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Fantasy कालदूत(पूर्ण)

Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
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भाग २६



दूर हिन्द महासागर मे वो स्याह काली भयानक आकृति उपर आ रही थी, धीरे धीरे वो आकृति पूरी तरह समुद्र से बाहर निकल आई थी और एकटक उन मछुवारो को घूर रही थी वही उस शैतान को देख कर उन मछुवारो की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी ही और घबराहट के मारे उनके पैर कांप रहे थे,

हरिया-हे भगवान....ये...ये कैसा प्राणी है!!!

रघु-हरिया...बोल मत जाल निकाल और जल्दी नाव घुमा वरना हम नहीं बचेंगे.....

कालदूत कोदेख कर रघु और हरिया दोनों की हालत काफी खराब थी, हो भी क्यों न कालदूत का रूप ही इतना भयंकर था की सामान्य मनुष्य उसे देख कर ही डर के मरे मर जाये यहाँ तो तब भी रघु और हरिया ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपनी जान बचने के लिए वहा से भागने लगे

तभी कालदूत की आवाज रघु और हरिया के दिमाग मैं गूंजी “शांत हो जाओ मनुष्यों! हमसे डरने की तुम्हे कोई आवशकता नहीं है, यदि हमें तुम्हे क्षति पहुचानी होती तो ये कार्य हम कबका कर चुके होते, तुम्हारे यहाँ से भागने की प्रतीक्षा नहीं करते पर हमें तुम्हारा डर नै बल्कि भक्ति चाहिए, तुम मुझे भक्ति दो और मैं तुम्हे ऐसी शक्तिया दूंगा जिसकी तुमने कभी अपने जीवन मैं कल्पना भी नहीं की होगी! ऐसी शक्तिया जो तम्हारा तथाकथित इश्वर तुम्हे कभी नहीं दे सकेगा! हमारी शरण मे आ जाओ हम तुम्हारा कल्याण कर देंगे!”

उन डरे हुए नाविकों पर कालदूत की बातो ने जादुई असर किया और वे अपना डर भुलाकर तुरंत कालदूत के सामने झुक गए, उन्होंने कालदूत के सामने घुटनों पर बैठकर अपना सर उसके सामने झुका लिया,

जैसे ही कालदूत ने देखा की ये नाविक उसके सामने झुक गए है,उसकी शरण मे आ गए है कालदूत के भयानक नेत्रों से एक विशेष प्रकार की तरंगे निकली जो सीधी जाकर उन मछुवारो के शारीर से जा टकराई, हरिया और रघु इन तरंगो के प्रभाव से निचे गिर गए और बुरी तरह तड़पने लगे पर फिर धीरे धीरे उनमे कुछ आश्चर्यजनक शारीरिक परिवर्तन होने लगे, उनके शारीर का आकर बदलने लगा, उनके दांत पैने, आँखें लाल और चमड़ी नीली हो गयी थी, देखते ही देखते वो सामान्य से नाविक अब एक भयानक दरिंदे बन चुके थे...

कालदूत ने अपने आज़ादी के साथ ही अपने लिए दो भयानक सेवको का निर्माण किया था और फिर कालदूत ने तुरंत अपना वो भयानक और विशाल रूट त्यागा और एक खतरनाक लेकिन प्रभावशाली मनुष्य का रूप धारण कर लिया,

कालदूत का मानव रूप उसके असल रूप से कम प्रभावशाली नहीं था,एक लम्बा चौड़ा व्यक्ति जिसने काली शेरवानी जैसा वस्त्र परिधान कर रखा था ये रूप भी सामान्य लोगो के मन मैं सिरहन पैदा करने के लिए पर्याप्त था

कालदूत(मुस्कुराकर)- इस दुनिया को महान कालदूत के आगमन का पैगाम दिया जाये......

