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Fantasy कालदूत(पूर्ण)

Adirshi

Royal कारभार 👑
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भाग ३१



सभी लोग अपनी अपनी जरूरतों का सामान पैक कर रहे थे, कालदूत की लोकेशन प्राप्त होने के बाद हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते थे

रूद्र एक कोने मैं बैठा अपनी जरुरत का सामान पैक कर रहा था, उसपर नरेशजी की मौत का काफी गहरा असर हुआ था भले ही वो किसी से कुछ नहीं कहता था पर वो अब भी अंदर से काफी दुखी था तभी शिवानी उसके पास आई

शिवानी-तुम पर चाचा की मौत का काफी गहरा असर हुआ है

शिवानी की बात सुन कर रूद्र बाद पैक करते करते रुक गया और शिवानी की तरफ देख कर बोला

रूद्र-वो मेरे पिता नहीं थे शिवानी लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया, उनको न बचा पाने का गम तो साडी जिंदगी रहेगा

शिवानी-तुम एक मानव नहीं हो, मतलब वैसे नहीं हो जैसे हम सब है फिर भी तुम्हारे अंदर भी वैसी ही भावनाए है जैसी हममे है ये देख कर मैं हतप्रभ हु

रूद्र(मुस्कुराकर)- मैं कोई रोबोट नहीं हु शिवानी, मेरा शारीर भी उसी तरह काम करता है जैसीक सामान्य मनुष्य का बस उसमे फर्क सिर्फ इतना है के मेरी हड्डिया और त्वचा का कम्पोजीशन सामान्य इंसान से बेहद भिन्न है

शिवानी-मैंने कभी सोचा नहीं था के जिंदगी मैं तुमसे मिलना होगा, मैंने हिडन वारियर्स के साथ काम करते हुए अपने पिता महेश के बारे मैं काफी बाते सुनी थी लेकिन कभी सोचा नहीं था की उनकी रचना से मिलने का मौका मिलेगा, अब चाचा और पिताजी दोनों ही इस दुनिया मैं नहीं है पर कही न कही वे दोनों ही तुमसे जुड़े हुए है और यही बात तुम्हे खास बनती है

रूद्र और शिवानी बात कर ही रहे थे के राघव अपने कमरे से बाहर आया, उसने टीशर्ट जीन्स और एक ब्लैक लेदर जैकेट पहना हुआ था और कंधे पर उसका बैग टंगा हुआ था, उसको देख कर शिवानी उसके पास आयी और आँखों मे देख कर बोली

शिवानी- क्या बात है शास्त्री बड़े हैण्डसम लग रहे हो तुम कालदूत से लड़ने जा रहे हो या गुजरात की लडकियों को पटाने

राघव-तुम ठीक तो हो ऐसी बहकी बहकी बाते क्यों कर रही हो आज तक तो कभी तुम्हारे मुह से ये नहीं सुना मैंने

शिवानी-कमाल है अब तुम आचे लग रहे हो तो बोलू भी ना मैं भी लड़की हु यार हा मानती हु दिनभर दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाती हु पर कभी कभी तो अरमान जाग ही जाते है शास्त्रीजी

शिवानी की बात सुनकर राघव मुस्कुराने लगा, दोनों थोड़ी देर एक दुसरे को देखते रहे पर ये समय इन बातो मैं उलझने का नहीं था अजीब सी स्तिथि को नकारने के लिए राघव के बात बदली और शिवानी से प्रश्न कर डाला

राघव-वैसे एक बात बताओ शिवानी, तुम लोग अपनी आर्गेनाईजेशन के लिए लोगो का चयन कैसे करते हो ?

शिवानी-वो काम हमलोग नहीं हमसे उपर के लोग करते है, ऐसा तभी होता है जब बहुत जरुरत हो और ऐसा बहुत कम होता है, हमें हमेशा बेस्ट लोग चाहिए अपने साथ

राघव-तो मान लो की आर्गेनाईजेशन का कोई आदमी काम छोड़ना चाहे या आर्गेनाईजेशन के राज दुनिया के सामने लेन की धमकी दे तो?

शिवानी-तो दोनों ही सूरतो मे एक विशेष प्रकार की गैस का इस्तमाल करके व्यक्ति की याददाश्त मिटा दी जाती है, और अगर वो इससे बाख भी गया तो भी अगर वो दुनिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर भी हमारी आर्गेनाईजेशन के बारे मैं बताएगा तो कोई भला उसपर यकीन क्यों करेगा क्युकी हमारी उपस्तिति का कोई सबूत भी तो होना चाहिए, वैसे छोडो इन बातो को तुम्हारी ट्रेनिंग आचे से हो गयी है और उस काले जादू की किताब से तुम भी telekinesis जानते हो और तो अगर सोचो की लडाई है सेकड़ो कालसैनिक तुमपर हमला करे तो बाख जाओगे न?

राघव-तुम्हे कोई डाउट है क्या? वैसे शक्तिशाली होने के अपने फायदे है कालसैनिको से तो मैं चुटकी बजा के निपट लू

शिवानी-तो कालदूत से भिड़ने के लिए तयार हो?

राघव-हा अब ऐसा कह सकते है पर सच बहुँत तो अंदर से काफी घबराया हुआ हु, कालसैनिको से लड़ना एक बात है और कालदूत का मुकाबला करना अलग बात, कालदूत कुछ और ही है, उसको मैं अकेला नहीं हरा सकता, उसने अपने एक भक्त हो अपनी शक्ति का हिस्सा दे दिया तो वो मुझपर और रूद्र पर भरी पड़ गया तो कालदूत की शक्ति की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, हम लोग जब तक साथ है हम उसे हरा पाएंगे जिसमे हमें हिडन वारियर्स के हथियारों की भी जरुरत पद सकती है अकेले तो कालदूत के सामने जाना आत्महत्या के समान है

रमण और संजय बडी देर से राघव और शिवानी को बात करते हुए देख रहे थे

रमण-संजय भाई मुझे यहाँ कुछ कुछ होता है टाइप फीलिंग क्यों आ रही है

संजय-तुम शिवानी के बारे मैं बात कर रहे हो

रमण-मुझे लगता है अपना छोटा भाई पसंद करता है उसे क्या बोलते हो?

संजय(हसकर)- वाह इंस्पेक्टर बाबु दस मिनट की बातचीत से कितना कुछ पता कर लिया तुमने तो

तभी चेतन और अविनाश घर के अंदर आये जो बाहर लगातार किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे

चेतन-मेरी बात राहुल से हो गयी है अब हम लोगो को निकलना होगा

रमण-ये राहुल कौन है?

चेतन-हमारी आर्गेनाईजेशन के जिन खतरनाक हथियारों का हमने जिक्र किया था उनका इंस्पेक्शन राहुल ही करता है वो सिर्फ देख कर किसी भी आधुनिक हथीयार के अंदर की बारीक़ बारीक़ खराबी को न सिर्फ पहचान सकता है बल्कि ठीक भी कर देता है, हिडन वारियर्स के पास छोटे मोटे पिस्तौल राइफल जैसे हथियारों के साथ कई ऐसे भी हथीयार है जिनका निर्माण कई देशो मैं बन है,ऐसे हथीयार जो आजतक कभी चलाये नहीं गए, वो अलग अलग जगहों पर रखे गए थे ताकि किसी अमानवीय शक्ति से सामना हो तो काम आ सके, राहुल उन्ही हथियारों को सुरक्षित करने मैं लगा हुआ था ताकि वो किसी गलत हाथ मैं न पड़े, वो हमारे उन गिने चुने लोगो मैं से है जो न सिर्फ आधुनिक हथीयार की समझ ररखते है बल्कि उन्हें चलाना भी जानते है, वो गुजरात पहुच चूका है इसीलिए हमें भी निकलना होगा समय बहुत कम है हमारे पास

संजय-लेकिन इतने कम समय मैं गुजरात कैसे पहुचेंगे हम जब तक वहा पहुचेंगे कालदूत वहा से निकल भी सकता है

अविनाश-आप सफ़र की चिंता मत्कारिये बस बाहर चलकर देखए

सभी लोग अपने अपने बग्स टांग कर बाहर आ गए

रमण-यहाँ तो कुछ भी नहीं है

तभी अचानक एक बेहद आधुनिक जेट हवा मैं प्रकट होने लगा जिसे देखकर राघव रमण रूद्र संजय बुरी तरह चौक गए

रमण-अरे! ये क्या है?

