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हैलो दोस्तों मैं काफी समय से xossip कहानियों का नियमित पाठक हूं। सभी की कहानियां काफी रोचक हैं। मेरा भी लोगों की कहानियां पढ़ते पढ़ते अपनी कहानी लिखने का मन हुआ तो लीजिए हाजिर है मेरी एक नई कहानी ।
मेरा नाम अमन ठाकुर है और पेशे से मैं एक डॉक्टर हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है मैने अपना शरीर अच्छे से मेंटेन किया हुआ है और मेरी हाईट 6 फुट के करीब है। मैंने अपना एक नया क्लिनिक शुरू किया है । क्लिनिक का सेटअप दो मंजिला इमारत में है जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर मेडिसिन और मरीज का रजिस्ट्रेशन है । फर्स्ट फ्लोर पर मेरा केबिन है । क्लिनिक नया नया ही शुरू हुआ है तो मरीजों की ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है । मैने एक लडके सुनील को काम पर रखा हुआ है जो साफ सफाई और मेडिकल का काम समाहलता है । मुझे रिसेप्शन के लिए एक लडकी की जरूरत थी जिसे कंप्यूटर की नॉलेज हो जो रजिस्ट्रेशन और ऑडिट का काम सम्हाल सके। इसके लिए मैने अखबार मैं विज्ञापन दे रखा था । एक दिन शाम के समय एक लडकी अपने पिता के साथ क्लिनिक पर विज्ञापन की कटिंग लेकर आई और नीचे सुनील से मिली । सुनील ने मुझे इंटरकॉम पर बताया कि एक लडकी जॉब के लिए आई है मैने बोला उसे ऊपर मेरे केबिन में भेज दो । लडकी ने ऊपर आकर केबिन मैं नॉक किया तो मैने उसे अंदर आने को बोला । उसने दरवाजा खोलकर अंदर एंट्री ली और मुझे गुड इवनिंग बोला मैंने सामने नजर उठाकर देखा तो मेरे सामने एक 19-20 साल की बड़ी कमसिन सी इकहरी काया की लडकी बुरखे में फाइल पकड़े हुए खड़ी थी । उसने चेहरे और सर पर स्कार्फ बांधा हुआ था जिसमें से केवल उसकी नसीली आंखे नजर आ रही थीं। आंखों में हल्के सुरमे की झलक उसकी सुंदरता को और ज्यादा बड़ा रही थी ।

मैने जब उसे देखा तो एकटक उसकी आंखों में देखता रह गया । मैं जब उसकी आंखों में देखता रहा तो उसने मुझे एक बार फिर से गुड इवनिंग बोला तो मैने एकदम हड़बड़ाहट में उसको गुड इवनिंग बोला और कुर्सी पर बैठने को बोला । वो थैंक्यू बोलते हुए कुर्सी पर आकर बैठ गई तब तक उसके फादर भी केबिन में आ गए तो मैने उनको भी बैठने को कहा । अब तक मैं सम्हल चुका था तो मैं सीधे लडकी से मुखातिब होते हुए बोला की ये फाइल मुझे दिजिए और आप अपना इंट्रोडक्शन स्टार्ट करिए। उसने मुझे थैंक्स बोलते हुए कहा की मेरा नाम सना है और मैने इंटर के बाद फार्मासिस्ट का डिप्लोमा इसी साल कंप्लीट किया है , ये साथ में मेरे अब्बू हैं जो कपड़े की सिलाई का काम करते हैं इसी शहर में इनकी एक छोटी सी दुकान है , मेरी मां एक घरेलू महिला हैं , मेरे अलावा मेरी एक बड़ी बहन है उजमा जिसकी शादी हो चुकी है । खैर मैंने मेडिकल और कंप्यूटर से रिलेटेड कुछ चीजें पूछी जिसकी उसको लगभग लगभग जानकारी थी । उसके बाद सना के अब्बू से भी बातें हुई वे भी काफी मिलनसार थे । मैने सना को जॉब के लिए हां कर दिया । ( मन में तो मैं उसे देखते ही रखने का फैसला के चुका था) फिर मैंने बोला कि तुम कल से ज्वाइन कर सकती हो लेकिन यहां क्लिनिक पर तुमको ये बुरखा उतारकर एप्रन पहन कर बैठना होगा । दरअसल मैं उसके सुंदर बदन को बिना बुर्खे के देखने को उतावला था , तो उसने कहा की वह घर से बुरखा पहन कर आया करेगी और यहां क्लिनिक पर आकर चेंज कर लिया करेगी । मुझे कोई आपत्ति नहीं थी तो मैने उसे कल से सुबह 9 बजे आने को बोल दिया । क्योंकि क्लिनिक 9 बजे सुनील ओपन कर लेता था और 10 बजे मैं क्लिनिक पहुंचता था। अगले दिन मैं क्लिनिक पर पहुंचा तो सुनील ने बताया की सना आ गई है और मैने उसको ऊपर केबिन में डेस्क में रखी फाइलों में से मेडिसिन स्टॉक की फाइल को ढूंढने भेजा है । फिर मैं अपने केबिन की तरफ गया तो केबिन का दरवाजा खुला हुआ था और सना मेरी डेस्क पर झुकी हुई दराज से फाइल ढूंढ रही थी । आज उसने बुर्खा नहीं डाला था और उसकी पुष्ट पिछवाड़े की गोलाईयां मेरी तरफ थी और सिर आगे की तरफ जिसको देखते ही मेरे पैंट में हलचल होने लगी । आहट सुनकर उसने सीधे होते हुए मुड़कर मुझे देखा और मुस्कराते हुए गुड मॉर्निंग बोला ।