---------------

सुबह के ६ बज चुके थे, घनी अँधेरे कालरात्र के बाद एक बार फिर से सूरज चारो और अपनी छटा बिखेरता नजर आ रहा था, दुनिया के लिए नई उम्मीद नई उमंगो और नए खतरों के साथ ये सुबह आयी थी, वही इस दुनिया मैं एक इंसान ऐसा भी था जिसने इस सुबह के साथ अपना सब कुछ खो दिया था, ये दुनिया इस वक़्त कालदूत के आगमन से भले ही अनजान हो लेकिन लेकिन उसके आगमन के बाद इस पृथ्वी पर कई जगहों पर भयानक हादसे देखने मिले थे पर फिलहाल जिनपर इस दुनिया की रक्षा का, कालदूत से लड़ने का जिम्मा था वो इस वक़्त इन सब घटनाओ से अनजान अपनों के जाने के शोक मैं बैठे थे

नरेश और अरुण के अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी करके सभी लोग इस वक़्त नरेश के घर मैं बैठे हुए थे, रूद्र ने भी अपने आप को काफी हद तक संभल लिया था लेकिन वो चुपचाप बैठा हुआ था, नरेश के बगैर ये घर उसे कचोट रहा था, राघव भी एकदम शांत था कुछ ही घंटो मैं उसे नरेश से एक जुडाव महसूस होने लगा था साथ ही उसके मन मैं नरेश को न बचा पाने का मलाल था और सारा के अजन्मे बच्चे के मरने का दुःख, राघव को बार बार ये बात खाए जा रही थी के अगर वो चाहता तो रूद्र को कब्रिस्तान मैं रोक सकता था और कही न कही इस बात ने राघव के मन मैं घर किया हुआ था के एक अजन्मे बच्चे को उसने दुनिया मैं आने से ही रोक दिया, पर ये बात राघव ने अभी तक किसी से कही नहीं थी

रमण और संजय भी वही बैठे हुए थे पर किसी से भी कुछ भी बोलते नहीं बन रहा था आखिरकार रूद्र ने ही चुप्पी तोड़ी

रूद्र-अब मैं राजनगर मे नहीं रुकने वाला

रमण-ऐसा क्यों?

रूद्र-नरेशजी ने मुझे अपने बच्चे की तरह पाला, उन्होंने अपनी पत्नी के मरने के बाद कभी दूसरी शादी भी नहीं की लेकिन इस सब के बदले मैं उन्हें क्या मिला...एक दर्दनाक मौत!

राघव रूद्र की बात सुन रहा था पर कुछ बोल नहीं रहा था

संजय-ये तूम कैसी बात कर रहे हो ? उनकी मृत्यु के जिम्मेदार तुम नहीं हो

रूद्र-आपलोग कुछ भी बोले लेकिन ये सच्चाई कभी कोई नहीं बदल पायेगा की हम लोग उनके साथ हुयी अनहोनी को नहीं रोक पाए

रमण उठ कर रूद्र के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला

रमण-मेरी बात सुनो लड़के और राघव तुम भी, तुम दोनों अपने आप मैं बेहद खास हो और इसका नजारा हम कल रात उस कब्रिस्तान मैं देख चुके है जहा तुम दोनों इतने सरे लोगो से भीड़ गए थे, तुम लोगो ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है, तुमदोनो ने जो हो सकता था किया है, ये सब जो कुछ हुआ है उसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी, नरेश भाई की मौत का दुःख हम सबको है लेकिन ये वक्त शोक मैं डूबने का नहीं है, इस तरह तो नरेश जी का बलिदान व्यर्थ चला जायेगा अगर हम यही बैठे रहेंगे और कालदूत को रोकने के लिए कुछ नहीं करेंगे तो....

संजय-अब हमें कालदूत को रोकना तो होगा ही वरना ये दुनिया ख़तम होते देर नहीं लगेगी

राघव(मुट्ठी भींचते हुए)- कमर कास लो भैया नरेश जी की मौत व्यर्थ नहीं जाएगी कालदूत को हम रोककर करेंगे रूद्र तुम साथ हो न?

रूद्र-हमेशा....