चेतन-हम लोग हिडन वारियर्स है रमण जी और एक शताब्दी से दुनिया के सर्वश्रेष्ट वैज्ञानिको से साथ काम कर रहे है और अब विज्ञान के ऐसे अजूबे देखने की आदत दाल लीजिये वैसे आपसब की जानकारी के लिए बता दू के ये जेट हमें सिर्फ १ घंटे मैं गुजरात पंहुचा देगा सामान्य लोगो की नजरो मैं न आने के लिए हम हमेशा अपना इनविजिबल मोड ओं रखते है अब सभी लोग अंदर चलो ताकि हम आगे कूच कर सके

उसके बाद सभी लोग एक एक करके जेट मे जाने लगे पर राघव ने रमण को बाहर रोक लिया

राघव-भैया आपका आना जरुरी है क्या? वह क्या होगा हम मे से कोई नहीं जानता आपको कुछ हो गया तो?

रमण-बकवास बंद करो अपनी राघव भलेही तुम्हारे पास पावर्स होंगी पर हो तुम मेरे छोटे भाई ही इसीलिए मैं इस लडाई से पीछे नहीं हटने वाला और अब चलो चुपचाप हमें देर हो रही है

उसके बाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....




To Be Continue........
 
Last edited:

DARK WOLFKING

Supreme
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nice update ..shivani aur raghav ek dusre ko pasand karne lage hai par raghav abhi us baare me sochna nahi chahta ..
ab inke paas hi tech jet bhi hai jisse sab 1 ghante me gujrat pahuch jayenge 🤩..
raghav aur raman dono ek dusre ki chinta karte hai 😍.
 

ashish_1982_in

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भाग ३१



सभी लोग अपनी अपनी जरूरतों का सामान पैक कर रहे थे, कालदूत की लोकेशन प्राप्त होने के बाद हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते थे

रूद्र एक कोने मैं बैठा अपनी जरुरत का सामान पैक कर रहा था, उसपर नरेशजी की मौत का काफी गहरा असर हुआ था भले ही वो किसी से कुछ नहीं कहता था पर वो अब भी अंदर से काफी दुखी था तभी शिवानी उसके पास आई

शिवानी-तुम पर चाचा की मौत का काफी गहरा असर हुआ है

शिवानी की बात सुन कर रूद्र बाद पैक करते करते रुक गया और शिवानी की तरफ देख कर बोला

रूद्र-वो मेरे पिता नहीं थे शिवानी लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया, उनको न बचा पाने का गम तो साडी जिंदगी रहेगा

शिवानी-तुम एक मानव नहीं हो, मतलब वैसे नहीं हो जैसे हम सब है फिर भी तुम्हारे अंदर भी वैसी ही भावनाए है जैसी हममे है ये देख कर मैं हतप्रभ हु

रूद्र(मुस्कुराकर)- मैं कोई रोबोट नहीं हु शिवानी, मेरा शारीर भी उसी तरह काम करता है जैसीक सामान्य मनुष्य का बस उसमे फर्क सिर्फ इतना है के मेरी हड्डिया और त्वचा का कम्पोजीशन सामान्य इंसान से बेहद भिन्न है

शिवानी-मैंने कभी सोचा नहीं था के जिंदगी मैं तुमसे मिलना होगा, मैंने हिडन वारियर्स के साथ काम करते हुए अपने पिता महेश के बारे मैं काफी बाते सुनी थी लेकिन कभी सोचा नहीं था की उनकी रचना से मिलने का मौका मिलेगा, अब चाचा और पिताजी दोनों ही इस दुनिया मैं नहीं है पर कही न कही वे दोनों ही तुमसे जुड़े हुए है और यही बात तुम्हे खास बनती है

रूद्र और शिवानी बात कर ही रहे थे के राघव अपने कमरे से बाहर आया, उसने टीशर्ट जीन्स और एक ब्लैक लेदर जैकेट पहना हुआ था और कंधे पर उसका बैग टंगा हुआ था, उसको देख कर शिवानी उसके पास आयी और आँखों मे देख कर बोली

शिवानी- क्या बात है शास्त्री बड़े हैण्डसम लग रहे हो तुम कालदूत से लड़ने जा रहे हो या गुजरात की लडकियों को पटाने

राघव-तुम ठीक तो हो ऐसी बहकी बहकी बाते क्यों कर रही हो आज तक तो कभी तुम्हारे मुह से ये नहीं सुना मैंने

शिवानी-कमाल है अब तुम आचे लग रहे हो तो बोलू भी ना मैं भी लड़की हु यार हा मानती हु दिनभर दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाती हु पर कभी कभी तो अरमान जाग ही जाते है शास्त्रीजी

शिवानी की बात सुनकर राघव मुस्कुराने लगा, दोनों थोड़ी देर एक दुसरे को देखते रहे पर ये समय इन बातो मैं उलझने का नहीं था अजीब सी स्तिथि को नकारने के लिए राघव के बात बदली और शिवानी से प्रश्न कर डाला

राघव-वैसे एक बात बताओ शिवानी, तुम लोग अपनी आर्गेनाईजेशन के लिए लोगो का चयन कैसे करते हो ?

शिवानी-वो काम हमलोग नहीं हमसे उपर के लोग करते है, ऐसा तभी होता है जब बहुत जरुरत हो और ऐसा बहुत कम होता है, हमें हमेशा बेस्ट लोग चाहिए अपने साथ

राघव-तो मान लो की आर्गेनाईजेशन का कोई आदमी काम छोड़ना चाहे या आर्गेनाईजेशन के राज दुनिया के सामने लेन की धमकी दे तो?

शिवानी-तो दोनों ही सूरतो मे एक विशेष प्रकार की गैस का इस्तमाल करके व्यक्ति की याददाश्त मिटा दी जाती है, और अगर वो इससे बाख भी गया तो भी अगर वो दुनिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर भी हमारी आर्गेनाईजेशन के बारे मैं बताएगा तो कोई भला उसपर यकीन क्यों करेगा क्युकी हमारी उपस्तिति का कोई सबूत भी तो होना चाहिए, वैसे छोडो इन बातो को तुम्हारी ट्रेनिंग आचे से हो गयी है और उस काले जादू की किताब से तुम भी telekinesis जानते हो और तो अगर सोचो की लडाई है सेकड़ो कालसैनिक तुमपर हमला करे तो बाख जाओगे न?

राघव-तुम्हे कोई डाउट है क्या? वैसे शक्तिशाली होने के अपने फायदे है कालसैनिको से तो मैं चुटकी बजा के निपट लू

शिवानी-तो कालदूत से भिड़ने के लिए तयार हो?

