े होंगे तो किसके लिए होंगे।
लाला ने दोनो के सिर पर हाथ फेरकर साथ ही एक नजर जमुना और सुमन पर डालते हुए कहा,
लाला: देखो अगर तुम्हें पैसन की जरूरत है तो हमारे यहां काम करने लग जाओ, हमारे पास बहुत से काम हैं तुम दोनो को मिल जायेगा और पैसे भी मिल जायेंगे।

धीनु: सच में मालिक तुम रखोगे हमें?
लाला: बिल्कुल क्यों नाय रखेंगे, एक काम करो दो तीन दिन आराम करो चोट लगी है ठीक हो जाओ फिर आ जाओ काम पर।

रतनू: हम बिल्कुल आएंगे मालिक दो दिन में ही आन लगेंगे।
तभी पीछे से एक और आवाज आती है,: नहीं तुम दोनो कोई काम नहीं करोगे।
इस बार लाला और बाकी सब हैरानी के साथ उस आवाज की और देखते हैं तो एक औरत खड़ी थी: लाला जी ये लोग अभी पढ़ेंगें काम नहीं करेगें।
ये कहकर वो औरत आगे आती है और लाला के हाथ में १० रुपए पकड़ा देती है।

लाला: अरे मेम साहब आपने देख तो लिया ही, की अगर पेट ही खाली होगा तो बच्चा पढ़त नहीं है चोरी करत है, तो अभी इनके लिए काम जरूरी है की पढ़ाई।
औरत: चोरी करके इन्होंने गलती की है, और उसकी सजा भी इन दोनो को मिल चुकी है, बाकी इसके आगे इनकी जिम्मेदारी मैं लेती हूं।
लाला: जेसी तुमाई इच्छा मेम साब , हम तो बस सब की भलाई चाहत हैं।
वो औरत धीनु , रतनू, जमुना और सुमन को वहां से लेकर निकल जाती है और लाला मन ही मन उसे गालियां देता रहता है।

ये औरत और कोई नहीं बल्कि गांव के स्कूल की अध्यापिका थी नाम था मधु उमर यही कोई 38 की, छह महीने पहले ही आई थी इस गांव में अकेली रहती थी, न बच्चे थे न परिवार और न ही किसी को कुछ पता था, बच्चे मैडम जी कहकर पुकारते थे और बड़े मेम साब।
और यही वो मास्टरनी थी जिनकी शाम की दैनिक क्रिया को छुप छुप कर देखकर धीनू और रतनू अपने हथियार साफ किया करते थे।
वैसे धीनू और रतनू का कोई दोष भी नहीं था हमारी अध्यापिका साहिबा थी हीं कुछ ऐसी की जो देखले बस देखता रह जाए।
भरा हुआ बदन, गोरा रंग, साड़ी के अंदर सीने पर जो उन्नत चूचियां जो सबका ध्यान अपनी ओर ही आकर्षित करती थी, नीचे भरा हुआ पर मोटा बिल्कुल नहीं ऐसा मांसल पेट उसके बीच में गहरी नाभी, पीछे दो पतीले जैसे चूतड़ जिन्हे साड़ी में कसे हुए देखकर ही लोगो के ईमान डोल जाते थे, लाला ने तो कई बार डोर डाले थे पर में साब थी थोड़ी तेज तर्रार तो एक न चली लाला की।
थोड़ी देर बाद सब लोग मेम साब के घर पर इकठ्ठा थे
जमुना: सही सही बता लल्ला तुम दोनो ने चोरी करी है कि नाय?
जमुना की बात का जवाब न धीनू ने दिया न रतनू ने।
सुमन: जे चुप्पी का मतलब यही है कि चोरी करी है तुम दोनो ने।

जमुना उठी और गुस्से से दो तीन थप्पड़ धीनू के जड़ दिए और रोते हुए बोलने लगी: ये ही दिन दिखावे को बढ़ा किया था तोए, अपनों पेट काट काट कर इसलिए खिलाओ के तु चोरी करे,

मधु ने उसे रोका और वापिस बिठा दिया,
मधु: शांत हो जाओ जमुना बस, इन दोनो के किए की सजा इन्हे पहले ही मिल चुकी है।
सुमन: पर हमाई का गलती है, हमने का पाप कर दिया जो हमें जे सब झेलनो पड़ रहो है।
सुमन ने भी आंसू बहाते हुए कहा, धीनू और रतनू दोनो ही बहुत दुखी थे, अपने किए हुए पर साथ ही इस बात से कि उनकी वजह से उनकी मांओं को दुख हो रहा था।

मधु: धीनू और रतनू, तुम दोनो घर जाओ, मम्मी अभी आयेंगी।
धीनू और रतनू दोनों अपने चोट खाए बदन को संभाले घर चले गए।