मैने भी सना को गुड मॉर्निंग बोला और उसके पीछे से सटते हुए अपनी कुर्सी की तरफ जाने लगा उसके पास से गुजरते समय उसके बदन की खुशबू एक बार फिर मेरे पैंट में सिहरन पैदा कर गई । मैं जाकर कुर्सी पर बैठ गया और सना मेरे बराबर में खड़ी होकर फाइल ढूंढती हुई बाते करने लगी आज सना ने क्योंकि बुरका नहीं डाला था तो मैं उसका चेहरा और सारे उतार चढ़ाव गौर से देखने लगा । सना एक निहायती खूबसूरत लडकी थी । उसके गुलाबी होठ और बेदाग चेहरा से नजर हटाकर मैने नीचे नजर डाली तो टीन एज लडकी की कसी हुई 30 इंची गोलाइया मुझे पागल करने के लिए काफी थी ।

मैं एकटक उसकी चुचियों को निहार रहा था तभी उसे शायद फाइल मिल गई और उसने नजर उठाकर देखा तो सना को एहसास हुआ कि मैं उसकी चूचियों को निहार रहा हूं जबतक मुझे एहसास हुआ तब तक मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं एकदम से सीधा हुआ । उसने मुस्कराते हुए मुझ से कहा सर फाइल मिल गई है और मैं नीचे जा रही हूं और मुस्कराते हुए नीचे चली गई। उसके जाने के बाद मैने नीचे देखा तो मेरे पैंट में तम्बू बना हुआ था जिसे शायद सना ने भी देखा हो । मुझे एकदम शर्म महसूस हुई की आज उसका पहला दिन है और मुझे इस तरह देखकर पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी । लेकिन उसका इस तरह मुस्कुराते हुए जाना दिल में एक हलचल जरूर पैदा कर रहा था।
अगला अपडेट जल्द ही......
मेरा नाम अमन ठाकुर है और पेशे से मैं एक डॉक्टर हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है मैने अपना शरीर अच्छे से मेंटेन किया हुआ है और मेरी हाईट 6 फुट के करीब है। मैंने अपना एक नया क्लिनिक शुरू किया है । क्लिनिक का सेटअप दो मंजिला इमारत में है जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर मेडिसिन और मरीज का रजिस्ट्रेशन है । फर्स्ट फ्लोर पर मेरा केबिन है । क्लिनिक नया नया ही शुरू हुआ है तो मरीजों की ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है । मैने एक लडके सुनील को काम पर रखा हुआ है जो साफ सफाई और मेडिकल का काम समाहलता है । मुझे रिसेप्शन के लिए एक लडकी की जरूरत थी जिसे कंप्यूटर की नॉलेज हो जो रजिस्ट्रेशन और ऑडिट का काम सम्हाल सके। इसके लिए मैने अखबार मैं विज्ञापन दे रखा था । एक दिन शाम के समय एक लडकी अपने पिता के साथ क्लिनिक पर विज्ञापन की कटिंग लेकर आई और नीचे सुनील से मिली । सुनील ने मुझे इंटरकॉम पर बताया कि एक लडकी जॉब के लिए आई है मैने बोला उसे ऊपर मेरे केबिन में भेज दो । लडकी ने ऊपर आकर केबिन मैं नॉक किया तो मैने उसे अंदर आने को बोला । उसने दरवाजा खोलकर अंदर एंट्री ली और मुझे गुड इवनिंग बोला मैंने सामने नजर उठाकर देखा तो मेरे सामने एक 19-20 साल की बड़ी कमसिन सी इकहरी काया की लडकी बुरखे में फाइल पकड़े हुए खड़ी थी । उसने चेहरे और सर पर स्कार्फ बांधा हुआ था जिसमें से केवल उसकी नसीली आंखे नजर आ रही थीं। आंखों में हल्के सुरमे की झलक उसकी सुंदरता को और ज्यादा बड़ा रही थी ।