संजय-उसके पहले हमें दुनिया की खोज खबर ले लेनी चाहिए, आखिर पता तो चले की कालदूत के आगमन ने दुनिया पर किस प्रकार असर डाला है

संजय की बात सुन कर रूद्र ने टीवी चालू किया और वो सब लोग टीवी देखने बैठ गए

न्यूज़ फ़्लैश- कल रात दुनियाभर के मौसम मैं कई तरह के अजीबोगरीब परिवर्तन पाए गए, अमेरिका के कई शहरो मे भयानक बिजली गिरी जिससे सडको और इमारतों को भरी नुकसान हुआ तो भारत मैं भी कई जगह भारी वर्षा के कारन फसलो को काफी नुकसान हुआ है साथ ही देश मैं कई जगह आंधी तूफान आने की खबरे मिली है,लेकिन सबसे अजीबोगरीब खबर मिली थी कच्छ मरुस्थल से उस भाग से जिसकी सीमा समुद्र तट से जुडी हुयी है, स्थानीय लोगो के अनुसार उन्होंने किसी बडी की आकृति को रात के अँधेरे मैं समुद्र के पास देखा था हालाँकि ये बात एक अफवाह ही साबित हुयी है पर वहा के कुछ मछुवारो के गायब होने की खबर जरुर सामने आई है, कुछ लोग इन घटनाओ को अपशकुन मान रहे है वही कुछ ने तो इसे दुनिया का अंत ही घोषित कर दिया है, इन सब अफरा तफरी मैं कई लोगो की जाने भी गयी है जिसके बारे मैं जानकारी हम आपको अपने अगले सेगमेंट मैं देंगे, अन्य कोई खबर मिलते ही आपको वो सबसे पहले हमारे ही चैनल पर देखने मिलेगी तब तक बने रहिये हमारे साथ......

राघव ने टीवी ऑफ किया और बाकियों से बोला

राघव-कही पर भी कल रात राजनगर मैं हुए हत्या कांड की कोई खबर नहीं है

संजय-तुम्हे क्या लगता है ये कालसैनिक १००० साल से इतने खून करके कैसे बचे हुए है, उनके लोग पूरी दुनिया भर मैं फैले हुए है, मीडिया मैं भी, तभी तो आज तक उनसे जुडी कोई खबर लोगो तक नहीं पहुच पाई है

राघव-एक मिनट! मुझे तो लगा था के कल रत हमने सुशेन के साथ सभी कालसैनिको को कब्रिस्तान मैं खत्म कर दिया था

रूद्र-हमें एक बडी संख्या मैं उनलोगों को खत्म किया है राघव पर अब भी कई कालसैनिक बचे हुए है और मुझे लगता है कालदूत जरूर अपने उन बचे हुए कालसैनिको एक जगह इकठ्ठा करेगा

तभी उन्हें घर मैं उपर की तरफ की कुछ हलचल सुनाई दी और सबका ध्यान उस और चला गया.......
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Oh! Shok sabha ke sath aage kya kre ispr bate ho rahi hai sahi hai
Gir kr upr uthna or uth kr girna Yahi jindgi hai dost
Superb update bhai sandar
 

ashish_1982_in

Well-Known Member
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भाग २६



दूर हिन्द महासागर मे वो स्याह काली भयानक आकृति उपर आ रही थी, धीरे धीरे वो आकृति पूरी तरह समुद्र से बाहर निकल आई थी और एकटक उन मछुवारो को घूर रही थी वही उस शैतान को देख कर उन मछुवारो की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी ही और घबराहट के मारे उनके पैर कांप रहे थे,

हरिया-हे भगवान....ये...ये कैसा प्राणी है!!!

रघु-हरिया...बोल मत जाल निकाल और जल्दी नाव घुमा वरना हम नहीं बचेंगे.....