राघव-हा अब ऐसा कह सकते है पर सच बहुँत तो अंदर से काफी घबराया हुआ हु, कालसैनिको से लड़ना एक बात है और कालदूत का मुकाबला करना अलग बात, कालदूत कुछ और ही है, उसको मैं अकेला नहीं हरा सकता, उसने अपने एक भक्त हो अपनी शक्ति का हिस्सा दे दिया तो वो मुझपर और रूद्र पर भरी पड़ गया तो कालदूत की शक्ति की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, हम लोग जब तक साथ है हम उसे हरा पाएंगे जिसमे हमें हिडन वारियर्स के हथियारों की भी जरुरत पद सकती है अकेले तो कालदूत के सामने जाना आत्महत्या के समान है

रमण और संजय बडी देर से राघव और शिवानी को बात करते हुए देख रहे थे

रमण-संजय भाई मुझे यहाँ कुछ कुछ होता है टाइप फीलिंग क्यों आ रही है

संजय-तुम शिवानी के बारे मैं बात कर रहे हो

रमण-मुझे लगता है अपना छोटा भाई पसंद करता है उसे क्या बोलते हो?

संजय(हसकर)- वाह इंस्पेक्टर बाबु दस मिनट की बातचीत से कितना कुछ पता कर लिया तुमने तो

तभी चेतन और अविनाश घर के अंदर आये जो बाहर लगातार किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे

चेतन-मेरी बात राहुल से हो गयी है अब हम लोगो को निकलना होगा

रमण-ये राहुल कौन है?

चेतन-हमारी आर्गेनाईजेशन के जिन खतरनाक हथियारों का हमने जिक्र किया था उनका इंस्पेक्शन राहुल ही करता है वो सिर्फ देख कर किसी भी आधुनिक हथीयार के अंदर की बारीक़ बारीक़ खराबी को न सिर्फ पहचान सकता है बल्कि ठीक भी कर देता है, हिडन वारियर्स के पास छोटे मोटे पिस्तौल राइफल जैसे हथियारों के साथ कई ऐसे भी हथीयार है जिनका निर्माण कई देशो मैं बन है,ऐसे हथीयार जो आजतक कभी चलाये नहीं गए, वो अलग अलग जगहों पर रखे गए थे ताकि किसी अमानवीय शक्ति से सामना हो तो काम आ सके, राहुल उन्ही हथियारों को सुरक्षित करने मैं लगा हुआ था ताकि वो किसी गलत हाथ मैं न पड़े, वो हमारे उन गिने चुने लोगो मैं से है जो न सिर्फ आधुनिक हथीयार की समझ ररखते है बल्कि उन्हें चलाना भी जानते है, वो गुजरात पहुच चूका है इसीलिए हमें भी निकलना होगा समय बहुत कम है हमारे पास

संजय-लेकिन इतने कम समय मैं गुजरात कैसे पहुचेंगे हम जब तक वहा पहुचेंगे कालदूत वहा से निकल भी सकता है

अविनाश-आप सफ़र की चिंता मत्कारिये बस बाहर चलकर देखए

सभी लोग अपने अपने बग्स टांग कर बाहर आ गए

रमण-यहाँ तो कुछ भी नहीं है

तभी अचानक एक बेहद आधुनिक जेट हवा मैं प्रकट होने लगा जिसे देखकर राघव रमण रूद्र संजय बुरी तरह चौक गए

रमण-अरे! ये क्या है?

चेतन-हम लोग हिडन वारियर्स है रमण जी और एक शताब्दी से दुनिया के सर्वश्रेष्ट वैज्ञानिको से साथ काम कर रहे है और अब विज्ञान के ऐसे अजूबे देखने की आदत दाल लीजिये वैसे आपसब की जानकारी के लिए बता दू के ये जेट हमें सिर्फ १ घंटे मैं गुजरात पंहुचा देगा सामान्य लोगो की नजरो मैं न आने के लिए हम हमेशा अपना इनविजिबल मोड ओं रखते है अब सभी लोग अंदर चलो ताकि हम आगे कूच कर सके

उसके बाद सभी लोग एक एक करके जेट मे जाने लगे पर राघव ने रमण को बाहर रोक लिया

राघव-भैया आपका आना जरुरी है क्या? वह क्या होगा हम मे से कोई नहीं जानता आपको कुछ हो गया तो?

रमण-बकवास बंद करो अपनी राघव भलेही तुम्हारे पास पावर्स होंगी पर हो तुम मेरे छोटे भाई ही इसीलिए मैं इस लडाई से पीछे नहीं हटने वाला और अब चलो चुपचाप हमें देर हो रही है

उसके पाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....




To Be Continue........
very nice update bhai
 

Chutiyadr

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भाग ३१



सभी लोग अपनी अपनी जरूरतों का सामान पैक कर रहे थे, कालदूत की लोकेशन प्राप्त होने के बाद हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते थे

रूद्र एक कोने मैं बैठा अपनी जरुरत का सामान पैक कर रहा था, उसपर नरेशजी की मौत का काफी गहरा असर हुआ था भले ही वो किसी से कुछ नहीं कहता था पर वो अब भी अंदर से काफी दुखी था तभी शिवानी उसके पास आई

शिवानी-तुम पर चाचा की मौत का काफी गहरा असर हुआ है

शिवानी की बात सुन कर रूद्र बाद पैक करते करते रुक गया और शिवानी की तरफ देख कर बोला

रूद्र-वो मेरे पिता नहीं थे शिवानी लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया, उनको न बचा पाने का गम तो साडी जिंदगी रहेगा

शिवानी-तुम एक मानव नहीं हो, मतलब वैसे नहीं हो जैसे हम सब है फिर भी तुम्हारे अंदर भी वैसी ही भावनाए है जैसी हममे है ये देख कर मैं हतप्रभ हु

रूद्र(मुस्कुराकर)- मैं कोई रोबोट नहीं हु शिवानी, मेरा शारीर भी उसी तरह काम करता है जैसीक सामान्य मनुष्य का बस उसमे फर्क सिर्फ इतना है के मेरी हड्डिया और त्वचा का कम्पोजीशन सामान्य इंसान से बेहद भिन्न है

शिवानी-मैंने कभी सोचा नहीं था के जिंदगी मैं तुमसे मिलना होगा, मैंने हिडन वारियर्स के साथ काम करते हुए अपने पिता महेश के बारे मैं काफी बाते सुनी थी लेकिन कभी सोचा नहीं था की उनकी रचना से मिलने का मौका मिलेगा, अब चाचा और पिताजी दोनों ही इस दुनिया मैं नहीं है पर कही न कही वे दोनों ही तुमसे जुड़े हुए है और यही बात तुम्हे खास बनती है

रूद्र और शिवानी बात कर ही रहे थे के राघव अपने कमरे से बाहर आया, उसने टीशर्ट जीन्स और एक ब्लैक लेदर जैकेट पहना हुआ था और कंधे पर उसका बैग टंगा हुआ था, उसको देख कर शिवानी उसके पास आयी और आँखों मे देख कर बोली

शिवानी- क्या बात है शास्त्री बड़े हैण्डसम लग रहे हो तुम कालदूत से लड़ने जा रहे हो या गुजरात की लडकियों को पटाने

राघव-तुम ठीक तो हो ऐसी बहकी बहकी बाते क्यों कर रही हो आज तक तो कभी तुम्हारे मुह से ये नहीं सुना मैंने

शिवानी-कमाल है अब तुम आचे लग रहे हो तो बोलू भी ना मैं भी लड़की हु यार हा मानती हु दिनभर दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाती हु पर कभी कभी तो अरमान जाग ही जाते है शास्त्रीजी

शिवानी की बात सुनकर राघव मुस्कुराने लगा, दोनों थोड़ी देर एक दुसरे को देखते रहे पर ये समय इन बातो मैं उलझने का नहीं था अजीब सी स्तिथि को नकारने के लिए राघव के बात बदली और शिवानी से प्रश्न कर डाला

राघव-वैसे एक बात बताओ शिवानी, तुम लोग अपनी आर्गेनाईजेशन के लिए लोगो का चयन कैसे करते हो ?