उनके जाने के बाद मधु ने अपना ध्यान जमुना और सुमन की ओर किया।
मधु: देखो मैं जानती हूं कि उन दोनो ने जो किया गलत किया है, पर मैं जानती हूं, की उन्होंने ऐसा क्यों किया होग।
सुमन: हैं जीजी काय करो हैगो?
मधु: देखो एक तो उनकी उमर ऐसी है, और खुद ही सोचो कि गांव में मेला है सब बच्चे घूम रहे होंगे खा रहे होंगे उनका मन भी हुआ होगा पर उन्हें घर के हालत भी पता है इसलिए तुम लोगो से भी नही मांग सकते जो उन्हें सही लगा वो किया, और वो भी क्या करें?
हैं तो बच्चे ही न,
सुमन: तो जीजी हम भी का करें, मजबूरी है ताहि से नहीं कर पाते उनके मन की इच्छा पूरी, नही तो हमारे बस में हो तो सब कछु दे दें उन्हें।
मधु: मैं समझती हूं कि मजबूरी है और सब कुछ तुम नहीं दे सकती पर हालातों से हार मानकर कुछ नही होगा, जो भी जितना भी तुम्हारे पास है उसे प्रयोग करके उनसे लड़ो।
जमुना: कछु समझे नाय जीजी।
मधु: देखो पैसे की कमी से या अन्य कारणों से दूसरे बच्चे उनके साथ नहीं खेलते उनके पास दूसरों की तरह खिलौने नहीं हैं और न ही दोस्त हैं, तो अगर तुम कुछ नहीं दे सकती तो एक चीज है जो जितनी सब के पास है उतनी ही तुम्हारे पास वो दे सकती हो।
जमुना: हाय दैय्या जीजी एसो का है हमारे पास।

मधु: समय,
सुमन: समय?
मधु: हां, एक दिन में २४ घंटे सबको मिलते हैं तुम्हें भी तो अगर बच्चों को कुछ और नहीं दे सकती तो अपना समय दो, उनसे बात करो उनके मन की जानो, उनकी दोस्त बनो, जिससे उनके मन में जो हो वो पहले तुम्हे बताएं।
सुमन: इससे बात बनेगी?
मधु: बिल्कुल बनेगी।
जमुना: हमें भी जीजी की बात ठीक लग रही है री बन्नो।
सुमन: सही कह रही हो जीजी,
और कछु न दे सकत तो समय तो दे सकत हैं।
मधु: बिलकुल सही, अब तुम लोग घर जाओ उनको डांटना मत और उनकी दोस्त बनने की कोशिश करना।

जमुना: ठीक जीजी हम ऐसा ही करेंगी।

इसके बाद दोनों मधु को प्रणाम और आज के लिए धन्यवाद करके अपने अपने घर चली जाती हैं।

आगे देखना हैं दोनो अपने बेटों की दोस्त बनने के लिए क्या क्या करती हैं और क्या क्या लिखा है किस्मत में।
Nice and beautiful update....
 

Napster

Well-Known Member
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
अब माॅ और बेटे के बिच दोस्ती किस तरह बनती हैं और मॅडम जी का रोल क्या होता है देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

hotshot

The things you own, end up owning you
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धीनू: अच्छा है नाय निकरि, हमाई निकरी तौ चिल्लाय पड़ी माई।



रतनू: फिर अब का करें कहूं सै तौ पैसन की जुगाड़ करने पड़ेगी ना।

धीनू: मेरे पास एक उपाय है।

रतनू: सही में? बता फिर सारे..

धीनू: सुन…




अपडेट 4



रतनू: सुन हमें जे ठीक नाय लग रहो सारे(साले) पकड़े गए तो गांड टूट जायेगी।

धीनू: सासुके( साले का पर्यायवाची) तेरी अभिई ते लुप लुप करन लगी। हम कह रहे ना कछु न हैगो।

धीनू ने एक खेत से गन्ने उखाड़ते हुए रतनू को दिलासा दी तो रतनू भी भारी मन से ही इस अनैतिक काम में अपने जिगड़ी दोस्त का हाथ बटाने लगा, यही उपाय था धीनू का कि दूसरे गांव के किसी खेत से कुछ गन्ने चुपचाप चुरा कर ले जायेंगे और कोल्हू पर बेच देंगे और उससे जो पैसे मिलेंगे उससे लल्लन को गेंद तो कम से कम दिलवा ही देंगे अगर बच गए तो मेला तो लगा ही है।

रतनू: अब तौ है गए होंगे, अब चल झांते (यहां से)।

धीनू: हट सारे इतने की तो चवन्नी भी न मिलेगी, जल्दी जल्दी हाथन को चला और उखाड़त जा।