कालदूत कोदेख कर रघु और हरिया दोनों की हालत काफी खराब थी, हो भी क्यों न कालदूत का रूप ही इतना भयंकर था की सामान्य मनुष्य उसे देख कर ही डर के मरे मर जाये यहाँ तो तब भी रघु और हरिया ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपनी जान बचने के लिए वहा से भागने लगे

तभी कालदूत की आवाज रघु और हरिया के दिमाग मैं गूंजी “शांत हो जाओ मनुष्यों! हमसे डरने की तुम्हे कोई आवशकता नहीं है, यदि हमें तुम्हे क्षति पहुचानी होती तो ये कार्य हम कबका कर चुके होते, तुम्हारे यहाँ से भागने की प्रतीक्षा नहीं करते पर हमें तुम्हारा डर नै बल्कि भक्ति चाहिए, तुम मुझे भक्ति दो और मैं तुम्हे ऐसी शक्तिया दूंगा जिसकी तुमने कभी अपने जीवन मैं कल्पना भी नहीं की होगी! ऐसी शक्तिया जो तम्हारा तथाकथित इश्वर तुम्हे कभी नहीं दे सकेगा! हमारी शरण मे आ जाओ हम तुम्हारा कल्याण कर देंगे!”

उन डरे हुए नाविकों पर कालदूत की बातो ने जादुई असर किया और वे अपना डर भुलाकर तुरंत कालदूत के सामने झुक गए, उन्होंने कालदूत के सामने घुटनों पर बैठकर अपना सर उसके सामने झुका लिया,

जैसे ही कालदूत ने देखा की ये नाविक उसके सामने झुक गए है,उसकी शरण मे आ गए है कालदूत के भयानक नेत्रों से एक विशेष प्रकार की तरंगे निकली जो सीधी जाकर उन मछुवारो के शारीर से जा टकराई, हरिया और रघु इन तरंगो के प्रभाव से निचे गिर गए और बुरी तरह तड़पने लगे पर फिर धीरे धीरे उनमे कुछ आश्चर्यजनक शारीरिक परिवर्तन होने लगे, उनके शारीर का आकर बदलने लगा, उनके दांत पैने, आँखें लाल और चमड़ी नीली हो गयी थी, देखते ही देखते वो सामान्य से नाविक अब एक भयानक दरिंदे बन चुके थे...

कालदूत ने अपने आज़ादी के साथ ही अपने लिए दो भयानक सेवको का निर्माण किया था और फिर कालदूत ने तुरंत अपना वो भयानक और विशाल रूट त्यागा और एक खतरनाक लेकिन प्रभावशाली मनुष्य का रूप धारण कर लिया,

कालदूत का मानव रूप उसके असल रूप से कम प्रभावशाली नहीं था,एक लम्बा चौड़ा व्यक्ति जिसने काली शेरवानी जैसा वस्त्र परिधान कर रखा था ये रूप भी सामान्य लोगो के मन मैं सिरहन पैदा करने के लिए पर्याप्त था

कालदूत(मुस्कुराकर)- इस दुनिया को महान कालदूत के आगमन का पैगाम दिया जाये......

---------------

सुबह के ६ बज चुके थे, घनी अँधेरे कालरात्र के बाद एक बार फिर से सूरज चारो और अपनी छटा बिखेरता नजर आ रहा था, दुनिया के लिए नई उम्मीद नई उमंगो और नए खतरों के साथ ये सुबह आयी थी, वही इस दुनिया मैं एक इंसान ऐसा भी था जिसने इस सुबह के साथ अपना सब कुछ खो दिया था, ये दुनिया इस वक़्त कालदूत के आगमन से भले ही अनजान हो लेकिन लेकिन उसके आगमन के बाद इस पृथ्वी पर कई जगहों पर भयानक हादसे देखने मिले थे पर फिलहाल जिनपर इस दुनिया की रक्षा का, कालदूत से लड़ने का जिम्मा था वो इस वक़्त इन सब घटनाओ से अनजान अपनों के जाने के शोक मैं बैठे थे

नरेश और अरुण के अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी करके सभी लोग इस वक़्त नरेश के घर मैं बैठे हुए थे, रूद्र ने भी अपने आप को काफी हद तक संभल लिया था लेकिन वो चुपचाप बैठा हुआ था, नरेश के बगैर ये घर उसे कचोट रहा था, राघव भी एकदम शांत था कुछ ही घंटो मैं उसे नरेश से एक जुडाव महसूस होने लगा था साथ ही उसके मन मैं नरेश को न बचा पाने का मलाल था और सारा के अजन्मे बच्चे के मरने का दुःख, राघव को बार बार ये बात खाए जा रही थी के अगर वो चाहता तो रूद्र को कब्रिस्तान मैं रोक सकता था और कही न कही इस बात ने राघव के मन मैं घर किया हुआ था के एक अजन्मे बच्चे को उसने दुनिया मैं आने से ही रोक दिया, पर ये बात राघव ने अभी तक किसी से कही नहीं थी