शिवानी-वो काम हमलोग नहीं हमसे उपर के लोग करते है, ऐसा तभी होता है जब बहुत जरुरत हो और ऐसा बहुत कम होता है, हमें हमेशा बेस्ट लोग चाहिए अपने साथ

राघव-तो मान लो की आर्गेनाईजेशन का कोई आदमी काम छोड़ना चाहे या आर्गेनाईजेशन के राज दुनिया के सामने लेन की धमकी दे तो?

शिवानी-तो दोनों ही सूरतो मे एक विशेष प्रकार की गैस का इस्तमाल करके व्यक्ति की याददाश्त मिटा दी जाती है, और अगर वो इससे बाख भी गया तो भी अगर वो दुनिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर भी हमारी आर्गेनाईजेशन के बारे मैं बताएगा तो कोई भला उसपर यकीन क्यों करेगा क्युकी हमारी उपस्तिति का कोई सबूत भी तो होना चाहिए, वैसे छोडो इन बातो को तुम्हारी ट्रेनिंग आचे से हो गयी है और उस काले जादू की किताब से तुम भी telekinesis जानते हो और तो अगर सोचो की लडाई है सेकड़ो कालसैनिक तुमपर हमला करे तो बाख जाओगे न?

राघव-तुम्हे कोई डाउट है क्या? वैसे शक्तिशाली होने के अपने फायदे है कालसैनिको से तो मैं चुटकी बजा के निपट लू

शिवानी-तो कालदूत से भिड़ने के लिए तयार हो?

राघव-हा अब ऐसा कह सकते है पर सच बहुँत तो अंदर से काफी घबराया हुआ हु, कालसैनिको से लड़ना एक बात है और कालदूत का मुकाबला करना अलग बात, कालदूत कुछ और ही है, उसको मैं अकेला नहीं हरा सकता, उसने अपने एक भक्त हो अपनी शक्ति का हिस्सा दे दिया तो वो मुझपर और रूद्र पर भरी पड़ गया तो कालदूत की शक्ति की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, हम लोग जब तक साथ है हम उसे हरा पाएंगे जिसमे हमें हिडन वारियर्स के हथियारों की भी जरुरत पद सकती है अकेले तो कालदूत के सामने जाना आत्महत्या के समान है

रमण और संजय बडी देर से राघव और शिवानी को बात करते हुए देख रहे थे

रमण-संजय भाई मुझे यहाँ कुछ कुछ होता है टाइप फीलिंग क्यों आ रही है

संजय-तुम शिवानी के बारे मैं बात कर रहे हो

रमण-मुझे लगता है अपना छोटा भाई पसंद करता है उसे क्या बोलते हो?

संजय(हसकर)- वाह इंस्पेक्टर बाबु दस मिनट की बातचीत से कितना कुछ पता कर लिया तुमने तो

तभी चेतन और अविनाश घर के अंदर आये जो बाहर लगातार किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे

चेतन-मेरी बात राहुल से हो गयी है अब हम लोगो को निकलना होगा

रमण-ये राहुल कौन है?

चेतन-हमारी आर्गेनाईजेशन के जिन खतरनाक हथियारों का हमने जिक्र किया था उनका इंस्पेक्शन राहुल ही करता है वो सिर्फ देख कर किसी भी आधुनिक हथीयार के अंदर की बारीक़ बारीक़ खराबी को न सिर्फ पहचान सकता है बल्कि ठीक भी कर देता है, हिडन वारियर्स के पास छोटे मोटे पिस्तौल राइफल जैसे हथियारों के साथ कई ऐसे भी हथीयार है जिनका निर्माण कई देशो मैं बन है,ऐसे हथीयार जो आजतक कभी चलाये नहीं गए, वो अलग अलग जगहों पर रखे गए थे ताकि किसी अमानवीय शक्ति से सामना हो तो काम आ सके, राहुल उन्ही हथियारों को सुरक्षित करने मैं लगा हुआ था ताकि वो किसी गलत हाथ मैं न पड़े, वो हमारे उन गिने चुने लोगो मैं से है जो न सिर्फ आधुनिक हथीयार की समझ ररखते है बल्कि उन्हें चलाना भी जानते है, वो गुजरात पहुच चूका है इसीलिए हमें भी निकलना होगा समय बहुत कम है हमारे पास

संजय-लेकिन इतने कम समय मैं गुजरात कैसे पहुचेंगे हम जब तक वहा पहुचेंगे कालदूत वहा से निकल भी सकता है

अविनाश-आप सफ़र की चिंता मत्कारिये बस बाहर चलकर देखए

सभी लोग अपने अपने बग्स टांग कर बाहर आ गए

रमण-यहाँ तो कुछ भी नहीं है

तभी अचानक एक बेहद आधुनिक जेट हवा मैं प्रकट होने लगा जिसे देखकर राघव रमण रूद्र संजय बुरी तरह चौक गए

रमण-अरे! ये क्या है?

चेतन-हम लोग हिडन वारियर्स है रमण जी और एक शताब्दी से दुनिया के सर्वश्रेष्ट वैज्ञानिको से साथ काम कर रहे है और अब विज्ञान के ऐसे अजूबे देखने की आदत दाल लीजिये वैसे आपसब की जानकारी के लिए बता दू के ये जेट हमें सिर्फ १ घंटे मैं गुजरात पंहुचा देगा सामान्य लोगो की नजरो मैं न आने के लिए हम हमेशा अपना इनविजिबल मोड ओं रखते है अब सभी लोग अंदर चलो ताकि हम आगे कूच कर सके

उसके बाद सभी लोग एक एक करके जेट मे जाने लगे पर राघव ने रमण को बाहर रोक लिया

राघव-भैया आपका आना जरुरी है क्या? वह क्या होगा हम मे से कोई नहीं जानता आपको कुछ हो गया तो?

रमण-बकवास बंद करो अपनी राघव भलेही तुम्हारे पास पावर्स होंगी पर हो तुम मेरे छोटे भाई ही इसीलिए मैं इस लडाई से पीछे नहीं हटने वाला और अब चलो चुपचाप हमें देर हो रही है

उसके पाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....