रतनू: हां हां उखाड़ तो रहो हूं।

रतनू के बार बार याद दिलाने पर भी धीनू था की चलने को राज़ी नहीं हो रहा था वो चाह रहा था ज्यादा से ज्यादा गन्ने मिल जाएं जिससे ज्यादा पैसे मिल सकें, पर लालच बुरी बला है ये तो सबने ही सुना है,

ख़ैर जब धीनू को संतुष्टि हो गई तो दोनों ने मिलकर गन्ने को दो ढेरों में बांधा और अपने अपने सिरों पर टिकाया और चल दिए, चुप चाप से किसी तरह से खेत से निकल कर आगे बढ़े ही थे कि पीछे से किसी की आवाज़ आई

अरे एईईई को है जू (कौन है ये) रुक सारे।

ये आवाज सुनते ही दोनों के पैरों से जमीन खिसक गई ये खेत के मालिक की आवाज़ थी जिसने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया था, रतनू की हालत तो बिलकुल रोने वाली हो गई। डरा हुआ तो धीनू भी था पर उसके डरा हुआ दिमाग और तेज भागने लगा और वो बचने के तरीके ढूंढने लगा।

धीनू ने फुसफुसाते हुए रतनू से बोला,

धीनू: भाग रतनुआ वाने (उसने) अभई तक हमाओं चेहरा नाय देखो है भाग,

और ये कह धीनू ने दौड़ लगा दी, रतनू को धीनू की बात तो समझ नहीं आई पर धीनु को भागते देख उसके पैर भी दौड़ने लगे।

आगे आगे धीनू और रतनू एक हाथ से अपने सिर पर रखे बोझ को पकड़ कर भाग रहे थे तो वहीं उनके पीछे खेत का मालिक भाग रहा था और भागते हुए चिल्लाता जा रहा था, धीनू और रतनू दोनों को पीछे से गालियां दिए जा रहा था, अपनी गालियों में ही वो दोनों को ही मां को न जाने अब तक कितनी बार सम्मिलित कर चुका था और न जाने उनके साथ क्या क्या करने की धमकी दे चुका था, पर दोनों दोस्त बेचारे सब सुनते हुए भी बिना पीछे मुड़े भागे जा रहे थे, एक खेत पार करते तो दूसरा खेत आ जाता, पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो चुका था, उधर खेत के मालिक का भी बुरा हाल था एक तो अधेड़ उम्र का शरीर ऊपर से थुलथुला पेट, दिल ने इतनी मेहनत कर ली थी कि रेल के इंजन से भी तेज दौड़ने लगा था और लग रहा था कि थोड़ी देर में ही फट जायेगा। कितनी दूर तक भागता बेचारा तो थोड़ा आगे आकर उसके पैरों और हिम्मत दोनों ने ही जवाब दे दिया, और हांफते हुए चिल्लाता रहा: रुक जाओ आआह्ह्ह आह्ह्ह्ह सारे मादरचोदों, अह्ह्ह्ह तुमाई मैय्या चोद दूंगो, अअह्ह्ह्हह, रांडों के रुक जाओ।



खेत के मालिक के रुक जाने से रतनू और धीनू को राहत मिली दोनों ही बुरी तरह थक गए थे, थोड़ा आगे जाकर पोखर किनारे गन्नों को एक झाड़ी के पीछे डालकर वहीं गिर गए और सांस भरने लगे,

रतनू: आज तौ मरई( मर ही) गए हते। हमाई तौ फटि गई बिलकुल खेत बारे की आवाज सुनिकै।

धीनू: सारे फटि तौ हमाई भी गई हती, तभई ( तभी) तौ भाजे ( भागे) वहां से गांड बचाए कै।



रतनू: हम तोए कह रहे थे कि जल्दी चल जल्दी चल हुए गए होंगे। पर तोए तो सुननी ही नाय हती(थी)।

धीनू: अच्छा दूई गन्ना लै आते का उठाए कै, का फायदा होतो जोखिम उठान को, अगर गेंद भी ना आ पाती तौ।

रतनू: अच्छा और अगर पकड़ जाते तौ का लेते फिर, कित्ती मार पड़ती।

धीनु: पड़ी तो नाय अब रोनोबंद कर लौंडियों की तरह। और चल रहे अब कोल्हू पै ( पर)।

रतनू: चल रहे यार हमाई तो सांस फूल रही है।

धीनू: सांस तौ पिचक जायेगी तेरी जब जेब में रुपिया जागें तौ चल अब उठ।

रुपयों के बारे में सोचकर रतनू भी तुरंत खड़ा हो गया ।

दोनों ने फिर से गट्ठर को सिर पर टिकाया और चल दिए कोल्हू की ओर।





दूसरी ओर

और बताओ मालिक का सेवा करे आपकी?