रमण और संजय भी वही बैठे हुए थे पर किसी से भी कुछ भी बोलते नहीं बन रहा था आखिरकार रूद्र ने ही चुप्पी तोड़ी

रूद्र-अब मैं राजनगर मे नहीं रुकने वाला

रमण-ऐसा क्यों?

रूद्र-नरेशजी ने मुझे अपने बच्चे की तरह पाला, उन्होंने अपनी पत्नी के मरने के बाद कभी दूसरी शादी भी नहीं की लेकिन इस सब के बदले मैं उन्हें क्या मिला...एक दर्दनाक मौत!

राघव रूद्र की बात सुन रहा था पर कुछ बोल नहीं रहा था

संजय-ये तूम कैसी बात कर रहे हो ? उनकी मृत्यु के जिम्मेदार तुम नहीं हो

रूद्र-आपलोग कुछ भी बोले लेकिन ये सच्चाई कभी कोई नहीं बदल पायेगा की हम लोग उनके साथ हुयी अनहोनी को नहीं रोक पाए

रमण उठ कर रूद्र के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला

रमण-मेरी बात सुनो लड़के और राघव तुम भी, तुम दोनों अपने आप मैं बेहद खास हो और इसका नजारा हम कल रात उस कब्रिस्तान मैं देख चुके है जहा तुम दोनों इतने सरे लोगो से भीड़ गए थे, तुम लोगो ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है, तुमदोनो ने जो हो सकता था किया है, ये सब जो कुछ हुआ है उसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी, नरेश भाई की मौत का दुःख हम सबको है लेकिन ये वक्त शोक मैं डूबने का नहीं है, इस तरह तो नरेश जी का बलिदान व्यर्थ चला जायेगा अगर हम यही बैठे रहेंगे और कालदूत को रोकने के लिए कुछ नहीं करेंगे तो....

संजय-अब हमें कालदूत को रोकना तो होगा ही वरना ये दुनिया ख़तम होते देर नहीं लगेगी

राघव(मुट्ठी भींचते हुए)- कमर कास लो भैया नरेश जी की मौत व्यर्थ नहीं जाएगी कालदूत को हम रोककर करेंगे रूद्र तुम साथ हो न?

रूद्र-हमेशा....

संजय-उसके पहले हमें दुनिया की खोज खबर ले लेनी चाहिए, आखिर पता तो चले की कालदूत के आगमन ने दुनिया पर किस प्रकार असर डाला है

संजय की बात सुन कर रूद्र ने टीवी चालू किया और वो सब लोग टीवी देखने बैठ गए

न्यूज़ फ़्लैश- कल रात दुनियाभर के मौसम मैं कई तरह के अजीबोगरीब परिवर्तन पाए गए, अमेरिका के कई शहरो मे भयानक बिजली गिरी जिससे सडको और इमारतों को भरी नुकसान हुआ तो भारत मैं भी कई जगह भारी वर्षा के कारन फसलो को काफी नुकसान हुआ है साथ ही देश मैं कई जगह आंधी तूफान आने की खबरे मिली है,लेकिन सबसे अजीबोगरीब खबर मिली थी कच्छ मरुस्थल से उस भाग से जिसकी सीमा समुद्र तट से जुडी हुयी है, स्थानीय लोगो के अनुसार उन्होंने किसी बडी की आकृति को रात के अँधेरे मैं समुद्र के पास देखा था हालाँकि ये बात एक अफवाह ही साबित हुयी है पर वहा के कुछ मछुवारो के गायब होने की खबर जरुर सामने आई है, कुछ लोग इन घटनाओ को अपशकुन मान रहे है वही कुछ ने तो इसे दुनिया का अंत ही घोषित कर दिया है, इन सब अफरा तफरी मैं कई लोगो की जाने भी गयी है जिसके बारे मैं जानकारी हम आपको अपने अगले सेगमेंट मैं देंगे, अन्य कोई खबर मिलते ही आपको वो सबसे पहले हमारे ही चैनल पर देखने मिलेगी तब तक बने रहिये हमारे साथ......