To Be Continue........
abhi tak ki story padhi bahut hi achchi lagi :good:
ek intresting stroy ban rahi hai ...
kaldut jinda ho chuka hai to ab in logo ko bahut hi muskil ka samna karna padega , action bhi dekhane ko milega achcha ...
kuchh point aise bhi hai jo jara atpate se hai jisme shayad adi bhai aapne dhyan nahi diya ..
aap puri story bhar me ko main likh rahe ho ...
jaise last line ko hi le lo

उसके पाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....

me to main hai hi baad ko paad likh diye ho :lol1:
aise isse koi khas fark nahi padta lekin sudharna chaho to sudhar sakte ho :approve:

iske alawa logo ki umra ke hisab me thoda gadbad hai , jaise raghaw koi 25 ke aaspas ka hai aur rudra 22 ka ..
ab baki ke teen jo log aaye hai wo bhi 22 ke hi hai .. lekin wo ye bol rahe hai ki jab mahesh jinda the ur rudra ke sharir me aatma dalne ke liyye raghaw ke dada aaye the to unhone bataya tha .. aisa hi kuchh kuch .. matlab unki umra jyada honi chahiye ..
ye bate bhi koi mayne nahi rakhti , story achchi hi aur padhne me maja aa rha hai , mujhe kuchh points dikhe to bata diya :)
 

Naik

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भाग ३०



आज कालदूत को आजाद हुए पुरे १४ दिनों का समय बीत गया था और इन चौदा दिनों से कालदूत लगातार अपने ध्यान मैं लगा हुआ था वही उसके भक्त जो अपने आप को कालसेना कहलवाते थे उन्होंने कच्छ के उस रेगिस्तान मे आसपास के गांवों मैं हडकंप मचाया हुआ था, कालसेना ने अपनी ताकत के बल पर कई गांवों को घुटने पर ला दिया था और जहा भी कोई भी व्यक्ति उनलोगों का विरोध करता उसे वो लोग इतनी दर्दनाक मौत देते जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था और इसी डर के चलते कई लोग कालदूत की गुलामी स्वीकारने लगे थे

कालदूत के पृथ्वी पर आते ही उसका असर साफ़ मालूम हो रहा था , जहा इस समय कालदूत था उसके आसपास के पुरे इलाके मैं एक अजीब सी मनहूसियत फैली हुयी थी मनो किसी ने वातावरण से साडी ख़ुशी चूस ली हो जबकि अभी तो कालदूत अपने पूर्ण प्रभाव मैं भी नहीं था और आनेवाले समय मैं ये लडाई राघव और बाकि सब के लिए काफी मुश्किल होने वाली थी

इन पिछले चौदा दिनों मैं राघव ने अपनी शक्तियों पर पूर्ण नियंत्रण पा लिया था जिसमे उसकी मदद अविनाश और चेतन ने की थी, अविनाश चेतन और शिवानी trained fighters थे और उन तीनो ने राघव को न सिर्फ अपनी शक्तियों को कण्ट्रोल करना सिखाया बल्कि साथ ही उनका योग्य इस्तमाल और लडाई के कई और पैतरे भी सिखाये

इन [पिछले चौदा दिनों मैं हिडन वारियर्स की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं थी, उनके कई सरे छिपे हुए ठिकानो पर कालसैनिको ने हमला किया था और उन ठिकानो को तबाह किया था पर ये हिडन वारियर्स की खुशकिस्मती रही के उनके सबसे घटक हथियार अब तक कालसैनिको के हाथ नहीं लगे थे,

राघव अपनी ट्रेनिंग के साथ साथ कालदूत की उस काले जादू की किताब का अध्यन कर रहा था ताकि किसी भी तरह से वो कालदूत के दिमाग से संपर्क बनाकर उसका ठिकाना पता कर सके पर इसमें वो अब तक पूरी तरफ असफल रहा था, कालदूत की शक्तियों की झलक वो कब्रिस्तान मैं देख चूका था जब कालदूत ने अपनी शक्ति का एक छोटा सा हिस्सा सुशेन को दिया था जिससे वो और रूद्र दोनों ही मात खा गए थे इन दिनों बस एक ही अच्छी घटना हुयी थी वो ये की राघव अब अपनी शक्तियों के पूर्ण नियंत्रण मैं था और इसी दौरान उसे अपने अंदर की कई और भीनई शक्तियों के बारे मैं पता चला था

संक्षेप मे कहा जाये तो इन चौदा दिनों मैं पूरी टीम के हाल ज्यादा अच्छे नहीं थे सबकी बैंड बजी हुयी थी, जहा हिडन वारियर्स अपने ठिकानो पर लगातार हो रहे हमले से परेशां थे और लगातार अपने साथियों से जुड़े हुए थे वही राघव कालदूत के बारे मैं और उससे निकट भविष्य मैं होने वाली लडाई की कल्पना से डर रहा था उसका कॉन्फिडेंस पूरी तरह हिला हुआ था साथ ही उसके मन मैं ये बात घर कर गयी थी के वो एक अजन्मे बच्चे की मृत्यु का कारन है वो चाहता तो रूद्र को समय रहते रोक सकता था, राघव इस समय अपने घर की छत पर बैठा यही सब बातो के बारे मैं सोच रहा था तभी उसके पिता अनिरुद्ध शास्त्री वहा आये

अनिरुद्ध-यु अकेले बैठे बैठे क्या सोच रहे हो बेटे

राघव-सोच रहा हु के जिंदगी भी कितनी अजीब है पिताजी, कुछ ही दिनों मैं सब कुछ एकदम से बदल गया, एक साधा पंडित का बेटा आज दुनिया का रखवाला बना हुआ है, मैंने कभी अपने लिए ये नहीं चाह था पिताजी, सोच रहा हु के क्या इस जिम्मेदारी के लिए मैं सही इंसान हु?

अनिरुद्ध-और तुमने ये कैसे मान किया की तुम सही इंसान नहीं हो, देखो राघव ये सब शक्तिया सिद्धिया किसी भी इंसान को इतनी आसानी से नहीं मिलती है काफी वर्षो के कठिन ताप के बाद मनुष्य इसे हासिल कर पता है पर ये सभी खुभिया तुम्हे तुम्हारे जन्म के साथ ही प्राप्त हुयी है इसके पीछे कुछ तो कारण होगा, मैं अपने पिताजी को जानता था वो कोई भी काम बगैर सोचे विचारे नहीं करते थे और यदि उन्होंने तुम्हे ये कार्य दिया है की तुम कालदूत से लड़ो तो वो ये भी अवश्य जानते होंगे की तुम इस काबिल हो

राघव-पर मैं कोई हत्यारा नहीं हु, उस दिन कब्रिस्तान मैं मैंने न जाने कितने लोगो को मारा है

अनिरुद्ध-मानवता की रक्षा के लिए की गयी हत्या को मैं हत्या नहीं मानता राघव, यदि उस दिन तुम उन लोगो को नहीं मारते तो आज वोही लोग नजाने कितने परिवार उजाड़ते, उनलोगों को मारकर तुमने तो कई लोगो की जान बचायी है

राघव-पर हम कालदूत को आजाद होने से तो नहीं रोक पाए

अनिरुद्ध-पर अब भी कहा बात बिगड़ी है कालदूत अब तक प्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सामने नहीं आया है मुझे लगता है इतने वर्षो की कैद ने उस राक्षस को कमजोर बना दिया होगा यही सही समय है उसे रोकने का

राघव-उससे लड़ना इतना आसन नहीं है पिताजी, मैं कालदूत की शक्ति का नजारा उस कब्रिस्तान मैं देख चूका हु जिसके छोटे से हिस्से ने मुझे हरा दिया था वो कमजोर भले ही होगा पर फिर भी हम सब को मार सकता है

अनिरुद्ध-तो मैंने ये समझू की तुम डर रहे हो

राघव-मैंने ऐसा नहीं कहा पिताजी

अनिरुद्ध-जीत या हार हमारे हाथ मैं नहीं है राघव, और इससे कोई फर्क भी नहीं पड़ता मायने रखती है जीतने की कोशिश, कभी हार न मानने का जज्बा, उस रात तुम इसलिए हरे क्युकी तुमने अपने प्रतिद्वंदी को अपने से कम आँका और पूरी तयारी नहीं की पर अब तुम पूर्ण रूप से तयार को और अपने दुश्मनों की क्षमता जानते हो इसीलिए ऐसे हतोत्साहित होकर मत बैठो बल्कि इस बारे मैं सोचो की आगे क्या करना है, तुमपर बाकि लोग निर्भर है बेटे और शक्तियों के साथ जिम्मेदारी भी आती है, तुम ही ऐसे हतोत्साहित हो जाओगे तो ये लडाई हम लड़े बगैर ही हार जायेंगे

राघव-शुक्रिया पिताजी मुझे समझाने के लिए

अनिरुद्ध-तुम जीतो या हरो बस इतना ध्यान मैं रखना की तुम्हारे पिता को तुमपर गर्व है.....