मैने जब उसे देखा तो एकटक उसकी आंखों में देखता रह गया । मैं जब उसकी आंखों में देखता रहा तो उसने मुझे एक बार फिर से गुड इवनिंग बोला तो मैने एकदम हड़बड़ाहट में उसको गुड इवनिंग बोला और कुर्सी पर बैठने को बोला । वो थैंक्यू बोलते हुए कुर्सी पर आकर बैठ गई तब तक उसके फादर भी केबिन में आ गए तो मैने उनको भी बैठने को कहा । अब तक मैं सम्हल चुका था तो मैं सीधे लडकी से मुखातिब होते हुए बोला की ये फाइल मुझे दिजिए और आप अपना इंट्रोडक्शन स्टार्ट करिए। उसने मुझे थैंक्स बोलते हुए कहा की मेरा नाम सना है और मैने इंटर के बाद फार्मासिस्ट का डिप्लोमा इसी साल कंप्लीट किया है , ये साथ में मेरे अब्बू हैं जो कपड़े की सिलाई का काम करते हैं इसी शहर में इनकी एक छोटी सी दुकान है , मेरी मां एक घरेलू महिला हैं , मेरे अलावा मेरी एक बड़ी बहन है उजमा जिसकी शादी हो चुकी है । खैर मैंने मेडिकल और कंप्यूटर से रिलेटेड कुछ चीजें पूछी जिसकी उसको लगभग लगभग जानकारी थी । उसके बाद सना के अब्बू से भी बातें हुई वे भी काफी मिलनसार थे । मैने सना को जॉब के लिए हां कर दिया । ( मन में तो मैं उसे देखते ही रखने का फैसला के चुका था) फिर मैंने बोला कि तुम कल से ज्वाइन कर सकती हो लेकिन यहां क्लिनिक पर तुमको ये बुरखा उतारकर एप्रन पहन कर बैठना होगा । दरअसल मैं उसके सुंदर बदन को बिना बुर्खे के देखने को उतावला था , तो उसने कहा की वह घर से बुरखा पहन कर आया करेगी और यहां क्लिनिक पर आकर चेंज कर लिया करेगी । मुझे कोई आपत्ति नहीं थी तो मैने उसे कल से सुबह 9 बजे आने को बोल दिया । क्योंकि क्लिनिक 9 बजे सुनील ओपन कर लेता था और 10 बजे मैं क्लिनिक पहुंचता था। अगले दिन मैं क्लिनिक पर पहुंचा तो सुनील ने बताया की सना आ गई है और मैने उसको ऊपर केबिन में डेस्क में रखी फाइलों में से मेडिसिन स्टॉक की फाइल को ढूंढने भेजा है । फिर मैं अपने केबिन की तरफ गया तो केबिन का दरवाजा खुला हुआ था और सना मेरी डेस्क पर झुकी हुई दराज से फाइल ढूंढ रही थी । आज उसने बुर्खा नहीं डाला था और उसकी पुष्ट पिछवाड़े की गोलाईयां मेरी तरफ थी और सिर आगे की तरफ जिसको देखते ही मेरे पैंट में हलचल होने लगी । आहट सुनकर उसने सीधे होते हुए मुड़कर मुझे देखा और मुस्कराते हुए गुड मॉर्निंग बोला ।

मैने भी सना को गुड मॉर्निंग बोला और उसके पीछे से सटते हुए अपनी कुर्सी की तरफ जाने लगा उसके पास से गुजरते समय उसके बदन की खुशबू एक बार फिर मेरे पैंट में सिहरन पैदा कर गई । मैं जाकर कुर्सी पर बैठ गया और सना मेरे बराबर में खड़ी होकर फाइल ढूंढती हुई बाते करने लगी आज सना ने क्योंकि बुरका नहीं डाला था तो मैं उसका चेहरा और सारे उतार चढ़ाव गौर से देखने लगा । सना एक निहायती खूबसूरत लडकी थी । उसके गुलाबी होठ और बेदाग चेहरा से नजर हटाकर मैने नीचे नजर डाली तो टीन एज लडकी की कसी हुई 30 इंची गोलाइया मुझे पागल करने के लिए काफी थी ।

मैं एकटक उसकी चुचियों को निहार रहा था तभी उसे शायद फाइल मिल गई और उसने नजर उठाकर देखा तो सना को एहसास हुआ कि मैं उसकी चूचियों को निहार रहा हूं जबतक मुझे एहसास हुआ तब तक मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं एकदम से सीधा हुआ । उसने मुस्कराते हुए मुझ से कहा सर फाइल मिल गई है और मैं नीचे जा रही हूं और मुस्कराते हुए नीचे चली गई। उसके जाने के बाद मैने नीचे देखा तो मेरे पैंट में तम्बू बना हुआ था जिसे शायद सना ने भी देखा हो । मुझे एकदम शर्म महसूस हुई की आज उसका पहला दिन है और मुझे इस तरह देखकर पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी । लेकिन उसका इस तरह मुस्कुराते हुए जाना दिल में एक हलचल जरूर पैदा कर रहा था।
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