राघव ने टीवी ऑफ किया और बाकियों से बोला

राघव-कही पर भी कल रात राजनगर मैं हुए हत्या कांड की कोई खबर नहीं है

संजय-तुम्हे क्या लगता है ये कालसैनिक १००० साल से इतने खून करके कैसे बचे हुए है, उनके लोग पूरी दुनिया भर मैं फैले हुए है, मीडिया मैं भी, तभी तो आज तक उनसे जुडी कोई खबर लोगो तक नहीं पहुच पाई है

राघव-एक मिनट! मुझे तो लगा था के कल रत हमने सुशेन के साथ सभी कालसैनिको को कब्रिस्तान मैं खत्म कर दिया था

रूद्र-हमें एक बडी संख्या मैं उनलोगों को खत्म किया है राघव पर अब भी कई कालसैनिक बचे हुए है और मुझे लगता है कालदूत जरूर अपने उन बचे हुए कालसैनिको एक जगह इकठ्ठा करेगा


तभी उन्हें घर मैं उपर की तरफ की कुछ हलचल सुनाई दी और सबका ध्यान उस और चला गया.......
Very nice update bhai
 

Raj_sharma

Well-Known Member
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Great update again bro
 

mashish

BHARAT
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भाग २६



दूर हिन्द महासागर मे वो स्याह काली भयानक आकृति उपर आ रही थी, धीरे धीरे वो आकृति पूरी तरह समुद्र से बाहर निकल आई थी और एकटक उन मछुवारो को घूर रही थी वही उस शैतान को देख कर उन मछुवारो की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी ही और घबराहट के मारे उनके पैर कांप रहे थे,

हरिया-हे भगवान....ये...ये कैसा प्राणी है!!!

रघु-हरिया...बोल मत जाल निकाल और जल्दी नाव घुमा वरना हम नहीं बचेंगे.....

कालदूत कोदेख कर रघु और हरिया दोनों की हालत काफी खराब थी, हो भी क्यों न कालदूत का रूप ही इतना भयंकर था की सामान्य मनुष्य उसे देख कर ही डर के मरे मर जाये यहाँ तो तब भी रघु और हरिया ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपनी जान बचने के लिए वहा से भागने लगे

तभी कालदूत की आवाज रघु और हरिया के दिमाग मैं गूंजी “शांत हो जाओ मनुष्यों! हमसे डरने की तुम्हे कोई आवशकता नहीं है, यदि हमें तुम्हे क्षति पहुचानी होती तो ये कार्य हम कबका कर चुके होते, तुम्हारे यहाँ से भागने की प्रतीक्षा नहीं करते पर हमें तुम्हारा डर नै बल्कि भक्ति चाहिए, तुम मुझे भक्ति दो और मैं तुम्हे ऐसी शक्तिया दूंगा जिसकी तुमने कभी अपने जीवन मैं कल्पना भी नहीं की होगी! ऐसी शक्तिया जो तम्हारा तथाकथित इश्वर तुम्हे कभी नहीं दे सकेगा! हमारी शरण मे आ जाओ हम तुम्हारा कल्याण कर देंगे!”

उन डरे हुए नाविकों पर कालदूत की बातो ने जादुई असर किया और वे अपना डर भुलाकर तुरंत कालदूत के सामने झुक गए, उन्होंने कालदूत के सामने घुटनों पर बैठकर अपना सर उसके सामने झुका लिया,

जैसे ही कालदूत ने देखा की ये नाविक उसके सामने झुक गए है,उसकी शरण मे आ गए है कालदूत के भयानक नेत्रों से एक विशेष प्रकार की तरंगे निकली जो सीधी जाकर उन मछुवारो के शारीर से जा टकराई, हरिया और रघु इन तरंगो के प्रभाव से निचे गिर गए और बुरी तरह तड़पने लगे पर फिर धीरे धीरे उनमे कुछ आश्चर्यजनक शारीरिक परिवर्तन होने लगे, उनके शारीर का आकर बदलने लगा, उनके दांत पैने, आँखें लाल और चमड़ी नीली हो गयी थी, देखते ही देखते वो सामान्य से नाविक अब एक भयानक दरिंदे बन चुके थे...