अगली सुबह

आज कालदूत को अपनी तपस्या मैं बैठे १५ दिन हो चुके थे और अब जाकर उसने अपनी आँखें खोली वही राघव अपने घर मैं कालदूत की किताब को हाथ मैं लेकर ध्यान लगाये हुए थे और कालदूत के दिमाग से संपर्क जोड़ने की कोशिश कर रहा था, इधर जैसे ही कालदूत ही अपनी आँखें खोली उसी पल राघव का उसके दिमाग से संपर्क जुड़ गया पर ये सिर्फ कुछ सेकंड्स के लिए हुआ था जिसके बाद कालदूत अपने दिमाग मैं किसी की उपस्तिति जान गया था और वो राघव के दिमाग तक पहुच पता इससे पहले ही राघव ने संपर्क तोड़ दिया पर इन चाँद सेकंड्स मैं राघव ने ये तो पता लगा लिया था के कालदूत किसी रेगिस्तानी इलाके मैं है पर कहा ये वो नहीं जान पाया था

वही घर के बाहर की तरफ अविनाश अपने एक साथी से बात कर रहा था और उसके चेहरे पर कुछ ख़ुशी थी अपनी बात ख़तम करके को अंदर आया और ठीक उसी समय राघव भी अपने ध्यान से निकल कर बाहर आया और वो दोनों बाकि सभी से एकसाथ बोले

राघव और अविनाश-कालदूत का पता चल गया है!

पहले राघव ने उन सबको बताया जो उसने देखा था और कैसे उसे ये पता चला की कालदूत किसी रेगिस्तान मैं है जिसके बाद अविनाश ने बोलना शुरू किया

अविनाश-हमने आपको बताया था की हमारे पास ऐसे यंत्र है जो वातावरण मैं फैली तामसिक उर्जा को पाकड़ सकते है, अभी अभी मेरी हमारे एक साथी से बात हो रही थी हमारे मशीन ठीक हो गए है और सबसे ज्यादा तामसिक उर्जा का प्रवाह कच्छ के मरुस्थल के पास देखने को मिल रहा है, जिस हिसाब से राघव ने कहा है की कालदूत किसी रेगिस्तानी इलाके मैं है तो हो न हो हमारे मशीन से जिस तामसिक उर्जा को महसूस किया है वो कालदूत ही है


रूद्र-तो अब जब हमें पता चल ही गया है के वो कहा है वो अब देर नहीं करनी चाहिए.......
Bahot zaberdast shaandaar lajawab update bhai
Bahot khoob superb
 

Naik

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भाग ३१



सभी लोग अपनी अपनी जरूरतों का सामान पैक कर रहे थे, कालदूत की लोकेशन प्राप्त होने के बाद हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते थे

रूद्र एक कोने मैं बैठा अपनी जरुरत का सामान पैक कर रहा था, उसपर नरेशजी की मौत का काफी गहरा असर हुआ था भले ही वो किसी से कुछ नहीं कहता था पर वो अब भी अंदर से काफी दुखी था तभी शिवानी उसके पास आई

शिवानी-तुम पर चाचा की मौत का काफी गहरा असर हुआ है

शिवानी की बात सुन कर रूद्र बाद पैक करते करते रुक गया और शिवानी की तरफ देख कर बोला

रूद्र-वो मेरे पिता नहीं थे शिवानी लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया, उनको न बचा पाने का गम तो साडी जिंदगी रहेगा

शिवानी-तुम एक मानव नहीं हो, मतलब वैसे नहीं हो जैसे हम सब है फिर भी तुम्हारे अंदर भी वैसी ही भावनाए है जैसी हममे है ये देख कर मैं हतप्रभ हु

रूद्र(मुस्कुराकर)- मैं कोई रोबोट नहीं हु शिवानी, मेरा शारीर भी उसी तरह काम करता है जैसीक सामान्य मनुष्य का बस उसमे फर्क सिर्फ इतना है के मेरी हड्डिया और त्वचा का कम्पोजीशन सामान्य इंसान से बेहद भिन्न है

शिवानी-मैंने कभी सोचा नहीं था के जिंदगी मैं तुमसे मिलना होगा, मैंने हिडन वारियर्स के साथ काम करते हुए अपने पिता महेश के बारे मैं काफी बाते सुनी थी लेकिन कभी सोचा नहीं था की उनकी रचना से मिलने का मौका मिलेगा, अब चाचा और पिताजी दोनों ही इस दुनिया मैं नहीं है पर कही न कही वे दोनों ही तुमसे जुड़े हुए है और यही बात तुम्हे खास बनती है

रूद्र और शिवानी बात कर ही रहे थे के राघव अपने कमरे से बाहर आया, उसने टीशर्ट जीन्स और एक ब्लैक लेदर जैकेट पहना हुआ था और कंधे पर उसका बैग टंगा हुआ था, उसको देख कर शिवानी उसके पास आयी और आँखों मे देख कर बोली

शिवानी- क्या बात है शास्त्री बड़े हैण्डसम लग रहे हो तुम कालदूत से लड़ने जा रहे हो या गुजरात की लडकियों को पटाने

राघव-तुम ठीक तो हो ऐसी बहकी बहकी बाते क्यों कर रही हो आज तक तो कभी तुम्हारे मुह से ये नहीं सुना मैंने

शिवानी-कमाल है अब तुम आचे लग रहे हो तो बोलू भी ना मैं भी लड़की हु यार हा मानती हु दिनभर दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाती हु पर कभी कभी तो अरमान जाग ही जाते है शास्त्रीजी

शिवानी की बात सुनकर राघव मुस्कुराने लगा, दोनों थोड़ी देर एक दुसरे को देखते रहे पर ये समय इन बातो मैं उलझने का नहीं था अजीब सी स्तिथि को नकारने के लिए राघव के बात बदली और शिवानी से प्रश्न कर डाला

राघव-वैसे एक बात बताओ शिवानी, तुम लोग अपनी आर्गेनाईजेशन के लिए लोगो का चयन कैसे करते हो ?

शिवानी-वो काम हमलोग नहीं हमसे उपर के लोग करते है, ऐसा तभी होता है जब बहुत जरुरत हो और ऐसा बहुत कम होता है, हमें हमेशा बेस्ट लोग चाहिए अपने साथ

राघव-तो मान लो की आर्गेनाईजेशन का कोई आदमी काम छोड़ना चाहे या आर्गेनाईजेशन के राज दुनिया के सामने लेन की धमकी दे तो?