हाथ जोड़े हुए एक शख्स ने कहा…

लाला: अरे वीरपाल तुमहु (तुम भी) कैसी बात करत हो, तुमसे का सेवा करवांगे, तुम तौ हमाये खास हौ। बस जे गुड़ बढ़िया निकलनो चाहिएं।

वीरपाल: अरे मालिक तुम्हें कभहु खराब चीज दिंगे का? गुड़ नाय है मालिक मलाई है मुंह में रखौगे तो पिघल जायेगी।

लाला कोल्हू के मालिक से बातचीत कर रहा था तभी वहां रतनू और धीनू अपना अपना गट्ठर लिए पहुंच जाते हैं।

धीनू: बाबा ओ बाबा नेक ( थोड़ा) जे गन्ना तोल लियो.

वीरपाल: अरे तोल रहे पहले मालिक को समान दे दें।

लाला ने एक नजर रतनू और धीनू पर डाली तो जैसे उसे जमुना का धक्का याद आ गया, और मन ही मन एक तीस सी उठ गई।

लाला: अरे नाय वीरपाल व्योपार( व्यापार) पहले है जाओ तौल देऊ, हम तौ झाईं( यहीं) खड़े हैं

वीरपाल तुरंत लाला की बात मान धीनू और रतनू के गन्ने तौलने लगता है, गन्ने तौलने के बाद कुछ हिसाब लगाता है और 5 5 रुपए दोनों को पकड़ा देता है।,

धीनू: का बाबा बस पांच रुपिया?

वीरपाल: अच्छा तू का कुंटल ( क्विंटल) भर गन्ने लाओ हतो का?

धीनू: लगि तो ज्यादा रहे थे,

वीरपाल: तौ एसो कर उठा अपने गन्ना और लै जा।

रतनू: अरे नाय नाय बाबा ठीक है इतने के ही हते। हम जाय रहे हैं।

रतनू धीनू का हाथ पकड़ कर उसे खींचता हुआ ले गया,

धीनू; सारो डोकर ( बूढ़ा) भौत (बहुत) बोल्त है, सारो एक ही कोल्हू है ना तासे(इसका) फायदा उठात है और मन मर्जी के दाम देत है। चोर सारौ।

रतनु: हेहेहे सारे तू भी ना..

धीनू: का भओ (क्या हुआ) दान्त कियुँ फाड़ रहो है?

रतनू: और का सासुके गन्ना हमनें चुराय कै बेचे और चोर तू डोकर कौ कह रहो है, तौ हँसी ना आयेगी?

धीनु: हाँ यार बात तौ तू कभऊ कभउ सही कह देत है। वैसें इत्ते ( इतने) रूपिया में गेंद भी आ जायेगी और कछू बचि(बच) भी जाँगे।

रतनू: और का चलें फिर मेला में?

धीनू: जे भी कोई पूछने की बात है चल मेरे मुंह में तौ अभई से चाट को स्वाद आए रहो है।





जमुना बकरियों को चारा डाल रही थी किसी तरह से उसने खुद को संभाला था आज जो भी कुछ हुआ उसके बाद, उसका मन बार बार अब भी डर से कांप रहा था, वहीं लकड़ियां तोड़ते हुए सुमन बार बार जमुना के चेहरे को देख रही थी, और जमुना की आंखों का दर्द देखकर सुमन का भी कलेजा कांपने लगा था, आने वाले भयावह कल के बारे में सोचकर वो अंदर ही अंदर चिंता में मरती जा रही थी, उसे समझ नहीं आ रहा था, कि कैसे वो लाला का सामना कर पाएगी, क्योंकी ये तो तय था कि जो जमुना के साथ हुआ उसके साथ भी होने वाला था, पर क्या जो ताकत जमुना ने दिखाइ जो धक्का जमुना ने लाला को मारा क्या उसमें इतनी ताकत होगी, कि वो लाला को धकेल पायेगी, इसी उधेड़बुन में वो लगी हुई थी,



दोनों बेचारी अपने अपने विचरों में खोई हुइ अपने अपने कामों में लगी हुई थीं,

कि तभी एक आवाज पर दोनों का ध्यान जाता है,

हांफता हुआ मुन्ना दोनों के पास आकर रुकता है।

मुन्ना: अह्ह्ह् वो चाची मेला में, मेला में धीनू और रतनू भैया,

सुमन: का भओ मुन्ना मेला में का? और हाँफ काय रहो है इत्तो।

मुन्ना: वो चाची मेला में कछु लोग रतनू और धीनू भैया को मार रहे हैं।



इसके आगे अगली अपडेट में अपने कॉमेंट्स करके ज़रूर बताएं कैसी लगी अपडेट। बहुत बहुत धन्यवाद।
:claps:
 
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