कालदूत ने अपने आज़ादी के साथ ही अपने लिए दो भयानक सेवको का निर्माण किया था और फिर कालदूत ने तुरंत अपना वो भयानक और विशाल रूट त्यागा और एक खतरनाक लेकिन प्रभावशाली मनुष्य का रूप धारण कर लिया,

कालदूत का मानव रूप उसके असल रूप से कम प्रभावशाली नहीं था,एक लम्बा चौड़ा व्यक्ति जिसने काली शेरवानी जैसा वस्त्र परिधान कर रखा था ये रूप भी सामान्य लोगो के मन मैं सिरहन पैदा करने के लिए पर्याप्त था

कालदूत(मुस्कुराकर)- इस दुनिया को महान कालदूत के आगमन का पैगाम दिया जाये......

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सुबह के ६ बज चुके थे, घनी अँधेरे कालरात्र के बाद एक बार फिर से सूरज चारो और अपनी छटा बिखेरता नजर आ रहा था, दुनिया के लिए नई उम्मीद नई उमंगो और नए खतरों के साथ ये सुबह आयी थी, वही इस दुनिया मैं एक इंसान ऐसा भी था जिसने इस सुबह के साथ अपना सब कुछ खो दिया था, ये दुनिया इस वक़्त कालदूत के आगमन से भले ही अनजान हो लेकिन लेकिन उसके आगमन के बाद इस पृथ्वी पर कई जगहों पर भयानक हादसे देखने मिले थे पर फिलहाल जिनपर इस दुनिया की रक्षा का, कालदूत से लड़ने का जिम्मा था वो इस वक़्त इन सब घटनाओ से अनजान अपनों के जाने के शोक मैं बैठे थे

नरेश और अरुण के अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी करके सभी लोग इस वक़्त नरेश के घर मैं बैठे हुए थे, रूद्र ने भी अपने आप को काफी हद तक संभल लिया था लेकिन वो चुपचाप बैठा हुआ था, नरेश के बगैर ये घर उसे कचोट रहा था, राघव भी एकदम शांत था कुछ ही घंटो मैं उसे नरेश से एक जुडाव महसूस होने लगा था साथ ही उसके मन मैं नरेश को न बचा पाने का मलाल था और सारा के अजन्मे बच्चे के मरने का दुःख, राघव को बार बार ये बात खाए जा रही थी के अगर वो चाहता तो रूद्र को कब्रिस्तान मैं रोक सकता था और कही न कही इस बात ने राघव के मन मैं घर किया हुआ था के एक अजन्मे बच्चे को उसने दुनिया मैं आने से ही रोक दिया, पर ये बात राघव ने अभी तक किसी से कही नहीं थी

रमण और संजय भी वही बैठे हुए थे पर किसी से भी कुछ भी बोलते नहीं बन रहा था आखिरकार रूद्र ने ही चुप्पी तोड़ी

रूद्र-अब मैं राजनगर मे नहीं रुकने वाला

रमण-ऐसा क्यों?

रूद्र-नरेशजी ने मुझे अपने बच्चे की तरह पाला, उन्होंने अपनी पत्नी के मरने के बाद कभी दूसरी शादी भी नहीं की लेकिन इस सब के बदले मैं उन्हें क्या मिला...एक दर्दनाक मौत!