शिवानी-तो दोनों ही सूरतो मे एक विशेष प्रकार की गैस का इस्तमाल करके व्यक्ति की याददाश्त मिटा दी जाती है, और अगर वो इससे बाख भी गया तो भी अगर वो दुनिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर भी हमारी आर्गेनाईजेशन के बारे मैं बताएगा तो कोई भला उसपर यकीन क्यों करेगा क्युकी हमारी उपस्तिति का कोई सबूत भी तो होना चाहिए, वैसे छोडो इन बातो को तुम्हारी ट्रेनिंग आचे से हो गयी है और उस काले जादू की किताब से तुम भी telekinesis जानते हो और तो अगर सोचो की लडाई है सेकड़ो कालसैनिक तुमपर हमला करे तो बाख जाओगे न?

राघव-तुम्हे कोई डाउट है क्या? वैसे शक्तिशाली होने के अपने फायदे है कालसैनिको से तो मैं चुटकी बजा के निपट लू

शिवानी-तो कालदूत से भिड़ने के लिए तयार हो?

राघव-हा अब ऐसा कह सकते है पर सच बहुँत तो अंदर से काफी घबराया हुआ हु, कालसैनिको से लड़ना एक बात है और कालदूत का मुकाबला करना अलग बात, कालदूत कुछ और ही है, उसको मैं अकेला नहीं हरा सकता, उसने अपने एक भक्त हो अपनी शक्ति का हिस्सा दे दिया तो वो मुझपर और रूद्र पर भरी पड़ गया तो कालदूत की शक्ति की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, हम लोग जब तक साथ है हम उसे हरा पाएंगे जिसमे हमें हिडन वारियर्स के हथियारों की भी जरुरत पद सकती है अकेले तो कालदूत के सामने जाना आत्महत्या के समान है

रमण और संजय बडी देर से राघव और शिवानी को बात करते हुए देख रहे थे

रमण-संजय भाई मुझे यहाँ कुछ कुछ होता है टाइप फीलिंग क्यों आ रही है

संजय-तुम शिवानी के बारे मैं बात कर रहे हो

रमण-मुझे लगता है अपना छोटा भाई पसंद करता है उसे क्या बोलते हो?

संजय(हसकर)- वाह इंस्पेक्टर बाबु दस मिनट की बातचीत से कितना कुछ पता कर लिया तुमने तो

तभी चेतन और अविनाश घर के अंदर आये जो बाहर लगातार किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे

चेतन-मेरी बात राहुल से हो गयी है अब हम लोगो को निकलना होगा

रमण-ये राहुल कौन है?

चेतन-हमारी आर्गेनाईजेशन के जिन खतरनाक हथियारों का हमने जिक्र किया था उनका इंस्पेक्शन राहुल ही करता है वो सिर्फ देख कर किसी भी आधुनिक हथीयार के अंदर की बारीक़ बारीक़ खराबी को न सिर्फ पहचान सकता है बल्कि ठीक भी कर देता है, हिडन वारियर्स के पास छोटे मोटे पिस्तौल राइफल जैसे हथियारों के साथ कई ऐसे भी हथीयार है जिनका निर्माण कई देशो मैं बन है,ऐसे हथीयार जो आजतक कभी चलाये नहीं गए, वो अलग अलग जगहों पर रखे गए थे ताकि किसी अमानवीय शक्ति से सामना हो तो काम आ सके, राहुल उन्ही हथियारों को सुरक्षित करने मैं लगा हुआ था ताकि वो किसी गलत हाथ मैं न पड़े, वो हमारे उन गिने चुने लोगो मैं से है जो न सिर्फ आधुनिक हथीयार की समझ ररखते है बल्कि उन्हें चलाना भी जानते है, वो गुजरात पहुच चूका है इसीलिए हमें भी निकलना होगा समय बहुत कम है हमारे पास

संजय-लेकिन इतने कम समय मैं गुजरात कैसे पहुचेंगे हम जब तक वहा पहुचेंगे कालदूत वहा से निकल भी सकता है

अविनाश-आप सफ़र की चिंता मत्कारिये बस बाहर चलकर देखए

सभी लोग अपने अपने बग्स टांग कर बाहर आ गए

रमण-यहाँ तो कुछ भी नहीं है

तभी अचानक एक बेहद आधुनिक जेट हवा मैं प्रकट होने लगा जिसे देखकर राघव रमण रूद्र संजय बुरी तरह चौक गए

रमण-अरे! ये क्या है?

चेतन-हम लोग हिडन वारियर्स है रमण जी और एक शताब्दी से दुनिया के सर्वश्रेष्ट वैज्ञानिको से साथ काम कर रहे है और अब विज्ञान के ऐसे अजूबे देखने की आदत दाल लीजिये वैसे आपसब की जानकारी के लिए बता दू के ये जेट हमें सिर्फ १ घंटे मैं गुजरात पंहुचा देगा सामान्य लोगो की नजरो मैं न आने के लिए हम हमेशा अपना इनविजिबल मोड ओं रखते है अब सभी लोग अंदर चलो ताकि हम आगे कूच कर सके

उसके बाद सभी लोग एक एक करके जेट मे जाने लगे पर राघव ने रमण को बाहर रोक लिया

राघव-भैया आपका आना जरुरी है क्या? वह क्या होगा हम मे से कोई नहीं जानता आपको कुछ हो गया तो?

रमण-बकवास बंद करो अपनी राघव भलेही तुम्हारे पास पावर्स होंगी पर हो तुम मेरे छोटे भाई ही इसीलिए मैं इस लडाई से पीछे नहीं हटने वाला और अब चलो चुपचाप हमें देर हो रही है

उसके पाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....




To Be Continue........
Bahot khoob zaberdast lajawab update dost
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सभी लोग अपनी अपनी जरूरतों का सामान पैक कर रहे थे, कालदूत की लोकेशन प्राप्त होने के बाद हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते थे

रूद्र एक कोने मैं बैठा अपनी जरुरत का सामान पैक कर रहा था, उसपर नरेशजी की मौत का काफी गहरा असर हुआ था भले ही वो किसी से कुछ नहीं कहता था पर वो अब भी अंदर से काफी दुखी था तभी शिवानी उसके पास आई

शिवानी-तुम पर चाचा की मौत का काफी गहरा असर हुआ है

शिवानी की बात सुन कर रूद्र बाद पैक करते करते रुक गया और शिवानी की तरफ देख कर बोला

रूद्र-वो मेरे पिता नहीं थे शिवानी लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे लिए इतना कुछ किया, उनको न बचा पाने का गम तो साडी जिंदगी रहेगा

शिवानी-तुम एक मानव नहीं हो, मतलब वैसे नहीं हो जैसे हम सब है फिर भी तुम्हारे अंदर भी वैसी ही भावनाए है जैसी हममे है ये देख कर मैं हतप्रभ हु

रूद्र(मुस्कुराकर)- मैं कोई रोबोट नहीं हु शिवानी, मेरा शारीर भी उसी तरह काम करता है जैसीक सामान्य मनुष्य का बस उसमे फर्क सिर्फ इतना है के मेरी हड्डिया और त्वचा का कम्पोजीशन सामान्य इंसान से बेहद भिन्न है

शिवानी-मैंने कभी सोचा नहीं था के जिंदगी मैं तुमसे मिलना होगा, मैंने हिडन वारियर्स के साथ काम करते हुए अपने पिता महेश के बारे मैं काफी बाते सुनी थी लेकिन कभी सोचा नहीं था की उनकी रचना से मिलने का मौका मिलेगा, अब चाचा और पिताजी दोनों ही इस दुनिया मैं नहीं है पर कही न कही वे दोनों ही तुमसे जुड़े हुए है और यही बात तुम्हे खास बनती है

