Pradeep paswan
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Nice updateजगदीश के आ जाने के बाद सौरभ सुरभि से बात नहीं कर पाता है, जिसके बाद वह किचन से बाहर चलता है उसके जाते ही सुरभि मुस्कुराते हुए सबके लिए खाना निकालने लगती .
सौरभ भी बाहर जाके अपने पिता के पास बैठ जाता है कुछ ही देर में सुरभि सबके लिए खाना ले आती है जिसके बाद सब कोई खाना शुरु कर देता है.
खाना खाते समय सुरभि सौरभ की तरफ देखता है और वह उसे इशारे से अपनी पिता से बात करने को कहती है. पर सौरभ जगदीश से कोई बात नहीं करता उल्टा वह जल्दी से खाना खाकर अपने कमरे में चला जाता है.
कमरे में जाने के बाद वह अपने बिस्तर पर जाकर बैठ जाता है उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह कैसे अपने पिता से इस बारे में बात करें. वह जिस कारण अपने घर से इतने सालों तक दूर रहो और इतने सालों बाद वह जिस काम के लिए घर आया था उसमें वह नाकामयाब होते हुए दिखाई दे रहा था.
वह काफी देर तक अपने बिस्तर पर बैठे-बैठे अपने ख्यालों में खोया रहता है तब तक जब तक उसकी मां उसे उसके ख्यालों से नहीं निकालती है. अपने ख्यालों मैं सौरभ इतना खो चुका था कि उसे इस बात का पता ही नहीं चलता कि उसकी मां कब उसके कमरे में आ चुकी है. सुरभि जब आके उसे लिलाती है तब जाकर उसे ख्याल होता है.
सुरभि के हाथ में एक दूध से भरा गिलास था जिसे वह सौरभ की तरह बढ़ा देता है. सौरभ भी उस गिलास को अपने हाथ में ले लेता है. जिसके बाद सुरभि वहां से चली जाती है.
Mast updateसुरभि के जाती है सौरभ एक ही सांस में सारा दूध पी जाता है, और अपने कमरे का दरवाजा अंदर से लगा देता है. दरवाजा लगाने के बाद सौरभ अपने सारे कपड़े को एक-एक करके खोल देता है. और नंगा ही आकर बिस्तर पर लेट जाता है.
बिस्तर पर लेटने के बाद अपने खड़े लंड पर हाथ फैरने लगता है और साथ ही अपने पुराने ख्यालों में खो जाता है .
आज से 5 साल पहले जब वह 16 साल का हुआ था तब ठंड का मौसम चल रहा था वह ठंड के मौसम में अपनी मां के पास सोया करता था.
एक रात जब वो सो रहा था तभी ठंड के कारण उसका नींद खुल जाता है. तब उसे एहसास होता है कि वह खाट पर अकेला सो रहा है. तभी उसे अपने पिताजी के खाट पर कुछ हिलता हुआ नजर आता है.
Behtreen updateजब वह ध्यान से देखता है तो पता है कि जगदीश सुरभि के ऊपर चढ़ा हुआ था और उसकी चुदाई कर रहा था. जिसके कारण वो अपनी कमर को ऊपर नीचे कर था.
जगदीश ने अपने और सुरभि के ऊपर रजाई ओढ़ रखा था हालांकि रजाई को उन्होंने सिर्फ कमर तक ही उड़ा था जिसके कारण सौरभ को सुरभि का चुत दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन उसे सुरभि की चुचीया साफ नजर हां रहा था.
जगदीश ने सुरभि को पूरा नंगा नहीं किया था बस उसकी ब्लाउज के कुछ बटन को खोल के चुचिया बाहर कर दिया था. और साड़ी को कमर तक उठा उसे चौद रहा था.
सौरभ अपने मां बाप को इस हाल में देख हैरान तो नहीं होता लेकिन कामुक जरूर हो जाता है उसने इससे पहले कभी भी अपने मां-बाप को चुदाई करते हुए नहीं देखा था. होश संभालने के बाद यह पहली बार था जब उसने किसी को चुदाई करते हुए देख रहा था और वह भी अपने मां बाप को.
वह अपने मां-बाप की चुदाई को देख इतना कामुक हो गया था कि उसके नाक से गर्म हवाएं निकलने लगा था, उसका लंड तन के खड़ा हो गया था जिसे वह साफ महसूस कर सकता था.
तकरीबन 20 मिनट की चुदाई के बाद जगदीश सूरभी के अंदर ही झड़ जाता है. जिसके बाद जगदीश खाट के दूसरे तरह सो जाता है और सुरभि रजाई के अंदर से ही अपनी चुत को पेटीकोट से साफ कर बाहर आ जाती है और अपने ब्लाउज के सारे बटन लगाके वापस से आके सौरभ के पास लेट जाती है और सौरभ को किसी छोटे बच्चे की तरह अपने आप से सटाकर सो जाती है.
जगदीश और सुरभि अपना आग तो ठंडा करके सो जाता है लेकिन सौरभ के अंदर एक आग लगा देता है जो उसे बेचैन कर रहा था. इससे पहले सौरभ ने कभी भी अपनी मां के प्रति ऐसी बेचैनी को महसूस नहीं किया था जिसे आज वह महसूस कर रहा था.
Shandaar updateसौरभ अपने ख्यालों में खोया खोया सो जाता है.
*नोट आप लोगों को गांव की एक परंपरा के बारे में जान लेना चाहिए.
इस परंपरा को सिर्फ फूलपुर गांव ही नहीं बल्कि अर्जुन नगर मैं जितने भी गांव आते है वो सब इसे मानता है.
परंपरा कुछ ऐसा है कि अगर गांव का कोई लड़का 21 साल का हो जाता है तो वह अपनी मां के साथ शादी कर सकता है लेकिन इसमें भी 3 शर्त है.
1.उस लड़के को 15 दिनों का समय मिलता है अगर वह लड़का अपनी मां को इन 15 दिनों में प्रेग्नेंट कर देता है तो वह अपनी मां से शादी कर सकता है और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो वो जिंदगी में फिर कभी अपनी मां के साथ संभोग नहीं कर सकता.
2.एक औरत का चाहे कितना ही बेटा क्यों ना हो उसे उन सब के साथ इस परंपरा को निभाने का अधिकार है और उससे शादी भी करने का. यही कारण है कि गांव की कई औरतों के एक से ज्यादा पति है.
3.एक महिला अपने बेटे से तो शादी कर सकती है लेकिन अपने बेटे द्वारा पैदा किए गए बेटे से शादी नहीं कर सकती. जैसे सौरभ के दादाजी ने अपनी मां से शादी किया था और उसी से जगदीश पैदा हुआ था लेकिन जगदीश अपनी मां से शादी नहीं कर सकता था.
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