राघव रूद्र की बात सुन रहा था पर कुछ बोल नहीं रहा था

संजय-ये तूम कैसी बात कर रहे हो ? उनकी मृत्यु के जिम्मेदार तुम नहीं हो

रूद्र-आपलोग कुछ भी बोले लेकिन ये सच्चाई कभी कोई नहीं बदल पायेगा की हम लोग उनके साथ हुयी अनहोनी को नहीं रोक पाए

रमण उठ कर रूद्र के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला

रमण-मेरी बात सुनो लड़के और राघव तुम भी, तुम दोनों अपने आप मैं बेहद खास हो और इसका नजारा हम कल रात उस कब्रिस्तान मैं देख चुके है जहा तुम दोनों इतने सरे लोगो से भीड़ गए थे, तुम लोगो ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है, तुमदोनो ने जो हो सकता था किया है, ये सब जो कुछ हुआ है उसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी, नरेश भाई की मौत का दुःख हम सबको है लेकिन ये वक्त शोक मैं डूबने का नहीं है, इस तरह तो नरेश जी का बलिदान व्यर्थ चला जायेगा अगर हम यही बैठे रहेंगे और कालदूत को रोकने के लिए कुछ नहीं करेंगे तो....

संजय-अब हमें कालदूत को रोकना तो होगा ही वरना ये दुनिया ख़तम होते देर नहीं लगेगी

राघव(मुट्ठी भींचते हुए)- कमर कास लो भैया नरेश जी की मौत व्यर्थ नहीं जाएगी कालदूत को हम रोककर करेंगे रूद्र तुम साथ हो न?

रूद्र-हमेशा....

संजय-उसके पहले हमें दुनिया की खोज खबर ले लेनी चाहिए, आखिर पता तो चले की कालदूत के आगमन ने दुनिया पर किस प्रकार असर डाला है

संजय की बात सुन कर रूद्र ने टीवी चालू किया और वो सब लोग टीवी देखने बैठ गए

न्यूज़ फ़्लैश- कल रात दुनियाभर के मौसम मैं कई तरह के अजीबोगरीब परिवर्तन पाए गए, अमेरिका के कई शहरो मे भयानक बिजली गिरी जिससे सडको और इमारतों को भरी नुकसान हुआ तो भारत मैं भी कई जगह भारी वर्षा के कारन फसलो को काफी नुकसान हुआ है साथ ही देश मैं कई जगह आंधी तूफान आने की खबरे मिली है,लेकिन सबसे अजीबोगरीब खबर मिली थी कच्छ मरुस्थल से उस भाग से जिसकी सीमा समुद्र तट से जुडी हुयी है, स्थानीय लोगो के अनुसार उन्होंने किसी बडी की आकृति को रात के अँधेरे मैं समुद्र के पास देखा था हालाँकि ये बात एक अफवाह ही साबित हुयी है पर वहा के कुछ मछुवारो के गायब होने की खबर जरुर सामने आई है, कुछ लोग इन घटनाओ को अपशकुन मान रहे है वही कुछ ने तो इसे दुनिया का अंत ही घोषित कर दिया है, इन सब अफरा तफरी मैं कई लोगो की जाने भी गयी है जिसके बारे मैं जानकारी हम आपको अपने अगले सेगमेंट मैं देंगे, अन्य कोई खबर मिलते ही आपको वो सबसे पहले हमारे ही चैनल पर देखने मिलेगी तब तक बने रहिये हमारे साथ......

राघव ने टीवी ऑफ किया और बाकियों से बोला

राघव-कही पर भी कल रात राजनगर मैं हुए हत्या कांड की कोई खबर नहीं है

संजय-तुम्हे क्या लगता है ये कालसैनिक १००० साल से इतने खून करके कैसे बचे हुए है, उनके लोग पूरी दुनिया भर मैं फैले हुए है, मीडिया मैं भी, तभी तो आज तक उनसे जुडी कोई खबर लोगो तक नहीं पहुच पाई है

राघव-एक मिनट! मुझे तो लगा था के कल रत हमने सुशेन के साथ सभी कालसैनिको को कब्रिस्तान मैं खत्म कर दिया था

रूद्र-हमें एक बडी संख्या मैं उनलोगों को खत्म किया है राघव पर अब भी कई कालसैनिक बचे हुए है और मुझे लगता है कालदूत जरूर अपने उन बचे हुए कालसैनिको एक जगह इकठ्ठा करेगा


तभी उन्हें घर मैं उपर की तरफ की कुछ हलचल सुनाई दी और सबका ध्यान उस और चला गया.......
superb update
 
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