रूद्र और शिवानी बात कर ही रहे थे के राघव अपने कमरे से बाहर आया, उसने टीशर्ट जीन्स और एक ब्लैक लेदर जैकेट पहना हुआ था और कंधे पर उसका बैग टंगा हुआ था, उसको देख कर शिवानी उसके पास आयी और आँखों मे देख कर बोली

शिवानी- क्या बात है शास्त्री बड़े हैण्डसम लग रहे हो तुम कालदूत से लड़ने जा रहे हो या गुजरात की लडकियों को पटाने

राघव-तुम ठीक तो हो ऐसी बहकी बहकी बाते क्यों कर रही हो आज तक तो कभी तुम्हारे मुह से ये नहीं सुना मैंने

शिवानी-कमाल है अब तुम आचे लग रहे हो तो बोलू भी ना मैं भी लड़की हु यार हा मानती हु दिनभर दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाती हु पर कभी कभी तो अरमान जाग ही जाते है शास्त्रीजी

शिवानी की बात सुनकर राघव मुस्कुराने लगा, दोनों थोड़ी देर एक दुसरे को देखते रहे पर ये समय इन बातो मैं उलझने का नहीं था अजीब सी स्तिथि को नकारने के लिए राघव के बात बदली और शिवानी से प्रश्न कर डाला

राघव-वैसे एक बात बताओ शिवानी, तुम लोग अपनी आर्गेनाईजेशन के लिए लोगो का चयन कैसे करते हो ?

शिवानी-वो काम हमलोग नहीं हमसे उपर के लोग करते है, ऐसा तभी होता है जब बहुत जरुरत हो और ऐसा बहुत कम होता है, हमें हमेशा बेस्ट लोग चाहिए अपने साथ

राघव-तो मान लो की आर्गेनाईजेशन का कोई आदमी काम छोड़ना चाहे या आर्गेनाईजेशन के राज दुनिया के सामने लेन की धमकी दे तो?

शिवानी-तो दोनों ही सूरतो मे एक विशेष प्रकार की गैस का इस्तमाल करके व्यक्ति की याददाश्त मिटा दी जाती है, और अगर वो इससे बाख भी गया तो भी अगर वो दुनिया के सामने चिल्ला चिल्ला कर भी हमारी आर्गेनाईजेशन के बारे मैं बताएगा तो कोई भला उसपर यकीन क्यों करेगा क्युकी हमारी उपस्तिति का कोई सबूत भी तो होना चाहिए, वैसे छोडो इन बातो को तुम्हारी ट्रेनिंग आचे से हो गयी है और उस काले जादू की किताब से तुम भी telekinesis जानते हो और तो अगर सोचो की लडाई है सेकड़ो कालसैनिक तुमपर हमला करे तो बाख जाओगे न?

राघव-तुम्हे कोई डाउट है क्या? वैसे शक्तिशाली होने के अपने फायदे है कालसैनिको से तो मैं चुटकी बजा के निपट लू

शिवानी-तो कालदूत से भिड़ने के लिए तयार हो?

राघव-हा अब ऐसा कह सकते है पर सच बहुँत तो अंदर से काफी घबराया हुआ हु, कालसैनिको से लड़ना एक बात है और कालदूत का मुकाबला करना अलग बात, कालदूत कुछ और ही है, उसको मैं अकेला नहीं हरा सकता, उसने अपने एक भक्त हो अपनी शक्ति का हिस्सा दे दिया तो वो मुझपर और रूद्र पर भरी पड़ गया तो कालदूत की शक्ति की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती, हम लोग जब तक साथ है हम उसे हरा पाएंगे जिसमे हमें हिडन वारियर्स के हथियारों की भी जरुरत पद सकती है अकेले तो कालदूत के सामने जाना आत्महत्या के समान है

रमण और संजय बडी देर से राघव और शिवानी को बात करते हुए देख रहे थे

रमण-संजय भाई मुझे यहाँ कुछ कुछ होता है टाइप फीलिंग क्यों आ रही है

संजय-तुम शिवानी के बारे मैं बात कर रहे हो

रमण-मुझे लगता है अपना छोटा भाई पसंद करता है उसे क्या बोलते हो?

संजय(हसकर)- वाह इंस्पेक्टर बाबु दस मिनट की बातचीत से कितना कुछ पता कर लिया तुमने तो

तभी चेतन और अविनाश घर के अंदर आये जो बाहर लगातार किसी से फ़ोन पर बात कर रहे थे

चेतन-मेरी बात राहुल से हो गयी है अब हम लोगो को निकलना होगा

रमण-ये राहुल कौन है?

चेतन-हमारी आर्गेनाईजेशन के जिन खतरनाक हथियारों का हमने जिक्र किया था उनका इंस्पेक्शन राहुल ही करता है वो सिर्फ देख कर किसी भी आधुनिक हथीयार के अंदर की बारीक़ बारीक़ खराबी को न सिर्फ पहचान सकता है बल्कि ठीक भी कर देता है, हिडन वारियर्स के पास छोटे मोटे पिस्तौल राइफल जैसे हथियारों के साथ कई ऐसे भी हथीयार है जिनका निर्माण कई देशो मैं बन है,ऐसे हथीयार जो आजतक कभी चलाये नहीं गए, वो अलग अलग जगहों पर रखे गए थे ताकि किसी अमानवीय शक्ति से सामना हो तो काम आ सके, राहुल उन्ही हथियारों को सुरक्षित करने मैं लगा हुआ था ताकि वो किसी गलत हाथ मैं न पड़े, वो हमारे उन गिने चुने लोगो मैं से है जो न सिर्फ आधुनिक हथीयार की समझ ररखते है बल्कि उन्हें चलाना भी जानते है, वो गुजरात पहुच चूका है इसीलिए हमें भी निकलना होगा समय बहुत कम है हमारे पास

संजय-लेकिन इतने कम समय मैं गुजरात कैसे पहुचेंगे हम जब तक वहा पहुचेंगे कालदूत वहा से निकल भी सकता है

अविनाश-आप सफ़र की चिंता मत्कारिये बस बाहर चलकर देखए

सभी लोग अपने अपने बग्स टांग कर बाहर आ गए

रमण-यहाँ तो कुछ भी नहीं है

तभी अचानक एक बेहद आधुनिक जेट हवा मैं प्रकट होने लगा जिसे देखकर राघव रमण रूद्र संजय बुरी तरह चौक गए

रमण-अरे! ये क्या है?

चेतन-हम लोग हिडन वारियर्स है रमण जी और एक शताब्दी से दुनिया के सर्वश्रेष्ट वैज्ञानिको से साथ काम कर रहे है और अब विज्ञान के ऐसे अजूबे देखने की आदत दाल लीजिये वैसे आपसब की जानकारी के लिए बता दू के ये जेट हमें सिर्फ १ घंटे मैं गुजरात पंहुचा देगा सामान्य लोगो की नजरो मैं न आने के लिए हम हमेशा अपना इनविजिबल मोड ओं रखते है अब सभी लोग अंदर चलो ताकि हम आगे कूच कर सके

उसके बाद सभी लोग एक एक करके जेट मे जाने लगे पर राघव ने रमण को बाहर रोक लिया

राघव-भैया आपका आना जरुरी है क्या? वह क्या होगा हम मे से कोई नहीं जानता आपको कुछ हो गया तो?

रमण-बकवास बंद करो अपनी राघव भलेही तुम्हारे पास पावर्स होंगी पर हो तुम मेरे छोटे भाई ही इसीलिए मैं इस लडाई से पीछे नहीं हटने वाला और अब चलो चुपचाप हमें देर हो रही है

उसके बाद राघव और रमण भी जेट मैं चले गए.....




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